#निर्भया मामला
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ट्रेनी डॉक्टर रेप और मर्डर केस में ममता सरकार पर भड़की राधिका खेड़ा, कहा, राहुल गांधी ममता बनर्जी से डरते हैं
Radhika Khera News: भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना ने देश को झकझोर के रख दिया है। देशभर के डॉक्टर जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। जिस तरह की दरिंदगी हुई है, उसकी तुलना दिल्ली में हुए निर्भया मामला से की जा रही है। वहीं, इस बेहद शर्मनाक और संवेदनशील घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार…
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बाबा महाकाल की नगरी में 12 साल की मासूम के साथ दरिंदगी, बिना कपड़ों के खून से लथपथ सड़कों पर घूमती रही निर्भया, किसी ने नहीं की मदद
महाकाल की नगरी उज्जैन में नाबालिग के साथ निर्भया जैसा दुष्कर्म कांड, अर्धनग्न हालात में सड़क पर घूमती रही मासूम, किसी ने मदद नहीं की उज्जैन में 12 साल की मासूम ��ड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का एक मामला सामने आया है। पुलिस को आशंका है कि पीड़िता की मां के साथ भी दुष्कर्म हुआ है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वो यूपी के प्रयागराज की रहने वाली बताई जा रही है। बता दें पुलिस ने 400 सीसीटीवी फुटेज…
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उज्जैन में निर्भया जैसा कांड: हैवानियत के बाद अर्धनग्न हालत में भागती रही 12 साल की बच्ची, इलाज के दौरान पुलिस ने दिया खून
उज्जैन में निर्��या जैसा कांड: हैवानियत के बाद अर्धनग्न हालत में भागती रही 12 साल की बच्ची, इलाज के दौरान पुलिस ने दिया खून
मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 साल की बच्ची से दरिंदगी कर फेंकने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. घटना के सीसीटीवी फुटेज को देखकर आप जानेंगे कि किसी ने हैवानियत की हद को किस तरह पार कर दिया. दरअसल, उज्जैन के बड़नगर रोड पर दांडी आश्रम के पास एक 12 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी कर फेंक दिया गया. जहां से वह पैदल ही अर्धनग्न अवस्था में इधर-उधर घूमती दिखाई दी. बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे…
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निर्भया के दोषियों के सारे विकल्प खत्म, फांसी की फाइनल डेट के लिए आज 2 बजे सुनवाई
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निर्भया के दोषियों के सारे विकल्प खत्म, फांसी की फाइनल डेट के लिए आज 2 बजे सुनवाई
निर्भया के चारों दोषियों के लिए कानूनी विकल्प खत्म (फाइल फोटो)
निर्भया मामला (Nirbhaya case) में दोषी पवन गुप्ता (Pawan Gupta) की दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज होने के बाद अब सभी दोषी अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर चुके हैं.
नई दिल्ली. निर्भया मामले (Nirbhaya case) के चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद तिहाड़ जेल के अधिकारी (Tihar Jail officials) अभियुक्तों की फांसी की सजा पर तामील के लिए नई तारीख तय करने की खातिर पटियाला हाउस अदालत (Patiala House court) पहुंच गए हैं. अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में नए सिरे से डेथ वारंट जारी करने की मांग की है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति ने इस मामले में अन्य तीन दोषियों की दया याचिकाओं को पहले ही खारिज कर दिया था.
अभियोजन पक्ष द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में नए डेथ वारंट के लिए दायर की गई अर्जी पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी. राणा ��े दोषियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. गुरुवार को दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई की जाएगी.
