#देवभूमि मंदिर
Explore tagged Tumblr posts
Text
हिमाचल मस्जिद विवाद: अवैध निर्माण के खिलाफ बड़े विरोध का ऐलान, हनुमान मंदिर में इकट्ठा होने का आग्रह
कुल्लू: देवभूमि जागरण मंच ने कुल्लू के अखाड़ा बाजार में मस्जिद के सामने धरने की जोरदार तैयारी शुरू कर दी है। मंच के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जिले भर में एक लाख पर्चे बांटे हैं। उन्होंने 30 सितंबर को कुल्लू में प्रदर्शन करने का एलान किया है. इसे धर्म जागरण यात्रा का नाम दिया गया है. अखाड़ा बाजार मस्जिद में अवैध निर्माण का आरोप लगा रहा है. 14 सितंबर को भी हिंदू संगठनों ने कुल्लू में…
0 notes
Text
🐅 नंदा अष्टमी - Nanda Ashtami
❀ देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत में नंदा देवी महोत्सव।
❀ नंदा देवी उत्तराखंड की पहाड़ियों में सबसे लोकप्रिय देवी में से एक है।
❀ भाद्र मास की शुक्ल अष्टमी के अवसर पर नंदा देवी मेला तीन दिनों तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
❀ नंदा अष्टमी के दौरान `नैना देवी मंदिर नैनीताल` में दिन-रात भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/nanda-ashtami
To Get Daily Updates Follow WhatsApp Channel:
👆 https://whatsapp.com/channel/0029Va8nPzl3WHTVft7nVt2g
For Quick Access Download Bhakti Bharat APP:
📥 https://play.google.com/store/apps/details?id=com.bhakti.bharat.app
1 note
·
View note
Text
मां स्याही देवी का मंदिर
देवभूमि उत्तराखंड में आपको ऐसे कई मंदिर देखने को मिलेंगे जिनका इतिहास काफी प्राचीन है और लोग की आस्था इन मंदिरों से जुड़ी हुई है. हम आपको ऐसे ही मंदिर पर लेकर आए है जो कि अल्मोड़ा से तकरीबन 36 किलोमीटर की दूरी पर है. मां स्याही देवी का मंदिर यह मंदिर पहाड़ की ऊंची चोटी में बसा हुआ है. jaidevbhumi स्थानीय लोगों के अनुसार, कत्यूरी राजाओं द्वारा इस मंदिर का निर्माण एक रात मे�� किया गया था. मंदिर के…
View On WordPress
#adiyogishiva#almora#almoratemple#उत्तराखंड#explorekumaungarhwal#heritage#historicalplace#jagatjanani#JaiUttarakhand#jaymaarani#jaymatadi#jaymatarani#LandOfShiva#maa#OurCultureOurHeritage#pahad#pahadiculture#peacefulplace#syahidevitemple#temples#templesinuttarakhand#uttarakhand#uttarakhandtourism#visitonce#yatra2023
0 notes
Text
Chandrika Devi Mandir | चंद्रिका देवी मंदिर में आध्यात्मिक अभ्यास और अनुष्ठान
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि उत्तराखंड एक धार्मिक केंद्र है (Chandrika Devi Mandir | चंद्रिका देवी मंदिर) । यह एक बहुत ही शांतिपूर्ण और गौरवशाली स्थान है। इसे ��देवभूमि’ के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है ‘भगवान की भूमि’। यह उच्च आध्यात्मिक महत्व का स्थान है। ऐसा माना जाता है कि यह प्राचीन काल से कई हिंदू देवी-देवताओं का घर रहा है। प्रसिद्ध मंदिर, मूर्तियां, स्मारक, वास्तुकला और यहां तक कि…
View On WordPress
0 notes
Text
कलयुग की सच्ची सरकार है बाबा सिद्ध चानो, दुनिया न्याय के देवता के रूप में करती है पूजा
कलयुग की सच्ची सरकार है बाबा सिद्ध चानो, दुनिया न्याय के देवता के रूप में करती है पूजा
Baba Siddha Chano: देवभूमि हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के देहरा उपमंडल के तहत परागपुर के नजदीक डांगड़ा में स्थित बाबा सिद्ध चानो का मंदिर लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है। बाबा सिद्ध चानो को न्याय का देवता और सच्ची सरकार के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि जिस किसी व्यक्ति को कहीं न्याय नहीं मिलता उसे बाबा के दरबार में न्याय मिलता है। कहा जाता है कि द्वापर युग में कैलाश नाम का एक राजा…
View On WordPress
#baba Chanur#Baba Siddha Chano#god of justice#Sachchi Sarakar#sachi sarakar#sidh chano#true government of Kalyug#worships
0 notes
Text
