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#प्रतिस्पर्धाकेइसदौर
allgyan · 4 years
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भारतीय मोबाइल कंपनी और चीनी कम्पनियों का की प्रतिस्पर्धा
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में भारतीय मोबाइल कंपनी कभी -कभी लगता है चीनी कंपनी सी बहुत ही पिछड़ गयी है अगर आप उठा कर भारतीय बाजार में कम से कम 10 उठाते है तो उसमे 10 चीनी होते है | वो कई नामों से भारतीय बज़ारों पर कब्जा किये हुए है | जैसे वीवो , ओप्पो , रियल मी , इत्यादि | जब प्रधाममंत्री जी ने आत्मनिर्भरता का स्लोगन दिया तो सभी को लग की कैसे होगा |जब तक भारतीय पेशेवर और भारतीय कंपनी सरकार के साथ मिलकर काम नहीं करेंगी तो ये संभव होना मुश्किल है | भारतीय चीन की तुलन निर्यात बहुत कम करता है | चीनी का भारतीय बाज़ारों में बढ़ता प्रभुत्या आप खुद ही देख सकते है त्यौहार आपका त्यौहार में जो चाहिए सब उनका जैसे दीवाली में -मूर्ति उनकी , झालर उनका |लेकिन आज एक अच्छी खबर भी आयी |उसकी तरफ बढ़ते है |
भारतीय कंपनी Micromax India एक बार फिर वापसी -
लम्बे समय तक भारतीय बाज़ारों अच्छा करने वाली भारतीय कंपनी Micromax India एक बार फिर वापसी के लिए तैयार है|ये माइक्रोमैक्स  इन से जल्दी ही फ़ोन की शृंखला लांच करने वाली है |इसकी घोषणा माइक्रोमैक्स के को -फाउंडर राहुल शर्मा ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट करके की जिसमे इन लिखा हुआ एक फ़ोन डब्बा भी दिखाया गया है | इस 3 मिनट से भी कम के वीडियो में राहुल अपने शुरवाती संघर्ष के बारे में भी बताया है |कैसे उन्होंने ये कंपनी शुरू की और उन्होंने ये भी बताया की कैसे चीनी मोबाइल कम्पनी के आने से उनके फ़ोन की सेल कम हो गयी और उन्हें नुकसान उठाना पड़ा | फिर उन्होंने बॉर्डर पर जो भारत और चीन के बीच तनाव है उसका भी उल्लेख किया | और भारतीयता का पुट लिए हुए अपने नए फ़ोन लांच की घोषणा भी की |
भारतीय बज़ार क्या माइक्रोमैक्स दुबारा स्वीकार करेगा -
देखिये बाजार भी हर जगह के अलग -अलग होते है और उनकी स्थति भी जैसे आपको किसी भी देश या एरिया का पूरा विश्लेषण करना होता है जब अब कोई उद्योग या धंधा शुरू करते है | भारत एक विकासील देश है इसमें किसी को कोई गुरेज़ नहीं है यहाँ पर कैपिटा इनकम भी कम है इसका साफ़ मतलब है यहाँ लोगों के पास पर्चेसिंग पावर (खरीदारी की क्षमता ) भी कम है | तो इसका साफ़ मतलब है यहाँ के लोग कम पैसे खर्च करके ज्यादा टेक्नोलॉजी वाली चीजें का प्रयोग करना चाहेंगे तो आप को उस हिसाब से ही अपना उत्पाद बनाना पड़ेगा |कम पैसे वाला और उसमे ही काम के सब अप्लीकेशन चल सके | चीनी कंपनी ये भारतीय नब्ज को पकडे हुए है और इसलिए उसे यहाँ पर सैमसंग को भी बहुत नुकसान पहुचाया है | माइक्रोमैक्स को भी इसका ख्याल रखना होगा अगर चीनी कंपनी को पछाड़ना है |
क्या चीनी विरोधी सेंटीमेंट्स माइक्रोमैक्स के लिए फायदा लायेगा-नारा
