#नितिन गडकरी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया
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mwsnewshindi · 2 years ago
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पद जाता तो सब खत्म हो जाता, सीएम भी बन जाते हैं पूर्व सीएम... नितिन गडकरी किसकी तरफ इशारा कर रहे हैं?
पद जाता तो सब खत्म हो जाता, सीएम भी बन जाते हैं पूर्व सीएम… नितिन गडकरी किसकी तरफ इशारा कर रहे हैं?
जबलपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari news) बेबाकी से अपनी बात रखते हैं. वह इशारों में बहुत कुछ कहता है। जबलपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने खुलकर अपनी राय रखी है. वह भगवतीधर वाजपेयी की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। नितिन गडकर पुराने दिनों को याद करते हुए बोल रहे थे। गडकरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि यही एकमात्र पद है जो पहले कभी नहीं…
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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दिग्विजय सिंह के एक ट्वीट से शुरू हुआ MP में पॉलिटिकल ड्रामा, जानें सियासी संग्राम के बारे में सबकुछ
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चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्य प्रदेश में चल रहा सियासी संकट बढ़ता ही जा रहा है। मार्च की शुरुआत से शुरू हुए इस हंगामे ने अब बड़ा रूप ले लिया है। बता दें मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा दिग्विजय सिंह के ट्वीट के साथ शुरू हुआ था। दिग्विजय ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए और कहा कि, 'कांग्रेस विधायकों को दिल्ली ले जाया गया।' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दिग्विजय सिंह के ट्वीट से शुरू हुआ ड्रामा  इस हाई प्रोफाइल ड्रामे की शुरुआत दिग्विजय के महिला विधायक को लेकर एक ट्वीट से हु��। 3 मार्च को बसपा की महिला विधायक रामबाई को लेकर दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट के जरिए शिवराज सिंह चौहान से पूछा था कि, 'आपके नेता बसपा विधायक रामबाई को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले गए हैं या नहीं?' इसके बाद यह बात सामने आई कि कांग्रेस के कई विधायक गायब हैं और भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। शिवराज ने दिया जवाब  दिग्विजय सिंह के ट्वीट का शिवराज सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि, 'मुख्यमंत्री कमलनाथ को ब्लैकमेल करने के इरादे से दिग्विजय सिंह ऐसे आरोप लगा रहे हैं। यह उनकी आदत रही है। उनके कुछ काम नहीं हो रहे होंगे, इसलिए अपना महत्व बताने के लिए वे इस तरह की बातें कर रहे है��।' हरियाणा और बेंगलुरु में मिले बागी विधायक  3 और 4 मार्च की दरमियानी रात को हरियाणा से यह खबर सामने आई कि आईटीसी ग्रांड मानेसर होटल में कांग्रेस के चार, बसपा के दो और एक अन्य विधायक ठहरे हुए हैं। इसके अलावा कुछ विधायक बेंगलुरू में ठहरे हैं। जैसे ही इस बात की भनक मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगी तो वे हरकत में आ गए और अपने चार मंत्रियों को हरियाणा भेजा। वहां खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस या उसको समर्थन दे रहे कुल 8 विधायकों के बागी होने की सूचना। होली पर सिंधिया का इस्तीफा  फिर कांग्रेस को यह बात पता चली कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक 19 विधायक अपनी ही सरकार से नाराज हैं। वे सभी बेंगलुरु में हैं। इसके बाद कांग्रेस ने सिंधिया को मनाने की कोशिश करना शुरू कर दी। इस सियासी घमासान का सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब होली के दिन कांग्रेस के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ सिंधिया समर्थक 6 मंत्री और 13 विधायकों ने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया। वहीं भोपाल में 2 और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद कमलनाथ सरकार संकट में आ गई। 11 मार्च को हुई कांग्रेस-भाजपा की बैठक  11 मार्च को भोपाल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में सिर्फ 93 विधायक ही पहुंचे। इससे साफ हो गया कि कमलनाथ सरकार संकट में है। फिर उसी समय दिल्ली में भाजपा चुनाव समिति की बैठक हुई, जिसमें पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी समेत सभी बड़े नेता शामिल हुए। सिंधिया भाजपा में हुए शामिल  फिर 11 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया आखिरकार दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में भाजपा में शामिल हो गए। सदस्यता ग्रहण करने के बाद सिंधिया ने पीएम मोदी और अमित शाह की तारीफ की। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के कुछ ही घंटों बाद पार्टी ने सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया। कांग्रेस विधायकों को जयप��र भेजा  बैठक के बाद 11 मार्च की रात भाजपा ने अपने विधायकों को दिल्ली तो कांग्रेस ने जयपुर रवाना कर दिया। इस दौरान कांग्रेस लगातार यह दावा कर रही थी कि कमलनाथ सरकार पर कोई संकट नहीं है। सभी विधायक साथ हैं। राज्यसभा के लिए सिंधिया का नामांकन  12 मार्च को सिंधिया भोपाल पहुंचे तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। उन्हों एयरपोर्ट से भाजपा कार्यालय तक रोड शो भी निकाला। मुख्यालय पहुंचकर सिंधिया ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। राज्यपाल ने दिया फ्लोर टेस्ट का आदेश  14 मार्च की देर रात राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखकर कहा कि, 'उन्हें पूरी तरह भरोसा हो गया है कि सरकार अल्पमत में है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्वयक हो गया है कि दिनांक 16 मार्च 2020 को मेरे अभिभाषण के तत्काल बाद आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें।' 6 मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर  बता दें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में ठहरे हैं। इनमें 6 मंत्री भी शामिल हैं। इन सभी 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभाध्यक्ष एन पी प्रजापति ने छह विधायक जो राज्य मंत्री भी थे उनके इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। बीजेपी-कांग्रेस के सभी विधायक भोपाल आए   16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। इससे पहले रविवार देर रात करीब 2 बजे मानेसर (गुरुग्राम) भेजे गए करीब 100 से ज्यादा बीजेपी विधायक वापस भोपाल लौट आए हैं। वहीं जयपुर में ठहरे कांग्रेस के 85 विधायक भी रविवार को भोपाल पहुंच गए हैं। ये सभी विधायक सोमवार को सदन की कार्यवाही में हिस्साह लेंगे। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ठहरे उनके खेमे के 22 विधायक भी सोमवार सुबह भोपाल पहुंच सकते हैं। कांग्रेस फ्लोर टेस्ट से भाग रही- शिवराज  15 मार्च की देर रात तक गहमागहमी जारी रही। सीएम कमलनाथ ने रविवार रात राज्यपाल टंडन से मुलाकात की। इसके बाद कमलनाथ ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का फैसला विधानसभा अध्यक्ष लेंगे। इधर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, सरकार फ्लोर टेस्ट से भागे नहीं और फ्लोर टेस्ट करवाए। विधानसभा सत्र स्थगित सोमवार को विधानसभा में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट (शक्ति परीक्षण) होना था लेकिन अब विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है। राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने अभिभाषण में विधायकों से नियम का पालन करने को कहा। मप्र विधानसभा का गणित  बता दें मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली हैं, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद यह संख्या 222 हो गई है। बीजेपी का अंक गणित बीजेपी के पक्ष में 7 निर्दलीय विधायक आ जाएं तो संख्या 107+7=114 ��हुमत 112 से दो ज्यादा। यदि कांग्रेस के सभी बागी बीजेपी के साथ चले जाते हैं तो इनकी संख्या 107+16 =123 हो जाएगी। कांग्रेस का अंक गणित यदि कांग्रेस के साथ 7 निर्दलीय आते हैं तो सरकार की संख्या 92+7=99 होगी। यदि बीजेपी के दो विधायक कमलनाथ सरकार का साथ देते हैं तो आंकड़ा 99+2=101 हो जाएगा। यदि 16 बागी विधायकों में से 5 या 6 वापस आते हैं तो भी सरकार 107 की संख्या तक पहुंच जाएगी। ये भी पढ़े... मप्र: राज्यपाल का निर्देश- 16 मार्च को बहुमत साबित करे कमलनाथ सरकार, 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर मप्र: राज्यपाल से मिले सीएम कमलनाथ, कहा- फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहले हमारे बंधक विधायकों को मुक्त कराएं संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित   Read the full article
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vsplusonline · 5 years ago
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Delhi Election Results: वो 10 बड़े चेहरे जिन पर लड़ा गया दिल्ली चुनाव - Delhi vidhan sabha election 10 leaders to know about delhi assembly election campaign
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Delhi Election Results: वो 10 बड़े चेहरे जिन पर लड़ा गया दिल्ली चुनाव - Delhi vidhan sabha election 10 leaders to know about delhi assembly election campaign
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मंगलवार को आएंगे दिल्ली चुनाव के नतीजे
AAP और बीजेपी का अपनी जीत का दावा
दिल्ली चुनाव के नतीजे मंगलवार (11 फरवरी) को आएंगे. चुनाव आयोग ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं. स्ट्रॉन्ग रूम में जहां इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) रखी गई हैं, वहां सुरक्षा बलों की निगरानी सख्त है. इन जगहों पर आम आदमी पार्टी ने अपने कुछ वॉलन्टियर भी बिठाए हैं. उसे शक है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनाव जीतने के लिए मशीनों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है. हालांकि एग्जिट पोल आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत की ओर इशारा कर रहे हैं लेकिन बीजेपी भी अपनी जीत का दावा कर रही है.
