#ग्रहण 2020
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sharpbharat · 2 months ago
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jamshedpur new sdo took charge-जमशेदपुर की नयी एसडीओ शताब्दी मजूमदार ने संभाला पदभार, शहर की विधि- व्यवस्था में सुधार लाना प्राथमिकता, देखिए video
जमशेदपुर: धालभूम की नयी एसडीओ शताब्दी मजूमदार ने अपना पदभार संभाल लिया है. यह रविवार को निर्वतमान पारुल सिंह से शताब्दी मजूमदार ने पदभार ग्रहण की. इससे पूर्व पारुल सिंह ने 7 मार्च 2024 को एसडीओ का पदभार संभाला था.2020 के बैच की अधिकारी शताब्दी मजूमदार ने कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद निर्वतमान पारुल सिंह से एसडीओ का पदभार संभाला. मौके पर पारुल सिंह ने गुलदस्ता देकर शताब्दी का स्वागत किया.…
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sanjaylodh · 1 year ago
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It is said that we cannot breathe without water
It is said that we cannot breathe without water
Friends, can you breathe in water?
If even a drop of water enters our respiratory drain, our breathing is sure to stop.
Actually the atmosphere becomes habitable due to water
That's why we can't breathe without water
Is breathing possible without water?
Humans can only survive for a short period of time without water because the body needs it for almost every process, including: regulating body temperature through sweating and breathing.
How long can you survive without water? - BBC Future
Oct 16, 2020 · How long one can survive without water is still largely debated. Most scientists agree that humans can last only a few days without food or water.
A person can survive only a few days without water. But, many factors affect how much water they need, such as their activity level and environment. For this reason it is not possible to tell exactly how long a person can survive without water.
Dehydration occurs rapidly, leading to extreme thirst, fatigue, and eventually organ failure and death. A person may start feeling thirsty and a little lethargic on the first day due to lack of water and may have organ failure on the third day.
Liquid breathing - Wikipedia
Liquid breathing is a form of respiration in which a normally air-breathing organism breathes an oxygen-rich liquid (such as perfluorocarbon) instead of air, by selecting a liquid that can hold a larger amount of oxygen. And is capable of CO. 2 Gas exchange. [1]
Net:D021061
Can humans breathe in liquids? , RealClearScience
By Ross Pomeroy August 15, 2019 Breathe it – The air around you is about 78% nitrogen, 21% oxygen, and 1% argon. During your lifetime, you will inhale and exhale this life-giving mixture 672,768,000 times. Give the air around you a big hug. But have you ever wondered whether you can breathe in liquids?
Author: Ross Pomeroy
Human Biology - Thompson Rivers University
CPR is more effective without water in the lungs. Even if cardiac arrest has occurred and the heart is no longer beating, there is still a chance of recovery. However, the longer the brain goes without oxygen, the more likely it is for brain cells to die.
Author: Christine Miller
Publication Year: 2020
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कहते है पानी बिना हम सांस लेना पाते
दोस्तों क्या पानी में आप सांस ले सकते हो
