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#पानी का नमूना
gkbfact · 6 months
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मैकेंज़ी झील पृथ्वी पर सबसे स्वच्छ झीलों में से एक क्यों है?
लेक मैकेंज़ी ऑस्ट्रेलिया के फ़्रेज़र द्वीप पर स्थित प्रकृति का एक अनोखा और अद्भुत नमूना है। इसके बारे में आश्चर्यजनक बात यह है कि इसे ग्रह पर सबसे स्वच्छ जल निकायों में से एक माना जाता है। यह समुद्र तल से 100 मीटर ऊपर है, जिससे यह भूजल तक पहुंच योग्य नहीं है। और झील में पानी का एकमात्र स्रोत वर्षा है। झील के चारों ओर की रेत भी अद्भुत है – साफ और प्राकृतिक रूप से सफेद। क्रिस्टल साफ़ पानी और…
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more-savi · 1 year
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Khatu Shyam Mandir Ki Jankari
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Khatu Shyam Mandir Ki Jankari
यदि आप khatu shyam mandir ki jankari  की तलाश में हैं तो आपकी खोज यहीं समाप्त होती है। खाटू श्याम मंदिर भारत के राजस्थान के खाटू में एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान कृष्ण को समर्पित है, जिन्हें खाटू श्याम जी के नाम से भी जाना जाता है, और यह क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है। हर साल, सैकड़ों भक्त इस मंदिर में आते हैं, जो अपनी भव्य वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का एक समृद्ध इतिहास है और यह कई किंवदंतियों और मिथकों से जुड़ा हुआ है, जिससे हिंदू पौराणिक कथाओं और संस्कृति में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति को इसे अवश्य देखना चाहिए। खाटू श्याम मंदिर के अलावा, खाटू में घूमने के लिए कुछ अन्य स्थान भी हैं जिनका आप आनंद ले सकते हैं: Shyam Kund श्याम कुंड भारत के राजस्थान के सीकर में खाटू श्याम मंदिर के पास एक पवित्र तालाब या जलाशय है। माना जाता है कि तालाब के पानी में उपचारात्मक गुण हैं और खाटू श्याम के अनुयायियों द्वारा इसकी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि तालाब में डुबकी लगाने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और सौभाग्य प्राप्त होता है। यह भी कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के नायक बर्बरीक की राख इस तालाब में विसर्जित की गई थी, जिससे यह और भी पवित्र हो गया। Doodh Talai: दूध तलाई, जिसे अक्सर "मिल्क लेक" के नाम से जाना जाता है, भारत के राजस्थान में खाटू श्याम मंदिर के पास एक छोटी झील है। यह झील, जो अपने शुद्ध, नीले-हरे पानी के लिए प्रसिद्ध है, माना जाता है कि इसका पोषण भूमिगत झरनों से होता है। स्थानीय परंपरा के अनुसार, झील का निर्माण पौराणिक गाय के दूध से हुआ था और तब से इसे निवासियों द्वारा एक पवित्र स्थान माना जाता है। Shyam Bagicha यह खाटू श्याम मंदिर के पास एक बगीचा है जहां भगवान को दान करने के लिए फूलों का चयन किया जाता है। यह अच्छी तरह से रखे गए पौधों और शांत माहौल के साथ एक सुंदर स्थान है। फूलों की कटाई के अलावा, उद्यान भक्तों के लिए भक्ति भजन, या "भजन" गाने के लिए एक आम सभा स्थल है। इस उद्यान को जबरदस्त आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है, और कई लोग भगवान खाटू श्याम जी का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आते हैं। Phalodi Fort फलोदी किला, खाटू श्याम से लगभग 24 किलोमीटर दूर, ऐतिहासिक महत्व वाला एक प्राचीन किला है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा किया गया था और इसके इतिहास में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई राजाओं ने इस किले को अपने कब्जे में ले लिया है और इसे खो दिया है, और इसने कई युद्धों का भी सामना किया है। यह वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, लेकिन यदि आप राजस्थानी इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखते हैं तो यह अभी भी देखने लायक है। Salasar Balaji Temple खाटू श्याम सालासर बालाजी मंदिर से 40 किलोमीटर दूर भारत के राजस्थान के सालासर में एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। इसे भगवान हनुमान का जन्मस्थान कहा जाता है और यह देश के सबसे प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण हनुमान मंदिरों में से एक है। यह मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं के विषयों को चित्रित करने वाली अपनी विस्तृत नक्काशी और भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध है। हर साल, हजारों भक्त आशीर्वाद लेने और भगवान हनुमान के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने के लिए मंदिर में आते हैं। हनुमान जयंती और राम नवमी जैसी छुट्टियों के दौरान, जब विशिष्ट अनुष्ठान और समारोह किए जाते हैं, तो मंदिर असाधारण रूप से भरा रहता है। खाटू श्याम शॉपिंग डेस्टिनेशन खाटू श्याम अपनी खरीदारी के लिए नहीं जाना जाता है, हालाँकि शहर में कुछ दुकानें और बाज़ार हैं जहाँ से आप स्मृति चिन्ह और उपहार खरीद सकते हैं। मंदिर के पास, कुछ छोटी दुकानें हैं जो पारंपरिक हस्तशिल्प और धार्मिक कलाकृतियाँ जैसे मूर्तियाँ, पेंटिंग और आभूषण बेचती हैं। ये दुकानें मसाले, कैंडी और नमकीन स्नैक्स जैसे स्थानीय खाद्य पदार्थ भी बेचती हैं। पुराने बस टर्मिनल के पास व्यापार मंडल बाजार उपहार लेने और कुछ स्थानीय स्ट्रीट फूड का नमूना लेने के लिए एक उत्कृष्ट जगह है। खाटू श्याम तक कैसे पहुंचे? यहां तक पहुंचने के कई रास्ते हैं: - हवाई मार्ग द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो खाटू श्याम मंदिर से लगभग 100 किमी दूर है। - ट्रेन द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन सीकर है, जो मंदिर से सिर्फ 10 किमी दूर है। - सड़क मार्ग से: जयपुर और जोधपुर जैसे नजदीकी शहरों से नियमित बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। आप निजी टैक्सी भी किराये पर ले सकते हैं या मंदिर तक ड्राइव कर सकते हैं। Read the full article
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prakhar-pravakta · 1 year
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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी मनरेगा योजना
सतना। मझगवां जनपद की ग्राम पंचायत बरौधा में मनरेगा की राशि का किस तरह बंदरबांट किया गया है इसका नमूना बड़े देव बाबा के पास बने पुराने चेक डैम एवं पावर हाउस के पास बने पुराने चेक डैम में देखा जा सकता है जहां चेक डैम की मरम्मत के नाम पर बरौंधा सरपंच एवं रोजगार सहायक द्वारा लाखों रुपए का आहरण कर गबन कर लिया गया, हालात ये हैं कि चेक डैम टूटा हुआ है और पानी बह रहा है। जबकि दूसरे चेक डैम में कोई कार्य…
