#गुजरात विधानसभा चुनाव
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दिल्ली में मंडराया HMPV वायरस का संकट! स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बैठक कर सकता है चुनाव आयोग
दिल्ली में विधानसभा चुनाव ने दस्तक दी ही थी, कि देश में एक वायरस ने भी एंट्री ले ली. अबतक देश में HMPV वायरस के तीन मामले सामने आए हैं. इसमें कर्नाटक के दो केस और गुजरात का एक केस शामिल है. ऐसे हालातों को देखते हुए HMPV को लेकर दिल्ली सरकार भी अलर्ट पर है. वहीं चुनाव आयोग भी सतर्कता बरतना चाह रहा है. सूत्रों के अनुसार, आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय से एहतियाती उपायों पर चर्चा करने का फैसला लिया…
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जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को चुनाव लड़ाने की तैयारी - क्या है पूरी कहानी?
परिचय: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। महाराष्ट्र में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में एक ऐसा नाम चर्चा में है, जो पहले कभी राजनीतिक मैदान में नहीं देखा गया। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जो इस समय गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल में बंद हैं, को उत्तर भारतीय विकास सेना (UBVS) द्वारा चुनावी उम्मीदवार बनाने की तैयारी की जा रही है। यह खबर उस समय आई है जब बिश्नोई का…
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=II= 👉2024 में महाराष्ट्र, झारखण्ड, हरियाणा, 👉2025 में दिल्ली, बिहार, 👉2026 में असम, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु, पुदुचेरी व केरल, 👉2027 में मणिपुर, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में…
पोस्टरबाजी, नेताओं का समर्थन, रैली, रोड़ शो, मीडियाबाजी, धार्मिक आडम्बर, प्रेस कॉन्फ्रेंसबाजी, जातीय समीकरण, डोरटूडोर जन सम्पर्क इत्यादि के बिना ही किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से अपनी मनपसंद या अन्य किसी भी पार्टी की टिकट (चुनाव आयोग के नियमानुसार) पाने के लिए याद रखें.
=II=Aman Kaushik=II= Mob. : 9416807640. ++++++++++++ Join… https://whatsapp.com/channel/0029VaLK8O78kyyQCmLSS63f
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गुजरात: भरुच में चैतर वसावा को कैसे चुनाव जिताएंगे केजरीवाल? लोकसभा चुनाव में खड़ी हुई 2022 वाली चुनौती
अहमदाबाद: में बीजेपी को क्लीन स्वीप से रोकने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने दो सीटों पर दांव खेला है। पार्टी ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल से जुड़ी पर अपने सबसे तेजतर्रार विधायक चैतर वसावा को मैदान में उतारा है। भरूच सीट पर लड़ने के लिए आप को कांग्रेस के साथ समझौते में चंडीगढ़ और साउथ गोवा की सीट से दावेदारी छोड़नी पड़ी थी�� I.N.D.I.A अलायंस में भरूच सीट हासिल करने और चैतर वसावा की स्वाभिमान यात्रा के बीच पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के सामने 2022 वाली मुश्किल आ खड़ी हुई है। गुजरात विधानसभा चुनावों में केजरीवाल ने बीजेपी को टक्कर देने के लिए आदिवासी नेता छोटू वसावा की पार्टी से हाथ मिलाया था, लेकिन वसावा ने चुनाव से पहले केजरीवाल का साथ छोड़ दिया था। अब उन्हीं छोटू वसावा के बेटे महेश वसावा ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया है। महेश वसावा ने कहा है कि उनके इस फैसले में पिता भी साथ हैं। सूत्रों के अनुसार महेश वसावा जल्द की एक बड़े कार्यक्रम में बीजेपी की सदस्ता ग्रहण करेंगे। क्या फिर बिगड़ेगा 'खेल'? 