#चाणक्य के बारे में
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आचार्य चाणक्य की तीन महत्वपूर्ण जीवन शिक्षाएँ
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में कई गूढ़ रहस्यों और जीवन से जुड़ी अनमोल बातों को उजागर किया है। उन्होंने कुछ ऐसी चीजों के बारे में भी बताया है, जिनसे बहुत अधिक दूरी या अत्यधिक नजदीकी जीवन में भारी नुकसान का कारण बन सकती हैं। उनके अनुसार, इन तीन चीजों से सावधान रहकर ही व्यक्ति जीवन में संतुलन बना सकता है। आइए जानें कौन-सी तीन चीजें हैं जिनके बारे में चाणक्य ने अपने श्लोक में चर्चा की…
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Best 80+ महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ सुविचार | Mahapurushon ke suvichar
Mahapurushon ke suvichar - इतिहास में, कई असाधारण व्यक्ति इस धरती पर आए हैं - ऐसे लोग जो साधारण पुरुष और महिला के रूप में शुरुआत करने के बावजूद, अपनी बुद्धि और उपलब्धियों के माध्यम से महानता तक पहुंचे। उनके जीवन ज्ञान और दृढ़ता के साथ क्या हासिल किया जा सकता है, इसके शक्तिशाली उदाहरण हैं। समय के साथ, उनके शब्द ज्ञान के खजाने बन गए जो हमें प्रेरित और मार्गदर्शन करते रहते हैं।. इन महान व्यक्तियों के उद्धरण और शिक्षाएँ हमारे साथ गहराई से जुड़ती हैं, हमें जीवन और सफलता के बारे में कालातीत सत्य की याद दिलाती हैं। अगर हम उनके ज्ञान को दिल से अपनाएँ और इसे अपने जीवन में लागू करें, तो हम भी सफलता के मार्ग पर चल सकते हैं।. इस लेख में, हमने इन महान नेताओं और दार्शनिकों के कुछ सबसे गहन विचारों को एकत्र किया है - महात्मा गांधी, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, कबीर दास, तुलसीदास, गौतम बुद्ध, सुभाष चंद्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर और महर्षि वाल्मीकि जैसी हस्तियाँ। इनमें से प्रत्येक उल्लेखनीय व्यक्ति ने दुनिया के अपने अनूठे अनुभवों और अवलोकनों से पैदा हुई अंतर्दृष्टि साझा की है, और उनके शब्द आज भी प्रासंगिक हैं।. अगर आप इन महान दिमागों की कालातीत बुद्धिमत्ता की तलाश में यहाँ आए हैं, तो आप सही जगह पर हैं। उद्धरणों का यह संग्रह निश्चित रूप से प्रेरित और उत्थान करेगा, और हम आशा करते हैं कि जैसे-जैसे आप इन्हें पढ़ेंगे, आपको ऐसे विचार मिलेंगे जो आपके दिल और दिमाग को छू जाएँगे। इन उद्धरणों ने अनगिनत व्यक्तियों के जीवन को छुआ है, और हो सकता है कि वे आपके साथ भी गहराई से जुड़ जाएँ।.
महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ सुविचार
किसी को तुम दिल से चाहो और वो तुम्हारी कदर न करे तो ये उनकी बदनसीबी है तुम्हारी ��हीं। —अमरनाथ भल्ला, लुधियाना जन्म होने पर बंटने वाली मिठाई से शुरू हुआ जिंदगी का यह खेल श्राद्ध की खीर पर आकर खत्म हो जाता है। यही जीवन की मिठास है और बड़े दुर्भाग्य की बात है कि बंदा इन दोनों मौकों पर ये दोनों चीजें खा नहीं पाता। गरीबों में अच्छा वक्त आने की उम्मीद रहती है लेकिन अमीरों को सदा बुरा वक्त आने का खौफ रहता है।
हमें हार नहीं माननी चाहिए और समस्या को हमें हराने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। – ए पी जे अब्दुल कलाम
अपने मन और प्रकृति को अशुद्धियों से शुद्ध रखने के लिए, अपने आलोचकों के लिए अपने पिछवाड़े में एक झोपड़ी बनाएं और उन्हें पास रखें। – कबीर बकरे के जीवन का मूल्य मनुष्य के जीवन से कम नही है। जो जीव जितना अधिक अपग है, उतना ही उसे मनुष्य की कूरता से बचने के लिये मनुष्य का आश्रय पाने का अधिक���र है। – महात्मा गाँधी
विद्वानों के अनमोल वचन
दुर्बल चरित्र वाला मनुष्य उस सरकण्डे की भाति है जो हवा के हर भळोंके पर भळुक जाता है। – महात्मा गाँधी
कठोर वचन तुम्हारे शरीर को भेद नहीं सकते। अगर कोई आपके बारे में बुरा बोलता है, तो बस बेफिक्र होकर चलते रहें। – साईं बाबा
जो अंतर को देखता है, बाह्य को नहीं, वही सच्चा कलाकार है। – महात्मा गाँधी
यदि आप धनवान हैं, तो विनम्र बनें। फल लगने पर पौधे झ��क जाते हैं। – साईं बाबा घर मे यदि दीपक न जले तो वह दरिद्रता का चिन्ह है। हृदय मे ज्ञान का दीपक जलाना चाहिए। हृदय मे ज्ञान दीपक जला कर उस को देखो। – श्री रामकृष्ण परमहम
आप केवल खड़े होकर पानी को घूर कर समुद्र पार नहीं कर सकते। – रविंद्रनाथ टैगोर भरोसा तो अपनी सांसों का भी नहीं है और हम इंसान पर करते हैं।
दूसरों के दोष न देखें। अपना चरित्र सुधारें। अपना चरित्र पवित्र बनाएं। संसार अपने आप सुधर जाएगा। — स्वमाी विवेकानंद परमात्मा में विश्वास और उनके प्रति स्वार्पण करने वाले मानव को कभी किसी वस्तु की कमी नहीं रहती। —श्री वैणीराम शर्मा मनुष्य के जीवन की सफलता इसी में है कि वह उपकार करने वाले व्यक्ति को कभी न भूले। —वेद व्यास
“तितली महीने नहीं क्षण गिनती है, और उसके पास पर्याप्त समय होता है।” “रबिन्द्रनाथ टैगोर”
“हम महानता के सबसे करीब तब होते है, जब हम विनम्रता में महान होते है |” “रवीन्द्रनाथ टैगोर” साधु संतों के अनमोल वचन संसार में ऐसे लोग थोड़े ही होते हैं, जो कठोर किंतु हित की बात कहने वाले होते है – महर्षि वाल्मीकि दया धर्म का मूल है, पाप – मूल अभिमान | तुलसी दया न छोडिए, जब लगि घट में प्रान || “तुलसीदास” सबसे बड़ा दान तो अभयदान है, जो सत्य, अहिंसा का पालन करने से दिया जा सकता है | “वेदव्यास” भक्ति वह है जो ज्ञान उत्पन्न करती है; ज्ञान वह है जो स्वतंत्रता को गढ़ता है। – तुलसीदास जो अकेले चलते है, वे तेजी से बढ़ते है | “नैपोलियन” अधिकार खोकर बैठे रहना यह महादुष्कर्म है | “मैथलीशरण गुप्त” शुद्ध न्याय में शुद्ध दया होनी चाहिए, न्याय का विरोध करने वाली दया, दया नहीं बल्कि क्रूरता है | “महात्मा गाँधी” सबसे अच्छा मनुष्य वह है, जो अपनी प्रगति के लिए सबसे अधिक श्रम करता है | “सुकरात” अनुशासन किसी के ऊपर थोपा नहीं जाता, अपितु आत्म अनुशासन लाया जाता है | “अटल बिहारी बाजपेयी” आध्यात्मिक महापुरुषों के विचार दुःख ��ो दूर करने की एक ही औषधि है – मन से दुखों की चिंता न करना “वेदव्यास” इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, सफलता का आनन्द उठाने के लिए ये जरुरी है | “अब्दुल कलाम” अपने आप पर विजय प्राप्त करना ही आपकी महानतम विजय होती है। – प्लेटो मित्रता बहुत सावधानीपूर्ण करें। पर जब कर लीजिये तो उसे पूरी ईमानदारी और दृणता के साथ निभाइये। – सुकरात मैं अगर असफल हो गया तो मुझे कोई अफ़सोस नहीं। यदि मैनें प्रयास नहीं किया तो मुझे जरूर अफ़सोस होगा। – जेफ बेज़ोस
