#चीन कोविड विरोध करता है
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newsdaliy · 2 years ago
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अंडरग्राउंड रेस्टोरेंट से लेकर सीक्रेट बार तक: बीजिंग ने कोविड प्रतिबंधों को चकमा दिया
अंडरग्राउंड रेस्टोरेंट से लेकर सीक्रेट बार तक: बीजिंग ने कोविड प्रतिबंधों को चकमा दिया
व्यापक विरोध के बाद बीजिंग ने परीक्षण आवश्यकताओं को शिथिल करना शुरू कर दिया है। (फ़ाइल) बीजिंग: भूमिगत रेस्तराँ में भोजन करना, गुप्त बार में शराब पीना और अपने कोविड लक्षणों को छिपाना – बीजिंग के कुछ निवासी सख्त प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहे हैं क्योंकि सरकार अस्थायी रूप से महामारी नियंत्रण उपायों में ढील देती है। “यह काफी गुप्त था, आप दूसरी मंजिल पर बाहर से रोशनी नहीं देख सकते थे,” एक निवासी ने…
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trendingwatch · 2 years ago
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चीन ने देशव्यापी तालाबंदी के विरोध के बाद शून्य-कोविद छूट का संकेत दिया
चीन ने देशव्यापी तालाबंदी के विरोध के बाद शून्य-कोविद छूट का संकेत दिया
द्वारा एएफपी बीजिंग: चीन के शीर्ष कोविद अधिकारी ने देश के सख्त शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को वायरस के लिए संभावित आराम का संकेत दिया है, राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद तालाबंदी और अधिक राजनीतिक स्वतंत्रता का आह्वान किया। चीन की शून्य-कोविद नीति पर गुस्सा – जिसमें बड़े पैमाने पर लॉकडाउन, निरंतर परीक्षण और यहां तक ​​​​कि उन लोगों के लिए संगरोध शामिल है जो संक्रमित नहीं हैं – ने बीजिंग,…
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mwsnewshindi · 2 years ago
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अमेरिका चीनी लोगों के "शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार" का समर्थन करता है: व्हाइट हाउस
अमेरिका चीनी लोगों के “शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार” का समर्थन करता है: व्हाइट हाउस
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका चीन में शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का समर्थन करता है। वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि उसने कोविड-19 लॉकडाउन के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध करने के चीनी लोगों के अधिकार का समर्थन किया है और प्रदर्शनों से आपूर्ति श्रृंखला पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, “लोगों को इकट्ठा होने और…
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allgyan · 3 years ago
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वैक्सीन कैसे हमारे तक आती है प्रयोग के लिए -
वैक्सीन कैसे हमारे तक आती है प्रयोग के लिए -
वैक्सीन क्या है ?
वैक्सीन कैसे हमारे तक आती है प्रयोग के लिए जानने से पहले हमे ये पहले जानना होगा की वैक्सीन क्या होती है और ये कैसे हमारे शरीर में काम करती है।सरल भाषा में समझे तो ये कह सकते है की ये एक टिका होती है जो जीवों के शरीर का उपयोग करके बनाया गया द्रव्य है जिसके प्रयोग से शरीर में किसी रोग विशेष से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। शरीर की विभिन्न रक्षापंक्तियों को भेदकर परजीवी रोगकारी जीवाणु अथवा विषाणु शरीर में प्रवेश कर पनपते हैं और जीवविष (toxin) उत्पन्न कर अपने परपोषी के शरीर में रोग उत्पन्न करने में समर्थ होते हैं। इनके फलस्वरूप शरीर की कोशिकाएँ भी जीवविष तथा उसके उत्पादक सूक्ष्म कीटाणुओं की आक्रामक प्रगति के विरोध में स्वाभाविक प्रतिक्रिया द्वारा प्रतिजीवविष (antitoxin), प्रतिरक्षी (antibody) अथवा प्रतिरक्षित पिंड (immune tody) उत्पन्न करती हैं।
कीटाणुओं के जीवविषनाशक प्रतिरक्षी के विकास में कई दिन लग जाते हैं। यदि रोग से तुरंत मृत्यु नहीं होती और प्रतिरक्षी के निर्माण के लिए यथेष्ट अवसर मिल जाता है, तो रोगकारी जीवाणुओंकी आक्रामक शक्ति का ह्रास होने लगता है और रोग शमन होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। जिस जीवाणु के प्रतिरोध के लिए प्रतिरक्ष उत्पन्न होते हैं वे उसी जीवाणु पर अपना घातक प्रभाव डालते हैं। आंत्र ज्वर (typhoid fever) के जीवाणु के प्रतिरोधी प्रतिरक्षी प्रवाहिका (dysentery) अथवा विषूचिका (cholera) के जीवाणुओं के लिए घातक न होक केल आंत्र ज्वर के जीवाणु को नष्ट करने में समर्थ होते हैं। प्रतिरक्षी केवल अपने उत्पादक प्रतिजन (antigen) के लिए ही घातक होने के कारण जाति विशेष के कहलाते हैं।
टिका या वैक्सीन लगाने का अभिप्राय क्या है -
एक वैक्सीन आपके शरीर को किसी बीमारी, वायरस या संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करती है। वैक्सीन में किसी जीव के कुछ कमज़ोर या निष्क्रिय अंश होते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं। प्राकृतिक रूप से तो प्रतिरक्षी रोगाक्रमण की प्रतिक्रिया के कारण बनते हैं, परंतु टीके द्वारा एक प्रकार का शीतयुद्ध छेड़कर शरीर में प्रतिरक्षी का निर्माण कराया जाता है। रोग उत्पन्न करने में असमर्थ मृत जीवाणुओं का शरीर में प्रवेश होते ही प्रतिरक्षियों का उत्पादन होने लगता है।मृत जीवाणुओं का उपयोग आवश्यक होता है। ऐसी अवस्था में जीवित जीवाणुओं का उपयोग आवश्यक होता है। ऐसी अवस्था में जीवित जीवाणुओं की आक्रामक शक्ति का निर्बल कर उन्हें पहले निस्तेज कर दिया जाता है जिससे उनमें रोगकारी क्षमता तो नहीं रहती, किंतु प्रतिरक्षी बनाने की शक्ति बनी रहती है।वैक्सीन लगने का नकारात्मक असर कम ही लोगों पर होता है, लेकिन कुछ लोगों को इसके साइड इफ़ेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है।हल्का बुख़ार या ख़ारिश होना, इससे सामान्य दुष्प्रभाव हैं
वैक्सीन की खोज कब और कहा हुई ?
वैक्सीन का एक प्रारंभिक रूप चीन के वैज्ञानिकों ने 10वीं शताब्दी में खोज लिया था।लेकिन 1796 में एडवर्ड जेनर ने पाया कि चेचक के हल्के संक्रमण क�� एक डोज़ चेचक के गंभीर संक्रमण से सुरक्षा दे रही है। चेचक (smallpox) के विषाणु को वैरियोला (Variola) कहते हैं। विषाणु के लिए इस टिके का उपयोग प्राचीन काल से होता आया है। यह विषाणु चेचक उत्पन्न कर सकता है, इस कारण निर्दोष नहीं है। अत: गत 150 वर्षों से वैरियोला के स्थान पर गोमसूरी (cowpox) के वैक्सीनिया (Vaccnia) नामक विषाणु का उपयोग किया जा रहा है। वैरियोला का उपयोग सभी देशों में वर्जित है। गोमसूरी का वैक्सीनिया नामक विषाणु मनुष्य में चेचक रोग उत्पन्न नहीं कर पाता परंतु उसे प्रतिरक्षी चेचक निरोधक होते हैं। गोमसूरी के विषाणु बछड़े, पड़वे या भेड़ की त्वचा में संवर्धन करते हैं। त्वचा का जल और साबुन से धो पोंछकर उसमें हलका सा खरोंच कर दिया जाता है जिसपर वैक्सीनिया का विलयन रगड़ दिया जाता है।
लगभग 120 घंटे में पशु की त्वचा पर मसूरिका (pox) के दाने उठ आते हैं। अधिकतर दाने पिटका के रूप में होते हैं जिनमें से कुछ जल अथवा पूययुक्त होते हैं जिन्हें क्रमश: जलस्फोटिका और पूयस्फोटिका कहते हैं। इन दानों को खरोंचकर खुरचन एकत्र कर लेते हैं। खरोंचने का कार्य हलके हलके किया जाता है जिससे केवल त्वचा की खुरचन ही प्राप्त हो, उसके साथ रुधिर न आ पाए। इस खुरचन को ग्लिसरीन के विलयन के साथ यंत्रों द्वारा पीस लेते हैं।उन्होंने इस पर और अध्य��न किया. उन्होंने अपने इस सिद्धांत का परीक्षण भी किया और उनके निष्कर्षों को दो साल बाद प्रकाशित किया गया। तभी 'वैक्सीन' शब्द की उत्पत्ति हुई।वैक्सीन को लैटिन भाषा के 'Vacca' से गढ़ा गया जिसका अर्थ गाय होता है। वैक्सीन को आधुनिक दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सकीय उपलब्धियों में से एक माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैक्सीन की वजह से हर साल क़रीब बीस से तीस लाख लोगों की जान बच पाती है।
वैक्सीन आम इंसानो तक पहुंचने तक कहा -कहा से गुज़रना पड़ता है -