2012 Delhi gangrape case: Additional Session Judge D Rana issues notice to respondents (convicts) on an application filed by prosecution seeking issuance of fresh death warrant against convicts. Court has sought a response on the application & slated the matter for 2 pm tomorrow. https://t.co/O6rkTmzVIJ
— ANI (@ANI) March 4, 2020
इससे पहले निर्भया के माता-पिता की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि हम पटियाला कोर्ट में एक नई अर्जी डाल रहे हैं कि फांसी के लिए नई तारीख तय की जाए. अब जो तारीख तय होगी वो फाइनल तारीख होगी. जिसमें इन चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी. अब चारों दोषी अपने सभी अधिकारों का पूरी तरह से इस्तेमाल कर चुके हैं.तीन बार टल चुकी है फांसी निर्भया गैंगरेप और मर्डर के सभी चारों दोषियों ने अलग-अलग दया याचिका दाखिल की थी. इससे इनकी फांसी पर अमल में देरी हुई. पवन से पहले इस मामले के तीन अन्य दोषियों ने दया याचिका समेत सभी कानूनी विकल्पों को आजमा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद सिफ पवन के पास ही दया याचिका का विकल्प शेष था. अब उसके भी सभी विकल्प समाप्त हो चुके हैं. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट को कानूनी पेंच के चलते तीन बार फांसी की तिथि टालनी पड़ी थी.
क्या है निर्भया गैंगरेप मामला? ये मामला दिसंबर 2012 का है, जब चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल स्टूडेंट के साथ छह लोगों ने गैंगरेप किया था. इस दौरान सभी ने मिलकर उसके साथ क्रूरतम व्यवहार किया था और उसे घायल अवस्था में मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया था. घटना के कुछ दिनों बाद ‘निर्भया’ की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
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ये भी पढ़ेंः निर्भया कांड: राष्ट्रपति ने ठुकराई दोषी पवन की दया याचिका
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First published: March 4, 2020, 4:07 PM IST
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#go to Patiala House court#next date of hanging#Nirbhaya Case#Tihar Jail officials#तिहाड़ जेल के अधिकारी#निर्भया मामला#पटियाला हाउस अदालत जाएंगे#फांसी की अगली तारीख के लिए#News
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Nirbhaya Case: निर्भया के गुनहगारों को 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी
चारों दोषियों को तीन मार्च सुबह छह बजे फांसी दी जाएगी. पटियाला हाइस कोर्ट ने 17 फरवरी को नया डेथ वारंट जारी किए जाने की मांग वाली याचिका पर यह फैसला दिया. यह मामला दिसंबर 2012 में राष्ट्रीय राजधानी में 23 वर्षीय एक महिला के साथ दुष्कर्म और हत्या से जुड़ा हुआ है.
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Nirbhaya Case News: Convicts petitions rejected by Delhi court, day before hanging - निर्भया मामला- सभी दोषियों की फांसी बरकरार, कोर्ट ने खारिज की याचिका
Nirbhaya Case News: Convicts petitions rejected by Delhi court, day before hanging – निर्भया मामला- सभी दोषियों की फांसी बरकरार, कोर्ट ने खारिज की याचिका
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नई दिल्ली:
Nirbhaya Case Upade: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के सभी दोषियों को याचिका खारिज कर दी है. निर्भया के दोषियों को कल सुबह साढ़े 5 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा. इससे पहले निर्भया में दोषी मुकेशकी आखिरी चाल भी काम नहीं आई. सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया. सुप्री��� कोर्ट ने कहा कि दोषी अपने सारे कानून उपचारों का इस्तेमाल कर चुका है. बता दें, उसने सुप्रीम…
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निर्भया केस: डेथ वारंट जारी होने के बाद भी दोषियों की फांसी में क्या फिरसेगा पेंच? सजा पर अमल को लेकर संशय बरकरार
निर्भया केस: डेथ वारंट जारी होने के बाद भी दोषियों की फांसी में क्या फिरसेगा पेंच? सजा पर अमल को लेकर संशय बरकरार
नई दिल्ली:
