#पैरों में ऐंठन
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yashodahealthcarehospital · 2 months ago
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देखा जाए तो रात में पैरों में ऐंठन होने से आपके जीवन पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ता और नींद भी डिस्टर्ब नहीं होती है। हालांकि ध्यान न देने पर यह साधारण सी लगने वाली परेशानी भी एक बड़ी बीमारी का संकेत बन सकती है। ऐसे में किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर द्वारा गंभीर अंतर्निहित कारणों के लिए आपका मूल्यांकन करने के बाद यह सुनिश्चित करके कि दर्द को शिरा रोग जैसी किसी रोग के साथ भ्रमित नहीं कर रहे हैं, यहां कुछ संभावित कारण दिए गए हैं। यदि आपके पैरों में ऐंठन बनी रहती है और दर्द कुछ मिनटों से अधिक समय तक रहता है, स्ट्रेचिंग या मालिश से कम नहीं होता है, तथा साथ ही चोट, सूजन, रंग परिवर्तन होता है, और पिंडली या जांघ के पास का प्रभावित क्षेत्र गर्म हो जाता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
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healthiswealthbysks · 14 days ago
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SKS Varicosure कैसे varicose के Symptoms को कम करता है?
वेरिकोस वेंस क्या हैं?
वैरिकोज वेन्स को वेरिकोसाइटिस भी कहा जाता है। ये समस्‍या तब उत्‍पन्‍न होती है जब नसें बड़ी, चौड़ी या रक्‍त से ज्‍यादा भर जाती हैं। वैरिकोज वेन्स अक्‍सर सूजी औैर उभरी हुई नसों के रूप में सामने आती हैं और ये नीले या लाल रंग की दिखती हैं जिनमें अक्‍सर दर्द महसूस होता है। ये समस्‍या खासतौर पर महिलाओं में बहुत आम है। लगभग 25 फीसदी वयस्‍क वैरिकोज वेन्स की समस्‍या से ग्रस्‍त हैं और अधिकतर मामलों में वैरिकोज वेन्स टांगों को प्रभावित करती है।
जब नसें ठीक तरह से काम नहीं कर पाती हैं तब वैरिकोज वेन्सकी समस्‍या उत्‍पन्‍न होती है। नसों की एक तरफ की वाॉल्‍व रक्‍त प्रवाह को रोक देती है। जब ये वॉल्‍व काम करना बंद कर देती हैा तो रक्‍त ह्रदय तक पहुंचने की बजाय नसों में ही इकट्ठा होने लगता है। नसों का आकार बढ़ जाता है। ये समस्‍या अक्‍सर टांगों को प्रभावित करती है।
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वैरिकोज वेन्स के लक्षण
1.वैरिकोज वेन्सका सबसे प्रमुख लक्षण है नसों का दिखना। इनमें दर्द, सूजन, भारीपन और ऐंठन भी रहती है।
2.कुछ मामलों में नसों में सूजन और नसों का रंग बदलने की समस्‍या भी हो सकती है। वहीं गंभीर मामलों में नसों से खून आ सकता है या अल्‍सर बन सकता है।
एसकेएस वेरिकोस्योर कैसे वैरिकोज वेन्स के लक्षणों को कम करता है?
एसकेएस वेरिकोस्योर एक हर्बल उत्पाद है, जो प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) के लक्षणों को कम करने का दावा करता है। वैरिकोज वेन्स में नसों की सूजन और दर्द प्रमुख लक्षण होते हैं। एसकेएस वेरिकोस्योर का दावा है कि यह इन लक्षणों को कम करके नसों के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
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आइए जानें कि यह कैसे काम करता है:
ब्लड सर्कुलेशन में सुधार वेरिकोस्योर में शामिल तत्वों का उद्देश्य नसों में रक्त प्रवाह को सामान्य बनाए रखना होता है। ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने से नसों में दबाव कम होता है और सूजन में राहत मिलती है।
नसों की दीवारों को मजबूत बनाना वैरिकोस्योर नसों की दीवारों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे नसों में होने वाली कमजोरी और दर्द से राहत मिलती है। इससे सूजी हुई नसों में आराम महसूस होता है और नसों में टूटने की संभावना कम होती है।
सूजन और दर्द को कम करना इस हर्बल फॉर्मूले में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करते हैं। नियमित उपयोग से त्वचा के ऊपर की नसों की सूजन धीरे-धीरे कम हो सकती है।
थकावट और भारीपन का हल्का होना वैरिकोज वेन्स की समस्या में अक्सर पैरों में भारीपन और थकावट महसूस होती है। एसकेएस वेरिकोस्योर का उपयोग इस भारीपन को कम करने में सहायक होता है, जिससे पैरों में हल्कापन आता है।
हर्बल तत्वों के फायदे वैरिकोस्योर में शामिल हर्बल तत्व, जैसे कि गोखरू, नागकेसर, और अर्क, नसों के स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं और पैरों में दर्द से राहत प्रदान करते हैं।
एसकेएस वेरिकोस्योर के फायदे
लाभ कैसे मदद करता है ब्लड सर्कुलेशन बेहतर नसों में रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है नसों की मजबूती नसों की दीवारों को मजबूत बनाता है सूजन में कमी सूजन को कम करने में सहायक दर्द में ��ाहत दर्द को कम करने में मदद करता है भारीपन से राहत पैरों के भारीपन को कम करता है
वैरिकोस्योर उपयोग करने के लिए टिप्स
नियमित उपयोग: बेहतर परिणामों के लिए इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करें। सही मात्रा में लें: इसे बताई गई मात्रा में ही लें और अधिक मात्रा में न लें। एक्सरसाइज भी करें: रक्त प्रवाह सुधारने के लिए हल्की एक्सरसाइज करें। नोट: किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
निष्कर्ष
एसकेएस वेरिकोस्योर एक प्रभावी हर्बल समाधान के रूप में उभर रहा है, जो वैरिकोज वेन्स के सामान्य लक्षणों को कम करने में सहायक है। सूजन, दर्द, और भारीपन जैसी समस्याओं के समाधान में इसके प्राकृतिक तत्व उपयोगी सिद्ध होते हैं। वैरिकोज वेन्स से जूझ रहे लोगों के लिए, यह प्रोडक्ट ब्लड सर्कुलेशन में सुधार, नसों की दीवारों को मजबूती प्रदान करने और नसों के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
हालांकि, वेरिकोस्योर का असर शरीर के अन्य कारकों और जीवनशैली पर भी निर्भर करता है। इसलिए, इसका उपयोग नियमित रूप से करने के साथ-साथ स्वस्थ खानपान और हल्की एक्सरसाइज भी अपनानी चाहिए। डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद इसका उपयोग शुरू करना सबसे सुरक्षित कदम है। कुल मिलाकर, एसकेएस वेरिकोस्योर एक सरल, सुरक्षित, और प्राकृतिक तरीका है, जो नसों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को कम कर सकता है और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकता है।
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indlivebulletin · 19 days ago
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इस वजह से रात को सोते समय पैरों में होती है ऐंठन, देखिए समस्या का समाधान!
बेंगलुरु: मांसपेशियों में ऐंठन बहुत आम है। यह समस्या अधिकतर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती है। यह समस्या रात के समय अधिक होती है। इस समय पिछली टांगों और पैरों में तेज दर्द होने लगता है। कभी-कभी इसका असर जांघों पर भी पड़ सकता है। यह दर्द कभी-कभी कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाता है। कभी-कभी दर्द पूरी रात बना रहता है।  पैर की ऐंठन का इलाज कैसे करें? : 1. मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचें। 2.…
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theenduvascularexpert · 5 months ago
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अगर आप प्रेग्नेंट है और दिख रहे हैं यह लक्षण तो न करें अनदेखा! निम्नलिखित लक्षण हो सकते है वेरिकोस वेंस का संकेत!