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परिचय: प्रसिद्ध कैसीनो होटल विलासिता जुआ से मिलती है विश्व प्रसिद्ध कैसीनो होटल लग्जरी मीट गैंबलिंग वह जगह है जहां बेहतरीन सुविधाएं और रोमांचक गैंबलिंग मिलकर एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करते हैं। लक्जरी आवास, रोमांचक कैसीनो कार्रवाई, शीर्ष पायदान शो, स्वादिष्ट भोजन और विभिन्न प्रकार की मजेदार गतिविधियां इन लोकप्रिय स्थलों पर पैकेज का हिस्सा हैं। इस पोस्ट में "प्रसिद्ध कैसीनो होटल लक्ज़री मीट गैंबलिंग," हम सर्वश्रेष्ठ कैसीनो रिसॉर्ट्स की तलाश में दुनिया की यात्रा करेंगे और अपने मेहमानों के लिए उनके पास मौजूद अद्वितीय रोमांच में गहराई से डुबकी लगाएंगे। अधिक जानकारी के लिए जाँच करें कैसीनो समाचार. दुनिया भर में शीर्ष प्रसिद्ध कैसीनो होटल लक्ज़री मीट जुआ प्रसिद्ध कैसीनो होटल लक्ज़री जुआ से मिलता है मकाउ, चीन में स्थित विनीशियन मकाओ, एक विशाल कैसीनो रिसॉर्ट है जो एशियाई डिजाइन के साथ इतालवी लालित्य को जोड़ता है। इस विशाल रिसॉर्ट में उच्च-रोलर्स से लेकर आकस्मिक खिलाड़ियों तक, सभी प्रकार के खिलाड़ियों के लिए कई गेमिंग विकल्पों के साथ एक विशाल कैसीनो है। रिज़ॉर्ट की नहरों के किनारे शानदार खरीदारी और शानदार गोंडोला सवारी के अलावा, आगंतुक रिज़ॉर्ट के सुरुचिपूर्ण ढंग से सुसज्जित कमरों में से एक में आराम कर सकते हैं। बेलाजियो लास वेगास: विलासिता और मनोरंजन का प्रतीक विश्व प्रसिद्ध लास वेगास स्ट्रिप पर स्थित बेलाजियो लास वेगास, विलासिता और वर्ग का पर्याय है। जुआरियों को इस रिसॉर्ट के सुंदर कैसीनो में स्वर्ग मिलेगा, जिसमें उनके सभी पसंदीदा टेबल गेम पोकर और लाठी से लेकर रूले और क्रेप्स और बहुत कुछ शामिल हैं। कैसीनो बेलाजियो के कई आकर्षणों में से एक है, क्योंकि मेहमान अपने कमरों के शानदार आराम का आनंद ले सकते हैं, जहां से बेलाजियो के करामाती फव्वारे, बेलाजियो कंजर्वेटरी और बॉटनिकल गार्डन में विश्व स्तरीय प्रदर्शन और शानदार शहर के दृश्य दिखाई देते हैं। मरीना बे सैंड्स: सिंगापुर का प्रतिष्ठित एकीकृत रिसॉर्ट सिंगापुर की मरीना बे सैंड्स वास्तुकला का शानदार नमूना नहीं है; यह एक विश्व प्रसिद्ध कैसीनो होटल भी है। कैसीनो फ्लोर पर कार्ड और डाइस से लेकर स्लॉट और वीडियो पोकर तक खेलों का एक विस्तृत चयन उपलब्ध है। प्रसिद्ध रूफटॉप इन्फिनिटी पूल और रिज़ॉर्ट के पुरस्कार विजेता रेस्तरां के अलावा, मेहमान रिज़ॉर्ट के स्काईपार्क अवलोकन डेक से शानदार दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। अटलांटिस पैराडाइज आइलैंड: कैरिबियन एस्केप एक कैसीनो मोड़ के साथ बहामास में अटलांटिस पैराडाइज आइलैंड के कैरेबियन वातावरण का आनंद लें, जहां रोमांचक जुए का इंतजार है। इस पांच सितारा रिसॉर्ट में कैसीनो जीवंत है और इसमें विभिन्न प्रकार की स्लॉट मशीन और टेबल गेम हैं। एक्वावेंचर वाटर पार्क, डॉल्फिन के, और रिसॉर्ट के आश्चर्यजनक समुद्र तट और नीले पानी कैसीनो के अलावा आगंतुकों के लिए उपलब्ध हैं। क्राउन कैसीनो मेलबोर्न: ऑस्ट्रेलिया का प्रमुख जुआ गंतव्य क्राउन कैसीनो मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया के रोमांचक शहर में एक प्रसिद्ध जुआ प्रतिष्ठान है। ब्लैकजैक, बैकारेट, रूलेट, और पोकर, दूसरों के बीच, कैसीनो के सुरुचिपूर्ण गेमिंग टेबल पर पाए जा सकते हैं। क्राउन कैसीनो मेलबोर्न में पांच सितारा व्यंजन, शानदार आवास, और सभी उम्र के मेहमानों को उनकी यात्रा के दौरान मनोरंजन के लिए कई प्रकार के रोमांचक आकर्षण हैं। प्रसिद्ध कैसीनो होटलों में अविस्मरणीय कैसीनो अनुभव विलासिता और जुए का अनुभव [embed]https://www.youtube.com/watch?v=wTZkm1YIfVk[/embed] शानदार कैसीनो फर्श: उच्च रोलर्स के लिए एक खेल का मैदान कैसीनो फर्श लोकप्रिय कैसीनो में हमेशा जीवंत स्थान होते हैं, जिसमें अलग-अलग कौशल स्तरों के खिलाड़ियों के लिए विभिन्न प्रकार के गेम उपलब्ध होते हैं। ये स्थान उच्च-दांव वाले पोकर टूर्नामेंट से लेकर स्लॉट मशीनों की कताई रीलों तक, कुछ नकद जीतने के लिए अपनी किस्मत आजमाने के इच्छुक लोगों के लिए कई तरह के खेल पेश करते हैं। इन होटलों के कैसीनो फर्श अपने पेशेवर डीलरों, अत्याधुनिक तकनीक और जीवंत वातावरण के साथ एक रोमांचक और मनोरम अनुभव प्रदान करते हैं। शानदार मनोरंजन: शो, संगीत कार्यक्रम और बहुत कुछ प्रसिद्ध कैसीनो होटल भी कैसीनो के बाहर उत्कृष्ट मनोरंजन विकल्प प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। ये स्थान ग्राहकों को एक बेजोड़ मनोरंजन अनुभव प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, जिसमें कलाबाजी और जादू से जुड़े रोमांचक लाइव प्रदर्शन से लेकर अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के प्रमुख संगीत कार्यक्रम शामिल हैं। इन शानदार रिसॉर्ट्स की दीवारों के भीतर, आगंतुक लोकप्रिय कलाकारों द्वारा संगीत कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं, मंच
प्रस्तुतियों को मंत्रमुग्ध कर सकते हैं, और शीर्ष हास्य कलाकारों के साथ हंसी-मजाक कर सकते हैं। पेटू भोजन: हर तालू के लिए पाक प्रसन्नता प्रसिद्ध कैसीनो होटलों में आमतौर पर चुनने के लिए विभिन्न प्रकार के रेस्तरां होते हैं, जो खाने के शौकीनों के लिए एक खुशी की बात है। मिशेलिन सितारों वाले रेस्तरां, प्रसिद्ध शेफ द्वारा चलाए जाने वाले रेस्तरां या अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों की कोई कमी नहीं है, यह सुनिश्चित करते हुए कि आगंतुक किसी अन्य के विपरीत एक पाक साहसिक अनुभव करेंगे। एक रसीले स्टेक में लिप्त, ताजा समुद्री भोजन का स्वाद लेना, या एक अद्वितीय संलयन पकवान की कोशिश करना, इन होटलों के रेस्तरां इंद्रियों के लिए एक पाक साहसिक हैं। आराम और मनोरंजन: कैसीनो के तल से परे हालांकि जुआ मुख्य आकर्षण है, प्रमुख कैसीनो होटल अपने मेहमानों के लिए मनोरंजन के अन्य रूप भी प्रदान करते हैं। पर्यटक स्पा उपचार के साथ आराम कर सकते हैं, एक विशाल पूल में तैर सकते हैं, या गोल्फ, टेनिस खेल सकते हैं, या पानी के खेल में अपना हाथ आजमा सकते हैं। ये होटल पाते हैं कि उनके ग्राहकों के ठहरने के लिए पूर्ण विश्राम और कायाकल्प आवश्यक है, इसलिए वे इसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। प्रसिद्ध कैसीनो होटल लक्ज़री जुआ से मिलता है फायदे और नुकसान प्रोफेसर विलोम लैविश लक्ज़री: प्रसिद्ध कैसीनो होटल लक्ज़री मीट जुए असाधारण आवास प्रदान करते हैं, मेहमानों को एक उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करते हैं। महँगा: प्रसिद्ध कैसिनो होटलों में रहना लक्ज़री से मिलता है, जुआ खेलना काफी महंगा हो सकता है, खासकर यदि आप अतिरिक्त सेवाएँ या सुविधाएँ जोड़ते हैं। कैसीनो गेम्स की किस्में: इन होटलों में स्लॉट्स, पोकर, ब्लैकजैक, रूलेट और बहुत कुछ सहित कैसीनो गेम्स की एक विस्तृत श्रृंखला है, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी के लिए कुछ न कुछ है। जुए की लत का जोखिम: कसीनो के माहौल में होने से अत्यधिक जुआ खेलने का प्रलोभन बढ़ सकता है, संभावित रूप से कुछ व्यक्तियों के लिए लत की समस्या हो सकती है। मनोरंजन और शो: प्रसिद्ध कैसीनो होटल अक्सर विश्व स्तरीय मनोरंजन की मेजबानी करते हैं, जिसमें लोकप्रिय कलाकारों, संगीत कार्यक्रमों और नाटकीय शो के लाइव प्रदर्शन शामिल हैं। भीड़भाड़ वाला वातावरण: इन होटलों में भीड़ हो सकती है, खासकर पीक सीजन के दौरान, जिसके परिणामस्वरूप लंबे समय तक प्रतीक्षा और कम गोपनीयता हो सकती है। बढ़िया भोजन विकल्प: अतिथि कैसीनो होटलों के भीतर प्रसिद्ध रेस्तरा�� में असाधारण भोजन के अनुभव का आनंद ले सकते हैं, अक्सर पुरस्कार विजेता शेफ और विविध पाक प्रसाद पेश करते हैं। शोरगुल वाला वातावरण: कैसीनो की हलचल भरी प्रकृति के कारण, काफी मात्रा में शोर हो सकता