#गुप्त नवरात्रि दस देवियों के नाम
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गुप्त नवरात्रि दस देवियों के नाम | Gupt Navratri 2024 date
Gupt Navratri 2024 date
Gupt Navratri – गुप्त नवरात्रि वर्ष में दो बार मनाई जाती है - एक बार माघ (जनवरी-फरवरी) महीने में और दूसरी बार आषाढ़ (जून-जुलाई) महीने में। गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र साधना और गुप्त साधना के लिए जानी जाती है।
गुप्त नवरात्रि 2024 gupt navratri 2024 date
गुप्त नवरात्री 2024 में 6 जुलाई शनिवार 2024 को पर्व प्रारंभ होकर दिन 16 जुलाई, मंगलवार 2024 तक जारी रहेगा |
नवरात्रि हिंदुओं का एक मुख्य त्यौहार है | साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है जो - चैत्र, माघ, आषाढ़, आश्विन माह में मनाई जाती हैं | गुप्त नवरात्रि की पूजा प्रत्यक्ष नवरात्रि से अलग होती है | प्रत्यक्ष नवरात्री में नो देवियो की पूजा की जाती है | और गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है |
गुप्त नवरात्रि दस देवियों के नाम
दस देवियों के नाम क्रम से इस प्रकार है - (1) काली, (2) तारा, (3) त्रिपुर-सुंदरी (सोदासी), (4) भुवनेस्वरी, (5) छिन्नमस्ता, ( 6) भैरवी, (7) धूमावती, (8) बगलामुख��, (9) मातंगी, और (10) कमला। अधिकांश स्रोतों में दस देवियो का वर्णन इस प्रकार किया गया है |
पूजन विधि -
गुप्त नवरात्रि पर्व के दिनों में सुबह जल्द उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
देवी पूजन की सभी सामग्री को एकत्रित करें। पूजा की थाल सजाएं।
मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में सजाएं।
मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करें।
पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें
इसमें पहले कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर नारियल रखें।
फिर कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के माध्यम से उसे बांधें
अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें
फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें
पूरे परिवार सहित माता का स्वागत करें, उनका पूजन, आरती करके भोग लगाएं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें।
नौ दिनों तक मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि अंतिम दिन दुर्गा पूजा के बाद घट विसर्जन करें।
मां की आरती गाएं, उन्हें फूल, अक्षत चढ़ाएं और बेदी से कलश को उठाएं।
इस तरह नवरात्रि के पूरे दिनों में मां की आराधना करें।
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Chants of Baglamukhi Mantras on Secret Navratri, get rid of debt problem - Baglamukhi Temple Nalkheda.
जाप के शुभ फल :-
धन की प्राप्ति होती है।
संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ऐश्वर्य से जीवन परिपूर्ण होता है।
अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
नियंत्रण क्षति से छुटकारा मिलता है।
गुप्त नवरात्रि में विशेष रूप से तंत्र साधना को महत्व दिया जाता है। इन दिनों मंत्रों का जाप करने से देवी बहुत प्रसन्न होती है तथा अपने श्रद्धालुओं की सभी कामनाओं को पूर्ण करती है। गुप्त नवरात्रि के समय दस महाविद्याओं की आराध��ा की जाती है। इन देवियों में माँ बगलामुखी का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या है। इन्हे पीला रंग बहुत पसंद है , इसलिए इन्हे देवी पीताम्बरा के नाम से भी जाना जाता है। देवी ने अपनी मूर्ति में भी पीले रंग के वस्त्र ही धारण किए रहतें है।
बगलामुखी मंत्रों का जाप क्यों अनिवार्य है ?