कुछ विवादित बयानों से उपजे हंगामे को छोड़ दें तो दिल्ली का चुनाव शांतिपूर्ण बीत गया. अब सबकी निगाहें वोटों की काउंटिंग पर हैं. इस ��ूरे चुनाव प्रचार पर नजर डालें तो पाएंगे कि दिल्ली में 10 ऐसे अहम चेहरे रहे, जिनके इर्द-गिर्द चुनाव लड़े गए. इन्हीं चेहरों के आसपास चुनावी माहौल भी बना रहा. इन 10 चेहरों में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मनोज तिवारी, परवेश वर्मा-अनुराग ठाकुर, योगी आदित्यनाथ, अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, प्रियंका गांधी और नीतीश कुमार के नाम हैं जिन्होंने अपने प्रचार से लोगों को बांधे रखा.
नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार करते दिखे. हालांकि शुरू में उनकी केवल एक रैली हुई लेकिन बजट बाद वे प्रचार में सक्रिय दिखे. बीजेपी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी दौर में चुनाव प्रचार करने मैदान में उतरे. नरेंद्र मोदी ने दिल्ली चुनाव में दो दिन प्रचार किया, तीन फरवरी को पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में रैली की और 4 फरवरी को पश्चिमी दिल्ली के द्वारका में रैली की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका में चुनावी सभा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली के लिए विशेष तौर पर किए गए कामों को गिनाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली और सुंदर बने, यहां के लोगों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिले, वह इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. पीएम मोदी ने 1700 से अधिक अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री शुरू कराने सहित कई कार्यों का उल्लेख किया.
अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 13 दिन तक प्रचार अभियान में हिस्सा लिया. उन्होंने 13 दिनों में 33 सभाएं और 8 रोड शो किए, जबकि बीजेपी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने तकरीबन 54 सभाओं और रोड शो में भाग लिया. आखिरी दो हफ्तों में बीजेपी के चुनाव प्रचार अभियान की कमान पूरी तरह से अमित शाह ने अपनी हाथ में ले ली. 23 जनवरी से 6 फरवरी के बीच शाह ने दिल्ली में 13 दिन प्रचार किया और कुल मिलाकर 53 सभा व रोड शो किए. अमित शाह ने एक दिन एक कार्यकर्ता के घर डिनर किया. उन्होंने पैदल घर-घर जाकर वोट मांगे और तालकटोरा में बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया.
योगी आदित्यनाथ
शाहीन बाग के मुद्दे को भुनाने के लिए बीजेपी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी आखिरी वक्त में चुनाव प्रचार अभियान में उतारा. योगी आदित्यनाथ ने एक फरवरी से चार फरवरी तक चार दिन दिल्ली में प्रचार किया. योगी ने कुल 12 रैलियों को संबोधित किया. योगी ने ज्यादातर उन सीटों पर प्रचार किया जहां पूर्वांचल के वोटर बड़ी तादाद में हैं. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पांच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में 12 सभाओं को संबोधित किया.
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मनोज तिवारी
बीजेपी ने अपने सभी बड़े चेहरों को चुनाव-प्रचार में उतारा था. केंद्रीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक और सांसदों से लेकर विधायकों तक ने दिल्ली के चुनावी अखाड़े में पार्टी के लिए वोट मांगे, लेकिन इस सब से इतर दिल्ली में बीजेपी से जुड़े कई भोजपुरी सिनेमा स्टार भी सघन चुनाव प्रचार करते दिखे. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी खुद भी भोजपुरी फिल्मों में अभिनय और गायन कर चुके हैं. बतौर अध्यक्ष तिवारी की सभाएं यूं तो दिल्ली के सभी इलाकों में होनी चाहिए थी, लेकिन उनका भी फोकस ज्यादातर दिल्ली के पूर्वाचली बहुल इलाकों में रहा. इन इलाकों में तिवारी ने 40 से ज्यादा सभाएं की हैं. दिल्ली में 30 से 32 फीसदी तक मतदाता पूर्वाचली हैं, जो 25 सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में हैं. यही वजह है कि बीजेपी इन वोटरों को अपने पाले में लाने की कोशिश करती दिखी.