है, जो शांत वातावरण चाहने वाले कुछ मेहमानों को परेशान कर सकता है। लक्ज़री सुविधाएं: प्रसिद्ध कैसीनो होटल लक्ज़री मीट गैंबलिंग कई प्रकार की लक्ज़री सुविधाएं प्रदान करते हैं, जैसे कि स्पा, फिटनेस सेंटर, स्विमिंग पूल और विशेष शॉपिंग बुटीक, मेहमानों को एक संपूर्ण रिज़ॉर्ट अनुभव प्रदान करते हैं। अभिगम्यता संबंधी चिंताएँ: कुछ व्यक्तियों को बड़े कैसीनो होटलों के लेआउट में नेविगेट करने में कठिनाई हो सकती है, विशेष रूप से गतिशीलता संबंधी मुद्दों या अक्षमताओं वाले लोगों के लिए। वीआईपी सेवाएं: हाई-रोलर्स और वफादार ग्राहक विशिष्ट वीआईपी सेवाओं से लाभान्वित हो सकते हैं, जिसमें व्यक्तिगत कंसीयज सहायता, निजी गेमिंग क्षेत्रों तक पहुंच और अतिरिक्त लाभ शामिल हैं। नैतिक चिंताएं: केसिनो जुए की लत, मनी लॉन्ड्रिंग या कमजोर व्यक्तियों के शोषण से संबंधित नैतिक चिंताओं से जुड़े हो सकते हैं। सामाजिक वातावरण: कैसीनो होटल जीवंत सामाजिक केंद्र हैं जहां मेहमान साथी जुआरी के साथ बातचीत कर सकते हैं, एक जीवंत और आकर्षक वातावरण को बढ़ावा दे सकते हैं। वित्तीय जोखिम: जुए की गतिविधियों में शामिल होने से वित्तीय जोखिम पैदा हो सकते हैं, और मेहमानों को अत्यधिक नुकसान या जुए से संबंधित ऋण से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। सुविधाजनक स्थान: लोकप्रिय कैसीनो होटल अक्सर प्रमुख स्थानों पर स्थित होते हैं, जो लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों, शॉपिंग जिलों और मनोरंजन स्थलों तक आसान पहुँच प्रदान करते हैं। जुए से विचलन: साथ मनोरंजन के विभिन्न विकल्पों और आकर्षणों के साथ, मेहमानों के लिए केवल जुए पर ध्यान केंद्रित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जो उनके समग्र अनुभव को प्रभावित कर सकता है। प्रसिद्ध कैसीनो होटल विलासिता का निष्कर्ष जुए से मिलता है दुनिया के सबसे प्रसिद्ध कैसीनो होटल लक्ज़री मीट जुए में दुनिया के कुछ सबसे शानदार होटल भी हैं। इन स्थानों पर पेश किए जाने वाले शानदार गेमिंग फ्लोर, शीर्ष
पायदान शो, बढ़िया व्यंजन और रोमांचक गतिविधियाँ ग्राहकों की एक विस्तृत श्रृंखला के स्वाद और वरीयताओं को संतुष्ट करती हैं। चाहे आप हाई-स्टेक रोमांच या शांतिपूर्ण पलायन की तलाश कर रहे हों, दुनिया के सबसे प्रसिद्ध कैसीनो भी प्रसिद्ध कैसीनो होटल लक्ज़री मीट जुए की पेशकश करते हैं। अपना बैग पैक कर लें, क्योंकि आप दुनिया के सबसे असाधारण कैसीनो होटलों में से एक में विलासिता के शिखर का अनुभव करने वाले हैं। अन्य खेलों के लिए देखें कैसीनो भविष्यवाणी सॉफ्टवेयर. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न प्रसिद्ध कैसीनो होटल लक्ज़री मीट गैंबलिंग लोकप्रिय कैसीनो होटलों में जुए के लिए न्यूनतम आयु देश के अनुसार अलग-अलग होती है। हालांकि अधिकांश न्यायक्षेत्र कानूनी जुए की उम्र 21 वर्ष निर्धारित करते हैं, कुछ संरक्षकों को 18 वर्ष से कम उम्र की अनुमति देते हैं। यात्रा की योजना बनाने से पहले, स्थानीय कानूनों पर विस्तार से शोध करना महत्वपूर्ण है। बिल्कुल! प्रसिद्ध कैसीनो होटल उनके द्वारा प्रदान किए जाने वाले गेमिंग अवसरों के लिए सबसे अच्छी तरह से जाने जाते हैं, लेकिन उनके पास कई प्रकार की सेवाएं और मनोरंजन विकल्प भी हैं जो उन मेहमानों से अपील करेंगे जो अपनी किस्मत आजमाने में रूचि नहीं रखते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आगंतुक जुए में रुचि रखते हैं या नहीं, उपलब्ध सुविधाओं की विस्तृत श्रृंखला के कारण उन्हें इनमें से किसी एक होटल में ठहरने की गारंटी दी जाती है। लोकप्रिय कैसीनो होटलों में बच्चों के संबंध में अलग-अलग नीतियां हैं। कैसीनो फ्लोर की उपस्थिति के कारण, कुछ व्यवसाय एक निश्चित आयु के तहत संरक्षकों को अनुमति नहीं दे सकते हैं। वाटर पार्क और चाइल्डकैअर सेवाएं कई कैसीनो द्वारा पेश की जाने वाली परिवार के अनुकूल सुविधाओं के सिर्फ दो उदाहरण हैं। वहां कमरा बुक करने से पहले होटल के अनूठे नियमों पर शोध करना एक अच्छा विचार है। दुनिया के सबसे प्रसिद्ध कैसीनो होटलों में आगंतुकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अभिगम नियंत्रण तंत्र, उचित रूप से प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड, और वीडियो निगरानी प्रणाली सभी सुरक्षित वातावरण में योगदान करते हैं जिसकी ग्राहक इन व्यवसायों में अपेक्षा कर सकते हैं। एक प्रतिष्ठित कैसीनो होटल के मेहमान यह जानकर आराम कर सकते हैं कि इसकी एक उत्कृष्ट प्रतिष्ठा है और यह सख्त सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करता है। प्रसिद्ध जुआ होटलों में अक्सर अलग-अलग ड्रेस कोड होते हैं। जबकि कुछ स्थानों, जिनमें बढ़िया डाइनिंग रेस्तरां शामिल हैं, कुछ क्षेत्रों के लिए सख्त ड्रेस कोड हो सकते हैं, कई कैसीनो होटलों में अधिक आकस्मिक पोशाक नीति होती है। होटल के अधिकांश क्षेत्रों में आकस्मिक और स्मार्ट-आकस्मिक पोशाक को समायोजित किया जाता है, लेकिन आगमन से पहले विशिष्ट होटल नीतियों की दोबारा जांच करना हमेशा एक अच्छा विचार है। Source link
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newslobster · 2 years
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"गालियों की राजनीति..." : योगी आदित्यनाथ के प्रहार का अरविंद केजरीवाल ने दिया जवाब
“गालियों की राजनीति…” : योगी आदित्यनाथ के प्रहार का अरविंद केजरीवाल ने दिया जवाब
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने योगी आदित्यनाथ के एक वीडियो वाले ट्वीट को हिंदी में री-ट्वीट करते हुए कहा, “गंदी गालियां, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार या गंदी राजनीति चाहिए तो उन्हें वोट दो. स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी, सड़क चाहिए तो मुझे वोट दो.” वहीं, योगी आदित्यनाथ के ट्वीट किए गए वीडियो का कैप्शन था- “आम आदमी पार्टी का यह नमूना जो दिल्ली से आया है, वास्तव में आतंकवाद का हमदर्द है.” अगर…
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pacificleo · 2 years
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कुकुरमुत्ता (कविता) / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
