#तथ्यों की जांच
Explore tagged Tumblr posts
sharpbharat · 16 days ago
Text
Jharkhand election : सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों के किए जाने वाले पोस्टों के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने जारी किया विशेष निर्देश, चुनाव संबंधी जानकारी को सार्वजनिक करने से पूर्व समाचार पत्र, टीवी चैनल और मीडिया के अन्य माध्यम तथ्यों की पूरी तरह से जांच कर लें
रांची : झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा है कि किसी भी प्रकार की चुनाव संबंधी जानकारी को सार्वजनिक करने से पूर्व समाचार पत्र, टीवी चैनल, रेडियो, सोशल मीडिया अथवा मीडिया के अन्य माध्यम तथ्यों को पूरी तरह से जांच कर लें. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की संशय की स्थिति में भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की ऑफिसियल वेबसाईट पर दिशा निर्देश उपलब्ध है. इसके साथ…
0 notes
indlivebulletin · 16 days ago
Text
चुनाव संबंधी जानकारी सार्वजनिक करने से पूर्व तथ्यों को जांच ले मीडिया: रवि कुमार
रांची, 23 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कहा है कि किसी भी प्रकार की चुनाव संबंधी जानकारी को सार्वजनिक करने से पूर्व समाचार पत्र, टीवी चैनल, रेडियो, सोशल मीडिया अथवा मीडिया के अन्य माध्यम तथ्यों को पूरी तरह से जांच कर लें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की संशय की स्थिति में भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की ऑफिसियल वेबसाईट पर दिशा निर्देश उपलब्ध है ।…
0 notes
astrovastukosh · 23 days ago
Text
Tumblr media
*Aaj ka Rashifal 17 अक्टूबर 2024: इन दो राशियों के लिए क्या नया आने वाला है, जानें कैसा रहेगा आपका राशिफल*
*17 अक्टूबर 2024 का दिन मेष से लेकर मीन राशि के जातकों के लिए क्या कुछ नया लेकर आने वाला है,*
*मेष राशि*
आपके मन में त्वरित धन अर्जित करने की प्रबल आकांक्षा होगी. शाम का समय मित्रों के साथ बिताना न केवल मनोरंजक रहेगा, बल्कि छुट्टियों की योजनाओं पर भी चर्चा करने का अवसर मिलेगा.
*वृषभ राशि*
आज का दिन आनंद और पसंदीदा गतिविधियों में व्यतीत करने का है. आप जीवन में धन के महत्व को नहीं समझते, लेकिन आज आपको इसकी आवश्यकता महसूस होगी, जबक��� आपके पास पर्याप्त धन की कमी होगी.
*मिथुन राशि*
अपनी ऊर्जा का उपयोग किसी संकट में फंसे व्यक्ति की सहायता के लिए करें. ध्यान रखें – यह शरीर एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा, यदि यह किसी के काम नहीं आया तो इसका क्या लाभ? अपने अतिरिक्त धन को सुरक्षित स्थान पर रखें, ताकि भविष्य में आप उसे पुनः प्राप्त कर सकें.
*कर्क राशि*
जब स्वास्थ्य का प्रश्न हो, तो स्वयं की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और सतर्क रहना आवश्यक है. आज घर की छोटी-छोटी वस्तुओं पर आपका काफी धन खर्च हो सकता है, जिससे आप मानसिक तनाव का सामना कर सकते हैं. पुराने दोस्तों से मिलने और पुराने संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए यह एक शुभ दिन है.
*सिंह राशि*
लंबी यात्रा के संदर्भ में आपने जो स्वास्थ्य और ऊर्जा में सुधार किया है, वह अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा. व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, आप थकान के प्रभाव से बचने में सफल रहेंगे. आप घूमने-फिरने और खर्च करने के मूड में रहेंगे, लेकिन यदि आपने ऐसा किया, तो बाद में आपको पछतावा हो सकता है. आज नाती-पोतों से आपको काफी खुशी मिल सकती है.
*कन्या राशि*
आपका आकर्षक व्यवहार दूसरों का ध्यान आपकी ओर आकर्षित करेगा. जिन लोगों ने किसी रिश्तेदार से धन उधार लिया था, उन्हें आ�� वह धन किसी भी स्थिति में लौटाना पड़ सकता है.
*तुला राशि*
हाल की घटनाओं के कारण आपका मन अशांत हो सकता है. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान और योग लाभकारी सिद्ध होंगे. आज करीबी रिश्तेदारों के घर जाने से आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. आपकी प्रचुर ऊर्जा और उत्साह सकारात्मक परिणाम लाएंगे और घरेलू तनाव को कम करने में सहायक रहेंगे.
*वृश्चिक राशि*
अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए गंभीरता से प्रयास करें. कभी-कभी निवेश आपके लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है, और आज आप यह अनुभव कर सकते हैं कि एक पुराने निवेश से आपको लाभ मिल रहा है. घर को सजाने के साथ-साथ बच्चों की आवश्यकताओं पर भी ध्यान केंद्रित करें.
*धनु राशि*
स्वयं चिकित्सा करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है. किसी भी दवा का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें, अन्यथा आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. संपत्ति से संबंधित लेन-देन सफलतापूर्वक संपन्न होंगे और आपको लाभ प्रदान करेंगे. ऐसे मित्रों के पास जाएँ, जिन्हें आपकी सहायता की आवश्यकता है.
*मकर राशि*
आपके पिता आपको संपत्ति से वंचित कर सकते हैं. लेकिन निराश न हों. यह ध्यान रखें कि समृद्धि मस्तिष्क को सुस्त कर सकती है, जबकि कठिनाइयाँ उसे तेज करती हैं. दिनभर धन के लिए संघर्ष करने के बावजूद, शाम को आपको आर्थिक लाभ मिल सकता है.
*कुंभ राशि*
आप बिना किसी परेशानी के विश्राम कर सकेंगे. अपनी मांसपेशियों को आराम देने के लिए तेल से मालिश करें. आपके परिचितों के माध्यम से आपको आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे. घर पर आपके बच्चे किसी समस्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करेंगे – किसी भी निर्णय से पहले तथ्यों की अच्छी तरह से जांच कर लें.