- पैरों में गहरी बैंगनी या नीली दिखने वाली नसें। - रस्सियों की तरह दिखने वाली सूजी हुई नसें। - पैरों में दर्द या भारीपन महसूस होना। - जलन, चीस मचना, मांसपेशियों में ऐंठन और पैरों के निचले हिस्से में सूजन। - लंबे समय के लिए बैठे या खड़े होन�� के बाद दर्द होना। - एक या एक से अधिक नसों के आसपास खुजली होना।
बेहतर सलाह एवं उपचार के लिए परामर्श लें 9782415566
Dr. Nikhil Bansal
Best Varicose Vein Treatment In Jaipur
Consultant Endovascular & InterventionalRadiology at EndovascularExpert Vascular, Stroke & PainClinic in Jaipur.
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amol12 · 2 years ago
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यदि आपको वैरिकाज़ नसें हैं तो क्या होगा?
वैरिकाज़ नसों को त्वचा की सतह के नीचे बढ़े हुए, मुड़ी हुई नसों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। सतही नसें वे हैं जो आमतौर पर वैरिकाज़ बन जाती हैं। हालांकि, पैरों में वैरिकाज़ नसों का सबसे अधिक अनुभव होता है, क्योंकि लंबे समय तक चलने या खड़े होने से शरीर के निचले हिस्से में नसों पर अधिक दबाव पड़ता है। आप नागपुर में द वैस्कुलर सेंटर में उच्च गुणवत्ता वाले वैरिकाज़ नसों के उपचार की तलाश कर सकते हैं।
  ज्यादातर मामलों में, वैरिकाज़ नसें या मकड़ी नसें - वैरिकाज़ नसों की मामूली विविधताएँ - एक कॉस्मेटिक चिंता से अधिक नहीं होती हैं। वैरिकाज़ के लिए डॉक्टर के अनुसार, कुछ मामलों में, वैरिकाज़ नसें असुविधा और दर्द का कारण बन सकती हैं और इसके परिणामस्वरूप कमजोर पैर हो सकते हैं। कुछ मामलों में, ये अधिक गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकते हैं, जिसके लिए द वैस्कुलर सेंटर में सर्वोत्तम वैरिकाज़ नस उपचार की आवश्यकता होती है।
वैरिकाज़ दर्द उपचार के बारे में अधिक जानने के लिए और मेरे आस-पास वैरिकाज़ नसों के लिए सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों को खोजने के लिए यहां क्लिक करें।
  • वैरिकाज़ नस क्या हैं?
  वैरिकाज़ नसें तब होती हैं जब शरीर के निचले हिस्सों में नसें, ज्यादातर पैर, रक्त को हृदय में वापस पंप करने के लिए सही दबाव डालने में विफल होते हैं। रक्त पीछे की ओर बहता है और नसों के अंदर वाल्व के पास जमा हो जाता है। यह रक्त पूलिंग नसों या नसों के नेटवर्क को सूज जाता है या बड़ा कर देता है और इसे वैरिकाज़ नस कहा जाता है। यदि आपके साथ ऐसा होता है, तो वैरिकाज़ नसों के क्लिनिक में जाएँ।
  अब आप शीर्ष गुणवत्ता वाले वैरिकाज़ नसों के उपचार मुंबई को मेरे पास के एक नस चिकित्सक से केवल द वैस्कुलर सेंटर में संशोधित कर सकते हैं।
  लक्षण
  मेरे आस-पास के टॉप रेटेड वैस्कुलर डॉक्टरों के अनुसार, अधिकांश मामलों में, वैरिकाज़ किसी भी तरह की परेशानी या दर्द का कारण नहीं बनता है। वैरिकाज़ नसों के निश्चित लक्षणों में शामिल हैं:
 उभरी हुई या मुड़ी हुई नसें जो पैरों पर डोरियों की तरह दिखाई देती हैं
 नसें नीले या गहरे बैंगनी रंग की दिखाई देती हैं
मुंबई में वैरिकाज़ नस उपचार की आवश्यकता वाले उन्नत लक्षणों में शामिल हैं:
 पैरों में भारीपन महसूस होना
 पैरों में दर्द
 निचले पैरों में सूजन, मांसपेशियों में ऐंठन, धड़कन और जलन
 प्रभावित शिराओं पर खुजली की अनुभूति
 लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने के बाद तेज दर्द
 ●प्रभाव स्थल पर त्वचा का मलिनकिरण
  इन मामलों में, मेरे पास वैरिकाज़ नसों का सबसे अच्छा उपचार देखें और वैरिकाज़ नसों के लिए एक शीर्ष क्लिनिक पर जाएँ।
  औरंगाबाद में वैरिकाज़ नसों के उपचार के बारे में और मेरे पास एक शीर्ष रेटेड संवहनी चिकित्सक को खोजने के लिए यहां क्लिक करें।
  कारण
  वैरिकाज़ के लिए एक डॉक्टर आपको बताएगा कि नसों के अंदर क्षतिग्रस्त या कमजोर वाल्व वैरिकाज़ नसों का मुख्य कारण है। धमनियां हृदय से शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त की आपूर्ति करती हैं, नसें रक्त को वापस हृदय में वापस कर देती हैं ताकि पुन: परिसंचरण सुनिश्चित हो सके। रक्त को हृदय में वापस ले जाने में सक्षम होने के लिए नसों को अतिरिक्त दबाव डालने की आवश्यकता होती है। इसके लिए उन्हें गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ काम करने की जरूरत है।
मेरे पास वैरिकाज़ नसों के लिए शीर्ष क्लिनिक के अनुसार, पैरों में मांसपेशियों का संकुचन पंपों की तरह काम करता है और नसों की दीवारों की लोच रक्त को हृदय में वापस आने में मदद करती है। इस आंदोलन को नसों के अंदर मौजूद छोटी-छोटी नसों द्वारा समर्थित किया जाता है जो हृदय में रक्त के प्रवाह की अनुमति देने के लिए खुलती हैं और रक्त के पिछड़े प्रवाह को रोकने के लिए बंद हो जाती हैं। मेरे आस-पास के हर वैस्कुलर सर्जन के अनुसार, यदि वाल्व क्षतिग्रस्त या कमजोर हैं, तो वे बेहतर तरीके से काम नहीं कर सकते हैं। इस प्रकार, रक्त पीछे की ओर बह सकता है और नसों के अंदर जमा हो सकता है जिससे नसें मुड़ सकती हैं या खिंचाव हो सकता है। मुड़ी हुई या खिंचाव वाली नसों के एक नेटवर्क को वैरिकाज़ नसें कहा जाता है ���र हल्के संस्करणों को स्पाइडर वेन्स कहा जाता है।
  वैरिकाज़ नस उपचार के बाद या वैरिकाज़ नस सर्जरी के बाद क्या करना है, यह जानने के लिए हमारे शीर्ष वैरिकाज़ चिकित्सक विशेषज्ञ से परामर्श लें।
  वैरिकाज़ नसों की जटिलताओं
  हालांकि वैरिकाज़ नसों से उत्पन्न होने वाली जटिलताएं दुर्लभ हैं यदि वे उत्पन्न होती हैं तो आपको संवहनी केंद्र में सर्वोत्तम वैरिकाज़ नस उपचार की आवश्यकता होगी। दुर्लभ जटिलताओं में शामिल हैं:
  रक्त के थक्के: कभी-कभी, पैरों की गहरी नसें बड़ी हो जाती हैं। इससे प्रभावित पैर में सूजन और दर्द हो सकता है। लगातार सूजन या पैर में दर्द मेरे पास तत्काल वैरिकाज़ उपचार की गारंटी देता है क्योंकि यह ब्लॉट क्लॉट्स का भी संकेत हो सकता है।
अल्सर: रोगी को वैरिकाज़ वेन्स साइट के आसपास की त्वचा पर, विशेष रूप से टखनों पर दर्दनाक अल्सर का अनुभव हो सकता है। आप आमतौर पर अल्सर बनने से पहले त्वचा पर एक फीका पड़ा हुआ स्थान देखेंगे। त्वचा पर अल्सर होने पर नवी मुंबई में तत्काल वैरिकाज़ नसों के उपचार की तलाश करें।
