#दिख
Explore tagged Tumblr posts
sitadasi12345 · 6 months ago
Text
Tumblr media
2 notes · View notes
subhashdagar123 · 4 months ago
Text
Tumblr media
0 notes
strangetyphoonearthquake · 7 months ago
Text
Tumblr media
0 notes
gautamkumarrajbhar · 1 year ago
Text
Tumblr media
1 note · View note
srbachchan · 6 months ago
Text
DAY 5965
Jalsa, Mumbai June 17/18, 2024 Mon/Tue 2:52 AM
🪔 ,
June 18 .. birthday greetings to : Ef Nitin Churiwala from Chennai .. and .. Ef Dipti Deshmukh .. 🙏🏻🚩❤️
💍 .. wedding anniversary greetings to Ef Maggi .. for June 18 .. 💐🙏🏻🚩❤️
A decisive manner .. a firmness of opinion .. a wealth of acceptance from those that give .. is a boon to the mind and heart of them that deliver the closeness , that another shall never !
Its gives strength to the self of course , but also to the other that has the same plain as you ..
I am in strength .. as I experience the accept .. I believe that the strength is a universal feel of all .. humanity is the same .. and they feel the same ..
There can be crossroads .. traffic .. breakdowns of the machinery .. but eventually the matter of the matter is always is pertinent and pure .. purity never deceives .. it cannot .. because there is no substitute to it .. if there is , it is then impure .. !!
In the age of young .. in the winter of the North .. Mother in her limited means made clothing to protect us from the cold .. it was rough, blanket like - for that was what was available at the means of limitation .. it was such a discomfort to wear it .. but it was insisted .. and Mother was not disobeyed .. the pant was most in discomfort ..
we would complain :
माँ, बहुत गड़ता है !
but we had to bear it .. until one fine day a solution occurred ..
before wearing the गड़ता हुआ पतलून , I would wear the cotton pyjama that used to be our night dress .. and then wear the pant over it .. no one knew , and the गड़ना बंद !!
Now , with the advent of superior quality .. superior warmth protection .. there is only remembrance .. the discomfort , details itself more on whether it is keeping with the latest social wear, fashion etc., ... and yes by the prayers and blessings of the elders the limited means , converted to a mere 'means' ..
And at 82 .. the most wearable wear and with the comfort of the self is indeed the 'pyjama' .. the 'chudi daar' the 'salwar' ..
Soft , gentle on the body .. and conditioned for ventilation .. 🤣🤣🤣 ..
It's only short coming is the 'nada' नाड़ आ ' ... shortcoming is now a cliché , for the showing outside beyond the confines of the top, the 'kurta' was moment of great mirth tease and laughter :
ए , तेरा नाड़ा दिख रहा है !!
and convulsive laughter 😆
BUT .. now they tell me , the showing of the 'nada' is fashionable !!
😳
aahhhh .. what next ..😜
get to bed dear Ef .. it is coming on to 3:18 am of the 18th June ..
My love and care ..❤️
Tumblr media
Amitabh Bachchan
102 notes · View notes
lucifar7000 · 4 months ago
Text
Including link: https://www.freesexkahani.com/
"दोस्तो, मेरा नाम युग है और मैं मध्यप्रदेश राज्य के भोपाल शहर में रहता हूँ.
मैं अक्सर चूत चुदाई की कहानी पढ़ता रहता हूं और दिन में दो बार हिला लेता हूँ.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी छोटी बहन वर्षा की चुदाई की कहानी है.
इसमें आप पढ़ेंगे कि कैसे मैंने अपनी ही सगी बहन को चोदकर अपनी रंडी बना लिया.
यह Xxx सिस फक कहानी आज से एक साल पहले की उस समय की है जब मैंने 12 वीं के बोर्ड के इम्तिहान दिए थे.
एग्जाम के बाद से स्कूल की छुट्टी चल रही थीं.
मैं अपने परिवार के बारे में बता दूं.
मेरे घर में पाँच सदस्य हैं. मम्मी-पापा, दीदी और एक छोटी बहन.
मेरे पापा का नाम सुदेश है. उनकी उम्र 44 साल है.
मेरी मम्मी का नाम अदिति है. उनकी उम्र 42 साल है. लेकिन वे 30 से ज्यादा की नहीं लगती हैं.
