#घर की खेती
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#GodMorningTuesday
गाड़ी बाहो घर रहो, खेती करो खुशहाल । सांई सिर पर राखिये, सही भगत हरलाल ।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है। अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी चलाने (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी-खुशी करो। घर पर रहो। परमात्मा की भक्ति जो मैं बताऊँ, वह करते रहो। आप सही भक्त कहलाओगे।
#noidagbnup16
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#सत_भक्ति_संदेश
परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है। अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी बाहने (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी-खुशी करो। घर पर रहो। परमात्मा की भक्ति जो मैं बताऊँ, वह करते रहो। आप सही भक्त कहलाओगे।
~ जगतगुरू संत रामपाल जी महराज
#Sant_rampal_ji_maharaj" #True_Spiritual_Knowledge #सत_भक्ति_संदेश_KABIR_IS_GOD🙇🙇 #SAINTRAMPALJI #NARENDRAMODI #KOO #SANTRAMPALJIMAHARAJ #INDIA #ayodhyadham
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#GodMorningThursday
परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है।
अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी-खुशी करो।
परमात्मा की भक्ति जो मैं बताऊँ, वह करते रहो। आप सही भक्त कहलाओगे ।
#हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं
🚢🚢Watch Sadhna tv at 07:30 pm
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GodMorningWednesday🌞
गरीब, गाड़ी बाहों घर रहो, खेती करो खुशहाल। साई सिर पर राखिए, सही भगत हरलाल।।
परमात्मा प्राप्ती के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहि हे। अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी बाहने (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी खुशी करो। घर पर रहो। परमात्मा की भक्ति जो में बताऊं, वह करो।
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Top 50 Flowers Name In Hindi And English (50 फूलों के नाम)
इस ब्लॉगपोस्ट में आप 50 फूलों के नाम जानेंगे – फूल हमारे पर्यावरण का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं। ये हरे-भरे फसलों की खेती में भी बहुत मदद करते हैं। फूल हमें सुंदरता, सुगंध और रंगों का आनंद देते हैं। फूलों के कई प्रकार होते हैं जैसे कि गुलाब, चमेली, चंदन, लिली, घेंडा आदि। इनमें हर एक का अपना अलग रंग, सुगंध और महत्व होता है।
फूलों का उपयोग हम उन्हें सजाने और अपने घर की सुंदरता बढ़ाने के लिए करते हैं। हम उन्हें बाजार में भी खरीद सकते हैं और उनसे विविध वस्तुओं को सजावट दे सकते हैं। इसलिए, फूल हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं जो हमें सुख-दुख, खुशियों और संतोष के लिए जरूरी होते हैं।
फूलों का महत्व
फूल हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वे हमारे आसपास खुशबू और सुंदरता का माहौल बनाते हैं। फूल अधिकतर जगहों पर हमारे दैनिक जीवन में इस्तेमाल किए जाते हैं। ये अभिव्यक्ति का माध्यम होते हैं जो हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं और हमें अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने का मौका देते हैं।
फूल अलग-अलग रंगों और सुगंधों के होते हैं। कुछ फूलों के खास गुण होते हैं जैसे कि गुलाब का रंग लाल होता है और यह सुंदर खुशबू देता है। कुछ फूल खाने के लिए भी उपयोगी होते हैं जैसे कि गेंदे का फूल जिससे हलवा बनता है।
फूल अनेक अवसरों पर उपहार के रूप में दिए जाते हैं। हम अपने दोस्तों, परिवार और अन्य लोगों को फूलों का उपहार देते हैं जो उनकी खुशी का संकेत होता है।
