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पुणे में आराम? महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने यह कहा
पुणे में आराम? महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने यह कहा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को संकेत दिया कि पुणे को सोमवार से कुछ छूट मिलने की संभावना है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, साप्ताहिक कोविड समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया। वर्तमान में, जिले में लेवल 3 प्रतिबंध लागू हैं। पवार ने कहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ विचार-विमर्श के बाद COVID छूट पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। “कोविड समीक्षा बैठक में थी [a] सोमवार…
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दिल्ली से बंगाल तक, राज्यों ने कोविड -19 लॉकडाउन में ढील दी क्योंकि मामलों में गिरावट आई
दिल्ली से बंगाल तक, राज्यों ने कोविड -19 लॉकडाउन में ढील दी क्योंकि मामलों में गिरावट आई
जैसा कि देश भर में कोविड -19 मामलों में गिरावट की प्रवृत्ति दिखाई दे रही है, कई राज्य जिन्होंने वायरस का मुकाबला करने और उन्हें रोकने के लिए लॉकडाउन का सहारा लिया था, वे धीरे-धीरे खुल रहे हैं। हालाँकि, अधिकांश सरकारों ने कहा है कि “अनलॉक” चरणबद्ध तरीके से होगा ताकि भीड़ या सभाओं से बचा जा सके जिससे फिर से वृद्धि हो सकती है। तालाबंदी के कारण पुणे शहर की सड़कें वीरान दिखती हैं। (एक्सप्रेस फोटो: पवन…
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राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 40 हजार के पार, आज 2345 मरीज मिलने के बाद कुल आंकड़ा 41,642 हुआ
राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 40 हजार के पार, आज 2345 मरीज मिलने के बाद कुल आंकड़ा 41,642 हुआ
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राज्य में 4 लाख लोग क्वारेंटाइन, अब तक 10 हजार से ज्यादा ठीक हुए; संक्रमण से दो और पुलिसकर्मियों की मौत
धारावी में बुधवार को संक्रमण के 25 नए मामले सामने आए, यहां कुलिटेन्स का आंकड़ा 1378 पर पहुंच गया
राज्य में अब तक संक्रमण से 1390 लोगों की जान जा चुकी है, इनमें सबसे ज्यादा मुंबई में 841 रोगियों की दम तोड़ा है
दैनिक भास्कर
21 मई, 2020, 08:55 PM IST
मुंबई। महाराष्ट्र में विविधताओं की…
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पुणे: 7 महीने पहले पड़ा था लकवा का अटैक, उम्र 92 साल, कोरोना को दी मात एक ओर जहां कोरोना वायरस के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं वहीं महाराष्ट्र के पुणे की एक 92 साल की महिला ने कोरोना से जंग जीत ली है। यह एक अच्छी खबर इसलिए भी है क्योंकि सात महीने पहले महिला लकवाग्रस्त भी हो गई है।
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ग्रॉसर्स याद करते हैं कि पाठकों ने लॉकडाउन के दौरान क्या नहीं किया: अखबार
ग्रॉसर्स याद करते हैं कि पाठकों ने लॉकडाउन के दौरान क्या नहीं किया: अखबार
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द्वारा लिखित अतीक राशिद | पुणे | 24 सितंबर, 2020 9:15:10 बजे
समाचार पत्र रेड्डी व्यापक रूप से ग्रॉसर्स और स्नैक-विक्र��ताओं द्वारा एक सुविधाजनक और सस्ते पैकेजिंग सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है।
अखबारों, विक्रेताओं और स्थानीय स्क्रैप डीलरों के प्रिंट और संचलन को बाधित करने के शुरुआती महीनों के साथ, जिनकी आजीविका…
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#अखबार की छपाई#अखबार स्क्रैप व्यवसाय#कोविद लॉकडाउन प्रिंटिंग प्रेस#भारत लॉकडाउन अखबार की आपूर्ति#समाचार पत्र पुनर्चक्रण
