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चंद्र ग्रहण 2020: 30 नवंबर चंद्रग्रहण के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
चंद्र ग्रहण 2020: 30 नवंबर चंद्रग्रहण के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
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द्वारा: टेक डेस्क | नई दिल्ली | 28 नवंबर, 2020 3:23:56 अपराह्न
चंद्रग्रहण 2020 भारत: आगामी चंद्रग्रहण चंद्रग्रहण यूरोप और अमेरिका सहित दुनिया के कई हिस्सों से दिखाई देगा। (एक्सप्रेस फोटो: करणवीर सिंह अरोड़ा)
चंद्र ग्रहण 2020: हमें 30 नवंबर को चौथा और अंतिम चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। यह एक चंद्रग्रहण होगा, जिसके दौरान चंद्रमा कुछ घंटों…
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4 घंटे 21 मिनट का होगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम
चैतन्य भारत न्यूज आज यानी 30 नवंबर 2020 को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है। ग्रहण की अवधि 4 घंटे 21 मिनट रहेगी। पौराणिक मान्यताओं की माने तो इसे ग्रहों की चाल से जोड़कर देखा जाता है। सोमवार को चंद्र ग्रहण दोपहर 1:04 मिनट पर शुरू होगा। हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों के मुताबिक, ग्रहण काल में कुछ चीजों को करने की स��्त मनाही होती है। वैसे तो ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है जिसका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं होता है, लेकिन फिर भी कुछ सावधानियां बरत लेनी चाहिए। देश और दुनिया पर ग्रहण का प्रभाव ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि उपछाया चंद्र ग्रहण होने के कारण यह इतना प्रभावशाली नहीं होगा। देश और दुनिया पर इस ग्रहण का खास प्रभाव नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन ग्रहण के कारण लोगों की मानसिक स्थिति में प्रभाव जरूर पड़ेगा। इसके अलावा सेहत पर भी यह विपरीत प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में ग्रहण से बचने के लिए ज्योतिष में बताए गए उपाय जरूर करें। गर्भवती महिलाएं रखें विशेष सावधानी ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक विचार किया जाता है। माना जाता है कि ग्रहण के हानिकारक प्रभाव से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर उसका नकारात्मक असर होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के दौरान खाने-पीने से परहेज चंद्रग्रहण आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होता है। यह एक खगोलीय स्थिति है और इसका खाने-पीने से कोई ताल्लुक नहीं है। इसलिए आप इस दौरान जो चाहे खा-पी सकते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद क्या करें ग्रहण खत्म होने के बाद सुबह घर की साफ-सफाई करने के बाद गंगा जल से स्नान के बाद पूजा-पाठ कर दान-दक्षिणा देने का विधान है। Read the full article
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साल का आखिरी चंद्रग्रहण 30 को: चंद्रमा के सामने होगी धूल जैसी परत, भारत मे न दिखने के कारण इसका धार्मिक महत्व भी नहीं Hindi News Jeevan mantra Jyotish Chandra Grahan November 2020 Date And Time | Eclipse Effects Astrology | Lunar Eclipse Effects On Zodiac Signs (Rashi) Taurus Gemini Cancer Libra Scorpio Sagittarius Aquarius Pisces…
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साल का आखिरी चंद्रग्रहण 30 को: चंद्रमा के सामने होगी धूल जैसी परत, भारत मे न दिखने के कारण इसका धार्मिक महत्व भी नहीं Hindi News Jeevan mantra Jyotish Chandra Grahan November 2020 Date And Time | Eclipse Effects Astrology | Lunar Eclipse Effects On Zodiac Signs (Rashi) Taurus Gemini Cancer Libra Scorpio Sagittarius Aquarius Pisces…
