#देव भूमि उत्तराखंड
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पिथौरागढ़ में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जनसभा को किया सम्बोधित, उत्तराखंड में विकास की नई गंगा बह रही है : नड्डा
देहरादून। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को देव सिंह मैदान, पिथौरागढ़ में अल्मोड़ा लोकसभा के अंतर्गत आयोजित जनसभा में प्रतिभाग किया। इस दौरान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा ने कहा कि देवभूमि और वीरभूमि उत्तराखंड में आने का सौभाग्य मिला। इस भूमि में हम देवताओं को पूजते हैं, यहां का हर व्यक्ति देवतुल्य है। ये भूमि देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर…
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एक गुप्त गुफा: ऐसी गुफा जहाँ छिपी है दुनिया के समाप्त होने का रहस्य
एक गुप्त गुफा: ऐसी गुफा जहाँ छिपी है दुनिया के समाप्त होने का रहस्य
स्वयं महादेव शिव विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता करने आते हैं उनकी स्तुति … भारत सहित दुनिया भर में कई ऐसी गुफाएं मौजूद हैं, जो लोगों के लिए आज भी आश्चर्य का विषय बने हुए हैं। लेकिन भारत में आज भी एक ऐसी गुफा मौजूद है जिसका उल्लेख पुराणों तक में मौजूद है। और यहाँ तक माना जाता है कि दुनिया के समाप्त होने का रहस्य भी इसी गुफा के गर्भ में छुपा हुआ है। दरअसल आज हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के…
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Uttarakhand is known for the composed Himalayas, holy rivers, spiritual centres, and spellbinding landscapes.
उत्तराखंड, जिसे लोकप��रिय रूप से "देव भूमि" (देवताओं की भूमि) कहा जाता है, भारत गणराज्य का 27 वां राज्य है जो उत्तर प्रदेश से अलग हो गया और नवंबर 2000 में स्वतंत्र राज्य बन गया। स्वाभाविक रूप से 53,483 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में तैयार किया गया, जिसमें से अलग किया गया 86 प्रतिशत क्षेत्र पहाड़ी है और 70 ह���े भरे जंगलों से युक्त है। इसलिए उत्तराखंड को प्रकृति की प्रचुरता और आध्यात्मिक आकर्षणों की भूमि कहा जाता है। महान हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के बीच, यह भारत के सबसे खूबसूरत उत्तरी राज्यों में से एक है जो सुरम्य प्राकृतिक परिदृश्यों के साथ सभी को आकर्षित करता है। आकर्षक हिल स्टेशन, बर्फ से ढके पहाड़ों का मिश्रण, ज़िगज़ैग पर्वत सड़कों के साथ आकर्षक गाँव, शक्तिशाली पहाड़ियों के माध्यम से अपना मार्ग प्रशस्त करने वाली क्रिस्टल नदियाँ, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जैसे विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान और इसके अलावा "फूलों की घाटी" और "नंदा" जैसे विश्व धरोहर स्थल। देवी बायोस्फीयर रिजर्व" प्रमुख स्थान है जो हर पर्यटक को उत्तराखंड ले जाता है।
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देव भूमि : उत्तराखंड
देवों कि भूमि उत्तराखंड पर्वतांचलो से घिरी हुई अद्भुत और अवर्णनीय धरा है। यह बहुत ही रमणीय राज्य है। केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इसकी ख्याति है। सुंदरता और संस्कृति के लिए यह राज्य हमेशा से ही प्रसिद्ध रहा है। क्या आप धरती पर स्वर्ग का अनुभव करना चाहते है तो साथ मिलकर चलते है उत्तराखंड।
सुकून
सुना है उत्तराखंड का सफर बहुत ही सुन्दर है और यदि आप इसको पूर्ण रूप से महसूस करना चाहते है तो ग्रीष्म ऋतु इसके लिए सबसे उपयुक्त है। उत्तराखंड पर्यटकों का विशेष आकर्षण स्थल रहा है। यहां की खूबसूरती को शब्दों में व्यक्त ह�� नहीं किया जा सकता है। सुख और शांति का यह अनुभव करने के उपरांत यही पर बस जाने का मन करता है। ऊंची वादियों को देखकर ऐसा लगता है जैसे उन्होंने रास्तों को अपनी बाहों में समेट लिया हो।
देव भूमि