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मुंबई दिल्ली कोरोनावायरस न्यूज़ | कोरोनवायरस वायरस का प्रकोप भारत में रहता है; महाराष्ट्र पुणे मध्य प्रदेश इंदौर राजस्थान उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब बिहार उपन्यास कोरोना (COVID-19) डेथ टोल इंडिया टुडे | 24 घंटे में रिकॉर्ड 52 हजार 263 मरीज बढ़े; त्रिपुरा में 4 और महाराष्ट्र में 31 अगस्त तक लॉकडाउन को रखा गया; देश में अब 15.84 लाख केस
मुंबई दिल्ली कोरोनावायरस न्यूज़ | कोरोनवायरस वायरस का प्रकोप भारत में रहता है; महाराष्ट्र पुणे मध्य प्रदेश इंदौर राजस्थान उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब बिहार उपन्यास कोरोना (COVID-19) डेथ टोल इंडिया टुडे | 24 घंटे में रिकॉर्ड 52 हजार 263 मरीज बढ़े; त्रिपुरा में 4 और महाराष्ट्र में 31 अगस्त तक लॉकडाउन को रखा गया; देश में अब 15.84 लाख केस
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हिंदी समाचार
राष्ट्रीय
मुंबई दिल्ली कोरोनावायरस न्यूज़ | कोरोनवायरस वायरस का प्रकोप भारत में रहता है; महाराष्ट्र पुणे मध्य प्रदेश इंदौर राजस्थान उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब बिहार उपन्यास कोरोना (COVID 19) डेथ टोल इंडिया टुडे
नई दिल्ली11 मिनट पहले
बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को एक बच्चे का स्वैब सैंपल स्वास्थ्यकर्मी लेता है। राज्य में अब तक 43 हजार से ज्यादा राजस्व मिले हैं।
दे…
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कोरोना का असरः मुंबई में लोकल ट्रेन बंद, आज नहीं छपेगा अखबार
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कोरोना का असरः मुंबई में लोकल ट्रेन बंद, आज नहीं छपेगा अखबार
महाराष्ट्र में सर्वाधिक 74 मामले सामने आए
मुंबई में लॉकडाउन के कारण धारा 144 लागू
कोरोना वायरस लगभग पूरे देश में फैल चुका है और इसका सबसे ज्यादा असर अब तक महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है. इस राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है. वहीं राजधानी मुंबई में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते मुंबई में कई सेवाएं प्रभावित होने वाली हैं. इस बीच आज सोमवार को मुंबई में कोई अखबार नहीं छपेगा.
मुंबई में आज कोई अखबार नहीं छपेगा क्योंकि कोरोना वायरस के कारण लोकल ट्रेनों पर रोक और लॉकडाउन की वजह से हॉकर्स ने अखबार उठाने से मना कर दिया है. इस कारण से आज कोई अखबार प्रिंट नहीं होगा, हालांकि इसका ई-पेपर और ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध रहेगा.
वितरकों की बैठक आज
अखबार वितरण को लेकर आज वितरकों की एक और बैठक होने वाली है, जि��में आगे की कार्रवाई पर कोई फैसला लिया जा सकता है.
मायानगरी में भी लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है, जिसके तहत सड़कों पर एक साथ 5 या 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है. वहीं महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में धारा 144 लागू करने का ऐलान किया है. जबकि मुंबई में लॉकडाउन के चलते कुछ जरूरी सेवाएं कुछ दिनों तक बंद रहेंगी.
मुंबई में लॉकडाउन के कारण धारा 144 लागू कर दिया गया है. इसके अलावा लोकल ट्रेन, इंटरसिटी ट्रेन, मेट्रो, राज्य परिवहन की बसें और इंटर स्टेट यात्रा करने वाली निजी बसें बंद रहेंगी.
इसे भी पढ़े���: कौन और कब करा सकता है कोरोना का टेस्ट? सरकार ने बनाए ये नियम
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31 मार्च तक प्रतिष्ठान बंद
साथ ही मुंबई, नवी मुंबई, कल्याण, ठाणे, पुणे, पिंपरी चिंचवाड़ और नागपुर में सभी प्रतिष्ठान 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं. यहां तक मुंबई में अतंरराष्ट्रीय उड़ानों की लैंडिंग पर रोक लगा दी गई है.
