#दक्षिण भारतीय भोजन संयुक्त
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trendingwatch · 2 years ago
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शेरेटन, दिल्ली में दक्षिण दक्षिण भारतीय भोजन पसंद करने वालों के लिए स्वर्ग है
शेरेटन, दिल्ली में दक्षिण दक्षिण भारतीय भोजन पसंद करने वालों के लिए स्वर्ग है
दक्षिण भारतीय एक ऐसा भोजन है जिसे हम हर भोजन में खा सकते हैं। बोल्ड करी से लेकर लजीज बिरयानी तक, आरामदेह स्ट्यू से लेकर पौष्टिक परोटे तक – व्यंजनों में इतनी विविधता है। यदि आप दक्षिण भारतीय भोजन-प्रेमी हैं और आप दिल्ली में नई जगहों की तलाश कर रहे हैं, तो हमने आपके लिए एक रत्न ढूंढा है। दक्षिण शेरेटन होटल, नई दिल्ली में एक रेस्तरां है जो दक्षिणी प्रायद्वीप के सभी अलग-अलग राज्यों के सबसे अच्छे…
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sareideas · 3 years ago
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क्या आपको रेस्तरां के रसोइयों से उनके व्यंजनों को साझा करने के लिए कहना चाहिए? रेडिट डिबेट्स
क्या आपको रेस्तरां के रसोइयों से उनके व्यंजनों को साझा करने के लिए कहना चाहिए? रेडिट डिबेट्स
रेस्तरां के भोजन के बारे में कुछ इतना अस्वीकार्य है। हम बस उस स्थानीय पिज्जा संयुक्त, या यहां तक ​​कि हमारे घर के पास दक्षिण भारतीय रेस्तरां में पर्याप्त नहीं मिल सकते हैं। हर तैयारी मंत्रमुग्ध कर देने वाली और बिल्कुल दिव्य है। भले ही हमारे बीच के विशेषज्ञ शेफ घर पर उसी व्यंजन को फिर से बनाने की कोशिश करें, लेकिन यह वैसा नहीं बनता है। ऐसा क्या है जो रेस्टोरेंट के खाने को इतना स्वादिष्ट और घर के…
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helphindime01 · 4 years ago
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तंजानिया के बारे में रोचक तथ्य - Help Hindi Me
तंजानिया के बारे में रोचक तथ्य | Interesting & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया एक पूर्व अफ्रीकी देश है जो अपने समृद्ध वन्य जीवन के लिए जाना जाता है। तंजानिया का प्रमुख धर्म ईसाई धर्म है, इसके बाद इस्लाम है। तंजानिया की राजधानी डोडोमा है। तंजानिया की आधिकारिक मुद्रा तंजानिया शिलिंग है। तंजानिया की आधिकारिक भाषा स्वाहिली है। तंजानिया की सीमा केन्या, युगांडा, हिंद महासागर, मलाविया, कांगो, बुरुंडी और कई अन्य देशों से मिलती है।
तंज़ानिया की मुद्रा / Tanzania currency
तंजानिया शिलिंग(Tanzanian shilling)
तंज़ानिया की राजधानी(Tanzania ki rajdhani  )/Tanzania capital
डोडोमा(Dodoma)
तंज़ानिया की भाषा/Tanzania language
स्वाहिली(Swahili)
तंज़ानिया किस देश में है/Tanzania in which country
तंजानिया, पूर्वी अफ्रीकी देश  है।
तंज़ानिया की जनसंख्या/Tanzania population
5.63  crores (2018)
क्या तंज़ानिया एक देश है/is Tanzania a country
हां, तंजानिया, पूर्वी अफ्रीकी देश  है
तंज़ानिया देश कोड क्या है/Tanzania country code
+255
तंज़ानिया के लोगों का धर्म/Tanzania religion
तंजानिया का  प्रमुख धर्म ईसाई धर्म  है, इसके बाद  इस्लाम है।
तंज़ानिया के राष्ट्रीय पशु का नाम/Tanzania national animal name
मसाई जिराफ(Masai giraffe)
तंज़ानिया की राजधानी और मुद्रा/Tanzania capital and currency
राजधानी – डोडोमा  मुद्रा – तंजानिया शिलिंग
तंज़ानिया किस महाद्वीप में है/Tanzania is in which continent
अफ्रीका
तंजानिया के बारे में कुछ रोचक और मजेदार तथ्य इस प्रकार हैं:
01-10 Interesting & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया की आबादी 56.3 मिलियन है. तंजानिया की अधिकांश आबादी अश्वेत लोगों की है।
तंजानिया को 1961 में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता मिली थी।
तंजानिया का आधिकारिक नाम यूनाइटेड रिपब्लिक ��फ तंजानिया या संयुक्त गणराज्य तंजानिया है।
तंजानिया में पक्षियों की लगभग 1100 प्रजातियां हैं, जो अफ्रीका में लगभग 2500 प्रजातियों में से हैं।
तंजानिया का झंडा तांगेयिका और ज़ांज़ीबार के झंडों से प्रेरित है। तंजानिया के ध्वज के चार रंग हैं, अर्थात् हरा, पीला, काला और नीला। हरा रंग प्राकृतिक संसाधनों और वनस्पतियों का प्रतिनिधित्व करता है, पीला खनिज संपदा का प्रतिनिधित्व करता है, काला अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करता है और नीला जल निकायों का प्रतिनिधित्व करता है।
तंजानिया के पास इतिहास में अब तक के सबसे छोटे युद्ध का रिकॉर्ड है। जंजीबार युद्ध इतिहास का सबसे छोटा युद्ध है जो तंजानिया में लड़ा गया था। ज़ांज़ीबार युद्ध ब्रिटेन और ज़ांज़ीबार सल्तनत के बीच एक सैन्य संघर्ष था जो 27 अगस्त, 1896 को 38-45 मिनट तक चला।
तंजानिया में बाओबाब पेड़ (Baobab tree) नाम का एक पेड़ पाया जाता है। बाओबाब वृक्ष का जीवनकाल 1000 वर्षों से अधिक है। यह मुख्य रूप से तंजानिया     सेरेनगेटी राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले बाओबाब वृक्ष को 6000 साल पुराना माना जाता है।
अफ्रीका की सबसे ऊँची पर्वत चोटी किलिमंजारो पर्वत है। माउंट किलिमंजारो     तंजानिया में स्थित है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 5895 मीटर है।
माउंट किलिमंजारो एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है जो     200000 साल पहले एक बार फट चुका है। इसलिए उम्मीद है कि निकट भविष्य में जल्द ही फिर से विस्फोट हो सकता है
        डायनासोर के बारे में रोचक तथ्य         11-20 Interesting     & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया में लगभग 38 प्रतिशत भूमि,वन्यजीवों के लिए पार्क, भंडार     और संरक्षण क्षेत्रों के लिए समर्पित है। तंजानिया     में यह 38 प्रतिशत भूमि जर्मनी के आकार के लगभग बराबर है।
तंजानिया में एक सेरेन्गेटी राष्ट्रीय उद्यान है जो हर साल दुनिया में सबसे बड़ा स्तनपायी प्रवास होता है। इस सेरेन्गेटी राष्ट्रीय उद्यान में, भोजन, आश्रय खोजने या शिकारियों     से खुद को सुरक्षित करने के लिए हर साल कई जानवर समूहों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।
“मानव का सबसे प्राचीन जीवाश्म” जो प्रागैतिहासिक     पत्थर के औजार हैं और जीवाश्म, तंजानिया में पाए गए थे।
तंजानिया में दुनिया में ��्रति वर्ग किमी जानवरों की सबसे बड़ी आबादी है। इसका मतलब है कि यहां दुनिया में जानवरों की सबसे अधिक सघनता है।
तंजानिया में शेरों की प्रजातियों का एक दुर्लभ समूह है जो पेड़ों पर चढ़ सकता है। हालांकि यह कैसे संभव है इसके बारे में अभी तक कोई उचित कारण नहीं बताया गया है। ये शेर आमतौर पर सेरेनगेटी और मन्यारा पार्क में पाए जाते हैं।
तंजानिया अपने प्रचुर वन्य जीवन और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को बहुत सुरक्षा प्रदान करता है।
तंजानिया में 3.6 मिलियन वर्ष पुराने मानव पैरों के निशान पाए गए थे। वह हमारे पूर्वजों के पैरों के निशान थे।
तंजानिया में सेलर गेम रिजर्व में दुनिया में हाथियों की सबसे बड़ी आबादी है।
तंजानिया की तांगानिका झील (Lake Tanganyika) मात्रा और गहराई में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है। तांगानिका झील चार देशों से संबंधित है, बुरुंडी, ज़म्बो, कांगो और तंजानिया।     हालांकि झील का अधिकांश हिस्सा तंजानिया का है।
किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊँचा एकल फ़्रीस्टैंडिंग पर्वत है और यह लगभग हर पारिस्थितिक प्रणाली का घर भी है।         हाइना के बारे में रोचक तथ्य         21-30 Interesting     & Amazing facts about Tanzania in Hindi
ज़ांज़ीबार द्वीप भारतीय महासागर में एक द्वीपसमूह है यह तंजानिया का एक हिस्सा है। ज़ांज़ीबार अपनी प्राकृतिक छटा और सुंदरता के कारण अफ्रीका के सबसे ज्यादा पर्यटकों द्वारा देखे जाने वाले द्वीपों में से एक है। हालांकि ऐसा माना जाता है की यह 20000 साल पहले बसा था।
लोगों का मानना ​​है कि तंजानिया की राजधानी दार-ए-सलाम (Tanzania     Dar es salaam) है, जिसका अर्थ शांति का पैगाम है। लेकिन देश की आधिकारिक राजधानी 1974 से डोडोमा शहर है।
तंजानिया अफ्रीका के कुछ सबसे सुंदर समुद्र तटों और परिदृश्य का घर है।
सेरेंगेटी(Serengeti) राष्ट्रीय उद्यान विश्व धरोहर स्थल है और बड़े जानवरों की 1 मिलियन से अधिक प्रजातियों     का घर है।
“नागोरोगोरो     क्रेटर” (Ngorongoro Crater) दुनिया का सबसे बड़ा अखंड कैलंडर है जो तंजानिया में स्थित है। इसे अक्सर “अफ्रीका के गार्डन ऑफ़ ईडन” के रूप में जाना जाता है। यह शेर, तेंदुआ, गैंडा, हाथी और दरियाई घोड़े सहित     30,000 से अधिक जानवरों का घर है।
तंजानिया में 120 से अधिक जनजातियां हैं और प्रसिद्ध, मसाई संस्कृति भी वहां बसी हुई है। मसाई संस्कृति भी केन्या तक फैली हुई है।
तंजानिया के व्यंजनों में मगरमच्छ, मृग, तिलापिया मछली और यहां तक ​​कि शु��ुरमुर्ग शामिल हैं।
तंजानिया की सबसे बड़ी और प्रमुख जनजाति सुकिमा जनजाति है। यद्यपि प्रत्येक     जनजाति के जीवन को बनाए रखने का एक अनूठा तरीका है। कुछ जनजातियाँ शिकार करती हैं, कुछ आधुनिक संस्कृति का पालन करती हैं जबकि कुछ पैसे के बदले में पर्यटकों का स्वागत करती हैं।
तंजानिया की झीलों में भी दुनिया के सबसे बड़े केकड़े हैं। इन्हें नारियल केकड़े कहा जाता है।
