#परियोजना प्रगति
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फंड की कमी से अटका जल जीवन मिशन, कई काम अधूरे
फंड की कमी से अटका जल जीवन मिशन, कई काम अधूरेभास्कर न्यूज़ | नई दिल्लीकेंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना, जिसका उद्देश्य हर घर में पीने का शुद्ध पानी पहुंचाना है, फंड की कमी के कारण धीमी हो गई है। यह योजना 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी, जिसमें मार्च 2024 तक इस लक्ष्य को पूरा करने का संकल्प था। लेकिन अब, 4.18 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पानी पहुंचाने…
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Colonel Rajyavardhan Rathore’s tireless efforts will ensure that clean water reaches every house in Jhotwara Assembly
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के अथक प्रयासों से जोबनेर में हर घर तक पहुंचेगा स्वच्छ जल
जून 2025 तक बीसलपुर पेयजल पाइपलाइन ��वीनीकरण होगा पूर्ण- कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ जी के नेतृत्व में जोबनेर क्षेत्र में स्वच्छ जल की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए बीसलपुर पेयजल पाइपलाइन के नवीनीकरण का कार्य तेजी से प्रगति पर है। इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्देश्य हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित जल पहुंचाना है, जिससे क्षेत्र के निवासियों को बेहतर स्वास्थ्य और जीवन स्तर प्राप्त हो सके।
कर्नल राठौड़ ने कहा, यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राजस्थान की भाजपा सरकार हर नागरिक के जीवन में सुधार लाने व बुनियादी सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जोबनेर के लोगों को अब स्वच्छ जल की कोई कमी नहीं होगी। बीसलपुर पेयजल पाइपलाइन नवीनीकरण का कार्य जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह परियोजना न केवल जोबनेर क्षेत्र में पानी की उपलब्धता को बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस नवीनीकरण से पाइपलाइन की क्षमताओं में वृद्धि होगी, जिससे पूर्ण जल आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद, जोबनेर नगर पालिका सहित बस्सी झाझड़ा, ढाणी बोराज, आईदान का बास, आसलपुर, बोबास, जोरपुरा सुन्दरियावास, कालख, करणसर, खेजड़ावास, कुड़ियों का बास, लोहरवाड़ा, मुरलीपुरा, बबेरवालों की ढाणी, बस्सी नागा, भैंसावा, भोजपुरा कलां, डेहरा, ढाणी नागान, हि��गोनिया, जोरपुरा जोबनेर, डूंगरी कलां, ढींढा जैसे क्षेत्रों में भी पानी ��िलने लगेगा।
कर्नल साहब ने कहा कि यह परियोजना न केवल जोबनेर क्षेत्र में पानी की उपलब्धता को बढ़ाएगी, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस नवीनीकरण से पाइपलाइन की क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे पूर्ण जल आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी
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सतत् विकास लक्ष्य हासिल करने को लेकर हुई एक दिवसीय कार्यशाला
अधिकारियों को एसडीजी की प्रगति और पीएम गति शक्ति पोटर्ल की दी गई जानकारी गोपेश्वर (चमोली)। सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के डाटा इकोसिस्टम, म��निटरिंग और पीएम गति शक्ति पर गुरूवार को परियोजना निदेशक आनंद सिंह की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में एसडीजी विशेषज्ञ करुणाकर सिंह, पीएम गति शक्ति विशेषज्ञ ऐश्वर्या और सुबोध पडगावकर ने सतत विकास…
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आगरा मेट्रो परियोजना: दिल्ली हाईवे पर बैरिकेडिंग से यातायात व्यवस्था में बदलाव
