#जूनियर कमांडर
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एक हीरो के रूप में 29 साल: कलेक्शन के बादशाह विजय
एक हीरो के रूप में 29 साल: कलेक्शन के बादशाह विजय
एसए चंद्रशेखर द्वारा निर्देशित और विजयकांत अभिनीत फिल्मों ‘वेत्री’, ‘कुडुंबम’, ‘वसंतरागम’ और ‘सट्टम ओरु विलायत’ में विजय बच्चे ने अभिनय किया। उनकी पहली फिल्म ‘जजमेंट डे’ 4 दिसंबर 1992 को रिलीज हुई थी। इसलिए विजय आज ही कास्ट में आएं 29 साल पूरे हो गए हैं। रजनी के बाद अगर आप किसी ऐसे अभिनेता का हाथ दिखाएंगे जो तमिल सिनेमा में कलेक्शंस का बादशाह बनेगा तो सभी के हाथ विजय की ओर इशारा करेंगे। इतनी…
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#29 साल#कमांडर#जूनियर कमांडर#थलपति विजय#पुरुष#मुलाक़ात#वासु राजा#विजय#विजय के 29 साल#संग्रह के राजा#संग्रह सम्राट
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काबुल बम धमाकों में 12 अमेरिकी सैन्यकर्मियों समेत 60 से ज्यादा की मौत
काबुल बम धमाकों में 12 अमेरिकी सैन्यकर्मियों समेत 60 से ज्यादा की मौत
काबुल हवाई अड्डे पर गुरुवार को विस्फोट की घटना में 12 अमेरिकी सैन्य कर्मियों सहित 60 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 150 घायल लोग हो गए। यूएस सेंट्रल कमांड कमांडर जनरल केनेथ एफ मैकेंजी जूनियर ने पुष्टि की है कि दो आत्मघाती बम विस्फोटों में 12 अमेरिकी सेवा सदस्य मारे गए हैं और 15 घायल हुए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में बोलते हुए अफगानिस्तान से पलायन…
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काबुल बम धमाकों में 12 अमेरिकी सैन्यकर्मियों समेत 60 से ज्यादा की मौत
काबुल बम धमाकों में 12 अमेरिकी सैन्यकर्मियों समेत 60 से ज्यादा की मौत
काबुल: काबुल हवाई अड्डे पर गुरुवार को विस्फोट की घटना में 12 अमेरिकी सैन्य कर्मियों सहित 60 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 150 घायल लोग हो गए। यूएस सेंट्रल कमांड कमांडर जनरल केनेथ एफ मैकेंजी जूनियर ने पुष्टि की है कि दो आत्मघाती बम विस्फोटों में 12 अमेरिकी सेवा सदस्य मारे गए हैं और 15 घायल हुए हैं। (more…)
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Indian Army Recruitment 2021:भारतीय सेना में 12 पास युवाओँ के लिए जल्द निकलेंगी 14 हजार भर्ती
नई दिल्ली। Sarkari Naukri, Indian Army Recruitment 2021: भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा कर��े की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए सुनहरा ��वसर मिलने वाला है क्योंकि भारतीय सेना में सभी आर्म्ड सर्विस में 1400 जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर पद की भर्ती को लेकर चर्चा चल रही है। इस पद के उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के आधार पर सीधे जूनियर कमीशन अधिकारी के पदों पर नियुक्त किया जाएगा। परीक्षा यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाएगी। इसके बाद उम्मीदवार को मेडिकल टेस्ट के बाद एसएसबी इंटरव्यू के प्रोसेस से गुजरना होगा।
प्रस्ताव में कहा गया है कि जिस उम्मीदवार का चयन जूनियर कमीशन अधिकारी के लिये किया जाता है तो उसे इस पद में शामिल होने से पहले डेढ़ साल के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। फिर, उन्हें सेवा अनुभव और योग्यता के आधार पर उस पद का दावेदार माना जाएगा। जिसके तहत कर्नल तक के अधिकारियों के रूप में तैनाती की जाएगी। जानकारी के अनुसार, इस प्रस्ताव को सेना कमांडर सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा जो मई में आयोजित होने की संभावना है। जूनियर कमीशन का पद एक ऐसे ऑफिसर्स का पद होता हैं, जिन्हें प्रदर्शन और परीक्षा के आधार पर अधिकारी पदों पर पदोन्नत किया जाता है।
शैक्षिक योग्यता
जूनियर कमीशन ऑफिसर कैटरिंग (सेना सेवा कोर): इस पद की नियुक्ति के लिए उम्मीदवार को 10 + 2 या समकक्ष परीक्षा और किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट से कुकरी / होटल मैनेजमेंट और कैटरिंग टेक में एक वर्ष या उससे अधिक की अवधि का डिप्लोमा / सर्टिफिकेट कोर्स होना जरूरी है।
जूनियर कमीशन अधिकारी धार्मिक शिक्षक: जूनियर कमीशन अधिकारी (धार्मिक शिक्षक) की सूची में नियुक्ति के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक होनी चाहिए इसके अतिरिक्त, उम्मीदवार को धार्मिक संप्रदाय के अनुसार इस तरह की योग्यता होनी चाहिए।
जैसे यदि गोरखा रेजिमेंट के लिए पंडित के चयन के लिए उम्मीदवार को वहां की भाषा के साथ संस्कृत का ज्ञान होना जरूरी है साथ ही आचार्य या शास्त्री के लिए A करम कांड ’में एक साल के डिप्लोमा होना अनिवार्य है।
पंजाबी में ‘ग्यानी’ के साथ सिख उम्मीदवार
लद्दाख स्काउट्स के लिए मौलवी (शिया):
अरबी में मौलवी अलीम के साथ मुस्लिम उम्मीदवार या उर्दू में अदीब आलिम