निर्भया केस: निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों का नया डेथ वारंट जारी कर दिया है। नए डेथ संस्करण के अनुसार सभी दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी गईदी होगी। इससे पहले दो बार दोषियों का डेथ वारंट जारी किया जा चुका है। सबसे पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख मुकर्रर ��ुई थी। दूसरी बार 1 फरवरी को फांसी की तारीख तय की गई थी। हालांकि दोषियों के…
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#Asha Devi#nirbhaya case#nirbhaya case death warrant#Nirbhaya Mother Reaction#nirbhaya Rape And Murder case#अमल#आशा देवी#क#कय#कस#जर#डथ#दषय#नरभय#निर्भया की मां का रिएक्शन#निर्भया केस#निर्भया डेथ वारंट#निर्भया मामला#पच#पर#फरसग#फस#बद#बरकरर#भ#म#लकर#वरट#सज#सशय
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निर्भया मामला : चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह दे दी जाएगी फांसी
निर्भया मामला : चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह दे दी जाएगी फांसी
ग्राउंड रिपोर्ट । न्यूज़ डेस्क
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने वर्ष 2012 में दिल्ली में हुए सनसनीखेज निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले के चार दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी किया है। चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सा�� बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा। दोषियों के खिलाफ मृत्यु वारंट जारी करने वाले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने फांसी देने के आदेश की घोषणा की है।
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सेक्स एडिक्ट और हार्डकोर क्रिमिनल है ट्रेनी डॉक्टर का हत्यारा संजय रॉय, कई महिलाओं की कर चुका है बर्बाद; जानें पूरी कुंडली
West Bengal Crime News: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में डॉक्टर से दरिंदगी का मामला पूरे देश में ��ाया है। आरोपी संजय रॉय ने नाइट शिफ्ट में काम कर रही महिला डॉक्टर से दरिंदगी की। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में निर्भया जैसा मामला सामने आने के बाद पूरा देश गुस्से में है। आरोपी ने लाश पर कपड़े तक नहीं छोड़े। चेहरे से लेकर पांव तक हर जगह जख्म थे। प्राइवेट पार्ट बुरी तरह कुचला था। लाश देखकर ही अंदाजा लग…
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दिल्ली की लड़की के साथ निर्भया जैसी घटना, दो दिन बाद 5 लोगों को किया बेरहमी से प्रताड़ित
दिल्ली की लड़की के साथ निर्भया जैसी घटना, दो दिन बाद 5 लोगों को किया बेरहमी से प्रताड़ित
गाजियाबाद: दिल्ली में एक बार फिर निर्भया कांड जैसा मामला सामने आया है. संपत्ति विवाद में दिल्ली की एक महिला का अपहरण कर लिया गया, जिसके बाद उसे गाजियाबाद ले जाकर 2 दिन तक सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इतना ही नहीं पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड भी डाली गई थी। फिलहाल पीड़िता की हालत बेहद नाजुक है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना…
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फांसी टलवाने के लिए सभी हथकंडे आजमा रहे निर्भया के दोषी, अब अपनाया यह पैंतरा
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फांसी टलवाने के लिए सभी हथकंडे आजमा रहे निर्भया के दोषी, अब अपनाया यह पैंतरा
निर्भया गैंगरेप में चारों मुजरिमों को अदालत के आदेश के अनुसार एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर चढ़ाया जाना है
निर्भया गैंगरेप में चारों मुजरिमों को अदालत के आदेश के अनुसार एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर चढ़ाया जाना है
News18Hindi
Last Updated: January 25, 2020, 9:14 AM IST
नई दिल्ली. निर्भया दुष्कर्म मामले (Nirabhaya Case) के चार में तीन दोषियों विनय, पवन और अक्षय ठाकुर के वकील ए. पी. सिंह (AP Singh) ने शुक्रवार को फिर दिल्ली की एक अदालत का रुख किया है. सिंह ने याचिका दायर कर कहा है कि तिहाड़ जेल प्रशासन (Tihar Jail) ने अब तक उन्हें संबंधित कागजात उपलब्ध नहीं कराए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि निर्भया के दोषी फांसी से बचने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपनाने में लगे हैं.
