#चीन की निगरानी
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narmadanchal · 1 month ago
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चीन ने अरुणाचल में दो जगहों तक पेट्रोलिंग बढ़ाने की मांग करके नया विवाद खड़ा किया
– पीएलए के सैनिकों ने ‘सेमा’ के घने जंगल वाले इलाके में रॉक पेंटिंग भी की – सुपर हाई एल्टीट्यूड फायरिंग रेंज तक निगरानी रखना है चीन का मकसद नई दिल्ली, 06 अक्टूबर (हि.स.)। भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तरीय 21 दौर की वार्ता के बावजूद पुराने मुद्दे अभी सुलझ नहीं पाए हैं लेकिन इस बीच चीन ने भारतीय सीमा के अंदर अरुणाचल में दो जगहों तक अपनी पेट्रोलिंग बढ़ाने की नई मांग करके एक और विवाद खड़ा कर…
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rightnewshindi · 2 months ago
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तकनीकी खराबी के कारण बंगाल की खाड़ी में क्रैश हुआ लीज पर किया अमेरिकी ड्रोन, भारतीय नौ सेना कर रही थी प्रयोग
तकनीकी खराबी के कारण बंगाल की खाड़ी में क्रैश हुआ लीज पर किया अमेरिकी ड्रोन, भारतीय नौ सेना कर रही थी प्रयोग #news #viral #trending #update #newspaper #breakingnews #currentaffairs #dailynews #newsletter #newspapers #newsupdate #People #Media #info
MQ-9B SeaGuardian Drone Crash: भारतीय नौसेना द्वारा अमेरिका से लीज पर लिया गया MQ-9B SeaGuardian ड्रोन बुधवार को बंगाल की खाड़ी में एक तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गया। ये घातक ड्रोन चीन तक के इलाकों तक निगरानी करता था। नौसेना ने एक बयान में कहा कि यह घटना एक नियमित निगरानी मिशन के दौरान हुई, जिसमें ड्रोन को पानी में आपातकालीन लैंडिंग (डिचिंग) करनी पड़ी। ड्रोन को अब समुद्र से वापस नहीं लाया जा…
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dainiksamachar · 7 months ago
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भारत ने बनाया पाकिस्तानी हंगोर का काल, अब समुद्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का SMART से बचना नामुमकिन
इस्लामाबाद: भारत ने बुधवार को सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) सिस्टम का परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बताया कि प्रणाली 500 किमी से अधिक दूर दुश्मन की पनडुब्बियों पर हमला करने में सक्षम है। डीआरडीओ ने भारतीय नौसेना के लिए 2018 में को बनाना शुरू किया था। इसे पाकिस्तान की हंगोर क्लास की पनडुब्बियों का काल माना जा रहा है। पाकिस्तान को चीन से हंगोर क्लास की पहली पनडुब्बी मिलने वाली है। यह पनडुब्बी एआईपी सिस्टम से लैस है, जिसे अपनी बैटरियों को चार्ज करने के लिए सतह पर आने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में इस पनडुब्बी को 500 किमी की रेंज में कहीं भी भारत के स्मार्ट मिसाइल सिस्टम की मदद से निशाना बनाया जा सकेगा। SMART मिसाइल सिस्टम कब काम आएगा स्मार्ट मिसाइल सिस्टम तब काम में आएगा जब कोई उपग्रह या गैर-लड़ाकू खुफिया, निगरानी और टोही प्रणाली जैसे मानव रहित हवाई वाहन, दुश्मन की पनडुब्बी का पता लगाएगा। अगर उस वक्त उक्त जगह पर भारत का कोई युद्धपोत, पनडुब्बी या पी-8आई पोसाइडन जैसा एंटी सबमरीन वारफेयर में माहिर जहाज नहीं होता है तो स्मार्ट मिसाइल सिस्टम की मदद से