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मप्र: फ्लोर टेस्ट की मांग लेकर SC पहुंची बीजेपी, सीएम कमलनाथ बोले- जहां जाना हो जाओ...
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में जारी सत्ता की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। सोमवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने वाला था। लेकिन राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के बाद विधानसभा 26 मार्च तक ��े लिए स्थगित कर दी गई। फ्लोर टेस्ट कैंसल होने के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); शिवराज सिंह चौहान की यह याचिका मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति के खिलाफ है। उन्होंने ही कोरोना वायरस को वजह बताते हुए विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है। इसपर बीजेपी ने हंगामा भी किया था। शिवराज ने याचिका में कहा है कि, '48 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट करवाया जाए।' बता दें सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी। बीजेपी ने दी तीन दलीलें बीजेपी ने फ्लोर टेस्ट की मांग करते हुए तीन दलीलें दी हैं। पहली यह है कि राज्यपाल प्रमुख होता है। उन्होंने कहा लेकिन फिर भी बहुमत साबित नहीं किया जा रहा। 22 विधायक जब कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं तो कांग्रेस उनकी परेड की मांग कैसे कर सकती है। बीजेपी ने तीसरी दलील दी कि राज्यपाल के दो बार पत्र लिखने के बावजूद फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ, जो संविधान की अवमानना है। याचिका में कुछ खामियां शिवराज के वकील ने जल्द से जल्द याचिका पर सुनवाई की मांग की है। जानकारी के मुताबिक, रजिस्ट्रार का कहना है कि उनकी याचिका में कुछ खामियां हैं, यदि उन्हें दूर किया गया तो मंगलवार को सुनवाई संभव है। बता दें शिवराज के अलावा 9 अन्य बीजेपी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कमलनाथ बोले- बीजेपी को जहां जाना हो जाए बीजेपी द्वारा अल्पमत का दावा करने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, 'पिछले एक साल में तीन बार बहुमत साबित किया है, अगर इनको लगता है कि हमारी सरकार के पास बहुमत नहीं तो अविश्वास प्रस्ताव ले आएं।' वहीं बीजेपी के सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि, 'बीजेपी को जहां जाना हो वो जाए।' ये भी पढ़े... मप्र: आधी रात को राज्यपाल से सीएम कमलनाथ ने की मुलाकात, फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस बरकरार मप्र: राज्यपाल से मिले सीएम कमलनाथ, कहा- फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहले हमारे बंधक विधायकों को मुक्त कराएं संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित Read the full article
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दिग्विजय सिंह के एक ट्वीट से शुरू हुआ MP में पॉलिटिकल ड्रामा, जानें सियासी संग्राम के बारे में सबकुछ
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्य प्रदेश में चल रहा सियासी संकट बढ़ता ही जा रहा है। मार्च की शुरुआत से शुरू हुए इस हंगामे ने अब बड़ा रूप ले लिया है। बता दें मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा दिग्विजय सिंह के ट्वीट के साथ शुरू हुआ था। दिग्विजय ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए और कहा कि, 'कांग्रेस विधायकों को दिल्ली ले जाया गया।' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दिग्विजय सिंह के ट्वीट से शुरू हुआ ड्रामा इस हाई प्रोफाइल ड्रामे की शुरुआत दिग्विजय के महिला विधायक को लेकर एक ट्वीट से हुई। 3 मार्च को बसपा की महिला विधायक रामबाई को लेकर दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट के जरिए शिवराज सिंह चौहान से पूछा था कि, 'आपके नेता बसपा विधायक रामबाई को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले गए हैं या नहीं?' इसके बाद यह बात सामने आई कि कांग्रेस के कई विधायक गायब हैं और भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। शिवराज ने दिया जवाब दिग्विजय सिंह के ट्वीट का शिवराज सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि, 'मुख्यमंत्री कमलनाथ को ब्लैकमेल करने के इरादे से दिग्विजय सिंह ऐसे आरोप लगा रहे हैं। यह उनकी आदत रही है। उनके कुछ काम नहीं हो रहे होंगे, इसलिए अपना महत्व बताने के लिए वे इस तरह की बातें कर रहे हैं।' हरियाणा और बेंगलुरु में मिले बागी विधायक 3 और 4 मार्च की दरमियानी रात को हरियाणा से यह खबर सामने आई कि आईटीसी ग्रांड मानेसर होटल में कांग्रेस के चार, बसपा के दो और एक अन्य विधायक ठहरे हुए हैं। इसके अलावा कुछ विधायक बेंगलुरू में ठहरे हैं। जैसे ही इस बात की भनक मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगी तो वे हरकत में आ गए और अपने चार मंत्रियों को हरियाणा भेजा। वहां खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस या उसको समर्थन दे रहे कुल 8 विधायकों के बागी होने की सूचना। होली पर सिंधिया का इस्तीफा फिर कांग्रेस को यह बात पता चली कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक 19 विधायक अपनी ही सरकार से नाराज हैं। वे सभी बेंगलुरु में हैं। इसके बाद कांग्रेस ने सिंधिया को मनाने की कोशिश करना शुरू कर दी। इस सियासी घमासान का सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब होली के दिन कांग्रेस के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ सिंधिया समर्थक 6 मंत्री और 13 विधायकों ने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया। वहीं भोपाल में 2 और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद कमलनाथ सरकार स���कट में आ गई। 11 मार्च को हुई कांग्रेस-भाजपा की बैठक 11 मार्च को भोपाल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में सिर्फ 93 विधायक ही पहुंचे। इससे साफ हो गया कि कमलनाथ सरकार संकट में है। फिर उसी समय दिल्ली में भाजपा चुनाव समिति की बैठक हुई, जिसमें पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी समेत सभी बड़े नेता शामिल हुए। सिंधिया भाजपा में हुए शामिल फिर 11 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया आखिरकार दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में भाजपा में शामिल हो गए। सदस्यता ग्रहण करने के बाद सिंधिया ने पीएम मोदी और अमित शाह की तारीफ की। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के कुछ ही घंटों बाद पार्टी ने सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया। कांग्रेस विधायकों को जयपुर भेजा बैठक के बाद 11 मार्च की रात भाजपा ने अपने विधायकों को दिल्ली तो कांग्रेस ने जयपुर रवाना कर दिया। इस दौरान कांग्रेस लगातार यह दावा कर रही थी कि कमलनाथ सरकार पर कोई संकट नहीं है। सभी विधायक साथ हैं। राज्यसभा के लिए सिंधिया का नामांकन 12 मार्च को सिंधिया भोपाल पहुंचे तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। उन्हों एयरपोर्ट से भाजपा कार्यालय तक रोड शो भी निकाला। मुख्यालय पहुंचकर सिंधिया ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। राज्यपाल ने दिया फ्लोर टेस्ट का आदेश 14 मार्च की देर रात राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखकर कहा कि, 'उन्हें पूरी तरह भरोसा हो गया है कि सरकार अल्पमत में है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्वयक हो गया है कि दिनांक 16 मार्च 2020 को मेरे अभिभाषण के तत्काल बाद आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें।' 