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बलूचिस्तान में मुठभेड़ के दौरान 23 आतंकियों और 18 सुरक्षाकर्मियों की मौत, जानें क्या बोले सेना प्रमुख मुनीर
#News बलूचिस्तान में मुठभेड़ के दौरान 23 आतंकियों और 18 सुरक्षाकर्मियों की मौत, जानें क्या बोले सेना प्रमुख मुनीर
Pakistan News: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकवादियों और सेना के बीच बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें 23 दहशतगर्द और 18 सुरक्षाकर्मी मारे गए। सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर अशांत प्रांत में झड़पों के बीच बलूचिस्तान के दौरे पर गए। रिपोर्ट के अनुसार, सेना प्रमुख को प्रांत में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। सीनियर सुरक्षा और खुफिया अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे। पाकिस्तानी…
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ISIS's Return: How the Terror Group is Expanding Once More
Introduction Of ISIS Resurgence
ISIS Resurgence: 1 जनवरी 2025 यानी नए साल के पहले दिन ही अमेरिका बेहद बुरी तरह से दहल उठा. अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स की बॉर्बन स्ट्रीट पर मौज-मस्ती कर रहे लोगों को एक पिकअप ट्रक ने कुचल दिया. पहले इसे सामान्य हमला माना जा रहा था. बाद में जब पिकअप ट्रक की तलाशी ली गई, तो पता चला कि यह दुर्घटना सामान्य नहीं थी. यह एक आतंकी हमला था, जिसे ISIS यानी इस्लामिक स्टेट से प्रभावित एक शख्स ने अंजाम दिया था. शख्स की पहचान शम्सुद्दीन जब्बार के रूप में की गई है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या ISIS कुचले जाने के बाद फिर से जिंदा हो रहा है. इस बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप भी सत्ता संभालने वाले हैं. ऐसे में ISIS को पहले कुचलने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी यह सबसे बड़ी चुनौती है.
Table Of Content
अमेरिका में हुआ ताजा हमला
ISIS ने सीरिया के गृहयुद्ध का कैसे उठाया फायदा
ISIS-खुरासान ने संभाली कमान
UN ने ISIS को लेकर क्यों दी चेतावनी
दुनिया में ISIS के अब तक के घातक हमले
सीरिया और इराक में ISIS के ताजा हालात
अमेरिका में हुआ ताजा हमला
गौरतल�� है कि ISIS के नाम से मशहूर इस आतंकी संगठन ने दुनिया भर में मौत और विनाश की क्रूर विरासत छोड़ी है. मीडिल-ईस्ट में ISIS का अब कोई खास प्रभाव वाला इलाका बचा नहीं है, लेकिन इस क्रूर संगठन ने दुनिया भर में आतंकी हमले करना जारी रखा. इसके साथ ही वह चरमपंथी विचारधारा के जरिए युवाओं को भड़काता रहता है. ISIS एक सुन्नी मुस्लिम विद्रोही गुट है, जिसे माना जाता है कि इराक में अलकायदा से जन्म हुआ. इराक में साल 2013 से लेकर 2017 तक चले गृहयुद्ध के लिए भी इस संगठन को ही जिम्मेदार माना जाता है. बाद में स्थानीय मिलिशिया और अमेरिकी सैनिकों ने इन विद्रोहियों को कुचल दिया.
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ISIS ने सीरिया के गृहयुद्ध का कैसे उठाया फायदा
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ISIS-खुरासान ने संभाली कमान
कुछ महीनों बाद 22 मार्च रूस की राजधानी मास्को स्थित एक कॉन्सर्ट हॉल में घातक हमला किया था, जिसे अमेरिकी अधिकारियों ISIS-K(खुरासान) को दोषी ठहराया था. इस हमले में कम से कम 137 लोग मारे गए थे . 16 जुलाई को ISIS-K के आतंकियों ने ओमान के मस्जिद में गोलीबारी की, जिसमें 6 लोग मारे गए थे. इसमें ISIS ने शिया मुसलमानों ��ो निशाना बनाया था. इन हमलों के अलावा भी इराक और सीरिया समेत कई देशों में हमले किए गए हैं.
