#चैत्र माह
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Mahavir Jayanti: कल जैन धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
Mahavir Jayanti हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस साल 4 अप्रैल के दिन यह पर्व है, जिसे जैन धर्म अपने 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्म दिवस के उपलक्ष में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाने वाला है।
महावीर जयंती से जुड़ी कुछ बातें-
Mahavir Jayanti मुख्य रूप से उन लोगों का त्योहार है जो जैन धर्म को मानने वाले हैं। लेकिन यह त्योहार केवल एक धर्म तक ही सीमित नहीं है क्योंकि विभिन्न अन्य परंपराओं के लोग भी इसको धूमधाम से मनाते है और इस पर्व के आयोजन में भाग लेते हैं।
आपको बता दें कि जिस दिन भारत में Mahavir Jayanti मनाई जाती है, उस दिन भगवान महावीर की मूर्तियों वाले रथों के साथ जुलूस निकाले जाते हैं, जिसे शोभायात्रा कहा जाता है।
वैसे तो यह त्योहार पूरे भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन गुजरात और राजस्थान में Mahavir Jayanti पर होने वाले समारोह सभी के आकर्षण का केंद्र होते हैं।
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गुप्त नवरात्रि दस देवियों के नाम | Gupt Navratri 2024 date
Gupt Navratri 2024 date
Gupt Navratri – गुप्त नवरात्रि वर्ष में दो बार मनाई जाती है - एक बार माघ (जनवरी-फरवरी) महीने में और दूसरी बार आषाढ़ (जून-जुलाई) महीने में। गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र साधना और गुप्त साधना के लिए जानी जाती है।
गुप्त नवरात्रि 2024 gupt navratri 2024 date
गुप्त नवरात्री 2024 में 6 जुलाई शनिवार 2024 को पर्व प्रारंभ होकर दिन 16 जुलाई, मंगलवार 2024 तक जारी रहेगा |
नवरात्रि हिंदुओं का एक मुख्य त्यौहार है | साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है जो - चैत्र, माघ, आषाढ़, आश्विन ��ाह में मनाई जाती हैं | गुप्त नवरात्रि की पूजा प्रत्यक्ष नवरात्रि से अलग होती है | प्रत्यक्ष नवरात्री में नो देवियो की पूजा की जाती है | और गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है |
गुप्त नवरात्रि दस देवियों के नाम
दस देवियों के नाम क्रम से इस प्रकार है - (1) काली, (2) तारा, (3) त्रिपुर-सुंदरी (सोदासी), (4) भुवनेस्वरी, (5) छिन्नमस्ता, ( 6) भैरवी, (7) धूमावती, (8) बगलामुखी, (9) मातंगी, और (10) कमला। अधिकांश स्रोतों में दस देवियो का वर्णन इस प्रकार किया गया है |
पूजन विधि -
गुप्त नवरात्रि पर्व के दिनों में सुबह जल्द उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
देवी पूजन की सभी सामग्री को एकत्रित करें। पूजा की थाल सजाएं।
मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में सजाएं।
मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करें।
पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें
इसमें पहले कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर नारियल रखें।
फिर कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के माध्यम से उसे बांधें
अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें
फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें
पूरे परिवार सहित माता का स्वागत करें, उनका पूजन, आरती करके भोग लगाएं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें।
नौ दिनों तक मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि अंतिम दिन दुर्गा पूजा के बाद घट विसर्जन करें।
मां की आरती गाएं, उन्हें फूल, अक्षत चढ़ाएं और बेदी से कलश को उठाएं।
इस तरह नवरात्रि के पूरे दिनों में मां की आराधना करें।
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Vaishakh Month 2024: वैशाख मास का क्या है धार्मिक महत्व, जानिए तिथि और दान का महत्व Vaishakh Month 2024 हिंदू धर्म में हर माह का अपना विशेष महत्व होता है और चैत्र माह की समाप्ति के बाद वैशाख माह की शुरुआत होती है। जो हिन्दी कैलेंडर का दूसरा महीना है।
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Happy Hanuman Jayanti
हनुमान जन्मोत्सव एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था। पंचमुखी एयर एंड ट्रेन एम्बुलेंस की टीम की ओर से सभी को हनुमान जयंती की शुभकामनायें! Website: - https://www.panchmukhiairambulance.com/
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*🍁आज श्री हनुमान जी के जन्मोत्सव की पूजा का शुभ मुहूर्त दूर करेगा आप के जीवन के संकट 🍁*
*बालाजी हर संकट करेंगे दूर*
हिन्दू धर्म में हर वर्ष की भांति इस बार भी चैत्र माह के शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जायेगा, क्योंकि इसी दिन हनुमान जी का प्राकट्य हुआ था. ऐसी मान्यता है कि बजरंगबली आज भी धरती पर सशरीर उपस्थित हैं. वह आज भी सभी के संकटों का निवारण करते हैं इसलिए उन्हें संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है।
*हनुमान जन्मोत्सव शुभ मुहूर्त*
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी. श्री हनुमान जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. ब्रह्म म��हूर्त 23 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. हनुमान जन्मोत्सव के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.