आगरा मेट्रो परियोजना के पहले कॉरिडोर के अंतिम तीन स्टेशन - आईएसबीटी, गुरु का ताल और सिकंदरा - पर निर्माण कार्य तेज़ी से प्रगति कर रहा है। इस कॉरिडोर के अंतर्गत, जनवरी 2025 से दिल्ली-आगरा हाईवे पर एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण के लिए बैरिकेडिंग शुरू की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत हाईवे की छह लेन में से दो लेन अस्थायी रूप से यातायात के लिए बंद कर दी जाएंगी, जिससे यातायात व्यवस्था में बदलाव की संभावना है। बैरिकेडिंग और यातायात प्रबंधन उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) के उप महाप्रबंधक पंचानन मिश्रा ने जानकारी दी कि हाईवे पर आठ मीटर चौड़ाई में बैरिकेडिंग की जाएगी। यह बैरिकेडिंग आईएसबीटी से शुरू होकर सिकंदरा तक जाएगी, जहां ट्रैक हाईवे के मध्य में स्थापित किया जाएगा। शेष चार लेन यातायात के लिए चालू रहेंगी। यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए यूपीएमआरसी ने गार्ड और पुलिसकर्मियों की तैनाती की योजना बनाई है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI), पुलिस-प्रशासन, और मेट्रो अधिकारियों ने इस कार्य के लिए सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया है। स्टेशनों का निर्माण कार्य पहले कॉरिडोर के अंतर्गत आईएसबीटी, गुरु का ताल और सिकंदरा तीनों स्टेशन एलिवेटेड होंगे। आईएसबीटी स्टेशन वर्तमान में सर्विस रोड पर बन रहा है। यहां पिलर निर्माण कार्य जारी है, जो जनवरी तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद, गुरु का ताल और सिकंदरा स्टेशनों पर कार्य आरंभ होगा। यूपीएमआरसी के अनुसार, आईएसबीटी स्टेशन से मेट्रो का ट्रैक हाईवे के बीच में आएगा और सिकंदरा तक जाएगा। इस हिस्से में यातायात को निर्देशित करने के लिए डि��ाइडर के दोनों ओर चार-चार मीटर सड़क को बैरिकेडिंग के दायरे में लिया जाएगा। आगरा मेट्रो का पहला कॉरिडोर आगरा मेट्रो के पहले कॉरिडोर में ताज पूर्वी गेट से सिकंदरा स्मारक तक मेट्रो परिचालन का लक्ष्य रखा गया है। इस कॉरिडोर में आरबीएस और राजामंडी भूमिगत स्टेशनों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। जनवरी से नए चरण की शुरुआत जनवरी 2024 से हाईवे के मध्य बैरिकेडिंग का कार्य शुरू होगा। अधिकारियों का कहना है कि बैरिकेडिंग के बाद ट्रैक निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा। यूपीएमआरसी ने इस कार्य को समय पर पूरा करने के लिए अपनी टीम और उपकरणों को तैनात कर दिया है। परियोजना का महत्त्व आगरा मेट्रो परियोजना शहर के यातायात को सुगम बनाने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मेट्रो के पहले कॉरिडोर के शुरू होने से ताजमहल, आगरा किला, और अन्य प्रमुख स्थलों तक पहुंचना आसान होगा। इसके अलावा, इस परियोजना से स्थानीय निवासियों को भी लाभ मिलेगा, जो अब ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से राहत की उम्मीद कर सकते हैं। चुनौतियां और समाधान यूपीएमआरसी ने इस परियोजना के दौरान आने वाली संभावित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई हैं। हाईवे की दो लेन बंद होने से यातायात दबाव बढ़ सकता है, लेकिन यातायात पुलिस और मेट्रो अधिकारियों की सक्रियता से इस समस्या को कम करने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा, बैरिकेडिंग और निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा से बचाने के लिए संकेतक, वैकल्पिक मार्ग, और गार्ड तैनात किए जाएंगे। समाप्ति की समय-सीमा आगरा मेट्र��� का पहला कॉरिडोर 2025 तक पूरी तरह से चालू होने की संभावना है। यूपीएमआरसी का लक्ष्य है कि निर्माण कार्य समय से पूरा हो और मेट्रो सेवाएं जनता के लिए जल्द से जल्द शुरू की जा सकें। आगरा मेट्रो परियोजना न केवल शहर की तस्वीर बदलने की ओर अग्रसर है, बल्कि यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के लिए आगरा को एक नई पहचान दिलाने में भी सहायक साबित होगी। Read the full article