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💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺 💐🌺💐🌺🌜5 जुलाई 2020, दिन- रविवार🌛 🌺💐🌺💐 💐🌺💐🌺💐🌺💐 को लगने वाले 🌺💐🌺💐🌺💐 💐🌺💐🌺💐🌺 चंद्रग्रहण के बारे में 💐🌺💐🌺💐🌺 🌺💐🌺💐🌺💐 महत्वपूर्ण जानकारी 💐🌺💐🌺💐🌺 💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺💐🌺 ⚠️ 2020 चन्द्र ग्रहण का दिन और समय छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश, भारत के लिए ⚠️ छिन्दवाड़ा में कोई चन्द्र ग्रहण नहीं है। प्रच्छाया में कोई ग्रहण नहीं है। उपच्छाया में कोई ग्रहण नहीं है। स्थानीय समय जब ग्रहण विश्व के अन्य भागों में दर्शनीय होगा। उपच्छाया से पहला स्पर्श - दिनांक: 5 जुलाई 2020, दिन: रविवार, सुबह- 08:38 ए. एम. बजे परमग्रास चन्द्र ग्रहण - सुबह:- 09:59 ए. एम. उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श - सुबह:- 11:21 ए. एम. उपच्छाया की अवधि - 02 घण्टे 43 मिनट्स 24 सेकण्ड्स उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का परिमाण - 0.35 🚫 सूतक प्रारम्भ - लागू नहीं है। सूतक समाप्त - लागू नहीं है। 🚫 ❌ बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक प्रारम्भ - लागू नहीं है। ❌ ❌ बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक समाप्त - लागू नहीं है। ❌ ⚠️ टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में छिन्दवाड़ा, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं। आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है। ⚠️ चन्द्र ग्रहण के समय पर टिप्पणी जब चन्द्र ग्रहण मध्यरात्रि (१२ बजे) से पहले लग जाता है परन्तु मध्यरात्रि के पश्चात समाप्त ह��ता है - दूसरे शब्दों में जब चन्द्र ग्रहण अंग्रेजी कैलेण्डर में दो दिनों का अधिव्यापन (ओवरलैप) करता है - तो जिस दिन चन्द्रग्रहण अधिकतम होता है उस दिन की दिनाँक चन्द्रग्रहण के लिये दर्शायी जाती है। ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण की उपच्छाया तथा प्रच्छाया का स्पर्श पिछले दिन अर्थात मध्यरात्रि से पहले हो सकता है। इस पृष्ठ पर दिये चन्द्रोदय और चन्द्रास्त के समय लंबन/विस्थापनाभास के लिये संशोधित ह��ं। लंबन का संशोधन चन्द्रग्रहण देखने के लिये उत्तम समय देता है। हिन्दु धर्म और चन्द्र ग्रहण हिन्दु धर्म में चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से स्पष्ट दृष्टिगत न हो तो उस चन्द्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं होता है। मात्र उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत नहीं होते हैं इसीलिये उनका पञ्चाङ्ग (at Chhindwara) https://www.instagram.com/p/CCODb4zFc9j/?igshid=eat0i7ncb2ow
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Guru Purnima 2020: गुरु पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण, जानें कितना प्रभावशाली होगा ये ग्रहण गुरु पूर्णिमा का पर्व 5 जुलाई को मनाया जाएगा। इस साल भी गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया रहेगा। दरअसल चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही लगता है और सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन। आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लग रहा है। यह उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा जो भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए यहां पर ग्रहण का सूतक भी मान्य नहीं होगा। गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण का समय गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण सुबह 8 बजकर 38 मिनट से आरंभ होगा। 09 बजकर 59 मिनट में यह परमग्रास में होगा और 11 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा। इस प्रकार चंद्रग्रहण की अवधि 2 घंटा 43 मिनट और 24 सेकेंड की होगी। इस उपच्छाया चंद्रग्रहण को अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों में देखा जा सकेगा। कितना प्रभावशाली होगा चंद्र ग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाला चंद्रग्रहण भारत के संदर्भ में बहुत ज्यादा प्रभावशाली नहीं होगा। क्योंकि यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है और यहां दिखाई भी नहीं देगा। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगेगा। धनु राशि में गुरु बृहस्पति और राहु मौजूद हैं। अतः ग्रहण के दौरान बृहस्पति पर राहु की दृष्टि धनु राशि को प्रभावित करेगी। धनु राशि के जातकों का मन अशांत रह सकता है। उनके मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं। माता जी की सेहत पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। मन को एकाग्र रखने के लिए ध्यान लगाएं और माता जी का ख्याल रखें। कैसे लगता है उपच्छाया चंद्रग्रहण उपच्छाया चंद्रग्रहण में चांद के आकार में किसी भी प्रकार का कोई भी बदलाव देखने को नहीं मिलता है। इसमें सिर्फ चांद मटमैला जैसा हो जाता है। दरअसल उपच्छाया चंद्रग्रहण में पृथ्वी की छाया वाले क्षेत्र में चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी बहुत ही कम पड़ती प्रतीत होती है। इसे ही उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं। ठीक एक माह पहले 5 जून को भी उपच्छाया चंद्रग्रहण लगा था। Facing issues in Marriage, Love, Business, Job & Health. Get Detailed Prediction Report And Problems Solutions from Expert Astrologer Call Now 9815102954 #astrologer #astrology #horoscope #astro #love #astrologersofinstagram #jyotish #zodiac #vastu #horoscopes #india #numerology #astroworld #vedicastrology #numerologist #delhi #astrologyposts #palm (at Bharat Maa K Anchal Mai) https://www.instagram.com/p/CCL6PHIgNm8/?igshid=164jt0tvftdi
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चंद्रग्रहण में करे ये खास काम, मिलेगा लाख गुना शुभ फल
इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को लगने वाला है। इस ग्रहण काल में सूतक काल जरुरी नहीं होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत के साथ दक्षिण एशिया के कुछ हिस्से, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। आपकी जानकारी के लिए बता दे वर्ष 2020 में कुल 6 ग्रहण लगेंगे। इसमें से दो चंद्र ग्रहण (10 जनवरी, 5 जून) व एक सूर्यग्रहण (21 जून) लग चुका है। आने वाले समय में दो चंद्र ग्रहण व एक सूर्य ग्रहण और लगेगा। 5 जुलाई को लगने वाले इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्यता नहीं होगा मतलब की कोई भी शुभ कार्य कर सकेंगे। पूजा पाठ और भोजन से जुड़े कार्य किए जा सकेंगे। पर फिर भी संयम बरतने और नियमों का पालन करना जरूरी है। जानते हैं ग्रहण में इन कार्यों को करने से मिलता है शुभ फल-
ग्रहण लगने पर क्या करें-
चंद्र ग्रहण लगने से पहले नित्यकर्म और स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
चंद्र ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र या भगवान के नाम का जाप करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो नकारात्मक शक्ति पैदा होती है और मंत्र मलीन हो जाता है।
चंद्र ग्रहण के समय गाय को पेड़ा खिलाने, पशु पक्षियों को दाना डालने और जरूरतमंद लोगों की मदद करने से भी कई गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
ग्रहण के समय में चीजें अशुद्ध हो जाती हैं। इसलिए ग्रहण के समय इस्तेमाल किए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि के लिए उसे बाद में धो देना चाहिए तथा खुद भी नहा लेना चाहिए।
चन्द्रग्रहण की महिमा का बखान करते हुए ऋषि वेदव्यास जी ने अमृत वचन कहे हैं। उन्होंने कहा है कि चन्द्रग्रहण के दौरान किया गया कोई भी पुण्य कार्य (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना ज्यादा फल देने वाला होता हैं वहीं सूर्य ग्रहण में पुण्य कार्यों का फल दस लाख गुना ज्यादा मिलता है।
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Surya Grahan 2020 Timings in India : आज लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिये समय, महत्व सहित इसके बारे में सब कुछ