6 मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर बता दें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में ठहरे हैं। इनमें 6 मंत्री भी शामिल हैं। इन सभी 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभाध्यक्ष एन पी प्रजापति ने छह विधायक जो राज्य मंत्री भी थे उनके इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। बीजेपी-कांग्रेस के सभी विधायक भोपाल आए 16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। इससे पहले रविवार देर रात करीब 2 बजे मानेसर (गुरुग्राम) भेजे गए करीब 100 से ज्यादा बीजेपी विधायक वापस भोपाल लौट आए हैं। वहीं जयपुर में ठहरे कांग्रेस के 85 विधायक भी रविवार को भोपाल पहुंच गए हैं। ये सभी विधायक सोमवार को सदन की कार्यवाही में हिस्साह लेंगे। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ठहरे उनके खेमे के 22 विधायक भी सोमवार सुबह भोपाल पहुंच सकते हैं। कांग्रेस फ्लोर टेस्ट से भाग रही- शिवराज 15 मार्च की देर रात तक गहमागहमी जारी रही। सीएम कमलनाथ ने रविवार रात राज्यपाल टंडन से मुलाकात की। इसके बाद कमलनाथ ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का फैसला विधा��सभा अध्यक्ष लेंगे। इधर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, सरकार फ्लोर टेस्ट से भागे नहीं और फ्लोर टेस्ट करवाए। विधानसभा सत्र स्थगित सोमवार को विधानसभा में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट (शक्ति परीक्षण) होना था लेकिन अब विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है। राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने अभिभाषण में विधायकों से नियम का पालन करने को कहा। मप्र विधानसभा का गणित बता दें मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली हैं, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद यह संख्या 222 हो गई है। बीजेपी का अंक गणित बीजेपी के पक्ष में 7 निर्दलीय विधायक आ जाएं तो संख्या 107+7=114 बहुमत 112 से दो ज्यादा। यदि कांग्रेस के सभी बागी बीजेपी के साथ चले जाते हैं तो इनकी संख्या 107+16 =123 हो जाएगी। कांग्रेस का अंक गणित यदि कांग्रेस के साथ 7 निर्दलीय आते हैं तो सरकार की संख्या 92+7=99 होगी। यदि बीजेपी के दो विधायक कमलनाथ सरकार का साथ देते हैं तो आंकड़ा 99+2=101 हो जाएगा। यदि 16 बागी विधायकों में से 5 या 6 वापस आते हैं तो भी सरकार 107 की संख्या तक पहुंच जाएगी। ये भी पढ़े... मप्र: राज्यपाल का निर्देश- 16 मार्च को बहुमत साबित करे कमलनाथ सरकार, 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर मप्र: राज्यपाल से मिले सीएम कमलनाथ, कहा- फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहले हमारे बंधक विधायकों को मुक्त कराएं संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित Read the full article
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मप्र: कोरोना के चलते विधानसभा का बजटसत्र 26 मार्च तक स्थगित, नहीं हुआ फ्लोर टेस्ट, सदन में हंगामा
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर छाया संकट कुछ दिनों के लिए टल गया है। सोमवार को मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत होनी थी। इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन के आदेश पर फ्लोर टेस्ट (शक्ति परिक्षण) होना था। लेकिन अब विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। Bhopal: Governor Lalji Tandon left shortly after Assembly proceedings began. He said, "All must follow the rules under the Constitution so that dignity of Madhya Pradesh remains protected." pic.twitter.com/07hJB556rJ — ANI (@ANI) March 16, 2020 1 मिनट में खत्म किया भाषण राज्यपाल ने महज एक मिनट में ही अपना भाषण खत्म कर दिया। राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा- 'जिसका जो दायित्व है वो उसका निर्वहन करे। सभी संविधान और परंपरा का पालन करें।' साथ ही राज्य में विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही को कोरोना वायरस के चलते स्थगित किया गया है। विधायकों को नियम पालन करने को कहा राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने अभिभाषण में विधायकों से नियम का पालन करने को कहा. राज्यपाल ने कहा कि, 'सभी सदस्यों को शुभकामना के साथ सलाह देना चाहता हूं कि प्रदेश की जो स्थिति है, उसमें अपना दायित्व शांतिपूर्ण तरीके से निभाएं।' राज्यपाल स्वास्थ्य खराब होने के चलते अपना पूरा भाषण नहीं पढ़ पाए। उन्होंने सिर्फ भाषण की पहली और आखिरी लाइन ही पढ़ी। Bhopal: Governor Lalji Tandon left shortly after Assembly proceedings began. He said, "All must follow the rules under the Constitution so that dignity of Madhya Pradesh remains protected." pic.twitter.com/07hJB556rJ — ANI (@ANI) March 16, 2020 शुरू हुआ हंगामा राज्यपाल ने जैसे ही अपनी बात पूरी की तो विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया। उनका भाषण खत्म होते ही कुछ विधायकों ने नारेबाजी करना शुरू कर दी। हंगामा ब���ता देख स्पीकर एन पी प्रजापति ने सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। 6 मंत्री के इस्तीफे मंजूर बता दें पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार संकट में आ गई। सिंधिया के समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में हैं। विधानसभाध्यक्ष एन पी प्रजापति ने 6 विधायक जो राज्य मंत्री भी थे उनके इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। मप्र विधानसभा गणित मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली हैं, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद यह संख्या 222 हो गई है। बीजेपी का अंक गणित बीजेपी के पक्ष में 7 निर्दलीय विधायक आ जाएं तो संख्या 107+7=114 बहुमत 112 से दो ज्यादा। यदि कांग्रेस के सभी बागी बीजेपी के साथ चले जाते हैं तो इनकी संख्या 107+16 =123 हो जाएगी। कांग्रेस का अंक गणित यदि कांग्रेस के साथ 7 निर्दलीय आते हैं तो सरकार की संख्या 92+7=99 होगी। यदि बीजेपी के दो विधायक कमलनाथ सरकार का साथ देते हैं तो आंकड़ा 99+2=101 हो जाएगा। यदि 16 बागी विधायकों में से 5 या 6 वापस आते हैं तो भी सरकार 107 की संख्या तक पहुंच जाएगी। ये भी पढ़े... मप्र: आधी रात को राज्यपाल से सीएम कमलनाथ ने की मुलाकात मप्र: राज्यपाल से मिले सीएम कमलनाथ, कहा- फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहले हमारे बंधक विधायकों को मुक्त कराएं संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में Read the full article