*बजरंगबली की पूजा में शामिल करें ये चीजें*
ऐसी मान्यता है कि हनुमान जन्मोत्सव की पूजा में कुछ चीजों का शामिल करना बहुत ही आवश्यक होता है. इससे हनुमान जन्मोत्सव के पुण्यफल से साधक के अटके काम पूरे होने लगते हैं. बजरंगी के भक्त हर समय उनकी कृपा बनी रहती है, जिससे उसे किसी भी प्रकार की बुरी बलाओं से मुक्ति मिलती है।
श्री हनुमान जी की पूजा में लाल या नारंगी रंग अवश्य शामिल करें, क्योंकि हनुमान जी को ये रंग बहुत प्रिय है. ऐसे में हनुमान जी को उनकी पूजा में लाल रंग के पुष्प, लाल रंग के फल, लाल या नारंगी रंग के वस्त्र और सिंदूर अवश्य शामिल करें।
हनुमान जन्मोत्सव की पूजा का पुण्यफल पाने के लिए शुद्ध घी का दीया ही जलाना शुभ माना जाता है. यदि आप हनुमान जी के दीये में कलावे से बनी लाल रंग की बाती लगाते हैं तो उसकी शुभता और अधिक बढ़ जाती है।
हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा भोग के बिना अधूरी मानी जाती है. ऐसे में हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा में उनका प्रिय भोग यानि बूंदी, मोतीचूर का लड्डू, चूरमा, गुड़-चना आदि शामिल करें.
हनुमान जी की पूजा में तुलसी दल का विशेष रूप से महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का भोग तब तक अधूरा माना जाता है, जब तक कि आप उसमें तुलसी दल साथ न चढ़ाएं ऐसे में आप हनुमत कृपा पाने के लिए उन्हें तुलसी के पत्तों से बनी माला विशेष रूप से चढ़ा सकते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव की पूजा करने वाले साधक को तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं करें और उसे पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए इस व्रत को पूरा करना चाहिए. हनुमान जी की पूजा करते समय अपना ध्यान इधर-उधर की चीजों में नहीं भटकाएं. इसके लिए पूजा करने से पहले सभी पूजन सामग्री अपने पास में रख लें. जरूरत पड़ने पर पूजा में सभी चीजों के उपयोग किया जा सके।
हिंदू मान्यता के अनुसार, कलयुग में राम भक्त हनुमान जी की साधना सभी सुखों को दिलाने और मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मानी गई है. हर युग में पृथ्वी पर मौजूद रहने वाले हनुमान जी की साधना के पुण्य फल से व्यक्ति के जीवन से जुड़ा बड़ा से बड़ा कष्ट पलक झपकते ही दूर हो जाते हैं. इसके अलावा आपको जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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इस महावीर जयंती, जानें महावीर स्वामी के सिद्धान्त
महावीर स्वामी ने छठी शताब्दी में जिस धर्म का प्रतिपादन किया था उसे जैन धर्म के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर जैन धर्म के 24 वे और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था और इसलिए इस दिन को महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है। पूरे भारत में 21 अप्रैल यानी आज यह जयंती मनाई जा रही है। जैन समुदाय के लोग महावीर जयंती को बेहद उत्साह के साथ…
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः 🏵️🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (दशमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-18-अप्रैल-2024
वार:-----गुरुवार
तिथी :----10दशमी:-17:32
पक्ष :------शुक्लपक्ष
माह:------चैत्र
नक्षत्र :---अश्लेषा:-07:56
योग:-----गण्ड-24:42
करण:-----गर:-17:32
चन्द्रमा:---कर्क:-07:57/सिंह
सुर्योदय:-----06:15
सुर्यास्त:------18:59
दिशा शूल------दक्षिण
निवारण उपाय:-----राई का सेवन
ऋतु :----बसंत ग्रीष्म ऋतु
गुलीक काल:-----09:17से11:02
राहू काल:-14:13से15:48
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
शुभ:-06:15से07:51तक
चंचल:-11:02से12:37तक
��ाभ:-12:37से14:12तक
अमृत:-14:12से15:47तक
शुभ:-17:24से18:59तक
🌗चोघङिया रात🌓
अमृत:-18:59से20:23तक
चंचल:-20:23से21:48तक
लाभ:-00:37से02:01तक
शुभ:-03:26से04:50तक
अमृत:-04:50से06:15तक
🙏आज के विशेष योग🙏 वर्ष का 10वा दिन, धर्मराज दशमी, रवियोग अहोरात्र, ज्वालामुखी योग समाप्त 07:56, नवरात्र उत्थापन-पारणा,
🙏🪷टिप्स🪷🙏
दक्षिण दिशा में किसी तरह कि मशीन ना रखे।
*सुविचार*
