मातृभाषा हिंदी l
नमस्ते हिंदी l
हिंदी भाषा की परिभाषा यह है कि व्यक्ति अपनी भावनाएं, इच्छाएं, समस्याएं और अपनी बातों को व्यक्त करते हैं और अपनी वक्तव्य को दूसरों तक पहुंचाता है और भाषा के द्वारा ही व्यक्ति अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढता है, या दूसरों की समस्याओं का समाधान करता है l
यदि एक भाषा दूसरी भाषा को दबाता है तो इंसान खुद ब खुद दबता चला जाता है l
आइए हम सब मिलकर हिंदी को प्रोत्साहित करें, हिंदी को महत्व दें और हिंदी को आगे बढ़ावा देl
अपना एक ही अभियान हिंदी सर्वोपरि है l
हिंदी महान है…l.
हिंदी हम सब का सम्मान है..l
हिंदी, अभिव्यक्तित्व की निखार है l
हिंदी, अंतरात्मा की एक पुकार है..l
अपनों से अच्छा व्यवहार है l
हिंदी और संस्कृत भाषा में अपने पूर्वजों का संस्कार हैं l
अपनी भाषा हिंदी है तो समृद्धि है, उत्थान है और…
मानवता को विश्व स्तर पर पहुंचाने का एक बहुत बड़ा योगदान है l
हिंदी भाषा हिंदुस्तान की संपत्ति है l
हिंदी भाषा में स्वाबलंबन है, समरसता है, संभावना है, समर्पण है l
हिंदी है तो खुशियां और समृद्धि है l
हिंदी है तो सब सुख संपन्न है l
हिंदी भाषा में दूरदर्शिता है l
हिंदी भाषा अविष्कारों की जननी हैl
हिंदी भाषा हिंदुस्तान की एक पहचान हैl
हिंदी महान है...l
हिंदी है तो बौद्धिक संस्कृति है
हिंदी है तो कवि और कलाकार है
हिंदी है तो बुद्धिजीवी अपार है l
हिंदी है तो ज्ञान का भंडार है l
हिंदी और संस्कृत है तो ..
लोगों को शास्त्र का ज्ञान है l
उपनिषद और वैदिक विज्ञान है ll
हिंदी है तो राष्ट्रभक्ति है,
नारी की शक्ति है l
हिंदी है तो युवा शक्ति है l
हिंदी है तो हिंदुस्तान शक्तिशाली है l
हिंदी एक साधना है l
हिंदी आराधना है l
अंतर्मन की पूजा है हिंदी l
अपनों की आदर और सत्कार है हिंदी l
हिंदी एक विचारधारा l
जो बहती गंगा सी धारा है ll
हिंदी कामधेनु गो है l
कल्पतरू है हिंदी ll
रिधि सिद्धि है हिंदी l
शुभ लाभ है हिंदी ll
सर्वे भवंतू सुखिना: है l
वसुदेव कुटुंबकम है ll
हिंदी है तो निस्वार्थ भावना है l
एक सहयोग है l
हिंदी एक योग है ll
कवि की कल्पना है हिंदी l
हिंदी है तो परिपक्वता है l
हिंदी, भाषा में एक विश्वास है l
हिंदी, विश्व गुरु बनने का ब्रह्मास्त्र हैl
हिंदी और संस्कृत है तो मानवता है l
ललाट पर लगी भगवा रोड़ी की टीका है हिंदी l
हम सभी के लिए वरदान है हिंदी l
राष्ट्र की मान और सम्मान है हिंदी l
आन, बान और शान हिंदी l
हिंदुत्व की जान है हिंदी l
हिंदी हमारी जुबान है l
हिंदी है तो हम जवान हैं l
उर्दू और फारसी के साथ भाईचारा निभाता आया है हिंदी l
उनके कुछ अनमोल शब्द खरीद रखे हैं हिंदी l
जय हिंद का नारा दिया है हिंदी ने l
राष्ट्रीयता पूरी निभाया है हिंदी ने l
स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर लड़ाई लड़ी है हिंदी ने l
हिंदुस्तान को आजादी दिलाई है हिंदी ने l
हिंदी है तो हम शक्तिमान हैं l
पत्रकारिता की लाठी है हिंदी l
लेखकों की साथी है हिंदी l
छात्रों का सहपाठी हिंदी l
रंगमंच की पहचान है हिंदी l
फिल्म जगत की जान है हिंदी l
गीत संगीत की आत्मा है हिंदी l
14 सितंबर की वार्षिक उत्सव तक ही सीमित नहीं है हिंदी l
साल के 365 दिनों तक साथ निभाता है हिंदी l
कार्यालय में भी बढ़-चढ़कर कार्य करता है हिंदी l
लाखों लेखकों का लेख -निबंध है हिंदी l
अनपढ़ों पर लगाती प्रतिबंध है हिंदी
हिंदी है तो स्वच्छता अभियान है l
हिंदी हमारे देश का अभिमान है l
हिंदी है तो पर्यावरण में गतिविधियां...है ,
प्रकृति के साथ जीने की अनेक विधियां है l
हिंदी है तो अनेकता में एकता हैl
हिंदी है तो अभिव्यक्ति की आजादी हैl
हिंदी भाषा का सकारात्मक दिशा में एक बहुत बड़ा योगदान है l
हिंदी हैं तो...
