गुरु नानक जयंती 2022: गुरुपर्व कैसे मनाया जाता है? जानिए प्रकाश उत्सव के पवित्र दिन का इतिहास
गुरु नानक जयंती 2022: गुरुपर्व कैसे मनाया जाता है? जानिए प्रकाश उत्सव के पवित्र दिन का इतिहास
छवि स्रोत: TWITTER/VAALVEINDIA गुरु नानक जयंती
गुरु नानक जयंती 2022: गुरु नानक जयंती, जिसे गुरुपुरब के नाम से भी जाना जाता है, पूरे भारत और विदेशों में बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है। शुभ दिन सिख धर्म के पहले गुरु – गुरु नानक देव के जन्म का प्रतीक है। यह हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि कार्तिक पूर्णिमा को पड़ता है। 2022 में, यह 8 नवंबर, मंगलवार को मनाया जा रहा है। इस दिन को प्रकाश उत्सव के…
नवंबर में स्कूल की छुट्टियां: इस महीने कितने दिन बंद रहेंगे स्कूल?
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नवंबर के महीने में, छात्रों के पास केवल दो सार्वजनिक अवकाश होंगे – गुरु नानक जयंती और गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस। हालांकि, इन सार्वजनिक छुट्टियों के अलावा, इस महीने में चार रविवार पड़ेंगे। दो सार्वजनिक अवकाश मनाने वाले स्कूल नवंबर में कुल छह दिनों के लिए बंद रहेंगे।
हालाँकि, विभिन्न शैक्षणिक संस्थान अपने छात्रों के लिए अलग-अलग छुट्टियों की योजना बना सकते हैं। इसलिए, छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी…
गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के प्रथम गुरु हैं। वे एक महान क्रांतिकारी, समाज सुधारक और राष्ट्रवादी गुरु थे। उनका जन्म कार्तिक पूर्णिमा को संबद्ध १५२६ (1526) अंग्रेजी वर्ष (१४६९/1469) को तलवंडी, जो वर्तमान में शेखुपुरा (पाकिस्तान) ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध स्थान है, में हुआ था। गुरु नानक जी के पिता मेहता कालू चंद खत्री और माता तृप्ता देवी थीं।
गुरु नानक साहिब जी का जन्मदिन प्रतिवर्ष कार्तिक महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
आज इस महान गुरु की पुण्य तिथि पर उन्हें शत शत नमन 🙏🏻
गुरु नानक जयंती 2021: गुरु नानक को देख कर दंग रह गए थे ये मुगल बादशाह, फिर उठाया गया था कुछ कदम
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गुरु नानक जयंती 2021
नई दिल्ली। सिख धर्म के अनुयायियों के लिए 15 अप्रैल का दिन काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन सिख धर्म के लक्षणनाथक और पहले गुरु नानक देव ( गुरु नानक जयंती 2021 ) का जंमदिन है। सन 1469 को तलवंडी राय भोई की (अब पाकिस्तान में), जिसे अब ननकाना साहिब कहा जाता है, में बाबा मेहता कालू और माता तृप्ता के यहां जन्मे लड़के को नानक का नाम दिया गया है।
हालांकि उनका जन्मदिन अंग्रेजी कैलेंडर के…
गुरु नानक जयंती 2020: तिथि, महत्व, रीति-रिवाज और भोजन मनाने के लिए
गुरु नानक जयंती 2020: तिथि, महत्व, रीति-रिवाज और भोजन मनाने के लिए
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गुरु नानक जयंती 2020: यहां आपको त्योहार के बारे में जानना होगा।
हाइलाइट
गुरु नानक जयंती 2020 30 नवंबर को मनाया जा रहा है
इस वर्ष गुरु नानक देव की 551 वीं जयंती है
यहां जानिए त्योहार कैसे मनाएं और क्या खाएं
गुरूपुरब या गुरु नानक जयंती, गुरु नानक देव की जयंती मनाती है, जो दस सिख गुरुओं में से पहली और सिख धर्म के संस्थापक हैं। यह त्योहार सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व का है और साल के सबसे…