Surya Grahan 2020 Timings in India: आज 21 जून की सुबह सूर्य ग्रहण लगेगा। इसका सूतक आज रात 10 बजे से लग जाएगा। सूतक काल के आरंभ के साथ ही मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। ग्रहण का समय रविवार सुबह से शुरू होकर दोपहर तक चलेगा। इस ग्रहण को भारत सहित दुनिया के कई देशों में देखा जाएगा। यह वलयाकार होकर दुर्लभ प्रकार का ग्रहण बताया जा रहा है। इस वर्ष दो सूर्य ग्रहण होंगे। यह पहला है। इसके बाद अगला ग्रहण दिसंबर में लगेगा। आइये जानते हैं कल लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत के किन शहरों में, कितनी बजे और कितनी देर तक नज़र आएगा और इसकी क्या खासियत है। इससे जुड़ी सारी जानकारियां यहां पढ़ें। सूर्य ग्रहण का सूतक, स्पर्श एवं मोक्ष का समय Sutak time of Surya Grahan सूतककाल 12 घंटे पूर्व शनिवार रात 10ः14 बजे शुरू हो जाएगा। ग्रहण 21 जून रविवार को सुबह 10ः14 बजे से शुरू होगा। मध्यम 12ः14 बजे पर व मोक्ष दोपहर में 1ः38 पर होगा। दोपहर 2 बजे तक मंदिरों के पट बंद रहेंगे। इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 25 मिनट की रहेगी। यह अधिकांश भू-मंडल पर दिखाई देगा। इसके बाद मौजूदा वर्ष के अंत में एक और सूर्य ग्रहण होगा। जानिये इस सूर्य ग्रहण की विशेषताएं Key Points of this solar eclipse आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या रविवार 21 जून रविवार को सूर्य ग्रहण पड़ेगा। पंडितों व ज्योतिषियों के मुताबिक यह खंडग्रास व साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा, जोकि कंकणाकृति खंड ग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा एवं आद्रा नक्षत्र में रहेगा। सूर्य ग्रहण का ज्यादा असर मिथुन राशि के जातकों पर पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य विनोद रावत ने बताया कि इस बार सूर्य ग्रहण मृगशिरा व आद्रा नक्षत्र और मिथुन राशि पर पड़ रहा है। इस कारण मिथुन राशि वालों को यह ग्रहण विशेष कष्टदायक होगा। वहीं शासन-प्रशा��न पर यह ग्रहण शुभ नहीं है, क्योंकि सूर्य प्रशासन का प्रतिनिधि माना जाता है। जब-जब सूर्य एवं चंद्र ग्रहण पड़ते हैं तो उनका दीर्घकालीन प्रभाव विसर्ग राजनीति पर भी दिखता है। ग्रहण के समय 6 ग्रह बुध, शुक्र, गुरु, शनि, राहु, केतु वक्री रहेंगे। मिथुन राशि पर सूर्य बुध, राहु, चंद्र की युक्ति रहेगी जो कि अशुभ मानी जाती है। दो चंद्र���्रहण के बीच पड़ा सूर्य ग्रहण महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला के अनुसार इससे पहले चूड़ामणि सूर्य ग्रहण का महायोग 870 साल पहले आया था। इस ग्रहण के 15 दिन पहले चंद्रग्रहण पड़ा था और 15 दिन बाद फिर चंद्र ग्रहण पड़ेगा। इन दोनों ग्रहणों के बीच सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। इस साल 2020 की सबसे बड़ी खगोलीय घटना 21 जून को होने जा रही है। 21 जुलाई 2009 के बाद 21 जून को सबसे अधिक समय तक लगभग साढ़े तीन घंटे तक सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा। ग्रहण के दौरान सूर्य का लगभग 88 प्रतिशत भाग चंद्रमा द्वारा ढंक लिया जाएगा। क्या होता है चूड़ामणि योग बोरियाकलां स्थित शंकराचार्य आश्रम के ब्रह्मचारी डॉ.इंदुभवानंद महाराज के अनुसार रविवार को खग्रास सूर्यग्रहण हो रहा है, जो पूरे भारत में दिखाई देगा। जब रविवार को सूर्यग्रहण होता है, तब चूड़ामणि योग बनता है। रविग्रहः सूर्यवारे सोमे सोमस्तथा। चूड़ामणिरिति ख्यातस्तत्रदत्तमनन्तकम॥' अर्थात सोमवार को चंद्रग्रहण और रविवार को सूर्यग्रहण होने से चूड़ामणि योग बनता है, जो दान-पुण्य और जप के लिए अनंत गुना पुण्य फल प्रदान करता है।
solar-eclips-time ग्रहण का समय ग्रहण का प्रारंभ - सुबह 10.33 से ग्रहण का मध्यकाल - दोपहर 12.11 तक ग्रहण का मोक्ष - दोपहर 2.04 बजे 933 में लगा था इस तरह का वलयाकार सूर्य ग्रहण जानकारों के मुताबिक इस तरह का वलयाकार सूर्य ग्रहण 21 अगस्त 1933 को लगा था। 