#नीम का तेल त्वचा के लिए लाभकारी है
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एक्जिमा के बारे में आपने भी सुना होगा। यह एक तरह का चर्म रोग है। शरीर में जिस ही स्थान पर एक्जिमा होती। खुजली करते -करते कभी -कभी खून भी निकल आता है। आमतौर पर लोग ऐलोपैथिक दवाओं से एक्जिमा का इलाज करने की कोशिश करते हैं लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि एक्जिमा का पूरी तरह उपचार नहीं हो पाता है।
ऐसे में आप आयुर्वेदिक उपाय को आजमा सकते हैं। यह ना सिर्फ एक्जिमा को खत्म करने में सहायता करता है बल्कि अनेक तरह के चर्म रोगों में भी काम आता है।
एक्जिमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें त्वचा वचा शुष्क होकर फटने लगती है। एक्जिमा होने पर त्वचा लालिमा और लाल रंग के धब्बे नजर आते हैं। इतना ही नहीं इससे कभी -कभी फफोले भी पड़ सकते हैं। एक्जिमा के कारण त्वचा के कुछ हिस्से खुजलीदार फटे और खुरदरे हो जाते हैं। एक्जिमा मुख्य रूप से पीठ ,पेट ,हाथ ,मुंह ,कान के आसपास के हिस्से को प्रभावित करता है। कई बार लोग इसे मामूली खुजली समझकर नजर अंदाज कर देते हैं जिससे ये धीरे -धीरे फैलने लगता है। एक्जिमा का जल्दी उपचार करना बहुत जरूरी है वरना यह बीमारी त्वचा को बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। एक्जिमा के इलाज के लोग दवाओं ,क्रीम और लोशन का सहारा लेते हैं। लेकिन आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी एक्जिमा को ठीक कर सकते हैं। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं जिससे आप एक्जिमा इलाज कर सकते हैं।
एक्जिमा क्या है ?
वास्तव में एक्जिमा एक तरह का खुजली का रोग है लेकिन यह सामान्य खुजली से अलग होता है। यह अपने आप में एक रोग है। त्वचा को कई संक्रमणों का सामना करना पड़ता है और उसी में से एक एक्जिमा त्वचा रोगों में होने वाली सबसे आम समस्या है
एक्जिमा होने के क्या कारण है ?
निम्नलिखित कारणों से एक्जिमा हो सकता है -
रोग प्रतिरोधक क्षमता आवश्यकता अधिक कार्य करने लगे
जेनेटिक कारणों से
खराब पर्यावरण से
विटामिन बी -6 की कमी से
चिंतनमय जीवन जीने से
असमान्य वातवरणिक ताप से अत्यधिक उच्च ताप व अत्यधिक निच्च ताप एक्जिमा को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाते है
हार्मोनल बदलाव आने से
साबुन ,शैम्पू और केमिकल उत्पादों से
कुछ खाद्य पदार्थों की एलर्जी से
एक्जिमा के क्या लक्षण है ?
एक्जिमा के कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित है -
काफी खुजली होना ( खासकर रात के समय )
त्वचा में सूखापन
लाल और भूरे रंग के थक्के
त्वचा में पपड़ी सी जमना
हाथो ,पांवो ,और गले आदि स्थानों को अधिक प्रभावित करती है
खाज व सूखापन बढ़ जाना
फ़िसर्स बनना
छोटे -छोटे फुंसी से हो जाना
हल्की सूजन हो जाना
त्वचा के उस हिस्से का रंग बदल जाना
एक्जिमा का घरेलू उपाय
हल्दी
हल्दी कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए हल्दी एक प्रभावी घरेलू उपाय है। एक्जिमा के उपचार के लिए हल्दी काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। हल्दी में एंटी -बैक्टीरियल और एंटी -इंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं। इसके लिए हल्दी में गुलाब जल या दूध मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं 15 -20 मिनट के बाद ठंडे पानी से धो लें।
नीम का तेल
एक्जिमा के इलाज के लिए नीम का तेल भी बहुत लाभकारी माना जाता है। नीम के तेल में एंटी -बैक्टीरियल और एंटी -एलर्जिक गुण होते हैं जो त्वचा की खुजली और जलन को ठीक करते हैं इसमें मौजूद एंटी -इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की सूजन से राहत दिलाते हैं। इसके लिए आप पानी में नीम के तेल की दो -चार बूंदें मिलाकर नहाएं। इसके अलावा नीम के तेल में नारियल का तेल मिलाकर लगाने से भी प्रभावित त्वचा को राहत मिलती है।
सरसों का तेल और नीम
250 ग्राम सरसों का तेल लेकर लोहे की कढ़ाही में चढ़ाकर आग पर रख दें। जब तेल खूब उबलने लगे तब इसमें 50 ग्राम नीम की कोमल कोंपल ( नई पत्तियाँ ) डाल दें। कोपलों के काले पड़ते ही कड़ाही को तुरन्त नीचे उतार लें अन्यथा तेल में आग लगकर तेल जल सकता है। ठण्डा होने पर तेल को छानकर बोतल में भर लें। दिन में चार बार एग्जिमा पर लगाएँ कुछ ही दिनों में एक्जिमा नष्ट हो जायेगा। एक वर्ष तक लगाते रहें तो फिर यह रोग दोबारा कभी नहीं होगा।
चिरायता और कुटकी
चार ग्राम चिरायता और चार ग्राम कुटकी लेकर शीशे या चीनी के पात्र में 125 ग्राम पानी डालकर रात को उसमें भिगो और ऊपर से ढक कर रख दें। प्रात:काल रात भिगोया हुआ चिरायता और कुटकी का पानी निथार कर कपड़े से छानकर पी लें और पीने बाद 3 -4 घंटे तक कुछ नहीं खायें और उसी समय अगले दिन के लिए उसी पात्र में 125 ग्राम पानी और डाल दें। इस प्रकार चार दिन तक वही चिरायता और कुटकी काम देगें। तत्पश्चात उनको फेंककर नया चार -चार ग्राम चिरायता और कुटकी डालकर भिगोयें और चार -चार दिन के बाद बदलते रहें। यह पानी ( कड़वी चाय ) लगातार दो -चार सप्ताह पीने एक्जिमा ,फोड़े ,फुन्सी आदि चर्म रोग नष्ट होते हैं मुँहासे निकलना बन्द होते हैं और रक्त साफ होता है।
एक्जिमा में ��स कड़वे पानी को पीने के अलावा इस पानी से एक्जिमा वाले स्थान को धोया करें।
इस प्रयोग एक्जिमा और रक्तदोष के अतिरिक्त हड्डी की टी.बी. पेट के रोग ,अपरस और कैंसर आदि बहुत सी बीमारियाँ दूर होती हैं इन कठिन बीमारियों में आवश्यकतानुसार एक -दो महीनों तक चिरायता और कुटकी का पानी पीना चाहिए। इसे भी पढ़े :
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नीम: लाख दुखों की एक दवा
नीम, जिसे हम सभी ने अपने घरों में देखा है, एक ऐसा पेड़ है जो अपनी अद्भुत औषधीय गुणों के लिए मशहूर है। इसे भारतीय परंपरा में एक वरदान माना जाता है, और यह सदियों से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। आज हम बात करेंगे कि कैसे नीम लाखों बीमारियों के इलाज में सहायक हो सकता है।
नीम का परिचय
नीम एक सदाबहार पेड़ है जो मुख्य रूप से भारत और दक्षिण एशिया में पाया जाता है। इसके पत्ते, बीज, फल, और यहां तक कि छाल भी औषधीय गुणों से भरे हुए होते हैं। नीम को संस्कृत में "अर्जुन" और "अश्वत्थ" जैसे नामों से भी जाना जाता है। इसकी विशेषता यह है कि यह पेड़ 500 से अधिक बीमारियों के इलाज में मददगार है, इसलिए इसे 'लाख दुखों की एक दवा' कहा जाता है। पुराने समय में, नीम का उपयोग विभिन्न प्रकार के त्वचा रोग, जुखाम, बुखार, और पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता था। इसके साथ ही, नीम का उपयोग प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में भी होता है, जिससे खेती में कीड़ों से बचाव किया जा स��ता है। नीम के औषधीय गुण
नीमत्वचा की समस्याओं में लाभकारी: नीम का उपयोग त्वचा की समस्याओं के लिए किया जाता है। इसके पत्तों का पेस्ट बनाकर उसे चेहरे पर लगाने से पिंपल्स, एक्ने, और अन्य त्वचा संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है। नीम का तेल भी त्वचा की बीमारियों जैसे एक्जिमा और सोरायसिस में फायदेमंद है।
मुँह और दांतों की देखभाल: नीम की दातून का इस्तेमाल हमारे पूर्वज सदियों से करते आ रहे हैं। यह दांतों की सड़न, मसूड़ों की सूजन, और अन्य मौखिक समस्याओं में मदद करता है। नीम के एंटी-बैक्टीरियल गुण मुँह की दुर्गंध को भी दूर करते हैं।
मधुमेह में सहायक: नीम की पत्तियों का सेवन रक्त में शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। मधुमेह के मरीज इसके पत्तियों का रस नियमित रूप से पी सकते हैं, जिससे उनका शुगर लेवल कंट्रोल में रह सकता है।
बालों की देखभाल: नीम का तेल बालों के लिए एक प्राकृतिक कंडीशनर का काम करता है। यह डैंड्रफ और बालों के झड़ने की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा, नीम के पत्तों का पेस्ट बालों में लगाने से बाल मजबूत और चमकदार बनते हैं।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: नीम के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह शरीर को विभिन्न संक्रमणों से बचाने में मदद करता है। नीम के कड़वे स्वाद के बावजूद, यह हमारे शरीर के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है।
मलेरिया और डेंगू से बचाव: नीम के पत्तों और छाल का इस्तेमाल मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव में किया जाता है। इसके पत्तों का रस पीने से मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना: नीम का सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है। यह अपच, गैस, और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके अलावा, नीम का उपयोग पेट के कीड़ों को मारने में भी किया जाता है।
नीम का उपयोग कैसे करें?
नीम की पत्तियों का रस:
नीम की ताजे पत्तियों का रस निकालकर हर रोज सुबह खाली पेट पीने से शरीर को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है। हालांकि, इसका स्वाद कड़वा होता है, लेकिन इसके फायदे अमूल्य हैं।
नीम का तेल:
नीम का तेल त्वचा और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे बालों में लगाने से डैंड्रफ से छुटकारा मिलता है और बाल मजबूत होते हैं। त्वचा पर लगाने से खुजली और फंगल इन्फेक्शन से बचाव होता है।
नीम का पेस्ट:
नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे चेहरे पर लगाने से त्वचा की चमक बढ़ती है और पिंपल्स जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
नीम की दातून:
नीम की दातून का इस्तेमाल दांतों और मसूड़ों को मजबूत करने में किया जा सकता है। इससे मुँह की दुर्गंध भी दूर होती है।
नीम का पेस्ट:
नीम की सूखी पत्तियों से बनी चाय पीने से शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह मधुमेह के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होती है।
नीम का पाउडर:
नीम के सूखे पत्तों का पाउडर त्वचा और बालों के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसे फेस पैक या हेयर मास्क के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। नीम का पाउडर खाने में भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और रक्त ���ुद्ध होता है।
नीम का ध्यान रखने योग्य बातें
नीम के कई फायदे हैं, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन भी हानिकारक हो सकता है। नीम का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द, उल्टी, और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, इसका सेवन हमेशा डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह पर ही करें।
निष्कर्ष
नीम एक ऐसा पेड़ है जो अपने गुणों से हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह प्रकृति का एक उपहार है, जिसे सही तरीके से उपयोग करने पर हम कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं। नीम के कड़वे स्वाद के बावजूद, इसके फायदे मीठे हैं, और इसे अपने जीवन में शामिल करके हम स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
याद रखें, नीम का सही मात्रा में और सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है। इसका नियमित सेवन हमें बीमारियों से बचाने के साथ-साथ हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। तो आज से ही नीम को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें और इसके अनगिनत फायदों का आनंद लें।Visit Us: https://prakritivedawellness.com/pain-management-treatment-centre-in-prayagraj/
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स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए प्राकृतिक उपचार
स्वास्थ्य और सुंदरता, दोनों ही हमारे जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं। आज के व्यस्त जीवन में, हम अक्सर अपने स्वास्थ्य और सुंदरता की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते। हालांकि, प्रकृति ने हमें अनेक ऐसे उपाय दिए हैं जो न केवल हमें स्वस्थ रखते हैं बल्कि हमारी सुंदरता को भी बढ़ाते हैं। आयुर्वेद, योग, और प्राकृतिक चिकित्सा जैसे उपाय सदियों से हमारे स्वास्थ्य और सुंदरता को बनाए रखने में सहायक रहे हैं। आइए, हम इन प्राकृतिक उपायों पर विस्तार से चर्चा करें।
आयुर्वेदिक उपचार
आहार और पोषण:
आयुर्वेदिक चिकित्सा में आहार का महत्वपूर्ण स्थान है। संतुलित और पोषक आहार न केवल हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, बल्कि यह हमारी त्वचा की चमक और स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है। आयुर्वेदिक आहार में ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं। इसके अलावा मसाले जैसे हल्दी, अदरक और दालचीनी का उपयोग भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
औषधीय पौधे:
आयुर्वेद में कई ऐसे औषधीय पौधे हैं जो स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए उपयोगी होते हैं। जैसे कि नीम, तुलसी और आंवला। नीम का तेल त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी होता है, यह मुंहासों को कम करता है और त्वचा को साफ और चमकदार बनाता है। आंवला बालों की सेहत के लिए अच्छा होता है, यह बालों को मजबूत और चमकदार बनाता है।
योग और ध्यान
शारीरिक योगासन:
योग न केवल हमारे शरीर को फिट और तंदुरुस्त रखता है, बल्कि यह हमारी त्वचा और बालों की सुंदरता को भी बढ़ाता है। योगासन जैसे सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन और शीर्षासन शरीर में रक्त संचार को बढ़ाते हैं, जिससे त्वचा को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। यह त्वचा को प्राकृतिक रूप से चमकदार और स्वस्थ बनाता है।
ध्यान और प्राणायाम:ध्यान और प्राणायाम मानसिक शांति प्रदान करते हैं, जिससे तनाव कम होता है। तनाव का कम होना त्वचा की सेहत के लिए लाभकारी होता है, क्योंकि तनाव से मुंहासे और अन्य त्वचा समस्याएं बढ़ सकती हैं। प्राणायाम से श्वास प्रणाली मजबूत होती है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे त्वचा और बालों की सेहत में सुधार होता है।
प्राकृतिक त्वचा और बालों की देखभाल
शहद और एलोवेरा:
शहद और एलोवेरा त्वचा और बालों के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में प्रसिद्ध हैं। शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा को साफ रखते हैं और मुंहासों को कम करते हैं। एलोवेरा का जेल त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और जलन और सूजन को कम करता है। बालों के लिए, एलोवेरा का उपयोग कंडीशनर के रूप में किया जा सकता है, यह बालों को नरम और चमकदार बनाता है।
नारियल तेल और आंवला तेल:नारियल तेल और आंवला तेल बालों के लिए अत्यधिक लाभकारी होते हैं। नारियल तेल बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है और उन्हें पोषण देता है। यह डैंड्रफ को भी कम करता है। आंवला तेल बालों को काला और घना बनाता है और उन्हें समय से पहले सफेद होने से रोकता है।
आयुर्वेदिक औषधियाँ
त्रिफला चूर्ण:
त्रिफला चूर्ण आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण औषधि है, जो तीन फलों - आंवला, बिभीतक और हरितकी - से बनी होती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनात��� है। इससे त्वचा और बाल दोनों की सेहत में सुधार होता है।
संतुलित जीवनशैली
पर्याप्त नींद:
स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए पर्याप्त नींद आवश्यक है। नींद के दौरान, हमारा शरीर खुद को पुनर्जीवित करता है और त्वचा की मरम्मत करता है। इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 7-8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए।
व्यायाम:नियमित व्यायाम न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है, बल्कि यह हमारी त्वचा की चमक और बालों की सेहत को भी सुधारता है। व्यायाम से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे त्वचा को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं।
हाइड्रेशन:पर्याप्त पानी पीना त्वचा और बालों की सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है।
निष्कर्ष