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अडानी हसदेव परियोजना न केवल महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था क�� विकास में भी योगदान दे रही है। जब महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होती हैं, तो वे अपने समुदायों में विभिन्न उत्पादों और सेवाओं की मांग को बढ़ाती हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ होता है।
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Mumbai Coastal Road: Mumbai's coastal road sea connectivity nears completion
Mumbai Coastal Road: महत्वाकांक्षी मुंबई तटीय सड़क परियोजना पर प्रगति जारी है, तथा हाल ही में एक मील का पत्थर तब हासिल हुआ जब वर्ली सी लिंक
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सोलन के नालागढ़ में लगेगा ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र, सीएम सुक्खू बोले, 31 मार्च 2026 तक प्रदेश बनेगा हरित राज्य
Shimla News: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को यहां ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिला सोलन के नालागढ़ में निर्माणाधीन एक मेगावाट क्षमता के ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए निविदा शीघ्र आवंटित की जाए और वर्ष 2025 के अंत तक प्लांट के…
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बिलिया पोकरण में रॉ वाटर रिजरवॉयर का परीक्षण कार्य प्रगति पर, 563 गांवों को मिलेगा पानीबालोतरा। बिलिया पोकरण में रॉ वाटर रिजरवॉयर बन कर तैयार हो चुका है। वृहद परियोजना पोकरण फलसूण्ड बालोतरा-सिवाना के अन्तर्गत है बनाए गए 6000 मिलियन लीटर क्षमता के जलाशय का परीक्षण कार्य प्रगति पर है।जन स्वास्थ्य एवं अभियान्त्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता मनु शर्मा ने बताया कि बिलिया पोकरण में बने रॉ वाटर रिजरवॉयर…
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Exclusive: NDA को छोड़ इंडिया के साथ नहीं जा रहे नीतीश कुमार, आ गई तेजस्वी को मायूस करने वाली खबर
नई दिल्ली: 'क्यों पड़े हो चक्कर में, कोई नहीं है टक्कर में।' बिहार में नीतीश के फिर से खेला करने का इंतजार कर रहे विपक्षी नेताओं को JDU की तरफ से साफ संदेश कुछ इसी तरीके से दे दिया गया है। दरअसल केंद्र का बजट आने के पहले और आने के बाद भी बिहार की चर्चा आम रही। क्या बजट में बिहार को प्राथमिकता मिली और JDU उससे संतुष्ट है? क्या अपने राज्य में NDA का चेहरा बने रहेंगे? ऐसे ही महत्वपूर्ण मुद्दों पर NDA सरकार में सहयोगी JDU के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता संजय कुमार झा से बात की नरेन्द्र नाथ ने। उन्होंंने बजट में बिहार को मिले तोहफों से लेकर सीएम नीतीश कुमार तक पर सवाल पूछे। अपने जवाब से ने बिहार के राजनीति माहौल में अचानक से छाई धुंध को एक झटके में छांट दिया। सवाल- इस बार आम बजट में बिहार पर अधिक फोकस किया गया। कहा गया कि केंद्र सरकार को समर्थन के बदले सौगात मिली है। आप बजट में बिहार की हिस्सेदारी को किस तरह देखते हैं? संजय झा- इस बजट में बिहार जैसे विकास के आकांक्षी राज्य के लिए अब तक की सबसे बड़ी विशेष सहायता की घोषणा की गई है। बिहार में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के अलावा सड़क परियोजनाओं, विद्युत उत्पादन परियोजना, एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज, पर्यटन स्थलों और खेलकूद के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए विशेष सहायता का प्रावधान किया गया है। इससे बिहार को विकसित राज्य बनाने के नीतीश सरकार के प्रयास को नई गति मिलेगी। JDU पहले से ही NDA का हिस्सा है। हमारा प्री-पोल अलायंस था। लोकसभा चुनाव में पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी NDA का सर्वमान्य चेहरा थे। जहां तक समर्थन के बदले सौगात मिलने की बात है, तो यह विपक्ष का फैलाया हुआ शिगूफा है। UPA की केंद्र सरकार ने बजट में बिहार की हमेशा उपेक्षा