शिव और शक्ति का अनोखा मिलन देखकर मानो ऐसा लगता है जैसे साक्षात ईश्वर के दर्शन प्राप्त हुए हो। बहुत ही प्यारी देव भूमि होने की साथ साथ यहां पर भारत के प्रमुख चारों धाम जैसे गंगोत्री, यमनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ एक साथ विद्यमान है। लाखों श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए वर्षों से प्रयत्न करते है और आतुर रहते हैं। मान्यता रही है कि इन चारों धाम के दर्शन मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा जाता है यहां स्वयं शिव विराजमान है।
इस भूमि से लोगों की श्रद्धा जुड़ी हुई है। मंदिरों के उपरांत यहां भारत की सबसे पवित्र नदियां जैसे गंगा और यमुना का यह उद्गम स्थल है जिसके लिए भक्ति और श्रद्धा का सेलाब नजर आता है।
पर्यटक स्थल
उत्तराखंड पर्यटकों का विशेष आकर्षण केंद्र रहा है। ऋषिकेश, नैनीताल, मसूरी, भीमताल, अल्मोड़ा, आदि यहां की विशेषता रही है।
ऋषिकेश आकर्षण का प्रमुख स्थान है। हिमायल की चरणों में विराजमान यह शहर अपनी अद्भुत खूबसूरती के लिए जाना जाता है। अध्यात्म, योग, समाधि आदि और आत्मिक शांति पाने के लिए दूर दूर से लोग यहां ��ते है। विभिन्न तरह की क्रियाकलापों के लिए प्रसिद्ध इस शहर में आते ही आप इसी के होकर रह जाएंगे।
नैनीताल कुमाऊं पहाड़ियों में स्थित एक अकल्पनीय पहाड़ी इलाका है। यहां की सुंदरता आपका मन मोह लेती है। इसे नैनी झील के नाम से भी जाना जाता है।
मसूरी गढ़वाल हिमालय माला की तलहटी में स्थित है। यहां आते ही आपको सुखद जलवायु का अनुभव होता है।
हरिद्वार भारत के सबसे महत्त्वूर्ण स्थलों में से एक है। यहां विश्व ख्याति प्राप्त कुंभ मेले का आयोजन होता है। माना जाता है कि यहां पर गंगा स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। अन्तिम क्रियाओं के लिए भी इस देव भूमि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
संस्कृति और सभ्यता
उत्तराखंड अपनी खूबसूरती के साथ साथ अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए भी विख्यात है। यहां पर कई तरह की कला देखने मिलती है। शेष भारत के समान ही उत्तराखण्ड में पूरे वर्षभर उत्सव मनाए जाते हैं। भारत के प्रमुख उत्सवों जैसे दीपावली, होली, दशहरा इत्या��ि के अतिरिक्त यहाँ के कुछ स्थानीय त्योहार हैं। कई मेले देखने मिलते है जैसे देविधुरा मेला, पूर्णागिरी मेला, नंदा देवी मेला आदि।
उत्तराखण्डी खानपान का अर्थ राज्य के दोनों मण्डलों, कुमाऊँ और गढ़वाल, के खानपान से है। पारम्परिक उत्तराखण्डी खानपान बहुत पौष्टिक और बनाने में सरल होता है।
यहां की दो विशेष सभ्यता है कुमाऊं और गढ़वाल। यहां दोनों ही अपनी अपनी संस्कृति के लिए मशहूर है। गढ़वाली , कुमाऊनी और हिंदी यहां बोली जाती है।
यहां कई तरह की वस्तुएं बनाई जाती है। रिंगाल से डालें, कंडी, चटाई, छापरी , आदि का निर्माण किया जाता है जो यहां के पर्यटक बहुत ही शौक से खरीदना पसंद करते हैं।राज्य के अनेक क्षेत्रों में भाग के पौधें के रेशे से कम्बल, शाल, आदि बनाया जाता है।
मिट्टी के बर्तन भी यहां पर बहुत प्रसिद्ध है तथा धातु के बने हुए आभूषण तथा पूजाघर की मूर्तिया भी यहां बनाई जाती है। उत्तराखंड कला, खूबसूरती, संस्कृति और सभ्यता का एक अनोखा मिश्रण है। हिमालय के चरणों में स्थित उत्तराखंड में हर देवी देवता का वास है। भारत की सबसे सुन्दर ये हसीं वादियों और खुला आसमान देखकर आप भी मेरी तरह मंत्र मुग्ध रह जाएंगे। परोपकार की इस भूमि को मेरा कोटि कोटि शत शत नमन करने का में करता है। कभी आप अपने परिवार और दोस्तो के साथ उत्तराखंड का सफर तय तो करिए आपका भारत भ्रमण इसके बिना अधूरा है। स्वर्ग से सुन्दर सपनों से प्यार अकल्पनीय स्थल है हमारा उत्तराखंड।
धन्यवाद
पूर्णा जैन
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उत्तराखंड ब्रेकिंग: एक ही दिन में दो बार भूकंप से डोली धरती, अभी-अभी महसूस हुए झटके!