21 जून के बाद यह 21 मई 2034 को लगेगा। ज्योतिर्विद् पं. आनंद शंकर व्यास के अनुसार इसके फल के रूप में कहीं-कहीं वर्षा, कहीं रोग-भय के अलावा अन्ना का लाभ भी बताया गया है। यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र, मिथुन राशि पर हो रहा है। सूर्य व राहु मृगशिरा नक्षत्र में रहेंगे। मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंग��� है। मंगल मीन राशि में शनि की दृष्टि में है। Ring of Fire सूर्य के पेट में समा जाएगा चंद्रमा 21 जून को चंद्रमा सूर्य के पेट में समा जाएगा। इसके चलते रिंग ऑफ फायर का दृश्य नजर आएगा। राम श्रीवास्तव, खगोल शास्त्री ने बताया इस दृश्य को खुली आंखों से नहीं देखें। इस नजारे को देखने के लिए फिल्टर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इससे आप अपनी आंखों को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से सुरक्षित रख सकते हैं। इस दौरान तापमान कुछ कम होगा और पक्षी भ्रमित हो जाएंगे। खास बातें - ग्रहण के सूतक एवं ग्रहणकाल में स्नान, दान, जप-पाठ, मंत्र स्रोत पाठ, मंत्र सिद्घि, ध्यान, हवनादि, शुभ कार्यों का संपादन करना कल्याणकारी होता है। - झूठ, कपटादि, बेकार की बातें, मल-मूत्र त्याग, नाखून काटने से बचें - वृद्घ, रोगी, बालक एवं गर्भवती को भोजन, दवाई लेने में कोई दोष नहीं होता है। - धार्मिक ग्रंथ का पाठ करते हुए प्रसन्न रहें। - दूध,दही, अचार, चटनी, मुरब्बा में तुलसी का पत्ता, कुश रखें। प्राकृतिक आपदा की संभावना ग्रहण के अशुभ प्रभाव से कीटाणुयुक्त महामारी फैलने, अतिवृष्टि, ओला, बाढ़, तूफान, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं की संभावना है। Download our Sonipat News Mobile APP https://play.google.com/store/apps/details?id=com.arsolutions.sonipatnews source :naidunia.com Read the full article
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चंद्र ग्रहण के समय इन चीजों का रखे विशेष ध्यान - भारत में 5 जून को रात 11:15 पर शुरू होगा चंद्रग्रहण, 2020 का दूसरा चंद्र ग्रहण.21 जून को होगा वार्षिक सूर्य ग्रहण. नई दिल्ली: आज हम सभी को 2020 का दूसरा चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा. जो कि आज रात 11:15 बजे शुरू होगा और 6 जून को 2:34 बजे समाप्त होगा. https://www.thedepth.in/%e0%a4%9a%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a4%a3-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%af-%e0%a4%87%e0%a4%a8-%e0%a4%9a%e0%a5%80%e0%a4%9c%e0%a5%8b/
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Chandra Grahan 2020 : जानिए किन-किन राशियों का चंद्र ग्रहण पर होगा शुभ-अशुभ प्रभाव
चैतन्य भारत न्यूज 5 जून को साल 2020 का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण वास्तविक चंद्र ग्रहण ना होकर एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण बाकी चंद्रग्रहण से अलग होगा। उपछाया चंद्रग्रहण के दौरान धर्मकर्म से जुड़ी कोई पाबंदी नहीं होगी। यानी इस बार के चंद्रग्रहण में आपकी दिनचर्या एकदम सामान्य रहने वाली है। हालांकि, ग्रहण के दौरान थोड़ी बहुत सावधानियां रखनी चाहिए। ग्रहण रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा और रात में 2 बजकर 34 मिनट पर खत्म होगा। ये चंद्र ग्रहण ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन लग रहा है। आइए जानते हैं कि यह चंद्र ग्रहण कब और कहां दिखाई देगा और भारत में इसका कितना असर होगा। कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण? ये चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में ��िखाई देगा। भारत में भी यह ग्रहण तय समय पर दिखाई देगा लेकिन उपछाया ग्रहण होने की वजह से यहां किसी भी तरह के धार्मिक कार्य नहीं रोके जाएंगे। ग्रहण काल में चंद्रमा कहीं से कटा हुआ होने की बजाय अपने पूरे आकार में नजर आएगा। सिर्फ इस दौरान चांद थोड़ा मटमैला-सा दिखाई देगा। ज्योतिष अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होता, क्योंकि इसे वास्तविक ग्रहण नहीं माना गया है। क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। जो तब घटित होती है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में स्थित रहें। तो वहीं उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान चंद्रमा पेनुम्ब्रा से हो कर गुजरता है। ये पृथ्वी की छाया का बाहरी भाग होता है। इस दौरान, चंद्रमा सामान्य से थोड़ा गहरा दिखाई देता है। राशियों पर ग्रहण का प्रभाव उपच्छाया चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। हालांकि इस ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर भी पड़ेगा। राशियों पर ग्रहण का प्रभाव- मेष- खर्चे बढ़ेंगे। मन में तनाव की स्थिति रहेगी। वृष- यात्रा के दौरान बेहद सावधानी बरतनी होगी। मिथुन- ग्रहण का प्रभाव आपकी आमदनी पर होगा। कर्क- धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में रुचि लेंगे। सिंह- विवाद होने की संभावना है, सावधान रहें। कन्या- धन-संपत्ति में वृद्धि संभव है। तुला- एक से अधिक स्रोतों से आय आएगी। वृश्चिक- किसी तरह के झमेले में पड़ सकते हैं। धनु- रुके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं। मकर- जमीन जायदाद से जुड़े कार्य होंगे। कुंभ- सेहत में सुधार होने संभावना है। मीन- परिवार में भाईचारा एवं प्रेम बढ़ेगा। ये भी पढ़े... Chandra Grahan 2020 : जानिए क्यों और कैसे लगता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण, भारत में इसका क्या होगा असर आज है चंद्रग्रहण, बरतें ये सावधानियां 149 साल बाद दिखा चंद्रग्रहण का ऐसा अद्भुत नजारा, देखें तस्वीरें Read the full article
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इस महीने लगने जा रहा साल का दूसरा चंद्रग्रहण, जानें समय और तारीख 5 June 2020 5 जून को उपछाया चंद्रग्रहण लगने वाला है। ये अन्य चंद्रग्रहण के मुकाबले काफी अलग होता है। जून के माह में सूर्य और चंद्रग्रहण दोनों ही लगने वाले हैं। चंद्रग्रहण जहां जून के पहले सप्ताह के पांच���ें दिन अर्थात 5 जून को लगेगा तो वहीं 21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा। इन दोनों की ही अपनी पौराणिक कथाएं, मान्यताएं और महत्व हैं। इसके अलावा इन दोनों का ही वैज्ञानिक महत्व भी है। यहां पर हम आपको इन दोनों ही महत्व और इस खगोलीय घटना के पीछे छिपे कारणों की जानकारी दे रहे हैं। चंद्रग्रहण उस समय लगता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक ही सीध में होते हैं। यह उस वक्त लगता है जब पूरा चांद निकला हुआ होता है और पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है। ऐसे में सूर्य की किरणें चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं। आपको बता दें कि इस वर्ष चार चंद्रग्रहण लगने हैं। इनमें से पहला चंद्रग्रहण एक जनवरी को लग चुका है। दूसरा इस माह है। तीसरा जुलाई और चौथा नवंबर में होगा। 5 जून को होने वाला चंद्रग्रहण उपछाया होगा। इसका अर्थ है कि चांद, पृथ्वी की हल्की छाया से होकर गुजरेगा। यह चंद्रग्रहण 3 घंटे और 18 मिनट का होगा। 5 जून को इसकी शुरुआत रात 11.15 होगी और 6 जून को सुबह 12.54 बजे तक ये अपने अधिकतम चरण में होगा। 6 जून की सुबह 2.34 पर ये खत्म हो जाएगा। एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के लोग इस ग्रहण को देख सकते हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि उपछाया चंद्र ग्रहण होने के कारण लोगों के बीच सामान्य चांद और ग्रहण वाले चांद के बीच अंतर करना मुश्किल होगा। इस ग्रहण को पूरे भारत में देखा जा सकेगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। इस दौरान चंद्रमा की छवि कुछ धुंधली जरूर हो जाएगी और ये कुछ मटमैला सा दिखाई देगा। इसकी वजह यह है कि यह वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं है यह एक उपछाया चंद्रग्रहण है। इससे पहले 10 जनवरी को ऐसा ही चंद्रग्रहण लगा था। हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण के पीछे राहु व केतु का प्रभाव होता है। समुद्र मंथन के दौरान देवताओं व दानवों के बीच अमृत पाने को लेकर युद्ध चल रहा था। अमृत का देवताओं को सेवन करवाने के लिए भगवान विष्णु सुंदर कन्या का रूप धारण कर सभी में अमृत बांटने लगे। इस बीच एक असुर देवताओं के बीच जाकर बैठ गया। उसने जैसे ही अमृत हासिल किया तो भगवान सूर्य व चंद्रमा को इस बात का पता चल गया। जब उन्होंने इसकी जानकारी भगवान विष्णु को दी तो उन्होंने अपने स (at चन्द्रमा) https://www.instagram.com/p/CBBKHpMAMiI/?igshid=2yz7q5thyc30
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What is special about this Lunar Eclipse June 2020?