UN ने ISIS को लेकर क्यों दी चेतावनी?
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दुनिया में ISIS के अब तक के घातक हमले
इसके बाद 22 मार्च 2016 को सुबह ब्रुसेल्स में एक एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशन को ISIS के आतंकियों ने उड़ा दिया था. इसमें 32 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. साल 2016 में 14 जुलाई को फ्रांस के नीस में बैस्टिल दिवस के दिन एक व्यक्ति ने आतिशबाजी देख रही भीड़ को 19 टन वजनी ट्रक से कुचल दिया. ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन ड्राइवर के सीधे तौर पर आतंकी समूह से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिले. साल 2015 में ISIS के आतंकियों ने इसी तरह जॉर्डन के सैन्य पायलट मोआज अल कसासबेह को जिंदा जलाया और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया. वहीं, 2015 में 15-16 फरवरी को ISIS से संबंधित लीबियाई आतंकियों ने एक वीडियो जारी कर 21 मिस्र के ईसाइयों का सिर कर दिया.
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सीरिया और इराक में ISIS के ताजा हालात
सीरिया में बशर अल असद के सत्ता से बेदखल होने और सेनाओं के पतन के बाद से विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि ISIS इन इलाकों में फिर से अपने पैर जमा सकता है. पिछले साल जुलाई के महीने में अमेरिकी विदेश मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता ने चेतावनी जारी करते हुए बताया था कि इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के हमले पिछले साल की तुलना में दोगुने होने के कगार पर हैं.
बशर अल असद के हटते ही अमेरिका समर्थित कुर्द बलों और तुर्की समर्थित विद्रोहियों के बीच संघर्ष उग्र रूप लेता जा रहा है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ISIS फिर से अपने पैर जमा सकता है. इराक में भी उनका प्रभाव बढ़ सकता है. अमेरिकी सेना की मीडिल-ईस्ट में तैनात अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक सीरिया में ISIS के 20 से अधिक ठिकाने मौजूद हैं. इसमे कुल 9 हजार से अधिक लड़ाके शामिल हैं. वहीं, सीरिया में 2 हजार और इराक में 2.5 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. सीरिया में उथल-पुथल जारी है और अमेरिकी सैनिकों ने हवाई हमले जारी रखे हैं. इससे वह ISIS के लड़ाकों और शिविरों को निशाना बना रहे हैं.
Conclusion
ISIS फिल���ाल सीरिया में है, लेकिन समूह का अफगान सहयोगी ISIS-K ने हाल के हमलों से यह सिद्ध कर चुका है कि वह दुनिया के किसी भी हिस्से में बड़े हमले को अंजाम दे सकता है. ISIS-K दुनिया के अलावा यह संगठन अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से भी लड़ रहा है. अमेरिकी अधिकारी मीडिल-ईस्ट के अलावा अफ्रीकी साहेल इलाके में भी नजर रख रहे हैं, क्योंकि अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ISIS (जिसे ISIL या अपमानजनक Daesh भी कहा जाता है) साहेल में तेजी से प्रगति कर रहा है.
बता दें कि ISIS ने ही पिछले साल मार्च में नाइजर की सेना पर हमला कर 30 जवानों को मार दिया था. ऐसे में अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि ISIS को नाइजीरिया, कांगो जैसे अफ्रीकी देशों से 60 फीसदी तक मदद मिल रही है. ISIS के लड़ाके फिलहाल हिट-एंड-रन हमले कर रहे हैं. वहीं, ISIS-K का अफगान लीडर सनाउल्लाह गफारी इसे वैश्विक संगठन बनाने की तैयारी कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र को भी डर है कि ISIS के लड़ाके अफगानिस्तान के साथ ही गृहयुद्ध की चपेट में सूडान में राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठा सकते हैं.