*मीन राशि*
आपकी सेहत अच्छी रहेगी. आप पैसे के महत्व को भलीभांति समझते हैं, इसलिए आज जो धन आप बचाएंगे, वह आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है और आपको किसी बड़ी समस्या से बाहर निकाल सकता है. अपने परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करना आज आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए.
*Akshay Jamdagni*✍️ *9837376839*
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID
0 notes
rightnewshindi · 1 month ago
Text
निजी होटल में गो मांस पकाने और परोसने को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, जानें क्या बोली शिमला पुलिस
निजी होटल में गो मांस पकाने और परोसने को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, जानें क्या बोली शिमला पुलिस #News
Shimla News: राजधानी के एक निजी होटल में आए कश्मीर के दो युवकों पर गौ मास खाने का आरोप लगा है. शिकायत मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सदर थाना पुलिस ने होटल पर पहुंचकर तथ्यों की जांच के साथ ही छानबीन शुरू कर दी है. शिमला पुलिस ने गौ मांस पकाने और परोसने के मामले में बताया कि जांच में जो बात निकलकर सामने आई है, फैक्टस उससे अलग हैं. यहां आकर मैंने खुद जांच की है, यहां ऐसा कुछ नहीं पाया…
0 notes
news-trust-india · 2 months ago
Text
MUDA Land Scam : सिद्धारमैया को HC से झटका, HC ने खारिज की याचिका
बेंगलुरु। MUDA Land Scam : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को MUDA लैंड स्कैम मामले में हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया ��ै। कोर्ट ने मामले पर गवर्नर के आदेश के खिलाफ दायर की गई उनकी याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिका में बताए गए तथ्यों को जांच करने की जरूरत है। Kolkata Rape-Murder : जांच में हुई पुलिस चूक के खिलाफ BJP का प्रदर्शन सीएम सिद्धरमैया ने हाई कोर्ट में याचिका…
0 notes
aaastarztimes · 2 months ago
Text
Kolkata Rape and Murder Case: CBI ने Ex-Principal को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में किया नामित
Tumblr media
Kolkata Rape and Murder Case: CBI Accuses Ex-Principal as Key Conspirator
एक चौंकाने वाली घटना में, Central Bureau of Investigation (CBI) ने RG Corp Medical College and Hospital के पूर्व Principal Sandip Kosh को हाल ही में हुए Kolkata rape और murder case में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया है। उनके साथ Tala Police Station के Station House Officer (SHO) Abhijit Mondal को भी इस मामले में फंसाया गया है। दोनों को Kolkata Court के आदेश के बाद CBI की हिरासत में लिया गया, जिससे पहले से ही संवेदनशील जांच और गहन हो गई है।Timeline of Eventsयह मामला उस समय व्यापक रूप से चर्चा में आया जब Kolkata के प्रसिद्ध Zikar Medical College and Hospital में एक जूनियर डॉक्टर के साथ निर्मम rape और murder हुआ। CBI का आरोप है कि जांच में बाधा डालने का एक सुनियोजित प्रयास किया गया था। Kosh और Mondal पर First Information Report (FIR) दर्ज करने में देरी और महत्वपूर्ण सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप है। इसने न्याय में बाधा डालने के लिए प्रभावशाली हस्तियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं।Ex-Principal और Police Officer पर आरोपCBI के अनुसार, Kosh और Mondal पर crime scene को disturb करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने और आधिकारिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने का आरोप है। इन कृत्यों ने तथ्यों को विकृत करने में योगदान दिया है, जिससे एक बड़े साजिश की ओर इशारा किया जा रहा है।Court में, CBI ने यह दावा किया कि Kosh और Mondal का इस मामले में एक बड़ा और गहरा रोल हो सकता है। उनकी गिरफ्तारी कुछ घंटों बाद हुई जब डॉक्टरों का एक समूह Chief Minister Mamata Banerjee से मिलने गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। इस बीच, राज्य भर के डॉक्टर इस जघन्य अपराध के खिलाफ अपना विरोध जारी रखे हुए हैं।न्याय की मांग में विरोध की भूमिकाMedical community द्वारा जारी विरोध और तेज हो गया है, जहां West Bengal के डॉक्टर अपने सहकर्मी के murder के लिए त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं। Chief Minister से मुलाकात न हो पाने से राज्य सरकार और चिकित्सा समुदाय के बीच तनाव और बढ़ गया है।CBI की जांच, जो स्थानीय पुलिस जांच में कथित कमियों के बाद शुरू हुई, इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखी जा रही है। हालांकि, Kosh जैसे एक उच्च पदस्थ अधिकारी और Mondal जैसे एक police officer की गहरी संलिप्तता से यह मामला एक बड़े भ्रष्टाचार और cover-up का हिस्सा हो सकता है। दोनों आरोपी 17 सितंबर तक CBI की हिरासत में रहेंगे, जहां आगे की पूछताछ से उनके भूमिकाओं पर और स्पष्टता मिल सकती है।