#दांतों को साफ करने का तरीका
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मुंह की दुर्गंध भगाने के 8 प्रभावी तरीके
मुंह की दुर्गंध, जिसे हैलिटोसिस भी कहा जाता है, एक सामान्य समस्या है जो कई लोगों के आत्मविश्वास और सामाजिक जीवन पर असर डालती है। चाहे किसी महत्वपूर्ण बैठक में हों या दोस्तों के साथ हों, मुँह की दुर्गन्ध एक असहज स्थिति पैदा कर सकती है। इस समस्या का मुख्य कारण दांतों में फंसे भोजन के कण, बैक्टीरिया का बढ़ना, और उचित देखभाल का अभाव हो सकता है। अच्छी खबर यह है कि आप अपने रोजमर्रा के जीवन में कुछ आसान उपाय अपनाकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं। आइए जानते हैं मुंह की दुर्गंध भगाने के 8 तरीके।
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1. नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस करें
मुँह की दुर्गन्ध दूर करने के उपाय में सबसे पहला और बुनियादी कदम है नियमित रूप से अपने दांतों की सफाई। दिन में कम से कम दो बार ब्रश और एक बार फ्लॉस करने से आप अपने दांतों के बीच फंसे भोजन के कण और बैक्टीरिया को हटा सकते हैं। टिप: फ्लॉस का उपयोग करें ताकि दांतों के बीच की जगह में जमे भोजन के कण और प्लाक को साफ किया जा सके।
2. जीभ की सफाई करें
मुंह की दुर्गंध का एक मुख्य कारण बैक्टीरिया का जीभ पर जमा होना है। जीभ को साफ करना न केवल आपकी सांसों को ताजा रखता है, बल्कि बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स को भी हटाता है। टिप: ब्रश के पीछे लगे जीभ-सफाई वाले हिस्से या जीभ साफ करने वाले उपकरण का उपयोग करें।
3. पानी पीते रहें
अक्सर मुंह की दुर्गंध का कारण शुष्क मुँह होता है, जो लार की कमी से होता है। लार आपके मुँह को साफ रखने और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करती है। दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आप अपने मुँह को हाइड्रेट रख सकते हैं और दुर्गंध से बच सकते हैं। टिप: कैफीन युक्त पेय पदार्थों से बचें, क्योंकि वे मुँह को शुष्क कर सकते हैं।
4. पुदीना या इलायची चबाएं
पुदीना और इलायची जैसे प्राकृतिक मसाले मुँह को ताजगी देने के साथ-साथ बैक्टीरिया को भी नियंत्रित करते हैं। जब भी आपको लगे कि मुँह से दुर्गंध आ रही है, तो आप पुदीने की पत्तियाँ या इलायची का सेवन कर सकते हैं। टिप: प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर के रूप में पुदीने की पत्तियाँ हमेशा अपने पास रखें।
5. शुगर-फ्री च्युइंग गम चबाएं
जब भी आपको लगे कि मुँह सूखा है या दुर्गंध आ रही है, तो शुगर-फ्री च्युइंग गम चबाने से लार का उत्पादन बढ़ता है और दुर्गंध से बचाव होता है। टिप: सर्दियों के मौसम में विशेष ध्यान रखें क्योंकि ठंडा मौसम मुँह को शुष्क कर सकता है।
6. खाने के बाद माउथवॉश क��� उपयोग करें
माउथवॉश का नियमित उपयोग बैक्टीरिया को नियंत्रित करने में मदद करता है और आपकी सांसों को ताजगी देता है। विशेष रूप से खाने के बाद माउथवॉश का उपयोग करने से बचे हुए भोजन के कणों को हटा सकते हैं। टिप: ऐसे माउथवॉश का उपयोग करें जिसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण हों।
7. सिगरेट और तंबाकू से बचें
तंबाकू और सिगरेट का सेवन मुंह की दुर्गंध का सबसे प्रमुख कारण हो सकता है। ये न केवल सांसों को बदबूदार बनाते हैं, बल्कि मुँह के बैक्टीरिया को भी बढ़ावा देते हैं। टिप: यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो तुरंत इसका सेवन बंद करने के लिए परामर्श लें।
8. नियमित रूप से दंत चिकित्सक से जांच कराएं
मुंह की दुर्गंध से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप नियमित रूप से अपने दांतों की जांच कराएं। दांतों की सड़न या गम से जुड़ी समस्याओं को दंत चिकित्सक से समय पर दिखाना महत्वपूर्ण है। टिप: हर छह महीने में अपने दांतों की सफाई और जांच कराएं।
निष्कर्ष
मुंह की दुर्गंध न केवल व्यक्तिगत स्वच्छता का मसला है, बल्कि आपके आत्मविश्वास को भी प्रभावित कर सकता है। इन मुंह की दुर्गंध भगाने के 8 तरीकों को अपनाकर आप अपने मुँह को ताजा, साफ और स्वच्छ रख सकते हैं। उचित मुँह की देखभाल और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करके आप इस समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
अगर आप अधिक जानकारी चाहते हैं या आपके मन में कोई सवाल है, तो हमारी वेबसाइट पर अन्य लेखों को जरूर पढ़ें।
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नई दिल्ली: अक्सर लोग दांतों के पीलापन की समस्या से परेशान रहते हैं. ऐसा ज्यादातर दांतों पर प्लाक की परत जम जाने के कारण होता है. इसके अलावा दांतों की अच्छी तरह से सफाई न करने की वजह से भी दांत पीले पड़ जाते हैं. आप इस समस्या को कुछ घरेलू उपायों के जरिए दूर कर सकते हैं और दोबारा मोती जैसे चमकदार दांत पा सकते हैं. आइए जानते हैं. हल्दी और सरसों के तेल का इस्तेमालआप दांतों की सफाई के लिए हल्दी और…
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Tips to sparkling teeth:ब्रश करते वक्त ज्यादातर लोग करते हैं ये बड़ी गलतियां! यहां जानिए सही तरीका, मिलेगा डबल फायदा
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दांत पीले क्यों पड़ जाते हैं और रोकने के लिए क्या हैं उपाय, जानिए इस तरह बनाएं ज्यादा सफेद और आकर्षक
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दांतों के पीले होने की समस्या नई नहीं है और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को अक्सर इससे जूझना पड़ता है. दांत सौंदर्य व्यक्तित्व की झलक पेश करने में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए लोग उसे स्वस्थ, साफ, सफेद और आकर्षक रखने के बारे में ज्यादा सजग रहते हैं. पीले दांतों से छुटकारा की कोशिश करते वक्त लोग अक्सर दांतों की सफेदी का विशेष तरीका चुनते हैं. हालांकि, दांतों की सफेदी पर लोगों का पूरी तरह भरोसा नहीं…
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मुंह की बदबू से छुटकारा पाने के 8 आसान तरीके
मुंह की बदबू, जिसे चिकित्सकीय भाषा में हैलीटोसिस कहा जाता है, एक आम समस्या है जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। यह न केवल आत्मविश्वास को कम कर सकती है, बल्कि दूसरों के साथ संवाद करने में भी कठिनाई पैदा कर सकती है। हालांकि, इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे मुंह की सफाई की कमी, खाना, तम्बाकू का उपयोग, या स्वास्थ्य समस्याएं। लेकिन चिंता की बात नहीं, यहां हम आपको मुंह की दुर्गंध भगाने के 8 तरीके बता रहे हैं।
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1. मुंह की सफाई का ध्यान रखें