बोध भिक्षु (महायान): कोई भी व्यक्ति जिसे उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा भिक्षु/बौद्ध प��जारी ठहराया गया है। या इसके अलावा मुख्य पुजारी को खंपा या लोपोन या रबजम के गेशे (पीएचडी) या मठ से उचित प्रमाण पत्र साथ होना चाहिए।
चयन प्रक्रिया : लिखित परीक्षा, साक्षात्कार में बेहतर प्रदर्शन, फिजिकल फिटेनस और डॉक्यूमेंट्स की स्क्रीनिंग के आधार पर अभ्यर्थी को चुना जाएगा।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/14-thousand-vacancy-to-be-soon-declared-for-12th-pass-in-indian-army-6784472/
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#बलराज_सिंह_सिद्धू_का_उपन्यास
👸राजकुमारी डायना👸 : 💘 दिलों की रानी की प्रेम कहानी💘
-अनुवादक: सुभाष नीरव
#अध्याय 1: रियासत का रक्षक, राजकुमारी और राजकुमार
बहुत ही बेबाक किस्म का इन्सान हूँ मैं। मैं? हाँ मैं। अर्थात ब्रितानवी फौज का भूतपूर्व स्क्वाड्रन लीडर मेज़र जेम्ज़ मिल्फोर्ड ह्युवट वल्द जाॅह्न ह्युवट। मैं आयरिश मूल से हूँ। मुझे गर्व है कि समूचे विश्व में मेरी कौम को बहादुर, मेहनती और वफ़ादार माना जाता है।
44 ईसा पूर्व में जब रोमन मारकाट करते हुए दूसरे देशों पर कब्ज़ा किए जा रहे थे तो उनके जरनैल जुलियश सीज़र की फौज़ों का, हमारे बहादुर सिपाहियों से डरते हुए आयरलैंड की ओर झांकने का साहस नहीं हुआ था। 795 ईसवी में नौवरवे के लुटेरों ने डब्लिन के रास्ते आयरलैंड पर पहला हल्ला बोला था। हमारे बहादुरों ने उनका डटकर मुकाबला किया था और उन्हें अपनी धरती पर काबिज़ होने से रोका था। बेशक वे काफ़ी समय तक लूटमार करते रहे थे। उसके उपरांत 852 ई. में गल-गेल्ज़ अर्थात बाहरी हमलावर आकर हमारी धरती पर व्यापार के बहाने टिकते चले गए और नौरमैंडियों ने अनेक किलों का आयरलैंड में निर्माण किया। उसके बाद कैलटिक, फ्लैमिग्ज़ और वैलिस भी आए। 902 ई. में हमारे आयरिश राजा मुइरीकन ने सभी हमलावरों को आयरलैंड से बाहर भगा दिया था। 1014 क्लोनटर्फ़ के युद्ध में बाहरी हमलावरों को हमारे योद्धाओं ने लोहे के चने चबवाकर कुबड़ा बनाकर रख दिया था। 1 मई 1169 को नौरमनी फौजों ने हमले करके आयरलैंड पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया था। पर वे कई सालों की जद्दोजहद के बाद भी पूरा आयरलैंड जीतने में असफल रहे थे। सोलहवीं सदी में इंग्लैंड के बादशाह हैनरी आठवें ने आयरलैंड के कुछ हिस्सों पर धोखे से कब्ज़ा कर लिया था और उसके उपरांत हमारा देश इंग्लिशों का गुलाम होता चला गया था। उन्नींसवीं सदी में तैयार हुए हमारे राष्ट्रीय ध्वज में केसरी, सफ़ेद और हरी पट्टी है। भारत के झंडे में से अशोक चक्र निकालकर उसको टेढ़ा कर दें तो हमारे आयरलैंड का झंड��� बन जाता है। हरा रंग रोमन कैथोलिकों का है और केसरी प्रोटैस्टैंट मत के ईसाइयों का। मध्य में सफ़ेद रंग दोनों के बीच शांति का प्रतीक है।
मेरा जन्म 30 अपै्रल 1958 को लंडनडेयरी में हुआ था। लंडनडेयरीए उत्तरी आयरलैंड का दूसरा बड़ा शहर है। पहले इसको सिर्फ़ डेयरी ही कहते थे। 1612 में इसका नाम बदलकर लंडनडेयरी रख दिया गया थाए पर आम बोलचाल की भाषा में हम आज भी इसको ष्डेयरीष् ही पुकारते हैं।
लंडनडेयरी में अपनी जुड़वा बहन कैरोलाइन से पौने दो घंटे बाद मेरी पैदा हुई थी। हमारी एक बड़ी बहन सिहरा भी है, जो हमसे 19 महीने पहले डैवन (इंग्लैंड) में जन्मी थी।
मेरा पिता जाॅह्न ह्युवट, रोयल मरीन्ज़ (शाही समुद्री बेड़े) के साथ कप्तान के तौर पर उत्तरी आयरलैंड में नौकरी करता था। मुझे मेरे भाईचारे की ओर से प्रायः बताया जाता था कि मेरा पिता इज्ज़तदार और सबका प्रिय अफ़सर था। फौज की नौकरी मेरे पिता को विरासत में मिली थी। मेरा दादा रोयल नेवी में एडमिरल (जल सेना का प्रधान सेनापति) हुआ करता था जो मेरे जन्म से पूर्व ही ईश्वर को प्यारा हो चुका था। मेरा पिता तब केवल सात साल का था जब मेरी दादी की कैंसर से मौत हो गई थी।
मेरा पिता अपने समय का एक श्रेष्ठ धावक था और वह 1952 में हैलसिंकी (फिनलैंड) ओलम्पिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुका था। इसमें घुड़दौड़ और बाधा दौड़, पिस्तौल के साथ निशानेबाजी, 300 मीटर फ्री स्टाइल तैराकी रेस, 4000 मीटर क्राॅस कंट्री दौड़ शामिल हुआ करती थी। वह गोल्ड मैडल तो नहीं जीत सका था, पर उसने मेरी खातिर कुछ लक्ष्य पूरे करने के लिए अवश्य छोड़ दिए थे। जिनकी पूर्ति को मैं अपना धर्म और कर्तव्य समझता था। दुनिया के सभी माँ-बाप ही अपनी अधूरी इच्छाओं को अपने बच्चों के माध्यम से पूरा होते देखना चाहते हैं। मेरे पिता को बाद में कोरिया में भेज दिया गया था। इसलिए बचपन में मैंने अपने पिता को बहुत कम देखा था।
