#परियोजना प्रगति
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फंड की कमी से अटका जल जीवन मिशन, कई काम अधूरे
फंड की कमी से अटका जल जीवन मिशन, कई काम अधूरेभास्कर न्यूज़ | नई दिल्लीकेंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना, जिसका उद्देश्य हर घर में पीने का शुद्ध पानी पहुंचाना है, फंड की कमी के कारण धीमी हो गई है। यह योजना 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी, जिसमें मार्च 2024 तक इस लक्ष्य को पूरा करने का संकल्प था। लेकिन अब, 4.18 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पानी पहुंचाने…
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Colonel Rajyavardhan Rathore’s tireless efforts will ensure that clean water reaches every house in Jhotwara Assembly
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के अथक प्रयासों से जोबनेर में हर घर तक पहुंचेगा स्वच्छ जल
जून 2025 तक बीसलपुर पेयजल पाइपलाइन नवीनीकरण होगा पूर्ण- कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी के नेतृत्व में जोबनेर क्षेत्र में स्वच्छ जल की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए बीसलपुर पेयजल पाइपलाइन के नवीनीकरण का कार्य तेजी से प्रगति पर है। इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्देश्य हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित जल पहुंचाना है, जिससे क्षेत्र के निवासियों को बेहतर स्वास्थ्य और जीवन स्तर प्राप्त हो सके।
कर्नल राठौड़ ने कहा, यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राजस्थान की भाजपा सरकार हर नागरिक के जीवन में सुधार लाने व बुनियादी सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जोबनेर के लोगों को अब स्वच्छ जल की कोई कमी नहीं होगी। बीसलपुर पेयजल पाइपलाइन नवीनीकरण का कार्य जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह परियोजना न केवल जोबनेर क्षेत्र में पानी की उपलब्धता को बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस नवीनीकरण से पाइपलाइन की क्षमताओं में वृद्धि होगी, जिससे पूर्ण जल आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद, जोबनेर नगर पालिका सहित बस्सी झाझड़ा, ढाणी बोराज, आईदान का बास, आसलपुर, बोबास, जोरपुरा सुन्दरियावास, कालख, करणसर, खे��ड़ावास, कुड़ियों का बास, लोहरवाड़ा, मुरलीपुरा, बबेरवालों की ढाणी, बस्सी नागा, भैंसावा, भोजपुरा कलां, डेहरा, ढाणी नागान, हिंगोनिया, जोरपुरा जोबनेर, डूंगरी कलां, ढींढा जैसे क्षेत्रों में भी पानी मिलने लगेगा।
कर्नल साहब ने कहा कि यह परियोजना न केवल जोबनेर क्षेत्र में पानी की उपलब्धता को बढ़ाएगी, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस नवीनीकरण से पाइपलाइन की क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे पूर्ण जल आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी
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सोलन के नालागढ़ में लगेगा ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र, सीएम सुक्खू बोले, 31 मार्च 2026 तक प्रदेश बनेगा हरित राज्य
Shimla News: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को यहां ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिला सोलन के नालागढ़ में निर्माणाधीन एक मेगावाट क्षमता के ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए निविदा शीघ्र आवंटित की जाए और वर्ष 2025 के अंत तक प्लांट के…
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बिलिया पोकरण में रॉ वाटर रिजरवॉयर का परीक्षण कार्य प्रगति पर, 563 गांवों को मिलेगा पानीबालोतरा। बिलिया पोकरण में रॉ वाटर रिजरवॉयर बन कर तैयार हो चुका है। वृहद परियोजना पोकरण फलसूण्ड बालोतरा-सिवाना के अन्तर्गत है बनाए गए 6000 मिलियन लीटर क्षमता के जलाशय का परीक्षण कार्य प्रगति पर है।जन स्वास्थ्य एवं अभियान्त्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता मनु शर्मा ने बताया कि बिलिया पोकरण में बने रॉ वाटर रिजरवॉयर…