उत्तराखंड ब्रेकिंग: एक ही दिन में दो बार भूकंप से डोली धरती, अभी-अभी महसूस हुए झटके!
देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। भूकंप के झटकों से देव भूमि उत्तराखंड बार-बार डोल रही है। / आज एक ही दिन में पहले करीब 4:30 ऋषिकेश और आसपास के एरिया में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जबकि करीब 8:00 बजे एक बार फिर भूकंप के झटकों से धरती डोली उठी। राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। लगातार आ रहे…
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सीएम धामी का मिशन हिमांचल
सीएम धामी का मिशन हिमांचल
हिमांचल प्रदेश :कुल्लू में महा जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रचार के दौरान स्थानीय व्यापारी उत्तम शर्मा की चाय की दुकान पर चाय के साथ स्थानीय लोगों के साथ चर्चा की। https://www.lokjantoday.com/wp-content/uploads/2022/11/VID-20221106-WA0030.mp4 उन्होंने कहा कि जिस प्रकार देव भूमि उत्तराखंड की देव तुल्य जनता ने गत विधानसभा चुनाव में रिवाज बदलकर पुनः दो तिहाई बहुमत…
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गुरुद्वारा नानकसर देहरादून में एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है । यह सिख समुदाय को समर्पित है। यह पवित्र सिख केंद्र दून के केंद्र में स्थित है। यह भव्य रूप से 2.5 एकड़ भूमि क्षेत्र में फैला है। गुरुद्वारा का निर्माण निम्नलिखित के उद्देश्य से किया गया था: * उपदेश * को बढ़ावा * और सिख धार्मिक अनुष्ठानों का अभ्यास * और साथ ही, पवित्र संतों की शिक्षाओं का प्रसार करना। उन्होंने 1973 में संत बाबा गुरदेव सिंह जी के संरक्षण में नानकसर गुरुद्वारा की इमारत का निर्माण किया। यह वर्तमान में उनके पवित्र संत बाबा गुरदेव सिंह जी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में चल रहा है । गुरुद्वारा में एक आध्यात्मिक आभा है। यह विभिन्न संप्रदायों और धर्मों के लोगों को यहां प्रार्थना करने के लिए आकर्षित करता है। गुरुद्वारा नानकसर एक अद्भुत वा��्तुकला का प्रदर्शन करता है। इसके शीर्ष पर गुंबद के आकार की संरचना है। इसे सोने में रंगा गया है। और नीचे के हिस्से को प्राचीन सफेद रंग में रंगा गया है। एक संकरा रास्ता आपको स्वच्छ वातावरण वाले गुरुद्वारे तक ले जाएगा। * संत बाबा नंद सिंह जी नानकसर संस्थान के संस्थापक हैं। जिसके तहत गुरुद्वारा संचालित होता है। * फिर बाबा नंद सिंह जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अनावरण किया। इसमें उन्होंने सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु ���ानक देव जी की महिमा को उजागर किया। * प्रारंभ में संत बाबा ईश्वर सिंह जी ने लगभग 13 वर्षों तक इस मिशन को अंजाम दिया। जिसके बाद उन्होंने संत बाबा गुरुदेव सिंह जी को जिम्मेदारी सौंप दी। * वर्तमान में संत बाबा गुरुदेव सिंह जी ने कार्यभार संभाला है। उन्होंने भारत और विदेशों दोनों में 17 नानकसर गुरुद्वारों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पूर्णमाशी (पूर्णिमा की रात) और गुरु नानक देव जयंती के शुभ अवसर पर, गुरुद्वारा में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शाम को वे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के श्री संपत अखंड पाठ का भोग लगाते हैं। इसके बाद कथा और कीर्तन होता है। पूरनमाशी के बाद पहले रविवार को अमृत का प्रशासन भी किया जाता है। जुड़िये अपने उत्तराखंड से अपने पहाड़ से जय देवभूमि जय उत्तराखंड 💫Vivid⚡️✨Uttarakhand✨ . 📸 @vivid_uttarakhand . Join The Visual Journey With ❤️❤️💐💐 @vivid_uttarakhand . Do tag 🏷 Do like 👍🏻 Do share 👨👩👧👦 Do comment 🙏🏻💬 💐Follow Us💐 Love Uttarakhand ❤️❤️ . . Use Hashtag _ #vividuttarakhand . #dehradun #dehradundiaries #dehradunblogger #dehradunlove #dehraduncity #uttarakhand #gurudwara #gurunanakdevji (at Dehradun The City Of Love) https://www.instagram.com/p/CdGvy-MhVdX/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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उत्तराखंड ब्रेकिंग: एक ही दिन में दो बार भूकंप से डोली धरती, अभी-अभी महसूस हुए झटके!
