#च���र
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egodb · 6 months ago
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कश्चित् आम्रवणं छित्त्वा पलाशांश्च निषिञ्चति। पुष्पं दृष्ट्वा फले गृध्नुः सः शोचति फलागमे॥२.६३.८॥
Translation:—After clearing a mango grove, one waters the palash trees. Seeing the flowers, he, desirous of fruits, laments in the harvest season.
Palash flowers and tree ↓↓
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Mango trees produce a buttload of mangoes. Our one (1) mango tree gave over 17 dozen (> 180) mangoes last season.
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अन्वयः—आम्रवणं छित्त्वा कश्चित् पलाशान् निषिञ्चति। फलागमे च पुष्पं दृष्ट्वा फले गृध्नुः सः शोचति॥
छन्दः—अनुष्टुप्। श्लोकः। ऽ।ऽ ।।ऽ ऽऽ ।ऽऽ ।।ऽ ।। ऽऽऽ ऽ।ऽ ऽऽ ऽऽ। ।।ऽ ।ऽ र स ग ग​, य स ल ल​। म र ग ग​, त स ल ग​॥
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पदच्छेदः—कश्चित् १.१ anyone; आम्रवणम् २.१ ((अमँ गत्यादिषु + रक्) + (वनँ शब्दे + घ​)) to-mango-grove; छित्त्वा ०.० (छिदिँर् द्वैधीकरणे + क्त्वा) having-cut; पलाशान् २.३ (पलाशानि पर्णानि सन्त्यस्य। अष्टा॰५.२.१२७) to-palash-trees; च ०.० (अव्यय​) and; निषिञ्चति प्र​.१ (नि + षि॒चँ॑ क्षरणे, लँट्) waters। पुष्पम् २.१ (पुष्पँ विकसने + अच्) to-flower; दृष्ट्वा ०.० (दृ॒शिँर् प्रेक्षणे + क्त्वा) having-seen; फले ७.१ (ञिफलाँ विशरणे + अच्) on-fruit; गृध्नुः १.१ (गृघुँ अभिकाङ्क्षायाम् + क्नुः) desirous; सः १.१ (तत्, पुँ) he; शोचति प्र​.१ (शुचँ शोके, लँट्) laments; फलागमे ७.१ ((ञिफलाँ विशरणे + अच्) + ((आङ् + ग॒मॢँ गतौ) + अच्)) in-arrival-of-fruit॥
Source: वाल्मीकिरामायणम् २.६३.८।
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fortunetellersdilettante · 5 months ago
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एसओएस, ओह् भेस च ऐ भेस च इक ओह् भेड़िया ऐ बाह् र औना, बाह् र औना, बाह् र औना इक पालतू कुड़ी, तुस मेरे शा इ'यै मंगदे ओ डार्लिंग, एह् कोई चुटकला नेईं ऐ, एह् लाइकेंथ्रोपी ऐ चन्नै हून जागदा ऐ, ���क्खीं खुʼल्लियां रौंह् दियां न मेरे शरीर दी लालसा ऐ, इस करियै भुक्खें गी खुआओ में सोमबार कोला सोमबार ते शुक्करबार कोला शुक्करबार तक्कर अपने आप गी तुंʼदे लेई समर्पत करा'रदा आं मिगी एह् दे च रक्खने आस्तै लोड़चदा बदला जां शैल प्रोत्साहन नेईं थ्होआ मिगी दफतर च कॉफी मशीन आंह् गर थोह् ड़ा गाली मसूस होन लगी पेई ऐ इस करियै में अपने लेई इक प्रेमी आह् नने ते तुसें गी एह् दे बारे च सब किश दस्सने आस्तै कुतै आरामदायक थाह् र जा'रना आं कोठरी च इक भेड़िया ऐ खोह् ल्लो ते इसगी मुफत सैट्ट करो तुंʼदी अलमारी च इक ओह् भेड़िया ऐ इसगी बाह् र निकलन देओ, तां जे एह् साह् लेई सकै इक बार दे पार बैठे, अपने शकार गी घूरदे होई हुनै तक्कर चंगा चला दा ऐ, ओह् अपना रस्ता बनाने आह् ली ऐ रातीं दे जीव इन्ने विवेकपूर्ण नेईं न चन्न मेरा शिक्षक ऐ, ते में ओह् दा विद्यार्थी आं इक्कल पुरशें दा पता लाने आस्तै, में अपने उप्पर इक बशेश रडार हासल कीता। ते अग्ग स्हालने आह् ले मैह् कमे दी हाटलाइन, जेकर में बाद इच मुसीबत च पेई जां प्यारे लौह् के डिवो दी तपाश नेईं करना
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bluetreeturtleoaf · 7 months ago
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#हिन्दु_समाज_धोकामा
संत रामपालजी महाराज :
श्रीमद्भगवद्गीताकाे अध्याय पन्ध्र, श्लोक चार - "ततः, पदम्, तत्, परिमार्गितव्यम्, यस्मिन्, गताः, न, निवर्तन्ति, भूयः,
तम्, एव्, च, आद्यम्, पुरुषम्, प्रपद्ये, यतः, प्रवृत्तिः, प्रसृता, पुराणी।।४।।"
त्यसैगरी,
अध्याय पन्ध्रको श्लोक सत्रमा - "उत्तमः, पुरुषः, तु, अन्यः, परमात्मा, इति, उदाहृतः,
यः, लोकत्रायम् आविश्य, बिभर्ति, अव्ययः, ईश्वरः।।१७।।"
गीताका यी श्लोकबाट संत रामपालजी महाराजले स्पष्ट पार्नुभएको छ कि भगवानको आराधना गर्ने भक्तहरू यस संसारमा कहिल्यै फर्केर आउनुपर्दैन, अर्थात् उनीहरूको जन्म र मृत्यु सदाको लागि समाप्त हुन्छ।