चंद्रग्रहण जून 2020 : 5 जून 2020 , शुक्रवार को इस वर्ष का दूसरा चंद्रग्रहण है। यह वर्ष अगर मनुष्य दृष्टि से देखा जाएं तो जैसे समस्त संसार पर विपदाओं का पहाड़ से टूट पड़ा हो परन्तु प्राकृतिक तौर पर यह साल काफी अ��्छा रहा है। चंद्रग्रहण की स्थिति तब बनती है जब सूर्य , चंद्रमाँ और पृथ्वी एक ही क्रम में होतें है। ग्रहण का प्रभाव सभी पर अलग — अलग होता है। इसके आसार सकारातमक भी हो सकतें है और नकारात्मक भी।
ग्रहण के बुरे प्रभावों को कमजोर करने के लिए अनेकों पौराणिक मान्यताओं का पालन किया जाता है। जिसमें दान — पुण्य का विशेष महत्व माना गया है। यह चंद्रग्रहण 5 तारिक की आधी रात से पुरे भारत में देखा जा सकेगा। और इससे जुड़ी सबसे ख़ास बात यह है की इस ग्रहण में सूतक नहीं लगने वाले है जिसके कारण इसके प्रभाव ज्यादातर शुभ ही होने के योग है। ग्रहण के समय ज्यादातर घरों में खान — पान का सेवन वर्जित होता है। तथा ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान करना भी अनिवार्य माना जाता हैं।
चंद्रग्रहण में इस बार समय की सामान्य धार्मिक पाबंदी नहीं होगी , अर्थात इस बार चंदग्रहण को देखने में किसी प्रकार की रोक — टोक का सामना नहीं करना पड़ेगा। ग्रहण के समय में चन्द्रमा वृश्चिक राशि में होंगे। ग्रहण की सबसे अनोखी बात यह है ग्रहण होते हुए भी चन्द्रमा कही से भी कटा हुआ नजर नहीं आएगा , और इस दृश्य को पुरे भारत में देखा भी जा सकेगा।
यह ग्रहण ���्यादा प्रभावशाली नहीं होता है। इसलिए इसे बिना किसी चश्में या एक्स — रे के भी देखा जा सकता है , अर्थात इससे आँखों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। अक्सर देखा जाता है की ग्रहण के समय लोग खान — पान नहीं करतें है परन्तु इस चंद्रग्रहण में खान — पान में कोई रोक — टोक करने की आवश्यकता नहीं होगी। ज्योतिषाचार्यों या पौराणिक मान्यताओं की माने तो ग्रहण के दौरान किसी भी बच्चें , बुजुर्ग या पीड़ित व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए इस दौरान चंद्र गायत्री मंत्र का जाप बहुत फल दायी होता है। साथ ही यदि ग्रहण के बाद चन्द्रमा से जुड़ी कुछ ख़ास वस्तुओं का दान किया जाएं , तो ग्रहण के कष्ट दूर हो जातें है।
Reference URL: https://www.myjyotish.com/blogs-hindi/lunar-eclipse-june-2020-why-is-this-lunar-eclipse-special
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राधे राधे
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
#ग्रहण को लेकर भ्रमित न हो, सही #जानकारी रखे और वही लोगों तक पहुँचायें
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साल 2020 में इन #तारीखों पर अगले ग्रहण -
1. 10-11 जनवरी - माद्य (��पच्छायी) चंद्रग्रहण - भारत में हुआ पर ग्रहण की श्रेणी में नहीं आ��ा।
2. 5 जून 2020 - माद्य (#उपच्छायी) #चंद्रग्रहण - भारत में होगा, पर ग्रहण की श्रेणी में नहीं आता।
3. 21 जून 2020 - #कंकण/#खग्रास_सूर्यग्रहण - भारत में होगा, सूतक भी मान्य
4. 5 जुलाई 2020 - #माद्य (उपच्छायी) चंद्रग्रहण - भारत में होगा, पर ग्रहण की श्रेणी में नहीं आता।
5. 30 नवंबर 2020 - माद्य (उपच्छायी) चंद्रग्रहण - भारत में होगा, पर ग्रहण की श्रेणी में नहीं आता।
6. 14 दिसंबर 2020 - #खग्रास_सूर्यग्रहण - भारत के बाहर होगा, भारत में मान्य नहीं है।
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पं. कैलाश शास्त्री(खाण्डल)
श्री राधे ज्योतिष दरबार,
शास्त्री नगर,गवालू(नागौर)
श्रीमद्भागवत कथा,यज्ञ,अनुष्ठान,वास्तु शास्त्र, जन्मकुंडली, संगीतमय सुंदरकांड
हेतु सम्पर्क- 9001520008
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https://www.facebook.com/astrologer.kailashji.shastri.whatsapp9001520008/
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तीन ग्रहण एक माह में : विश्व स्तर पर घट सकती है कोई बडी घटना