यदि आप कार्य में बाधाओं से परेशान हैं।
बनते बनते काम बिगड़ जाते हैं।
रोग पीछा नहीं छोड़ रहे हैं।
शत्रुओं से घिरे हुए हैं।
ऐसे में शास्त्र दस महाविद्याओं में प्रचंड वडवानल सी बाधाओं को नष्ट करने वाली मां बगलामुखी की उपासना और पूजा करने के लिए निर्देश देते हैं।
कहतें है की गुप्त नवरात्रि के समय माँ बगलामुखी के मंत्रों का जाप करने से घर - परिवार में सम्पन्नता आती है। यह शत्रुओं को नष्ट करने वाली देवी के रूप में जानी जाती है। जो कोई भी इनके आशीर्वाद को प्राप्त कर लेता है , उसे फिर किसी भी प्रकार की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है। देवी उसके मार्ग में आ रही समस्त बाधाओं का नाशकर , उसके सुख - समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है।
हमारी सेवाएं :- अनुष्ठान से पहले हमारे युगान्तरित पंडित जी द्वारा फ़ोन पर आपको संकल्प करवाया जाएगा , तथा पूर्ण विधि -विधान से मंत्रों का जाप किया जाएगा।
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आज से शुरू हुई गुप्त नवरात्रि, 9 की बजाय 10 देवियों की होती है साधना, जानिए महत्व और पूजन-विधि
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में एक साल में कुल 4 बार नवरात्रि आती हैं, जिनमें से दो गुप्त रूप से और दो सार्वजनिक रूप से मनाई जाती है। माघ मास की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि है जिसे माघी नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इस बार गुप्त माघी नवरात्रि 25 जनवरी से शुरू हो रही है। आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
गुप्त नवरात्रि का महत्व आम तौर पर जहां नवरात्र में नौ देवियों की विशेष पूजा का प्रावधान है, वहीं गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्या की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्र में पूजी जाने वाली 10 महाविद्याओं में मां काली, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी हैं। इस नवरात्र में तंत्र और मंत्र दोनों के माध्यम से भगवती की पूजा की जाती है। इन गुप्त साधनाओं के लिए कठिन नियमों का पालन करना होता है। वहीं इससे जुड़ी साधना-आराधना को भी लोगों से गुप्त रखा जाता है। मान्यता है कि साधक जितनी गुप्त रूप से देवी की साधना करता है, उस पर भगवती की उतनी ही कृपा बरसती है।
गुप्त नवरात्रि की पूजन-विधि गुप्त नवरात्रि में विभिन्न स्वरूपों के साथ दस महाविद्याओं की साधना करें। गुप्त नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक माता के 32 नाम के साथ उनके मंत्र का 108 बार जाप भी करें। इसके अलावा सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 18 बार पाठ कीजिए। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी। हो सके तो गुप्त नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का एक पाठ प्रातः और एक रात्रि में कीजिए। मान्यता है कि इन दिनों ब्रम्ह मुहूर्त में श्रीरामर���्षास्तोत्र का पाठ करने से दैहिक, दैविक और भौतिक तापों का नाश होता है। ये भी पढ़े... 150 साल बाद ऐसा संयोग, मकर राशि में शनि का प्रवेश इन राशियों के लिए रहेगा शुभ शनि के दोषों से बचने के लिए रोजाना अपनाएं ये उपाय, हमेशा बरसेगी कृपा 2020 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरे साल की लिस्ट Read the full article
