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राजस्थान में अगले चार दिन गिरेगा पारा, ठंड बढ़ेगी:शेखावाटी में 15 डिग्री तक पहुंचा रात का तापमान, बाड़मेर-जोधपुर में दिन में गर्मी
न्यूज़ चक्र। राजस्थान के शेखावाटी में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है। सीकर, झुंझुनूं और चूरू के एरिया में रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक आ गया। मौसम विशेषज्ञों ने अगले 2-3 दिन प्रदेश में मौसम साफ रहने और तापमान में उतार-चढ़ाव की संभावना जताई है। वहीं, उदयपुर, जोधपुर, कोटा संभाग के जिले में मंगलवार को दिन का टेम्प्रेचर 2 डिग्री तक बढ़ गया। पिछले 24 घंटे की बात करें तो सबसे ज्यादा गर्मी कल…
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मौसम आज का और कल का आपके शहर और गाँव का
मौसम वेब एप्लीकेशन का प्रयोग का तरीका:
हमारी मौसम वेब एप्लीकेशन को प्रयोग कीजिये और जानिए मौसम का हाल आपके अपने शहर और गांव का. आप चाहें तो सर्च बटन से अपने शहर के अलावा किसी और शहर का मौसम भी जान सकते हैं.
जब भी आप हमारी मौसम एप्लीकेशन पे आएंगे, आप जानेंगे न केवल दिन का तापमान बल्कि इस समय की हवा में आद्रता, हवा की गति और भी बहुत कुछ. आप चाहें तो आप आज का मौसम के अलावा आने वाले कल का और बीते हुए कल का मौसम भी देख सकते हैं देश के किसी भी शहर का आपकी अपनी भाषा में.
मौसम का हाल जानने के फायदे:
वर्तमान मौसम का अनुमान और आने वाले दिनों के मौसम का पूर्वानुमान या फिर बीते दिनों के मौसम की जानकारी का लाभ हर किसी को मिलता है.
यदि हम अपने देश की बात करें तो कृषि कार्य और किसानो के लिए मौसम का हल जानना और पूर्वानुमान जानना बेहद जरूरी है, वहीँ सरकार के विभिन्न विभाग, एयरलाइन्स, निर्माण कार्य, समुंद्री ट्रांसपोर्ट, सड़क परिवहन, ट्रैवेलिंग और लगभग हर कार्य के लिए मौसम का हाल जानना नित्यंत आवयशक है और इसीलिए हम लाएं हैं आपके शहर और गाँव के मौसम का हल आप ही भाषा में.
आइये जानते हैं मौसम का हाल जानना विभिन्न प्रकार के लोगों के लिए कैसे लाभदायक है.
1. कृषि कार्य और किसान भाई
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसान भाईओं की निर्भरता सटीक मौसम की जानकारी पर बहुत ज्यादा है. मौसम के सटीक आकलन और पूर्वानुमान से किसान अपनी फसलों और खेती की उत्पादकता बढ़ा सकता है और नुकसान से बचने के लिए पहले ही योजना बना सकता है. मौसम के सटीक अनुमान के हिसाब से किसान बुवाई, सिंचाई और कटाई को बेह्तरीक तरीके से योजनाबद्ध तरीके से कर सकता है.
यह जानना के कब वर्षा होने वाली है और कितनी, या कब सूखा आ सकता है या कब ओला वृष्टि हो सकती है महत्वपूर्ण है ताकि इसके आधार पे किसान अपनी फसलों की रक्षा के प्रबंध कर सके. यह मौसम एप्लीकेशन हमारे सभी किसान भाईओं को एकदम सटीक जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत और प्रतिबद्ध रहती है.
यह जानना के कब वर्षा होने वाली है और कितनी, या कब सूखा आ सकता है या कब ओला वृष्टि हो सकती है महत्वपूर्ण है ताकि इसके आधार पे किसान अपनी फसलों की रक्षा के प्रबंध कर सके. यह मौसम एप्लीकेशन हमारे सभी किसान भाईओं ���ो एकदम सटीक जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत और प्रतिबद्ध रहती है.
2. परिवहन और यात्रा
पुराने समय से ही जब लोग पैदल भी चलते थे तब भी मौसम की जानकारी का अनुमान लगते थे. आज के आधुनिक युग में जब परिवहन के सांसधन जल, आकाश, सड़क और अब तो समुन्द्र के अंदर भी से चलते हैं तो मौसम जानना सबसे ज्यादा आवश्यक हो गया है.