अनेकों व्यापार है..l
अच्छा व्यवहार है..l
आपस में प्यार और शिष्टाचार है l
हिंदी है तो न्यायालय में न्याय है l
जीने का अधिकार हैl
हिंदी में ही तो...
हीतो पदेस की कहानियां है l
हिंदी में तो विदुर नीति है l
हिंदी है तो चाणक्य नीति है l
जिस पर हिंदुस्तान टिकी है l
हिंदी में लिखी पंचतंत्र है l
राजनीति का एक मूल मंत्र है ll
हिंदी है तो लोकतंत्र है l
हिंदी है तो हम स्वतंत्र है l
हिंदी है तो...
पूजा-अर्चना है l
आशा है, अभिलाषा हैl
हिंदी, हिंदुत्व की परिभाषा है l
हिंदी है तो जीने की इच्छा है l
हिंदी अपने आप में एक उच्च शिक्षा है l
हिंदी में दिखाई देती भविष्य की तस्वीर है l
हिंदी ने कलम से लिखी लाखों लोगों की तकदीर है ll
हिंदी बदलती दशा के साथ दिखाती एक नई दिशा हैl
हिंदी है तो अपनों से रिश्ता है
अनजान भी फरिश्ता है l
हिंदी हिंदुत्व की एकत्रीकरण है
हिंदी इतिहास का स्मरण है l
दिनकर की दिनचर्या थी हिंदी.......l
कबीरदास, सूरदास और मीरा की वंदना थी हिंदी l
संस्कृत-हिंदी है तो तुलसीदास की रामचरितमानस है l हनुमान चालीसा है हिंदी l
सुंदरकांड का पाठ और गीता है हिंदीl
हिंदी है तो दुश्मन भी अपने सामने नतमस्तक है l
हिंदी है तो दुनिया हिंदुस्तान के सामने नतमस्तक है l
जय हिंद l
जय हिंदी ll
जय हिंदुस्तान lll
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं!
संभार :
मधुसूदन लाल
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According to Chanakya Niti must follow these things for happy life in Hindi | Chanakya Niti: जीवन के हर मोड़ पर इन बातों का रखें ध्यान, हर समस्या होगी दूर!
According to Chanakya Niti must follow these things for happy life in Hindi | Chanakya Niti: जीवन के हर मोड़ पर इन बातों का रखें ध्यान, हर समस्या होगी दूर!
चाणक्य नीति हिंदी में: यहां हम आपको चाणक्य द्वारा बताई गई उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके जरिए घर को सुखी बनाने में मदद मिलती है। जानिए उनके बारे में…..