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वहीं, साल 2019 में अबू बकर अल-बगदादी के मारे जाने के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने दुनिया के नंबर एक आतंकी को न्याय के कटघरे में खड़ा किया. अबू बकर अल-बगदादी मर चुका है, जो ISIS का संस्थापक और नेता था. उन्होंने दावा किया था कि अबू बकर अल-बगदादी को पकड़ना या मारना उनके प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि उसने दूसरों को डराने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन अपने अंतिम समय में घबराहट और खौफ में बिताए थे.
उन्होंने दावा किया था कि अमेरिकी सैनिकों की पहुंच बहुत लंबी है, जिन्होंने ओसामा बिन लादेन के बहुत ही हिंसक बेटे हमजा बिन लादेन को मार गिराया था. अबू बकर अल-बगदादी के बाद हमने ISIS की खिलाफत को 100 प्रतिशत खत्म कर दिया है. साथ ही ISIS आतंकियों को उनके क्रूर अंत तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद बड़े पैमाने पर ISIS के आतंकियों के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं. यह बात अन्य आतंकी संगठनों पर भी लागू होती है.
बता दें कि मीडिल-ईस्ट में तैनात अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक जनवरी से जून 2024 तक ISIS के खिलाफ 196 मिशन चलाए गए हैं. इसमें इराक में कुल 44 ISIS ऑपरेटिव मारे गए है. वहीं, सीरिया में 59 ऑपरेशनों में 14 ISIS ऑपरेटिव मारे गए. इस दौरान इराक और सीरिया में आठ वरिष्ठ ISIS लीडर मारे गए और 32 पकड़े गए हैं. यह लीडर सीरिया और इराक के बाहर अभियानों की योजना बनाने, भर्ती करने, प्रशिक्षण देने और हथियारों की तस्करी करने के लिए जिम्मेदार थे. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि ISIS का अगला प्लान क्या होगा और डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद इससे कैसे निपटे हैं.
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भारत ने 1971 का युद्ध पानी में कैसे जीता, अमेरिका से लीज पर ली गई पाकिस्तान की पीएनएस गाजी पनडुब्बी को डुबो दिया
जैसा कि भारत 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाता है, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की शानदार जीत की याद में, इसे अक्सर जमीन तक सीमित लड़ाई माना जाता है, जिसमें भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू करती है। लेकिन 1971 का युद्ध सिर्फ ज़मीन पर नहीं लड़ा गया था। जबकि राजस्थान के रेगिस्तान में थिएटर और जेपी दत्ता की बॉर्डर में बहादुरों की कार्रवाई को अमर बना दिया गया है, एक…
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date - 16 December 2024 Time 01.00 to 01.05 PM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक १६ डिसेंबर २०२४ दुपारी १.०० वा.
राज्य विधीमंडळाचं अधिवेशन आज नागपूर इथं सुरु झालं. विधानसभेत कामकाज सुरु होताच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी नवीन मंत्र्यांचा परिचय करुन दिला. त्यानंतर यावर्षीच्या पुरवणी मागण्या मंत्री उदय सामंत यांनी सादर केल्या. काँग्रेसचे नाना पटोले यांनी बीड जिल्ह्यातल्या माजी सरपंचाची हत्या आणि परभणी इथल्या हिंसाचाराचा मुद्दा उपस्थित केला. सरकारने यासंदर्भात उत्तर देण्याची मागणी त्यांनी केली. यावर सरकार चर्चा करण्यास तयार असल्याचं मुख्यमंत्री फडणवीस यांनी सांगितलं. परभणी आणि बीड मधल्या घटना गंभीर असून, विरोधकांनी याचं राजकारण न करता विधायक सूचना सभागृहात चर्चेदरम्यान कराव्यात, अशी अपेक्षा, त्यांनी व्यक्त केली. मंत्री चंद्रकांत पाटील यांनी विधानसभेच्या पटलावर आठ विधेयकं सादर केली. माजी राज्यपाल एस एम कृष्णा आणि विधानसभा सदस्य दिनकरराव जाधव यांच्या निधनाबद्दल शोक प्रस्ताव संमत होऊन, विधानसभेचं कामकाज दिवसभरासाठी स्थगित झालं.