हमला किया जाएगा। वर्तमान में, भारतीय नौसेना पनडुब्बी, जहाज या हेलीकॉप्टर से टॉरपीडो लॉन्च कर सकती है लेकिन इनकी गति सीमित होती है और इनकी सीमा केवल 20 से 40 किमी तक होती है। ऐसे में टॉरपीडो को ले जा रही मिसाइल उसे हमले वाली जगह तक आसानी से पहुंचा देगी। SMART मिसाइल क्यों खतरनाक है? इस कनस्तर-आधारित मिसाइल प्रणाली में कई उन्नत उप-प्रणालियां शामिल हैं। इसमें दो-चरणों वाली ठोस प्रणोदन प्रणाली, इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्चुएटर प्रणाली और सटीक जड़��्वीय नेविगेशन प्रणाली लगी हुई हैं। यह प्रणाली पैराशूट-आधारित रिलीज मैकेनिज्म के साथ पेलोड के रूप में एक उन्नत हल्के वजन वाले टारपीडो को ले जाती है। SMART सिस्टम में स्वदेशी तकनीक से बने टॉरपीडो एडवांस्ड लाइट (TAL) का इस्तेमाल किया जाता है। यह DRDO द्वारा विकसित एक विद्युत-चालित सेल्फ-होमिंग टॉरपीडो है। इसमें संचालन के सक्रिय और निष्क्रिय दोनों तरीके हैं, और सभी-डिजिटल नियंत्रण और मार्गदर्शन प्रणालियां हैं। रक्षा मंत्रालय ने SMART सिस्टम के परीक्षण पर क्या कहा रक्षा मंत्रालय ने कहा कि SMART मिसाइल को ग्राउंड-मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया था। इसमें कहा गया है कि इस परीक्षण में सेपरेशन, इजेक्शन और वेलोसिटी को कंट्रोल करने जैसे कई सिस्टम को टेस्ट किया गया। सूत्रों ने कहा कि ऐसा तंत्र रखने वाला दूसरा ज्ञात देश रूस है। उन्होंने कहा कि परीक्षणों के अगले चरण में सतह के जहाजों से स्मार्ट मिसाइल की फायरिंग शामिल होगी। बाद में टारपीडो को पनडुब्बी या समुद्र के नीचे की वस्तु पर हमला करने के लिए टेस्ट किया जाएगा। इसे अगले डेढ़ साल के अंदर भारतीय नौसेना में शामिल कर दिया जाएगा। चीन से 8 पनडुब्बियां खरीद रहा पाकिस्तान पाकिस्तान ने चीन से हंगोर क्लास की 8 पनडुब्बियों को खरीदने की डील साइन की है। इस क्लास की पहली पनडुब्बी को चंद दिनों पहले चीन के वुचांग शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री ग्रुप (डब्ल्यूएसआईजी) के शुआंगलियू बेस पर लॉन्च किया गया था। कुल आठ पनडुब्बियों में से चार का निर्माण चीन के डब्ल्यूएसआईजी द्वारा किया जाना है, जबकि शेष चार का निर्माण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) समझौते के तहत पाकिस्तान में कराची शिपयॉर्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स में किया जा रहा है। उन्नत स्टील्थ विशेषताओं वाली पनडुब्बियों को कई तरह के खतरे वाले वातावरण में संचालित करने के लिए अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से सुसज्जित किया जाना है और लंबी दूरी पर लक्ष्य पर हमला किया जा सकता है। http://dlvr.it/T6HT4x
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countryinsidenews · 2 years ago
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दिल्ली /सेना कमांडरों के सम्मेलन में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह-LAC पर तनाव कायम -सेना सतर्क रहें
कौशलेन्द्र पाराशर -दिल्ली ब्यूरो /सेना कमांडरों के सम्मेलन में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह-LAC पर तनाव कायम -सेना सतर्क रहें।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन सीमा पर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत जारी रहेगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि तनाव कम करना ही सबसे बेहतर कदम है। भारतीय थल सेना चीन से लगी एलएसी पर कड़ी निगरानी रखें। क्योंकि चीनी सैनिकों की तैनाती को देखते हुए उत्तरी क्षेत्र…