आचार्य चाणक्य
छवि क्रेडिट स्रोत: फाइल फोटो
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में जीवन जीने के सही तरीकों के बारे में बताया है। ये तरीके या बातें इतनी असरदार हैं कि आज भी लोग इन्हें अपने जीवन में अपनाने से नहीं हिचकिचाते। जीवन में…
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चाणक्य नीति: इन कार्यों को करने से लक्ष्मी जी होती हैं प्रसन्न, नहीं रहती धन की कमी
चाणक्य नीति: इन कार्यों को करने से लक्ष्मी जी होती हैं प्रसन्न, नहीं रहती धन की कमी
चाणक्य नीति हिंदी में: चाणक्य में हर बार विविध होता है। हर व्यक्तित्व है वो धनवान बने और धनी कहलाए। ये हर व्यक्ति को पूरी तरह से भरा हुआ है। धनवान की इच्छा पूर्ण होने से, जीवन में लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
चाणक्य ने लक्ष्मी जी को धन की देवी अंश है। लक्ष्मी जी की वैभव, सुखी विविधता वाला होता है। चाणक्य स्वास्थ्य के प्रकांड. भौतिक जीवन में एक व्यक्ति के लिए धन का महत्व है, भलिभांती माता।…
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Chanakya Niti for peace happiness and successful life Chanakya Niti Quotes Lifestyle News-इन तीन चीजों से हमेशा मनुष्य को बनाए रखनी चाहिए सौ गज की दूरी, एक की भी चपेट में आना कर देगा जिंदगी बर्बाद
Chanakya Niti for peace happiness and successful life Chanakya Niti Quotes Lifestyle News-इन तीन चीजों से हमेशा मनुष्य को बनाए रखनी चाहिए सौ गज की दूरी, एक की भी चपेट में आना कर देगा जिंदगी बर्बाद
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चित्र स्रोत: INDIA TV
Chanakya Niti- चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार ऋण, शत्रु और…
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चाणक्य नीति: बारहवां अध्याय -Chanakya Niti In Hindi | Chanakya Niti Twelve Chapter हिंदी में :-चाणक्य नीति बारवां अध्याय [हिंदी में ] Chanakya Niti In Hindi,Twelve Chapter :Chanakya Niti twelve Chapter हिंदी में,Chanakya Niti Chapter 12In Hindi,चाणक्य नीति बारवां अध्याय ,Chanakya Chapter -12 ,Chanakya Niti twelve Adhyay- chanakya niti chapter 12 ,चाणक्य नीति चैप्टर 12वाँ
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चाणक्य नीति: इन 5 संकेतों से आर्थिक संकट आने का मिलता है इशारा, आप भी जान लें
चाणक्य नीति: इन 5 संकेतों से आर्थिक संकट आने का मिलता है इशारा, आप भी जान लें
आचार्य चाणक्य को राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और एक महान शिक्षाविद माना जाता है। आचार्य ने नीति शास्त्र में कई पहलुओं पर नीतियां बताई हैं। चाणक्य की ये नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं, लोग इन्हें अपनाकर…
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आप सभी को "गुरु पूर्णिमा" की हार्दिक शुभकामनाएं।
Best wishes to all of you on "Guru Purnima".
हिंदी पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा की तिथि २३ जुलाई को १० बजकर ४३ मिनट से शुरू होकर २४ जुलाई को ०८ बजकर ०६ मिनट को समाप्त होगी।
ऊँ गुरूवे नमः
गुरुब्रह्मा गुरुविर्ष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर, विश्व के समस्त गुरुजनों को मेरा शत् शत् नमन। गुरु के महत्व को हमारे सभी संतो, ऋषियों एवं महान विभूतियों ने उच्च स्थान दिया है।संस्कृत में ‘गु’ का अर्थ होता है अंधकार (अज्ञान) एवं ‘रु’ का अर्थ होता है प्रकाश(ज्ञान)। गुरु हमें अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं।
हर साल आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। हिन्दू, बौद्ध व जैन धर्म के लोग अपने-अपने तरीकों से इस दिन अपने गुरु के सम्मान में व्रत, पूजन इत्यादि द्वारा यह पर्व मनाते हैं।
क्यों मनाते हैं गुरु पूर्णिमा?
