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agra24 · 1 day ago
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कारगिल योद्धा दीपचंद ने आगरा पहुंचकर युवाओं को दी प्रेरणा, दिव्यांगता को दी मात
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कारगिल युद्ध के दौरान अपनी वीरता से देश का सिर गर्व से ऊंचा करने वाले और आज भी अपनी जिजीविषा से प्रेरणा देने वाले हिसार के नायक दीपचंद 19 नवंबर को मथुरा होते हुए आगरा पधारे। दिव्यांगता को हराकर समाज में देशभक्ति और आत्मनिर्भरता की अलख जगाने वाले इस योद्धा की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान तोप के गोले से अपने दोनों पैर और एक हाथ गंवाने वाले दीपचंद ने कभी हार नहीं मानी। उनकी जीवटता का प्रमाण है कि वह वाहन निर्माता कंपनी द्वारा विशेष रूप ��े तैयार कार को केवल एक हाथ से चलाते हैं। उनके इस सफर में वह 2100 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं और युवाओं को अपनी कहानी सुनाकर उनके भीतर देशभक्ति की भावना जगा रहे हैं। पुणे में रहने वाले दीपचंद हेलीकॉप्टर उड़ाना भी सीख चुके हैं, जो उनकी असाधारण इच्छाशक्ति को दर्शाता है। दिव्यांगता को मात देकर समाज के लिए मिसाल दीपचंद की जीवन गाथा संघर्षों और जीत की कहानी है। कारगिल युद्ध में मिसाइल रेजिमेंट का हिस्सा रहे दीपचंद ने बताया कि 60 दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को घुटनों पर ला दिया था। उन्होंने गर्व के साथ बताया, “हमने अपनी जमीन को दुश्मनों से मुक्त कराया और उन्हें करारा जवाब दिया।” युद्ध के दौरान तोप का गोला फटने से दीपचंद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनकी दोनों टांगें और एक हाथ खोने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी। ऑपरेशन पराक्रम के दौरान घायल होने के बाद उन्हें बचाने के लिए 17 बोतल खून चढ़ाया गया था। युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत सोशल मीडिया पर सक्रिय दीपचंद आज भी युवाओं को अपनी कहानी सुनाकर उन्हें प्रेरित करते हैं। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता को उन्होंने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है और इसे कभी भी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि हर इंसान के भीतर एक योद्धा छुपा होता है, जो विपरीत परिस्थितियों में उभरता है।” हिंदुस्तानी बिरादरी ने की सराहना हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा ने दीपचंद के आगरा आगमन पर कहा, “दीपचंद जैसे योद्धा हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उनकी इच्छाशक्ति और जज्बा हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन हमें यह संदेश देता है कि दिव्यांगता व्यक्ति की मानसिक शक्ति को कभी परास्त नहीं कर सकती।” विशाल शर्मा ने आगे कहा, “कारगिल युद्ध के ऐसे वीरों की कहानियां हमें अपनी सेना के प्रति गर्व महसूस कराती हैं। दीपचंद का भारत भ्रमण अभियान हमारे समाज को यह दिखाता है कि अगर हौसला बुलंद हो, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।” देशभर में फैला रहे हैं जागरूकता दीपचंद आजकल भारत भ्रमण पर हैं और हर शहर में युवाओं से मुलाकात कर उन्हें प्रेरित कर रहे हैं। आगरा में उन्होंने कहा, “देशभक्ति का जज्बा हर युवा के भीतर होना चाहिए। हमारे शहीदों ने जो कुर्बानियां दीं, उन्हें याद रखना और देश के लिए कुछ करना हर नागरिक का कर्तव्य है।” दीपचंद के इस सफर ने आगरा में युवाओं के दिलों में जो�� भर दिया। उन्होंने दिव्यांगता को मात देकर समाज के लिए जो मिसाल पेश की है, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।   Read the full article
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