अपने समृद्ध वन्य जीवन के बाद भी, तंजानिया दुनिया के सबसे गरीब पंद्रह देशों में से एक है।         ऊंट के ब���रे में रोचक तथ्य         31-37 Interesting     & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया में राहा पार्क दुनिया के शेरों की आबादी का 10 प्रतिशत रखता है।
तंजानिया में समय बताने का पारंपरिक तरीका सूर्य के अनुसार है। इसका मतलब है कि अगर सूरज 6 बजे उगता है, तो 7:00 बजे तंजानिया में 1 बजेगा। यह समय बताने के ‘पारंपरिक स्वाहिली तंजानिया’ के रूप में जाना जाता है।
तंजानिया सफारी में स्कूबा डाइविंग काफी लोकप्रिय है। एक व्यक्ति अद्भुत और अनूठे पानी के नीचे के जीवों को देख सकता है, जैसे कि शेरफिश, सीहोर, ग्रीन कछुआ, मेंढक, मछली आदि।
तांगानिका झील दुनिया के 8 प्रतिशत ताजे पानी के लिए है। यह लगभग 500 मछली प्रजातियों का घर भी है।
तांगानिका झील दुनिया की सबसे लंबी ताजे पानी की झील है।
तंजानिया में दार-ए-सलाम सबसे बड़ा शहर है। यह सबसे महत्वपूर्ण     शहरी केंद्र भी है।
तंजानिया के माउंट किलिमंजारो, सेरेन्गेटी राष्ट्रीय उद्यान और नोगोरोंगो क्रेटर अफ्रीका के सात प्राकृतिक आश्चर्यों की सूची में अपना स्थान बनाते हैं।
https://helphindime.in/interesting-amazing-facts-about-tanzania-in-hindi/
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vsplusonline · 5 years ago
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संक्रमितों की संख्या 11 हजार के पार, लगातार दूसरे दिन 1 हजार से ज्यादा नए मामले; महाराष्ट्र में 350 पॉजिटिव मिले
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संक्रमितों की संख्या 11 हजार के पार, लगातार दूसरे दिन 1 हजार से ज्यादा नए मामले; महाराष्ट्र में 350 पॉजिटिव मिले
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया क��� बीते 24 घंटे में कोरोना के 1 हजार 463 मरीज मिले, यह एक दिन में सबसे ज्यादा 
सरकार ने कहा- 20 अप्रैल तक मूल्यांकन करेंगे, जहां संक्रमण रोकने के लिए काम नहीं हुआ, वहां सहूलियत नहीं देंगे 
प्रवासी मजदूर मंगलवार को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर और सूरत में सड़कों पर उतर आए, ये अपने गांव लौटना चाहते हैं
दैनिक भास्कर
Apr 15, 2020, 02:32 AM IST
नई दिल्ली. देश में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 11 हजार 487 हो गई। लगातार दूसरे दिन देश में 1 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए। मंगलवार को सबसे ज्यादा 350 मरीज मुंबई में मिले। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 2684 हो गई है। यहां मंगलवार को 18 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 102 और राजस्थान में 108 नए केस सामने आए। यह आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। 
इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार शाम को बताया कि बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के 1 हजार 463 नए मामले सामने आए। यह एक दिन में संक्रमितों की सबसे बड़ी संख्या है। इससे पहले 13 अप्रैल को 1242, 10 अप्रैल को 871 और 11 अप्रैल को 854 मरीज सामने आए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय हर शाम पिछले 24 घंटे के आंकड़े जारी करता है। वहीं, covid19india.org हर सुबह से काउंटिंग शुरू करती है। इस कोरोना ट्रैकर के मुताबिक, मंगलवार सुबह से अब तक 1033 नए मरीज मिले हैं।
लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा, 20 अप्रैल तक हर जिले का असेसमेंट होगा काेरोना संकट के बीच लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार राज्यों के प्रशासनिक अमले के प्रति और सख्त होने जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 20 अप्रैल तक देश के सभी शहर और जिलों का असेसमेंट होगा। इसमें देखा जाएगा कि उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए किस तरह काम किया है। इसका सही ढंग से पालन करने वाले को सहूलियत दी जाएंगी। जहां ठीक से पालन नहीं हुआ, वहां सहूलियत नहीं दी जाएंगी। 
कोरोना अपडेट्स 
आईसीएमआर ने मंगलवार को बताया कि 14 अप्रैल तक 2 लाख 29 हजार 426 व्यक्तियों के 2 लाख 44 हजार 893 सैम्पलों की कोरोना संक्रमण के लिए जांच की गई। 
मुंबई के बांद्रा इलाके में मंगलवार को हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए। इन लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए खुद को घर भेजने की मांग की। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। पुलिस ने बांद्रा स्टेशन पर इकठ्ठा हुई प्रवासी मजदूरों के खिलाफ आईपीसी की ��लग-अलग धाराओं और एपिडेमिक एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। 
इन लोगों का कहना है कि सरकार ने लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया है और हमारे पास खाने को कुछ नहीं है। ऐसे में हमें अपने गांव वापस जाने दिया जाए। पुलिस ने पहले इन लोगों को समझाने की कोशिश की। इसके बाद भी जब भीड़ नहीं हटी, तो फिर लाठीचार्ज करके उन्हें खदेड़ा गया। 
सूरत में भी मंगलवार को सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये लोग भी प्रवासी मजदूर थे, जो लॉकडाउन के दौरान खाने-पीने की कमी की समस्या बता रहे थे। ये लोग यहां के वाराछा इलाके में स्थित कपड़ा मिलों में काम करने वाले मजदूर थे। 
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि अब तक एयर इंडिया, वायुसेना और निजी विमान कंपनियों की 227 फ्लाइट्स के जरिए देश के दूरदराज के इलाकों में जरूरी मेडिकल उपकरण भेजे गए। इस दौरान 407 टन सामान भी एक से दूसरे स्थान तक पहुंचाया गया। 
पंजाब सरकार ने पुलिसकर्मियों को भी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट(पीपीई) किट्स देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 
हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर रोक लगा दी गई है। इसका उल्लंघन करने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई होगी।
सरकार के मंत्रालयों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेस में मंगलवार को गृह मंत्रालय ने बताया कि देश में 80 करोड़ लोगों को अगले 5 महीने तक खाद्यान्न मुफ्त दिया जाएगा। इसके लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया गया है।  
13 अप्रैल तक 32 करोड़ लोगों को 29 हजार 352 करोड़ रुपए का पैकेज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत दिया गया है। 97.8 लाख गैस सिलेंडर प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत उपलब्ध कराए गए हैं। 
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि चिकित्सा सुविधाओं से संबंधित 377.5 टन सामान देश के दूर-दराज के इलाकों में पहुंचाया गया है। देश भर में कोरोना के इलाज के लिए 602 अस्पताल तैयार हो चुके हैं। 
आईसीएमआर ने बताया कि 33 लाख किट और आरटी पीसीआर रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमर्स चेन रिएक्शन के लिए ऑर्डर किए गए हैं। ये हमें किसी वक्त मिल सकते हैं।
असम: ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने रॉन्गोली बीहू पर्व पर नाच कर सोशल डिस्टेंसिंग का मैसेज दिया
पांच दिन जब संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए
��िन मामले 13 अप्रैल 1242 10 अप्रैल 871 11 अप्रैल 854 09 अप्रैल 813 12 अप्रैल 758
27 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला संक्रमण
कोरोनावायरस अब तक देश के 27 राज्यों में पैर पसार चुका है। वहीं, देश के 7 केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में भी यह संक्रमण पहुंच चुका है। इनमें दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, दादरा एवं नगर हवेली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पुडुचेरी शामिल हैं।
राज्य कितने संक्रमित कितनी मौत कितने ठीक हुए महाराष्ट्र 2684 178 259 तमिलनाडु 1204 12 81 दिल्ली 1561 30 31 तेलंगाना 644 18 110 राजस्थान 1005 11 147 मध्यप्रदेश 741 50 64 उत्तरप्रदेश 660 8 50 आंध्रप्रदेश 483 9 16 केरल 386 3 211 गुजरात 650 28 59 कर्नाटक 258 9 65 जम्मू-कश्मीर 278 4 30 हरियाणा 198 4 55 पंजाब 184 13 27  पश्चिम बंगाल 190 7 36 बिहार 66 1 29 ओडिशा 60 1 13 उत्तराखंड 37 0 9 असम 31 1 0 हिमाचल प्रदेश 32 2 12 चंडीगढ़ 21 2 7 छत्तीसगढ़ 33 0 10 लद्दाख 17 0 12 झारखंड 27 2 0 अंडमान-निकोबार 11 0 10 गोवा 7 0 5 पुडुचेरी 7 0 1 मणिपुर 2 0 1 अरुणाचल प्रदेश 1 0 0 दादरा एवं नगर हवेली 1 0 0 मिजोरम 1 0 0 त्रिपुरा 2 0 0 नगालैंड 1 0 0 मेघालय 1 0 0
ये आंकड़े covid19india.org वेबसाइट के अनुसार हैं। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 10 हजार 815 लोग संक्रमित हैं। इनमें से 9 हजार 272 का इलाज चल रहा है। 1 हजार 190 ठीक हुए हैं और 353 की मौत हो चुकी है।
7 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश का हाल
महाराष्ट्र, संक्रमित- 2684: राज्य में मंगलवार को संक्रमण के 350 मामले सामने आए। इस महामारी से अब तक 178 लोगों की मौत हुई है, तो सबसे ज्यादा 259 लोग ठीक भी हुए हैं। 
मध्यप्रदेश, संक्रमित- 741: राज्य से दिल्ली भेजी गईं 1 हजार 171 सैंपल की जांच रिपोर्ट आ गई है। इसमें 126 नए पॉजिटिव मिले हैं। इंदौर में 98, भोपाल में 20, बड़वानी 2, जबकि उज्जैन, जबलपुर, श्योपुर, मंदसौर और रतलाम, टीकमगढ़ में 1-1 मरीज मिला है। टीकमगढ़ में कोरोना संक्रमण का यह पहला केस है। 