३००० ई० पूर्व आज ही के दिन जन्में वेदों, उपनिषदों, पुराणों व महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी को समस्त मानव जाति के गुरु माना जाता है और उनके जन्मदिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। वे संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे और उन्होंने चारों वेदों की भी रचना की थी। इस कारण उनका एक नाम वेद व्यास भी है। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है।
ये भी माना जाता है कि आज ही के दिन भगवान् गौतम बुद्ध ने पहली बार सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। इसके अलावा, योग परंपरा के अनुसार आज ही के दिन भगवान शिव ने सप्तऋषियों को योग का ज्ञान दिया था और प्रथम गुरु बने थे।
हमारे जीवन के प्रथम गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। जो हमारा पालन-पोषण करते हैं, सांसारिक दुनिया में हमें प्रथम बार बोलना, चलना तथा शुरुवाती आवश्यकताओं को सिखाते हैं। अतः माता-पिता का स्थान सर्वोपरी है। जीवन का विकास सुचारू रूप से सतत् चलता रहे उसके लिये हमें गुरु की आवश्यकता होती है। भावी जीवन का निर्माण गुरू द्वारा ही होता है।
गुरु का स्थान - गुरु की महत्ता पर प्रेरक कहानी
मानव मन में व्याप्त बुराई रूपी विष को दूर करने में गुरु का विषेश योगदान है। महर्षि वाल्मिकी जिनका पूर्व नाम ‘रत्नाकर’ था। वे अपने परिवार का पालन पोषण करने हेतु दस्युकर्म करते थे। महर्षि वाल्मिकी जी ने रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की, ये तभी संभव हो सका जब गुरू रूपी नारद जी ने उनका ह्दय परिर्वतित किया। मित्रों, पंचतंत्र की कथाएं हम सब ने पढी या सुनी होगी। नीति कुशल गुरू विष्णु शर्मा ने किस तरह राजा अमरशक्ती के तीनों अज्ञानी पुत्रों को कहानियों एवं अन्य माध्यमों से उन्हें ज्ञानी बना दिया।
गुरू शिष्य का संबन्ध सेतु के समान होता है। गुरू की कृपा से शिष्य के लक्ष्य का मार्ग आसान होता है।
स्वामी विवेकानंद जी को बचपन से परमात्मा को पाने की चाह थी। उनकी ये इच्छा तभी पूरी हो सकी जब उनको गुरू परमहंस का आर्शिवाद मिला। गुरू की कृपा से ही आत्म साक्षात्कार हो सका।
छत्रपति शिवाजी पर अपने गुरू समर्थ गुरू रामदास का प्रभाव हमेशा रहा।
गुरू द्वारा कहा एक शब्द या उनकी छवि मानव की कायापलट सकती है। मित्रों, कबीर दास जी का अपने गुरू के प्रति जो समर्पण था उसको स्पष्ट करना आवश्यक है क्योंकि गुरू के महत्व को सबसे ज्यादा कबीर दास जी के दोहों में देखा जा सकता है।
एक बार रामानंद जी गंगा स्नान को जा रहे थे, सीढी उतरते समय उनका पैर कबीर दास जी के शरीर पर पङ गया। रामानंद जी के मुख से ‘राम-राम’ शब्द निकल पङा। उसी शब्द को कबीर दास जी ने दिक्षा मंत्र मान लिया और रामानंद जी को अपने गुरू के रूप में स्वीकार कर लिया। कबीर दास जी के शब्दों में- ‘हम कासी में प्रकट हुए, रामानंद चेताए’। ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि जीवन में गुरू के महत्व का वर्णन कबीर दास जी ने अपने दोहों में पूरी आत्मियता से किया है।
गुरू गोविन्द दोऊ खङे का के लागु पाँव,
बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय।
गुरू का स्थान ईश्वर से भी श्रेष्ठ है। हमारे सभ्य सामाजिक जीवन का आधार स्तभ गुरू हैं। कई ऐसे गुरू हुए हैं, जिन्होने अपने शिष्य को इस तरह शिक्षित किया कि उनके शिष्यों ने राष्ट्र की धारा को ही बदल दिया।
