#पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया
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ये मैं कर सकता हूँ जो बगिया थी बाहर इंटरलॉकिंग ईंट से पट गई ,अब तो राजस्थान के थार सा लगता है ,हाँ गाबा या नामीबिया का जंगल होता, या अपने पश्चिमी घाट या फिर बचपन वाला पहाड़ी इलाका । मोरक्को का उत्तरी भाग चलता । मुझे गर्मी पसंद है कोल्ड ब्लडेड हूँ ,4 pm के बाद bp लो होने लगता है । सर्दियां सर्बिया की हों तो चल जाएगी या कोलोराडो की । लोग नैनीताल भागते हैं मुझे नहीं भाता ।वँहा भी भीड़ , बहन ने हमीरपुर nit हिमाचल btech किया है वँहा शांति मिलती है , मुझे ठीक वँहा पश्चिमी घाट सा लगा या पर्थ ऑस्ट्रेलिया का गाबा । लाल सुर्ख मिट्टी गोल चिकने कलरफुल पत्थर । या अपना ईस्ट इंडिया मेघालय मिजोरम त्रिपुरा नागालैंड 🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱 मन करता है लिखता जाऊं ।
जब से मेरी क्यारी टूटी है तब से fb पर🌱 Happy 🌱🌱Green 🌱Sunday 🌱 के नाम से पोस्ट बनती है ।
यँहा भी वही । मतलब किस से कहा जाए । सद्दाम हुसैन से तो नहीं कहूंगा जिसने बेबीलोन के ऐतिहासिक जंगली, और उन झूलों या वँहा का बना ऐतिहासिक टावर आदि एरिया में कैमरा जाने से मना कर दिया था ।
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ऑस्ट्रेलिया में उड़ान भरने के तुरंत बाद आपस में टकराए दो हेलिकॉप्टर, सवार थे दो पायलट
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में गुरुवार को दो हेलिकॉप्टर की हवा में टक्कर आने की सूचना मिली है। हालांकि इसमें अभी तक किसी के घायल होने की जानकारी नहीं मिली है। इसमें सिर्फ दो पायलट सवार होने की जानकारी मिली है। एक समाचार एजेंसी के अनुसार पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया पुलिस बल ने बताया कि किम्बरली क्षेत्र के एक छोटे से शहर कैम्बलिन में माउंट एंडरसन स्टेशन के पास दो हेलिकॉप्टर टकरा गए। आपातकालीन सेवाओं को गुरुवार…
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श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान में उत्तर प्रदेश सरकार श्रम व सेवायोजन मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘वृहद रोजगार मेला-2023‘‘ का शानदार आयोजन।
देश की शीर्ष पचास से अधिक आई.टी. इन्जीनियरिंग, प्रबंधन, हैल्थ सेक्टर, पैरामेडिकल, नर्सिंग, व्यापार एवं वाणिज्य कम्पनियों ने देश भर से आये पाँच हजार से अधिक युवाओं का साक्षात्कार लेकर पाँच सौ छयासी युवाओं को अन्तिम रूप से चयनित किया।
आदरणीय प्रधानमन्त्री जी की ‘मिशन रोजगार‘, डिजीटल इण्डिया, स्किल इण्डिया एवं शानदार राष्ट्रीय शिक्षा निति के दम पर रोजगारोन्मुखी योजनाओं से पिछले एक दशक अप्रत्याशित रूप से बेरोजगारी कम हुई है - डॉ. सुधीर गिरि, चेयरमैन वेंक्टेश्वरा समूह।
सरकारी एवं निजी क्षेत्र की नौकरियों के अलावा एंटरप्रेन्योर के दम पर स्वरोजगार की दिशा में आज देश पूरे विश्व में अव्वल - श्री एम.एस. कन्याल मुख्य अतिथि/ वक्ता वरिष्ठ आई.एफ.एस. अधिकारी भारत सरकार।
यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा रोजगार मेला - अश्वनी कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी विशिष्ट अतिथि।
बड़ी संख्या में नौकरी पाकर खिले युवाओं के चेहरे, यू.पी. सरकार एवं वेंक्टेश्वरा का जताया आभार।
चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस (किसान जयन्ती) की पूर्व संध्या पर प्रदेश के चार दर्जन से अधिक प्रगतिशील अन्नदाता किसान भाईयों को पगड़ी पटका एवं ‘‘चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान प्रशस्ति पत्र‘‘ देकर किया सम्मानित।
आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय संस्थान एवं श्रम व सेवायोजन मन्त्रालय उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आज ‘‘वृहद रोजगार मेला-2023‘‘ का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से चार दर्जन से अधिक मल्टीनेशनल कम्पनियों ने देश भर से आये पाँच हजार से अधिक युवाओं का साक्षात्कार लेकर पाँच सौ छयासी अभ्यार्थियों/युवाओं को अन्तिम रूप से चयनित किया। इसके साथ ही किसान जयन्ती (23 दिसम्बर) की पूर्व संध्या पर प्रदेश के 51 प्रगतिशील अन्नदाता किसान भाईयों को चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान/ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान के मेजर ध्यानचन्द्र ओपन खेल परिसर में उत्तर प्रदेश सेवायोजन मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘वृहद रोजगार मेला-2023‘‘ का शुभारम्भ समूह चेयरमैन डॉ. सुधीर गिरि, मुख्य अतिथि आई.एफ.एस श्री एम.एस. कन्याल, मुख्य विकास अधिकारी श्री अश्वनी कुमार मिश्र, परियोजना निदेशक श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह, प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, जिला सेवा योजन अधिकारी डॉ. सुशील कुमार कुलपति डॉ. राकेश कुमार यादव आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया।
अपने सम्बोधन में समूह चेयरमैन डॉ. सुधीर गिरी ने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अथक प्रयासों से आज ‘‘स्किल इण्डिया डिजीटल इण्डिया मिशन रोजगार‘‘ एवं शानदार नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बदौलत सक्षम एवं पात्र युवाओं के लिए देश एवं विदेशों में रोजगार के लाखों अवसर उप्लब्ध है। आज आई.टी., मैनेजमेन्ट, हैल्थ सेक्टर, नर्सिंग समेत हर क्षेत्र में भारतीय युवाओं की भारी डिमांड है, जिसके दम पर भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
मुख्य अतिथि भारतीय विदेश सेवा के कई देशों के राजदूत रहे वरिष्ठ आई.एफ.एस. अधिकारी श्री एम.एस. कन्याल ने कहा कि मैने भारतीय विदेश सेवा में रहते हुए यूरोपियन देशों समेत विश्व के एक दर्जन से अधिक देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया कनाडा के अलावा भी देश दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है, जहाँ भारतीय युवा अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज ना करा रहे हों।
‘‘वृहद रोजगार मेला-2023‘‘ को जिला सेवा योजन अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार, सेवायोजन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. लक्ष्मण सिंह आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधान सलाहकार डॉ. वी.पी.एस. अरोड़ा, सी.ई.ओ. अजय श्रीवास्तव, समूह सलाहकार आर.एस. शर्मा, कुलसचिव डॉ, पीयूष पाण्डे, डॉ, तेजपाल सिंह, डॉ. अनिल जयसवाल, डॉ, दिव्या गिरधर, डॉ, आशुतोष सिंह, डॉ. ओम प्रकाश गोसाई, डॉ. राहुल कुमार, अश्विन कुमार सक्सेना, डॉ. राजवर्धन, डॉ. सर्वनन्द साहू, डॉ. ऐना एरिक ब्राउन, अरूण कुमार गोस्वामी, मारूफ चौधरी, अभिषेक जैन, मेरठ परिसर से निदेशक डॉ. प्रताप सिंह मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे। कुलसचिव डॉ. पीयूष पाण्डे ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह का शानदार संचालन डॉ. आशी नायर एवं प्रशान्त कुमार ने किया।
#VenkateshwaraUniversityJobsFair#UPGovtJobsInitiative#EmploymentOpportunities#SkillsTraining#DigitalIndia#EmpoweringYouth#EducationToEmployment#CareerGuidance#PradhanMantriRojgarYojna
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हिंद महासागर में रूसी युद्धपोतों ने क्यों जमाया डेरा, पुतिन को होगी मोदी सरकार की मदद की दरकार!