The Road Aheadजैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, जनता की नजरें इस मामले पर टिकी हुई हैं। CBI ने निष्पक्ष और गहन जांच का आश्वासन दिया है, जबकि जनता और medical community न्याय की मांग कर रहे हैं। उच्च पदस्थ हस्तियों जैसे Kosh और Mondal की संलिप्तता ने इस मामले को और जटिल बना दिया है, और अब सभी की निगाहें CBI पर टिकी हैं ताकि पूरी सच्चाई सामने आए।महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जूझ रहे समाज में, यह मामला विशेष रूप से संवेदनशील है, खासकर चिकित्सा समुदाय के बीच। जैसे-जैसे विरोध और जांच गहराते जा रहे हैं, उम्मीद है कि न केवल पीड़िता के लिए बल्कि इस दर्दनाक अपराध से प्रभावित सभी लोगों के लिए न्याय मिलेगा।ConclusionKolkata rape और murder case West Bengal की कानूनी और चिकित्सा समुदायों के लिए एक निर्णायक क्षण के रूप में उभर रहा है। पूर्व Principal और एक Police Officer की संलिप्तता ने न्याय प्रदान करने वाली संस्थाओं की अखंडता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, जनता यह देखने के लिए इंतजार कर रही है कि सच्चाई कब सामने आएगी और जिम्मेदार लोगों को कब सजा मिलेगी।Also Read:India Reports First Suspected Mpox Infection – क्या यह एक Outbreak की शुरुआत हो सकती है? Read the full article
0 notes
gitaacharaninhindi · 2 months ago
Text
51. घृणा भी एक बंधन है
हम किसी स्थिति, व्यक्ति या किसी कार्य के परिणाम के लिए तीन तरह के वर्गीकरण करते हैं। ये हैं शुभ, अशुभ या कोई वर्गीकरण नहीं करना। श्रीकृष्ण इस तीसरी अवस्था का उल्लेख करते हैं और कहते हैं कि एक बुद्धिमान व्यक्ति वह है जो शुभ की प्राप्ति पर खुशी से नहीं भरता है और न ही वह अशुभ से घृणा करता है (2.57)। वह हमेशा बिना आसक्ति के रहता है। इसका तात्पर्य यह है कि स्थितप्रज्ञ विभाजन को छोड़ देता है और तथ्यों को तथ्यों के रूप में लेता है, क्योंकि विभाजन सुख और दु:ख की ध्रुवीयताओं का जन्मस्थान है (2.50)।
इस श्लोक का आचरण कठिन है क्योंकि यह नैतिक और सामाजिक संदर्भों में भी तथ्यों को तुरंत शुभ या अशुभ के रूप में विभाजन करने की हमारी प्रवृत्ति के विपरीत है। जब कोई बुरे के रूप में चिन्हित किए गए किसी स्थिति या व्यक्ति का सामना करता है, तो घृणा और विमुखता स्वचालित रूप से उत्पन्न होती है। दूसरी ओर, स्थितप्रज्ञ इसे वर्गीकृत नहीं करता और इसलिए उनके लिए नफरत का सवाल ही नहीं उठता है। इसी प्रकार शुभ होने पर स्थितप्रज्ञ उत्तेजित भी नहीं होता है।
उदाहरण के लिए, हम सभी समय के साथ उम्र बढऩे की प्राकृतिक प्रक्रिया से गुजरते हैं जहाँ सुंदरता, आकर्षण और ऊर्जा खो जाती है। ये केवल प्राकृतिक तथ्य हैं, लेकिन अगर हम उन्हें अप्रिय या बुरा कहते हैं, तो यह वर्गीकरण दु:ख लाएगा। चोट या बीमारी के मामले में भी ऐसा ही होता है, जहाँ इन्हें बुराई के रूप में चिन्हित करने से दु:ख मिलता है। निश्चित रूप से, यह न तो इनकार है और न ही बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत करन��� है।
स्थितप्रज्ञ एक शल्य चिकित्सक (सर्जन) की तरह स्थितियों को संभालता है, जो जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर शल्य चिकित्सा (सर्जरी) करता है। यह एक सुपर-कंडक्टर की तरह है जो पूरी बिजली को गुजारती है।
हम परिस्थितियों, लोगों या कर्मों से या तो जुड़ जाते हैं या उनसे विमुख हो जाते हैं। जुडऩे को आसक्ति समझना आसान है, लेकिन विमुख होना भी एक प्रकार की आसक्ति है, परन्तु घृणा के साथ। जब श्रीकृष्ण कहते हैं कि स्थितप्रज्ञ अनासक्त है, तो उनका अर्थ है कि वे आसक्ति और विरक्ति (घृणा) दोनों को छोड़ देते हैं। 
0 notes
meena47devi · 4 months ago
Text
Tumblr media
#झूठीमीडिया_शर्म_करो
न्यूज़ चैनलों को चाहिए कि वे बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जांच करें और सच्चाई को जनता के सामने प्रस्तुत करें। संत रामपाल जी महाराज का नाम नकली गुरुओं के साथ जोड़ना अनुचित है।
Media Apologize To Sant RampalJi
0 notes
praveendkumar · 4 months ago
Text
Tumblr media
#झूठीमीडिया_शर्म_करो
संत रामपाल जी महाराज जी के सतलोक आश्रम में लाखों लोग आते हैं और आज तक वहां कोई अव्यवस्था नहीं हुई है। न्यूज़ चैनलों को चाहिए कि वे बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जांच करें और सच्चाई को जनता के सामने प्रस्तुत करें।
Media Apologize To Sant RampalJi
0 notes
dainikuk · 5 months ago
Text
बेसिक शिक्षकों के पदों पर डीएलएड कर भर्ती में शामिल होने के मामले की जांच, केवल यह होंगे भर्ती में शामिल..