एक थे नव्वाब, फ़ारस से मंगाए थे गुलाब। बड़ी बाड़ी में लगाए देशी पौधे भी उगाए रखे माली, कई नौकर गजनवी का बाग मनहर लग रहा था। एक सपना जग रहा था सांस पर तहजबी की, गोद पर तरतीब की। क्यारियां सुन्दर बनी चमन में फैली घनी। फूलों के पौधे वहाँ लग रहे थे खुशनुमा। बेला, गुलशब्बो, चमेली, कामिनी, जूही, नरगिस, रातरानी, कमलिनी, चम्पा, गुलमेंहदी, गुलखैरू, गुलअब्बास, गेंदा, गुलदाऊदी, निवाड़, गन्धराज, और किरने फ़ूल, फ़व्वारे कई, रंग अनेकों-सुर्ख, धनी, चम्पई, आसमानी, सब्ज, फ़िरोज सफ़ेद, जर्द, बादामी, बसन्त, सभी भेद। फ़लों के भी पेड़ थे, आम, लीची, सन्तरे और फ़ालसे। चटकती कलियां, निकलती मृदुल गन्ध, लगे लगकर हवा चलती मन्द-मन्द, चहकती बुलबुल, मचलती टहनियां, बाग चिड़ियों का बना था आशियाँ। साफ़ राह, सरा दानों ओर, दूर तक फैले हुए कुल छोर, बीच में आरामगाह दे रही थी बड़प्पन की थाह। कहीं झरने, कहीं छोटी-सी पहाड़ी, कही सुथरा चमन, नकली कहीं झाड़ी। आया मौसिम, खिला फ़ारस का गुलाब, बाग पर उसका पड़ा था रोब-ओ-दाब; वहीं गन्दे में उगा देता हुआ बुत्ता पहाड़ी से उठे-सर ऐंठकर बोला कुकुरमुत्ता- “अब, सुन बे, गुलाब, भूल मत जो पायी खुशबु, रंग-ओ-आब, खून चूसा खाद का तूने अशिष्ट, डाल पर इतरा रहा है केपीटलिस्ट! कितनों को तूने बनाया है गुलाम, माली कर रक्खा, सहाया जाड़ा-घाम, हाथ जिसके तू लगा, पैर सर रखकर वो पीछे को भागा औरत की जानिब मैदान यह छोड़कर, तबेले को टट्टू जैसे तोड़कर, शाहों, राजों, अमीरों का रहा प्यारा तभी साधारणों से तू रहा न्यारा। वरना क्या तेरी हस्ती है, पोच तू कांटो ही से भरा है यह सोच तू कली जो चटकी अभी सूखकर कांटा हुई होती कभी। रोज पड़ता रहा पानी, तू हरामी खानदानी। चाहिए तुझको सदा मेहरून्निसा जो निकाले इत्र, रू, ऐसी दिशा बहाकर ले चले लोगो को, नही कोई किनारा जहाँ अपना नहीं कोई भी सहारा ख्वाब में डूबा चमकता हो सितारा पेट में डंड पेले हों चूहे, जबां पर लफ़्ज प्यारा। देख मुझको, मैं बढ़ा डेढ़ बालिश्त और ऊंचे पर चढ़ा और अपने से उगा मैं बिना दाने का चुगा मैं कलम मेरा नही लगता मेरा जीवन आप जगता तू है नकली, मै हूँ मौलिक तू है बकरा, मै हूँ कौलिक तू रंगा और मैं धुला पानी मैं, तू बुलबुला तूने दुनिया को बिगाड़ा मैंने गिरते से उभाड़ा तूने रोटी छीन ली जनखा बनाकर एक की दी तीन मैने गुन सुनाकर।
काम मुझ ही से सधा है शेर भी मुझसे गधा है चीन में मेरी नकल, छाता बना छत्र भारत का वही, कैसा तना सब जगह तू देख ले आज का फिर रूप पैराशूट ले। विष्णु का मैं ही सुदर्शनचक्र हूँ। काम दुनिया मे पड़ा ज्यों, वक्र हूँ। उलट दे, मैं ही जसोदा की मथानी और लम्बी कहानी- सामने लाकर मुझे बेंड़ा देख कैंडा तीर से खींचा धनुष मैं राम का। काम का- पड़ा कन्धे पर हूँ हल बलराम का। सुबह का सूरज हूँ मैं ही चांद मैं ही शाम का। कलजुगी मैं ढाल नाव का मैं तला नीचे और ऊपर पाल। मैं ही डांड़ी से लगा पल्ला सारी दुनिया तोलती गल्ला मुझसे मूछें, मुझसे कल्ला मेरे उल्लू, मेरे लल्ला कहे रूपया या अधन्ना हो बनारस या न्यवन्ना रूप मेरा, मै चमकता गोला मेरा ही बमकता। लगाता हूँ पार मैं ही डुबाता मझधार मैं ही। डब्बे का मैं ही नमूना पान मैं ही, मैं ही चूना
मैं कुकुरमुत्ता हूँ, पर बेन्जाइन (Bengoin) वैसे बने दर्शनशास्त्र जैसे। ओमफ़लस (Omphalos) और ब्रहमावर्त वैसे ही दुनिया के गोले और पर्त जैसे सिकुड़न और साड़ी, ज्यों सफ़ाई और माड़ी। कास्मोपालिटन और मेट्रोपालिटन जैसे फ़्रायड और लीटन। फ़ेलसी और फ़लसफ़ा जरूरत और हो रफ़ा। सरसता में फ़्राड केपिटल में जैसे लेनिनग्राड। सच समझ जैसे रकीब लेखकों में लण्ठ जैसे खुशनसीब
मैं डबल जब, बना डमरू इकबगल, तब बना वीणा। मन्द्र होकर कभी निकला कभी बनकर ध्वनि छीणा। मैं पुरूष और मैं ही अबला। मै मृदंग और मैं ही तबला। चुन्ने खां के हाथ का मैं ही सितार दिगम्बर का तानपूरा, हसीना का सुरबहार। मैं ही लायर, लिरिक मुझसे ही बने संस्कृत, फ़ारसी, अरबी, ग्रीक, लैटिन के जने मन्त्र, गज़लें, गीत, मुझसे ही हुए शैदा जीते है, फिर मरते है, फिर होते है पैदा। वायलिन मुझसे बजा बेन्जो मुझसे सजा। घण्टा, घण्टी, ढोल, डफ़, घड़ियाल, शंख, तुरही, मजीरे, करताल, करनेट, क्लेरीअनेट, ड्रम, फ़्लूट, गीटर, बजानेवाले हसन खां, बुद्धू, पीटर, मानते हैं सब मुझे ये बायें से, जानते हैं दाये से।
ताताधिन्ना चलती है जितनी तरह देख, सब में लगी है मेरी गिरह नाच में यह मेरा ही जीवन खुला पैरों से मैं ही तुला। कत्थक हो या कथकली या बालडान्स, क्लियोपेट्रा, कमल-भौंरा, कोई रोमान्स बहेलिया हो, मोर हो, मणिपुरी, गरबा, पैर, माझा, हाथ, गरदन, भौंहें मटका नाच अफ़्रीकन हो या यूरोपीयन, सब में मेरी ही गढ़न। किसी भी तरह का हावभाव, मेरा ही रहता है सबमें ताव। मैने बदलें पैंतरे, जहां भी शासक लड़े। पर हैं प्रोलेटेरियन झगड़े जहां, मियां-बीबी के, क्या कहना है वहां। नाचता है सूदखोर जहां कहीं ब्याज डुचता, नाच मेरा क्लाईमेक्स को पहुचंता।
नहीं मेरे हाड़, कांटे, काठ का नहीं मेरा बदन आठोगांठ का। रस-ही-रस मैं हो रहा सफ़ेदी का जहन्नम रोकर रहा। दुनिया में सबने मुझी से रस चुराया, रस में मैं डूबा-उतराया। मुझी में गोते लगाये वाल्मीकि-व्यास ने मुझी से पोथे निकाले भास-कालिदास ने। टुकुर-टुकुर देखा किये मेरे ही किनारे खड़े हाफ़िज-रवीन्द्र जैसे विश्वकवि बड़े-बड़े। कहीं का रोड़ा, कही का पत्थर टी.एस. एलीयट ने जैसे दे मारा पढ़नेवाले ने भी जिगर पर रखकर हाथ, कहां,’लिख दिया जहां सारा’। ज्यादा देखने को आंख दबाकर शाम को किसी ने जैसे देखा तारा। जैसे प्रोग्रेसीव का कलम लेते ही रोका नहीं रूकता जोश का पारा यहीं से यह कुल हुआ जैसे अम्मा से बुआ। मेरी सूरत के नमूने पीरामेड मेरा चेला था यूक्लीड। रामेश्वर, मीनाछी, भुवनेश्वर, जगन्नाथ, जितने मन्दिर सुन्दर मैं ही सबका जनक जेवर जैसे कनक। हो कुतुबमीनार, ताज, आगरा या फ़ोर्ट चुनार, विक्टोरिया मेमोरियल, कलकत्ता, मस्जिद, बगदाद, जुम्मा, अलबत्ता सेन्ट पीटर्स गिरजा हो या घण्टाघर, गुम्बदों में, गढ़न में मेरी मुहर। एरियन हो, पर्शियन या गा���िक आर्च पड़ती है मेरी ही टार्च। पहले के हो, बीच के हो या आज के चेहरे से पिद्दी के हों या बाज के। चीन के फ़ारस के या जापान के अमरिका के, रूस के, इटली के, इंगलिस्तान के। ईंट के, पत्थर के हों या लकड़ी के कहीं की भी मकड़ी के। बुने जाले जैसे मकां कुल मेरे छत्ते के हैं घेरे।
सर सभी का फ़ांसनेवाला हूं ट्रेप टर्की टोपी, दुपलिया या किश्ती-केप। और जितने, लगा जिनमें स्ट्रा या मेट, देख, मेरी नक्ल है अंगरेजी हेट। घूमता हूं सर चढ़ा, तू नहीं, मैं ही बड़ा।”
(२) बाग के बाहर पड़े थे झोपड़े दूर से जो देख रहे थे अधगड़े। जगह गन्दी, रूका, सड़ता हुआ पानी मोरियों मे; जिन्दगी की लन्तरानी- बिलबिलाते किड़े, बिखरी हड्डियां सेलरों की, परों की थी गड्डियां कहीं मुर्गी, कही अण्डे, धूप खाते हुए कण्डे। हवा बदबू से मिली हर तरह की बासीली पड़ी गयी। रहते थे नव्वाब के खादिम अफ़्रिका के आदमी आदिम- खानसामां, बावर्ची और चोबदार; सिपाही, साईस, भिश्ती, घुड़सवार, तामजानवाले कुछ देशी कहार, नाई, धोबी, तेली, तम्बोली, कुम्हार, फ़ीलवान, ऊंटवान, गाड़ीवान एक खासा हिन्दु-मुस्लिम खानदान। एक ही रस्सी से किस्मत की बंधा काटता था जिन्दगी गिरता-सधा। बच्चे, बुड्ढे, औरते और नौजवान रह्ते थे उस बस्ती में, कुछ बागबान पेट के मारे वहां पर आ बसे साथ उनके रहे, रोये और हंसे।
एक मालिन बीबी मोना माली की थी बंगालिन; लड़की उसकी, नाम गोली वह नव्वाबजादी की थी हमजोली। नाम था नव्वाबजादी का बहार नजरों में सारा जहां फ़र्माबरदार। सारंगी जैसी चढ़ी पोएट्री में बोलती थी प्रोज में बिल्कुल अड़ी। गोली की मां बंगालिन, बहुत शिष्ट पोयट्री की स्पेशलिस्ट। बातों जैसे मजती थी सारंगी वह बजती थी। सुनकर राग, सरगम तान खिलती थी बहार की जान। गोली की मां सोचती थी- गुर मिला, बिना पकड़े खिचे कान देखादेखी बोली में मां की अदा सीखी नन्हीं गोली ने। इसलिए बहार वहां बारहोमास डटी रही गोली की मां के कभी गोली के पास। सुबहो-शाम दोनों वक्त जाती थी खुशामद से तनतनाई आती थी। गोली डांडी पर पासंगवाली कौड़ी स्टीमबोट की डोंगी, फ़िरती दौड़ी। पर कहेंगे- ‘साथ-ही-साथ वहां दोनो रहती थीं अपनी-अपनी कहती थी। दोनों के दिल मिले थे तारे खुले-खिले थे। हाथ पकड़े घूमती थीं खिलखिलाती झूमती थीं। इक पर इक करती थीं चोट हंसकर होतीं लोटपोट। सात का दोनों का सिन खुशी से कटते थे दिन। महल में भी गोली जाया करती थी जैसे यहां बहार आया करती थी।