#16march#bjp#bjpleaderzafarislam#CmKamalNath#congress#floortestpostpone#governor#jpnadda#jyotiradhityascindia#jyotiradhityascindiaresignation#jyotiradhityascindiaspeech#jyotiradityascindiainbjp#jyotiradityascindiajoinsbjp#KamalNath#kamalnathgovernment#kamalnathgovernmentnews#kamalnathlaljitandon#kamalnathnews#madhapradeshgovernment#MPCrisis#mpfloortest#mpgovernment#mpgovernmentcrises#mpgovernmentfloortest#mpgovernor#mpgovernorlaljitandon#mppolitical#mppoliticalcrisis#mppolitics#rajyapallaljitandon
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मप्र: आधी रात को राज्यपाल से सीएम कमलनाथ ने की मुलाकात, फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस बरकरार
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्य प्रदेश में पिछले एक हफ्ते से जारी राजनीतिक उठापटक के बीच कमलनाथ सरकार के लिए सोमवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। 16 मार्च यानी आज से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इसके अलावा राज्यपाल लालजी टंडन के आदेश के बाद सोमवार को विधानसभा में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट (शक्ति परीक्षण) होना था लेकिन अब इसे लेकर संशय का माहौल बन गया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दरअसल रविवार रात विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी की गई सोमवार की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है। जारी कार्यसूची में सिर्फ राज्यपाल के अभिभाषण और धन्यवाद ज्ञापन की बात कही गई है। हालांकि, राज्यपाल लालजी टंडन ने रविवार रात मुख्यमंत्री कमलनाथ को राजभवन बुलाया और फ्लोर टेस्ट सोमवार को ही करने को कहा। कोरोना वायरस का खतरा जताकर भी फ्लोर टेस्ट टाले जाने की आशंका बढ़ गई है। राज्यपाल से मिलने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, 'फ्लोर टेस्ट पर फैसला कुछ देर बाद स्पीकर करेंगे। उनकी सरकार गिरने वाली नहीं हैं।' सीएम ने यह भी कहा कि, 'विधानसभा कैसे चलेगी? मतदान कैसे होगा? यह मैं तय नहीं करता हूं। मैंने तो राज्यपाल से कहा था कि फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं।' रविवार देर रात बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि, 'सरकार अल्पमत में आ गई है और फ्लोर टेस्ट से भाग रही है। हम फिर से फ्लोर टेस्ट की मांग सदन में रखेंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि, 'बीजेपी ने पहले विश्वासमत कराने की बात कही है।' रविवार देर रात करीब 2 बजे मानेसर (गुरुग्राम) भेजे गए करीब 100 से ज्यादा बीजेपी विधायक वापस भोपाल लौट आए हैं। वहीं जयपुर में ठहरे कांग्रेस के 85 विधायक भी रविवार को भोपाल पहुंच गए हैं। ये सभी विधायक सोमवार को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ठहरे उनके खेमे के 22 विधायक भी सोमवार सुबह भोपाल पहुंच सकते हैं। बताया जा रहा है कि विधायकों को फ्लोर टेस्ट के लिए बेंगलुरु से सीधे विधानसभा लाया जा सकता है। बता दें पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार संकट में आ गई। राज्य में सियासी संकट का संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने शनिवार देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि, 'उन्हें पूरी तरह भरोसा हो गया है कि सरकार अल्पमत में है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्वयक हो गया है कि दिनांक 16 मार्च 2020 को मेरे अभिभाषण के तत्काल बाद आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें।' 22 विधायकों ने दिए हैं इस्तीफे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में हैं। इनमें 6 मंत्री भी शामिल हैं। इन सभी 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभाध्यक्ष एन पी प्रजापति ने छह विधायक जो राज्य मंत्री भी थे उनके इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। यदि बाकी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है या वे सदन में उपस्थित नहीं हुए तो कांग्रेस सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। ऐसे में कांग्रेस सरकार में शामिल सदस्यों की संख्या 121 से 99 हो जाएगी। विधानसभा की संख्या 206 और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा। इस हालात में कमलनाथ सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है। बता दें मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली हैं, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद यह संख्या 222 हो गई है। बीजेपी का अंक गणित बीजेपी के पक्ष में 7 निर्दलीय विधायक आ जाएं तो संख्या 107+7=114 बहुमत 112 से दो ज्यादा। यदि कांग्रेस के सभी बागी बीजेपी के साथ चले जाते हैं तो इनकी संख्या 107+16 =123 हो जाएगी। कांग्रेस का अंक गणित यदि कांग्रेस के साथ 7 निर्दलीय आते हैं तो सरकार की संख्या 92+7=99 होगी। यदि बीजेपी के दो विधायक कमलनाथ सरकार का साथ देते हैं तो आंकड़ा 99+2=101 हो जाएगा। यदि 16 बागी विधायकों में से 5 या 6 वापस आते हैं तो भी सरकार 107 की संख्या तक पहुंच जाएगी। Read the full article
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मप्र: आधी रात को राज्यपाल से सीएम कमलनाथ ने की मुलाकात, फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस बरकरार
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्य प्रदेश में पिछले एक हफ्ते से जारी राजनीतिक उठापटक के बीच कमलनाथ सरकार के लिए सोमवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। 16 मार्च यानी आज से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इसके अलावा राज्यपाल लालजी टंडन के आदेश के बाद सोमवार को विधानसभा में कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट (शक्ति परीक्षण) होना था लेकिन अब इसे लेकर संशय का माहौल बन गया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दरअसल रविवार रात विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी की गई सोमवार की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है। जारी कार्यसूची में सिर्फ राज्यपाल के अभिभाषण और धन्यवाद ज्ञापन की बात कही गई है। हालांकि, राज्यपाल लालजी टंडन ने रविवार रात मुख्यमंत्री कमलनाथ को राजभवन बुलाया और फ्लोर टेस्ट सोमवार को ही करने को कहा। कोरोना वायरस का खतरा जताकर भी फ्लोर टेस्ट टाले जाने की आशंका बढ़ गई है। राज्यपाल से मिलने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, 'फ्लोर टेस्ट पर फैसला कुछ देर बाद स्पीकर करेंगे। उनकी सरकार गिरने वाली नहीं हैं।' सीएम ने यह भी कहा कि, 'विधानसभा कैसे चलेगी? मतदान कैसे होगा? यह मैं तय नहीं करता हूं। मैंने तो राज्यपाल से कहा था कि फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं।' रविवार देर रात बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि, 'सरकार अल्पमत में आ गई है और फ्लोर टेस्ट से भाग रही है। हम फिर से फ्लोर टेस्ट की मांग सदन में रखेंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि, 'बीजेपी ने पहले विश्वासमत कराने की बात कही है।' रविवार देर रात करीब 2 बजे मानेसर (गुरुग्राम) भेजे गए करीब 100 से ज्यादा बीजेपी विधायक वापस भोपाल लौट आए हैं। वहीं जयपुर में ठहरे कांग्रेस के 85 विधायक भी रविवार को भोपाल पहुंच गए हैं। ये सभी विधायक सोमवार को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ठहरे उनके खेमे के 22 विधायक भी सोमवार सुबह भोपाल पहुंच सकते हैं। बताया जा रहा है कि विधायकों को फ्लोर टेस्ट के लिए बेंगलुरु से सीधे विधानसभा लाया जा सकता है। बता दें पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार संकट में आ गई। राज्य में सियासी संकट का संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने शनिवार देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि, 'उन्हें पूरी तरह भरोसा हो गया है कि सरकार अल्पमत में है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्वयक हो गया है कि दिनांक 16 मार्च 2020 को मेरे अभिभाषण के तत्काल बाद आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें।' 