अपनो ने ही सिखाया, कोई अपना नहीं होता... 👍🏻
सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*अदरक खाने के फायदे -*
*1. त्वचा के लिए*
अदरक का सेवन करने से त्वचा आकर्षित और चमकदार होती है। सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी के साथ अदरक का टुकडा खाइए। इससे आपकी त्वचा में निखार आएगा और आप जवां दिखेंगे।
*2. खांसी के लिए*
खांसी में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। खांसी आने पर अदरक के छोटे टुकडे को बराबर मात्रा में शहद के साथ गर्म करके दिन में दो बार सेवन कीजिए। इससे खांसी आना बंद हो जाएगा और गले की खराश भी समाप्त होगी।
*3. भूख की कमी के लिए*
अगर भूख लगने में दिक्कत हो रही हो तो अदरक का नियमित सेवन करने से भूख न लगने की समस्या का निजात मिल जाएगा। अदरक को बारीक काटकर, थोडा सा नमक लगाकर दिन में एक बार लगातार आठ दिन तक खाइए। इससे पेट साफ होगा और ज्यादा भूख लगेगी।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। आय में वृद्धि होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। योजना फलीभूत होगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। क्लेश होगा। चोट व रोग से बचें। मान-सम्मान मिलेगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
धनहानि संभव है। प्रयास सफल रहेंगे। प्रतिष्ठा बढ़���गी। व्यवसाय ठीक चलेगा। झगड़ों से दूर रहें। धार्मिक यात्रा हो सकती है।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। स्वाभिमान बना रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। धन प्राप्ति सुगम होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। विवाद से बचें।
👱🏻♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा से लाभ होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
फालतू खर्च अधिक होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। कार्य में बाधा होगी। चिंता रहेगी। विवाद न करें। जल्दबाजी न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
धनहानि संभव है, सावधानी रखें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभ देगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
आर्थिक नीति में बदलाव होगा। कार्यपद्धति में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। बाहर सहायता से कार्य होंगे।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
अध्यात्म में रुचि बढ़ेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा। लेन-देन में सावधानी रखें।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
राजकीय कोप भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी न करें। विवाद से बचें। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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west singhbhum ckp- चक्रधरपुर पुरानी बस्ती मां पावड़ी मेला में रातभर चला छऊ नृत्य, पूरा क्षेत्र रहा गुलजार
रामगोपाल जेना,चक्रधरपुर: चैत्र माह में आयोजित होने वाली मां पावड़ी मेला के अवसर पर मां पावड़ी मंदिर के पास रात भर छऊ नृत्य का आयोजन किया गया. इस अवसर पर चक्रधरपुर प्रखंड के दो गांव के छऊ नृत्य टीम के द्वारा एक से बढ़कर एक नृत्य की प्रस्तुति की गई. मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में आजसू पार्टी के जिला अध्यक्ष रामलाल मुंडा और मेला संचालन समिति के अध्यक्ष कृष्णा मुखी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल…
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शिव पार्वती जी की पूजन कर मनाया गणगौर उत्सव
सतना, आज गणगौर उत्सव पूरे देश में भारतीय उत्साह पूर्वक मनाया जा रहा है इसी कड़ी में चौक बाजार में भटनवारा वाले अग्रवाल परिवार की महिलाओं ने व्रत रख कर भगवान शंकर एवं माता पार्वती जी की श्रद्धा पूर्वक पूजन कर उत्सव मनाया. गणगौर का व्रत एवं पूजन सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत एवं पूजन करके अपने सुहाग एवं परिवार की रक्षा की कामना…
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चैत्र नवरात्री व्रत के लिए हो जायें तैयार, सीखें कैसे बनाएंगे फलाहारी थाली!
