#हिन्दी कहानियाँ
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shivendushukla · 10 months ago
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आवाज़ें
वह जब भी मेरे पास आता था, उसकी एक ही तकलीफ रहती थी। वो मुझसे बार-बार यही कहता था कि डॉक्टर साहब कुछ भी करके ये शोर कम कर दीजिए। मैंने उसे कुछ दवाइयाँ भी दी थी लेकिन लगता है उसने वही किया जिसके लिए मैंने उसे सख्त मना किया था।
राहुल मेरे पास पहली बार तब आया था जब उसका स्कूल खत्म हुआ था और कॉलेज शुरू होने ही वाला था। पहले उसकी तकलीफें कम और शिकायतें ज्यादा थी। जब देखो कहता कान मे दर्द हो रहा है, उसने बताया था कि कोई व्यक्ति अजीब सी वेश भूषा मे उसके सामने आया और भीख मांगते-मांगते कान मे फूँक मारकर चल गया। मुझे ये बात बड़ी अटपटी सी लगी। उसकी माँ तो मानो तुरंत समझ गईं थी कि मेरे लड़के पर किसी ने टोटका कर दिया है और अब उसे एक अच्छे पंडित से मिलना चाहिए। मैंने अपने हासिल किये हुए ज्ञान से यही पाया कि राहुल की मानसिक स्थिति बिगड़ रही थी। उसे तरह तरह की आवाज़ें सुनाई देने लगीं थीं, मानो कोई उसे पुकार रहा हो, चिढ़ा रहा हो, गालियां दे रहा हो। वो हर समय परेशान रहने लगा। उसके दोस्त भी उसे पागल कहते और दूर भागते। मैंने उसे सीधी सलाह दी की "राहुल, ये आवाज़ें तुम्हारे दिमाग मे हैं, इन पर ज्यादा ध्यान मत दो और भूल कर भी इनका जवाब बिल्कुल मत देना वरना हालत बिगड़ सकती है"। उसे देखकर ऐसा लगा जैसे उसे मेरी बात समझ मे आ गई हो। लेकिन फिर भी उसने वही किया जिसके लिए मैंने उसे मना किया था, पता नहीं क्यों उसने मेरी बात नहीं मानी।
राहुल के कान का दर्द बढ़ता गया, और अब उसका कॉलेज मे भी ध्यान न लगता। वो जब फिरसे मेरे पास आया तब अपनी माँ और एक पंडित जी को साथ लाया था। पंडित मुझे पैनी आँखों से घूरने लगा और उसकी माँ ने तुरंत मेरे कैबिन के सोफ़े पर उसे लिटा दिया। मेरी असिस्टन्ट उनके पीछे पीछे अंदर आई, उसने मेरी तरफ देखा और मैंने उसे बाहर जाने का इशारा किया। देखने मे ��ग रहा था कि ये इनका घर है और मैं यहाँ कोई मेहमान हूँ। राहुल की हालत बहुत खराब थी। पंडित ने मुझे नजदीक बुलाया और राहुल का तापमान और दिल की धड़कने मापने को कहा। मैंने अकढ़ मे पहले उन्हे डांटना चाहा लेकिन स्थिति की गंभीरता देखते हुए मैंने कुछ नहीं बोला।
राहुल चिल्लाने लगा। कहता "ये आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं! इन्हे रोको!"
बाहर मेरे बाकी मरीज ये तमाशा देखकर लौटने लगे। मुझे लगा मेरी बहुत बदनामी हो रही है। राहुल की माँ ने रोना शुरू कर दिया। पर मैंने साहस जुटा कर उनसे कहा कि ये कोई तरीका नहीं हुआ। आप लोग बाहर जाएँ यहाँ से नहीं तो मैं पुलिस को बुला दूंगा, ये मेरा क्लिनिक है। यहाँ मैं इस तमाशे की इजाजत नहीं दूंगा। बोलते ही मुझे लगा शायद नहीं बोलना चाहिए था। पंडित ने तुरंत अपने हाथों से राहुल को उठाया और कोई मंत्र पढ़ते पढ़ते वहाँ से बाहर चला गया। मैं भी उनके साथ बाहर निकला और अपने बाकी मरीजों के सामने ठेठ मे बोलने लगा "न जाने कहाँ से आ जाते हैं"। मेरे बाकी मरीजों को थोड़ी सी तसल्ली हुई और वे सब वापस या गए। खुसुर फुसुर शुरू हुई और मैंने भी हिस्सा लिया। अब सब ठीक लग रहा था। दिन की दिहाड़ी सुरक्षित थी। मैं वापस अपने काम मे लग गया।
कुछ दिनों बाद मुझे राहुल पार्क मे दिखा, वो अब व्हील चेयर पर था। उसके पीछे एक और आदमी खड़ा था जो शायद उसका भाई था। राहुल मुझे देखकर बहुत खुश हो गया। मैं उसके करीब गया, और जाकर घुटनों पर बैठ गया, बोला तुम्हारी अंधविश्वासी माँ ने अगर ठीक तरह से तुम्हारा इलाज कराया होता तो शायद तुम्हें कुछ न हुआ होता।
"लेकिन बीमारी क्या थी?" पीछे खड़े आदमी ने मुसकुराते हुए पूछा। मेरे सामने राहुल का चेहरा लटक गया। मेरे आस पास सब नीला सा हो गया। वो आदमी मेरे पास आया और मेरे कान मे कुछ कहने की बजाय, फूँक मारकर राहुल को अपने साथ ले गया।