22 विधायकों ने दिए हैं इस्तीफे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में हैं। इनमें 6 मंत्री भी शामिल हैं। इन सभी 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभाध्यक्ष एन पी प्रजापति ने छह विधायक जो राज्य मंत्री भी थे उनके इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। यदि बाकी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है या वे सदन में उपस्थित नहीं हुए तो कांग्रेस सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। ऐसे में कांग्रेस सरकार में शामिल सदस्यों की संख्या 121 से 99 हो जाएगी। विधानसभा की संख्या 206 और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा। इस हालात में कमलनाथ सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है। बता दें मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली हैं, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद यह संख्या 222 हो गई है। बीजेपी का अंक गणित बीजेपी के पक्ष में 7 निर्दलीय विधायक आ जाएं तो संख्या 107+7=114 बहुमत 112 से दो ज्यादा। यदि कांग्रेस के सभी बागी बीजेपी के साथ चले जाते हैं तो इनकी संख्या 107+16 =123 हो जाएगी। कांग्रेस का अंक गणित यदि कांग्रेस के साथ 7 निर्दलीय आते हैं तो सरकार की संख्या 92+7=99 होगी। यदि बीजेपी के दो विधायक कमलनाथ सरकार का साथ देते हैं तो आंकड़ा 99+2=101 हो जाएगा। यदि 16 बागी विधायकों में से 5 या 6 वापस आते हैं तो भी सरकार 107 की संख्या तक पहुंच जाएगी। Read the full article
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मप्र: राज्यपाल का निर्देश- 16 मार्च को बहुमत साबित करे कमलनाथ सरकार, 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को 16 मार्च यानी सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित (Floor test) करने के आदेश दिए हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राज्यपाल ने शनिवार देर रात पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि, 'मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च 2020 को सुबह 11 बजे प्रारंभ होगा और मेरे अभिभाषण के तत्काल बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा। विश्वासमत मत विभाजन के आधार पर बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा।' राज्यपाल ने अपने आदेश में यह कहा है कि मतदान सिर्फ बटन दबाकर होगा। यह प्रक्रिया इसी दिन पूरी होगी और इसकी वी��ियोग्राफी भी कराई जाएगी। इस पत्र में राज्यपाल ने मध्यप्रदेश के हाल के राजनीतिक घटनाक्रम का भी पूरा ब्यौरा दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सदन में विश्वासमत हासिल करने को कहा है। राज्यपाल ने पत्र में लिखा कि, 'मुझे जानकारी मिली है कि 22 विधायकों ने मध्य प्रदेश विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया को भी इसकी जानकारी दी है। मैंने इस बावत मीडिया कवरेज को भी देखा है।' उन्होंने पत्र में आगे कहा कि, 'मुझे प्रथम दृष्टया विश्वास हो गया है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है, यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्वयक हो गया है कि दिनांक 16 मार्च 2020 को मेरे अभिभाषण के तत्काल बाद आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें। संविधान के अनुच्छेद 174 और 175 (2) में वर्णित संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं निर्देश देता हूं कि मप्र की विधानसभा का सत्र 16 मार्च को मेरे अभिभाषण के साथ शुरू होगा।' 22 विधायकों ने दिए हैं इस्तीफे बता दें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में हैं। इनमें 6 मंत्री भी शामिल हैं। इन सभी 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभाध्यक्ष एन पी प्रजापति ने छह विधायक जो राज्य मंत्री भी थे उनके इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। यदि बाकी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है या वे सदन में उपस्थित नहीं हुए तो कांग्रेस सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। ऐसे में कांग्रेस सरकार में शामिल सदस्यों की संख्या 121 से 99 हो जाएगी। विधानसभा की संख्या 206 और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा। इस हालात में कमलनाथ सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य के सभी कांग्रेस विधायकों को जयपुर भेज दिया गया था। रविवार को उन्हें वापस भोपाल लाया गया। बीजेपी का अंक गणित बीजेपी के पक्ष में 7 निर्दलीय विधायक आ जाएं तो संख्या 107+7=114 बहुमत 112 से दो ज्यादा। यदि कांग्रेस के सभी बागी बीजेपी के साथ चले जाते हैं तो इनकी संख्या 107+16 =123 हो जाएगी। कांग्रेस का अंक गणित यदि कांग्रेस के साथ 7 निर्दलीय आते हैं तो सरकार की संख्या 92+7=99 होगी। यदि बीजेपी के दो विधायक कमलनाथ सरकार का साथ देते हैं तो आंकड़ा 99+2=101 हो जाएगा। यदि 16 बागी विधायकों में से 5 या 6 वापस आते हैं तो भी सरकार 107 की संख्या तक पहुंच जाएगी। Read the full article
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मप्र: बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा के लिए दाखिल किया नामांकन