समाचार एजेंसी IANS के अनुसार दोषियों के वकील ने अदालत में कहा कि जेल प्रशासन को कागजात प्रदान कराने संबंधी निर्देश जारी किए जाएं, जिससे वह फांसी की सजा पाए दोषियों को शेष कानूनी उपचार (क्यूरिटिव पिटिशन और मर्सी पिटिशन) उपलब्ध करा सके.
अदालत से कहा- तत्काल दें आदेश सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) के समक्ष दायर की गई अपनी याचिका में विनय शर्मा की दया याचिका दायर करने और विनय शर्मा, पवन कुमार गुप्ता व अक्षय कुमार सिंह के लिए दस्तावेजों के अनुरोध के संबंध में अदालत के तत्काल आदेशों की मांग की.रिपोर्ट के अनुसार दोषियों के आवेदन में कहा गया, ‘कई अनुरोधों के बावजूद विनय शर्मा को दोषी ठहराने से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. अब दोषियों पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर के लिए इसी तरह के दस्तावेज संबंधित जेलों के अधीक्षकों से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाने चाहिए.’
1 ने लगा ली थी फांसी, 1 निकला नाबालिग, 4 होनी है फांसी बता दें अदालत ने हाल ही में दोषियों के खिलाफ मौत का वारंट जारी किया था और उन्हें एक फरवरी को फांसी दिए जाने की तारीख तय की थी. बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के सा�� बेरहमी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी.इस रेपकांड में छह लोग शामिल थे, जिसमें राम सिंह ने जेल में फांसी लगा ली थी, जबकि एक नाबालिग सजा पूरी कर चुका है. वहीं चार अन्य दोषियों को निचली अदालत, दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट भी फांसी की सजा सुना चुका है.
यह भी पढ़ें: निर्भया कांड : कानून व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं मुजरिमों के वकील-मनीष सिसोदिया
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First published: January 25, 2020, 9:13 AM IST
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Nirbhaya Case convict Mukesh Singh blames Vrinda Grover ask legel remedies to resume - निर्भया के दोषी मुकेश सिंह की नई चाल, फांसी टालने के लिए अपनी वकील पर लगाया ये आरोप
Nirbhaya Case convict Mukesh Singh blames Vrinda Grover ask legel remedies to resume – निर्भया के दोषी मुकेश सिंह की नई चाल, फांसी टालने के लिए अपनी वकील पर लगाया ये आरोप
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नई दिल्ली:
निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले (Nirbhaya Case) के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह (Mukesh Singh) ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपने कानूनी उपाय बहाल करने का अनुरोध किया है. दोषी का आरोप है कि उसके वकील ने उसे गुमराह किया था. वकील मनोहर लाल शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश सिंह ने आरोप लगाया है कि केन्द्र, दिल्ली सरकार और न्याय मित्र की…
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निर्भया केस: दिल्ली की अदालत ने दोषियों का नया डेथ वारंट जारी किया, 3 मार्च को सुबह 6 बजे दी जाएगी
निर्भया केस: दिल्ली की अदालत ने दोषियों का नया डेथ वारंट जारी किया, 3 मार्च को सुबह 6 बजे दी जाएगी