गलती से भी अपने राज किसी दूसरों को न बतायें वो आपको बर्बाद कर सकते हैं। – चाणक्य जीवन एक अवसर है, इससे लाभ लें। जीवन सौंदर्य है, इसकी प्रशंसा करें। जीवन एक सपना है, इसे साकार करें। – मदर टेरेसा यदि बहरों को सुनना है तो आवाज को बहुत जोरदार होना होगा। – भगत सिंह अच्छे चरित्र निर्माण करना ही छात्रों का मुख्य कर्तव्य होना चाहियें। – नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है बल्कि यह एक अदम्य इच्छा शक्ति से आता है – महात्मा गांधी Mahatma Gandhi Read Also Read the full article
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हरियाणा की हॉट सीट करनाल पर कौन करेगा BJP के मनोहर लाल का मुकाबला? कांग्रेस के ये हैं दावेदार
करनाल: पूर्व CM मनोहर लाल से ताल ठोक रहे हैं। मनोहर लाल ने CM की कुर्सी छोड़ी, उसके 3 दिन के भीतर ही उन्हें करनाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना दिया गया। ऐसे में यह सीट हॉट बन गई है। वे यहां प्रचार भी शुरू कर चुके हैं, लेकिन सबकी नजर इस बात पर है कि उनका मुकाबला कौन करेगा?कांग्रेस से माना जा रहा सीधा मुकाबलायहां बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से ही माना जा रहा है। फिलहाल कांग्रेस ने हरियाणा की 10 में से कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट इंडी गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी को दी है। बाकी 9 लोकसभा सीटों में से कहीं भी उम्मीदवार की घो��णा नहीं की है। हालांकि, राजनीतिकों का मानना है कि करनाल को लेकर सियासी पंडितों से लेकर आम लोगों की भी कांग्रेस कैंडिडेट पर नजर बनी हुई है। पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अभी 3 चेहरों पर मंथन कर रही है। हालांकि, अंतिम फैसले के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा रहा है।करनाल सीट पर कांग्रेस के ये हैं दावेदारइस समय करनाल से कांग्रेस से टिकट के 4 दावेदार माने जा रहे हैं। पानीपत के रहने वाले बुल्लेशाह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। करनाल के राजनीति विशेषज्ञ कहते हैं कि कांग्रेस बुल्लेशाह को मनोहर लाल के सामने खड़ा कर सकती है। इसकी 2 वजहें गिनाते हैं। पहली, बुल्ले शाह के परिवार ने पानीपत से 6 विधानसभा चुनाव जीते है। ये सीटें करनाल लोकसभा क्षेत्र में आती हैं। दूसरी, पंजाबी समुदाय में भी बुल्लेशाह परिवार का होल्ड माना जाता है। मनोहर लाल भी पंजाबी समुदाय से हैं। ऐसे में मनोहर लाल का पंजाबी वोट बैंक पर एकतरफा दावा खत्म हो जाएगा। वहीं, करनाल लोकसभा क्षेत्र से ज्यादा पंजाबी वोट पानीपत में हैं, जिन पर बुल्लेशाह की पकड़ है।कुलदीप शर्मा को भी उतार सकती है कांग्रेसहरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर रह चुके कुलदीप शर्मा को यहां से दूसरा दावेदार माना जा रहा है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि करनाल लोकसभा सीट पर भले ही पंजाबी वोटरों का दबदबा हो, लेकिन ब्राह्मण वोट भी कम नहीं हैं। इसलिए कांग्रेस कुलदीप शर्मा पर दांव खेल सकते हैं। शर्मा के पिता चिरंजीलाल शर्मा 4 बार करनाल से सांसद रह चुके हैं। कुलदीप भी करनाल से 2 बार चुनाव लड़ चुके हैं। पहली बार 2004 में निर्दलीय लड़े तो छठे नंबर पर रहे। 2019 में लड़े, लेकिन बीजेपी के संजय भाटिया से हार गए। शर्मा के साथ उनके बेटे चाणक्य पंडित का नाम भी टिकट को लेकर चर्चा में है। वीरेंद्र मराठा को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।क्या राजपूत समाज में बीजेपी के प्रति है नाराजगी?करनाल की राजनीति की समझ रखने वाले केजी दत्त कहते हैं कि राजपूत समाज में बीजेपी के प्रति नाराजगी है, क्योंकि उन्होंने उनके समाज को कैंडिडेट नहीं बनाया। इसे भुनाने के लिए कांग्रेस यह दांव खेल सकती है, जिसमें वीरेंद्र मराठा फिट बैठते हैं। मराठा के अलावा कुमारी सैलजा के करीबी अग्रवाल समाज से धर्मपाल गुप्ता का नाम भी चर्चा में माना जा रहा है। करनाल सीट को लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा भी एक्टिव हैं। 3 दिन पहले वह करनाल आकर लोगों से बातचीत कर चुकी हैं। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान संभावित कैंडिडेट को लेकर ही चर्चा हुई। हालांकि, इस बारे में अभी कांग्रेस खुलकर कुछ नहीं कह ��ही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का कहना है कि अप्रैल के पहले हफ्ते में कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट आ सकती है। http://dlvr.it/T4xFjm
