जेएनयू छात्र भिड़े, नकाबपोश युवक कैंपस के अंदर लाठियां ले जाते दिखे | घड़ी
जेएनयू छात्र भिड़े, नकाबपोश युवक कैंपस के अंदर लाठियां ले जाते दिखे | घड़ी
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर के अंदर बच्चों का एक समूह लाठी-डंडे लिए देखा गया। निजी मुद्दे को लेकर दो छात्र गुटों में विश्वविद्यालय में मारपीट हो गई। छात्र समूहों में झड़प हुई है और हिंसा के परिणामस्वरूप दो युवाओं को शारीरिक चोटें आई हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि दो छात्र-छात्राओं के बीच निजी मुद्दे को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद उनके दोस्त भी इसमें शामिल हो…
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Uttarakhand:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान-जोशीमठ में विरोध करने दिल्ली, मुंबई, जेएनयू से पहुंचे हैं वामपंथी - Mahendra Bhatt Said People From Leftist Organizations Came From Delhi, Mumbai And Jnu To Protest In Joshimath
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट
– फोटो : ट्वीटर
विस्तार
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जोशीमठ में विरोध करने के लिए वामपंथी संगठनों के लोग दिल्ली, मुंबई और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से जोशीमठ आए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों को बरगलाकर राहत एवं पुनर्वास कार्यों को प्रभावित करने का आरोप भी लगाया। कहा कि चीन संघर्ष के दौरान वामपंथी लोगों के राष्ट्रविरोधी कारनामे आज भी…
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उबाल पर जेएनयू: स्कॉलरशिप रोके जाने को लेकर एबीवीपी के छात्र प्रशासन से भिड़े
उबाल पर जेएनयू: स्कॉलरशिप रोके जाने को लेकर एबीवीपी के छात्र प्रशासन से भिड़े
22 अगस्त 2022 को 11:00 PM IST पर प्रकाशित
सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों और स्टाफ सदस्यों के बीच छात्रवृत्ति राशि जारी करने को लेकर झड़प हो गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ मारपीट की। छात्रों ने आरोप लगाया कि उनका वजीफा पिछले दो वर्षों से निलंबित है और उन्होंने जेएनयू…
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समस्तीपुर : मिथिला के विकास के एजेंडा के साथ पटना-दिल्ली सरकारों का सौतेला व्यवहार-धीरेन्द्र झा।
संजय भारती , समस्तीपुर
समस्तीपुर : जेएनयू में फूड फासिज्म को लेकर एबीवीपी का हमला चिंताजनक है । देश के छात्र , नौजवान , बुद्धिजीवी इसके खिलाफ संघर्ष तेज करें । पटना-दिल्ली की सरकार में मिथिलांचल की उल्लेखनीय भागीदारी के बाबजूद मिथिला के विकास में पटना – दिल्ली की सरकार का सौतेला व्यवहार है । सरकार द्वारा न ही बाढ़ और सुखाड़ की समस्या का समाधान की कोशिश की गई और न ही कोई उद्योग-धंधो , कल-कारखाने…
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दिल्ली ब्यूरो /JNU में नॉनवेज विवाद - जेएनयू कैंपस में रात से शुरू हुआ विवाद पर हंगामा अभी तक जारी
दिल्ली ब्यूरो /JNU में नॉनवेज विवाद – जेएनयू कैंपस में रात से शुरू हुआ विवाद पर हंगामा अभी तक जारी
सौरभ निगम दिल्ली ब्यूरो से /JNU में नॉनवेज विवाद – जेएनयू कैंपस में रात से शुरू हुआ विवाद पर हंगामा अभी तक जारी. छात्रों में संघर्ष के संकट को देखते हुए कैंपस में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है. जेएनयू के दोनों छात्र संघ अपने-अपने मांगों पर अड़े हुए हैं. जेएनयू प्रशासन का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. JNU में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जेएनयू के पदाधिकारी ने बताया कि…
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जामिया विवाद: धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी, कहा- सरकार ने संविधान और छात्रों पर हमला किया
चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। रविवार रात को ही दिल्ली के जामिया इलाके में जमकर हिंसा और विरोध प्रदर्शन हुआ। साथ ही जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में भी इस कानून के खिलाफ मचे घमासान के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। जामिया में हुई हिंसा और छात्रों से मारपीट के विरोध में अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गईं हैं। प्रियंका अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ शाम छह बजे तक दो घंटे के लिए सांकेतिक धरने पर बैठेंगी।