एक दिन हंसकर बहार यह बोली- “चलो, बाग घूम आयें हम, गोली।” दोनों चली, जैसे धूप, और छांह गोली के गले पड़ी बहार की बांह। साथ टेरियर और एक नौकरानी। सामने कुछ औरतें भरती थीं पानी सिटपिटायी जैसे अड़गड़े मे देखा मर्द को बाबू ने देखा हो उठती गर्दन को। निकल जाने पर बहार के, बोली पहली दूसरी से, “देखो, वह गोली मोना बंगाली की लड़की । भैंस भड़्की, ऎसी उसकी मां की सूरत मगर है नव्वाब की आंखों मे मूरत। रोज जाती है महल को, जगे भाग आखं का जब उतरा पानी, लगे आग, रोज ढोया आ रहा है माल-असबाब बन रहे हैं गहने-जेवर पकता है कलिया-कबाब।” झटके से सिर-आंख पर फ़िर लिये घड़े चली ठनकाती कड़े। बाग में आयी बहार चम्पे की लम्बी कतार देखती बढ़्ती गयी फ़ूल पर अड़ती गयी। मौलसिरी की छांह में कुछ देर बैठ बेन्च पर फ़िर निगाह डाली एक रेन्ज पर देखा फ़िर कुछ उड़ रही थी तितलियां डालों पर, कितनी चहकती थीं चिड़ियां। भौरें गूंजते, हुए मतवाले-से उड़ गया इक मकड़ी के फ़ंसकर बड़े-से जाले से। फ़िर निगाह उठायी आसमान की ओर देखती रही कि कितनी दूर तक छोर देखा, उठ रही थी धूप- पड़ती फ़ुनगियों पर, चमचमाया रूप। पेड़ जैसे शाह इक-से-इक बड़े ताज पहने, है खड़े। आया माली, हाथ गुलदस्ते लिये गुलबहार को दिये। गोली को इक गुलदस्ता सूंघकर हंसकर बहार ने दिया। जरा बैठकर उठी, तिरछी गली होती कुन्ज को चली! देखी फ़ारांसीसी लिली और गुलबकावली। फ़िर गुलाबजामुन का बाग छोड़ा तूतो के पेड़ो से बायें मुंह मोड़ा। एक बगल की झाड़ी बढ़ी जिधर थी बड़ी गुलाबबाड़ी। देखा, खिल रहे थे बड़े-बड़े फ़ूल लहराया जी का सागर अकूल। दुम हिलाता भागा टेरियर कुत्ता जैसे दौड़ी गोली चिल्लाती हुई ‘कुकुरमुत्ता’। सकपकायी, बहार देखने लगी जैसे कुकुरमुत्ते के प्रेम से भरी गोली दगी। भूल गयी, उसका था गुलाब पर जो कुछ भी प्यार सिर्फ़ वह गोली को देखती रही निगाह की धार। टूटी गोली जैसे बिल्ली देखकर अपना शिकार तोड़कर कुकुरमुत्तों को होती थी उनके निसार। बहुत उगे थे तब तक उसने कुल अपने आंचल में तोड़कर रखे अब तक। घूमी प्यार से मुसकराती देखकर बोली बहार से- “देखो जी भरकर गुलाब हम खायंगे कुकुरमुत्ते का कबाब।” कुकुरमुत्ते की कहानी सुनी उससे जीभ में बहार की आया पानी। पूछा “क्या इसका कबाब होगा ऎसा भी लजीज? जितनी भाजियां दुनिया में इसके सामने नाचीज?” गोली बोली-”जैसी खुशबू इसका वैसा ही स्वाद, खाते खाते हर एक को आ जाती है बिहिश्त की याद सच समझ लो, इसका कलिया तेल का भूना कबाब, भाजियों में वैसा जैसा आदमियों मे नव्वाब”
“नहीं ऎसा कहते री मालिन की छोकड़ी बंगालिन की!” डांटा नौकरानी ने- चढ़ी-आंख कानी ने। लेकिन यह, कुछ एक घूंट लार के जा चुके थे पेट में तब तक बहार के। “नहीं नही, अगर इसको कुछ कहा” पलटकर बहार ने उसे डांटा- “कुकुरमुत्ते का कबाब खाना है, इसके साथ यहां जाना है।” “बता, गोली” पूछा उसने, “कुकुरमुत्ते का कबाब वैसी खुशबु देता है जैसी कि देता है गुलाब!” गोली ने बनाया मुंह बाये घूमकर फ़िर एक छोटी-सी निकाली “उंह!” कहा,”बकरा हो या दुम्बा मुर्ग या कोई परिन्दा इसके सामने सब छू: सबसे बढ़कर इसकी खुशबु। भरता है गुलाब पानी इसके आगे मरती है इन सबकी नानी।” चाव से गोली चली बहार उसके पीछे हो ली, उसके पीछे टेरियर, फ़िर नौकरानी पोंछती जो आंख कानी। चली गोली आगे जैसे डिक्टेटर बहार उसके पीछे जैसे भुक्खड़ फ़ालोवर। उसके पीछे दुम हिलाता टेरियर- आधुनिक पोयेट (Poet) पीछे बांदी बचत की सोचती केपीटलिस्ट क्वेट। झोपड़ी में जल्दी चलकर गोली आयी जोर से ‘मां’ चिल्लायी। मां ने दरवाजा खोला, आंखो से सबको तोला। भीतर आ डलिये मे रक्खे मोली ने वे कुकुरमुत्ते। देखकर मां खिल गयी। निधि जैसे मिल गयी। कहा गोली ने, “अम्मा, कलिया-कबाब जल्द बना। पकाना मसालेदार अच्छा, खायेंगी बहार। पतली-पतली चपातियां उनके लिए सेख लेना।” जला ज्यों ही उधर चूल्हा, खेलने लगीं दोनों दुल्हन-दूल्हा। कोठरी में अलग चलकर बांदी की कानी को छलकर। टेरियर था बराती आज का गोली का साथ। हो गयी शादी कि फ़िर दूल्हन-बहार से। दूल्हा-गोली बातें करने लगी प्यार से। इस तरह कुछ वक्त बीता, खाना तैयार हो गया, खाने चलीं गोली और बहार। कैसे कहें भाव जो मां की आंखो से बरसे थाली लगायी बड़े समादर से। खाते ही बहार ने यह फ़रमाया, “ऎसा खाना आज तक नही खाया” शौक से लेकर सवाद खाती रहीं दोनो कुकुरमुत्ते का कलिया-कबाब। बांदी को भी थोड़ा-सा गोली की मां ने कबाब परोसा। अच्छा लगा, थोड़ा-सा कलिया भी बाद को ला दिया, हाथ धुलाकर देकर पान उसको बिदा किया।
कुकुरमुत्ते की कहानी सुनी जब बहार से नव्वाब के मुंह आया पानी। बांदी से की पूछताछ, उनको हो गया विश्वास। माली को बुला भेजा, कहा,”कुकुरमुत्ता चलकर ले आ तू ताजा-ताजा।” माली ने कहा,”हुजूर, कुकुरमुत्ता अब नहीं रहा है, अर्ज हो मन्जूर, रहे है अब सिर्फ़ गुलाब।” गुस्सा आया, कांपने लगे नव्वाब। बोले;”चल, गुलाब जहां थे, उगा, सबके साथ हम भी चाहते है अब कुकुरमुत्ता।” बोला माली,”फ़रमाएं मआफ़ खता, कुकुरमुत्ता अब उगाया नहीं उगत��।”
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thedhongibaba · 2 years
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#कैसे_फैला_इस्लाम_दुनियां_में
622ई. से लेकर 634 ई तक मात्र 12 साल में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को इस्लाम की तलवार से पानी पिलाकर मुसलमान बना दिया ।।
634 ईस्वी से लेकर 651 तक , यानी मात्र 16 साल में सभी पारसियों को तलवार की नोक पर इस्लाम की दीक्षा दी गयी ।।
640 में मिस्र में पहली बार इस्लाम ने पांव रखे, ओर देखते ही देखते मात्र 15 सालों में , 655 तक इजिप्ट के लगभग सभी लोग मुसलमान बना दिये गए ।।
नार्थ अफ्रीकन देश जैसे - अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को आदि देशों को 640 से 711 ई तक पूर्ण रूप से इस्लाम धर्म मे बदल दिया गया, 3 देशों का सम्पूर्ण सुख चैन लेने में मुसलमानो ने मात्र 71 साल लगाए ।
711 ईस्वी में स्पेन पर आक्रमण हुआ, 730 ईस्वी तक स्पेन की 70% आबादी मुसलमान थी । मात्र 19 सालों में ।
तुर्क थोड़े से वीर निकले, तुर्को के विरुद्ध जिहाद 651 ईस्वी में शुरू हुआ, ओर 751 ईस्वी तक सारे तुर्क मुसलमान बना दिये गए ।।
मंगौलो यानी इंडोनेशिया के विरुद्ध जिहाद मात्र 40 साल में पूरा हुआ । 1260 में मुसलमानो ने इंडोनेशिया में मार काट मचाई, ओर 1300 ईस्वी तक सारे इंडोनेशिया के मंगोल मुसलमान बन चुके थे । नाममात्र के लोगो को छोड़कर ।
फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान, जॉर्डन आदि देशों को 634 से 650 के बीच मुसलमान बना दिया गया ।।
उसके बाद 700 ईस्वी में भारत के विरुद्ध जिहाद शुरू हुआ वह अब तक चल रहा है ।।
मुसलमानो की क्रूरता का अंदाजा इस बात से लगाएं की मुसलमानो का ईरान पर आक्रमण हुआ, मुसलमानी सेना ईरानी राजा के महल तक पहुंच गई । महल में लगभग 2 या 3 साल की पारसी राजकुमारी थी । ईरान पर आक्रमण अली ने किया था, जिसे शिया मुसलमान मानते है ।
आपको लगता होगा कि अली कोई बहुत बड़ा महात्मा, जबकि ऐसा कुछ नही है, कासिम, अकबर, औरंगजेब ओर इस अली नाम के राक्षस में सुत मात्र का भी फर्क नही था ।।
