बंदा मरीजों को बेवकूफ बनाकर 20 साल तक करता रहा सर्जरी, एक गलती से खुला नौवीं पास डॉक्टर का राज
आप सभी ने फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस तो जरूर देखी होगी जहां एक फर्जी डॉक्टर मरीजों का दिल से इलाज कर उन्हें ठीक कर देता था. यही कारण है कि ये फिल्म पर्दे पर एकदम सुपरहिट रही और इसे जनता का खूब प्यार मिला. अगर कोई ऐसा सच में करने लगे तो क्या होगा? सुनने में आपको ये थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा लेकिन ये पूरी तरीके से एकदम सच है और इसी तरह का मामला इन दिनों थाईलैंड से लोगों के बीच सामने आया है. जहां…
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NF Treatment: Best Sexologist in Patna, Bihar | Dr. Sunil Dubey, Gupt Rog Specialist
अगर आप धात सिंड्रोम या स्वप्नदोष से पीड़ित हैं, तो आपको अपनी निजी समस्या अपने माता-पिता या अभिभावकों से साझा करनी चाहिए। हालांकि यह युवाओं में होने वाली एक आम यौन समस्या है, फिर भी यह गुप्त रोग है। आपके अभिभावक या माता-पिता भावनात्मक, आर्थिक और चिकित्सकीय रूप से आपकी मदद करेंगे। वैसे भी भारत में लगभग 23 फीसदी लोग किसी न किसी गुप्त या यौन रोग की समस्या से जूझ रहे है। केवल 5 प्रतिशत लोग ही अपने समस्या के समाधान हेतु सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के क्लिनिक में जाकर इलाज करवाते है। यह केवल आपकी ही समस्या नहीं है, जो लोग अपने गुप्त या यौन रोग की समस्या को छुपाते है उनके लिए भी गंभीर स्थिति है।
अभी आप 21 साल हैं और आपको नाइट डिस्चार्ज की समस्या हो गयी है। आप इस यौन समस्या का सामना हफ़्ते में कई बार करते हैं। आप हमेशा अपनी समस्या सभी से छुपाना चाहते हैं क्योंकि आपको इसके बारे में बात करने में अजीब लगता है। पटना, बिहार में भारत के शीर्ष-स्तरीय गुणात्मक और सर्वश्रेष्ठ क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि किसी को भी अपनी यौन या अन्य किसी भी समस्याओं को अपने माता-पिता से कभी नहीं छुपाना चाहिए। क्योकि वे आपके जनक है और आपका हित उनके लिए सर्वोपरि है।
इस विश्व-प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि युवाओं में नाइट डिस्चार्ज (स्वप्नदोष) एक आम गुप्त या यौन विकार है। भारत में 70% से ज़्यादा युवा लोग अपने जीवन में एक बार इस गुप्त समस्या का सामना कभी न कभी करते हैं। दरअसल, कई बार लोगो को या यौन रोगियों को अपनी समस्या साझा करने और इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श करने की ज़रूरत होती है। वे पटना, बिहार के बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर में से एक है और उन्होंने पुरुषो व महिलाओं में होने वाले बहुत सारी यौन समस्याओं पर शोध भी किया है।
स्वप्नदोष के कारणों के बारे में हमारे आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे कहते हैं- दरअसल, युवाओ में स्वप्नदोष होने के बहुत सारे कारण हैं। जैसे कि -
मनोवैज्ञानिक स्थिति के कारण
हार्मोनल परिवर्तन के कारण
यौन निष्क्रियता होने पर
न्यूरोपैथी क्षति होने से
अनजाने में उत्तेजना के कारण
वीर्य का रिसाव होने के कारण
मूत्राशय का भर जाने के कारण
प्रोस्टेट ग्रंथि में जमाव होने पर
अधूरा हस्तमैथुन क्रिया होने पर