मॉस्को: रूस ने पिछले कुछ महीनों से हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी को बढ़ा दिया है। हाल में ही रूसी नौसेना का प्रशांत बेड़ा भारत दौरे पर पहुंचा था। इस बेड़े ने भारतीय नौसेना के साथ बंगाल की खाड़ी में युद्धाभ्यास भी किया था। इस महीने की शुरुआत में पिछले पांच दशकों में पहली बार रूसी युद्धपोत बांग्लादेश पहुंचे थे। इसके अलावा रूस ने म्यांमार की नौसेना के साथ भी युद्धाभ्यास कर नया इतिहास रच दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध के बीच हिंद महासागर पर नजर क्यों गड़ाए बैठे हैं। सवाल यह भी है कि क्या भारत हिंद महासागर में अमेरिका के खिलाफ रूस का साथ देगा। एशिया पर रूस का खास ध्यान विशेषज्ञों के अनुसार, यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से पुतिन ने एशियाई देशों के साथ संबंध मजबूत किए हैं। जिन एशियाई देशों के साथ रूस का व्यापार न के बराबर था, उसे अब बढ़ाया जा रहा है। यहां तक कि रूस अब पाकिस्तान के साथ भी रिश्ते मजबूत करने में नहीं झिझक रहा है। वह म्यांमार की सैन्य शासन को लगातार हथियारों की सप्लाई कर रहा है। भारत और चीन पहले ही रूस से तेल की रिकॉर्ड खरीद कर रहे हैं। बांग्लादेश और श्रीलंका भी अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस की तरफ उम्मीदों से देख रहे हैं। भारत करेगा रूस की पूरी मदद विश्लेषकों का कहना है कि भारत अपने पुराने सहयोगी और रक्षा उपकरणों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता रूस के खिलाफ नहीं है। भारत हिंद महासागर में चीन के बढ़ते पदचिह्न का मुकाबला करने के लिए अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मजबूत साझेदारी बनाए हुए है। इसके बावजूद वह अपने पुराने दोस्त रूस को हर तरह की मदद करने को तैयार है। इसके लिए भारत ने अपने पश्चिमी सहयोगियों के दबाव को भी नजरअंदाज कर दिया है। इसका प्रमाण रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी देखने को मिला, जब भारत ने पुतिन की आलोचना करने से साफ इनकार कर दिया। म्यांमार और बांग्लादेश के साथ रूस ने बढ़ाया संबंध रूस के रक्षा मंत्रालय ने 7 से 9 नवंबर तक अंडमान सागर में म्यांमार के साथ आयोजित नौसैनिक अभ्यास को "आधुनिक इतिहास में पहला रूसी-म्यांमार नौसैनिक अभ्यास" कहा। इस अभ्यार में रूसी प्रशांत बेड़े के दो पनडुब्बी रोधी जहाजों एडमिरल ट्रिब्यूट्स और एडमिरल पेंटेलेयेव ने म्यांमार की नौसेना के एक फ्रिगेट और एक कार्वेट के साथ भाग लिया। म्यांमार के साथ अभ्यास के कुछ दिनों बाद, वही रूसी युद्धपोत बंगाल की खाड़ी में बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर पहुंचे। यह 50 साल में पहला मौका था, जब कोई रूसी युद्धपोत बांग्लादेश पहुंचा था। ढाका में रूसी दूतावास ने इसे "रूस-बांग्लादेश संबंधों के लिए एक बड़ा मील का पत्थर" कहा। रूसी नौसेना की मौजूदगी पर क्या करेगा भारत द विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने कहा, "हालांकि भारत के लिए निकटवर्ती जल क्षेत्र में विदेशी सेनाओं की उपस्थिति का स्वागत करना अजीब लग सकता है, लेकिन भारत रूसी नौसैनिक शक्ति को चीन के समान चिंता के साथ नहीं देखेगा। भारत संभवतः इस रूसी उपस्थिति को एक ऐसी चीज के रूप में देखता है जो क्षेत्र में चीनी नौसैनिक शक्ति को संतुलित कर सकती है, जिससे नई दिल्ली के लिए खतरा कम हो जाएगा। चीन की मौजूदगी भारत के लिए बना सिरदर्द विश्लेषकों का कहना है कि पिछले दशक में हिंद महासागर में श्रीलंका और म्यांमार जैसे देशों में चीन का बढ़ता प्रभाव नई दिल्ली के लिए एक प्रमुख रणनीतिक सिरदर्द के रूप में उभरा है। भारत 2020 से अपनी हिमालयी सीमा पर चीन के साथ एक कड़वे सैन्य गतिरोध से जूझ रहा है। श्रीलंका में भी चीन ने भारत के करीब हंबनटोटा बंदरगाह का निर्माण किया है। इस बंदरगाह पर आए दिन चीनी अनुसंधान जहाज आते रहते हैं, जिस��� पूरी दुनिया "जासूस जहाजों" के रूप में देखती है। म्यांमार को कर रहा हथियारों की सप्लाई 2021 में म्यांमार में सैन्य जुंटा द्वारा सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से मॉस्को का उसके साथ सहयोग बढ़ रहा है और रूस अब म्यांमार को हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। यह देश अन्य रूसी निर्यातों के लिए भी एक प्रमुख बाज़ार है। रूस और ढाका के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं और चूंकि बांग्लादेश की सरकार अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर अमेरिका के दबाव में है, इसलिए वह मास्को के करीब आ सकती है। रूस बांग्लादेश का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र बना रहा है। http://dlvr.it/SzZPvF