प्राकृतिक उपचार न केवल स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं, बल्कि सुंदरता को भी बढ़ाते हैं। आयुर्वेद, योग, और प्राकृतिक चिकित्सा जैसे उपाय हमारे शरीर और मन को स्वस्थ और संतुलित रखते हैं। इन उपायों को अपनाकर, हम न केवल एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं, बल्कि अपनी सुंदरता को भी बनाए रख सकते हैं।प्रकृति ने हमें अनेक ऐसे उपाय दिए हैं, जिन्हें अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य और सुंदरता को प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकते हैं। इसलिए, ��इए हम इन प्राकृतिक उपायों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें और एक स्वस्थ और सुंदर जीवन जीएं।Visit us-https://prakritivedawellness.com/beauty-and-fitness/
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सफेद दाग कम करने के लिए घरेलू उपाय
त्वचा पर सफेद दागों को घरेलू तरीके से उपचार कर कम किया जा सकता है और इसे शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोका जा सकता है। हालांकि, हम यहां स्पष्ट कर दें कि यहां बताए गए घरेलू उपाय इस समस्या का इलाज नहीं, बल्कि इसे कुछ हद तक बढ़ने से रोक सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए इन घरेलू तरीकों का उपयोग चिकित्सा उपचार के साथ किया जाना चाहिए क्योंकि केवल घरेलू उपचार का उपयोग करने से इस समस्या में कुछ खास मदद नहीं मिलेगी। सफेद दाग का इलाज चिकित्सक के सुझाव के साथ किया जाना चाहिए।
1. नारियल तेल की मालिश : सफेद दाग को नारियल तेल से कम किया जा सकता है। नारियल तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। नारियल तेल का एंटीऑक्सीडेंट गुण सफेद दागों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
2. सरसों का तेल और हल्दी : सरसों के तेल और हल्दी को मिलाकर सफेद दाग का घरेलू उपचार किया जा सकता है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा के सफदे दागों को मिटाने का काम कर सकते हैं।
3. एलोवेरा सफेद दाग की दवा के रूप में : एलोवेरा त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। यह त्वचा से झुरियां और स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने का काम करता है। साथ ही यह त्वचा में पिगमेंटशन को बढ़ावा देने का काम भी करता है, जिससे त्वचा के सफेद दागों से निजात पाया जा सकता है।
4. अदरक सफेद दाग के इलाज के लिए : विटिलिगो का इलाज करने में अदरक का रस लाभकारी हो सकता है। अदरक एक हर्बल औषधि है, जिसका अर्क सफेद दाग से निजात दे सकता है।
5. लाल मिट्टी का उपयोग : सफेद दाग और पैच ज्यादातर शरीर में मेलेनिन के असंतुलन की वजह से हो जाते हैं. एक चम्मच अदरक और लाल मिट्टी को ब्लेंड करके पेस्ट बना लें. और इस पेस्ट को प्रभावित जहगों पर लगाएं. पेस्ट सूखने के बाद इसे धो लें. इसका इस्तेमाल रोजाना किया जा सकता है.इन घरेलू उपायों की मदद से चेहरे के सफेद दाग और पैच से छुटकारा पाया जा सकता है।
6. तुलसी पत्ती : तुलसी का प्रयोग त्वचा के सफेद दागों के लिए भी क��या जा सकता है। तुलसी एक कारगर औषधि है, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के साथ एंटीऑक्सीडेंट से भी समृद्ध होती है। तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण सफेद दागों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
7. नीम : त्वचा की समस्याओं के इलाज के लिए नीम एक अच्छा प्राकृतिक उपचार है। नीम की पत्तियां त्वचा के रंग को वापस लाने में मदद कर सकती हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो विटिलिगो को दूर करने का काम कर सकते हैं।
8. शहद और चंदन की लकड़ी : सफेद दाग का उपचार करने में शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। शहद और लाल चंदन की लकड़ी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करके त्वचा पर सफेद दागों की समस्या पर ��्रभावी असर दिखा सकते हैं।
ल्यूगो किट ( Leugo Kit ) लंबे समय तक एक प्रमुख और प्रचलित उपचार चिकित्सा है। ल्यूगो किट सफेद दाग या ल्यूकोडर्मा त्वचा विकार का सबसे प्रभावी उपचार है।
ये Oldforest Ayurved द्वारा बनाया एक मात्र प्रोडक्ट है, जो आपको भी इस बीमारी से छुटकारा दिलाने मैं सक्षम है, हम मानते है की हमारी 8 साल की प्रैक्टिस मैं ये प्रोडक्ट ने खूब सफलता प्राप्त की है। इस बीमारी से ग्रसित हजारो मरीजों ने कुछ ही महीनो मैं और कम से कम मुल्ये मैं ल्यूगो किट की मदद से सफ़ेद दागो को जड़ से ख़त्म किया है।
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(चतुर्थी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-23-फरवरी-2023
वार:--------गुरुवार
तिथी :------04चतुर्थी:-25:34
पक्ष :--------शुक्लपक्ष
माह:-------फाल्गुन
नक्षत्र :-------रेवती:-27:44
योग:-------शुभ:-20:57
करण:------वणिज:-14:23
चन्द्रमा:-----मीन:-27:43/मेष
सुर्योदय:-----07:11
सुर्यास्त:------18:31
दिशा शुल-----दक्षिण
निवारण उपाय:-----राई का सेवन
ऋतु :-------------बंसत ऋतु
गुलीक काल:---09:48से 11:14
राहू काल:-------14:07से15:33
अभीजित-------12:14से13:00
विक्रम सम्वंत .........2079
शक सम्वंत ............1944
युगाब्द ..................5124
सम्वंत सर नाम:-------नल
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-07:11से08:37तक
चंचल:-11:14से12:40तक
लाभ:-12:40से14:07तक
अमृत:-14:07से15:33तक
शुभ:-17:04से18:31तक
🌓चोघङिया रात🌗
अमृत:-18:31से20:04तक
चंचल:-20:04से21:38तक
लाभ:-00:40से02:14तक
शुभ:-03:56से05:33तक
अमृत:-05:33से07:10तक
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
आज के विशेष योग
वर्ष का327वा दिन, भद्रा प्रारंभ
14:23से25:34 पृथ्वी-लोक अशुभ पश्चिम, पंचक समाप्त 27:44, विनायक चतुर्थी, संत चतुर्थी (उड़ीसा) गाडगे महाराज जयंती, मेला श्याम बाबा खाटु प्रारंभ (10दिन, सीकर राजस्थान), रवियोग समाप्त 27:44, स्थिरयोग सूर्योदय से 25:34, वैधृति महापात प्रारंभ 30:23,
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
🙏🪷वास्तु टिप्स🪷🙏
घर में सरसो का तेल कभी खत्म ना होने दे।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*सुविचार*
कब्रिस्तान में एक तख्ती पर क्या खूब लिखा था पढ़ ले दुआ किसी के लिए कल तू भी तरसेगा इसी के लिए....👍🏻राधे राधे
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*नीम की पत्तियां :-*
1. नीम की पत्तियों को चबाकर खाने से शरीर में मौजूद रक्त शुद्ध हो जाता है।
2. नीम की दातुन करने से दांत मजबूत होने के साथ-साथ दांतों में चमक आ जाती है और मसूढ़े में भी सूजन नहीं होती।
3. नीम की वल्कल का लेप किसी भी घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
4. नीम की पत्तियों को पानी में उबाल उस पानी से नहाने से त्वचा संबंधी रोगों से निजात मिलती है।
5. नीम से तैयार तेल की मालिश करना भी लाभकारी होता है।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विरोध होगा। बेचैनी रहेगी। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। यात्रा सफल रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त होने के योग हैं। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। निवेश शुभ रहेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
नौकरी में जवाबदारी बढ़ सकती है। घर-बाहर सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। प्रमाद न करें। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। कारोबार से लाभ होगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें। पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी संत-महात्मा का आशीर्वाद मिल सकता है। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
नौकरी में कलह हो सकती है। निवेश इत्यादि में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। चोट व दुर्घटना से बचें। शारीरिक हानि हो सकती है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कारोबार ठीक चलेगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
लाभ के अवसर अवसर हाथ आएंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। विवाह के उम्मीदवारों को विवाह का प्रस्ताव मिल सकता है। घर-परिवार की चिंता रहेगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा।
👩🏻🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
नए काम मिल सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। चिंता तथा तनाव में कमी होगी। प्रमाद न करें। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। शत्रुओं का पराभव होगा। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
संगीत व चित्रकारी आदि क��� कार्य सफल तथा पूर्ण होंगे। एकाग्रता बनी रहेगी। अध्ययन में मन लगेगा। धनार्जन होगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। परिवार के सदस्यों तथा मित्रों के साथ समय सुखद व्यतीत होगा।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
लाभ का प्रतिशत कम रहेगा। दूसरों की अपेक्षा बढ़ेगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के इस्तेमाल से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कारोबार मनोनुकूल चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। मेहनत का फल पूरा-पूरा प्राप्त होगा। रिश्तेदारों तथा मित्रों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। खर्च होगा। शरीर के ऊपरी हिस्से में कष्ट संभव है। अच्छी खबर प्राप्त होगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
यात्रा मनोनुकूल रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड लाभ देंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कष्ट संभव है। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होकर सहयोग मिलेगा।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
वाणी पर नियंत्रण रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। धैर्य रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था में मुश्किल होगी। कानूनी अड़चन आ सकती है। लापरवाही न करें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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सेहत के साथ सौंदर्य निखारने में भी मदद करता है नीम का तेल, जानिए इसके इस्तेमाल से होने वाले फायदे
सेहत के साथ सौंदर्य निखारने में भी मदद करता है नीम का तेल, जानिए इसके इस्तेमाल से होने वाले फायदे
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लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली, Updated Wed, 24 Jun 2020 12:52 PM IST
नीम का तेल हमारे सेहत के लिए कितना फायदेमंद है, ये बात हम सभी बहुत अच्छे तरीके से जानते हैं। इस तेल का इस्तेमाल कई रोगों के इलाज में किया जाता है। नीम का तेल हमारे सेहत के लिए फायदेमंद है, ठीक उसी तरह इस तेल के इस्तेमाल से आप अपने सौंदर्य में निखार ला सकते हैं।]आसानी से मिल जाने वाले इस तेल के इस्तेमाल से आप…
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HGWIN KIT
सैमफायर एचजीविन सिरप, टेबलेट्स व तेल
मधुमेह रोगियों के लिए
आजकल के इस भागदौड़ भरे युग में अनियमित जीवनशैली के चलते जो बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है वह है मधुमेह। मधुमेह को धीमी मौत भी कहा जा सकता है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी का जो सबसे बुरा पक्ष यह है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। मधुमेह रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी, ह्रदय रोग, शारीरिक कमजोरी, स्ट्रोक, त्वचा व पेट से जुड़ी कई समस्याएं और पैरों में दिक्कत उत्पन्न हो सकती हैं। पहले यह बीमारी चालीस की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल बच्चों में भी इसका मिलना चिंता का एक बड़ा कारण हो गया है। इस बीमारी से रोगी के क्रिएटिनिन बढ़ने से किडनी में दिक्कत होनी शुरू हो जाती है, जिस के कारण डायलिसिस भी करवाना पढ़ सकता है।
सैमफायर कंपनी इस उद्देश्य से काम कर रही है कि इस गंभीर जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने व लोगों को मधुमेह के साथ बेहतर जीवन यापन करने के योग्य बनाने से है। हमारा प्रयास है की धीरे-धीरे अंग्रेजी दवाईयों का उपयोग कम करके अंग्रेजी दवाईयाँ छुड़वा दे व आयुर्वेदिक पद्धति से मधुमेह का इलाज करें क्योंकि आयुर्वेदिक दवाईयों का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है और ये लगातार खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाकर शरीर को अंदर से मजबूत व निरोगी बनाती है। अंत हमारी अपील है की मधुमेह से ग्रसित रोगी पूरी लगन से चिकित्सा सलाह ले कर नियमित रूप से एचजीविन किट (सिरप, टेबलेट्स और तेल) का प्रयोग करें, व्यायाम करें और संतुलित आ��ार खाएं व समाज को रोग मुक्त बनाने में सहभागी बने, ताकि आने वाली पीढ़ीयों को मधुमेह रोग से बचाया जा सके।
कई सालों के तजुर्बों व अध्यन से सैमफायर कंपनी ने आयुर्वेदिक प्रणाली से एक ऐसा उत्पाद बनाया है जिसमें एचजीविन सिरप, टेबलेट्स और तेल जो मधुमेह रोग के लक्षण को कम करने में सहायक है और रोगी को बिना किसी साइड इफेक्ट मधुमेह के दुष्प्रभाव से मुक्त करा कर सुखमई जीवन व्यतीत करने में मदद करता है।
यह दवा मधुमेह रोगियों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसके सेवन से मधुमेह रोगियों के हालत में शीघ्र ही सुधार होता है। आज के दौर में लोग अंग्रेजी दवाईयों की तुलना में आयुर्वेदिक दवाईयों का ज्यादा सेवन कर रहे है, कयोंकि आधुनिक जीवन शैली में उनकी बिमारियों का स्थाई और सुरक्षित इलाज केवल आयुर्वेदिक दवाईयां ही है कयोंकि इन दवाईयां का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता बल्कि यह शरीर की रोग प्रति रोधक क्षमता को बढ़ा कर शरीर को अंदर से मजबूत व निरोगी बनाती है।
सैमफायर एचजीविन सिरप 36 गुणकारी जड़ी बूटियों जैसे करेला, गुड़मार, जामुन, इन्द्र जौ, पनीर डोडी, नीम पत्र, सनाय, गुलाब, रेवंद चीनी, ब्राह्मी, पित्तपापड़ा, मंजिष्ठा, सौंठ, सौंफ, अजवाइन, धनिया, कपूर कचरी, काला ���मक, पुदीना, हल्दी, दालचीनी, मुनक्का, बड़ी इलायची, तुलसी, कत्था, लौंग, नागरमोथा, आंवला, हरड़, बहेड़ा, बादियान खताई, मुलेठी, अश्वगंधा, भृंगराज, पुनर्नवा और मकोय इन सबके क्वाथ को मिला कर बनाया जाता है।
सैमफायर एचजीविन टेबलेट्स 18 गुणकारी जड़ी बूटियों जैसे गुड़मार, जामुन, चिरायता, गोरखमुंडी, अर्जुन छाल, गिलोय, करेला, अश्वगंधा, आंवला, नीम, शतावरी, पनीर डोडी, कारंजवा, तुलसी, मेथी, कुटकी, अजाबल्ली और शिलाजीत इन सबके एक्सट्रेक्ट को मिला कर बनाया जाता है।
सैमफायर एचजीविन तेल में 11 तरह की जड़ी बूटियों के तेल है जैसे कि नीम, कलौंजी, बादाम, नारियल, सत पुदीना, कपूर, ब्राह्मी, तिल, खसखस, ऑलिव और सरसों का तेल जो डायबिटीज से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने के साथ साथ मांस-पेशियाँ में दर्द, रक्त का प्रवाह तेज करने, सिरदर्द से आराम, त्वचा और बालों के लिए भी काफी लाभकारी है। इसे रोजाना नियमित रूप से पैरों और सिर पर मालिश करने पर पैरों की तले में होने वाली जलन, सिर में होने वाली खारिश और हाथों व पैरों की ऊँगली के बीच में होने वाली खुश्की को दूर करने में सहायक है।
सैमफायर एचजीविन सिरप, टेबलेट्स व तेल की प्रमुख्य विशेषताएँ :-
ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ावा देकर शुगर स्तर को स्थिर रखता हैै।
शरीर के वजन को नियंत्रण में रखता है।
मधुमेह में आने वाली शारीरक कमजोरी को दूर करता है।
मधुमेह के कारण हृदय, किडनी, आंख, नर्व और त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं होने से बचाव करता है।
यह सिरप कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में लाभदायक है।
यह पा��न तंत्र को मजबूती प्रदान करता हैं, जो एक स्वस्थ शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
यह शरीर को अंदर से साफ़ करके लिवर को मजबूती प्रदान करने में मददगार है।
यह लिवर, पाचन और इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद करता है।
इस के लगातार इस्तेमाल से मधुमेह के कारण शरीर को डायलिसिस होने से बचाया जा सकता है।
सेवन विधि : बेहतर इलाज के लिए किट के अंदर दिए गए बुकलेट को जरूर पढे और बताई गयी विधि द्वारा सैमफायर एचजीविन सिरप, टेबलेट्स व तेल को इस्तेमाल करने से मधुमेह नियंत्रण होने के साथ-साथ मधुमेह से होने वाली बाकी समस्याएं में भी लाभ होता है।
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HGWIN Syrup 2 x 1 Ltr.
HGWIN Tablets 4 x 15 Tablets
HGWIN Oil 100 ml.