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dharmarajdas · 8 months ago
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#आउनुहोस्_सनातनलाई_जानौँ असत्य: जन्म र मृत्यु कहिल्यै समाप्त हुँदैन। सत्य: गीता (१५:४) “ततः पदम् तत् परिमार्गितव्यम् यस्मिन् गताः न निवर्तन्ति भूयः तम् एव् च आद्यम् पुरुषम् प्रपद्ये यतः प्रवृत्तिः प्रसृता पुराणी।4।“ परमात्माको आराधना गर्ने भक्तहरू यस संसारमा कहिल्यै फर्केर आउँदैनन् ।
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samaya-samachar · 9 months ago
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अर्घाखाँचीमा सवारी दुर्घटना, एक जनाको मृत्यु
अर्घाखाँची, २१ चैत । जिल्लाको शितगंगा नगरपालिकामा मोटरसाइकल र जिप एक आपसमा ठोक्किँदा एक जनाको मृत्यु भएको छ। शितगंगा नगरपालिका १४, जलुकेपानीमा लु २ च ७९३२ नम्बरको सिङ्गल क्याप जिप र लु ६ प ७९३१ नम्बरको मोटरसाइकल ठोक्किँदा मोटरसाइकल चालक कपिलवस्तु निवासी २८ वर्षीय नियाज मुसलवानको घटनास्थलमै मृत्यु भएको प्रहरीले जनाएको छ। जिप चालक घाइते रुपन्देहीका २६ वर्षीय सनिउल्लाह थकिरको  उपचार भइरहेको छ।…
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ragbuveer · 10 months ago
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (अमावस्या तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-10-मार्च-2024
वार :---------रविवार
तिथी :---30अमावस्या14:30
पक्ष:-------कृष्णपक्ष
माह:-------फाल्गुन
नक्षत्र:---पूर्वाभाद्रपद:-25:55
योग:------साध्य:-16:13
करण:------नाग:-14:30
चन्द्रमा:----कुंम्भ:-20:40/मीन
सूर्योदय:-----06:56
सूर्यास्त:------18:40
दिशा शूल------पश्चिम
निवारण उपाय:---जौं या पान का सेवन
ऋतु :------बसंत ऋतु
गुलीक काल:---15:45से 17:14
‌राहू काल:-17:14से18:40
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
⏲️🌞चोघङिया दिन🌞⏲️
चंचल:-08:25से09:54तक
लाभ:-09:54से11:23तक
अमृत:-11:23से12:52तक
शुभ:-14:16से15:45तक
🕰️🌓चोघङिया रात🌗🕰️
शुभ:-18:40से20:10तक
अमृत:-20:10से21:41तक
चंचल:-21:41से23:12तक
लाभ :-02:08से03:39तक
शुभ :-05:25से06:56तक 🍁आज के विशेष योग🍁 वर्ष का 353वाँ दिन, सर्वसिद्धि योग 25:55 से 30:47, देवपितृ कार्ये अमावस्या, शिव खप्पर पूजा, द्बापरयुगादि पचंक,
🌺👉 टिप्स 👈🌺
अमावस्या के दिन जल्दी उठकर पीपल के पेड़ की पूजा करे।
*सुविचार*
सब दुखः दूर होने के बाद मन प्रसन्न होगा ये एक वहम हैं
मन प्रसन्न होने के बाद दुखः दूर होगें ये वास्तिवकता हैं।
सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
*🐑मेष :~ अ, ल, इ*
अचानक हानि-दुर्घटना संभव है। शरीर अस्वस्थ रहेगा। पराक्रम से लाभ के अवसर बनेंगे। व्यापार-व्यवसाय से लाभ होगा। सत्कर्म में रुचि बढ़ेगी।
*🐂वृषभ :~ ब, व, उ*
शुभ समाचार मिलेंगे। श‍त्रु परास्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय, निवेश-नौकरी के लिए समय ठीक है। सम्मान मिलेगा। आर्थिक स्थिति संतोषजनक रहेगी।
*��मिथुन :~ क, छ, घ*
शारीरिक कष्ट हो सकता है। यात्रा से लाभ होगा। अचानक लाभ के प्रस्ताव आएंगे। व्यापार-निवेश से लाभ होगा। परिवार में सुख-शांति होगी।
*🦀कर्क :~ ड, ह*
व्यय बढ़ने से कर्ज लेना पड़ सकता है। चोरी-दुर्घटना से बचें। शत्रु कष्ट दे सकते हैं। मातृपक्ष की चिंता होगी। किसी की आलोचना न करें।
*🦁सिंह :~ म, ट*
यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से लाभ होगा। निवेश के लिए शुभ समय है। शत्रु शांत रहेंगे। समस्या का हल निकलेगा।
*👸🏼कन्या :~ प, ठ, ण*
अचानक संकट उपस्थित हो सकता है। नई योजनाएं बनेंगी। कार्य में रुचि बढ़ेगी। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। नवीन काम के अवसर भी हैं।
*⚖तुला :~ र, त*
शरीर कष्ट तथा धनहानि की आशंका है। धर्म-कर्म, तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। सरकार कार्य पूर्ण होंगे। आध्यात्मिक प्रवृत्ति के कारण मन में शांति रहेगी।
*🦂वृश्चिक :~ न, य*
चोरी-दुर्घटना से हानि संभव है। व्यय बढ़ेगा। व्यापार-व्यवसाय धीमा चलेगा। विवाद से बचना होगा। कई दिनों के रुके कार्य होने के अवसर हैं।
*🏹धनु :~ भ, ध,फ*