हर साल Chaitra Navratri हिन्दू कैलेंडर के चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ हो जाती है और इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही हैं। ऐसे में बहुत से लोगों ने व्रत रखने की तैयारी शुरू कर दी है। मान्यता है कि इन नौ दिनों में जो भी लोग सच्चे मन से माता रानी की पूजा करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। Chaitra Navratri व्रत रखने वालों में बहुत से लोग काफी सख्ती से इसका…
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कब है राम नवमी 16 या 17 अप्रैल, जानिए शुभ मुहूर्त और तिथि। When is Ram Navami 2024
भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान प्रभु श्रीराम/Lord Ram का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, कर्क लग्न, अभिजीत मुहूर्त और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था।
https://www.vinaybajrangi.com/festivals/ram-navami.php
https://www.youtube.com/watch?v=zA8aQhNRTi8
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25 या 26 कब खेली जाएगी होली, यहां दूर करें कन्फ्यूजन
इस साल होली 25 मार्च को नहीं बल्कि 26 मार्च को मनाई जाएगी। तो आइए इस खबर में होली के शुभ तिथि को लेकर कन्फ्यूजन को दूर करते हैं।
25 या 26 कब है होली
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि होली कभी भी फाल्गुन तिथि की पूर्णिमा तिथि के बाद और चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 25 मार्च को पूर्णिमा तिथि 12 बजकर 29 मिनट तक है। उसके बाद चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत हो रही है। ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि सनातन धर्म में उदया तिथि का मान्य होता है। ऐसे में चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 26 मार्च दिन मंगलवार को है। ऐसे में होली 26 मार्च को मनाई जाएगी।
Pandit Gopal Shastri Ji
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Call : - 07888878978/+1(778)7663945
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Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव के दिन भूलकर भी न करें ये काम, झेलना पड़ सकता है नुकसानHanuman Janmotsav 2024: हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार महाबली भगवान हनुमान की जयंती चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल राम नवमी के 6 दिन बाद हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है।
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इस बार मंगलवार से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, कब है कलश स्थापना मुहूर्त; जानें क्या होगी माता की सवारी
इस बार मंगलवार से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, कब है कलश स्थापना मुहूर्त; जानें क्या होगी माता की सवारी
Chaitra Navratri 2024 : हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) का बहुत महत्व होता है. चैत्र और आश्विन माह में नवरात्रि पर नौ दिन शक्ति का रूप माता आदिशक्ति (Goddess Durga) की आराधना की जाती है. नवरात्रि के नौ दिन भक्त व्रत रखकर माता की पूजा-अर्चना करते हैं. चैत्र नवरात्र नया काम शुरू करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. नवरात्र के समय विधि-विधान से व्रत रखकर माता दुर्गा के नव रूपों की आराधना की जाती…
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*🌞~ आज दिनांक - 6 अप्रैल 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग और संतान प्राप्ति के लिए शनिप्रदोष व्रत का अचूक उपाय ~ 🌞*
*⛅️दिन - शनिवार*
*⛅️विक्रम संवत् - 2080*