विधान परिषदेतही विरोधी पक्षनेते अंबादास दानवे यांनी बीड जिल्ह्यातल्या मस्साजोगच्या सरपंचाच्या हत्येचा मुद्दा उपस्थित केला. हे प्रकरण स��आयडीकडे सोपवण्यात आलं असून, विशेष तपास पथकामार्फत चौकशी करण्यात येत असल्याचं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी सांगितलं. तीन आरोपींना अटक करण्यात आली असून, याप्रकरणातल्या दोषींवर कारवाई करण्याचं त्यांनी आश्वासन दिलं. विधानपरिषदेतही माजी राज्यपाल एस एम कृष्णा आणि माजी विधानसभा सदस्य दिनकरराव जाधव यांच्या निधनाबद्दल शोक प्रस्ताव संमत करुन कामकाज दिवसभरासाठी स्थगित झालं. दरम्यान, अधिवेशन सुरु होण्यापूर्वी विरोधी पक्ष सदस्यांनी विधिमंडळाच्या पायऱ्यावर ईव्हीएम विरोधात आंदोलन केलं. ईव्हीएम हटवा लोकशाही वाचवा अशा घोषणा यावेळी देण्यात आल्या.
राज्यसभेत आज संविधानावरच्या चर्चेला सुरुवात झाली. देशाने राज्यघटना स्वीकारुन ७५ वर्ष पूर्ण झाल्यानिमित्त ही विशेष चर्चा होत आहे. अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन यांनी या चर्चेला सुरुवात करताना, राज्यघटना तयार करणार्या सर्वांचं स्मरण केलं. या पवित्र दस्तऐवजात अंतर्भूत असलेल्या भावनेला कायम ठेवणारा भारत निर्माण करण्याचा संकल्प करण्याची हीच वेळ असल्याचं त्या म्हणाल्या. उद्यापर्यंत राज्यसभेत यावर चर्चा होणार असून, भाजपनं आपल्या खासदारांना व्हिप जारी करुन आज आणि उद्या सभागृहात हजर राहण्याचे आदेश दिले आहेत.
प्रख्यात तबलावादक उस्ताद जाकीर हुसैन यांचं अमेरिकेत निधन झालं, ते ७३ वर्षांचे होते. हृदयविकाराशी संबंधित त्रासामुळे त्यांना सॅनफ्रान्सिस्को इथल्या रुग्णालयात दाखल करण्यात आलं होतं, उपचारादरम्यान रात्री उशीरा त्यांचं निधन झालं. जाकीर हुसैन यांनी सहा दशकांच्या कारकिर्दीत तबला वादनाला नवी ओळख मिळवून दिली. जगभरात विविध कलावंतांसोबतचं त्यांचं जुगलबंदी सादरीकरण हा रसिकांसाठी अद्भुत अनुभव ठरत असे. विविध चित्रपट आणि जाहिरातपटातून भूमिका केलेले जाकीर हुसैन यांचा भारत सरकारने पद्मश्री, पद्मभुषण आणि पद्मविभुषण सन्मानाने गौरव केला आहे. तबल्यावर थिरकणारी त्यांची जादुई बोटं आणि त्यातून उमटणारा अलौलिक तालध्वनि, रसिकांच्या मनावर सदैव अधिराज्य करत राहतील. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्यासह राजकीय आणि सांस्कृतिक क्षेत्रातल्या मान्यवरांनी झाकीर हुसैन यांना श्रद्धांजली वाहिली आहे.