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25 जनवरी से माघ मास की गुप्त नवरात्रि शुरू हो गई है जो 3 फरवरी 2020 तक रहेगी। गुप्त नवरात्रि के 10 दिनों में माँ दुर्गा की दस महाशक्तियां दस महाविद्यां की विशेष गुप्त रूप से पूजा साधना की जाती है। 10 महाविद्याओं में से एक माता महाकाली खास मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्र के दिनों में अगर कोई साधक 10 दिनों तक माता महाकाली के इन नामों का जप रोज 108 बार करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। गुप्त नवरात्रि में इन दस देवियों की होती है विशेष साधना व पूजा ऐसे करें माता महाकाली का पूजन माँ काली का स्वरूप अवश्य उग्र है परंतु यह भी सत्य है कि कलयुग में अत्यधिक जागृत दैवीय शक्तियों में महाकाली का परम स्थान है। एक बार प्रसन्न होने पर मां अपने भक्तों की मनोकामना शीघ्र-अतिशीघ्र पूरी करती है। 9 दिनों तक अपने घर में ही माँ काली की पूजा आसानी से की जा सकती है। माँ काली की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करके तिलक, लाल पुष्प आदि से पूजन कर माँ काली को थोड़ा सा काले रंग का वस्त्र भी अर्पित करना चाहिए। गुप्त नवरात्रिः माँ दुर्गा की महाआरती माता महाकाली के इन नामों का जप करें गुप्त नवरात्र में नौ दिनों तक माँ काली के इन 108 नाम का जो भी व्यक्ति नियमित रूप से प्रातः मध्याह्न, सायं तथा रात्रि में जप या पाठ करता है, उसके घर में माँ काली निवास करने लगती है और उस साधक को जल, अग्नि, श्मशान, युद्धस्थल में किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता नही रहता है। साथ ही माता उसकी सभी मनोकामना पूरी कर देती है। गुप्त नवरात्रि आज से- धनवान बनना है तो नौ दिन करें ये उपाय माँ काली के 108 नाम काली, कापालिनी, कान्ता, कामदा, कामसुंदरी, कालरात्री, कालिका, कालभैरवपूजिता, कुरुकुल्ला, कामिनी, कमनीयस्वभाविनी, कुलीना, कुलकर्त्री, कुलवर्त्मप्रकाशिनी, कस्तूरीरसनीला, काम्या, कामस्वरूपिणी, ककारवर्णनीलया, कामधेनु, करालिका, कुलकान्ता, करालास्या, कामार्त्ता, कलावती, कृशोदरी, कामाख्या, कौमारी, कुलपालिनी, कुलजा, कुलकन्या, कलहा, कुलपूजिता, कामेश्वरी, कामकान्ता, कुब्जेश्वरगामिनी, कामदात्री, कामहर्त्री, कृष्णा, कपर्दिनी, कुमुदा, कृष्णदेहा, कालिन्दी, कुलपूजिता, काश्यपि, कृष्णमाला, कुलिशांगी, कला, क्रींरूपा, कुलगम्या, कमला, कृष्णपूजिता, कृशांगी कामना पूर्ति के ��िए जप लें इनमें से कोई भी एक दुर्गा तांत्रिक मंत्र कन्नरी, कर्त्री, कलकण्ठी, कार्तिकी, काम्बुकण्ठी, कौलिनी, कुमुदा, कामजीविनी, कुलस्त्री, कार्तिकी, कृत्या, कीर्ति, कुलपालिका, कामदेवकला, कल्पलता, कामांगबद्धिनी, कुन्ती, कुमुदप्रिया, कदम्बकुसुमोत्सुका, कादम्बिनी, कमलिनी, कृष्णानंदप्रदायिनी, कुमारिपूजनरता, कुमारीगणशोभिता, कुमारीरंश्चरता, कुमारीव्रतधारिणी, कंकाली, कमनीया, कामशास्त्रविशारदा, कपालखड्वांगधरा, कालभैरवरूपिणि, कोटरी, कोटराक्षी, काशी, कैलाशवासिनी, कात्यायिनी, कार्यकरी, काव्यशास्त्रप्रमोदिनी, कामामर्षणरूपा, कामपीठनिवासिनी, कंकिनी, काकिनी, क्रिडा, कुत्सिता, कलहप्रिया, कुण्डगोलोद्-भवाप्राणा, कौशिकी, कीर्तीवर्धिनी, कुम्भस्तिनी, कटाक्षा, काव्या, कोकनदप्रिया, कान्तारवासिनी, कान्ति, कठिना, कृष्णवल्लभा ************************** source https://www.patrika.com/dharma-karma/gupt-navratri-2020-maa-kali-ke-108-naam-jaap-in-hindi-5700240/
http://www.poojakamahatva.site/2020/01/blog-post_467.html
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Gupt navratri
सामान्य नवरात्रि में आमतौर पर सात्विक और तांत्रिक दोनों प्रकार की पूजा की जाती है. वहीं गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तांत्रिक पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रि में साधना को गोपन��य रखा जाता है. साधक को केवल अपने गुरू से ही साधना की चर्चा करने की अनुमति होती है. गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी अपनी मनोकामना पूरी करने और शक्ति हासिल करने के लिए ख़ास विधि से मां की पूजा करते हैं. इस दौरान तांत्रिक गुप्त तरीके से सबकी नजरों से बचाकर मां की पूजा करते हैं.