मेरा नाना दंत चिकित्सक था और लंदन में उसकी सर्जरी थी। पर पारिवासिक घर डैवन में था। मेरी माँ शरली पारंपरिक किस्म की घरेलू स्त्री तो नहीं थी, पर वह घुड़सवारी और खेत जोत कर प्रसन्न रहती। मेरे माता पिता का मिलाप भी घोड़ों के माध्यम से ही हुआ था। हम तीन बहन-भाई खच्चरों के साथ खेलते हुए पले बड़े हुए थे। खेतों, खलिहानों के खुले-फैले ��ाहौल में हमने, बंदिशों रहित आज़ाद जीवन जिया था। मेरे दादा का घर कैंट, दक्षिण-पूर्व, इंग्लैंड में था। जब हम अपनी ननिहाल डैवन, दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड जाते तो घंटों तक खच्चरों पर बाहर घूमते रहते। रात में अँधेरा होने पर घर में घुसा करते।
थोड़ा बड़ा होने पर मुझे डैवन के ऐतिहासिक शहर ऐक्सेटर के प्रैप स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया था। उसके पश्चात मुझे नोर्थांबरलैंड, इंग्लैंड के कस्बे मिलफील्ड के पब्लिक स्कूल में भेज दिया गया। जहाँ का हैड मास्टर जैक मेयर वहमी किस्म का व्यक्ति था। मेरे अन्दर विद्या संबंधी योग्यता न होने के कारण भी उस भलेमानुस ने मुझे दाखि़ल कर लिया था। उसको पता था कि यद्यपि मैं पढ़ाई-लिखाई में कमज़ोर था, पर खेलों में बहुत फुर्तीला था। जो कि स्कूल के लिए खेल-मैडल जीतने के काम आ सकता था। मुझे खेलों का शौक था और पढ़ाई मेरे लिए बहुत महत्व नहीं रखती थी। एक गुण, सौ अवगुण छिपा लेता है।
मैंने वहाँ मिलफील्ड में रहते हुए अपने मिलनसार स्वभाव के कारण अनेक दोस्त बनाये थे। जो आज बड़े पदों पर हैं।
मिलफील्ड पब्लिक स्कूल में कोई वर्दी नहीं हुआ करती थी। सब सादे कपड़े पहनते थे। वह लड़कों और लड़कियों का मिलाजुला स्कूल था और वहाँ के वातावरण में रहते हुए मैंने विपरीत लिंग को समझना और उसका आदर करना सीखा था। मेरी खेलों की अभिरुचि यहाँ आकर एक जुनून बन गई थी और मैंने निशानेबाज़ी, क्राॅस कंट्री और तैराकी की कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था। मैं पोलो और शो-जंपिंग टीम का कप्तान भी बना।
मैं फौजी सेक्सन की कंबाइन कैडिट फोर्स में भर्ती हो गया। पर मुझे यह दिलचस्प न लगा और मैंने वह विषय छोड़कर पुरातत्व विज्ञान का विषय ले लिया। पुरातत्व वैज्ञानिकों द्वारा खुदाइयों पर किए ज��ने वाले कार्य मे मेरा बहुत मन लगता था। हम दिनभर समरसैट (दक्षिण-पश्चिम, इंग्लैंड) के इलाके के पुराने गिरजाघरों की खुदाई करते रहते।
यहाँ बिगड़े हुए साथियों के साथ मुझे सिगार पीने की लत लग गई। पर मैंने अपने घरवालों को सिगार पीने की अपनी आदत के बारे में स्वयं ही बता दिया था। मुझे झूठ बोलना या चोरी करना अच्छा नहीं लगता था। प्रारंभ से ही मैं दिल का साफ़ और रिश्तों के प्रति वफ़ादार रहा था। जब मैं वहाँ से सत्रह वर्ष की आयु में निकला तो शैक्षिक योग्यता के तौर पर मेरे पास सात ओ लेवल तो थे, पर कोई ए लेवल न होने के कारण यूनिवर्सिटी में जाने की कोई संभावना नहीं थी। यह मेरे लिए बहुत निराशाजनक था क्योंकि म��ंने अपने दिल में सर्जन बनने का लक्ष्य सुनिश्चित कर रखा था।
ऊब कर मैंने घुड़सवार सहायक शिक्षक की परीक्षा दी ताकि अपनी माँ के घुड़सवारी स्कूल में मदद कर सकूँ। पर मैं जानता था कि मैं इस व्यवसाय से भी अधिक योग्यता रखता था। मैं अपनी प्रतिभा को यूँ ही नहीं गंवाना चाहता था। मैं ऐक्सेटर के आर्मी करियर आफिस मे गया और वहाँ उपलब्ध जानकारी तथा वहाँ लोगों के साथ बातें करने से मेरा झुकाव अचानक फौज की ओर हो गया। वतन की सरहदों की रक्षा करने का जज़्बा मेरे रक्त मे पहले ही मौजूद था। मेरी कदकाठी और डीलडौल देखकर फौज वालों ने बताया कि मैं शाॅर्ट सर्विस कमिशन के लिए योग्य हूँ। मैंने आवश्यक कागज जमा करके फाॅर्म भर दिए।
घर पहुँचकर अपने पिता को जब मैंने इस बारे में बताया तो सुनकर वह बहुत खुश हुए। मेरे पिता ने जनरल मौंकी ब्लैकर को सम्पर्क किया, जिसके साथ मेरे पिता पैनटाथलोन रेस में मुकाबला किया करता था। कुछ दिनों के पश्चात जनरल मौंकी ब्लैकर ने मुझे इंग्लैंड के प्रमुख फौजी छावनी वाले शहर एल्डरसौट में स्थित क्यूज़न हैड होटल में लंच के लिए बुला लिया था। मेरे बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के उपरांत उसने अपनी पुरानी पलटन को मेरी सिफ़ारिश कर दी।
पाँचवी राॅयल एन्ज़स्किलन ड्रैगन गार्डज़ पलटन ने मुझे इस शर्त पर स्थान देने की पेशकश की कि यदि मैं सैंडहर्टज़ राॅयल मिलिटरी अकादमी की परीक्षा पास कर लूँ तो वह मुझे सीधे सीधे रख लेंगे। सैंडहर्टज़, इंग्लैंड की बर्कशाइर काउंटी में पड़ने वाला शहर है और यहाँ यू.के. का सबसे बड़ा सैन्य प्रशिक्षण केन्द्र है। मुझे कैट्रिक, याॅर्कशाइर, इंग्लैंड भर्ती शिक्षण के लिए भेज दिया गया, जहाँ मेरे अलावा 30 अन्य अफ़सर थे जिन्हांे ने परीक्षा पास करने के बाद किसी न किसी कैवलरी(घुड़सवार सेना) पलटन में जाना था। हमारी आर.सी.बी. (Regular Commission Board) के लिए वैस्टबरी, विल्टशाइर काउंटी इंग्लैंड में तैयारी करवाई जाने लगी। वैस्टबरी में तीन दिन की लिखित परीक्षा देनी होती है, बहुत सारे साक्षात्कारों और सवालों से गुज़रना पड़ता है। लीडरशिप टैस्ट और मनौविज्ञान टैस्ट, डाॅक्टरी और अन्य भी। यदि आप फौज में जाने के लिए शैदाई और जिद्दी हों तो आपको भर्ती कर लिया जाता है।