देखिये इधर बीच बहुत से ऐसे वाक्यात हुए है जिससे लोग चीन के प्रोडक्ट विरोध तो किया है लेकिन चीनी सामान कब भारत की जरुरत बन गया भारतीय लोगों को पता भी नहीं चला |आप कहा तक सब चीजें बदल लेंगे | मोबाइल चार्जर , मोबाइल बैटरी , बहुत सामान तो उन्होंने भारतीय बाज़ारों में कम दामों पर उपलब्ध करा रखे है |fdi भी सरकार ने लाकर उनको ये खुली छूट भी दे रखी है |एक तरफ आप खुद फॉरेन इन्वेस्टमेंट चाहते है और दूसरी तरफ आप स्वदेशी का नैरा देते है इससे काम नहीं चलेगा | और हो सकता हो आपकी कुछ व्यापारिक मजबूरियां हो लेकिन फिर भी आपको भारतीय कंपनियों को हर तरह से रियायत देना चाहिए जिससे वो भी इंटरनेशनल मार्किट में प्रतिस्पर्धा कर सके |राष्ट्रवाद का राग अलापने से ये बेहतर नहीं होगा | हो सकता है माइक्रोमैक्स को इस समय कुछ फायदा मिल जाये लेकिन ये ज्यादा दूर तक इसके दम पर नहीं जा सकते | उनको अपने प्रोडक्ट में भी गुणवत्ता और कम पैसे में उपलब्ध्ता का ख्याल रखना होगा |
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allgyan · 4 years
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भारतीय मोबाइल कंपनी और चीनी कम्पनियों का की प्रतिस्पर्धा
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में भारतीय मोबाइल कंपनी कभी -कभी लगता है चीनी कंपनी सी बहुत ही पिछड़ गयी है अगर आप उठा कर भारतीय बाजार में कम से कम 10 उठाते है तो उसमे 10 चीनी होते है | वो कई नामों से भारतीय बज़ारों पर कब्जा किये हुए है | जैसे वीवो , ओप्पो , रियल मी , इत्यादि | जब प्रधाममंत्री जी ने आत्मनिर्भरता का स्लोगन दिया तो सभी को लग की कैसे होगा |जब तक भारतीय पेशेवर और भारतीय कंपनी सरकार के साथ मिलकर काम नहीं करेंगी तो ये संभव होना मुश्किल है | भारतीय चीन की तुलन निर्यात बहुत कम करता है | चीनी का भारतीय बाज़ारों में बढ़ता प्रभुत्या आप खुद ही देख सकते है त्यौहार आपका त्यौहार में जो चाहिए सब उनका जैसे दीवाली में -मूर्ति उनकी , झालर उनका |लेकिन आज एक अच्छी खबर भी आयी |उसकी तरफ बढ़ते है |
भारतीय कंपनी Micromax India एक बार फिर वापसी -
लम्बे समय तक भारतीय बाज़ारों अच्छा करने वाली भारतीय कंपनी Micromax India एक बार फिर वापसी के लिए तैयार है|ये माइक्रोमैक्स  इन से जल्दी ही फ़ोन की शृंखला लांच करने वाली है |इसकी घोषणा माइक्रोमैक्स के को -फाउंडर राहुल शर्मा ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट करके की जिसमे इन लिखा हुआ एक फ़ोन डब्बा भी दिखाया गया है | इस 3 मिनट से भी कम के वीडियो में राहुल अपने शुरवाती संघर्ष के बारे में भी बताया है |कैसे उन्होंने ये कंपनी शुरू की और उन्होंने ये भी बताया की कैसे चीनी मोबाइल कम्पनी के आने से उनके फ़ोन की सेल कम हो गयी और उन्हें नुकसान उठाना पड़ा | फिर उन्होंने बॉर्डर पर जो भारत और चीन के बीच तनाव है उसका भी उल्लेख किया | और भारतीयता का पुट लिए हुए अपने नए फ़ोन लांच की घोषणा भी की |
भारतीय बज़ार क्या माइक्रोमैक्स दुबारा स्वीकार करेगा -
देखिये बाजार भी हर जगह के अलग -अलग होते है और उनकी स्थति भी जैसे आपको किसी भी देश या एरिया का पूरा विश्लेषण करना होता है जब अब कोई उद्योग या धंधा शुरू करते है | भारत एक विकासील देश है इसमें किसी को कोई गुरेज़ नहीं है यहाँ पर कैपिटा इनकम भी कम है इसका साफ़ मतलब है यहाँ लोगों के पास पर्चेसिंग पावर (खरीदारी की क्षमता ) भी कम है | तो इसका साफ़ मतलब है यहाँ के लोग कम पैसे खर्च करके ज्यादा टेक्नोलॉजी वाली चीजें का प्रयोग करना चाहेंगे तो आप को उस हिसाब से ही अपना उत्पाद बनाना पड़ेगा |कम पैसे वाला और उसमे ही काम के सब अप्लीकेशन चल सके | चीनी कंपनी ये भारतीय नब्ज को पकडे हुए है और इसलिए उसे यहाँ पर सैमसंग को भी बहुत नुकसान पहुचाया है | माइक्रोमैक्स को भी इसका ख्याल रखना होगा अगर चीनी कंपनी को पछाड़ना है |