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Chanakya Niti:भूलकर भी किसी के साथ शेयर न करें ये बातें, वरना हो सकता है भारी नुकसान,
Chanakya Niti:आचार्य चाणक्य के अनुसार हर इंसान को कुछ बातें निजी रखनी चाहिए। इन्हें किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए .अगर आप आचार्य चाणक्य की इन बातों पर अमल करेंगे तो आपको जीवन में सफलता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता
अच्छा या बुरा रहस्य यदि आप किसी के जीवन के बारे में कोई अच्छा या बुरा रहस्य जानते हैं तो उसे दूसरों को नहीं बताना चाहिए।
हर कोई शुभचिंतक नहीं होता जैसा कि चाणक्य ने कहा था, एक बुद्धिमान व्यक्ति को कभी भी अपनी व्यक्तिगत जीवनी दूसरों के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। हमेशा गोपनीय रहना चाहिए. आपके भरोसे का फ़ायदा अक्सर उन लोगों को मिलता है जिन्हें आप अपने शुभचिंतकों के बारे में जानते हैं।
कर्म और धर्म के बारे में अपने कर्म और धर्म के बारे में कभी किसी को न बताएं। इसका पालन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.'
औषधि या उपाय का प्रभाव आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि आप किसी दवा या उपाय से ठीक हो गए हैं तो आपको शांतिपूर्ण तरीके से दूसरों की भलाई करनी चाहिए। कहने से उसका प्रभाव नष्ट हो जाता है।
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2024 में चार सौ का आकड़ा पार कर हम देश में पुनः मोदी जी की सरकार बनायेगें - ब्रम्हे
2024 में चार सौ का आकड़ा पार कर हम देश में पुनः मोदी जी की सरकार बनायेगें - ब्रम्हे
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में मालवा प्रान्त के प्रान्तीय पदाधिकारी एवं जिला अध्यक्षों की बैठक में इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नरेंद्र मोदी विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि चाणक्य ने कहा कि देश और देश की जनता को पुनः मोदी जी की जरूरत है। देश और देश की जनता के हित मे हमें रात दिन काम करके देश मे पुनः मोदी जी की सरकार बनाना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं नरेंद्र मोदी विचार मंच के मुख्य राष्ट्रीय महासचिव सूरज ब्रम्हे ने बैठक को संबोधित करते हुवे कहा कि आज देश के हर प्रान्तों में संगठन का विस्तार हो चुका है। हमारे बारे में कौन क्या क्या रहा है , बी.जे.पी.के नेता हमें सहयोग कर रहें हैं या नही इसकी चिंता ना करते हुवे हमारा लक्ष्य 2024 होना चाहिए। क्योंकि देश एवं देश की जनता की सुरक्षा के लिए देश को मोदी जी की जरूरत है। 2024 में चार सौ का आकड़ा पार कर हम देश मे पुनः मोदी जी की सरकार बनायेगें। इसलिए लिए हम सबको कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। बैठक को महिला शाखा की अध्यक्ष डॉ ज्योति श्रीवास्तव, मालवा प्रान्त के प्रान्तीय अध्यक्ष सुनील सांखला, महिला शाखा की प्रान्तीय अध्यक्ष अनिता सिंह ठाकुर, मध्यभारत प्रान्त के नव नियुक्त प्रान्तीय अध्यक्ष बलदेव चौरागड़े, एवं अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया । बैठक में विशेष रुओ से महिला शाखा की राष्ट्रीय महामं��्री कविता साहू, मंजू राठौर, दिलीप भगत, हिम्मत सिंह परिहार, गोविंद चौहान, राधेश्याम मेवाड़ा,हरिओम व्यश, शैलेश प्रेमी, डीलेश राहंगडाले, आदि अनेकों पदाधिकारी उपस्तिथ रहे।