हमारा सांस नाली में पानी का एक बूंद भी प्रवेश करता है तो हमारा सांस रूकना निश्चित है
असल में वायुमंडल पानी के कारण हविटेबल बन जाता है
इसलिए पानी बिना हम सांस लेना पाते
क्या पानी बिना सांस कार्य संभव है
मनुष्य पानी के बिना केवल कुछ ही समय तक जीवित रह सकता है क्योंकि शरीर को लगभग हर प्रक्रिया के लिए इसकी आवश्यकता होती है, जिसमें शामिल हैं: पसीने और सांस के माध्यम से शरीर के तापमान को नियंत्रित करना।
आप पानी के बिना कितने समय तक जीवित रह सकते हैं? - बीबीसी फ़्यूचर
16 अक्टूबर, 2020 · पानी के बिना कोई कितने समय तक जीवित रह सकता है, इस पर अभी भी बड़े पैमाने पर बहस चल रही है। अधिकांश वैज्ञानिक इस बात से सहमत हैं कि मनुष्य बिना भोजन या पानी ग्रहण किए केवल कुछ दिनों तक ही रह सकता है।
एक व्यक्ति पानी के बिना केवल कुछ दिन ही जीवित रह सकता है। लेकिन, कई कारक प्रभावित करते हैं कि उन्हें कितने पानी की आवश्यकता है, जैसे कि उनकी गतिविधि का स्तर और पर्यावरण। इस कारण यह ठीक-ठीक बता पाना संभव नहीं है कि कोई व्यक्ति पानी के बिना कितने समय तक जीवित रह सकता है।
निर्जलीकरण तेजी से होता है, जिससे अत्यधिक प्यास, थकान और अंततः अंग विफलता और मृत्यु होती है। एक व्यक्ति को पहले दिन प्यास लगना और पानी न मिलने पर थोड़ी सुस्ती महसूस होना शुरू हो सकता है और तीसरे दिन उसके अंग खराब हो सकते हैं।
तरल श्वास - विकिपीडिया
तरल श्वास श्वसन का एक रूप है जिसमें सामान्य रूप से हवा में सांस लेने वाला जीव हवा में सांस लेने के बजाय ऑक्सीजन युक्त तरल (जैसे पेरफ्लूरोकार्बन) में सांस लेता है, एक ऐसे तरल का चयन करके जो बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन धारण कर सकता है और CO में सक्षम है। 2 गैस विनिमय. [1]
जाल: D021061
क्या मनुष्य तरल पदार्थ में सांस ले सकता है? | रियलक्लियरसाइंस
रॉस पोमेरॉय द्वारा 15 अगस्त, 2019 इसे साँस लें - आपके आस-पास की हवा लगभग 78% नाइट्रोजन, 21% ऑक्सीजन और 1% आर्गन है। अपने जीवनकाल के दौरान, आप इस जीवनदायी मिश्रण को 672,768,000 बार साँस लेंगे और छोड़ेंगे। अपने आस-पास की हवा को एक जोरदार आलिंगन दें। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या आप तरल पदार्थ में सांस ले सकते हैं?
लेखक: रॉस पोमेरॉय
मानव जीव विज्ञान - थॉम्पसन रिवर यूनिवर्सिटी
फेफड़ों में पानी के बिना सीपीआर अधिक प्रभावी है। भले ही कार्डियक अरेस्ट हो गया हो और दिल अब नहीं धड़क रहा हो, फिर भी ठीक होने की संभावना है। हालाँकि, मस्तिष्क जितना अधिक समय तक ऑक्सीजन के बिना रहेगा, मस्तिष्क कोशिकाओं के मरने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
लेखक: क्रिस्टीन मिलर
प्रकाशन वर्ष: 2020
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192211008 · 1 year ago
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(via "Ayodhya: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की "Ayodhya: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की दो नई तस्वीरें आईं सामने, देखें कितना हो चुका निर्माण 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहीं पर मंदिर का भूमि पूजन किया था. इसी गर्भगृह के नक्काशी युक्त छत के नीचे भव्य सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे. मंदिर का गर्भ गृह सफेद संगमरमर के 6 खंभों पर टिका है, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन के हैं." "अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की नई तस्वीरें सामने आई हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की दो तस्वीरें जारी की हैं.  पहली तस्वीर में नजर आ रहा है कि भूतल के बाद मंदिर के प्रथम तल ने भी आकार लेना शुरू कर दिया है. प्रथम तल पर खंभे भी खड़े हो चुके हैं. ड्रोन से ली गईं तस्वीरों में दिखता है कि प्रथम तल पर खड़े हुए खंभों की ऊंचाई लगभग 10 फीट है.