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Exclusive: NDA को छोड़ इंडिया के साथ नहीं जा रहे नीतीश कुमार, आ गई तेजस्वी को मायूस करने वाली खबर
नई दिल्ली: 'क्यों पड़े हो चक्कर में, कोई नहीं है टक्कर में।' बिहार में नीतीश के फिर से खेला करने का इंतजार कर रहे विपक्षी नेताओं को JDU की तरफ से साफ संदेश कुछ इसी तरीके से दे दिया गया है। दरअसल केंद्र का बजट आने के पहले और आने के बाद भी बिहार की चर्चा आम रही। क्या बजट में बिहार को प्राथमिकता मिली और JDU उससे संतुष्ट है? क्या अपने राज्य में NDA का चेहरा बने रहेंगे? ऐसे ही महत्वपूर्ण मुद्दों पर NDA सरकार में सहयोगी JDU के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता संजय कुमार झा से बात की नरेन्द्र नाथ ने। उन्होंंने बजट में बिहार को मिले तोहफों से लेकर सीएम नीतीश कुमार तक पर सवाल पूछे। अपने जवाब से ने बिहार के राजनीति माहौल में अचानक से छाई धुंध को एक झटके में छांट दिया। सवाल- इस बार आम बजट में बिहार पर अधिक फोकस किया गया। कहा गया कि केंद्र सरकार को समर्थन के बदले सौगात मिली है। आप बजट में बिहार की हिस्सेदारी को किस तरह देखते हैं? संजय झा- इस बजट में बिहार जैसे विकास के आकांक्षी राज्य के लिए अब तक की सबसे बड़ी विशेष सहायता की घोषणा की गई है। बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के अलावा सड़क परियोजनाओं, विद्युत उ��्पादन परियोजना, एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज, पर्यटन स्थलों और खेलकूद के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए विशेष सहायता का प्रावधान किया गया है। इससे बिहार को विकसित राज्य बनाने के नीतीश सरकार के प्रयास को नई गति मिलेगी। JDU पहले से ही NDA का हिस्सा है। हमारा प्री-पो��� अलायंस था। लोकसभा चुनाव में पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी NDA का सर्वमान्य चेहरा थे। जहां तक समर्थन के बदले सौगात मिलने की बात है, तो यह विपक्ष का फैलाया हुआ शिगूफा है। UPA की केंद्र सरकार ने बजट में बिहार की हमेशा उपेक्षा की थी। बिहार को साजिश के तहत लेबर स्लेवरी करने वाला ‘बीमार राज्य’ बना दिया गया था। हमें विश्वास है कि अब केंद्र सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिए जाने से बिहार अगले पांच वर्षों में विकसित बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर होगा। सवाल- बिहार में बाढ़ रोकने के लिए बांध बनाने की खातिर बजट में बड़े पैकेज का एलान किया गया। पहले भी बाढ़ को लेकर कई पहल की जा चुकी हैं। आपने भी इस मुद्दे को बहुत बार उठाया। क्या लगता है, कब तक बिहार को बाढ़ से मुक्ति मिल पाएगी? संजय झा- बिहार के विकास की राह में एक बड़ी बाधा नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ भी है। देश के कुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 17.2% बिहार में है। राज्य में बाढ़ से सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों के दौरान करीब 7 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राज्य में बाढ़ पहले भी आती थी, लेकिन तब आपदा राहत में किसी को कुछ नहीं मिलता था। वर्ष 2006 में नीतीश कुमार ने एसओपी बना दिया कि कब किस परिस्थिति में क्या-क्या काम करना है। कोसी, कमला और बागमती नदी पर नेपाल में हाई डैम के निर्माण के लिए डीटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने को 2004 में ही भारत-नेपाल संयुक्त परियोजना कार्यालय खोला गया था, लेकिन इस दिशा में खास प्रगति नहीं हो पाई। हमारी पहल के बाद एक विशेष समिति गठित हुई। इसकी सिफारिशों के आधार पर इस बार के बजट में बिहार में बाढ़ के समाधान, कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना, नदी सुधार योजना और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए 1100 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक मदद की घोषणा की गई है। सवाल- बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस या विशेष पैकेज की बात थी। बजट के बाद क्या केंद्र सरकार से अपेक्षा पूरी हो गई है? संजय झा- 14वें वित्त आयोग ने ‘विशेष राज्य’ का प्रावधान समाप्त ��र दिया। ऐसे में हमारी मांग थी कि बिहार को