आचार्य चाणक्य ऐसी महान विभूती थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता और क्षमताओं के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। गुरू चाणक्य कुशल राजनितिज्ञ एवं प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विश्व विख्यात हैं। उन्होने अपने वीर शिष्य चन्द्रगुप्त मौर्य को शासक पद पर सिहांसनारूढ करके अपनी जिस विलक्षंण प्रतिभा का परिचय दिया उससे समस्त विश्व परिचित है।
गुरु हमारे अंतर मन को आहत किये बिना हमें सभ्य जीवन जीने योग्य बनाते हैं। दुनिया को देखने का नज़रिया गुरू की कृपा से मिलता है। पुरातन काल से चली आ रही गुरु महिमा को शब्दों में लिखा ही नही जा सकता। संत कबीर भी कहते हैं कि –
सब धरती कागज करू, लेखनी सब वनराज।
सात समुंद्र की मसि करु, गुरु गुंण लिखा न जाए।।
गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अपने गुरु को सिर्फ याद करने का प्रयास है। गुरू की महिमा बताना तो सूरज को दीपक दिखाने के समान है। गुरु की कृपा हम सब को प्राप्त हो। अंत में कबीर दास जी के निम्न दोहे से अपनी कलम को विराम देते हैं।
यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान।
शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान।।
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चाणक्य नीति के संदर्भ हिंदी में, साझा करने के लिए उत्साहजनक उद्धरण की बात करते हैं, विचारी, प्रभावशाली मूल्य कई गुण होने के बावजूद, एक बुरी आदत सब कुछ बर्बाद कर सकती है, इसलिए हमेशा बुराइयों से दूर रहें
चाणक्य नीति के संदर्भ हिंदी में, साझा करने के लिए उत्साहजनक उद्धरण की बात करते हैं, विचारी, प्रभावशाली मूल्य कई गुण होने के बावजूद, एक बुरी आदत सब कुछ बर्बाद कर सकती है, इसलिए हमेशा बुराइयों से दूर रहें
विज्ञापनों से परेशान? विज्ञापनों के बिना समाचार के लिए डायनाक भास्कर ऐप इंस्टॉल करें
एक घंटे पहले
प्रतिरूप जोड़ना
आचार्य चाणक्य की नीतियों का अनुसरण करके बुरे समय को दूर किया जा सकता है
यदि धन, मित्रों, जीवन साथी के साथ छोड़ दिया जाए तो इसे प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन यदि आप शरीर को अपने साथ छोड़ देते हैं तो आप इसे दोबारा प्राप्त नहीं कर सकते। इसीलिए व्यक्ति को इस शरीर का ध्यान रखना चाहिए…
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मातृभाषा हिंदी की परिभाषा,
नमस्ते हिंदी l
हिंदी भाषा की परिभाषा यह है कि व्यक्ति अपनी भावनाएं, इच्छाएं, समस्याएं और अपनी बातों को व्यक्त करते हैं
यदि एक भाषा दूसरी भाषा को दबाता है तो इंसान खुद ब खुद दबता चला जाता है l
आइए हम सब मिलकर हिंदी को प्रोत्साहित करें , हिंदी को महत्व दें और हिंदी को आगे बढ़ावा देl
अपना एक ही अभियान हिंदी सर्वोपरि है l
हिंदी महान है…l
हिंदी हम सब का सम���मान है..l
हिंदी, व्यक्तित्व क�� निखार है l
हिंदी, अंतरात्मा की एक पुकार है..l
अपनों से अच्छा व्यवहार है l
हिंदी और संस्कृत भाषा में अपने पूर्वजों का संस्कार हैं l
अपनी भाषा हिंदी है तो समृद्धि है, उत्थान है और…
मानवता को विश्व स्तर पर पहुंचाने का एक बहुत बड़ा योगदान है l
हिंदी भाषा हिंदुस्तान की संपत्ति है l
हिंदी भाषा में स्वाबलंबन है, समरसता है, संभावना है, समर्पण है l
हिंदी है तो खुशियां और समृद्धि है l
हिंदी है तो सब सुख संपन्न है l
हिंदी भाषा में दूरदर्शिता है l
हिंदी भाषा अविष्कारों की जननी हैl
हिंदी भाषा हिंदुस्तान की एक पहचान हैl
हिंदी महान है...l
हिंदी है तो बौद्धिक संस्कृति है
हिंदी है तो कवि और कलाकार है
हिंदी है तो बुद्धिजीवी अपार है l
हिंदी है तो ज्ञान का भंडार है l
हिंदी और संस्कृत है तो ..