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साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कितने बजे से शुरू होगा: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में रात 01 बजकर 06 मिनट से शुरू होगा और सुबह 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण 1 घंटे और 19 मिनट तक रहेगा |
चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा: चंद्र ग्रहण को भारत के अलावा पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, उत्तरपूर्वी उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर में भी देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण कब लगता है: चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन ही होता है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है। पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है, जिससे यह कुछ घंटों के लिए धुंधला हो जाता है। और कभी-कभी लाल रंग का भी दिखाई देने लगता है।
Chandra Grahan 2023: चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिलाएं भूल से भी न करें ये 10 काम :-
आश्विन मास की पूर्णिमा के दौरान 30 साल बाद एक विशेष संयोग बना रहा है. इस दिन चंद्रग्रहण लग रहा है, जो शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा और ऐसा 30 साल बाद होगा. साल 2023 में लगने वाले चार ग्रहण में से पूर्णिमा की तिथि पर लगने वाला यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, जिसका सूतक काल भी मान्य होगा. ग्रहण लगने की घटना का प्रभाव दुनिया समेत सभी लोगों पर पड़ता है. ऐसे में लोगों को चंद्र ग्रहण के दौरान कई बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. खासकर, गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान 10 ऐसी बातों का ख्याल रखने की विशेष ��वश्यकता है, जिसका दुष्परिणाम सीधे उनके स्वास्थ्य या उनके होने वाले बच्चों के सेहत पर पड़ सकता है.
गर्भवती महिलाएं रखें इन दस बातों का ध्यान :- – किसी भी गर्भवती महिला को चंद्र ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए और चांद को नहीं देखना चाहिए. – गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान घर के अंदर उस जगह पर बैठना चाहिए, जहां चांद की किरणें भी नहीं पहुंचे और ना ही प्रकाश होना चाहिए. – गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. – ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला के पास एक नारियल रखना चाहिए. नारियल रखने से सभी प्रकार के दोष कट जाते हैं. ग्रहण के बाद उसे किसी नदी में विसर्जित करना चाहिए.
– चंद्र ग्रहण के दौरान सुई धागा से लेकर हथियार तक का प्रयोग गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए. ग्रहण के दौरान कपड़े सिलने की भी मनाही होती है. – चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को उठने बैठने में सावधानी बरतनी चाहिए. इतना ही नहीं ग्रहण लगने के दौरान उन्हें भोजन खाने से भी परहेज करना चाहिए. – चंद्र ग्रहण के दौरान जिस कमरे में गर्भवती महिला हो वहां एक लोटा जल रख देना चाहिए. जिससे ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है. बाद में, जल को किसी पौधे की जड़ या किसी शुद्ध स्थान पर फेंकना चाहिए. – चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला के शरीर के बराबर धागा माप कर रख देना चाहिए. बाद में उस धागे को किसी पेड़ में बांध देना चाहिए. – चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को कमरे में टहलते रहना चाहिए, उन्हें सोने की मनाही है. इन सब बातों का ध्यान रखकर गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकती हैं.
ग्रहण काल - ग्रहण के बाद स्नान के पश्चात रात्रि में ही खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखें व सुबह प्रसाद रुप में खाऐं. सूतक लगने से पहले ही भोजन कर लेवें. सूतक प्रारंभ 28 अक्टूबर शाम 4:06 से और बालक, वृद्ध, रोगी एवं गर्भवती महिलाओं के लिए 28 अक्टूबर रात्रि 8:36 से शुरू होगा |
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जी20 से अपील, विदेश में भारतीय बच्चों की सुरक्षा का मसला हल करे
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्टों के इन पूर्व जजों ने इस चिट्ठी में कई देशों में इस अजीब समस्या में फंसे भारतीय परिवारों की व्यथा का मुद्दा उठाया है. उन्होंने लिखा है कि पश्चिमी यूरोप, ब्रिटेन, उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में कई भारतीय परिवार इस समस्या का सामना कर रहे हैं. चिट्ठी में लिखा गया है कि हाल के सालों में भारतीय नागरिक रोजगार के सिलसिले में बड़ी संख्या में इन देशों में गए हैं. इनमें से अधिकांश लोगों के परिवारों में छोटे बच्चे होते हैं. सभी लोगों के पास भारतीय पासपोर्ट होते हैं और इन्हें कुछ सालों बाद भारत लौटना होता है.