बाज़ार में लाये जाने से पहले वैक्सीन की गंभीरता से जाँच की जाती है. पहले प्रयोगशालाओं में और फिर जानवरों पर इनका परीक्षण किया जाता है।उसके बाद ही मनुष्यों पर वैक्सीन का ट्रायल होता है।अधिकांश देशों में स्थानीय दवा नियामकों से अनुमति मिलने के बाद ही लोगों को वैक्सीन लगाई जाती हैं। कोरोना की वैक्सीन कैसे बनी पूरी प्रक्रिया बताते है। सबसे पहले वैज्ञानिक मास्टर सेल बैंक से डीएनए की एक शीशी निकालता है. हर कोविड-19 वैक्सीन में यह डीएनए होता है।इन शीशियों को माइनस 150 डिग्री से भी कम तापमान पर सुरक्षित रखा जाता है और इसमें प्लाजमिड्स (Plasmids) नाम के डीएनए की छोटी रिंग होती है हर प्लाजमिड में कोरोनावायरस का जीन होता है।  इसमें एक तरह से कोरोनावायरस प्रोटीन बनाने को इंसानी सेल के लिए निर्देश होते हैं। इसके बाद वैज्ञानिक प्लाजमिड को पिघलाकर और ई कोली बैक्टीरिया को संशोधित कर उसमें प्लाजमिड को डाला जाता है।इस एक शीशी से 5 करोड़ वैक्सीन तैयार की जा सकती है।
संशोधित बैक्टीरिया को फ्लास्क में रखकर घुमाया जाता है और फिर से उसे गर्म वातावरण में रखा जाता है ताकि बैक्टीरिया मल्टीप्लाई हो सकें।पूरी रात बैक्टीरिया को बढ़ने देने के बाद उन्हें एक बड़े से फरमेंटर में डाला जाता है। इसमें 300 लीटर तक पोषक तरल पदार्थ होता है। चार दिन तक इसे ऐसे ही छोड़ दिया जाता है।ये बैक्टीरिया हर 20 मिनट में मल्टीप्लाई होते हैं। इस प्रक्रिया में अरबों प्लाजमिड डीएनए बन जाते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के अनुसार फरमेशन पूरा होने के बाद वैज्ञानिक केमिकल मिलाकर बैक्टीरिया को अलग करते हैं। इसके बाद प्लाजमिड को सेल्स से अलग किया जाता है. इसके बाद मिश्रण को छाना जाता है और बैक्टीरिया को हटा दिया जाता है. इसके बाद सिर्फ प्लाजमिड्स बचते हैं।फिर इनकी शुद्धता की जांच होती है और पिछले सैंपल से तुलना कर यह देखा जाता है कि कहीं इसके जीन सिक्वेंस में कोई बदलाव तो नहीं आ गया।प्लाजमिड की शुद्धता की जांच के बाद एनजाइम (Enzymes) नाम के प्रोटीन को इसमें मिलाया जाता है।  यह प्लाजमिड को का���कर कोरोनावायरस जीन को अलग कर देता है।इस प्रक्रिया में दो दिन लग जाते हैं।
बचे हुए बैक्टीरिया या प्लासमिड को अच्छे से फिल्टर कर लिया जाता है, जिससे एक लीटर बोतल शुद्ध डीएनए मिलता है।DNA के क्रम को फिर से जांचा जाता है और इसे एक टेम्पलेट के तौर पर अगली प्रक्रिया के लिए रखा जाता है। एक बोतल डीएनए से 15 लाख वैक्सीन तैयार होती हैं।डीएनए की प्रत्येक बोतल को फ्रीज और सील कर दिया जाता है। इसके बाद एक छोटे मॉनिटर के साथ इसे बॉक्स में बंद कर दिया जाता है. यह मॉनिटर रास्ते में इसका तापमान रिकॉर्ड करता है।एक कंटेटेनर में 48 बैग रखे जाते हैं और ढेर सारी ड्राई आइस से ढक दिया जाता है ताकि इसका तापमान माइनस 20 डिग्री तक बना रहे। इसलिए हम लोगों तक एक शीशी की वैक्सीन भी पहुंचने के पीछे वैज्ञानिकों की अथक प्रयास और बहुत सारी मेहनत लगती है। अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आ रहे है तो हमे प्यार दे।
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lok-shakti · 3 years ago
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कोविड समाचार लाइव: 100,000 एनएचएस इंग्लैंड के कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं हुआ; न्यूजीलैंड के वैक्सीन जनादेश पर हजारों का विरोध
कोविड समाचार लाइव: 100,000 एनएचएस इंग्लैंड के कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं हुआ; न्यूजीलैंड के वैक्सीन जनादेश पर हजारों का विरोध
अटकलें लगाई जा रही हैं यूके सरकार आज एनएचएस वैक्सीन जनादेश की घोषणा करेगी; टीकाकरण विरोधी जनादेश प्रदर्शनकारी वेलिंगटन पर उतरे चीनी शहर कोविड के प्रकोप के रूप में सुराग के लिए नकद की पेशकश करता हैदुनिया के महासागरों में लगभग 26,000 टन प्लास्टिक कोविड अपशिष्ट, अध्ययन में पाया गया है कि जापान ने 15 महीनों में पहली बार शून्य दैनिक कोविड की मौतें दर्ज की हैंअमेरिका ने यूके, यूरोपीय संघ और चीन के…
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hbadigitech · 3 years ago
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फ्यूरियस पैट्रियट्स: चीन के डिप्लोमैटिक बदलाव का उलटा असर
फ्यूरियस पैट्रियट्स: चीन के डिप्लोमैटिक बदलाव का उलटा असर
अगर चीन अपनी छवि को नरम करने की कोशिश करता है, तो घर में देशभक्त उग्र हो जाएंगे। (प्रतिनिधि) बीजिंग, चीन: एक साल से अधिक समय से उन्होंने पश्चिम के खिलाफ आक्रोश फैलाया है, लेकिन जैसा कि चीन के “भेड़िया योद्धा” राजनयिकों को रोष को कम करने के लिए कहा जाता है, उन्हें विरोध के एक अप्रत्याशित स्रोत का सामना करना पड़ता है: घर पर राष्ट्रवादी। हाल के वर्षों में कोविड -19 महामारी के लिए मानवाधिकारों के…
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shaileshg · 4 years ago
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अमेरिका में राष्ट्रपति पद के दो उम्मीदवारों के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू हो चुकी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनको चुनौती दे रहे डेमोक्रेट उम्मीदवार ओहायो के क्लीवलैंड में आमने-सामने हैं। कोरोनावायरस की वजह से इस बार तस्वीर कुछ बदली हुई है। डिबेट 90 मिनट चलेगी। कोरोना को लेकर बाइडेन ने आरोप लगाए कि राष्ट्रपति के पास बीमारी की रोकथाम का कोई प्लान नहीं है। ट्रम्प ने कहा कि अगर इस वक्त सत्ता में बाइडेन होते तो 20 करोड़ मौतें हो चुकी होतीं। बाइडेन ने ट्रम्प को झूठा भी बताया।
फॉक्स न्यूज के एंकर क्रिस वॉलेस हैं। 2016 में ट्रम्प और हिलेरी क्लिंटन की पहली डिबेट भी वॉलेस ने ही कराई थी। हॉल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रम्प की पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका भी मौजूद हैं। दोनों कैंडिडेट्स को क्लीवलैंड के सैमसन पवैलियन पहुंचना था। ट्रम्प स्थानीय समयानुसार रात 8:31 बजे, जबकि बाइडेन 8:33 बजे पहुंचे। स्टेज पर पहुंचने से पहले उन्होंने सलाहकारों से बातचीत की।
इन 6 मुद्दों पर बहस
पहली डिबेट में कुल 6 मुद्दे हैं। दोनों कैंडिडेट्स के रिकॉर्ड, सुप्री��� कोर्ट, कोरोनावायरस, इकोनॉमी, नस्लवाद-हिंसा और इलेक्शन इंटेग्रिटी यानी चुनावी अखंडता।
किस मुद्दे पर क्या बहस हुई
सुप्रीम कोर्ट
बाइडेन : डेमोक्रेट कैंडिडेट बाइडेन ने कहा- चुनाव बिल्कुल सामने हैं। लिहाजा, ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन को परंपराओं का ध्यान रखते हुए नए जज को तौर पर एमी कोने बैरेट का नाम नहीं चुनना चाहिए। अमेरिकी लोगों को इस प्रस्ताव और नियुक्ति पर सवाल पूछने का हक है। चुनाव प्रक्रिया के बीच में इस तरह की नियुक्ति ठीक नहीं है। हमे चुनाव नतीजों का इंतजार करना चाहिए। ट्रम्प : राष्ट्रपति के तौर पर मेरे पास यह अधिकार है कि मैं सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति कर सकूं। चुनाव से इसका कोई लेना-देना नहीं हैं। हर चुनाव के अपने प्रभाव होते हैं। लेकिन, बाइडेन यह क्यों भूल जाते हैं कि नियुक्ति को आखिरकार सीनेट से मंजूरी लेने ��ी प्रक्रिया है। हम भी इसका पालन करेंगे। हमारे पास बहुमत भी है। आप ये क्यों भूल जाते हैं कि चार साल पहले सीनेट के मेजॉरिटी लीडर मिच मैक्डोनेल ने मेरिक गारलैंड की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति रोक दी थी। तब तो आपकी पार्टी के बराक ओबामा ही राष्ट्रपति थे।
बाइडेन ने कहा- शटअप
डिबेट के दौरान बाइडेन कुछ बोल रहे थे। इसी दौरान ट्रम्प ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस पर बाइडेन भड़क गए। उन्होंने कहा- शटअप मैन। यानी आप चुप रहिए। मामला सुप्रीम कोर्ट से संबंधित था। हालांकि, बाइडेन यहां फंस भी गए। दरअसल, बाइडेन ने सुप्रीम कोर्ट में एमी कोने बैरेट की नियुक्ति का विरोध किया तो ट्रम्प ने फौरन उन्हें बराक ओबामा के कार्यकाल की याद दिला दी।
कोरोनानावायरस