15 महीने पहले हुए गुजरात विधानसभा चुनावों में भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के गठबंधन तोड़ने पर आप के गुजरात प्लान को करारा झटका लगा था। पार्टी सिर्फ पांच सीटें जीत पाई थी। अब उसी बीटीपी पार्टी के नेता महेश वसावा ने फिर से केजरीवाल के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। अरविंद केजरीवाल ने गुजरात आप अध्यक्ष इसुदान गढ़वी से लंबी चर्चा के बाद भरूच सीट पर दांव खेलने का फैसला किया था। इसकी बड़ी वजह थी चैतर वसावा की क्षेत्र में जबरदस्त लोकप्रियता, लेकिन अब महेश वसावा के ऐलान ने केजरीवाल और आप के सामने नई मुश्किल खड़ी कर दी है। अगर भरूच सीट पर चैतर वसावा के आदिवासी वोटों में सेंध लगती है तो आप की लड़ाई कमजोर होगी। महेश वसावा ने बीजेपी में शामिल होने के लिए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल से मुलाकात भी की है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है जिस सीट के लिए आप ने बड़ी कुर्बानी दी और चंडीगढ़ के साथ साउथ गोवा की सीट छोड़ी वहां पर केजरीवाल अपने उम्मीदवार चैतर वसावा को चुनाव कैसे जिताएंगे? चैतर वसावा ने अपनी शुरुआती राजनीति छोटू वसावा और उनके बेटे महेश वसावा के साथ की है। वे कभी महेश वसावा के करीबी भी रहे हैं। आप के समाने यह यह मुश्किल ऐसे वक्त पर आई है जब आप गुजरात भरूच में अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। कौन हैं महेश वसावा? महेश वसावा गुजरात में आदिवासी नेता के तौर पर पहचान रखने वाले छोटू वसावा के बेटे हैं। छोटू वसावा ने अपनी राजनीति की शुरुआत जनता दल से की थी। इसके बाद उन्होंने भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में छोटू वसावा झगड़ियां से छठवीं बार चुने गए थे तो बेटे ने डेडियापाड़ा पर जीत हासिल की थी। 2022 के चुनावों से पहले छोटू वसावा ने महेश वसावा को पार्टी की कमान सौंप दी थी। महेश वसावा ने पिता का टिकट काट खुद को झगड़िया से उम्मीदवार घोषित कर दिया था। इसके बाद छोटू वसावा को निर्दलीय लड़ना पड़ा था। जिसमें उनकी ह���र हुई थी। महेश वसावा ने बाद में बड़े विवाद के बाद पर्चा वापस लिया था, लेकिन इस सीट पर तब बीजेपी पहली बार कमल खिलाने में सफल रही थी। इसके बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले छोटू वसावा के छोटे बेटे दिलीप वसावा ने अन्य आदिवासी नेताओं के साथ भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) बना ली थी। इस पार्टी ने राजस्थान और मध्यप्रदेश में चार सीटों पर जीत हासिल की थी। http://dlvr.it/T3Vnl3
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*भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व एवं गुजरात प्रदेश अध्यक्ष श्री C R Paatil साहब के निर्देशानुसार हमारे प्रभारी एवं भाजपा सुरत महानगर के महामंत्री श्री Kishor Bindal जी द्वारा मुझे राजस्थान के विधानसभा मैं भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार-प्रसार एवं भाजपा को मजबूत करने का जो दायित्व दिया गया है उसके लिए मैं हार्दिक आभार प्रकट करता हु !!*
🙏🏻✌🏽🙏🏻✌🏽
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कार्यकर्ताओं को मिलकर जिले में खिलाना है कमल - विधायक वसावा
कार्यकर्ताओं को मिलकर जिले में खिलाना है कमल - विधायक वसावा
गुजरात भारतीय जनता पार्टी विधायक शाजापुर जिले के सात दिवसीय संगठनात्मक प्रवास पर आए हुए हैं। वे जिले की शाजापुर, शुजालपुर एवं कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों से चाय पर चर्चा कर क्षेत्र के मुद्दों को समझने का प्रयास कर रहे है। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी विजय जोशी नेे बताया केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार देश के विभिन्न राज्यों के पार्टी विधायक मध्यप्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में सात दिवसीय प्रवास पर है। शाजापुर जिले में गुजरात राज्य के विधायक प्रवास कर रहे हैं। जिसमे शाजापुर विधानसभा में विधायक एवं पूर्व मंत्री गणपत भाई वसावा, शुजालपुर विधानसभा में विधायक जयंतीभाई राठवा, कालापीपल विधानसभा में विधायक राजेंद्र सिंह राठवा, क्षेेत्र में प्रवास कर रहे हैं। मंगलवार को गुजरात के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक गणपत भाई बसावा ने शाजापुर नगर का प्रवास किया जिसमे जिला पदाधिकारियों मोर्चा पदाधिकारियों नगर मंडल पदाधिकारी एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में