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नहाये के बाल, खाये के गाल और
विवाह के बाद की चाल-ढाल कभी छुप नहीं सकते अर्थात स्त्री बाल नहाने के बाद ही पता लगते हैं कि कितने लम्बे, घने,काले हैं। इसी प्रकार समय पर खाने-पीने वाले के गाल अलग दिखते हैं। शादी के बाद यदि स्त्री को पर्याप्त संतुष्टि का अ��सास होता है, तो उसकी चाल में लचक आ जाती है।
रोगरहित स्वस्थ्य जीवन के साथ ही खूबसूरत दिखने के लिए बालों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। महिलाओं के बल खाते बाल से ही उनमें आकर्षण बना रहता है।
इंदुलेखा तेल में मात्र 11 जड़ीबूटियों जैसे- भृंगराज, मीठा नीम, इंद्रायव, नीम, आंवला, एलोवेरा, ब्राह्मी, अंगूर, बादाम तेल, मुलेठी, कपूर के अलावा दूध और नारियल तेल का मिश्रण है। इसमें एलोवेरा इतना कारग�� नहीं है। कच्चा गूदा ही लाभदायक रहता है।
इंदुलेखा तेल में बालों के लिए महत्वपूर्ण त्रिफला, शिकाकाई, विभितकी, तुरई बीज, बालछड़, शंखपुष्पी, मेहंदी, गुड़हल, हरश्रृंगार, आदि आवश्यक घटकों को नहीं मिलाया गया है।
आजकल नारियल से अधिक लाभकारी पुराना नारियल गोला कारगर है, जो औषधियुक्त तेल में पकाने से बालों का तेल चमत्कारी रूप से फायदेमंद हो जाता है।
बालछड़ केशनाशक द्रव्य है। यह तनाव दूर कर मानसिक शांति प्रदान कर नींद अच्छी, गहरी लाता है।
विभितकी बालों की सेहत के लिए जरूरी है। ये गंजापन एवं सिर की गर्मी दूर करने में बहुत उपयोगी होता है।
अगर आपको बालों का झड़ना, टूटना बन्द कर निये बाल उगाना हो तो एक बार कुन्तल केयर हेयर ऑयल लगाएं, जो बेहतरीन केशवर्धक आयुर्वेदिक औषधि है।
इसमें मिला लोंकी बीज, जपाकुसुम, तुरई बीज तेजी से बालों की लंबाई बढ़ाने में कारगर हैं।
भावप्रकाश, द्रव्यगुण विज्ञान, भेषजयरत्नावली एवं ए.एफ.आई.आदि ये आयुर्वेद की पुरानी विश्वसनीय पुस्तकें हैं। जिनमें केश रोगों से मुक्ति के लिए निम्नलिखित जड़ीबूटियों, द्रव्य-घटकों का उल्लेख है।
विभितकी यानि बहेड़ा, सरसों, भृंगराज, त्रिफला, मेहंदी, मेथी, कलौंजी, अदरक, बालछड़, नागरमोथा, बादाम, लहसुन, प्याज, नीम, लेमन, नीलगिरी तेल, ए��ण्ड तेल,जैतून, नारियल तेल, खोपरा, शिवप्रिय, हरश्रृंगार, रोहिष घांस, तिल तेल आदि ओशहद्दियाँ बालों की लगभग 219 बीमारियों को जड़मूल से मिटाने उपयोगी हैं। इंदुलेखा तेल में इनमें कुछ ही ली गई हैं।
कुन्तल केयर हेयर ऑयल में उपरोक्त सभी दवाओं का विशेष विधि से मिश्रण किया गया है।
पित्त की वृद्धि भी किशोरावस्था में कमजोर बाल, यौवन काल खत्म कर देते हैं। अतः पित्त को सन्तुलित करने के लिए कुन्तल केयर में त्रिफला, गूडल, बहेड़ा मिलाया है।
त्रिफला कमजोर जड़ों तथा डैमेज्ड बालों की फिर से मरम्मत करता है।

अनेक केश विकारों में उपयोगी -
कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल
Kuntal care Herbal hair oil
अदभुत केशनाशक हर्बल ओषधि।
यह बन्द रोमछिद्रों को खोलकर जड़ों से नये बाल उगाने में सहायक है।
कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल मस्तिष्क को शक्ति व शीतलता प्रदान कर बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है। यह बालों की त्वचा यानी स्कैल्प पर अच्छी तरह से समाहित या एब्जॉर्ब हो जाता है और गहराई तक जाकर बालों को पोषण देता है।
कुन्तल केयर तेल से बालों में अच्छी चमक भी आती है, क्योंकि इसमें कोई रसायनिक या केमिकल नहीं है। अनेकों असरकारक जड़ीबूटियों से निर्मित यह आयुर्वेदिक तेल के नियमित उपयोग से एक माह में आधा से 1 इंच लम्बाई बढ़ती है। जूं, लीक, दोमुंहे बाल, खुजली, खोंची, रूखापन आदि अनेक केशरोगों से मुक्ति मिलती है।
बाल क्यों होते हैं कमज़ोर?
कम उम्र में अधिक तनाव
काम की अधिकता
जिम्मेदारियों का बोझ
चिड़चिड़ापन
क्रोधी स्वभाव
बढ़ती उम्र के कारण
वात, पित्त, कफ का विषम होना
त्रिकाल त्रिदोष की अधिकता
अनियमित मासिक धर्म
ज्यादा माहवारी आना
सफेद पानी की समस्या तथा
काल के भाल से कलिकाल (कम उम्र) में ही बाल, अकाल ग्रस्त होकर, बाल की खाल कमजोर, चिकनी हो जाती है।
दुष्परिणाम:
तत्काल लाभ के फेर में बालों का घेर ढेर हो जाता है। अधिक केमिकल युक्त,
सिंथेटिक खुशबूदार तेल, साबुन, शेम्पो का उपयोग
लगातार लापरवाही से बाल तेज़ी से टूटते, झड़ने लगते हैं ।
प्रदूषण,प्रदूषित जल,
खारे,बोरिंग के पानी से
केश पतन,
रूसी, खोंची, खुजली,
केशों का दोमुहें होना,
असमय सफेदी,
रूखापन,
कड़ापन,
गंजापन,
कान्ति हीनता,
सिरदर्द, नजर की कमजोरी
अनेक केश विकार उत्पन्न होकर कम उम्र में ही सारी ��ूबसूरती मिटा देते हैं ।
पुरानी कहानी:
भारतीय संस्कृति में
प्राचीन परम्परा है कि महिलाओं को “मासिक धर्म”
के प्रथम दिवस केश धोवन नहीं करना चाहिए।
मान्यता है कि पहले दिन बाल धोने से अवसाद (डिप्रैशन), अधिक रक्तस्राव और कमजोरी के साथ-साथ किसी भी अन्य स्त्रीरोग से पीड़ित होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
क्रोधी स्वभाव, चिड़चिड़ापन की वृद्धि हो सकती है। बाल भी तेजी से टूटने व झड़ने लगते हैं ।
अपने बाल को खुले रखने से भी बालों पर दुष्प्रभाव पड़ता है, इससे बालों ��ी जड़े कमजोर होने लगती है।मान्यता यह भी है कि केश काटन (बाल कटवाने) मानसिक अशांति, तनाव बना रहता है ।
लापरवाही न करे:
अक्सर बाल धोवन के पश्चात तथा कंघी या सिर झाड़ते समय टूटे हुए बालों का गुच्छा बनाकर लड़कियां इधर-उधर फैंक देती है, यह अशुभ है।
अमृतम आयुर्वेद शास्त्रों का मत है कि ऐसा करने से आपसी मतभेद उत्पन्न होते हैं। परिवार में बात-बात पर विवाद-झगड़ा, कलह-कलेश भी बढ़ता है।
वैज्ञानिक एवं शास्त्र मतानुसार
मासिक धर्म के समय ठंड से बचना चाहिए। इससे महिलाओं के यूट्रस को नुकसान हो सकता है। गर्भधारण में बाधा होती है।
रोगरहित स्वस्थ्य जीवन के लिए अमृतम आयुर्वेद दवाओं का सेवन अत्यन्त लाभकारी है ।
उपयोग का तरीका—::
बाल धोने से एक दिन पहले अच्छी तरह बालों की जड़ों में हल्के हाथों से लगाकर दूसरे या तीसरे अमृतम भृङ्गराज हेयर थेरेपी से बाल धोएं। सप्ताह में 2 या 3 बार कुन्तल केयर हेयर ऑयल लगाना बहुत जरूरी है ।
सावधानी:
◆ गीले बालों में तेल न लगाए।
◆ बालों को अच्छी तरह सुखाकर कंघी करें।
कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल के बारे मे जानें विशेष ज़रूरी बातें…
यह वीडियो देखें
कुन्तल केयर तेल एक हर्बल है। यह सम्पूर्ण केशप्रणाली को दुरुस्त करने में कुछ वक्त ले सकता है। अगर शुरू में कुछ कमजोर बाल टूटे या झड़े, तो घबराएं नहीं। यह 100 फीसदी आयुर्वेदक होने से कोई नुकसान या साइड इफ़ेक्ट नहीं होता। बल्कि कुन्तल केयर के साइड बेनिफिट असँख्य हैं।
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पुरुष अपने बालों को काला करने के लिए नारियल के तेल में इस चीज को मिलाकर लगाएं
जैसा की आप जानते है आज के समय में छोटे बच्चों से लेकर युवा तक सबके बाल वक्त से पहले ही सफेद होने लगते हैं। ऐसे में वह इससे छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के जतन करते है। हालांकि समय रहते ही अगर अपने बालों पर थोड़ा सा ध्यान दिया जाए, तो इस समस्या को होने से रोका जा सकता है और बालों को मजूबत और घना भी रखा जा सकता है।नारियल तेल यूं तो सेहत और त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है, लेकिन नीम के पत्ते के साथ नारियल तेल का मेल किसी जादू से कम असर नहीं करता। जी हां, इस जादुई दवा के करिश्मे अगर आप नहीं जानते।सफ़ेद और झाड़ते बालों की समस्या अधिकतर लोगों को झेलनी पड़ती है। आज हम आपको एक ऐसी चीज़ के बारे में बता रहे हैं जिसे नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से पुराने से पुराने सफ़ेद बाल काले हो जाएंगे।
लोग बालों को काले और मजबूत करने के लिए तरह-तरह के तेल का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उन्हें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।कई ऐसे लड़के और पुरुष हैं जो अपने बालों को काला करने के लिए तरह-तरह के शैंपू और कंडीशनर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उसका सही फायदा लोगों को नहीं मिल पाता है। जबकि कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे मौजूद हैं जिसका इस्तेमाल करके लड़के अपने बालों को बड़ी आसानी से काला बना सकते हैं। जी हां, आज हम आपको बताने जा रहे है बालों को सफेद से काला करने का एक आसान और घरेलू उपाय के बारे में। इसके इस्तेमाल से कुछ महीनों में आपके सफेद बाल धीरे-धीरे काले होने शुरू हो जाएंगे। तो चलिए जानते है-
हम बालों को काले और मजबूत बनाने के लिए जिस चीज़ की बात कर रहे हैं वो नीम का पत्ता है। नरियल के तेल में नीम के पत्ते को मिलाकर लगाने से बाल काले और मजबूत होते हैं। नीम बहुत सारे फ़ायदेमंद तत्वों से भरपूर होता है।आपको 25 ग्राम नीम के पत्तों को अच्छी तरह धुप में सुखाना है और उसके बाद उसका पाउडर बना लेना है। नीम के पत्तों का पाउडर बनाने के बाद उसके 250 ग्राम नारियल के तेल मिलाना है। अब इस तेल को अच्छे से गर्म कर लें और ठंडा होने के बाद एक बोतल में भर कर रख लें। लगातार 20 दिनों तक इस तेल को लगायें। इस तेल को लगाने से आपकी बाल काले, घने और मजबूत होंगे। इस तेल का कोई नुकसान नहीं है।
बालों के लिए नारियल का तेल और कड़ी के पत्ते भी लाभकारी होते हैं और इन दोन��ं को अगर बालों पर मिला कर यूस किया जाए, तो सफेद बालों की परेशानी कोखत्म किया जा सकता है।
पेस्ट बनाने के लिए:
इन दोनों चीजों का पेस्ट बनाने के लिए आपको 1/8 कप नारियल के तेल और 1/4 कप कड़ी पत्तों को साथ में मिलाकर गर्म करना होगा। जब ये अच्छे से गर्म हो जाए तो गैस बंद करके इन्हें ठंडा करना होगा। तेल ठंडा हो जाने के बाद आप इसे बालों में जड़ो से सिरे तक लगाए, इस प्रक्रिया को हर समय बाल धोने के पहले अपनाए, आपको लाभ अवश्य होगा।
मेथी और मंगरैल के बीज को पीसकर इसका पाउडर बना लेते हैं और उसके बाद इसे नारियल तेल में उबाला जाता है। इससे मेथी और मंगरैल में बालों को काला बनाने के लिए मौजूद गुण नारियल तेल में मिल जाता है। इसके बाद जब आप इसे अपने बालों में इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके बालों को काला बनाने में अपना असर कुछ ही दिनों में दिखाना शुरू कर देगा।
बनाने की सामग्री-
नारियल तेल मेथी 1 चम्मच मंगरैल 1 चम्मच
विधि-
सबसे पहले मेथी और मंगरैल को ग्राइंडर में अच्छी तरह बारीक पाउडर के रूप में पीस लें। इस पाउडर को कटोरी में रख लें। अब एक पैन लें और नारियल तेल को इसमें डालकर उबालें। अब मेथी और मंगरैल के पाउडर को इस तेल में डालें और इसे 10 से 15 मिनट तक अच्छी तरह उबालें। अब इसे ठंडा हो जाने दें और तेल को छानकर किसी बोतल में रखें। बालों में इसी तेल का इस्तेमाल लगातार 2 हफ्ते तक करें, आपको बाला में कालापन खुद ही नजर आने लगेगा।
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गिलोय के अनुप्रयोग
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गिलोय के अनुप्रयोग
भिन्न रोगों और मौसम के अनुसार गिलोय के अनुप्रयोग
गिलोय एक रसायन है, यह रक्तशोधक, ओजवर्धक, ह्रुदयरोग नाशक ,शोधनाशक और लीवर टोनिक भी है। यह पीलिया और जीर्ण ज्वर का नाश करती है अग्नि को तीव्र करती है, वातरक्त और आमवात के लिये तो यह महा विनाशक है।
गिलोय के 6″ तने को ले��र कुचल ले उसमे 4 -5 पत्तियां तुलसी की मिला ले इसको एक गिलास पानी में मिला कर उबालकर इसका काढा बनाकर पीजिये। और इसके साथ ही तीन चम्मच एलोवेरा का गुदा पानी में मिला कर नियमित रूप से सेवन करते रहने से जिन्दगी भर कोई भी बीमारी नहीं आती। और इसमें पपीता के 3-4 पत्तो का रस मिला कर लेने दिन में तीन चार लेने से रोगी को प्लेटलेट की मात्रा में तेजी से इजाफा होता है प्लेटलेट बढ़ाने का इस से बढ़िया कोई इलाज नहीं है यह चिकन गुनियां डें��ू स्वायन फ्लू और बर्ड फ्लू में रामबाण होता है।
गैस, जोडों का दर्द ,शरीर का टूटना, असमय बुढापा वात असंतुलित होने का लक्षण हैं। गिलोय का एक चम्मच चूर्ण को घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है ।
गिलोय का चूर्ण शहद के साथ खाने से कफ और सोंठ के साथ आमवात से सम्बंधित बीमारीयां (गठिया) रोग ठीक होता है।
गिलोय और अश्वगंधा को दूध में पकाकर नियमित खिलाने से बाँझपन से मुक्ति मिलती हैं।
गिलोय का रस और गेहूं के जवारे का रस लेकर थोड़ा सा पानी मिलाकर इस की एक कप की मात्रा खाली पेट सेवन करने से रक्त कैंसर में फायदा होगा।
गिलोय और गेहूं के ज्वारे का रस तुलसी और नीम के 5 – 7 पत्ते पीस कर सेवन करने से कैंसर में भी लाभ होता है।
क्षय (टी .बी .) रोग में गिलोय सत्व, इलायची तथा वंशलोचन को शहद के साथ लेने से लाभ होता है।
गिलोय और पुनर्नवा का काढ़ा बना कर सेवन करने से कुछ दिनों में मिर्गी रोग में फायदा दिखाई देगा।
एक चम्मच गिलोय का चूर्ण खाण्ड या गुड के साथ खाने से पित्त की बिमारियों में सुधार आता है और कब्ज दूर होती है।
गिलोय रस में खाण्ड डालकर पीने से पित्त का बुखार ठीक होता है। और गिलोय का रस शहद में मिलाकर सेवन करने से पित्त का बढ़ना रुकता है।
प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी में मिलाकर या शहद गुड़ या मिश्री के साथ गिलोय का रस मिलकर सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।
गिलोय ज्वर पीडि़तों के लिए अमृत है, गिलोय का सेवन ज्वर के बाद टॉनिक का काम करता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शरीर में खून की कमी (एनीमिया) को दूर करता है।
फटी त्वचा के लिए गिलोय का तेल दूध में मिलाकर गर्म करके ठंडा करें। इस तेल को फटी त्वचा पर लगाए वातरक्त दोष दूर होकर त्वचा कोमल और साफ होती है।
सुबह शाम गिलोय का दो तीन टेबल स्पून शर्बत पानी में मिलाकर पीने से पसीने से आ रही बदबू का आना बंद हो जाता है।
गिलोय के काढ़े को ब्राह्मी के साथ सेवन से दिल मजबूत होता है, उन्माद या पागलपन दूर हो जाता है, गिलोय याददाश्त को भी बढाती है।
गिलोय का रस को नीम के पत्ते एवं आंवला के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। प्रतिदिन 2 से 3 बार सेवन करे इससे हाथ पैरों और शरीर की जलन दूर हो जाती है।
मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयो पर गिलोय के फलों को पीसकर लगाये मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयां दूर हो जाती है।
गिलोय, धनिया, नीम की छाल, पद्याख और लाल चंदन इन सब को समान मात्रा में मिलाकर काढ़ा बना लें। इस को सुबह शाम सेवन करने से सब प्रकार का ज्वर ठीक होता है।
गिलोय, पीपल की जड़, नीम की छाल, सफेद चंदन, पीपल, बड़ी हरड़, लौंग, सौंफ, कुटकी और चिरायता को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण के एक चम्मच को रोगी को तथा आधा चम्मच छोटे बच्चे को पानी के साथ सेवन करने से ज्वर में लाभ मिलता है।
गिलोय, सोंठ, धनियां, चिरायता और मिश्री को सम अनुपात में मिलाकर पीसकर चूर्ण बना कर रोजाना दिन में तीन बार एक चम्मच भर लेने से बुखार में आराम मिलता है।