  रक्तस्राव: यदि प्रभावित नसें जो त्वचा के करीब हैं, फट जाती हैं, तो इससे मामूली रक्तस्राव हो सकता है। इस स्थिति में, चिंता को ठीक करने के लिए आपको वैरिकाज़ के लिए डॉक्टर की आवश्यकता होती है।
  हमारे शीर्ष वैरिकाज़ नस सर्जरी डॉक्टरों से परामर्श करें कि वैरिकाज़ नस उपचार के बाद या वैरिकाज़ नस सर्जरी के बाद क्या करना है। मेरे पास वैरिकाज़ नसों के लिए डॉक्टर से बात करने के लिए आज ही वैस्कुलर सेंटर पर जाएँ।
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ragbuveer · 2 years ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(चतुर्थी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-11-जनवरी-2023
वार:---------बुधवार
तिथी :--------04चतुर्थी:-14:31
पक्ष:---------माघ
माह:--------कृष्णपक्ष
नक्षत्र:-------मघा:-11:50
योग:--------आयु:-12:01
करण:-------बालव:-14:31
चन्द्रमा:------सिंह
सुर्योदय:------07:31
सुर्यास्त:-------17:59
दिशा शूल--------उत्तर
निवारण उपाय:---गुड का सेवन
ऋतु :----------------शिशिर
गुलीक काल:---11:14से 12:35
राहू काल:------12:35से13:56
अभीजित-------- नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2079
शक सम्वंत ............1944
युगाब्द ..................5124
सम्वंत सर नाम:-------नल
🧭चोघङिया दिन🧭
लाभ:-07:31से08:52तक
अमृत:-08:52से10:12तक
शुभ:-11:32से12:52तक
चंचल:-15:20से 16:40तक
लाभ:-16:40से 17:59तक
🕰️चोघङिया रात🕰️
शुभ:-19:40से21:22तक
अमृत :-21:22से22:56तक
चंचल :-22:56से00:39तक
लाभ :-04:04से05:48तक
👉आज के विशेष योग 👈
वर्ष का277वाँ दिन, सूर्य उत्तराषाढा में 14:11, बुधोदय 24:27,
👉वास्तु टिप्स👈
सूर्यास्त के बाद किसी को भी स्नान नहीं करना चाहिए।
*सुविचार*
अगर आप मेहनत को अपनी आदत बना लेते है, तो जीवन में आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।”👍🏻प्रेमसे वोलिए राधे राधे
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*नस पर नस चढ़ना (माँस-पेशियों की ऐंठन) के घरेलु उपचार :-*
👉🏻वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैरों में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।
👉🏻यदि आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं, तो परहेज, उपचार से नियंत्रण करें।
👉🏻शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।
👉🏻सही नाप के आरामदायक, मुलायम जूते पहनें।
👉🏻अपना वजन घटाएं। रोज सैर पर जाएं या जॉगिंग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ��्यान रखें। बाहरी-भीतरी मतभेद समाप्त होने से प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न लें। भाइयों से सहयोग मिलेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। दूसरों की जवाबदारी न लें। पुराना रोग उभर सकता है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
बड़ों की बात मानें, लाभ होगा। अच्छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। वरिष्ठ जन सहयोग करेंगे। जोखिम न लें। आलस्य रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बुद्धि व ज्ञान की वृद्धि होगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
घर-बाहर तनाव रहेगा। शांति बनाए रखें। अधिक प्रयास करने से लाभ होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। शोक समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक होगी। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। मेहनत का फल मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। आय में वृद्धि होगी। कोई बड़ी समस्या का हल मिलेगा। मित्र व संबंधी सहयोग करेंगे। घर के बड़ों की चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान पक्ष तरक्की करेगा।
���🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
भूले-बिसरे मित्र व संब‍ंधियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। दूसरों के काम की जवाबदारी न लें। प्रयास भरपूर करें, लाभ होगा। वरिष्ठजनों से मेल-मुलाकात होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। यात्रा से लाभ होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम उठाने व जल्दबाजी करने से बचें। अतिउत्साह हानि देगा। विवाद न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
सुख के साधनों पर अतिव्यय हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बोलचाल में हल्की मजाक न करें। घर-बाहर तनाव रह सकता है। कार्यकुशलता में कमी रहेगी। कोई बड़ी गलती हो सकती है। अपरिचितों पर विश्वास न करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, ��ा, ढा, भे)*
भाग्य अनुकूल है। समय का लाभ लें। रोजगार में वृद्धि होगी। परिवार में कोई मंगल कार्य हो सकता है। प्रसन्नता रहेगी। अपेक्षित कार्य पूर्ण होंगे। रुका हुआ धन मिल सकता है। भाइयों व पार्टनर से सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
राजकीय बाधा दूर होगी। मतभेद समाप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य में प्रगति होगी। दूसरों से अपेक्षा न करें। अज्ञात भय सताएगा। विरोधी पस्त होंगे। प्रमाद न करें। कार्यस्थल पर सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
तं‍त्र-मंत्र में रुचि रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
विवाद को बढ़ावा न दें। उत्तेजना पर नियंत्रण आवश्यक है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। घर में अशांति रहेगी। कुसंगति से बचें। वस्तुएं संभालकर रखें। कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है, धैर्य रखें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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dreamsyour · 2 years ago
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activeayulife13 · 4 years ago
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कब और क्यों ज़रूरी है फिजियोथेरेपी? जानिए इससे जुड़ी खास बातें!
प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय करने की विधा फिजियोथेरेपी कहलाती है. इसे हिंदी में भौतिक चिकित्सा पद्धति कहा जाता है.