मैं फेल नहीं हुआ था, पर पूर्णरूप में आवश्यक स्टैंडर्ड की परीक्षा पास भी नहीं कर सका था। मुझे अपने चरित्र के निर्माण के लिए राॅयल कंपनी, राॅयल मिलिटरी अकेडमी, सैंडहर्ट्ज़ में भेज दिया गया। मुझे बताया गया कि आर.सी.बी. में मेरी क��रगुजारी बहुत बढ़िया थी। परंतु मेरे बारे में निर्णय किया गया कि मैं अपने मातहत फौजियों के साथ नरम व्यवहार अपनाऊँगा। इसलिए मुझे अन्य उच्च और सख़्त प्रशिक्षण की आवश्यकता थी। राॅयलन कंपनी मुझे खड़ूस, अकड़बाज, कठोर और रौबदार बनाने के लिए थी। वहाँ किश्तियों के चप्पू चलवाये जाते, सख़्त वर्जिशें, नक्शें पढ़ने के ढंग तथा अन्य बहुत कुछ सिखाया गया। वहाँ के बाद मैंने स्टैंडर्ड मिलिटरी कोर्स, सैंडहर्ट्ज़ में अपना स्थान प्राप्त कर लिया।
मेरी कंपनी की कमांड मेजर टिम शीवैल के अधीन थी जो बाद में मेजर जनरल और राॅयल मिलिटरी अकेडमी का कमांडर बना था। वह बहुत दूरंदेशी और विद्वान था। हमने उसकी लीडरशिप का भरपूर लाभ लिया। कभी सैंडहटर््ज़ में दो वर्ष का कोर्स हुआ करता था, पर उस समय उसे कम करके सात महीने का कर दिया गया था। जिसका अर्थ था कि परीक्षार्थियों को कोर्स के अलावा और कुछ करने का समय ही नहीं मिलता था। यह सब पास करके मैं जूनियर अंडर आफ़ीसर के शिखर तक पहुँच गया और ग्रेज्युएशन करने के बाद मैं अपनी पलटन का कप्तान बना।
मैं घुड़सवार सुरक्षा दल के मुख्यालय में गया तो मुझे पता चला कि लाइफ़ गार्डज़ फौज में मुझे लंदन में रहने का अवसर मिल सकता था। जब कि मेरे फौजी दल पाँचवी एन्ज़स्किलन को जर्मनी भेजा जाना था। लंदन में रहने से मेरे घोड़ों, पोलो और शिकार के शौक भी पूरे होते रह सकते थे।
मैं हाउसहोल्ड कैवलरी के नुमाइंदे, मेजर एंड्रू पार्कर बोल्ज़ से मिलने सैंडहर्ट्स गया जो उस वक्त ब्लूज़ एंड राॅयल्ज़ में था। मेजर एंड्रू पार्कर बोल्ज़ की काफ़ी पहुँच थी और उसने रेजिमेंट के उच्च अधिकारियों से मेरी मुलाकात का प्रबंध कर दिया।
लाइफ़ गार्ड्ज़ का कर्नल, फ्लीट का एडमिरल, अर्ल लुइश माउंटबैटन आॅफ बर्मा था। माउंटबैटन जर्मनी के एक छोटे से कस्बे बैटनबर्ग के बाशिंदों की ओर से उपनाम के तौर पर प्रयोग किया जाता था। जर्मनी के राजकुमार लुइश द्वारा माउंटबैटन नाम को अपने गोत्र के तौर पर इस्तेमाल करने के उपरांत यह नाम गोत्र बनकर प्रचलित हो गया। माउंटबैटन असल में एक उपाधि थी। इंग्लैंड के शाही निज़ाम द्वारा वफ़ादार अमीरों और वज़ीरों को खास खिताबों से नवाजा जाता रहा है। इन उपाधियों को संबंधित व्यक्ति अपने नाम से पहले प्रयोग करते हैं। ब्रिटेन में सबसे बड़ा पद अम्परर(बादशाह) का है। उसके बाद राजा या रानी। फिर शहजादा और शहजादी। इसके उपरांत क्रमशः (बड़ी से छाटी) उपाधियाँ हैं - आर्क ड्यूक, ड्यूक, माकर््यूस, काउंट या अर्ल, विसकाउंट, बैरन, बार्ननट, हेअरडेटर नाइट और सबसे छोटी उपाधि नाइट है। इन सबके राज दरबार में बैठने के ��िए विशेष आसन बने होते हैं। इसके अतिरिक्त सर और लाॅर्ड के खिताब भी दिए जाते हैं। परंतु उनके लिए राजभवन में कोई स्थान नहीं होता। आजकल विशेष क्षेत्रों में प्रमुख योगदान देने वाले व्यक्तियों को सी.ओ.एच (Commander of Honour), सी.बी.ई.(Commander of the Order of the British Empire), डेम(योद्धा), ओ.ओ.बी.ई.(Officer of the Order of the British Empire), और एम.बी.ई.(Member of the Order of the British Empire), बी.ई.एम.(Overseas Territories Police and Fire Service Medals, Royal Victorian Order), आर.वी.ई.( Overseas Territories Police and Fire Service Medals, Royal Victorian Order), आदि के अलावा 12 अन्य सम्मान और विक्टोरिया क्राॅस और जाॅर्ज क्राॅस आदि मेडल भी दिए जाते हैं।
खैर, मैं लाॅर्ड लूईस माउंटबैटन को उसके किनर्टन स्ट्रीट फ्लैट, नाइट्जब्रिज में 8 फरवरी 1978 में जाकर मिला। वह मेरे पिता के साथ माल्टा में पोलो खेल चुका था। लाॅर्ड माउंटबैटन की शाही परिवार के संग नज़दीकी होने के कारण काफ़ी तानाशाही चलती थी। लाॅर्ड माउंटबैटन ने मुझे रख लिया। मैं नाइट्ज़ब्रिज़ बैरक, लंदन में तैनात हो गया था।
फौज में आने के बाद ही असल ज़िंदगी और लंदन के साथ मेरा परिचय हुआ था। बड़ी तीव्रता के साथ मैं अफ़सर कैडिट से प्रारंभ करके दूसरा लफ़तान, फिर लफ़तान बनकर कप्तान के ओहदे तक पहुँच गया था। मुझे मेजर, लफ़तान कर्नल, कर्नल, ब्रिगेडियर(एक सिताराधारी), मेजर जनरल(दो सितारा), लफ़तान जनरल(तीन सितारा) और सबसे बड़े ब्रितानवी फौज के जनरल वाले पद के लक्ष्य साफ़ दिखाई देते थे। मैं अपनी छाती पर पाँच सितारे चमकते देखने के लिए जी जान से फौज में देश की सेवा कर रहा था।
मेरे ही पूर्वज आयरलैंड की जंग-ए-आज़ादी के लिए जिन ऐंग्लिकनों के साथ लड़े थे, मैं और मेरा पिता उनकी ही फौज में भर्ती होकर सेवा कर रहे थे। इतिहास की कटु सच्चाइयों को भुलाकर मैं इंग्लैंड, वेल्ज़, स्काॅटलैंड और आयरलैंड को मिलाकर बने युनाइटिड किंगडम अर्थात संगठित ब्रितानवी साम्राज्य की विशाल रियासत का रक्षक बनकर अपने आप में बहुत गर्व अनुभव करता था।
०००
शेष कल...