माना जा रहा है कि जनवरी 2024 में जब रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के भूतल में स्थित गर्भ गृह में होगी उस समय तक प्रथम तल की छत भी पड़ चुकी होगी और वहां की साज-सज्जा पर काम चल रहा होगा. जबकि दूसरी तस्वीर मंदिर के चारों तरफ बना रहे कॉरिडोर को प्रदर्शित करती है. 170 खंभों पर खड़ा होगा भूतल" "श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूतल 170 खंभों पर खड़ा है, जिसमें देवी-देवताओं की खूबसूरत नक्काशी की जा रही है. बताया गया है कि यह नक्काशी का काम काफी बारीक है इसलिए इसे पहले से इन खंभों पर नहीं किया जा सकता था. इसके अलावा मंदिर की दीवारों और छतों पर भी खूबसूरत नक्काशी की गई है."सफेद मार्बल से बने गर्भ गृह की दीवारों और छत पर खूबसूरत और बारीक नक्काशी दिखाई देगी. यह वही स्थान है जिसके बारे में कहा जाता है कि  इसी स्थान पर 1949 में रामलला प्रकट  हुए थे. इसीलिए रामलला के अस्थाई मंदिर में जिस तरह पूजा-अर्चना होती है वैसे ही यहां पर मूर्ति स्थापित होने के बाद भी लगातार होती चली आ रही है.5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहीं पर मंदिर का भूमि पूजन किया था. इसी गर्भगृह के नक्काशी युक्त छत के नीचे भव्य सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे. मंदिर का गर्भ गृह सफेद संगमरमर के 6 खभों पर टिका है, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन के हैं. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में उनके जन्मोत्सव के समय यहीं पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरण कुछ देर के लिए रामलला के ललाट पर भी पड़ेंगी." जनवरी 2024 से पुजारी और सेवादारों सरकारी कर्मचारियों की तरह अवकाश, आवास भत्ता, चिकित्सा भत्ता, यात्रा के साथ ही खाने-पीने का भत्ता भी मिलेगा. इस बारे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सभी पुजारियों और सेवादारों को जानकारी दे दी गई है.बनाए जा रहे हैं अतिरिक्त मंदिरश्रीराम जन्मभूमि मंदिर के अलावा परिसर में पांच अन्य मंदिर भी बन रहे हैं. लिहाजा मुख्य मंदिर में  श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और अन्य मंदिरों के लिए अतिरिक्त पुजारियों और सेवादारों की आवश्यकता होगी, जिनकी नियुक्ति दिसंबर 2023 तक कर ली जाएगी. जनवरी 2024 में यह सभी अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे. इस तरह बढ़ा पुजारियों और सेवादारों का वेतन सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या विवाद का फैसला आने के पहले सारी व्यवस्था रिसीवर के हाथ में थी. अयोध्या मंडल के पदेन कमिश्नर ही रिसीवर नियुक्त होते थे. इसलिए टेंट में मौजूद रामलला के मंदिर की सारी व्यवस्था, भोग राग और खर्च संबंधी सभी निर्णय रिसीवर के द्वारा ही होता था.साल 2019 में हुई थी वेतन में वृद्धिअगस्त 2019 में तत्कालीन रिसीवर मंडल आयुक्त मनोज मिश्रा ने रामलला के पूजन अर्चन और भोगराग की राशि के साथ पुजारियों और सेवादारों के वेतन में वृद्धि की थी. इसमें मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के वेतन में 1000 रुपए की वृद्धि करते हुए 13 हजार रुपए, जबकि सहायक पुजारी के वेतन में 500 रुपए की वृद्धि करते हुए 7 हजार रुपए कर दिया गया था. इसके बाद भी वेतन में वृद्धि होती रही, लेकिन यह बहुत सीमित रही.सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सारी व्यवस्था श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हाथ में आ गई. इसी के बाद वेतन की बढ़ोतरी का सबसे बड़ा तोहफा अप्रैल 2023 में मिला था. ��िसमें सेवादार कर्मचारियों का वेतन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ��े 8 हजार से बढ़ाकर 15 हजार कर दिया था.