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भारत के महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री का दर्जा पा चुके आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के जीवन को सफल बनाने के लिए अनेकों नीतियां बनाईं. उन्होंने इन नीतियों को अपने नीति ग्रंथ (चाणक्य नीति) में समाहित किया. इसी नीति ग्रंथ के एक श्लोक में चाणक्य ने उन 6 चीजों के बारे में बताया है कि जिनके बारे में बुद्धिमान व्यक्ति कभी जिक्र तक नहीं करते. क्योंकि ऐसा करने से नुकसान होने की संभावना होती है. आइए जानते हैं उन 6 चीजों के बारे में... सुसिद्धमौषधं धर्मं गृहच्छिद्रं च मैथुनम्। कुभुक्तं कुश्रुतं चैव मतिमान्न प्रकाशयेत्॥ > चाणक्य के मुताबिक बुद्धिमान इंसान अगर किसी प्रकार की दवाई ��ा औषधी ले रहा है तो उसके बारे में किसी और से नहीं बताना चाहिए.क्यों की इसका लाभ उठा कर आप के दुश्मन आप का अहित कर सकते है,जिसके कारण स्वास्थ्य पर उल्टा प्रभाव पड़ता है। > चाणक्य कहते हैं कि विकट से विकट स्थिति में भी अपने घर का भेद- रहस्य- राज, किसी दूसरे को नहीं बताना चाहिए. ऐसा करने पर बाहरी लोग या दुश्मन फायदा उठा सकते हैं , आप के परिवार में कलह- झगड़ा करबा सकते हैं और आपको बर्बाद कर सकते हैं। > अपने परिवार के किसी सदस्य की किसी दूसरे से बुराई नहीं करनी चाहिए चाहे वो कितना भी बुरा हो, आपस में एक दूसरे से कोई शिकायत है भी तो उसे खुद से ही सुलझाने की कोशिश करते रहनी चाहिए. दूसरों को बताने पर वो आपके परिवार का उपहास करते हैं और सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं समाज मे सम्मान घटता है, परिवार के किसी भी व्यक्ति का इज्जत या सम्मान क्यों ना हो हमारा ही समान है ऐसा समझना चाहिए। > अपने स्त्री या मर्द के साथ प्रेम प्रसंग में "संभोग" के दौरान गलती हो जाए तो उसके बारे में किसी बाहर बाले-दूसरे व्यक्ति को नहीं बताना चाहिए. इन चीजों को बताने पर समाज आप पर और आपके चरित्र पर संदेह करने लगता है। > चाणक्य के मुताबिक मनुष्य को चाहिए कि अगर उसे किसी ने प्रेम से अपने घर पर भोजन करबाया है वह भोजन मे स्वाद नहीं है, अगर खराब भोजन करना पड़े या करे तो उसके बारे में किसी से न बताए। > श्लोक के अंत में चाणक्य ने कहा है कि खुद के आँखों से देखे या अन्य लोगों से सुने बुरे शब्दों को बुराइयों को चुगली को दूसरों तक नहीं पहुंचने देना चाहिए. बुराई और निंदा वाले शब्दों को खुद तक ही रखना चाहिए. इससे आपका मान-सम्मान बना रहता है। इस सभी नियमों का पालन कर के आइये हम सभी सुखी जीवन का अनुभव करें। "नमस्कार जी, धन निरंकार जी" https://www.instagram.com/p/CrpGS8QoxF_/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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चाणक्य नीति/ चाणक्य के प्रेरणाप्रद विचार/ Greatest Motivational Quotes of Chanakya in Hindi
आज के लेख में हम चाणक्य नीति/ चाणक्य के प्रेरणाप्रद विचार/ Motivational Quotes of Chanakya के बारे में बात करेंगे। लेकिन आचार्य चाणक्य के विचारों को जानने से पहले आईये एक नजर डालते हैं, उनके जीवन वृत्त पर…. आचार्य चाणक्य का संक्षिप्त जीवन परिचय कौटिल्य, विष्णुगुप्त और भारत के मैकियावली जैसे अनेक नामों से अलंकृत आचार्य चाणक्य का नाम सुनते ही प्रत्येक भारतवासी के मानस पटल पर एक शिखाधारी महान…
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Chanakya Niti: महिला की इस चीज के आगे झुक जाते हैं सभी मर्द
Chanakya Niti: आचार्य महिला एवं पु��ुष के चरित्र पर चित्रण किए हुए हैं। आचार्य इनके स्वभाव के बारे में अपनी नीति में वर्णन किए हैं। इसी तरह चाणक्य ने बताया है कि इन 3 तरह की स्त्रियों के सामने कोई भी पुरुष आसानी से झुक जाते हैं। इनके पीछे अपना जीवन समर्पित कर देते हैं। तो आइए जानते हैं क्या कहते हैं आचार्य। हिम्मत वाली महिलाएं Chanakya Nitiआचार्य कहते हैं हिम्मत वाली महिलाएं पुरुषों को बेहद पसंद…
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According to Chanakya Niti must follow these things for happy life in Hindi | Chanakya Niti: जीवन के हर मोड़ पर इन बातों का रखें ध्यान, हर समस्या होगी दूर!