मुंह की बदबू का सबसे आम कारण मुंह की सफाई की कमी होता है। दांतों के बीच फंसे भोजन के कण बैक्टीरिया का कारण बनते हैं, जो बदबू पैदा करते हैं। इसलिए, दिन में कम से कम दो बार दांतों को ब्रश करें और फ्लॉस का उपयोग करें ताकि दांतों के बीच फंसे छोटे कण भी साफ हो जाएं।
2. जीभ को साफ करें
जीभ की सफाई भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि दांतों की। जीभ पर बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं, जो मुंह की बदबू का कारण बन सकते हैं। जीभ को साफ करने के लिए जीभ साफ करने वाला टंग स्क्रेपर उपयोग करें, जो जीभ पर जमी गंदगी और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करता है।
3. ज्यादा पानी पिएं
मुंह की बदबू से बचने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है कि आप पर्याप्त पानी पिएं। जब आपका मुंह सूखता है, तो उसमें लार कम बनती है और मुंह में मौजूद बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं, जिससे बदबू आती है। इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत डालें।
4. माउथवॉश का उपयोग करें
अच्छे माउथवॉश का उपयोग भी मुंह की बदबू से छुटकारा पाने का एक प्रभावी तरीका है। एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश बैक्टीरिया को खत्म करता है और ताजगी प्रदान करता है। इसे अपने ब्रशिंग रूटीन में शामिल करें और हर दिन इसका इस्तेमाल करें।
5. खाने के बाद कुल्ला करें
खाने के बाद कुल्ला करने से मुंह में फंसे खाने के कण हट जाते हैं। यह एक सरल तरीका है जिससे आप अपने दांतों और मसूड़ों को साफ रख सकते हैं और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोक सकते हैं। खाने के बाद अगर आप कुल्ला करेंगे तो मुंह की बदबू की समस्या से बच सकते हैं।
6. पुदीने या इलायची का सेवन करें
प्राकृतिक ताजगी देने वाले पुदीने के पत्ते या इलायची का सेवन मुंह की बदबू से तुरंत राहत देता है। ��े दोनों सामग्री मुंह में एंटीबैक्टीरियल प्रभाव डालते हैं और ताजगी बनाए रखते हैं। पुदीने की चाय भी पी सकते हैं या इलायची चबाकर भी आप मुंह की बदबू से छुटकारा पा सकते हैं।
7. धूम्रपान और तम्बाकू से दूरी बनाएं
धूम्रपान और तम्बाकू उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, बल्कि ये मुंह की बदबू का भी प्रमुख कारण होते हैं। तम्बाकू और धूम्रपान करने से मुंह सूखता है और उसमें बैक्टीरिया जमा होते हैं, जिससे बदबू आती है। इसलिए इनसे दूरी बनाएं और अपनी सेहत का ध्यान रखें।
8. स्वस्थ आहार लें
मुंह की बदबू को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार पर भी ध्यान देना जरूरी है। प्याज, लहसुन, और मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचें, क्योंकि ये बदबू को बढ़ा सकते हैं। इसके बजाय ताजे फल, सब्जियां, और हर्ब्स का सेवन करें, जो मुंह को ताजगी और स्वास्थ्य प्रदान करेंगे।
निष्कर्ष
मुंह की बदबू से छुटकारा पाना मुश्किल नहीं है, बशर्ते आप नियमित रूप से मुंह की सफाई और सही आहार का पालन करें। ऊपर बताए गए ये 8 तरीके न केवल आपकी सांसों को ताजा बनाएंगे, बल्कि आपको आत्मविश्वास भी देंगे। अगर समस्या बनी रहती है, तो दंत चिकित्सक से सलाह जरूर लें ताकि किसी गंभीर समस्या का निदान किया जा सके।
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जीभ की सफाई न करने से हो सकती हैं कई बीमारियां, जानिए सही तरीका Divya Sandesh
#Divyasandesh
जीभ की सफाई न करने से हो सकती हैं कई बीमारियां, जानिए सही तरीका
दांतों और मुंह की सफाई करना जितनी जरूरी है, उतना ही जरूरी है जीभ की सफाई भी है। दांतों और मुंह की सफाई के लिए हम ब्रश और माउथ वॉश का इस्तेमाल करते हैं जबकि जीभ की सफाई के लिए जीब स्क्रैपर्स का इस्तेमाल किया जाता है। जीब को साफ करने से ना सिर्फ मुंह की बदबू और गंदे बैक्टीरिया से निजात मिलती है, बल्कि मुंह की सेहत भी ठीक रहती है। सारा दिन खाने-पीने से जीभ पर पतली सी पीले रंग की परत बन जाती है, जिसमें कई तरह के बैक्टीरियां रहते हैं। अगर मुंह की सेहत का ख्याल रखना है तो जीभ को रेगुलर साफ करना जरूरी है। आइए जानते हैं कि जीभ की सफाई कैसे की जाए……..- जीब की सफाई करने के लिए सबसे पहले प्लास्टिक या मेटल का स्क्रैपिंग इन्स्ट्रमन्ट खरीदें। इसे खरीदते समय ध्यान दें कि यह आगे से v शेप में हो ताकि जीभ की अंदर तक सफाई कर सके।- जीभ साफ करते समय जीभ को बाहर निकाले फिर स्क्रैपर्स से साफ करें।- स्क्रैपर्स इस्तेमाल करते समय ध्यान दें कि स्कैपर्स को अंदर से बाहर की ओर जीभ साफ करते हुए लाएं।- स्क्रैपर्स से जीभ साफ करने के लिए आप गर्म पानी का प्रयोग करें ताकि जीभ पर मौजूद सभी बैक्टीरिया मर जाएं।याद रखें कि जीभ साफ करते समय जीभ से अतिरिक्त थूक आता है तो ऐसे में गर्म पानी का सेवन आपके मुंह की अच्छे से सफाई करता है।- दिन में कम से कम दो बार जीभ को स्क्रैपर्स की मदद से जरुर साफ करें।
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अपने दांतों का ख्याल कैसे रखना चाहिए, जानें दांतों के स्वास्थ्य से जुड़ी सभी बातें विस्तार से
बड़े बुजुर्ग कहते हैं जिंदगी का मजा तभी तक है, जब तक आपके दांत सलामत हैं। इस बात को कहने के पीछे तर्क ये है कि दांत न रहने पर ऐसी बहुत सारे खाने की चीजें हैं, जिनका मजा आप नहीं ले पाते हैं। दांत खाना चबाने में मदद करने के साथ-साथ हमारी खूबसूरती भी बढ़ाते हैं। इन सब बातों को जानने के बाद भी अक्सर लोग दांतों के स्वास्थ्य के प्रति उतने सजग नहीं होते हैं, जितना उन्हें होना चाहिए।
आपको जानकर हैरानी होगी कि दांतों के स्वास्थ्य का सीधा संबंध आपके दिल से भी है। इसलिए कई तरह की रिसर्च में वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है कि जो लोग अपने दांतों को गंदे रखते हैं या जिन्हें मसूड़ों से जुड़े रोग होते हैं, उनमें हार्ट अटैक और दूसरी दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
हम सभी को दांतों से जुड़ी कोई न कोई समस्या होती ही रहती है। लेकिन, कम लोग ही छोटी-मोटी समस्या के लिए दंत विशेषज्ञ के पास जाते हैं। इस अनदेखी के कारण ही कई बार छोटी-छोटी बीमारियां भी गंभीर हो जाती हैं। अगर आप दांतों की सही देखभाल करें और हर छह महीने में अपने दांतों का नियमित चेकअप करवायें तो समस्याओं को समय रहते रोका जा सकता है।
दांतों में ठंडा-गरम लगना, कैविटी (कीड़ा लगना), पायरिया, मुंह से बदबू आना और दांतों का बदरंग होना जैसी बीमारियां सबसे सामान्य देखी जाती हैं। अधिकतर लोग इनमें से किसी न किसी परेशानी से दो-चार होते रहते हैं। आइये जानते हैं कि इन परेशानियों के कारण क्या हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है।
क्यों लगता है ठंडा गरम
दांत टूटने, नींद में किटकिटाने, दांतों के घिसने के बाद, मसूड़ों की जड़ें नजर और कैविटी के कारण दांतों में ठंडा-गरम लगने लगता है। इसके साथ ही ब्रश करते समय दांतों पर ज्यादा जोर डालने से भी दांत घिस जाते हैं और बहुत ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं।