Ram Mandir : उत्तराखंड में मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उमंग; सीएम ने बैठक से पहले सुना ‘राम आएंगे’ भजन
Ram Mandir : सीएम धामी की बैठक से पहले आज राम भजन सुने गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया रामभजन सुबह उत्तराखंड सचिवालय में भी गूंजा। देवभूमि उत्तराखंड में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उमंग एवं ऊर्जा का माहौल है। ISRO : इस���ो ने फ्यूल सेल फ्लाइट का किया सफल परीक्षण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि उत्तरायणी पर होने वाले कार्यक्रमों को अयोध्या में…
View On WordPress
#hindi news#Ram Mandir:#उत्तराखंड#मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी#राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Ram Mandir)
0 notes
Text
उत्तराखंड राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात
New Post has been published on http://www.lokkesari.com/uttarakhand-governor-lt-gen-gurmeet-singh-retd-meets-president-draupadi-murmu-at-rashtrapati-bhavan.html
उत्तराखंड राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात
नई दिल्ली/9 अगस्त/ बुधवार- आज उत्तराखंड राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की । इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रपति को मानसखंड मंदिर माला मिशन पर एक कॉफी टेबल बुक भेंट की।
उत्तराखंड राज्यपाल ने जानकारी देते हुए कहा कि हमने उत्तराखंड के विकास के लिए विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर भी चर्चा की।चारधाम यात्रा के साथ-साथ दिसंबर में इन्वेस्टर्स समिट के लिए भी निमंत्रण देने का सौभाग्य मिला।
उन्होंने राष्ट्रपति को देवभूमि उत्तराखंड के लिए सराहना एवं मार्गदर्शन के लिए हृदय से आभार प्रकट करा।
0 notes
Text
0 notes
Text
अल्मोड़ा का प्रसिद्ध- कटारमल सूर्य मंदिर। कोणार्क से भी पुराना।
उत्तराखंड देवभूमि के नाम से विश्व प्रसिद्ध है। यह हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां अनेक देवी देवताओं के मंदिर हैं जिनका अपना अलग ही महत्व है। इस पोस्ट में आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानकारी मिलेगी जहां सूर्य भगवान की स्तुति की जाती है। कटारमल सूर्य मंदिर, अल्मोड़ा
कटारमल सूर्य मंदिर उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जनपद के अधेली सुनार कटारमल गांव में सूर्य भगवान को समर्पित 'कटारमल सूर्य मंदिर' स्थित है। यह अत्यंत प्राचीन पूर्वामुखी मंदिर उड़ीसा में स्थित 'कोणार्क सूर्य मंदिर' से भी 200 साल पुराना है। यह कोणार्क सूर्य मंदिर के बाद सूर्य भगवान को समर्पित देश का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। यह मंदिर समुद्रतल से लगभग 2116 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर एक सुंदर चट्टान के ढाल पर स्थित है। यहां से कोसी घाटी का सुंदर नजारा देखने को मिलता है। मंदिर की स्थापना भगवान सूर्य देव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण कत्यूरी राजा कटारमल द्वारा छठी से नौवीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह मंदिर कुमाऊं के विशाल मंदिरों में से एक है। मंदिर के आस पास 45 छोटे-छोटे मंदिरों का समूह है जो इसकी सुंदरता को और निखारता है। बडादित्य दूसरा नाम इस मंदिर में स्थापित भगवान आदित्य की मूर्ति बड़ के पेड़ की लकड़ी से निर्मित है। इस कारण इसे बडादित्य के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की वास्तुकला