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मध्यप्रदेश में इंदौर के बाद भोपाल में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में यहां लॉकडाउन सख्त कर दिया गया है।
उत्तरप्रदेश, संक्रमित- 660: राज्य में मंगलवार को संक्रमण के 102 नए मामले सामने आए। अब तक 8 लोगों की मौत हुई है जबकि 49 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। उधर, वाराणसी में जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में फंसे ��क्षिण भारत के 800 तीर्थयात्रियों को 25 बसों से उनके गृह राज्यों में भेज दिया है। इस बीच, उप मुख्यमंत्री केशव प्रदास मौर्य ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ने के बाद अब प्रदेश में 15 अप्रैल से निर्माण कार्य शुरू नहीं किए जाएंगे। 
पंजाब, संक्रमित-184: राज्य में मंगलवार को कोरोना के 8 मरीज सामने आए। इसमें से 6 की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री और दो पहले से सांस की बीमारी से पीड़ित हैं। अब तक राज्य में 27 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि 13 लोगों की मौत हुई है।
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प्रयागराज में ये महिलाएं जन धन खाते में आए पैसे निकालकर लौटी हैं। केंद्र सरकार लॉकडाउन के दौरान इन खातों में एडवांस पैसा डाल रही है। 
राजस्थान, संक्रमित- 1005: यहां मंगलवार को संक्रमण के 108 मामले सामने आए। इनमें से जयपुर में 80 और झुंझुनूं में 1 मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। राज्य में इस बीमारी के सबसे ज्यादा 450 मरीज जयपुर में ही हैं। इसके बाद जोधपुर में 82, जबकि टोंक और बांसवाड़ा में 59-59 संक्रमित हैं।
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राजस्थान के ब्यावर में सिख समुदाय के लोग लॉकडाउन के बीच फंसे बेघर और गरीबों को भोजन करा रहे हैं।
दिल्ली, संक्रमित- 1561:  मंगलवार को यहां 51 नए केस सामने आए। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या 1561 हो गई। यहां के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि पहले हम किसी इलाके में 10 या अधिक पॉजिटिव केस आने ��र रेड जोन घोषित कर रहे थे, अब 3 केस आने पर ही ऐसा किया जा रहा है। 1 से 2 मामले आने पर उस इलाके को ऑरेंज जोन में रखा जा रहा है। राजधानी में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अब तक 55 कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं। 
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यह नई दिल्ली का एक कब्रिस्तान है। यहां कोरोना संक्रमण से जाने गंवाने वाले व्यक्ति को कुछ मुस्लिम वॉलिंटियर्स दफना रहे हैं।
गुजरात, संक्रमित- 650: राज्य में मंगलवार को 78 नए मरीज मिले जबकि 2 लोगों की मौत हुई। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा 28 हो गया है। जबकि 59 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद के पुराने इलाके में बुधवार सुबह 6 बजे से कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया। यह 21 अप्रैल तक लागू रहेगा। इस फैसले के बाद, तीन कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और गृह मंत्री से मिलने गए थे। इसमें से एक विधायक इमरान खेड़ावाला कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद हड़कंप मच गया। 
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अहमदाबाद से कुछ ब्रिटिश नागरिक सोमवार को विशेष विमान से अपने देश रवाना हुए। ये लॉकडाउन की वजह से भारत में फंस गए थे।
आंध्रप्रदेश, संक्रमित: 483: राज्य में मंगलवार को संक्रमण के 44 मामले सामने आए। इनमें गुंटूर में 16, कृष्णा में 8, कुरनू�� में 7, अनंतपुरम में 2 मरीज मिले। कर्नाटक में अब तक 14 संक्रमित ठीक हो चुके हैं, जबकि इस बीमारी से 9 लोगों की मौत हुई है।
नौसेना ने मरीज को एयरलिफ्ट करने के लिए पॉड बनाया भारतीय नौसेना की कोच्चि स्थित दक्षिण कमांड ने एयर इवैक्युशन पॉड तैयार किया है। यह युद्धपोत और अन्य जगहों से कोरोना के मरीज को एयरलिफ्ट करने में मददगार होगा। दूसरी एजेंसियां भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे मरीज के जरिए दूसरों में संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा। 
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chemicalsindia · 5 years ago
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काहोकिया के मूल अमेरिकी की नई अध्ययन डिबक मिथक सभ्यता खो गई
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27 जनवरी, 2020 Cahोकिया Mounds ऐतिहासिक राज्य साइट की छवि शिष्टाचार। विलियम आर इस्मिंगर की पेंटिंग। कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले, पुरातत्वविद ने उत्तरी अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित पूर्व-कोलंबियाई महानगर, काहोकिया के पौराणिक निधन के बारे में कथा को चुनौती देने के लिए अन्य मानव सुरागों के बीच प्राचीन मानव मल को खोदा है। 1100 के दशक में अपने हेयडे में, काहोकिया-जो अब दक्षिणी इलिनोइस में स्थित है, मिसिसिपियन संस्कृति का केंद्र था और हजारों अमेरिकी मूल-निवासियों के लिए घर था, जो खेती, मछली पालन, व्यापार और विशाल अनुष्ठान टीले बनाते थे। 1400 के दशक तक, काहोकिया को बाढ़, सूखा, संसाधन की कमी और निर्वासन के अन्य ड्राइवरों के कारण छोड़ दिया गया था। एक नए यूसी बर्कले के अध्ययन के अनुसार, काहोकिया की खोई हुई सभ्यता की रोमांटिक धारणाओं के विपरीत, पलायन अल्पकालिक था। अध्ययन "लुप्त हो रहे भारतीय के मिथक" पर आधारित है जो मूल अमेरिकी लचीलापन और दृढ़ता पर गिरावट और गायब होने का पक्षधर है, ने कहा कि प्र��ुख लेखक ए.जे. व्हाइट, एक नृविज्ञान में एक UC बर्कले डॉक्टरेट छात्र। "एक को लगता है कि काहोकिया क्षेत्र पुरातत्व संपर्क के आधार पर यूरोपीय संपर्क के समय एक भूत शहर था," व्हाइट ने कहा। "लेकिन हम उस क्षेत्र में एक मूल अमेरिकी उपस्थिति को एक साथ टुकड़े करने में सक्षम थे जो सदियों से स्थायी थे।" निष्कर्ष, केवल पत्रिका i में प्रकाशित, यह मामला बनाते हैं कि मूल अमेरिकियों की एक ताजा लहर ने 1500 के दशक में इस क्षेत्र को फिर से खोल दिया और 1700 के माध्यम से वहां एक स्थिर उपस्थिति बनाए रखी, जब पलायन, युद्ध, बीमारी और पर्यावरणीय परिवर्तन में कमी आई। स्थानीय आबादी। कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, लॉन्ग बीच, यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन और नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के श्वेत और साथी शोधकर्ताओं ने जीवाश्म पराग, प्राचीन मल के अवशेष, लकड़ी का कोयला और अन्य सुरागों का विश्लेषण किया। उनके साक्ष्य मक्के की खेती, बाइसन शिकार और संभवतः घास के मैदानों में जलने से नियंत्रित समुदायों की एक तस्वीर को चित्रित करते हैं, जो कि इलिनोइस परिसंघ के रूप में जानी जाने वाली जनजातियों के एक नेटवर्क की प्रथाओं के अनुरूप है। मिसिसिपी के विपरीत, जो दृढ़ता से काहोकिया महानगर में निहित थे, इलिनोइस परिसंघ जनजाति के सदस्य छोटे खेतों और उद्यानों का शिकार करते हुए आगे बढ़ते हुए घूमते थे, शिकार खेल और छोटे समूहों में टूट जाते थे जब संसाधन दुर्लभ हो जाते थे। क्रेडिट: कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय - बर्कले लिंचपिन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति के सबूतों को एक साथ पकड़े हुए "फेकल स्टैनोल" थे जो मानव कचरे से निकले थे, जो होर्सशो झील, काहोकिया के मुख्य जलग्रहण क्षेत्र के नीचे तलछट में गहरे संरक्षित थे। जब हम भोजन, विशेष रूप से मांस को पचाते हैं, तो Fecal stanols सूक्ष्म जैविक कार्बनिक अणु होते हैं। वे हमारे मल में उत्सर्जित होते हैं और सैकड़ों के लिए तलछट की परतों में संरक्षित किया जा सकता है, यदि हजारों नहीं, वर्षों के लिए। क्योंकि मनुष्य जानवरों की तुलना में कहीं अधिक मात्रा में फेकल स्टैनोल का उत्पादन करते हैं, इसलिए उनके स्तर का उपयोग किसी क्षेत्र की आबादी में बड़े बदलावों का अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है। सबूत इकट्ठा करने के लिए, व्हाइट और सहकर्मियों ने घोड़े की नाल झील में डाल दी, जो काहोकिया माउंड्स स्टेट हिस्टोरिक�� साइट से सटा हुआ है, और झील के लगभग 10 फीट नीचे मिट्टी के मुख्य नमूनों को खोदा। फेकल स्टैनोल्स की सांद्रता को मापने के द्वारा, वे यूरोपीय संपर्क के माध्यम से मिसिसिपियन अवधि से जनसंख्या में परिवर्तन करने में सक्षम थे। पिछले साल प्रकाशित प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज पत्रिका में काहोकिया के मिसिसिपियन पीरियड डेमोग्राफिक पीरियड्स के पहले अध्ययन में फेकल स्टेनॉल डेटा का भी पता लगाया गया था। यह पाया गया कि बैक-टू-बैक बाढ़ और सूखे के रूप में जलवायु परिवर्तन ने काहोकिया के मिसिसिपियन निवासियों के पलायन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेकिन जबकि कई अध्ययनों ने काहोकिया के पतन के कारणों पर ध्यान केंद्रित किया है, कुछ ने मिसिसिपीज़ के पलायन के बाद इस क्षेत्र को देखा है, जिसकी संस्कृति 700 ए.डी. से 1500 के मध्य तक मिडवेस्टर्न, दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में फैलने का अनुमान है। व्हाइट के नवीनतम अध्ययन ने काहोकिया क्षेत्र के इतिहास में उन अंतरालों को भरने की मांग की। व्हाइट ने कहा, "काहोकिया के अतीत में एक स्वदेशी आबादी के लिए बहुत कम पुरातात्विक साक्ष्य हैं, लेकिन हम ऐतिहासिक, जलवायु और पारिस्थितिक डेटा के माध्यम से अंतराल को भरने में सक्षम थे, और लिंचपिन में अजीब सबूत थे।" कुल मिलाकर, परिणाम बताते हैं कि मिसिसिपियन गिरावट ने काहोकिया क्षेत्र में एक मूल अमेरिकी उपस्थिति के अंत को चिह्नित नहीं किया, बल्कि 1500 और 1600 के दशक में पलायन, युद्ध और पारिस्थितिक परिवर्तनों की एक जटिल श्रृंखला का पता चलता है, इससे पहले कि यूरोपीय घटनास्थल पर पहुंचे, व्हाइट ने कहा। "व्हाइटिया ने कहा," गुडबाय, नेटिव अमेरिकन्स। हेलो, यूरोपियन्स, "की तुलना में काहोकिया की कहानी बहुत अधिक जटिल थी और हमारे अध्ययन ने यह दिखाने के लिए अभिनव और असामान्य साक्ष्य का उपयोग किया है।" मजबूत ए.जे. व्हाइट एट अल, काहोकिया के बाद: हॉर्सशू लेक वाटरशेड के स्वदेशी पुनरुत्थान और अवक्षेपण 1400-1900, i (2020)। डीओ���ई: 10.1017 / aaq.2019.103 मजबूत , द्वारा उपलब्ध कराया गया यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्केले