सड़क मार्ग - चाहे सड़क मार्ग से माल ढुलाई का कार्य हो या फिर जनसामान्य सवाई का, सभी परिवहन निगम अपने मार्ग में आने वाले मौसम की जानकारी पहले से प्राप्त करते हैं. वर्षा की संभावना या ओला वृष्टि की, या बर्फ़बारी की या आंधी तूफ़ान का अनुमान परिवहन चलने वालो को बेहतर योजना बनाने की जानकारी देता है. खासतौर पे पहाड़ी या बर्फीले इलाको पे तो बिना मौसम के पूर्वानुमान के एक छोटी यात्रा का आयोजन भी नहीं किया जाता। यह मौसम एप्लीकेशन ऐसे सभी परिवहन करने वाले लोगों को सटीक जानकारी उपलब्ध करवाती है.
हवाई मार्गहवाई यात्रा के लिए तो मौसम, हवा का दबाव, वर्षा, अंधी तूफ़ान, बर्फ़बारी, ऊंचाई का टेम्प्रेचर यह सब जानना अति महत्व्यपूर्ण शर्तें हैं. सभी हवाई अड्डों पर एक Automated Weather Observing System (AWOS) लगा होता है जिसके द्वारा मौसम के सभी प्रकार के पूर्वानुमान और वर्तमान आकलन किये जाते हैं. वह इतना जरूरी है के बिना उसके एक भी फ्लाइट उड़ने की कल्पना भी नहीं की जा सकती.
Wind direction and velocity meter - हवा की दिशा और गति मापने वाला मीटर: यह उपकरण हवा की गति और दिशा को दिखाता है।
Weather Surveillance Radar - मौसम निगरानी रडार: यह रडार वर्षा, ओले या बर्फ जैसी वर्षण को ढूंढने और उसकी गंभीरता को दिखाने में मदद करता है।
घिरा हुआ मौसम विज्ञान बगीचा: इसमें सभी मौसम-मापने वाले उपकरण रखे जाते हैं।
मौसम को मापने का एक संक्षिप्त इतिहास:
जबसे मानव सभ्यता विकसित हुई है तभी से मनुष्य मौसम के बारे में जानने का प्रयास करता रहा है. बहुत पुरानी बात की जाये तो पुराने यूनान और भारत में 400--500 इसा पूर्व में वर्षा को मापने और दर्ज करने के लिए Rain gauges (वर्षा मापक यन्त्र) का भी जिक्र आता है जो कालांतर में व्याकानिको के द्वारा सन्न 1441 में standardized किया गया. इसको कोरिया में Cheugugi कहा गया है.
सन् 1593 में महान गैलेलिओ गलीली ने पानी में अलग अलग भार के glass bulbs डाल कर पहला थर्मामीटर बनाया, फिर उन्ही के शिष्य Evangelista Torricelli ने सन् 1644 में अनुसन्धान करके पहला बैरोमीटर बनाया जिसे के एटमोस्फियरिक प्रेशर नापना शुरू हुआ जो की मौसम के वर्तमान और पूर्वानुमान लगाने के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ.
मॉडर्न ज़माने में फिर अमेरिका के Utah Agricultural College में दुनिया का बीसवां मौसम स्टेशन स्थापित किया गया जहाँ अधिकतम और न्यूनतम तापमान और मौसम मापने की प्रक्रिया शुरू हुई.
और अब इक्कीसवें सदी में यूएसयू में एक सौर ऊर्जा संचालित पर्यावरणीय वेधशाला स्थापित की गई और यह वेधशाला सभी मानक मौसम स्थितियों, सौर विकिरण के पांच घटकों, हवा में कार्बन डाइऑक्साइड, और भूमिगत सात स्थितियों को मापती है और आपको एक रियल टाइम डाटा उपलब्ध करवाती है।
Source: https://www.maussam.com/
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Painting Services कराने के लिए उत्तम मौसम कौनसा है ?