इसी तरह सहायक पुजारियों के वेतन को 9840 से बढ़ाकर 20 हजार कर दिया गया था, जबकि मुख्य पुजारी का वेतन 15520 से बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया. वहीं कोठरी, भंडारी जैसे कर्मचारियों का वेतन सीधे 15 हजार कर दिया गया. साल 2023 में मिले इस बड़े तोहफे के बाद अब जनवरी 2024 से सरकारी कर्मचारियों की सुविधाओं का बड़ा तोहफा भी मिलने जा रहा है. मुख्य पुजारी ने जताई खुशीश्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि रामलला के कर्मचारी और पुजारी उनको ही सुविधाएं दी जाएंगी.  जो सरकारी कर्मचारियों को सुविधा मिलती है उसे विशेषकर स्वास्थ्य के संबंधी है उनकी चिकित्सा और कुछ अवकाश उसके बाद आना जाना और अन्य जो भी सुविधाएं हैं सभी प्रदान किया जाएगा.हमारे यहां मैं मुख्य पुजारी और 4 सहायक पुजारी हैं, 4 कर्मचारी हैं. उन सभी को या सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. ऐसा ट्रस्ट ने निश्चय किया है. ट्रस्ट के माध्यम से जो निश्चय किया है. उससे हम सभी में बड़ी प्रसन्नता है. हर शहर की जो सुविधा राज्य कर्मचारियों को मिलती है वह सुविधा जो यहां पुजारी है और कर्मचारी है उनको भी ट्रस्ट के माध्यम से दिया जाएगा. यह बड़ी प्रसन्नता की बात है. हमने एक भंडारी एक कोठारी की मांग की है क्योंकि यह दोनों बहुत जरूरी हैं. पुजारी की व्यवस्था है ही, लेकिन जब भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो जाएंगे तब अधिक पुजारियों की और कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी" नई तस्वीरें आईं सामने, देखें कितना हो चुका निर्माण)
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newsuniversal-in · 2 years ago
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हमारे आंगन-हमारे बच्चे उत्सव का किया गया आयोजन
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सिद्धार्थनगर। बेसिक शिक्षा विभाग तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को “हमारे आंगन-हमारे बच्चे” उत्सव का आयोजन इटवा विकास खण्ड परिसर स्थित सभाकक्ष में सम्पन्न हुआ। इसमें पूर्व प्राथमिक शिक्षा एवं प्राथमिक शिक्षा के विषय में जानकारी दिया गया। मुख्य अतिथि अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत इटवा राजन कुमार गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं निपुण भारण मिशन के अन्तर्गत पूर्व प्राथमिक शिक्षा एवं प्राथमिक शिक्षा जिसमें लक्षित आयुवर्ग 03-08 के लिए निर्धारित अधिगम लक्ष्यों एवं उनकी सम्प्राप्ति हेतु किए जा रहे कार्यक्रमों से जनसमुदाय को अवगत कराने के उद्देश्य को विस्तार से बताया।
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उन्होंने आगे कहा कि “हमारे आंगन-हमारे बच्चे” उत्सव का ब्लाक स्तरीय आयोजन बेसिक शिक्षा विभाग तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। सहायक विकास अधिकारी इटवा सुनील कुमार सिंह ने विद्यालय प्रबंध समितिओं को पुनर्गठित कर सक्रिय करने, निपुण लक्ष्यों पर चर्चा करते हुए शिक्षा को समुदाय से जोड़ने हेतु शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने सहित अन्य जानकारी दिया। खण्ड शिक्षा अधिकारी महेन्द्र प्रसाद ने डीबीटी, निपुण, लक्ष्य, शारदा, दिशा एप्प सहित मिशन शक्ति और मिशन कायाकल्प सम्बंधी योजनाओं पर प्रकाश डाला। विशिष्ठ अतिथि बाल विकास परियोजना अधिकारी नीलम वर्मा ने पूर्व प्राथमिक शिक्षा के तहत 52 सप्ताह के दौरान की जाने गतिविधियों के अलावा आंगनवाडी केन्द्रों द्वारा बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के विषय जानकारी दिया। इसके बाद खण्ड शिक्षाधिकारी द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को शपथ-ग्रहण कराया गया। कार्यक्रम में अध्यापक हेमंत गुप्ता, अखिलेश्वर त्रिपाठी सहित भारी संख्या में अध्यापकगण तथा आंगनबाडी कार्यकत्री उपस्थित रहीं।  सम्पूर्ण तहसील समाधान दिवस जिला अधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न Read the full article