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mysamsamayikghatnachakra · 5 years ago
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पृष्ठभूमि
मेकांग, गंगा सहयोग (एमजीसी) 6 देशों की एक पहल है, जिसमें भारत और 5 आसियान देश, अर्थात कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं, जो पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, परिवहन और संचार के क्षेत्र में सहयोग के लिए ��ंगठित हुए हैं।
इसकी शुरुआत 10 नवंबर, 2000 को लाओस की राजधानी वियनतियाने में की गई थी। गंगा और मेकांग दोनों सभ्यतामूलक नदियां हैं। एमजीसी का उद्देश्य इन दो प्रमुख नदी घाटियों के बीच रहने वाले लोगों को करीब लाना है। यह सदस्य देशों के बीच सदियों से चले आ रहे सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों को भी जोड़ना चाहता है। एमजीसी की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक वियनतियाने में 9-13 नवंबर, 2000 के मध्य आयोजित की गई थी। जिसमें चार क्षेत्रों अर्थात पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा और परिवहन में सहयोग पर सहमति बनी ।
वर्तमान परिदृश्य
मेकांग-गंगा सहयोग की दसवीं मंत्रिस्तरीय बैठक बैंकॉक, थाईलैंड में 1 अगस्त, 2019 को आयोजित की गई। इस बैठक में वर्ष 2016-2018 की एमजीसी योजना में हुई प्रगति की समीक्षा की गई तथा सहयोग के तीन नए क्षेत्रों अर्थात जल संसाधन प्रबंधन, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और क्षमता निर्माण पर परियोजना आधारित सहयोग के साथ नई एमजीसी योजना, 2019-2022 को अपनाया गया।
प्रमुख समझौते
1.     सांस्कृतिक सहयोग      
राष्ट्रीय हथकरघा संवर्धन विकास एजेंसियों को शामिल कर एमजीसी एशियाई पारंपरिक वस्त्र संग्रहालय (एटीटीएम), सिएम रिज, कंबोडिया में एमजीसी में शामिल देशों के हाथ से बुने हुए विभिन्न कपड़ों का प्रदर्शन करने के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ-साथ कपड़ा प्रदर्शनी का आयोजन करना। प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान तथा कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मारकों के संरक्षण में क्षमता निर्माण और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना। è नालंदा विश्वविद्यालय में एक साझा अभिलेखीय संसाधन केंद्र (सीएआरसी) की स्थापना करना, जिसमें शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विद्वानों के उपयोग के लिए पुरातत्व स्थलों, विश्व विरासत, व्यापार के इतिहास, जनसंख्या और धार्मिक वितरण डेटा तथा भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच ऐतिहासिक संपर्क जैसे क्षेत्रों पर जानकारी का भंडार हो। हरियाणा के सूरजकुंड मेले, राजस्थान के पुष्कर मेले, मणिपुर के संगोई महोत्सव, नगालैंड के हॉर्नविल महोत्सव और ओडिशा के बाली जात्रा जैसे भारत के प्रमुख सांस्कृतिक मेलों और उत्सवों में शिल्पकारों और सांस्कृतिक मंडलों को आमंत्रित करना तथा एमजीसी देशों के सांस्कृतिक मेलों और समारोहों में भारतीय शिल्पकारों और कलाकारों की उत्साहपूर्ण भागीदारी को प्रोत्साहित करना। सूचना प्रसार और प्रचार के लिए मेकांग देशों में महत्वपूर्ण यात्रा, मेलों और सांस्कृतिक समारोहों का एक संयुक्त कैलेंडर विकसित करना। वर्ष 2020 में एमजीसी की 20वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।
2. पर्यटन सहयोग
एमजीसी देशों के प्रमुख बौद्ध स्थलों के लिए ट्रैवल एजेंसियों और मीडिया परिचय यात्राओं का आयोजन करना तथा बौद्ध सर्किट के लिए टूर पैकेज को प्रोत्साहित करना।
एमजीसी देशों की समृद्ध पाक परंपराओं को प्रदर्शित करना तथा उन्हें लोकप्रिय बनाने के लिए खाद्य उत्सवों का आयोजन करना।
पर्यटन और यात्रा प्रबंधन, आतिथ्य प्रबंधन आदि में डिप्लोमा और प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्ति के प्रस्ताव के माध्यम से छात्रों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना।
3. शिक्षा में सहयोग
एमजीसी में शामिल देशों के छात्रों द्वारा उपयोग को बढ़ाने के लिए भारतीय सांस्कृतिक परिषद (आईसीसीआर) द्वारा दी गई 50 एमजीसी छात्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करना।
राष्ट्रीय संस्थानों के बीच संकायों और छात्रों के आदान-प्रदान के माध्यम से चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों में प्रशिक्षण को बढ़ावा देना। इसके लिए आयुष मंत्रालय, भारत सरकार आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी और योग में स्नातक/स्नातकोत्तर/पीएचडी करने के इच्छुक छात्रों के लिए एमजीसी देशों को प्रतिवर्ष 10 छात्रवृत्तियां प्रदान करेगा।
एमजीसी को समर्पित एक वेबसाइट लांच करना, जो क्षेत्रीय समूह की ब्रांडिंग में योगदान करेगी और विभिन्न संयुक्त कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान करेगी।
4. सार्वजनिक स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग
भारत में नई दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च में अधिक प्रकोप वाले संचारी और गैर-संचारी रोगों के उन्मूलन पर एमजीसी देशों के अधिकारियों के लिए दूसरी कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण का आयोजन करना।
अनुरोध करने पर मेकांग देशों में भारतीय आयुर्वेद विशेषज्ञ भेजना।
पारंपरिक और पूरक चिकित्सा पर एक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन करना।
5. कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग      
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के फसल विज्ञान प्रभाग द्व��रा मशीनीकरण के माध्यम से चावल जर्मप्लाज्म के संरक्षण और उत्पादकता बढ़ाने पर एक कार्यशाला का आयोजन करना।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मत्स्य विज्ञान विभाग/पशु विज्ञान प्रभाग द्वारा स्थायी मत्स्य पालन और डेयरी पर कार्यशाला आयोजित करना।
राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद में एमजीसी देशों के पेशेवरों के लिए ‘एकीकृत ग्रामीण विकास एवं स्थायी विकास लक्ष्यों’ (एसीडीजीएस) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
6. जल संसाधन प्रबंधन में सहयोग
भारत सामुदायिक खेती और जल संसाधन में अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करेगा।
सतत जल प्रबंधन, जल संचयन, जल डेटा संग्रह, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन, एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन, भूजल प्रबंधन, सीमा पार बेसिन प्रबंधन, जल गुणवत्ता निगरानी, बाढ़ और सूखा प्रबंधन तथा आपदा में कमी इत्यादि क��षेत्रों में सहयोगात्मक परियोजनाएं आरंभ करना।
7. विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग
कृषि, परिवहन, संचार, औद्योगिक ज्ञान हस्तांतरण, ई-कॉमर्स, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT), स्वास्थ्य, ऊर्जा और पर्यावरण, भोजन इत्यादि में सामाजिक नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए किसी एक एमजीसी देश में एक नवाचार मंच आयोजित करना।
8. परिवहन और संचार में सहयोग
भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग को कंबोडिया, लाओस और वियतनाम तक विस्तारित करने की व्यवहार्यता की जांच करना और आर्थिक विकास के गलियारे के रूप में इसका विकास करना। भारत-म्यांमार-थाईलैंड मोटरवाहन समझौते के समापन के तरीकों और साधनों का अन्वेषण करना, जिससे सीमाओं के पार माल और यात्रियों की निर्बाध आवाजाही तथा अधिक से अधिक व्यापार और पर्यटन हो सके। एमजीसी देशों के लिए भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी, नोएडा में व्यवहार्यता अध्ययन की तैयारी और राजमार्ग परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तथा राजमार्गों के निर्माण और रख-रखाव के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना। आईसीटी उद्योग के  बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ई-गवर्नेंस, ई-कॉमर्स, ई-शिक्षा और अन्य संबंधित ई-सेवाओं के अनुभवों और सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
9. कौशल विकास और क्षमता निर्माण
एमजीसी देशों के लिए राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी और बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक नमूना सर्वेक्षण के क्षेत्रों में प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति कार्यक्रम आयोजित करना।