हालांकि इस दौरान दैनिक आवश्यकताएं, किराने का सामान, दूध और सब्जी की आपूर्ति करने वाली दुकानें खुली रहेंगी. यहां तक बैंक खुले रहेंगे लेकिन वहां बैंककर्मियों की संख्या 25 फीसदी से भी कम रहेगी.
नगरपालिका के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सब्जी बाजार, किराना स्टोर, अस्पताल, मेडिकल शॉप खुले रहेंगे. दूध और समाचार पत्रों का वितरण जारी रहेगा. घरेलू गैस और पेट्रोल पंप भी खुले रहेंगे. लेकिन 31 मार्च तक केवल 12 घंटे ही ईंधन लिया जा सकेगा.
महाराष्ट्र में अब तक कितने मामले?
बता दें कि देश में अब तक 390 से ज्यादा कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मरीजों के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. राज्य में अब तक 74 मामले सामने आ चुके हैं. इसमें 5 मरीजों का इलाज हो चुका है जबकि 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है.
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Lockdown 4.0 in Maharashtra: पंजाब के बाद अब महाराष्ट्र ने 31 मई तक बढ़ाया लॉकडाउन कोरोनावायरस के कहर के बीच महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने का फैसला लिया है। पंजाब के बाद अब महाराष्ट्र ने लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया है। राज्य के मुख्य सचिव अजय मेहता ...। Image Source link
#उद्धव ठाकरे#कोरोनाइरस#कोरोनावाइरस#पंजाब#पालघर#पुणे#महाराष्ट्र#महाराष्ट्र तालाबंदी#महाराष्ट्र ने लॉकडाउन की शुरुआत की#महाराष्ट्र में तालाबंदी#मुंबई#लॉकडाउन#लॉकडाउन 4.0#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान#हिन्दी में समाचार#हिन्दुस्तान
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मजदूरों से नहीं राज्य सरकारों से लिया जा रहा 15% किराया आलोचनाओं के बीच रेलवे ने दी सफाई
नई दिल्ली: रेल यात्रा के लिए प्रवासी मजदूरों से किराया वसूलने के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में राजनीति शुरू गई है। इसी बीच सोमवार (4 मई) को रेलवे ने सफाई देते हुए कहा कि उसने प्रवासी मजदूरों से कोई किराया नहीं वसूला है। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेचा है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे राज्य सरकारों से केवल मानक किराया वसूल रहा है, जो रेलवे की कुल लागत का महज 15% है। रेलवे ने केवल राज्यों द्वारा प्रदान की गई सूचियों के आधार पर यात्रियों को ट्रेनें में यात्रा की अनुमति दी है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रेल मंत्रालय के सूत्रों के बताया है कि रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से अब तक 34 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं और संकट के इस समय में विशेष रूप से गरीब से गरीब लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है। बता दें कि रेलवे श्रमिक स्पे��ल ट्रेन में स्लीपर श्रेणी के टिकट का किराया, 30 रुपए सुपर फास्ट शुल्क और 20 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लगा रही है।कांग्रेस की प्रदेश इकाइयां प्रवासी मजदूरों के घर लौटने का खर्च वहन करेंगी: सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों से रेलवे द्वारा किराया वसूले जाने पर दुख प्रकट करते हुए सोमवार को कहा कि अब इन मजदूरों के लौटने पर होने वाले खर्च का वहन पार्टी की प्रदेश इकाइयां करेंगी। उन्होंने यह सवाल भी किया कि जब रेल मंत्रालय ‘पीएम केयर्स’ कोष में 151 करोड़ रुपये का योगदान दे सकता है तो श्रमिकों को बिना किराये के यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकता।