Visit: https://www.deshbandhu.co.in/news/leadstory-appeal-to-g20-to-resolve-the-issue-of-safety-of-indian-children-abroad-384002-1
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ऑस्ट्रेलिया को ��गा एक और झटका, तीसरे टेस्ट से पहले स्टार ऑलराउंडर की घर वापसी
एश्टन एगर अब भारत के खिलाफ चल रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में हिस्सा नहीं लेंगे।©एएफपी ऑस्ट्रेलिया के एश्टन एगर अब भारत के खिलाफ चल रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि इस ऑलराउंडर को टीम से बाहर कर दिया गया है। क्रिकेट.कॉम.एयू के मुताबिक, आगर पर्थ वापस आ गए हैं और चल रहे शेफील्ड शील्ड में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करेंगे। आगर डेविड वार्नर और जोश हेजलवुड के बाद स्वदेश…
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कैमरून अनुभवहीन जीवनसाथी, आयु, पीक, समूह, जर्सी मात्रा
कैमरून अनुभवहीन जीवनसाथी, आयु, पीक, समूह, जर्सी मात्रा
टैली और गति से भरपूर, ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के आगामी सुपरस्टार कैमरन ग्रीन ने 10 साल की उम्र में मैदान पर कदम रखने के बाद से ही क्रिकेट की दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। गति के साथ बल्लेबाजी करने और डिलीवरी करने की क्षमता पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई स्टार की एक विशेषता रही है। अपना पहला कॉल-अप प्राप्त करने के बाद अक्टूबर 2020 में दृश्य में आया। जब से ग्रीन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा है और दुनिया की कुछ…
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रूस ने अपने तेल पर यूएसडी 60-प्रति-बैरल कैप को खारिज कर दिया, कटऑफ की चेतावनी दी
रूस ने अपने तेल पर यूएसडी 60-प्रति-बैरल कैप को खारिज कर दिया, कटऑफ की चेतावनी दी
द्वारा एसोसिएटेड प्रेस कीव: रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन के पश्चिमी समर्थकों द्वारा निर्धारित देश के तेल पर मूल्य सीमा को खारिज कर दिया और शनिवार को धमकी दी कि जिन देशों ने इसका समर्थन किया है, वे आपूर्ति बंद कर देंगे। ऑस्ट्रेलिया, ब्रि��ेन, कनाडा, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और 27 देशों के यूरोपीय संघ शुक्रवार को रूसी तेल के लिए 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा तय करने पर सहमत हुए। यह सीमा सोमवार से…
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ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच भारत की जल चुनौतियों से निपटने के लिए साझेदारी
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच भारत की जल चुनौतियों से निपटने के लिए साझेदारी
पानी का दीर्घकालिक प्रबंधन ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण चुनौती है। जल शक्ति मंत्रालय, ऑस्ट्रेलियाई जल साझेदारी, पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी के समर्थन से की जा रही अनेक गतिविधियां दोनों देशों के बीच जल अनुसंधान, प्रशिक्षण और शिक्षा में सहयोग को तेजी से आगे बढ़ा रही है। इस लक्ष्य के लिए, राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना, जल संसाधन…
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ऑस्ट्रेलिया समाचार लाइव अपडेट: पेरोटेट ने एनएसडब्ल्यू की पूर्व-चयन प्रक्रिया को 'घोर विफलता' करार दिया; 19 कोविड की मौत दर्ज की गई
ऑस्ट्रेलिया समाचार लाइव अपडेट: पेरोटेट ने एनएसडब्ल्यू की पूर्व-चयन प्रक्रिया को ‘घोर विफलता’ करार दिया; 19 कोविड की मौत दर्ज की गई
लेबर का वादा है कि अगर वह सत्ता जीतता है तो वह संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की मेजबानी करना चाहता है, आज सुबह कुछ कर्षण हो रहा है, और यह देखने लायक है। इसकी घोषणा लेबर के जलवायु परिवर्तन प्रवक्ता क्रिस बोवेन ने दिसंबर में विपक्ष की “पॉवरिंग ऑस्ट्रेलिया” नीति के हिस्से के रूप में की थी। बोवेन ने कहा कि एक लेबर सरकार भविष्य के जलवायु सम्मेलन की सह-मेजबानी करने के लिए बोली लगाएगी, जिसे सीओपी के…