घर हो, ऑफिस हो या फिर कोई दूसरा आशियाना, painting services की ज़रूरत हर जगह है क्योंकि इसके बिना दीवार, दरवाज़े, खिड़कियां और बिल्डिंग बेजान लगती हैं । एक अनुभवी और उत्तम पेंट सर्विस की तलाश हर किसी को रहती है । ऐसे में हर कोई अपने नज़दीक ही painting service near me ढूंढ़ता है । लेकिन उसे उत्तम पेंटिंग सर्विस best painting service in noida नहीं मिल पाती है क्योंकि पेंटिंग के लिए समय उचित समय और मौसम कौनसा होगा, ये तय कर पाना आसान नहीं होता । इसे वही समझ सकता है जो एक कामयाब पेंटर होता है और जिसको पेंटिंंग सर्विस का एक अच्छा अनुभव होता है । लेकिन ऐसी पेंटिंग सर्विस की तलाश करने के लिए हमेशा बहुत मेहनत करनी पड़ती है और उसके बाद भारी जेब खर्च करना पड़ता है और इसके बाद भी पेंटिंग सर्विस की गारंटी कुछ नहीं होती । इसीलिए numberdekho ऐप को लेकर आया गया है, ताकि लोगों को आसानी से, कम पैसा खर्च किए बगैर उत्तम पेंटिंग सर्विस मिल सके ।
तो चलिए पहले जान लेते हैं कि बाहरी और अंदरूनी पेंटिंग सर्विस करवाने के लिए सबसे उत्तम समय कौन-सा होता है -
गर्मी के मौसम में पेंटिंग ( painting in summer )
गर्मी का मौसम घर, ऑफिस या बिल्डिंग को हर तरह से बाहरी तौर पर पेंट करने के लिए साल का एक सबसे अच्छा समय होता है । गर्मी के मौसम में हवा में नमी कम से कम होती है जिसकी वजह से पेंट ज़रूरी समय के हिसाब से सही ढंग से सूख सकता है । जब पेंट कोट को उसके ज़रूरी तापमान पर सूखने रख दिया जाता है, तो पेंट कोट दीवार पर अच्छी तरह बैठ जाता है और काफी लंबे वक्त तक टिककर रहता है ।
हालाँकि ये भी ध्यान रखने वाली बात है कि पेंटिंग का ये पूरा प्रोसेस सीधे सूरज की रौशनी में न किया जाए । बहुत ही ज़्यादा ड्राईनेस की वजह से पेंट की परत यानी कोट में दरारें पड़ने और उसे छिलने से बचाने के लिए बाहरी दीवारों को सीधी धूप से दूर पेंट करना ज़्यादा बेहतर होता है। अगर इन सभी तरीकों को आज़माया जाए तो गर्मी का मौसम घर, ऑफिस या इमारत के बाहरी हिस्से को पेंट करने का सबसे उत्तम समय माना गया है ।
मॉनसून के मौसम में पेंटिंग ( painting in Monsoon )
मानसून के मौसम में बाहरी दीवारों पर जितना हो सके पेंटिंग करने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान हवा में नमी और नमी की मात्रा पेंट की क्वालिटी पर काफी असर कर सकती है । बारिश के लगातार बरसने के दौरान पेंट की एक परत में डिस्कलरेशन यानी रंग बिगड़ने और अलग-अलग तरह के पैच हो सकते हैं क्योंकि ये नमी पेंट की परत में अच्छी तरह रिस जाती है। हालाँकि घर की अंदरूनी पेंटिंग मॉनसून के मौसम के दौरान बिना बारिश वाले दिन को चुनकर की जा सकती है। बिना बारिश बरसने पर पेंटिंग के लिए कोई दिन फिक्स करने के लिए आपको हमेशा मौसम का पहले से अनुमान लगाकर परामर्श ले लेना चाहिए ।
सर्दी के मौसम में पेंटिंग ( painting in winter )
भारत में सर्दियों का मौसम ही घर, ऑफिस की दीवारों को पेंट करने का सबसे अच्छा समय माना गया है क्योंकि यह मौसम पेंट करने के लिए पेंटर को सबसे अनुकूल परिस्थितियाँ देता है। सर्दियों का मौसम घर या ऑफिस की अंदरूनी पेंटिंग करने के साथ-साथ बाहरी पेंटिंग के लिए भी एक उत्तम और सूट करता हुआ तापमान प्रदान करता है । सर्दियों के दौरान तापमान एक सटीक और सही टेम्प्रेचर लेवल तक गिर जाता है जो लगभग पूरी तरह पेंट सर्विस करवाने के लिए बहुत ज़रूरी होता है। घर के अंदरूनी और पेंट के काम में अच्छी क्वालिटी का काम प्राप्त करने के लिए उमस या ह्यूमिडिटी लेवल कम होता है और हवा में नमी की मात्रा कम से कम होती है।
Numberdekho ऐप आपकी हर तरह की पेंटिंग से संबंधित जरूर���ों के लिए ऑल-इन-वन समा��ान है। इस ऐप में मिलने वाले experienced painter सेफ पेंटिंग सर्विस के साथ आपको अलग-अलग सुविधाएं प्रदान करते हैं जैसे - कलर कंसल्टेशन, सुपरवाइज्ड़ पेंटिंग और अनुभवी और टेंन पेंटर, जो एक साफ और सटीक पेंटिंग सर्विस प्रदान करेंगे । नंबर देखो ऐप एक क्वालिटी पूर्ण पेंटिंग सर्विस ग्राहक को प्रदान करती है जो पेंटिंग के बाद भी साफ, गहरी और टिकाऊ वारंटी के साथ बेस्ट पेंटर प्रदान करती है ।
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Disha Patani Birthday: from Bandya Mama
��ॉलीवुड की 'बीच गर्ल' हैं दिशा पाटनी, बिकिनी लुक से बढ़ाती हैं टेम्प्रेचर.