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worldinyourpalm · 2 years ago
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चीन ने दक्षिण चीन सागर से अमेरिकी विध्वंसक को "निष्कासित" किया, अमेरिका ने दावे को खारिज किया | China "Expels" a US destroyer from the South China Sea, but the US disputes this;
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Source: storage.googleapis.com
दक्षिण चीन सागर (SCS) के विवादित जल क्षेत्र
चीनी सेना ने गुरुवार को कहा कि उसने दक्षिण चीन सागर के विवादित जल क्षेत्र से एक अमेरिकी युद्धपोत को चेतावनी दी और "निष्कासित" कर दिया, अमेरिकी सेना ने इस दावे का खंडन किया।
चीनी सेना ने गुरुवार को कहा कि उसने दक्षिण चीन सागर (SCS) के विवादित जल क्षेत्र से एक अमेरिकी युद्धपोत को चेतावनी दी और "निष्कासित" कर दिया, अमेरिकी सेना ने इस दावे का तेजी से खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि उसका नौसैनिक जहाज गुजरते समय अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन कर रहा था। समुद्री क्षेत्र।
चीन लगभग पूरे SCS पर दावा करता है, लेकिन फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और इंडोनेशिया के अलावा वियतनाम और ताइवान (जो चीन कहता है कि एक अलग क्षेत्र है) सहित कई समुद्री पड़ोसियों के साथ द्वीपों और चट्टानों के स्वामित्व पर विवाद में बंद है।
SCS एक रणनीतिक और तनावपूर्ण जलमार्ग
SCS एक रणनीतिक और अक्सर तनावपूर्ण जलमार्ग है, जिसके माध्यम से अरबों डॉलर का सामान ले जाने वाले मालवाहक जहाज सालाना गुजरते हैं। इसे ऊर्जा संसाधनों का अप्रयुक्त भंडार भी कहा जाता है।
चीनी और अमेरिकी सेना के बीच गुरुवार की मुठभेड़, जो विवादित ज़िशा (पारासेल) द्वीपों के पास हुई थी, हाल के वर्षों में दोनों के बीच हुई मुठभेड़ों की श्रृंखला में नवीनतम थी। ज़िशा द्वीपों को वियतनाम में होआंग सा द्वीपसमूह के रूप में भी जाना जाता है।
चीनी सेना ने एक बयान में कहा, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, यूएसएस मिलियस को गुरुवार को "चीनी सरकार से प्राधिकरण के बिना" क्षेत्र में पाए जाने के बाद "निष्कासित" कर दिया।
पीएलए दक्षिणी थिएटर कमांड
पीएलए सदर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता, सीनियर कर्नल तियान जुनली ने बयान में कहा, अमेरिकी युद्धपोत ने "दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता को बिगाड़ते हुए, शीशा द्वीप समूह से चीनी क्षेत्रीय जल में अवैध घुसपैठ की।"
तियान ने बयान में कहा, "चीनी पीएलए सदर्न थिएटर कमांड के नौसैनिक और हवाई बलों ने कानून के अनुसार अमेरिकी विध्वंसक पर पूरी प्रक्रिया की निगरानी और निगरानी की और इसे बंद करने की चेतावनी दी।"
तियान ने कहा, अमेरिका के कदम ने "... दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से खतरे में डाल दिया है।"
टैन ने कहा, "पीएलए दक्षिणी थिएटर कमांड के सैनिक हमेशा हाई अलर्ट पर रहेंगे और चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के साथ-साथ एससीएस में शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे.......