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newswave-kota · 2 years ago
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राज्य सरकार ने आर के शर्मा की कार्यक्षमता पर जताया विश्वास
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राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आर.के.शर्मा ने कार्यभार संभाला न्यूजवेव @ जयपुर ऊर्जा विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा 4 फरवरी 2023 को आदेश जारी कर आर.के.शर्मा को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से एक वर्ष की अवधि हेतु उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक के पद पर नियुक्त किया है। आदेश की अनुपालना में आर.के.शर्मा ने 4 फरवरी को अपराह्न विद्युत भवन, जयपुर मेंं राविउनि के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। आर.के.शर्मा नवम्बर 2020 से जनवरी 2021 तक उत्पादन निगम के निदेशक (परियोजना) के पद पर रहे तत्पश्चात जनवरी 2021 से अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक के पद का दायित्व संभाल रहे हैं। शर्मा को ऊर्जा एवं विद्युत उत्पादन क्षेत्र में कार्य का 39 वर्ष से अधिक अवधि का सुदीर्घ अनुभव है जिसमें से कोटा सुपर थर्मल, सूरतगढ़ सुपर थर्मल़, छबड़ा सुपर थर्मल एवं कालीसिंध सुपर थर्मल आदि पॉवर प्लान्टों में 30 वर्ष से अधिक अवधि तक ऑपरेशन, मेंटीनेन्स, सी.एण्ड आई. एवं कॉमर्शियल विभागों के क्षेत्र मे कार्य करते हुए उच्च तकनीकी पदों पर सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने उत्तर क्षेत्रीय पावर सम��ति की सुरक्षा प्रणाली उपसमिति में बतौर सदस्य तीन वर्ष तक उत्पादन निगम का प्रतिनिधित्व किया है। वे प्रमुख विद्युत उपकरणों यथा जनरेटर, ट्रांसफार्मर की खराबियों की जांच के लिए गठित क्षेत्रीय समितियों के सदस्य भी रहे है। आर.के.शर्मा ने बताया कि उनका मुख्य फोकस उत्पादन निगम के सभी विद्युतगृहों के सुचारू संचालन, राज्य सरकार की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति में नई परियोजनाओं के कार्य को गति देना एवं कर्मचारियों की कार्यदक्षता बढ़ाने पर रहेगा। राजस्थान को बिजली संकट से उबारा सीएमडी आरके शर्मा ने अपनी उच्च प्रबंधकीय व तकनीकी कार्यकुशलता से कोयला संकट के दौरान छत्तीसगढ का दौरा कर कोयला संकट से जूझ रहे राजस्थान के सभी तापीय विद्युतगृहों में निरंतर विद्युत उत्पादन बंद नहीं होने दिया। उन्होंने सूरतगढ सुपर थर्मल की लंबे समय तक बंद इकाइयों को फिर से चालू करवाया। साथ ही, जवाहर सागर पन बिजलीघर की बंद इकाइयों को भी पुनः चालू कर निगम को लाभ पहुंचाया। वे मुख्यमंत्री द्वारा बजट में घोषित छबडा व झालावाड में नये सुपर क्रिटिकल प्लांट को निर्धारित समय में स्थापित करने के लिये निरंतर प्रयासरत हैं। उच्च तकनीकी क्षेत्र में लम्बा अनुभव होने से उन्होंने विद्युत उत्पादन निगम को अग्रणी बनाने के लिये दूरगामी कदम उठाये, जिससे राजस्थान में बिजली संकट की स्थिति पैदा नहीं हुई। Read the full article
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dainiksamachar · 2 years ago
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मुकेश अंबानी और गौतम अडानी होने का फर्क समझिए