बाइडेन : ये शर्म की बात है कि अमेरिका जैसे विकसित देश में 2 लाख लोग महामारी की वजह से जान गंवा चुके हैं। सच्चाई तो ये है कि राष्ट्रपति ट्रम्प और उनकी एडमिनिस्ट्रेशन के पास इससे निपटने का कोई प्लान नहीं है। फरवरी तो तक तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि ये कितना गंभीर मामला है। वे जनता से इसे छिपाना चाहते थे। मैं राष्ट्रपति होता तो हेल्थ केयर वर्कर्स और जनता दोनों को बचाता। ट्रम्प: अगर मैं ये कहता हूं कि कोरोना चीन की वजह से फैला तो इसमें क्या गलत है? देश के ज्यादातर गवर्नर मेरा समर्थन करते हैं। उनका कहना है कि मैंने शानदार काम किया। इसमें आपकी पार्टी की सरकारें और गवर्नर भी शामिल हैं। और यह मत भूलिए कि सिर्फ चंद हफ्तों में हमारे पास वैक्सीन होगी। अब बहुत कम लोगों की मौत हो रही है। मैं चैलेंज करता हूं कि अगर आप राष्ट्रपति होते तो जो मैंने कर दिखाया वो आप कभी नहीं कर पाते। आप राष्ट्रपति होते तो 20 करोड़ लोग मारे जाते।
इनकम टैक्स
बहस के बीच ही ट्रम्प और बाइडेन के बीच इनकम टैक्स का मुद्दा भी आया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया था कि ट्रम्प ने 10 साल तक टैक्स ही नहीं भरा था। ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने लाखों डॉलर इनकम टैक्स भरा और इसके सबूत उनके पास मौजूद हैं। मॉडरेटर वॉलेस को उन्होंने यही जवाब दिया। कहा- मैंने लाखों डॉलर टैक्स जमा किया है। इसका ऑडिट चल रहा है। जैसे ही ये खत्म होगा, सच्चाई दुनिया के सामने आ जाएगी। इस पर बाइडेन डिफेंसिव नजर आए। उन्होंने बात बदलने की कोशिश की। कहा- राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में अर्थव्यवस्था को ठीक से नहीं संभाला। बाइडेन ने कहा- आप, अमेरिकी इतिहास के सबसे बदतर राष्ट्रपति साबित हुए हैं।
बहस के दौरान इवांका ने पिता के समर्थन में ट्वीट किया।
Let’s go! 🇺🇸 pic.twitter.com/sDmKI5WXFN
— Ivanka Trump (@IvankaTrump) September 30, 2020
अर्थव्यवस्था
बाइडेन : महामारी के दौरान ट्रम्प जैसे अरबपतियों ने खूब फायदा उठाया। लोगों को यह देखना चाहिए कि हमारे राष्ट्रपति ने अरबपति होने का कैसे फायदा उठाया। उन्होंने टैक्स के तौर पर सिर्फ 750 डॉलर दिए। अखबार यह रिपोर्ट छाप रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है। आपको याद रखना होगा कि जब तक कोविड-19 से नहीं निपटेंगे। तब तक आर्थिक हालात भी नहीं सुधरेंगे।
ट्रम्प : मैंने कभी नहीं कहा कि बाजार बंद रखो। देश को बंद कर दो। अगर आप होते तो तो पूरा देश बंद कर देते। हमने महामारी के दौर में भी इकोनॉमी को बेहतरीन तरीके से संभाला। इसके सबूत मौजूद हैं। आप तो देश बंद करने की बात कह रहे थे। हमें ऐसा व्यक्ति बिल्कुल मंजूर नहीं जो कहे कि महामारी है तो देश में हर चीज बंद कर दो। हम महामारी से भी निपट रहे हैं और अर्थव्यवस्था भी ठीक कर रहे हैं।
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डिबेट के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट जो बाइडेन। क्लीवलैंड की वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के क्लीवलैंड क्लीनिक के कैंपस में पहली डिबेट चल रही है।
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newsdaliy · 2 years ago
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चीन के शंघाई ने विरोध के बाद कुछ कोविड पर अंकुश लगाया
चीन के शंघाई ने विरोध के बाद कुछ कोविड पर अंकुश लगाया
23 मिलियन से अधिक के शहर को इस साल महीनों के लिए सील कर दिया गया था। (फ़ाइल) शंघाई: चीन के वित्तीय केंद्र शंघाई के अधिकारी सोमवार से देश में अपनी सख्त शून्य-कोविड नीति में नवीनतम ढील में कुछ परीक्षण आवश्यकताओं को समाप्त कर देंगे, जो कि दशकों से देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद है। कठोर और लंबे समय तक रो��थाम के उपायों पर जनता की नाराजगी के बाद कई शहरों ने कुछ प्रतिबंधों को वापस लेना शुरू कर दिया…
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vsplusonline · 5 years ago
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अब तक 2 लाख 37 हजार मौतें: सबसे ज्यादा संक्रमण वाले देशों में अब ब्राजील 10वें स्थान पर; यहां चीन से ज्यादा पॉजिटव केस
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अब तक 2 लाख 37 हजार मौतें: सबसे ज्यादा संक्रमण वाले देशों में अब ब्राजील 10वें स्थान पर; यहां चीन से ज्यादा पॉजिटव केस
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कोरोनावायरस से संक्रमित अब तक 33 लाख संक्रमित, स्वस्थ हुए लोगों का आंकड़ा 10 लाख के पार हुआ
लुफ्थांसा एयरवेज 10 हजार कर्मचारियों को हटा सकती है; रायनएयर ने कहा- 3 हजार वर्कर्स की छंटनी करेंगे
दैनिक भास्कर
May 02, 2020, 01:55 AM IST
वॉशिंगटन. दुनिया में कोरोना से 33 लाख 64 हजार 220 संक्रमित हैं। 2 लाख 37 हजार 464 मौतें हुई हैं। 10 लाख 69 हजार 041 लोग ठीक भी हुए हैं। महामारी का बड़ा असर एविएशन सेक्टर पर देखने मिल रहा है। जर्मनी की लुफ्थांसा एयरलाइन 10 हजार कर्मचारियों को हटा सकती है। दूसरी तरफ, आयरलैंड की रायनएयर ने तो फैसला ही कर लिया है कि वो पायलट और केबिन क्रू समेत 3 हजार स्टाफ की छंटनी करेगी। 
सबसे ज्यादा संक्रमण वाले 10 देशों में अब चीन की जगह ब्राजील पहुंच गया है। यहां कुल पॉजिटिव केस 87 हजार से ज्यादा हो गए हैं। चीन में यह आंकड़ा 82 हजार से कुछ ज्यादा है। 
चीन में बिना लक्षणों वाले 25 मरीज मिले
ब्राजील : राष्ट्रपति बोले- मैं क्या करूं ब्राजील में शुक्रवार देर रात संक्रमण के मामले 87 हजार 364 हो गए। जिस चीन से कोरोनावायरस शुरू हुआ वहां कथित तौर पर करीब 84 हजार केस हैं। सबसे ज्यादा संक्रमण वाले देशों की सूची में अब 10वें स्थान पर चीन की जगह ब्राजील है। लेकिन, राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो जैसे बेफिक्र हैं। गुरुवार रात उन्होंने मीडिया से कहा, “मौतें हुईं तो क्या हुआ? मुझे माफ कीजिए। आप क्या चाहते हैं, मैं क्या करूं? मैं कोई जादू तो कर नहीं सकता।” उनके इस रवैये की दुनिया में आलोचना हो रही है।
जर्मनी : लुफ्थांसा का बयान इस एयरलाइन के सीईओ कार्स्टन स्पोहर ने शुक्रवार को माना कि लुफ्थांसा 10 हजार कर्मचारियों को हटाने पर विचार कर रही है। उनके मुताबिक, यह अतिरिक्त कर्मचारी हैं। इतना ही नहीं कंपनी ने अपने बेड़े में से 100 एयरक्राफ्ट कम करने का भी फैसला किया है। 2020 की पहली तिमाही में एयरलाइन को 1.3 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ। आशंका है कि दूसरी तिमाही इससे भी खराब गुजरेगी। कंपनी के पास कुल 760 एयरक्राफ्ट हैं। फिलहाल, सिर्फ 60 का इस्तेमाल हो रहा है। स्पोहर ने कहा, “सवाल ये है कि क्या हम सरकार की मदद से दिवालिया होने से बच पाएंगे। मुझे नहीं लगता कि 2023 के पहले एविएशन इंडस्ट्री पहले जैसी हो पाएगी।”  
रायनएयर : तीन हजार नौकरियां खत्म होंगी आयरलैंड की दो एयरलाइंस कंपनिया रायनएयर और ऐर लिंगस कुल मिलाकर तीन हजार नौकरियां खत्म करने जा रही हैं। दोनों कंपनियों का मैनेजमेंट एक ही है। आयरिश टाइम्स के मुताबिक, कोविड-19 के चलते यह बजट एयरलाइंस काफी घाटे में आ गई हैं। रायनएयर ने एक बयान में कहा कि जॉब कट के दायरे में आने वालों में ज्यादातर पायलट और केबिन क्रू हैं। कंपनी ने कहा कि सैलरी में 20 फीसदी की कटौती करेगी और यूरोप में कुछ एयरक्राफ्ट बेस भी बंद करेगी। कंपनी के मुताबिक, 2022 के पहले हालात सुधरने की उम्मीद कम है।
सिंगापुर : स्वस्थ मजदूरों को क्रूज शिप पर शिफ्ट किया जाना शुरू संक्रमण के बाद स्वस्थ हुए माइग्रेंट वर्कर्स को सरकार ने दो क्रूज पर शिफ्ट करना शुक्रवार से शुरू कर दिया। इसका मकसद दूसरे मजदूरों को संक्रमण से बचाना और स्वस्थ हुए वर्कर्स को ��ोबारा संक्रमण से बचाना है। शुक्रवार को यहां 932 नए केस सामने आए। इनमें ज्यादातर प्रवासी मजदूर ही हैं जो डोरमेट्रीज में रहते हैं। सिर्फ पांच स्थानीय नागरिक हैं। अब तक कुल 17 हजार 101 मामले सामने आए हैं। 15 लोगों की मौत हो चुकी है।  