According to Chanakya Niti must follow these things for happy life in Hindi | Chanakya Niti: जीवन के हर मोड़ पर इन बातों का रखें ध्यान, हर समस्या होगी दूर!
चाणक्य नीति हिंदी में: यहां हम आपको चाणक्य द्वारा बताई गई उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके जरिए घर को सुखी बनाने में मदद मिलती है। जानिए उनके बारे में….. आचार्य चाणक्य छवि क्रेडिट स्रोत: फाइल फोटो आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में जीवन जीने के सही तरीकों के बारे में बताया है। ये तरीके या बातें इतनी असरदार हैं कि आज भी लोग इन्हें अपने जीवन में अपनाने से नहीं हिचकिचाते। जीवन में…
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चाणक्य नीति: इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो बिगड़ सकते हैं रिश्ते
चाणक्य नीति: इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो बिगड़ सकते हैं रिश्ते
आचार्य चाणक्य आज भी अपनी नीतियों के लिए जाने जाते हैं। आचार्य चाणक्य को राजनीति ही नहीं समाज के हर विषय का गहरा ज्ञान और समझ थी। आचार्य चाणक्य ने एक नीति भी बनाई, जिसमें उन्होंने समाज के लगभग हर विषय से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों पर बात की। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में पति-पत्नी के संबंधों के बारे में बात करते हुए अक्सर ऐसी बातें कही हैं जो वैवाहिक जीवन को नष्ट कर देती हैं। ये चीजें…
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चाणक्य नीति : महिलाएं होती हैं पुरुषों से इन 4 मामलों में ज्यादा शक्तिशाली #news4
चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में महिलाओं के बारे में कई बातों को उल्लेख किया है। चाणक्य मानते हैं कि महिलाएं पुरुषों से हर मामले में ज्यादा शक्तिशाली होती है। महिलाओं को शक्ति और प्रकृति भी कहा गया है। महिलाएं अपनी शक्ति का दुरुपयोग न करें इसीलिए उन्हें धार्मिक होना जरूरी है, क्योंकि धर्म ही अच्छे और बुरे की समझ देता है। आओ जानते हैं कि महिलाएं किन मामलों में पुरुषों से ज्यादा शक्तिशाली…
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चाणक्य नीति: 5 चीजें जो आपको मौत के मुंह में धकेल सकती हैं
आचार्य चाणक्य ने अपनी “चाणक्य नीति” में जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की है और कुछ ऐसे खतरों के बारे में बताया है, जो व्यक्ति की जान के लिए घातक साबित हो सकते हैं। यहां उन 5 चीजों का उल्लेख किया गया है, जो पल भर में किसी व्यक्ति को मौत के मुंह में धकेल सकती हैं: आग: चाणक्य के अनुसार, आग बेहद खतरनाक होती है और इसे छोटा न समझा जाए। एक छोटी सी चिंगारी भी बड़ी आग में बदलकर सब कुछ…
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चाणक्य नीति: इन कार्यों को करने से लक्ष्मी जी होती हैं प्रसन्न, नहीं रहती धन की कमी
चाणक्य नीति: इन कार्यों को करने से लक्ष्मी जी होती हैं प्रसन्न, नहीं रहती धन की कमी