🔮जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज का संक्षिप्त जीवन परिचय🔮
संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर, 1951 में गांव धनाना, तहसील गोहाना, जिला सोनीपत में श्री नंदराम जाट किसान के घर श्रीमती इंद्रो देवी की कोख से हिंदू धर्म में हुआ। पढ़ाई-लिखाई पूरी कर संत रामपाल जी सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हुए।
संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्रि में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
उपरोक्त विवरण नास्त्रेदमस की उस भविष्यवाणी से पूर्ण मेल खाता है जो पृष्ठ संख्या 44.45 पर लिखी है। "जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व नेता की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा, बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में संसार में प्रसिद्ध होगा। वह सन् 2006 होगा।"
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज को सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की । भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जे.ई. की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा 16.5.2000 को पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16.5.2000 के तहत स्वीकृत है।
उन्होंने हम तुच्छ जीवों के उद्धार के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। तत्वज्ञान के प्रचार के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की। नौकरी, घर, परिवार सब कुछ त्याग दिया। दो लड़के तथा लड़की का विवाह सन 1994 में किया था, दो बच्चे एक लड़की, एक लड़का छोटे थे, पढ़ रहे थे। अपने परिवार को भी परमार्थ के लिए भगवान भरोसे छोड़कर, परमात्मा के प्रति अपना ज���वन समर्पित कर दिया। संत रामपाल जी महाराज को उनके गुरु स्वामी रामदेवानंद जी ने आशीर्वाद देते हुए कहा था कि तेरे समान विश्व में कोई दूसरा गुरु नहीं होगा।
संत रामपान जी महाराज ने सर्व धर्मों के शास्त्रों का अध्ययन कर उनमें से परमात्मा का सच्चा ज्ञान निकालकर भक्त समाज के सामने रख दिया। दिन-रात सत्संग किये, पुस्तकें लिखी।
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण परमात्मा के अवतार हैं। विभिन्न भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां थी इससे मेल खाती हैं।
नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी की है कि विश्व को सच्चा नया आध्यात्मिक ज्ञान बता कर मुक्ति दिलाने वाला महान धार्मिक नेता उस देश में पैदा होगा जिस देश का नाम एक सागर के नाम पर होगा यानी हिंद महासागर के नाम पर हिंदुस्तान होगा। विश्व में हिंदुस्तान एकमात्र देश है जिसका नाम सागर पर है। ग्रेट शायरन के बारे में नास्त्रेदमस ने 1755 में भविष्यवाणी की थी कि महापुरुष का जन्म उस देश के उस प्रांत में होगा जिसमें पांच नदियां बहती हैं एकमात्र पंजाब में ही 5 नदियां बहती हैं। नास्त्रेदमस ने यह भी कहा कि उस ग्रेट शायरन की माता तीन बहनें होंगी। संत रामपाल जी महाराज की माता तीन बहनें थी। उन्होंने कहा था कि उस ग्रेट शायरन के चार संतानें दो पुत्र तथा दो पुत्री होंगी। संत रामपाल जी महाराज के दो पुत्र तथा दो पुत्री हैं। नास्त्रेदमस ने कहा था कि वह संत ऐसा नया ज्ञान बताएगा जो ना किसी ने सुना हो ना बताया है। संत रामपाल जी महाराज ने वह नया आध्यात्मिक ज्ञान बताया है जो हमारे सतग्रंथों में ही है।