देहरादून: उत्तराखंड में बेसिक शिक्षकों के 2,917 पदों पर चल रही शिक्षक भर्ती में अन्य प्रदेशों से गलत तथ्यों के आधार पर डीएलएड कर भर्ती में शामिल होने के मामले की जांच होगी। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षक भर्ती में आने वाले इस तरह के आवेदन रद्द किए जाएंगे। प्रमाणपत्रों की होगी जांच उत्तराखंड के मूल एवं स्थानीय युवा ही शिक्षक भर्ती में शामिल किए जाएंगे। प्रदेश में चल रही शिक्षकों…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
dainiksamachar · 5 months ago
Text
पिता से परेशान थे बच्चे, सौतेली मां को ढाल बना अंधेरी से भागे 4 भाई-बहन, हैरान कर देगी मुंबई की यह कहानी
मुंबई: एमआईडीसी पुलिस उन चार बच्चे को खंडवा की गलियों में तलाश रही है, जो 26 मई से मुंबई से लापता हैं। इन बच्चों में 19 साल, 15 साल और 8 साल की तीन लड़कियां और 11 साल का एक लड़का है। सभी आपस में भाई-बहन हैं। एमआईडीसी पुलिस बच्चों के माता-पिता की शिकायत पर मिसिंग केस दर्ज कर जांच में जुटी है। अभी तक किसी भी बच्चे का लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाया है, लेकिन प्रयास जारी है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि ��ीड़ित लड़कियों में से सबसे बड़ी लड़की काफी समय से घर से भागने की योजना बना रही थी। उसके मोबाइल नंबर की जांच करने पर पता चला कि उसने मुंबई के बाहर कई राज्यों में करीब 25 से अधिक गर्ल्स हॉस्टल के बारे में और अपने मूल गांव राजस्थान के जयपुर स्थित एक फेमस हनुमान जी मंदिर के बारे में सर्च किया था।इसके अलावा उसने दो दर्जन से अधिक दोस्तों से मुंबई से बाहर जाने के बारे में चर्चा की थी और जानकारी जुटाई थीं। इन सब तथ्यों से पता चलता है कि सबसे बड़ी लड़की ही प्लान बनाकर अपने छोटे भाई, बहनों को भगाकर ले गईं है। बड़ी लड़की के साथ उसकी दो छोटी बहनें और एक भाई हैं। बच्चों के गलत हाथों में पड़ने का डर वहीं, शिकायतकर्ता चाचा ने बताया कि एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी बच्चे नहीं मिले हैं। उनके पास मोबाइल भी नहीं है। मुझे उनके लापता होने के पीछे साजिश का संदेह है। सौतेली मां अनपढ़ है और तार्किक रूप से नहीं सोचती। मुझे चिंता है कि वे बच्चे कहीं गलत लोगों के हाथों में तो नहीं पड़ गए। पिता ने की थी दूसरी शादी पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह लड़कियां अपने पिता से परेशान रहा करती थी। पिता ने 2022 में निमोनिया से पत्नी (पीड़ित लड़कियों की सगी मां) की मौत हो जाने के बाद दूसरी शादी कर ली थी। सौतेली मां मानसिक रूप से थोड़ी कमजोर है। पिता फूड सप्लाई कंपनी में डिलीवरी बॉय है। पीड़ित लड़कियों के चैट से पता चला कि वह मां की अपेक्षा पिता से अधिक परेशान थे। सौतेली मां को बनाया ढाल पुलिस सूत्र बताते हैं कि बड़ी लड़की ने घर से भागने के लिए न सिर्फ छोटे भाई-बहनों को तैयार किया, बल्कि सौतेली मां को भी गुमराह किया। 26 मई को बड़ी बेटी मां को घूमाने के बहाने बांद्रा, दादर, ठाणे और कल्याण लेकर गई। कल्याण से ही उसने मां को लेकर पंजाब एक्सप्रेस से दिल्ली घूमाने का बहाना कर बिठा दिया और सबको लेकर निकल गई। जांच में पता चला कि 27 मई को शाम 5 बजे जब मध्य प्रदेश के खंडवा स्टेशन पर ट्रेन रुकी, तो पानी पीने के बहाने बड़ी लड़की ने भाई-बहनों को ट्रेन से उतारा और मां को वहीं छोड़ दिया। उधर, चिंतित मां अन्य यात्रियों की मदद से ट्रेन में बैठी और जैसे-तैसे अंधेरी अपने घर गई। खंडवा और आसपास सर्च ऑपरेशन सीनियर पीआई सतीश गायकवाड के मुताबिक, पीड़ित पक्ष के बयान के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच जा��ी है। चारों बच्चे खंडवा स्टेशन पर ही उतरे थे। इनकी तलाश में हमारी कुछ टीमें खंडवा और आसपास सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। बता दें कि जयपुर से संबंध रखने वाले इन बच्चों के राजस्थान भी जाने की उम्मीद है। इसलिए पुलिस इनकी राजस्थान में भी तलाश कर रही है। http://dlvr.it/T7jcnv
0 notes
lawspark · 1 year ago
Text
सी.आर.पी.सी. के तहत धारा 41 और धारा 41A 
परिचय यह कोई छिपी बात नहीं है कि हर साल अपराध बढ़ रहे हैं। वर्ष 2020 में, भारत की अपराध दर 314.3% थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 73.1% की वृद्धि थी। लेकिन 2021 में अपराध दर में गिरावट आई है। ��स तरह के अपराधों की घटनाओं के बढ़ते रिकॉर्डों पर अंकुश लगाने की जरूरत है, और ऐसे अपराधों की उचित जांच होनी चाहिए। इन कारणों से, पुलिस को गिरफ्तारी वारंट की प्रतीक्षा करते हुए कीमती क्षण बर्बाद किए बिना अपराध करने के संदेह में किसी व्यक्ति को शीघ्रता से गिरफ्तार करने के लिए कुछ असाधारण शक्तियों की आवश्यकता होती है। यहीं पर अपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (इसके बाद “संहिता” या “सी.आर.पी.सी.” के रूप में संदर्भित) की धारा 41 और धारा 41A सामने आती है। ये प्रावधान पुलिस को ऐसी ही कुछ शक्तियां प्रदान करते हैं। आइए, इन दो धाराओं के बारे में अधिक जानने और वे भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए कैसे प्रासंगिक (रिलेवेंट) हैं के लिए इस लेख को अंत तक पढ़े। सी.आर.पी.सी. की धारा 41 और धारा 41A की व्याख्यासी.आर.पी.सी. की धारा 41सी.आर.पी.