व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों और कौशल विकास प्राधिकरणों के विशेषज्ञों द्वारा विनिमय यात्राओं के माध्यम से ज्ञान साझा करने की सुविधा प्रदान करना।
थाईलैंड के वार्षिक अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम एआईटीसी के अंतर्गत एमजीसी क्षेत्रों से संबंधित विषयों पर सहयोग के साथ-साथ अन्य प्रासंगिक मुद्दों पर एसडीजी के अनुरूप वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
अन्य प्रमुख तथ्य
1. भारत या किसी अन्य एमजीसी देश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों पर केंद्रित एक व्यापार प्रदर्शनी के साथ एमजीसी व्यापार मेले का आयोजन करना।
2.   आसियान और पूर्वी एशिया के लिए जकार्ता स्थित आर्थिक अनुसंधान संस्थान (ERIA) द्वारा ‘क्षेत्रीय उत्पादन शृंखला में एमजीसी एमएसएमई के एकीकरण : संभावनाओं और चुनौतियों’ पर अनुसंधान  अध्ययन करने का कार्य सौंपना।
3.   वर्ष 2020 में वियतनाम द्वारा आयोजित किए जाने वाले आसियान भारत बिजनेस एक्सपो और शिखर सम्मेलन के अवसर पर एमजीसी बिजनेस मंच का आयोजन करना।
विशिष्ट तथ्य
आसियान अर्थात दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को बैंकाक, थाईलैंड में हुई थी। थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर और फिलीपींस इसके संस्थापक सदस्य देश हैं। ब्रुनोई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया इसमें बाद में शामिल हुए।   ��ारत अपनी लुक ईस्ट नीति, अब एक्ट ईस्ट नीति के तहत इस संगठन में शामिल होना चाहता है। जिसमें एमजीसी मंच एक ब्रिज के रूप में काम करेगा।
निष्कर्ष
निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि एमजीसी सहयोग के माध्यम से भारत अपनी क्षेत्रीय, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आकांक्षाओं को पूरा कर सकेगा। साथ ही आसियान जैसे क्षेत्रीय मंच के सहयोग में भागीदारी बढ़ेगी।
सं. अनिल दुबे
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newswave-kota · 6 years ago
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'सदन के सितारे' ओम बिरला होंगे नये लोकसभा स्पीकर
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कोटा एवं राजस्थान में जश्न का महौल, देश-दुनिया में कोटा का गौरव बढ़ा न्यूजवेव@ नईदिल्ली राजस्थान के कोटा-बूंदी क्षेत्र से 56 वर्षीय सांसद ओम बिरला 17वीं लोकसभा में अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। वे कोटा से तीन बार विधायक व दो बार सांसद चुने गये हैं। शहर से गांवों की चौपाल तक हर समस्या में जनता के बीच खडे़ रहने वाले बिरला उच्च सदन में हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करेंगे।
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ओ��� बिरला का जन्म 4 दिसम्बर 1962 को राजस्थान के कोटा शहर में हुआ। पिता श्रीकृष्ण बिरला सहकारिता क्षेत्र से जुडे़ रहे। उनका विवाह 11 मार्च 1991 में डॉ. अमिता बिरला से हुआ। परिवार में दो पुत्रियां सीए आकांक्षा व अजली हैं। बिरला छात्र जीवन में कोटा शहर के सरकारी मल्टीपरपज स्कूल में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। उन्होंने गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज कोटा से 1986 में एमकॉम किया। कॉलेज में संयुक्त सचिव भी रहे। उन दिनों 4 वर्ष तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष बनकर राजनीति में कदम रखा और युवाओं का नेतृत्व किया। जुझारू छवि के कारण बिरला भाजयुमो के 6 वर्ष तक प्रदेशाध्यक्ष रहे और 6 वर्ष तक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनकर देश में पार्टी का मजबूत ढांचा खडा करने में अहम भूमिका निभाई। हिंदी, अग्रंेजी व संस्कृत तीन भाषाओ के जानकार बिरला अपनी प्रखर भाषण शैली से युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ में अध्यक्ष के बाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। कोल इंडिया लिमिटेड व नेहरू युवा केंद्र, नईदिल्ली के निदेशक पद पर सेवाएं दी। देश के नवनिर्माण में युवाओं के चेहरे 2003 में जुझारू व्यक्तित्व के धनी ओम बिरला ने पहली बार कोटा दक्षिण से विधानसभा चुनाव लड़ा। वे 12वीं, 13वीं व 14वीं विधानसभा में 2013 तक लगातार तीन बार भाजपा विधायक रहे। उन्होंने 13वीं राजस्थान विधानसभा में सर्वाधिक 500 प्रश्न पूछे। वे सदन में सार्थक व प्रभावी बहस में हिस्सा लेते थे। 6 बार उनका नाम 'सदन के सितारे' में शामिल किया गया। 2014 व 2019 में उन्होंने कोटा-बूंदी लोकसभा ��्षेत्र से रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। चुनौतियांे और संघर्ष की राह पर वे मुस्काराते हुये आगे बढते रहे। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सदन के सितारे को संसद में स्पीकर पद का सम्मान मिलने से देश के नवनिर्माण में वे अहम भूमिका निभाएंगे। निचले तबके के दिलों में बसे ओम बिरला सांसद बनने के बाद भी जनता से सीधा जुडाव रखते हैं। सामाजिक सरोकारों में उनकी गहरी रूचि रही। उन्होंने शहर में निर्धन एवं जरूरतमन्दों के तन ढकने के लिए निःशुल्क परिधान उपहार केन्द्र की शुरूआत की। जिससे हजारों गरीबों को कडाके की सर्दी में गर्म कपडे़ मिल सके। जरूरतमन्दों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के लिये जनता के साथ मिलकर 'प्रसादम' प्रकल्प प्रारंभ किया।
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कच्ची बस्तियों के गरीब व असहाय रोगियों को निशुल्क उपचार एवं दवाईयां उपलब्ध कराने के लिये ‘मेडिसिन बैेंक’ प्रकल्प की स्थापना की जो अनवरत जारी है। बिरला ने कोटा शहर की कच्ची बस्तियों में अस्थाई रहने वाले घुमन्तु जाति एवं निर्धन परिवार के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिये बस्ती में ही “मेरी पाठशाला” नामक पोर्टेबल स्कूल की स्थापना की। सर्दी में सड़क पर सोने वाले मजदूरों की मदद के लिये कोटा में आधुनिक रैन बसेरे बनाए। सरकारी अस्पतालों में रोगियों के तीमारदारों की मदद के लिए कम्बल निधि प्रकल्प बनाकर प्रतिवर्ष निशुल्क कंबल व बिस्तर वितरित किये जाते हैं। जुझारू नेतृत्व क्षमता युवाओं के शहर कोटा में युवा पीढी में राष्ट्रीय भावना जागृत करने के लिये 2006 से प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 'आजादी के स्वर' महोत्सव प्रारम्भ किया। बुजुर्गों को सम्मान देने के लिये कोटा-बून्दी जिले में वरिष्ठजन सम्मान समारोह आयोजित किये। ओलावृष्टि पीड़ित किसानों के लिये ‘एक मुठ्ठी अन्न राहत अभियान’ चलाया। बाढ़ पीडितों, दिव्यांग जनों, थैलिसिमिया बच्चों व कैंसर रोगियों की मदद करने के लिये सदैव आगे रहे। कोटा शहर को हरा-भरा बनाने के लिये ग्रीन कोटा अभियान चलाया। राजनीति में विभिन्न मुद्दों पर जनांदोलनों में बिरला अग्रिम पंक्ति में खडे़ होकर युवाओं का नेतृत्व करते रहे। राम मंदिर निर्माण आंदोलन के समय उत्तरप्रदेश की विभिन्न जेलों में यातनाएं भोगी। सवाई माधोपुर सीमेंट फैक्ट्री चालू करवाने के लिये भी नेतृत्व करते हुये जेलों में सजा भोगी। जनसमस्याओं के लिये शहर से गांवों की चौपाल तक जनता की आवाज उठाने वाले सांसद ओम बिरला निस्संदेह भारत के नवनिर्माण में सशक्त हस्ताक्षर होंगे। Read the full article
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gaanaliveent · 4 years ago
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पिकू, पिज्जा और फितूर जैसी फिल्मों में सहायक भूमिकाएँ करने के बाद , बहुमुखी अभिनेता अक्षय ओबेरॉय को 2006 की फ़िल्म, लाला रंग में पहचान मिली। रेखांकित अभिनेता ने अपनी सूक्ष्मता को साबित किया है और हिंदी फिल्म बिरादरी में अपने लिए एक स्थायी पहचान बनाई है। हमारे साथ एक विशेष बातचीत में, अभिनेता ने महामारी के दौरान फिल्माने और एक बाहरी व्यक्ति के रूप में उद्योग में अपनी पहचान बनाने के बारे में कुछ बहुत ही दिलचस्प बातें बताईं।
आपके लिए लॉकडाउन कैसा रहा?
मेरा एक तीन साल का बेटा है, अव्यान और अब तक मैं इतनी शूटिंग कर चुका हूं कि मुझे उसके साथ बिताने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। इसलिए यह लॉकडाउन हमारे लिए बहुत खास समय था। मैंने उसके साथ बहुत समय बिताया है।  तीन साल की उम्र के साथ संवाद करना बहुत आसान नहीं है, लेकिन यह अच्छा है। मुझे नहीं लगता कि मेरे पास यह अनुभव होता कि जिस तरह से चीजें अभी हैं, उसके लिए यह नहीं था।
अक्षय ओबेरॉय एक शॉट के लिए तैयार हो रहे हैं (BCCL / @akshayOberoi)
यह वर्तमान समय में / वर्तमान परिदृश्य में मास्क, पीपीई किट और अन्य सावधानियों के साथ कैसे काम कर रहा है?
यह निश्चित रूप से कठिन रहा है। हमारे एक निर्देशक के लिए इस दृश्य का वर्णन किया गया था, जहां मैं एक लंबे समय के बाद एक लंबे समय के दूर के दोस्त से मिल रहा हूं, इसलिए मुझे लगा कि उसे गले लगाना चाहिए (जैसे कि एक सामान्य स्थिति में होगा), लेकिन मध्य मैं रुक गया क्योंकि मैंने महसूस किया कि कोरोनोवायरस च्लोहा है और वह मुझे गले लगाने के लिए पसंद नहीं कर सकती है, इसलिए मेरा आवेग उसे गले लगाने के लिए था, लेकिन मैंने स्पष्ट रूप से नहीं किया। हमें टेक में कटौती करनी पड़ी और सभी को इस पर अच्छी हंसी आई लेकिन मैंने महसूस किया कि COVID-19 की शूटिंग एक अभिनेता के लिए बहुत ही प्रतिबंधात्मक हो गई है। यह उस तरह के काम के लिए बहुत अनुकूल नहीं है जो हम कम से कम करते हैं।
न्यू जर्सी में जन्मे और पले-���ढ़े और वहां अभिनय का अध्ययन किया, जो आपको भारत लाए?