विशेष दर्जा दिया जाए और यदि नहीं दे सकते तो विशेष सहायता दें। हमें विश्वास है कि केंद्र का फोकस बिहार की ओर शिफ्ट हो गया है, तो आने वाले वर्षों के बजट में भी राज्य की वास्तविक जरूरतों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सवाल- आपको JDU में संगठन की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। आप NDA और JDU में उस भूमिका को किस तरह देखते हैं? संजय झा- BJP और JDU का नैचरल अलायंस है। इस साल झारखंड और अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी NDA के साथ मिलकर मजबूती से चुनाव लड़ेगी। हमें विश्वास है कि दोनों राज्यों में गठबंधन की बहुमत वाली सरकार आएगी। सवाल- बिहार में नीतीश कुमार NDA का चेहरा हैं। क्या आगे भी वही चेहरा रहेंगे? संजय झा- बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार NDA का सर्वमान्य चेहरा हैं, इसमें किसी तरह का कोई सवाल या संदेह नहीं। सवाल- RJD नेता तेजस्वी यादव बिहार में कानून-व्यवस्था और नौकरी का मुद्दा उठा रहे हैं। उनके आरोप को किस तरह काउंटर करेंगे? संजय झा- राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाए रखने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। अपराधी… http://dlvr.it/TBNXKn
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अडानी हसदेव कोल ब्लॉक परियोजना के तहत, कोयले के कुशल परिवहन के लिए सड़क, रेलवे लाइनों और जलमार्गों सहित बुनियादी ढांचे का व्यापक विकास किया जाएगा। इससे न केवल परियोजना का समर्थन होगा बल्कि पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इसके अतिरिक्त, परियोजना क्षेत्र में बिजली संयंत्रों के निर्माण से स्थानीय समुदायों तक बिजली पहुंच में सुधार होगा।
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Fundamental Analysis of NTPC || NTPC Ka Fundamental Analysis
पिछले पांच वर्षों में एनटीपीसी के शेयर में केवल 12.32% की वृद्धि हुई है। साथ ही, इसके राजस्व और शुद्ध लाभ में सालाना 8-10% की वृद्धि हुई। यदि आय इतनी तेजी से बढ़ी, तो शेयर की कीमत क्यों नहीं बढ़ी? या क्या एनटीपीसी 4.12% की लाभांश उपज वाला एक लाभांश स्टॉक है? यदि हां, तो क्या स्टॉक में पैसा लगाने का कोई मतलब है?
एक ऐसा पीएसयू स्टॉक जो फ्यूचर में 100% आपको मुनाफा ही देना वाला है। NTPC ऊर्जा उत्पादन में बाजार में अग्रणी है जिसका देश की बिजली आपूर्ति में 24% योगदान है और कुल बिजली उत्पादन क्षमता में एनटीपीसी की हिस्सेदारी कुल क्षमता का 17% है। एनटीपीसी दक्षता के मामले में भी भारतीय बिजली क्षेत्र में अग्रणी है और 2032 तक सहायक सेवाओं और भंडारण में 25% बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है।
सिर्फ आकार के मामले में ही नहीं, एनटीपीसी दक्षता के मामले में भी भारतीय बिजली क्षेत्र में अग्रणी है। कंपनी का औसत पीएलएफ, बिजली उत्पादन का एक माप, वित्त वर्ष 2012 में 71% था, जो देश के औसत 59% से काफी ऊपर था।
इसके अलावा, इसने व्यापक ऊर्जा क्षेत्र के भीतर परामर्श सेवाओं, बिजली व्यापार और सहायक सेवाओं में भी प्रवेश किया है। सीपीएसयू ने 2032 तक सहायक सेवाओं और भंडारण में 25% बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है।
एनटीपीसी नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में प्रगति कर रहा है। चालू वित्त वर्ष में, कंपनी ने 502 मेगावाट की आरई क्षमता चालू की। इसके अतिरिक्त, इसने प्रतिस्पर्धी बोली के तहत 3,265 आरई क्षमता और 450 मेगावाट की एक हाइब्रिड परियोजना जीती है। हरित हाइड्रोजन संक्रमण को सुविधाजनक बनाने के लिए, कंपनी को 50KW की देश की पहली हरित हाइड्रोजन-आधारित माइक्रो-ग्रिड परियोजना से सम्मानित किया गया।
Full Details Here : Fundamental Analysis of NTPC
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https://www.atoallinks.com/2024/adani-dharavi-redevelopment-continuous-updates-on-progress/
हालांकि अडानी धारावी पुनर्विकास एक दीर्घकालिक परियोजना है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में अडानी समूह ने एक मजबूत आधार तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आइए देखें अब तक उठाए गए प्रमुख कदमों पर एक नजर