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prabudhajanata · 2 years ago
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Singapore भारत के यात्रियों को आश्वस्त करता है, लोकप्रिय हॉलिडे डेस्टिनेशन पर आगंतुकों का स्वागत करता है
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upscias9india · 2 years ago
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दुनिया में कोरोना का खतरा:अमेरिका ने कहा- चीन जानकारी छिपा रहा, वहां से आने वाले सभी मुसाफिरों की निगरानी होगी
29-December-2022-The Hindu
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mwsnewshindi · 2 years ago
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चीनी जेट अमेरिकी सैन्य विमान के 20 फीट के दायरे में आया: यू.एस
चीनी जेट अमेरिकी सैन्य विमान के 20 फीट के दायरे में आया: यू.एस
अमेरिकी सेना ने कहा कि चीनी पायलट ने अमेरिकी विमान की नाक के सामने और उसके 20 फीट के भीतर उड़ान भरी। वाशिंगटन: अमेरिकी सेना ने गुरुवार को कहा कि एक चीनी लड़ाकू विमान ने दक्षिण चीन सागर के ऊपर अमेरिकी वायु सेना ��े एक बहुत बड़े निगरानी विमान के 20 फीट (छह मीटर) के दायरे में खतरनाक तरीके से उड़ान भरी। ��ूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने एक बयान में कहा, 21 दिसंबर की घटना में, एक चीनी नौसेना J-11 लड़ाकू…
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telnews-in · 2 years ago
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मेटा ने 900 फर्जी चीनी खातों के साथ भारतीय फर्म साइबररूट रिस्क एडवाइजरी के खातों को हटा दिया
मेटा ने 900 फर्जी चीनी खातों के साथ भारतीय फर्म साइबररूट रिस्क एडवाइजरी के खातों को हटा दिया
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा ने भारतीय कंपनी साइबररूट रिस्क एडवाइजरी द्वारा संचालित 40 से अधिक खातों को हटा दिया है, जिसमें कथित रूप से हैकिंग-फॉर-हायर सेवाएं शामिल थीं, ऑनलाइन दिग्गज ने एक रिपोर्ट में कहा। मेटा ने एक अज्ञात संगठन द्वारा चीन से संचालित इंस्टाग्राम और फेसबुक पर लगभग 900 नकली खातों के नेटवर्क को भी हटा दिया। भाड़े के उद्योग के लिए निगरानी पर कंपनी की थ्रेट रिपोर्ट के अनुसार,…
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sabkuchgyan · 2 years ago
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चीन से झड़प के बाद भारत के साथ आया अमेरिका, ड्रैगन को दी ये चेतावनी
चीन से झड़प के बाद भारत के साथ आया अमेरिका, ड्रैगन को दी ये चेतावनी
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प पर अमेरिका ने बयान दिया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडेन प्रशासन इस बात से खुश है कि भारतीय और चीनी सैनिकों को जल्दी वापस ले लिया गया। मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में, हाउस प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और दोनों पक्षों को विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा…
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imsaki07 · 2 years ago
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तवांग मामले के बाद एक्शन में वायुसेना, LAC के पास स्थिति पर कड़ी नजर #news4
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यथास्थिति बदलने की पिछले सप्ताह की गई चीनी बलों की एकतरफा कोशिश के बाद राज्य में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास हालात पर करीब से नजर रख रही है। उन्होंने बताया कि वायुसेना ने 9 दिसंबर को चीन द्वारा की गई अतिक्रमण की कोशिश के मद्देनजर इलाके में अपनी समग्र निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन…
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nityanewsnation · 2 years ago
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Restless China Sent Spy Ship To Indian Ocean Before India's Ballistic Missile Test - Chinese Spy Ship: भारत की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण से पहले चीन बेचैन, हिंद महासागर में भेजा जासूसी जहाज