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#उत्तरी क्षेत्र#एंथोनी अल्बनीज#ऑस्ट्रेलिया समाचार#कैनबरा#कोरोनावाइरस#क्वींसलैंड#��ठबंधन#तस्मानिया#दक्षिण ऑस्ट्रेलिया#न्यू साउथ वेल्स#न्यू साउथ वेल्स की राजनीति#पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया#लिबरल पार्टी#विक्टोरिया#श्रमिकों का दल#सिडनी#स्कॉट मॉरिसन
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एशेज: पर्थ टेस्ट संदेह के घेरे में, क्योंकि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया क्वारंटाइन पर कड़ा रुख अख्तियार करता है
एशेज: पर्थ टेस्ट संदेह के घेरे में, क्योंकि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया क्वारंटाइन पर कड़ा रुख अख्तियार करता है
पर्थ में पांचवें एशेज टेस्ट के आयोजन की क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदें खतरे में हैं, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया (डब्ल्यूए) राज्य सरकार ने संगरोध और खिलाड़ियों के परिवार के सदस्यों पर प्रतिबंध पर अपने “बहुत सख्त नियम” दोहराए हैं। पर्थ स्टेडियम 14 जनवरी से ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड श्रृंखला के अंतिम मैच की मेजबानी करने के लिए निर्धारित है, लेकिन WA अधिकारियों ने न्यू साउथ वेल्स (NSW) से राज्य में प्रवेश करने…
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NATO Plus में शामिल होगा भारत? जानें इससे किसे फायदा और किसे नुकसान?
वॉशिंगटन: चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश भारत को नाटो प्लस में शामिल करना चाहते हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पर बनी अमेरिकी कांग्रेस की एक सेलेक्ट कमिटी की हाल में ही जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को शामिल करने के लिए नाटो प्लस व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए। अमेरिका चाहता है कि भारत पश्चिमी देशों की सैन्य शक्ति वाले गठबंधन नाटो प्लस का हिस्सा बने। चीन का मुकाबला करने और ताइवान के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नाटो प्लस में भारत को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या नाटो में शामिल होने से भारत को फायदा होगा या वास्तव में पश्चिमी देश इसे अपने लाभ के लिए करना चाहते हैं। नाटो प्लस क्या है? नाटो या उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन 31 देशों का एक सैन्य गठबंधन है। इसमें मुख्य रू से अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश शामिल हैं। वहीं, नाटो प्लस में अमेरिका के सहयोगी माने जाने वाले पांच और सदस्य देश शामिल हैं। ये देश आधिकारिक तौर पर नाटो के सदस्य नहीं हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर हथियार, इंटेलीजेंट और दूसरे तरीकों से मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और इजराइल का नाम शामिल है। अब अमेरिका भारत को इस बड़े समूह का हिस्सा बन���े के लिए आमंत्रित कर रहा है जो चीन और रूस जैसे अपने ��ुर विरोधियों के खिलाफ एक साथ खड़ा है। नाटो से भारत को क्या लाभ नाटो का आदर्श वाक्य है "One for all and all for one." मूल रूप से इसका मतलब है कि अगर आप एक सदस्य पर हमला करते हैं तो आपको उन सभी से सम्मिलित क्रोध का सामना करना पड़ेगा। एक आदर्श दुनिया में, इसका मतलब यह होगा कि अगर भारत नाटो प्लस में शामिल होता है तो उसे अधिक सैन्य समर्थन मिलेगा। भारत को संभवत सैन्य तकनीक पाने और नाटो देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने की पहुंच भी मिलेगी। वर्तमान में नाटो दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य संगठन है। नाटो को मुख्य रूप से रूस के खिलाफ शीत युद्ध के दौरान बनाया गया था। नाटो सदस्य होने की असली कीमत क्या है भारत अगर अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो प्लस में शामिल होता है तो उसे रूस के साथ संबंधों को तोड़ना होगा। नाटो गठबंधन रूस के साथ मौजूदा युद्ध में यूक्रेन का समर्थन कर रहा है। ऐसे में अगर भारत नाटो में शामिल होता है तो इसका सीधा असर रूस के साथ पहले से मजबूत, स्थापित और गहरे संबंधों पर पड़ेगा। यह वही