इसके अलावा भी विश्व के अनेक भविष्यवक्ताओं ने जगत के तारणहार संत, महापुरुष के बारे में भविष्यवाणियां की हैं जिनमें इंग्लैंड के कीरो, अमेरिका के जीन डिकसन व एंडरसन, हंगरी की बोरिस्का, भारत के जय गुरुदेव, बाबा रामदेव पीर, भक्त प्रह्लाद, प्रोफेसर हरारे मुख्य हैं ।
राजस्थान के प्रसिद्ध संत बाबा रामदेव पीर के अनुसार जगत के कल्याण के लिए भारतवर्ष में उत्पन्न मसीह जाट वर्ण से होगा और वह कबीर प्रभु के गुण गाएगा। उनकी यह भविष्यवाणी जाट वर्ण में उत्पन्न हरियाणा के संत रामपाल जी पर खरी उतरती है।
भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रह्लाद की "एक महापुरुष के विषय में भविष्यवाणी"
प्रह्लाद भक्त ने कहा:- नानक जी के सच्चखंड जाने के सैकड़ों वर्ष पश्चात पंजाब की धरती पर जाट वर्ण में जन्म लेगा तथा उसका प्रचार क्षेत्र शहर बटाला (बरवाला) होगा। संत रामपाल जी महाराज का प्रचार क्षेत्र बरवाला रहा।
संत रामपाल जी महाराज के विषय में जयगुरुदेव की भविष्यवाणी"
(शाकाहारी पत्रिका 7 सितंबर 1971)
वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं वह 20 वर्ष का हो चुका है यदि उसका पता बता दें तो लोग उसके पीछे पड़ जाएंगे।
7 सितंबर 1971 को संत रामपाल जी महाराज पूरे 20 वर्ष के हो चुके थे।
गरीब दास जी ने अपनी वाणी में कहा है कि -
"सतगुरु दिल्ली मण्डल आयसी, सूती धरणी सूम जगायसी“
सतगुरु/तत्वदृष्टा संत दिल्ली मण्डल में आएगा।
संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को हरियाणा के धनाना गांव में हुआ। जिला सोनीपत पहले दिल्ली शासित क्षेत्र में पड़ता था। निःसंदेह ही जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
नार्वे के श्री आनन्दाचार्य की भविष्यवाणी के अनुसार, सन् 1998 के बाद एक शक्तिशाली धार्मिक संस्था भारत में प्रकाश में आयेगी, जिसके स्वामी एक गृहस्थ व्यक्ति की आचार संहिता का पालन सम्पूर्ण विश्व करेगा। धीरे-धीरे भारत औद्योगिक, धार्मिक और आर्थिक दृष्टि से विश्व का नेतृत्व करेगा और उसका विज्ञान (आध्यात्मिक तत्वज्ञान) ही पूरे विश्व को मान्य होगा। उपरोक्त भविष्यवाणियों के अनुसार ही आज विश्व में घटनाएँ घट रही हैं। युग परिवर्तन प्रकृति का अटल सिद्धांत है। वैदिक दर्शन के अनुसार चार युगों- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलयुग की व्यवस्था है। जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्रा सा��्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर मानव रूप में प्रकट होता है।
“पांच सहस्र अरु पांच सौ, जब कलयुग बीत जाए।
महापुरुष फरमान तब, जग तारन को आए” ॥
वह महान पुरुष कोई और नहीं, संत रामपाल जी महाराज, सतपुरुष/भगवान कबीर के अवतार ही हैं, जिनका अवतरण दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है।
सर्व मानव समाज से प्रार्थना करते हैं कि पूर्ण संत रामपाल जी महाराज को पहचानों तथा अपना व अपने परिवार का कल्याण करवाओ। लाखों पुण्य आत्माएं संत रामपाल जी तत्वदर्शी संत को पहचान कर सत्य भक्ति कर रहे हैं, वे अति सुखी हो गए हैं। सर्व विकार छोड़ कर निर्मल जीवन जी रहे हैं।
आपभी इस पावन अवसर पर सह परिवार आमंत्रित हैं ��� अधिक जानकारी के लिए विजिट करें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल
नवंबर में स्कूल की छुट्टियां: इस महीने कितने दिन बंद रहेंगे स्कूल?
नवंबर में स्कूल की छुट्टियां: इस महीने कितने दिन बंद रहेंगे स्कूल?