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लड़ाकू जेट मिग-21 को आज भले ही उड़ता ताबूत कहा जाता हो, यह इंडियन एयरफोर्स के लिए करिश्माई योद्धा से बढ़कर रहा है। आज का दिन बेहद खास है। 50 साल पहले आज ही भारत में बना पहला मिग-21 एयरफोर्स में शामिल हुआ था। इससे पांच-छह साल पहले मिग-21 एयरफोर्स में आ गए थे, लेकिन वे रूस में बने थे।
पिछले कुछ वर्षों में एयरफोर्स में क्रेशन और कैजुअल्टी में मिग-21 (Mikoyan-Gurevich) विमानों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही है। इसी वजह से इनका नाम खराब हुआ है। यहां तक कि पुलवामा अटैक के जवाब में भारत ने जब पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बेस पर एयर स्ट्राइक की तो तनाव बढ़ गया था। विंग कमांडर अभिनंदन का फाइटर जेट क्रैश हुआ तो वह भी मिग-21 ही था।
हकीकत यह है कि रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेम्बल करने का अधिकार और तकनीक भी हासिल कर ली थी।
तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है।
सितंबर-2018 तक एयरफोर्स के पास तकरीबन 120 मिग-21 विमान थे। इन्हें 2021-22 तक सेवा से बाहर करना है। पर्याप्त संख्या में राफेल के साथ ही तेजस को एयरफोर्स में लाने के बाद ही मिग-21 को रिटायर किया जा सकेगा।
दो साल पहले ��शहरे पर ट्रेन हादसा
2018 में 19 अक्टूबर को ही अमृतसर में दशहरे की खुशियां मातम में बदली थी। रेल की पटरी पर खड़े होकर रावण दहन देखने वाले 60 लोगों ने ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा दी थी। पीड़ित परिवारों को अब तक आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का इंतजार है।
अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास दशहरा का आयोजन हो रहा था। रावण का पुतला जलाया जा रहा था। रेलवे ट्रैक पर लोग खड़े थे। तभी अचानक पठानकोट से आ रही डीएमयू ट्रेन उस ट्रैक पर खड़े सभी लोगों को रौंदते हुए चली गई और ट्रैक के इर्द-गिर्द लाशें ही दिखाई दे रही थीं। वहीं सामने ही रावण जल रहा था और लोग चीख रहे थे। इस हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग हादसे में घायल हो गए थे।
इतिहास में आज की तारीख को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः
1630: बोस्टन में पहली बार आम अदालत का आयोजन हुआ था।
1722: फ्रांस के सी. होफर ने फायर फाइटर का पेटेंट कराया था।
1739: इंग्लैंड ने स्पेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1745: गुलिवर ट्रैवल बुक लिखने वाले जोनाथन स्विफ्ट का निधन।
1910: एस्ट्रो-फिजिसिस्ट सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर का जन्म
1937: ब्रिटिश फिजिसिस्ट अर्नेस्ट रदरफोर्ड का निधन।
1943: चमत्कारिक एंटीबायोटिक स्ट्रेप्टोमायसिन का पहली बार पता चला। टीबी के खिलाफ यह डिफेंस की पहली लाइन बनी।
1950: चाम्बो का युद्ध खत्म हुआ। इसे चीन में लिबरेशन ऑफ तिब्बत भी कहा जाता है। यह युद्ध 6 अक्टूबर को तिब्बत और चीन के बीच शुरू हुआ था।
1956ः रूस और जापान ने हस्ताक्षर कर दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे युद्ध को अधिकारिक रूप से समाप्त किया था।
1960: नागरिक अधिकारों के लिए आंदोलन चलाने वाले अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग-जूनियर को गिरफ्तार किया गया था।
2005ः इराकी स्पेशल ट्रिब्यूनल ने इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन और 7 अन्य के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के केस का ट्रायल शुरू हुआ।
2012: सिएटल-बेस्ड स्टारबक्स ने मुंबई की एक ऐतिहासिक बिल्डिंग में भारत का पहला कॉफी हाउस खोला।
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Today History for October 19th/ What Happened Today | First India-Made MIG-21 Inducted In Indian Airforce | Bizzare Train Accident On Dussehra In Amritsar |
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अफ्रीकी देश माली (Mali) में विद्रोही सैनिकों ने तख्तापलट को अंजाम देते हुए राष्ट्रपति इब्राहिम बुबाकार केटा (President Ibrahim Boubacar Keita) को गिरफ्तार कर लिया है. माली के राष्ट्रपति के साथ-साथ विद्रोहियों ने देश के प्रधानमंत्री बोबू सिसे को भी हिरासत में ले लिया है. इस तख्तापलट की शुरुआत मंगलवार को माली की राजधानी बामाको के नजदीक एक सेना के कैंप से शुरू हुई थी और यहां सैनिक आपस में ही भिड़ गए थे. खबर आ रही है कि राष्ट्रपति इब्राहिम बुबाकार ने इस्तीफ़ा भी दे दिया है.
माली सरकार के एक प्रवक्ता ने बीबीसी से बताया कि बामाको के कई हिस्सों में आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं.सबसे पहले बामाको से 15 किलोमीटर दूर स्थित काटी कैंप में असंतुष्ट जूनियर अफसरों ने कमांडरों को हिरासत में लिया और उसके बाद कैंप पर कब्जा जमा लिया. इसके बाद युवाओं ने शहर की सरकारी इमारतों को आग के हवाले भी कर दिया. पहले से ही माली के राष्ट्रपति के इस्तीफ़े की मांग को लेकर अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी चल रहा था. अब राष्ट्रपति इब्राहिम बॉबाकार केटा भी विद्रोही सैनिकों के कब्जे में हैं. सैनिकों ने किसी भी तरह की बातचीत करने से भी इनकार कर दिया है.
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से लिया इस्तीफ़ा
मिली जानकारी के मुताबिक शहर में युवाओं ने कई सरकारी इमारतों में आग लगा दी है. इसके आलावा नाराज सैनिकों ने सीनियर कमांडरों को भी बंधक बना लिया. साथ ही बमाको से 15 किमी दूर स्थित काती कैंप पर अधिकार कर लिया. ��फ्रीकी संघ और स्थानीय ग्रुप इकोवास ने इस विद्रोह की निंदा की है. विद्रोही सैनिक राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. बीबीसी अफ्रीका की रिपोर्ट के मुताबिक, विद्रोही सैनिकों का नेतृत्व काती कैंप के डिप्टी हेड कर्नल मलिक डियाओ और कमांडर जनरल सादियो कमारा ने किया. विरोध की वजह स्पष्ट नहीं है लेकिन लोकल मीडिया के मुतबिक यह विद्रोह वेतन विवाद को लेकर है.