नईदिल्ली— एक महीने तक ग्रह-नक्षत्रों में भारी उलटफेर देखने को मिल रहा है। 5 जून से 5 जुलाई 2020 तक एक महीने में तीन ग्रहण पड़ रहे हैं जो भीषण विपदा का संकेत दे रहे हैं। ज्योतिषीय गणना में ग्रणह के प्रभावों को बताती एक पुरानी कहावत “एक पाख दो गहना, राजा मरे या सेना” गा��वों में प्रचलित है। इस कहावत का अर्थ है एक पखवाड़े यानी 15 दिन में दो ग्रहण होना से या तो राजा की हत्या होती है या सेना मारी जाती है। यानी भीषण विपदा का संकेत है।
इस बार 21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण और 5 जुलाई को चंद्रग्रहण हैं जो करीब 15 दिन में ही पड़ रहे हैं। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि एक पखवाड़े में दो ग्रहण ही नहीं एक महीने (5 जून से 5 जुलाई 2020 तक) में तीन ग्रहण होने जा रहे हैं जो कि ज्योतिष के जानकारों को डराने वाले संकेत दे रहे हैं।
आपदा या युद्ध का खतरा- पंडित संजय शर्मा के अनुसार, एक मास में तीन ग्रहण के साथ ही सूर्य, मंगल व गुरु ग्रहों का परिवर्तन व वक्री होने की वजह से भयंकर आपदा के संकेत मिल रहे हैं। इन ग्रहण की वजह से कहा जा रहा हैं कि प्राकृतिक आपदा, जल प्रलय, विश्व स्तर पर युद्ध किसी राजनेता की हत्या जैसी घटनाएं घट सकती हैं। प्राकृतिक आपदाओं जैसे अत्याधिक वर्षा, समुद्री चक्रवात, तूफान, भूकंप और महामारी आदि से जन-धन की हानि का खतरा है। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश को जून के अंतिम माह और जुलाई में भयंकर वर्षा की आशंका है। इस साल मंगल ��ल तत्व की मीन राशि में पांच माह तक बैठेंगे। ऐसे में वर्षा असामान्य रूप से अत्यधिक होगी और महामारी का भय रहेगा।
05 जून से 05 जुलाई 2020 ये तीन ग्रहण-
5 जून 2020 को चंद्र ग्रहण : 5 जून को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत समेत यूरोप, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण 5 जून की रात 11:15 बजे से शुरू होकर और 6 जून 2:34 बजे तक रहेगा। यह चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठ नक्षत्र में लग रहा है। पांच जून रात 12:54 बजे पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। इसकी कुल अवधि 3 घंटे 15 मिनट की होगी।
21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण : सूर्य ग्रहण 21 जून की सुबह 9:15 बजे से दोपहर 15:03 बजे तक भारत, दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया। 21 जून को खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा। भारत के अलावा यह सूर्यग्रहण एशिया, अफ्रिका और यूरोप में दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि में लगेगा।
5 जुलाई 2020 को चंद्र ग्रहण : 5 जुलाई को भी चंद्रग्रहण लगेगा, लेकिन ये दोनों ग्रहण मांद्य ग्रहण है, जिस कारण से इनका किसी भी राशि पर कोई असर नहीं होगा। चंद्र ग्रहण सुबह 8: 37 बजे से 11:22 बजे तक अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा।
राशियों में ग्रहण का असर : मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों को लिए यह ग्रहण काल शुभ रहने वाला है। वृषभ, तुला, धनु, और कुंभ राशि वालों को मध्यम लाभ देगा।
तीन राशियों के लिए अशुभ फल ला रहा ग्रहण- कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों को अशुभ फल देगा। इसमें वृश्चिक राशि वालों को विशेष ध्यान रखना होगा। कंकण आकृति ग्रहण होने के साथ ही यह ग्रहण रविवार को होने से चूड़ामणि योग भी बना रहा है। इसमें स्नान, दान, जप और हवन करना कोटि गुना महत्व देगा।
https://is.gd/kjSxr1 #ThreeEclipsesInOneMonthNoMajorEventCanHappenGlobally Three eclipses in one month: No major event can happen globally e-Paper, In Focus, National, Religious, Top #e-Paper, #InFocus, #National, #Religious, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
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