मैंने भारत के साथ वास्तव में कभी संपर्क नहीं खोया। हर गर्मियों में मैं मुंबई आता था और किसी कारण वश मेरे माता-पिता कट्टर भारतीय थे। राज्यों की ओर बढ़ने के बावजूद वे जैसे थे, 'हम यहां केवल अवसर के लिए हैं, किसी और चीज के लिए नहीं।' कहीं न कहीं हमेशा यह विचार था कि वे मेरी शिक्षा के बाद वापस आएँगे। जब मैं (१३-१४) साल का था, मैंने तय कर लिया था कि मैं एक अभिनेता बनना चाहता हूं और उस समय हॉलीवुड में करियर बनाना असंभव लग रहा था, अब बहुत से लोग ऐसा कर रहे हैं। संयुक्त राज्य में उठाए जाने के बाद मैं एक तरह से पीछे की तरफ था क्योंकि मैंने भारत के विभिन्न उच्चारणों की यात्रा नहीं की थी या नहीं सुनी थी और मुझे उन चीजों पर काम करना था। ”
मेरी छोटी 20 की मैंने बहुत यात्रा की, बहुत सारे लोगों से मिला, ताकि मैं गुड़गांव या लाला रंग में भूमिकाएं कर सकूं और देसी कट्टर तैयारी की आवश्यकता थी। हालांकि covid-19  के दौरान कई अन्य लोगों की तरह, मैं भी अपने कदम पीछे कर रहा हूं। फिर मैं जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी गया, मैंने थिएटर की पढ़ाई की, मुंबई आया। मैं अक्सर खुद को आश्चर्यचकित करता हूं और अपनी यात्रा को प्रतिबिंबित करता हूं। मुझे बस इतना कहना है कि मुझे खुशी है कि मैं भारत आया और मैं यहां इस उद्योग में काम कर रहा हूं।
क्या अब तक इंडस्ट्री ने आपको इसकी वजह दी है? क्योंकि आलोचकों ने वास्तव में आपके काम की सराहना की है और अच्छी रेटिंग दी है लेकिन बॉक्स ऑफिस ने किसी भी तरह से आपके साथ न्याय नहीं किया है। तुम्हे उस के बारे में क्या कहना है?
मैं वास्तव में नहीं जानता कि मेरा कारण क्या है। लेकिन मैं इसे इतनी बार सुनता हूं कि इसमें कुछ सच्चाई होनी चाहिए। यह कहने के बाद कि मुझे यकीन है कि मैं किसी दिन बॉक्स ऑफिस पर दरार डालूंगा क्योंकि आपको आश्वस्त होना होगा, अन्यथा आप दूसरों से कैसे उम्मीद करेंगे कि आप विश्वास करेंगे। मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों नहीं हुआ है, क्योंकि बहुत सारी फ़िल्में हैं, इतना काम है, यह अजीब है, मुझे काम नहीं मिलता है जो साबित करता है कि लोग मुझे एक अभिनेता के रूप में पसंद करते हैं। लेकिन बॉक्स ऑफिस ने मुझे स्टार या ऐसा कुछ भी बनाने के लिए कुछ भी नहीं तोड़ा है। इसके अलावा, मुझे लगता है कि यदि स्टार की बात पहले होती, तो मैं आज वह अभिनेता नहीं बन पाता।
अगर मुझे पहले ही सफलता मिल जाती या मेरी कोई एक फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भारी तोड़ फोड़ करती, तो मैं गुड़गांव या कालकंडी जैसी भूमिकाएं नहीं करता। मैं अलग-अलग चीजें चुनता, मैं एक अ��ग व्यक्ति होता। अब बाकी समय के लिए मैं सबसे अच्छा अभिनेता बनना चाहता हूं जो मैं हो सकता हूं, यही उद्देश्य है। अगर मैं पहले से अधिक सफल हो गया था, यहां तक ​​कि मैं शायद आकर्षक कारों, एक आकर्षक घर, लोकप्रियता, वह सब जाज चाहता था, जिस तरह से जीवन है। चूंकि मुझे वह सब नहीं मिला, इसलिए मैं हमेशा पीछा कर रहा था कि मैं उद्योग में एक बेहतर अभिनेता कैसे साबित हो सकता हूं। इसने अभिनय के पहलू पर काम करने के लिए मेरी मानसिकता में संरेखित किया। इसके साथ ही, मैं उस दिन का इंतजार नहीं कर सकता जब मेरी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर वास्तव में अच्छा करे और लोग एक-दूसरे से मेरी फिल्म देखने के बारे में पूछें। मैं अपनी यात्रा में किसी दिन उस बिंदु पर पहुंचने की उम्मीद करता हूं।
हिंदी फिल्म बॉक्स ऑफिस के बारे में बात यह है कि यदि आपने एक हिट दी है तो आप थोड़े समय के लिए स्वीकृत हैं। तो एक लंबी अवधि है जहान अनपकी रोटी तय है। आपको फिलिमिन मिलेंगी। जबकि मैंने अभी तक ऐसा नहीं किया है। मैंने बीओ पर एक फिल्म साबित नहीं की है। मैंने प्रदर्शनों के संदर्भ में साबित कर दिया है, वेब पर, मेरे पास शायद थोड़ा सा प्रशंसक आधार है, लेकिन बीओ एक पूरी फिल्म गेम है।
क्या विवेक ओबेरॉय के चचेरे भाई ने आपके करियर को प्रभावित किया है?
हर्गिज नहीं। पहला इसलिए क्योंकि बहुत से लोग इसे नहीं जानते हैं और दूसरा यह कि मैं अपने परिवार द्वारा लॉन्च नहीं किया गया था। जो कोई भी मुझे जानता है उसे पता चलता है कि मैंने जो कुछ भी किया है, मैंने पूरी तरह से अपने दम पर किया है। दुर्भाग्य से जब मैंने अपना करियर शुरू किया, तो हमारे परिवार संपर्क में नहीं थे, बहुत ज्यादा रिश्ते नहीं थे। ताकि चीजों पर असर पड़े। इसके अलावा वह अपनी यात्रा, अपने खुद के करियर से गुजर रहा था जिससे वह निपट रहा था। हमने कभी भी पार नहीं किया, जो ठीक है, क्योंकि मैंने अपना करियर बनाया। मेरे करियर में कोई भाई-भतीजावाद नहीं है, कोई मुझ पर उंगली नहीं उठा सकता। उन्होंने मेरा संघर्ष देखा है, यह बहुत स्पष्ट है। अजीब तरह से मैं रिवर्स नेपोटिज्म के कुछ प्रकार था। मेरे साथ एक बाहरी व्यक्ति की तरह व्यवहार किया गया। मैं वह आदमी हूं जो एक पोर्टफोलियो के साथ आया था और लाइनों में खड़ा था और उसने कहा 'सर एक मौका दे दो'। यही मेरी यात्रा है, मेरा संघर्ष और कोई भी मुझे दूर नहीं कर सकता। मेरा जन्म न्यू जर्सी में हुआ था और मैं यहां किसी को नहीं जानता था। मैंने सोचा था कि मैं तूफान से हिंदी फिल्म बिरादरी ले जाऊंगा और जाहिर है कि मैंने नहीं किया, इसके बजाय मुझे यहां अपनी उपस्थिति महसूस करने में थोड़ा समय लगा।
आपने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि आप खराब मार्केटिंग का परिणाम हैं। उद्योग में विपणन कि��ना महत्वपूर्ण है?
यह असाधारण रूप से महत्वपूर्ण है। मैं इन सभी वर्षों में इसे अनदेखा कर रहा था क्योंकि मैं हताश नहीं होना चाहता था। कहा जा रहा है कि, मैं करण (जौहर) से उसके घर में मिला था, उसने मुझसे कहा था कि यह उल्लेखनीय है कि बिना किसी पीआर और सभी के मैं कहीं जाने में कामयाब रहा। इसलिए मुझे इस तरह का स्पर्श मिला कि उन्होंने मेरे काम पर भी ध्यान दिया। यह कहते हुए कि, मार्केटिंग और पीआर बहुत महत्वपूर्ण हैं और अब मैं इस पर कायम हूं। यह सिर्फ इतना है कि मैं अपने काम को शुरू करने से पहले अपने काम के लिए कुछ विश्वसनीयता चाहता था। वैसे भी, बेहतर देर से कभी नहीं।
आपने लखनऊ में मैडम मुख्यमंत्री के लिए शूटिंग की। यहां आपका अनुभव कैसा रहा?