बचाव के लिए क्या करें- ब्रश करते समय दांतों पर ज्यादा दबाव न डालें। और साथ ही दांतों को पीसने से बचें।
क्या है इलाज
इस समय का इलाज इस बात पर तय होता है कि आखिर आपको दांतों में ठंडा गरम लगने के पीछे कारण क्या है। फिर भी डॉक्टर खास टूथपेस्ट इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। आप डॉक्टरी सलाह के बिना भी बाजार में मिलने वाले सेंसेटिव टूथपेस्ट इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, अगर दो से तीन महीने पेस्ट करने के बाद भी आपको आराम न मिले तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिये।
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दांत में कीड़ा लगना
कई बार दांतों की सही ��्रकार से देखभाल नहीं करने पर दांतों में सुराख हो जाता है और इस वजह से यह समस्या होती है। इसके साथ ही मुंह में बनने वाला एसिड भी इसके लिए जिम्मेदार होता है। हमारे मुंह में बैक्टीरिया जरूर होते हैं। और जब खाने के बाद जब हम कुल्ला नहीं करते तो ये बैक्टीरिया मुंह में ही रह जाते हैं। इन परिस्थितियों में भोजन के कुछ ही देर बाद यह बैक्टीरिया मीठे या स्टार्च वाली चीजों को स्टार्च में बदल देते हैं। बैक्टीरिया युक्त यह एसिड और मुंह की लार मिलकर एक चिपचिपा पदार्थ (प्लाक) बनाते हैं। यह चिपचिपा पदार्थ दांतों के साथ चिपककर दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचाने लगता है। प्लाक का बैक्टीरिया जब दांतों में सुराख यानी कैविटी कर देता है तो इसे ही कीड़ा लगना अर्थात कैरीज कहते हैं।
कैसे बचें
इस समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि आप रात को जरूर ब्रश करके सोयें। इसके साथ मीठी या स्टार्च वाली चीजें कम खायें। इन चीजों के सेवन से आपके दांतों पर बुरा असर पड़ता है। खाने के बाद ब्रश या कुल्ला जरूर करें। अपने दांतों की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।
कैसे करें पहचान
क्या आपकें दांत अब चमचमाते नहीं हैं। क्या आपको दांतों पर भूरे और काले धब्बे नजर आने लगे हैं। भोजन आपके दांतों में फंसने लगा है। ठंडा - गरम लगता है, तो यह सब कैविटी के लक्षण हैं। आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिये। अगर आप जल्द ही इस समस्या की ओर ध्यान देंगे तो कैविटी को रोका जा सकता है।
जल्द पायें राहत
दांतों में दर्द होने पर सामान्य दर्द निवारक दवाओं का सेवन किया जा सकता है। आप पैरासिटामोल , एस्प्रिन , इबो - प्रोफिन आदि का सेवन कर सकते हैं। कुदरती इलाज के तौर पर दांतों में लौंग या उसका तेल भी लगाया जा सकता है। इससे मसूड़ों का दर्द कम हो जाता है। हां, दर्द दूर होने के बाद इसे भूल न जाएं। आपको डॉक्टर के पास जाकर फिलिंग जरूर करवानी चाहिये।
फिलिंग है जरूरी
फिलिंग करवाये बिना दांतों में ठंडा-गरम और खट्टा मीठा लगता रहता है। इसके बाद आपको दांतों में दर्द भी हो सकता है। समस्या अधिक हो जाए तो पस भी बन सकती है। और आगे चलकर आपको रूट कनाल करवाना पड़ सकता है। इसलिए फिलिंग करवाने में देरी न करें।
सांस में बदबू
मसूड़ों और दांतों की अगर सही प्रकार सफाई न की जाए, तो उनमें सड़न और बीमारी के कारण सांसों में बदबू हो सकती है। कई बार खराब पेट या मुंह की लार का गाढ़ा होना भी इसकी वजह होती है। प्याज और लहसुन आदि खाने से भी मुंह से बदबू आने लगती है।
इलाज: लौंग , इलायची चबाने से इससे छुटकारा मिल जाता है। थोड़ी देर तक शुगर - फ्री च्यूइंगगम चबाने से म��ंह की बदबू के अलावा दांतों में फंसा कचरा निकल जाता है और मसाज भी हो जाती है। इसके लिए बाजार में माउथवॉश भी मिलते हैं।
पायरिया
मुंह से बदबू आने लगे, मसूड़ों में सूजन और खून निकलने लगे और चबाते हुए दर्द होने ��गे तो पायरिया हो सकता है। पायरिया होने पर दांत के पीछे सफेद - पीले रंग की परत बन जाती है। कई बार हड्डी गल जाती है और दांत हिलने लगता है।पायरिया की मूल वजह दांतों की ढंग से सफाई न करना है।
इलाज: पायरिया का सर्जिकल और नॉन सर्जिकल दोनों तरह से इलाज होता है। शुरू में इलाज कराने से सर्जरी की नौबत नहीं आती। क्लीनिंग , डीप क्लीनिंग ( मसूड़ों के नीचे ) और फ्लैप सर्जरी से पायरिया का ट्रीटमंट होता है।
दांत निकालना कब जरूरी
दांत अगर पूरा खोखला हो गया हो , भयंकर इन्फेक्शन हो गया हो , मसूड़ों की बीमारी से दांत हिल गए हों या बीमारी दांतों की जड़ तक पहुंच गई हो तो दांत निकालना जरूरी हो जाता है।
ब्रश करने का सही तरीका
यों तो हर बार खाने के बाद ब्रश करना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं पाता। ऐसे में दिन में कम - से - कम दो बार ब्रश जरूर करें और हर बार खाने के बाद कुल्ला करें। दांतों को तीन - चार मिनट ब्रश करना चाहिए। कई लोग दांतों को बर्तन की तरह मांजते हैं , जोकि गलत है। इससे दांत घिस जाते हैं। आमतौर पर लोग जिस तरह दांत साफ करते हैं , उससे 60-70 फीसदी ही सफाई हो पाती है। दांतों को हमेशा सॉफ्ट ब्रश से हल्के दबाव से धीरे - धीरे साफ करें। मुंह में एक तरफ से ब्रशिंग शुरू कर दूसरी तरफ जाएं। बारी - बारी से हर दांत को साफ करें। ऊपर के दांतों को नीचे की ओर और नीचे के दांतों को ऊपर की ओर ब्रश करें। दांतों के बीच में फंसे कणों को फ्लॉस ( प्लास्टिक का धागा ) से निकालें। इसमें 7-8 मिनट लगते हैं और यह अपने देश में ज्यादा कॉमन नहीं है। दांतों और मसूड़ों के जोड़ों की सफाई भी ढंग से करें। उंगली या ब्रश से धीरे - धीरे मसूड़ों की मालिश करने से वे मजबूत होते हैं।
जीभ की सफाई जरूरी: जीभ को टंग क्लीनर और ब्रश , दोनों से साफ किया जा सकता है। टंग क्लीनर का इस्तेमाल इस तरह करें कि खून न निकले।
कैसा ब्रश सही: ब्रश सॉफ्ट और आगे से पतला होना चाहिए। करीब दो-तीन महीने में या फिर जब ब्रसल्स फैल जाएं , तो ब्रश बदल देना चाहिए।
टूथपेस्ट की भूमिका
दांतों की सफाई में टूथपेस्ट की ज्यादा भूमिका नहीं होती। यह एक मीडियम है , जो लुब्रिकेशन , फॉमिंग और फ्रेशनिंग का काम करता है। असली एक्शन ब्रश करता है। लेकिन फिर भी अगर टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें , तो उसमें फ्लॉराइड होना चाहिए। यह दांतों में कीड़ा लगने से बचाता है। पिपरमिंट वगैरह से ताजगी का अहसास होता है। टूथपेस्ट मटर के दाने जितना लेना काफी होता है।
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पाउडर और मंजन
टूथपाउडर और मंजन के इस्तेमाल से बचें। टूथपाउडर बेशक महीन दिखता है लेकिन काफी खुरदुरा होता है। टूथपाउडर करें तो उंगली से नहीं , बल्कि ब्रश से। मंजन इनेमल को घिस देता है।
दातुनः नीम के दातुन में बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है लेकिन यह दांतों को पूरी तरह साफ नहीं कर पाता। बेहतर विकल्प ब्रश ही है। दातुन करनी ही हो तो पहले उसे अच्छी तरह चबाते रहें। जब दातुन का अगला हिस्सा नरम हो जाए तो फिर उसमें दांत धीरे - धीरे साफ करें। सख्त दातुन दांतों पर जोर - जोर से रगड़ने से दांत घिस जाते हैं।