सोनिया ने ���क बयान में कहा, ‘‘श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए।’राहुल गांधी का रेलवे पर निशाना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया, 'एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से किराया वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपये का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए! वहीं, राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा, कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के चलते श्रमिक, मजदूर पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते लोगों की नौकरियां छिन गई है, उनके रोजगार समाप्त हो गये हैं और काम-धंधे ठप्प हो गये हैं। श्रमिकों, मजदूरों एवं कामगारों ने जो थोड़ी-बहुत बचत की थी, वर्तमान परिस्थिति के चलते वह भी राशन एवं रोजमर्रा की जरूरत की चीजों में खर्च हो चुकी है।
इस दौरान उनकी कोई आमदनी भी रही नहीं है। ऐसे विपरीत हालातों में उन्हें अपने-अपने घरों तक पहुंचाने के लिए उनसे रेल किराया नहीं लिया जाना चाहिए जिससे वे अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बच सके।पायलट कहा है कि कोरोना महामारी के चलते श्रमिकों एवं मजदूरों को आर्थिक सम्बल देते हुए केन्द्र सरकार को चाहिए कि उनको अपने-अपने घरों तक पहुंचाने के लिए रेल किराया भारतीय रेल या पी।एम। केयर फण्ड द्वारा वहन किया जाये।महाराष्ट्र CM ठाकरे ने मोदी सरकार से किया अनुरोध महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र को भेजे गए एक पत्र में रविवार देर रात कहा कि राज्य के विभिन्न ��ेंद्रों में 40 दिनों तक करीब पांच लाख प्रवासी कामगारों को खाना और रहने की जगह दी गई और अब उन्होंने मौजूदा हालात को देखते हुए अपने घर जाने की इच्छा व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इन लोगों के पास बीते कुछ हफ्तों से आय का कोई स्रोत नहीं है। इसलिये मानवीय आधार पर केंद्र को उनसे यात्रा का किराया नहीं लेना चाहिए।” उन्होंने कहा कि कई गैर सरकारी संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता आदि प्रवासी कामगारों की ट्रेन टिकटों का खर्च उठाने के लिये आगे आ रहे हैं। ठाकरे ने संबंधित प्रदेश अधिकारियों से भी कहा कि अगर केंद्र मुंबई, ठाणे और पुणे जैसे शहरों से प्रवासी कामगारों को उनके घर भेजने के लिये ट्रेन चलाने का फैसला करता है तो उन्हें बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगारों के समूहों को संभालने के लिये तैयार रहना होगा। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने पहले ही रेल मंत्रालय से अनुरोध किया था कि वह प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने में आने वाले खर्च को वहन करे।
राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का किराया वसूलने के लिए कहने पर नेताओं ने की रेलवे की आलोचना नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘यदि आप कोविड-19 संकट के दौरान विदेश में फंसे हुए हैं तो यह सरकार आपको विमान से निशुल्क वापस लायेगी लेकिन यदि आप एक प्रवासी श्रमिक हैं और किसी अन्य राज्य में फंसे हैं तो आप यात्रा का किराया (सामाजिक दूरी की कीमत के साथ) चुकाने के लिए तैयार रहें। ‘पीएम केयर्स’ कहां गया? माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने राज्यों पर भार डालने के लिए केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों की जो स्थिति हुई है, वह केन्द्र द्वारा लॉकडाउन की अचानक घोषणा करने के कारण हुई है। येचुरी ने कहा, ‘‘यह बहुत ही अनुचित है कि पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाल दी गई है। राज्यों के कारण यह समस्या खड़ी नहीं हुई है। संसद में सरकार ने कहा था कि विदेशों में फंसे हुए भारतीयों को स्वदेश वापस लाने की पूरी लागत वहन की जायेगी।