आपको याद होगा 2020 में एक के बाद एक टोटल 11 डील करने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कर्जमुक्त होने का ऐलान कर दिया था। मुकेश अंबानी ने सिर्फ जियो में हिस्सेदारी बेचकर एक लाख 15 हजार करोड़ रुपए जुटा लिए थे। कुल मिलाकर एक लाख 53 हजार करोड़ रुपए कंपनी ने स्टेक देकर हासिल कर लिए। दूसरी ओर गौतम अडानी को देखिए। चार साल के भीतर अडानी ग्रुप का कर्ज डबल होकर 30 अरब डॉलर हो गया है। लेकिन अडानी को इससे फर्क नहीं पड़ता। उनका फलसफा है -- या तो कंपनी बढ़ाओ या कैश के ऊपर बैठे रहो। मतलब एक कंपनी का पैसा दूसरा कारोबार खड़ा करने में लगाओ। जरूरत पड़े तो कर्ज ले लो। फिच की ताजा रिपोर्ट भी आपको चौंका देगी। मार्च, 2022 में अडानी एंटरप्राइजेज का कर्जा और ऑपरेटिंग इनकम का अनुपात 10 गुना था। सीधा मतलब है कमाई से दसगुना ज्यादा कर्ज। अडानी की छलांग एक तरफ कर्ज दूसरी ओर नए-नए सेक्टर्स में अडानी की नजर। गौतम अडानी मानो पूरे बिजनस यूनिवर्स पर छा जाना चाहते हैं। अब तो उनको एयरपोर्ट्स मैनेजमेंट का भी ठेका मिल गया है। जब 2019 में ऐसा पहली बार हुआ तब इस कंपनी को एयरपोर्ट संभालने का कोई भी अनुभव नहीं था। यही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन ईकोसिस्टम भी तैयार करने ��ा टारगेट अडानी ने बना लिया है। तो इन साब कामों के लिए पैसे लगेंगे ही। ये आएगा कहां से। राउंड ट्रिपिंग की भी हद होती है। राउंड ट्रिपिंग मतलब अपनी ही कंपनियों का पैसा एक से निकाल दूसरे में लगाना। खैर, विस्तार के लिए जो पैसा चाहिए उसे लेने का तरीका है बैंकों से पैसा लेना या प्रमोटर्स का मुंह देखना। लिहाजा अडानी ने दोनों काम भरपूर किया है। मतलब दोनों स्रोतों से पैसे लेने का काम।फिर आया एफपीओ जिस पर हिंडनबर्ग का ग्रहण लग गया है। गौतम अडानी को उम्मीद थी कि दुनिया के सबसे बड़े एफपीओ से 20,000 करोड़ रुपए का जुगाड़ हो जाएगा। लेकिन जो कीमत रखी गई उससे मुकाबले अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर काफी नीचे चला गया। लिहाजा गौतम अडानी ने एफपीओ ही वापस ले लिया। आज यानी दो फरवरी को जब ये फैसला हुआ तब एफपीओ और मार्केट प्राइस के बीच लगभग 40 परसेंट का गैप है। खतरे की घंटी उधर अडानी को अगले दो साल में हाथ में लिया काम निपटाने के लिए 400 अरब यानी लगभग पांच अरब डॉलर की जरूरत है। एफपीओ वापस लेने के बाद अडानी ने दावा किया है कि ग्रुप के जरूर कैश उनके पास है लेकिन शेयर बाजार उनके दावे पर भरोसा नहीं कर रहा। दूसरी ओर ये भी सच है कि अडानी ग्रुप ने आज तक कोई भी ईएमआई बाउंस नहीं किया है। यानी पैसे से पैसे बनाने का सिलसिला जारी है। पर भारी कर्ज साइकल को तोड़ भी तो सकता है। उदाहरण के लिए अडानी की कंपनी अडानी ग्रीन को लेते हैं। 2015 में कंपनी बनती है और 2022 में इसे पांच अरब रुपए का फायदा भी हो जाता है। लेकिन 2019 से 2022 के बीच इसका कर्ज 108 अरब से बढ़ कर 513 अरब रुपए हो जाता है। मतलब ऑपरेटिंग इनकम से 15 गुना ज्यादा कर्ज। यही मुकेश अंबानी और गौतम अडानी में फर्क है। एलआईसी का पैसा अडानी के कुल कर्ज में 40 प्रतिशत अपने देश के बैंकों से है। इसमें भी 30 परसेंट सरकारी बैंकों ने दिया हुआ है। और दस परसेंट निजी बैंकों ने। इसीलिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी के अलावा बैंकों के शेयर भी गोता लगा रहे हैं। यही नहीं हमारे देश के मोस्ट ट्रस्टेड ब्रांड में से एक लाइफ इंश्योरेंस ऑफ इंडिया यानी एलआईसी ने भी अडानी में पैसा लगाया हुआ है। लगभग 30 हजार करोड़ रुपए। कंपनी का कहना है कि वो अभी फायदे में है लेकिन इसने लाखों लोगों को चिंता में जरूर डाल दिया है। http://dlvr.it/ShqfnW
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loktantraudghosh · 2 years ago
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श्री संजय कुमार ने सचिव, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में कार्यभार संभाला
श्री संजय कुमार ने सचिव, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में कार्यभार संभाला