पारसी राजकुमारी को बंदी बना लिया गया, अब वह कन्या थी, तो लूट के माल पर पहला हक़ खलीफा मुगीरा इब्न सूबा का था । खलीफा को वह मासूम बच्ची भोग के लिए भेंट की गई ।लेकिन खलीफा ईरान में अली की लूट से इतना खुश हुआ कि अली को कह दिया, इसका भोग तुम करो । मुसलमानी क्रूरता , पशु संस्कृति का एक सबसे गलीच नमूना देखिये, की तीन साल की बच्ची में भी उन्हें औरत दिख रही थी । वह उनके लिए बेटी नही, भोग की वस्तु थी ।
बेटी के प्रेम में पिता को भी बंदी बनना पड़ा, इस्लाम या मौत में से एक चुनने का बिकल्प पारसी राजा को दिया गया । पारसी राजा ने मृत्यु चुनी । अली ने उस तीन साल की मासूम राजकुमारी को अपनी पत्नी बना लिया ।। अली की पत्नी Al Sahba' bint Rabi'ah मात्र 3 साल की थी, ओर उस समय अली 30 साल ले भी ऊपर था । यह है इस्लाम, ओर यह है इस्लाम की संस्कृति ।
मेने मात्र ईरान का उदाहरण दिया है, इजिप्ट हो या अफ्रीकन देश सब जगह यही हाल है । जिस समय सीरिया आदि को जीता गया था, उसकी कहानी तो ओर दर्दनाक है । मुसलमानो ने ईसाई सैनिकों के आगे अपनी औरतों को कर दिया । मुसलमान औरते गयी ईसाइयों के पास की मुसलमानो से हमारी रक्षा करो, बेचारे मूर्ख ईसाइयों ने इन धूर्तो की बातों में आकर उन्हें शरण दे दी, फिर क्या था, सारी सुपर्णखाओ ने मिलकर रातों रात सभी सैनिकों को हलाल करवा दिया ।।
अब आप भारत की स्थिति देखिये । जिस समय मुसलमान ईरान तक पहुंचकर अपना बड़ा साम्राज्य स्थापित कर चुके थे , उस समय उनकी हिम्मत नही थी की भारत के राजपूत साम्राज्य की ओर आंख उठाकर भी देख सकें ।।
जब ईरान , सऊदी आदि को जबरन मुसलमान बना लिया गया था, तो मुसलमानो का मन हुआ कि अब हिंदुस्थान के क्षत्रियों को जीता जाएं, लेकिन यह स्वपन उनके लिए काल बनकर खड़ा हो गया । 636 ईस्वी में खलीफा ने भारत पर पहला हमला बोला । माँ भवानी की सौगंध , एक भी मुसलमान जिंदा वापस नही जा पाया ।।
कुछ वर्ष तक तो मुसलमानो की हिम्मत तक नही हुई की भारत की ओर मुंह करके सोया भी जाएं, लेकिन कुछ ही वर्षो में गिद्धों ने अपनी जात दिखा ही दी ।। दुबारा आक्रमण हुआ, इस समय खलीफा की गद्दी पर उस्मान आ चुका था । उसने हाकिम नाम के सेनापति के साथ विशाल इस्लामी टिड्डिडल भारत भेजा ।। सेना का पूर्णतः सफाया हो गया, ओर सेनापति हाकिम बंदी बना लिया गया । हाकिम को भारतीय राजपूतो ने बहुत मारा, ओर बड़े बुरे हाल करके वापस अरब भेजा, जिससे उनकी सेना की दुर्गति का हाल, उस्मान तक पहुंच जाएं ।।
यह सिलसिला लगभग 700 ईस्वी तक चलता रहा ।। जितने भी मुसलमानो ने भारत की तरफ मुँह किया, राजपूतो ने उनका सिर कंधे से नीचे उतार दिया ।।
उसके बाद भी भारत के वीर जवानों ने हार नही मानी ।। जब 7 वी सदी इस्लाम की शुरू हुई , जिस समय अरब से लेकर अफ्रीका, ईरान यूरोप, सीरिया , मोरक्को, ट्यूनीशिया, तुर्की यह बड़े बड़े देश जब मुसलमान बन गए, स्पेन तक कि 70% आबादी मुसलमान थी, तब आपको ज्ञात है भारत मे " बप्पा रावल " महाराणा प्रताप के पितामह का जन्म हो चुका था, वे पूर्णतः योद्धा बन चुके थे, इस्लाम के पंजे में जकड़ गए अफगानिस्तान तक से मुसलमानो को उस वीर ने मार भगाया, केवल यही नही, वह लड़ते लड़ते खलीफा की गद्दी तक जा पहुंचा, जहां खुद खलीफा को अपनी जान की भीख मांगनी पड़ी ।
उसके बाद भी यह सिलसिला रुका नही । नागभट्ट प्रतिहार द्वितीय जैसे योद्धा भारत को मिले । जिन्होंने अपने पूरे जीवन राजपूती धर्म का पालन करते हुए पूरे भारत की न केवल रक्षा की, बल्कि हमारी शक्ति का डंका विश्व मे बजाए रखा ।।
पहले बप्पा रावल में साबित किया था कि अरब अपराजित नही है, लेकिन 836 ई के समय भारत मे वह हुआ, की जिससे विश्वविजेता मुसलमान थर्रा गए । मुसलमानो ने अपने इतिहास में उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन कहा है, वह सरदार भी राजपूत ही थे । सम्राट मिहिरभोज प्रतिहार ।। मिहिरभोज के बारे में कहा जाता है, की उनका प्रताप ऋषि अगस्त्य से भी ज़्यादा चमका । ऋषि अगस्त्य वहीं है, जिन्होंने श्रीराम को वह अस्त्र दिया था, जिससे रावण का वध सम्भव था ।। राम के विजय अभियान के हिडन योद्धाओं में एक । उन्होंने मुसलमानो को केवल 5 गुफाओं तक सीमित कर दिया ।। यह वही समय था, जिस समय मुसलमान किसी युद्ध मे केवल जीत हासिल करते थे, ओर वहां की प्रजा को मुसलमान बना देते, भारत वीर राजपूत मिहिरभोज ने मुसलमानो को अरब तक थर्रा दिया ।।
🙏🙏✍️✍️शरद जी।
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vsplusonline · 5 years
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रामविलास पासवान के आवास का भी पानी मिला खराब, BIS टेस्ट में सारे नमूने रहे फेल
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रामविलास पासवान के आवास का भी पानी मिला खराब, BIS टेस्ट में सारे नमूने रहे फेल
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केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य, एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (फोटो-प्रतीकात्मक)
भारतीय मानक ब्यूरो (BSI) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के आवास से लिये गये पीने के पानी का नमूना गंध व अल्यूमीनियम, कॉलीफॉर्म के मानक के अनुरूप नहीं था.
News18Hindi
Last Updated: February 29, 2020, 7:58 AM IST
नई दिल्ली. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (Union Minister Ram Vilas Paswan) का घर 12 जनपथ में स्थित है. उनके आवास से लिये गये पीने के पानी का नमूना आईएसओ मानकों पर खरा नहीं उतरा. यह बात भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताई. बीआईएस ने बताया कि केंद्रीय मंत्री के आवास से लिया गया पीने के पानी का नमूना गंध व अल्यूमीनियम, कॉलीफॉर्म के मानक के अनुरूप नहीं था.
सभी 11 नमूने हुए फेल बीआईएस की रिपोर्ट में दिल्ली में विभिन्न जगहों से लिए गए पीने के पानी (नल से आपूर्ति किया जाने वाला पानी) के सभी 11 नमूने आईएसओ के मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, देश की राजधानी में नगरपालिका/निगम/जलबोर्ड द्वारा लोगों के घरों में आने वाले पानी के नमूने लिए गए थे जिनकी जांच के लिए नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड लेबोरेटरी भेजा गया था.
नल में गंदे पानी का जिम्मेदार कौनपर्यावरण संबंधी मामलों की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीआईएस के वकील विपिन नायर से पूछा कि पीने के पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए कौन सा तरीका अपनाना चाहिए. नल क्षतिग्रस्त है, इसके लिए कौन से कदम उठाने की आवश्यकता है. गंदा पानी जलापूर्ति की पाइपलाइन में रिसकर जाता है. पाइप अगर पूरानी हो गई हो तो उसे बदलने का काम आपूर्ति केंद्र के अधिकारी का है जो अब भ्रष्ट हो सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे भी उदाहरण हो सकते हैं जहां पानी साफ करने की देखरेख करने वाले अधिकारी सही पेयजल में सही से रा��ायन नहीं मिलाता हो. पानी के दूषित होने के कई स्रोत हो सकते हैं. इसके अलावा पानी के क्षेत्र में माफिया भी एक मुद्दा है. न्यायमूर्ति गुप्ता ने एक उदाहरण दिया जहां करीब 10 साल से पानी की पाइप लीक कर रही थी और माफिया इससे कमाई कर रहे थे.
कोर्ट ने मांगा दिल्ली सरकार से जवाबकोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड से 15 दिनों के भीतर पानी के नमूनों पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने संबद्ध प्राधिकरणों से यह भी बताने को कहा कि क्या वे पानी के मौजूदा पाइप को बदलना चाहते हैं.