गृहस्थ सुख मिलेगा। सरकारी कार्य पूर्ण होंगे। व्यापार-निवेश से लाभ होगा। यात्रा कल्याणकारी होगी। घरेलू उलझनों को अनदेखा न करें।
*🐏मकर :~ ख, ज*
शत्रु संकट उपस्थित करेंगे। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। व्यापार-निवेश, नौकरी-इंटरव्यू मनमाफिक चलेंगे। संतान के कार्यों पर नजर रखें।
*⚱कुंभ :~ ग, स, श, ष*
विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। शुभ समाचार मिलेंगे। दावत का आनंद मिलेगा। शत्रु षड्यंत्र रचेंगे। दिन उत्साहवर्धक रहेगा।
*🐠मीन :~ द, च*
चोरी-दुर्घटना से हानि संभव। वाद-विवाद से मानहानि होगी। व्यापार-निवेश में हानि संभव। जोखिम के कार्य टाल दें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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astrovastukosh · 1 year ago
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🌞तुलसी पूजन दिवस : 25 दिसम्बर 2023🌞
🚩तुलसी पूजन विधि
👉25 दिसम्बर को सुबह स्नानादि के बाद घर के स्वच्छ स्थान पर तुलसी के गमले को जमीन से कुछ ऊँचे स्थान पर रखें । उसमें यह मंत्र बोलते हुए जल चढ़ायें-*
*महाप्रसादजननी सर्वसौभाग्यवर्धनी ।*
*आधिव्याधिहरा नित्यं तुलसि त्वां नमोऽस्तु ते ।।
👉फिर तुलस्यै नमः मंत्र बोलते हुए तिलक करें, अक्षत (चावल) व पुष्प अर्पित करें तथा कुछ प्रसाद चढ़ायें । दीपक जलाकर आरती करें और तुलसी जी की 7,11, 21, 51 या 111 परिक्रमा करें ।*
*यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च ।*
*तानि सवार्णि नश्यन्तु प्रदक्षिणे पदे-पदे ।।*
👉उस शुद्ध वातावरण में शांत हो के भगवत्प्रार्थना एवं भगवन्नाम या गुरुमंत्र का जप करें । तुलसी पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करें ।*
👉तुलसी के समीप रात्रि 12 बजे तक जागरण कर भजन, कीर्तन, सत्संग-श्रवण व जप करके भगवद्-विश्रांति पायें । तुलसी नामाष्टक का पाठ भी पुण्यकारक है ।*
*🔸तुलसी नामाष्टक🔸*
*वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनीं विश्वपूजिताम् ।*
*पुष्पसारां नन्दिनीं च तुलसीं कृष्णजीवनीम् ।।*
*एतन्नामष्टकं चैतस्तोत्रं नामार्थसंयुतम् ।*
*यः पठेत्तां च संपूज्य सोऽश्वमेधफलं लभेत् ।।*
*🔸भगवान नारायण देवर्षि नारदजी से कहते हैं- "वृंदा, वृंदावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी – ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं । जो पुरुष तुलसी की पूजा करके इस नामाष्टक का पाठ करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है ।" (ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खंड 22.32-33)*
*🔹धन-सम्पदा प्रदायिनी, दरिद्रतानाशक तुलसी🔹*
*👉 ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने तथा पूजा के स्थान र गंगाजल रखने से बरकत होती है ।*
*👉 तुलसी को रोज जल चढ़ाने तथा गाय के घी का दीपक जलाने से घर में स ख-समृद्धि बढ़ती है ।*
*👉 जो दारिद्रय मिटाना व सुख-सम्पदा पाना चाहता है, उसे तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर शुद्ध भाव व भक्ति से तुलसी के पौधे की 108 परिक्रमा करनी चाहिए ।*
*🔸1. श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृन्दावन्यै स्वाहा । इस दशाक्षर मंत्र के द्वारा विधिसहित तुलसी का पूजन करने से मनुष्य को समस्त सिद्धि प्राप्त होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण प्र. खं. 22.10.11)*
*🔸2. जिस घर में तुलसी का पौधा हो उस घर में दरिद्रता नहीं रहती । जहाँ तुलसी विराजमान होती हैं, वहाँ दुःख, भय और रोग नहीं ठहरते । (पद्म पुराण, उत्तर खण्ड)*
*🔸3. सोमवती अमावस्या को तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है ।*
#akshayjamdagni #hindu #Hinduism #bharat #hindi #panchang #vedicastrology #astrology #hindusm #rashifal #astrologypost
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jyotis-things · 1 year ago
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#muktibodh_part131 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part132
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 256-257