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संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र की प्रसिद्ध कंपनी ने दी नौकरी
संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र की प्रसिद्ध कंपनी ने दी नौकरी
मथुरा। कृषि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त फार्मरफेस आर्गेनिक टेक्नोलाजी प्रा.लि. कंपनी ने संस्कृति विश्वव���द्यालय के 13 विद्यार्थियों को आनलाइन हुई चयन प्रक्रिया के बाद अपनी कंपनी में नौकरी दी है। भारत की कृषि क्षेत्र में काम करने वाली इस कंपनी के अधिकारियों ने प्लेसमेंट रिक्रूटमेंट ड्राइव के अंतर्गत संस्कृति विवि के 13 विद्यार्थियों का चयन किया। विश्वविद्यालय की सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा ने विद्यार्थियों की इस सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनकी मेहनत, पढ़ाई के प्रति गंभीरता और लगन की सराहना की है। कंपनी के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी कृषि के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देती है और एग्रीमार्ट एवं रिसर्च का काम करती है। फार्मरफेस जैविक सब्जियों की खेती और थोक बिक्री के क्षेत्र में काम करने वाली एक अग्रणी कंपनी है जहां किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले जैविक ��र्वरक, जैविक कीटनाशक, कवकनाशी, कृषि मशीनरी, नवीनतम कृषि तकनीक, बाजार मूल्य के अनुसार सर्वोत्तम फसल चयन प्रदान किया जाता है। एक खिड़की के नीचे वैज्ञानिक सहयोग और बाजार भी। कंपनी अपनी अनुभवी टीम की मदद से किसानों की सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। फार्मरफेस ऑर्गेनिक टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रजिस्ट्रार, कॉर्पोरेट अफेयर मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत है। कंपनी बिहार और उत्तर प्रदेश में सब्जी उत्पादन और थोक बिक्री सेवाएँ चला रही है। कंपनी भारत के अधिकांश शहरों में ये सेवाएं प्रदान करने के लिए टीम के साथ काम कर रही है। परियोजना क्षेत्र में कंपनी के पास जैविक सब्जी की खेती के लिए 50 कृषि स्नातक और 20 एमबीए (विपणन) जनशक्ति हैं। आनलाइन हुई चयन प्रक्रिया के बाद संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर के बीएससी की छात्रा सुप्रिया कुमारी, नैना सिंह, आरती चौधरी, अल्का शर्मा, छात्र अविनाश कुमार, आकाश सैनी, राजू कुमार, धीरेंद्र सिंह, शिवांशु मिश्रा, बाला इंगेश्वर, कृष्ण कुमार, संजीत कुमार को आफर लेटर प्रदान किए गए हैं। विवि के कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी ने चयनित छात्र-छात्राओं को उनके प्लेसमेंट पर बधाई देते हुए कहा कि अपने ज्ञान और कौशल से नियोक्ता कंपनी के विकास में अपना सारा श्रम समर्पित करें। कंपनी की प्रगति ही आपके यश में वृद्धि करेगी।
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भारत के पूर्वी भाग में स्थित, झारखंड राज्य अपनी समृद्ध खनिज संपदा और प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है। हाल के वर्षों में, राज्य ने औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और इस प्रगति को गति देने में अडानी ग्रुप की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अडानी ग्रुप ने गोड्डा जिले में एक महत्वाकांक्षी “अडानी गोड्डा” परियोजना स्थापित की है, जो झारखंड में औद्योगिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है।
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राजस्थान की जनता के लिए भागीरथ बने भजनलाल शर्मा
भजनलाल शर्मा ने अपने नेतृत्व में राजस्थान के विकास और प्रगति के लिए काम किया है। उनकी नेतृत्व विशेषताओं में उनका विश्वास, संगठन और कर्मठता शामिल हैं।
भगीरथ भजनलाल शर्मा का सपना एक उच्च प्रगति और विकासशील राजस्थान का है, जहां सभी नागरिकों को समान अवसर और सुरक्षा मिलती है। उनकी नेतृत्व में, राजस्थान ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है और आगे और प्रगति करने को तत्पर रहेगा।