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सिंगापुर ने संक्रमण से उबर चुके मरीजों को दो क्रूज शिप्स पर भेजना शुरू कर दिया है। सरकार के मुताबिक, इसके दो फायदे होंगे। पहला- यह दोबारा संक्रमित नहीं होंगे। दूसरा- डोरमेट्रीज में भीड़ कम होगी और इससे संक्रमण का खतरा कम होगा। तस्वीर 30 अप्रैल को डोरमेट्री में मौजूद कुछ मजदूरों की है। 
इजराइल : कुछ स्कूल अगले हफ्ते खुलेंगे सरकार ने शुक्रवार शाम कहा कि देश में कुछ स्कूल अगले हफ्ते से खोल दिए जाएंगे। हालांकि, सभी स्कूलों पर फैसला कुछ दिन बाद लिया जाएगा। हालांकि, ये तय माना जा रहा है कि ये स्कूल भी 1 जून से खुल जाएंगे। इजराइल में रविवार को सप्ताह का पहला दिन माना जाता है। चुनिंदा स्कूल इसी दिन दोबारा शुरू होंगे। वहीं, राजधानी तेल अवीव के मेयर ने साफ कर दिया है कि वो अपने क्षेत्र के स्कूल अभी नहीं खुलने देंगे। देश में अब तक 16 हजार संक्रमित हैं। 223 की मौत हो चुकी है। 
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इजराइल सरकार किंडरगार्टन समेत कुछ स्कूलों को शुरू करना चाहती है। लेकिन, टीचर्स इसके खिलाफ हैं। ��ाजधानी तेल अवीव में गुरुवार को स्कूल फिर शुरू किए जाने के फैसले के खिलाफ विरोध करते टीचर्स। कुछ देर बाद तेल अवीव के मेयर ने साफ कर दिया कि राजधानी क्षेत्र में फिलहाल स्कूल नहीं खुलेंगे।
रायनएयर : तीन हजार नौकरियां खत्म होंगी
आयरलैंड की दो एयरलाइंस कंपनिया रायनएयर और ऐर लिंगस कुल मिलाकर तीन हजार नौकरियां खत्म करने जा रही हैं। दोनों कंपनियों का मैनेजमेंट एक ही है। आयरिश टाइम्स के मुताबिक, कोविड-19 के चलते यह बजट एयरलाइंस काफी घाटे में आ गई हैं। रायनएयर ने एक बयान में कहा कि जॉब कट के दायरे में आने वालों में ज्यादातर पायलट और केबिन क्रू हैं। कंपनी ने कहा कि सैलरी में 20 फीसदी की कटौती करेगी और यूरोप में कुछ एयरक्राफ्ट बेस भी बंद करेगी। कंपनी के मुताबिक, 2022 के पहले हालात सुधरने की उम्मीद कम है।  
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आयरलैंड की दो एयरलाइंस कंपनिया रायनएयर और ऐर लिंगस कुल मिलाकर तीन हजार नौकरियां खत्म करने जा रही हैं। (फाइल)
10 लाख से ज्यादा स्वस्थ जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोनावायरस से संक��रमित होने के बाद स्वस्थ हुए लोगों का आंकड़ा 10 लाख के पार हो गया है। एक बयान के मुताबिक, ज्यादा लोगों के स्वस्थ होने की वजह से मेडिकल वर्कर्स का हौसला बढ़ा है। 
अमेरिका : नेवी के दो पोतों के सभी क्रू मेम्बर्स की जांच पूरी
अमेरिकी नेवी के दो पोतों के सभी क्रू मेम्बर्स की जांच पूरी कर ली गई है। थियोडोर रूजवेल्ट और यूएसएस किड पर कोरोना संक्रमित मिले थे। इसके बाद दोनों जहाजों पर मौजूद नौसैनिकों की जांच शुरू की गई थी। रूजवेल्ट पर 1 हजार 102 एक्टिव केस मिले हैं। इस पोत के 53 सेलर्स 14 दिनों के क्वारैंटाइन में रहने के बाद स्वस्थ हो गए हैं और दो की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यूएसएस किड पर 78 एक्टिव केस मिले हैं। इन सभी को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। 
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अमेरिकी पोत थियोडोर रूजवेल्ट फिलहाल एप्रा हार्बर के गुआम नेवल बेस पर खड़ा है।
चीन :  12 नए मामले सामने आए
चीन में शुक्रवार को 12 नए मामले मिले। इसके साथ ही ऐसे मामले भी बढ़ रहे हैं जिनमें लक्षण नजर नहीं आ रहे। देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि बिना लक्षण वाले 25 लोग पॉजिटिव मिले हैं। अब ऐसे संक्रमितों की संख्या 981 हो गई है। इनमें 115 विदेशी हैं जिन्हें निगरानी में रखा गया है। हुबेई के स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, यहां पिछले 27 दिन में कोई संक्रमित नहीं मिला है। हालांकि वुहान समेत राज्य के अन्य स्थानों के 631 ऐसे लोग निगराने में रखे गए हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखे हैं।  
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चीन की दीवार पर मुटियानु खंड पर जाते पर्यटक। इस क्षेत्र में भी लॉकडाउन हटा दिया गया है।
जापान : 187 नए संक्रमित मिले
जापान में पिछले 24 घंटे में 187 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही यहां पर संक्रमितों की संख्या 14 हजार 1993 हो गई है। अब तक देश में 458 मौतें हुई हैं। इनमें 712 केस और 13 मौतें डायमंड प्रिंसेज क्रूज शिप से जुड़े हैं। जापान सरकार सोमवार को लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। फिलहाल 6 मई तक ही लॉकडाउन है। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी गुरुवार को कहा था कि संक्रमण को देखते हुए देश में लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है।
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जापान के नागोया रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर्स का टेम्परेचर चेक करते हेल्थ वर्कर्स। 
जर्मनी : सहूलियतों का ऐलान 
जर्मनी ने सोमवार से लॉकडाउन में कई सहूलियतें देने का ऐलान किया है। सरकार ने सोमवार से म्यूजियम, चर्च, छोटी दुकानें और खेल के मैदानों को खोलने की मंजूरी दी है। हालांकि, लोगों के लिए सुरक्षा उपायों को अपनाना जरूरी होगी। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा- लॉकडाउन में कुछ छूट दी जा रही है, लेकिन लोग अगर सोशल डिस्टेंसिंग भूले तो संक्रमण का खतरा है। हमें एक साथ मिलकर संक्रमण की संख्या कम करने के लिए आगे भी काम करना होगा।
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जर्मनी के म्यूंस्टर में गुरुवार को एक बैंक के सामने मास्क लगार अंदर जाने का इंतजार करते लोग
खाड़ी देशों में सऊदी अरब और कतर सबसे ज्यादा प्रभावित खाड़ी देशों में कोरोना भी संक्रमण बढ़ रहा है। इन देशों में सऊदी अरब और कतर संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन दोनों देशों में गुरुवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार सऊदी अरब में अब तक 22 हजार 753 मामले सामने आए हैं और 162 लोगों की जान गई थी। वहीं, कतर में संक्रमितों की संख्या 13 हजार 400 है और अब तक10 लोगों की मौत हुई है। खाड़ी के अन्य देशों में संयुक्त अरब अमीरात में 12 हजार 400 लोग संक्रमित मिले हैं और 105 मौतें हुई हैं। कुवैत में 4 हजार लोग संक्रमित मिले हैं 26 लोगों की जान गई है। बहरीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 हजार है और आठ लोगों की मौत हुई है। वहीं ओमान में 2300 लोग पॉजिटिव मिले हैं 11 मौतें हुई हैं। 
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए अमेरिका 11,11,510 64,884 1,57,809 स्पेन 2,42,988 24,824 1,42,450 इटली  2,07,428 28,236  78,249 ब्रिटेन 1,77,454  27,510 उपलब्ध नहीं फ्रांस 1,67,178 24,376 49,476 जर्मनी 1,63,542  6,640 1,26,900 तुर्की  1,22,396 3,258 53,808 रूस 1,14,431 1,169 13,220 ईरान 95,646  6,091  76,318 ब्राजील 87,364 6,017 35,935
ये आंकड़े https://www.worldometers.info/coronavirus/ से लिए गए हैं।
ट्रम्प ने चीन ��र नए टैरिफ लगाने की चेतावनी दी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना के बारे में जल्द जानकारी नहीं देने के लिए एक बार फिर चीन से नाराजगी जाहिर की है। ट्रम्प ने चीन पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मैं एक ही काम कर सकता हूं, मैं ज्यादा पैसे के लिए उस पर नए टैरिफ (सीमा शुल्क) लगा सकता हूं। ट्रम्प ने गुरुवार को व्हाइट हाउस के हर दिन वाले प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। इससे एक दिन पहले भी ट्रम्प ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि चीन नहीं चाहता कि वे नवंबर में फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाएं। उन्होंने कहा कि चीन मुझे अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए कुछ भी करेगा। उसका कोरोना से निपटने का तरीका इस बात का सबूत है। 
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मिशिगन में प्रदर्शनकारियों को कैपिटल बिल्डिंग में प्रवेश करने से राेकते पुलिसकर्मी।