50 फूलों के नाम ( Hindi And English)
निष्कर्ष
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको 50 फूलों के हिंदी और अंग्रेजी नाम बताये हैं। यहाँ दी गयी जानकारी से आप अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं और ��न फूलों की खोज कर सकते हैं। फूल हमारी प्रकृति की सबसे खूबसूरत वस्तुओं में से एक हैं। ये न केवल हमें खुशियों से भर देते हैं, बल्कि इन्हें देखने से हमारा मन भी शांत होता है। फूलों के अलग-अलग रंग, सुगंध और उनके अलग-अलग नाम हमें उनसे जुड़े रहने की चाहत पैदा करते हैं। यहाँ हमने आपको 50 फूलों के नाम बताए हैं जो आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट से आपने समझा होगा कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा में फूलों के नाम क्या होते हैं और आपको इन फूलों की जानकारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको बहुत सारे फूलों के नाम बताये हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं और उनकी जानकारी हासिल कर सकते हैं। फूलों की ये सूंदरता और उनकी सुगंध दिल को छू जाती है और इनके नाम सुनते ही खुशी होती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में फूलों का महत्व बहुत है और ये हमारे जीवन को खुशनुमा बनाते हैं। इसलिए, हमें इन फूलों को संरक्षित रखना चाहिए ताकि हमें इनका सुख और फायदा मिलता रहे। इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हमें ये जानकारी मिली कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा में फूलों के नाम क्या होते हैं। हमें उम्मीद है कि आप इन फूलों की जानकारी से लाभान्वित होंगे और अपनी जानकारी को बढ़ाएंगे।
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गाड़ी बाहो घर रहो, खेती करो खुशहाल ।
सांई सिर पर राखिये, सही भगत हरलाल ।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है। अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी चलाने (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी-खुशी करो। घर पर रहो। परमात्मा की भक्ति जो मैं बताऊँ, वह करते रहो। आप सही भक्त कहलाओगे।
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मुख्यमंत्री का पैतृक गांव अटारी में हुआ भव्य स्वागत
भरतपुर/जयपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को अपने पैतृक गांव अटारी पहुंचे। उन्होंने लोक देवता घोड़े वाले बाबा तथा चामुंडा माता मंदिर में विधि-विधान से पूजा अर्चना कर देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने अटारी गांव में बड़े-बुजुर्गों से मिलकर आशीर्वाद लिया तथा हाल-चाल पूछ कर घर परिवार एवं खेती-बाड़ी की जानकारी ली। उन्होंने संपूर्ण गांव में पैदल…
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गाड़ी बाहो घर रहो, खेती करो खुशहाल । सांई सिर पर राखिये, सही भगत हरलाल ।। कबीर साहेब जी कहते हैं कि परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है। अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी चलाने (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी-खुशी करो। घर पर रहो। परमात्मा की भक्ति जो मैं बताऊँ, वह करते रहो। आप सही भक्त कहलाओगे।
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#GodNightTuesday
#noidagbnup16
गाड़ी बाहो घर रहो, खेती करो खुशहाल । सांई सिर पर राखिये, सही भगत हरलाल ।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है। अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी चलाने (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी-खुशी करो। घर पर रहो। परमात्मा की भक्ति जो मैं बताऊँ, वह करते रहो। आप सही भक्त कहलाओगे।