कटारमल सूर्य मंदिर कटारमल सूर्य मंदिर नागर शैली में निर्मित है। यहां सूर्य देव ध्यान मुद्रा में विराजमान हैं। इस मंदिर की संरचना त्रिरथ है जो वर्गाकार गर्भगृह के साथ शिखर वक्र रेखीय है। इस मंदिर के मुख्य भवन का शिखर खंडित अवस्था में है। मंदिर की संरचना को आधार दिए गए खम्बों पर खूबसूरत नक्काशी की गई है। इस मंदिर के गर्भगृह का प्रवेश द्वार उच्चकोटि की काष्ठ कला से निर्मित है। जिसे वर्तमान में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया है। यहां भगवान सूर्य देव के साथ-साथ भगवान शिव, गणेश और विष्णु भगवान सहित कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। मंदिर के विभिन्न भागों में की गई नक्काशी मंदिर को और ज्यादा खूबसूरती प्रदान करती है। कटारमल मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
कटारमल सूर्य मंदिर पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन समय में उत्तराखंड की कंदराओं में धर्मद्वेषी असुर ऋषि मुनियों पर अत्याचार किया करते थे। जिससे मुक्ति के लिए द्रोणगिरि, काषय पर्वत व कंजार पर्वत के ऋषियों ने कौशिकी (कोसी) के तट पर आकर भगवान सूर्य देव की तपस्या की। सूर्य देव ऋषि मुनियों की तपस्या से अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप अपने दिव्य तेज को यहां वटशिला में स्थापित किया। इसके बाद इस�� वटशिला को कत्यूरी शासक कटारमल द्वारा बडादित्य मंदिर के रूप में विकसित किया और तभी से यह मंदिर कटारमल सूर्य मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया। कटारमल मंदिर से जुड़ी मान्यताएं कटारमल मंदिर के मुख्य भवन का शिखर खण्डित है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को रातों रात निर्मित किया गया, लेकिन प्रातः जब सूर्य भगवान उदित होने लगे तो मुख्य मंदिर के शिखर का भाग छूट गया। वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार मंदिर के रख-रखाव के अभाव के कारण इसके शिखर का भाग खंडित हो गया। वर्तमान में मंदिर की देखभाल भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा की जा रही है। Read the full article
#अल्मोड़ाकाकटार���लसूर्यमंदिर#कटारमलसूर्यमंदिर#कटारमलसूर्यमंदिरअल्मोड़ा#बडादित्यकटारमलमंदिर#बडादित्यमंदिर#भगवानसूर्यकोसमर्पितकटारमलसूर्यमंदिर#सूर्यदेवकोसमर्पितकटारमलसूर्यमंदिर
0 notes
Text
हिमाचल में शिव भगवान यहाँ पीते है भांग की सिगरेट
Preneeta Sharma, अर्की हिमाचल प्रदेश वेसे तो देवभूमि के नाम से जानी जाती है। पर हिमाचल में आज भी कुछ ऐसे मंदिर है जहाँ आज भी अद्भुत चीजे सुनने को मिलती है वैसे ही हिमाचल के अर्की में एक ऐसा मंदिर जहाँ भगवान शिव पीते है भांग से भरी सिगरेट। यह मंदिर सोलन जिला के अर्की में 4किलोमीटर पहाड़ी पर स्तिथ है। आप दो तरीके से पहुंच सकते हैं, पहले या तो आप यहां पर चलकर भी आ सकते हैं या गाड़ी में आ सकते है। इस मंदिर में शिव भक्त भगवान महादेव को एक अलग ही नाम से पुकारते है। आपको बता दे इस मंदिर में शिव भक्त उन्हें अलग ही नाम से पुकारते हैं वैसे इस मंदिर को लूटरु महादेव के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में जो भी शिवभक्त श्रद्धालु यहां आता है वह अपने भगवान के लिए सिगरेट अवश्य लाता है। वहां के लोगों की मान्यता है कि अगर कोई शिव भक्त सिगरेट शिव को अर्पित करता है उसी भोलेनाथ बड़े चाव से पीते हैं। लुटरु महादेव मंदिर 1621 साल में बनाया गया था। कहां जाता है भगवान शिव भागल रियासत के तत्कालीन राजा के सपने में आए थे और उन्होंने मंदिर बनाने की आदेश भी दिए थे। वहां के बुजुर्गों की यह भी मान्यता है कि अनादिकाल में जब शिव पार्वती विवाह हुआ था तो सभी देवता शादी में शामिल होने के लिए कैलाश की ओर चल पड़े थे। सभी देवताओं की एक तरफ आने से धरती का संतुलन बिगड़ने लग गया था। ऐसी में भगवान शिव ने लूटा महादेव की गुफा में तपस्या कर रहे अगस्तय ऋषि आदेश दिया था कि वह दक्षिण की ओर चली जाए ताकि धरती का संतुलन बना रहे। लुटरु महादेव में बनी गुफाएं भी चमत्कारी से कम नहीं है। आगरे चट्टानों से निर्मित इस ��ुफा की लंबाई पूर्व से पश्चिम की तरफ लगभग 25 सीट और उत्तर से दक्षिण की तरफ 42 फीट है। गुफा की ऊंचाई की बात की जाए तो यह तल से 6 फीट से 30 फीट तक है।