#चोवा राम वर्मा &039;बादल&039;
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kavirameshchauhanfan · 3 years ago
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पुस्‍तक समीक्षा: कुण्डलियाँ किल्लोल
पुस्‍तक समीक्षा: कुण्डलियाँ किल्लोल
पुस्‍तक समीक्षा: कुण्डलियाँ किल्लोल कृति का नामकुण्डलियाँ किल्लोलकृतिकार का नामश्री चोवाराम वर्माविधाकाव्‍यशिल्‍पकुण्‍डलियॉं छंदमूल्‍य100/00समीक्षकश्री अजय “अमृतांशु”पुस्‍तक समीक्षा: कुण्डलियाँ किल्लोल पुस्‍तक समीक्षा: कुण्डलियाँ किल्लोल पुस्‍तक समीक्षा: कुण्डलियाँ किल्लोल साहित्य साधना मजाक का विषय नहीं है, चिंतनशील व्यक्ति ही साहित्य की साधना कर सकता है । भाषा शिल्प और शैली की अभिव्यंजना…
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kavirameshchauhanfan · 3 years ago
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आलेख महोत्‍सव: 12. भारतीय संस्कृति-राष्ट्रीय एकता का स्रोत -चोवा राम वर्मा 'बादल'
आलेख महोत्‍सव: 12. भारतीय संस्कृति-राष्ट्रीय एकता का स्रोत -चोवा राम वर्मा ‘बादल’
-आलेख महोत्‍सव- भारतीय संस्कृति-राष्ट्रीय एकता का स्रोत आजादी के अमृत महोत्‍सव के अवसर पर ‘सुरता: साहित्‍य की धरोहर’, आलेख महोत्‍सव का आयोजन कर रही है, जिसके अंतर्गत यहां राष्‍ट्रप्रेम, राष्ट्रियहित, राष्‍ट्र की संस्‍कृति संबंधी 75 आलेख प्रकाशित किए जाएंगे । आयोजन के इस कड़ी में प्रस्‍तुत है-श्री चोवा रा�� वर्मा ‘बादल’ द्वारा लिखित आलेख ” भारतीय संस्कृति-राष्ट्रीय एकता का स्रोत’। गतांक- आलेख…
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kavirameshchauhanfan · 4 years ago
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श्री चोवाराम ‘बादल के छत्‍तीसगढ़ी कहानी- ‘जुड़वाँ बेटी’
श्री चोवाराम ‘बादल के छत्‍तीसगढ़ी कहानी- ‘जुड़वाँ बेटी’
छत्‍तीसगढ़ी कहानी-जुड़वाँ बेटी
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छत्‍तीसगढ़ी कहानी-जुड़वाँ बेटी
छत्‍तीसगढ़ी कहानी-जुड़वाँ बेटी
तीन चार दिन के चहलःपहल अउ उछाह के पाछू आज के रतिहा दिलीप के घर हा साँय साँय करत हे । बरतन-भाँड़ा अउ समान मन एक कोती जतर-खतर परे हें । इँकर बटोरा करइया घर मालकिन जसोदा ह सगा आये माईलोगिन मन संग कुरिया के भुइयाँ मा सुते सुख के नींद लेवत हे । पुरूष सगा मन घला जेला जिहाँ जगा मिलिच उहें अँगना परछी म,…
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