नवंबर के महीने में, छात्र���ं के पास केवल दो सार्वजनिक अवकाश होंगे – गुरु नानक जयंती और गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस। हालांकि, इन सार्वजनिक छुट्टियों के अलावा, इस महीने में चार रविवार पड़ेंगे। दो सार्वजनिक अवकाश मनाने वाले स्कूल नवंबर में कुल छह दिनों के लिए बंद रहेंगे।
हालाँकि, विभिन्न शैक्षणिक संस्थान अपने छात्रों के लिए अलग-अलग छुट्टियों की योजना बना सकते हैं। इसलिए, छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी…
वास्तव में नानक जी को कबीर परमात्मा बेई नदी के किनारे पर मिले थे, सतज्ञान समझाया और सतलोक लेकर गए। नानक जी को बताया कि वर्तमान में मैं काशी में आया हुआ हूं, मुझे वहां मिलना। इसलिए नानक जी काशी गए और कबीर जी को अपना गुरू धारण किया जिसका प्रमाण गुरु ग्रन्थ साहेब में भी है कि उनकी प्रथम उदासी यात्रा बनारस की थी।
गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ 731 पर महला 1 में कहा है कि:-
अंधुला नीच जाति परदेशी मेरा खिन आवै तिल जावै।
ताकी संगत नानक रहंदा किउ कर मूड़ा पावै।।
[9/9 12:15] Jayesh Bharada: गलत धारणा
संत रामपाल जी महाराज तो खुशी के गीत, जन्मदिन, उत्सव और किसी भी तरह की खुशी आदि मनाने को मना करते हैं।
खण्डन
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी से परिचित होकर आदरणीय नानक साहेब जी ने भी कहा है इस काल लोक में कैसी खुशी मनाऊं जब यहाँ एक पल का भी भरोसा नहीं है कि कब कोई भयंकर कष्ट आ जाए और कब मृत्यु हो जाए।
ना जाने काल की कर डारे,
किस विध ढल जा पासा वे,
जिन्हादे सिर ते मौत खुड़कदी,
उन्हानू केड़ा हासा वे।।धारणा :- घर पर बैठकर ही भक्ति कर लेंगे, गुरु बनाने की क्या आवश्यकता है?
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की वाणी से प्रमाणित करते हुए बताते हैं कि
🔮जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज का संक्षिप्त जीवन परिचय🔮
संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर, 1951 में गांव धनाना, तहसील गोहाना, जिला सोनीपत में श्री नंदराम जाट किसान के घर श्रीमती इंद्रो देवी की कोख से हिंदू धर्म में हुआ। पढ़ाई-लिखाई पूरी कर संत रामपाल जी सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हुए।
संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्रि में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
उपरोक्त विवरण नास्त्रेदमस की उस भविष्यवाणी से पूर्ण मेल खाता है जो पृष्ठ संख्या 44.45 पर लिखी है। "जिस समय उस तत्वदृष्टा शायरन का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी। उस समय उस विश्व नेता की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी, वह तरुण नहीं होगा, बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में संसार में प्रसिद्ध होगा। वह सन् 2006 होगा।"
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज को सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की । भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जे.ई. की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा 16.5.2000 को पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16.5.2000 के तहत स्वीकृत है।
उन्होंने हम तुच्छ जीवों के उद्धार के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। तत्वज्ञान के प्रचार के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की। नौकरी, घर, परिवार सब कुछ त्याग दिया। दो लड़के तथा लड़की का विवाह सन 1994 में किया था, दो बच्चे एक लड़की, एक लड़का छोटे थे, पढ़ रहे थे। अपने परिवार को भी परमार्थ के लिए भगवान भरोसे छोड़कर, परमात्मा के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया। संत रामपाल जी महाराज को उनके गुरु स्वामी रामदेवानंद जी ने आशीर्वाद देते हुए कहा था कि तेरे समान विश्व में कोई दूसरा गुरु नहीं होगा।
संत रामपान जी महाराज ने सर्व धर्मों के शास्त्रों का अध्ययन कर उनमें से परमात्मा का सच्चा ज्ञान निकालकर भक्त समाज के सामने रख दिया। दिन-रात सत्संग किये, पुस्तकें लिखी।