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हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे
धरने में प्रियंका के साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी, पीएल पुनिया, अहमद पटेल और अन्य नेता भी शामिल हैं। धरने पर बैठने से पहले प्रियंका ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि, 'सरकार ने संविधान और छात्रों पर हमला किया है। उन्होंने (पुलिस) विश्वविद्यालय में प्रवेश कर छात्रों पर हमला किया। हम संविधान के लिए लड़ेंगे, हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे। देश गुंडों की जागीर नहीं है।'
Delhi: Priyanka Gandhi Vadra, KC Venugopal, AK Antony, PL Punia, Ahmed Patel, & other Congress leaders sit on a symbolic protest near India Gate over police action during students' protests in Jamia Millia Islamia (Delhi) & Aligarh Muslim University. pic.twitter.com/0E1ske0pGf
— ANI (@ANI) December 16, 2019
सरकार ने देश के युवाओं के अधिकारों पर हमला किया
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, 'यह एक ऐसी सरकार है जिसने देश के युवाओं और छात्रों के अधिकारों पर हमला किया है। इसीलिए, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने इंडिया गेट पर शाम 4 बजे से अगले 2 घंटों के लिए एक सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।'
राहुल गांधी ने भी किया ट्वीट
इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा था कि, 'सीएबी और एनआरसी भारत में बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण करने के लिए फासीवादियों के हथियार हैं। इन गंदे हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण, अहिंसक सत्याग्रह है। मैं कैब और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़ा हूं।'
क्या है पूरा मामला
रविवार रात दक्षिण दिल्ली में भीड़ ने पुलिसकर्मियों, आम नागरिकों व मीडिया को निशाना बनाया था। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया इलाके में जमकर हिंसा और विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूंक दी। प्रदर्शन उग्र होता देख उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस दौरान हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों की बड़ी टुकड़ी से संघर्ष किया और मीडिया पर भी पथराव किया। पथराव में दो दमकल अधिकारी घायल हो गए।
छात्रों को छोड़ना पड़ रहा है कैंपस
इसके अलावा पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाला। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प में कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना में साउथ ईस्ट डीसीपी चिन्मय बिस्वाल, एडिशनल डीसीपी साउथ, 2 एसीबी, 5 एसएचओ और इंसपेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की। रात करीब 9 बजे से ही पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जेएनयू और जामिया के छात्र प्रदर्शन करने जमा हो गए। उन्होंने सुबह करीब 4 बजे तक पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। देर रात पुलिस ने 50 छात्रों को रिहा किया जिसके बाद सुबह 4 बजे ये धरना खत्म हुआ। प्रदर्शन की वजह से हालात अब ऐसे बन गए हैं कि कई छात्रों को कैंपस ही छोड़ना पड़ रहा है।
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जेएनयू के छात्रों का फ़ीस वृद्धि को लेकर संसद तक मार्च, पुलिस और छात्रों के बीच संघर्ष
दिल्ली – दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने फ़ीस में वृद्धि, छात्रावास शुल्क में वृद्धि और उच्च शिक्षा को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दों को लेकर संसद तक मार्च निकाला जिसे पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया।
पुलिस ने संसद के आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी थी। जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ ने अपने बयान में कहा था कि ऐसे समय में जब देश में शुल्क वृद्धि बहुत अधिक पैमाने…
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जिनके लिए जेएनयू अंधो का हाथी है-पढिए इंद्रेश मैखुरी की कलम से। जे.एन.यू. फिर चर्चा में है और निशाने पर भी.चर्चा है फीस विरोधी संघर्ष के लिए और सत्ता के निशाने पर तो निरंतर है ही.लेकिन लगता है कि तर्कों और पुलिस बल से भी जे.एन.