गिलोय, कटेरी, सोंठ और अरण्ड की जड़ को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पीने से वात के ज्वर (बुखार) में लाभ पहुंचाता है।
गिलोय के रस में शहद मिलाकर चाटने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है। और गिलोय के काढ़े में शहद मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें इससे बारम्बार होने वाला बुखार ठीक होता है।गिलोय के रस में पीपल का चूर्ण और शहद को मिलाकर लेने से जी���्ण-ज्वर तथा खांसी ठीक हो जाती है।
गिलोय, सोंठ, कटेरी, पोहकरमूल और चिरायता को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सुबह और शाम सेवन करने से वात का ज्वर ठीक हो जाता है।
गिलोय और काली मिर्च का चूर्ण सम मात्रा में मिलाकर गुनगुने पानी से सेवन करने से हृदयशूल में लाभ मिलता है। गिलोय के रस का सेवन करने से दिल की कमजोरी दूर होती है और दिल के रोग ठीक होते हैं।
गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से मोटापा कम होता है और गिलोय, हरड़, बहेड़ा, और आंवला मिला कर काढ़ा बनाइये और इसमें शिलाजीत मिलाकर और पकाइए इस का नियमित सेवन से मोटापा रुक जाता है।
गिलोय और नागरमोथा, हरड को सम मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना कर चूर्ण शहद के साथ दिन में 2 – 3 बार सेवन करने से मोटापा घटने लगता है।
बराबर मात्रा में गिलोय, बड़ा गोखरू और आंवला लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इसका एक चम्मच चूर्ण प्रतिदिन मिश्री और घी के साथ सेवन करने से संभोग शक्ति मजबूत होती है।
अलसी और वशंलोचन समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, और इसे गिलोय के रस तथा शहद के साथ हफ्ते – दस दिन तक सेवन करे इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है।
लगभग 10 ग्राम गिलोय के रस में शहद और सेंधानमक (एक-एक ग्राम) मिलाकर, इसे खूब उबाले फिर इसे ठण्डा करके आंखो में लगाएं इससे नेत्र विकार ठीक हो जाते हैं।
गिलोय का रस आंवले के रस के साथ लेने से नेत्र रोगों में आराम मिलता है।
गिलोय के रस में त्रिफला को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें पीपल का चूर्ण और शहद मिलकर सुबह-शाम सेवन करने से आंखों के रोग दूर हो जाते हैं और आँखों की ज्योति बढ़ जाती हैं।
गिलोय के पत्तों को हल्दी के साथ पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाइए और सुबह-शाम गिलोय का रस शहद के साथ मिलाकर पीने से रक्त विकार दूर होकर खुजली से छुटकारा मिलता है।
गिलोय के साथ अरण्डी के तेल का उपयोग करने से पेट की गैस ठीक होती है।
श्वेत प्रदर के लिए गिलोय तथा शतावरी का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है।गिलोय के रस में शहद मिलाकर सुबह-शाम चाटने से प्रमेह के रोग में लाभ मिलता है।
गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर दिन में दो बार पीने से गर्मी के कारण से आ रही उल्टी रूक जाती है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर दिन में दो तीन बार सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है।
गिलोय के तने का काढ़ा बनाकर ठण्डा करके पीने से उल्टी बंद हो जाती है।
6 इंच गिलोय का तना लेकर कुट कर काढ़ा बनाकर इसमे काली मिर्च का चुर्ण डालकर गरम गरम पीने से साधारण जुकाम ठीक होगा।
पित्त ज्वर के लिए गिलोय, धनियां, नीम की छाल, चंदन, कुटकी क्वाथ का सेवन लाभकारी है, यह कफ के लिए भी फायदेमंद है।
नजला, जुकाम खांसी, बुखार के लिए गिलोय के पत्तों का रस शहद मे मिलाकर दो तीन बार सेवन करने से लाभ होगा।
1 लीटर उबलते हुये पानी मे एक कप गिलोय का रस और 2 चम्मच अनन्तमूल का चूर्ण मिलाकर ठंडा होने पर छान लें। इसका एक कप प्रतिदिन दिन में तीन बार सेवन करें इससे खून साफ होता हैं और कोढ़ ठीक होने लगता है।
गिलोय का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार प्रसूता स्त्री को पिलाने से स्तनों में दूध की कमी होने की शिकायत दूर होती है और बच्चे को स्वस्थ दूध मिलता है।
एक टेबल स्पून गिलोय का काढ़ा प्रतिदिन पीने से घाव भी ठीक होते है।गिलोय के काढ़े में अरण्डी का तेल मिलाकर पीने से चरम रोगों में लाभ मिलता है खून साफ होता है और गठिया रोग भी ठीक हो जाता है।
गिलोय का चूर्ण, दूध के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करने से गठिया ठीक हो जाता है।
गिलोय और सोंठ सामान मात्रा में लेकर इसका काढ़ा बनाकर पीने से पुराने गठिया रोगों में लाभ मिलता है।
गिलोय का रस तथा त्रिफला आधा कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से घुटने के दर्द में लाभ होता है। गिलोय का रास शहद के साथ मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
मट्ठे के साथ गिलोय का 1 चम्मच चूर्ण सुबह शाम लेने से बवासीर में लाभ होता है।गिलोय के रस को सफेद दाग पर दिन में 2-3 बार लगाइए एक-डेढ़ माह बाद असर दिखाई देने लगेगा ।
गिलोय का एक चम्मच चूर्ण या काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
गिलोय की बेल गले में लपेटने से भी पीलिया में लाभ होता है। गिलोय के काढ़े में शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है। गिलोय के पत्तों को पीसकर एक गिलास मट्ठा में मिलाकर सुबह सुबह पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।
गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके दोनों कानो में दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है। और गिलोय के पत्तों के रस को गुनगुना करके इस रस को कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
गिलोय का रस पीने से या गिलोय का रस शहद में मिलाकर सेवन करने से प्रदर रोग खत्म हो जाता है। या गिलोय और शतावरी को साथ साथ कूट लें फिर एक गिलास पानी में डालकर इसे पकाएं जब काढ़ा आधा रह जाये इसे सुबह-शाम पीयें प्रदर रोग ठीक हो जाता है।
गिलोय के रस में रोगी बच्चे का कमीज रंगकर सुखा लें और यह कुर्त्ता सूखा रोग से पीड़ित बच्चे को पहनाकर रखें। इससे बच्चे का सूखिया रोग जल्द ठीक होगा।
मात्रा : गिलोय को चूर्ण के रूप में 5-6 ग्राम, सत् के रूप में 2 ग्राम तक क्वाथ के रूप में 50 से 100 मि. ली.की मात्रा लाभकारी व संतुलित होती है।
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चेहरे के लिए आसान घरेलू ब्यूटी टिप्स – Homemade Beauty Tips in Hindi
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चेहरे के लिए आसान घरेलू ब्यूटी टिप्स – Homemade Beauty Tips in Hindi
चेहरे के लिए आसान घरेलू ब्यूटी टिप्स – Homemade Beauty Tips in Hindi Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 November 22, 2019
चेहरे को निखारने के लिए लोग कई तरह के ब्यूटी टिप्स फॉलो करते हैं। कुछ लोग केमिकल युक्त कॉस्मेटिक प्रोडक्ट को स्किन केयर रूटीन में शामिल करते हैं, जिनसे अक्सर फायदे की जगह नुकसान होता है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख से ह��� न सिर्फ होम मेड ब्यूटी टिप्स यानी घरेलू ब्यूटी टिप्स के बारे में जानकारी देंगे, बल्कि आसान स्किन केयर रूटीन भी बताएंगे। इन ब्यूटी टिप्स की मदद से त्वचा संबंधी परेशानियां कुछ हद तक कम हो सकती हैं और त्वचा स्वस्थ हो सकती है। हालांकि, ये घरेलू ब्यूटी टिप्स फायदेमंद हैं, लेकिन कुछ लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है, तो इन होम मेड ब्यूटी टिप्स में से कुछ उनके लिए स्किन एलर्जी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में इन ब्यूटी टिप्स को इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट या फिर त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लेना ठीक रहेगा।
आइए, ब्यूटी टिप्स में सबसे पहले घरेलू ब्यूटी टिप्स के बारे में जान लेते हैं।
विषय सूची
चेहरे के लिए घरेलू ब्यूटी टिप्स – homemade beauty tips in hindi
खाद्य पदार्थों की बात हो या अन्य किसी चीज की, घर में बनी चीजों की बात ही कुछ और होती है। कई लोगों का मानना है कि घर में बनी चीजें बाजार में पाई जाने वाले चीजों की तुलना में काफी हद तक शुद्ध व स्वच्छ होती हैं और यह सही भी है। इसलिए, बिना किसी झिझक के चेहरे की सुंदरता को निखारने के लिए होम मेड ब्यूटी टिप्स को अपनाया जा सकता है। यहां हम नीचे आसान और असरदार घरेलू ब्यूटी टिप्स के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
1. घरेलू ब्यूटी टिप्स के लिए शहद का फेस पैक
सामग्री :
दो चम्मच मुल्तानी मिट्टी
एक से दो चम्मच शहद
पानी (आवश्यकतानुसार)
बनाने और उपयोग करने की विधि :
मुल्तानी मिट्टी, शहद और पानी को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
अब इस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं और 15 से 20 मिनट के लिए लगा रहने दें।
जब यह सूख जाए, तो अपने चेहरे को गुनगुने या सामान्य पानी से धो लें।
फिर मॉइस्चराइजर लगा लें।
हफ्ते में एक से दो बार इस फेस पैक को लगाया जा सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
मुल्तानी मिट्टी लगभग हर किसी के स्किन केयर रूटीन का हिस्सा हो सकती है। यह त्वचा को नर्म और मुलायम बनाने के साथ-साथ रंगत को भी निखारने में मदद कर सकती है (1)। वहीं, शहद हुमेक्टैंट की तरह काम कर त्वचा को मॉइस्चराइज करने और त्वचा को आराम पहुंचाने में मदद कर सकता है। साथ ही यह बढ़ती उम्र के लक्षण जैसे झुर्रियों को दूर करने में भी मदद कर सकता है (2) (3)। इसलिए, आप चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए यह आसान घरेलू टिप्स को अपना सकते हैं।
2. घरेलू ब्यूटी टिप्स के लिए नीम का फेस पैक
सामग्री :
चार नीम के पत्ते
चार तुलसी के पत्ते
आधा चम्मच हल्दी
आधा चम्मच नींबू का रस
बनाने और उपयोग करने की विधि :
ओखली और मूसल या मिक्सी की मदद से पत्तियों को पीस लें।
अब इसमें नींबू का रस और हल्दी मिलाएं।
जरूरत पड़े तो आप पानी भी मिला सकते हैं।
अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगा लें।
थोड़ी देर इसे सूखने दें और फिर पानी से चेहरा धो लें।
इस फेस मास्क को हफ्ते में दो से तीन बार लगाया जा सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
नीम एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से समृद्ध होता है, जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं और त्वचा को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा सकते हैं। इतना ही नहीं इसमें एंटी-एजिंग गुण भी मौजूद होते हैं, जो झुर्रियों के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं (4) (5) (6) (7)। इसमें तुलसी का उपयोग भी किया गया है, जिसका इस्तेमाल लंबे समय से एक रामबाण औषधि के रूप में किया जाता रहा है। तुलसी न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए, बल्कि त्वचा संबंधी परेशानियों जैसे – संक्रमण, कटने या घाव की परेशानी से भी राहत दिला सकती है (8)।
इतना ही नहीं इस फेस मास्क में मौजूद हल्दी त्वचा को स्वस्थ रखने में और त्वचा की समस्याओं जैसे – कील-मुंहासे, संक्रमण व दाग-धब्बों से बचा सकती है। इसके साथ ही हल्दी स्किन कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकती है (9) (10) (11)। इन सबके साथ फेस पैक में लेमन जूस यानी नींबू के रस का भी उपयोग किया गया है, जो स्किन व्हाइटनिंग यानी त्वचा की रंगत में निखार लाने में मदद कर सकता है (12)। आप एक बार इस घरेलू टिप्स को प्रयोग करके देखें, उम्मीद है कि आपको फायदा जरूर होगा।
3. घरेलू ब्यूटी टिप्स के लिए हल्दी का फेसपैक
सामग्री :
एक से दो चम्मच हल्दी
एक चम्मच नींबू का रस (अगर त्वचा शुष्क है, तो खीरे का रस)
बनाने और उपयोग करने की विधि :
सभी सामग्रियों को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
फिर अपने चेहरे को अच्छे से साफ कर लें और तौलिये से पोंछ लें।
अब अपने चेहरे पर यह फेसपैक लगाएं।
इसे 10 से 15 मिनट लगा रहने दें।
फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
इस फेसपैक का उपयोग हर दूसरे दिन किया जा सकता है या व्यक्ति की इच्छा के अनुसार हफ्ते में दो बार भी किया जा सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
स्किन केयर रूटीन में हल्दी को शामिल कर खूबसूरती में चार चांद लगाया जा सकता है। हल्दी में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और कई अन्य गुण मौजूद होते हैं, जो पिम्पल व सूजन से बचाव कर सकते हैं और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (9)। वहीं, नींबू का रस त्वचा की रंगत को निखारने में मदद कर सकता है (12)।
4. घरेलू ब्यूटी टिप्स के लिए एलोवेरा जेल
एलोवेरा के पौधे को काटकर उसमें से जेल निकालकर उपयोग किया जा सकता है या फिर बाजार में मौजूद एलोवेरा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
रोज रात को सोने से पहले ��ा हर दूसरे दिन एलोवेरा जेल लगा सकते हैं।
यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है कि वो कब और कितनी बार इसका उपयोग करना चाहता है।
कैसे फायदेमंद है?
एलोवेरा में म्यूकोपॉलीसैकराइड (Mucopolysaccharides) नामक तत्व होता है, जो त्वचा में मॉइस्चर को लॉक रखने में मदद कर सकता है, जिस कारण त्वचा में नमी बरकरार रहती है। इसके अलावा, एलोवेरा शुष्क त्वचा को मॉइस्चर प्रदान कर उसे कोमल और मुलायम रखने में मदद कर सकता है। इतना ही नहीं यह फाइब्रोब्लास्ट (जो त्वचा में कोलेजन और इलास्टिन फाइबर को बनने में मदद करता है) को उत्तेजित करने में भी मदद कर सकता है, ताकि त्वचा में लोच बरकरार रहे और झुर्रियों से बचाव हो सके। इसके अलावा, यह त्वचा को संक्रमण से भी बचा सकता है (13)।
5. घरेलू ब्यूटी टिप्स के लिए बादाम तेल
रोज रात को सोने से पहले बादाम तेल (आवश्यकतानुसार) को चेहरे और शरीर के अन्य अंगों पर उपयोग किया जा सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
सेहत और त्वचा के लिए बादाम खाने के तो फायदे होते ही हैं, इसके अलावा बादाम तेल भी त्वचा के लिए लाभकारी होता है। बादाम तेल त्वचा को नर्म और मुलायम बनाने में मददगार साबित हो सकता है। साथ ही यह त्वचा की रंगत को निखारने और जवां बनाए रखने में भी मदद कर सकता है (14)। इतना ही नहीं अगर किसी की त्वचा पर स्ट्रेच मार्क्स हैं, तो बिटर आलमंड ऑइल (Bitter Almond Oil) का उपयोग किया जा सकता है। इससे स्ट्रेच मार्क्स के दाग काफी हद तक हल्के हो सकते हैं (15)।
6. घरेलू ब्यूटी टिप्स के लिए बेसन
सामग्री :
दो चम्मच बेसन
चुटकी भर हल्दी
आवश्यकतानुसार गुलाब जल
बनाने और उपयोग करने की विधि :
बेसन, हल्दी और गुलाब जल को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
अब इस फेसपैक को चेहरे और गर्दन पर समान मात्रा में लगाएं।
फिर इसे कुछ देर सूखने दें।
जब यह सूख जाए, तो इसे धो लें।
अगर आपकी त्वचा ज्यादा ड्राई है, तो आप इस पैक में मलाई भी मिला सकते हैं।
हर तरह की त्वचा वाले लोग इस फेसपैक को लगा सकते हैं।
इस पैक को हफ्ते में एक से दो बार लगाया जा सकता है।
कैसे फायदेमंद है?