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. कांग्रेस का हाथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को भोपाल में राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस दौरान सिंधिया के साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद प्रभात झा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गोपाल भार्गव भी मौजूद थे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले सिंधिया ने अपनी बुआ और पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के निवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। उन्होंने पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निवास पर दोपहर का भोजन भी किया। बता दें सिंधिया ने 10 मार्च यानी होली के दिन कांग्रेस की प्राथमिकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को वह बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद बीजेपी ने सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया था। बीजेपी ने किया भव्य स्वागत गुरुवार को जब वे भोपाल पहुंचे तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। बीजेपी ने सिंधिया को अपने परिवार का सदस्य बताया। बता दें सिंधिया ने कांग्रेस में करीब 18 साल बिताए हैं। कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया सांसद और केंद्र मंत्री का पद संभाल चुके हैं। सिंधिया ने अपने प��ता माधवराव सिंधिया के असमय निधन के बाद 2001 में राजनीति में प्रवेश किया था। राज्यसभा चुनाव 26 मार्च को बता दें प्रदेश में राज्यसभा की कुल 11 सीटें हैं। फिलहाल बीजेपी के पास 8 और कांग्रेस के पास 3 सीटें हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता सत्यनारायण जटिया का राज्यसभा में कार्यकाल 9 अप्रैल को पूरा हो रहा है। इन तीन सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होगा। मप्र विधानसभा का गणित सिंधिया के साथ ही कांग्रेस के 22 और भी विधयकों ने पार्टी छोड़ दी थी। उनके इस फैसले से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर संकट आ गया और पार्टी अब अल्पमत में आ गई है। बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... जानिए उस शख्स के बारे में, जिसने कराई सिंधिया और बीजेपी की डील संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! Read the full article
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मप्र: राज्यपाल से मिले सीएम कमलनाथ, कहा- फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहले हमारे बंधक विधायकों को मुक्त कराएं
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से करीब एक घंटे तक मुलाकात की। राजभवन में हुई मुलाकात के बाद कमलनाथ ने राज्यपाल टंडन को पत्र सौंपा। इसमें उन्होंने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); फ्लोर टेस्ट की मांग की कमलनाथ ने पत्र में राज्यपाल से मांग की है वे गृह मंत्री अमित शाह से बेंगलुरु में बंधक विधायकों को मुक्त कराने के लिए कहें। उन्होंने विधानसभा के आगामी सत्र में अध्यक्ष द्वारा निर्धारित तिथि पर फ्लोर टेस्ट की मांग की गई है। मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि, 'मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं।' 'बीजेपी ने सरकार गिराने का दांव चला' चिट्ठी में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, 'बीजेपी ने 3 और 4 मार्च को सरकार गिराने का दांव चला था और कुछ विधायकों को बेंगलुरु भेजने की कोशिश की गई, लेकिन हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की साजिश को नाकाम कर दिया। इसके बाद 8 मार्च को बीजेपी ने चार्टर्ड प्लेन से 19 विधायकों को बेंगलुरु भेज दिया। इसमें 6 मंत्री शामिल हैं।' बीजेपी नेता ने सौंपा 19 विधायकों का इस्तीफा सीएम कमलनाथ ने आरोप लगाया कि, 'इन 19 विधायकों को बीजेपी ने एक रिजॉर्ट में रखा है। विधायकों को किसी से भी संपर्क करने की इजाजत नहीं दी जा रही है। विधायकों को बंधक बना लिया गया है। 10 मार्च को बीजेपी के नेता विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचे थे और उन्होंने 19 विधायकों का इस्तीफा सौंपा था। इन विधायकों का इस्तीफा बीजेपी नेताओं ने सौंपा, जो कि गलत है।' 'बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही' मुख्यमंत्री ने कहा कि, '16 मार्च से विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन सत्र शुरू होने ��े पहले सभी विधायकों का आना जरूरी है। हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन उससे पहले बंधक बनाए गए विधायकों को छुड़ाना होगा। हम चाहते हैं कि लोकतंत्र की हत्या न हो। मध्य प्रदेश की जनता ने लोकतांत्रिक सरकार चुनी थी, जिसे बीजेपी गिराने की कोशिश कर रही है।' बागी विधायकों को बर्खास्त करने की मांग बता दें 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद कमलनाथ सरकार गिरने की कगार पर है। मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल से इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों को बर्खास्त करने की सिफारिश भी कर चुके हैं। इस पर राज्यपाल शुक्रवार को फैसले कर सकते हैं। ये भी पढ़े.. संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात Read the full article
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��ीजेपी में शामिल होकर सिंधिया बोले- कांग्रेस छोड़ते वक्त दुखी भी हूं, मप्र में किसान त्रस्त और नौजवान बेबस
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कांग्रेस के युवा नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को बीजेपी का दामन थाम लिया है। सिंधिया ने बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में सदस्यता ली। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); Delhi: #JyotiradityaMScindia joins BJP at party headquarters, in the presence of party president JP Nadda. pic.twitter.com/YiF3hMXJav — ANI (@ANI) March 11, 2020 बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया ने सभी बड़े नेताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि, 'मैं सबसे पहले आदरणीय नड्डा जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि आपने मुझे अपने परिवार में आमंत्रित किया और एक स्थान दिया।' Jyotiraditya Scindia: I would like to thank JP Nadda ji, PM Narendra Modi, Home Minister Amit Shah that they invited me to their family and gave me a place in it. pic.twitter.com/HA1z21HPyK — ANI (@ANI) March 11, 2020 उन्होंने आगे कहा कि, 'मध्य प्रदेश में एक सपना हमने पिरोया था, जब वहां सरकार बनी। लेकिन 18 महीने में वो सारे सपने बिखर गए, चाहे वो किसानों के ऋण माफ करने की बात हो, पिछले फसल का बोनस न मिलना हो, ओलावृष्टि से नष्ट फसल आदि का भी मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है।' Jyotiraditya Scindia: There have been 2 life changing events for me - one, the day I lost my father and the second, yesterday when I decided to choose a new path for my life...The Congress party is not anymore the party that it was earlier. pic.twitter.com/ZQDx8pC7wM — ANI (@ANI) March 11, 2020 सिंधिया ने कहा कि, 'मेरे जीवन में दो दिन ऐसे आए, जिन्होंने मेरा जीवन बदल दिया। पहला 30 सितंबर 2001, जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020, जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी। मेरा मानना है कि हमारा उद्देश्य जनसेवा होना चाहिए। मेरे पिताजी और मैंने हमेशा इसी पर काम किया।' Jyotiraditya Scindia: I can say with confidence that the aim of public service is not being fulfilled by that party (Congress). Besides this, the present condition of the party indicates that it is not what it used to be. pic.twitter.com/AGTK1zZwbe — ANI (@ANI) March 11, 2020 सिंधिया ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि, 'आज मन