#जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ी
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Jitin Prasad के छोड़कर जाने पर MLA Aditi Singh ने Congress को दी बड़ी सलाह | Baat To Chubegi
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"नॉट अबाउट राहुल गांधी या...": जितिन प्रसाद ने कांग्रेस क्यों छोड़ी? https://tinyurl.com/yekgkeog #अबउट #कगरस #कय #गध #छड #जतन #न #नट #परसद #य #रहल
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Congress Leader Jitin Prasada Joins Bjp Ahead Of Upcoming Up Election 2022 - कांग्रेस को झटका: राहुल और प्रियंका के करीबी जितिन प्रसाद ने क्यों छोड़ी पार्टी, क्या भाजपा को मिल पाएगा फायदा?
Congress Leader Jitin Prasada Joins Bjp Ahead Of Upcoming Up Election 2022 – कांग्रेस को झटका: राहुल और प्रियंका के करीबी जितिन प्रसाद ने क्यों छोड़ी पार्टी, क्या भाजपा को मिल पाएगा फायदा?
सार जितिन प्रसाद को चंद दिनों पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन जितिन प्रसाद वहां भी कोई करिश्मा नहीं दिखा सके। उनके नेतृत्व में पार्टी की सीटें न केवल शून्य हो गईं, कांग्रेस के वोट प्रतिशत में भी लगभग 10 फीसदी की रिकॉर्ड कमी हुई थी… भाजपा में शामिल होने के बाद अमित शाह से मिलने पहुंचे जितिन प्रसाद – फोटो : ANI ख़बर सुनें ख़बर सुनें राहुल गांधी और…
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2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हुए
2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हुए
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को झटका देते हुए, पूर्व केंद्रीय मंत्री और दो बार के कांग्रेस सांसद जितिन प्रसाद बुधवार को पार्टी नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। अपने शामिल होने से पहले प्रसाद ने राष्ट्रीय राजधानी में गोयल के आवास पर उनसे मुलाकात की। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ, और अपने कोविड प्रबंधन पर आलोचना के बाद…
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#इंडियन एक्सप्रेस#जितिन प्रसाद#जितिन प्रसाद ने छोड़ी कांग्रेस#जितिन प्रसाद बीजेपी#जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल
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जितिन प्रसाद के बाहर निकलते ही सचिन पायलट के रिमाइंडर ने की कांग्रेस
जितिन प्रसाद के बाहर निकलते ही सचिन पायलट के रिमाइंडर ने की कांग्रेस
ठीक एक साल पहले सचिन पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। जैसा जितिन प्रसाद ने आज छोड़ी कांग्रेस भाजपा के लिए, एक नाम जो शीर्ष पर चल रहा था वह सचिन पायलट का था। ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद के बाद, क्या वह अगले होंगे, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल किया। कांग्रेस नेतृत्व ने अभी ��क सचिन पायलट के पिछले साल के विद्रोह के बाद उनकी मांगों को पूरा करने…
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अचानक क्यों छोड़ी कांग्रेस, अब योगी से मुलाकात... जितिन प्रसाद का पूरा प्लान Divya Sandesh
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अचानक क्यों छोड़ी कांग्रेस, अब योगी से मुलाकात... जितिन प्रसाद का पूरा प्लान
लखनऊ दो दशक से ज्यादा वक्त तक कांग्रेस पार्टी में सक्रिय राजनीति करने वाले अब भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हो गए हैं। दिल्ली में सियासी संभावनाओं की तमाम चर्चाओं के बीच बुधवार दोपहर बीजेपी के दीनदयाल मार्ग स्थित हेडक्वार्टर में जितिन पार्टी का हिस्सा बन गए।
सदस्यता ग्रहण करने के बाद जितिन ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से खास बातचीत की। इस इंटरव्यू में जितिन ने वो सब कारण बताए जिस वजह से उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ा। जितिन ने ये भी बताया कि आगे के दौर में वो कैसे बीजेपी में फिट होंगे।
सवाल: प्रियंका गांधी और उनके सहयोगियों का दावा है कि यूपी में कांग्रेस फिर से रिवाइवल के रास्ते पर है। ऐसी हालत में भी आपने पार्टी छोड़ दी।
जवाब: हम राजनीति और पार्टी को जनता और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए चुनते हैं। मैं ये काम कांग्रेस में नहीं कर पा रहा था। आज मैं अपने को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा होने का मौका मिला है। राजनीति का एक मात्र उद्देश्य लोगों की सेवा करना है। मुझे एक लंबे वक्त से ये महसूस हो रहा था कि मैं ये काम नहीं कर पा रहा हूं। मैं इस बहस में नहीं पड़ना चाहता कि यूपी में कांग्रेस का रिवाइवल हो रहा है या नहीं। मैंने बीजेपी इसलिए जॉइन की है, ताकि मैं इस पार्टी के लिए मन से काम कर सकूं।
सवाल: क्या आप एकदम विपरीत विचारधारा की पार्टी में खुद को ढाल पाएंगे?
��वाब: एक राजनेता की सिर्फ एक विचारधारा होती है, वो है देश, राज्य, जिले या अपने इलाके के लोगों का हित देखना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नि:स्वार्थ भाव से ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति पर देश की सेवा कर रहे हैं। इससे बेहतर कोई विचारधारा नहीं हो सकती, अगर कोई पार्टी न्यू इंडिया की बात करे और सबके विकास के लिए काम करे।
सवाल: आप ने अतीत में कई बार बीजेपी की सेक्युलर छवि के दावे पर सवाल खड़ा किया था?