नई दिल्ली:
निर्भया केस: निर्भया रेप और मर्डर केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों का नया डेथ वारंट जारी कर दिया है। नए डेथ वारंट के अनुसार अब सभी दोषों को 3 मार्च को सुबह 6 बजे से फांसी दी जाएगी। पहले से दो बार दोषियों का डेथ वारंट जारीकिया जा रहा है। सबसे पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख मुकर्रर हुई थी। दूसरी बार 1 फरवरी को फांसी की तारीख तय की गई थी। हालांकि दोषियों के वकील ने…
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'मकबरे का रखवाला' ने किया हालत पर चोट, 'द लास्ट नाइट' ने उठाए पूंजीवादी पर सवाल Divya Sandesh
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'मकबरे का रखवाला' ने किया हालत पर चोट, 'द लास्ट नाइट' ने उठाए पूंजीवादी पर सवाल
बेगूसराय। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि बेगूसराय में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रायोजित आठवां आशीर्वाद राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव नित नई व्यवस्थाओं पर चोट कर समाज को सजग करने का प्रयास कर रहा है। महोत्सव के चौथे दिन बुधवार की रात दो नाटकों का मंचन किया गया। जिसमें ‘मकबरे का रखवाला’ ने व्यवस्था और समाजिक हालतों पर चोट किया, तो ‘द लास्ट नाइट’ ने पूंजीवादी व्यवस्था के मुख्य सिद्धांत पर सवाल उठाए।
जर्मन नाटककार फ्रांज काफ्का ने ‘मकबरे का रखवाला’ में अपनी दूसरी कृतियों की तरह ही मनुष्य और उसके अतीत के उलझे हुए रिश्तों को नए आलोक में उद्घाटित करने का प्रयास किया है। मकबरे के रूप में निर्देशक ने पूरे देश, पूरे तंत्र और सामाजिक जीवन को रखा है, जबकि रखवाला के रूप में देशवासी को। नाटक में दिखाया गया कि सोशल मीडिया का क्या दुष्प्रभाव है। फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप एवं गूगल आदि के माध्यम से लड़कियों को बरगलाया-फंसाया जाता है। जिस्म को नोचना ही प्यार समझा जाता है।
श्मशान में भी भ्रष्टाचार है। सेल्फी के चक्कर में लोग सेल्फिश हो गए हैं। किसानों और शिक्षकों के आंदोलन के कारण लोग मर रहे हैं। आयुष्मान कार्ड जीवन बचाने का अच्छा जरिया है। नाटक ने सत्ता की अंदर के करप्शन को भी उजागर किया है। एक बुजुर्ग रखवाला को राजा अपने बुजुर्गों के मकबरा के देखभाल की जिम्मेदारी देता है। लेकिन राजा का मंत्री उसके खर्च को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा देता है। आज सरकार में हो रहा है 50 साल पर रिटायरमेंट, उसी तरह से रखवाला को रिटायर करने की साजिश की जाती है। लेकिन सच्चाई जानने के बाद राजा उस रखवाला को रखवाला-ए-��जम की उपाधी देता है और उसकी मृत्यु होने पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करता है।
इसमें बताया गया कि संसद में नियम भी हम ही बनाते हैं और नियम तोड़ते भी हम भी हैं। देशभर में दुष्कर्म की घटनाओं को भी प्रस्तुत किया गया है कि लड़कियों को जिस्म के लिए प्यार के जाल में फंसाया कैसे जाता है। प्यार अब प्यार नहीं, वासना का खेल रह गया है। लोग प्यार करते हैं, रेप करते हैं, नियम बनाते भी हैं और तोड़ते भी हैं। निर्भया कांड के बाद सरकार ने नियम बनाया, इसके बावजूद दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है, इस पर चोट किया गया है। दिखाया गया है कि लड़कियां प्यार के जाल में कैसे फंसती है और वह प्यार ओरिजिनल नहीं सिर्फ जिस्म के लिए होता है।