व्यथित है और दुखी भी है। कांग्रेस अब पहले वाली कांग्रेस नहीं रह गई है। मध्य प्रदेश में किसान त्रस्त है, नौजवान बेबस है। रोजगार कम हुआ और भ्रष्टाचार बढ़ा है।' नड्डा ने किया राजमाता सिंधिया को याद वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि, 'आज हम सबके लिए बहुत खुशी का विषय है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं। भारतीय जनसंघ और भाजपा दोनों पार्टी की स्थापना और स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'ज्योतिरादित्य जी आज अपने परिवार में शामिल हो रहे हैं, मैं इनका स्वागत करता हूं और हार्दिक अभिनन्दन भी करता हूं। हमारे लिए राजमाता जी आदर्श और हम सब के लिए वो एक दृष्टि और दिशा देने वाली नेता रही हैं। उन्होंने पार्टी को शैशव काल से उसकी विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम किया। मैं अपनी ओर से और सभी कार्यकर्ताओं की तरफ से उनका हार्दिक अभिनंदन करता हूं, स्वागत करता हूं।' होली पर दिया इस्तीफा बता दें मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 और भी विधयकों ने पार्टी छोड़ दी थी। सिंधिया के इस बड़े फैसले से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर संकट आ गया और पार्टी अब अल्पमत में आ गई है। बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया जानिए उस शख्स के बारे में, जिसने कराई सिंधिया और बीजेपी की डील संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! Read the full article
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कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. होली के दिन से ही मध्यप्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। बुधवार को सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); बता दें सिंधिया के साथ ही कांग्रेस के 22 अन्य विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'ज्योतिरादित्य सिंधिया धोखे से कांग्रेस विधायकों को लेकर गए थे। मुझे पूरा विश्वास ��ै कि राज्य में कांग्रेस सरकार बच जाएगी। पिक्चर अभी बाकी है। जो विधायक कर्नाटक गए हैं वह जल्द ही कांग्रेस के साथ आ जाएंगे।' Delhi: #JyotiradityaMScindia joins BJP at party headquarters, in the presence of party president JP Nadda. pic.twitter.com/YiF3hMXJav — ANI (@ANI) March 11, 2020 सूत्रों के मुताबिक, सिंधिया को बीजेपी के नजदीक लाने के पीछे बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम का हाथ है। जफर ने ही सिंधिया को कांग्रेस से नाता तोड़ बीजेपी खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई है। जफर, ज्योतिरादित्य सिंधिया को काफी समय से जानते थे। सिंधिया और जफर की दिल्ली में स्थित उनके घर में मुलाकात भी हो चुकी है। पिछले पांच महीनों से सिंधिया और जफर की मुलाकात का सिलसिला बढ़ गया। इसके बाद खुद ज्योतिरदित्य सिंधिया ने अपनी तरफ से बीजेपी में आने की पेशकश की।
सिंधिया के इस बड़े फैसले से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर संकट है और पार्टी अब अल्पमत में आ गई है। बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... जानिए उस शख्स के बारे में, जिसने कराई सिंधिया और बीजेपी की डील संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! Read the full article
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कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. होली के दिन से ही मध्यप्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। बुधवार को सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); बता दें सिंधिया के साथ ही कांग्रेस के 22 अन्य विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'ज्योतिरादित्य सिंधिया धोखे से कांग्रेस विधायकों को लेकर गए थे। मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य में कांग्रेस सरकार बच जाएगी। पिक्चर अभी बाकी है। जो विधायक कर्नाटक गए हैं वह जल्द ही कांग्रेस के साथ आ जाएंगे।' सूत्रों के मुताबिक, सिंधिया को बीजेपी के नजदीक लाने के पीछे बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम का हाथ है। जफर ने ही सिंधिया को कांग्रेस से नाता तोड़ बीजेपी खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई है। जफर, ज्योतिरादित्य सिंधिया को काफी समय से जानते थे। सिंधिया और जफर की दिल्ली में स्थित उनके घर में मुलाकात भी हो चुकी है। पिछले पांच महीनों से सिंधिया और जफर की मुलाकात का सिलसिला बढ़ गया। इसके बाद खुद ज्योतिरदित्य सिंधिया ने अपनी तरफ से बीजेपी में आने की पेशकश की। सिंधिया के इस बड़े फैसले से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर संकट है और पार्टी अब अल्पमत में आ गई है। बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... जानिए उस शख्स के बारे में, जिसने कराई सिंधिया और बीजेपी की डील संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! Read the full article
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कांग्रेस ने बताया- 18 साल की राजनीति में सिंधिया को क्या-क्या दिया? लिखा- घर छोड़कर मत जाओ...
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. क��ंग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 18 साल बाद पार्टी से अपने सभी रिश्ते खत्म कर लिए हैं। मध्यप्रदेश के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही 22 विधायकों ने भी स्पीकर को इस्तीफा भेज दिया है, जिसके बाद कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। सिंधिया का कहना है कि, 'उन्होंने पार्टी को अपने 18 साल दिए, लेकिन पार्टी ने उनकी उपेक्षा की।' वहीं कांग्रेस सिंधिया के इस फैसले से आहत है। साथ ही कांग्रेस ने यह भी बताया कि उसने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 18 साल में क्या दिया? (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); बुधवार को कांग्रेस ने एक ट्वीट कर बताया कि राजनीतिक तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से क्या-क्या मिला है। कांग्रेस ने लिखा कि- सिंधिया जी की 18 साल की राजनीति में कांग्रेस ने : 17 साल सांसद बनाया 2 बार केंद्रीय मंत्री बनाया मुख्य सचेतक बनाया राष्ट्रीय महासचिव बनाया यूपी का प्रभारी बनाया कार्यसमिति सदस्य बनाया चुनाव अभियान प्रमुख बनाया 50+ टिकट, 9 मंत्री दिए फिर भी मोदी-शाह की शरण में ? सिंधिया जी की 18 साल की राजनीति में कांग्रेस ने : - 17 साल सांसद बनाया - 2 बार केंद्रीय मंत्री बनाया - मुख्य सचेतक बनाया - राष्ट्रीय महासचिव बनाया - यूपी का प्रभारी बनाया - कार्यसमिति सदस्य बनाया - चुनाव अभियान प्रमुख बनाया - 50+ टिकट, 9 मंत्री दिये फिर भी मोदी-शाह की शरण में ? pic.twitter.com/bABGfFuYc5 — MP Congress (@INCMP) March 11, 2020 कांग्रेस ने इस ट्वीट के जरिए बताया है कि उन्होंने 18 साल में सिंधिया को इतना सब दिया फिर भी वे मोदी और शाह की शरण में सिंधिया क्यों चले ग���? इतना ही नहीं बल्कि ट्वीट के साथ कांग्रेस ने एक तस्वीर भी शेयर की है जिसमें विश्वास का टूटना दर्शाया गया है। कांग्रेस