क्या चीनी विरोधी सेंटीमेंट्स माइक्रोमैक्स के लिए फायदा लायेगा-नारा
देखिये इधर बीच बहुत से ऐसे वाक्यात हुए है जिससे लोग चीन के प्रोडक्ट विरोध तो किया है लेकिन चीनी सामान कब भारत की जरुरत बन गया भारतीय लोगों को पता भी नहीं चला |आप कहा तक सब चीजें बदल लेंगे | मोबाइल चार्जर , मोबाइल बैटरी , बहुत सामान तो उन्होंने भारतीय बाज़ारों में कम दामों पर उपलब्ध करा रखे है |fdi भी सरकार ने लाकर उनको ये खुली छूट भी दे रखी है |एक तरफ आप खुद फॉरेन इन्वेस्टमेंट चाहते है और दूसरी तरफ आप स्वदेशी का नैरा देते है इससे काम नहीं चलेगा | और हो सकता हो आपकी कुछ व्यापारिक मजबूरियां हो लेकिन फिर भी आपको भारतीय कंपनियों को हर तरह से रियायत देना चाहिए जिससे वो भी इंटरनेशनल मार्किट में प्रतिस्पर्धा कर सके |राष्ट्रवाद का राग अलापने से ये बेहतर नहीं होगा | हो सकता है माइक्रोमैक्स को इस समय कुछ फायदा मिल जाये लेकिन ये ज्यादा दूर तक इसके दम पर नहीं जा सकते | उनको अपने प्रोडक्ट में भी गुणवत्ता और कम पैसे में उपलब्ध्ता का ख्याल रखना होगा |
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allgyan · 4 years
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भारतीय मोबाइल कंपनी की क्या हो रही वापसी ?
भारतीय मोबाइल कंपनी और चीनी कम्पनियों का की प्रतिस्पर्धा
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में भारतीय मोबाइल कंपनी कभी -कभी लगता है चीनी कंपनी सी बहुत ही पिछड़ गयी है अगर आप उठा कर भारतीय बाजार में कम से कम 10 उठाते है तो उसमे 10 चीनी होते है | वो कई नामों से भारतीय बज़ारों पर कब्जा किये हुए है | जैसे वीवो , ओप्पो , रियल मी , इत्यादि | जब प्रधाममंत्री जी ने आत्मनिर्भरता का स्लोगन दिया तो सभी को लग की कैसे होगा |जब तक भारतीय पेशेवर और भारतीय कंपनी सरकार के साथ मिलकर काम नहीं करेंगी तो ये संभव होना मुश्किल है | भारतीय चीन की तुलन निर्यात बहुत कम करता है | चीनी का भारतीय बाज़ारों में बढ़ता प्रभुत्या आप खुद ही देख सकते है त्यौहार आपका त्यौहार में जो चाहिए सब उनका जैसे दीवाली में -मूर्ति उनकी , झालर उनका |लेकिन आज एक अच्छी खबर भी आयी |उसकी तरफ बढ़ते है |
भारतीय कंपनी Micromax India एक बार फिर वापसी -
लम्बे समय तक भारतीय बाज़ारों अच्छा करने वाली भारतीय कंपनी Micromax India एक बार फिर वापसी के लिए तैयार है|ये माइक्रोमैक्स  इन से जल्दी ही फ़ोन की शृंखला लांच करने वाली है |इसकी घोषणा माइक्रोमैक्स के को -फाउंडर राहुल शर्मा ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट करके की जिसमे इन लिखा हुआ एक फ़ोन डब्बा भी दिखाया गया है | इस 3 मिनट से भी कम के वीडियो में राहुल अपने शुरवाती संघर्ष के बारे में भी बताया है |कैसे उन्होंने ये कंपनी शुरू की और उन्होंने ये भी बताया की कैसे चीनी मोबाइल कम्पनी के आने से उनके फ़ोन की सेल कम हो गयी और उन्हें नुकसान उठाना पड़ा | फिर उन्होंने बॉर्डर पर जो भारत और चीन के बीच तनाव है उसका भी उल्लेख किया | और भारतीयता का पुट लिए हुए अपने नए फ़ोन लांच की घोषणा भी की |