सी. की धारा 41 के अनुसार, कोई भी पुलिस अधिकारी बिना वारंट या अदालत के आदेश के निम्नलिखित में से किसी को भी गिरफ्तार कर सकता है:- जो पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में संज्ञेय (कॉग्निजेबल) अपराध करता है। - या वह एक वैध शिकायत, विश्वसनीय जानकारी, या एक विश्वसनीय संदेह का विषय है, कि उसने एक अपराध किया है जिसे ऐसी कारावास से दंडित किया जाता है जो कि 7 साल से कम हो सकती है या जिसे 7 साल तक बढ़ाया जा सकता है, जो की जुर्माना के साथ या बिना हो सकती है। - शिकायत, सूचना या संदेह के आधार पर, पुलिस अधिकारी के पास यह संदेह करने का आधार है कि विषय ने निर्दिष्ट अपराध किया है। - पुलिस विभाग आश्वस्त है कि इस तरह की गिरफ्तारी निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए आवश्यक है:- अपराधी को अन्य अपराध करने से रोकने के लिए; या - अपराध की गहन जांच के लिए, या - अपराधी को अपराध के साक्ष्य को नष्ट करने या अन्यथा छेड़छाड़ करने से रोकने के लिए; या - ऐसे व्यक्ति को अदालत या पुलिस अधिकारी को उन तथ्यों के बारे में बताने से हतोत्साहित (डिसकरेज) करने के प्रयास में मामले के तथ्यों से अवगत किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रलोभन, धमकी या वादा करने से मना करने के लिए; या - क्योंकि यह गारंटी देना असंभव है कि ऐसे व्यक्ति को जब तक गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तब तक वह आवश्यकतानुसार अदालत में पेश होगा; - पुलिस अधिकारी को, किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसके खिलाफ उचित शिकायत की गई है या विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हुई है, या एक उचित संदेह मौजूद है कि उन्होंने एक संज्ञेय अपराध किया है, को उनके सामने या ऐसे अन्य स्थान पर जैसा कि उस नोटिस के द्वारा निर्दि���्ट किया जा सकता है, और उनको पेश होने के लिए आदेश देने के लिए एक नोटिस जारी करना चाहिए, उन सभी परिस्थितियों में जहां धारा 41(1) की शर्तों के तहत किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है। - नोटिस के प्रावधानों का पालन करना, यह उस व्यक्ति की जिम्मेदारी है जिसे नोटिस जारी किया गया है। - यदि व्यक्ति नोटिस प्राप्त करता है और उसका अनुपालन (कॉम्प्लाई) करता है, तो उसे नोटिस में उल्लिखित अपराध के लिए तब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, जब तक कि पुलिस अधिकारियों को यह विश्वास न हो कि उसे उन कारणों, जिन्हें दर्ज किया जाएगा, से हिरासत में लिया जाना चाहिए। - किसी सक्षम न्यायालय द्वारा इस संबंध में जारी किए गए किसी भी आदेश के अधीन, पुलिस अधिकारी किसी भी समय नोटिस में निर्दिष्ट अपराध के लिए गिरफ्तारी कर सकता है, यदि प्रश्नगत व्यक्ति नोटिस के प्रावधानों का पालन करने से इनकार करता है, या फिर वह खुद को पहचानने से इंकार कर देता है। - किसी भी अपराध के कारण का पता लगाने के लिए; - आरोपी पर मुकदमा चलाने और जांच करने के लिए; - एक आरोपी को अपराध करने से रोकने के लिए; - यह सुनिश्चित करने के लिए कि आरोपी सही समय पर मुकदमे में भाग लेता है; - आरोपी को सबूतों आदि के साथ छेड़छाड़ करने से रोकने के लिए। - उचित मजिस्ट्रेट के द्वारा जारी वारंट के साथ गिरफ्तार करना या; - बिना वारंट के गिरफ्तार करना। - जिस पर उचित शिकायत के आधार पर, प्राप्त किसी भी विश्वसनीय जानकारी, या उचित संदेह के अस्तित्व के आधार पर, सात साल या उससे कम के कारावास के साथ दंडनीय संज्ञेय अपराध करने का संदेह है। - संदेह, शिकायत या सूचना के आधार पर पुलिस अधिकारी के पास यह विश्वास करने का कारण है कि, संदिग्ध ने संभवत: अपराध किया है, और - पुलिस अधिकारी गिरफ्तारी को, निम्नलिखित के लिए नितांत (एब्सोल्यूट) रूप से अनिवार्य मानते हैं –- संदिग्ध को कोई अन्य अपराध करने से रोकने के लिए; - अपराध की ठीक से जांच करने के लिए; - उसे अपराध से संबंधित साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करने या गायब होने से रोकने के लिए;  - मामले से परिचित होने वाले किसी व्यक्ति को न तो अदालत और न ही पुलिस अधिकारी को तथ्यों का खुलासा न करने के लिए प्रेरित करने, धमकी देने या वादा करने से रोकने के लिए;   - आवश्यकता पड़ने पर आरोपी की न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए। - विश्वसनीय सूचना पुलिस अधिकारी को मिली थी। - पुलिस अधिकारी के पास प्राप्त सूचना के आधार पर संदेह पर विश्वास करने का कारण होना चाहिए। - एक उचित शिकायत। - विश्वसनीय जानकारी। - एक उचित संदेह। - उचित संदेह होना चाहिए;  - विश्वसनीय जानकारी होनी चाहिए, या - उचित शिकायत होनी चाहिए। - राज्य सरकारों को पुलिस अधिकारी को संहिता की धारा 41 के तहत उल्लिखित आवश्यकताओं का पालन करने का निर्देश देना चाहिए;  - पुलिस अधिकारियों को संहिता की धारा 41 के उप-खंडों की एक चेकलिस्ट प्रदान की जानी चाहिए, जिसे विधिवत भरा जाना चाहिए और यह साबित करने के लिए मजिस्ट्रेट को अग्रेषित (फॉरवर्ड) किया जाना चाहिए कि बिना वारंट के गिरफ्तारी क्यों आवश्यक थी; - मामले की स्थापना की तारीख से दो सप्ताह के भीतर संदिग्ध व्यक्ति को उपस्थिति की सूचना दी जानी चाहिए।