भगीरथ भजनलाल शर्मा शांतिपूर्ण, समान और समरस्त राजस्थान के निर्माण का सपना रखते हैं। वह भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति हैं और उनका योगदान राजस्थान के विकास में अग्रणी है।
ईआरसीपी से जल प्रबंधन को लेकर सीएम सर का 5D फोकस देखने को मिला है। परियोजना के समझौते के बाद राजस्थान की जनता के लिए भागीरथ बने भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ पीकेसी-ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट से जुड़े बांधों का हवाई दौरा किया।
राज्य के बहुप्रतिक्षित पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट में राजस्थान को 3677 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इसके लिए एक माह में डीपीआर बनकर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश के झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक, दूदू जैसे 21 जिले इस परियोजना से लाभान्वित होंगे।
मिस्टर सीएम सर के प्रयासों से साकार हुई ईआरसीपी राजस्थान के विकास और लोगों की खुशहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पोषण समिति बैठक सम्पन्न
सिद्धार्थनगर। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल की अध्यक्षता एवं मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार की उपस्थिति में जिला स्तरीय पोषण समिति बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में गुरूवार को सम्पन्न हुई।
जिला स्तरीय पोषण समिति बैठक
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी पवन अग्रवाल द्वारा विगत माह के बैठक की अनुपालन आख्या की समीक्षा की गयी। आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण के प्रगति की समीक्षा की गयी। जिलाधिकारी ने डीपीओ को सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने समस्त सी.डी.पी.ओ./सुपरवाइजर को निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों का वजन करायें। गर्भवती महिलाओं को समय से पोषाहार उपलब्ध करायें तथा बच्चों में पुष्टाहार का वितरण कराने का निर्देश दिया। इस कार्य में लापरवाही पाये जाने पर कार्यवाही करने का निर्देश दिया। पोषण ट्रैकर पर आधार सीडिंग तथा सभी सूचनाओं को अपलोड कराने का निर्देश दिया तथा पंजीकृत बच्चों का शत-प्रतिशत आधार फीडिंग कराने का निर्देश दिया गया।
कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर पोषित बच्चों की श्रेणी में लाने हेतु तथा अति कुपोषित बच्चों तथा गम्भीर बीमार बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री तथा आशा को निर्देश दिया कि एनीमिया ग्रसित बालिकाओं को चिन्हित कर उन्हें आयरन की गोली उपलब्ध करायें। समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देश दिया कि क्षेत्र में भ्रमण करते रहें। जिलाधिकारी ने सास बहू सम्मेलन की प्रोत्साहन धनराशि को समय से उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने पोषण ट्रैकर पर सूचना अपलोड करने का निर्देश दिया गया। इस बैठक में उपरोक्त के अतिरिक्त डी.सी.एन.आर.एल.एम. योगेन्द्र लाल भारत��, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, जिला पंचायत राज अधिकारी पवन कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी नन्हे लाल वर्मा, समस्त सी0डी0पी0ओ0 व अन्य संबधित अधिकारी उपस्थित थे। Read the full article
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) रियल एस्टेट में कैसे मदद कर रहा है ?
निर्माण कार्यक्रमों को सशक्त बनाने से लेकर खरीदारों की प्राथमिकताओं को पकड़ने और घर-खोज प्रक्रिया को आसान बनाने तक, यह जानने के लिए पढ़ें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आज रियल एस्टेट बाजार में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
वे दिन गए जब आपका मित्रवत पड़ोसी ब्रोकर आपको आपके बजट के भीतर कुछ उपलब्ध संपत्तियाँ दिखाएगा। अन्य समान रूप से महत्वपूर्ण कारकों जैसे भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे, किराये की कमाई, अनुमानित प्रशंसा क्षमता, ग्रीन रेटिंग आदि के साथ, संपत्ति में निवेश करना शायद सबसे अधिक डेटा-संचालित निर्णय है जो एक घर-खरीदार अपने लिए लेता है। उसका जीवनकाल.