उनका फिगर 32-28-36 का है. वे पारदर्शी साड़ी पहनती हैं और नाभि से नीचे साड़ी को बांधती हैं.
��ारदर्शी साड़ी के साथ टू बाय टू की रु�����या के झीने ब्लाउज में से उनकी ब्रा साफ दिखाई देती है.
उनकी थिरकती चूचियों और मटकती गांड को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
मेरी एक बड़ी बहन है, जिसका का नाम दीपाली है.
वह मुझसे एक साल बड़ी है और वह भी बहुत सेक्सी दिखती है.
दीपाली के बाद मैं हूँ और मुझसे छोटी बहन है.
उसका नाम वर्षा है.
वह मुझसे एक साल छोटी है.
उसकी उम्र 18 साल की है. उसने अभी जवानी की दहलीज पर अपना पहला कदम रखा ही है.
उसके दूध मस्त गोरे हैं और बहुत ही कांटा आइटम है.
उसकी फूली हुई गांड के बीच की दरार को देखकर मेरा उसे चोदने का मन करता है.
मैंने कई बार उसकी ब्रा पैंटी को सूंघकर लंड हिलाया है.
उन दिनों मैं उसकी चूत और गांड में लंड डालने की प्लानिंग कर रहा था.
वैसे सपनों में तो मैं उसे कई बार चोद चुका था पर हकीकत में उसे चोदने में डर लगता था कि कहीं उसने शोर मचा दिया तो सारी इज्जत की मां चुद जाएगी.
यों तो हम दोनों काफी खुले हुए हैं और हमें एक दूसरे के सारे सीक्रेट पता हैं.
कभी कभी वह मुझे गले लगाती है, तो उसके दूध मेरे सीने से लग कर एक मीठी रगड़ दे जाते हैं.
मैं उसके चूतड़ भी सहला देता था.
उस वक्त मन ही मन मैं उसे चोदने का सोचने लगता था.
ऐसा लगता था कि इसे यहीं घोड़ी बना कर इसकी गांड मार दूं.
एक रात को हम सब मिलकर टीवी देख रहे थे और वह हमेशा की तरह मेरी बगल में बैठी टीवी देख रही थी.
मैं भी हमेशा की तरह उसकी टांग से टांग रगड़ कर मस्त हो गया था. मेरा हाथ भी उसकी टांग पर घूम रहा था.
उस दिन काफी रात हो गई थी तो हम सब सोने के लिए जाने लगे.
वर्षा मेरे साथ सोती थी.
मैं भी उसके सो जाने के बाद उसके दूध दबाता, गांड में लंड रगड़ता … लेकिन कभी चोद नहीं सका था.
एक दिन मम्मी और दीदी मौसी के घर निकल गईं वे दो दिन के लिए गई थीं.
कुछ देर बाद पापा भी ऑफिस के लिए निकल गए थे.
पापा को दारू पीने की आदत है और आज मम्मी के न होने से उनके लिए यह किसी त्यौहार के जैसा दिन था.
मैं जानता था कि पक्के में आज पापा दोस्तों के साथ अपनी महफ़िल जमाएंगे.
मुझे पूरी उम्मीद थी कि वे मुझे फोन करके घर आने से मना करेंगे.
वही हुआ भी … एक घंटा बाद उनका फोन आ गया कि वे ऑफिस के काम से बाहर जा रहे हैं और कल शाम तक या परसों वापस आ जाएंगे.
उनके फोन से मुझे बेहद खुशी हुई कि अब बहन की चूत चोदी जा सकती है.
अब घर मैं और वर्षा ��केले थे.
आज चुदाई का सही समय था.
मैं हॉल में टीवी देख रहा था और वर्षा कमरे में थी.
मैंने सोचा कि चल कर देखूँ कि वर्षा क्या कर रही है.
मैं कमरे में गया तो वर्षा तौलिया में मेरे सामने थी. वह नहा कर निकली थी.
उसकी तौलिया छोटी थी, जिससे उसके दूध दिख रहे थे.
उसने गुस्से से मुझे बाहर जाने को कहा, मैं बाहर आ गया.
लेकिन अब उसे चोदने का मन कर रहा था.
शाम हो गई, मैं छत पर बैठा था कि तभी वह आई.
वर्षा- सॉरी भैया, मैं आज आप पर चिल्लायी.