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First published: February 29, 2020, 7:43 AM IST
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प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे चेक करें
हर महिला की जिंदगी में मां बनने की खुशी का दिन आता है जब उसे पता चलता है कि वह मां बनने वाली है। महिला को यह जब पता चलता है जब महिला प्रेगनेंसी टेस्ट किट से जांच करती है। महिला को इस बात का संदेह तब हो जाता है जब उसके पीरियड्स का समय निकल जाता है और महिला को पीरियड से नहीं आते हैं।
हालांकि इस बात का पक्का परिणाम महिला के प्रेगनेंसी टेस्ट किट द्वारा जांच होने पर ही पता चलता है। डॉक्टर के अनुसार बताया जाता है कि महिला के अंदर एचसीजी हार्मोन होते हैं जो यह तय करते हैं कि महिला मां बनने वाली है या नहीं।
प्रेगनेंसी जांच किट क्या होता है | Pregnancy Test Kit Kya Hota Hai
डॉक्टरों और शीशे क्यों द्वारा एक उपकरण बनाया गया है जोकि इस बात का परिणाम निकालता है कि महिला मां बनने वाली है या नहीं इस किट में 3 हॉल दिए होते हैं जिसमें दोहोल पर लकीरे बनी होती है जो प्रेग्नेंट होने का परिणाम बताती है और एक हॉल होता है जहां पर पेशाब की बूंदे डाली जाती है। इन पेशाब की बूंदों में एचसीजी हारमोंस होते हैं। जैसे ही पेशाब की बूंदे इस पर पड़ती है तो आगे के दोनों हॉल की लकीरे प्रतिक्रिया करना शुरू कर देती है।
प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल करने का समय | Pregnancy Test Kit Ka Istemal Karne Ka Tarika
Pregnancy test kit का इस्तेमाल कब करना चाहिए और किस समय करना चाहिए इस बात का ध्यान महिला को होना चाहिए। चलिए जानते हैं
Pregnancy test kit का इस्तेमाल सुबह-सुबह करना चाहिए क्योंकि इस समय एचसीजी हार्मोन का लेवल शरीर में बढ़ जाता है जिससे किट से जांच करते समय सही प्रणाम मिल जाते हैं।
Pregnancy टेस्ट किट  जांच करते समय सावधानी रखनी चाहिए
प्रेगनेंसी टेस्ट किट से जांच करते समय कुछ मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए हमने नीचे प्रेगनेंसी टेस्ट किट जांच करते समय सावधानी बताइए चलिए जानते हैं।
घर पर प्रेगनेंसी किट से जांच करते समय बहुत बार नेगेटिव रिपोर्ट भी आती है इसलिए महिला को प्रति घंटे या 3 दिन बाद में वापस जांच करनी चाहिए।
जब शुरुआती दिनों के अंदर पेशाब में एचसीजी हार्मोन का स्तर थोड़ा कम रहता है जिसके कारण प्रेगनेंसी की सही से पहचान नहीं हो पाती है। अगर प्रेगनेंसी टेस्ट कितने जांच करते समय रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो 72 घंटे में दूसरी जांच करें यदि दूसरी जांच भी नेगेटिव आती है तो महिला चिकित्सक को चेक करवाएं याद रखें पीरियड्स के समय पर नहीं आने की वजह दूसरी वजह हो सकती है।
प्रेगनेंसी टेस्ट का पॉजिटिव परिणाम निकालने के लिए महिला को सुबह का सबसे पहला पेशाब का नमूना लेना चाहिए।
प्रेगनेंसी टेस्ट किट से जांच कभी समय ध्यान रहे की जांच करने से पहले पानी या चाय या कॉफी का सेवन नहीं करें ताकि रिजल्ट का पता सही से लगाया जा सके।
जांच से पहले चाय कॉफी का सेवन करने से h c g hormones घट जाते हैं जिससे परिणाम पर असर पड़ता है।
टेस्ट से पहले काम आने  वाली सभी वस्तु साफ-सुथरी होनी चाहिए।
Pregnancy test kit का इस्तेमाल करने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट चेक कर लेनी चाहिए किसको खोलने के बाद में 10 घंटे के भीतर भीतर काम में ले लेना चाहिए।
प्रेगनेंसी क्या है और शुरुआती लक्षण क्या है, प्रेगनेंसी कैसे रोक सकते हैं
प्रेगनेंसी टेस्ट किट से टेस्ट कब कर���ं | Pregnancy Test Kit Se Kab Test Kare
प्रेगनेंसी की जांच पीरियड्स का समय निकलने के एक-दो सप्ताह बाद में की जाती है। यह जांच महिला के पीरियड्स समय पर नहीं आने पर प्रेगनेंसी के संदेह होने पर की जाती है। सेक्स करने के बाद में जब शुक्राणु अंडे के साथ में मिलना शुरू हो जाते हैं तो गर्भाशय में प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है जिसके बाद में महिला के शरीर मैं पाए जाने वाले एचसीजी हारमोंस बनना शुरू हो जाते हैं यह हार्मोन निषेचन के लिए के बाद में एक सप्ताह है 2 सप्ताह में महिला के पेशाब में पाया जाते हैं। इसलिए महिला के पीरियड्स का समय यदि निकल जाता है तो महिला को प्रेगनेंसी की जांच कर लेनी चाहिए।
प्रेगनेंसी टेस्ट किट इस्तेमाल करने का सही तरीका | Pregnancy Test Kit Ka Istemal Karne Ka sahi Tarika
Pregnancy test kit का इस्तेमाल करने का तरीका महिला को आना चाहिए अन्यथा परिणाम गलत ही मिलेंगे। प्रेगनेंसी टेस्ट किट से प्रेगनेंसी की जांच करने के लिए सुबह-सुबह का पहला पेशाब का नमूना एक छोटे से बर्तन में लेना होगा फिर उस पेशाब के बंधुओं को प्रेगनेंसी किट पर बने होल  पर डालना होगा। अब आपको 5 मिनट इंतजार करना होगा और देखना होगा कि प्रेगनेंसी किट के ऊपर बनी दोनों पट्टी पर गुलाबी लकीर दिखाएं दे रही है या नहीं। यदि पट्टी पर गुलाबी लकीर दिखाई देते हैं तो आप किस पर दिए गए निर्देश को ध्यान से पढ़ें। भीगे विदेशों से पता लगा सकते हैं कि आप प्रेग्नेंट है या नहीं।
प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे चेक करें | Pregnancy Test Kaise Kare
Pregnancy test kit को घर पर इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए चलिए जानते हैं
सबसे पहले प्रेगनेंसी टेस्ट किट पर लिखी  सभी जानकारियां सावधानी से पढ़ लेना चाहिए।
ध्यान रहे अलग-अलग ब्रांड के प्रेगनेंसी टेस्ट किट पर निर्देश अलग-अलग दिए जाते हैं।
किसी कंपनी के टेस्ट मैं जांच पट्टी पर दिए गए होल मैं पेशाब की कुछ बूंदें डालने होती है।
कुछ समय इंतजार करने के बाद पट्टी पर किए गए दो और छेद मैं प्रतिक्रिया होना शुरू हो जाती है जैसा ब्लॉक का पिंक होना इस बात का संकेत देता है कि महिला प्रेग्नेंट है।
अगर महिला डिजिटल किट से प्रेगनेंसी टेस्ट करती है तब उस पर महिला प्रेग्नेंट है और नहीं लिखा हुआ आ जाता है परंतु दूसरे किट में दो धारियां बनी होती है।
प्रेगनेंसी किट जांच के बाद की संकेत क्या क्या है |Pregnancy Test Kit Ke Bad Kya Kya Sanket Hota Hai
Pregnancy test kit मैं जांच करने के बाद कुछ संकेत दिखाई देते हैं जिन का अर्थ कुछ इस प्रकार से है।
Pregnancy test kit पर पेशाब का नमूना डालने के बाद में 1 से 5 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है इसके बाद में अगर किट पर एक हल्की या गहरी गुलाबी लाइन नजर आना शुरू हो जाती है तब परिणाम नेगेटिव आते हैं यानी कि महिला प्रेग्नेंट नहीं है।
प्रेगनेंसी किट पर यदि दो हल्की या गहरी धारी नजर आती है तब महिला के प्रेग्नेंट होने के परिणाम पॉजिटिव होते हैं यानी कि महिला प्रेग्नेंट है।
यदि किट पर किसी तरह की लाइन नजर नहीं आती है तो कि खराब हो सकती है यहां कोई अन्य वजह हो सकती है जल्दबाजी में जांच करने से या नमूना लेने में गड़बड़ी हो करने से एचसीजी हार्मोन का लेवल कम होने की वजह से किट खराब हो सकता है और परिणाम गलत निकल सकते हैं।
Refernce Url :  https://www.ghareluayurvedicupay.com/pregnancy-test-kaise-kare/
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sharpbharat · 2 years
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Saraikela-Gamharia : गम्हरिया उषा मोड़ पर हर दिन बर्बाद हो रहा हजारों लीटर पानी, विभाग मौन
Saraikela-Gamharia : गम्हरिया उषा मोड़ पर हर दिन बर्बाद हो रहा हजारों लीटर पानी, विभाग मौन
संतोष कुमार / गम्हरिया : सरायकेला- खरसावां जिले में पानी की बर्बादी का नमूना यदि देखना है तो गम्हरिया ऊषा मोड़ के पास चले आइए. जहां पीएचईडी की पाईप फटने से हर दिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है. यह सिलसिला सालों से जारी है. छोटा गम्हरिया पंचायत की पंचायत समिति सदस्य पूजा सिंह समेत जनप्रतिनिधियों ने कई बार सरायकेला के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता को ज्ञापन सौंप ऊषा मोड़ में…
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dailyhantnews · 2 years
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एक गैर-सतह वाहन समुद्र का अध्ययन करना आसान बनाता है और...