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में, यह पूरी तरह से इलाज योग्य गुप्त समस्या है और उन्होंने अनगिनत स्वप्नदोष से पीड़ित रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। वह हर दिन दुबे क्लिनिक में अभ्यास करते हैं और पूरे भारत से गुप्त व यौन रोगी दुबे क्लिनिक से संपर्क करते हैं। औसतन करीब चालीस से ज़्यादा गुप्त व यौन रोगी अपनी-अपनी समस्याओं को ठीक करने के लिए दुबे क्लिनिक आते हैं और वह उनकी समस्याओं के अनुसार उनका इलाज करते हैं।
भारत के नंबर 1 सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे ने पुरुषों और महिलाओं के विभिन्न यौन विकारों पर सफल आयुर्वेदिक दवा की खोज भी किया है। जहाँ अब तक 7.6 लाख से अधिक गुप्त व यौन रोगी दुबे क्लिनिक के उपचार से लाभान्वित हो चुके हैं।
अगर आप दुबे क्लिनिक से जुड़ना चाहते हैं, तो हमें +91 98350 92586 पर कॉल करें।
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आवाज़ें
वह जब भी मेरे पास आता था, उसकी एक ही तकलीफ रहती थी। वो मुझसे बार-बार यही कहता था कि डॉक्टर साहब कुछ भी करके ये शोर कम कर दीजिए। मैंने उसे कुछ दवाइयाँ भी दी थी लेकिन लगता है उसने वही किया जिसके लिए मैंने उसे सख्त मना किया था।
राहुल मेरे पास पहली बार तब आया था जब उसका स्कूल खत्म हुआ था और कॉलेज शुरू होने ही वाला था। पहले उसकी तकलीफें कम और शिकायतें ज्यादा थी। जब देखो कहता कान मे दर्द हो रहा है, उसने बताया था कि कोई व्यक्ति अजीब सी वेश भूषा मे उसके सामने आया और भीख मांगते-मांगते कान मे फूँक मारकर चल गया। मुझे ये बात बड़ी अटपटी सी लगी। उसकी माँ तो मानो तुरंत समझ गईं थी कि मेरे लड़के पर किसी ने टोटका कर दिया है और अब उसे एक अच्छे पंडित से मिलना चाहिए। मैंने अपने हासिल किये हुए ज्ञान से यही पाया कि राहुल की मानसिक स्थिति बिगड़ रही थी। उसे तरह तरह की आवाज़ें सुनाई देने लगीं थीं, मानो कोई उसे पुकार रहा हो, चिढ़ा रहा हो, गालियां दे रहा हो। वो हर समय परेशान रहने लगा। उसके दोस्त भी उसे पागल कहते और दूर भागते। मैंने उसे सीधी सलाह दी की "राहुल, ये आवाज़ें तुम्हारे दिमाग मे हैं, इन पर ज्यादा ध्यान मत दो और भूल कर भी इनका जवाब बिल्कुल मत देना वरना हालत बिगड़ सकती है"। उसे देखकर ऐसा लगा जैसे उसे मेरी बात समझ मे आ गई हो। लेकिन फिर भी उसने वही किया जिसके लिए मैंने उसे मना किया था, पता नहीं क्यों उसने मेरी बात नहीं मानी।
राहुल के कान का दर्द बढ़ता गया, और अब उसका कॉलेज मे भी ध्यान न लगता। वो जब फिरसे मेरे पास आया तब अपनी माँ और एक पंडित जी को साथ लाया था। पंडित मुझे पैनी आँखों से घूरने लगा और उसकी माँ ने तुरंत मेरे कैबिन के सोफ़े पर उसे लिटा दिया। मेरी असिस्टन्ट उनके पीछे पीछे अंदर आई, उसने मेरी तरफ देखा और मैंने उसे बाहर जाने का इशारा किया। देखने मे लग रहा था कि ये इनका घर है और मैं यहाँ कोई मेहमान हूँ। राहुल की हालत बहुत खराब थी। पंडित ने मुझे नजदीक बुलाया और राहुल का तापमान और दिल की धड़कने मापने को कहा। मैंने अकढ़ मे पहले उन्हे डांटना चाहा लेकिन स्थिति की गंभीरता देखते हुए मैंने कुछ नहीं बोला।
राहुल चिल्लाने लगा। कहता "ये आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं! इन्हे रोको!"