माउथवॉशः मुंह में अच्छी खुशबू का अहसास कराता है। हाइजीन के लिहाज से अच्छा है लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
नींद में दांत पीसना
वजह: गुस्सा , तनाव और आदत की वजह से कई लोग नींद में दांत पीसते हैं। इससे आगे जाकर दांत घिस जाते हैं।
बचाव: नाइटगार्ड यूज करना चाहिए।
स्केलिंग और पॉलिशिंग
दांतों पर जमा गंदगी को साफ करने के लिए स्केलिंग और फिर पॉलिशिंग की जाती है। यह हाथ और अल्ट्रासाउंड मशीन दोनों तरीकों से की जाती है। चाय - कॉफी , पान और तंबाकू आदि खाने से बदरंग हुए दांतों को सफेद करने के लिए ब्लीचिंग की जाती है। दांतों की सफेदी करीब डेढ़ - दो साल टिकती है और उसके बाद दोबारा ब्लीचिंग की जरूरत पड़ सकती है।
चेकअप कब कराएं
अगर कोई परेशानी नहीं है तो कैविटी के लिए अलग से चेकअप कराने की जरूरत नहीं है लेकिन हर छह महीने में एक बार दांतों की पूरी जांच करानी चाहिए।
मुस्कुराते रहें
मुस्कराहट और अच्छे व खूबसूरत दांतों के बीच दोतरफा संबंध है। सुंदर दांतों से जहां मुस्कराहट अच्छी होती है , वहीं मुस्कराहट से दांत अच्छे बनते हैं। तनाव दांत पीसने की वजह बनता है , जिससे दांत बिगड़ जाते हैं। तनाव से एसिड भी बनता है , जो दांतों को नुकसान पहुंचाता है।
* बच्चों के दांतों की देखभाल
* छोटे बच्चों के मुंह में दूध की बोतल लगाकर न सुलाएं।
* चॉकलेट और च्यूइंगम न खिलाएं। खाएं भी तो तुरंत कुल्ला करें।
* बच्चे को अंगूठा न चूसने दें। इससे दांत टेढ़े - मेढ़े हो जाते हैं।
* डेढ़ साल की उम्र से ही अच्छी तरह ब्रशिंग की आदत डालें।
* छह साल से कम उम्र के बच्चों को फ्लोराइड वाला टूथपेस्ट न दें।
साभार
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Brushing Tips: ब्रश करने का सही तरीका क्या है और कितनी देर तक दांतों को साफ करना चाहिए, जानें
Brushing Tips: ब्रश करने का सही तरीका क्या है और कितनी देर तक दांतों को साफ करना चाहिए, जानें
नई दिल्ली: ओरल हेल्थ यानी मुंह की स्वच्छता और सफाई (Oral Health and Hygiene) हमारी सेहत का एक अहम हिस्सा है. क्या आप जानते हैं कि मुंह को ठीक ढंग से साफ न करने की वजह से आपको हृद�� रोग (Heart Disease) भी हो सकता है? इसलिए अगर आप फिट और हेल्दी रहना चाहते हैं तो मुंह की सफाई भी बेहद जरूरी है. लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं तो बहुत ज्यादा रगड़कर ब्रश करते हैं या फिर बहुत देर तक दांतों को घिसते…
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लिपस्टिक लगाने का सही तरीका – स्टेप बाई स्टेप गाइड – How to Apply Lipstick in Hindi
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लिपस्टिक लगाने का सही तरीका – स्टेप बाई स्टेप गाइड – How to Apply Lipstick in Hindi
लिपस्टिक लगाने का सही तरीका – स्टेप बाई स्टेप गाइड – How to Apply Lipstick in Hindi Soumya Vyas
Hyderabd040-395603080 February 14, 2020
महिला का श्रृंगार लिपस्टिक के बिना अधूरा है और इस बात को आप भी मानती होंगी। यह एक ऐसा प्रोडक्ट है, जो अन्य मेकअप उत्पाद के बिना चेहरे को फ्रेश लुक देने का काम कर सकता है, बशर्ते लिपस्टिक लगाने का तरीका महिलाओं को पता हो। इस बात से आप भी इनकार नहीं कर पाएंगी कि लिपस्टिक लगाना भी एक कला है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम लिपस्टिक लगाने का सही तरीका बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपने मेकअप और भी आकर्षक बना सकें। इसके साथ ही लेख में लिपस्टिक लगाने से जुड़ी जरूरी सावधानियां भी बताई गईं हैं।
तो आइए आपको बताते हैं कि होठों पर लिपस्टिक लगाने का तरीका क्या है।
विषय सूची
होठों पर लिपस्टिक लगाने का सही तरीका
नीचे बताई गईं बातों को ध्यान में रख कर आप लिपस्टिक लगाने का सही तरीका सीख सकती हैं। इसके लिए आपको लिपस्टिक के अलावा कुछ अन्य मेकअप के सामान की भी जरूरत पड़ेगी, जो कुछ इस प्रकार हैं :
सामग्री :
लिप बाम
लिप लाइनर
कंसीलर
कॉम्पैक्ट पाउडर
आपकी मनपसंद लिपस्टिक
अब आगे जानिए होठों पर लिपस्टिक लगाने का तरीका।
विधि :
1. होंठो को तैयार करें
इस स्टेप में होठों को लिपस्टिक लगाने के लिए तैयार किया जाता है। अगर आपके होंठ सूखे या खुरदुरे हैं, तो लिप स्क्रब की मदद से उन्हें एक्सफोलिएट कर लें और फिर उन पर अच्छी तरह लिप बाम लगा कर मॉइस्चराइज कर लें। आप चाहें तो इसके बाद लिप प्राइमर भी लगा सकती हैं। प्राइमर की मदद से लिपस्टिक ज्यादा देर तक टिकी रहेगी और उसका रंग भी हल्का नही होगा।
2. बेस लगाएं :
अगर होठों पर किसी तरह का डिसकलरेशन या पिगमेंटेशन है, तो हो सकता है कि लिपस्टिक का रंग उन पर सही ढंग से न दिखे। ऐसे में, होठों का कालापन दूर करने के लिए उन पर कंसीलर लगाएं। इसे आप उंगलियों या फ्लैट ब्रश की मदद से लगा सकती हैं। ध्यान रखें कि इसे होठों पर रगड़े नहीं बल्कि थपथपा कर लगाएं। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि कंसीलर का शेड होठों की त्वचा से मेल खाता हो। इसके बाद, आखिरी में थोड़ा सा कॉम्पैक्ट पाउडर लगा कर बेस को पूरा करें।
3. लिप लाइनर
लिप लाइनर होठों का शेप सही ढंग से दिखाने में मदद करता है। इसके साथ ही, लिप लाइनर लगाने से लिपस्टिक को होठों के बाहर फैलने से बचाया जा सकता है। इसके लिए अपने ऊपरी होंठ के वी शेप के बीच से शुरुआत करते हुए, पेंसिल को होठों की बाउंड्री पर घुमाएं। कोशिश करें कि पेंसिल ज्यादा शार्प न हो, इससे होंठ पर शेप बनाने में समस्या हो सकती है। साथ ही, इस बात ध्यान रखना भी जरूरी है कि लिप लाइनर लिपस्टिक के कलर का ही हो। उसका रंग लिपस्टिक के शेड से गहरा न हो।
4. लिपस्टिक लगाएं
अब समय आ गया है कि सबसे जरूरी प्रोडक्ट उठाने का और वो है लिपस्टिक। आप लिपस्टिक को सीधे होठों पर लगाने की जगह ब्रश का उपयोग कर सकती हैं। इसके लिए लिपस्टिक से थोड़ा सा लिप कलर ब्रश पर लें और होठों पर लगाना शुरू करें। शुरुआत ऊपरी होठों के वी शेप से क���ें और फिर धीरे धीरे पूरे होंठों पर लगाएं। पहले एक हल्का कोट लगाएं और फिर अगले कोट की मदद से लिपस्टिक का रंग अपनी आवश्यकतानुसार गहरा करें। ध्यान रखें कि होंठों के सारे कॉर्नर भी अच्छी तरह कवर हो जाएं।
5. फिनिशिंग टच
लिपस्टिक लगाने के बाद एक इयरबड की मदद से होठों के आसपास फैली लिपस्टिक को साफ कर लें। लिप्स का शेप बेहतर तरीके से दिखने के लिए आप एक फ्लैट ब्रश की मदद से होठों के आसपास कंसीलर लगा सकती हैं। इसके साथ ही, आप चाहें तो अपने होंठो को एक ग्लॉसी लुक देने के लिए आखिरी में होंठों पर लिप ग्लॉस भी लगा सकती हैं, हालांकि, यह पूरी तरह वैकल्पिक है।
आगे जानिए लिप लाइनर के बिना लिपस्टिक लगाने का सही तरीका।
लिप लाइनर के बिना लिपस्टिक कैसे लगाएं?