मैं- कोई बात नहीं. वैसे तुम बहुत खूबसूरत हो!
वर्षा- आपको कैसे पता कि मैं खूबसूरत हूं?
मैं- आज तुम्हें बिना कपड़ों के देखा, तब से जाना कि तुम बेहद खूबसूरत हो … आई लव यू वर्षा. सच में मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं.
मैंने न जाने किस आवेश में उससे यह कह तो दिया लेकिन मुझे डर लग रहा था कि अब वह क्या कहती है.
वह मेरी बात सुनकर मुस्कुरा दी और फिर एकदम से आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगी.
मैं भी उसका साथ देने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा.
हम दोनों की 5 मिनट के किस के बाद वह हट गई और शर्माने लगी.
मैंने उसकी तरफ देख कर उसे वापस अपनी गोदी में लेने के लिए हाथ बढ़ाया.
तो वह कहने लगी- आज रात को आपके लिए मेरे पास कुछ बहुत खास है.
मैं समझ गया कि आज मैं इसकी चूत का रस ले सकूँगा.
मैंने कहा- आज खाना मत बनाना, मैं बाहर से ले आऊंगा.
उसने पूछा- क्या पापा का खाना भी लेकर आओगे?
मैंने उसे आंख मारते हुए बताया- नहीं, आज पापा अपनी दारू के प्रोग्राम में व्यस्त रहेंगे शायद … उनका फोन आया था कि वे कल शाम तक वापस आएंगे या हो सकता है कि परसों ही घर आ पाएं!
यह सुनकर मेरी छोटी बहन मुस्कुरा दी और बोली- ओके, इस खबर के लिए अब आपको और भी बढ़िया उपहार मिलेगा.
मैं समझ गया कि शायद अब यह और ज्यादा कामुक होकर चुदना चाहती है.
कुछ देर बाद मैं बाजार गया और वहां से खाना पैक करवा कर मेडिकल स्टोर से सेक्स की गोली लेता हुआ घर के लिए निकल पड़ा.
घर वापस आया तो 8 बज गए थे.
मैं घर पहुंचा तो मैंने देखा कि वर्षा ने लाल रंग की शॉर्ट नाइटी पहन रखी थी.
उसने मुझे देख कर आंख मारी और पूछा- मैं कैसी लग रही हूं?
मैं- बहुत सेक्सी लग रही हो मेरी जान!
यह कह कर मैं उस पर झपटने को हुआ.
वर्षा- चलो, पहले खाना खाना खाते हैं. आज की रात मैं तुम्हारी हूं, जो करना है … कर लेना.
फिर हम दोनों ने खाना खाया और मैं कमरे में गया.
मैंने देखा कि कमरा तो एकदम करीने से सजा हुआ था. उसने तकियों और कुशन से बेड सजाया था.
मैं मन ही मन खुश हुआ.
वर्षा- सजावट कैसी लग रही है?
मैं- अच्छी है, पर क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो!
वर्षा- ��ैं तो आपसे कबसे प्यार करती हूं, बस आप ही देर कर रहे थे.
मैं उसकी तरफ मादक भाव से देखने लगा.
मैं वर्षा को किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसकी नाइटी उतार कर फेंक दी. उसने नाइटी के नीचे कुछ नहीं पहना था, शायद वह पूरी तरह नंगी होकर चुदवाना चाहती थी.
उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा लंड चूसने लगी.
वह एकदम पेशेवर रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी.
उसका लंड चूसना देख कर मुझे संदेह हुआ कि कहीं इसकी चूत पहले से ही तो खुली हुई नहीं है!
पर अगले ही पल मैं शांत हो गया कि कमसिन लड़की की चूत को सीलबंद चूत समझ कर ही चोदना चाहिए.
मैंने उसके सर पर अपना हाथ रख कर उसे अपने लौड़े पर दबाते हुए कहा- मेरी रानी, इतना अच्छा लंड चूसना कहां से सीखा?
वर्षा- मैंने बहुत सारी पोर्न फिल्में देखी हैं. भैया मैं जानबूझ कर अपनी पैंटी और ब्रा बाथरूम में छोड़ देती थी ताकि आप उसे सूंघकर अपना लंड हिला सकें.
मैं- तुम मुझसे कबसे प्यार करती हो?