श्री संजय कुमार ने आज शास्त्री भवन, नई दिल्ली में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव के रूप में कार्यभार संभाला।   पदभार ग्रहण करने के बाद  श्री कुमार ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की जिस दौरान उन्होंने विभाग, एवं स्वायत्त निकायों के कामकाज और स्कूली शिक्षा से संबंधित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन, शिक्षकों के क्षमता…
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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Surya Grahan 2020 Live Updates: कहीं आंशिक तो कहीं वलयाकार रूप में दिखेगा सूर्य ग्रहण
Surya Grahan 2020 Live Updates: कहीं आंशिक तो कहीं वलयाकार रूप में दिखेगा सूर्य ग्रहण
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सूर्य ग्रहण जून 2020 – फोटो : अमर उजाला
खास बातें
Solar Eclipse (सूर्य ग्रहण) June 2020 Live Updates: 21 जून को सूर्य ग्रहण घटित होगा। यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण है। सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगा। यह सूर्य ग्रहण वलयाकार, जो रिंग ऑफ फायर की तरह दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण रविवार को मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र…
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vmvijay · 4 years ago
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Surya Grahan 2020 Date And Time Live Updates In Hindi: Solar Eclipse Timing In India - Surya Grahan 2020 Live Updates: सूर्य ग्रहण का सूतक काल कुछ ही घंटों बाद हो जाएगा शुरू
Surya Grahan 2020 Date And Time Live Updates In Hindi: Solar Eclipse Timing In India – Surya Grahan 2020 Live Updates: सूर्य ग्रहण का सूतक काल कुछ ही घंटों बाद हो जाएगा शुरू
सूर्य ग्रहण जून 2020 – फोटो : अमर उजाला
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खास बातें
Solar Eclipse (सूर्य ग्रहण) June 2020 Live Updates: 21 जून को सूर्य ग्रहण घटित होगा। यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण है। सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगा। यह सूर्य ग्रहण वलयाकार, जो रिंग…
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theviralconnect · 4 years ago
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2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को होगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण या annular solar eclipse होगा, जिसमे चंद्रमा केंद्र से सूर्य को कवर करेगा और आसमान में एक रौशनी छोड़ेगा । यह तब होगा जब चाँद पृथ्वी से बहुत दूर होगा, जो इसके रिलेटिव आकार को इतना बड़ा नहीं करेगा कि सूर्य को पूरी तरह से कवर कर सके।
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everynewsnow · 4 years ago
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सूर्य ग्रहण: आज वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण है, जानें भारत में क्या होगा प्रभाव
सूर्य ग्रहण: आज वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण है, जानें भारत में क्या होगा प्रभाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कल यानी 14 दिसंबर, सोमवार यानी कि आज लगने जा रहा है। हालांकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, क्योंकि यह ग्रहण तब लगेगा जब भारत में सूर्यास्त हो जाएगा। यह सूर्य ग्रहण उन देशों में है जहाँ इस दौरान सूर्योदय रहेगा। इसलिए इसका प्रभाव भारत में नहीं होगा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत…
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dimplesassycollectionblr · 4 years ago
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2020 सा�� का आखिरी सूर्यग्रहण जाने सही समय और सूतक ग्रहण कौन सी राशि को क...