अगर आपके पास लिप लाइनर नहीं है, तो घबराने की कोई बात नहीं। उसके बिना भी आप मेकअप आर्टिस्ट की तरह लिपस्टिक लगा सकती हैं। नीचे जानिए लिप लाइनर के बिना होठों पर लिपस्टिक लगाने का तरीका।
1. उंगलियों का करें प्रयोग
अगर आपके पास लिप लाइनर नहीं है, तो उंगलियों की मदद से लिपस्टिक लगाने का तरीका अपनाया जा सकता है। लिपस्टिक से थोड़ा सा लिप कलर अपनी उंगलियों पर लें और होठों पर हल्के हाथों से लगाएं। शुरुआत में होठों की अंदरूनी बाउंड्री (Inner Boundry) पर लगाएं। उंगलियों से लगाते समय ध्यान दें कि उन पर लिया गया रंग हल्का हो और होठों पर लगाते समय कोई जल्दबा���ी न की जाए।
2. लुक करें पूरा
पूरे होठों पर लिपस्टिक आप सीधे लिपस्टिक की मदद से या लिप ब्रश की मदद से लगा सकती हैं। आप चाहें तो पूरे होंठों पर रंग भरने के लिए भी उंगलियों का उपयोग कर सकती हैं।
आप यह जान चुके हैं कि लिपस्टिक लगाने का सही तरीका क्या है। आइए, अब आपको कुछ और टिप्स और सावधानियां बताते हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है।
लिपस्टिक लगाने के कुछ और टिप्स और सावधानियां
लिपस्टिक लगाने का सही तरीका जानने के साथ, उससे जुड़ी कुछ सावधानियां बरतना भी जरूरी हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
कभी भी लिपस्टिक के शेड से गहरे शेड के लिपलाइनर का उपयोग न करें। आज कल यह फैशन ट्रेंड में नहीं है।
लिपस्टिक लगाने के बाद, लिप लाइनर के साथ उसे अच्छी तरह ब्लेंड कर लें, ताकि दोनों अलग अलग न दिखें।
अपने होठों और अवसर के अनुसार लिपस्टिक का रंग और उसका टेक्सचर (मैट, ग्लॉस या क्रीम) चुनें।
अतिरिक्त लिपस्टिक को पोंछने के लिए टिश्यू पेपर या इयरबड का उपयोग करें। कपड़े या वेट वाइप्स के उपयोग से बाकी मेकअप खराब हो सकता है।
लिपस्टिक लगाने के लिए लिप ब्रश का ही उपयोग करें। इसमें भी एंगुलर ब्रश का उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद होगा।
लिपस्टिक लगाते समय ध्यान रखें कि वह आपके दांतों पर न लगे।
लिपस्टिक खरीदने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट देख लें। खराब लिपस्टिक के कारण होठों को नुकसान पहुंच सकता है।
दुकानों पर रखे टेस्टर पीस का उपयोग सीधे होंठों पर न करें। अगर आपको उन्हें ट्राई करना हो तो उंगलियों पर लिप कलर लेकर करें।
फटे होंठों पर लिपस्टिक न लगाएं। इससे फटे होंठों की समस्या और बढ़ सकती है।
होंठों पर लिपस्टिक लगाने का तरीका अब आप समझ ही गई होंगी। अगर शुरुआत में लिपस्टिक लगाते समय आपकी लिपस्टिक फैले या सही ढंग से न लगे तो परेशान न हों। किसी भी अन्य कला की तरह यह भी प्रयास के साथ बेहतर होती जाएगी। लेख में बताई गई टिप्स की मदद से आप दूसरों को भी बता सकती हैं कि लिपस्टिक कैसे लगाएं और लिपस्टिक लगाने का सही तरीका क्या है। तो आज ही इन टिप्स की मदद से अपनी मनपसंद लिपस्टिक लगाएं और नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिख कर हमे बताना न भूलें कि वो आपके लिए कितनी फायदेमंद रही।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
डार्क लिप्स पर लिपस्टिक कैसे लगाएं?
डार्क होंठों पर लिपस्टिक लगाते समय उन पर अच्छी तरह कंसीलर लगाना जरूरी है। जिनके होठों का रंग गहरा है, उन्हें सामान्य से अधिक कंसीलर लगाने की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा, उन्हें लिपस्टिक के भी सामान्य से अधिक कोट लगाने की जरूरत पड़ सकती है।
पतले होंठों पर लिपस्टिक कैसे लगाएं?
पतले होंठों को शुरुआत में एक्सफोलिएट करना जरूरी हो सकता है। इससे होंठों के ऊपर मृत कोशिकाओं की परत निकल जाती है और वे पूरे दिखने लगते हैं। इसके अलावा, लिप बाम, प्राइमर, लिप लाइनर और लिपस्टिक लगाने के बाद, आखिरी में फ्लैट ब्रश की मदद से कंसीलर लगाना भी जरूरी होता है। इससे होठों का आकार पूरा दिखने लगता है।
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Soumya Vyas
सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/lipstick-lagane-ka-sahi-tarika-in-hindi/
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जीभ साफ करने का तरीका, फायदे और नुकसान - How to clean your tongue, benefit and side effects in hindi
जब भी मुहं की सफाई की बात आती है तो हम केवल दांतों की सफाई पर ही जोर देते हैं, लेकिन दांतों की तरह ही जीभ को भी रोजाना साफ करना बेहद जरूरी होता है। जीभ में कई तरह के बैक्टीरिया एकत्रित हो जाते हैं और इसमें सफेद परत बन जाती है, यह दोनों ही कई तरह की समस्याओं का कारण बनते हैं। इसके साथ ही जीभ की नियमित सफाई न करने से सांसों में बदबू और दांतों की भी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए आपको दांतों के साथ ही रोजाना सुबह जीभ को भी साफ करना चाहिए।
इस लेख में आपको जीभ साफ करने के उपाय ��र तरीके के बारे में बताया गया है। साथ ही इस लेख में आपको जीभ को साफ करने के फायदे और नुकसान के बारे में भी बताने का प्रयास किया गया है।
(और पढ़ें - जीभ के छाले का इलाज)
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via https://www.myupchar.com/tips/how-to-clean-tongue-and-benefits
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मुंह की दुर्गंध का इलाज स्वच्छ और ताजगी भरी सांस के लिए
परिचय (Introduction)
हैलिटोसिस मुंह की दुर्गंध का चिकित्सीय नाम है, जो एक सामान्य स्थिति है और दुनिया भर में हर चार में से एक व्यक्ति को प्रभावित करती है। सभी को कभी-कभी बुरी सांस का सामना करना पड़ता है, खासकर लहसुन या प्याज जैसे तीखे खाद्य पदार्थ खाने के बाद। हालांकि, जब बुरी सांस लगातार बनी रहती है (क्रोनिक हैलिटोसिस), तो यह किसी मौखिक स्वास्थ्य समस्या या शरीर के किसी अन्य हिस्से से संबंधित किसी स्थिति का संकेत हो सकता है। यह आपके शरीर से एक चेतावनी संकेत की तरह है, जो समस्या के मूल कारण को पहचानने की आवश्यकता को इंगित करता है। हैलिटोसिस के कारणों और उपचारों को समझना स्वच्छ और ताजगी भरी सांस बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
मुंह की दुर्गंध ( हैलिटोसिस) के लक्षण
Symptoms
- जीभ पर सफेद परत, विशेष रूप से पीछे की ओर।
- मुंह का सूखापन।
- दांतों के आसपास जमाव।
- पोस्ट-नेजल ड्रिप या ��लगम।
- सुबह की दुर्गंध और जीभ पर जलन।
- गाढ़ी लार और गले को बार-बार साफ करने की आवश्यकता।
- लगातार खट्टा, कड़वा या धातु जैसा स्वाद।
हैलिटोसिस का होना व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। बुरी सांस के कारण अन्य लोग दूर हट सकते हैं या अपना सिर घुमा सकते हैं, जिससे आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान में कमी आ सकती है।
Also Read This - How to Cure Mouth Ulcers Fast: 5 Best Natural Remedies