भाग लिया एवं संबोधित करते हुए कहा कि आगामी 2023 के होने वाले विधानसभा चुनाव सेमी फाइनल है और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव फाइनल है इसके लिए सभी कार्यकर्ता पूरी तरह तैयार हो जाएं जिससे कि हम सेमीफाइनल और फाइनल दोनों चुनाव ऐतिहासिक मतों से विजय हो सके। उन्होंने कहा कि 2003 के पहले का मध्य प्रदेश और 2014 के पहले का भारत कैसा था हम सब जानते हैं सरकार ने जो विकास और विभिन्न कार्य किए हैं उन्हीं को लेकर हमें आम जनों के बीच में जाना है और भारतीय जनता पार्टी की सरकार मध्यप्रदेश में भी बने और केंद्र में भी बने इसके लिए कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ इस चुनावी कार्य में लग जाएं। हम सभी कार्यकर्ताओं को मिलकर शाजापुर जिले की तीनों विधानसभा में कमल का फूल खिलाना है। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक नायक ने कहा कि मध्यप्रदेश की 230 विधानसभाओं में अलग-अलग प्रदेशों के विधायक गण प्रवास पर हैं और इसी कड़ी में शाजापुर जिले की तीनों विधानसभाओं में गुजरात प्रांत के विधायक प्रवास पर आए है,जो की सभी कार्यकर्ताओ के बीच पहुंचेंगे। कार्यक्रम में जिला महामंत्री एवं विधायक प्रवास कार्यक्रम के जिला प्रभारी संतोष बराड़ा ने सात दिवस के विधायक प्रवास कार्यक्रम की रूपरेखा से सभी को अवगत कराया। इस अवसर पर प्रदेश मंत्री क्षितिज भट्ट, जिला महामंत्री दिनेश शर्मा, पूर्व विधायक पुरषोत्तम चंद्रवंशी, अरुण भीमावद, कार्यक्रम के विधानसभा प्रभारी अर्जुन पाटीदार, विधानसभा विस्तारक गौरव तोमर विधानसभा संयोजक प्रदीप चंद्रवशी, मंडल अध्यक्ष नवीन राठौर सहित जिला पदाधिकारी, मोर्चा जिलाध्यक्ष, मंडल पदाधिकारी सहित वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। प्रवास में शामिल कार्यक्रम प्रवासी विधायकों के कार्यक्रम में विधानसभा कोर कमेटी की बैठक, मंडल स्तरीय मूल्यांकन बैठक, मंडल स्तरीय सत्यापन बैठक, मोर्चा एवं प्रकोष्ठ के नेताओं के साथ बैठक, भाजपा के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा, संपर्क से समर्थन अंतर्गत प्रभावशाली और महत्वपूर्ण मतदाताओं से संपर्क, घर-घर संपर्क अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों के पत्रक लेकर घर-घर संपर्क, समूूह बैठक, केंद्र एवं प्रदेश सरकार के लाभ��र्थियों के साथ बातचीत, वरिष्ठ कार्यकर्ता बैठक, विचार परिवार समन्वय बैठक आदि शामिल हैं।
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'मासूम बालक' सा वह, जिस पर मोदी ही नहीं, एक पूरी पीढ़ी फिदा थी, कहानी मेघालय के बेटे संगमा की
Delhi: नई दिल्ली: पहली बार जब वह स्पीकर बने थे... मैं संसद की कार्यवाही देखने में इसलिए रुचि रखता था क्योंकि स्पीकर की कुर्सी पर संगमा जी बैठे होते थे। किसी भी मसले पर उनका बॉडी लैंग्वेज आप याद कीजिए। एक छोटे निर्दोष बालक की तरह... सबके मन में उनका यह रूप बस गया था। उसका मूल कारण आदिवासियों के भीतर की निर्मलता थी। वह साल था 2012 और ये शब्द गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के थे। मोदी ने तब कहा था कि पीए संगमा 9 बार संसद के सदस्य रहे हैं, 18 साल केंद्र में मंत्री रहे, मेघालय प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे लेकिन कभी भी सीबीआई नहीं आई। एक दाग नहीं लगा। उस रोज कार्यक्रम में खूब तालियां बजी थीं। आज जब मेघालय विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे आ गए हैं तो राज्य ही नहीं, पूरे देश को पीए संगमा याद आ रहे हैं। मेघालय की 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों पर वोटिंग हुई थी। नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने सबसे ज्यादा 26 सीटें जीती हैं। 2013 में लोकसभा के पूर्व स्पीकर PA Sangma ने ही इस पार्टी की स्थापना की थी। आज उनके बेटे कोनराड संगमा (45) राज्य के मुख्यमंत्री हैं और एक बार फिर सरकार बनाने जा रहे हैं। http://dlvr.it/SkJJYD
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क्या मोदी ने छग में भी किया था 15 लाख देने का वादा ?
नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। दोस्तों आज हम आपको एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं जिसकी चर्चा तो हमारे छत्तीसगढ़ की ज़मीन पर हुई थी मगर देखते ही देखते यह पूरे देश में फ़ैल गई और आज भी कभी कभार यह चर्चा हो उठती है। बात है 7 नवंबर साल 2013 की उस समय वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2013 की वोटिंग की…
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गुजरात चुनाव के नतीजे संदेश देते हैं कि मोदी 2024 में फिर से प्रधानमंत्री चुने जाएंगे: अमित शाह
गुजरात चुनाव के नतीजे संदेश देते हैं कि मोदी 2024 में फिर से प्रधानमंत्री चुने जाएंगे: अमित शाह
गांधीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि हाल में संपन्न गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इससे यह संदेश गया है कि नरेंद्र मोदी 2024 में फिर से प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाएंगे। विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि गुजरात के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को…
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Saroj Pandey छत्तीसगढ़ में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होना है। वहीं दूसरी ओर कुछ दिनों के भीतर केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। ऐसे सुगबुगाहट इस बात की है कि विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार छत्तीगसढ़ को बड़ी सौगात दे सकती है। माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में छत्तीसगढ़ के किसी सांसद को जगह मिल सकती है। मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले नेताओं के कुछ नाम भी सामने आए हैं। Saroj Pandey कयासों की बात करें तो रायपुर संसद सुनील सोनी, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर के सांसद अरुण साव शामिल को मोदी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। वहीं, ऐसा भी माना जा रहा है कि दुर्ग सांसद विजय बघेल का नाम भी इस सूची में है। इनके अलावा नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को भी दिल्ली बुलाया गया है। हालांकि भाजपा की ओर से आधिकारिक रूप से इस दौरे को लेकर कुछ कहा नहीं गया है। बीजेपी के सांसद दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे और प्रदेश के हालात पर मंत्रणा करेंगे। बताया जा रहा है कि दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग होने जा रही है। इस मीटिंग में मोदी कैबिनेट में किसे जगह दी जाए इस पर रायशुमारी होगी। प्रदेश के सांसद इस बात पर जोर देंगे कि प्रदेश से भी किसी चेहरे को मोदी कैबिनेट में जगह दी जाए, ताकी विधानसभा चुनाव में इसका फायदा पार्टी को मिले। इसी वजह से तमाम नेता दिल्ली पहुंचे हैं। छत्तीसगढ़ में 2023 के आखिरी में विधानसभा चुनाव होना है। छत्तीसगढ़ में अभी कांग्रेस की सरकार है। सत्ता में वापसी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को घेरने की रणनीति पर भारतीय जनता पार्टी काम कर रही है। भाजपा ने पिछले साल छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को बदला था। पार्टी गुजरात फार्मूले की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी चुनावी रणनीति पर काम कर रही है।
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महाराष्ट्र के सारे प्रोजेक्ट गुजरात को दिए, गुजरात से हमें EVM मिली… रिजल्ट पर रोहित पवार ने उठाए सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की बंपर जीत के बात शरद पवार के पोते रोहित पवार ने मीडिया में बातचीत के दौरान कहा कि चुनावी नतीजे हैरान करने वाले हैं. पार्टी के नेताओं की अपेक्षाओं से सबकुछ बिल्कुल ही उल्टा है. उन्होंने कहा कि हमारी या फिर सर्वे एजेंसियों के तरफ से किए गए सर्वे के मुताबिक, हमारे उम्मीदरवारों के जीतने की संख्या 120-130 तक होने वाली थी, लेकिन नतीजों में 40-50 तक इसकी संख्या…
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बीजेपी को 2017 की तुलना में 52% से ज्यादा वोट मिले, सौराष्ट्र, मध्य, उत्तरी गुजरात में 14 सीटों का नुकसान
बीजेपी को 2017 की तुलना में 52% से ज्यादा वोट मिले, सौराष्ट्र, मध्य, उत्तरी गुजरात में 14 सीटों का नुकसान
एक्सप्रेस न्यूज सर्विस अहमदाबाद: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुजरात विधानसभा चुनाव में 156 सीटें जीतकर इतिहास रच रही है, इसके अलावा भाजपा ने 52.50% वोट शेयर हासिल किया है. गुजरात के इतिहास में आधिकारिक तौर पर ऐसा पहले कभी नहीं हु��, जहां भाजपा को वोट देने वालों का प्रतिशत 50% से अधिक था। लेकिन गुजरात की ही 37 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों को पिछले साल के मुकाबले कम वोट मिले. इन सीटों में से कांग्रेस…