उत्तराखंड ब्रेकिंग: एक ही दिन में दो बार भूकंप से डोली धरती, अभी-अभी महसूस हुए झटके!
देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। भूकंप के झटकों से देव भूमि उत्तराखंड बार-बार डोल रही है। / आज एक ही दिन में पहले करीब 4:30 ऋषिकेश और आसपास के एरिया में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जबकि करीब 8:00 बजे एक बार फिर भूकंप के झटकों से धरती डोली उठी। राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। लगातार आ रहे…
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उत्तराखंड चुनाव परिणाम 2022: देव भूमि में खाद की दुकान, 40...
उत्तराखंड चुनाव परिणाम 2022: देव भूमि में खाद की दुकान, 40…
अधिक आगे डेरेन। देवभूमि में एक बार फिर रैंकिंग में हैं। रविवार को विशेष रूप से प्रदूषित मौसम में एक बार फिर से भरने वाले राज्य में शामिल हों। जहां एक तरफ़ रखा गया है तो 40 कर ली है। ट्विस्ट 18 पर सिमटकर है। आम आदमी पार्टी में यह भी नहीं है। अन्य लोगों ने 4 पर जीत दर्ज की है। ट्वीट को एक बार फिर से चलने के लिए, खट्टीमाँ से पुष्कर धामी 7 थे। पिघले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां 7 7 में से 57…
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देवभूमि की सिद्धपीठ: कालीशिला: यह माता भगवती के सबसे शक्तिशाली और शक्तिशाली मंदिरों में से एक है
देवभूमि की सिद्धपीठ: कालीशिला: यह माता भगवती के सबसे शक्तिशाली और शक्तिशाली मंदिरों में से एक है
कालाशिला मंदिर: जहां बालिका के रूप में प्रकट हुईं देवी मां … देश दुनिया में हिंदुओं की आस्था के प्रतीक कई मंदिर मौजूद हैं। सनातन धर्म में जहां भगवान की पूजा का विधान है, वहीं शक्ति के रूप में देवी मां को माना गया है, जिनके कई रूपों का भी वर्णन है तो वहीं देवी माता की सिद्ध पीठ भी हैं। इन्हीं में से कुछ सिद्ध पीठ देवभूमि उत्तराखंड में भी मौजूद हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे सिद्धपीठ के बारे में…
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भारतीय शिक्षण संस्थान का तीन दिवसीय अभ्यास वर्ग का समापन
भारतीय शिक्षण संस्थान का तीन दिवसीय अभ्यास वर्ग का समापन
शिक्षा व संस्कारों के लिए आवश्यकता है बड़े स्तर पर अनुसंधान कीः महाराज हरिद्वार: अध्यात्म को जानने के लिए गुरू के पास जाना पड़ता है। गुरू ही अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। उत्तराखंड हमारी देव भूमि और संस्कार भूमि है। हमारे यहाँ मां के गर्भ से ही बच्चे को संस्कारों की नींव पड़ जाती है। उक्त बात शनिवार को प्रेमनगर आ��्रम में तीन दिवसीय अखिल भारतीय विस्तारक आभ्यास वर्ग के समापन अवसर पर…
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उत्तराखंड: RSS कार्यकर्ता ने किया अंकिता के परिवार का अपमान, गुस्से में देवभूमि, पुलिस से शिकायत
उत्तराखंड: RSS कार्यकर्ता ने किया अंकिता के परिवार का अपमान, गुस्से में देवभूमि, पुलिस से शिकायत
टिहरी: पहाड़ कि बेटी अंकिता की चिता की आग की तपिश अभी कम भी नहीं हुई थी कि देव भूमि की बेटी के अपमान करने का मामला सामने आ गया। खुद को RSS कार्यकर्ता बताने वाले ऋषिकेश के रायवाला निवासी विपिन कर्णवाल ने ना केवल देवभूमि की बेटी का अपमान किया। बल्कि, उसके पिता और भाई के लिए अपमानजनक टिप्पणी की है। इस मामले के सामने आने के बाद से ही लोगों का गुस्सा और भड़क गया। अपमान करने वाले आरएसएस कार्यकर्ता के…
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