लोगों को शास्त्र का ज्ञान है l
उपनिषद और वैदिक विज्ञान है ll
हिंदी है तो राष्ट्रभक्ति है,
नारी की शक्ति है l
हिंदी है तो युवा शक्ति है l
हिंदी है तो हिंदुस्तान शक्तिशाली है l
हिंदी एक साधना है l
हिंदी आराधना है l
अंतर्मन की पूजा है हिंदी l
अपनों की आदर और सत्कार है हिंदी l
हिंदी एक विचारधारा l
जो बहती गंगा सी धारा है ll
हिंदी कामधेनु गो है l
कल्पतरू है हिंदी ll
रिधि सिद्धि है हिंदी l
शुभ लाभ है हिंदी ll
सर्वे भवंतू सुखिना: है l
वसुदेव कुटुंबकम है ll
हिंदी है तो निस्वार्थ भावना है l
एक सहयोग है l
हिंदी एक योग है ll
कवि की कल्पना है हिंदी l
हिंदी है तो परिपक्वता है l
हिंदी, भाषा में एक विश्वास है l
हिंदी, विश्व गुरु बनने का ब्रह्मास्त्र हैl
हिंदी और संस्कृत है तो मानवता है l
ललाट पर लगी भगवा रोड़ी की टीका है हिंदी l
हम सभी के लिए वरदान है हिंदी l
राष्ट्र की मान और सम्मान है हिंदी l
आन, बान और शान हिंदी l
हिंदुत्व की जान है हिंदी l
हिंदी हमारी जुबान है l
हिंदी है तो हम जवान हैं l
उर्दू और फारसी के साथ भाईचारा निभाता आया है हिंदी l
उनके कुछ अनमोल शब्द खरीद रखे हैं हिंदी l
जय हिंद का नारा दिया है हिंदी ने l
राष्ट्रीयता पूरी निभाया है हिंदी ने l
स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर लड़ाई लड़ी है हिंदी ने l
हिंदुस्तान को आजादी दिलाई है हिंदी ने l
हिंदी है तो हम शक्तिमान हैं l
पत्रकारिता की लाठी है हिंदी l
लेखकों की साथी है हिंदी l
छात्रों का सहपाठी हिंदी l
रंगमंच की पहचान है हिंदी l
फिल्म जगत की जान है हिंदी l
गीत संगीत की आत्मा है हिंदी l
14 सितंबर की वार्षिक उत्सव तक ही सीमित नहीं है हिंदी l
साल के 365 दिनों तक साथ निभाता है हिंदी l
कार्यालय में भी बढ़-चढ़कर कार्य करता है हिंदी l
लाखों लेखकों का लेख -निबंध है हिंदी l
अनपढ़ों पर लगाती प्रतिबंध है हिंदी
हिंदी है तो स्वच्छता अभियान है l
हिंदी हमारे देश का अभिमान है l
हिंदी है तो पर्यावरण में गतिविधियां...है ,
प्रकृति के साथ जीने की अनेक विधियां है l
हिंदी है तो अनेकता में एकता हैl
हिंदी है तो अभिव्यक्ति की आजादी हैl
हिंदी भाषा का सकारात्मक दिशा में एक बहुत बड़ा योगदान है l
हिंदी हैं तो...
अनेकों व्यापार है..l
अच्छा व्यवहार है..l
आपस में प्यार और शिष्टाचार है l
हिंदी है तो न्यायालय में न्याय है l
जीने का अधिकार हैl
हिंदी में ही तो...
हीतो पदेस की कहानियां है l
हिंदी में तो विदुर नीति है l
हिंदी है तो चाणक्य नीति है l
जिस पर हिंदुस्तान टिकी है l
हिंदी में लिखी पंचतंत्र है l
राजनीति का एक मूल मंत्र है ll
हिंदी है तो लोकतंत्र है l
हिंदी है तो हम स्वतंत्र है l
हिंदी है तो...