वर्षा- जब से मैंने आपका 7 इन्च लम्बा लंड देखा है, बस तभी से आपसे चुदवाना चाहती हूं.
यह कहते हुए उसने खड़े होकर अपनी सफ़ाचट चूत मुझे दिखाई.
मैंने उसकी चूत की महक को अपने नथुनों में भरा और कामोन्मत्त हो गया.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए.
वह मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा.
कुछ मिनट बाद उसने मुझसे कहा- भाई, अब रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से अपना लंड डाल दो.
मैंने चुदाई की स्थिति बनाई और उसकी चूत की तरफ देखने लगा कि इतनी संकरी चूत में मेरा मूसल कैसे घुस सकता है.
तभी उसने मेरा लंड अपने हाथ से अपनी चूत पर सैट कर दिया.
मेरा सुपारा उसकी चूत की बंद लकीर पर मुँह मारने लगा.
वह भी सुपारे की गर्मी पाकर अपनी गांड हिलाती हुई मेरे लंड को अन्दर बुलाने लगी थी.
मुझसे रहा न गया और मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया.
शॉट एकदम सही समय पर और सही जगह पर लगा था तो करीब ढाई इंच लंड चूत को फाड़ कर अन्दर घुस गया था.
लंड क्या घुसा, उसकी तो चीख ही निकल गई.
उसकी चीख बता रही थी कि पक्का यह उसका पहली बार वाला हमला था.
मैं सजग हो गया और अन्दर ही अन्दर बेहद खुश भी हो गया था कि आज चूत फाड़ने का पहला मौका मिला है.
अब मैं उसे किस करने लगा और उसे सहलाने लगा, उसका एक दूध अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.
अपने चूचे चुसवाने से उसे अच्छा लगने लगा.
थोड़ी देर बाद वह खुद अपनी कमर उठा कर लंड लेने लगी.
उसका दर्द कम हो गया था.
मैंने एक और जोरदार धक्का लगाया और अपना पूरा लंड उसकी चूत की जड़ तक उतार दिया.
उसकी दर्द भरी चीख निकल गई पर इस बार मेरे होंठ चूसने की वजह से आवाज नहीं निकल पाई.
इस बार मैंने बिना ��ुके धक्कों की स्पीड तेज कर दी.
उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
फिर 5 मिनट तक चुदाई के बाद उसे भी मजा आने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी- आह हहह हहह आज मेरी चूत फ़ाड़ कर इसका भोसड़ा बना दो … बड़ा मजा आ रहा है भैया … आहह आज मेरी चूत की माँ चुद गईई ईई आह.
मुझे अपनी बहन की चूत रगड़ने में बेहद सुकून मिल रहा था.
मैं भी सांड की तरह अपनी छोटी बहन को बकरी समझ कर चोदने में लगा हुआ था.
काफी देर की जोरदार चुदाई के बाद मैंने चूत से लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.
वह अच्छी तरह से लंड चूसने लगी.
मैंने उसके मुँह में ही जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और 5 मिनट बाद उसके मुँह में ही झड़ गया.
उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा, दो बार उसकी चूत और एक बार गांड बजाई.
Xxx सिस फक के बाद हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
अगली सुबह मैं 12 बजे उठा.
तब तक वर्षा नहाकर तैयार हो गई थी.
उसने मुझे जगाया और एक किस किया.
मैं जागा तो उसने मुझसे फ्रेश होने को कहा.
उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता, हम दोनों दबा कर चुदाई करते.
मैंने वर्षा की मदद से अपनी मम्मी को भी चोदा.
यह सब कैसे हुआ था, उसे मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
11 notes · View notes
hi-avathisside · 11 months ago
Text
The eyes never lie, do they?
प्यार, दर्द, उदासी, ख़ुशी, सब उन आँखों में ही दिख जाता है।
जो लफ्ज नहीं बयां कर पाते आंखें कर देती हैं
जो अनकहा, अनसुना रह जाता है, आंखें कह देती है
आंखें सब कह देती हैं, बस उन्हें कोई सुनने वाला होना चाहिए।
Tumblr media
Tumblr media
23 notes · View notes
divyanshumishra2005 · 23 days ago
Text
उम्मीद//
1
दो राह
ये रात है
नाजाने कौन साथ है
कहा जाए
किस से कहे
ये आदमी कितना उदास है....