बाहर मेरे बाकी मरीज ये तमाशा देखकर लौटने लगे। मुझे लगा मेरी बहुत बदनामी हो रही है। राहुल की माँ ने रोना शुरू कर दिया। पर मैंने साहस जुटा कर उनसे कहा कि ये कोई तरीका नहीं हुआ। आप लोग बाहर जाएँ यहाँ से नहीं तो मैं पुलिस को बुला दूंगा, ये मेरा क्लिनिक है। यहाँ मैं इस तमाशे की इजाजत नहीं दूंगा। बोलते ही मुझे लगा शायद नहीं बोलना चाहिए था। पंडित ने तुरंत अपने हाथों से राहुल को उठाया और कोई मंत्र पढ़ते पढ़ते वहाँ से बाहर चला गया। मैं भी उनके साथ बाहर निकला और अपने बाकी मरीजों के सामने ठेठ मे बोलने लगा "न जाने कहाँ से आ जाते हैं"। मेरे बाकी मरीजों को थोड़ी सी तसल्ली हुई और वे सब वापस या गए। खुसुर फुसुर शुरू हुई और मैंने भी हिस्सा लिया। अब सब ठीक लग रहा था। दिन की दिहाड़ी सुरक्षित थी। मैं वापस अपने काम मे लग गया।
कुछ दिनों बाद मुझे राहुल पार्क मे दिखा, वो अब व्हील चेयर पर था। उसके पीछे एक और आदमी खड़ा था जो शायद उसका भाई था। राहुल मुझे देखकर बहुत खुश हो गया। मैं उसके करीब गया, और जाकर घुटनों पर बैठ गया, बोला तुम्हारी अंधविश्वासी माँ ने अगर ठीक तरह से तुम्हारा इलाज कराया होता तो शायद तुम्हें कुछ न हुआ होता।
"लेकिन बीमारी क्या थी?" पीछे खड़े आदमी ने मुसकुराते हुए पूछा। मेरे सामने राहुल का चेहरा लटक गया। मेरे आस पास सब नीला सा हो गया। वो आदमी मेरे पास आया और मेरे कान मे कुछ कहने की बजाय, फूँक मारकर राहुल को अपने साथ ले गया।
मेरी आँखें फिर उसी पार्क मे तीन से चार घंटे बाद खुलीं। एक चौकीदार मुझे अपने पैर से मारकर ये भांप रहा था कि मैं जिंदा हूँ या मर गया। शराबियों के लिए बचाया हुआ ताना उसने मुझपर मार दिया और फिर डांट-डपट कर चला गया। मैं भागता हुआ वहाँ से अपने घर चला गया।
कुछ दिनों बाद मैं अपने क्लिनिक पर ही बैठा कुछ काम कर रहा था। सामने से राहुल अंदर आया, जो अब अपने पैरों पर था। मैं थोड़ा चौंका। मैंने उससे हाल चाल पूछे तो उसने बताया कि अब आवाज़ें नहीं आती हैं। मैंने पार्क मे हुए हादसे के बारे मे पूछने की कोशिश की लेकिन न जाने क्यों मुझे शर्मिंदगी सी हुई। राहुल उठकर जाने लगा और दरवाजे के समीप पहुंचते ही क्षण भर के लिए रुका। अपनी जेब टटोलकर शायद फोन निकालना चाह रहा था। मेरा स्वभाव था कि मैं अक्सर अपने मरीजों को गेट तक छोड़कर आता था लेकिन जब मैंने उठने की कोशिश करी तो देखा कि मेरे पैर एक जगह जम से गए हैं। गर्दन के पीछे एक तेज हवा सुनाई दी। मैंने कुर्सी मोड़ कर पीछे देखा तो पार्क वाला आदमी फटे-फूटे कपड़ों मे खड़ा मुस्कुरा रहा था। देखकर लगा कोई भिकारी है। पीछे से राहुल ने कहा "आवाज़ें तो आएंगी, लेकिन उत्तर मत देना डॉक्टर साहब"। दोबारा पीछे मुड़कर देखा तो राहुल जा चुका था और दरवाजा धीरे धीरे अपनी गति से बंद हो रहा था...