मैंने वास्तव में लखनऊ में बैक टू बैक दो फिल्मों की शूटिंग की। एक मैडम मुख्यमंत्री थीं जो सुभाष कपूर की फिल्म है। दूसरा विनीत कुमार सिंह और उर्वशी रौतेला के ���ाथ है, यह एक दक्षिण फिल्म, थिरुट्टू पायले की रीमेक है । मैडम मुख्यमंत्री के सीधे बाद मैंने लखनऊ में दक्षिण की फिल्म रीमेक के लिए शूटिंग की। मेरा वहां धमाका हुआ था। मैं लगभग दो महीने तक क्लार्क्स में रहा और यह एक खुशी थी। खाना बहुत अच्छा था और मैं बिल्कुल प्यार करता हूं कि लखनऊ के लोग कैसे बोलते हैं। बैक टू बैक दो फिल्मों की शूटिंग के बाद मैंने शहर के लगभग सभी स्थानों को देखा था। मैं जल्द ही वापस आने की उम्मीद करता हूं और कुछ स्वादिष्ट भोजन करता हूं।
लेख का अंत
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technewscdd · 4 years ago
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Ek IAS Adhikaari ki Jeevan Shaili - एक आईएएस अधिकारी की जीवन शैली
एक आईएएस अधिकारी
सुबह जल्दी उठें।
कार्यालय पहुँचें।
कुछ कार्यस्थल कार्य करें, जैसे दर्जनों फाइलों पर हस्ताक्षर आदि।
थोड़ा ब्रेक लें। कुछ खा लो।
बाहर जाएं, आम तौर पर अपनी समस्याओं पर ध्यान देने के लिए एक गांव में जाते हैं, जिसे वे पहले से ही जानते हैं। कुछ बस औपचारिकता के लिए जाते हैं। ग्रामीणों से पत्र प्राप्त करें। और फिर वहां कुछ समय बिताने के बाद भाग जाते हैं।
दोपहर का भोजन अपने कार्यस्थल या घर दोनों पर प्राप्त करें।
कुछ कॉलेज, अस्पताल में बैठकों / निरीक्षण के लिए जाएं। ज्यादातर समय किसी दिए गए दिन में किया जाता है। (मेलों के दिनों में, अलग-अलग मौकों पर, बहुत सारे सम्मेलन और चर्चाएँ होती हैं, जिनमें उन्हें भाग लेना पड़ता है-जैसे पुलिस शाखा को इन दिनों अधिक गंभीर होना पड़ता है)
Ek IAS Adhikaari ki Jeevan Shaili
जल्दी ब्रेक के बाद। घर आ जाओ।
खाली समय में, कुछ लोग ई बुक लिखते हैं या टेनिस खेलते हैं, न कि क्रिकेट के कारण इस तथ्य के लिए 12 लोगों की आवश्यकता होती है, कुछ व्यायाम करते हैं, और कुछ कुछ अलग काम करते हैं।
आमतौर पर उनकी जीवन शैली सुविधाजनक होती है अगर हम बाहर से दिखते हैं। केवल कठिन (इतना कठिन नहीं है जितना कि मानव सोचता है-किसी भी अलग राष्ट्र या संयुक्त राज्य की डिग्री परीक्षा की तरह) पहलू को प्रतिस्पर्धा के तथ्य के कारण यूपीएससी एक्जाम में प्रवे�� मिल रहा है। इस पद के लिए 10 लाख लोग अभ्यास करते हैं, 5 लाख परीक्षा केंद्र में नहीं जाते हैं, और अंतिम 5 लाख में केवल 900-1000 कॉलेज के छात्र चयनित होते हैं, और केवल 100-150 में IAS पद प्राप्त करते हैं।
उनके काम का समय सुबह 9 बजे है। रविवार, शनिवार की छुट्टी। लेकिन हर बार अक्सर उनके पास कुछ आक्रामक समय अनुसूची होती है। वे रविवार और रविवार को भी रात 10 बजे या सुबह 6 बजे कॉल कर सकते हैं और उन्हें काम करने के लिए खुद पर दबाव डालना होगा।
ज्यादातर उनकी नौकरी प्रबंधकीय और प्रबंधन से संबंधित सामान है। कोई तकनीकी नहीं। वे किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय में 3 से 4 साल के लिए सरकार के उपयोग से वित्त पोषित होने के बारे में सीख सकते हैं।
जबकि IRS जैसे केंद्रीय वाहक अधिकारियों का घरेलू अस्तित्व भी सामान्य हो सकता है, लेकिन IAS और IPS की जीवनशैली प्रारंभिक वर्षों में काफी कठिन होती है जब आप एक जिले की कमान संभाल रहे होते हैं। एक आईएएस अधिकारी की जीवन शैली भारत में अधिकांश जिले आपके बच्चों के लिए पहले दर्जे के कॉलेज के साथ बहुत पीछे हैं। आप दिन में 12 घंटे काम कर रहे हैं और शायद ही कभी परिवार के लिए समय हो। आप अतिरिक्त रूप से इतने सारे शत्रु बनाते हैं (क्योंकि आपके पास इतने भ्रष्ट लोग हैं), यदि आप एक सीधे और ईमानदार अधिकारी हैं (जो कि हमारी ज़रूरतें हैं) और आप घरवालों को लगातार अपनी सुरक्षा और खुद के बारे में डर रहे हैं।
आप आमतौर पर दुश्मन बनाते हैं। यदि आप भ्रष्ट हो जाते हैं, तो उचित लोग आपके दुश्मन बन जाते हैं और यदि आप अच्छे बनते हैं, तो भयानक लोग आपके दुश्मन बन जाएंगे।
ये केवल मेरे विचार हैं और मैं टिप्पणियों से क्या समझती हूं। मैं अब सभी लोगों को इस काम के लिए अभ्यास नहीं करने के लिए हतोत्साहित कर रहा हूं। हर काम में कुछ निष्पादन और विपक्ष होता है। एक आईएएस अधिकारी की जीवन शैलीये नागरिक प्रसाद के कुछ बुरे पहलू हैं जो शायद ही अधिकांश प्रवेशकों के लिए स्वीकार किए जाते हैं।
उनका अस्तित्व किसी भी स्कूल के प्रिंसिपल की तरह है। अपने बचपन के कॉलेज के प्रमुख को याद करें, जिन्हें आप केवल एक ही तरह की गतिविधियों जैसे 26 जनवरी, 15 अगस्त, शिक्षक दिवस, आदि में देखते हैं।
राजनेता उनके मालिक हैं (जो पदानुक्रम है)। यहां परिदृश्य सिविल सेवकों की तरह है, फिल्म प्रशासक की तरह हैं और राजनेता फिल्म निर्माताओं की तरह हैं। लेकिन फिल्म प्रशासक फिल्म की सफलता में मुख्य भूमिका निभाते हैं। मूल रूप से वे इंजन के खंड होते हैं जो सरकार चलाते हैं (जो ��निवार्य रूप से किसी गैर-सार्वजनिक कंपनी के सीईओ या सीटीओ के रूप में संभाला जा सकता है)।
हमारे बॉलीवुड के तथ्य के कारण भारत में IAS और IPS बनने का क्रेज है और मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय सिनेमा के चरित्र (IAS, IPS) को प्रदर्शित करने का ग्लैमराइज्ड तरीका है और भारत में सिनेमा का प्रभाव बहुत बड़ा है। लोग अलग-अलग फिल्म रिलीज के दिन का आनंद लेते हैं।
यह रेलवे इंजीनियर (IES अधिकारी) की तरह किसी भी अलग ग्रुप-ए के अधिकारियों की नौकरी है। आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, आईएफएस और इसके बाद समाज के लिए काम बंद है जो यह नहीं बताता है कि वे विभिन्न नौकरियों की तुलना में सबसे आगे हैं। यह परीक्षा है जिसमें इतिहास, भूगोल, मानविकी, सामाजिक अध्ययन, राजनीति विज्ञान आदि जैसे कलाकृति विषयों के लिए पाठ्यक्रम है। एक आईएएस अधिकारी की जीवन शैली लेकिन किसी भी स्नातक को इस नौकरी के लिए अनुसरण करने की स्वतंत्रता है। लेकिन IAS, IPS का मूल सामाजिक विज्ञान विषय है, यह अब हर किसी के लिए नहीं है, यदि आप स्नातक स्तर की अवधि के लिए इन विषयों में शिक्षित हैं, तो आप किसी भी इंजीनियर या मेडिकल डॉक्टर या वकील से अधिक योग्य हैं। आप यहां कट्टर इंजीनियरिंग, अनुसंधान, चिकित्सा विज्ञान, अंतरिक्ष अनुसंधान, कॉर्पोरेट प्रबंधन, बैंकिंग और इतने पर नहीं मान सकते। यह प्रत्यक्ष सामाजिक सेवा पर अधिक है, यदि आप लोगों की सेवा नहीं कर सकते, तो नहीं करें
यह प्रत्यक्ष सामाजिक सेवा पर अधिक है, यदि आप लोगों की सेवा नहीं कर सकते हैं, तो केवल नौकरी पाने के लिए, IAS में बदलकर उन्हें बेवकूफ नहीं बनाते हैं। एक आईएएस अधिकारी की जीवन शैली यदि आप लोगों के दर्द के प्रति थोड़ी संवेदनशीलता रखते हैं, तो आप इस नौकरी के लिए न्याय नहीं कर सकते, कोई भरोसा नहीं कर सकता कि आप कितने चतुर हैं, कोई भरोसा नहीं यदि आप AIR 1 या एक हजार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन अब एक दिन हम सभी को लागू हो रहा है, इस तथ्य के कारण वे यह मानते हैं कि यह प्रथम श्रेणी का काम है, उन्हें जीवन की आपूर्ति करेगा, कृपया केवल अपने लोभी स्वभाव के तथ्य के कारण अक्सर मनुष्यों को बेवकूफ न बनाएं।
इससे पहले, 70-80 साल पहले, आईएएस अधिकारी (उनमें से कुछ अंगरेज भी रहे हैं) केवल कर के शीर्षक में नकदी इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल करते थे, और वे लोगों और किसानों की खोज के माध्यम से वास्तविक से अधिक कर जमा करते थे। लेकिन अब परिदृश्य बदल गया है, हालांकि कुछ लोग इसे भ्रष्टाचार के आकार में कर रहे हैं (यह है कि उन्हें पहचान कलेक्टर कैसे मिलता है)।
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airnews-arngbad · 7 years ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Aurangabad Date – 01 February 2018 Time 6.50 AM to 7.00 AM