विजय दिवस आज साजरा होत आहे. १९७१ साली झालेल्या भारत पाक युद्धात भारतानं आजच्या ��िवशी पाकिस्तावर विजय मिळवत ९३ हजाराहून अधिक पाकिस्तानी सैनिकांना युद्धबंदी केलं होतं. यानंतर पूर्व पाकिस्तान वेगळा होऊन बांग्लादेशची निर्मिती झाली. संरक्षणमंत्री राजनाथ सिंह यांनी विजय दिवसानिमित्त राष्ट्रीय युद्ध स्मारकावर हुतात्म्यांना अभिवादन केलं. भारतीय सेना, नौदल आणि हवाई दलाच्या अधिकाऱ्यांनी विजय दिवसानिमित्त पश्चिम बंगाल इथल्या विजय स्मारक आर्मी मुख्यालय ईस्टर्न कमांड इथं पुष्पहार अर्पण करुन हुतात्मा सैनिकांना अभिवादन केलं.
राज्य सरकारनं हमीभावानं सोयाबीन खरेदी करण्याचा निर्णय घेतला आहे. राज्यात १४ डिसेंबरपर्यंत ५५१ खरेदी केंद्रांवर, केवळ एक लाख ३१ हजार टन सोयाबीनची खरेदी झाल्यानं, शेतकऱ्यांना नोंदणीसाठी १५ डिसेंबरवरून ३१ डिसेंबरपर्यंत मुदतवाढ देण्यात आली आहे. राज्यात यासाठी ५८१ केंद्रांना खरेदीची परवानगी देण्यात आली असून, त्यातले ५५१ केंद्रं सुरू असल्याची माहिती सहकार आणि पणन विभागानं दिली.
बॉर्डर - गावस्कर कसोटी क्रिकेट मोलिकेतल्या तिसर्या सामन्यात भारतानं पहिल्या डावात चार बाद ४८ धावा केल्या, त्यानंतर पावसामुळे खेळ थांबवण्यात आला. तत्पूर्वी आजचा खेळ सुरु झाला तेव्हा ऑस्ट्रेलियाचा पहिला डाव ४४५ धावांवर संपुष्टात आला. जसप्रित बुमराहनं सहा, मोहम्मद सिराजनं दोन, तर नितीश कुमार रेड्डी आणि रविंद्र जडेजानं एक गडी बाद केला.
परभणी जिल्ह्यात आज ही थंडीचा जोर कायम असून, सकाळी चार पूर्णांक एक अंश सेल्सिअस या निचांकी तापमानाची नोंद झाली. नाशिक जिल्ह्यातही तापमानात घट झाली आहे. आज निफाडमध्ये पाच पूर्णांक सहा, तर नाशिकमध्ये नऊ पूर्णांक चार अंश सेल्सिअस तापमान नोंदवलं गेलं.
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कारगिल योद्धा दीपचंद ने आगरा पहुंचकर युवाओं को दी प्रेरणा, दिव्यांगता को दी मात
कारगिल युद्ध के दौरान अपनी वीरता से देश का सिर गर्व से ऊंचा करने वाले और आज भी अपनी जिजीविषा से प्रेरणा देने वाले हिसार के नायक दीपचंद 19 नवंबर को मथुरा होते हुए आगरा पधारे। दिव्यांगता को हराकर समाज में देशभक्ति और आत्मनिर्भरता की अलख जगाने वाले इस योद्धा की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान तोप के गोले से अपने दोनों पैर और एक हाथ गंवाने वाले दीपचंद ने कभी हार नहीं मानी। उनकी जीवटता का प्रमाण है कि वह वाहन निर्माता कंपनी द्वारा विशेष रूप से तैयार कार को केवल एक हाथ से चलाते हैं। उनके इस सफर में वह 2100 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं और युवाओं को अपनी कहानी सुनाकर उनके भीतर देशभक्ति की भावना जगा रहे हैं। पुणे में रहने वाले दीपचंद हेलीकॉप्टर उड़ाना भी सीख चुके हैं, जो उनकी असाधारण इच्छाशक्ति को दर्शाता है। दिव्यांगता को मात देकर समाज के लिए मिसाल दीपचंद की जीवन गाथा संघर्षों और जीत की कहानी है। कारगिल युद्ध में मिसाइल रेजिमेंट का हिस्सा रहे दीपचंद ने बताया कि 60 दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को घुटनों पर ला दिया था। उन्होंने गर्व के साथ बताया, “हमने अपनी जमीन को दुश्मनों से मुक्त कराया और उन्हें करारा जवाब दिया।” युद्ध के दौरान तोप का गोला फटने से दीपचंद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनकी दोनों टांगें और एक हाथ खोने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी। ऑपरेशन पराक्रम के दौरान घायल होने के बाद उन्हें बचाने के लि��� 17 बोतल खून चढ़ाया गया था। युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत सोशल मीडिया पर सक्रिय दीपचंद आज भी युवाओं को अपनी कहानी सुनाकर उन्हें प्रेरित करते हैं। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता को उन्होंने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है और इसे कभी भी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि हर इंसान के भीतर एक योद्धा छुपा होता है, जो विपरीत परिस्थितियों में उभरता है।” हिंदुस्तानी बिरादरी ने की सराहना हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा ने दीपचंद के आगरा आगमन पर कहा, “दीपचंद जैसे योद्धा हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उनकी इच्छाशक्ति ��र जज्बा हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन हमें यह संदेश देता है कि दिव्यांगता व्यक्ति की मानसिक शक्ति को कभी परास्त नहीं कर सकती।” विशाल शर्मा ने आगे कहा, “कारगिल युद्ध के ऐसे वीरों की कहानियां हमें अपनी सेना के प्रति गर्व महसूस कराती हैं। दीपचंद का भारत भ्रमण अभियान हमारे समाज को यह दिखाता है कि अगर हौसला बुलंद हो, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।” देशभर में फैला रहे हैं जागरूकता दीपचंद आजकल भारत भ्रमण पर हैं और हर शहर में युवाओं से मुलाकात कर उन्हें प्रेरित कर रहे हैं। आगरा में उन्होंने कहा, “देशभक्ति का जज्बा हर युवा के भीतर होना चाहिए। हमारे शहीदों ने जो कुर्बानियां दीं, उन्हें याद रखना और देश के लिए कुछ करना हर नागरिक का कर्तव्य है।” दीपचंद के इस सफर ने आगरा में युवाओं के दिलों में जोश भर दिया। उन्होंने दिव्यांगता को मात देकर समाज के लिए जो मिसाल पेश की है, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। Read the full article
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जे&के आतंकवादी हमला: सेना का कहना है कि पाकिस्तानी आतंकवादी स्थानीय लोगों को डराने के लिए निशाना बना रहे हैं
सेना ने बताया है कि पाकिस्तानी आतंकवादी जानबूझकर स्थानीय लोगों पर हमला कर रहे हैं ताकि डर पैदा किया जा सके। यह जानकारी तब आई है जब बारामूला में एक.counter-insurgency ऑपरेशन चल रहा है, जहां दो सैनिकों और दो पोर्टरों को आतंकवादियों ने मार डाला। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने हमलों में वृद्धि के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।
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Maharashtra Theatre Owners Warned by MNS Chief Raj Thackeray Against Screening Pakistani Film “The Legend Of Maula Jatt”
फवाद खान नावाच्या पाकिस्तानी अभिनेत्याचा, ‘लिजेंड ऑफ मौला जट’ नावाचा सिनेमा लवकरच भारतात प्रदर्शित होणार आहे. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना हा सिनेमा कुठल्याही परिस्थितीत महाराष्ट्रात प्रदर्शित होऊ देणार नाही. पाकिस्तानी कलाकारांचे सिनेमे मुळात भारतात प्रदर्शित का होऊ दिले जातात?… — Raj Thackeray (@RajThackeray) September 22, 2024 Thackeray referenced the party’s previous actions regarding similar…
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रिपब्लिक डे परेड में भारत के हथियार देखकर रुक गई पाकिस्तान की सांसे, मिमियाने लगे आर्मी और मीडिया; जानें पूरा मामला