पूजा-अर्चना है l
आशा है, अभिलाषा हैl
हिंदी, हिंदुत्व की परिभाषा है l
हिंदी है तो जीने की इच्छा है l
हिंदी अपने आप में एक उच्च शिक्षा है l
हिंदी में दिखाई देती भविष्य की तस्वीर है l
हिंदी ने कलम से लिखी लाखों लोगों की तकदीर है ll
हिंदी बदलती दशा के साथ दिखाती एक नई दिशा हैl
हिंदी है तो अपनों से रिश्ता है
अनजान भी फरिश्ता है l
हिंदी हिंदुत्व की एकत्रीकरण है
हिंदी इतिहास का स्मरण है l
मुंशी प्रेमचंद और दिनकर की दिनचर्या थी हिंदी.......l
कबीरदास, सूरदास और मीरा की वंदना थी हिंदी l
संस्कृत-हिंदी है तो तुलसीदास की रामचरितमानस है l
हनुमान चालीसा है, सुंदरकांड का पाठ और गीता है l
हिंदी है तो दुश्मन भी अपने सामने नतमस्तक है l
हिंदी है तो दुनिया हिंदुस्तान के सामने नतमस्तक है l
जय हिंद l जय भारत ll
संभार :
मधुसूदन लाल>
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These slokas of Chanakya Niti are very beneficial for life and success in Hindi | जीवन में तरक्की लाने के साथ आर्थिक संकट दूर करते हैं ये चाणक्य के यह श्लोक
These slokas of Chanakya Niti are very beneficial for life and success in Hindi | जीवन में तरक्की लाने के साथ आर्थिक संकट दूर करते हैं ये चाणक्य के यह श्लोक
चाणक्य नीति हिंदी में: चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में ऐसे कई श्लोकों का उल्लेख किया है, जिन पर यदि तेजाब का सेवन कर लिया जाए तो जीवन जीना बहुत आसान हो सकता है। आइए आपको बताते हैं इन श्लोक के बारे में।
चाणक्य के इन श्लोकों पर करें तेजाब, मिलेगी तरक्की और दूर होंगे आर्थिक संकट
छवि क्रेडिट स्रोत: फाइल फोटो
आचार्य चाणक्य ने जीवन भर एक राजनयिक के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक की भूमिका भी निभाई। चाणक्य ने…
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चाणक्य नीति: लक्ष्मी जी की कृपा चाहिए तो जीवन में ये कार्य कभी भूलकर भी न करें
चाणक्य नीति: लक्ष्मी जी की कृपा चाहिए तो जीवन में ये कार्य कभी भूलकर भी न करें
चाणक्य नीति हिंदी में: चाणक्य नीति के जीवन में जैसा होना चाहिए वैसा ही होना चाहिए. चाणक्य ने लक्ष्मी जी को धन की देवी है। भौतिक जीवन धन का विशेष महत्व है। भौतिक जीवन में एक खाता जुड़ा हुआ है। धन को जीवन सरल और सरल. हर लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है। लक्ष्मी जी का जीवन में सुख समृद्धि लाने वाला है। साथ ही मान सम्मान में भी वृद्धि होती है। लक्ष्मी जी को यह पसंद है। ये कौन से कार्य, मार्टें…
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Chanakya Niti for peace happiness and successful life Chanakya Niti Quotes Lifestyle News-अंधे के समान होता है इस एक चीज की पहचान न करने वाला मनुष्य, जरा सी चूक पड़ सकती है भारी
Chanakya Niti for peace happiness and successful life Chanakya Niti Quotes Lifestyle News-अंधे के समान होता है इस एक चीज की पहचान न करने वाला मनुष्य, जरा सी चूक पड़ सकती है भारी
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चित्र स्रोत: INDIA TV
Chanakya Niti – चाणक्य नीति
जीवन की सफलता की कुंजी आचार्य चाणक्य की नीतियों और विचारों में निहित है। इन्हें जिस किसी ने भी अपने जीवन में उतार लिया तो वो किसी भी मुसीबत का डटकर सामना कर सकता है। आचार्य चाणक्य के कई विचारों में से आज हम एक विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार कर्मों पर आधारित है।
“जो अपने कर्म को नहीं पहचानता, वह अंधा है।”…
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Chanakya Niti in Hindi Chapter Ninth : चाणक्य नीति में आचार्य कौटिल्य ने Chanakya Neeti के नवां अध्याय मे निम्नलिखित श्लोकों का वर्णन किया है। अतः यहा
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चाणक्य नीति: पति-पत्नी के बीच कलह का कारण बनती हैं ये बातें, आप भी जान लें
चाणक्य नीति: पति-पत्नी के बीच कलह का कारण बनती हैं ये बातें, आप भी जान लें
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में धन, परिवार, शत्रु, मित्रता और वैवाहिक जीवन आदि से संबंधित बातों का जिक्र किया है। चाणक्य ने जीवन को सरल बनाने वाली नीतियां बताई हैं। ये नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं।…
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