बेसन को कई वर्षों से त्वचा के लिए बेहतरीन घरेलू उपाय के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। यह त्वचा के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है, जो त्वचा को गहराई से साफ करता है और एक एक्सफोलिएट की तरह त्वचा से अशुद्धियों को निकालने में मदद कर सकता है (16)। जाहिर सी बात है कि जब त्वचा से गंदगी बाहर निकल जाएगी, तो त्वचा साफ और निखरी हुई दिखेगी।
इसके साथ ही इसमें हल्दी का उपयोग भी किया गया है और हल्दी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है जिसके बारे में हम पहले ही ऊपर जानकारी दे चुके हैं। वहीं, गुलाब जल त्वचा को ठंडक प्रदान करता है। यह किसी भी तरह के घाव या कटने से होने वाली जलन को कम करने और त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकता है (17)।
ये तो थे कुछ आसान होम मेड ब्यूटी टिप्स, जिन्हें हर रोज या हफ्ते में एक-दो बार उपयोग कर त्वचा की खूबसूरती को बढ़ाया जा सकता है। इसके ��लावा, त्वचा को कुछ आसान स्किन केयर रूटीन की भी जरूरत हो सकती है, जिसके बारे में हम लेख के इस भाग में बताएंगे।
चेहरे के लिए आसान स्किन केयर रूटीन – daily skin care routine in Hindi
अगर कोई यह सोच रहा है कि सिर्फ घरेलू ब्यूटी टिप्स का उपयोग कर त्वचा को स्वस्थ बनाया जा सकता है, तो यह पूरी तरह सही नहीं है। इन टिप्स के साथ व्यक्ति को अपने रोज के स्किन केयर रूटीन में भी कुछ बदलाव करने की जरूरत है। इसके बारे में हम नीचे विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
1. आसान स्किन केयर रूटीन में फेसवॉश
अगर बात करें आसान स्किन केयर रूटीन की, तो इस लिस्ट में पहला नाम आता है फेसवॉश का। सबसे पहले व्यक्ति को त्वचा की जरूरत के अनुसार फेसवॉश का चुनाव करना चाहिए। अगर बात करें ब्रांड की, तो आप उस कॉस्मेटिक ब्रांड को चुनें, जिसे आप लंबे समय से उपयोग करते आ रहे हैं। वहीं, किसी नए ब्रांड का चुनाव करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
कई लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि पूरे दिन में कितनी बार फेसवॉश करने की जरूरत होती है? तो इसके लिए हम बता दें कि कम से कम दो बार (सुबह और शाम) तो आप जरूर करें। सुबह इसलिए, ताकि त्वचा तरोताजा रहे और शाम को इसलिए, ताकि प्रदूषण के कारण चेहरे पर लगी धूल-मिट्टी और गंदगी निकल जाए। इसके अलावा, अगर जरूरत महसूस हो, तो पूरे दिन के बीच में भी चेहरे को पानी से धो सकते हैं या फेस वाइप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ध्यान रहे कि ज्यादा फेसवॉश न करें, वरना त्वचा ड्राई भी हो सकती है या रैशेज हो सकते हैं। साथ ही वाइप्स का उपयोग करते वक्त ज्यादा जोर से चेहरा न पोछें, ऐसा करने से चेहरा छिल सकता है, इसलिए धीरे-धीरे से चेहरा पोछें।
2. आसान स्किन केयर रूटीन में क्लींजिंग
चेहरा साफ करने का मतलब सिर्फ पानी से चेहरा धोना या फेसवॉश करना ही नहीं होता है, बल्कि चेहरे को गहराई से साफ करने की जरूरत भी होती है। ऐसे में क्लींजिंग करना जरूरी हो जाता है। यह स्किन केयर रूटीन का अहम हिस्सा है। इसके लिए सबसे पहले एक अच्छे क्लीन्जर का चुनाव करें। मार्केट में कई ब्रांड के अच्छे क्लीन्जर मौजूद हैं, जिनमें से त्वचा के अनुसार चुनाव किया जा सकता है। जब भी आप बाहर से आएं या रात को सोने से पहले अच्छे से उस क्लीन्जर से चेहरे को साफ करें। यह त्वचा को गहराई से साफ करने का काम कर सकता है। इसके अलावा, मेकअप हटाने के लिए भी क्लीन्जर का उपयोग किया जा सकता है।
3. आसान स्किन केयर रूटीन के लिए टोनिंग
क्लींजिंग के बाद टोनिंग भी त्वचा के लिए जरूरी होता है। टोनर आसानी से त्वचा में अवशोषित हो जाता है और त्वचा को गहराई से साफ कर सकता है। साथ ही यह मेकअप और चेहरे में मौजूद अशुद्धियों को भी आसानी से निकाल सकता है, जो क्लीन्जर न निकाल पाया हो। इतना ही नहीं, यह त्वचा के पीएच स्तर को बनाए रखता है और त्वचा को ठंडक देने का काम भी कर सकता है। बाजार में कई प्रकार के टोनर उपलब्ध हैं, व्यक्ति अपनी त्वचा की जरूरत के अनुसार टोनर का चुनाव कर सकते हैं। वहीं, अगर किसी तरह की शंका हो, तो अपने त्वचा विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
4. आसान स्किन केयर रूटीन में स्क्रबिंग या एक्सफोलिएटिंग
��भी-कभी त्वचा अधिक रूखी और बेजान लगने लगती है। साथ ही त्वचा में खुजली या अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इस प्रकार के लक्षण डेड स्किन के हो सकत�� हैं। डेड सेल्स को हटाने के लिए त्वचा को स्क्रबिंग की जरूरत होती है। इसके लिए बेसन, चीनी या अन्य उपयुक्त सामग्रियों को मिलाकर घरेलू स्क्रब बनाकर उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, बाजार में भी कई स्क्रब मौजूद हैं, लेकिन ध्यान रहे कि वो त्वचा को सूट करें। स्क्रबर को लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर कराएं। साथ ही आप अपने त्वचा विशेषज्ञ की मदद भी ले सकते हैं।
इसके अलावा, स्क्रबिंग करते वक्त कुछ बातों को ध्यान में जरूर रखें, जैसे –
स्क्रबिंग का कोई निर्धारित वक्त चुनें, हफ्ते में एक या दो बार से ज्यादा स्क्रबिंग न करें।
अगर मेकअप किया है, तो स्क्रबिंग से पहले मेकअप को पूरी तरह हटा दें या चेहरा अच्छे से साफ कर लें।
जोर से स्क्रब न करें, वरना त्वचा छिल सकती है या त्वचा पर रैशेज पड़ सकते हैं।
स्क्रबिंग के बाद मॉइस्चराइजर जरूर लगाएं, वरना त्वचा शुष्क हो सकती है।
5. आसान स्किन केयर रूटीन में मॉइस्चराइजर
क्लींजिंग, टोनिंग और स्क्रबिंग के बाद बारी आती है, मॉइस्चराइजिंग की। बदलता मौसम और अन्य कई कारणों से त्वचा की नमी कम होने लगती है और त्वचा शुष्क होने लगती है। ऐसे में त्वचा को मॉइस्चर की जरूरत होती है। इसलिए, जब भी फेसवॉश, स्क्रबिंग या चेहरे को साफ करें, तो मॉइस्चराइजर का उपयोग जरूर करें। शहद, नारियल तेल, बादाम तेल और ऐसे ही कई तरह के घरेलू मॉइस्चराइजर का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, बाजार में मिलने वाले मॉइस्चराइजर का उपयोग भी लाभकारी हो सकता है। कोशिश करें कि हर्बल, आयुर्वेदिक या प्राकृतिक सामग्री युक्त मॉइस्चराइजर का ही चुनाव करें।
6. आसान स्किन केयर रूटीन में सनस्क्रीन
धूल-मिट्टी व प्रदूषण के अलावा जो चीज सबसे ज्यादा त्वचा को क्षति पहुंचाती है, वो है सूर्य की हानिकारक किरणें। ये न सिर्फ त्वचा की चमक छीन लेती हैं, बल्कि वक्त से पहले झुर्रियां, दाग-धब्बे, रैशेज, सनबर्न और टैन जैसी समस्याओं को भी बुलावा देती हैं (18) (19)। ऐसे में जरूरी है कि जब भी दिन में बाहर निकलें, तो चेहरे पर सनस्क्रीन लगाएं।
कई लोग सोचते होंगे कि सनस्क्रीन की जरूरत सिर्फ गर्मियों में ही होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। बरसात और सर्दियों के मौसम में भी त्वचा को सनस्क्रीन की जरूरत होती है।
जरूरी टिप्स – प्रत्येक व्यक्ति को अपनी त्वचा के अनुसार सनस्क्रीन का चुनाव करना चाहिए। इसके लिए त्वचा विशेषज्ञ से जरूर पूछें कि आपकी त्वचा को कितने एसपीएफ (SPF – Sun Protection Factor) की जरूरत है।
7. आसान स्किन केयर रूटीन में मेकअप रीमूवर
अगर बात करें स्किन केयर रूटीन की, तो मेकअप हटाना भी अहम स्किन केयर रूटीन है। इसलिए, घर में हमेशा मेकअप रीमूवर रखें। कोई घरेलू या प्राकृतिक सामग्री, जैसे – बादाम तेल, नारियल तेल, विच हेज़ल या ऐसी अन्य कई चीजों को मेकअप रीमूवर के तौर पर उपयोग किया जा सकता है।
अब इसको पढ़ने के बाद कुछ लोग सोच रहे होंगे कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि वो मेकअप ही नहीं करते हैं, लेकिन यहां हमारा मतलब चेहरे पर लगाने वाले उस हर चीज से है, जैसे – काजल, लाइनर, लिपस्��िक, यहां तक कि क्रीम और फाउंडेशन भी। सोने से पहले अच्छे से मेकअप हटाएं और चेहरा साफ करें।
कभी भी मेकअप लगाकर न सोएं, क्योंकि मेकअप वाली सामग्रियों में कई तरह के केमिकल होते हैं। इसलिए, मेकअप लगाकर सोने से त्वचा को काफी क्षति हो सकती है। मेकअप के कारण कील-मुंहासे, रैशेज, बेजान या रूखी त्वचा जैसी समस्या भी हो सकती है। इसलिए, सोने से पहले मेकअप उतारना न भूलें।
8. आसान स्किन केयर रूटीन में नाइट क्रीम
जैसे दिन में त्वचा को पोषण और सुरक्षा की जरूरत होती है, वैसे ही रात को भी त्वचा को देखभाल की आवश्यकता होती है। कई लोग सोचते होंगे कि नाइट क्रीम की जरूरी नहीं होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। नाइट क्रीम स्किन केयर रूटीन का अहम हिस्सा है। हमने ऊपर बताया कि रात को सोने से पहले चेहरे से मेकअप हटाकर और चेहरे को अच्छे से साफ करके सोएं, लेकिन उसके बाद त्वचा थोड़ी रूखी हो सकती है, तो चेहरा साफ करने के बाद नाइट क्रीम लगाएं।
नाइट क्रीम से त्वचा को मॉइस्चर और पोषण मिलेगा, जिससे त्वचा नर्म और मुलायम रहेगी। नाइट क्रीम को आराम-आराम से और हल्के-हल्के से सर्कुलर मोशन में मालिश कर लगाएं, ताकि त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से हो और त्वचा स्वस्थ रहे। अपनी त्वचा के अनुसार सही नाइट क्रीम का चुनाव करें और रोज रात को सोने से पहले चेहरा धोकर नाइट क्रीम लगाएं और त्वचा को स्वस्थ रखें।
ये तो थे कुछ आसान लेकिन महत्वपूर्ण स्किन केयर रूटीन। लेख के अगले भाग में हम कुछ साधारण सुझाव दे रहे हैं, जिसका पालन कर चेहरा और निखर सकता है।
कुछ सामान्य फेस केयर टिप्स – Common face care tips in hindi
क्या सिर्फ घरेलू ब्यूटी टिप्स और आसान स्किन केयर रूटीन ही चेहरे को खूबसूरत बनाने के लिए काफी हैं? तो हमारा जवाब है नहीं, क्योंकि जब तक व्यक्ति की जीवनशैली और कुछ आदतों में बदलाव नहीं होंगे, तब तक ये होम मेड ब्यूटी टिप्स या स्किन केयर रूटीन भी किसी काम के नहीं है। इसलिए, नीचे जानिए कुछ सामान्य टिप्स, जिन्हें अपनाकर चेहरे को खूबसूरत बनाया जा सकता है।
1. स्वस्थ खाना
अधिकांश लोग ज्यादा से ज्यादा बाहरी खाना, तेल-मसाले वाला खाना या जंक फूड्स के आदी होते जा रहे हैं, जिसका असर न सिर्फ उनके स्वास्थ्य पर बल्कि त्वचा और चेहरे पर भी पड़ता है। इसलिए, जरूरी है कि हरी सब्जियां, फल व ड्राई फ्रूट्स के साथ कम तेल-मसाले युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाए। याद रखें, अगर डाइट सही होगी, तो कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है (20)।
2. तनाव से दूर रहें
जब कोई तनाव में रहता है, तो इसका असर चेहरे पर साफ दिखने लगता है। चेहरा अपनी चमक खोने लगता है और मुरझाया हुआ दिखने लगता है। तनाव से कई तरह की त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती हैं (21)। इसलिए, जितना हो सके तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। तनाव दूर करने के लिए योग या अन्य किसी थेरेपी का सहारा लें और अच्छा सोचें।
3. नींद पूरी करें
स्वस्थ और खूबसूरत त्वचा के लिए पूरी नींद भी बहुत जरूरी होती है। नींद पूरी न होने से व्यक्ति को चिड़चिड़ापन और थकान महसूस हो सकती है। इसका असर व्यक्ति के चेहरे पर साफ दिख सकता है। आंखों के नीचे काले घेरे यानी डार्क सर्कल और पफी आईज (Puffy Eyes) की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि अगर नींद पूरी न हो, तो त्वचा पर बढ़ती उम्र का असर जल्द दिखने लग सकता है (22) (23)। इसलिए, त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए सही वक्त पर सोएं और नींद पूरी करके जल्दी उठें। इससे न सिर्फ आप तरोताजा महससू करेंगे, बल्कि चे���रा भी खिला-खिला नजर आएगा।
4. व्यायाम, योग या चेहरे का व्यायाम
जीवनशैली में व्यायाम या योग को रूटीन में शामिल करें। जरूरी नहीं व्यायाम करना है, तो जिम ही जाना है। मॉर्निंग या इवनिंग वॉक को भी रूटीन में शामिल किया जा सकता है। कभी-कभी लिफ्ट के बदले सीढ़ियों का सहारा लिया जा सकता है। अगर किसी को व्यायाम करना न पसंद हो, तो आप योग कर सकते हैं। योग का असर त्वचा पर हो सकता है (24)। ध्यान रहे कि योग व व्यायाम को किसी अच्छे ट्रेनर की देखरेख में ही करना चाहिए।
इतना ही नहीं कहीं पर भी बैठे-बैठे फेसिअल योग यानी चेहरे का योगासन भी किया जा सकता है। इससे न सिर्फ त्वचा जवां और खिली-खिली दिखेगी, बल्कि त्वचा में कसावट भी आएगी (25) (26)। यह त्वचा को स्वस्थ रखने और डबल चीन जैसी समस्या को दूर कर चेहरे का कायाकल्प करने में मददगार हो सकता है। योग या व्यायाम करने से मन शांत होगा और तनाव कम हो सकता है और जिसका असर चेहरे पर भी दिखने लग सकता है। इसके अलावा, मेडिटेशन यानी ध्यान करना भी त्वचा के लिए लाभकारी हो सकता है।
नोट : अगर कोई व्यक्ति पहली बार योग कर रहा है, तो किसी जानकार या विशेषज्ञ की देखरेख में ही योग करें, ताकि योग करते वक्त कोई परेशानी या शरीर में कोई असुविधा होने का खतरा न हो।
5. खूब पानी तरल पदार्थ पिएं
त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए सही मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है। पानी पीने से त्वचा हाइड्रेट होती है और त्वचा को पोषण व मॉइस्चर मिलता है, जिससे त्वचा शुष्क नहीं होती है (27)। इतना ही नहीं पानी पीने से पाचन क्रिया में सुधार होता है, जिससे कब्ज व एसिडी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसका असर त्वचा पर भी साफ नजर आता है।
पानी त्वचा में इलास्टिसिटी यानी लोच और कसावट लाता है। यह त्वचा में सुधार करने में मदद कर सकता है (28) (29)। अगर किसी को पानी ज्यादा पीने का मन न करे, तो वो पसंदीदा फलों का सेवन कर सकते हैं। फलों में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे त्वचा स्वस्थ और सुंदर बन सकती है।
6. मेकअप का उपयोग कम करें
मेकअप लगाना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन ध्यान रहे कि मेकअप का उपयोग कम से कम या हल्का करें। मेकअप की सामग्रियों या क्रीम और अन्य चीजों में कई तरह के हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो त्वचा पर गलत प्रभाव डाल सकते हैं। ऐसे में त्वचा की सावधानी खुद के हाथों में है। इसलिए, जितना हो सके उतना कम मेकअप का उपयोग करें। इससे न सिर्फ त्वचा स्वस्थ रहेगी, बल्कि त्वचा और ज्यादा निखरी लग सकती है।
घरेलू ब्यूटी टिप्स हो या आसान स्किन केयर रूटीन, इनका प्रभाव दिखने में थोड़ा वक्त लग सकता है। हो सकता है किसी पर इन ब्यूटी टिप्स और स्किन केयर रूटीन का असर जल्दी दिखने लगे, तो किसी पर इनका असर होने में थोड़ा वक्त लगे। इसके अलावा, आपको फिर से बता दें कि होम मेड ब्यूटी टिप्स और बताई गईं स्किन केयर रूटीन से त्वचा संबंधी समस्याएं पूरी तरह ठीक हो जाएंगी, ऐसा हम किसी भी प्रकार से दावा नहीं कर रहे हैं। ये सिर्फ त्वचा की परेशानियों और उनसे होने वाले प्रभावों को कम करने में मदद कर सकती हैं। अगर त्वचा संबंधी समस्या ज्यादा हो, तो घरेलू ब्यूटी टिप्स के साथ-साथ डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें। होम मेड ब्यूटी टिप्स या आसान स्किन केयर रूटीन त्वचा की देखभाल में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर होम मेड ब्यूटी टिप्स या आसान स्किन केयर रूटीन से जुड़े कोई सवाल हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स की मदद लें और साथ ही अपने अनुभव भी हमारे साथ शेयर करना न भूलें।
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Arpita Biswas
अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/chehre-ke-liye-gharelu-beauty-tips-in-hindi/
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नीम के 5 ऐसे फायदे जो शायद नहीं जानते होंगे आप नीम का पेड़ भारत में बहुत जगहों पर पाया जाता है. नीम के पत्तों का इस्तेमाल बहुत सी आयुर्वेदिक ,होमेओपेथिक और एलोपैथिक दवाईओं को बनाने के लिए किया. नीम के पत्तों के बहुत से गुणकारी लाभ हैं. नीम के पत्तों का इस्तेमाल कैंसर जैसी बीमारी को ठीक करने किया जाता है. नीम के पत्ते होते तो बहुत ज्यादा कड़वे हैं परन्तु इसके लाभ बहुत है. यह कई तरह की बिमारिओं को ठीक करने में लाभदायक है. नीम के अचूक लाभों के बारे में आज हम आपको बताते हैं. आइए जाने नीम के फायदे :- नीम के पत्तों का सेवन करने से हर तरह की होने वाली एलर्जी से राहत मिलती है. इसके लिए आप नीम की अच्छे से पीस कर उसकी गोलियां बना कर के रख लाइन. अब इन गोलियों को रोज़ सुबह ख़ालीपेट एक -एक पानी के साथ खाएं. इसको खाने के बाद एक घंटे तक किसी भी चीज़ को न खाएं. यह गोलियां आपको हर तरह की होने वाली एलर्जी से छुटकारा दिलाएंगी और आपके खून को साफ करने में भी मदद करेंगी. बालों में होने वाली रुसी भी एक परेशानी का कारण है. नीम के पत्तों का इस्तेमाल करने से बालों वाली रुसी मिलता है. इसके लिए आपको नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लेना है. आपको इसको तब तक उबालना है जब तक पानी का रंग हरा न हो जाए. अब इस पानी को छान लें. जब भी आप अपने बालों को धोये तो शैम्पू लगाने के बाद इस नीम वाले पानी से बाल धोएं. ऐसे करने सेआपके बालों की रुसी जल्दी ही समापत हो जायेगी. त्वचा वाली बिमारियों से बचने के लिए नीम की पत्तियों का इस्तेमाल करना बहुत ही लाभकारी साबित होगा. इसके लिए आपको त्वचा सम्बंदित बिमारियों को ठीक करने के लिए नीम अच्छे से पीस कर थोड़ा पानी मिला पर लगाएं. जब यह अच्छे से सूख जाए तो ठन्डे पानी से चेहरा धो लें. ऐसा हफ्ते में दो बार करें आपकी त्वचा सम्बंदि सब बीमारियां ठीक हो जाएंगी. नीम के पत्ते खून को साफ़ रखने में बहुत मदद करते हैं. खून को साफ़ रखने के लिए रोजना सुबह खाली पेट 4 -5 नीम के पत्तों का सेवन करने से खून से होने वाले रोग से इंसान बचा रहता है. नीम का तेल बहुत ही गुणकारी तेल है. नीम के तेल का इस्तेमाल गठिये के रोग से होने वाली दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है. इसके लिए आपको रोजाना नीम के तेल की मालिश करें.इससे आपको दर्द से राहत मिलेगी. नीम का तेल दर्द नाशक तेल है. इसका इस्तेमाल पीठ पर मालिश करने के लिए भी कर सकते हैं.