इसी तरह प्रवासी श्रमिकों को भी वापस लाया जाना चाहिए।’’ यात्रा के लिए शुल्क लिये जाने के निर्णय की निंदा करते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि आपदा के समय गरीबों का शोषण करना साहूकारों का काम है न कि सरकार का।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा सरकार द्वारा गरीबों, असहाय श्रमिकों से उन्हें ट्रेन से वापस भेजने के लिए पैसे लेने की खबरें शर्मनाक है। आज यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा, जो पूंजीपतियों का अरबों का कर्ज माफ कर देती है, वह अमीरों के साथ है और गरीबों के खिलाफ ��ै । आपदा के समय साहूकारों का काम होता है शोषण करना न कि सरकार का।' कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि उनकी पार्टी श्रमिकों के ट्रेन किराये के भुगतान के लिए राज्य सरकार को मदद उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।
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TOI मुंबई और पुणे में वापस आ गया है | इंडिया न्यूज़ - टाइम्स ऑफ़ इंडिया
TOI मुंबई और पुणे में वापस आ गया है | इंडिया न्यूज़ – टाइम्स ऑफ़ इंडिया
आपका पसंदीदा अखबार, द टाइम्स ऑफ इंडिया, लॉकडाउन के पहले सप्ताह में पेपर देने में लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण एक छोटे से ब्रेक के बाद वापस मुंबई और पुणे में है। प्रधानमंत्री ने बार-बार मीडिया से बात की हैएक आवश्यक सेवा के रूप में, और पिछले कई पखवाड़े में इसे वापस करने के लिए कई केंद्र सरकार के आदेश जारी किए गए हैं – समाचार एकत्र करने और वितरण कर्मचारियों को लॉकडाउन से मुक्त करने, और राज्यों को…
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मुंबई में लॉकडाउन: लोकल ट्रेन समेत जानिए क्या रहेगा बंद, कौन सी सेवा जारी रहेगी - Corona virus majarashtra mumbai lockdown uddhav thackeray
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मुंबई में लॉकडाउन: लोकल ट्रेन समेत जानिए क्या रहेगा बंद, कौन सी सेवा जारी रहेगी - Corona virus majarashtra mumbai lockdown uddhav thackeray
बढ़ रहे हैं कोरोना वायरस के मामले
मुंबई में भी लॉकडाउन का ऐलान
देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. देश में महाराष्ट्र ऐसा राज्य है, जहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है. वहीं मुंबई में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है. ऐसे में मुंबई में लॉकडाउन के चलते कई सेवाएं प्रभावित होने वाली हैं.
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस आम सर्दी-जुकाम से कितना अलग? ये होते हैं लक्षण
लॉकडाउन के तहत सड़कों पर एक साथ पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है. वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के शहरी क्षेत्रों में धारा 144 लागू करने का ऐलान किया है. मुंबई में लॉकडाउन के चलते कुछ जरूरी सेवाएं कुछ दिनों तक बंद रहेंगी.
ये सेवा रहेगी बंद
1. धारा 144 लागू. लोगों के इकट्ठा होने पर रोक.
2. लोकल ट्रेनें, इंटरसिटी ट्रेनें, मेट्रो, राज्य परिवहन बसें और इंटर स्टेट यात्रा करने वाली निजी बसें बंद रहेंगी.
3. मुंबई, नवी मुंबई, कल्याण, ठाणे, पुणे, पिंपरी चिंचवाड़, नागपुर में सभी प्रतिष्ठान 31 मार्च तक बंद.
4. मुंबई में अतंरराष्ट्रीय उड़ानों की लैंडिंग पर रोक.
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ये सेवाएं खुली रहेंगी
1. दैनिक आवश्यकताएं, किराने का सामान, दूध और सब्जी की आपूर्ति वाली दुकानें खुली रहेंगी.
2. बैंक खुले रहेंगे. बैंकों में कमर्चारियों की संख्या 25 फीसदी से कम होगी.
3. नगरपालिका के दिशानिर्देशों के मुताबिक वेजिटेबल मार्केट, किराना स्टोर, अस्पताल, मेडिकल शॉप खुले रहेंगे. दूध और समाचार पत्रों का वितरण जारी रहेगा.
4. गैर-जरूरी सरकारी सेवाएं 5 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करेंगी.
5. इंटर सिटी बस सेवाएं केवल उन लोगों के लिए जारी रहेंगी जो आवश्यक सेवाओं के लिए काम कर रहे हैं.
6. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में काम जारी रहेगा.
7. केवल 5 फीसदी सरकारी कर्मचारी काम करना जारी रखेंगे.
8. घरेलू गैस और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे. लेकिन 31 मार्च तक केवल 12 घंटे ही ईंधन लिया जा सकेगा.
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया कि ये प्रावधान केवल 31 मार्च तक के लिए हैं. अगर जरूरत पड़ी तो इसे आगे के लिए बढ़ाया भी जा सकता है. बता दें कि कोरोना वायरस के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं. राज्य सरकार ने राजधानी मुंबई समेत चार शहरों में लॉकडाउन की घोषणा की है.
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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘महाराष्ट्र कोरोना वायरस की महामारी के सबसे खतरनाक चरण में पहुंच गया है, इसलिए लोगों से आग्रह है कि वे कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एहतियात के सभी कदम उठाएं और अपना ख्याल रखें. जो लोग सेल्फ क्वारनटीन में हैं, उनसे आग्रह है कि वे घरों में रहें. अगर हम बचे तो वायरस आगे नहीं पनप पाएगा. हमें घर पर भी आइसोलेशन में ही रहना चाहिए. जांच की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं.
महाराष्ट्र में कितने मामले?
बता दें कि देश में अब तक 390 से ज्यादा कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. वहीं महाराष्ट्र में अब तक कोरोना वायरस के मरीजों के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले हैं. महाराष्ट्र में अब तक 74 मामले सामने आए हैं. इसमें 5 मरीजों का इलाज हो चुका है तो वहीं 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है.
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मजदूरों से नहीं राज्य सरकारों से लिया जा रहा 15% किराया आलोचनाओं के बीच रेलवे ने दी सफाई
नई दिल्ली: रेल यात्रा के लिए प्रवासी मजदूरों से किराया वसूलने के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में राजनीति शुरू गई है। इसी बीच सोमवार (4 मई) को रेलवे ने सफाई देते हुए कहा कि उसने प्रवासी मजदूरों से कोई किराया नहीं वसूला है। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेचा है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे राज्य सरकारों से केवल मानक किराया वसूल रहा है, जो रेलवे की कुल लागत का महज 15% है। रेलवे ने केवल राज्यों द्वारा प्रदान की गई सूचियों के आधार पर यात्रियों को ट्रेनें में यात्रा की अनुमति दी है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रेल मंत्रालय के सूत्रों के बताया है कि रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से अब तक 34 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं और संकट के इस समय में विशेष रूप से गरीब से गरीब लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है। बता दें कि रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन में स्लीपर श्रेणी के टिकट का किराया, 30 रुपए सुपर फास्ट शुल्क और 20 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लगा रही है।कांग्रेस की प्रदेश इकाइयां प्रवासी मजदूरों के घर लौटने का खर्च वहन करेंगी: सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों से रेलवे द्वारा किराया वसूले जाने पर दुख प्रकट करते हुए सोमवार को कहा कि अब इन मजदूरों के लौटने पर होने वाले खर्च का वहन पार्टी की प्रदेश इकाइयां करेंगी। उन्होंने यह सवाल भी किया कि जब रेल मंत्रालय ‘पीएम केयर्स’ कोष में 151 करोड़ रुपये का योगदान दे सकता है तो श्रमिकों को बिना किराये के यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकता।
सोनिया ने एक बयान में कहा, ‘‘श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए।’राहुल गांधी का रेलवे पर निशाना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया, 'एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से किराया वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपये का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए! वहीं, राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा, कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के चलते श्रमिक, मजदूर पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते लोगों की नौकरियां छिन गई है, उनके रोजगार समाप्त हो गये हैं और काम-धंधे ठप्प हो गये हैं। श्रमिकों, मजदूरों एवं कामगारों ने जो थोड़ी-बहुत बचत की थी, वर्तमान परिस्थिति के चलते वह भी राशन एवं रोजमर्रा की जरूरत की चीजों में खर्च हो चुकी है।