#News रिपब्लिक डे परेड में भारत के हथियार देखकर रुक गई पाकिस्तान की सांसे, मिमियाने लगे आर्मी और मीडिया; जानें पूरा मामला
Indian Army VS Pakistan Army Pakistani Reactions: तारीख 26 जनवरी, 2025. दिन रविवार और वो 90 मिनट जिनके लिए ये कहा गया कि कैसे पाकिस्तानी फौज के बड़े-बड़े अफसरों की सांसे उखड़ने लगीं? इसकी वजह जानकर आप दंग रह जाएंगे. क्योंकि भारत ने रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे पाकिस्तान को ऐसा ट्रेलर दिखाया कि समझ लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के दफ्तर से लेकर पाकिस्तानी सेना के जनरल असीम मुनीर के ऑफिस…
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बलूचिस्तानी सेना और बलूच लड़ाकों के बीच जंग जैसे हालात, छह घंटे में 102 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
बलूचिस्तान पर अब पाकिस्तानी सेना की पकड़ कमजोर होती जा रही है। लगभग पूरे सूबे पर बलूच लड़ाकों ने कब्जा कर लिया है। पाकिस्तान की सेना और बलूच लड़ाकों के बीच जंग जैसे हालात हैं। सेना और विद्रोहियों के बीच जारी जंग में दोनों पक्षों को भीषण नुकसान पहुंचा है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया है कि उसने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ ऑपरेशन हेरोफ शुरू किया है। बीएलए के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि इस…
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पाकिस्तानी सेना ने तीन पूर्व अधिकारियों को किया अरेस्ट, ISI के पूर्व प्रमुख फैज हमीद से जुड़े हैं मामले के तार, पढ़े पूरी खबर..
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना ने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज हमीद के बाद तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी गुरुवार (15 अगस्त 2024) को सेना द्वारा दी गई। सेना के एक बयान में कहां गया कि कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों और उनके सहयोगियों की आगे की जांच जारी है, जो निहित राजनीतिक हितों के इशारों पर और मिलीभगत से अस्थिरता को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे थे।
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हद से ज़्यादा शोहरत का नुक़सान : इमरान ख़ान के क़रीबी पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त फैज़ हमीद का कोर्ट मार्शल!!रिपोर्ट!! https://tinyurl.com/2au88ps5
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Jamshedpur womens university : जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी एनसीसी ने भावपूर्ण ढंग से मनाया कारगिल विजय दिवस, कैडेट्स ने विविध कार्यक्रमों के जरिये देश के सैनिकों की वीरता एवं बलिदान का किया स्मरण
जमशेदपुर : जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की एनसीसी इकाई की ओर से शुक्रवार, 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कारगिल युद्ध में देश के सैनिकों की वीरता एवं बलिदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से आयोजित उक्त कार्यक्रम में भारतीय सेना द्वारा 1999 में ऑपरेशन विजय के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठियों को हराकर कारगिल की ऊंचाइयों को सुरक्षित किये जाने को स्मरण किया गया. (नीचे…
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पाकिस्तानी सेना ने गिलगित बाल्टिस्तान के खूबसूरत स्थलों पर कब्जा किया, स...