अधिकांश लोग फिजियोथेरेपी क��� ‘एक और’ वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति से ज्यादा महत्व नहीं देते। कुछ इसके दायरे को मसाज तक सीमित कर देते हैं, तो कुछ इसे खेल के दौरान लगने वाली चोट को ठीक करने के लिए उपयोगी मानते हैं। पर फिजियोथेरेपी की उपयोगिता इससे कहीं ज्यादा है। क्यों और कब जरूरी है फिजियोथेरेपी बता रही हैं वंदना भारती-
अगर दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो फिजियोथेरेपी के बारे में सोचना चाहिए। चिकित्सा और सेहत दोनों ही क्षेत्रों के लिए यह तकनीक उपयोगी है। पर जानकारी की कमी व खर्च बचाने की चाह में लोग दर्द निवारक दवाएं लेते रहते हैं। मरीज तभी फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाते हैं, जब दर्द असहनीय हो जाता है।
फिजियोथेरेपी में न्यूरोलॉजी, हड्डी, हृदय, बच्चों व वृद्धों की समस्याओं के क्षेत्र से जुड़े खास एक्सपर्ट भी होते हैं। आमतौर पर Physiotherapist इलाज शुरू करने से पहले बीमारी का पूरा इतिहास देखते हैं। उसी के अनुसार आधुनिक इलेक्ट्रोथेरेपी (जिसमें इलाज के लिए करेंट का इस्तेमाल किया जाता है) और स्ट्रेचिंग व व्यायाम की विधि अपनाई जाती है। मांसपेशियों और जोड में के दर्द से राहत के लिए फिजियोथेरेपिस्ट मसाज का भी सहारा लेते हैं। कई फिजियोथेरेपिस्ट दवाएं व इंजेक्शन भी देते हैं, जिसे डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए।
नियमित हो इलाज
फिजियोथेरेपी से कुछ दर्द में तो तुरंत आराम मिलता है, पर स्थायी परिणाम के लिए थोड़ा वक्त लग जाता है। दर्द निवारक दवाओं की तरह इससे कुछ ही घंटों में असर नहीं दिखाई देता। खासकर फ्रोजन शोल्डर, कमर व पीठ दर्द के मामलों में कई सिटिंग्स लेनी पड़ सकती हैं। कई मामलों में व्यायाम भी करना पड़ता है और जीवनशैली में बदलाव भी। इलाज की कोई भी पद्धति तभी कारगर साबित होती है, जब उसका पूरा कोर्स किया जाए। फिजियोथेरेपी के मामले में यह बात ज्यादा मायने रखती है।
घुटनों का हो जब बुरा हाल | knee pain
हाल ही में जारी यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ओनटेरियो की एक रिपोर्ट के मुताबिक गठिया से ग्रस्त घुटनों के इलाज में फिजियोथेरेपी, ऑथरेस्कोपी सर्जरी जितनी ही कारगर है। शोध में शामिल ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. रॉबर्ट लिचफील्ड के अनुसार फिजियोथेरेपी में दर्द की मूल वजहों को तलाशकर उस वजह को ही जड़ से खत्म कर दिया जाता है। ��सलन यदि मांसपेशियों में खिंचाव के कारण घुटनों में दर्द है तो स्ट्रेचिंग और व्यायाम के जरिये इलाज किया जाता है, पर यदि पैरों के खराब संतुलन की वजह से दर्द हो रहा है तो फिजियोथेरेपिस्ट ऑर्थोटिक्स शू (विशेष प्रकार के जूते, जो पैरों को एक सीध में करता है) पहनने की सलाह देते हैं।
अध्ययन में यह बात भी सामने आई कि घुटनों के दर्द से निजात पाने में सर्जरी के 80 फीसदी मामले व्यायाम व फिजियोथेरेपी की कमी के कारण अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाते। कई मामलों में कूल्हे व घुटने के प्रत्यारोपण व फ्रैक्चर के बाद उनके रिहैबिलिटेशन में भी फिजियोथेरेपी लेने की सलाह दी जाती है। चिकित्सक भी कई मामलों में फिजियोथेरेपी जरूरी मानते हैं।
सिखाता है सांस लेने की कला
फिजियोथेरेपी का दायरा सिर्फ मांसपेशियों और हड्डियों तक सीमित नहीं है। इसकी सीमा में वो तंत्रिकाएं भी आती हैं जो हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करती हैं। उदाहरण के तौर पर अस्थमा या किसी भी तरह के सांस के रोगों को ही लें। कार्डियोवस्कुलर फिजियोथेरेपिस्ट इस तरह के मरीजों को सांस रोकने और छोड़ने वाले व्यायाम या गुब्बारे फुलाने जैसे अभ्यास के जरिये ठीक करता है। वास्तव में इसके जरिये कार्डियोवस्कुलर Physiotherapistगर्दन और छाती की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग करवाते हैं, जिससे वो और मजबूत बनते हैं।
असहनीय दर्द में भी दे आराम
डेनमार्क में हुए एक शोध के अनुसार फिजियोथेरेपी ऑस्टियोपोरोसिस या किसी अन्य फ्रैक्चर में होने वाले दर्द से भी राहत दिला सकती है। दरअसल, Physiotherapist व्यायाम की मदद से दर्द के आसपास वाली मांसपेशियों और जोडमें को मजबूत बना देते हैं, जिससे लंबे समय में दर्द खत्म हो जाता है। फिजियोथेरेपिस्ट कुछ व्यायाम करवाने के साथ-साथ विशेष प्रकार के जूते पहनने की भी सलाह देते हैं, जिसे पहनने के बाद दर्द के बावजूद मरीज आसानी से चल-फिर सकता है। यह तरीका ऐसे वृद्धों पर भी आजमाया जाता है जो ज्यादा उम्र की वजह से चल नहीं पाते।
कमर में दर्द हो तो
बैठने, खड़े होने या चलने के खराब पॉस्चर की वजह से या मांसपेशियों में खिंचाव के कारण या फिर आथ्र्राइटिस की वजह से कमर व पीठ में दर्द बढ़ जाता है। पीठ दर्द के इलाज के लिए फिजियोथेरेपी में कुछ सामान्य तरीके आजमाए जाते हैं। इनमें से एक है शरीर का वजन कम करना, ताकि जोड में पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार को कम किया जा सके। दूसरा, मांसपेशियों की मजबूती और तीसरा तरीका है, री-पैटर्निग ऑफ मसल्स यानी किसी खास हिस्से में मांसपेशियों के पैटर्न को व्यायाम के जरिये ठीक करना। हमारी पीठ व कूल्हे के निचले हिस्से में करीब दो दर्जन से ज्यादा मांसपेशियां होती हैं, जिनका ठीक रहना जरूरी है।
पेल्विक डिसऑर्डर
प्रेग्नेंसी या किसी सर्जरी के बाद कई लोगों को पेल्विक (पेट के नीचे का हिस्सा) में दर्द रहने लगता है। कुछ लोगों को इसमें ऐंठन भी महसूस होती है। दरअसल, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद या सर्जरी के बाद यहां की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। पेल्विक यौन क्रियाओं के अलावा आंत से जुड़ी गतिविधियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यही नहीं, यह हमारी रीढ़ की हड्डी और पेट के विभिन्न अंगों को भी सपोर्ट करता है। Physiotherapist ‘ट्रिगर प्वॉइंट रिलीज’ तकनीक के इस्तेमाल से प्रभावित हिस्से का मसाज कर मरीज को इस दर्द से राहत दिलवाते हैं।
हमारे विशेषज्ञ:  Dr. Dinesh  Bhardwaj, Sr Physiotherapist, MPT (Ortho),COCMT,CKT(Sports) ,APBC(UK)  Dr. Dinesh  Bhardwaj treated  many celebraties,With the help of specialized  manual &Body Allignment  ,Dr Dinesh is specialized with SBA Techniques( Spine Body Allignment) improve the posture & fill  life with full of activities with the holistic movement and exercises rather than by drug or surgeries. We are one of the most recommended Physiotherapist with having more than 50000 satisfied patient. People know because of our superior quality diagnosis, treatment plans and success rates. Till then our patient’s word of mouth is the reason of popularity.