मुंह की दुर्गंध ( हैलिटोसिस) के कारण
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मुंह की दुर्गंध, या हैलिटोसिस, कई कारणों से हो सकती है:
दंत समस्याएं
जैसे पीरियोडोंटाइटिस (दांतों के आसपास संक्रमण) या खराब मौखिक स्वच्छता।
सूखा मुंह
जो दवाओं, शराब, तनाव या किसी चिकित्सीय स्थिति के कारण हो सकता है।
धूम्रपान
जिससे मुंह में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
कम सामान्य कारणों में शामिल हैं:
अम्ल और पित्त का रिफ्लक्स: पेट से।
पोस्ट-नेजल डिस्चार्ज : जैसे क्रोनिक साइनसाइटिस के कारण।
चिकित्सीय स्थितियां : जैसे किडनी फेल्योर, विभिन्न कैंसर, चयापचय असामान्यताएं, और जैव रासायनिक विकार (हालांकि ये दुर्लभ हैं)।
कुछ खाद्य पदार्थ जैसे प्याज, लहसुन, और फूलगोभी भी अस्थायी रूप से मुंह की दुर्गंध का कारण बन सकते हैं।
��ुंह की दुर्गंध का इलाज : घरेलू उपचार
(Treatment)
उपचार विधि
यह कैसे मदद करता है
उपयोग करने का तरीका
ग्रीन टी
एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो बैक्टीरिया से लड़ते हैं
एक कप ग्रीन टी पिएं
पानी पीना
मुंह को हाइड्रेट रखता है
पूरे दिन खूब पानी पिएं
सेब का सिरका
बैक्टीरिया को मारता है और गंध को बेअसर करता है
पतला सिरका से मुंह को कुल्ला करें
बेकिंग सोडा
बुरी सांस को बेअसर करता है और दांतों को साफ करता है
बेकिंग सोडा के पेस्ट से दांत साफ करें
नींबू का रस
सांस को ताजगी देता है और बैक्टीरिया को मारता है
नींबू का रस और पानी से मुंह को कुल्ला करें
अच्छी मौखिक स्वच्छता
भोजन के कणों और बैक्टीरिया को हटाता है
नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस करें
नमक पानी
बैक्टीरिया को मारता है और मुंह को आराम देता है
नमक पानी से मुंह को कुल्ला करें
टी ट्री तेल
एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं
अपने टूथपेस्ट में कुछ बूंदें मिलाएं
सिरका से बना घरेलू माउथवॉश
बैक्टीरिया को मारता है और बुरी सांस को बेअसर करता है
सिरका के घोल से मुंह को कुल्ला करें
फल और सब्जियां खाएं
लार के उत्पादन को बढ़ाता है
कुरकुरे फल और सब्जियां खाएं
अपनी जीभ को साफ करें
जीभ से बैक्टीरिया को हटाता है
जीभ साफ करने वाले या ब्रश से जीभ साफ करें
लौंग
एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं
कुछ लौंग चबाएं
च्यूइंग गम
लार के प्रवाह को बढ़ाता है
शुगर-फ्री गम चबाएं
ये तरीके आपको साफ और ताजगी भरी सांस बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
मुंह से बदबू रोकने के उपाय
(Prevention)
अच्छी मौखिक स्वच्छता:
दांत साफ करें
: दिन में दो बार दांत ब्रश करें, प्रत्येक बार कम से कम दो मिनट तक, ताकि भोजन के कण और प्लाक हटा सकें।
रोज़ाना फ्लॉस करें:
: दांतों के बीच दांत का फ्लॉस करें, ताकि प्लाक जमावट न हो।
जीभ साफ करें
: जीभ को साफ करने के लिए टूथब्रश या जीभ स्क्रेपर का उपयोग करें, जो जीभ पर मौजूद बैक्टीरिया को हटाने में मदद करता है, जो दुर्गंध का कारण बन सकते हैं
माउथवॉश का उपयोग करें
: एक अल्कोहल-मुक्त एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश से मुंह को धोएं, जो बैक्टीरिया को मारता है और सांसों को ताजगी देता है।
नियमित डेंटल चेकअप:
- अपने डेंटिस्ट के पास नियमित रूप से जाएं चेकअप और पेशेंट की सफाई के लिए। इससे मौंदित स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद मिलती है और बदबू जैसी समस्याओं को रोकता है।
हाइड्रेट रहें:
- दिन भर में प्रायः पानी पिएं, ताकि आपका मुंह नम रहे और भोजन के कण और बैक्टीरिया को धोने में मदद मिले।
लार उत्पादन बढ़ाएँ:
- शुगर-फ्री गम चबाएं या शुगर-फ्री कैंडी चूसें, और सेहतमंद खाद्य पदार्थ खाएं जो ज्यादा चबाने की आवश्यकता हो, जिससे लार का उत्पादन बढ़े। यदि आवश्यक हो, तो आपके डेंटिस्ट मुंह सूखापन बढ़ाने के उत्पादों का सुझाव दे सकते हैं।
सूखापन वाले एजेंट���स से बचें:
- अल्कोहल, कैफीन, और तंबाकू के उपयोग से बचें, क्योंकि ये आपके मुंह को सूखा सकते हैं और बदबू का कारण बन सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
ताजगी भरी सांस और मौखिक स्वच्छता का पालन समग्र स्वास्थ्य और सामाजिक संवाद में महत्वपूर्ण है। हैलिटोसिस, जिसे आमतौर पर बुरी सांस के रूप में जाना जाता है, बुरी मुंह की समस्याओं से आ सकती है जो दांतों की बुरी स्वच्छता, सूखे मुंह, और कुछ चिकित्सीय स्थितियों से हो सकती है। इन कारणों को समझकर और नियमित ब्रशिंग, फ्लॉसिंग, जीभ सफाई, और पानी पीने जैसी आदतों को अपनाकर हम हैलिटोसिस को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा, माउथवॉश का उपयोग और नियमित डेंटल चेक-अप से हम दिन-प्रतिदिन बुरी सांस को कम कर सकते हैं और अपने जीवन को स्वच्छ, ताजगी भरे मुंह से आनंदित कर सकते हैं। इन आदतों का पालन करके व्यक्ति अपने आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
#दांतों में इन्फेक्शन#बेकिंग सोडा#बेकिंग सोडा का सूत्र#बेकिंग सोडा का उपयोग#बेकिंग सोडा किसे कहते हैं#ग्रीन टी#ग्रीन टी के फायदे#ग्रीन टी बनाने की विधि#ग्रीन टी के नुकसान
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मेरे पास कुछ पाठकों ने मेरी सुबह की दिनचर्या के बारे में पूछा है और मैंने सोचा था कि अब मैं हर सुबह अपना नियमित और चेकलिस्ट साझा करने के लिए एक अच्छा समय होगा। मेरी सुबह की दिनचर्या कुछ है जो मैं पिछले कुछ वर्षों में विकसित कर रहा हूं और वह अनगिनत किताबों, लेखों, मित्रों और अधिक से प्रभावित है। इसके साथ मेरा लक्ष्य कई अच्छी आदतें पैदा करना है जो मुझे संभवत: अपने जीवन के क्षेत्रों में सफलता के लिए स्थापित कर सकेंगे। मुझे अनुभव से पता है कि अगर मैं कुछ समय के बाहर एक दैनिक आदत नहीं बना रहा हूं (वर्ड, कसरत, आदि पढ़ना) मेरी आवृत्ति यह तरीका नीचे चला जाता है मुझे संदेह है कि यह अन्य लोगों के लिए भी ऐसा है, लेकिन यह निश्चित रूप से मेरे लिए है "आप अपने जीवन को कभी भी नहीं बदलेंगे जब तक कि आप रोजाना कुछ नहीं बदलते।" - जॉन सी। मैक्सवेल
आदत-स्टैकिंग यदि आप आदत से परिचित हैं, तो आप जानते हैं कि बुनियादी सिद्धांत पहले से अच्छी तरह से स्थापित आदत लेने के लिए है (जैसे कि अपने दांतों को ब्रश करना, शॉवर लेना आदि) और फिर एक नई आदत जोड़ना, जिसे आप बनाना चाहते हैं इसके साथ इसलिए जब आप एक करते हैं, तो आप स्वचालित रूप से दूसरे को करने के लिए सोचते हैं।
स्टेरॉयड पर मेरा सिद्धांत है कि मैं प्रत्येक दिन का पालन करता हूं। मैं खुद से पूछ रहा था कि मेरे लिए सबसे ज़रूरी क्या था और मैं सबसे अधिक मूल्य क्या है मैंने निष्कर्ष निकाला कि भगवान, मेरी पत्नी, मेरा स्वास्थ्य और मेरा व्यवसाय के साथ मेरा ��िश्ता शुरू करने के लिए एक शानदार जगह होगी।