गुप्त नवरात्र से जुड़ी पौराणिक कथा, इस कथा को नवरात्रि के दौरान किसी भी समय पढ़ा जा सकता है। विशेषकर प्रथम दिन इसका वाचन एवं श्रवण किया जाता है।
कथा के अनुसार एक बार ऋषि श्रंगी भक्तों को प्रवचन दे रहे थे। इसी दौरान भीड़ से एक स्त्री हाथ जोड़कर ऋषि के सामने आई और अपनी समस्या बताने लगी। स्त्री ने कहा कि उनके पति दुर्व्यसनों से घिरे हैं और इसलिए वह किसी भी प्रकार का व्रत, धार्मिक अनुष्ठान आदि नहीं कर पाती। स्त्री ने साथ ही कहा कि वह मां दुर्गा के शरण में जाना चाहती है लेकिन पति के पापाचार के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।
यह सुन ऋषि ने बताया कि शारदीय और चैत्र नवरात्र में तो हर कोई मां दुर्गा की पूजा करता है और इससे सब परिचित भी हैं लेकिन इसके अलावा भी दो और नवरात्र हैं। ऋषि ने बताया कि दो गुप्त नवरात्र में 9 देवियों की बजाय 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है। ऋषि ने स्त्री से कहा कि इसे करने से सभी प्रकार के दुख दूर होंगे और जीवन खुशियों से भर जाएगा। ऐसा सुनकर स्त्री ने गुप्त नवरात्र में गुप्त रूप से ऋषि के अनुसार मां दुर्गा की कठोर साधना की। मां दुर्गा इस श्रद्धा और भक्ति से हुईं और इसका असर ये हुआ कि कुमार्ग पर चलने वाला उसका पति सुमार्ग की ओर अग्रसर हुआ। साथ ही स्त्री का घर भी खुशियों से भर गया।
Gupt Navratri वैसे तो साल में 4 नवरात्रि आती हैं लेकिन जिनमें से 2 प्रकट होती हैं और दो गुप्त होती हैं। इस बार की आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 3 जुलाई से शुरु होकर 10 जुलाई तक रहेगी। हिंदू धर्म में दूर्गा पूजा का विशेष महत्व होता है। इसलिए नवरात्रि का पर्व विशेष रुप से मनाया जाता है। इ�� दिनों भक्त व्रत रखकर मां की उपासना करते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल के चैत्र, आषाढ़, आश्विन, और माघ महीनों में यानि की चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। प्रकट नवरात्रियों की तरह ही इन गुप्त नवरात्रि का भी काफी महत्व होता है।
इन दिनों देवी मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन शैल पुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्माण्डा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी, नौवें दिन सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाती है। इन दिनों दस महाविद्याओं की भी विशेष पूजा की जाती है। ये हैं दस महाविद्या काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला। मान्यता है कि इन महाविद्याओं की साधना करके समस्त प्रकार के सांसारिक सुख , ऐश्वर्य, मान-सम्मान, पद- प्रतिष्ठा, भूमि, संपत्ति इत्यादि की प्राप्ति होती है।
मुख्यतः इस नवरात्र में शक्तिपीठ योगिनी की साधना होती है, 51 शक्तिपीठ में 64 योगिनी स्थित हैं, जिनकी आराधना-पूजा इसी नवरात्रि में सिद्ध मानी गई है। साधकों को गुप्त नवरात्र में 51 शक्ति, 64 योगिनी एवं षोडश (16) मात्रकाओं की मन्त्र सिद्धी प्राप्त होती है। इस नवरात्र को देवी शक्ति के लिए नोड़ता नाम दिया गया है। इसका मूलतः व्यावहारिक संबंध योग शक्ति से है।
पूजन विधि: गुप्त नवरात्रि में भी प्रकट नवरात्रि की तरह ही कलश की स्थापना की जा सकती है। लेकिन ऐसा सिर्फ विशेष साधना के लिए किया जाता है। सामान्य साधक के लिए ऐसा करना जरूरी नहीं है।
– जिस साधक ने कलश की स्थापना की है उसे सुबह-शाम में देवी का मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए। साथ ही माता की आरती और दोनों ही समय भोग भी लगाना चाहिए। भोग के लिए लौंग और बताशे का उपयोग कर सकते हैं। पूजाघर में मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. देवी को लाल रंग की चुनरी सिन्दूर, लाल चूड़ी बिंदी और सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
– देवी मां को प्रतिदिन पूजा के समय लाल फूल जरूर अर्पित करें। इन नौ दिनों में अपना खान -पान सात्विक रखें।
देवी दुर्गा के सामान्य मंत्र ऊं दुं दुर्गायै नम: मंत्र की नौ माला प्रतिदिन जाप करें।
आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि में कैसे करें मां दुर्गा की पूजा और महाउपाय ताकि आपको मिले मनचाहा फल:
गुप्त नवरात्र में करें ये उपाय:
-गुप्त नवरात्रि के दिन विशेष साधना कर मां की कृपा हासिल कर किसी भी असाध्य काम को पूरा किया जा सकता है. इस दिन शाम के समय पूजाघर में मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने गाय के घी का दिया जलाकर और इसे तांबे के कलश में पानी भरकर उसके ऊपर रख दें. इसके बाद लाल रंग के आसन पर बैठकर देवी की उपासना और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. जब पाठ पूरा हो जाए तो दुर्गा मां को घर में बने हलवे या मिठाई का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि मां दुर्गा को हलवा प्रसाद काफी प्रिय है. इसके बाद ये भोग कुंवारी कन्याओं को दे देना चाहिए. इसके बाद कलश के जल से पूरी घर में, ऑफिस में और तिजोरी के पास पवित्रीकरण करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी तेजी से बढ़ता है और मां दुर्गा की कृपा से जॉब में आ रही परेशानी भी हल हो जाती है. इसके बाद रुद्राक्ष की माला से 108 बार 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चे' मंत्र का जाप करें.
गुप्त नवरात्रि में मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए करें ये उपाय-
-विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए-
- पूरे नौ दिन देवी को पीले फूलों की माला अर्पित करें. इसके अलावा निम्न मंत्र का जाप करें -
""कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी |
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः||"
संतान प्राप्ति में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए करें ये उपाय-
- नौ दिन देवी को पान का पत्ता अर्पित करें. इसके अलावा निम्न मंत्र का जाप करने से भी फायदा मिलता है.
“नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ सम्भवा।
ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी”
नौकरी में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए करें ये उपाय-
-नौ दिन देवी को बताशे पर लौंग रखकर अर्पित करें. मां के सामने निम्न मंत्र का जाप करें -
"सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः||
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ||"
- अगर स्वास्थ्य की लगातार समस्याएं रहती हों तो-
-नौ दिन देवी को लाल फूल अर्पित करें ,मां के निम्न मंत्र का जाप करें -
"ॐ क्रीं कालिकायै नमः"
अगर मुक़दमे, शत्रु या कर्जे की समस्या हो तो-
-नौ दिन देवी के समक्ष गुग्गल की सुगंध का धूप जलाएं. देवी के निम्न मंत्र का जाप करें -
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे"
- सामान्य रूप से गुप्त नवरात्रि में देवी की कृपा के लिए-
-नौ दिन देवी के सामने अखंड दीपक जलाएं और मां के निम्न मंत्र का जाप करें -
"ॐ दुं दुर्गाय नमः"
गुप्त नवरात्रि के दौरान बरतें ये सावधानियां-
- नवरात्रि से एक दिन पहले घर के मंदिर की साफ सफाई कर लें.
- देवी को अर्पण करने के लिए रोली मौली साबुत चावल, धूप, दीप, लौंग, इलायची, सुपारी, जायफल, कुमकुम, मेहंदी, लाल और पीला वस्त्र आदि समस्त सामग्री को पहले स��� ही लाकर घर के पवित्र स्थल पर रख लें.
-घर मे प्याज लहसुन तामसिक चीजों का प्रयोग गुप्त नवरात्रि के दौरान बिल्कुल न करें. गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी भी असम्भव काम को देवी की कृपा ��े सम्भव किया जा सकता है.
- गुप्त नवरात्रि के दौरान शाम के समय किसी भी लाल आसन पर बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
- पाठ करने से पहले देवी के समक्ष गाय के घी का एक दीया जलाएं और तांबे के लोटे में जल भरकर रखें.
- पाठ पूरा होने के बाद देवी को मिष्ठान का भोग लगाकर छोटी कन्याओं को बांटे तथा पूजा-अर्चना में रखा हुआ जल समस्त घर और व्यापारिक स्थान में छिड़क दें.
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