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Disha Patani Birthday: from Bandya Mama
बॉलीवुड की 'बीच गर्ल' हैं दिशा पाटनी, बिकिनी लुक से बढ़ाती हैं टेम्प्रेचर.
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मे आप का अपना संदीप राजभर जी, आज हमारे रामपुर उत्तर प्रदेश मे बहुत ही ज्यादा ठण्ड है करीब 5° डिग्री सेल्सिय टेम्प्रेचर है! रोज सुबह उठकर आता हैं एक ही ख्याल पूरी ठंड पूछती खुद से एक ही सवाल नहाऊ या नहीं बहुत ठण्ड हैं आज ठंडी लहर प्लीज सताओ ना आज. जय सुहेल���ेव 🙏 #sandeeprajbharji #rajbharji #monsoon #rampur https://www.instagram.com/p/CmvL_RVpXSG/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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नासा ने अपने यूट्यूब चैनल पे एक वीडियो अपलोड किया है और जिसका टाइटल है -' ए डिकेड ऑफ़ सन ' | सबसे पहले आप को बताता हूँ की आखिर ये ही टाइटल क्यों दिया गया |बात ये है की नासा 2 जून 2010 से 1 जून २०२० तक सूर्य पर अध्ध्यन किया गया है | इन दस सालों में सूर्य में हुए बदलाव को नासा ने बताया है | नासा ने बताया की सोलर आब्जेवट्री ने सूर्य पर 10 साल तक नज़र राखी | और 45 करोड़ हाई रिजोलुशन वाली तस्वीर ली और 2 करोड़ गीगाबाइट डाटा भी इक्ठा किया |नासा के अनुसार , सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र एक से गुज़रता है जिसे सौर चक्र कहा जाता है |हर 10 साल बाद सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र बदल जाता है |
#हाई रिजोलुशन#nonstopforovera#fulldecade#डिकेडऑफ़सन#टेम्प्रेचर#दस साल#नासायूट्यूबचैनल#सूरज#सूर्य#सोलरडायनामिकऑब्जर्वेटरी#nasa#NASAmissions#SDO#SolarDynamicsObservatory#SolarObserverTimeLapseofSun#unblinkingeye#watchingtheSun
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Esha Gupta New PHotos: ईशा गुप्ता ने फिर बढ़ाया टेम्प्रेचर, फोटो शेयर कर बोलीं- 'खुशियां'
Esha Gupta New PHotos: ईशा गुप्ता ने फिर बढ़ाया टेम्प्रेचर, फोटो शेयर कर बोलीं- ‘खुशियां’
ईशा गुप्ता(Esha Gupta) एक बार अपनी कामुक अदाओं को लेकर खबरों में हैं. अदाकारा ने एक बार फिर से अपने इंस्टाग्राम पर अपनी कुछ दिलकश तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें वह बीच पर बैठी मुस्कुरा रही हैं. फोटो में वह हमेशा की तरह बला की खूबसूरत लग रही हैं. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए अदाकारा ने कैप्शन में लिखा ,’ खुशियां ‘ Source link
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लू लगने से मृत्यु क्यों होती है ?
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हम सभी धूप में घूमते हैं फिर कुछ लोगों की ही धूप में जाने के कारण अचानक मृत्यु क्यों हो जाती है ?