#एलर्जी से छुटकारा#खून को साफ़#गठिये के रोग#दर्द और सूजन#नीम का तेल#नीम के 5 ऐसे फायदे जो शायद नहीं जानते होंगे आप#बालों में होने वाली रुसी#Neem&039;s 5 benefits that you probably will not know
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Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
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Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
Safed Daag ka ilaj – आज इस लेख में सफेद दाग का रामबाण इलाज के बारें में जानेंगे। यह एक प्रकार का त्वचा का रोग है। Safed Daag को अंग्रेजी में “Leucoderma” या “Vitiligo” कहा जाता है। कई ऐसे लोग आपको मिलेंगे जो इस रोग की कुष्ठ रोग समझते है। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। शरीर के अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग आकार के सफ़ेद दाग हो सकता है।
Leucoderma Treatment in Hindi – भारत में इस रोग से लगभग 5 करोड़ लोग प्रभावित है। अगर सफ़ेद दाग चेहरे पर है, तो लोग इसे हीन भावना से देखते है। यह शुरुआत में छोटा होता है। लेकिन बाद में यह शरीर के अन्य भाग बड़ा होने लगता है। इन सफ़ेद दागों में कोई खुजली या जलन नहीं होती है। सफ़ेद दाग होने से कोई नुकशान नहीं होता है। यह सिर्फ शारीर के सुन्दरता को बिगाड़ देता है।
Vitiligo Treatmen in Hindi – असंख्य कोशिकाओं से हमारा शरीर बना होता है। भिन्न-भिन्न कोशिकाओं का भिन्न-भिन्न कार्य होता है। त्वचा की रंगत पहुँचाने वाली कोशिका को कलर सेल्स या मेलानोसाइट्स कहा जाता है। त्वचा का रंग इन्ही कोशिका की वजह से होता है। कलर सेल्स या मेलानोसाइट्स सेल्स के साथ एक और सेल्स सक्रिय रहती है। जिसका नाम मैक्रोफेजेज है। मैक्रोफेजेज कोशिका का कार्य, कलर कोशिका को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने का होता है।
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सफेद दाग का रामबाण इलाज – लेकिन कभी किसी कारणवश ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब मेलानोसाइट्स कोशिका को, मैक्रोफेजेज कोशिका नहीं पह��ान पाता है। जिससे मेलानोसाइट्स सेल्स की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। और धीरे-धीरे मेलानोसाइट्स सेल्स निष्क्रिय होने लगते है। यही वजह है की शरीर के उस भाग की त्वचा का रंग खत्म होने लगता है। जो हमे सफेद दाग के रूप में नजर आता है।
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
इस समस्या में खान-पान पर विशेष ध्यान दें। निचे बताये गए पदार्थों का विशेष यूप से सेवन करें। जैसे – सेब, लोंग, गेंहू के जवारे का रस, आंवला, मुनक्का, अंगूर, शहतूत, लौकी, पत्ता गोभी, तुलसी, गाजर, अदरक, जीरा, अजवाइन, लौंग, दालचीनी, हल्दी, जैतून का तेल, बादाम का तेल, ड्राई फ्रूट्स और सभी तरह के बेरीज।
1. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – इस रोग में नारियल तेल का इस्तेमाल करें। यह त्वचा को पोषण देने का काम करता है। यह रीपीगमेंटेशन को बढ़ावा देता है। जिससे सफ़ेद दाग (Leucoderma) की समस्या ठीक होने लगती है। यह एक बेहतरीन एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल तेल है।
2. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – इस समस्या में मुली का बीज लाभकारी होता है। यह एक उत्तम आयुर्वेदिक नुस्खा है। सबसे पहले लगभग 20 se 25 ग्राम मुली के बीज को लेकर पीस लें। फिर उसमे विनेगर 2 चम्मच डालकर लेप तैयार कर लें। अब इस लेप को सफ़ेद दाग पर लगाये। फिर लगभग 25 से 30 मिनट तक के लिए छोड़ दें। उसके बाद हलके गुनगुने पानी से त्वचा को अच्छे से साफ़ कर लें। ऐसा रोजाना करें, कुछ महीने में ही Leucoderma की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा।
यह भी अवश्य पढ़े : मुली के बेहतरीन लाभ की जानकारी हिंदी में।
सफेद दाग का रामबाण इलाज – Leucoderma Treatment in Hindi
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3. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – आयुर्वेद में नीम का अलग ही स्थान है। यह त्वचा की कई समस्या के लिए रामबाण इलाज है। साथ ही साथ खून को भी शुद्ध करने का काम करता है। और तो और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाता है। सबसे पहले नीम के पत्ते को पीस लें। अब उसमें दही मिलाकर लेप बना लें। अब इसे त्वचा के दाग पर लगाये। फिर कुछ देर सूखने के बाद पानी से धो लें। ऐसा रोज करें, लाभ मिलेगा।
सफेद दाग का रामबाण इलाज – इसके अलावा नीम के पत्तों का रस रोजाना नियमित रूप से पिए। आप चाहे तो नारियल के तेल में नीम का तेल मिलाकर भी लगा सकते है। Leucoderma की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
इसे भी अवश्य पढ़े : नीम के अद्भुत फायदे की जानकारी हिंदी में।
4. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – बावची (Psoralea Corylifolia) जिसे बकुची भी कहा जाता है। यह एक अच्छा आयुर्वेदिक औषधि है। सबसे पहले अदरक का रस निकाल लें। अब उस रस में बावची (Psoralea Corylifolia) के बीज डालकर रख दें। ऐसा 3 दिन के लिए छोड़ दें, लेकिन प्रत्येक दिन अदरक का रस बदलें। उसके बाद हथेली पर रखकर अच्छे से रगड़ें।
Safed Daag ka ilaj – फिर उन बीज को धुप में सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद बीज को पीस लें। अब उस पीसी हुई बीज का लगभग 1 ग्राम गाय के दूध में डालकर पिए। ऐसा रोजाना करें, आपको लाभ मिलेगा। आप चाहे तो बकुची (Psoralea Corylifolia) के बीज के चूर्ण को सफ़ेद दाग पर भी लगा सकते है। इसके अलावा बावची या बकुची के तेल का भी उपयोग कर सकते है।
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Leucoderma Treatment
5. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – इस रोग में अदरक एक अच्छा घरेलु उपाय है। सबसे पहले अदरक लें और उसे स्लाइस के रूप में काट लें। अब सफ़ेद दाग वाली त्वचा पर रखें। अदरक के सूखने तक वैसे ही रखें। यह घरेलु नुस्खा रोजाना आजमाए। आपको अत्यंत लाभ मिलेगा। अदरक रक्तचाप को भी सही करता है।
Leucoderma Treatment in Hindi – इसके अलावा पुदीना की कुछ पत्तियां लीजिये। अब अदरक के रस में मिलाकर सेवन करें। इस विधि को भी प्रतिदिन अपनाये। आपको शीघ्र ही परिणाम दिखेगा।
इसे भी जरुर पढ़े : अदरक के फायदे और लाभ हिंदी में। यह भी जरुर पढ़े : पुदीना के अनोखे फायदे हिंदी में।
6. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – वर्षो से लोग हल्दी का उपयोग त्वचा की रंगत निखारने के लिए कर रहे है। सफ़ेद दाग की समस्या में हल्दी उपयोगी होता है। सबसे पहले हल्दी का महीन चूर्ण तैयार कर लें। अब उसमें नीम के पत्तों का रस मिलाकर लेप बना लें। अब दाग पर लेप को लगाये। इससे त्वचा का संक्रमण दूर हो जायेगा।
Safed Daag ka ilaj – इसके अलावा 2 चम्मच सरसों के तेल में लगभग 1 से 1.5 चम्मच हल्दी चूर्ण मिलाये। और इस मिश्रण को त्वचा के सफ़ेद चकते यानी दाग पर लगाये। अब 15 से 20 मिनट रहने दें। उसके गुनगुने पानी से अच्छी तरह धो लें। ऐसा रोजाना करें, आपको लाभ मिलेगा। आप चाहे तो दिन में 2 से 3 बार तक यह उपाय अजमा सकते है।
इसे भी अवश्य पढ़े : गुनगुने पानी पीने के अनोखे लाभ की जानकारी हिंदी में।
Safed Daag ka ilaj | सफेद दाग का रामबाण इलाज | Vitiligo Treatment
7. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – जो लोग सफ़ेद दाग की समस्या से प��ेशान है। उन लोगों को बथुआ का उपयोग करना चाहिए। मतलब बथुआ की सब्जी का सेवन नियमित रूप से करें। उसके साथ-साथ बथुआ को पानी में डालकर उबाल लें। फिर पानी को छानकर, उस पानी से दाग वाली त्वचा को धोये। इससे आपको फायदा मिलेगा।
Leucoderma Treatment in Hindi – इसके अलावा कच्चा बथुआ लीजिये। और उसका रस लगभग 1.5 से 2 कप निकाल लीजिये। अब लगभग ½ कप तिल का तेल उसमें मिला लीजिये। अब मिलाने के बाद धीमी आंच पर पकाए। तब तक पकाए, जब तक शेष तेल न रह जाये। अब प्रतिदिन सफ़ेद चकते पर तेल लगाये।
8. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – इस समस्या में तांबे का बर्तन फायदेमंद होता है। यह मेलेनिन उत्पादन को सही करने का काम करता है। सबसे पहले तांबा का बर्तन लीजिये। अब उसमे साफ़ पानी डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह उस पानी को पिए। लेकिन ध्यान रहे की तांबे के बर्तन में पानी डालकर उसे फ्रिज में न रखे।
9. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इला���
Safed Daag ka ilaj – लाल मिटटी भी लाभकारी होता है, सफ़ेद दाग की समस्या में। लाल मिटटी में कॉपर की मात्रा पाई जाती है। सबसे पहले पीसी हुई अदरक और लाल मिटटी मिलाकर लेप बना लें। अब इस लेप को प्रतिदिन दाग पर लगाये। कुछ देर रखने के बाद, त्वचा को अच्छे से धो लें। इससे आपको फायदा होगा।
सफेद दाग का रामबाण इलाज – Vitiligo Treatment in Hindi
10. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – सबसे पहले पानी और सेब का सिरका को समान मात्रा में अच्छे से मिला लें। अब इस मिश्रण को सफ़ेद चकते पर लगाये। ऐसा दिन में 2 बार करें, लाभ मिलेगा। यह उन फंगस को खत्म करता है, जो सफ़ेद चकते के लिए जिम्मेदार होते है।
11. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – सबसे पहले अनार की पत्तियों का चूर्ण तैयार कर लीजिये। अब 1 गिलास पानी के साथ लगभग 5 से 6 ग्राम अनार के पत्ते का चूर्ण का सेवन करें। ऐसा दिन में 2 बार करें, आपको फायदा मिलेगा।
इसे भी अवश्य पढ़े : अनार के बेहतरीन फायदे की जानकारी हिंदी में।
12. सफेद दाग का रामबाण इलाज – Safed Daag ka ilaj
Leucoderma Treatment in Hindi – तुलसी त्वचा के कई समस्या के लिए रामबाण इलाज है। तुलसी के पत्ते का रस और निम्बू का रस बराबर मात्रा में मिला लें। इस रस को अब सफेद दाग पर लगाये। ऐसा दिन में 2 से 3 बार करें। कुछ महीनों में इस समस्या से छुटकारा मिल जायेगा।
इसे भी अवश्य पढ़े : तुलसी के अद्भुत फायदे की जानकारी हिंदी में। यह भी अवश्य पढ़े : निम्बू के रस के अनोखे फायदे और लाभ।
Leucoderma ka Gharelu upchar Hindi me
13. Leucoderma Treatment in Hindi – सफेद दाग का रामबाण इलाज
Safed Daag ka ilaj – सबसे पहले काले चने को पीस लें। अब उसमें पानी मिलाकर गाढ़ा लेप बना लें। अब उस लेप को दाग वाली त्वचा पर लगाये। कुछ समय रखने के बाद साफ़ पानी से धो लें। इस उपाय को रोजाना नियमित रूप से करें। आपको अवश्य फायदा मिलेगा।
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प्राइवेट पार्ट खुजली और जलन से मुक्ति पाने अपनाएं ये घरेलू नुस्खे
महिलाओं में पाई जाने वाली यह एक आम समस्या है तथा ऐसी कोई भी महिला नहीं होगी जिसको अपने जीवनकाल में वेजाइना में खुजली की समस्या का सामना न करना पड़ा हो। जननांग, वेजाइना या योनि की खुजली आपको कमज़ोर बनाती है विशेष रूप से तब जब आप काम के सिलसिले में बाहर हों तथा खुजली पर नियंत्रण न कर पा रही हो। इससे महिलाओं को शर्मिंदगी और खिन्नता महसूस हो सकती है अत: इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। वेजाइना महिलाओं के शरीर का बहुत ही संवेदनशील अंग होता है।
महिलाओं में पाई जाने वाली यह एक आम समस्या है तथा ऐसी कोई भी महिला नहीं होगी जिसको अपने जीवनकाल में जननांग में ���ुजली की समस्या का सामना न करना पड़ा हो।प्राइवेट पार्ट में कई कारणों से खुजली की समस्या हो सकती है कई बार ऐसा प्राइवेट पार्ट में सूखेपन या किसी केमिकल के रियक्ट होने या खुशबूदार साबुन के इस्तेमाल की वजह से होता है। अधिकाशतः इस समस्या के बारे में महिलाएं खुलकर नहीं बात करती लेकिन जब यह समस्या असहनीय हो जाती है तब महिलाओं को इसके बारे में बताना ही पड़ता है।
इस समस्या में वेजाइना की बाहरी त्वचा को खरोंचने की इच्छा होती रहती हैं यह एक कष्टप्रद समस्या है। जननांगों में खुजली के कई कारण हो सकते हैं, जैसे यीस्ट संक्रमण, मासिक धर्म के समय उपयोग में लाये जाने पैड्स में उपस्थित केमिकल्स,कसे हुए कपडे पहनना, सेक्स के बाद स्वच्छता न रखना। जब यह खुजली अधिक हो जाती है तब वेजाइना में दर्द महसूस होने लगता है। यीस्ट इन्फेक्शन की वजह से भी कई बार प्राइवेट पार्ट में खुलजी की समस्या सामने आती है। कई अगर आपके साथ यह समस्या सामने आ रही है। यहाँ इस समस्या से निपटने के लिए कुछ घरेलू उपचार बताए गए हैं जिनका उपयोग करके आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं-
1:- सेब का सिरका खुजली और जलन को कम करने के लिए लाभकारी मन जाता है क्योंकि इसमें एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं साथ ही यह वेजाइना के pH को संतुलित करता है। इससे वेजाइना में जलन नहीं होती है। एक चम्मच शुद्ध सेब के सिरके को गर्म पानी में मिलाकर नियमित रूप से वेजाइना साफ करने से इस समस्या से जल्दी ही मुक्ति मिल जाती है।
2:- योनि की खुजली रात के समय अधिक बड़ी समस्या बन जाती है। इससे आपकी नींद में बाधा पहुँचती है तथा खुजली के साथ साथ आप थकान और सुस्ती महसूस करते हैं। रात में अधिक होने वाली इस खुजली को रोकने के लिए योनि पर सीधे ही बर्फ़ लगायें या योनि को ठंडा सेंक दें। यह काम थका देने वाला हो सकता है।
3:- एक अध्ययन से पता चला है कि नारियल का तेल कैंडिडा अल्बिकन्स को मार सकता है, जो खमीर संक्रमण का कारण बनता है। हालांकि, यह अध्ययन एक प्रयोगशाला में किया गया था, और यह पुष्टि करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है कि यह मनुष्यों में काम करता है या नहीं।
4:- प्राचीन कल से नीम का प्रयोग एक औषधि के रूप में किया जाता रहा हैं। इसके प्रयोग के लिए नीम को अच्छे से पानी में उबाल कर छोड़ दें जब पानी हल्का गुनगुना रह जाये तब इससे वैजाइना को अच्छे से साफ़ करें। इसका प्रयोग इस समस्या में बहुत ही फायदे साबित होगा।
5:- अगर आपको खुजली की समस्या है या यीस्ट इन्फेक्शन है तो स्नान के पानी में बेकिंग सोडा पानी में मिला कर नहाने से काफी फायदा होगा। एक अध्ययन के अनुसार, बेकिंग सोडा में ऐंटिफंगल गुण पाए जाते हैं। बेकिंग सोडा से कैंडिडा कोशिकाएं मर जाती है। बता दें कि इन्हीं कोशिकाओं की वजह से यीस्ट इन्फेक्शन होता है। नेशनल एक्जिमा फाउंडेशन के मुताबिक़, नहाने के पानी में 1/4 कप बेकिंग सोडा मिलाने से एक्जिमा के उपचार में काफी मदद मिलती है।
6:- नारियल के तेल को हल्का गुनगुना करके वेजाइना पर लगाने से काफी आराम मिलता है और अधिक प्रभाव के लिए नारियल के तेल में थोडा सा कपूर पीसकर, अच्छे से मिक्स करके वेजाइना पर लगाने से बहुत लाभ मिलता है।
7:- लहसुन का पेस्ट बनाये तथा जाली के एक कपडे में इसे बांधकर योनि के अंदर लगाये। इससे दुर्गन्ध आ सकती है परन्तु इससे मिलने वाला आराम बहुत अश्चार्यजनक होता है।