विशेष :- उपरोक्त प्रमाणों को विवेचन करके सद्भावना पूर्वक पुनर्विचार करें तथा व को ब तथा छोटी बड़ी मात्राओं की शुद्धि-अशुद्धि से ही ज्ञानी व अज्ञानी की पहचान नहीं होती, वह तो तत्त्वज्ञान से ही होती है।
(कविर् देव) = कबीर परमेश्वर के विषय में ‘व‘ को ‘ब‘ कैसे सिद्ध किया है? छोटी इ (ि ) की मात्रा बड़ी ई( ी) की मात्रा कैसे सिद्ध हो सकती है? इस वाद-विवाद में न पड़कर तत्त्वज्ञान को समझना है। जैसे यजुर्वेद है, यह एक पवित्र पुस्तक है। इसके विषय में कहीं संस्कृत भाषा में विवरण किया हो जहां यजुः या यजुम् आदि शब्द लिखें हो तो भी पवित्र पुस्तक यजुर्वेद का ही बोध समझा जाता है। इसी प्रकार पूर्ण परमात्मा का वास्तविक नाम कविर्देव है। इसी को भिन्न-भिन्न भाषा में कबीर साहेब, कबीर परमेश्वर कहने लगे। कई श्रद्धालु शंका व्यक्त करते हैं कि कविर्
को कबीर कैसे सिद्ध कर दिया। व्याकरण दृष्टिकोण से कविः का अर्थ सर्वज्ञ होता है। दास की प्रार्थना है कि प्रत्येक शब्द का कोई न कोई अर्थ तो बनता ही है। रही बात व्याकरण की। भाषा प्रथम बनी क्योंकि वेद वाणी प्रभु द्वारा कही है, तथा व्याकरण बाद में ऋषियों द्वारा बनाई है।
यह त्रुटियुक्त हो सकती है। वेद के अनुवाद (भाषा-भाष्य) में व्याकरण व्यतय है अर्थात् असंगत तथा विरोध भाव है। क्योंकि वेद वाणी मंत्रों द्वारा पदों में है। जैसे पलवल शहर के आस-पास के व्यक्ति पलवल को परवर बोलते हैं। यदि कोई कहे कि पलवल को कैसे परवर सिद्ध कर दिया। यही कविर् को कबीर कैसे सिद्ध कर दिया कहना मात्रा है। जैसे क्षेत्रय भाषा में पलवल शहर को परवर कहते हैं। इसी प्रकार कविर् को कबीर बोलते हैं, प्रभु वही है। महर्षि दयानन्द जी ने ‘‘सत्यार्थ प्रकाश’’ समुल्लास 4 पृष्ठ 100 पर (दयानन्द मठ दीनानगर पंजाब से प्रकाशित पर) ‘‘देवृकामा’’का अर्थ देवर की कामना करने किया है देवृ को पूरा ‘‘ र ’’ लिख कर देवर किया है। कविर् को कविर फिर भाषा भिन्न कबीर लिखने व बोलने में कोई आपत्ति या
व्याकरण की त्रुटि नहीं है। पूर्ण परमात्मा कविर्देव है, यह प्रमाण यजुर्वेद अध्याय 29 मंत्र 25 तथा सामवेद संख्या 1400 में भी है जो निम्न है :-
यजुर्वेद के अध्याय नं. 29 के श्लोक नं. 25 (संत रामपाल दास द्वारा भाषा-भाष्य) :-
समिद्धोअद्य मनुषो दुरोणे देवो देवान्यजसि जातवेदः।
आ च वह मित्रमहश्चिकित्वान्त्वं दूतः कविरसि प्रचेताः।।25।।
समिद्धःअद्य-मनुषः-दुरोणे-देवः-देवान्-यज्-असि-जातवेदः- आ- च-वह-
मित्रामहः-चिकित्वान्-त्वम्-दूतः-कविर्-असि-प्रचेता
अनुवाद :- (अद्य) आज अर्थात् वर्तमान में (दुरोणे) शरीर रूप महल में दुराचार पूर्वक (मनुषः) झूठी पूजा में लीन मननशील व्यक्तियों को (समिद्धः) लगाई हुई आग अर्थात् शास्त्र विधि रहित वर्तमान पूजा जो हानिकारक होती है, उसके स्थान पर (देवान्) देवताओं के (देवः) देवता (जातवेदः) पूर्ण परमात्मा सतपुरूष की वास्तविक (यज्) पूजा (असि) है। (आ) दयालु
(मित्रामहः) जीव का वास्तविक साथी पूर्ण परमात्मा ही अपने (चिकित्वान्) स्वस्थ ज्ञान अर्थात यथार्थ भक्ति को (दूतः) संदेशवाहक रूप में (वह) लेकर आने वाला (च) तथा (प्रचेताः) बोध
कराने वाला (त्वम्) आप (कविरसि) कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर हैं।
भावार्थ - जिस समय पूर्ण परमात्मा प्रकट होता है उस समय सर्व ऋषि व सन्त जन शास्त्र विधि त्याग कर मनमाना आचरण अर्थात् पूजा द्वारा सर्व भक्त समाज को मार्ग दर्शन
कर रहे होते हैं। तब अपने तत्त्वज्ञान अर्थात् स्वस्थ ज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं ही कविर्देव अर्थात् कबीर प्रभु ही आता है।
संख्या नं. 1400 सामवेद उतार्चिक अध्याय नं. 12 खण्ड नं. 3 श्लोक नं. 5
(संत रामपाल दास द्वारा भाषा-भाष्य) -
भद्रा वस्त्र समन्यावसानो महान् कविर्निवचनानि शंसन्।
आ वच्यस्व चम्वोः पूयमानो विचक्षणो जागृविर्देववीतौ।।5।।
भद्रा-वस्त्र-समन्या-वसानः-महान्-कविर्-निवचनानि-शंसन्-आवच्यस्व-चम्वोः- पूयमानः- विचक्षणः- जागृविः-देव-वीतौ
अनुवाद :- (सम् अन्या) अपने शरीर जैसा अन्य (भद्रा वस्त्र) सुन्दर चोला यानि शरीर (वसानः) धारण करके (महान् कविर्) समर्थ कविर्देव यानि कबीर परमेश्वर (निवचनानि शंसन्)
अपने मुख कमल से वाणी बोलकर यथार्थ अध्यात्म ज्ञान बताता है, यथार्थ वर्णन करता है। जिस कारण से (देव) परमेश्वर की (वितौ) भक्ति के लाभ को (जागृविः) जागृत यानि प्रकाशित करता है। (विचक्षणः) कथित विद्वान सत्य साधना के स्थान पर (आ वच्यस्व) अपने वचनों से (पूयमानः)