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चीन को उसी के घर में घेरने की तैयारी, भारत की इस देश से दोस्ती देख टेंशन में ड्रैगन, पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने बताया गेम चेंजर
हनोई: वियतनाम के पीएम फाम मिन्ह भारत के दौरे पर आए हैं। इस दौरान भारत और वियतनाम के संबंध मजबूत होते दिख रहे हैं। भारत ने वियतनाम को 300 मिलियन डॉलर का ऋण देने की पेशकश की है, ताकि वियतनाम अपनी समुद्री सुरक्षा बेहतर कर सके। यह हिंद प्रशआंत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है। भारत ने 300 मिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट दिया है। यानी वियतनाम इस धन के जरिए भारत से हथियार खरीद सकता है। संभव है कि ब्रह्मोस मिसाइल वह खरीदे। हालांकि भारत और वियतनाम की करीबी से चीन परेशान होने वाला है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके वियतनामी समकक्ष फाम मिन्ह चिन्ह के बीच नई दिल्ली में गुरुवार को हुई मीटिंग में लाइन ऑफ क्रेडिट देने का ऐलान किया गया। वियतनाम चीन का पड़ोसी है। इसके अलावा दोनों एक युद्ध भी लड़ चुके हैं। इसकी एक बड़ी स��मा दक्षिण चीन सागर के साथ जुड़ती है, जहां चीन की आक्रामकता किसी से छिपी नहीं है। फिलीपींस के साथ चीन दक्षिणी चीन सागर में तनाव बढ़ाता रहता है। आए दिन दोनों के बीच झड़प होती रहती है। फिलीपींस ने चीन से मुकाबला करने के लिए भारत की ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी है। भारत का क्या है प्लान? वियतनाम के प्रधानमंत्री के सामने पीएम मोदी ने चीन पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत विकासवाद का पक्षधर है, विस्तारवाद का नहीं। दरअसल चीन लगातार समुद्री सीमा को लेकर अपने पड़ोसियों से विवाद करता रहता है। वियतनाम इससे अछूता नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें तटीय शहर न्हा ट्रांग में एक सेना सॉफ्टवेयर पार्क का उद्घाटन शामिल है। भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिहाज से वियतनाम काफी महत्वपूर्ण है। भारत के पड़ोसियों के साथ जिस तरह चीन अपने संबंध मजबूत कर रहा है। उसी तरह भा���त के लिए भी जरूरी है कि दक्षिण चीन सागर में सहयोगियों के साथ रिश्ते बेहतर हों। पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स ने गिनाए फायदे पाकिस्तानी पत्रकार कमर चीमा ने कहा कि चीन के करीब के देशों को भारत लड़ने के लिहाज से तैयार कर रहा है। चीमा ने कहा, 'भारत के पास फायदा है कि वह गुटनिरपेक्ष रहा है। यह छोटे देशों को ताकत देता है कि वह किसी वैश्विक ताकत के दबाव में आए बिना अपनी मर्जी से काम कर सकें।' उन्होंने भारत की ओर से वियतनाम को लाइन ऑफ क्रेडिट लाइन देने के फायदे गिनाए। चीमा ने कहा, 'लाइन ऑफ क्रेडिट से भारत को बड़े फायदे हैं। एक तो भारत को सपोर्ट मिलेगा। दूसरी इनकी मैन्युफैक्चरिंग की ताकत बढ़ेगी। तीसरा पश्चिमी देशों की तुलना में भारत सस्ता हथियार मुहैया कराएगा।' उन्होंने कहा कि भारत चीन के सभी करीबियों को मजबूत कर अपना दोस्त बना रहा है। http://dlvr.it/TBP3pm
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सरकार, सेना और न्यायपालिका की आलोचना करना हुआ गुनाह, तीन साल की जेल और 20 लाख जुर्माने का किया प्रावधान
#News सरकार, सेना और न्यायपालिका की आलोचना करना हुआ गुनाह, तीन साल की जेल और 20 लाख जुर्माने का किया प्रावधान
Pakistan News: पाकिस्तानी संसद के निचले सदन ‘नेशनल असेंबली’ ने बृहस्पतिवार को साइबर कानून में विवादास्पद बदलावों को मंजूरी दे दी, जिसके तहत फर्जी खबर फैलाने पर तीन साल तक की जेल और 20 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना हो सकता है। इस बिल में सरकार, सेना और न्यायपालिका की आलोचना करने वालों को भी दंडित करने का प्रावधान शामिल है। बिल में कहा गया है कि आलोचना से जुड़ी सामग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट करने…
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