यह खबर भी पढ़ें: अनोखा मामला: उड़ते प्लेन में महिला यात्री ने दिया नवजात बच्ची को जन्म, मां-बेटी दोनों सुरक्षित
चार प्रेत ने दिखाया है कि प्यार कैसे किया जाता है। पहले फूल देकर फंसाया जाता है, नहीं मानने पर दुष्कर्म किया जाता है और दुष्कर्म कर मरणासन्न कर दिया जाता है। किसानों और शिक्षकों के आंदोलन के कारण एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिलता है। अस्पताल ले जाए जाने पर पूछा जाता है कि आयुष्मान कार्ड है क्या और इन्हीं सारे हालतों के बीच लड़की की मौत हो जाती है। फ्रांज काफ्का लिखित तथा उदयन वाजपेयी एवं संगीता गुंदेचा द्वारा हिंदी रूपांतरित नाटक का निर्देशन किया हैदराबाद नाट्य विद्यालय से पास आउट आशीर्वाद रंगमंडल बेगूसराय के सचिव अमित रौशन ने।
इसके बाद शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) के एम.एल. रामानंद थिएटर फाउंडेशन द्वारा आर.पी.डी. सोती (रमापति सोती) केेे निर्देशन में श्रिरंगम श्रीनिवास राउ लिखित द लास्ट नाईट का मंचन किया गया। द लास्ट नाईट (चर्म रात्रि) में नाटककार ने पूंजीवादी व्यवस्था के मुख्य सिद्धांत पर सवाल उठाया है, जिसके कारण दो विश्व युद्ध हो चुके हैं। नाटककार ने पूरी खुशी के साथ अपने लिए काम करने के मानवीय आदर्श को दर्शाया है। जहां काम का फल सभी मनुष्यों के बीच वितरित किया जाता है। लेकिन युद्ध और पूंजीवादी समाज ने उसे सपने देखने वाले और भटकाने वाले के रूप में बदल दिया।
कहानी पृथ्वी, नर्क और स्वर्ग के बीच चलती है। इसमें नाटककार ने अपने प्राथमिक स्रोतों को दांते, काफ्का और स्थानीय नाटककार गुरुजादा से लिया है। वेतन आत्महत्या के मुद्दे को पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ विरोध के रूप में पेश किया गया था। जीवन और मृत्यु दोनों को रूपक और दार्शनिक के रूप से समझाने का प्रयास करता दिखाई। आदर्शवाद द्वंदात्मक और भौतिकवाद के बीच संदेश को व्यक्त करने के लिए नाटकीय मंच के माध्यम से नाटक के परिवर्तन को दिखाया गया व्यक्ति और सामाजिक प्राणी के रूप में। लाइट श्रीकांत वर्मा, साउंड अभिषेक सिंह एवं स्टेज मैनेजमेंट किया अंकित सक्सेना का था।
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🚩पानी तो केवल बहाना है, मंदिर असली निशाना है...
17 मार्च 2021
🚩साल 2018 शुरू होते ही माहौल बनाया जाने लगा था कि मंदिरों में बलात्कार होते हैं क्योंकि जम्मू के कठुआ में एक मामले में मंदिर के पुजारी और उसके बेटे-भतीजे पर एक 8 साल की लड़की के रेप का आरोप लगा। हालाँकि, इस केस का एक आरोपित विशाल जंगोत्रा निर्दोष पाया गया। ग्रामीणों का कहना था कि लड़की के अपहरण के बाद मंदिर में छिपाया ही नहीं जा सकता। लेकिन, तब तक मंदिरों को बदनाम करने वाले इस काम में आगे निकल चुके थे।