परवेश वर्मा-अनुराग ठाकुर
बीजेपी के ये दोनों नेता अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे. यहां तक कि चुनाव आयोग को इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी और इन्हें चुनाव प्रचार से भी दूर रहना पड़ा. परवेश वर्मा ने कहा, “मैं केजरीवाल को एक आतंकवादी कह रहा हूं, क्योंकि वह दिल्ली के लोगों को बंदूक पकड़ा रहे हैं. वह आप कार्यकर्ताओं को पैसे दे रहे हैं और उन्हें भड़काकर गोली चलवा रहे हैं. मैं लोगों से विकास के लिए मतदान करने की अपील करता हूं लेकिन आप दिल्ली में दंगा करवाना चाहती है. वे सभी मुस्लिमों के वोट लेना चाहते हैं.” कुछ इसी तरह का बयान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिया. प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक जनसभा में नारेबाजी करवाई थी. अनुराग ठाकुर ने ‘देश के गद्दारों को…गोली मारो…’ के नारे लगवाए गए थे. इस पर चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई की. परवेश वर्मा ने शाहीन बाग की तुलना कश्मीर की स्थिति से की थी. उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि शाहीन बाग में जो लाखों लोग हैं वो एक दिन आपके घर में घुस जाएंगे, मां-बहनों का रेप करेंगे और लूटेंगे.
अरविंद केजरीवाल
��िल्ली में चुनावी घमासान के बाद अब सबकी नजरें नतीजों पर हैं. हर कोई मंगलवार की तरफ देख रहा है कि किसका मंगल होगा और इसमें भी सबसे ज्यादा नजरें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर टिकी हैं कि क्या वो दिल्ली में लगा पाएंगे अपनी ताजपोशी की हैट्रिक. आजतक-एक्सिस माई इंडिया का एग्जिट पोल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की धमाकेदार वापसी का संकेत दे रहा है. अगर ये एग्जिट पोल सही साबित हुए तो अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के सीएम बनेंगे. अगर अरविंद केजरीवाल एग्जिट पोल के आकलन के मुताबिक फिर से दिल्ली विजय कर लेते हैं तो उनकी शख्सियत में व्यापक इजाफा होगा.
संजय सिंह
एग्जिट पोल आने के बाद आम आदमी पार्टी काफी आश्वस्त है और उत्साहित है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि जितने भी एग्जिट पोल आए हैं उन सभी में आम आदमी पार्टी की जीत बयां की गई है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी. संजय सिंह का कहना है,  ‘आम आदमी पार्टी अपनी जीत के प्रति 100% आश्वस्त है. हम प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली में जीत रहे हैं. 2015 का रिकॉर्ड 2020 में दिल्ली की जनता तोड़ रही है.’ साथ ही संजय सिंह का कहना है कि दिल्ली की जनता ने विकास के मुद्दे पर वोट डाला है. बिजली पानी स्वास्थ्य शिक्षा इन्हीं मुद्दों को लेकर लोगों ने अरविंद केजरीवाल को जिताया है.
मनीष सिसोदिया
चुनाव में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी काफी एक्टिव नजर आए. हालांकि मुख्यमंत्री के तौर पर मात्र 2 फीसदी लोग ही उन्हें पसंद करते हैं. एग्जिट पोल से ये निष्कर्ष सामने आया है कि कई सीटों पर लोग आप विधायक से नाराज थे, लेकिन वे केजरीवाल की वजह से आम आदमी पार्टी को वोट देना चाहते हैं. आजतक-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के इस आंकड़ों के मुताबिक केजरीवाल को इस वक्त दिल्ली में सबसे ज्यादा 54 फीसदी लोग सीएम कैंडिडेट के रूप में देखना चाहते हैं. जबकि मात्र 2 फीसदी लोग मनीष सिसोदिया को बतौर सीएम देखना चाहते हैं.
प्रियंका गांधी-राहुल गांधी
कांग्रेस ने दिल्ली चुनावी की जंग जीतने के लिए शीला सरकार का सहारा लिया. कांग्रेस ने अपने चुनावी प्रचार में शीला दीक्षित सरकार के विकास कार्यों को लेकर फोकस किया, जिसके लिए उन्होंने ‘शीला वाली दिल्ली’ का टैगलाइन जारी किया. इसके अलावा चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने उतरकर रैली की और मोदी और केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा. साथ ही कांग्रेस ने मोदी सरकार पर संविधान पर हमला और समाज को बांटने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेताओं ने पार्टी का अच्छा खासा प्रचार किया लेकिन आजतक एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में कांग्रेस के हाथ खाली रहने के आसार दिख रहे हैं.