👉 हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है ।
👉 पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है ।
👉 पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना टालता है । (बंद कर देता है )
👉 जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है ।
👉 शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त में उपस्थित प्रोटीन पकने लगता
है ।
👉 स्नायु कड़क होने लगते हैं इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते
हैं ।
👉 शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है, ब्लडप्रेशर low हो जाता है, महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है ।
👉 व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक-एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं, और उसकी मृत्यु हो जाती है ।
👉गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोड़ा-2 पानी पीते रहना चाहिए और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए ।
Equinox phenomenon: इक्विनॉक्स प्रभाव आने वाले दिनों में भारत को प्रभावित करेगा ।
कृपया 12 से 3 बजे के बीच ��र, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें ।
तापमान 40 डिग्री के आस पास विचलन की अवस्था मे रहेगा ।
यह परिवर्तन शरीर मे निर्जलीकरण और सूर्यातप की स्थिति उत्पन्न कर देगा ।
(ये प्रभाव भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर सूर्य चमकने के कारण पैदा होता है) ।
कृपया स्वयं को और अपने जानने वालों को पानी की कमी से ग्रसित न होने दें ।
किसी भी अवस्था में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पियें । किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 लीटर पानी जरूर लें ।
जहां तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखें । किसी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है ।
ठंडे पानी से नहाएं । इन दिनों मांस का प्रयोग छोड़ दें या कम से कम
करें ।
फल और सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें ।
हीट वेव कोई मजाक नही है ।
एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें, यदि मोमबत्ती पिघल जाती है तो ये गंभीर स्थिति है ।
शयन कक्ष और अन्य कमरों मे 2 आधे पानी से भरे ऊपर से खुले पात्रों को रख कर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है ।
अपने होठों और आँखों को नम रखने का प्रयत्न करें ।
इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित कर अपना और अपने जानकार लोगों का भला
करें ।
*आप सभी को परिवार सहित रविवार का दिन शुभ हो।💐*
*राधे राधे जय श्री राधे* 🙏💐🙏
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वीकेंड से पहले Malaika Arora की तस्वीर ने बढ़ाया टेम्प्रेचर, वायरल बिकिनी फोटो
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नितु - राणी भाग 2
नितु – राणी भाग 2
आज राणी ला काही केल्या झोप येत नव्हती. तिचे सारे लक्ष नितु कडेच जात होते. नितुला खूप ताप भरला होता. टेम्प्रेचर एकशे चार च्या वर दाखवत होते. श्वास जोरा जोरात चालत होते. इतक्या तापामुळे तो कण्हत होता. राणी थंड पाण्याच्या पट्ट्या करून नीतीनच्या डोक्यावर ठेवत होती. सारखे त्याचे टेम्प्रेचर मोजत होती.डॉक्टरांनी काही टेस्ट सांगितल्या होत्या . सगळ्या टेस्ट आटोपल्या होत्या पण रिपोर्ट उद्याला…
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नहीं मिल रहा है असली मावा तो इस तरह तैयार करें ‘Bread Ki Barfi’
त्यौहार कोई सा भी हो मार्किट में मिलावटी खोया मिलना पहले से ही शुरू हो जाता है। अगर आपको भी असली मावा नहीं मिल रहा है तो इस बार Raksha Bandhan पर Bread Ki Barfi बनाकर देखिए। ये Barfi स्वाद में बेहद कमाल और झटपट बनने वाली रेसिपी है।
सामग्री