Courteous nature and high quality treatment
Certified Manual Therapist
Certified  Kinesio –Taping  Practioner (Italy)
Certified  Dry Needling Expert
Certified in APBC Techniques from
English  Osteopathic School (UK)
Consultant spine specialist
Osteopathic –Chlropractic-Phsiotherapist
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parichaytimes · 3 years ago
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कोरोनावायरस लक्षण: COVID बनाम नियमित फ़्लू बनाम हीट वेव: आपके कारण COVID जैसे लक्षण क्या हैं?
कोरोनावायरस लक्षण: COVID बनाम नियमित फ़्लू बनाम हीट वेव: आपके कारण COVID जैसे लक्षण क्या हैं?
हीट रैश, ऐंठन से लेकर हीट थकावट और हीट स्ट्रोक तक, हीट वेव्स विभिन्न प्रकार की गर्मी से संबंधित बीमारियों को प्रकाश दे सकती हैं। बीमारी के आधार पर, आप विभिन्न लक्षण विकसित कर सकते हैं। हीट रैश में शरीर के पसीने वाले क्षेत्रों पर लाल, खुजली वाली त्वचा, छोटे धक्कों या फफोले शामिल हो सकते हैं, जिससे संक्रमण भी हो सकता है। हीट क्र���म्प दर्दनाक होते हैं और पैरों, बाहों और पेट में परेशानी पैदा कर सकते…
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gojnclinicblog · 3 years ago
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Orthopaedic Doctors in Lar, Deoria 8860455545
ओर्थपेडीक डॉक्टर देवरिया
जे एन क्लिनिक देवरिया एक आयुर्वेदिक सेंटर है जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार चिकित्सा देखभाल और परिणाम वितरित करना है । संस्थान विभिन्न आर्थोपेडिक पुरातन या नवीनतम विकारों सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने में विश्वास करता है । संस्थान का मिशन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धिति के सहयोग से आपके जोड़ संबधी समस्या का निदान करना हैं ।
जे एन क्लिनिक स्थिति बेहतर संरेखण, अधिक सटीक और उत्कृष्ट आयुर्वेद चिकित्सा का उपयोग कर यह सुनिश्चित करती है कि प्राकृतिक चिकित्सा आप सत प्रतिशत कैसे निदान प्राप्त कर सकते है ।
जे एन क्लिनिक आपके ओर्थो रोगों के लिए क्लीनिक में एक्सपर्ट एडवाइस के साथ आयुर्वेदिक मेडिसिन भी उचित मूल्य पे उपलब्ध करवा रही हैं । अगर आपको नीचे दिए गए मुद्दों में उपचार की माग करते हैं तो जे एन क्लिनिक आपको उपचार देने के लिए प्रतिबद्ध है |
उपचार और प्रक्रियाएं
जे एन क्लिनिक सभी उम्र के समूहों के पुरुषों, महिलाओं के असाधारण ओर्थो संबंधी देखभाल और उपचार प्रदान करने में अग्रणी है । ओर्थपेडीक के माध्यम से पेश की जाने वाली विशेष सेवाओं में शामिल हैं:
वात रोग
सायटिका
जोड़ो में दर्द
जोड़ों, घुटनों, पैरों और मांसपेशियों में सूजन
यूरिक एसिड
शरीर की त्वचा ड्राई
हड्डियों में ऐंठन
थकान आदि
अगर आप इन लक्षणों को अपने शरीर में को देख रहे हैं तो सपर्क करे – डॉ हरेंद्र जी मिश्र (जे०एन क्लिनिक ट्यूबवेल कालोनी देवरिया ) फ़ोन : +91-8860455545 / +91-9451218687
JN CLINIC DEORIA
Contact Us: +91-8860455545
Visit Website: http://jnclinic.in/orthopedics.html
Address - Behind State Bank ATM, Tube Well Colony Rd, Deoria, Uttar Pradesh 274001
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theenduvascularexpert · 6 months ago
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क्या आपके पैरों की पिंडली में ऐंठन होने लगी है?
इसे सामान्य ना समझे, यह पेरीफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) भी हो सकती है।
बेहतर उपचार के लिए संपर्क करें: 9782415566
Dr. Nikhil Bansal: Consultant at endovascularexpert.com
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doonitedin · 3 years ago
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Health News: Period टाइम के दौरान न खाएं ये चीजें, बढ़ सकती है तकलीफ!
Health News: Period टाइम के दौरान न खाएं ये चीजें, बढ़ सकती है तकलीफ!
Health News: हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पीरियड्स के दौरान हर लड़की और महिला को असहनीय तकलीफ होती है. पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द और ऐंठन महसूस होती है. कई बार तो यह दर्द जांघों, पैरों और कमर में भी होने लगता है. पीरियड्स के दौरान क्यों होता है असहनीय दर्दहेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पीरियड्स के दौरान जब यूट्रस, संकुचन प्रक्रिया शुरु करता है तो प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन…
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aayuapp · 4 years ago
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जामुन खाने के फायदे और नुकसान | Jamun Benefits and Side Effects
"जामुन की गुठली डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए बेहतरीन औषधि है। जामुन की गुठली को सुखाकर उनका पाउडर बनाया जाता है। इस पाउडर को खाली पेट लेने से डायबिटीज़ की बीमारी और ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद मिलती है। "
" Berries kernels are excellent medicine for patients with diabetes. Jam kernels are dried and made into powder. Taking this powder on an empty stomach helps in diabetes disease and blood sugar control. "
जामुन में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता है। जामुन में लगभग वे सभी ��रह के सॉल्ट पाए जाते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है। यहाँ इस आर्टिकल में हम जानेंगे जामुन खाने के फायदे (Jamun Benefits).