Restless China Sent Spy Ship To Indian Ocean Before India’s Ballistic Missile Test – Chinese Spy Ship: भारत की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण से पहले चीन बेचैन, हिंद महासागर में भेजा जासूसी जहाज
प्रतीकात्मक तस्वीर – फोटो : सोशल मीडिया ख़बर सुनें ख़बर सुनें बंगाल की खाड़ी में भारत द्वारा लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण से पहले चीन बेचैनी साफ दिखने लगी है। चीन का का जासूसी जहाज ‘युआन वांग 5’ हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हो चुका है। यह जहाज विभिन्न निगरानी और खुफिया उपकरणों से लैस है। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि बैलिस्टिक मिसाइल और सेटेलाइट निगरानी में सक्षम चीनी जहाज की…
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dainiksamachar · 9 months ago
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मालदीव की सीमा के पास गरजेंगे राफेल फाइटर जेट, मुइज्‍जू को भारी पड़ेगी चीन की गुलामी, ऐक्‍शन में भारत
माले: चीन के इशारे पर भारत को आंखें दिखा रहे मालदीव के राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू को अब करारा जवाब मिलने जा रहा है। भारत मालदीव से मात्र 507 किमी दूरी पर बसे लक्षद्वीप के मिनिकोय में अपने एयर और नेवल बेस आईएनएस जटायु का अगले सप्‍ताह उद्घाटन करने जा रहा है। विश्‍लेषकों का कहना है कि भारत का यह नेवल बेस अरब सागर में एक तरह से मालदीव का विकल्‍प है। लक्षद्वीप में भारतीय नौसैनिक अड्डे का निर्माण पूरा होने का मतलब है कि अब जल्‍द ही राफेल जैसे भारत के सबसे घातक फाइटर जेट लक्षद्वीप में उतर सकेंगे। यही नहीं भारतीय लड़ाकू विमानों की यह गर्जना मालदीव के मुइज्‍जू के रास्‍ते चीन तक सुनाई देगी। इसका असर पूरे पश्चिमी हिंद महासागर में देखा जाएगा। यह वही इलाका है जहां पर चीन के जासूसी जहाज और युद्धपोत पहुंचते रहते हैं और ड्रैगन बहुत तेजी से अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। भारत अगले सप्‍ताह इस नेवल बेस का उद्घाटन करने जा रहा है जो ठीक उसी समय हो रहा है जब मालदीव से भारतीय सैनिकों का पहला दल वहां से आने वाला है। मुइज्‍जू के आदेश पर भारतीय सैनिकों को वापस बुलाया जा रहा है। इससे पहले मुइज्‍जू ने चुनाव प्रचार के दौरान इन सैनिकों के खिलाफ 'इंडिया आउट' कैंपेन चलाया था। मुइज्‍जू ने भारत के साथ मालदीव की परंपरागत दोस्‍ती में जहर बो दिया है और ��ब वह चीन के इशारे पर लगातार जहर उगल रहे हैं। चीन के दौरे से लौटने के बाद मुइज्‍जू ने तुर्की से यूक्रेन वाले बायरकतार हमलावर ड्रोन लेने का ऐलान किया है। मुइज्‍जू ने कहा कि इसके जरिए वह भारतीय सीमा से सटे मालदीव के इलाके की निगरानी करेंगे। मालदीव पर क्‍यों है चीन की नजर? मालदीव ने तुर्की के साथ यह करोड़ों डॉलर की ड्रोन डील ऐसे समय पर की है जब उनका देश कर्ज में डूबा हुआ है। मालदीव पर सबसे ज्‍यादा कर्ज चीन का है। मालदीव में नई सरकार ने भारत को छोड़कर चीन के प्रति अपनी निष्ठा बना ली है, जिसे भारत के रणनीतिक हितों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मालदीव का रणनीतिक महत्व उसके आकार से ज्यादा उसकी लोकेशन में है। यह 960 किलोमीटर लंबी पनडुब्बी रिज पर स्थित है जो उत्तर से दक्षिण तक जाती है, जो हिंद महासागर के बीच में एक दीवार के रूप में काम करती है। हिंद महासागर क्षेत्र में संचार के दो महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग हैं जो दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के बीच समुद्री व्यापार को सुविधाजनक बनाते हैं। ये मार्ग मालदीव के दक्षिणी और उत्तरी छोर पर स्थित हैं। मलक्का जलडमरूमध्य, अदन और होरमुज की खाड़ी अंतरराष्ट्रीय व्यापार और ऊर्जा प्रवाह के लिए इन मार्गों पर बहुत अधिक निर्भर करती हैं। अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार के लिए हिंद महासागर के प्राथमिक मार्ग होने के बावजूद, मालदीव इसके लिए एक 'प्रवेश द्वार' की भूमिका निभाता