राष्ट्रपति ने टीवी पर अपने संबोधन में कहा कि वो संसद और सरकार भी भंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं नहीं चाहता कि मेरे शासनकाल में खून-खराबा हो। अगर आज हमारे सशस्त्र बलों के कुछ लोग मेरे शासन में हस्तक्षेप कर इसका अंत चाहते हैं तो मेरे पास कोई और विकल्प नहीं है।
माली सरकार के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र
इसपर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की बिना शर्त तुरंत रिहाई की मांग की है। महासचिव गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजार्रिक की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'महासचिव ने माली के हालातों की निंदा की है औ��� देश में कानून के नियमों और संवैधानिक आदेशों की तुरंत बहाली के आदेश दिए हैं।' इसमें यह भी कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मिलकर समाधान निकालने व शांतिपूर्ण समझौते पर जोर दिया है। साथ ही उन्होंने अफ्रीकी यूनियन और पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया है। माली पहले फ्रांस के अधीन था।
हालात पर भारतीय दूतावास की है नजर
माली में भारतीय दूतावास देश के हालात पर नजर रख रहा है और इसके अधिकारी खतरे में नहीं है। यह जानकारी भारतीय दूत अंजनी कुमार सहाय ने मंगलवार को दी। उन्होंने कहा कि साहेल देश में सैन्य विद्रोह दिन में ही शुरू हो गया था। जनरल चीक फंटामादी डेमबेले (General Cheick Fantamadi Dembele) के नेतृत्व में सैन्य विद्रोह बामको के काटी सैन्य बेस में शुरू हुआ। इस हालात को देखते हुए दूतावास ने वहां रहने वाले सभी भारतीयों को घरों के भीतर ही रहने की सलाह दी है।
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RPSC ने 9 भर्ती परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी किया राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission) (आरपीएससी) (RPSC) ने 9 भर्ती परीक्षाओं और विभिन्न पदों के लिए होने वाले साक्षात्कार का टाइम टेबल अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया है। उप निरीक्षक और प्लाटून कमांडर (गृह) भर्ती 2016 के लिए साक्षात्कार 8 जुलाई से शुरू होंगे। इसके अलावा जनसंपर्क अधिकारी 2019 (public relation officer 2019), उप प्रधानाचार्य या अधीक्षक (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान), ग्रुप सर्वेयर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी (food security officer) और जूनियर लीगल ऑफिसर भर्ती (junior legal officer recruitment) के लिए भी साक्षात्कार 8 जुलाई से शुरू होंगे। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन का अध्ययन कर लें। इसके अलावा, आयोग ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के लिए 9 भर्ती परीक्षाओं (nine recruitment exams) के लिए टाइम टेबल जारी कर दिया है। परीक्षाएं ज्यादातर चिकित्सा शिक्षा विभाग में भर्ती के लिए होंगी।
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Dibrugarh University Recruitment 2020: डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में नौकरी, 9 अप्रैल तक करें आवेदन
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Dibrugarh University Recruitment 2020: डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में नौकरी, 9 अप्रैल तक करें आवेदन
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oi-Shilpa Thakur
| Published: Saturday, March 21, 2020, 16:06 [IST]
नई दिल्ली। डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय (DU) में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के कुल 29 पदों पर नौकरी निकली है। योग्य उम्मीदवार डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी डीयू भर्ती 2020 (Dibrugarh University DU Recruitment 2020) के लिए ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन और पदों से संबंधित अन्य जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट drbru.ac.in पर जाने की सलाह दी जाती है।
इंटरव्यू शेड्यूल भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट drbru.ac.in पर जारी किया जाएगा।
डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय भर्ती 2020
विभाग- डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय
पदों की संख्या- 29
पदों का नाम- प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर।
डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय भर्ती 2020 पद विवरण-
प्रोफेसर- 07 पद
एसोसिएट प्रोफेसर- 08 पद
असिस्टेंट प्रोफेसर- 14 पद
आवेदन शुल्क क्या है?
इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को 500 रुपये का भुगतान करना होगा।
शैक्षणिक योग्यता क्या है?
प्रोफेसर- माास्टर डिग्री, सहायक प्रोफेसर के रूप में विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में पढ़ाने का 10 साल का अनुभव होना चाहिए।
एसोसिएट प्रोफेसर- मान्यता प्राप्त विश्वविद्याल से जीव विज्ञान या वनस्पति विज्ञान में एमएससी होना जरूरी है।
असिस्टेंट प्रोफेसर- मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान या वनस्पति विज्ञान में एमएससी या एमए होना चाहिए।
डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय भर्ती 2020- आवेदन प्रक्रिया क्या है?
इन पदों के लिए 9 अप्रैल या उससे पहले ऑफलाइन आवेदन करना होगा।
आवेदन करने से पहले आधिकारिक अधिसूचना ध्यान से पढ़ने की सलाह दी जाती है।
अधिक जानकारी के लिए अधिसूचना को ध्यान से पढ़ें।
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CURRENTAFFAIRS 2019 करंट अफेयर्स हिंदी में
CURRENT AFFAIRS 2019
CURRENT AFFAIRS 2019
1 = निम्नलिखित में से किसे सड़क सुरक्षा अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है ? ( A ) विराट कोहली ( B ) आमिर खान ( C ) चेतन भगत ( D ) अक्षय कुमार 2 = गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लांच किए हैं जिसके तहत किस शहर के कई हिस्सों में मुफ्त वाईफाई और हाई स्पीड ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराया जाएगा ? ( A ) जयपुर ( B ) लखनऊ ( C ) दिल्ली ( D ) पटना 3 = भारतीय नौसेना का कौन सा जहाज 13 से 16 अगस्त तक फ्री जी की यात्रा पर रवाना हुआ ? ( A ) INS सहयाद्रि ( B ) INS तारिणी बी ( C ) INS श्रेष्ठ डी ( D ) INS विक्रांत 4 = साहित्य के लिए वर्ष 2001 में नोबेल पुरस्कार पाने वाले किस भारतीय मूल के मशहूर लेखक का लंदन स्थित अपने घर में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया ? ( A ) नजीब महफूज ( B ) बी एन नायपॉल ( C ) सूली पृथोम ( D ) सेमस हनी 5 = किन देशों की सेनाओं के मध्य संयुक्त सैन्य अभ्यास "मैत्री " का आयोजन किया गया ? ( A ) भारत - बांग्लादेश ( B )भारत - श्रीलंका ( C ) भारत - रूस ( D ) भारत - थाईलैंड 6 = निम्नलिखित में से किस ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पद की शपथ ग्रहण की है ? ( A ) न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ( B ) न्यायमूर्ति अरबिंद तियागी ( C ) न्यायमूर्ति संकर प्रसाद ( D ) न्यायमूर्ति जी. बी. के. गौड़ 7 = भारत की युवा टेबल टेनिस खिलाड़ी शास्त्रीका घोष और सिंगापुर की झिंझाना होम की जोड़ी ने हांगकांग जूनियर एवं कैडेट ओपन 2018 के जूनियर लड़कियों के युगल वर्ग me कौनसा पदक हासिल किया ? ( A ) रजत पदक ( B ) स्वर्ण पदक ( C ) कांस्य पदक ( D ) इनमे से कोई नहीं 8 = किस मंत्रालय द्वारा भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत और निश्चित सांस्कृतिक परंपराओं का संरक्षण नामक एक योजना लागू की गई है ? ( A ) संस्कृति मंत्रालय ( B ) बिज्ञान और प्राधोगिकी मंत्रालय ( C ) सहरी बिकास मंत्रालय ( D ) सामाजिक न्याय मंत्रालय 9 = 1 जुलाई 2018 को भारतीय नौसेना के कमांडर अभिलाष टॉमी किस देश से आरंभ हुई समुद्री यात्रा गोल्डन ग्लोब्स res 2018 में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं ? ( A ) जर्मनी ( B ) फ़्रांस ( C ) स्पेन ( D ) मेक्सिको 10 = हाल ही में किस राज्य द्वारा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर नेशनल रजिस्टर ��फ सिटीजन- NRC का दूसरा एवं अंतिम मसौदा जारी किया गया ? ( A ) नागालैंड ( B ) असोम ( C ) हिमांचल प्रदेश ( D ) गुजरात 11 = हाल ही में कौन विश्व के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी पर्वत माउंट ओज़ोस डेल सैलेडो पर चढ़ने वाले दूसरे भारतीय पर्वतारोही बने ? ( A ) मल्ली मस्तान बाबू ( B ) सत्यरूप सिद्धांत ( C ) जननहाबी पाठक ( D ) मालबद्ध पूर्णा 12 = टोक्यो 2020 ओलंपिक और पैरालिंपिक्स के लिए suvankaro का नाम क्या है ? ( A ) मिराईतोता - सोमाइटी ( B ) सिरोखा - जोराकबा ( C ) पलोन सिंडले ( D ) रजा टिंडेल 13 = 20 जुलाई 2018 को प्रसिद्ध गोपाल दास नीरज का कोलकाता में निधन हो गया ? ( A ) फिल्म निर्माता ( B ) कबि ( C ) नर्तक ( D ) बैज्ञानिक 14= हाल ही में किस केंद्रीय मंत्रालय आने मोबाइल एप्प निर्यात मित्रा लॉन्च किया है ? ( A ) कृषि मंत्रालय ( B ) रेल मंत्रालय ( C ) ग़ृह मंत्रालय ( D ) बाणिज्य मंत्रालय 15 = नासा के उस मिसन का किया नाम है जिसे जल्द ही सूर्य के अध्यन के लिए भेजा जाएगा ? ( A ) पार्कर सोलर प्रोब ( B ) सोलर प्रोब ( C ) जीनियस सोलर मिसन ( D ) वायलेट सोलर रेडिएशन
करंट अफेयर्स। CURRENT AFFAIRS 2019
ANS - (1)-D,(2) -C (3) - A (4) - B (5) - D (6) - A (7) - C (8) - A (9) - B (10) - B (11) - B (12) - A (13) - B (14) - D (15) -A CLICK HERE NEXT
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नौसेना प्रमुख के रूप में करमबीर सिंह की नियुक्ति को चुनौती देने फिर आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल पहुंचे बिमल वर्मा
नौसेना प्रमुख के रूप में करमबीर सिंह की नियुक्ति को चुनौती देने फिर आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल पहुंचे बिमल वर्मा
नई दिल्ली:वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नये नौसेना प्रमुख बनाये जाने को लेकर अंडमान निकोबार कमांड के चीफ वाइस एडमिरल चीफ बिमल वर्मा ने एक बार फिर आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की है. एडमिरल वर्मा का कहना है कि उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज कर उनके जूनियर को सरकार नया नौसेना प्रमुख सरकार बनाने जा रही है. अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ वर्मा ने आठ अप्रैल को सशस्त्र बल न्यायाधिकरण से…
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अपना खून-पसीना बहाकर लाया हरियाली एक टास्क फ़ोर्स
अपना खून-पसीना बहाकर लाया हरियाली एक टास्क फ़ोर्स
जूनियर एक टास्क फ़ोर्स का होगा गठन : कमांडर राणा मसूरी और दून घाटी में इको टास्क फ़ोर्स की बदौलत है हरियाली राजेन्द्र जोशी देहरादून : उत्तराखंड के लोग विश्व पर्यावरण दिवस पर यदि डॉ. नार्मन बोलाक, अवधेश कौशल के साथ-साथ देश की पूर्�� प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी और इको टास्क फ़ोर्स को आखिर क्यों याद न करें जिनकी बदौलत मसूरी की खोखली हो चुकी पहाड़ियों में आज हरियाली नज़र आती है और समूची दून घाटी आज खुलकर…
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राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission) (आरपीएससी) (RPSC) ने 9 भर्ती परीक्षाओं और विभिन्न पदों के लिए होने वाले साक्षात्कार का टाइम टेबल अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया है। उप निरीक्षक और प्लाटून कमांडर (गृह) भर्ती 2016 के लिए साक्षात्कार 8 जुलाई से शुरू होंगे। इसके अलावा जनसंपर्क अधिकारी 2019 (public relation officer 2019), उप प्रधानाचार्य या अधीक्षक (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान), ग्रुप सर्वेयर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी (food security officer) और जूनियर लीगल ऑफिसर भर्ती (junior legal officer recruitment) के लिए भी साक्षात्कार 8 जुलाई से शुरू होंगे। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन का अध्ययन कर लें। इसके अलावा, आयोग ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के लिए 9 भर्ती परीक्षाओं (nine recruitment exams) के लिए टाइम टेबल जारी कर दिया है। परीक्षाएं ज्यादातर चिकित्सा शिक्षा विभाग में भर्ती के लिए होंगी।
आधिकारिक नोटिफिकेशन के लिए यहां क्लिक करें
इन पदों के लिए होगी भर्ती परीक्षा -पशु चिकित्सा अधिकारी स्क्रीनिंग टेस्ट 2019 (पशुपालन) (Veterinary Officer screening test 2019 (animal husbandry)) : 2 अगस्त
-लाइब्रेरियन ग्रेड ढ्ढढ्ढ स्क्रीनिंग टेस्ट 2109 (भाषा और पुस्तकालय विभाग) (Librarian grade II screening test 2019 (language and library dept) ) : 2 अगस्त
-व्याख्याता स्कूल परीक्षा 2018 (Lecturer school exam 2019) : 4 से 7 अगस्त
-सहायक प्रोफेसर (व्यापक विशेषता चिकित्सा शिक्षा विभाग) स्क्रीनिंग टेस्ट 2019 (Assistant Professor (broad speciality medical education dept) : 11 अगस्त
-मूल्यांकन अधिकारी नियोजन विभाग स्क्रीनिंग टेस्ट 2020 (Evaluation officer planning dept screening test 2020) : 23 अगस्त
-उप कमांडेंट (गृह सुरक्षा विभाग) स्क्रीनिंग टेस्ट 2020 (Deputy commandant (home security dept) screening test 2020) : 23 अगस्त
-Senior Demonstrator (medical education dept) screening test 2020 : 13 से 17 सितंबर
-एसीएफ और वन रेंज अधिकारी जीआर-ढ्ढ-2018 : 20 से 27 सितंबर
-सहायक प्रोफेसर (सुपर स्पेशलिटी) (चिकित्सा शिक्षा विभाग) स्क्रीनिंग टेस्ट 2020 : 13 से 14 अगस्त