2
फुल झर के सर रहे
गुलशन नाबाद फर रहे
ऊपर आफताब तेज़ है
नीचे जमीन भी तप रही
बारां से न गुरेज है
एक अगर वो आ जाए
तो फिर ये जंग ��ी
परवेज़ है।।।
3
कही छूटा कोई हमनशीन
कही किसी का सोग है
वबाएं फैली हर जगह
हर जगह एक फौत है
दवाएं जिसके हाथ में
एक जो है खड़ा कही
वो हाकिम को आ जाए
फिर चीज़ क्या ये रोग है।।
4
सामने घनी अंधेरी ओस है
पग पग पर राह ए फिरदौस है
हर कदम पे दिख रही
जिंदगियां बेजान सी
आगे बढ़ने को यहां
होना लाशों पे पामाल है
हा मगर मिल जाए
ये उम्मीद की
मंज़िल पे तेरा साथ है
हम कयामत भी झेल आयेंगे
ये ओस-अंधियारा क्या चीज़ है।।।
3 notes · View notes
hum-suffer · 8 months ago
Text
एक पत्र लिखु तुमको और तुम्हारे नाम के बदले लिख दु प्रिय
उस कागज़ में लपेट लू कुछ ख्वाहिशें और तुमको याद करने पे मेरे मुँह पे आती वो हसी
कुछ थोड़ा बता दु तुम्हे हाल शाम का, जो रखदु मैं एक कमल कागज़ में
एक पत्र लिखु तुमको जिस में से आये मेरी महक
तुम्हें बताएँ चाँद को निहारना है तुम समझ के
कुछ सीधा सा बोल नहीं सकती, कुछ उल्टा तुम्हें समझा कैसे
एक पत्र लिखु तुमको और तुम्हारे नाम के बदले लिख दु प्रिय
पढ़ लेना वो पत्र तुम, और मेरा नाम पढ़ लेना आखिर में
उस ही पत्र में दबा के रख देना वो कमल, मेरे नाम पे धब्बे पड़ भी जाए उस कमल के तो क्या हर्ज़
एक पत्र दिख दु तुमको और नाम के बदले लिख दु प्यारे
12 notes · View notes
kenzenkokri · 1 day ago
Text
शमशान के भीतर में अपनी छवि देख रहा हूं मैं सत्य में विष की नदी देख रहा हूं ना अतीत पर होता विश्वास मुझे कभी वर्तमान में देख लो मुझे यदि दिख रहा हूं कुर्ता अब छोटा पड़ने लगा है देह का आकार बदलने लगा है भीतर की माया–नगरी जीवित है अब भी यह तो मेरा निरंग चेहरा तुम्हें छल रहा है प्राप्त कर पर्याप्त मृत्यु मैं फिर चल दूंगा यहां से शैतान संग नृत्य कर कर मै फिर चल दूंगा यहां से खोजते रहोगे मुझे यह देश के नेताओं में तुम दरिद्रता का दृश्य दिखा कर मैं फिर चल दूंगा यहां से।
-nikamma
5 notes · View notes
nandiniiiivyas · 4 months ago
Text
कल को जब कभी देखो मुझे
तो रुक कर बात करोगे क्या?
या चल दोगे मुँह उठा कर , अनजान बन कर ?
माना कि हाथ बड़े मुलायम है उसके, सुंदर भी है वो
पर तुमने ना कहा था ? कि मेरे चेहरे के नूर से तो , ख़ुद चाँदनी भी जला करती है?
उन सब बातों का क्या? उन मुलाक़ातों का क्या?
जो अगर दिख जाओ रास्ते में कभी
तो रुक कर बात करोगे क्या?
या जाने दोगे मुझे वैसे ही जैसे पहले जाने दिया था?