है। लक्षद्वीप द्वीप समूह में नौसैनिक हवाई अड्डे के निर्माण के साथ, भारत का लक्ष्य हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति और प्रभाव बनाए रखना है। मालदीव को जवाब है मिन‍िकोय अपने रणनीतिक हितों को सुरक्षित करने और एक क्षेत्रीय शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए भारत का यह कदम जरूरी है। भारत का आईएनएस जटायु नाम का बेस, इस क्षेत्र में नौसेना की मौजूदगी को बढ़ाएगा। आईएनएस जटायु बेस मिनिकॉय द्वीप पर होगा, जो लक्षद्वीप के खूबसूरत द्वीपों में से एक है। मिनिकॉय द्वीप 9-डिग्री चैनल के पास स्थित है, जो एक व्यस्त शिपिंग रूट है, जो मालदीव के सबसे उत्तरी द्वीप से लगभग 130 किलोमीटर दूर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब लक्षद्वीप का द्वीप का दौरा किया था, तब भारत और मालदीव के बीच एक कूटनीतिक विवाद हो गया था। मालदीव की नई सरकार ने भारत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा और एक चीनी जासूसी पोत का स्वागत किया जिसे श्रीलंका ने अपने यहां रुकने की अनुमति देने से पहले ही मना कर दिया था। इसका भारतीय जनता ने पर्यटन के लिए देश का बहिष्कार करके करारा जवाब दिया था। यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए इस क्षमता को विकसित करना जरूरी था। आईएनएस जटायु में एक विमानन सुविधा होगी। यह न केवल भारत की समुद्री डोमेन जागरूकता को बढ़ाएगा बल्कि हमारे समुद्री पड़ोस में विकास की बेहतर निगरानी भी करेगा। शुरुआत में, आईएनएस जटायु को अधिकारियों और जवानों के एक छोटे से दल के साथ चालू किया जाएगा। हालांकि, इसे विस्तारित करने की योजना है ताकि राफेल जैसे लड़ाकू विमान यहां से उड़ान भर सकें। आईएनएस जटायु का उद्घाटन समारोह चुपके से नहीं होने जा रहा है। भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि क्षेत्र की शक्तियां इस पर ध्यान दें, क्योंकि समारोह के दौरान भारतीय नौसेना के दोनों ही विमानवाहक पोत वहां मौजूद रहेंगे, जो पूरी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कुल 15 युद्धपोत 4-5 मार्च को होने वाले… http://dlvr.it/T3W29B
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indiandefensekhabar · 2 years ago
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भारत द्वारा अमेरिका से 30 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर नौसेना प्रमुख का अपडेट
भारत द्वारा अमेरिका से 30 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर नौसेना प्रमुख का अपडेट
नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने आज कहा कि अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन के बेड़े की प्रस्तावित खरीद का मामला अंडर प्रोसेस है। मूल प्रस्ताव चीन के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में सीमा के साथ-साथ भारत के निगरानी तंत्र को क्रैंक करने के लिए 3 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की लागत से 30 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदना था। “खरीद के लिए मामला अंडर प्रोसेस है। हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या संख्या को…
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worldinyourpalm · 2 years ago
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अमेरिका ने बरामद किया 'स्पाई बैलून' का मलबा, चीन ने जताया विरोध | China complains as the United States recovers "Spy Balloon" debris;
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अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं
बीजिंग का कहना है कि मानव रहित हवाई पोत ने किसी भी व्यक्ति या अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई खतरा पैदा नहीं किया है, उन्हें ऐसी घटनाओं को शांत और पेशेवर तरीके से ठीक से संभालना चाहिए था।
अमेरिकी अधिकारियों ने रविवार को मार गिराए गए चीनी निगरानी ��ुब्बारे के अवशेषों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया है, जिससे वाशिंगटन और बीजिंग के बीच एक राजनयिक विवाद छिड़ गया है।