मेरी दैनिक चेकलिस्ट जल्दी शुरू करें प्रोबायोटिक और कॉड लिवर ऑयल लें एक एप्पल बंद करो और मेरे डेस्क पर रखो मेरी पावलोक पर रखो 90 मिनट का टाइमर चालू करें डिफ्यूज़र में आवश्यक तेल डालें पानी का एक लंबा ग्लास पीने खींचने (व्यायाम) के 10 मिनट क्या 30 परिपत्र सांसें दाँत साफ करने का धागा मुझे यकीन है कि क्यों नहीं, लेकिन जब मैं दांतों को ब्रश करता हूं, तो मुझे ऐसा करने में कठिनाई होती है, इसलिए मैंने इसे चेकलिस्ट में जोड़ा और अब इसे बहुत अधिक किया जाता है। नीचे एक कारण लिखो क्यों मैं पति या पत्नी प्यार करता हूँ थोड़ी देर पहले एक किताब पढ़ी थी, जिसमें आपने अपने पति के बारे में प्यार की सभी चीजों की एक बड़ी सूची तैयार की थी। और यह सुझाव दिया है कि उन सभी सकारात्मक चीजों पर सोचने की कार्रवाई ही आपके प्यार को गहराई से बढ़ने में सहायता करेगी। एक प्रार्थना नीचे लिखो भगवान ने हाल ही में उत्तर दिया उपरोक्त के समान, मुझे कभी भी भूलना नहीं चाहिए या मुझे जो कुछ भी दिया गया है वह सभी अद्भुत आशीर्वाद दिए गए हैं। प्रतिपादन पढ़ें बाइबल पढ़ेंपत्रिका 5 मिनट की समीक्षा तिमाही व्यापारिक लक्ष्यों की समीक्षा साप्ताहिक लक्ष्य ऊपर की तरह। साफ डेस्क यदि मेरा डेस्क पहले दिन से साफ नहीं है, तो मैं कार्यदिवस शुरू करने से पहले इसे साफ करने के लिए एक बिंदु बना देता हूं। मेरा मस्तिष्क बिना दृश्य अव्यवस्था के बेहतर काम करता है एलेवेटर डेस्क दिन के लिए मेरे कैलेंडर की जाँच करें मैं उन नियुक्तियों और बैठकों को देखता हूं जो मैंने दिन के लिए निर्धारित किया था। कोई ईमेल अनुस्मारक नहीं बिग रॉक्स और रेत पहचानें मैं प्रत्येक दिन काम के लिए टू-डू सूची के रूप में Todoist का उपयोग करता हूं प्रत्येक दिन मुझे एक या दो बड़े कार्य मिलते हैं (जो मुझे अपने साप्ताहिक लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करेंगे) और उन्हें दिन के लिए चट्टानों के रूप में पहचानें। अन्य सभी कार्यों को रेत के रूप में चिह्नित किया जाता है चट्टानों को पहली बार किया जाता है और जब समय की अनुमति देता है तो रेत को पूरा किया जाता है। यदि आप इस सादृश्य से परिचित नहीं हैं दैनिक ऑडियो बाइबल प्रारंभ करें और फिर मैं दौड़ के लिए बंद हूँ यह मेरी वर्तमान सुबह की सूची है, लेकिन मैं हमेशा इसे जोड़ने और सुधार रहा हूं, इसलिए मुझे यह सु��ना अच्छा लगेगा कि आपकी सफलता क्या है! तो मुझे और बाकी सभी को नीचे टिप्पणी में पता है!
2017 के लिए मेरी मॉर्निंग चेकलिस्ट
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क्या आपको पता हैं टूथब्रश चुनने के 5 टिप्स दांतों की सफाई के लिए केवल टूथब्रश का होना ही जरूरी नहीं हैं बल्कि उसका प्रकार और ब्रश के इस्तेमाल करने का तरीका भी काफी मायने रखता है आपको ये ज़रूर पता होना चाहिए कि साफ सुथरी व चमकदार और सेहतमंद मुस्कान के लिए आखिर किस तरह का ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए। हमेशा कोशिश करें कि छोटे और गोल सिर वाले ब्रश का ही प्रयोग करें ऐसा करने पर बहुत ही आसानी से ब्रश कोनों तक पहुंचकर दांतों की पूरी सफाई कर पाएगा वहीं पर बड़ा ब्रश मुंह के कोनों तक पहुंच पाने में असमर्थ रहेगा। टूथब्रश चुनते वक्त जो सबसे महत्वपूर्ण बात होती है वह है इसके ब्रिसल्स का नर्म होना और नर्म ब्रिसल्स वाले ब्रश दातों कि सफाई भी करते हैं और मसूढ़ों को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं वहीं पर कड़क ब्रिसल्स से मसूढ़ों को काफी नुकसान पहुंचता है। अगर आपके मसूढ़े काफी संवेदनशील हैं तो फिर इसके लिए आपको सेंसेटिव टूथब्रश का चुनाव करना ही आपके लिए अच्छा रहेगा जो कि आसानी से मार्केट में मिल जायेगा इससे आपके मसूढ़ों को कोई नुकसान नहीं होगा। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि ब्रश के हैंडल की लंबाई कम न हो, वरना आप सहजता से इसका प्रयोग नहीं कर पाएंगे। वहीं ब्रश खरीदते समय इसका कैप भी खरीदें और ब्रश सूखने के बाद उसमें कैप लगाएं। अगर आपके दांत यानि कि दंतपंक्ति एक लाइन से न हो कर के टेढ़ी-मेढ़ी है तो फिर आपके लिए जिक-जैक ब्रिसल्स वाले ब्रश का ही चुनाव ज्यादा बेहतर रहेगा सामान्य और सपाट ब्रश इस तरह के दांतों की ज्यादा बेहतर सफाई नहीं कर पाते हैं।
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दांतों को तुरंत सफेद कैसे करें: आसान और प्रभावी तरीके
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परिचय (Introduction)
दांतों को तुरंत सफेद कैसे करें? कुछ प्राकृतिक उपाय दुर्भाग्यवश, समय क�� साथ हमारे दांत धब्बेदार और बदरंग हो सकते हैं, जिससे हम अपनी वास्तविक उम्र से बड़े दिखने लगते हैं। अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि सफेद दांत आपको 5 से 10 साल तक जवान दिखा सकते हैं। सौभाग्य से, आपके दांतों को तुरंत सफेद करने के कई आसान और प्रभावी तरीके हैं, जो आपको कुछ ही समय में एक चमकदार मुस्कान दे सकते हैं। चाहे आप किसी विशेष अवसर की तैयारी कर रहे हों या बस अपने रोज़मर्रा के लुक को सुधारना चाहते हों, ये तरीके तेजी से और प्रभावशाली परिणाम प्रदान करते हैं।
दांतों को सफेद करना
Teeth whitening
दांतों को सफेद करना कई प्रक्रियाओं को संदर्भित करता है, जिनका उद्देश्य प्राकृतिक दांतों को उज्जवल और सफेद दिखाना है। इन विधियों में धब्बों को रगड़ना, ब्लीचिंग और अल्ट्रावायलेट (यूवी) लाइट थेरेपी शामिल हैं। कई प्रकार के दांत सफेद करने वाले उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग घर पर किया जा सकता है। आप अपने दांतों को डेंटिस्ट के कार्यालय में भी सफेद करवा सकते हैं।
हालांकि, दांतों को सफेद करना मुख्य रूप से दांतों की उपस्थिति को बेहतर बनाने के लिए उनकी रंगत को हल्का करने की एक सौंदर्य प्रक्रिया है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे कि दांतों की संवेदनशीलता और मसूड़ों में जलन। इन संभावित साइड इफे��्ट्स के बावजूद, दांतों को सफेद करना दांतों की सतह को नुकसान पहुंचाए बिना उनके मौजूदा रंग को काफी हल्का कर सकता है।
दांतों के पीले होने के कारण
Teeth can turn yellow or discoloured due to several reasons mention below :
रंग बदलने का प्रकार
कारण
विवरण
बाहरी धब्बे
(Extrinsic Staining)
भोजन और पेय पदार्थ
चाय, कॉफी, रेड वाइन, सॉफ्ट ड्रिंक्स और कुछ गहरे रंग के फल और सब्जियों के रस जैसे पेय पदार्थों में रसायन होते हैं जो दांतों की एनामेल से बंधकर उन्हें धब्बेदार बना सकते हैं।
धूम्रपान
सिगरेट में टार और निकोटीन दांतों को पीला, काला या गहरा बना सकते हैं। धूम्रपान से प्लाक भी जमा होता है, जो मसूड़े की बीमारी और दांत क्षय में योगदान करता है।