जामुन को हम मौसमी फल में शामिल कर सकते है। यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होते है। जामुन की प्रकृति अम्लीय होती है लेकिन इसका स्वाद मीठा होता है।
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जामुन खाने के फायदे: Jamun Benefits:
पाचन क्रिया के लिए जामुन फायदेमंद होता है। जामुन खाने से पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं दूर होती हैं।
मधुमेह के रोगियों के लिए जामुन एक रामबाण उपाय है। जामुन के बीज सुखाकर पीसें। इस पाउडर को खाने से मधुमेह (डायबिटीज) में फायदेमंद होता है। 
मधुमेह (डायबिटीज) के अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर से बचाव में मददगार होते हैं। इसके अलावा पथरी की रोकथाम में भी जामुन बहुत फायदेमंद होता है। इसके बीज को बारीक पीसकर पानी या दही के साथ लें।
अगर किसी को दस्त हो रहे है तो हम आपको दस्त का घरेलू इलाज बता रहे है। इसके लिए आप जामुन को सेंधा नमक के साथ खाएं। खूनी दस्त होने पर भी जामुन के बीज बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।
दांत और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में जामुन फायदेमंद होता है। इसके बीज को पीस लें। इससे दांत साफ करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं।
आइये जानते है जामुन की गुठली के डायबिटीज में फायदे।
जामुन की गुठली के डायबिटीज में फायदे:
जामुन को डायबिटीज के मरीज बिना किसी परेशानी के खा सकते हैं। ज��मुन खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित करता है, जामुन के मौसम में इसके नियमित सेवन से डायबटीज के मरीज को फायदा मिलता है। इससे डायबिटीज के मरीज को होने वाली समस्याएं जैसे बार-बार प्यास लगना और बार-बार पेशाब होना आदि में लाभ मिलता है। इसलिए आप प्रतिदिन जामुन का सेवन करें। जामुन की गुठली ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में अच्छी मानी जाती है। जामुन की गुठली लें इसे अच्छी तरह पीसकर पाउडर ��नाएं। रोज सुबह-शाम 3 ग्राम गुठली पाउडर का सेवन करें। इससे डायबिटीज जड़ से खत्म हो जाती है।
आइये जानते है और भी कई फायदे।
जामुन की छाल पेट की समस्या दूर करें (Jamun Benefits in Stomach Problems): अगर आपको पेट की समस्या बनी रहती है और आपका खाना भी नही पच पाता तो आप रोज नाश्ते के बाद जामुन का सेवन करें। इससे आपकी पेट की समस्या दूर हो जाएगी। अगर आपके पेट में मरोड़, ऐंठन आदि की समस्या है तो जामुन की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से फायदा मिलता है। जामुन की छाल को घिसकर पानी के साथ दिन में एक दो बार सेवन करने से अपच, पेट ख़राब की समस्या से निजात मिलता है।
जामुन का सिरका डायरिया में फायदेमंद (Jamun Benefits in Diarrhoea): जामुन की छाल महिलाओं मे डायरिया की रोकथाम के लिए काम आता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके लिए जामुन की छाल को पानी में उबालें और जब यह पानी एक चौथाई रह जाए तो इसे छानकर 2 से तीन बार धनिया और जीरे के चूर्ण के साथ सेवन करें।
जामुन की गुठली का चूर्ण पथरी की समस्या दूर करें (Jamun Benefits in Kidney Stone): अगर आप पथरी की समस्या से परेशान है तो जामुन की गुठली के पाउडर को दही के साथ लेने से लाभ मिलता है। जामुन का फल खाने से भी पथरी में फायदा होता है।
जामुन की गुठली का चूर्ण घाव में फायदेमंद (Jamun Benefits in healing wound): कई बार आपके पैरों में छाले पड़ जाते है जो अक्सर नए जूते पहनते समय होता है। ऐसे समय पर जामुन की गुठली पीस कर लगाने से दर्द दूर होता है। घाव होने पर जामुन की गुठली को सुखाकर पीसें, फिर उस पाउडर में पानी डालकर पेस्ट बनाकर घाव पर लगाने से फायदा मिलता है।
जामुन खाने के नुकसान: Jamun Side Effects:
दूध पिलाने वाली महिलाऐं जामुन का सेवन ना करें।
खाली पेट जामुन ना खाएं।
जामुन खाने के तुरंत बाद कभी दूध ना पिएँ।
ज़्यादा मात्रा में जामुन खाने से दर्द और बुखार की समस्या हो सकती है। यह गले और सीने के लिए भी हानिकारक होता है। 
बहुत अधिक मात्रा में जामुन खाने से खाँसी हो जाती है और यह फेफड़े के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
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newstodays24 · 4 years ago
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Cable Squats – Perfect Steps, Mistakes, Benefits & Results-(सही कदम, गलतियाँ, लाभ और परिणाम)
Cable Squat/Cable Squats -कई तरह के स्क्वैट्स हैं जिन्हें आप सुनते हैं। लेकिन ऐसे स्क्वैट्स हैं जो सभी प्रकार के स्क्वेट्स से बहुत अलग हैं। उनका नाम और कदम इसे अद्वितीय और विशेष बनाते हैं। इस स्क्वाट को करने के लिए आपको विशेष प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता होती है और उसका नाम केबल स्क्वेट्स होता है। केबल स्क्वाट्स एक प्रभावशाली व्यायाम है। कई फिटनेस ट्रेनर और कोच हैं जिन्हें केबल स्क्वेट्स के बारे में नहीं पता है। और यहां मैं आपको इस स्क्वाट का पूरा विवरण देता हूं।
इस अनुच्छेद में, आप के बारे में पढ़ें -
केबल स्क्वैट्स के सही स्टेप्स
केबल स्क्वैट्स के दौरान गलतियाँ
केबल स्क्वैट्स करने के लाभ और परिणाम
केबल स्क्वेट्स वर्कआउट की अनुसूची
व्यायाम विवरण -
लक्ष्य की मांसपेशियां:  ग्लूटस मैक्सिमस, क्वाड्रिसेप्स
सिनर्जिस्ट : एडवेंचर मैग्नस, सोलेस
डायनेमिक स्टेबलाइजर्स  (हाइलाइट नहीं किए गए): हैमस्ट्रिंग, गैस्ट्रोकनेमियस
केबल स्क्वाट्स स्टेप्स-(Cable Squats Steps)-
इससे पहले, अपने पूरे शरीर को फैलाएं और एक कठिन वार्म-अप करें।
चरण 1 - एक सीधे-बार लगाव का उपयोग करके, इसे केबल पुली मशीन पर सबसे निचले पायदान पर संलग���न करें। शुरुआती चरण में, आपको कम वजन का चयन करना चाहिए।
चरण 2 - मशीन के पास आओ। अपने कंधों को वापस लाएँ, और कुछ फीट पीछे जाएँ। ओवरहैंड ग्रिप के साथ बार को पकड़ें। फिर अपने पैरों को कंधों से अधिक चौड़ा फैलाएं।
स्टेप 3 - इसके बाद घुटनों पर झुककर अपने कूल्हों को नीचे करें। अपने पैरों को 90 डिग्री पर आने तक अपने शरीर को नीचे रखें। आंदोलन के तल पर एक गिनती के लिए पकड़ो।
चरण 4 - फिर निचले शरीर के पैर और ग्लूट मांसपेशियों को उलझाकर वापस ऊपर दबाएँ। जब आप मूल स्थिति में आते हैं तो याद रखें कि आपके हाथ बार द्वारा वजन को स्वचालित रूप से खींचते हैं। और अधिक दोहराव के लिए इन समान चरणों को दोहराएं।
केबल स्क्वैट्स के दौरान गलतियाँ-(Mistakes During Cable Squats)-
1. Static Hands-