गुफा की ऊंचाई समुद्र तल से 5500 फीट है और इस के चारों ओर 150 फीट का क्षेत्र एक विस्तृत चट्टान के रूप में फैला है। गुफा के अंदर मध्य भाग में 8 इंच लम्बी प्राचीन प्राकृतिक शिव की पिंडी विद्यमान है। गुफा की छत में परतदार चट्टानों के रूप में भिन्न-भिन्न लंबाइयों के छोटे-छोटे गाय के थनों के आकार के शिवलिंग दिखाई पड़ते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इनसे दूध की धारा बहती थी, लेकिन अब इन प्राकृतिक थनों से पानी की कुछ बूंदे टपकती रहती हैं, जिन्हें देख कर मानव आश्चर्यचकित हो जाता है। महादेव मंदिर मैं यह भी कहा जाता है कि अगर भगवान शिव को सिगरेट अर्पित की जाती है तो वह अपने आप ही सुलगने लगती है और इससे निकलने वाला धुआं देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान शिव उसे पी रहे हैं। शिव की इस अद्भुत आश्चर्यचकित करने वाले दृश्य को देखने के लिए यहां पर दूर दूर से लोग आते हैं। लुटरू माहदेव के इस मंदिर में शिवलिंग में कई जगहों पर गड्ढे बने हुए हैं, जहां श्रद्धालु सिगरेट फंसा देते हैं। और ये सिगरेट अपने आप सुलगने लगती है। माना जाता है कि यहां सिगरेट चढ़ाने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। कैसे पहुंचे लुटरु महादेव मंदिर शिमला से अर्की 42 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ पर बस गाड़ी से पहुँच सकते है। Read the full article
0 notes
Text
चारधाम यात्रियों के लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी, जानिए
देहरादून – श्री बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से देवभूमि उत्तराखंड में स्थित चारधाम यानी कि गंगोत्री, यमुनोत्री ,केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय कर दी गई है । इसके तहत इस साल आगामी 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज होने जा रहा है । वही बात केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम की करें तो केदारनाथ धाम के कपाट आगामी…
View On WordPress
0 notes
Photo
💥First Position💥 Republic Day Parade 2023 - Uttarakhand Jhanki उत्तराखंड की मानसखंड पर आधारित झांकी को गणतंत्र दिवस परेड की झांकियों में पहला स्थान मिला है. इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में उत्तराखण्ड की झांकी ने सभी को खूब आकर्षित किया। यह झांकी मानसखंड थीम पर आधारित थी। उत्तराखंड की झांकी में आगे और बीच के भाग पर कार्बेट नेशनल पार्क का दृश्य था। इसमें हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर के अलावा राज्य में पाए जाने वाने विभिन्न पक्षी दिखाये गये थे। झांकी के पिछले भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर समूह और देवदार के पेड़ दिखाये गये थे। इस झांकी सबसे ख़ास बात है इसमें शामिल छोलिया दल और लोककला ऐपण की झलक थी। साथ में चल रहे छोलिया दल ने सबका दिल जीत लिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर लिखा – गौरवशाली क्षण! गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर कर्तव्य पथ पर निकाली गई झांकियों में देवभूमि के वैभवशाली सांस्कृतिक गौरव को परिलक्षित करती ‘मानसखण्ड’ पर आधारित उत्तराखण्ड की झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त होने पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई। . जुड़िये अपने उत्तराखंड से अपने पहाड़ से जय देवभूमि जय उत्तराखंड 💫Vivid⚡️✨Uttarakhand✨ . 📸 @vivid_uttarakhand . Join The Visual Journey With ❤️❤️💐💐 @vivid_uttarakhand . Do tag 🏷 Do like 👍🏻 Do share 👨👩👧👦 Do comment 🙏🏻💬 💐Follow Us💐 Love Uttarakhand ❤️❤️ . Advice- Please Don’t Use Plastic While Visiting Mountains 🏔 💫 . Clean Environment, Green Environment Go Green 🏔🏔 . Use Hashtag _ #vividuttarakhand . #uttarakhand #uttarkashi #chamoli #rudraprayag #tehrigarhwal #dehradun #paurigarhwal #Pithoragarh #bageshwar #almora #champawat #Nainital #Haridwar #udhamsinghnagar #devbhoomi #devbhoomiuttarakhand #devbhoomi__uttarakhand #uttarakhandheaven #uttarakhandtourism #uttarakhandtraveller #uttarakhanddiaries #uttarakhandculture #uttarakhandvibes #uttarakhandtradition #culture #uttarakhandfirst #uttarakhandgk #uttarakhandwale❤ #apnauttarakhand (at Uttarakhand) https://www.instagram.com/p/CoCoPcLrYec/?igshid=NGJjMDIxMWI=