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के प्रधानमंत्री के जल्द स्वस्थ होने की कामना की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन के जल्द होने की कामना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन के जल्द ठीक होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। भारत कोरोना से इस लड़ाई में अपने करीबी मित्र रूस के साथ है।  
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मॉस्को में एक मरीज को स्ट्रेचर पर वॉर्ड में ले जाता स्वास्थ्यकर्मी।
ऑस्ट्रेलिया तय योजना से पहले हटाएगा पाबंदियां
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को राष्ट्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने समय से पहले कोरोना का खतरनाक स्तर पार कर लिया है। हमें अर्थव्यवस्था और समाज को शुरू करना है। हम तय योजना से पहले ही पाबंदियों में छूट देने पर सोच रहे हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, देश में अब तक 6 हजार 766 मामले सामने आए हैं और 93 मौतें हुई हैं। शुक्रवार को यहां सिर्फ 16 नए मामले सामने आए।
इक्वाडोर : घर-घर बांटी जा रही टेस्टिंग किट इक्वाडोर ने लोगों के घर-घर जाकर रैपिड टेस्टिंग करनी शुरू कर दी है। गुआक्विल शहर से इसकी शुरुआत की गई है। गुआक्विल के मेयर सिंथिया विटेरी ने कहा कि यहां पर डॉक्टरों और पुलिस को टेस्टिंग किट बांटने की जिम्मेदारी दी गई है। यहां पर 250 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्य 24 हजार 934 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 17 लोगों की मौत हुई है। अब तक यहां 900 मौतें हुई हैं। 
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इक्वाडोर के गुआक्विल शहर में एक महिला का सैंपल लेते स्वास्थ्यकर्मी।
पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के स्पीकर संक्रमित पाकिस्तान नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर गुरुवार को कोरोना संक्रमित पाए गए। उनकी बेटी और बेटा की टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। खास बाद ये है कि असद ने 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की थी। इसके बाद पीएम को टेस्ट कराना पड़ा था। रिपोर्ट निगेटिव आई। इमरान ईधी फाउंडेशन के फैजल ईधी से मिले थे। बाद में फैजल संक्रमित पाए गए। इसके बाद इमरान का टेस्ट कराया गया। 
ब्रुनेई में पिछले 11 दिनों से एक भी संक्रमित नहीं
ब्रुनेई में पिछले 11 दिनों से एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। यहां संक्रमितों की संख्या 138 पर स्थिर है। यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, ब्रुनेई में कोरोना से अब तक एक मरीज की मौत हुई है। फिलहाल केवल 66 लोग क्वारैंटाइन में हैं। 2 हजार 509 लोगों ने क्वारैंटाइन का समय पूरा कर लिया है। अब तक कोरोना वायरस के कुल 13850 नमूनों की जांच की जा चुकी है। 
ताजिकिस्तान में कोरोना के 15 पहले मामले सामने आए
ताजिकिस्तान में कोरोना के पहले 15 मामले सामने आए हैं। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक यह मामले राजधानी दुशांबे और उत्तरी राज्य सुघ्द में मिले हैं। यहां अब तक करीब 2000 लोगों में संक्रमण के लक्षण नजर आए हैं। इन सभी को गुरुवार से मेडिकल निगरानी में रखा गया है। ताजिकिस्तान की जनसंख्या 93 लाख है। यहां पर कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के साथ ही पांच मध्य एशियाई देशों में चार में संक्रमण पहुंच गया है। अब तक इन देशों में केवल तुर्कमेनिस्तान से कोई मामला सामने नहीं आया है।
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ताजिकिस्तान के नूर सुल्तान इलाके में सड़क सैनिटाइज करते कर्मचारी।
अर्जेंटीना में 24 घंटे में 143 नए मामले सामने आए
अर्जेंटीना में पिछले 24 घंटों में कोरोनो के 143 नए मामले सामने आए। अब यहां संक्रमितों की संख्या 4 हजार 428 हो गई है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को जारी बुलेटिन में इसकी जानकारी दी। देश में अब तक 218 लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय ने बताया कि एक दिन पहले संक्रमण के 158 नए मामले सामने आए थे और सात लोगों की मौत हुई थी।
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mwsnewshindi · 2 years ago
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चीन विदेशी यात्रियों के लिए संगरोध समाप्त करता है
चीन विदेशी यात्रियों के लिए संगरोध समाप्त करता है
रोकथाम नीति ने चीन की अर्थव्यवस्था को टैंक कर दिया है और देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बीजिंग: चीन ने रविवार को आने वाले यात्रियों के लिए संगरोध आवश्यकताओं को हटा दिया, लगभग तीन साल के आत्म-अलगाव को समाप्त कर दिया, यहां तक ​​​​कि देश कोविड मामलों में वृद्धि से जूझ रहा है। बीजिंग ने पिछले महीने एक हार्डलाइन वायरस रणनीति को नाटकीय रूप से खत्म करना शुरू किया, जिसने अनिवार्य संगरोध और…
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allgyan · 3 years ago
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वैक्सीन कैसे हमारे तक आती है प्रयोग के लिए -
वैक्सीन क्या है ?
वैक्सीन कैसे हमारे तक आती है प्रयोग के लिए जानने से पहले हमे ये पहले जानना होगा की वैक्सीन क्या होती है और ये कैसे हमारे शरीर में काम करती है।सरल भाषा में समझे तो ये कह सकते है की ये एक टिका होती है जो जीवों के शरीर का उपयोग करके बनाया गया द्रव्य है जिसके प्रयोग से शरीर में किसी रोग विशेष से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। शरीर की विभिन्न रक्षापंक्तियों को भेदकर परजीवी रोगकारी जीवाणु अथवा विषाणु शरीर में प्रवेश कर पनपते हैं और जीवविष (toxin) उत्पन्न कर अपने परपोषी के शरीर में रोग उत्पन्न करने में समर्थ होते हैं। इनके फलस्वरूप शरीर की कोशिकाएँ भी जीवविष तथा उसके उत्पादक सूक्ष्म कीटाणुओं की आक्रामक प्रगति के विरोध में स्वाभाविक प्रतिक्रिया द्वारा प्रतिजीवविष (antitoxin), प्रतिरक्षी (antibody) अथवा प्रतिरक्षित पिंड (immune tody) उत्पन्न करती हैं।
कीटाणुओं के जीवविषनाशक प्रतिरक्षी के विकास में कई दिन लग जाते हैं। यदि रोग से तुरंत मृत्यु नहीं होती और प्रतिरक्षी के निर्माण के लिए यथेष्ट अवसर मिल जाता है, तो रोगकारी जीवाणुओंकी आक्रामक शक्ति का ह्रास होने लगता है और रोग शमन होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। जिस जीवाणु के प्रतिरोध के लिए प्रतिरक्ष उत्पन्न होते हैं वे उसी जीवाणु पर अपना घातक प्रभाव डालते हैं। आंत्र ज्वर (typhoid fever) के जीवाणु के प्रतिरोधी प्रतिरक्षी प्रवाहिका (dysentery) अथवा विषूचिका (cholera) के जीवाणुओं के लिए घातक न होक केल आंत्र ज्वर के जीवाणु को नष्ट करने में समर्थ होते हैं। प्रतिरक्षी केवल अपने उत्पादक प्रतिजन (antigen) के लिए ही घातक होने के कारण जाति विशेष के कहलाते हैं।
टिका या वैक्सीन लगाने का अभिप्राय क्या है -
एक वैक्सीन आपके शरीर को किसी बीमारी, वायरस या संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करती है। वैक्सीन में किसी जीव के कुछ कमज़ोर या निष्क्रिय अंश होते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं। प्राकृतिक रूप से तो प्रतिरक्षी रोगाक्रमण की प्रतिक्रिया के कारण बनते हैं, परंतु टीके द्वारा एक प्रकार का शीतयुद्ध छेड़कर शरीर में प्रतिरक्षी का निर्माण कराया जाता है। रोग उत्पन्न करने में असमर्थ मृत जीवाणुओं का शरीर में प्रवेश होते ही प्रतिरक्षियों का उत्पादन होने लगता है।मृत जीवाणुओं का उपयोग आवश्यक होता है। ऐसी अवस्था में जीवित जीवाणुओं का उपयोग आवश्यक होता है। ऐसी अवस्था में जीवित जीवाणुओं की आक्रामक शक्ति का निर्बल कर उन्हें पहले निस्तेज कर दिया जाता है जिससे उनमें रोगकारी क्षमता तो नहीं रहती, किंतु प्रतिरक्षी बनाने की शक्ति बनी रहती है।वैक्सीन लगने का नकारात्मक असर कम ही लोगों पर होता है, लेकिन कुछ लोगों को इसके साइड इफ़ेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है।हल्का बुख़ार या ख़ारिश होना, इससे सामान्य दुष्प्रभाव हैं
वैक्सीन की खोज कब और कहा हुई ?