*⛅️अयन - उत्तरायण*
*⛅️ऋतु - वसंत*
*⛅️मास - चैत्र*
*⛅️पक्ष - कृष्ण*
*⛅️तिथि - द्वादशी प्रातः 10:19 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅️नक्षत्र - शतभिषा दोपहर 03:39 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅️योग - शुक्ल रात्रि 02:20 अप्रैल 07 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅️राहु काल - सुबह 9:34 से 11:18 तक*
*⛅️सूर्योदय - 06:28*
*⛅️सूर्यास्त - 06:54*
*⛅️दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:42 तक*
*⛅️ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:16 से दोपहर 01:06 तक*
*⛅️ निशिता मुहूर्त- रात्रि 00.17 अप्रैल 07 से रात्रि 01.04 अप्रैल 07 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण- शनि प्रदोष व्रत*
*⛅️विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।*
🌹 *महावारुणी योग* 🌹
🙏🏻 *वारुणी योग चैत्र माह में बनने वाला एक पुण्यप्रद महायोग है।*
🙏🏻 *भविष्यपुराण के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यदि शनिवार अथवा शतभिषा नक्षत्र से युक्त हो तो वह महावारुणी पर्व कहलाता है। इसमें किया गया स्नान, दान एवं श्राद्ध अक्षय होता है।*
🌹 *चैत्रे मासि सिताष्टम्यां शनौ शतभिषा यदि । गंगाया यदि लभ्येत सूर्यग्रहशतैः समा ।।*
*सेयं महावारुणीति ख्याता कृष्णत्रयोदशी । अस्यां स्नानं च दानं च श्राद्धं वाक्षयमुच्यते ।।*
🌹 *नारदपुराण*
*वारुणेन समायुक्ता मधौ कृष्णा त्रयोदशी ।।*
*गंगायां यदि लभ्येत सूर्यग्रहशतैः समा ।। ४०-२० ।।*
🌹 *स्कन्दपुराण*
*"वारुणेन समायुक्ता मधौ कृष्णा त्रयोदशी। गङ्गायां यदि लभ्येत सूर्यग्रहशतैः समा॥*
*शनिवारसमायुक्ता सा महावारुणी स्मृता। गङ्गायां यदि लभ्येत कोटिसूर्यग्रहैः समा॥"*
🌹 *देवीभागवत पुराण*
*"वारुणं कालिकाख्यञ्च शाम्बं नन्दिकृतं शुभम्।*
*सौरं पाराशरप्रोक्तमादित्यं चातिविस्तरम्॥"*
🌹 *त्रिस्थलीसेतु*
*चैत्रासिते वारुणऋक्षयुक्ता त्रयोदशी सूर्यसुतस्य वारे।*
*योगे शुभे सा महती महत्या गंगाजलेर्कग्रहकोटितुल्या।।*
⛅️ *विशेष ~ 06 अप्रैल 2024 शनिवार को (सुबह 10:19 से त्रयोदशी तिथि शुरु हो रही है एवं दोपहर 03:38 तक शतभिष नक्षत्र है) महावारुणी योग है।*
🌹 *शनि प्रदोष* 🌹
⛅️ *शनिवार को प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि हो तो उसे शनिप्रदोष कहा जाता है।*
⛅️ *06 अप्रैल 2024 को शनि प्रदोष है।*
⛅️ *शनिप्रदोष व्रत की महिमा के बारे में स्कन्दपुराण के ब्राह्मखंड - ब्रह्ममोत्तरखंड में हनुमान जी कहते हैं कि*
🌹 *एष गोपसुतो दिष्ट्या प्रदोषे मंदवा सरे । अमंत्रेणापि संपूज्य शिवं शिवमवाप्तवान् ।।*
*मंदवारे प्रदोषोऽयं दुर्लभः सर्वदेहिनाम् । तत्रापि दुर्लभतरः कृष्णपक्षे समागते ।।*
🌹 *एक गोप बालक ने शनिवार को प्रदोष के दिन बिना मंत्र के भी शिव पूजन कर उन्हें पा लिया। शनिवार को प्रदोष व्रत सभी देहधारियों के लिए दुर्लभ है। कृष्णपक्ष आने पर तो यह और भी दुर्लभ है।*
⛅️ *संतान प्राप्ति के लिए शनिप्रदोष व्रत एक अचूक उपाय है।*
⛅️ *विभिन्न मतों से शनिप्रदोष को महाप्रदोष तथा दीपप्रदोष भी कहा जाता है। कुछ विद्वान केवल कृष्णपक्ष के शनिप्रदोष को ही महाप्रदोष मानते हैं।*
⛅️ *ऐसी मान्यता है की शनिप्रदोष का दिन शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ है। अगर कोई व्यक्ति लगातार 4 शनिप्रदोष करता है तो उसके जन्म जन्मांतर के पाप धूल जाते हैं साथ ही वह पितृऋण से भी मुक्त हो जाता है।*
*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*
*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने ��था ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
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