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vilaspatelvlogs · 4 years ago
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Surya Grahan 2020: गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक होता है सूर्य ग्रहण, इन बातों का रखें विशेष ध्यान
Surya Grahan 2020: गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक होता है सूर्य ग्रहण, इन बातों का रखें विशेष ध्यान
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ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, Updated Fri, 19 Jun 2020 11:41 AM IST
21 जून को वलयाकार सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसलिए यहां ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। सूतक काल एक अशुभ अवधि होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए यह समय हानिकारक होता है। उन्हें गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा के लिए कई बातों…
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kisansatta · 4 years ago
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सावन माह 2020: जानें कब से शुरू हो रहा है सावन का सोमवार
6 जुलाई 2020 से सावन महीना शुरू वाला है। उससे पहले ही 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण है। हिन्दू खासतौर से भगवान शिव की आराधना और उनकी भक्ति के लिए कई हिन्दू ग्रंथों में भी, इस माह को विशेष महत्व दिया गया है। सावन माह अकेला ऐसा महीना होता है, जब शिव भक्त भोले नाथ को खुश कर, बहुत सरल तरीके से महादेव का आशीर्वाद पा कर सकते हैं। हिंदी महीने से चैत्र माह से शुरू होने वाले हर वर्ष के, पांचवें महीने में ही श्रावण का महीना आता है जबकि अंग्रेजी कैलेंडर की मानें तो, हर वर्ष सावन का महीना जुलाई या अगस्त में पड़ता है। भारत में श्रावण मास का आने से हर वर्ष वर्षा ऋतु के समय ही होता है, जिसके चलते इस समय पृथ्वी पर चारों ओर प्रकृति अपने सुंदर रंग, हरियाली दिखाई देती है। इस महीने में आप हर तरफ हरियाली ही हरियाली देख सकते हैं। ये माह भगवान शिव को अर्पित होता है, इसलिए इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान और भगवान शिव के रुद्राभिषेक का भी अधिक महत्व होता है।
व्रत का दिन और तारीख:-
पहला सावन सोमवार व्रत:-  सोमवार- 06 जुलाई, 2020
दूसरा सावन सोमवार व्रत:-  सोमवार- 13 जुलाई, 2020
तीसरा सावन सोमवार व्रत:–  सोमवार- 20 जुलाई, 2020
चौथा सावन सोमवार व्रत:-   सोमवार- 27 जुलाई, 2020
अंतिम सावन सोमवार व्रत;-  सोमवार- 03 अगस्त, 2020
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jaksnews · 4 years ago
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चंद्र ग्रहण 2020: 30 नवंबर चंद्रग्रहण के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
चंद्र ग्रहण 2020: 30 नवंबर चंद्रग्रहण के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
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द्वारा: टेक डेस्क | नई दिल्ली | 28 नवंबर, 2020 3:23:56 अपराह्न
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चंद्रग्रहण 2020 भारत: आगामी चंद्रग्रहण चंद्रग्रहण यूरोप और अमेरिका सहित दुनिया के कई हिस्सों से दिखाई देगा। (एक्सप्रेस फोटो: करणवीर सिंह अरोड़ा)
चंद्र ग्रहण 2020: हमें 30 नवंबर को चौथा और अंतिम चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। यह एक चंद्रग्रहण होगा, जिसके दौरान चंद्रमा कुछ घंटों…
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ckpcity · 4 years ago
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प्री-मॉनसून शॉर्ल्स सल्ट्री वेदर से राहत लाते हैं लेकिन क्लाउड्स स्काईवॉचर्स को निराश करते हैं
प्री-मॉनसून शॉर्ल्स सल्ट्री वेदर से राहत लाते हैं लेकिन क्लाउड्स स्काईवॉचर्स को निराश करते हैं
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दिल्ली में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई दे रहा है। (छवि: News18)
कई स्थानों पर, लोग शानदार आकाशीय घटना को देखने के लिए क्यूम्यलोनिम्बस के बादलों में घुसने में असफल रहे, जब चंद्रमा ने सबसे अधिक कवर किया – लेकिन सभी नहीं – सूर्य की, आग की अंगूठी का निर्माण करना।
PTI नई दिल्ली
आखरी अपडेट: 21 जून, 2020, 9:46 PM IST
दिल्ली सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में प्री-मॉनसून की बारिश ने रविवार को उमस भरे…
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