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उत्तराखंड:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान, जोशीमठ में विरोध करने Jnu से आए वामपंथी संगठनों के लोग - Uttarakhand Bjp State President Mahendra Bhatt Told Leftist Organization Came From Jnu To Protest In Joshimath
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट
– फोटो : ट्वीटर
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जोशीमठ में विरोध करने के लिए वामपंथी संगठनों के लोग दिल्ली, मुंबई और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से जोशीमठ आए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों को बरगलाकर राहत एवं पुनर्वास कार्यों को प्रभावित करने का आरोप भी लगाया। कहा कि चीन संघर्ष के दौरान वामपंथी लोगों के राष्ट्रविरोधी…
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बिहार की बेगूसराय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे कन्हैया कुमार लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय सीट से दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. यहां बीजेपी के फायरब्रैंड नेता गिरिराज सिंह के मुकाबले जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मैदान में उतरेंगे. कन्हैया कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के टिकट से बेगूसराय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. हालांकि महागठबंधन ने बेगूसराय से अपने उम्मीदवार भी मैदान में उतार दिए हैं. ऐसे में इस बार बेगूसराय में त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा.
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JNU की प्रोफेसर ने कहा- हमलावरों को भेजा गया था, वे डंडे लेकर घूम रहे थे और लोगों को बेदर्दी से पीट रहे थे
JNU की प्रोफेसर ने कहा- हमलावरों को भेजा गया था, वे डंडे लेकर घूम रहे थे और लोगों को बेदर्दी से पीट रहे थे
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खास बातें
जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा कि वह जेएनयू में हिंसा के तांडव की निंदा करता है
जेएनयू प्रशासन की मिलीभगत से हुई हिंसा, पुलिस मूक दर्शक बनी हुई थी
एक प्रोफेसर ने कहा, वे राजनीतिक कार्यकर्ता थे जिन्हें भड़काया गया था
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर में हिंसा होने के कुछ घंटों बाद, शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि प्र…
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कोरोना की मार: मनरेगा में रोजगार हुआ कम, सरकार ने भी घटाया बजट
नई दिल्ली । कोरोना की दूसरी लहर की मार ग्रामीण क्षेत्रों के रोजगार पर भी पड़ी है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत एक साल के भीतर रोजगार में 48 प्रतिशत की गिरावट आई है। मई, 2020 में जहां योजना के तहत 50.83 करोड़ लोगों को काम मिला था, वहीं मई, 2021 में यह संख्या घटकर 26.38 करोड़ रह गई है।
जेएनयू के प्रोफेसर हिमांशु का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की दूसरी लहर से मनरेगा के तहत काम की मांग में करीब 26% गिरावट आई और रोजगार की संख्या भी घटी। इसके अलावा पिछले साल शहरों से बड़ी संख्या में पलायन करने वाले मजदूरों ने फिर शहरों का रुख कर लिया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में इस साल काम और रोजगार की मांग भी घट गई।
रोजगार पर असर: पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में चुनावों के कारण परियोजनाओं पर रोक लगने से रोजगार की संख्या पर असर पड़ा। मनरेगा संघर्ष मोर्चा की कार्यकर्ता देवमाल्या नंदी के अनुसार, फंड और इच्छाशक्ति के अभाव से स्थिति बिगड़ रही है।
योजना को मिले सिर्फ 73 हजार करोड़ -