जवाब: एक विपक्षी नेता के रूप में हमें सरकार और सत्तापक्ष के दल पर सवाल उठाने ही होते हैं। लेकिन बीजेपी ने हर उठाए सवाल का एक सकारात्मक जवाब दिया। साथ ही सरकार ने जो नीतियां बनाईं, उनके मूल में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना थी, जिसका अर्थ था कि सभी का एक जैसा विकास होना चाहिए।
सवाल: क्या आपको लगता है कि बीजेपी आपको प्रदेश में अपने एक नए ब्राह्मण चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट करेगी? जवाब: मुझे नहीं लगता कि देश में बीजेपी का नेतृत्व जाति आधारित मानकों पर तय होता है, इसलिए आपको अपना सवाल सुधारना चाहिए। जहां तक जिम्मेदारी की बात है, ये पार्टी के ऊपर है कि वो मेरा किस रूप में उपयोग करती है। मैंने पार्टी नेतृत्व से प्रभावित होकर बीजेपी का दामन थामा है और मेरा एकमात्र उद्देश्य लोगों की सेवा करना है।
सवाल: अचानक से ऐसा क्या हुआ कि आप ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया?
जवाब: मैंने पहले भी कहा कि हमारा परिवार 3 पीढ़ियों से कांग्रेस पार्टी का हिस्सा रहा है। ऐसे में इस तरह का कोई भी फैसला अचानक नहीं हो सकता। मैंने एक लंबे समय तक सारा विचार करने के बाद ही ये फैसला लिया। ये जरूर है कि काफी वक्त से मेरे दिमाग में ये बात थी कि मैं अपने लोगों के लिए वो नहीं कर पा रहा, जो कि उनके लिए जरूरी है।
सवाल: क्या आप ने सीएम योगी से भी मुलाकात की है?
जवाब: मैं अभी पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से भेंट की है। मैं जल्द ही और शीर्ष पार्टी नेताओं के पास उनके आशीर्वाद लेने के लिए जाऊंगा।
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जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने से पायलट जैसे दूसरे नेताओं को लेकर भी अटकलें Divya Sandesh
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जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने से पायलट जैस��� दूसरे नेताओं को लेकर भी अटकलें
नई दिल्लीकांग्रेस की पंजाब और राजस्थान इकाइयों में कलह के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद का बीजेपी में जाना मुख्य विपक्षी पार्टी के लिए यूपी में बड़ा झटका है क्योंकि कुछ महीने बाद ही वहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हालांकि, कांग्रेस का सूत्रों का कहना है कि प्रसाद का जाना झटका नहीं है, बल्कि यह ‘अवसरवादी राजनीति’ है जिसे जनता बखूबी समझती है।
हालिया पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रहे प्रसाद को उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के एक युवा ब्राह्मण नेता के तौर पर देखा जाता था।
सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा भी पकड़ेंगे जितिन की राह? प्रसाद के जाने से एक बार फिर से कांग्रेस में कई युवा नेताओं की नाराजगी और पाला बदलने की अटकलों को हवा मिल गई है। सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा ऐसे नेताओं में शामिल हैं जिनकी नाराजगी की चर्चा इन दिनों हो रही है।
यही नहीं, प्रसाद ने ऐसे समय कांग्रेस छोड़ी है जब पार्टी की पंजाब एवं राजस्थान इकाइयों में कलह है और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों की इकाइयों में गुटबाजी देखने को मिल रही है।
यूपी में कांग्रेस की रणनीति के लिए भी झटका उत्तर प्रदेश में फरवरी-मार्च, 2022 में विधानसभा चुनाव होना है और इसमें कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा के चेहरे के साथ अपने पुराने वोटबैंक- ब्राह्मण, मुस्लिम और दलित वर्ग में फिर से पैठ बनाने की कोशिश में है। प्रसाद का जाना कांग्रेस की रणनीति के लिए भी झटका है।
जितिन प्रसाद के पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी बीजेपी में जाने की अटकलें थीं। कहा जाता है कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मनाने पर प्रसाद ने उस वक्त बीजेपी में जाने का फैसला बदल दिया था।
कांग्रेस के असंतुष्ट G-23 नेताओं में शामिल थे जितिन जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।
पत्र से जुड़े विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर जितिन प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था। हालांकि बाद में प्रसाद ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व में पूरा विश्वास है।
सोनिया गांधी को चुनौती देने वाले जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं जितिन जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं। उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव भी लड़ा था।
2004 में पहली बार बने सांसद, मनमोहन सरकार में रहे मंत्री प्रसाद ने 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था और उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने 2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने यूपीए सरकार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग व मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली।
यूपी में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरा थे जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले जितिन प्रसाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में तिलहर सीट से हाथ आजमाया लेकिन इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली।
2014, 2019 के चुनाव में मिली थी हार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा सीट से वह हार गए थे। उन्हें कुछ महीने पहले पश्चिम बंगाल के लिए कांग्रेस प्रभारी बनाया गया था। वहां राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई।
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