निष्कर्षअपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41, वरदान और अभिशाप दोनों है। यह एक वरदान है क्योंकि इसके प्रयोग से पुलिस अधिकारी वारंट का इंतजार किए बिना संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगा। संहिता की धारा 41 के अभाव में, एक पुलिस अधिकारी जो अपनी आँखों से किसी को संज्ञेय अपराध करते हुए देखता है, उसे अ��ियुक्त को छोड़ देना होगा, भले ही वह जानता हो कि वह अपराधी है। वारंट प्राप्त करने में समय बर्बाद होने से संभवत: संदिग्ध व्यक्ति कार्रवाई के स्थान से भाग सकता है। इसलिए, धारा 41 किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त विवेकाधीन शक्तियां प्रदान करती है यदि वह गिरफ्तारी को काफी प्रासंगिक और जरूरी मानता है। हालाँकि, जब इसे न्यायिक रूप से उपयोग नहीं किया जाता है, तो धारा 41 के तहत निहित एक पुलिस अधिकारी की शक्तियों का प्रयोग अव्यवस्थित हो सकता है। ऐसी शक्तियां व्यावहारिक रूप से असीमित हैं। इसके अलावा, संहिता की धारा 41A, जो एक पुलिस अधिकारी को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को पेश होने का नोटिस देने की शक्ति देती है, का गंभीर रूप से दुरुपयोग किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह प्रावधान करता है कि नोटिस संदिग्ध को किसी भी ‘ऐसी अन्य जगह’ पर पुलिस अधिकारी के सामने पेश होने के लिए अनिवार्य कर सकता है। इस शब्द का प्रयोग करते हुए, पुलिस अधिकारी को केवल पुलिस स्टेशन या मुख्यालय में ही नहीं, बल्कि संदिग्ध व्यक्ति को कहीं भी प्रकट होने की आवश्यकता हो सकती है। जांच के सार्वजनिक उद्देश्य के लिए निष्पक्ष होने के लिए जांच अधिकारी के पास उचित मात्रा में विवेक छोड़ दिया जाना चाहिए, जो कि आपराधिक अपराधों के मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए है, जिन्हें शास्त्रीय रूप से समाज की शांति के खिलाफ अपराध माना जाता है। हालाँकि, यह सामान्य प्रक्रियात्मक निष्पक्षता की कीमत पर नहीं हो सकता। यदि किसी आरोपी को अनावश्यक गिरफ्तारी से बचाने के लिए और प्राथमिकी पूर्व प्रारंभिक जांच के लिए एक प्रक्रिया को संहिताबद्ध किया गया है, तो उसे किसी आरोपी को अनावश्यक उत्पीड़न से बचाने के उद्देश्य से व्याख्यायित किया जाना चाहिए। इसलिए, इस तरह की प्रक्रिया को किसी संभावित आरोपी या आरोपी व्यक्ति के प्रति पूर्वाग्रह पैदा करने के लिए किसी भी मौके से निहित नहीं किया जा सकता है।इसलिए, हालांकि संहिता की धारा 41 और धारा 41A आपराधिक प्रक्रियाओं के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन उनमें कुछ खामियां हैं जिनका पुलिस अधिकारियों द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है। इसलिए, उक्त धाराओं के लागू होने की सीमा तक कड़े नियम लाने की तत्काल आवश्यकता है।   अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफ.ए.क्यू.) क्या कोई पुलिस अधिकारी बिना गिरफ्तारी वारंट के मुझे गिरफ्तार कर सकता है?हाँ, कोई भी पुलिस अधिकारी बिना गिरफ्तारी के वारंट के आपको गिरफ्तार कर सकता है यदि अपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 41(1) के प्रावधानों को पूरा किया जाता है। अपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत ‘विश्वसनीय जानकारी’ का क्या अर्थ है?शब्द “विश्वसनीय जानकारी” को अपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत परिभाषित नहीं किया गया है। हालांकि, इसका तात्पर्य यह है कि गिरफ्तारी करने वाले पुलिस अधिकारी को उसके सामने रखे गए निश्चित तथ्यों और सामग्रियों को देखना चाहिए। क्या कोई पुलिस अधिकारी किसी अन्य पुलिस अधिकारी की ओर से किसी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है? हाँ, अपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 41(1)(i) के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी किसी अन्य पुलिस अधिकारी की ओर से किसी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है।   Read the full article
0 notes
prabhatprakashan12 · 1 year ago
Text
तीसरी आँख" डॉ. कृष्ण गोपाल
Tumblr media
भूमिका
भारतीय जीवन दृष्टि एकात्मता एवं अध्यात्म की सतत् परंपरा रही है। "तीसरी आँख इतिहास है।" मनुष्य की दो आंखें आगे की ओर देखती हैं, जबकि इतिहास की आंखें पीछे की ओर देखती हैं। कोई सभ्यता भविष्य की जितनी दूर तक कल्पना कर सकती है, उतनी ही दूर वह अतीत में भी पीछे मुड़कर देख सकती है। तीरंदाज डोरी को श्रुति या कान तक खींचता है, और दूरी बनाने की कोशिश करता है।"
डॉ. कृष्ण गोपाल का निर्मल वर्मा की पुस्तक "भारत और यूरोप" के आलोक में इन पुस्तक की प्रतिनिधि पंक्तियों पर विचार करें। 'प्रतिश्रुति के क्षेत्र।'
“यह भारतीय सभ्यता की विशेषता रही है, जो इसके जीवित रहने की गरिमा है, वह नहीं है
अतीत को अतीत ही माना और उसे समसामयिक भारतीय जीवन की ऐसी प्रतीकात्मक व्यवस्था में संयोजित करने में सफल हुए हैं, जो आज भी उतनी ही अर्थपूर्ण और अर्थपूर्ण है।”
संस्कार हमेशा की तरह फल-फूल रहा है। भारतीय सभ्यता में, यूरोपीय ऐतिहासिक की तुलना में सीधा विरोधाभास है
वर्तमान और अतीत के बीच चेतना निर्मित होती है और निरर्थक और बेकार हो जाती है। यदि देशभक्ति एक आत्मा घटना है, तो यह केवल उन संस्कृतियों में विकसित हो सकती है जहां स्थान और स्मृति सह-अस्तित्व में हो सकते हैं।
Read more; तीसरी आँख
आत्मनिर्भर भारत तथा हमारी अवधारणा
"आत्मनिर्भरता की परिभाषा व्यापक है। हमारा स्वयं अकेला नहीं है। हमारा स्वयं अपने परिवार के साथ है, पशु-पक्षियों के साथ है, पड़ोसियों के साथ है, पेड़-पौधों के साथ है, प्रकृति और उसमें रहने वालों के साथ है। हर जीवित प्राणी में एक है।" भारतीय संस्कृति में स्वयं को कभी भी संकीर्ण या आत्म-केंद्रित नहीं माना जाता है। "हमारा स्वयं समग्र के साथ एक हो गया है।"
जब हम भारत में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो स्वाभाविक रूप से हमारे मन में बहुत सारे प्रश्न आते हैं। जब हम आत्मनिर्भर भारत कहते हैं तो कई बार हम भ्रमित हो जाते हैं कि क्या हमें अपनी आर्थिक व्यवस्था में आत्मनिर्भर बनना चाहिए। भारत वास्तव में क्या है? भारत की आत्मनिर्भरता के आयाम क्या हैं? 