मेरी आँखें फिर उसी पार्क मे तीन से चार घंटे बाद खुलीं। एक चौकीदार मुझे अपने पैर से मारकर ये भांप रहा था कि मैं जिंदा हूँ या मर गया। शराबियों के लिए बचाया हुआ ताना उसने मुझपर मार दिया और फिर डांट-डपट कर चला गया। मैं भागता हुआ वहाँ से अपने घर चला गया।
कुछ दिनों बाद मैं अपने क्लिनिक पर ही बैठा कुछ काम कर रहा था। सामने से राहुल अंदर आया, जो अब अपने पैरों पर था। मैं थोड़ा चौंका। मैंने उससे हाल चाल पूछे तो उसने बताया कि अब आवाज़ें नहीं आती हैं। मैंने पार्क मे हुए हादसे के बारे मे पूछने की कोशिश की लेकिन न जाने क्यों मुझे शर्मिंदगी सी हुई। राहुल उठकर जाने लगा और दरवाजे के समी�� पहुंचते ही क्षण भर के लिए रुका। अपनी जेब टटोलकर शायद फोन निकालना चाह रहा था। मेरा स्वभाव था कि मैं अक्सर अपने मरीजों को गेट तक छोड़कर आता था लेकिन जब मैंने उठने की कोशिश करी तो देखा कि मेरे पैर एक जगह जम से गए हैं। गर्दन के पीछे एक तेज हवा सुनाई दी। मैंने कुर्सी मोड़ कर पीछे देखा तो पार्क वाला आदमी फटे-फूटे कपड़ों मे खड़ा मुस्कुरा रहा था। देखकर लगा कोई भिकारी है। पीछे से राहुल ने कहा "आवाज़ें तो आएंगी, लेकिन उत्तर मत देना डॉक्टर साहब"। दोबारा पीछे मुड़कर देखा तो राहुल जा चुका था और दरवाजा धीरे धीरे अपनी गति से बंद हो रहा था... ------
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countryinsidenews · 3 months ago
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साहित्य सम्मेलन में कवि कमल किशोर वर्मा 'कमल' की तीन पुस्तकों का हुआ लोकार्पण, हुई कवि-गोष्ठी
पटना, २६ अक्टूबर। कविता-कहानियाँ पाठकों का केवल मनोरंजन ही नहीं करती, समाज को शक्ति और प्रेरणा भी देती है। समाज के निर्माण में साहित्य की सबसे प्रमुख भूमिका है। इसीलिए समाज का सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति कवि-साहित्यकार ही है, जो समाज को दिशा देता है। यह बातें शनिवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आयोजित पुस्तक-लोकार्पण समारोह का उद्घाटन करते हुए, त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कही।…
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cartoonforkids1 · 2 years ago
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रामगढ़ की डरावनी कहानी | हिन्दी कहानियाँ | Hindi Stories
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vidyaratna · 2 years ago
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Moni Ka Janmdin
एक लड़की थी उसका नाम मोनी था। वह अभी 4 साल की थी। उसके घर में उसकी दादी और मम्मी-पापा रह��े थे। उसके मम्मी-पापा दोनों नौकरी करते थे। जब उसके मम्मी-पापा नौकरी करने के लिए घर से निकल जाते थे, तो घर पर सिर्फ वह और उसकी दादी मां बचती थीं। पूरे दिन मोनी और उसकी दादी एक दूसरे के साथ खेलती थीं और काम भी करती थीं। दादी जो भी काम करती थीं, दादी की मदद करने के लिए मोनी साथ-साथ रहकर कुछ न कुछ किया करती थी।…
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mahacartoontv · 5 years ago
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शेर की पाँच कहानियाँ | Hindi Cartoons Video for Kids with Moral | हिन्दी कार्टून
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21 अनोखी पंचतंत्र की कहानियां हिंदी में-Unique Panchatantra Stories With Moral Value
दोस्तों आज मैं आपके लिए  Unique Panchatantra Stories With Moral Value हिन्दी में लाई हूँ जो आपके बच्चों को नैतिकता का पाठ सीखाएँगे और आपके बच्चो को अच्छी शिक्षा प्रदान करेंगे | दोस्तों बच्चों का मन बहुत कोमल होता है अगर आप अपने बच्चो को ये कहानियाँ पढाईएंगे तो आपके तो उन्हें जिन्दगी में सफलता प्राप्त करने में ये stories बहुत मदद  करेंगी| Read more:
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dinosaur1707 · 2 years ago
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लंबे पैर मुर्गी बाँस हिन्दी कहानियाँ - Long Legs Hen Bamboo Story | 3D A...