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#GodMorningTuesday
👉गाड़ी बाहो घर रहो, खेती करो खुशहाल । सांई सिर पर राखिये, सही भगत हरलाल ।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है।
👉अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखिए साधना चैनल पर शाम7:30बजें 🙏📺👇
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गाड़ी बाहो घर रहो, खेती करो खुशहाल । सांई सिर पर राखिये, सही भगत हरलाल ।। कबीर साहेब जी कहते हैं कि परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है। अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी चलाने (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी-खुशी करो। घर पर रहो। परमात्मा की भक्ति जो मैं बताऊँ, वह करते रहो। आप सही भक्त कहलाओगे।
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#GodMorningTuesday
गाड़ी बाहो घर रहो, खेती करो खुशहाल । सांई सिर पर राखिये, सही भगत हरलाल ।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है। अपना खेती का कार्य तथा गाड़ी चलाने (ट्रांसपोर्ट) का कार्य खुशी-खुशी करो। घर पर रहो। परमात्मा की भक्ति जो मैं बताऊँ, वह करते रहो। आप सही भक्त कहलाओगे।
#noidagbnup16
#GodMorningTuesday noidagbnup16#आदि राम कबीर#कबीर परमेश्वर#संत रामपाल जी महाराज#कबीर इस गॉड#कबीर बड़ा या कृष्ण
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#GodMorningTuesday
👉गाड़ी बाहो घर रहो, खेती करो खुशहाल । सांई सिर पर राखिये, सही भगत हरलाल ।।
कबीर साहेब जी कहते हैं कि परमात्मा प्राप्ति के लिए घर त्यागने की आवश्यकता नहीं है।
👉अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखिए साधना चैनल पर शाम7:30बजें 🙏📺👇
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Price: [price_with_discount] (as of [price_update_date] - Details) [ad_1] गुरु नानकदेव के ‘जपुजी’ पर पुणे में हुई सीरीज के अंतर्गत दी गईं बीस OSHO Talks "नानक ने परमात्मा को गा-गाकर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गाकर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।"—ओशो नानक-वाणी पर ओशो के प्रवचनों ने कुछ ऐसी चीजों को लेकर मेरे आंख-कान खोले, जिनके बारे में पहले ज्यादा नहीं जानता था। हर अमृत वेला के समय में मैंने ओशो के प्रवचनों को सुना, जिनमें ओशो व्याख्या के लिए वेद-उपनिषदों और मुस्लिम सूफी संतों की शिक्षाओं का उल्लेख करते हैं। इससे मेरा यह विश्वास और भी ��ृढ़ हो गया कि ओशो हमारे देश में जन्मी महान आत्माओं में से एक हैं। ओशो के ये प्रवचन केवल सिखों के लिए ही नहीं, बल्कि उन सबके लिए उपयोगी हैं जो स्वयं को भक्ति-मार्ग की परंपरा से अवगत करना चाहते हैं। खुशवंत सिंह (अंतर्राष्टीय ख्याति-प्राप्त लेखक एवं पत्रकार) पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु: • ध्यान की कीमिया • सुनने की कला • विश्राम का विज्ञान अनुक्रम #1: आदि सचु जुगादि सचु #2: हुकमी हुकमु चलाए राह #3: साचा साहिबु साचु नाइ #4: जे इक गुरु की सिख सुणी #5: नानक भगता सदा विगासु #6: ऐसा नामु निरंजनु होइ #7: पंचा का गुरु एकु धिआनु #8: जो तुधु भावै साई भलीकार #9: आपे बीजि आपे ही खाहु #10: आपे जाणै आपु #11: ऊचे उपरि ऊचा नाउ #12: आखि आखि रहे लिवलाइ #13: सोई सोई सदा सचु साहिब #14: आदेसु तिसै आदेसु #15: जुग जुग एको वेसु #16: नानक उतमु नीचु न कोइ #17: करमी करमी होइ वीचारु #18: नानक अंतु न अंतु #19: सच खंडि वसै निरंकारु #20: नानक नदरी नदरि निहाल उद्धरण : एक ओंकार सतनाम - पहला प्रवचन - आदि सचु जुगादि सचु "नानक ने गृहस्थ को और संन्यासी को अलग नहीं किया। क्योंकि अगर कर्ता परमेश्वर अलग है सृष्टि से, तो फिर तुम्हें सृष्टि के काम-धंधे से अलग हो जाना चाहिए। जब तुम्हें कर्ता पुरुष को खोजना है तो कृत्य से दूर हो जाना चाहिए, कर्म से दूर हो जाना चाहिए। फिर बाजार है, दूकान है, काम-धंधा है, उससे अलग हो जाना चाहिए। नानक आखिर तक अलग नहीं हुए। यात्राओं पर जाते थे; और जब भी वापस लौटते तो फिर अपनी खेती-बाड़ी में लग जाते। फिर उठा लेते हल-बक्खर। पूरे जीवन, जब भी वापस लौटते घर, तब अपना कामधाम शुरू कर देते। जिस गांव में वे आखिर में बस गए थे, उस गांव का नाम उन्होंने करतारपुर रख लिया था--कर्ता का गांव। अगर परमात्मा कर्ता है, तो तुम यह मत समझना कि वह दूर हो गया है कृत्य से। एक आदमी मूर्ति बनाता है। जब मूर्ति बन जाती है तो मूर्तिकार अलग हो जाता है, मूर्ति अलग हो जाती है। दो हो गए। मूर्तिकार के मरने से मूर्ति नहीं मरेगी। मूर्तिकार मर जाए, मूर्ति रहेगी। मूर्ति के टूटने से मूर्तिकार नहीं मरेगा। मूर्ति टूट जाए, मूर्तिकार बचेगा। दोनों अलग हो गए। परमात्मा और उसकी सृष्टि में ऐसा फासला नहीं है। फिर परमात्मा और उसकी सृष्टि में कैसा संबंध है? वह ऐसा है जैसे ��र्तक का। एक आदमी नाच रहा है, तो नृत्य है, लेकिन क्या तुम नृत्य को और नृत्यकार को अलग कर सकोगे? नृत्यकार घर चला जाए, नृत्य तुम्हारे पास छोड़ जा सकेगा? नृत्यकार मरेगा, नृत्य मर जाएगा। नृत्य रुकेगा, फिर वह आदमी नर्तक न रहा। दोनों संयुक्त हैं।…इसलिए नानक कहते हैं, कुछ छोड़ कर कहीं भागना नहीं है। जहां तुम हो, वहीं वह छिपा है। इसलिए नानक ने एक अनूठे धर्म को जन्म दिया है, जिसमें गृहस्थ और संन्यासी एक है। और वही आदमी अपने को सिक्ख कहने का हकदार है, जो गृहस्थ होते हुए संन्यासी हो; संन्यासी होते हुए गृहस्थ हो। सिर के बाल बढ़ा लेने से, पगड़ी बांध लेने से कोई सिक्ख नहीं होता। सिक्ख होना बड़ा कठिन है। गृहस्थ होना आसान है। संन्यासी होना आसान है; छोड़ दो, भाग जाओ जंगल। सिक्ख होना कठिन है। क्योंकि सिक्ख का अर्थ है--संन्यासी, गृहस्थ एक साथ। रहना घर में और ऐसे रहना जैसे नहीं हो। रहना घर में और ऐसे रहना जैसे हिमालय पर हो। करना दूकान, लेकिन याद परमात्मा की रखना। गिनना रुपए, नाम उसका लेना।"—ओशो ASIN : B07BSFF627 Publisher : OSHO Media International (28 March 2018) Language
: Hindi File size : 2132 KB Text-to-Speech : Enabled Screen Reader : Supported Enhanced typesetting : Enabled Word Wise : Not Enabled Print length : 524 pages [ad_2]
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घर मे उगा ली गांजे की फसल, पुलिस ने दबोचा
घर मे उगा ली गांजे की फसल, पुलिस ने दबोचा बांधवभूमि न्यूज मध्यप्रदेश उमरियाजिले की इंदवार पुलिस ने गांजे की खेती करने के आरोप मे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इस संबंध मे मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस को मुखबिर द्वारा ग्राम दमोय निवासी मुन्ना उर्फ प्रदीप गुप्ता द्वारा अपने घर के पास बाड़ी मे गांजे का पौधा लगाये जाने की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक श्रीमती निवेदिता नायडू द्वारा दिये…
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क्या आप घर पर बिना किसी बड़े सेटअप के मशरूम उगाना चाहते हैं? जानिए सरल तरीकों से कैसे उगा सकते हैं ताजे और शुद्ध मशरूम। इस गाइड को पढ़ें और अपने घर में ही मशरूम की खेती शुरू करें! #MushroomCultivation #OrganicFarming #TerraceGardening
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