क्या सबसे जरूरी मुद्दे हैं? जो प्रतीत होता है क्या उस पर विचार करना आवश्यक है? भारत की आत्मनिर्भरता पर चर्चा करने से पहले भारत को परिभाषित करना आवश्यक है। भारत कब अस्तित्व में आया? क्या इसका निर्माण दुनिया भर के अन्य देशों के समान है? केवल भारत का विचार करके
भूगोल, इतिहास, संस्कृति, रीति-रिवाज और विशेषताओं से देश की आत्मनिर्भरता को परखा जा सकता है।
"राम धर्म के चारों ओर घूमते हैं, वह सर्वज्ञ हैं, वह धर्म को जानते हैं, वह धर्म की व्याख्या करते हैं, वह धर्म से विचलित नहीं होते हैं, वह धर्म को जीते हैं।" इसे लोगों के मन में ले लिया गया है और अच्छी तरह से बैठा दिया गया है। इस देश में जब भी कोई समस्या आती है तो राम का स्वरूप लोगों के लिए मार्गदर्शन का काम करता है।”
हजारों वर्षों की अधीनता और संघर्ष ने अनिवार्य रूप से हमारे देश के बुद्धिजीवियों के दिमाग को उपनिवेशित कर दिया है। मुस्लिम आक्रांताओं ने हमारे साहित्यिक क्षेत्र को जो क्षति पहुंचाई, वह ब्रिटिश नियंत्रण के दौरान की गई क्षति से हजारों गुना अधिक थी। मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मुख्य रूप से हमारी पुस्तकों को नष्ट कर दिया और ज���ा दिया। अंग्रेजों ने बड़ी चतुराई से अपना साहित्य बनाने के लिए हमारे साहित्य में हेराफेरी की। प्रारंभ में यह प्रयास किसके द्वारा किया गया था?
ब्रिटिश और कंपनी के पादरी, लेकिन बाद में चर्च की तर्ज पर, भारतीय साहित्य और इतिहास के संदर्भ में। भारत के लोगों ने प्रस्तावित तथ्यों की जांच करते हुए भारत के बारे में उल्टा लिखने की क्षमता में महारत हासिल कर ली है। अब अपने प्राचीन साहित्य और संस्कृति को पुनः स्थापित करने के लिए लोगों के मन-मस्तिष्क को शुद्ध करने की आवश्यकता है। यह इस समय हमारे देश की सबसे विकट समस्या है।
0 notes
rightnewshindi · 2 months ago
Text
बद्दी पुलिस ने महिला के साथ बदसलूकी मामले में सही से नहीं की जांच, हाई कोर्ट ने किया कड़ा संज्ञान
Himachal High Court: महिला से बदसलूकी से जुड़े मामले में पुलिस की निष्पक्ष जांच न होने पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मामले से जुड़े तथ्यों व रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात यह जाहिर होता है कि पुलिस जिला बद्दी में पुलिस स्टेशनों के कामकाज में कुछ गंभीर गड़बड़ी है और ऐसा शायद इसलिए है…
0 notes
hindistoryok01 · 1 year ago
Text
Pyaar Ka Pehla Adhyaya Shivshakti 18th July 2023 Hindi Written Update Episode
Tumblr media
Pyar ka Pehla Adhyay Shiv Shakti, Pyar ka Pehla Adhyay Shiv Shakti written update, Pyar ka Pehla Adhyay Shiv Shakti today episode,
Pyaar Ka Pehla Adhyaya Shivshakti 18th July 2023 Hindi Written Update Episode on hindistoryok.com
एपिसोड की शुरुआत शक्ति के खुश होने से होती है क्योंकि मनोरमा कहती है कि वह अगले दिन साक्षात्कार के लिए जा सकती है। हालाँकि, मनोरमा शक्ति से कहती है कि उसकी एक शर्त है जिसे शक्ति को पूरा करना होगा जिसके बाद उसे साक्षात्कार के लिए जाने की अनुमति दी जाएगी।
मनोरमा कहती है कि उसे विश्वास नहीं है कि छात्रवृत्ति अध्ययन की सभी लागतों को कवर करेगी और निष्कर्ष निकालती है कि दुनिया में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता है। शक्ति और परिवार के अन्य सदस्य मनोरमा को समझाने की कोशिश करते हैं कि सब कुछ मुफ्त होगा लेकिन मनोरमा फर्श पर गिरे चावल की प्लेट की ओर इशारा करती है।
वह कहती हैं कि शक्ति के इंटरव्यू के बारे में सुनने के तुरंत बाद उन्होंने 350 ग्राम बासमती चावल खो दिया। जैसे ही शक्ति मनोरमा को अपना रूप दिखाने का प्रस्ताव रखती है, मनोरमा कहती है कि वह उन तकनीकी श���्दों को नहीं समझती है और केवल दृश्य प्रमाण या भोलेनाथ के निर्देश पर विश्वास करती है।
मनोरमा शक्ति के सामने एक चुनौती रखती है और उससे कहती है कि अगर शक्ति अगली सुबह तक अपने हाथ से चावल के सभी दाने इकट्ठा करने में सफल हो जाती है तो वह शक्ति को अगले दिन जाने देगी।शक्ति कहती है कि वह चुनौती स्वीकार करती है और चेहरे पर मुस्कान के साथ चावल इकट्ठा करना शुरू कर देती है।