आन-उपासना रूपी मवाद (च��्वोः) आचमन करा रखा होता है यानि गलत ज्ञान बता रखा होता है।
भावार्थ :- जैसे यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र एक में कहा है कि ‘अग्नेः तनुः असि =
परमेश्वर सशरीर है। विष्णवे त्वा सोमस्य तनुः असि = उस अमर प्रभु का पालन पोषण करने के लिए अन्य शरीर है जो अतिथि रूप में कुछ दिन संसार में आता है। तत्त्व ज्ञान से अज्ञान निंद्रा में सोए प्रभु प्रेमियों को जगाता है। वही प्रमाण इस मंत्र में है कि कुछ समय के लिए पूर्ण परमात्मा कविर्देव अर्थात् कबीर प्रभु अपना रूप बदलकर सामान्य व्यक्ति जैसा रूप बनाकर पृथ्वी मण्डल पर प्रकट होता है तथा कविर्निवचनानि शंसन् अर्थात् कविर्वाणी बोलता है। जिसके माध्यम से तत्त्वज्ञान को जगाता है तथा उस समय महर्षि कहलाने वाले चतुर प्राणी मिथ्याज्ञान के आधार पर शास्त्र विधि अनुसार सत्य साधना रूपी अमृत के स्थान पर शास्त्र विधि रहित पूजा रूपी मवाद को श्रद्धा के साथ आचमन अर्थात् पूजा करा रहे होते हैं। उस समय पूर्ण परमात्मा स्वयं प्रकट होकर तत्त्वज्ञान द्वारा शास्त्र विधि अनुसार साधना का ज्ञान प्रदान करता है।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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fortunetellersdilettante · 5 months ago
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خارج از محل، خارج از فضا و زمان، گسترده ای بیدار خارج از کاغذ من هستم، خوب نیست من از ذهنم خارج شدم فضای بیرونی، جایی که من می رفتم به جایی که هیچ کس نمی داند شناور در سرعت که در آن، آه، در حال حاضر شما من را ببینید و در حال حاضر شما نمی
من ترس از سقوط را احساس نمی کنم، من می خواهم به پرواز اگر همه چیز خوب پیش برود پس من اما انگار اين کار رو نکنم چي؟
من درست جايي که قبلا بودم خواهم بود اما من تنها نیستم، شما گفتید، "دستم را بگیر" و ما می رویم (و می رویم)، و می رویم (و می رویم) و من امیدوارم که ما بیش از حد مصرف نکنید چون ما اين کار رو نميکنيم چون نکنيم نه، ما نمی (نه، ما نمی) همیشه می دانم که ما به اندازه کافی داشته اند
صبر کنید
حالا افکار من خیلی ابری و قلب من با نفرت شلوغ من خيلي نا امید شدم مثل اینکه روحم از من گرفته شده وعده شکسته از همه چیز که من فکر می کردم شما فکر کردی گفتی این هیچوقت درد نکنه این چیزی است که آن را انجام داد، که همه
من ترس از سقوط را احساس نمی کنم فکر کردم می توانم پرواز کنم خوب پیش ن رفت، اما اوه خوب چه می دانید؟
من درست برگشتم جايي که قبلا بودم اما من تنها نیستم، شما می گویید
ތަނަކުން ބޭރުގައި، ޖާގައާއި ވަގުތު ން ބޭރުވެ، ހޭލެވިއްޖެއެވެ. އައުޓް އޮފް ޕޭޕަރސް އައި އޭމް، ނޮޓް އޯކޭ އައި އޭމް އައުޓް މައި މައިންޑް ބޭރު ޖާގަ، އެއީ އަހަރެން ގޮއިން ކުރި ތަނެވެ. އެއްވެސް މީހަކަށް ނޭނގޭ ތަނަކަށް، ތަނަކަށް ފްލޯޓިންގ އެޓް އަ ސްޕީޑް، އަވް، ނައު ޔޫ ސީ މީ އެންޑް ނައު ޔޫ ޑޯންޓް
ވެއްޓުމުގެ ބިރެއް އިހުސާސެއް ނުކުރެވޭ، އަހަރެން ބޭނުން ވަނީ އުދުހޭށެވެ. ހުރިހާ ކަމެއް ރަނގަޅަށް ހިނގައްޖެނަމަ، އަޅުގަނޑު އެކަމަކު އަހަރެން އެކަން ނުކުރިޔަސް ކިހިނެއް ހެއްޔެވެ؟
އަހަރެން ކުރިން ހުރި ހިސާބަށް އަންނާނަން އެކަމަކު އަހަރެން އެކަނި ނޫޅެން، ބައްޕަ ބުނީ އަހަރެންގެ އަތް ހިފާށޭ. އަދި ތިމަންމެން (އެބަހީ: ތިމަންމެން) ހިނގައްޖައީމުއެވެ. ފަހެ، ތިމަންމެން ހިނގައްޖައީމުއެވެ. އަދި އަޅުގަނޑު އުންމީދު ކުރަން، އަޅުގަނޑުމެން އޯވަޑޯޒް ނުވާނެ ކަމަށް "ސަބަބަކީ އަހަންނަށް ނޭނގޭ ސަބަބެއް (އަހަންނަށް ނޭނގޭ ސަބަބު) އެހެންނޫނަސް އަހަންނަކަށް ނޭނގެ (ނޫން، އަހަންނަކަށް) އަހަންނަށް ފުދޭވަރެއްގެ ވަގުތެއް އެނގޭހެއްޔެވެ؟
އިންތިޒާރު ކުރާށެވެ.
މިހާރު އަހަރެންގެ ޚިޔާލުތައް އެހާ ވިލާގަނޑާއި ނަފްރަތުން ފުރިގެންވާ ހިތްތަކެވެ. އަހަރެންގެ ފުރާނަ ފޭރިގަތް ފަދައިން އަހަރެން ހުރީ މާޔޫސްވެފައެވެ. ތިމަންކަލޭގެފާނު ހީފުޅުކުރެއްވި ހުރިހާ ކަމެއްގެ ވަޢުދު ފުނޑުފުނޑުވެއްޖެއެވެ. ހީކުރީ މިއީ ދުވަހަކުވެސް ގެއްލުމެއް ނުލިބޭނެ ކަމަށް ބައްޕަ ބުނި ކަމަށް އެއީ އެކަން ކުރި ގޮތެވެ.