एक गैर-सतह वाहन समुद्र का अध्ययन करना आसान बनाता है और…
Artur Zolich NTNU के इंजीनियरिंग साइबरनेटिक्स विभाग में पोस्टडॉक है। उन्होंने और जीव विज्ञान विभाग के सहयोगियों ने “पामेला” नामक एक रोबोट पानी का नमूना विकसित किया है। क्रेडिट: एनटीएनयू “पामेला” नार्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) में माइक्रोप्लास्टिक्स से प्लैंकटन से सैल्मन जूँ तक विभिन्न प्रकार के सतही जल कणों का नमूना लेने के लिए एक बिना क्रूड सतह वाहन (यूएसवी) विकसित…
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best24news · 2 years
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Haryana News: पेयजल जांच के लिए हर गांव से Sample लेगा Public Health Department
Haryana News: पेयजल जांच के लिए हर गांव से Sample लेगा Public Health Department
रेवाड़ी। जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पेयजल जांच के लिए अभियान चला रहा है। शुद्घ पेयजल जांच के लिए विभाग की टीम गांवो में जाएगी। जो एक दिन में सात गांवो में पेयजल स्रोतों का एक-एक नमूना लेकर मौके पर ही उनकी जांच करेगी। अगस्त में चलेगा अभियान: अधिशासी अभियंता संजीव दुहन ने विभागीय परिसर से इस वैन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने बताया कि मुख्यालय ने पीने के पानी की केमिकल जांच व आमजन को पानी की…
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oomsanatan · 3 years
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हमें कला का इतना सुंदर नमूना मिल जाएगा! यह महसूस न होने पर कि यह कुछ ऐसा था जो हमारी मुद्रा पर छपा हुआ था, हम इस सुंदरता- रानी की वाव से मिलने गए। रानी की वाव (रानी की बावड़ी) का निर्माण 11वीं शताब्दी ईस्वी में सरस्वती नदी के तट पर किया गया था। पानी की पवित्रता को उजागर करते हुए एक उल्टे मंदिर के रूप में डिज़ाइन किया गया, इसे उच्च कलात्मक गुणवत्ता के मूर्तिकला पैनलों के साथ सीढ़ियों के सात स्तरों में विभाजित किया गया है; 500 से अधिक सिद्धांत मूर्तियां और एक हजार से अधिक नाबालिग धार्मिक, पौराणिक और धर्मनिरपेक्ष कल्पनाओं को जोड़ती हैं, जो अक्सर साहित्यिक कार्यों को संदर्भित करती हैं। चौथा स्तर सबसे गहरा है और 23 मीटर की गहराई पर 9.5 मीटर गुणा 9.4 मीटर आयताकार टैंक में जाता है। कुआँ संपत्ति के सबसे पश्चिमी छोर पर स्थित है और इसमें 10 मीटर व्यास और 30 मीटर गहरा एक शाफ्ट होता है। Via @the_hodophilecouple #bharatanatyam #sanatanadharma #temples #memesdaily (at रानी लक्ष्मीबाई) https://www.instagram.com/p/CWiZZw9A1Mm/?utm_medium=tumblr
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newslobster · 2 years
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"यदि आप गंदी राजनीति चाहते हैं..": केजरीवाल ने CM योगी पर निशाना साधते हुए गुजरात में की वोट अपील
“यदि आप गंदी राजनीति चाहते हैं..”: केजरीवाल ने CM योगी पर निशाना साधते हुए गुजरात में की वोट अपील
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिंदी में रिट्वीट करते हुए कहा, “अगर गंदी गाली गलौज चाहिए, गुंडागर्दी चाहिए, भ्रष्टाचार चाहिए, गंदी राजनीति चाहिए तो इनको वोट दे देना. अगर स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी, सड़कें चाहिए तो मुझे वोट दे देना.” यूपी सीएम योगी अदित्यनाथ ने ट्वीट किए वीडियो में लिखा था, “यह जो आम आदमी पार्टी का नमूना आया है न दिल्ली से, यह तो आतंकवाद का सच्चा हितैषी है..” अगर गंदी…
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abhay121996-blog · 3 years
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पश्चिम बंगाल में किसानों के लिए मददगार होंगे नए केन्द्रीय कृषि कानून : कृषि विशेषज्ञ Divya Sandesh
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पश्चिम बंगाल में किसानों के लिए मददगार होंगे नए केन्द्रीय कृषि कानून : कृषि विशेषज्ञ
कोलकाता। केंद्रीय कृषि कानून को लेकर देशभर में मचे विवाद के बीच पश्चिम बंगाल के कृषि विशेषज्ञ विद्युत कुमार बसु ने कहा है कि केंद्रीय कृषि कानून बंगाल के किसानों के लिए काफी मददगार साबित होने वाले हैं। रविवार को “हिन्दुस्थान समाचार” से विशेष बातचीत के दौरान कृषि विशेषज्ञ बसु ने केंद्रीय कृषि कानून के कई सकारात्मक पहलुओं का जिक्र किया है। कृषि विशेषज्ञ बसु ग्रामीण और कृषि अर्थशास्त्र के प्रशिक्षक और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के पूर्व अधिकारी हैं। इस विशेष साक्षात्कार के दौरान कई प्रमुख मुख्य बिंदुओं पर बेवाक राय रखी। साक्षात्कार के प्रमुख सारांश।
प्रश्न: सामान्यतः कृषि एक आयामी विषय प्रतीत होता है लेकिन कृषि विभिन्न विषयों का एक संयोजन है। इस पर आप क्या कहते हैं? उत्तर: कृषि केंद्रित अर्थव्यवस्था से मेरा तात्पर्य केवल कृषि उत्पादन, संरक्षण और विपणन से नहीं है, बल्कि कृषि से किसान की आय और उनकी वित्तीय स्थिति से भी है। किसान को अपनी उपज बचाने, या सही कीमत पाने का मौका नहीं मिलता। कृषि की लागत भी काफी अधिक होती है। इसकी स्टोरेज या मार्केटिंग सिस्टम भी सही नहीं है। किसान को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिलता। साथ ही कृषि प्रशिक्षण का भी अभाव है। समय पर ऋण की उचित राशि, प्रमाणित बीज, उर्वरक, कीटनाशक, सिंचाई का पानी, कृषि यंत्र, कृषि बीमा, कृषि भूमि कानून, कृषि मजदूरों की भूमि सीमा या काम करने की स्थिति, कृषि अनुसंधान के लाभ आदि। कृषि अर्थशास्त्र मूल रूप से इन मुद्दों का एक संयोजन है।
प्रश्न: क्या इस राज्य की कृषि विकास दर संबंधित क्षेत्रों में औसत राष्ट्रीय विकास दर से बेहतर है? उत्तर: धान, जूट और सब्जियों के उत्पादन में पश्चिम बंगाल प्रथम है। इसके अलावा फल और चाय उत्पादन में दूसरे और फूल उत्पादन में बंगाल तीसरे स्थान पर है। दूसरे राज्यों से सिर्फ दालें, खाद्य तेल और प्याज का आयात करना पड़ता है।
प्रश्न: कृषि विकास के लिए अन्य बुनियादी ढांचे की स्थिति क्या है? उत्तर : बंगाल में कृषि का बुनियादी ढांचा काफी कमजोर है। आलू कोल्ड स्टोरेज या चावल का गोदाम पर्याप्त नहीं है। इसलिए यहां की सब्जियां और फूल दूसरे राज्यों के जरिए विदेशों में निर्यात किए जाते हैं। विपणन केंद्र की भारी कमी है। किसान मंडियां ठीक से काम नहीं करतीं।
प्रश्न: इस राज्य में कृषि के लिए संस्थागत समर्थन की क्या भूमिका है? उत्तर : फार्मा निर्माता संगठन भंडारण, प्रसंस्करण, विपणन, उर्वरकों की आपूर्ति, कृषि मशीनरी और बीज, और यहां तक कि विस्तार के लिए मददगार हो सकता है। नाबार्ड और कई स्वयंसेवी संगठनों की प्रारंभिक सफलता के बाद केंद्र सरकार ने पिछले साल जुलाई में एक बड़े पैमाने पर केंद्रीय परियोजना की घोषणा की। पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने तदनुसार कार्रवाई की है।
प्रशिक्षण और अनुसंधान: राज्य में तीन कृषि विश्वविद्यालय, कई कृषि विज्ञान केंद्र और एक केंद्रीय अनुसंधान संस्थान हैं। उर्वरक और बीज आपूर्ति अपर्याप्त है। बीज के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। रासायनिक खाद बाहर से आती है। कीमत ज्यादा है। वाणिज्यिक बैंक, ग्रामीण बैंक और सहकारी समितियां कृषि ऋण के मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं। लेकिन सही समय पर काम नहीं होता। सभी किसानों को कृषि बीमा के तहत लाया जाना चाहिए।
प्रश्न: अन्य राज्यों की तुलना में पश्चिम बंगाल में कृषि अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या है? उत्तर: भारत में कृषि के क्षेत्र में वास्तव में एक क्रांति हुई है। हर चीज का उत्पादन बहुत बढ़ गया है। उत्पादन के मामले में पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल बेहतर है। लेकिन मुनाफे को देखते हुए, केरल, गोवा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य वाणिज्य खेती में काफी सफल हैं।
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प्रश्न: पश्चिम बंगाल में किसानों की दुर्दशा क्यों है, भले ही उनका उत्पादन में उच्च स्थान है? उत्तर : सबसे पहले, पारंपरिक फसलें जैसे धान का उत्पादन सबसे अधिक होता है और कीमत कम मिलती है। सब्जियां, फूल, फल लाभदायक हैं लेकिन बेहतर संरक्षण और विपणन प्रणाली की जरूरत है। जहां ये सुविधाएं हैं, वहां किसान अच्छी आय कर रहे हैं।
मुख्य बाधा भूमि की मात्रा, प्रति परिवार 0.6 हेक्टेयर है जबकि भारत में औसत 1.06 हेक्टेयर है। पश्चिम बंगाल के 98 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान हैं। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, इतनी छोटी भूमि पर खेती की लागत भी नहीं आती है।
प्रश्न: आय बढ़ाने का उपाय क्या है? उत्तर : अधिक कीमत पर बिकने वाले अनाज की खेती शुरू करनी होगी। उत्तर बंगाल में तटीय इलाकों में काली मिर्च, सुपारी, बादाम बोया जा सकता है। धान की जगह केले की खेती हो रही है। जंगल में चंदन के पेड़ लगाने पर विचार किया जा रहा है। संरक्षण और विपणन में सुधार। जापान के कावासाकी का सिंगुर में एक मॉडल की टेस्टिंग की जा रही है।
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प्रश्नः वामपंथी और तृणमूल नए कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। कोई वजह? उत्तर: पश्चिम बंगाल में बांकुड़ा, बर्दवान और हावड़ा के कुछ स्थानों पर ठेके पर खेती हो रही है। चिप्स के लिए आलू का उपयुक्त उत्पादन हो रहा है। राज्य में कहीं भी किसानों ने इसके खिलाफ आंदोलन नहीं किया है। यदि समझौते को संयुक्त रूप से संस्थागत रूप दिया जाता है, तो आशंकाएं निराधार हैं। जैसे एफपीओ या सहकारी समितियों के माध्यम से किसान और निजी कंपनियों के ��ीच समझौते हो तो बेहतर तालमेल होगा। केंद्र का नया कृषि कानून किसानों के लिए हर तरह से मददगार है। अगर मौसम की वजह से फसलों को नुकसान भी पहुंचता है तो इस बात का जिक्र भी समझौते के पत्र में पहले ही किया जा सकता है ताकि किसानों को बहुत अधिक नुकसान नहीं उठाना पड़े। यह महसूस करते हुए कि नया कानून पश्चिम बंगाल में किसानों की मदद करेगा, कानून को आंशिक रूप से बदल दिया गया है।
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stock-dehko · 3 years
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Germany's Bioremediation Technology Will Be Adopted To Overcome The Problem Of Algae In Ganga In Varanasi - गंगा में शैवाल की समस्या दूर करने के लिए जर्मनी की खास तकनीक अपनाई जाएगी, ट्रायल के मिले सकारात्मक परिणाम 
Germany’s Bioremediation Technology Will Be Adopted To Overcome The Problem Of Algae In Ganga In Varanasi – गंगा में शैवाल की समस्या दूर करने के लिए जर्मनी की खास तकनीक अपनाई जाएगी, ट्रायल के मिले सकारात्मक परिणाम 
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: हरि User Updated Tue, 15 Jun 2021 08:57 AM IST सार शैवाल की समस्या को देखते हुए पहली बार नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा ने गंगाजल में इसके ट्रायल को मंजूरी दी है। वाराणसी और गाजीपुर में दो जगहों पर बायोरेमेडिएशन तकनीक का ट्रायल चल रहा है।  गंगा में शैवाल मिलने पर पानी का नमूना लेती जांच टीम। फाइल फोटो – फोटो : सोशल मीडिया। ख़बर सुनें ख़बर…
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