की थी। बिहार को साजिश के तहत लेबर स्लेवरी करने वाला ‘बीमार राज्य’ ब��ा दिया गया था। हमें विश्वास है कि अब केंद्र सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिए जाने से बिहार अगले पांच वर्षों में विकसित बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर होगा। सवाल- बिहार में बाढ़ रोकने के लिए बांध बनाने की खातिर बजट में बड़े पैकेज का एलान किया गया। पहले भी बाढ़ को लेकर कई पहल की जा चुकी हैं। आपने भी इस मुद्दे को बहुत बार उठाया। क्या लगता है, कब तक बिहार को बाढ़ से मुक्ति मिल पाएगी? संजय झा- बिहार के विकास की राह में एक बड़ी बाधा नेपाल से आने वाली नदियों की बाढ़ भी है। देश के कुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 17.2% बिहार में है। राज्य में बाढ़ से सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों के दौरान करीब 7 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राज्य में बाढ़ पहले भी आती थी, लेकिन तब आपदा राहत में किसी को कुछ नहीं मिलता था। वर्ष 2006 में नीतीश कुमार ने एसओपी बना दिया कि कब किस परिस्थिति में क्या-क्या काम करना है। कोसी, कमला और बागमती नदी पर नेपाल में हाई डैम के निर्माण के लिए डीटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने को 2004 में ही भारत-नेपाल संयुक्त परियोजना कार्यालय खोला गया था, लेकिन इस दिशा में खास प्रगति नहीं हो पाई। हमारी पहल के बाद एक विशेष समिति गठित हुई। इसकी सिफारिशों के आधार पर इस बार के बजट में बिहार में बाढ़ के समाधान, कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना, नदी सुधार योजना और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए 1100 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक मदद की घोषणा की गई है। सवाल- बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस या विशेष पैकेज की बात थी। बजट के बाद क्या केंद्र सरकार से अपेक्षा पूरी हो गई है? संजय झा- 14वें वित्त आयोग ने ‘विशेष राज्य’ का प्रावधान समाप्त कर दिया। ऐसे में हमारी मांग थी कि बिहार को विशेष दर्जा दिया जाए और यदि नहीं दे सकते तो विशेष सहायता दें। हमें विश्वास है कि केंद्र का फोकस बिहार की ओर शिफ्ट हो गया है, तो आने वाले वर्षों के बजट में भी राज्य की वास्तविक जरूरतों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सवाल- आपको JDU में संगठन की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। आप NDA और JDU में उस भूमिका को किस तरह देखते हैं? संजय झा- BJP और JDU का नैचरल अलायंस है। इस साल झारखंड और अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी NDA के साथ मिलकर मजबूती से चुनाव लड़ेगी। हमें विश्वास है कि दोनों राज्यों में गठबंधन की बहुमत वाली सरकार आएगी। सवाल- बिहार में नीतीश कुमार NDA का चेहरा हैं। क्या आगे भी वही चेहरा रहेंगे? संजय झा- बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार NDA का सर्वमान्य चेहरा ��ैं, इसमें किसी तरह का कोई सवाल या संदेह नहीं। सवाल- RJD नेता तेजस्वी यादव बिहार में कानून-व्यवस्था और नौकरी का मुद्दा उठा रहे हैं। उनके आरोप को किस तरह काउंटर करेंगे? संजय झा- राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाए रखने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। अपराधी… http://dlvr.it/TBNXKn
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Fundamental Analysis of NTPC || NTPC Ka Fundamental Analysis
पिछले पांच वर्षों में एनटीपीसी के शेयर में केवल 12.32% की वृद्धि हुई है। साथ ही, इसके राजस्व और शुद्ध लाभ में सालाना 8-10% की वृद्धि हुई। यदि ��य इतनी तेजी से बढ़ी, तो शेयर की कीमत क्यों नहीं बढ़ी? या क्या एनटीपीसी 4.12% की लाभांश उपज वाला एक लाभांश स्टॉक है? यदि हां, तो क्या स्टॉक में पैसा लगाने का कोई मतलब है?