वैक्सीन का एक प्रारंभिक रूप चीन के वैज्ञानिकों ने 10वीं शताब्दी में खोज लिया था।लेकिन 1796 में एडवर्ड जेनर ने पाया कि चेचक के हल्के संक्रमण की एक डोज़ चेचक के गंभीर संक्रमण से सुरक्षा दे रही है। चेचक (smallpox) के विषाणु को वैरियोला (Variola) कहते हैं। विषाणु के लिए इस टिके का उपयोग प्राचीन काल से होता आया है। यह विषाणु चेचक उत्पन्न कर सकता है, इस कारण निर्दोष नहीं है। अत: गत 150 वर्षों से वैरियोला के स्थान पर गोमसूरी (cowpox) के वैक्सीनिया (Vaccnia) नामक विषाणु का उपयोग किया जा रहा है। वैरियोला का उपयोग सभी देशों में वर्जित है। गोमसूरी का वैक्सीनिया नामक विषाणु मनुष्य में चेचक रोग उत्पन्न नहीं कर पाता परंतु उसे प्रतिरक्षी चेचक निरोधक होते हैं। गोमसूरी के विषाणु बछड़े, पड़वे या भेड़ की त्वचा में संवर्धन करते हैं। त्वचा का जल और साबुन से धो पोंछकर उसमें हलका सा खरोंच कर दिया जाता है जिसपर वैक्सीनिया का विलयन रगड़ दिया जाता है।
लगभग 120 घंटे में पशु की त्वचा पर मसूरिका (pox) के दाने उठ आते हैं। अधिकतर दाने पिटका के रूप में होते हैं जिनमें से कुछ जल अथवा पूययुक्त होते हैं जिन्हें क्रमश: जलस्फोटिका और पूयस्फोटिका कहते हैं। इन दानों को खरोंचकर खुरचन एकत्र कर लेते हैं। खरोंचने का का��्य हलके हलके किया जाता है जिससे केवल त्वचा की खुरचन ही प्राप्त हो, उसके साथ रुधिर न आ पाए। इस खुरचन को ग्लिसरीन के विलयन के साथ यंत्रों द्वारा पीस लेते हैं।उन्होंने इस पर और अध्ययन किया. उन्होंने अपने इस सिद्धांत का परीक्षण भी किया और उनके निष्कर्षों को दो साल बाद प्रकाशित किया गया। तभी 'वैक्सीन' शब्द की उत्पत्ति हुई।वैक्सीन को लैटिन भाषा के 'Vacca' से गढ़ा गया जिसका अर्थ गाय होता है। वैक्सीन को आधुनिक दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सकीय उपलब्धियों में से एक माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैक्सीन की वजह से हर साल क़रीब बीस से तीस लाख लोगों की जान बच पाती है।
वैक्सीन आम इंसानो तक पहुंचने तक कहा -कहा से गुज़रना पड़ता है -
बाज़ार में लाये जाने से पहले वैक्सीन की गंभीरता से जाँच की जाती है. पहले प्रयोगशालाओं में और फिर जानवरों पर इनका परीक्षण किया जाता है।उसके बाद ही मनुष्यों पर वैक्सीन का ट्रायल होता है।अधिकांश देशों में स्थानीय दवा नियामकों से अनुमति मिलने के बाद ही लोगों को वैक्सीन लगाई जाती हैं। कोरोना की वैक्सीन कैसे बनी पूरी प्रक्रिया बताते है। सबसे पहले वैज्ञानिक मास्टर सेल बैंक से डीएनए की एक शीशी निकालता है. हर कोविड-19 वैक्सीन में यह डीएनए होता है।इन शीशियों को माइनस 150 डिग्री से भी कम तापमान पर सुरक्षित रखा जाता है और इसमें प्लाजमिड्स (Plasmids) नाम के डीएनए की छोटी रिंग होती है हर प्लाजमिड में कोरोनावायरस का जीन होता है।  इसमें एक तरह से कोरोनावायरस प्रोटीन बनाने को इंसानी सेल के लिए निर्देश होते हैं। इसके बाद वैज्ञानिक प्लाजमिड को पिघलाकर और ई कोली बैक्टीरिया को संशोधित कर उसमें प्लाजमिड को डाला जाता है।इस एक शीशी से 5 करोड़ वैक्सीन तैयार की जा सकती है।
संशोधित बैक्टीरिया को फ्लास्क में रखकर घुमाया जाता है और फिर से उसे गर्म वातावरण में रखा जाता है ताकि बैक्टीरिया मल्टीप्लाई हो सकें।पूरी रात बैक्टीरिया को बढ़ने देने के बाद उन्हें एक बड़े से फरमेंटर में डाला जाता है। इसमें 300 लीटर तक पोषक तरल पदार्थ होता है। चार दिन तक इसे ऐसे ही छोड़ दिया जाता है।ये बैक्टीरिया हर 20 मिनट में मल्टीप्लाई होते हैं। इस प्रक्रिया में अरबों प्लाजमिड डीएनए बन जाते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के अनुसार फरमेशन पूरा होने के बाद वैज्ञानिक केमिकल मिलाकर बैक्टीरिया को अलग करते हैं। इसके बाद प्लाजमिड को सेल्स से अलग किया जाता है. इसके बाद मिश्रण को छाना जाता है और बैक्टीरिया को हटा दिया जाता है. इसके बाद सिर्फ प्लाजमिड्स बचते हैं।फिर इनकी शुद्धता की जांच होती है और पिछले सैंपल से तुलना कर यह देखा जाता है कि कहीं इसके जीन सिक्वेंस में कोई बदलाव तो नहीं आ गया।प्लाजमिड की शुद्धता की जांच के बाद एनजाइम (Enzymes) नाम के प्रोटीन को इसमें मिलाया जाता है।  यह प्लाजमिड को काटकर कोरोनावायरस जीन को अलग कर देता है।इस प्रक्रिया में दो दिन लग जाते हैं।
बचे हुए बैक्टीरिया या प्लासमिड को अच्छे से फिल्टर कर लिया जाता है, जिससे एक लीटर बोतल शुद्ध डीएनए मिलता है।DNA के क्रम को फिर से जांचा जाता है और इसे एक टेम्पलेट के तौर पर अगली प्रक्रिया के लिए रखा जाता है। एक बोतल डीएनए से 15 लाख वैक्सीन तैयार होती हैं।डीएनए की प्रत्येक बोतल को फ्रीज और सील कर दिया जाता है। इसके बाद एक छोटे मॉनिटर के साथ इसे बॉक्स में बंद कर दिया जाता है. यह मॉनिटर रास्ते में इसका तापमान रिकॉर्ड करता है।एक कंटेटेनर में 48 बैग रखे जाते हैं और ढेर सारी ड्राई आइस से ढक दिया जाता है ताकि इसका तापमान माइनस 20 डिग्री तक बना रहे। इसलिए हम लोगों तक एक शीशी की वैक्सीन भी पहुंचने के पीछे वैज्ञानिकों की अथक प्रयास और बहुत सारी मेहनत लगती है। अगर आपको हमारे आर्टिकल पसंद आ रहे है तो हमे प्यार दे।
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farmers protest: रीया की गिरफ्तारी से लोग हैरान-भाड़ जाए किसान! https://youtu.be/ul8cQaUTLX4 #farmersprotest #haryanafarmersprotest #farmersprotestinharyana #haryanafarmers #kurukshetra #azadkhalid #newsithazadkhalid पता नहीं आजकल ये अफवाह कौन फैला रहा है कि कुछ लड़कियां जिनका कोई बॉय फ्रेंड है वो इस बात को लेकर परेशान हैं कि कहीं उनका दोस्त ड्रग्स तो नहीं लेता....जिसके चलते कहीं ऐसा न हो कि वो सुशांत की तरह कुछ कर बैठे और पुलिस उनके साथ भी रीया की तरह कुछ न करने लग जाए....खैर छोड़िये इस तरह की अफवाहों पर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। ये सब हाईप्रोफाइल सोसाइटी या फिर रील लाइफ की बातें हैं रीयल लाइफ में मामला कुछ और ही है। असल जीवन में बेरोजगार सोसाइट करने के बजाए, माता पिता या घरवालों या वाली की डांट खाकर नौकरी या रोजगार की तलाश में चप्पलें घिस मारते हैं। तो हम बात कर रहे थे। आज के हालात की।  कौन कहता है कि हमारा मेन स्ट्रीम मीडिया काम नहीं करता है। कौन कहता है कि हमारा मेन स्ट्रीम मीडिया के खोजी ...पत्रकारों की सूंघने की शक्ति कम हो गई है। आज मैं ऐसे लोगों को बताना चाहता हूं कि जो खबरे हमारे मेन स्ट्रीम मीडिया ने हाल ही में दिखाईं है। उससे इतना तो साफ हो गया है कि हमारे मीडिया की तेज़ तर्रार नज़रों से कुछ भी नहीं बच सकता है। बस शर्त ये है उस समय उसकी आंखें खुली हों। दरअसल इन दिनों कुछ लोग मेन स्ट्रीम मीडिया को लेकर भी काफी नाराज दिखते हैं। कुछ लोग तो सीधा सवाल पूछते हैं कि सबसे तेज़ और सबसे सटीक और सही खबरों को पेश करने का दावा करने वाले ये चैनल पुलवामा अटैक और दर्जनो भारतीय सैनिकों की मौत पर कोई विस्तृत रिपोर्ट अभी तक क्यों नहीं चला पाए। साथ ही इतनी सुरक्षा के बावजूद कुंटलों आरडीएक्स कैसे वहां तक पहुंचा। तो जनाब हर खबर को आपके लिए पेश करने का इस पर कोई दबाव या ज़िम्मेदारी नहीं है। ये निजी चैनल हैं इनमें दिखाई जाने वाली खबरों पर जनता को ज्यादा दिमाग देने की जरूरत नहीं है। उधर कुछ लोग हैं कि कभी पुछते हैं कि खोजी मीडिया ये क्यों नहीं बताता कि विशुद्ध रूप से विदेशी बीमारी कोरोना के कुछ सौ केस आने पर उसकी रोकथाम के लिए तालाबंदी यानि लॉकडॉउन कर स्कूल, कालिज, लाइब्रेरी, मॉल, ट्रेन, मैट्रो, बस, स्कूटर, कार, शादी, पूजा, नमाज, कीर्तन तक बंद करने के दौरान विदेशों से आने वाले लाखों यात्रियों के लिए एयरपोर्ट, वंदे भारत योजना सहित देशी विदेशों से आने वाले लाखों लोगों को एयरपोर्ट और वहां से अस्पताल लेजाकर आइसोलेट क्यों नहीं किया गया। इतना ही नहीं कुछ लोग तो मीडिया को मानों अंतर्यामी समझते हैं। पूछते हैं कि ताली बजाने, थाली बजाने और 9 बजकर 9 मिनट पर दीये जलाने से कोरोना कितना रुका। अगर रुका है तो देशभर लगभग 80 लाख के करीब संक्रमित और लगभग 80 हजार मरने वाले लोग कैसे हो गये। और अगर ताली न बजाई जाती , न थाली बजाई जाती और न ही दीये जलाए जाते तो संक्रमण कितना फैलने की आशंका थी। उधर कुछ लोग ये भी पूछने लगते हैं कि कंगना ��नावत को रातों रात वाई ग्रेड के सुरक्षा देकर महिला सुरक्षा को कीर्तिमान बनाया गया वही कीर्तिमान उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार के मामले में भी स्थापित हुआ था कि नहीं। इस पर मेन स्ट्रीम मीडिया एक विस्तृत रिपोर्ट या बड़ी बहस कब पेश करेगा। साथ ही कर्ज में डूबे किसानों और आर्थिक तंगी से जूझने वाले लाखों लोगों की आत्महत्या के मामले पर सुशांत सिंह राजपूत की तर्ज पर हल्ला बोल कब होगा।     