#गुप्तनवरात्रिकीपूजाविधि
Explore tagged Tumblr posts
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
आज से शुरू हुई गुप्त नवरात्रि, 9 की बजाय 10 देवियों की होती है साधना, जानिए महत्व और पूजन-विधि
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में एक साल में कुल 4 बार नवरात्रि आती हैं, जिनमें से दो गुप्त रूप से और  दो सार्वजनिक रूप से मनाई जाती है। माघ मास की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि है जिसे माघी नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इस बार गुप्त माघी नवरात्रि 25 जनवरी से शुरू हो रही है। आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
Tumblr media
गुप्त नवरात्रि का महत्व आम तौर पर जहां नवरात्र में नौ देवियों की विशेष पूजा का प्रावधान है, वहीं गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्या की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्र में पूजी जाने वाली 10 महाविद्याओं में मां काली, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी हैं। इस नवरात्र में तंत्र और मंत्र दोनों के माध्यम से भगवती की पूजा की जाती है। इन गुप्त साधनाओं के लिए कठिन नियमों का पालन करना होता है। वहीं इससे जुड़ी साधना-आराधना को भी लोगों से गुप्त रखा जाता है। मान्यता है कि साधक जितनी गुप्त रूप से देवी की साधना करता है, उस पर भगवती की उतनी ही कृपा बरसती है।
Tumblr media
गुप्त नवरात्रि की पूजन-विधि गुप्त नवरात्रि में विभिन्न स्वरूपों के साथ दस महाविद्याओं की साधना करें। गुप्त नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक माता के 32 नाम के साथ उनके मंत्र का 108 बार जाप भी करें। इसके अलावा सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 18 बार पाठ कीजिए। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी। हो सके तो गुप्त नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का एक पाठ प्रातः और एक रात्रि में कीजिए। मान्यता है कि इन दिनों ब्रम्ह मुहूर्त में श्रीरामरक्षास्तोत्र का पाठ करने से दैहिक, दैविक और भौतिक तापों का नाश होता है। ये भी पढ़े... 150 साल बाद ऐसा संयोग, मकर राशि में शनि का प्रवेश इन राशियों के लिए रहेगा शुभ शनि के दोषों से बचने के लिए रोजाना अपनाएं ये उपाय, हमेशा बरसेगी कृपा 2020 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरे साल की लिस्ट Read the full article
0 notes
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
3 जुलाई से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, जानिए इसका महत्व और पूजा-विधि
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज हिन्दू धर्म के अनुसार वर्ष में चार नवरात्रियां आती हैं। इनमें से दो प्रकट और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। चैत्र और अश्विन महीने में प्रकट नवरात्रि आती है और माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष गुप्त नवरात्रि का पर्व 3 से 10 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस नवरात्रि का महत्व प्रकट नवरात्रि से भी अधिक माना गया है। गुप्त नवरात्रि में देवी के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली साधना को गुप्त रखा जाता है। गुप्त साधना से देवी जल्दी प्रसन्न होती हैं। आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि और महत्त्व.. गुप्त नवरात्रि का महत्त्व गुप्त नवरात्रि भी सामन्य नवरात्रि की तरह नौ दिन तक चलती है। इन दिनों में मां के विभिन्‍न स्‍वरूपों की पूजा की जाती है जिनमें काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्न मां, त्रिपुर भैरवी, धूमावति माता, बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि, गुप्त नवरात्रि में नौ दिन देवी दर्शन से रोगरहित एवं शत्रु भय नहीं रहता और सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। गुप्त नवरात्रि की पूजा-विधि गुप्त नवरात्रि में विभिन्न स्वरूपों के साथ दस महाविद्याओं की साधना करें। गुप्त नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक माता के 32 नाम के साथ उनके मंत्र का 108 बार जाप भी करें। इसके अलावा सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का 18 बार पाठ कीजिए। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी। हो सके तो गुप्त नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का एक पाठ प्रातः और एक रात्रि में कीजिए। इससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाएगी। मान्यता है कि इन दिनों ब्रम्ह मुहूर्त में श्रीरामरक्षास्तोत्र का पाठ करने से दैहिक, दैविक और भौतिक तापों का नाश होता है। ये भी पढ़े  गुप्‍त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार सूर्यग्रहण 2019 : इन राशियों के लिए बुरा साबित होगा साल का दूसरा सूर्यग्रहण, जानिए इससे बचने के उपाय 2 जुलाई को है साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, जानिए भारत में सूतक का समय     Read the full article
0 notes