यदि डेटा सूचना अर्थव्यवस्था की मुद्रा है, तो एक उद्योग के रूप में रियल एस्टेट निर्माण चरण और ग्राहक बातचीत के दौरान भारी मात्रा में डेटा का मंथन करता है। "चौथी औद्योगिक क्रांति ने अर्थव्यवस्थाओं को अभौतिक बना दिया है। यह अब सामान बनाने और शिपिंग के बारे में नहीं है। यह सेवाओं के उत्पादन और बिक्री के बारे में है। आने वाले दशकों में जो कंपनियां सबसे ज्यादा फलें-फूलेंगी, वे वे हैं जो अपने उपभोक्ताओं के डेटा को एकत्रित और रीसायकल करने का प्रबंधन करती हैं।" अपने उत्पादों या सेवाओं में सुधार करना। उदाहरण के लिए, Google, हर सेकंड प्राप्त होने वाली 35,000 क्वेरीज़ में से प्रत्येक के साथ अपने खोज एल्गोरिदम को बेहतर बनाता है,"
आईटी और विनिर्माण उद्योगों में लहरें पैदा करने के बाद, एआई अब निर्माण और रियल एस्टेट कार्यों के तरीके को बदल रहा है। एआई डेटा पर आधारित आधार वाली प्रौद्योगिकियों की एक श्रृंखला का योग है। नाइट फ्रैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक और प्रमुख - सुविधा प्रबंधन, राम देवगिरी ने विस्तार से बताया, "एआई तब आता है जब मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग इत्यादि जैसे प्रौद्योगिकी के ऐसे पहलुओं का उपयोग किया जाता है, जहां अंतर्निहित डेटा का उपयोग त्वरित अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। जो हो रहा है उसमें।"
प्रोजेक्ट जीवनचक्र में कब और कहां अंतराल अपेक्षित है (और सुधारात्मक उपाय करना) की भविष्यवाणी करना एआई का विशेष लाभ है। "एक ��रियोजना प्रबंधक द��वारा योजना को निर्देशित करने के लिए अनुभव का उपयोग करने के बजाय, एआई-सक्षम परियोजना प्रबंधन आपको बताएगा कि परियोजना श्रृंखला में वास्तव में कहां देरी की भविष्यवाणी की गई है, परिस्थितियों का एक सेट दिया गया है। यह शीघ्र हस्तक्षेप और समग्र रूप से त्वरित परियोजना को पूरा करने में मदद करता है। का उपयोग एआई त्रुटियों को भी कम करेगा," देवगिरि साझा करते हैं।
सहज ज्ञान युक्त सेवाएँ
क्या होगा यदि आप कई संपत्तियों को स्कैन कर सकें, अपने सपनों के घर पर ध्यान केंद्रित कर सकें और कुछ ही घंटों के भीतर प्रतिस्पर्धी लागत पर अपना होम लोन स्वीकृत करा सकें? पिछली खोजों के आधार पर आपको घर के विकल्प दिखाना और सुरक्षित वित्तीय चैनलों के माध्यम से आपकी क्रेडिट योग्यता का आकलन करना अब एआई और फिनटेक के संयोजन का उपयोग करके संभव है।
"रियल एस्टेट में डिजिटल परिवर्तन के प्रभाव ने उत्पादकता बढ़ाने में योगदान दिया है। एआई एक बहु-विषयक क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ है जिसमें न केवल कंप्यूटर और रोबोटिक्स बल्कि कंप्यूटर विज्ञान, गणित, तंत्रिका विज्ञान, भाषा विज्ञान और मनोविज्ञान भी शामिल हैं। इसका मतलब है कि बिल्डरों को अब अधिक जानकारी है परियोजना की प्रगति के बारे में वास्तविक समय में और उपभोक्ता को पूर्ण पारदर्शिता के साथ पूरा कर सकते हैं। उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस पक्ष पर, ब्रोकर और बिल्डर्स अब प्रतिक्रिया दर बढ़ाने, ग्राहक डेटा पर फ़िल्टर लागू करने और बात करने के लिए एआई का उपयोग करने में सक्षम हैं उन्हें उनकी जरूरतों और जरूरतों के अनुसार प्रभावी ढंग से तैयार किया जाए।"
एआई क्यों?