तो जनाब हम बात कर रहे थे कि हमारा मेन स्ट्रीम मीडिया कितना तेज़ तर्रार हो गया है। आज आपसे सिर्फ तीन खबरों पर चर्चा करूंगा। आपको खुद अंदाजा हो जाएगा कि मेन स्ट्रीम मीडिया यानि स्यंव भू नंबर वन नंबर टूं और सबसे तेज होने का दावा करने वाला ये मेन स्ट्रीम मीडिया कितना मुस्तैद है।   सबसे पहले बात करते हैं बालवुड तारिका रीया की। कल के मेन स्ट्रीम मीडिया और कुछ हफ्ते पहले तक कथिततौर पर सबसे तेज़ माने जाने वाले एक चैनल की दो खबरों के मुताबिक रीया के बारे वो राज सामने आए जिनको सुनकर आपको मान लेना चाहिए कि ये खोजी पत्रकारिता का नया कीर्तिमान हैं। खबर के मुताबिक रीया पुरुलिया के पास के किसी गांव की रहने वाली हैं। उनके दादा यहां के 12 मौजाओं के दीवान थे। उनके यहां 323 साल से दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। उनके पूर्वज झारखंड की माइनिगं में बड़े अफसर थे। जब हमारे कभी सबसे तेज़ तर्रार रहे चैनल के रिपोर्टर ने उनके गांव के लोगों और रिश्तेदारों से बात करने की कोशिश की तो उन्होने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। लेकिन एक अंजान इलाके में पहुंचे रिपोर्टर के सूत्रों ने बताया कि ये लोग रीया की गिरफ्तारी से हैरान हैं। देखा आपने कितनी बड़ी खबर तलाश की है। हमारे मेन स्ट्रीम मीडिया के किसी जमाने के सबसे तेज़ चैनल ने । सैंकड़ो मील दूर उसके रिपोर्टर ने ये पता लगाकर पूरे देश को आगाह कर दिया है कि भले ही रीया के रिश्तेदारों ने उससे बात करने से इंकार कर दिया हो लेकिन वो रीया की गिरफ्तारी से हैरान और गुस्से में हैं। देखिए अब ये आपको तय करना है कि रीया के की गिरफ्तारी से उसके गांव के लोगों के हैरान होने से आप पर देश पर कितना फर्क पड़ रहा है। आपकी नौकरी स्थिति, आपके रोजगार, देश जीडीपी, सीमा पर सुरक्षा, चीन और पाकिस्तान से सीमा विवाद, शिक्षा, विकास और करप्शन की रोकथाम पर कितना फायदा पहुंचेगा ये आपको समझना होगा। लेकिन इस बिग ब्रेकिंग को आप तक पहुंचाने के लिए चैनल के मालिक ने सरकार से लाइंसेस लिया। आपने इस चैनल को देखने के लिए आपने टीवी खरीदा और केबल ऑप्रेटर को पैसे दिये। तब कहीं जाकर आप को ये चौंकाने वाली खबर मिली कि भले ही रीया के रिश्तेदारों से रिपोर्टर से बात न की हो लेकिन वो हैरान थे। इसी खबर में एक दावा और किया गया है ...में आपको खबरे के शब्द सीधे तौर पर लफ्ज ब लफ्ज पढ़ कर सुना रहा हूं....बता दें कि कोविड, कोरोना, लॉकडाउन, इन सभी को पीछे छोड़ते हुए, देश के लोगों की निगाहें अब इस बात पर हैं कि सुशांत राजपूत की आत्महत्या के पीछे कौन है. दोष की उंगली कई लोगों पर जा रही हैं मगर कोई भी पुख्ता सबूत ना होने की वजह से सीबीआई को जांच में दिक्कतें आ रही हैं. बंगाली अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को एनसीबी ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. ...तो आपको अब यकीन आ ही गया होगा कि हमारे मेन स्ट्रीम मीडिया को हमारी सोच तक का कितना अंदाजा है। कोरोना से मरने वालों की तादाद 80 हजार होने वाली है 80-85 लाख लोग संक्रमित है। हर रोज किसी न किसी घर से किसे के पिता, किसी का बेटा किसी का भाई, किसी की बहन उससे बिछड़ रहे हैं। लेकिन कभी सबसे तेज़ का दम भरने वाला एक मेन स्ट्रीम मीडिया हाउस कह रहा है कि देश की जनता कोवि़ड, लाकडॉउन, स्कूल बंद होने, शराब की दुकाने खुलने मैट्रो, रेल और यातायात बंद होने की खबरो को छोड़कर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की गुत्थी के बारे में ही सोच रही है। अब आपको इससे भी ज्यादा खोजी पत्रकारिता चाहिए तो प्लीज कमेंट करके बताइए। इसी तरह से एक राज और सामने या है। रीया के घर सुशांत के लिए ड्रग्स पहुंचाने के लिए कोरियर के पैकेट में घर के सामान के साथ ड्रग्स भी भेजी गई। अरे जनाब पहली बात तो ये है कि मामले में एफआईआर दर्ज है आरोपी जेल मे है और जांच जारी है चार्जशीट अभी दाखिल नहीं हुई है। तो फिलहाल जांच में इसी तरह के और भी राज सामने आएंगे। लेकिन तमाम सबूतो और जांच के पहलुओं पर चार्जशीट के बाद कोर्ट गवाहों के से क्रास एग्जामिनेशन के बाद फैसला सुनाएगी। जिसमें कितना समय लगेगा कोई नहीं कह सकता। फिलहाल रीया जमानत के लिए कोशिश करेगी। इस खबर से रीया के अलावा देश और देश की 138 करोड़ की जनता का सीधे तौर पर कितना लेना देना है ये आप खुद ही तय करें। अब हम बात करते हैं तीसरी खबर की। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों का प्रदर्शन हुआ। हजारों लोग सड़को पर आ गये। पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। कहते हैं वो किसी अध्यादेश का विरोध कर रहे थे। अगर किसी बात का हजारों लोग विरोध कर रहे थे। और वो पुलिस से टकराने को तैयार थे तो क्या हमारे मेन स्ट्रीम मीडिया को देश को ये नहीं बताना चाहिए कि आखिर मामला क्या है। लेकिन कुछ अखबारों और एक दो चैनल पर खबर के अलावा किसी भी खोजी पत्रकार की खबर आपने देखी हो तो हमको भी बताइए। दिल्ली से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया तक रीया के रिश्तेदारों की हैरानी को सूत्रों से जानने वाले चैनल को कुछ सौ किलोमीटर दूर हरियाणा के हजारों किसानों के सड़क प्रदर्शन पर भी उनकी हैरान से देश को आगाह किया जा सकता था। क्योंकि इन्ही किसानों को अपनी सुविधानुसार अक्सर कुछ लोग अन्न दाता भी कहते हैं। आज फिलहाल इतना ही।    
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abhay121996-blog · 3 years ago
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चीन के लिए क्या है पीएम मोदी का संदेश? दलाई लामा के बाद अब वियतनाम को बधाई Divya Sandesh
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चीन के लिए क्या है पीएम मोदी का संदेश? दलाई लामा के बाद अब वियतनाम को बधाई
नई दिल्ली ने शनिवार को चीन को एक बड़ा झटका दिया। उन्‍होंने वियतनाम के पूर्व सुरक्षा अधिकारी और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी के नेता फाम मिन्ह चीन्ह को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी। साथ ही वियतनाम कम्युनिस्ट पार्टी की सालगिरह की भी शुभकामनाएं दीं। उन्‍होंने फाम को भारत आने का न्‍यौता दिया है। वहीं, करीब एक हफ्ते पहले सीपीसी (कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ चाइना) की स्‍थापना के शताब्‍दी समारोह पर उन्‍होंने न तो कोई ट्वीट किया था। न कोई संदेश दिया था। इतना ही नहीं, दो दिन पहले दलाई लामा के जन्‍मदिन पर भी पीएम ने शुभकामनाएं दी थीं। इससे चीन को मिर्ची भी लगी थी। इस तरह पीएम मोदी चीन को लगातार संदेश दे रहे हैं कि अगर वह संवेदनशील मुद्दों पर भारत को ठेस पहुंचा सकता है तो भारत भी ठीक वैसा ही कर सकता है।