एक ऐसा पीएसयू स्टॉक जो फ्यूचर में 100% आपको मुनाफा ही देना वाला है। NTPC ऊर्जा उत्पादन में बाजार में अग्रणी है जिसका देश की बिजली आपूर्ति में 24% योगदान है और कुल बिजली उत्पादन क्षमता में एनटीपीसी की हिस्सेदारी कुल क्षमता का 17% है। एनटीपीसी दक्षता के मामले में भी भारतीय बिजली क्षेत्र में अग्रणी है और 2032 तक सहायक सेवाओं और भंडारण में 25% बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है।
सिर्फ आकार के मामले में ही नहीं, एनटीपीसी दक्षता के मामले में भी भारतीय बिजली क्षेत्र में अग्रणी है। कंपनी का औसत पीएलएफ, बिजली उत्पादन का एक माप, वित्त वर्ष 2012 में 71% था, जो देश के औसत 59% से काफी ऊपर था।
इसके अलावा, इसने व्यापक ऊर्जा क्षेत्र के भीतर परामर्श सेवाओं, बिजली व्यापार और सहायक सेवाओं में भी प्रवेश किया है। सीपीएसयू ने 2032 तक सहायक सेवाओं और भंडारण में 25% बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है।
एनटीपीसी नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में प्रगति कर रहा है। चालू वित्त वर्ष में, कंपनी ने 502 मेगावाट की आरई क्षमता चालू की। इसके अतिरिक्त, इसने प्रतिस्पर्धी बोली के तहत 3,265 आरई क्षमता और 450 मेगावाट की एक हाइब्रिड परियोजना जीती है। हरित हाइड्रोजन संक्रमण को सुविधाजनक बनाने के लिए, कंपनी को 50KW की देश की पहली हरित हाइड्रोजन-आधारित माइक्रो-ग्रिड परियोजना से सम्मानित किया गया।
Full Details Here : Fundamental Analysis of NTPC
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https://www.atoallinks.com/2024/adani-dharavi-redevelopment-continuous-updates-on-progress/
हालांकि अडानी धारावी पुनर्विकास एक दीर्घकालिक परियोजना है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में अडानी समूह ने एक मजबूत आधार तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आइए देखें अब तक उठाए गए प्रमुख कदमों पर एक नजर
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संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र की प्रसिद्ध कंपनी ने दी नौकरी
संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र की प्रसिद्ध कंपनी ने दी नौकरी
मथुरा। कृषि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त फार्मरफेस आर्गेनिक टेक्नोलाजी प्रा.लि. कंपनी ने संस्कृति विश्वविद्यालय के 13 विद्यार्थियों को आनलाइन हुई चयन प्रक्रिया के बाद अपनी कंपनी में नौकरी दी है। भारत की कृषि क्षेत्र में काम करने वाली इस कंपनी के अधिकारियों ने प्लेसमेंट रिक्रूटमेंट ड्राइव के अंतर्गत संस्कृति विवि के 13 विद्यार्थियों का चयन किया। विश्वविद्यालय की सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा ने विद्यार्थियों की इस सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनकी मेहनत, पढ़ाई के प्रति गंभीरता और लगन की सराहना की है। कंपनी के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी कृषि के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देती है और एग्रीमार्ट एवं रिसर्च का काम करती है। फार्मरफेस जैविक सब्जियों की खेती और थोक बिक्री के क्षेत्र में काम करने वाली एक अग्रणी कंपनी है जहां किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले जैविक उर्वरक, जैविक कीटनाशक, कवकनाशी, कृषि मशीनरी, नवीनतम कृषि तकनीक, बाजार मूल्य के अनुसार सर्वोत्तम फसल चयन प्रदान किया जाता है। एक खिड़की के नीचे वैज्ञानिक सहयोग और बाजार भी। कंपनी अपनी अनुभवी टीम की मदद से किसानों की सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। फार्मरफेस ऑर्गेनिक टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रजिस्ट्रार, कॉर्पोरेट अफेयर मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत है। कंपनी बिहार और उत्तर प्रदेश में सब्जी उत्पादन और थोक बिक्री सेवाएँ चला रही है। कंपनी भारत के अधिकांश शहरों में ये सेवाएं प्रदान करने के लिए टीम के साथ काम कर रही है। परियोजना क्षेत्र में कंपनी के पास जैविक सब्जी की खेती के लिए 50 कृषि स्नातक और 20 एमबीए (विपणन) जनशक्ति हैं। आनलाइन हुई चयन प्रक्रिया के बाद संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर के बीएससी की छात्रा सुप्रिया कुमारी, नैना सिंह, आरती चौधरी, अल्का शर्मा, छात्र अविनाश कुमार, आकाश सैनी, राजू कुमार, धीरेंद्र सिंह, शिवांशु मिश्रा, बाला इंगेश्वर, कृष्ण कुमार, संजीत कुमार को आफर लेटर प्रदान किए गए हैं। विवि के कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी ने चयनित छात्र-छात्राओं को उनके प्लेसमेंट पर बधाई देते हुए कहा कि अपने ज्ञान और कौशल से नियोक्ता कंपनी के विकास में अपना सारा श्रम समर्पित करें। कंपनी की प्रगति ही आपके यश में वृद्धि करेगी।