इस बीच, मंदिरा को मंत्री का फोन आता है जो उससे पूछता है कि उसकी बेटी को साक्षात्कार के लिए क्यों नहीं बुलाया गया, जिससे मंदिरा भ्रमित हो गई। मंत्री ने मंदिरा को धमकी देते हुए कहा कि अगर अगले दिन तक उनकी बेटी को दाखिला नहीं मिला तो वह उसके बुरे कामों का पर्दाफाश कर देंगे।
रात में, शक्ति चावल के दाने इकट्ठा करती है और सोचती है कि उसके फॉर्म पर किसने हस्ताक्षर किए, जब उसे याद आया कि उसने पहले शिव को दो-सितारा कागज पर हस्ताक्षर करते हुए देखा था। शक्ति स्वयं तथ्यों की जांच करने से पहले ही शिव से इस तरह बात करने के लिए दोषी महसूस करती है और सोचती है कि वह शिव को कैसे सॉरी कह सकती है।
सब कुछ महादेव पर छोड़कर, शक्ति उनके नाम का जप करना शुरू कर देती है, जबकि वह प्रत्येक चावल का दाना उठाती है और प्रार्थना करती है कि प्रार्थना शिव को समृद्धि देगी।
उसी समय, शिव को भोजन करते समय हिचकी आने लगती है और पानी पीने के बावजूद भी यह रुकती नहीं है, जिससे गायत्री चिंतित हो जाती है क्योंकि शिव को उसी तरह हिचकी आती है जब "वह" उसे याद करती थी।
अगली सुबह, नंदू ने शिव को उसके कमरे में जगाया ताकि वह अस्पताल जा सके, जबकि पंडित जी ने शक्ति को फर्श पर सोता हुआ देखकर जगाया। शक्ति ने सभी को आश्वासन दिया कि वह बिल्कुल ठीक है और बहुत अच्छी नींद सोयी है
जबकि शिव नं��ू से शिकायत करते हैं कि वह हिचकी के कारण एक पल भी सो नहीं सके। थाली में चावल के सभी दाने देखकर मनोरमा चौंक जाती है और चुप हो जाती है क्योंकि हर कोई चुनौती पूरी करने पर शक्ति की जय-जयकार करता है।
जैसे ही शक्ति तैयार होने के लिए अंदर जाती है, मनोरमा फर्श पर कुछ चावल फेंकने का फैसला करती है। हालाँकि, पंडित जी मनोरमा के हाथ के नीचे अपना अखबार रखकर उन्हें जमीन छूने से बचा लेते हैं। मनोरमा बार-बार कोशिश करती है लेकिन धरम और रिमझिम चावल के दाने पकड़ लेते हैं और मनोरमा से इस तरह धोखा न देने के लिए कहते हैं।
जैसे ही मनोरमा एक बार फिर फेंकने की कोशिश करती है, चावल सीधे एक साधु की दान टोकरी में गिर जाता है जो उसे उसके योगदान ��े लिए आशीर्वाद देता है। इस बीच, मंदिरा मंत्री और उनकी बेटी से मिलती है और प्रशासक से पूछती है कि निधि क�� प्रवेश के लिए क्यों नहीं चुना गया।
यह भी पढ़े - प्यार का पहला अध्याय शिवशक्ति 17 जुलाई 2023
प्रशासक जवाब देता है कि शिव ने एक अन्य उम्मीदवार की सिफारिश की और उन्होंने उसे चुना क्योंकि शिव अस्पताल के मुख्य ट्रस्टी हैं जबकि मंदिरा केवल कार्यवाहक हैं। प्रवेश करते ही शक्ति शिव से टकराती है और अपना छाता बंद करने के लिए संघर्ष करती है, जिसमें शिव उसकी मदद करते हैं।
जैसे ही शिव चला जाता है, शक्ति उससे कहती है कि उसे खेद है और उसने पहले जो किया उसके लिए उसे धन्यवाद देती है।
नए नए एपिसोड पाने के लिए हमारी वेबसाइट को बुकमार्क करे
प्यार का पहला अध्याय शिवशक्ति हिंदी सीरियल के सभी एपिसोड डाउनलोड करने या शिव शक्ति आज का पूरा एपिसोड (18 जुलाई 2023) ऑनलाइन देखने के लिए zee5.com पर जाएं।
Source link:- https://hindistoryok.com/pyaar-ka-pehla-adhyaya-shivshakti-18th-july-2023-hindi-written-update-episode/
0 notes
prabudhajanata · 1 year ago
Text
कोरिया : जिले में जमीन मामले में घोर लापरवाही करने वाले राजस्व विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरी है. संभागायुक्त ने पहले तहसीलदार को निलंबित किया. उसके बाद एसडीएम ने भी कार्रवाई करते हुए पटवारी को Patwari निलंबित कर दिया है। अनुविभागीय अधिकारी ने आदेश जारी करते हुए पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बता दें कि खसरा नम्बर से संबंधित शिकायत प्राप्त होने के बाद मामले में जांच करवाया गया. इस मामले में दोषी पाए जाने पर तहसीलदार और पटवारी Patwari को निलंबित कर दिया गया है। मामला बैकुंठपुर के ग्राम चेर से संबंधित है। जहां खसरा नम्बर 255/2 (छोटे-बड़े झाड़ जंगल मद) की भूमि के विषय में समाचार पत्रों व जन चौपाल में शिकायत प्राप्त होने पर जिले के अपर कलेक्टर से जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन में प्राप्त तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन तहसीलदार बैकुंठपुर मनहरण राठिया और पटवारी मो. शब्बीर हल्का नं.10 को दोषी पाया गया. मामले में दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
0 notes