ވެއްޓޭނެ ކަމުގެ ބިރެއް އިހުސާސެއް ނުކުރެވެއެވެ. ހީކުރީ އަހަރެން އުދުހޭނެ ކަމަށް ރަނގަޅަށް ނުދިޔަ ނަމަވެސް އޯވެލް ކަލެއަށް އެނގެނީ ކިހިނެއް ހެއްޔެވެ؟
އަހަރެން އެނބުރި އައީ ކުރިން އުޅުނު ތަނަށެވެ. އެކަމަކު އަހަރެން އެކަނި ނޫޅެން، ބައްޕަ ބުނޭ
थाह् रै शा बाह् र, थाह् र ते समें शा बाह् र, पूरी चाल्ली जागृत में कागजें चा आं, ठीक नेईं में अपने दिमाग शा बाह् र आं बाह् री अंतरिक्ष, उत्थै गै में जा'रदा आं इक नेही थाह् र पर जित्थै कोई नेईं जानदा उस गति कन्नै तरदा जा'रदा ऐ जहां, उह्, हून तुस मिगी दिक्खदे ओ ते हून तुस नेईं दिक्खदे
मिगी डिग्गने दा डर मसूस नेईं होंदा ', में उड्डना चाह् न्नां जे सब किश ठीक रेहा तां में करङ पर जेकर में नेईं करनां तां केह् होग ?
में उत्थै गै रौंह् गा जित्थै में पैह् लें हा पर में इक्कला नेईं आं, तुसें आखेआ, "मेरा हत्थ लैओ" ते अस जंदे आं ( ते अस जंदे आं ), ते अस जंदे आं ( ते अस जंदे आं ) ते मिगी मेद ऐ जे अस मता खुराक नेईं लैने आं की जे अस नेईं करदे ( की जे अस नेईं करदे ) नेईं, अस नेईं करदे ( नेईं , अस नेईं ) कदें पता ऐ जे साढ़े कोल कुसलै काफी होआ ऐ
रुको
हून मेरे विचार इन्ने बदली दे न ते मेरे दिलै च नफरत दी भीड़ ऐ में इन्ना नराश आं जिʼयां मेरी आत्मा गी लेई लैता गेआ ऐ उस हर चीज दा त्रुट्टी दा वायदा जेह् ड़ा में सोचेआ हा जे तुस सोचेआ जे तुसें आखेआ हा जे एह् कदें दुखी नेईं होग इʼन्नै नेहा गै कीता, ओह् सब किश ऐ
मिगी डिग्गने दा डर मसूस नेईं होंदा सोचेआ जे में उड्डी सकनां एह् चंगा नेईं चलेआ, पर ओह चंगा तुस केह् जानदे ओ ?
में ठीक उत्थै बापस आं जित्थै में पैह् लें हा पर में इक्कला नेईं आं, तुस आखदे ओ
Niet op zijn plaats, uit ruimte en tijd, klaarwakker Zonder papieren ben ik, niet oké Ik ben gek De ruimte, dat is waar ik heen ging Naar een plek waar, een plek waar niemand het weet Zwevend in een tempo waarin, eh, nu je me ziet en nu niet meer
Ik voel de angst niet om te vallen, ik wil vliegen Als het allemaal goed gaat dan doe ik dat Maar wat als ik dat niet doe?
Ik zal precies zijn waar ik eerder was Maar ik ben niet de enige, je zei: "Pak mijn hand" En we gaan (en we gaan), en we gaan (en we gaan) En ik hoop dat we geen overdosis nemen Omdat we het niet doen (omdat we het niet doen) Nee, dat doen we niet (nee, dat doen we niet) Weet altijd wanneer we er genoeg van hebben
Wachten
Nu zijn mijn gedachten zo troebel en mijn harten zo vol haat Ik ben zo gefrustreerd alsof mijn ziel is weggenomen Gebroken belofte van alles wat ik dacht dat je was Ik dacht dat je zei dat dit nooit pijn zou doen Dat is wat het deed, dat is alles
Ik voel niet de angst om te vallen Dacht dat ik kon vliegen Het ging niet goed, maar ach Wat weet jij?
Ik ben precies terug waar ik eerder was Maar ik ben niet de enige, zeg je
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bluetreeturtleoaf · 2 years ago
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#Stop_Eat_Meat
Be vegetarian
- मनुस्मृति ५.५१
अनुमन्ता विशसिता निहन्ता क्रयविक्रयी।
संस्कर्ता चोपहर्ता च खादकृस्रति घातका :॥
जो पशुहत्या गर्छ, जो मांसाहारीको पक्ष लिन्छ वा प्रस्रय दिन्छ,जो मासुको बिक्रि गर्छ र जो खरीद गर्छ, जो यसलाई पकाउंछ र जसले मासुको भक्षण गर्छ तिनीहरु सबै नै पशुहत्याको पापका भागीदार हुन्छन।
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coolngr8 · 2 years ago
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Learning International Phonetic Alphabet through Devanagari Script
The first nine vowels of the Devanagari script (used for Hindi and Marathi languages) are: अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ए,ऐै,ओ.