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण परमात्मा के अवतार हैं। विभिन्न भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां थी इससे मेल खाती हैं।
नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी की है कि विश्व को सच्चा नया आध्यात्मिक ज्ञान बता कर मुक्ति दिलाने वाला महान धार्मिक नेता उस देश में पैदा होगा जिस देश का नाम एक सागर के नाम पर होगा यानी हिंद महासागर के नाम पर हिंदुस्तान होगा। विश्व में हिंदुस्तान एकमात्र देश है जिसका नाम सागर पर है। ग्रेट शायरन के बारे में नास्त्रेदमस ने 1755 में भविष्यवाणी की थी कि महापुरुष का जन्म उस देश के उस प्रांत में होगा जिसमें पांच नदियां बहती हैं एकमात्र पंजाब में ही 5 नदियां बहती हैं। नास्त्रेदमस ने यह भी कहा कि उस ग्रेट शायरन की माता तीन बहनें होंगी। संत रामपाल जी महाराज की माता तीन बहनें थी। उन्होंने कहा था कि उस ग्रेट शायरन के चार संतानें दो पुत्र तथा दो पुत्री होंगी। संत रामपाल जी महाराज के दो पुत्र तथा दो पुत्री हैं। नास्त्रेदमस ने कहा था कि वह संत ऐसा नया ज्ञान बताएगा जो ना किसी ने सुना हो ना बताया है। संत रामपाल जी महाराज ने वह नया आध्यात्मिक ज्ञान बताया है जो हमारे सतग्रंथों में ही है।
इसके अलावा भी विश्व के अनेक भविष्यवक्ताओं ने जगत के तारणहार संत, महापुरुष के बारे में भविष्यवाणियां की हैं जिनमें इंग्लैंड के कीरो, अमेरिका के जीन डिकसन व एंडरसन, हंगरी की बोरिस्का, भारत के जय गुरुदेव, बाबा रामदेव पीर, भक्त प्रह्लाद, प्रोफेसर हरारे मुख्य हैं ।
राजस्थान के प्रसिद्ध संत बाबा रामदेव पीर के अनुसार जगत के कल्याण के लिए भारतवर्ष में उत्पन्न मसीह जाट वर्ण से होगा और वह कबीर प्रभु के गुण गाएगा। उनकी यह भविष्यवाणी जाट वर्ण में उत्पन्न हरियाणा के संत रामपाल जी पर खरी उतरती है।
भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रह्लाद की "एक महापुरुष के विषय में भविष्यवाणी"
प्रह्लाद भक्त ने कहा:- नानक जी के सच्चखंड जाने के सैकड़ों वर्ष पश्चात पंजाब की धरती पर जाट वर्ण में जन्म लेगा तथा उसका प्रचार क्षेत्र शहर बटाला (बरवाला) होगा। संत रामपाल जी महाराज का प्रचार क्षेत्र बरवाला रहा।
संत रामपाल जी महाराज के विषय में जयगुरुदेव की भविष्यवाणी"
(शाकाहारी पत्रिका 7 सितंबर 1971)
वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं वह 20 वर्ष का हो चुका है यदि उसका पता बता दें तो लोग उसके पीछे पड़ जाएंगे।
7 सितंबर 1971 को संत रामपाल जी महाराज पूरे 20 वर्ष के हो चुके थे।
गरीब दास जी ने अपनी वाणी में कहा है कि -
"सतगुरु दिल्ली मण्डल आयसी, सूती धरणी सूम जगायसी“
सतगुरु/तत्वदृष्टा संत दिल्ली मण्डल में आएगा।
संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को हरियाणा के धनाना गांव में हुआ। जिला सोनीपत पहले दिल्ली शासित क्षेत्र में पड़ता था। निःसंदेह ही जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
नार्वे के श्री आनन्दाचार्य की भविष्यवाणी के अनुसार, सन् 1998 के बाद एक शक्तिशाली धार्मिक संस्था भारत में प्रकाश में आयेगी, जिसके स्वामी एक गृहस्थ व्यक्ति की आचार संहिता का पालन सम्पूर्ण विश्व करेगा। धीरे-धीरे भारत औद्योगिक, धार्मिक और आर्थिक दृष्टि से विश्व का नेतृत्व करेगा और उसका विज्ञान (आध्यात्मिक तत्वज्ञान) ही पूरे विश्व को मान्य होगा। उपरोक्त भविष्यवाणियों के अनुसार ही आज विश्व में घटनाएँ घट रही हैं। युग परिवर्तन प्रकृति का अटल सिद्धांत है। वैदिक दर्शन के अनुसार चार युगों- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलयुग की व्यवस्था है। जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्रा साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर मानव रूप में प्रकट होता है।
“पांच सहस्र अरु पांच सौ, जब कलयुग बीत जाए।
महापुरुष फरमान तब, जग तारन को आए” ॥
वह महान पुरुष कोई और नहीं, संत रामपाल जी महाराज, सतपुरुष/भगवान कबीर के अवतार ही हैं, जिनका अवतरण दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है।