चीज है, जिसे हासिल करने के लिए अमेरिका लगातार प्रयास कर रहा है। अमेरिका चाहता है कि भारत किसी भी कीमत पर रूस के साथ अपने संबंधों को तोड़ दे। इससे रूस से साथ होने वाले रक्षा सौदे अमेरिका को मिलेंगे। इसके अलावा रूस का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत जैसे मजबूत देश के साथ संबंध खत्म हो जाएगा। अमेरिका भारत को नाटो प्लस में शामिल कर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाना चाहता है। खतरे में पड़ेगी भारत की सामरिक स्वायत्तता नाटो प्लस में शामिल होने से भारत की सामरिक स्वायत्तता पर भी खतरा बढ़ सकता है। भारत को अपनी हर सामरिक नीति को नाटो के अनुसार डिजाइन करना पड़ेगा। इसके अलावा भारत चाहकर भी अपनी इच्छा के अनुसार, कोई सामरिक कदम नहीं उठा सकता अगर वह किसी नाटो सदस्य के खिलाफ हो। वर्तमान में नाटो सदस्य देश तुर्की, भारत के साथ दुश्मनी निभा रहा है। ऐसे में भारत चाहकर भी तुर्की के खिलाफ कोई बड़ा कदम नहीं उठा सकता है। भारत में अमेरिकी सैन्य अड्डा भी होगा खतरा अभी तक भारत अपनी जमीन पर किसी भी विदेशी सैन्य अड्डे की मेजबानी नहीं करता है। लेकिन, नाटो प्लस में शामिल होने का मतलब होगा कि भारत में अमेरिका का एक सैन्य अड्डा होगा। बाकी के नाटो प्लस सदस्य देशों जैसे जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और इजरायल में अमेरिकी सैन्य अड्डे मौजूद हैं। नाट��� का हिस्सा बनने का मतलब अनिवार्य रूप से यह होगा कि भारत को अमेरिका के संघर्षों में घसीटा जाएगा। ऐसे में भारत देश के विकास से भटककर दुनियाभर के संघर्षों में फंस सकता है। http://dlvr.it/SrYR92
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Ind, Aus संस्थानों की 2-तरफा गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा पर कार्य समूह स्थापित करने के लिए - टाइम्स ऑफ इ��डिया
Ind, Aus संस्थानों की 2-तरफा गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा पर कार्य समूह स्थापित करने के लिए – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली, 22 अगस्त (पीटी)- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष, जेसन क्लेयरसोमवार को दोनों देशों में नियामक सेटिंग्स की एक आम समझ बनाने और संस्थानों की द्विपक्षीय गतिशीलता के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा पर एक कार्य समूह की स्थापना की घोषणा की। राष्ट्रपति, जो ऑस्ट्रेलिया की चार दिवसीय यात्रा पर हैं, ने एक द्विपक्षीय बैठक की और इसकी छठी बैठक…
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मैं निश्चित रूप से अपने आप को लाल गेंद वाले क्रिकेट में वापस लाता हूं: डी ‘आर्सी शॉर्ट | क्रिकेट समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया डी आर्सी शॉर्ट। (जोहान प्रीटोरियस / गैलो इमेजेज / गेटी इमेजेज द्वारा फोटो) मेलबर्न: 29 वर्षीय बल्लेबाज, जो अब तक ऑस्ट्रेलिया के लिए 8 वनडे और 20 टी 20 आई खेल चुके हैं, ने कहा कि प्रदर्शन के दबाव ने उन्हें उकसाया क्योंकि वे अपने अवसरों को हथियाने में असफल रहे। …
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क्या आप जानते है भारत की पहला कोराना पॉजिटीज मरीज कौन थी
क्या आप जानते है भारत की पहला कोराना पॉजिटीज मरीज कौन थी… और कहां से थी… तो बता दें कि… भारत की पहली कोरोना पॉजिटीज मरीज... दक्षिण भारतीय राज्य केरल में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली 20 साल की एक लड़की थी जो भारत में कोरोनावायरस से पॉजिटीव पाई गई थी। और वे 30 जनवरी 2020 को चीन के वुहान से लौटी थी… दोस्तों ये वहीं वुहान शहर है जहां कोरोना का पहला केस सामने आया था।
क्या आप भारत की सबसे youngest अंग दान करने वाली लड़की के बारे में जानते हैं… अगर नहीं तो आपको बता दें कि, धनिष्ठा नाम की लड़की जो सिर्फ 20 महीने की थी… जो दिल्ली के रोहिणी स्थित अपने घर से खेलते-खेलते बालकनी से नीचे गिर गई थी तब दो दिन बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। तब धनिष्ठा के माता-पिता ने जरूरतमंदो को अंगदान करने का फैसला किया। जिसमें से दिल्ली के ही इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में धनिष्ठा के ह्रदय को बच्चे के शरीर में सफलतापूर्वक प्रतिरोपण कर दिया गया। इसी तरह धनिष्ठा के कलेजे को एक नौ महीने के बच्चे के शरीर में प्रतिरोपित किया गया, उसकी किडनी को एक 34-वर्षीय व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोपित किया गया और उसकी आंखों के कॉर्निया के टिशू को भी भविष्य में इस्तेमाल के लिए संभाल कर रख लिया गया है।