आकाशवाणी औरंगाबाद प्रादेशिक बातम्या दिनांक ०१ फेब्रुवारी २०१८ सकाळी ६.५० मि. ****  २०१८ -१९ या आगामी आर्थिक वर्षाचा अर्थसंकल्प आज संसदेत सादर होणार  मालवाहतुकीसाठीची नवीन ई वे बिल प्रणाली आजपासून लागू  मोबाईल क्रमांक पोर्टेबिलिटी शुल्कात ट्रायकडून सुमारे ७९ टक्के कपात  लातूर जिल्ह्यात उपनगरी रेल्वे तसंच मेट्रो बोगी कारखाना उभारण्यास रेल्वे मंत्रालयाची मान���यता आणि  नाफेडमार्फत आधारभूत दराने तूर खरेदीला आजपासून प्रारंभ **** २०१८ -१९ या आगामी आर्थिक वर्षाचा अर्थसंकल्प आज संसदेत सादर होणार आहे. केंद्रीय अर्थमंत्री अरूण जेटली प्रथम लोकसभेत आणि त्यानंतर राज्यसभेत अर्थसंकल्प सादर करतील. विद्यमान राष्ट्रीय लोकशाही आघाडी सरकारचा, चालू कार्यकाळातला हा अखेरचा संपूर्ण अर्थसंकल्प आहे. गेल्या वर्षीपासून रेल्वे अर्थसंकल्प सर्वसामान्य अर्थसंकल्पात समाविष्ट केल्यामुळे, या वर्षीही रेल्वेचा स्वतंत्र अर्थसंकल्प सादर केला जाणार नाही. **** वस्तू आणि सेवा कराअंतर्गत मालवाहतुकीसाठीची नवीन ई वे बिल प्रणाली आजपासून लागू होत आहे. या प्रणालीनुसार ५० हजार रुपयांपेक्षा अधिक किमतीचा माल दहा किलोमीटर पेक्षा अधिक अंतरावर पाठवताना, ई वे बिल सोबत बाळगणं आवश्यक आहे. देशभरात मालवाहतुक सुगम व्हावी, यासाठी ही प्रणाली लागू करण्यात आली आहे. **** भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधीकरण - ट्राय ने मोबाईल क्रमांक पोर्टेबिलिटी शुल्कात सुमारे ७९ टक्के कपात केली आहे. आता मोबाईल क्रमांक कायम ठेवून, सेवा देणारी दूरसंचार कंपनी बदलण्यासाठी जास्तीत जास्त चार रुपये शुल्क आकारलं जाईल. यासंदर्भातली अधिसूचना जारी होण्याच्या तारखेपासून हे दर लागू होतील, असं प्राधीकरणानं सांगितलं आहे. **** नौदलाच्या, स्कॉर्पियन श्रेणीतल्या आय एन एस करंज या पाणबुडीचं काल मुंबईतल्या माझगाव बंदरात जलावतरण करण्यात आलं. अत्याधुनिक शस्त्रं वाहून नेण्याची क्षमता असलेली ही पाणबुडी पूर्णपणे भारतीय बनावटीची असून, या पाणबुडीमुळे नौदलाच्या सामर्थ्यात मोठी वाढ झाली आहे. **** शहिदांच्या कुटुंबियांना शासनाकडून दिल्या जाणाऱ्या आर्थिक मदतीत पाच लाख रुपयांनी वाढ करण्यात आली आहे. शहिदांच्या कुटुंबियांच्या सन्मानार्थ काल मुंबईत आयोजित एका कार्यक्रमात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी ही घोषणा केली. यापूर्वी ही मदत २० लाख रुपयांपर्यंत होती. वीर जवानांच्या शौर्याच्या गाथा अतुलनीय असल्याचं नमूद करत, युवा पिढीनं त्यापासून प्रेरणा घ्यावी, असं आवाहन मुख्यमंत्र्यांनी यावेळी केलं. **** लातूर जिल्ह्यात उपनगरी रेल्वे तसंच मेट्रो बोगी कारखाना उभारण्यास रेल्वे मंत्रालयानं मान्यता दिली आहे. रेल्वेमंत्री पियुष गोयल यांनी काल मुंबईत सह्याद्री अथितीगृहात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांची भेट घेऊन ही माहिती दिली. या प्रकल्पाच्या रुपात मराठवाड्यासाठी मोठी योजना प्राप्त होत असून, लातूर जिल्ह्यासह मराठवाड्यातल्या तरुणांना मोठ्या प्रमाणात रोजगार उपलब्ध होणार असल्याचं मुख्यमंत्र्यांनी सांगितलं. लातूर जिल्ह्याचे पालकमंत्री संभाजी पाटील निलंगेकर यांनी यासंदर्भात रेल्वेमंत्र्यांकडे पाठपुरावा केला होता. या प्रकल्पा��ा मंजुरी दिल्याबद्दल मुख्यमंत्र्यांनी रेल्वेमंत्र्यांचे आभार मानत, निलंगेकर यांचं अभिनंदन केलं आहे. **** महाराष्ट्रातला दारिद्र्य निर्मुलनाचा लढा तीव्र करण्यात आला असून, या अंतर्गत पहिल्या टप्प्यात २७ तालुके रोजगारयुक्त करण्यात येणार आहेत. अर्थमंत्री सुधीर मुनगंटीवार यांनी ही माहिती दिली. या योजनेसाठी नियोजन विभागात उभारण्यात आलेल्या देशातल्या पहिल्या ॲक्शन रुमचं उद्घाटन काल दोन आदिवासी विद्यार्थ्यांच्या हस्ते करण्यात आलं, त्यावेळी मुनगंटीवार बोलत होते. या अभियानाच्या पहिल्या टप्प्यातल्या २७ तालुक्यांमध्ये मराठवाड्यातल्या परतूर, भोकरदन, हिंगोली, औंढा नागनाथ, कळंब या तालुक्यांचा समावेश आहे. संयुक्त राष्ट्र संघाच्या सहकार्यातून उभारण्यात आलेल्या या ॲक्शन रुमच्या माध्यमातून कौशल्य विकास, शिक्षण, आरोग्य, आदी मुद्यांवर विशेष लक्ष केंद्रीत केलं जाणार आहे. **** भारतरत्न डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर स्वाधार योजनेसाठी अर्ज करण्याची मुदत आता येत्या २८ फेब्रुवारीपर्यंत वाढवण्यात आली आहे. यासाठीचे अर्ज आता विद्यार्थी ज्या जिल्ह्यात शिक्षण घेणार आहे, त्या जिल्ह्याच्या समाज कल्याण विभागाच्या सहायक आयुक्तांकडे दाखल करायचे आहेत. या योजनेअंतर्गत, दहावीनंतरच्या व्यावसायिक आणि बिगर व्यायसायिक अभ्यासक्रमांना प्रवेश मिळालेल्या अनुसूचित जातींच्या तसंच नवबौद्ध प्रवर्गातल्या विद्यार्���्यांना भोजन, निवास आणि शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध करून दिल्यात जातात. **** हे बातमीपत्र आकाशवाणीच्या औरंगाबाद केंद्रावरून प्रसारित केलं जात आहे. आमचं हे बातमीपत्र न्यूज ऑन एआयआर डॉट कॉम या संकेतस्थळावरही उपलब्ध आहे. **** चालू हंगामासाठी आधारभूत दराने तूर खरेदीला आजपासून प्रारंभ होत आहे. जास्तीत जास्त शेतकऱ्यांनी नाफेडच्या खरेदी केंद्रावर नोंदणी करून तूर खरेदी योजनेचा लाभ घ्यावा, असं आवाहन सहकार तसंच पणन मंत्री सुभाष देशमुख यांनी केलं आहे. नाफेडमार्फत होणाऱ्या या खरेदीसाठी राज्यात १५९ खरेदी केंद्रं उघडण्यात आली असून, मराठवाड्यात बीड जिल्ह्यात सर्वाधिक १२ केंद्रं, जालना, लातूर आणि उस्मानाबाद जिल्ह्यात प्रत्येकी नऊ केंद्र, नांदेड ८, परभणी ६, हिंगोली ५, तर औरंगाबाद जिल्ह्यात चार केंद्र उघडण्यात आली आहेत. **** छत्रपती शिवाजी महाराज शेतकरी सन्मान योजनेअंतर्गत कर्जमाफीचा लाभ न मिळालेल्या पात्र शेतकऱ्यांनी संबंधित बँकेशी संपर्क साधून कागदपत्रांची पूर्तता करावी, असं आवाहन जालना जिल्ह्याचे पालकमंत्री बबनराव लोणीकर यांनी केलं आहे. ते काल जालना इथं बोलत होते. बँकांनी शासनाला सादर केलेल्या माहितीशी, शेतकऱ्यांनी दिलेली माहिती जुळत नसल्यानं, ५५ हजार ४१ ��ेतकऱ्यांची माहिती अशा २४ बँकांना उपलब्ध करून देण्यात आली असल्याचं, लोणीकर यांनी सांगितलं. **** नाशिक जिल्ह्यात लासलगाव बाजार समितीत कांद्याच्या दरात काल सुमारे ५०० रुपयांनी घसरण होऊन, सरासरी एक हजार सहाशे पन्नास रुपये प्रतिक्विंटल भाव मिळाला. निर्यात मंदावलेली असताना, कांद्याची आवक वाढल्यानं, दरावर परिणाम झाल्याचं, सांगितलं जात आहे. **** येत्या ९ फेब्रुवारीपासून “स्वच्छ मराठवाडा” अभियान हाती घेण्यात येणार असून, देवगिरी किल्ल्यापासून त्याची सुरूवात होईल, विभागीय आयुक्त डॉक्टर पुरूषोत्तम भापकर यांनी काल औरंगाबाद इथं यासंदर्भात झालेल्या बैठकीत ही माहिती दिली. मराठवाड्यात जालना, बीड, उस्मानाबाद, परभणी आणि लातूर या पाच जिल्ह्यातली वैयक्तिक शौचालयांची बांधकामं १०० टक्के पूर्ण झाली असून शहरी भाग उघड्यावर शौचापासून मुक्त झाल्याचं त्यांनी सांगितलं. नांदेड, हिंगोली आणि औरंगाबाद या तीन जिल्ह्यातली कामंही लवकरच पूर्ण होतील, “स्वच्छ मराठवाडा” अभियानामुळे येत्या २५ फेब्रुवारीपर्यंत संपूर्ण मराठवाडा स्वच्छ होईल अशी अपेक्षा आयुक्तांनी यावेळी व्यक्त केली. **** उस्मानाबाद जिल्ह्यात प्राथमिक आरोग्य केंद्र आणि उपकेंद्रात राबवण्यात येणाऱ्या पंतप्रधान सुरक्षित मातृत्व अभियानामुळे माता मृत्यू आणि बाल मृत्यूच्या प्रमाणात घट झाली आहे. याविषयी अधिक माहिती देत आहेत आमचे वार्ताहर…… जिल्हयात एप्रिल २०१७ ते डिसेंम्बर २०१७ पर्यंत २६ हजार ५८ गरोधर मातांचीर तपासणी करण्यात आली. त्यापैकी २८३ अतिजोखमीच्या महिला आढळ्या. या मातांची नियमित मोफत आरोग्य तपासणी मोफत औषध उपच्चार केल्यानं माता मृत्यु आणि बाल मृत्यु यांच्या प्रमाणात घट झाली. शासकीय आरोग्य संस्थातील प्रस्तुतीचे प्रमाण सन २०१३ ते २०१४ मध्ये हे प्रमाण ६९ टक्के होत. ते प्रमाण सन २०१६-२०१७ मध्ये ९९ टक्के पर्यत पोहचलं. त्यामुळे जिह्यातील प्राथमिक आरोग्य केंद्रे आणि उपकेंद्रे यांची पंतप्रधान सुरक्षित मातृत्व अभियानाची यशस्वीता जनमानसातील प्रतिमा उंचावण्यास मदत झाली देविदास पाठक पाठक आकाशवाणी वार्ताहार,उस्मानाबाद. **** नवी दिल्ली इथे सुरू असलेल्या इंडिया सुपरसीरिज बॅडमिंटन स्पर्धेच्या महिला एकेरीत सायना नेहवाल, पी.व्ही. सिंधू आणि आकर्षी कश्यप यांनी तर पुरुष एकेरीमध्ये बी.साईप्रणितनं दुसऱ्या फेरीत प्रवेश केला आहे. दरम्यान, भारत आणि दक्षिण आफ्रिका यांच्यात सहा एकदिवसीय सामन्यांच्या मालिकेला आजपासून प्रारंभ होत आहे. मालिकेतला पहिला सामना आज डर्बन इथं खेळवला जाईल. याआधी झालेली कसोटी मालिका दक्षिण आफ्रिकेनं दोन - एक अशी जिंकली आहे. **** राष्ट्रीय वैद्यकीय परिषद कायद्याच्या समर्थनार्थ परभणी जिल्हा होमिओपॅथिक डॉक्टर्स संघटनेच्यावतीनं, काल जिल्हाधिकारी कार्यालयावर मोर्चा काढण्यात आला. यावेळी शिष्टमंडळाच्यावतीनं जिल्हाधिकाऱ्यांना मागण्यांचं एक निवेदन देण्यात आलं. ***** ***
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