🚩हाल ही में मायावती की अनधिकृत बायोपिक कही जा रही फिल्म ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ में ऋचा चड्ढा के मुख्य किरदार के माध्यम से दिखाया गया है कि मंदिरों में दलितों को प्रवेश नहीं दिया जाता है।अब जब देश के लाखों मंदिर बर्बाद हो चुके हैं, कइयों की मरम्मत के लिए रुपए नहीं हैं और जिनके पास हैं वो सरकार के पास चले जाते हैं – वामपंथी-इस्लामी गठजोड़ ने बचे-खुचे मंदिरों को बदनाम करने का ठेका ले लिया है।
🚩बस यही ‘सॉरी आसिफ’ प्रकरण का सार है। बच्चे की जिस तरह से पिटाई की गई, उसका कोई समर्थन नहीं कर सकता। उसे डाँट कर वहाँ से भगाया जा सकता था या फिर पुलिस को सूचित किया जा सकता था। दो लोगों ने उसकी पिटाई कर दी और वीडियो वायरल हो गया। मामला गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर का है। वीडियो वायरल होने के बाद स्वरा भास्कर सरीखे सेलेब्रिटीज ने इस ट्रेंड में भागीदारी सुनिश्चित की।
🚩कठुआ वाले मामले के बाद भगवान शिव के त्रिशूल पर कंडोम की तस्वीर बना कर व��यरल किया गया था। अबकी बाबासाहब भीमराव आंबेडकर द्वारा एक बच्चे को चुल्लू से पानी पिलाने की तस्वीर वायरल कर लिखा गया कि यहाँ पानी पीने का संघर्ष पुराना है। इसकी तुलना कथित जमींदारी प्रथा से कर के दलितों को हिन्दुओं से अलग दिखा कर मुस्लिमों के साथ उनकी एकता प्रदर्शित की है। ‘भीम आर्मी’ जैसे दलों के नेता आसिफ से मिलने पहुँचने लगे।
🚩‘भीम आर्मी’ वाले मीडिया के सामने आकर बोलने लगे कि दलितों का मंदिरों में प्रवेश पहले से ही वर्जित है। जबकि वहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि नाबालिग आसिफ मंदिर के भीतर पानी पीने क्यों आया जब बाहर आसपास कई नल थे? मंदिर में कई बार डकैती हो चुकी है। एक हिन्दू नेता की हत्या हो गई थी। एक महंत को जान की धमकी मिलती रहती है। ऐसे में एक मुस्लिमों के प्रभाव वाले इलाके में एक भी ऐसी मस्जिद नहीं थी, जहाँ आसिफ पानी पी पाता?
🚩मंदिर में आने के कुछ तय नियम-कानून होते हैं। वहाँ लोग स्नान करने के बाद भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं। मंदिर प्रशासन के कायदों के हिसाब से चीजें होती हैं। क्या कल को आसिफ को शौच लग जाए तो वो किसी दूसरे मजहब या धर्म के पवित्र स्थल में कर देगा और बाद में इसे ‘स्वच्छ भारत’ से जोड़ दिया जाएगा? आसिफ को अगर किसी ने भेजा था, तो उसका पता लगाया जाना चाहिए।
एक नाबालिग के नाम पर राजनीति नई नहीं है। शाहीन बाग़ आंदोलन के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरफ लोगों का ध्यान दिलाया भी था कि कैसे पुरुष खुद रजाई में सो रहे हैं और महिलाओं को सड़क पर भेज दिया गया है। बिलकिस दादी से लेकर कई महिलाओं की तस्वीरें वायरल की गईं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसी तस्वीरें बिकती हैं। महिलाओं, खासकर बुजुर्गों, के नाम पर सहानुभूति आती है।
🚩JNU में ऐसे ही एक दिव्यांग छात्र को आगे कर के पोस्टर बॉय बना दिया गया था और उसके बहाने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा गया था। हाल ही में हजारीबाग की तस्वीर वायरल हुई, जहाँ करीब एक दर्जन बच्चों को सड़क पर नमाज पढ़ने भेज दिया गया और उनका स्पीड ब्रेकर की तरह उपयोग किया गया। बसों से लेकर बाइक्स तक रुके रहे। अगर बच्चों की गलती नहीं है तो उन्हें आगे कर के कौन प्रोपेगंडा की फसल काटना चाह रहा है?