सर्व मानव समाज से प्रार्थना करते हैं कि पूर्ण संत रामपाल जी महाराज को पहचानों तथा अपना व अपने परिवार का कल्याण करवाओ। लाखों पुण्य आत्माएं संत रामपाल जी तत्वदर्शी संत को पहचान कर सत्य भक्ति कर रहे हैं, वे अति सुखी हो गए हैं। सर्व विकार छोड़ कर निर्मल जीवन जी रहे हैं।
आपभी इस पावन अवसर पर सह परिवार आमंत्रित हैं । अधिक जानकारी के लिए विजिट करें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल
देखें: ब्रिटिश उच्चायुक्त ने गुरु पर्व पर सिखों को हिंदी में बधाई दी
देखें: ब्रिटिश उच्चायुक्त ने गुरु पर्व पर सिखों को हिंदी में बधाई दी
“गुरु पर्व” सिख धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है
नई दिल्ली:
जो हर इंसान को एक समान मानता है वह धार्मिक है, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने रेखांकित किया कि उन्होंने गुरु पूरब के त्योहार पर लोग��ं को शुभकामनाएं दीं, जब सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्मदिन मनाया जाता है।
उच्चायुक्त ने हिंदी में अपना भाषण शुरू किया और यूनाइटेड किंगडम में सिखों के योगदान को…
गुरु नानक जयंती 2020: तिथि, महत्व, रीति-रिवाज और भोजन मनाने के लिए
गुरु नानक जयंती 2020: तिथि, महत्व, रीति-रिवाज और भोजन मनाने के लिए
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गुरु नानक जयंती 2020: यहां आपको त्योहार के बारे में जानना होगा।
हाइलाइट
गुरु नानक जयंती 2020 30 नवंबर को मनाया जा रहा है
इस वर्ष गुरु नानक देव की 551 वीं जयंती है
यहां जानिए त्योहार कैसे मनाएं और क्या खाएं
गुरूपुरब या गुरु नानक जयंती, गुरु नानक देव की जयंती मनाती है, जो दस सिख गुरुओं में से पहली और सिख धर्म के संस्थापक हैं। यह त्योहार सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व का है और साल के सबसे…
रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान के घर हुआ। उनके विषय मे नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी में कहा है एक हिन्दू संत अचानक प्रकाश में आयेगा। वह संत आध्यात्मिक चमत्कारों से आधुनिक वैज्ञानिकों की आँखें चकाचौंध करेगा। उस पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगेगा।
संत रामपाल जी महाराज को नाम दिक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन मास की अमावस्या को रात्रि में प्राप्त हुई उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी।दिक्षा दिवस को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।जो नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी से पूर्ण मेल खाता है।
नास्त्रेदमस ने कहा है कि, जिस समय तत्वदृष्टा शायरन (संत)का आध्यात्मिक जन्म होगा उस दिन अंधेरी अमावस्या होगी।उस समय उस शायरन की आयु 16, 20, 25 वर्ष नहीं होगी,वह तरुण नहीं होगा, बल्कि वह प्रौढ़ होगा और वह सन् 2006 में 50 और 60 वर्ष के बीच की उम्र में संसार में प्रसिद्ध होगा।
तीन ओर से समुद्र से घिरे हुए देश में पैदा होने वाले दुनिया के तारणहार संत की माताएं तीन बहने होंगी।- नास्त्रेदमस
नास्त्रेदमस द्वारा की गई यह भविष्यवाणी सिर्फ संत रामपाल जी महाराज पर फिट बैठती है क्योंकि संत रामपाल जी महाराज की माताएं तीन बहनें थी ।
महान संत
इंग्लैंड के ज्योतिषी कीरो ने अपनी भविष्यवाणी में लिखा है कि 1950 के बाद एक महान संत ही विश्व में एक नई सभ्यता लायेगा जो पूरे विश्व में फैलेगी। भारत का वह व्यक्ति पूरे विश्व में ज्ञानक्रांति लाएगा।
वह महान परम संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
पूर्ण ब्रह्म के अवतार संत रामपाल जी महाराज
अवतरण दिवस 08/09/1951
इंग्लैंड के ज्योतिषी कीरो, अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता जीन डिक्सन, फ्रांस के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस, अमेरिका के भविष्यवक्ता एंडरसन आदि अनेक भविष्यवक्ताओं ने इस समय में आने वाले अवतार की भविष्यवाणियां पहले ही कर दी थी जो संत रामपाल जी महाराज पर सटीक बैठती हैं।
कौन तथा कहां है परमेश्वर का अवतार?
भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रह्लाद की "एक महापुरुष के विषय में भविष्यवाणी"
प्रह्लाद भक्त ने कहा:- वह अवतार नानक जी के सच्चखंड जाने के सैकड़ों वर्ष पश्चात पंजाब की धरती पर जाट वर्ण में जन्म लेगा तथा उसका प्रचार क्षेत्र शहर बटाला (बरवाला) होगा।
वह महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जिनका अवतरण दिवस है 08/09/1951
तारणहार परम संत अवतरण दिवस 08/09/1951
संत रामपाल जी महाराज जी ही वह अवतार हैं जिनके बारे में भाई बाले वाली जन्म साखी में लिखा है कि उस महान संत का जन्म जाट जाती में होगा और उसका प्रचार क्षेत्र बरवाला होगा।
हरियाणा की धरती पर अवतार
भारतवर्ष का वह छोटा सा गांव धनाना जहां पर संत रामपाल जी महाराज 08/09/1951 को अवतरित हुए।
सुखी होगा हर इंसान, धरती बनेगी स्वर्ग समान
अवतरण दिवस 08/09/1951
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी गई शास्त्र अनुकूल भक्ति करने से हर इंसान सुखी होगा और पृथ्वी स्वर्ग समान बनेगी।
मुक्तिदाता संत रामपाल जी महाराज
अवतरण दिवस 08/09/1951 नास्त्रेदमस ने सन् 1555 में लिखा है कि एक अद्वितीय हिन्दू संत अचानक प्रकाश में आयेगा। मैं छाती ठोक कर कहता हूँ कि मेरे उस ग्रेट शायरन का कृतत्व और उसका गूढ़ गहरा ज्ञान ही सबकी खाल उतारेगा।
जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज जी का
अवतरण दिवस गरीब दास जी की वाणी है कि:-
"साहेब कबीर तख्त खवासा, दिल्ली मण्डल लीजै वासा।।"
परमेश्वर का नुमाइंदा संत दिल्ली मण्डल में उत्पन्न होगा।
"संत रामपाल जी महाराज के विषय में जयगुरुदेव की भविष्यवाणी"
(शाकाहारी पत्रिका 7 सितंबर 1971)
वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं वह 20 वर्ष का हो चुका है यदि उसका पता बता दें तो लोग उसके पीछे पड़ जाएंगे।
वह संत आध्यात्मिक चमत्कारों से आधुनिक वैज्ञानिकों की आँखें चकाचौंध करेगा। उस महापुरुष पर झूठा देशद्रोह का आरोप भी लगेगा।
यह भविष्यवाणी संत रामपाल जी महाराज जी पर सटीक बैठती है।
(शाकाहारी पत्रिका 7 सितंबर 1971)
वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं वह 20 वर्ष का हो चुका है यदि उसका पता बता दें तो लोग उसके पीछे पड़ जाएंगे।
7 सितंबर 1971 को संत रामपाल जी महाराज पूरे 20 वर्ष के हो चुके थे।
संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण दिवस 08/09/1951
स्वर्ण युग का आगाज़
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी है
" ठहरो राम राज्य आ रहा है। एक महापुरुष पूरे विश्व में स्वर्ण युग लाएगा। जिसके नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा"
वह महापुरुष कोई और नहीं, पूर्ण संत सतगुरु रामपाल जी महाराज हैं जिनका अवतरण दिवस है 08/09/1951
धरती पर अवतार संत रामपाल जी महाराज
अवतरण दिवस 08/09/1951
नास्त्रेदमस ने कहा था स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 1951 में भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नए ज्ञान से परिचित कराएगा। वह संत रामपाल जी महाराज हैं। यह भविष्यवाणी उनके लिए हुई है।
तारणहार
8 सितंबर 1951 को तारणहार संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण दिवस है, जिनके विषय में अमेरिका के भविष्वक्ता ‘‘श्री चार्ल्स क्लार्क’’ ने कहा है कि 20 वीं सदी के अन्त से पहले एक देश विज्ञान की उन्नति में सब देशों को पछाड़ देगा परन्तु भारत की प्रतिष्ठा विशेषकर इसके धर्म और दर्शन से होगी
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Happy Guru Nanak Jayanti 2020 Gurupurab Kartik Purnima Wishes Images Status Quotes:प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्मदिन मनाया जाता है। गुरु नानकदेव की जयंती को गुरु पुरब, और प्रकाश उस्सव के नाम से भी जाना जाता है। गुरु…