In the same order, the corresponding symbols from the International Phonetic Alphabet (IPA) are as follows: अ: /ʌ/ as in "cut", /ɜ/ as in "bird" आ: /ɑ/ as in "father", /ə/ as in "sofa" इ: /ɪ/ as in "bit" ई: /i/ as in "bee" उ: /ʊ/ as in "foot", /ɯ/ as in "book" ऊ: /u/ as in "boot" ए: /e/ as in "bet", /ɛ/ as in "pet", /æ/ as in "cat" ऐै: /ɛə/ as in "pair" ओ: /o/ as in "boat" ऑ: /ɔ/ as in "caught" आय: /aɪ/ as in "buy" इय: /ɪə/ as in "beer" आू: /aʊ/ as in "cow" उ+अ: /ʊə/ as in "tour" नं: /ŋ/ as in "sing" (this is approximate)
Below are some noteworthy groupings of consonants: ड: /d/ as in "dog" ट: /t/ as in "top" थ: /θ/ as in "think" द: /ð/ as in "this"
ग: /g/ as in "go" ज: /dʒ/ as in "George", "judge" य: /j/ as in "yes" (this is confusing and should be double noted) च: /tʃ/ as in "church" स: /s/ as in "sit" श: /ʃ/ as in "shoe" ज़: /z/ as in "zip" ज़: /ʒ/ as in "vision" (this is approximate - no similar sound in Devanagari script) र: /ɹ/ as in "red"
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samaya-samachar · 10 months ago
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स्रोत नखुलेको १० लाख रकमसहित रौतहटबाट दुई जना पक्राउ
रौतहट, २२ फागुन । रौतहटको इशनाथ नगरपालिकास्थित बन्जरहाबाट सोमबार राति स्रोत नखुलेको १० लाख नेपाली नोटसहित दुई जनालाई प्रहरीले पक्राउ गरेको छ। उनीहरूलाई प्रहरीले आज सार्वजनिक गरेको हो। विशेष सूचनाको आधारमा जिल्ला प्रहरी र प्रहरी कार्यालय बन्जरहाबाट संयुक्त रुपमा खटिएको टोलीले इशनाथ–१ स्थित भित्री सडकमा प्र ३–०१–०२३–च ५३८५ नम्बरको ब्रेजा गाडीलाई रोकेर चेकजाच गर्दा स्रोत नखुलेको १० लाख नेपाली…
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arquetopia · 7 years ago
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#nofilter #arquetopia #artistresidency #artistinresidence #mexico #그림 #skildery #Gemälde #لوحة #绘画 #चित्र #lukisan #ペインティング #pintura #картина #sanaa #ศิลปะ #kleur #farbe #اللون #颜色 #색깔 #couleur #रंग #warna #colore #色 #kolor #цвет #สี #renk
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voidsteffy · 2 years ago
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Telugu Baalasiksha with Manu
Part 1 | Part 2📍| Part 3 | Part 4
Hello and we're back! Omg the response I got for the first part (where we covered vowels) was deafening, we're tagging a lot more people and even @aasthuu has started her own Bangla Shikkha Prokolpo📝📝 which I'm loving so far!
I'd love to see y'all writing whatever we do in every post so that you'll remember. As my grandma says, "Whatever curves you think you'll remember, you will not. So write them down." Just reblog my Baalasiksha posts with your input/homework/doubts or mention me or tag it as 'telugu with manu' and we can work on it together❤️
Today, we are going to get to our second checkpoint - consonants aka "hallulu" like " हल्लुलु "
Consonants
(there are a lot of these so buckle up, don't freak out, i can give you tips to remember them too)
క = क = ka (write it like an S and put a tick over it)
ఖ = ख = kha (write a coil type 2 but extend the end upwards, put a reverse tilak at the bottom)
గ = ग = ga (an inverted U and put a tick over it)
ఘ = घ = gha (write the vowel 'ఎ' and put a tick over it, then stick a follow up curve like a tilted half U. top it off with a reverse tilak at the bottom)
ఙ = ञ = inya (write the vowel ఒ (short o), then put a perpendicular sign) ****in telugu inya is used instead of gya, so "gyan/ज्ञान" is pronounced "inyan"
చ = च = cha (like chair) (start with a half च but take it for another bump, top it off with a tick - i'll show dw)
ఛ = छ = chha (like "achhoo!") (write చ, put a reverse tilak at the bottom)
జ = ज = ja (hard g) (write the vowel ఒ (short o), then put a coil at the neck)
ఝ = झ = jha (i'll write and show down below)
ఞ = इणि = ini (write ఇ and put a perpendicular sign at the neck)
ట = ट = hard t ("tip") (i'll write and show down below)
ఠ = ठ = ttha (force the hh sound also with the hard t) (write ठ without the stem, top it off with a tick, also dot in the belly)
డ = ड = da ("don't") (write ఉ without the stem or the rod bisecting it through, top it off with a tick)
ఢ = forceful ढ ("dhol") (write ఉ without the stem or the rod bisecting it through, top it off with a tick and reverse tilak at the bottom)
ణ = ण = roll your 'na' (a flipped '3' and make a standing coil, i'll show)
త = त = "tabla" (i'll show an easier way to write below)
థ = थ = "thaali" (a reverse heart, top off with a tick mark, reverse tilak at the bottom, dot in the belly)
ద = द = "the" (a reverse heart, top off with a tick mark)
ధ = ध = like a bang, dhum (a reverse heart, top off with a tick mark, reverse tilak at the bottom)
న = न = "no" (i'll show an easier way to write below)
ప = प = pa (write the vowel ఎ (e) put a tick mark without touching the body) ****do not confuse for the vowel ఎ
ఫ = फ but without ph emphasis = fa (write the letter ప and put a reverse tilak at the bottom) ****do not confuse for the vowel ఎ
బ = ब = ba (write the letter ఋ but without the 2 trailing half 'U's) ****do not confuse for ఋ (ru) or ఒ (short o) or జ (hard g)
భ = भ = bha (write the letter బ, top it off with a tick mark, put a reverse tilak at the bottom) ****do not confuse for ఋ (ru) or ఒ (short o) or జ (hard g)
మ = म = ma (write the vowel ఎ (e) put a tick mark touching it, put a trailing tilted half U, i'll show below) ****do not confuse for ఘ (gha) or ప (pa)
య = य = ya (write the letter మ but with a bigger circle) ****do not confuse for ఘ (gha) or ప (pa) or మ (ma)
ర = र = ra (don't roll it) (a circle with a tick, easy peasy)
ల = ल = la (a bulging U coiled on the top left end)
వ = व = va (write the vowel ఎ (e) put a tick mark touching it) ****do not confuse for ఘ (gha) or ప (pa) or మ (ma) or య (ya) or vowel ఎ (e)
శ = स्य = sya (or sa as in "Sally") (sort of like a half 8 with a tick, i'll show y'all below)
ష = ष = sha (write the vowel ఎ (e) put a tick mark without touching the body, put a small flipped comma/small '|' beneath. it can be written in another way, i'll show) ****do not confuse for ఘ (gha) or ప (pa) or మ (ma) or య (ya) or vowel ఎ (e) or వ (va)
స = स = sa (write న except don't let the tick mark touch the body) ****do not confuse for న (na)
హ = ह = ha (write ప (pa) and drag a reverse sigma 'σ' from the body's top)
ళ = the ल equivalent of ण (ळ in Marathi) = roll your la (sort of like a half 8 again, with a tick, will show) ****do not confuse for శ (sya)
క్ష = क्ष = ksha (write క (ka) and draw 2 and a half 'U's below) ⁘⁘⁘ so we're technically writing it like क्-षा
AAAAAAND we're done! (phew)
Okay that was long, 35 consonants and some sounds that are inexistent in English. These can be confusing at times, but i really want you all (whoever is planning on sticking through this and learn Telugu) to write every letter down till you can remember how to read it/pronounce it. Reading should come as first priority as you'll seldom be asked to write only in Telugu, but reading can unlock a lot of lingual fun. So make sure of that my honeydrips.