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नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में एनडीए के लिए प्रचार किया. नीतीश कुमार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा. दिल्ली के संगम विहार में एनडीए की साझा रैली को संबोधित करते हुए नीतीश ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि पांच साल में क्या किया? सड़क की हालत जर्जर क्यों है? स्वास्थ्य सेवा बदहाल क्यों हैं? उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल से सवाल किया, “दिल्ली की जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन आप सिर्फ झूठ बोलते रहे.” गौरतलब है कि दिल्ली चुनाव के बहाने बिहार की एनडीए पार्टियां एकजुटता दिखाने की कोशिश करती दिखीं. सभा में बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के अलावा राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी से पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी शिरकत की.
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khabarhimachal · 6 years ago
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काँगड़ा : पन्ना प्रमुख सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहुंचे काँगड़ा : पन्ना प्रमुख सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरीदोपहर क़रीब 2 बजे पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री सहित तमाम बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने नितिन गडकरी को किन्नौरी शॉल भेंट की, जबकि शांता कुमार ने उन्हें चंबा के रुमाल देकर वेलकम किया। सभी नेता मंच पर मौजूद हैं औऱ कार्यकर्ताओं को संबोधित किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, नितिन गडकरी कांगड़ा के गग्गल में उतरे, उसके बाद वाया रोड शाहपुर के लिए रवाना हुए। रैली को संबोधित करने के बाद नितिन गडकरी फॉरलेन का भी शिलान्यास करेंगे। हालांकि, उनका यहां आने का कार्यक्रम क़रीब 10 या 11 बजे का था, लेकिन मौसम में तबदीली के चलते उनके दौरे में लेटलतीफी देखने को मिली।
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biharkonnection · 4 years ago
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'सेवा ही संगठन' कार्यक्रम में पीएम मोदी वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग से कर रहें हैं बिहार के बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित
‘सेवा ही संगठन’ कार्यक्रम में पीएम मोदी वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग से कर रहें हैं बिहार के बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित
विधानसभा शुनावों का नजदीक आते ही अब पीएम मोदी भी बिहार की राजनीती में उतर रहे हैं। बता दें की पीएम मोदी ने ‘सेवा ही संगठन’ कार्यक्रम के तहत बिहार सम्बोधित किया है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी एवं पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। यह कार्यक्रम वर्चुअल हो रहा है और पार्टी के डिजिटल प्लेटफार्म पर इसका लाइव प्रसारण हो रहा है।
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chaitanyabharatnews · 6 years ago
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'चौकीदार चोर नहीं, दोबारा पीएम बनना श्योर है : राजनाथ सिंह
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चैतन्य भारत न्यूज गांधीनगर. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज लोकसभा चुनाव के लिए गांधीनगर से अपना नामांकन भरेंगे। नामांकन भरने से पहले अमित शाह ने अहमदाबाद में जनसभा को संबोधित किया। इसके बाद अमित शाह का चार किलोमीटर लंबा भव्य रोड शो शुरू हुआ। अमित शाह के साथ इस दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल भी मौजूद हैं। चौकीदार चोर नहीं, दोबारा पीएम बनना श्योर है जनसभा के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि, 'जो काम मैंने साढ़े पांच साल में मैं नहीं कर पाया, वह अमित शाह ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में कर दिखाया है। आज यहां से अमित शाह जी अपना नामांकन करने जा रहे हैं। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देने आया हूं।' गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान मोदी सरकार की तार��फ करते हुए कहा कि, 'कांग्रेस आज पीएम नरेंद्र मोदी को गाली दे रही है। उसके नेता राहुल गांधी कहते हैं कि चौकीदार चोर है। मैं कार्यकर्ताओं से कहना चाहूं���ा कि आप जवाब दीजिए और बोलिए- चौकीदार चोर नहीं, दोबारा पीएम बनना श्योर है।' शिवसेना और बीजेपी के बीच मनमुटाव खत्म इस दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बताया कि, शिवसेना और बीजेपी के बीच मनमुटाव खत्म हो गया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि, 'बहुत लोगों को आश्चर्य हुआ कि मैं आज यहां क्यों आया? कुछ लोग खुश थे कि शिवसेना और बीजेपी में मनमुटाव है, लेकिन मैं उन लोगों से कहना चाहूंगा कि हमारे बीच मनमुटाव खत्म हो गया है। अमित शाह से मेरा दिल मिल गया है। आज हमारी सोच एक है, विचार एक है, नेता एक है।' Read the full article
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