चाणक्य नीति हिंदी में: चाणक्य में हर बार विविध होता है। हर व्यक्तित्व है वो धनवान बने और धनी कहलाए। ये हर व्यक्ति को पूरी तरह से भरा हुआ है। धनवान की इच्छा पूर्ण होने से, जीवन में लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा। चाणक्य ने लक्ष्मी जी को धन की देवी अंश है। लक्ष्मी जी की वैभव, सुखी विविधता वाला होता है। चाणक्य स्वास्थ्य के प्रकांड. भौतिक जीवन में एक व्यक्ति के लिए धन का महत्व है, भलिभांती माता।…
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चाणक्य नीति प्रथम अध्याय -Chanakya Niti In Hindi | Chanakya Niti First Chapter हिंदी में "चाणक्य नीति "आचार्य चाणक्य कि नीतियों का ही अलौकिक संग्रह है
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काव्यस्यात्मा 908
" मस्तिष्क की प्रभाविता
और परिस्थितियाँ "
● बुद्धिमत्ता का लक्ष्य और जीवन
-© कामिनी मोहन पाण्डेय
हमारा अपना मस्तिष्क हमें जितना प्रभावित करता है, उतना उपलब्ध परिस्थितियाँ या अतीत की परिस्थितियाँ हमें प्रभावित नहीं करती है। लेकिन कारण हम परिस्थितयों को ही मानते हैं। यह हमारी सबसे बड़ी भूल है। यदि हम इस भूल को समझने की कोशिश करे तो मस्तिष्क के प्रभाव को समझ सकते हैं।
अपनी तारीफ सुनकर गदगद होना मनुष्य का स्वभाव है। यदि कोई हमें कह दे कि आप बड़े बुद्धिमान हैं तो बड़ी खुशी मिलती है। तो प्रश्न यह है कि यह ख़ुशी आती कहाँ से हैं। क्या यह खुशी भी बुद्धि से ही प्राप्त होती है? चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति को सभी स्थानों पर सम्मान प्राप्त होता है। ऐसे में बुद्धिमान होना और सम्मान की भूख तो लगती ही है। अस्तु इस दुनिया में सभी का बुद्धिमान होना ही लक्ष्य है और अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए व्यक्ति अपने व्यक्तित्व के साथ लड़ता रहता है।
व्यक्तित्व विकास को लेकर हमारी सोच एक जैसी है। हम एक दूसरे से कहते और समझते रहे हैं कि हमें व्यक्तित्व को निखारने के काम में नित्य प्रयत्नशील रहना चाहिए। जाहिर है ऐसा प्रयास करना बताता है कि कहीं ना कहीं हम अपने व्यक्तित्व को बीमार समझ रहे हैं।
ऐसे में, हमें अपनी बहुत सारी बीमार पड़ी रुकी हुई इच्छाओं को स्वस्थ करना पड़ेगा। प्रश्न यह है कि क्या हम उस बीमारी को समझ पा रहे हैं? क्या उस बीमारी को महसूस कर पा रहे हैं? क्या उस बीमारी का इलाज हमारे पास है? शायद नहीं बिल्कुल नहीं। क्योंकि बीमारी क्या है इसका पता ही नहीं है।
इसमें कहीं ना कहीं हमारा स्वयं का स्वभाव काम करता है लेकिन यदि हम स्वाभाविक माने जाने वाली प्रतिक्रिया की अनदेखी करते हैं तो हम अपने ही व्यवहार से दूर होते चले जाते हैं क्योंकि वही है जो हमें हमारे व्यक्तित्व के विकास में लगाता है। हमें उठाता है और हमें बीमार कर देने वाली प्रतिक्रियाओं से बचाता है।
जब तक हम समझने लायक होते हैं तब तक हमेशा ही देर हो चुकी होती है। हम यह क्यों नहीं सोच पाते हैं कि बुद्धिमत्ता पूर्ण जीवन को पाने के लिए हमें एक कीमत चुकानी पड़ती है। वह कीमत हमारे जिंदगी के कीमती समय की है जिसकी हम हमेशा अनदेखी करते हैं।