किसिंग किसी भी रिश्ते का प्यार भरा पहल�� होता है लेकिन क्या आपने सोचा है... एक प्यारभरी किसिंग से कितने फायदे हो सकते हैं… खासकर, पार्टनर को जब आप प्यार से किस करते हैं, तो शारीरिक और मानसिक रूप से कई फायदे होते हैं…
इसके अलावा शरीर का रक्त संचार ठीक होता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और खुशी मिलती है।
एक अच्छी किस से शरीर में 2-10 कैलोरी कम होती है, जो वजन कम करने के लिए काफी है।
कई अध्ययन में यह बात भी कही गई है कि किस करने से चेहरे, गर्दन, जॉलाइन की मसल्स टोन होती है। किस करते समय कई मांसपेशियां काम करती हैं, जिससे चेहरा शेप में आता है।
आपने ऐसे बहुत से लोगों को कहते सुना होगा कि, चेहरे पर चमक लानी है तो बर्फ लगाएं… लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि, चेहरे पर बर्फ लगाने से डार्क सर्कल दूर होते हैं, ग्लोइंग स्किन करने में मदद करता है, मुहांसे दूर करने के लिए, बेदाग त्वचा के लिए भी बर्फ का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि बर्फ को सीधा फेस पर नहीं लगाएं, उसे एक कपड़े में लपेटकर अपने फेस पर लगाएं… नहीं तो आपका फेस लाल पड़ सकता है।
सर्दियों में कुछ चीजों का सेवन करना किसी जड़ी-बूटी के सेवन करने से कम नहीं है। जिसमें से एक है तिल… तिल हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि, तिल में पाया जाने वाला तेल हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है…. और दिल पर ज्यादा भार नहीं पड़ने देता यानी दिल की बीमारी दूर करने में भी तिल मददगार है… इसके अलावा… शरीर में खून की मात्रा को सही बनाए रखता है। -बाल और त्वचा को मजबूत और सेहतमंद रखने के लिए रोजाना तिल का सेवन बहुत ही लाभकारी माना जाता है। -तिल में मौजूद प्रोटीन पूरे शरीर को भरपूर ताकत और एनर्जी से भर देता है। इससे मेटाबोलिज्म भी अच्छी तरह काम करता है। लेकिन तिल को ज्यादा नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह गर्म होते हैं इसलिए आपको तिल का सेवन करने में सावधानी रखनी चाहिए। खासतौर पर महिलाओं और छोटे बच्चों को…
साउथ दिल्ली के अरबिंदो मार्ग पर एक तरफ एम्स है, तो दूसरी तरफ देश का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र का अस्पताल सफदरजंग है। आजादी से पहले इस अस्पताल का निर्माण किया गया और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सफदरजंग एयरपोर्ट के पास एक मिलिट्री बेस अस्पताल बनाया गया था, जिसे अमेरिकन हॉस्पिटल भी कहा जाता था। सफदरजंग में एयरपोर्ट होने की वजह से यहां पर अमेरिकी सेना के इलाज के ये अस्पताल बनाया गया था। यह दिल्ली के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है। 1954 में इसे भारत ��रकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन किया। 204 बेड्स की क्षमता के साथ शुरू हुए इस अस्पताल में अब 3000 से भी अधिक बेड्स हैं।आजादी के 75 साल बाद ये अस्पताल देशभर के गरीब मरीजों के लिए सबसे बड़ी उम्मीद बन चुका है।
क्या आपने कभी पिंक झील के बारे में सुना है… अगर नहीं तो बता दें कि…
पिंक झील पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में समुंदर के किनारे पर स्थित है और ये झील इसलिए फेमस है क्योंकि इसका पानी गुलाबी दिखाई देता है और कहा जाता है कि उसके अंदर सूक्ष्म जीवाणु है जिससे वे पानी को गुलाबी बनाते हैं और लोग ऊपर से हेलीकॉप्टर के द्वारा झील का नजारा लेते हैं। इस झील का पानी बिल्कुल खारा है... लेकिन जहरीला नहीं है जिसे लोग यहां इसके अंदर तैरते भी है और इसे देखने बहुत सारे पर्यटक आते हैं यह भी एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है|
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