#vividuttarakhand#uttarakhand#uttarkashi#chamoli#rudraprayag#tehrigarhwal#dehradun#paurigarhwal#pithoragarh#bageshwar#almora#champawat#nainital#haridwar#udhamsinghnagar#devbhoomi#devbhoomiuttarakhand#devbhoomi__uttarakhand#uttarakhandheaven#uttarakhandtourism#uttarakhandtraveller#uttarakhanddiaries#uttarakhandculture#uttarakhandvibes#uttarakhandtradition#culture#uttarakhandfirst#uttarakhandgk#uttarakhandwale❤#apnauttarakhand
0 notes
Text
हिमाचल| कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा हिमाचल प्रदेश के घटोटा से शुरू हुई। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू और उनका पूरा मंत्रिमंडल व विधायक सुबह सात बजे यात्रा में शामिल हुए। यात्रा सुबह 11 बजे तक क्षत्रिय कॉलेज इंदौरा तक चलेगी। राहुल यहां पर चार घंटे आराम करेंगे। फिर नादौन काठगढ़ से तीन बजे यात्रा शुरू होगी। शाम 5.30 बजे मलोट में जनसभा के साथ यात्रा खत्म होगी। कांगड़ा जिले के इंदौरा के मीलवां के रास्ते इस पदयात्रा ने देवभूमि में प्रवेश किया है। दिनभर 24 किलोमीटर पदयात्रा क�� बाद राहुल गांधी मलौट में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। हिमाचल में यात्रा शुरू होने से पहले मीलवां में फ्लैग हैंड-ओवर सेरेमनी की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत सुक्खू सरकार के मंत्री, विधायक और कांग्रेस नेता मौजूद रहे। इससे पहले राहुल गांधी ने प्राचीन मंदिर काठगढ़ में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।
0 notes
Text
Chandrika Devi Mandir | चंद्रिका देवी मंदिर किस लिए प्रसिद्ध है?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि उत्तराखंड एक धार्मिक केंद्र है। यह एक बहुत ही शांतिपूर्ण और गौरवशाली स्थान है। इसे ‘देवभूमि’ के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है ‘भगवान की भूमि’। यह उच्च आध्यात्मिक महत्व का स्थान है। ऐसा माना जाता है कि यह प्राचीन काल से कई हिंदू देवी-देवताओं का घर रहा है। प्रसिद्ध मंदिर, मूर्तियां, स्मारक, वास्तुकला और यहां तक कि नदियां उस समय के युद्ध और समाज में उनकी भूमिका…
View On WordPress
0 notes
Text
देवभूमि की सिद्धपीठ: कालीशिला: यह माता भगवती के सबसे शक्तिशाली और शक्तिशाली मंदिरों में से एक है
देवभूमि की सिद्धपीठ: कालीशिला: यह माता भगवती के सबसे शक्तिशाली और शक्तिशाली मंदिरों में से एक है
कालाशिला मंदिर: जहां बालिका के रूप में प्रकट हुईं देवी मां … देश दुनिया में हिंदुओं की आस्था के प्रतीक कई मंदिर मौजूद हैं। सनातन धर्म में जहां भगवान की पूजा का विधान है, वहीं शक्ति के रूप में देवी मां को माना गया है, जिनके कई रूपों का भी वर्णन है तो वहीं देवी माता की सिद्ध पीठ भी हैं। इन्हीं में से कुछ सिद्ध पीठ देवभूमि उत्तराखंड में भी मौजूद हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे सिद्धपीठ के बारे में…
View On WordPress
#UTTARAKHAND NEWS#UTTARAKHAND से नवीनतम समाचार#उत्तराखंड#कलिशिला#कलिशिला मंदिर#कालाशिला#कालाशीला#कालीमठ मंदिर#कालीशिला#कालीशिला: माँ भगवती का सबसे शक्तिशाली और शक्तिशाली मंदिर#जालंधर#दुर्लभ कहानी#देव भूमि#देव भूमि उत्तराखंड#देव भूमि मंदिर#देवभूमि#देवभूमि उतराखंड#देवभूमि की सिद्ध पीठ: कालीशिला: यह माँ भगवती के सबसे शक्तिशाली मंदिरों में से एक है#देवभूमि मंदिर#देवी का चमत्कारी मंदिर#देहरादून#मंदिर#माँ काली की दुर्लभ कहानी#माँ काली मंदिर की दुर्लभ कहानी#माँ काली शक्तिपुंज#रक्तबीज#राष्ट्रीय#रुकावट#रुद्रप्रयाग
0 notes