केंद्र ने 2021-22 के लिए मनरेगा योजना को 73 हजार करोड़ रुपए दिए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष में आवंटित राशि से 34.52 % कम है। सरकार ने 2020-21 में पहले 61,500 करोड़ दिए, लेकिन महामारी के बाद इस राशि को बढ़ाकर 1,०1,500 करोड़ रुपए कर दिया था। शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में लौटे मजदूरों को काम दिलाने के लिए योजना में 40 हजार करोड़ की अतिरिक्त राशि डाली गई।
इस बार गंभीर नहीं सरकार-
महामारी का जोखिम पिछले साल भी था और इस साल भी है। हालांकि सरकार इस बार 2020 जितन��� गंभीर नहीं दिख रही। विपक्ष भी मजबूत आवाज नहीं उठा रहा।
- प्रणब सेन, सांख्यिकीविद
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/employment-decreased-in-mgnrega-6890217/
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मोदी, शाह ने बनाया हिंदू-मुस्लिम संघर्ष: कन्हैया | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
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AURANGABAD: प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जेएनयू के पूर्व छात्र नेता, देश में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच संघर्ष पैदा करना कन्हैया कुमार ने कहा है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) आग में ईंधन जोड़ रहा था।
वह मंगलवार को महाराष्ट्र के परभनी जिले के पथरी में सीएए और ए के खिलाफ एक रैली में बोल रहे थे नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर(एनआरसी)। इसका…
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Bollywood News In Hindi : deepika padukone and meghna gulzar's film Chhapaak Movie review on dainikbhaskar.com and app | बायकॉट के नारों के बीच तेजाबी फिजाओं में एक उम्मीद जगाती है दीपिका की 'छपाक'
Bollywood News In Hindi : deepika padukone and meghna gulzar’s film Chhapaak Movie review on dainikbhaskar.com and app | बायकॉट के नारों के बीच तेजाबी फिजाओं में एक उम्मीद जगाती है दीपिका की ‘छपाक’
छपाक को समीक्षक 3.5 पाइंट रेटिंग दे रहे हैं, इसका मुकाबला अजय देवगन की ‘तान्हाजी’ से है
जेएनयू विवाद और बॉयकाट कैंपेन के बीच अनुमान है कि फिल्म 100 करोड़ का बिजनेस कर लेगी
Dainik Bhaskar
Jan 09, 2020, 01:45 PM IST
अमित कर्ण, बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. तीसरी दुनिया के देशों में बंदिशों और आजादी के बीच के निरंतर संघर्ष में सबसे मुश्किल है एक औरत का बेखौफ होकर अपनी मर्जी से जीना। सामाजिक, राजनीतिक,…
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जेएनयू में वैचारिक मतभेद विचारधारा तक ही सीमित हो, हिंसक टकराव कदापि नहीं होना चाहिए
जेएनयू में वैचारिक मतभेद विचारधारा तक ही सीमित हो, हिंसक टकराव कदापि नहीं होना चाहिए
सबको समझाया जाए कि विचारधारा के संघर्ष का मतलब यह नहीं कि हम एक-दूसरे के दुश्मन हो जाएं। संवाद की यह प्रक्रिया सतत चले।
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Courtesy : Jagran – Apni Baat
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जेएनयू मार्च को मिला लखनऊ यूनिवर्सिटी का साथ, कई मेट्रो स्टेशन बंद
जेएनयू मार्च को मिला लखनऊ यूनिवर्सिटी का साथ, कई मेट्रो स्टेशन बंद
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) स्टूडेंट्स का संसद मार्च शुरू हो गया है. करीब दो से तीन हजार स्टूडेंट मार्च निकाल रहे हैं. जेएनयू गेट पर लगाए गए तीन बैरिकेड को छात्रों ने तोड़ दिया. इसके बाद करीब दो घंटे के संघर्ष के बाद छात्रों ने बेर सराय के बैरिकेड को भी तोड़ दिया. इसके बाद छात्रों का मार्च भीकाजी कामा प्लेस फ्लाईओवर तक पहुंच गया है. छात्र संसद की ओर बढ़ रहे हैं.
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