मोदी ने फाम मिन्ह चीन्ह को पीएम बनने की बधाई देते हुए विश्वास जताया कि उनके कुशल निर्देशन में दोनों देशों के बीच व्यापक सामरिक साझेदारी और भी मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके बताया, ‘वियतनाम के पीएम एच. ई. फाम मिन्ह चीन्‍ह के साथ फोन पर बात की। हमने व्यापक रणनीतिक साझेदारी के सभी पहलुओं की समीक्षा की। भारत-प्रशांत के लिए साझा दृष्टिकोण को दोहराया। यूएनएससी सहित निकट सहयोग बनाए रखने पर सहमति जताई।’
कई मुद्दों पर चर्चा इसके पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं के बीच फोन पर वार्ता हुई। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी हुआ।
पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने एक खुले, समावेशी, शांतिपूर्ण और नियम आधारित हिंद महासागर क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के समान विचारों का हवाला देते हुए कहा, ‘भारत-वियतनाम व्यापक सामरिक साझेदारी क्षेत्रीय शांति, समृद्धि और विकास को बढ़ावा देने में योगदान दे सकती है।’
वियतनाम को दिया धन्‍यवाद इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने यह हवाला भी दिया कि भारत और वियतनाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य भी हैं। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के समय वियतनाम की ओर से की गई सहायता के लिए धन्यवाद भी दिया। साथ ही दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि वे इस महामारी का मुकाबला करने के लिए विचार-विमर्श और एक-दूसरे का सहयोग करना जारी रखेंगे। पीएमओ ने कहा, ‘दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में विचारों का आदान-प्रदान किया।’
भारत आने का निमंत्रण पीएमओ ने कहा कि वर्ष 2022 में ��ोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ होगी। दोनों नेताओं ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को धूमधाम से मनाने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वियतनामी समकक्ष को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। वियतनाम और चीन के बीच समुद्री क्षेत्र को लेकर काफी समय से विवाद है। चीन की विस्‍तारवादी नीतियों का वियतनाम विरोध करता रहा है। दोनों देशों में 1979 में जंग भी हो चुकी है।
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gokul2181 · 4 years ago
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Economy News In Hindi : Zomato employees burn company T-shirts to protest Chinese investment in firm | चीनी निवेश को लेकर जोमैटो के कर्मचारियों ने किया विरोध, कंपनी की टी-शर्ट को फाड़कर आग के हवाले किया
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Economy News In Hindi : Zomato employees burn company T-shirts to protest Chinese investment in firm | चीनी निवेश को लेकर जोमैटो के कर्मचारियों ने किया विरोध, कंपनी की टी-शर्ट को फाड़कर आग के हवाले किया
कई कर्मचारियों ने चीनी निवेश के विरोध में नौकरी छोड़ने का दावा किया
आंदोलनकारियों ने लोगों से फूड ऑर्डर नहीं करने का भी आग्रह किया
दैनिक भास्कर
Jun 28, 2020, 11:58 AM IST
नई दिल्ली. फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो में चीनी निवेश को लेकर कंपनी के कर्मचारियों के एक ग्रुप ने शनिवार को कोलकाता में प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने कंपनी की टी-शर्ट को फाड़ डाला और बाद में उसे आग के हवाले कर दिया। लद्दाख घाटी में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की मौत के विरोध में कर्मचारियों ने यह प्रदर्शन किया। 
कई कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ने का दावा किया
दक्षिण पश्चिम कोलकाता के बेहाला में प्रदर्शन के दौरान कुछ आंदोलनकारियों ने दावा किया कि उन्होंने जोमैटो में चीनी निवेश के विरोध में अपनी नौकरी छोड़ दी है। आंदोलनकारियों ने लोगों से कंपनी से फूड ऑर्डर नहीं करने का भी आग्रह किया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि चीनी कंपनियां यहां मुनाफा कमाती हैं और उनका देश हमारी सेना पर हमला करता है। वे हमारी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे भूखा मरने के लिए तैयार हैं लेकिन चीनी निवेश वाली कंपनी में काम नहीं करेंगे।
While people are losing jobs all around, a group of #Zomato delivery boys in #Kolkata quit their job protesting against #Chinese investment in the company #IndiaChinaFaceOff#BoycottChineseProduct#BoycottMadeInChinapic.twitter.com/I0R6heusZO
— Indrajit | ইন্দ্রজিৎ (@iindrojit) June 27, 2020
2018 में एंट फाइनेंशियल ने किया था 1500 करोड़ रुपए का निवेश
चीन के दिग्गज निवेशक समूह अलीबाबा ग्रुप की कंपनी एंट फाइनेंशियल ने 2018 में जोमैटो में 210 मिलियन डॉलर करीब 1500 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इस निवेश के जरिए जोमैटो में एंट फाइनेंशियल की 14.7 फीसदी की हिस्सेदारी हो गई थी। हाल ही में जोमैटो ने एंट फाइनेंशियल से 150 मिलियन डॉलर करीब 1100 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जुटाई है।
जोमैटो ने मई में 520 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था
कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के चलते जोमैटो ने मई में 520 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था, जो उसकी कुल वर्कफोर्स का 13 फीसदी था। चीनी निवेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर जोमैटो ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। 
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newsdaliy · 2 years ago
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"ज्यादा उखड़ें नहीं": चीन ने कोविड प्रतिबंधों का विरोध किया लेकिन सरकारी कार्रवाई का डर है
“ज्यादा उखड़ें नहीं”: चीन ने कोविड प्रतिबंधों का विरोध किया लेकिन सरकारी कार्रवाई का डर है
एक प्रमुख प्रदर्शनकारी ने एक मेगाफोन के माध्यम से भीड़ को बताया, “लोगों को बहुत गुस्सा मत करो”। बीजिंग: पिछले रविवार की देर रात सख्त COVID प्रतिबंधों के खिलाफ बीजिंग की एक बड़ी सड़क पर विरोध चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया, कई प्रदर्शनकारियों ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और उसके नेता शी जिनपिंग को पद छोड़ने के लिए ��कथनीय चिल्लाया। कुछ साथी प्रदर्शनकारियों द्वारा उन्हें तुरंत फटकार लगाई गई। एक…
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newsdaliy · 2 years ago
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उग्र विरोध के बावजूद शी जिनपिंग "बेहतर टीकों को स्वीकार करने के लिए अनिच्छुक": यू.एस
उग्र विरोध के बावजूद शी जिनपिंग “बेहतर टीकों को स्वीकार करने के लिए अनिच्छुक”: यू.एस
व्हाइट हाउस ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि चीन ने अमेरिका से टीके के लिए नहीं कहा था। (फ़ाइल) वाशिंगटन: चीनी नेता शी जिनपिंग COVID-19 के साथ चीन की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद पश्चिमी टीकों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, और हाल के विरोधों में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के लिए कोई खतरा नहीं है, वे उनकी व्यक्तिगत स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं, राष्ट्रीय खु��िया निदेशक एवरिल…
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