कई लोग हैं जो पूरे आंदोलन के दौरान अपने हाथों को स्थिर रखते हैं। और कई लोग हैं जो बार उठाने के लिए हाथों की शक्ति का उपयोग करते हैं। ये गलतियाँ आपकी पीठ की मांसपेशियों को बुरी तरह प्रभावित करती हैं।
#Resolve Way - मूल स्थिति में आने पर अपने शरीर को नीचे करने के बाद, आपको अपने हाथों को सीधा रखना चाहिए। आपको पैर की ताकत से बार को उठाना चाहिए।
2. Bended Shoulders And Neck-
यह केबल स्क्वाट की सबसे आम गलती है जो 80 प्रतिशत बिगिनर्स करते हैं। कई लोग हैं जो केबल स्क्वैट्स के दौरान आगे की दिशा में अपनी गर्दन और कंधों को मोड़ते हैं। यह गलती आपके कंधे की मांसपेशियों, गर्दन की मांसपेशियों और पीठ की मांसपेशियों को बुरी तरह प्रभावित करती है।
#Resolve Way - आपको पूरी कसरत के दौरान अपनी गर्दन को सीधा और कंधों को पीछे की ओर रखना चाहिए। और साथ में आपको अपनी पीठ को भी सीधा रखना चाहिए।
3. Start With Heavy Weight-
कई लोग हैं जो हैवीवेट के साथ केबल स्क्वैट्स शुरू करते हैं। इस गलती को करने से उन्हें पीठ में ऐंठन भी हो सकती है।
#Resolve Way -You को ��ल्के से एक केबल स्क्वाट शुरू करना चाहिए। यदि आप एक शुरुआत कर रहे हैं, तो आपको न्यूनतम 2 सप्ताह के लिए हल्के से केबल स्क्वाट वर्कआउट करना चाहिए।
4. Range Of Motion-
बहुत से लोग ऐसे हैं जो केवल आधे स्क्वैट्स ही करते हैं (मतलब वे अपने कूल्हों को ठीक से नीचे नहीं करते हैं)। गति की एक अपूर्ण श्रेणी परिणाम दिखाने में सक्षम नहीं हो सकती है।
#Resजिंग तरीका - केबल स्क्वाट के सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए आपको गति की एक पूरी श्रृंखला करनी चाहिए। आपको अपने कूल्हों को तब तक नीचे करना चाहिए जब तक कि आपका निचला शरीर 90 डिग्री में न आ जाए।
5. Forwarded Knees-
इस प्रकार के स्क्वाट में, इस गलती की संभावना अधिक होती है। कूल्हों के निचले हिस्से के दौरान, कुछ लोगों ने अपने घुटनों को आराम से स्क्वाट करने के लिए आगे बढ़ाया। यह गलती जांघों और ग्लूट्स की मांसपेशियों को आवश्यक दबाव देने में सक्षम नहीं है जो परिणामों के लिए आवश्यक हैं।
#Resolve Way - इस स्क्वाट वर्कआउट के दौरान ��पके घुटनों को आपको पंजों के आगे नहीं जाना चाहिए।
6. Warm-Up-
यह भी एक बड़ी गलती है जिसकी वजह से आपको काफी चोटों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे कई लोग हैं जो केबल स्क्वाट वर्कआउट से पहले किसी भी प्रकार के वार्म-अप व्यायाम नहीं करते हैं।
#Resolve Way - किसी भी स्क्वाट्स वर्कआउट से पहले आपको गर्म अभ्यास करना चाहिए। आप जंपिंग जैक, बॉडीवेट स्क्वैट्स और लंग्स या कुछ स्ट्रेचिंग कर सकते हैं।
सभी ट्राइसेप्स डिप मिस्टेक को पहचानने के तरीके
ऐसे कई लोग हैं जो केबल स्क्वाट वर्कआउट के दौरान होने वाली गलतियों को पहचान नहीं पा रहे हैं। उन लोगों के लिए, हर छोटी से छोटी गलतियों को पहचानने के लिए सबसे अच्छा और प्रसिद्ध तरीका है जो आप केबल स्क्वाट वर्कआउट के दौरान कर रहे हैं।
आईने के सामने - मिरर के साथ कवर की गई चार दीवारें। यदि आप अपनी गलतियों को पहचानना चाहते हैं तो आपको दर्पण के सामने केबल स्क्वाट करना चाहिए और इसे पहचानना चाहिए।
ट्रेनर सपोर्ट का इस्तेमाल करें- ट्रेनर को वर्कआउट के हर स्टेप की सही जानकारी होती है। वे आपकी गलतियों को आसानी से पहचान लेते हैं। मैं आपको ट्रेनर / कोच की निगरानी में हर पूर्ण केबल स्क्वाट वर्कआउट करने की सलाह देता हूं।
Benefits And Results of Doing Cable Squats-
स्क्वाट्स एक अविश्वसनीय अभ्यास है। केबल स्क्वाट बॉडीवेट स्क्वाट का उन्नत संस्करण है। केबल स्क्वाट से आपको निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं -
अच्छी जांघों की मांसपेशियां - केबल स्क्वाट के दौरान बॉडीवेट स्क्वैट्स की तुलना में थिग्स की मांसपेशियों पर भार अधिक पड़ता है। इस वजह से, आप तेजी से जांघों की मांसपेशियों का आकार प्राप्त कर सकते हैं।
वसा की हानि - केबल स्क्वाट एक भारी व्यायाम है, इस अभ्यास के माध्यम से, आप अतिरिक्त वसा को खो सकते हैं, जांघों और ग्लूट्स कर सकते हैं। वसा खोने के लिए आपको कसरत के साथ आहार पर भी ध्यान देना चाहिए।
कोर स्ट्रेंथ - केबल स्क्वाट वर्कआउट भी आपको अपने कोर को मजबूत बनाने में मदद करता है। केबल स्क्वाट वर्कआउट के दौरान आप आसानी से कोर पर दबाव महसूस कर सकते हैं। और याद रखें कि आपको पूरे वर्कआउट के दौरान अपने कोर को टाइट रखना चाहिए।
अच्छा लोअर बॉडी शेप - इस वर्कआउट को नियमित रूप से करने से आपको लोवर बॉडी के शेप को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इस वर्कआउट के जरिए आप अपने पैर को सुडौल बना सकते हैं।
स्क्वाट्स में वृद्धि - केबल स्क्वेट्स वर्कआउट आपको सभी प्रकार के स्क्वेट्स को बेहतर बनाने में मदद करता है। नियमित रूप से केबल स्क्वाट करने के बाद, आप आसानी से बारबेल स्क्वाट्स वर्कआउट, बॉडीवेट स्क्वेट्स वर्कआउट में सुधार महसूस कर सकते हैं।
नया और प्रभावशाली - ऐसे कई लोग हैं जिनके लिए यह स्क्वाट टाइप नया है। शुरुआती लोगों के लिए, यह स्क्वाट बहुत दिलचस्प है। और केबल स्क्वाट आंदोलन वास्तव में अन्य लोगों को प्रभावित करता है।
परिणाम - केबल स्क्वाट से आपका लाभ बहुत प्रभावशाली और अविश्वसनीय है। ऐसे कई लोग हैं जो बारबेल स्क्वाट्स की तुलना में सभी स्क्वैट्स का लाभ तेजी से प्राप्त करते हैं। कोई भी कसरत परिणाम कसरत के कार्यक्रम, आहार और आराम पर निर्भर करता है। केबल स्क्वाट के साथ भी ऐसा ही होता है, परिणाम के लिए आपको आहार पर ध्यान देना चाहिए और कसरत के साथ आराम करना चाहिए।
केबल स्क्वाट परिणाम प्राप्त करने के रास्ते में मुख्य 2 प्रकार की बाधाएँ हैं -
अनुचित कसरत, आहार और आराम
केबल स्क्वाट के दौरान गलतियाँ
Schedule Of Cable Squats Workout-
कई प्रकार के प्रशिक्षक हैं जो लोगों को प्रतिदिन केबल स्क्वाट कसरत करने का सुझाव देते हैं। यह पूरी तरह से गलत है। रोजाना केबल स्क्वाट वर्कआउट करने की आवश्यकता नहीं है। अगर आप पैरों की कसरत के दिन केबल स्क्वाट वर्कआउट कर रहे हैं तो यह आपके लिए पर्याप्त है। यदि आप इसे और अधिक करना चाहते हैं तो आप इसे कोर वर्कआउट डे पर भी कर सकते हैं।
केबल स्क्वाट वर्कआउटशुरुआतीमध्यस्थउन्नत
सेट2-33-44-5
repetitions10-1215-2025-30
यदि आप केबल स्क्वाट वर्कआउट के इस अद्भुत शेड्यूल का पालन कर रहे हैं तो आप स्क्वाट के सभी आश्चर्यजनक लाभ आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यह शेड्यूल 100+ प्रशिक्षकों की सलाह लेने के बाद बनाया गया है। यह समय सारणी सभी प्रकार के लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, खासकर शुरुआती लोगों के लिए।