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moralkahaniya04 · 2 years ago
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लंबे पैर मुर्गी बाँस हिन्दी कहानियाँ - Long Legs Hen Bamboo Story | 3D A...
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radarhindi · 2 years ago
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countryinsidenews · 3 months ago
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जियालाल आर्य की कहानियाँ मन को कुरेदती और गुदगुदाती भी है साहित्य सम्मेलन में कहानी संग्रह 'नदी रुकती नहीं' का हुआ लोकार्पण, हुई लघुकथा-गोष्ठी
पटना, 29 सितम्बर। वरिष्ठ लेखक जियालाल आर्य की कहानियाँ मन को कुरेदती और गुदगुदाती भी है। क़िस्सा-गोई में एक विशेष स्थान बना चुके आर्य जी पाठकों पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। पढ़ना आरंभ कर चुके पाठक को ये अंत तक पढ़ने के लिए विवश करते हैं। एक सफल कहानी की पहली विशेषता यही है कि वह पाठकों के मन में अंत तक कौतूहल बनाए रखे। यह बातें रविवार को, ब��हार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, बिहार के पूर्व गृह सचिव और…
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gujjukathiyawadi · 3 years ago
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बीरबल की खिचड़ी - अकबर और बीरबल की कहानियाँ
बीरबल की खिचड़ी – अकबर और बीरबल की कहानियाँ
दोस्तों आप सब ने हिंदी में एक कहावत सुनी होगी “बीरबल की खिचड़ी पकाना “, क्या आप जानते हैं कि इस कहावत के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। ये कहानी अकबर और उनके नवरत्न बीरबल से जुडी है। इसी कहानी के आधार पर प्रसिद्द कहावत “बीरबल की खिचड़ी पकाना” का उपयोग शुरू होता आया है। कहानी इस प्रकार है: अकबर बीरबल की सीख देती हिन्दी कहानिया एक दिन बादशाह अकबर ने घोषणा की, कि जो आदमी सर्दी के इस मौसम में नदी के ठण्डे…
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drmullaadamali · 3 years ago
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उजली हँसी के कथाकार प्रकाश मनु
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dinosaur1707 · 2 years ago
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लंबे पैर मुर्गी बाँस हिन्दी कहानियाँ - Long Legs Hen Bamboo Story | 3D A...
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countryinsidenews · 2 years ago
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पटना /प्रेमचंद्र 'कथा-सम्राट' थे तो राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह 'शैली-सम्राट'- राजा साहेब की जयंती पर साहित्य सम्मेलन में आयोजित हुई लघुकथा-गोष्ठी
पटना /प्रेमचंद्र ‘कथा-सम्राट’ थे तो राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह ‘शैली-सम्राट’- राजा साहेब की जयंती पर साहित्य सम्मेलन में आयोजित हुई लघुकथा-गोष्ठी
पटना, १० सितम्बर। महान कथा-शिल्पी राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह, कथा-लेखन में अपनी अत्यंत लुभावनी शैली के कारण, हिन्दी-कथा-साहित्य में ‘शैली-सम्राट’ के रूप में स्मरण किए जाते हैं। उनकी कहानियाँ अपनी नज़ाकत भरी भाषा और रोचक चित्रण के कारण, पाठकों को मोहित करती हैं। कहानी किस प्रकार पाठकों को आरंभ से अंत तक पढ़ने के लिए विवश कर सकती है, इस शिल्प को वो जान गए थे। इसीलिए वे अपने समय के सबसे लोकप्रिय…
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gujjukathiyawadi · 3 years ago
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अकबर बीरबल की सीख देती हिन्दी कहानिया
अकबर बीरबल की सीख देती हिन्दी कहानिया
अकबर बीरबल की स्टोरी किस्से कहानियाँ वैसे तो अकबर बीरबल की आपने अनेक किस्से कहानियाँ चुटकुले सुने ही होंगे जो सभी अपने आप में मजेदार और सीख देने वाले होते है हर कहानी से हमे कुछ ना कुछ जरुर शिक्षा भी मिलती है एक तरफ जहा बादशाह अकबर के अजब गजब प्रश्न देखने को मिलते है तो दूसरी तरफ अकबर के नौ रत्नों में से एक बीरबल के हाजिर जवाब देखने को मिलते है तो चलिए आज यहाँ हम Akbar Birbal stories लेकर आये है…
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