ने सिंधिया के इस कदम को भरोसा तोड़ने वाला बताया है। मप्र कांग्रेस ने लिखी कविता वहीं सिंधिया और अन्य 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल से भी एक कविता शेयर की गई है। इस कविता में 'घर छोड़कर जाने वाले' साथियों के लिए संदेश दिया गया है। ट्वीट में लिखा है, 'घर छोड़कर मत जाओ, कहीं घर न मिलेगा'। सम्मान-सौहार्द का, ये मंजर न मिलेगा, घर छोड़कर मत जाओ, कहीं घर न मिलेगा। याद बहुत आयेंगे, रिश्तों के ये लम्बे बरस, साया जब वहाँ कोई, सर पर न मिलेगा। नफरत के झुंड में, आग तो मिलेगी बहुत, पर यहाँ जैसा कहीं, प्यार का दर न मिलेगा। घर छोड़कर मत जाओ, कहीं घर न मिलेगा। सम्मान-सौहार्द का, ये मंज़र न मिलेगा, घर छोड़ कर मत जाओ, कहीं घर न मिलेगा। याद बहुत आयेंगे, रिश्तों के ये लम्बे बरस, साया जब वहाँ कोई, सर पर न मिलेगा। नफ़रत के झुंड में, आग तो मिलेगी बहुत, पर यहाँ जैसा कहीं, प्यार का दर न मिलेगा। घर छोड़कर मत जाओ, कहीं घर न मिलेगा। pic.twitter.com/QbmdWpagrF — MP Congress (@INCMP) March 11, 2020 ये भी पढ़े... जानिए उस शख्स के बारे में, जिसने कराई सिंधिया और बीजेपी की डील संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! Read the full article
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जानिए उस शख्स के बारे में, जिसने कराई सिंधिया और बीजेपी की डील
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया। सिंधिया कांग्रेस का हाथ छोड़कर बुधवार को बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। इन सब के बीच हर किसी के दिमाग में यह सवाल आ रहा है कि कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सिंधिया और भारतीय जनता पार्टी के बीच आखिर किस नेता ने ‘डील’ कराई? आइए जानते हैं कौन है वो शख्स जिसके कारण सिंधिया आखिरकार कांग्रेस छोड़कर भाजपा के नजदीक आए। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); अंग्रेजी वेबसाइट 'आउटलुक' के मुताबिक, सिंधिया को बीजेपी के नजदीक लाने के पीछे बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम का हाथ है। जफर ने ही सिंधिया को कांग्रेस से नाता तोड़ बीजेपी खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई है। बता दें जफर मीडिया का जाना-माना चेहरा है। वह अक्सर ही न्यूज चैनलों पर डिबेट शो में नजर आते रहते हैं।
विदेशी बैंक में काम करते थे जफर राजनीति में आने से पहले जफर इस्लाम एक विदेशी बैंक के लिए काम करते थे जहां उनका लाखों रुपए वेतन था। लेकिन प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर वे भाजपा में शामिल हो गए और अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। कहा जाता है कि जफर, ज्योतिरादित्य सिंधिया को काफी समय से जानते थे। सिंधिया और जफर की दिल्ली में स्थित उनके घर में मुलाकात भी हो चुकी है। पिछले पांच महीनों से सिंधिया और जफर की मुलाकात का सिलसिला बढ़ गया। सूत्रों के मुताबिक, हाल ही के कुछ दिनों में सिंधिया और जफर की लगातार पांच बैठकें हुई थीं। इसके बाद खुद ज्योतिरदित्य सिंधिया ने अपनी तरफ से बीजेपी में आने की पेशकश की थी। इन मुलाकातों के बाद ही बीजेपी ने मध्य प्रदेश में 'ऑपरेशन लोटस' शुरू कर दिया था। सिंधिया के अनुसार चला पूरा ऑपरेशन करीबी सूत्रों ने बताया कि, इस पूरे ऑपरेशन में बीजेपी द्वारा सिर्फ लॉजिस्टिक और अन्य मदद दी गई। बाकी पूरा ऑपरेशन ज्योतिरदित्य सिंधिया के अनुसार ही चला। सोमवार और मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात के वक्त भी जफर वहां पर मौजूद थे। संकट में कमलनाथ सरकार पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मंगलवार को ज्योदतिरादित्यऔ सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तींफा दे दिया। उनके साथ 22 और भी विधायकों ने इस्तीफा दिया है। ऐसे में राज्य में कमलनाथ सरकार संकट में आ गई। इसी बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के कुछ नेताओं को स्थिति संभालने की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं कांग्रेस के बचे हुए विधायकों को आज भोपाल से जयपुर ले जाया जाएगा। कमलनाथ का दावा सिंधिया के बगावती तेवर के बाद अब प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिरने की कगार पर है। हालांकि, फिर भी कमलनाथ का दावा है कि, 'फिक्र करने की कोई बात नहीं है। हमारी सरकार फ्लोर टेस्ट पास कर लेगी।' मप्र विधानसभा का गणित बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! Read the full article
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संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्य प्रदेश में चल रहा सियासी संकट बढ़ता ही जा रहा है। कमलनाथ सरकार खतरे में है। ऐसे में अपनी सरकार बचाने के लिए कांग्रेस बचे हुए विधायकों को मध्यप्रदेश से राजस्थान के जयपुर ले जाने की तैयारी कर रही है। इधर बीजेपी भी अपने विधायकों को बचाने में जुटी हुई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, देर रात बीजेपी के विधायक दिल्ली पहुंचे, जहां से उन्हें गुरुग्राम ले जाया गया और आईटीसी ग्रांड भारत होटल में ठहराया गया। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस बारे में कहा कि, 'हम यहां त्योहार के मूड में हैं और छुट्टियां मनाने आए हैं।' #MadhyaPradesh Bharatiya Janata Party (BJP) MLAs arrive in Delhi. pic.twitter.com/5c8ChzUOvR — ANI (@ANI) March 10, 2020 बता दें मंगलवार को जहां पूरा देश होली के जश्न में डूबा हुआ था वहीं पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने एक फैसले से राजनीति में भूचाल ला दिया। सिंधिया कांग्रेस से अलग हो गए हैं। उनके साथ ही 22 कांग्रेस विधायकों ने भी अपना पद छोड़ दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री कमल नाथ अपनी सरकार बचने के लिए सभी कोशिशें कर रहे हैं। हालांकि, सीएम कमलनाथ यह दावा कर रहे हैं कि, 'वो अभी भी बहुमत हासिल कर लेंगे।' कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा कि, 'जो विधायक गए हैं, हम उनके संपर्क में हैं। हमारी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।' बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। सियासी संकट से पहले कांग्रेस 114 बीजेपी 107 बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित) सपा 1 निर्दलीय 4 रिक्त सीटें 2 बहुमत के लिए आंकड़ा 116 चाहिए विधायकों के इस्तीफे के बाद का समीकरण कांग्रेस के 114 में से 22 का इस्तीफा और 4 मिसिंग के बाद अब कुल बचे 88 विधायक बीजेपी के 107 में से दो बागी, अब कुल 105 विधायक बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित) सपा 1 निर्दलीय 4 बहुमत के लिए आंकड़ा 104 चाहिए गौरतलब है कि साल 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक के समर्थन में 121 विधायकों के साथ अपनी सरकार बनाई थी। ये भी पढ़े... कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! Read the full article
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मप्र: बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा के लिए दाखिल किया नामांकन