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एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने किया अलायम आवासीय परियोजना का निरीक्षण
देहरादून: एमडीडीए (मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण) के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने आज तरला आमवाला में निर्माणाधीन अलायम आवासीय परियोजना का निरीक्षण किया। यह परियोजना एमडीडीए की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य विभिन्न वर्गों के लिए किफायती और आधुनिक आवास प्रदान करना है। निरीक्षण के दौरान तिवारी ने निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का गहन समीक्षा की और परियोजना की प्रगति पर संतोष…
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आगरा: सिंचाई बंधु बैठक में विकास परियोजनाओं पर चर्चा, जिला पंचायत अध्यक्ष ने दी कड़े निर्देश
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू भदौरिया की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत सभागार में सिंचाई बंधु बैठक संपन्न हुई। बैठक में सिंचाई, विद्युत, नलकूप, लघु सिंचाई, वन, जल निगम और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। हालांकि, कृषि विभाग के किसी अधिकारी के न आने पर अध्यक्ष महोदया ने गहरी नाराजगी जताई और अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में सिंचाई विभाग ने जानकारी दी कि आगरा जिले की 559.32 किलोमीटर लंबाई की 80 नहरों और 510 किलोमीटर लंबाई की 73 नहरों की सिल्ट सफाई गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरी कर ली गई है। 82 नहरों में से 74 की टेलफीड प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शेष कार्य अगले सप्ताह तक पूरा होने की संभावना है। शमशाबाद ब्लॉक के बीकापुर गांव में नहर की सफाई में गड़बड़ी की शिकायत पर श्रीमती भदौरिया ने नाराजगी जाहिर करते हुए कूड़ा हटाने और नहर की पटरियों को अगले आठ दिनों में दुरुस्त करने के आदेश दिए। नलकूप और वन विभाग की प्रगति रिपोर्ट नलकूप विभाग ने बताया कि इस साल 4 लक्ष्यों में से 2 नलकूपों की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। शेष कार्य जल्द शुरू किया जाएगा और एक महीने में समाप्त होगा। वन विभाग ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पौधारोपण की योजना पर चर्चा की। अध्यक्ष ने पौधों की गुणवत्ता बेहतर करने और पिछले साल लगाए गए पौधों के जीवित रहने की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सौर ऊर्जा और बिजली बिल योजना आगरा जिले ने पीएम सूर्यघर योजना के तहत प्रदेश में चौथा स्थान प्राप्त किया है। 31,156 पंजीकरणों में से 7,957 उपभोक्ताओं ने पूरी प्रक्रिया पूरी की, जिसमें से 2,369 सोलर रूफटॉप स्थापित हो चुके हैं। वर्तमान में जिले में सौर ऊर्जा से प्रतिदिन 45,000 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को प्रति माह करीब 1 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। विद्युत विभाग ने बताया कि बिजली बिल माफी योजना 15 दिसंबर से लागू होगी, जिसमें घरेलू बिलों पर 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान है। अन्य महत्वपूर्ण निर्देश - हर घर नल योजना: दिसंबर 2024 तक कार्य पूर्ण करने और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के निर्देश। - स्कूलों में बिजली आपूर्ति: स्कूल के समय में बिजली कटौती न करने और ग्रामीण इलाकों में विद्युतीकरण को प्राथमिकता देने के आदेश। - लघु सिंचाई परियोजना: 40 मीडियम और 27 गहरी बोरिंग में से शेष कार्य फरवरी-मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य। अधिकारियों को चेतावनी श्रीमती भदौरिया ने बार-बार कहने पर भी अनुपस्थित अधिकारियों के प्रति सख्त रुख अपनाया और सभी विभागीय अधिकारियों को नियमित रूप से बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए। Read the full article
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अडानी हसदेव कोल ब्लॉक परियोजना के तहत, कोयले के कुशल परिवहन के लिए सड़क, रेलवे लाइनों और जलमार्गों सहित बुनियादी ढांचे का व्यापक विकास किया जाएगा। इससे न केवल परियोजना का समर्थन होगा बल्कि पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इसके अतिरिक्त, परियोजना क्षेत्र में बिजली संयंत्रों के निर्माण से स्थानीय समुदायों तक बिजली पहुंच में सुधार होगा।
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