स्वयं के प्रभाव और अस्तित्व को महसूस करते हुए सार्वजनिक जीवन को हम किस तरीके से स्वयं के साथ शामिल होने देते हैं यह हमें सामान्य और असामान्य परिस्थितियों के निकट ले जाता है हम कई बार स्थितियां बदलने का इंतजार करते हैं और यह समझते हैं कि हमें सफलता मिलेगी। लेकिन देखने में आता है कि ऐसा है नहीं।
उच्चतर जीवन स्तर को पाने के प्रयास में हम यह भूल जाते हैं कि हमारा काफी समय अनावश्यक चीजों के बारे में, ��ोचने में ही खर्च हो चुका है। यह भी उन बातों के लिए जिसकी हमारे जीवन में, हमारे व्यक्तित्व के विकास में, हमारी सहानुभूति से कोई लेना-देना नहीं था। हमें जीवन में कौन मिला, कौन नहीं मिला। हमने क्या खोया। हमने क्या पाया। हमारे विचार किससे मिले। किससे नहीं मिले। हमारी आदत, हमारा मूल्य यहाँ तक कि हमारे आसपास के लोगों का पूरा जीवन हमारी हिम्मत, हमारी कमजोरी जो बनी और बिगड़ी। लेकिन हम इसे भी अनदेखी करके आगे बढ़ते रहते हैं।
फिर भी हम उम्मीद में लगे रहते हैं हमसे हमारा लक्ष्य छूटने न पाए। हमारी परिस्थितियाँ हमारे अनुकूल हो जाए। ऐसे समय में भी हम अपने मस्तिष्क पर न तो भरोसा करते हैं और न ही उस पर ध्यान देते हैं। हमें यह भी देखना चाहिए कि हमारा कई बार उपहास होता है और उपहास से हम अपने व्यक्तित्व को अपने ही स्वभाव से दूर धकेल देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि हम यथार्थ को समझ नहीं पाते हैं।
अच्छा व्यक्ति, बुरा व्यक्ति, भगवान और शैतान का यह खेल हमारे जीवन को हमेशा दोराहे पर रखता है। हम एक रास्ते को चुन नहीं पाते हैं। तराजू के पलड़े की तरह उदासीनता की स्थिति को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। यह सब इसलिए है क्योंकि हम स्वयं से जुड़ नहीं पाते हैं और बुद्धि को स्वयं से जोड़ने के काम में लगाते हैं।
हमारी बुद्धि बाहरी और भीतरी प्रतिक्रिया पर अपना संतुलन बनाए रखने का प्रयास तो करती है लेकिन तटस्थ स्थिति को हमारे स्व के समक्ष उपस्थित नहीं कर पाती है जबकि तटस्थता की ही मस्तिष्क को जरूरत होती है। हम जब तक तटस्थ नहीं होते तब तक स्व के साथ साम्य नहीं बिठा पाते हैं। क्योंकि ऐसा न होने पर कहीं न कहीं बुद्धि सकारात्मकता और नकारात्मकता के द्वंद में फँस कर अनिर्णित ही रह जाती है।
बुद्धि मानसिक शक्ति है जो वस्तुओं एवं तथ्यों को समझने, उनमें तर्कपूर्ण अर्थपूर्ण स्थिति को प्राप्त करने में सहायता करती है। यह हमारी भावना और अन्तःप्रज्ञा अंतस् से बिल्कुल अलग है।
हम अपने लक्ष्य को ऊँचा रखते समय अपने मस्तिष्क पर ध्यान दें और स्वतंत्र रहें। प्रकृति के नियमों के अनुसार मस्तिष्क को ज���वन में लगाएं और उसका ही अनुसरण करें। प्रेम, समरसता, सहभागिता और शांति पूर्ण ��़दम जीवन में उठाते रहें तो हम मस्तिष्क की परिस्थितियों से अपने अंतरात्मा को जोड़ते हुए अपने व्यक्तित्व को ऊँचा उठा सकते हैं।
हम जब तक अपने मस्तिष्क का अपने अंतस् अपने स्व के साथ साम्य नहीं बिठा पाते। हमें वाह्य परिस्थितियाँ ही महत्वपूर्ण नज़र आएँगी। भावना और अंत:प्रज्ञा से अलग रहते हुए तर्कपूर्ण स्थिति में बुद्धि के अनुसार विकास में लगकर छद्म अस्वस्थ व्यक्तित्व के विकास को स्वस्थ व्यक्तित्व का विकास समझते रहेंगे।
छायाचित्र-कामिनीमोहन।
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