आंतरिक रंग बदलना (Intrinsic Discoloration )
उम्र
जैसे-जैसे हम बूढ़े होते जाते हैं, हमारे दांतों की एनामेल प्राकृतिक रूप से पतली होती जाती है, जिससे भोजन और पेय के रंगद्रव्य आसानी से प्रवेश कर जाते हैं और रंग बदलने का कारण बनते हैं।
चोटें
दांत या मसूड़े में चोट लगने से शरीर अधिक डेंटिन बनाने लगता है, जिससे दांतों का रंग गहरा हो सकता है या खून दांतों में रिस क��� उनके रंग को बदल सकता है।
दवाएं
कुछ दवाएं, जैसे अस्थमा या रक्तचाप की दवाएं, और टेट्रासाइक्लिन या डॉक्सीसाइक्लिन जैसे एंटीबायोटिक्स, दांतों का रंग बदल सकती हैं।
अधिक मात्रा में फ्लोराइड का सेवन और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज से भी दांत गहरे हो सकते हैं।
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दाँत सफेद करने के 10 घरेलू नुस्खे
(Best,effective home treatment for teeth whitening )
विधि
लागू करने का तरीका
बेकिंग सोडा से ब्रश करना
एक चम्मच बेकिंग सोडा को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। 2 मिनट तक ब्रश करें, फिर अच्छी तरह से कुल्ला करें।
ऑयल पुलिंग
एक चम्मच नारियल तेल को 15-20 मिनट तक मुँह में घुमाएं, फिर थूक दें और गर्म पानी से कुल्ला करें।
सेब का सिरका
एक चम्मच सेब के सिरके को पानी में मिलाएं। इसे कुछ मिनट के लिए मुँह में घुमाएं, फिर पानी से कुल्ला करें।
हाइड्रोजन पेरोक्साइड
हाइड्रोजन पेरोक्साइड और पानी को बराबर मात्रा में मिलाएं। इसे 60 सेकंड तक मुँह में घुमाएं, फिर पानी से कुल्ला करें।
फल और सब्जियाँ खाना
सेब, गाजर और अजवाइन जैसे कुरकुरे फल और सब्जियाँ खाएं, जो दाँतों को साफ करते हैं और सतही दागों को हटाते हैं।
सक्रिय चारकोल
गीले टूथब्रश को पाउडर चारकोल में डुबोएं। धीरे-धीरे 2-3 मिनट तक ब्रश करें, फिर अच्छी तरह से कुल्ला करें।
नींबू या संतरे के छिलके
नींबू या संतरे के छिलके के अंदर के सफेद हिस्से को 2 मिनट तक दाँतों पर रगड़ें, फिर अच्छी तरह से पानी से कुल्ला करें।
व्हाइटनिंग स्ट्रिप्स
स्ट्रिप्स को दाँतों पर लगाएं और अनुशंसित समय (आमतौर पर 30 मिनट) के लिए छोड़ दें, फिर हटा दें और कुल्ला करें।
बेकिंग सोडा टूथपेस्ट का उपयोग करना
बेकिंग सोडा टूथपेस्ट से दिन में दो बार ब्रश करें।
दाँत सफेद करने के लिए नीम
नीम की लकड़ी का ब्रश या नीम आधारित टूथपेस्ट का उपयोग करें, जो दाँतों को प्लाक से मुक्�� करता है और प्राकृतिक रूप से सफेद करता है।
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प्रोफेशनल टीथ व्हाइटनिंग:
(Professional teeth whitening)
डेंटिस्ट या दंत पेशेवरों द्वारा किया गया प्रोफेशनल टीथ व्हाइटनिंग एक उज्जवल मुस्कान प्राप्त करने का एक विश्वसनीय और प्रभावी तरीका है। यह उपचार अक्सर इसकी सुरक्षा, दक्षता और लंबे समय तक चलने वाले परिणामों के कारण पसंद किया जाता है। हालांकि, लागत, जीवनशैली की आदतें और इन-ऑफिस उपचार और कस्टम टेक-होम ट्रे के बीच चयन सहित विभिन्न कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
व्हाइटनिंग एजेंट्स
प्रोफेशनल टीथ व्हाइटनिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले मुख्य एजेंट्स हाइड्रोजन पेरोक्साइड और कार्बामाइड पेरोक्साइड हैं। घर्षणयुक्त व्हाइटनिंग टूथपेस्ट के विपरीत जो सतही धब्बों को यांत्रिक रूप से हटाता है, ये एजेंट अणु स्तर पर धब्बों को तोड़ने का काम करते हैं। प्रोफेशनल उपचार आमतौर पर इन रसायनों की उच्च सांद्रता का उपयोग करते हैं, जिससे ओवर-द-काउंटर (OTC) उत्पादों की तुलना में अधिक प्रभावी परिणाम मिलते हैं।
प्रोफेशनल व्हाइटनिंग विधियाँ
प्रोफेशनल टीथ व्हाइटनिंग की दो मुख्य विधियाँ हैं:
1. इन-ऑफिस व्हाइटनिंग: (In-Office Whitening)
- इन-ऑफिस उपचार छोटे अपॉइंटमेंट्स में किए जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक सत्र लगभग 15 से 30 मिनट तक चलता है।
- पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर 90 मिनट से अधिक समय नहीं लगता है।
- दांतों पर उच्च सांद्रता वाला हाइड्रोजन पेरोक्साइड जेल लगाया जाता है, अक्सर उच्च तीव्रता वाली रोशनी (जैसे एलईडी, यूवी, या हैलोजन) के साथ मिलाकर, व्हाइटनिंग प्रभाव को बढ़ाने के लिए।
- अध्ययनों से पता चला है कि लाइट-एन्हांस्ड व्हाइटनिंग विधियाँ जेल-केवल उपचारों की तुलना में लंबे समय तक दांतों की चमक बनाए रख सकती हैं, हालांकि कुछ शोध यह सुझाव देते हैं कि लाइट के उपयोग से न्यूनतम अतिरिक्त लाभ होता है।
2. कस्टम टेक-होम ट्रे:
(Custom Take-Home Trays)
- कस्टम ट्रे इन-ऑफिस उपचार और OTC उत्पादों के बीच एक मध्य मार्ग प्रदान करती हैं।
- ये ट्रे रोगी क��� दांतों के अनुरूप बनाई जाती हैं और इनमें एक प्रोफेशनल-ग्रेड व्हाइटनिंग एजेंट होता है।
- इन्हें आमतौर पर दैनिक रूप से एक निर्दिष्ट अवधि के लिए पहना जाता है जब तक कि वांछित व्हाइटनिंग प्रभाव प्राप्त नहीं हो जाता।
“सफेद मुस्कान बनाए रखना”
(Maintaining a White Smile)
जब आपने एक सफेद मुस्कान प्राप्त कर ली हो, तो इसे बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ सुझाव हैं जिनसे आप अपने दांतों को चमकदार रख सकते हैं:
अच्छी मौखिक स्वच्छता का पालन करें:
रोजाना दो बार अपने दांतों को सफेद करने वाले टूथपेस्ट से ब्रश करें और प्रतिदिन फ्लॉस करें ताकि प्लाक और बैक्टीरिया हट सकें।
दाग देने वाले खाद्य और पेय पदार्थों को सीमित करें:
कॉफी, चाय, रेड वाइन और मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम करें या इन्हें पूरी तरह से अवॉइड करें।
नियमित दंत चिकित्सा जांच करवाएं:
अपने दंत चिकित्सक के पास नियमित सफाई और जांच के लिए जाएं ताकि आपके मौखिक स्वास्थ्य की अच्छी स्थिति बनी रहे।
निष्कर्ष (Conclusion)
दांतों को सफेद करना, चाहे घर पर या प्रोफेशनल सेटिंग में, एक प्रभावी तरीका है जिससे आपकी मुस्कान चमकदार और आकर्षक दिख सकती है। घर पर बेकिंग सोडा, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, और सक्रिय चारकोल जैसे उपाय तुरंत प्रभावी होते हैं, जबकि प्रोफेशनल तकनीकें, जैसे इन-ऑफिस व्हाइटनिंग और कस्टम टेक-होम ट्रे, अधिक स्थायी परिणाम देती हैं।
इन विधियों के साइड इफेक्ट्स, जैसे दांतों की संवेदनशीलता और मसूड़ों में जलन, उचित देखभाल और नियमित दंत चिकित्सा जांच से कम किए जा सकते हैं। अच्छी मौखिक स्वच्छता, दाग देने वाले खाद्य और पेय पदार्थों की सीमितता, और नियमित दंत चिकित्सा जांच से सफेद मुस्कान बनाए रखी जा सकती है।
आजकल एक उज्जवल और सफेद मुस्कान प्राप्त करना और बनाए रखना पहले से कहीं अधिक आसान और सुलभ हो गया है, जिससे आत्मविश्वास और समग्र उपस्थिति में सुधार हो सकता है।
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