यह केबल स्क्वाट / केबल स्क्वेट्स वर्कआउट की पूरी गाइड है। इसे पढ़ने के बाद आपको केबल स्क्वाट वर्कआउट के लिए किसी भी प्रकार के अतिरिक्त मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं थी। केबल स्क्वैट्स के प्रत्येक चरण को ध्यान से करें। अगर आप यह केबल मशीन खरीदते हैं तो आप इस वर्कआउट को घर पर भी कर सकते हैं। मुझे आशा है कि आपको केबल स्क्वाट्स वर्कआउट की यह गहरी व्याख्या पसंद आएगी
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omthedevinename · 4 years ago
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Salt vs Sugar : नमक और चीनी कितना खाएं, अधिक एवं कम खाने के नुकसान-फायदे भी जानें नमक/चीनी, दोनों को किस मात्रा में खाना चाहिए और दोनों किस तरह से सेहत के लिए फायदेमंद एवं नुकसानदायक हैं, यह भी जानना जरूरी है। वजन बढ़ना एक बड़ी परेशानी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर आप इकट्ठा ना खाकर थोड़ी-थोड़ी देर में और संतुलित खाना खाते हैं, तो आपका वजन घटना शुरू हो जाता है। किसी भी भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए नमक और चीनी दोनों की ही जरूरत होती (Salt vs Sugar) है। लेकिन, दोनों को किस मात्रा में खाना चाहिए, दोनों (Salt vs Sugar) किस तरह से सेहत के लिए फायदेमंद और नुकसानदायक हैं, यह भी जानना जरूरी है। चीनी या नमक (Salt vs Sugar) कोई भी कम या ज्यादा खाई जाए, तो शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। शरीर के लिए कितना जरूरी है नमक हमारे शरीर को नमक की कुछ मात्रा जरूर चाहिए होती है, क्योंकि नमक (salt and sugar benefits) से आवश्यक तत्वों की जरूरत पूरी होती है। भारत में औसतन हर कोई दिन में 15 ग्राम के आसपास नमक खाता है, जबकि इंसान को सिर्फ 6 ग्राम नमक ही खाना चाहिए। सोडियम शरीर के विकास के लिए अत्यंत जरूरी तत्त्व है, लेकिन सोडियम का जरूरत से ज्यादा प्रयोग एक नहीं बल्कि अनेक समस्याओं को जन्म देता है जैसे, अस्थमा, छाती में जलन, अस्थि रोग, सूजन, उच्च रक्तचाप आदि। इन सब रोगों से बचने के लिए हमें नमक का प्रयोग बहुत सोच-समझ कर करना चाहिए। नमक की कमी से क्या होता है? शरीर में नमक की कमी की वजह से (Deficiency of sodium) मांसपेशियों में ऐंठन, सिर चकराना और पैरों आदि में सूजन जैसी परेशानियां हो सकती हैं, जो आगे चलकर गंभीर स्नायु रोग का रूप धारण कर सकती हैं। नमक शरीर की हड्डियों और दिल से संबंधित बीमारियों से भी बचाता है। इससे शरीर में तरल मात्रा बनी रहती है और शरीर का इलेक्ट्रोलाइट और पीएच लेवल बना रहता है। अगर आप अपना वजन नहीं कम कर पा रहे हैं तो इसका कारण नमक भी हो सकता है। यदि आप अपने खाने में नमक की कटौती करते हैं, तो आपका वजन शुरुआत में तो काफी जल्दी से घटता है, लेकिन वह आपका फैट नहीं कम करता। अधिक नमक फैट बढ़ाता है ज्यादा नमक खाने से प्यास ज्यादा लगती है, प्यास ज्यादा लगने से अक्सर लोग कोई ना कोई पेय-पदार्थ लेते हैं, जिससे शरीर की कैलोरी बढ़ती हैं। ज्यादा नमक खाने से ओवरईटिंग की समस्या होती है और ज्यादा सोडियम डाइट लेने से शरीर का फैट बढ़ता है। चीनी कितना है जरूरी वहीं, अगर बात मीठे की हो तो मीठा हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इससे हमारें शरीर को शक्ति व ऊर्जा प्राप्त होती (at ताज नगरी) https://www.instagram.com/p/CFqooiTMCPS/?igshid=1gnq21z3dagh7
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dassashoktera · 4 years ago
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वीरासन करने का तरीका – Virasana (Hero Pose) karne ka tarika in Hindi प्रत्येक व्यक्ति वीरासन के लाभ को जानकर इस आसन को करना चाहता हैं। यह मनुष्य के शरीर को स्वस्थ रखने के लिय एक बहुत ही अच्छा आसन हैं, इस आसन को करने के लिए आपके पैरों को लचीला होना आवश्यक होता हैं। आइये इस आसन को करने की स्टेप को विस्तार से जानते हैं – वीरासन करने के लिए आप सबसे पहले किसी स्थान पर योगा मैट बिछा के घुटनों को टेक के बैठ जाएं या आप इसके लिए वज्रासन में भी बैठ ���कते हैं। पैरों की उंगलियां बाहर की ओर रखें। अपने दोनों हाथों को सीधा करके दोनों घुटनों पर रखें। अब अपने दोनों घुटनों को पास-पास लाएं जिससे आपके दोनों पैरों के बीच दूरी बन जाये, यह दूरी आपके हिप्स की चौड़ाई से अधिक होनी चाहिए जिससे आपके हिप्स आराम से जमीन पर आ सकें। अपने दोनों पिंडली को जांघों से बाहर की ओर रखें। अब धीरे-धीरे जमीन पर अपने हिप्स को रखने की कोशिश करें। अगर आपको अपने हिप्स को शूरुआत में जमीन पर रखने में कठिनाई होती हैं तो आप किसी छोटे तकिये का प्रयोग अपने हिप्स के नीचे रखने के लिए कर सकते हैं। सुनिश्चित करें की आपको इस स्थिति में किसी भी प्रकार का दर्द या घुटने में दर्द का एहसास तो नहीं होता हैं। वीरासन के लाभ घुटनों के मजबूत करने के लिए – virasana to वीरासन करने के लिए आपको घुटनों पर जोर देके बैठना पड़ता हैं जिससे घुटने की मांसपेशियों पर खिचाव पड़ता हैं जो की आपके के घुटनों के दर्द को खत्म करता हैं और इसके साथ उनको मजबूत भी करता हैं। वीरासन हमारी पाचन क्रिया को मजबूत करता हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता हैं। इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट में बनाने वाली गैस से हमें छुटकारा मिलता हैं साथ ही यह अन्य पेट में होने वाली समस्या जैसे कब्ज, अपच, दस्त, पेट के ऐंठन आदि के लिए आरामदायक होता हैं। महिलाओं के लिए अनेक प्रकार से वीरासन लाभदायक होता हैं। यह रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म का बन्द होना) जैसी समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए लाभदायक हैं इसके साथ यह गर्भावस्था के दौरान पैरों की सूजन (दूसरे तिमाही के माध्यम से) को कम करता हैं। यह आसन उच्च रक्तचाप को ठीक करने में मदद करता हैं, इसेक अलावा यह अस्थमा, और फ्लैट पैर (flat feet) आदि के समस्या में मदद करता हैं। यह पैरों में रक्त के संचालन में सुधार करता हैं और थके हुए पैरों को रहत देता हैं। आज के दौर में हर लड़की अपने हिप्स को बड़ा करना चाहती हैं, वीरासन हिप्स को बड़ा करने के लिए एक अच्छा आसन हैं। इसके अलावा यह आसन नियमित अभ्यास से आपकी जांघों को भी फ़ैलाने में भी मदद करता हैं। वीरासन https://www.instagram.com/p/CB6ME4Yh7kh/?igshid=jjd781bijrns
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