कहा था तुमने की हार चुके हो तुम
ख़ुद से , ज़िंदगी से, सब से
कहा था तुमने की अब नहीं होता ये सब तुमसे
नहीं निभा पाओगे ये रिश्ता
झूट था, छल था
पता है मुझे
फिर भी कुछ ना कुछ लिखती रहती हूँ
आस लगाये की कभी जो मिलो मुझे रास्ते में
तो रुकोगे, बात भी करोगे
बताओगे उसे तुम्हारे अतीत के बारे में
और मिलवाओगे उससे
जिसने तुम्हें लड़के से मर्द बना दिया
Tumblr media
5 notes · View notes
kagazaurlafz · 1 year ago
Text
कथा है ये एक संन्यासी की, वचनों मैं बंधे महान व्यक्ति की,
जो राजपाठ त्याग चले, ये कथा है इसी एक मधुर वाणी की।।
सूर्य जैसा तेज जिसका, ये कथा है दशरथ पुत्र श्री राम की,
पुरुषोत्तम जो कहलाए है, ये कथा है राजा श्री राम की।।
"रघुकुल वंश बड़ो सुख पायो, श्री राम जन्म संग घनो सुख लायो
बालक श्री राम, दशरथ को बरे प्यारे, तीनों माताओं के वो बरे दुलारे।।
ज्ञान के स्वरूप शक्षत श्री राम, अहंकारी राजाओं के बीच
स्वयंवर में शिव धनुष का किया संथान, कुछ ऐसे सरल हमारे श्री राम।।"
वक्त अब श्री राम का अपनी जानकी से मिलन का।।
माँ सीता सबको बहुत लुभाती थी, बड़ी चंचल नटखट वो,
बहनों संग दोनो भाईयो को चुप चुप देखा करती थी,
पर श्री राम शमाख्स बड़ी वो शर्माती थी।।
श्री राम को भी आभास हुआ,
मां सीता की व्याकुलता से अब उन्हें भी प्यार हुआ।।
श्री राम माँ सीता को कुछ ऐसे देखते जैसे, चकोर चांद को,
जैसे तितली चाहती है आसाम को।।
विवाह प्रसंग।।
मंदिर बड़ा भव्य सजे, कली-कली हर रंग के पुष्प लगे,
दृश्य ऐसा, दिल मनोहारी भर जाए,
नयन में सबके सिर्फ एक ही इच्छा जाग आई,
सिया राम संग, एक झलक उन्हें दिख पाए।।
दोनो जब साथ नजर आए, मधुर गीत कोकिल भी गए,
दृश्य ऐसा जैसे स्वैम लक्ष्मी नारायण साथ नज़र आए।।
ध्यान्य वक्त ऐसा, पवित्र साथ ऐसा।।
जब वह वरमाला एक दूसरे को पहनाए, सब फूल उनपे बरसाए,
विवाह दोनो का कुछ ऐसा भव्य, सारे भगवान भी उनपे स्वर्ग समित फूल बरसाए।।
यूं फिर दोनो धाम यूं मिले,
बाकी तीनों भाईयो के दिल भी माँ सीता के बहन संग जा खिले।।
विवाह समाप्त हुआ, समय के चक्र यूं चले
जनक नंदिनी, सारे दशरथ के संतानों के अर्धनगणि बने।।
प्रसंग श्री राम माँ सीता को अपने प्रेम का अर्थ समझते हुए।।
अगर जीवन जीने की आधार हू मैं, तो जीवन को नेव हो तुम
अगर ग्रन्थों का सर हू मैं, तो ग्रंथो की नगरी जहा बसे, वो गीता हो तुम।
अगर शास्त्रों को धारण जो करे वो शक्ति ही मैं,
तो शस्त्रात की दिव्य ज्ञान हो तुम,
अगर जिंदगी के निबंध का एक शीश हु मै, वो उसमें बसे हर एक अक्षर की अर्थ हो तुम।
अगर श्लोक हू मैं तो उसमें छिपी भाव हो तुम,
अगर एक कवि हु मैं तो उस कही की आराधना हो तुम,
अगर गीत हु मैं तो मधुर सी राग हो तुम,
राम हु मैं, मेरी सीता हो तुम।।
8 notes · View notes
kanpur-business · 5 months ago
Text
नजूल सपँति का डाटि जुटाने मे नाकाम दिख रहा प्रशासन
Tumblr media
2 notes · View notes
strangetyphoonearthquake · 7 months ago
Text
Tumblr media
0 notes
erotic-indian-vixen · 2 years ago
Photo
Tumblr media
दिख ही जाता है उनकी आँखों में ये मुआ इश्क़ मुझे!!! कहने को नहीं रहा बेशक मुझसे अब इश्क़ उन्हें!!
41 notes · View notes
Text
बोले ज़माना यूं, मैं तेरे जैसी हूं,
तू भी तो मुझसा दिख ज़रा
From "Sajde" by Pritam
7 notes · View notes