🚩आखिर क्यों सॉरी आसिफ? ये बात उसके अम्मी-अब्बू कहें, जिन्होंने उसे सिखाया नहीं कि मंदिर में बिना मतलब घुस कर क��छ भी नहीं शुरू कर देते। ये बात वहाँ का मुस्लिम समाज कहे जिन्होंने मस्जिदों में पानी पीने की व्यवस्था नहीं की। अगर की, तो आसिफ को बताया नहीं। आसिफ को सॉरी वो सेलेब्रिटीज बोलें, जिन्हें लगता है कि मंदिरों ने उनकी कमाई खा ली है और उन्हें वही सब करना चाहिए, जैसा बॉलीवुड के लोग चाहते हैं।
🚩हिन्दू शर्मिंदा नहीं होगा क्योंकि ये मामले प्यास और पानी से जुड़ा ही नहीं हुआ है। हिन्दू सॉरी इसीलिए नहीं बोलेंगे, क्योंकि कश्मीर में उनके नरसंहार के बाद भी बॉलीवुड का एक डायरेक्टर कहता है कि अपना नरसंहार करने वालों को ही सॉरी बोलो। हिन्दुओं को कोई सॉरी बोलने को इसीलिए न कहे, क्योंकि डासना में जो हुआ वो एक स्थानीय मारपीट थी जिसे सांप्रदायिक रंग देकर मंदिर को बदनाम करने वाला नैरेटिव गढ़ा गया।
🚩उस मंदिर में अक्सर मुस्लिम समाज के लोग आते हैं और हिन्दू बहू-बेटियों के साथ छेड़खानी करते हैं – ऐसा वहाँ के स्थानीय लोगों और महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का भी कहना है। जब निर्भया मामले में एक नाबालिग बलात्कार कर सकता है तो फिर क्या जहाँ इस तरह की घटनाएँ आम हैं, वहाँ के लोग ऐसे किसी लड़के पर उसकी हरकतों को देख कर शक नहीं कर सकते? 15 साल का लड़का पढ़ा-लिखा भले न हो, उसे आसपास की समझ तो होती है।
🚩दोनों पक्षों के सामने आने से पहले ही ‘सॉरी आसिफ’ ट्रेंड होने लगता है, मीडिया उसका इंटरव्यू लेने लग जाता है, ‘भीम आर्मी’ उसके घर पहुँच जाती है और मंदिरों के विरोध में प्रोपेगंडा फैलाया जाता है – क्या ये सब कुछ ही देर में अचानक हो गया? इस पूरे प्रकरण में दूसरे पक्ष की एक ही गलती है कि उसने लड़के की पटाई की। ये नहीं होना चाहिए था। जैसा कि महंत यति ने सवाल पूछा – मंदिरों में डकैती होती थी तब वामपंथी मीडिया पोर्टल्स कहाँ थे?
🚩ऐसे कृत्यों से सांप्रदायिक तनाव बढ़ता है। राम मंदिर को उन्होंने घृणा का प्रतीक साबित करने की लाख कोशिशें की, लेकिन जनभावनाओं के आगे सफल नहीं हो पाए। इसीलिए, अब किसी भी मंदिर, संत या हिन्दू एक्टिविस्ट को लेकर पूरे समुदाय को शर्मिंदा महसूस करने का ज्ञान दिया जा रहा है। नहीं, हिन्दू सॉरी नहीं बोलेगा। हिन्दू समुदाय शर्मिंदा नहीं है। आसिफ को उसके परिवार और मुस्लिम समाज सॉरी कहे, जिन्होंने उसे सिखाया नहीं कि मंदिर के नियम-कायदे क्या होते हैं।
https://twitter.com/OpIndia_in/status/1372012311435644928?s=19
🚩सैकड़ो मंदिरों का नियंत्रण सरकार के हाथ में है, और कुछ मंदिर व आश्रम बचे हैं, वे भी सरकार के पास चले जाएं और हिंदू समाज पूरी दुनिया में ��दनाम हो इसके लिए साधू-संतों व मदिरों पर षडयंत्र किये जा रहे हैं। उसके लिए हिंदुस्तानी सावधान रहें।
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