चीनी सरकार ने मंगलवार को गुब्बारे के नीचे गिराए जाने की अपनी आलोचना को दोहराया और इसे 'अतिप्रतिक्रिया' करार दिया।
बाइडन प्रशासन ने जोर देकर कहा है कि गुब्बारे को गिराना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं है। व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को ब्रीफिंग कॉल पर संवाददाताओं से कहा, 'जवाब स्पष्ट रूप से 'नहीं' है।
यह पूछे जाने पर कि क्या बीजिंग ने अमेरिका से मलबा वापस करने का अनुरोध किया था, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा: 'हवाई पोत अमेरिका का नहीं है, यह चीन का है। ' हालांकि, यू.एस. की बीजिंग को मलबे को वापस करने की कोई योजना नहीं है। श्री किर्बी ने कहा, 'मैं इसे वापस करने के लिए ऐसा कोई इरादा या योजना नहीं जानता।'
सुश्री माओ ने कहा, 'मानवरहित चीनी हवाई पोत नागरिक प्रकृति का है।' 'अमेरिकी हवाई क्षेत्र में इसका अनायास प्रवेश पूरी तरह से अप्रत्याशित है और अप्रत्याशित घटना के कारण हुआ है। इससे किसी व्यक्ति या अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था। अमेरिका को इस तरह की घटनाओं को शांत और पेशेवर तरीके से ठीक से संभालना चाहिए था, जिसमें बल का उपयोग शामिल नहीं था, फिर भी उन्होंने अन्यथा करने का फैसला किया, जो एक स्पष्ट अति-प्रतिक्रिया है। '
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मलबे का विश्लेषण
यू.एस. ने कहा कि सेना ने गुब्बारे के अवशेषों क�� इकट्ठा करना और उनका विश्लेषण करना शुरू कर दिया है। यू.एस. उत्तरी कमान के वायु सेना जनरल ग्लेन डी. वैन हेर्क ने स्वीकार किया कि चीनी गुब्बारों ने पहले यू.एस. हवाई क्षेत्र को पार किया था और 'डोमेन अवेयरनेस गैप' था।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'तो वे गुब्बारे, इसलिए हर दिन एक NORAD कमांडर के रूप में यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उत्तरी अमेरिका के खतरों का पता लगाऊं।' 'मैं आपको बता दूंगा कि हमने उन खतरों का पता नहीं लगाया। और यह एक डोमेन जागरूकता अंतर है जिसे हमें पता लगा��ा है ... इंटेल समुदाय, इस तथ्य के बाद, मेर�� मानना ​​है कि ...। हमें उन गुब्बारों से अवगत कराया जो पहले उत्तरी अमेरिका की ओर आ रहे थे या उत्तरी अमेरिका को पार कर रहे थे। श्री किर्बी के अनुसार, बाइडेन प्रशासन को 'इस बात की जानकारी थी' कि कम से कम तीन मौकों पर चीनी निगरानी गुब्बारों ने अमेरिकी हवाई क्षेत्र को पार किया। हालांकि, ये 'संक्षिप्त समय' के लिए थे, उन्होंने कहा। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि चीनी गुब्बारों को पहले भी दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया में ट्रैक किया गया था। दिखने में समान गुब्बारे पिछले साल भारत में अंडमान द्वीप समूह और 2020 और 2021 में जापान में देखे गए थे। जनरल वान हर्क ने बताया कि बिडेन प्रशासन ने गुब्बारे को शूट नहीं करने का फैसला क्यों किया, जो पहली बार 28 जनवरी को अलास्का में पाया गया था। जबकि यह संवेदनशील सैन्य स्थलों सहित पूरे महाद्वीपीय यू.एस. में तैरता रहा, एक सप्ताह तक, और इसके बजाय अटलांटिक महासागर की ओर पूर्व की ओर बहने की प्रतीक्षा की.......
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jaksnews · 4 years ago
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चीन के निगरानी मामले पर चर्चा के लिए कांग्रेस स्थगन प्रस्ताव लेती है
चीन के निगरानी मामले पर चर्चा के लिए कांग्रेस स्थगन प्रस्ताव लेती है
[ad_1]
द्वारा: एक्सप्रेस समाचार सेवा | नई दिल्ली | 16 सितंबर, 2020 4:54:21 पूर्वाह्न
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नोटिस को सदन के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और सांसद मणीकम टैगोर ने स्थानांतरित किया।
चीनी सरकार से जुड़ी एक फर्म द्वारा मंगलवार को कांग्रेस ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित प्रमुख भारतीय हस्तियों की “निगरानी” को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस जारी…
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