Here's a picture encompassing all the consonants we have learnt today, written by hand so that we can have a good idea of the shapes outside of print.
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homework
write this down at least 5 times (the 5th time try to have learnt it by heart), post it and tag me or dm me/send via asks
so that's it for today phew sorry baccho aaj class thoda lamba gaya😜 aur kya haal chaal, did you understand what we did yesterday? take care ha, i need to go scramble for french and maybe some kathak
tagging: @mentally-a-sea-walnut @maybebees @rambheemisgoated @timetravellingkitty @bookish-alone @kuhuchan @aasthuu @remen-nyoodles @lemon-ooruga @bluebeadss @ourstv @budugu @hissterical-nyaan @lite-teesko @ree-wantstochange
let me know if you want to be tagged!
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gwendolynlerman · 2 years ago
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Languages of the world
Saraiki (سرائیکی/ਸਰਾਇਕੀ/सराइकी)
Basic facts
Number of native speakers: 26 million
Spoken in: India, Pakistan
Script: Persian, 66 letters/Gurmukhi, 56 letters/Devanagari, 66 letters
Grammatical cases: 4
Linguistic typology: fusional, SOV
Language family: Indo-European, Indo-Iranian, Indo-Aryan, Northwestern, Lahnda
Number of dialects: 6
History
early 20th century - the Multani script stops being used
1960s - the Saraiki language identity emerges
Writing system and pronunciation
These are the letters that make up the Persian script: پ ٻ بھ ب آ ا ا جھ ج ث ٹ تھ ت پھ دھ د خ ح چھ چ ڄ ط ض ص ش س ز ڑھ کھ ک ق ف غ ع ظ م لا لھ ل ڰ گھ گ و و ݨ ں نھ ن مھ ﺉ ى ى ى ھ ہ و ۓ ے.
These are the letters that make up the Gurmukhi script: ਅ ਆ ਇ ਈ ਉ ਊ ਏ ਐ ਓ ਔ ਅਂ ਕ ਖ ਗ ਘ ਙ ਘ ਚ ਛ ਜ ਝ ਝ �� ਠ ਡ ਢ ਣ ਟ੍ਰ ਡ੍ਰ ਢ੍ਰ ਢ਼ ਢ ੜ਼ ੜ਼ ਤ ਥ ਦ ਧ ਨ ਨ੍ਹ ਪ ਫ ਬ ਭ ਮ ਭ ਮ੍ਹ ਯ ਰ ਲ ਵ ਰ ਲ਼ ਸ਼ ਸ ਹ.
These are the letters that make up the Devanagari script: अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अँ क ख ग घ ङ ॻ च छ ज झ ॼ ट ठ ड ढ ण ट्र ड्र ढ्र ड़ ढ़़ ॾ ॾ़ त थ द ध न न्ह प फ ब भ म ॿ म्ह य र ल व ऱ ल्ह श स ह.
Vowel nasalization is distinctive, and consonants can be voiced and voiceless and aspirated and unaspirated.
Grammar
Nouns have two genders (masculine and feminine), two numbers (singular and plural), and four cases (direct, oblique, vocative, and ablative).
Demonstrative and relative adjectives can be used as personal pronouns as well. Postpositions are used.
Verbs are conjugated for tense, mood, aspect, person, and number.
Dialects
There are five dialects: Central, Southern, Sindhi, Northern, and Eastern. Sindhi Saraiki is closely related to Sindhi.
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hindisoup · 2 years ago
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श is the thirtieth consonant of the Hindi script and the first of the four fricatives. It's a voiceless post alveolar sibilant and pronounced in the same place in the mouth as palatal consonants च, छ, ज and झ. It sounds similar to sh in the English words shoe or ship.
As the second letter in a consonant conjunct, श retains its full shape. As the first sound, it usually loses its vertical line, but sometimes it becomes a little squiggly loop attached to the same vertical line as the marker for the second letter, as in श + र = श्र. There are two variants of the conjuncts seen below depending on the font:
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Five words beginning with श:
शरारती [śarāratī] - naughty, mischievous (adjective) शाकाहारी [śākāhārī] - vegetarian (adjective) शिकायत [śikāyat] - complaint (feminine) शिशु [śiśu] - baby, infant (masculine) शुक्रवार [śukravār] - Friday (masculine)
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