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. कांग्रेस का हाथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को भोपाल में राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस दौरान सिंधिया के साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद प्रभात झा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गोपाल भार्गव भी मौजूद थे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले सिंधिया ने अपनी बुआ और पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के निवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। उन्होंने पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निवास पर दोपहर का भोजन भी किया। बता दें सिंधिया ने 10 मार्च यानी होली के दिन कांग्रेस की प्राथमिकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को वह बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद बीजेपी ने सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया था। बीजेपी ने किया भव्य स्वागत गुरुवार को जब वे भोपाल पहुंचे तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। बीजेपी ने सिंधिया को अपने परिवार का सदस्य बताया। बता दें सिंधिया ने कांग्रेस में करीब 18 साल बिताए हैं। कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया सांसद और केंद्र मंत्री का पद संभाल चुके हैं। सिंधिया ने अपने पिता माधवराव सिंधिया के असमय निधन के बाद 2001 में राजनीति में प्रवेश किया था। राज्यसभा चुनाव 26 मार्च को बता दें प्रदेश में राज्यसभा की कुल 11 सीटें हैं। फिलहाल बीजेपी के पास 8 और कांग्रेस के पास 3 सीटें हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता सत्यनारायण जटिया का राज्यसभा में कार्यकाल 9 अप्रैल को पूरा हो रहा है। इन तीन सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होगा। मप्र विधानसभा का गणित सिंधिया के साथ ही कांग्रेस के 22 और भी विधयकों ने पार्टी छोड़ दी थी। उनके इस फैसले से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर संकट आ गया और पार्टी अब अल्पमत में आ गई है। बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... जानिए उस शख्स के बारे में, जिसने कराई सिंधिया और बीजेपी की डील संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! Read the full article
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बीजेपी में शामिल होकर सिंधिया बोले- कांग्रेस छोड़ते वक्त दुखी भी हूं, मप्र में किसान त्रस्त और नौजवान बेबस
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कांग्रेस के युवा नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को बीजेपी का दामन थाम लिया है। सिंधिया ने बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में सदस्यता ली। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); Delhi: #JyotiradityaMScindia joins BJP at party headquarters, in the presence of party president JP Nadda. pic.twitter.com/YiF3hMXJav — ANI (@ANI) March 11, 2020 बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया ने सभी बड़े नेताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि, 'मैं सबसे पहले आदरणीय नड्डा जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि आपने मुझे अपने परिवार में आमंत्रित किया और एक स्थान दिया।' Jyotiraditya Scindia: I would like to thank JP Nadda ji, PM Narendra Modi, Home Minister Amit Shah that they invited me to their family and gave me a place in it. pic.twitter.com/HA1z21HPyK — ANI (@ANI) March 11, 2020 उन्होंने आगे कहा कि, 'मध्य प्रदेश में एक सपना हमने पिरोया था, जब वहां सरकार बनी। लेकिन 18 महीने में वो सारे सपने बिखर गए, चाहे वो किसानों के ऋण माफ करने की बात हो, पिछले फसल का बोनस न मिलना हो, ओलावृष्टि से नष्ट फसल आदि का भी मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है।' Jyotiraditya Scindia: There have been 2 life changing events for me - one, the day I lost my father and the second, yesterday when I decided to choose a new path for my life...The Congress party is not anymore the party that it was earlier. pic.twitter.com/ZQDx8pC7wM — ANI (@ANI) March 11, 2020 सिंधिया ने कहा कि, 'मेरे जीवन में दो दिन ऐसे आए, जिन्होंने मेरा जीवन बदल दिया। पहला 30 सितंबर 2001, जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020, जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी। मेरा मानना है कि हमारा उद्देश्य जनसेवा होना चाहिए। मेरे पिताजी और मैंने हमेशा इसी पर काम किया।' Jyotiraditya Scindia: I can say with confidence that the aim of public service is not being fulfilled by that party (Congress). Besides this, the present condition of the party indicates that it is not what it used to be. pic.twitter.com/AGTK1zZwbe — ANI (@ANI) March 11, 2020 सिंधिया ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि, 'आज मन व्यथित है और दुखी भी है। कांग्रेस अब पहले वाली कांग्रेस नहीं रह गई है। मध्य प्रदेश में किसान त्रस्त है, नौजवान बेबस है। रोजगार कम हुआ और भ्रष्टाचार बढ़ा है।' नड्डा ने किया राजमाता सिंधिया को याद वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि, 'आज हम सबके लिए बहुत खुशी का विषय है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं। भारतीय जनसंघ और भाजपा दोनों पार्टी की स्थापना और स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'ज्योतिरादित्य जी आज अपने परिवार में शामिल हो रहे हैं, मैं इनका स्वागत करता हूं और हार्दिक अभिनन्दन भी करता हूं। हमारे लिए राजमाता जी आदर्श और हम सब के लिए वो एक दृष्टि और दिशा देने वाली नेता रही हैं। उन्होंने पार्टी को शैशव काल से उसकी विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम किया। मैं अपनी ओर से और सभी कार्यकर्ताओं की तरफ से उनका हार्दिक अभिनंदन करता हूं, स्वागत करता हूं।' होली पर दिया इस्तीफा बता दें मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 और भी विधयकों ने पार्टी छोड़ दी थी। सिंधिया के इस बड़े फैसले से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर संकट आ गया और पार्टी अब अल्पमत में आ गई है। बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। ये भी पढ़े... कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया जानिए उस शख्स के बारे में, जिसने कराई सिंधिया और बीजेपी की डील संकट में कमलनाथ सरकार, फिर भी है बहुमत का भरोसा, यहां देखें मप्र विधानसभा का गणित कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ी पार्टी, 20 कांग्रेस विधायकों का भी इस्तीफा, मप्र की कमलनाथ सरकार संकट में कमलनाथ सरकार पर संकट: कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने दिया इस्तीफा, CM कमलनाथ ने कही ये बात MP: खतरे में कमलनाथ सरकार! Read the full article
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