भारतीय बज़ार क्या माइक्रोमैक्स दुबारा स्वीकार करेगा -
देखिये बाजार भी हर जगह के अलग -अलग होते है और उनकी स्थति भी जैसे आपको किसी भी देश या एरिया का पूरा विश्लेषण करना होता है जब अब कोई उद्योग या धंधा शुरू करते है | भारत एक विकासील देश है इसमें किसी को कोई गुरेज़ नहीं है यहाँ पर कैपिटा इनकम भी कम है इसका साफ़ मतलब है यहाँ लोगों के पास पर्चेसिंग पावर (खरीदारी की क्षमता ) भी कम है | तो इसका साफ़ मतलब है यहाँ के लोग कम पैसे खर्च करके ज्यादा टेक्नोलॉजी वाली चीजें का प्रयोग करना चाहेंगे तो आप को उस हिसाब से ही अपना उत्पाद बनाना पड़ेगा |कम पैसे वाला और उसमे ही काम के सब अप्लीकेशन चल सके | चीनी कंपनी ये भारतीय नब्ज को पकडे हुए है और इसलिए उसे यहाँ पर सैमसंग को भी बहुत नुकसान पहुचाया है | माइक्रोमैक्स को भी इसका ख्याल रखना होगा अगर चीनी कंपनी को पछाड़ना है |
क्या चीनी विरोधी सेंटीमेंट्स माइक्रोमैक्स के लिए फायदा लायेगा-नारा
देखिये इधर बीच बहुत से ऐसे वाक्यात हुए है जिससे लोग चीन के प्रोडक्ट विरोध तो किया है लेकिन चीनी सामान कब भारत की जरुरत बन गया भारतीय लोगों को पता भी नहीं चला |आप कहा तक सब चीजें बदल लेंगे | मोबाइल चार्जर , मोबाइल बैटरी , बहुत सामान तो उन्होंने भारतीय बाज़ारों में कम दामों पर उपलब्ध करा रखे है |fdi भी सरकार ने लाकर उनको ये खुली छूट भी दे रखी है |एक तरफ आप खुद फॉरेन इन्वेस्टमेंट चाहते है और दूसरी तरफ आप स्वदेशी का नैरा देते है इससे काम नहीं चलेगा | और हो सकता हो आपकी कुछ व्यापारिक मजबूरियां हो लेकिन फिर भी आपको भारतीय कंपनियों को हर तरह से रियायत देना चाहिए जिससे वो भी इंटरनेशनल मार्किट में प्रतिस्पर्धा कर सके |राष्ट्रवाद का राग अलापने से ये बेहतर नहीं होगा | हो सकता है माइक्रोमैक्स को इस समय कुछ फायदा मिल जाये लेकिन ये ज्यादा दूर तक इसके दम पर नहीं जा सकते | उनको अपने प्रोडक्ट में भी गुणवत्ता और कम पैसे में उपलब्ध्ता का ख्याल रखना होगा |
कंपनियों का देशी -विदेशी होना -
कंपनियों का या पूंजीवाद का या कहे बाज़ारवाद का एक ही वसूल होता है मुनाफा कमाना |सही बात भी है कोई अगर किसी चीज में पूंजी लगाता है तो उससे फायदा तो लेना चाहता ही है |अब क्या है कंपनियों का अगर किसी का भी शेयर 51 प्रतिशत हुआ तो वो उस कम्पनी का मालिक हो जाता है | कोई भी कम्पनी कही भी जाकर दूसरी कंपनी का अधिकरण कर लेती है | इसलिए कब कौन से कम्पनी भारतीय हो जाती है और कब विदेशी आपको ऐसे पता ही नहीं चलेगा | पता चला इस कंपनी को बनाया किसी भारतीय ने और बाद इन्वेस्टर कोई विदेशी है |जैसे की भारतीय paytm कम्पनी है लेकिन उसमे ant फाइनेंसियल कंपनी का बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट है जो की चीन की कंपनी अली बाबा की है |इसलिए आज के बाज़ारवाद के युग में ठगा तो केवल इंसान जायेगा या तो भावनाओं का सौदा करके या कुछ और करके जो बाजार के माफिक हो |हमारा काम है केवल आपको सच से अवगत कराना | बाकि आपकी मर्जी |
पूरा जानने के लिए -https://bit.ly/3jbkZwr
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