30 नवंबर को पड़ेगा साल का आखिरी चंद ग्रहण,नही दिखाई देगा भारत मे असर , कार्तिक पूर्णिमा को ही हुआ था तुलसी जी का अवतरण,दीप दान का भी है इस दिन बड़ा महत्व
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30 नवंबर को पड़ेगा साल का आखिरी चंद ग्रहण,नही दिखाई देगा भारत मे असर , कार्तिक पूर्णिमा को ही हुआ था तुलसी जी का अवतरण,दीप दान का भी है इस दिन बड़ा महत्व
कार्तिक पूर्णिमा पर लगेगा उप छाया चंद्रग्रहण लेकिन नहीं होगा कोई असर-
सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग में होगा कार्तिक पूर्णिमा का स्नान-
हिंदू धर्म में पूर्णिमा महत्वपूर्ण स्थान रखती है प्रत्येक वर्ष मैं 12 पूर्णिमा आती हैं लेकिन जब अधिक मास या मलमास आता है तो इनकी संख्या 13 हो जाती है कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार इस दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित होता है । उस समय चंद्रमा की 6 कृतिका ओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पूरे वर्ष का स्नान करने का फल मिलता है ।आगामी 30 नवंबर को रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वसिद्धि योग एवं वर्धमान योग का संयोग होने से इस पूर्णिमा का शुभ योग बन रहा है । इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551 बा जन्मदिन भी मनाया जाएगा पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 29 नवंबर को दोपहर 12:47 से प्रारंभ होकर 30 नवंबर को दोपहर 2:59 तक रहेगी इसी दिन कार्तिक स्नान का समापन भी होगा।
श्री सोनी ने आगे बताया कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल का चौथा और आखिरी उप छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और वही 14 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा यह चंद्र ग्रहण अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा ।इसलिए भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा वैसे भी यह उप छाया चंद्र ग्रहण है इसलिए इसका किसी भी राशि पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा । यह चंद्र ग्रहण के दौरान भारत के मंदिरों के पट भी बंद नहीं होंगे इसलिए अंतिम चंद्रग्रहण को लेकर सभी लोग बिल्कुल निश्चिंत रह सकते हैं ।तथा किसी भी तरह के भ्रम में पढ़ने की जरूरत नहीं होगी।
कार्तिक पूर्णिमा क्यों है खास-
कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु चतुर्मास के बाद जागृत अवस्था में होते हैं । भगवान विष्णु ने इसी तिथि को मस्य अवतार लिया था और मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की फिर से रचना की थी।
राक्षस त्रिपुरासुर का संघार किया था त्रिपुरासुर वध को लेकर देवताओं ने मनाई थी इस दिन देव दीपावली।
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का जन्मदिन के साथ ही इस दिन तुलसी का अवतरण कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था।
दीप दान करने से होंगी मां लक्ष्मी प्रसन्न।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के समीप तथा तालाब में सरोवर में गंगा तट पर दीप जलाने से अथवा दीप दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का वरदान देती हैं । वही विष्णु को तुलसी पत्र की माला और गुलाब का फूल चढ़ाने से मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं।
तिल स्नान से मिलेगी शनि दोषों में राहत।
कार्तिक पूर्णिमा पर तिल जल में डालकर स्नान करने से शनि दोष समाप्त होंगे । खासकर शनि की साढ़ेसाती वही कुंडली में पित्र दोष चांडाल दोष नंदी दोष की स्थिति यदि है तो उसमें भी शीघ्र लाभ होगा।
क्या करें दान अक्षत यानि चावल जो काले तिल मौसमी फल लौकी में छिपाकर सिक्का।