Bread – 5 पीस
दूध- 2 कप
नारियल पाउडर– 2 चम्मच
घी- 1 बड़ी चम्मच
इलायची पाउडर- 2 से 3 चुटकी
चीनी- स्वादानुसार
काजू- 10 से 20 (बारीक कटे हुए)
पिस्ता बादाम- 10 (बारीक कटे हुए)
इस तरह बनाएं Bread Ki Barfi
Bread Ki Barfi बनाने के लिए सबसे गैस ऑन करके कढ़ाही चढ़ाए, अब इसमें दूध डालकर गर्म करें।
दूध को तब तक गर्म करना है, जब तक कि यह गाढ़ा ना हो जाए।
दूसरी तरफ Bread को मिक्सर में डालकर पाउडर बना लें।
इस दौरान जब दूध गाढ़ा हो जाए तो उसमें Bread पाउडर को मिक्स कर दें, और दोनों को अच्छी तरह चलाएं। इसके साथ ही इसमें इलायची पाउडर भी मिक्स करें। तीनों चीजों को अच्छी तरह चलाते हुए मिश्रण को थोड़ी देर तक कुक करें। इससे दूध Bread में पूरी तरह से अब्सॉर्ब हो जाएगा।
Bread में दूध के अब्सॉर्ब होने के बाद यह पूरी तरह ड्राई नजर आने लगेगा।
अब इसमें चीनी मिक्स कर दें।
चीनी के मिक्स करते ही Bread का मिश्रण हल्का गीला हो जाएगा और यह हलवे की तरह नजर आने लगेगा।
चीनी के बाद आप इसमें नारियल पाउडर और घी मिक्स कर दें।
इसके बाद गैस का फ्लेम कम कर दें और करीब 6 से 7 मिनट तक इसे अच्छी तरह चलाते हुए पकाएं।
घी और चीनी मिक्स होने के बाद बर्फी ड्राई और सॉफ्ट नजर आने लगेगी। इसके बाद गैस को ऑफ कर दें और गर्म कढ़ाही में इसे दो से तीन बार चलाएं।
अब एक प्लेट लें और उसमें थोड़ा घी लगाएं। घी को पूरी प्लेट में फैला दें, अब इसमें Barfi का मिश्रण डालें।
Barfi को प्लेट में चारों तरफ अच्छी तरह फैला दें और इसके ऊपर काजू, पिस्ता, और बादाम डाल दें।
इसके बाद इसे रूम टेम्प्रेचर पर आधे घंटे के लिए छोड़ दें।
आधे घंटे बाद इसे Barfi के शेप में काट दें।
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सूर्य कितना बदल गया है ?
नासा ने अपने यूट्यूब चैनल पे एक वीडियो अपलोड किया है और जिसका टाइटल है -' ए डिकेड ऑफ़ सन ' | सबसे पहले आप को बताता हूँ की आखिर ये ही टाइटल क्यों दिया गया |बात ये है की नासा 2 जून 2010 से 1 जून २०२० तक सूर्य पर अध्ध्यन किया गया है | इन दस सालों में सूर्य में हुए बदलाव को नासा ने बताया है | नासा ने बताया की सोलर आब्जेवट्री ने सूर्य पर 10 साल तक नज़र राखी | और 45 करोड़ हाई रिजोलुशन वाली तस्वीर ली और 2 करोड़ गीगाबाइट डाटा भी इक्ठा किया |नासा के अनुसार , सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र एक से गुज़रता है जिसे सौर चक्र कहा जाता है |हर 10 साल बाद सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र बदल जाता है | ये तस्वीर सूर्य की सबसे बाहरी वायुमंडलीय परत को दर्शाता है | ये वीडियो अपलोड होते ही वायरल हो गया था |अब तक यूट्यूब पे 6 लाख से ज्यादा लोगों ने देख लिया था | सूरज या सूर्य हमारे लिए रहस्य ही बना रहा क्योकि यहाँ का टेम्प्रेचर बहुत ही हाई है | लेकिन फिर पुरे विश्व के वैज्ञानिक सूर्य के बारे में जानने में लगे हुए है | उसका ही एक तरह से उदहारण है | इस पुरे वीडियो में उन दस सालों के हर एक सेकंड में जो सूर्य में बदलाव हुए सबको कैप्चर किया गया है | नासा का सोलर डायनामिक ऑब्जर्वेटरी आपने आँख की पलके भी एक सेकंड के लिए नहीं झपकाई -ये जो भी इमेज है वो सोलर डायनामिक ऑब्जर्वेटरी सूर्य की चित्र 0 .७५ सेकंड में ले लिया करता है | और ये पुरे 10 साल करने के बाद नासा ने इसे जारी किया है |नासा वैसे कई प्रोजेक्ट पे काम कर रही है |ये जब भी कुछ करता है पूरी दुनिया की नज़र आके इसपे टिक जाती है |
पूरा जानने के लिए -https://bit.ly/31oDkRx
#सोलरडायनामिकऑब्जर्वेटरी#हाई रिजोलुशन#सूर्य#नासायूट्यूबचैनल#सूरज#दस साल#टेम्प्रेचर#डिकेडऑफ़सन#ulldecade#nasa#NASAmissions#SDO#SolarDynamicsObservatory#SolarObserverTimeLapseofSun#unblinkingeye#watchingtheSun#fulldecade
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