एकल संरचना (आवासीय या वाणिज्यिक) का निर्माण और उपयोग संभावित रूप से उपयोगी डेटा बिंदुओं के गीगाबाइट उत्पन्न करता है जैसे;
लागत एवं समय-
मानचित्रण; अंतिम-उपयोगकर्ता संतुष्टि;
प्रयोगकर्ता का अनुभव;
ऊर्जा दक्षता;
पानी की खपत;
कचरे का प्रबंधन।
उद्योग पहल
पिछले साल, एक अग्रणी रियल एस्टेट कंसल्टेंसी ने बेंगलुरु में प्रौद्योगिकी, डेटा और सूचना प्रबंधन के लिए अपना वैश्विक विशेषज्ञता केंद्र (सीओई) लॉन्च किया था। प्रॉपटेक के लिए भारत के पहले वैश्विक केंद्र के रूप में, यह सीओई रियल एस्टेट डेवलपर्स को बेहतर निर्णय लेने में मदद करने के लिए डेटा और प्रौद्योगिकी डिजाइन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, संवर्धित वास्तविकता, आभा��ी वास्तविकता और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे प्रयोगों जैसे तेजी से पुनरावृत्त नवाचारों को बढ़ावा देगा।
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (NASSCOM) के सहयोग से, एक अन्य कंसल्टेंसी ने रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी समाधानों के नवाचार और निर्माण की दिशा में काम करने वाले उभरते स्टार्ट-अप की पहचान करने के लिए भारत की सबसे बड़ी प्रॉपटेक चुनौती डिसरप्टेक लॉन्च की।
सीबीआरई के एक हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि 90 प्रतिशत से अधिक वाणिज्यिक रियल्टी खिलाड़ी अगले पांच वर्षों के भीतर लागत दक्षता के लिए अपने व्यवसाय संचालन में तकनीकी बदलाव लाने का लक्ष्य रख रहे हैं।
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saraikela ddc review- डीडीसी ने जल छाजन परियोजना के कार्यों की समीक्षा की, लंबित कार्यो में तेजी लाने के दिए निर्देश
सरायकेला: शुक्रवार को उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई ने अपने कार्यालय कक्ष में जल छाजन परियोजना अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना 2.0 अंतर्गत संचालित दो योजनाएं तथा झारखंड जल छाजन योजना अंतर्गत संचालित योजनाओं की कार्य प्रगति का क्रमवार समीक्षा करते हुए लंबित कार्यो में तेजी लानें तथा कार्य की गुणवत्ता में लापरवाही न बरतने के निर्देश…
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चीन के खिलाफ भारत का मिडिल ईस्ट प्लान क्या है, बजट में निर्मला सीतारमण ने बताया गेम चेंजर
रियाद: भारत मध्य-पूर्व को जोड़ने के लिए एक बड़ा भू-राजनीतिक दांव चल रहा है। अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने इसे रणनीतिक गेम चेंजर बताया है। अगर यह प्लान सफल होता है तो इससे अरबों डॉलर का व्यापार हो सकता है और चीन का मुकाबला किया जा सकता है। इसका नाम भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर है, जिसे जी20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था। इस कॉरिडोर की लॉन्चिंग के वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, सऊ��ी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन मौजूद थी। चीन ने इस कॉरिडोर को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन इजरायल-हमास युद्ध के कारण इस कॉरिडोर के भविष्य पर सवाल उठने लगे थे। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) भारत को शिपिंग लेन और ओवरलैंड रेलवे के माध्यम से मध्य पूर्व और यूरोप को जोड़ेगा। इस गलियारे के मुख्य रूप से दो भाग हैं। पूर्वी गलियारा भारत को जहाज के जरिए मध्य पूर्व से जोड़ेगा। इसके बाद, माल को संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन और इजरायल से होकर जाने वाली रेल लाइनों के माध्यम से मध्य पूर्व में ले जाया जाएगा। इसके बाद इजराइल से यूरोप तक माल जहाज से जाएगा। यह परियोजना सितंबर 2023 में अमेरिका, भारत, सऊदी अरब और कई यूरोपीय संघ देशों ने एक साथ मिलकर शुरू की थी। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि आईएमईसी क्यों मायने रखता है? चीन कई विश्लेषकों का मानना है कि आईएमईसी चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का विकल्प विकसित करने में मदद करेगा। 2005 से 2022 तक, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में चीनी निवेश और अनुबंध कुल 273 बिलियन डॉलर हो गए हैं। उन निवेशों का एक बड़ा हिस्सा बुनियादी ढांचे में रहा है। प्रमुख क्षेत्रीय शक्तियों ने चीन की बेल्ट एंड रोड पहल पर हस्ताक्षर किए हैं, जो बुनियादी ढांचे के निर्माण और मध्य पूर्व को चीन की अर्थव्यवस्था से जोड़ने की एक ट्रिलियन डॉलर की परियोजना है। भारत और अमेरिका ने चीन के बीआरआई के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता भी जताई है। इस कारण बीआरआई के काट के तौर पर आईएमईसी को विकसित किया गया है। व्यापार जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, मध्य पूर्व के साथ इसके व्यापार और निवेश संबंध भी बढ़े हैं। सिर्फ संदर्भ के लिए, भारत ने पिछले साल अरब दुनिया के साथ 240 अरब डॉलर का व्यापार किया। भारत उस संख्या को बढ़ाना चाहता है। लेकिन, ऐसा करने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता है। इस कमी को आईएमईसी दूर करेगी। पाकिस्तान और अफगानिस्तान से होकर गुजरने वाले जमीनी मार्गों के कारण, भारत के लिए पश्चिम एशिया तक पहुंचने के लिए समुद्री संपर्क ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प है। यह कनेक्टिविटी भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए नए रास्ते बनाएगी। मध्य-पूर्व नीति आईएमईसी पर फोकस भारत की मध्य-पूर्व नीति में एक बड़े बदलाव को भी दर्शाता है। एक समय भारत की नीति तेल समृद्ध इन अर्थव्यवस्थाओं में श्रमिकों को भेजने पर केंद्रित थी। ऐसे में विशाल कनेक्टिविटी परियोजना ��ईएमईसी भारत की महत्वाकांक्षाओं में बदलाव को दर्शाती है। यह परियोजना दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने वाली भी साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारतीय कंपनियां मध्य-पूर्व में रेलवे कनेक्टिविटी बनाने में मदद कर सकती हैं। भारतीय कंपनियों ने विदेशों में भी रेलवे परियोजनाएं बनाई हैं। इन परियोजनाओं को विदेशों में अंजाम देना एक बड़ी जीत होगी। खामियां आईएमईसी परियोजना भले ही रोमांचक और महत्वकांक्षी है, लेकिन इसके सटीक विवरण अब भी अस्पष्ट हैं। वित्तीय प्रतिबद्धताओं और इसमें शामिल लागतों के बारे में विवरण अभी तक तैयार नहीं किया गया है। कुछ लोगों को यह भी संदेह है कि क्या आईएमईसी का "जहाज-रेल" मार्ग मौजूदा मार्गों से सस्ता होगा। आईएमईसी के पीछे राजनीतिक सहमति भी कमजोर हो रही है। इस परियोजना के लिए इजरायल, अमेरिका और कई अरब देशों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। लेकिन, 7 अक्टूबर के हमलों और गाजा में संघर्ष के बाद से, अरब शक्तियों के साथ इजरायल के संबंध खराब हो गए हैं। ऐसे में राजनीतिक इच्छाशक्ति के बिना, यह स्पष्ट नहीं है कि आईएमईसी सफल हो सकता है या नहीं। इस पर संदेह इसलिए भी क्योंकि इस परियोजना के कुछ हिस्से काफी पुराने विचार हैं। जैसे कि इजरायल और खाड़ी देशों दोनों ने अतीत में एक क्षेत्रीय रेलवे नेटवर्क का प्रस्ताव रखा है, लेकिन ये प्रस्ताव अभी भी प्रगति पर हैं। http://dlvr.it/T29v34
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