#जगन्नाथरथयात्रा2020
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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आखिर क्यों हर साल बीमार हो जाते हैं भगवान जगन्नाथ? इस चमत्कारी काढ़े ने किया स्वस्थ
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चैतन्य भारत न्यूज करीब 15 दिन की अस्वस्थता के बाद भगवान जगन्नाथ, प्रभु बलभद्र एवं देवी सुभद्रा पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। प्रभु के स्वस्थ होने की जानकारी आज गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव को दी गई है। इस वजह से हुए थे बीमार बता दें कि भगवान जगन्नाथ स्नान पूर्णिमा के दिन 108 घड़े जल से स्नान करने के बाद बीमार हो गए थे। दरअसल, इस पूर्णिमा पर देव स्नान कराने के दौरान भगवान जगन्नाथ को लू लगने की परंपरा है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए पूरा ध्यान रखा जाता है। इसलिए मंदिर को 15 दिन के लिए बंद कर दिया गया था। इस दौरान दर्शन-पूजन भी बंद हो गया था। मंदिर में न तो पूजा हुई और न ही आरती। रोजाना पुजारी कमरे के किनारे पर दीपक और अगरबत्ती जलाकर रख देते थे। 15 दिन तक पिलाया गया काढ़ा बीमार होने पर भगवान जगन्नाथ को 15 दिन तक काढ़ा पिलाया जाता है। जानकारी के मुताबिक, यह काढ़ा इलायची, लौंग, चंदन, काली मिर्च, जायफल और तुलसी को पीसकर बनाया जाता है। इसके अलावा भगवान को इस मौ��म में आ रहे सभी फलों का भोग भी लगाते हैं। बीमार होने के कारण भगवान सिंहासन पर भी नहीं विराजते हैं। इस दौरान वह खाट पर ही विश्राम करते हैं। किसी तरह की परेशानी न हो, इसलिए उन्हें हल्के वस्त्र ही पहनाए जाते हैं। जगन्नाथ यात्रा पर लगाई रोक सेहत ठीक होने ही भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। इस दौरान उन्हें राजसी वेशभूषा पहनकर उनका भव्य शृंगार किया जाता है। फिर उनकी आरती कर सिंहासन पर विराजमान किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर रोक लगा दी है। ये भी पढ़े... सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर लगाईं रोक, कहा- हमने इजाजत दी, तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे इस अनोखे मंदिर में भगवान जगन्नाथ स्वयं ही देते हैं मानसून आने की सूचना, मंदिर के गुंबद से टपकी बूंदें भगवान जगन्नाथ को भी हर वर्ष 14 दिन के लिए किया जाता है क्वारेंटाइन, आज से नहीं बल्कि सदियों से है क्वारेंटाइन प्रथा Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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आखिर क्यों हर साल बीमार हो जाते हैं भगवान जगन्नाथ? इस चमत्कारी काढ़े ने किया स्वस्थ
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चैतन्य भारत न्यूज करीब 15 दिन की अस्वस्थता के बाद भगवान जगन्नाथ, प्रभु बलभद्र एवं देवी सुभद्रा पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। प्रभु के स्वस्थ होने की जानकारी आज गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव को दी गई है। इस वजह से हुए थे बीमार बता दें कि भगवान जगन्नाथ स्नान पूर्णिमा के दिन 108 घड़े जल से स्नान करने के बाद बीमार हो गए थे। दरअसल, इस पूर्णिमा पर देव स्नान कराने के दौरान भगवान जगन्नाथ को लू लगने की परंपरा है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए पूरा ध्यान रखा जाता है। इसलिए मंदिर को 15 दिन के लिए बंद कर दिया गया था। इस दौरान दर्शन-पूजन भी बंद हो गया था। मंदिर में न तो पूजा हुई और न ही आरती। रोजाना पुजारी कमरे के किनारे पर दीपक और अगरबत्ती जलाकर रख देते थे। 15 दिन तक पिलाया गया काढ़ा बीमार होने पर भगवान जगन्नाथ को 15 दिन तक काढ़ा पिलाया जाता है। जानकारी के मुताबिक, यह काढ़ा इलायची, लौंग, चंदन, काली मिर्च, जायफल और तुलसी को पीसकर बनाया जाता है। इसके अलावा भगवान को इस मौसम में आ रहे सभी फलों का भोग भी लगाते हैं। बीमार होने के कारण भगवान सिंहासन पर भी नहीं विराजते हैं। इस दौरान वह खाट पर ही विश्राम करते हैं। किसी तरह की परेशानी न हो, इसलिए उन्हें हल्के वस्त्र ही पहनाए जाते हैं। जगन्नाथ यात्रा पर लगाई रोक सेहत ठीक होने ही भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। इस दौरान उन्हें राजसी वेशभूषा पहनकर उनका भव्य शृंगार किया जाता है। फिर उनकी आरती कर सिंहासन पर विराजमान किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर रोक लगा दी है। ये भी पढ़े... सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर लगाईं रोक, कहा- हमने इजाजत दी, तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे इस अनोखे मंदिर में भगवान जगन्नाथ स्वयं ही देते हैं मानसून आने की सूचना, मंदिर के गुंबद से टपकी बूंदें भगवान जगन्नाथ को भी हर वर्ष 14 दिन के लिए किया जाता है क्वारेंटाइन, आज से नहीं बल्कि सदियों से है क्वारेंटाइन प्रथा Read the full article
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