8:- नमक में खुजली तथा बैक्टीरिया को दूर करने के ��ुण उचित मात्रा में पाए जाते है। अतः वैजाइना में खुजली होने पर नमक के गाढ़े घोल से वैजाइना को धोने से बहुत ही लाभ मिलता है।
9:- योनि की खुजली के उपचार के लिए प्रतिदिन एक कप बिना शक्कर वाला दही खाएं। दही के उपयोग का अन्य तरीका यह है कि इसे योनि पर लगाया जाए जिससे तुरंत आराम मिलता है। सीधे दही उस स्थान पर लगाने से योनि की खुजली तुरंत बंद हो जाती है। नियमित उपयोग से समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाती है।
10:- तुलसी की पत्तियों में एंटी माइक्रोबियल, एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। तुलसी की कुछ पत्तियां लें तथा इसे दो कप पानी में उबालें। इसे 20 मिनिट तक भिगो कर रखें जब तक पानी गाढ़ा न हो जाए। योनि की खुजली पैदा करने वाले बैक्टीरिया को दूर करने के लिए इस पानी को दिन में दो बार पीयें।
11:- रोज़मेरी की पत्तियों को 15 मिनिट पानी में भिगायें तथा ठंडा होने दें। योनि को इस हर्बल घोल से धोएं तथा तुरंत फर्क महसूस करें।
12;- पसीने और पानी के कारण यदि योनि में नमी रहती है तो इससे उस स्थान पर बैक्टीरिया और फंगस पैदा होते हैं जिसके कारण संक्रमण और शर्मिन्दगी पैदा करने वाली स्थिति उत्पन्न होती है। हमेशा ध्यान रखें कि संक्रमण को रोकने के लिए योनि को नमी से मुक्त रखें।
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सिर में खुजली के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Itchy Scalp in Hindi
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सिर में खुजली के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Itchy Scalp in Hindi
सिर में खुजली के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Itchy Scalp in Hindi Somendra Singh Hyderabd040-395603080 October 19, 2019
सिर में होने वाली कई समस्याओं में से एक खुजली भी है। यह खुजली बालों को ठीक से साफ न रखने, बालों में रूसी या सिर में इस्तेमाल किए जाने वाले कॉस्मेटिक उत्पादों के दुष्���्रभावों के रूप में हो सकती है। सिर में खुजली को ठीक करने के लिए विभिन्न प्रकार के हेयर प्रोडक्ट्स बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन इनके दुष्प्रभाव आपकी समस्या को और जटिल बना सकते हैं। ऐसे में आप सिर की खुजली दूर करने के लिए घरेलू उपचार की मदद ले सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको सिर में खुजली का इलाज तो बताएंगे ही साथ ही सिर में खुजली होने का कारण के विषय में भी जानकारी देंगे।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि किन कारणों की वजह से सिर में खुजली की समस्या होती है।
विषय सूची
सिर में खुजली होने का कारण – Causes of Itchy Scalp in Hindi
सिर में खुजली की समस्या को आमतौर पर हम रूसी से ही जोड़कर देखते हैं, जबकि इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं। इसके बारे में आपको नीचे क्रमवार बता रहे हैं (1)।
रूसी के कारण
सीबोरआ (Seborrhoea) – त्वचा से जुड़ी समस्या, जो स्कैल्प पर पपड़ीदार और लाल त्वचा का कारण बनती है।
सोरायसिस (Psoriasis) – त्वचा से जुड़ी गंभीर समस्या, जो लाल और पपड़ीदार त्वचा के फैलाव को बढ़ाती है।
टिनिया (Tinea) – एक फंगल संक्रमण, जिसके कारण स्कैल्प की त्वचा लाल हो जाती है और सिर में खुजली होती है।
सिर में जूं होना।
तनाव के कारण भी सिर में खुजली हो सकती है (2)।
सिर में खुजली होने का कारण तो आप जान गए। चलिए, अब जानते हैं कि इससे बचने के लिए कौन से घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं।
सिर में खुजली कम करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies For Itchy Scalp in Hindi
सिर की खुजली से छुटकारा पाने के लिए इस लेख में बताए जा रहे सभी घरेलू उपाय को ध्यान से पढ़िए, जिसके जरिए आप घर बैठे सिर की खुजली की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
1. नारियल तेल का इस्तेमाल
Shutterstock
सामग्री:
नारियल तेल एक चम्मच
कैसे करें इस्तेमाल:
नारियल तेल को एक कटोरी में रख लें।
अब इसे हल्के हाथों से स्कैल्प और बालों में लगाएं।
इसे रात भर बालों में लगाकर छोड़ दें और सुबह उठकर बालों को शैम्पू से धो लें।
इस प्रक्रिया को हफ्ते में एक से दो बार दोहराया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया सिर में खुजली का एक कारण फंगल संक्रमण भी होता है। दरअसल, नारियल तेल में फंगस और कीटाणुओं को मारने का गुण पाया जाता है। फंगस को मारने के बाद यह खुजली की समस्या को भी ठीक कर देता है (3)।
2. सेब का सिरका
सामग्री:
एक चौथाई कप सेब का सिरका
पानी एक चौथाई कप
एक स्प्रे बोतल
कैसे करें इस्तेमाल:
सबसे पहले एक स्प्रे बोतल में सेब का सिरका डालें।
अब इसमें पानी मिला लें।
अब बालों को शैम्पू से धो लें।
अब स्प्रे के जरिए पूरे बालों में इस मिश्रण को लगाएं।
करीब 15 मिनट तक इसे लगा रहने दें।
अब बालों को पानी से धो कर साफ कर लें।
इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो बार दोहराया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
बालों में रूसी भी सिर की खुजली का एक बड़ा कारण है। यहां सेब का सिरका आपके काम आ सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सेब का सिरका इस्तेमाल करने से बालों से रूसी की समस्या को खत्म किया जा सकता है, जिससे आप डैंड्रफ से होने वाली खुजली से निजात पा सकते हैं (4)।
3. टी ट्री ऑयल
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सामग्री:
दो चम्मच टी ट्री ऑयल
जैतून के तेल की 4-5 बूंदें
कैसे करें इस्तेमाल:
सबसे पहले एक कटोरी लें।
अब इसमें टी ट्री ऑयल डालें।
फिर इसमें जैतून के तेल को मिला लें।
हल्के हाथों से इसे पूरे बालों और स्कैल्प में लगाएं और 10 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
बाद में ठंडे पानी और शैंपू से बाल धो लें।
कैसे है लाभदायक :
टी ट्री ऑयल और जैतून के तेल में सैलिसिलिक एसिड (Salicylic Acid – डैंड्रफ को हटाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला अम्ल) की मात्रा पाई जाती है, जो एंटी डैंड्रफ के रूप में कार्य करता है। इस कारण बालों में इन तेल को इस्तेमाल करने से यह सिर में होने वाली खुजली की समस्या से राहत पहुंचा सकता है (5)।
4. बेकिंग सोडा
सामग्री:
2-3 चम्मच बेकिंग सोडा
पानी आधा कप
कैसे करें इस्तेमाल:
सबसे पहले एक कटोरी लें।
अब इसमें बेकिंग सोडा डालें।
इसके बाद इसमें पानी डालकर पेस्ट तैयार कर लें।
अब इस पेस्ट को स्कैल्प पर लगाकर करीब आधे घंटे के लिए छोड़ दें।
अंत में शैम्पू से बालों को धो लें।
इस उपाय को हफ्ते में एक बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
जैसे कि आपको ऊपर जानकारी दी गई है कि फंगल संक्रमण के कारण भी सिर में खुजली की समस्या हो सकती है, जबकि बेकिंग सोडा में एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन से स्कैल्प की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं (6)। इसका सीधा प्रभाव हमारे सिर की खुजली को दूर करने के काम आ सकता है।
5. जैतून के तेल के जरिए
सामग्री:
जैतून का तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
आवश्यकतानुसार जैतून तेल को स्कैल्प और बालों में अच्छे से लगाएं।
करीब 30 मिनट तक इसे बालों में लगाए रखें।
फिर इसे शैम्पू की सहायता से धो लें।
इस घरेलू उपचार को हफ्ते में दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
आपको ऊपर बताया गया है कि जैतून के तेल में सैलिसिलिक नामक एसिड (Salicylic Acid – डैंड्रफ को हटाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला अम्ल) मौजूद होता है। यह बालों से रूसी को खत्म करने का काम कर सकता है, जिससे सिर की खुजली से निजात पाया जा सकता है (5)।
6. नींबू का रस
सामग्री:
नींबू रस 2 चम्मच
पानी आधा चम्मच
कैसे करें इस्तेमाल:
सबसे पहले एक कटोरी लें।
उसमें नींबू रस डालें और ऊपर से पानी मिला लें।
अब इस मिश्रण को पूरे बालों में लगाएं।
करीब आधे घंटे बाद इसे पानी की सहायता से धो लें।
कैसे है लाभदायक :
सिर की खुजली से राहत पाने के लिए नींबू के रस का उपयोग आपके लिए लाभदायक हो सकता है। दरअसल, नींबू के रस में एंटी डैंड्रफ गुण पाया जाता है। यही वजह है कि यह बालों से रूसी की समस्या को खत्म करके, रूसी के कारण सिर में होने वाली की खुजली को दूर करने में मदद कर सकता है (7)।
7. एलोवेरा के उपयोग से
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सामग्री:
2-3 एलोवेरा के कटे हुए टुकड़े
मेथी पाउडर 1 चम्मच
कैसे करें इस्तेमाल:
एलोवेरा की ऊपरी सतह को साफ करके इसका जेल निकाल लें।
अब इस जेल में मेथी पाउडर को मिला लें।
अब इस हेयर मास्क को बालों और स्कैल्प पर लगाएं।
अपने बालों को शॉवर कैप या तौलिया से ढकें और मास्क को कम से कम 1 घंटे के लिए लगा रहने दें।
अंत में शैम्पू करें।
इस घरेलू उपाय को सप्ताह में एक बार लगाया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
लेख के ऊपरी भाग में आपको बताया गया है कि सिर में खुजली होने का कारण फंगल संक्रमण भी हो सकता है। एलोवेरा में एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। एलोवेरा का उपयोग फंगल संक्रमण को ठीक कर सिर की खुजली से निजात दिला सकता है (8)।
8. पीपरमेंट तेल से
सामग्री:
एक चम्मच पीपरमेंट का तेल
2-3 बूंद पानी
कैसे करें इस्तेमाल:
पीपरमेंट में पानी की बूंदें मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें।
अब इसे बालों में और स्कैल्प की सतह पर लगाएं।
करीब पंद्रह मिनट तक इसे लगा रहने दें।
उसके बाद इसेबालों के अच्छे शैम्पू के जरिए धो लें।
इस प्रक्रिया को आप हफ्ते में एक बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
सिर की खुजली को दूर करने के लिए पीपरमेंट तेल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया है कि पीपरमेंट तेल में एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि पाई जाती है। यह गतिविधि फंगल संक्रमण के कारण सिर में होने वाली खुजली से राहत दिलाने का काम कर सकती है (9)।
नोट – कुछ लोगों की सिर की त्वचा संवेदनशील होती है, जिन पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, इसे पहले केवल 1 बूंद इस्तेमाल करके देखें, अगर कोई परेशानी समझ में आए तो इसे सिर में न लगाएं। इसके अलावा, इस लेख में दिए गए अन्य घरेलू उपाय को ही इस्तेमाल करें।
9. आर्गन तेल के जरिए
सामग्री:
एक चम्मच आर्गन तेल
3-4 बूंद नींबू का रस
कैसे करें इस्तेमाल:
आर्गन तेल और नींबू के रस को आपस में मिला लें।
अब इस मिश्रण को बालों और स्कैल्प की सतह तक लगाएं।
20 मिनट तक इसे बालों में लगा रहने दें।
अंत में बालों को शैंपू से धो लें।
इस घरेलू उपाय को आप सप्ताह में दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
सिर में खुजली का इलाज करने के लिए आर्गन तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, आर्गन तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं (10)। अध्ययन में यह भी देखा गया कि एंटी इंफ्लेमेटरी गुण वाले शैम्पू का इस्तेमाल करने से स्कैल्प के सूखेपन को खत्म करने में मदद मिलती है, जो सिर की खुजली से राहत दिलाने के लिए लाभकारी साबित हो सकता है (11)।
10. प्याज का रस
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सामग्री:
2 चम्मच प्याज का रस
शहद एक छोटा चम्मच
साफ कॉटन बॉल
कैसे करें इस्तेमाल:
प्याज के रस और शहद को मिला लें।
अब रूई की मदद से इस मिश्रण को स्कैल्प और बालों में लगाएं।
जब पूरे स्कैल्प में प्याज और शहद का मिश्रण लग जाए, तो सिर की हल्के हाथों से मालिश करें।
इसे 15-30 मिनट तक लगा रहने दें।
फिर शैंपू से आप अपने बालों को धो लें।
इस घरेलू उपचार को हफ्ते में एक बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
प्याज में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं (12)। इन्हीं विशेष गुणों के कारण यह सिबोरहिक डर्मेटाइटिस (Seborrheic Dermatitis – स्कैल्प में खुजली का एक कारण) को दूर करने के काम आ सकता है। इस प्रकार साप्ताहिक रूप में एक बार इसके प्रयोग के जरिए सिर की खुजली की समस्या से राहत मिल सकती है (13)।
11. नीम का तेल
सामग्री:
नीम का तेल एक चम्मच
4-5 बूंद पानी
कैसे करें इस्तेमाल:
नीम का तेल और पानी की बूंद मिला लें।
अब इस मिश्रण को बालों और स्कैल्प में लगाएं।
करीब 20 मिनट के बाद इसे हल्के शैम्पू की सहायता से धो लें।
इस घरेलू उपाय को हफ्ते में एक बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
बालों के विकास के लिए तो नीम का काफी लम्बे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका प्रयोग स्कैल्प के स्वास्थ्य के लि�� भी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, नीम के तेल में कई फैटी एसिड पाए जाते हैं, जैसे लिनोलिक, ओलिक और स्टीयरिक एसिड। ये एसिड स्कैल्प को स्वस्थ रखकर सिर में खुजली का इलाज कर सकते हैं। साथ ही बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं (14)।
12. जोजोबा तेल
सामग्री:
जोजोबा तेल एक चम्मच
कैसे करें इस्तेमाल:
जोजोबा तेल को बालों और स्कैल्प की सतह तक लगाएं।
अब इसे करीब 20 मिनट तक लगाए रखें।
अब आप अपने बालों को पानी या शैंपू से धो लें।
इस उपाय को हफ्ते में दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
जोजोबा तेल का उपयोग सिर की खुजली को दूर करने के लिए प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है। दरअसल, जोजोबा तेल में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, डैंड्रफ के कारण सिर में होने वाली खुजली के इलाज के लिए केटोकोनाजोल क्रीम (Ketoconazole cream) का इस्तेमाल किया जाता है। इस क्रीम में एंटीफंगल गुण पाए जाते है और इस गुण की पुष्टि जोजोबा तेल में भी की गई है। यह गुण फंगस को विकसित होने से रोकते हैं, जो सिर की खुजली को रोकने में मदद कर सकते हैं (15), (16)। इसलिए, जोजोबा तेल का उपयोग एक एंटीफंगल एजेंट के रूप में फायदेमंद हो सकता है।
13. यूकेलिप्टस और लैवेंडर तेल के जरिए
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सामग्री:
एक चम्मच यूकेलिप्टस का तेल
एक चम्मच लैवेंडर तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
एक कटोरी में दोनों तेलों को आपस में मिला लें।
अब इसे हल्के हाथों से पूरे स्कैल्प पर लगाएं और करीब पांच मिनट तक मसाज करें।
इसे आधे घंटे तक स्कैल्प में लगा रहने दें और फिर बालों को शैंपू से धो लें।
इस उपाय को हफ्ते में दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