इस दौरान उनकी कोई आमदनी भी रही नहीं है। ऐसे विपरीत हालातों में उन्हें अपने-अपने घरों तक पहुंचाने के लिए उनसे रेल किराया नहीं लिया जाना चाहिए जिससे वे अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बच सके।पायलट कहा है कि कोरोना महामारी के चलते श्रमिकों एवं मजदूरों को आर्थिक सम्बल देते हुए केन्द्र सरकार को चाहिए कि उनको अपने-अपने घरों तक पहुंचाने के लिए रेल किराया भारतीय रेल या पी।एम। केयर फण्ड द्वारा वहन किया जाये।महाराष्ट्र CM ठाकरे ने मोदी सरकार से किया अनुरोध महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र को भेजे गए एक पत्र में रविवार देर रात कहा कि राज्य के विभिन्न केंद्रों में 40 दिनों तक करीब पांच लाख प्रवासी कामगारों को खाना और रहने की जगह दी गई और अब उन्होंने मौजूदा हालात को देखते हुए अपने घर जाने की इच्छा व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इन लोगों के पास बीते कुछ हफ्तों से आय का कोई स्रोत नहीं है। इसलिये मानवीय आधार पर केंद्र को उनसे यात्रा का किराया नहीं लेना चाहिए।” उन्होंने कहा कि कई गैर सरकारी संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता आदि प्रवासी कामगारों की ट्रेन टिकटों का खर्च उठाने के लिये आगे आ रहे हैं। ठाकरे ने संबंधित प्रदेश अधिकारियों से भी कहा कि अगर केंद्र मुंबई, ठाणे और पुणे जैसे शहरों से प्रवासी कामगारों को उनके घर भेजने के लिये ट्रेन चलाने का फैसला करता है तो उन्हें बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगारों के समूहों को संभालने के लिये तैयार रहना होगा। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने पहले ही रेल मंत्रालय से अनुरोध किया था कि वह प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने में आने वाले खर्च को वहन करे।
राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का किराया वसूलने के लिए कहने पर नेताओं ने की रेलवे की आलोचना नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘यदि आप कोविड-19 संकट के दौरान विदेश में फंसे हुए हैं तो यह सरकार आपको विमान से निशुल्क वापस लायेगी लेकिन यदि आप एक प्रवासी श्रमिक हैं और किसी अन्य राज्य में फंसे हैं तो आप यात्रा का किराया (सामाजिक दूरी की कीमत के साथ) चुकाने के लिए तैयार रहें। ‘पीएम केयर्स’ कहां गया? माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने राज्यों पर भार डालने के लिए केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों की जो स्थिति हुई है, वह केन्द्र द्वारा लॉकडाउन की अचानक घोषणा करने के कारण हुई है। येचुरी ने कहा, ‘‘यह बहुत ही अनुचित है कि पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाल दी गई है। राज्यों के कारण यह समस्या खड़ी नहीं हुई है। संसद में सरकार ने कहा था कि विदेशों में फंसे हुए भारतीयों को स्वदेश वापस लाने की पूरी लागत वहन की जायेगी।
इसी तरह प्रवासी श्रमिकों को भी वापस लाया जाना चाहिए।’’ यात्रा के लिए शुल्क लिये जाने के निर्णय की निंदा करते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि आपदा के समय गरीबों का शोषण करना साहूकारों का काम है न कि सरकार का।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा सरकार द्वारा गरीबों, असहाय श्रमिकों से उन्हें ट्रेन से वापस भेजने के लिए पैसे लेने की खबरें शर्मनाक है। आज यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा, जो पूंजीपतियों का अरबों का कर्ज माफ कर देती है, वह अमीरों के साथ है और गरीबों के खिलाफ है । आपदा के समय साहूकारों का काम होता है शोषण करना न कि सरकार का।' कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि उनकी पार्टी श्रमिकों के ट्रेन किराये के भुगतान के लिए राज्य सरकार को मदद उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।
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