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फरिश्ता लगा
जहां भी कितना अजीब हे वही ब्लॉक है जो करीब है
हमारे तकलीफों में कमी नहीं जब कि डॉक्टर करीब है
सोचता हूं कब तक जिंदगी इम्तेहान लेगी मुझ से
एक दिन जिंदगी खुद हार जायेगी मेरा मौत करीब है
चहता हूं जिंदगी मिल ले जिंदगी से मौत से पहले
वह बजिद है हो नही लायक मेरे मेरा दिल मेरे करीब है
सुबह देखा उसे फरिश्ता लगा सफेद कोट में
कितना जायेगा वह मुझ से दूर मेरे दिल के वह करीब है
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एक लघु कथा…..
एक नर्स लंदन में ऑपरेशन से दो घंटे पहले मरीज़ के कमरे में घुसकर कमरे में रखे गुलदस्ते को संवारने और ठीक करने लगी।
ऐसे ही जब वो अपने पूरे लगन के साथ काम में लगी थी, तभी अचानक उसने मरीज़ से पूछा "सर आपका ऑपरेशन कौन सा डॉक्टर कर रहा है?"
नर्स को देखे बिना मरीज़ ने अनमने से लहजे में कहा "डॉ. जॉनसन।"
नर्स ने डॉक्टर का नाम सुना और आश्चर्य से अपना काम छोड़ते हुये मरीज़ के पास पहुँची और पूछा "सर, क्या डॉ. जॉनसन ने वास्तव में आपके ऑपरेशन को स्वीकार किया हैं?
मरीज़ ने कहा "हाँ, मेरा ऑपरेशन वही कर रहे हैं।"
नर्स ने कहा "बड़ी अजीब बात है, विश्वास नहीं होता"
परेशान होते हुए मरीज़ ने पूछा "लेकिन इसमें ऐसी क्या अजीब बात है?"
नर्स ने कहा "वास्तव में इस डॉक्टर ने अब तक हजारों ऑपरेशन किये हैं उसके ऑपरेशन में सफलता का अनुपात 100 प्रतिशत है । इनकी तीव्र व्यस्तता की वजह से इन्हें समय निकालना बहुत मुश्किल होता है। मैं हैरान हूँ आपका ऑपरेशन करने के लिए उन्हें फुर्सत कैसे मिली?
मरीज़ ने नर्स से कहा "ये मेरी अच्छी किस्मत है कि डॉ जॉनसन को फुरसत मिली और वह मेरा ऑपरेशन कर रहे हैं ।
नर्स ने एक बार बार कहा "यकीन मानिए, मेरा हैरत अभी भी बरकरार है कि दुनिया का सबसे अच्छा डॉक्टर आपका ऑपरेशन कर रहा है!!"