यूकेलिप्टस और लैवेंडर तेल का इस्तेमाल भी आपको सिर में में होने वाली खुजली से राहत दिला सकता है। इसका कारण यह है कि यूकेलिप्टस और लैवेंडर तेल में एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं (17)। एक वैज्ञानिक अध्ययन अनुसार, एंटीफंगल गुण बालों से डैंड्रफ को दूर करने का काम कर सकते हैं (18)। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि डैंड्रफ भी सिर की खुजली का एक कारण होता है, जिसे ठीक करके हमारे सिर की खुजली को दूर किया जा सकता है (1)।
14. कैमोमाइल स्प्रे
सामग्री:
मुट्ठी भर कैमोमाइल फूल
2 कप पानी
एक छन्नी
कैसे करें इस्तेमाल:
सबसे पहले एक बर्तन लें।
अब इसमें कैमोमाइल फूल और पानी को डालें।
अब इसे गैस पर रख दें और उबालें।
मिश्रण को रंग बदलने तक उबलने दें।
अब गैस को बंद कर दें और कैमोमाइल फूल और पानी के इस मिश्रण को ठंडा होने दें।
इसके बाद छन्नी से इसे छान लें और एक साफ स्प्रे बोतल में भरें।
फिर आप इसे अपने स्कैल्प पर स्प्रे कर सकते हैं।
यह उपाय आप हफ्ते में तीन से चार बार किसी भी समय इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
कैमोमाइल स्प्रे के जरिए भी सिर की खुजली को दूर किया जा सकता है। दरअसल, कैमोमाइल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं (19)। यह गुण सिबोरहिक डर्मेटाइटिस (Seborrheic Dermatitis – स्कैल्प में खुजली का एक कारण) को ठीक करने के काम आ सकते हैं (20)।
15. विच हेजेल तेल (Witch Hazel)
सामग्री:
2 चम्मच विच हेजेल का अर्क
एक चम्मच पानी
दो बूंद नारियल तेल
कैसे करें इस्तेमाल:
सबसे पहले विच हेजेल अर्क, नारियल तेल और पानी को मिला लें।
अब उंगलियों की सहायता से इसे स्कैल्प पर लगाएं।
20-25 मिनट के लिए इसे स्कैल्प पर लगा रहने दें।
अंत में बालों को शैंपू कर लें।
इस उपाय को हफ्ते में दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
विच हेजेल का प्रयोग भी बालों की खुजली को दूर कर सकता है। विच हेजेल अर्क में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं (21)। यहां एक बार फिर से सिबोरहिक डर्मेटाइटिस (Seborrheic Dermatitis – स्कैल्प में खुजली का एक कारण) का जिक्र होगा, क्योंकि एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण स्कैल्प में खुजली होने की इस स्थिति को भी ठीक करने का काम करते हैं (20)।
अब लेख के इस भाग में आपको सिर में खुजली से बचने के उपाय के बारे में बताया जा रहा है।
सिर में खुजली से बचने के उपाय – Prevention Tips for Itchy Scalp in Hindi
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आप सिर में खुजली से बचने के उपाय में निम्न सावधानियों का ख्याल रखकर इस समस्या से बचे रहे सकते हैं।
��िसको बालों में खुजली की समस्या हो उसके साथ अपनी कंघी और तौलिये को शेयर न करें।
अगर सिर में जूं की समस्या हो गई है, तो उसे दूर करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शैम्पू का इस्तेमाल करें।
अगर आपके सिर में रूसी हो गई है, तो जल्द से जल्द उसको दूर करने की कोशिश करें।
धूल भरी सड़क पर चलने से दूर रहें।
केमिकल युक्त शैम्पू का इस्तेमाल करने से बचें।
सिर में खुजली होने पर अन्य किसी भी उपचार से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अभी आपने इस लेख में पढ़ा कि सिर की खुजली को घर बैठे कैसे दूर किया जा सकता है। कभी-कभी सिर की खुजली इतनी बढ़ जाती है, जिसके कारण बालों का झड़ना भी शुरू हो जाता है। इसलिए, समय रहते हुए इस लेख में बताए गए उपाय को अपनाकर आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप अन्य किसी घरेलू उपाय के जरिए सिर की खुजली को दूर कर रहे हैं, तो उस उपाय को आप हमारे साथ जरूर साझा करें। उपाय साझा करने और इसके अतिरिक्त किसी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए कॉमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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Somendra Singh
सोमेंद्र ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 2019 में बी.वोक इन मीडिया स्टडीज की है। पढ़ाई के दौरान ही इन्होंने पढ़ाई से अतिरिक्त समय बचाकर काम करना शुरू कर दिया था। इस दौरान सोमेंद्र ने 5 वेबसाइट पर समाचार लेखन से लेकर इन्हें पब्लिश करने का काम भी किया। यह मुख्य रूप से राजनीति, मनोरंजन और लाइफस्टइल पर लिखना पसंद करते हैं। सोमेंद्र को फोटोग्राफी का भी शौक है और इन्होंने इस क्षेत्र में कई पुरस्कार भी जीते हैं। सोमेंद्र को वीडियो एडिटिंग की भी अच्छी जानकारी है। इन्हें एक्शन और डिटेक्टिव टाइप की फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/sir-me-khujli-ke-karan-lakshan-gharelu-upay-in-hindi/
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कढ़ी पत्ते के 10 फायदे, उपयोग और नुकसान– Curry Leaves Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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कढ़ी पत्ते के 10 फायदे, उपयोग और नुकसान– Curry Leaves Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Ankit Rastogi Hyderabd040-395603080 July 25, 2019
हमारी रसोई में कई ऐसे मसाले पाए जाते हैं, जिनका उपयोग खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है। इन्हीं में से एक है कढ़ी पत्ता। इसका वैज्ञानिक नाम है मुराया कोएनिजी। इसे करी पत्ता, कड़ी पत्ता और मीठी नीम जैसे नामों से भी पुकारा जाता है। अंग्रेजी में इसे करी लीफ और संस्कृत में कृष्णा निंबा कहकर संबोधित किया जाता है। दक्षिणी भारत में इसे लंबे समय से उपयोग किया जाता रहा है। इसके औषधीय गुणों और विशेषताओं को देखते हुए इसका उपयोग अब देश के अधिकतर हिस्सों में किया जाने लगा है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको कढ़ी पत्ते के पौष्टिक तत्वों, विशेषताओं और इससे होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
सबसे पहले हम बात करते है कढ़ी पत्ता के फायदे के बारे में।
विषय सूची
कढ़ी पत्ते के फायदे – Benefits of Curry Leaves in Hindi
1. वजन घटाने में कढ़ी पत्ता के फायदे
बताया जाता है कि कढ़ी पत्ते में डाइक्लोरोमेथेन, एथिल एसीटेट और महानिम्बाइन जैसे खास तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों में वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ट्राइग्लिसराइड (फैट का एक प्रकार) के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता पाई जाती है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि कढ़ी पत्ते का उपयोग वजन घटाने में मददगार साबित होता है (1)।
2. एनीमिया में लाभदायक
विशेषज्ञों के मुताबिक कढ़ी पत्ते में एंटी एनीमिया गुण पाया जाता है, जो एनीमिया पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है। इसके अलावा कड़ी पत्ता कैल्सियम आयरन, जिंक और वैनेडियम जैसे खनिज पदार्थों का अच्छा स्रोत है। इस कारण कहा जा सकता है कि एनीमिया से निजात दिलाने में कढ़ी पत्ते का उपयोग सहायक साबित हो सकता है (2)।
3. डायबिटीज में मददगार
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बताया जाता है कि कढ़ी पत्ते में हाइपोग्लाइसेमिक (शुगर लेवल को कम करना) गुण पाए जाते हैं (3)। यह गुण शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने में सहायक साबित होता है। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि नियमित आहार में करी पत्ता के लाभ डायबिटीज जैसे जोखिमों को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं ।
4. लिवर के लिए कढ़ी पत्ता के फायदे
बताया जाता है कि कढ़ी पत्ते में टैनिन और कारबाजोले एल्कलॉइड जैसे तत्व मौजूद होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इन तत्वों में हेप्टोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो लिवर की कार्यक्षमता को बढाते हैं। साथ ही उससे संबंधित हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसे जोखिमों को कम करने में भी सहायक होते हैं (4)।
5. डायरिया से बचाव
विशेषज्ञों के मुताबिक कढ़ी पत्ते में पाए जाने वाले कार्बाजोले एल्कलॉइड्स में डायरिया से बचाव करने की अद्भुत क्षमता पाई जाती है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इसका नियमित सेवन डायरिया जैसी समस्या से निजात पाने में कारगर साबित हो सकता है (5)।
6. दिल का रखे ख्याल
कढ़ी पत्ता एक हर्बल औषधि है, जो विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज लिए करी पत्ते का उपयोग एक कारगर आयुर्वेदिक औषधि के रूप में लंबे समय से होता आया है। इसके अलावा करी पत्ता कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम भी करता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है (6)।
7. कोलेस्ट्रोल का नियंत्रण
आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि कढ़ी पत्ते में विटामिन सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लामेट्री गुण मौजूद होते हैं। वहीं इस संबंध में किये गए एक शोध में विशेषज्ञों ने पाया कि कढ़ी पत्ते का उपयोग शरीर से बैड केलेस्ट्रोल की मात्रा को घटाने में सहायक सिद्ध होता है (7)।
8. संक्रमण से बचाव में कढ़ी पत्ता के फायदे
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विशेषज्ञों के मुताबिक कढ़ी पत्ते के तेल में पाए जाने वाले कुछ खास पोषक तत्वों में एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुण भी पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले यही गुण बैक्टीरिया और फंगल प्रभाव को कम करने में लाभकारी परिणाम देते हैं (8)। इसलिए कहा जा सकता है कि करी पत्ता के फायदे में संक्रमण से बचाव भी शामिल है।
9. त्वचा के लिए लाभदायक
कढ़ी पत्ते का प्रयोग त्वचा के लिए भी क��फी फायदेमंद साबित होता है। माना जाता है कि इसके तेल में मौजूद तत्वों में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जिनके प्रभाव से जले-कटे और बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने में मदद मिलती है। इसके लिए इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर इसे उपयोग में लाया जा सकता है (8)।
10. बालों का रखे खास ख्याल
विशेषज्ञों के मुताबिक कढ़ी पत्ते के तेल में पाए जाने वाले पोषक तत्व बालों के लिए भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। कढ़ी पत्ते का तेल बालों पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इसका नियमित इस्तेमाल बालों के विकास में मदद करता है। वहीं, करी पत्ता के फायदे में भूरे बालों की समस्या से छुटकारा भी शामिल है (8)।
कढ़ी पत्ता के फायदे जानने के बाद अब हम इसमें पाए जाने पौष्टिक तत्वों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
कढ़ी पत्ते का पौष्टिक तत्व – Curry Leaves Nutritional Value in Hindi
आइए चार्ट के माध्यम से कढ़ी पत्ते के पौष्टिक तत्वों पर डालते हैं एक नजर (9)।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम कैल्सियम 810mg फास्फोरस 600mg आयरन 3.1mg कैरोटीन (विटामिन ए के रूप में) 12600IU निकोटिनिक एसिड 2.3mg विटामिन सी 4mg
आगे लेख में हम कढ़ी पत्ते के उपयोग के बारे में बात करेंगे।
कढ़ी पत्ते का उपयोग – How to Use Curry Leaves in Hindi
अपने नियमित आहार में कढ़ी पत्ते को शामिल करने के लिए इसका कई तरीके से उपयोग किया जा सकता है।
1. खाने में उपयोग
भोजन पकाते वक्त करी पत्ता का इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। इसे सब्जी, दाल, सांभर चावल और तरह-तरह के व्यंजनों का स्वाद बढाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
इसकी चटनी बनाकर भी आप इसे प्रयोग में ला सकते हैं।
इसे फ्राई करके फूड गार्निशिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कुछ विशेष परिस्थियों जैसे किसी खास बीमारी से बचाव के लिए इसके जूस का सेवन भी किया जा सकता है। लेकिन इसके जूस के उपयोग से पहले आपको विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
नोट– एक बार के आहार में कढ़ी पत्तियों की करीब 8 से 10 पत्तियों को इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
2. बालों के लिए उपयोग
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बालों के स्वास्थ्य के लिए आप इसका पेस्ट बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
नारियल के तेल के साथ गरम करके भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
कढ़ी पत्ते को पानी में उबालकर, उससे बाल धोने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
3. त्वचा के लिए उपयोग
इसका पेस्ट त्वचा की निखार बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
इसे पानी के साथ उबालें और उस पानी को नहाने के लिए इस्तेमाल में लाएं, ऐसा करने से त्वचा संबंधी विकारों (फंगल इन्फेक्शन) से छुटकारा पाया जा सकता है।
करी पत्ता के फायदे और उपयोग जानने के बाद अब बात करते हैं कढ़ी पत्ते से होने वाले नुकसान के संबंध में।
कढ़ी पत्ते के नुकसान – Side Effects of Curry Leaves in Hindi
कढ़ी पत्ते के वैसे तो कोई नुकसान नहीं देखे गए हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में या अधिक मात्रा में इसका उपयोग नुकसानदायक साबित हो सकता है।
कुछ लोगों में इसके एलर्जिक इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में इसके उपयोग को बंद कर देना चाहिए।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि इस स्थिति में इसके प्रयोग के कुछ दुष्परिणाम देखे जा सकते हैं।
वहीं, कुछ मामलों में इसके तेल का उपयोग बालों की जड़ों को कमजोर करने और उनके झड़ने का कारण भी बन सकता है।
नोट– कढ़ी पत्तों के दिए जाने वाले नुकसान के संबंध में अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
अब तो आप करी पत्ता से अच्छी तरह परिचित हो गए होंगे। साथ ही यह भी जान गए होंगे कि इसका प्रयोग किस तरह से आपकी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर कर सकता है। लेख में आपको इसके फायदे, लाभ और उपयोग के तरीको के बारे में भी विस्तार से बताया जा चुका है। साथ ही यह भी समझाया गया है कि इसका उपयोग किन-किन बीमारियों में आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इसलिए, अगर आप भी इसके नियमित इस्तेमाल का मन बना रहे हैं, तो पहले लेख में दी गई सभी जानकारियों को अच्छी तरह पढ़ लें। फिर दिए हुए तरीकों को अमल में लाएं। आशा करते हैं कि यह लेख स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों को दूर करने में आपकी सहायता करेगा। इस विषय में किसी अन्य प्रकार के सुझाव और सवालों के लिए आप हमसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं।
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Ankit Rastogi
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/curry-patte-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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