डेटशीट के लिए यहां क्लिक करें
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/rpsc-releases-timetable-for-various-exams-and-interview-6227519/
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हिंद महासागर में अबाध घूमने में सक्षम चीनी विमानवाहक युद्धपोत: US नेवी
हिंद महासागर में अबाध घूमने में सक्षम चीनी विमानवाहक युद्धपोत: US नेवी
नई दिल्ली: हिंद महासागर में चीनी नौसना की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है, यह आकलन अमेरिकी नेवी के शीर्ष कमांडर ने किया है। अमेरिकी पैसेफिक कमांड के कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस जूनियर ने कहा है, ‘मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से भारत को चिंतित होना चाहिए। यदि इस क्षेत्र में केवल निश्चित प्रभाव की बात की जाए तो चीन का चाहें जो भी प्रभाव हो लेकिन वैसा प्रभाव भारत का नहीं है।’ एडरिमरल…
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दुनिया की बड़ी और प्रतिभाशाली महिला नेताओं में से एक बेनजीर भुट्टो नौ साल का सेल्फ-एक्साइल काटने के बाद 2007 में पाकिस्तान लौटी थी। कुछ ही घंटों बाद उनके कारों के काफिले पर आत्मघाती हमल�� हुआ और 139 लोगों की मौत हुई थी। बेनजीर पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री थी और उन्होंने सिर्फ 35 साल की उम्र में यह जिम्मेदारी संभाली थी।
1988-90 और 1993-96 में दो बार उन्होंने देश के पीएम की जिम्मेदारी संभाली। भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जाने पर बेनजीर को 1999 में देश छोड़ना पड़ा था। 2007 में जब फौजी ताकत दम तोड़ रही थी और लोग लोकतंत्र के लिए आवाज उठा रहे थे, तब बेनजीर भुट्टो लौटी थीं।
उस समय की परवेज मुशर्रफ सरकार ने वापसी की इजाजत तो दी, लेकिन उन पर जानलेवा हमला होने की आशंका भी जताई थी। उसी साल 27 दिसंबर को रावलपिंडी में अपनी पहली रैली में ही उनकी हत्या कर दी गई।
1931: महान वैज्ञानिक ने ली आखिरी सांस
महान अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी 1847 को हुआ था। उनके नाम 1,93 पेटेंट हैं जो बताते हैं कि वे कितने आविष्कारक थे। बचपन में गरीबी से गुजरने वाले महान वैज्ञानिक को बिजली के बल्ब की खोज के लिए जाना जाता है।
एडिसन बल्ब बनाने में 10 हजार बार से अधिक बार असफल हुए। इस पर उन्होंने यह भी कहा था कि मैं कभी नाकाम नहीं हुआ बल्कि मैंने 10,000 ऐसे रास्ते निकाले जो मेरे काम नहीं आए। एडीसन ने 10 साल की उम्र में ही प्रयोग करना शुरू कर दिया था।
प्रयोग करने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती तो वे ट्रेन में अखबार और सब्जी भी बेच लेते थे। 1879 से 1900 तक एडिसन अपनी सारी प्रमुख खोजें कर चुके थे और एक अमीर व्यापारी भी बन चुके थे। पहला बल्ब बनाने में 40 हजार डॉलर की लागत आई थी। 40 इलेक्ट्रिक लाइट बल्ब जलते देखने के लिए तीन हजार लोगों का हुजूम जुटा था। थॉमस एडिसन का निधन 18 अक्टूबर 1931 हो गया था।
इतिहास में आज को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः
1386ः जर्मनी में हैडलबर्ग विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
1564ः इंग्लैंड के नाैसैनिक कमांडर जॉन हाॅकिन्स ने दूसरी बार अमेरिका यात्रा शुरू की।
1572ः स्पेन की सेना ने मास्ट्रिच पर हमला कर दिया।
1648ः उत्तर अमेरिकी उपनिवेशों में ‘बोस्टन शूमेकर्स’ पहला श्रम संगठन बना।
1892ः अमेरिका में शिकागो से न्यूयाॅर्क के बीच पहली लंबी दूरी की वाणिज्यिक फोन लाइन को शुरू किया गया।
1898ः अमेरिका ने स्पेन से प्यूर्टो रिको का अपने कब्जे में लि��ा।
1900ः काउंट बर्नार्ड वॉन बुलो जर्मनी के चांसलर बने।
1922ः ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की स्थापना हुई, जिसका नाम बाद में बदलकर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन किया गया।
1925ः प्रसिद्ध रंगमंच निदेशक और नेशनल स्कूल 'फ ड्रामा के पूर्व निदेशक इब्राहिम अल्काज़ी का जन्म।
1944ः द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी से चेकोस्लोवाकिया की स्वतंत्रता के लिये सोवियत संघ ने लड़ाई शुरू की।
1954ः टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स कंपनी ने पहले ट्रांजिस्टर रेडियो का निर्माण किया।
1972ः पहले मल्टी-पर्पज हेलीकॉप्टर एसए-315 का बेंगलुरु में हवाई परीक्षण।
1976ः विलियम एन लिप्सकोंब जूनियर को रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
1980ः पहली हिमालय कार रैली काे बम्बई (मुंबई) के ब्रेबोर्न स्टेडियम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
1985ः संपूर्ण विश्व में व्यापक विरोध के बावजूद दक्षिण अफ्रीकी सरकार द्वारा अश्वेत कवि बेंजामिन मोलोइस को फांसी।
1991ः दक्षिण पश्चिम एशिया और दक्षिणी पूर्वी यूरोप के मुहाने पर स्थित अजरबैजान ने तत्कालीन सोवियत रूस से स्वतंत्र होने की घोषणा की।
1995ः कोलंबिया के कार्टाजेना में गुट निरपेक्ष देशों का 11वां शिखर सम्मेलन प्रारम्भ।
1998ः भारत और पाकिस्तान परमाणु हथियार के खतरे को रोकने पर सहमत हुए।
2004ः कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन मारा गया।
2012ः सीरिया ने मारेत अल नुमान में सैन्य हवाई हमलों 40 लोग मारे गए।
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Today History for October 18th/ What Happened Today | 2007 Benazir Bhutto returns to Pakistan | 1867 Alaska Becomes a Part of the United States | Veerappan shot dead
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चीनी विमानवाहक युद्धपोत हिंद महासागर में बेरोकटोक घूमने में सक्षम: टॉप US नेवी कमांडर - एनडीटीवी खबर
एनडीटीवी खबर चीनी विमानवाहक युद्धपोत हिंद महासागर में बेरोकटोक घूमने में सक्षम: टॉप US नेवी कमांडर एनडीटीवी खबर नई दिल्ली: हिंद महासागर में चीनी नौसना की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है. यह आकलन अमेरिकी नेवी के शीर्ष कमांडर ने किया है. अमेरिकी पैसेफिक कमांड के कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस जूनियर ने कहा है,''मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से भारत को चिंतित होना चाहिए. यदि इस क्षेत्र में केवल निश्चित प्रभाव की बात की जाए तो चीन का चाहें जो भी प्रभाव हो लेकिन वैसा प्रभाव भारत का नहीं है.'' एडरिमरल हैरी ने हालांकि हिंद महासागर में चीनी नौसेना की गतिविधियों के बारे में कुछ नहीं ��हा. ये ऐसा मसला है जो भारतीय नेवी के लिए चिंता का विषय है. एडमिरल हैरी एक ऐसे क्षेत्र में ... अमेरिका और भारत हिंद महासागर पर रख रहे चीन पर नजर!Oneindia Hindi हिंद महासागर में बढ़ा चीन का प्रभाव, अमेरिका ने भारत को चेताया...Webdunia Hindi सभी ४ समाचार लेख » http://dlvr.it/N8M4Sd
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