इस बातचीत के बाद मरीज को ऑपरेशन थिएटर में पहुंचा दिया गया, मरीज़ का सफल ऑपरेशन हुआ और अब मरीज़ हँस कर अपनी जिंदगी जी रहा है।
मरीज़ के कमरे में आई महिला कोई साधारण नर्स नहीं थी, बल्कि उसी अस्पताल की मनोवैज्ञानिक महिला डॉक्टर थी, जिसका काम मरीजों को मानसिक और मनोवैज्ञानिक रूप से संचालित करना था, जिसके कारण उसे संतुष्ट करना था जिस पर मरीज़ शक भी नहीं कर सकता था। और इस बार इस महिला डॉक्टर ने अपना काम मरीज़ के कमरे में गुलदस्ता सजाते हुये कर दिया था और बहुत खूबसूरती से मरीज़ के दिल और दिमाग में बिठा दिया था कि जो डॉक्टर इसका ऑपरेशन करेगा वो दुनिया का मशहूर और सबसे सफल डॉक्टर है जिसका हर ऑपरेशन सफल ऑपरेशन होता है और इसी पॉजिटिविटी ने मरीज के अन्दर के डर को खत्म कर दिया था। और वह ऑपरेशन थियेटर के अन्दर यह सोचकर गया कि अब तो मेरा आपरेशन सक्सेज होकर रहेगा , मैं बेकार में इतनी चिन्ता कर रहा था।
पॉजिटिविटी दीजिये लोगों को..
~PPG~
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चौंकाने वाली खबर: शख्स की दाहिनी आंख में पनप रहा था मक्खियों का झुंड, इलाज में डॉक्टरों के छूटे पसीने
चौंकाने वाली खबर: शख्स की दाहिनी आंख में पनप रहा था मक्खियों का झुंड, इलाज में डॉक्टरों के छूटे पसीने
अजीब खबर: कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिन पर यकीन करना आसान नहीं होता। ऐसा ही कुछ एक शख्स के साथ हुआ। 53 साल का यह शख्स आंखों में खुजली की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास गया था. जब डॉक्टरों ने उसकी आंखों की जांच की तो पता चला कि उसकी दाहिनी आंख में मक्खियों का एक पूरा परिवार पनप रहा है।
ये घटना फ्रांस की है और जिसके साथ ये हादसा हुआ उसकी उम्र 53 साल है. उनके साथ घटी यह घटना चिकित्सा विज्ञान के लिए भी एक…
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मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस में डॉक्टर स्ट्रेंज का नया ट्रेलर देखें
मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस में डॉक्टर स्ट्रेंज का नया ट्रेलर देखें
डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस का लेटेस्ट टीजर ट्रेलर आउट हो गया है। आगामी प्रमुख मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स एडवेंचर, जिसका नेतृत्व बेनेडिक्ट कंबरबैच ने डॉ। स्टीफन स्ट्रेंज / डॉक्टर स्ट्रेंज और एलिजाबेथ ऑलसेन के रूप में वांडा मैक्सिमॉफ / स्कारलेट विच के रूप में किया है, ठीक एक महीने में बाहर हो गया है – यह फिल्म भारत और दुनिया भर में 6 मई को रिलीज होगी। डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ…
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क्या मार्वल स्टूडियोज की मल्टीवर्स वास्तव में मौजूद हो सकती है? एक भौतिक विज्ञानी बताते हैं
क्या मार्वल स्टूडियोज की मल्टीवर्स वास्तव में मौजूद हो सकती है? एक भौतिक विज्ञानी बताते हैं
“मल्टीवर्स एक अवधारणा है जिसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं”: डॉक्टर स्ट्रेंज द्वारा पीटर पार्कर को हाल ही में जारी स्पाइडर-मैन: नो वे होम में ये शब्द बिल्कुल गलत नहीं हैं। पिछले हफ्ते भी, डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस का टीज़र भी कई ब्रह्मांडों की इस अवधारणा को दर्शाता है।
तो, क्या इस कल्पना का कोई वैज्ञानिक समर्थन है? हालांकि कुछ भौतिकविदों ने प्रस्तावित किया है कि हमारा ब्रह्मांड…
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स्पाइडर-मैन: नो वे होम मूवी रिव्यू: स्पाइडी के प्रशंसकों को एक श्रद्धांजलि!
स्पाइडर-मैन: नो वे होम मूवी रिव्यू: स्पाइडी के प्रशंसकों को एक श्रद्धांजलि!
निस्संदेह अब तक की सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाली स्पाइडर-मैन फिल्म, ‘नो वे होम’ आपके मित्रवत पड़ोस एवेंजर का उत्सव है। .
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11 अगस्त को मार्वल की व्हाट इफ...? का ट्रेलर देखें
11 अगस्त को मार्वल की व्हाट इफ…? का ट्रेलर देखें
मार्वल व्हाट इफ…? एक नया ट्रेलर, एक नया पोस्टर और एक रिलीज की तारीख है। गुरुवार को, मार्वल स्टूडियोज ने घोषणा की कि इसकी पहली एनिमेटेड श्रृंखला – मार्वल का मोडोक एक मार्वल टेलीविजन परियोजना के रूप में शुरू हुई, इसलिए मुझे लगता है कि यह गिनती नहीं है – बुधवार, 11 अगस्त को डिज्नी + और डिज्नी + हॉटस्टार पर प्रीमियर होगा। हालांकि (हिंदी, तमिल या तेलुगु में) कोई भी स्थानीय भाषा में डब नहीं होगा, जिसका…
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'डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस' भारत में बड़े वीकेंड के लिए तैयार; अग्रिम संग्रह 20 करोड़ का आंकड़ा पार करता है - टाइम्स ऑफ इंडिया
‘डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस’ भारत में बड़े वीकेंड के लिए तैयार; अग्रिम संग्रह 20 करोड़ का आंकड़ा पार करता है – टाइम्स ऑफ इंडिया
बेनेडिक्ट कंबरबैच की ‘डॉक्टर स्ट्रेंज’ रिलीज करने के लिए तैयार हैपागलपन की विविधता‘ और अग्रिम संग्रहों को देखते हुए, सभी भारतीय मार्वल प्रशंसक पहले सप्ताहांत में सभी कार्रवाई को पकड़ना चाहते हैं।
जैसा कि फिल्म 6 मई की शुरुआत के लिए तैयार है, यह बताया गया है कि सुपरहीरो फिल्म पहले ही अग्रिम बुकिंग संग्रह में 20 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है। बॉक्स ऑफिस इंडिया में एक रिपोर्ट के तुरंत बाद कहा…
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Is Loki the Best Marvel TV Show So Far?
Is Loki the Best Marvel TV Show So Far?
लोकीमार्वल स्टूडियोज की नवीनतम टीवी श्रृंखला, ने इस सप्ताह की शुरुआत में छह एपिसोड वाले अपने पहले सीज़न को समाप्त कर दिया। पहले सीज़न ने तकनीकी रूप से मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स के बाकी हिस्सों के साथ निरंतरता साझा की, लेकिन यह लोकी का एक पुराना संस्करण लाया – द गॉड ऑफ मिसचीफ – टॉम हिडलेस्टन द्वारा स्क्रीन पर प्रतिनिधित्व किया – द एवेंजर्स से। गैजेट्स 360 पॉडकास्ट ऑर्बिटल के इस हफ्ते के एपिसोड…
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8 Memorable Moments from the Marvel Cinematic Universe
8 Memorable Moments from the Marvel Cinematic Universe
जबकि मार्वल टेलिविज़न यूनिवर्स वांडा विजन और द फाल्कन और विंटर सोल्जर की सफलता और लोकप्रियता के आधार पर आधारित है, सिनेमाई ब्रह्मांड के चरण 4 में महामारी के कारण देरी हुई है। चौथे चरण को ब्लैक विडो के साथ किकस्टार्ट करने की आवश्यकता थी, लेकिन मार्वल स्टूडियो ने हाल के एक वीडियो में आगामी फिल्मों की तारीखों का खुलासा किया। इसलिए जब हम फ़िल्मों के रिलीज़ होने का इंतज़ार करते हैं, यहाँ एक बार फिर से…
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