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��्पीड न्यूज: एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में बीजेपी की सरकार बन रही है. गुजरात चुनाव 2022
स्पीड न्यूज: एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में बीजेपी की सरकार बन रही है. गुजरात चुनाव 2022
स्पीड न्यूज: एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में बीजेपी की सरकार बन रही है. गुजरात चुनाव 2022 Source link
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हिमाचल संकट तो बस झांकी है, कांग्रेस को अपने परंपरागत गढ़ों में झुलसाएगी राम मंदिर बायकॉट की तपिश
नई दिल्ली : अयोध्या में बने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी बनाकर कांग्रेस ने क्या बड़ी गलती कर दी है? ये हम नहीं कह रहे बल्कि पार्टी में जारी उठापटक और नेताओं के कांग्रेस ��े हो रहे मोहभंग के चलते ये सवाल उठे हैं। इस एक फैसले की वजह से पार्टी आलाकमान को लगातार झटके लग रहे हैं। कई नेता राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व के फैसले को पचाने के मूड में नहीं दिख रहे। इसका ताजा उदाहरण हिमाचल में दिखा, जहां कांग्रेस की पूर्ण बहुमत सरकार पर ही संकट के बादल घिर चुके हैं। पार्टी के 6 विधायक कांग्रेस खेमा छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। हिमाचल सरकार पर आए इस संकट की अहम वजह राम मंदिर पर पार्टी नेतृत्व का स्टैंड ही है। ये अकेला मामला नहीं है इसी मुद्दे को लेकर पार्टी के दिग्गज नेता प्रमोद कृष्णम भी बागी हुए। जिन्हें बाद में कांग्रेस ने पार्टी से निष्काषित कर दिया। इसलिए कांग्रेस में खड़ा हुआ सियासी तूफान राम मंदिर कार्यक्रम के बहिष्कार संबंधी कांग्रेस आलाकमान के फैसले ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। बीजेपी भी इस नाराजगी का फायदा उठाने और कांग्रेस के भीतर मचे आंतरिक कलह को भुनाने की तैयारी में है। लोकसभा चुनाव बेहद करीब हैं, ऐसे में कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी-रायबरेली सीट पर सबकी निगाहें होंगी। दोनों ही सीटों के चुनाव गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी पार्टी एक चुनौतीपूर्ण फेज से गुजर रही है। हिमाचल प्रदेश में देखे गए राजनीतिक उथल-पुथल का असर कांग्रेस पार्टी के गढ़ अमेठी और रायबरेली में भी देखने को मिल सकता है। शिमला से अमेठी और रायबरेली की दूरी करीब 1000 किलोमीटर से ज्यादा है, लेकिन वहां उठा तूफान जल्द ही उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार के गढ़ को प्रभावित कर सकता है। अमेठी-रायबरेली में दिखेगा राम मंदिर मुद्दे का असर अमेठी और रायबरेली को लेकर सवाल इसलिए भी उठ रहे क्योंकि दोनों ही सीटें यूपी की हैं। अमेठी सीट पर राहुल गांधी 2019 का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। उन्हें बीजेपी की दिग्गज नेता स्मृति ईरानी ने शिकस्त दी थी। वहीं रायबरेली की बात करें तो अब तक यहां से सोनिया गांधी सांसद रही हैं। हालांकि, इस बार वो राज्यसभा चली गई हैं। ऐसे में चर्चा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा इस सीट से दावेदारी कर सकती हैं। हालांकि, सूबे में जिस तरह का माहौल देखने को मिल रहा उसमें राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व के स्टैंड का असर इन सीटों पर आगामी लोकसभा चुनाव में नजर आ सकता है। पार्टी से भी दूर हो रहे कई नेता उधर राम मंदिर उद्घाटन के बाद कांग्रेस के कई नेता भी पार्टी से दूर हुए हैं। इनमें आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम प्रमुख है। जिनके बागी तेवर को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए ��िष्कासित कर दिया था। कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम और राष्ट्र पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। इससे पहले वो लगातार राम मंदिर पर कांग्रेस आलाकमान के स्टैंड को लेकर सवाल खड़े करते रहे। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी को कल्कि धाम मंदिर की नींव रखने को लेकर न्योता भी दिया था। जिसके बाद पीएम मोदी, उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्रीकल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास के लिए पहुंचे भी थे। हिमाचल में तो सरकार पर ही संकट राम मंदिर मुद्दे का असर यूपी, हिमाचल ही नहीं गुजरात, मध्य प्रदेश में भी देखने को मिला। गुजरात में कांग्रेस के दिग्गज विधायक सीजे चावड़ा ने पार्टी छोड़ दी। 65 वर्षीय सीजे चावड़ा मेहसाणा के विजापुर सीट से विधायक थे। एमपी की बात करें तो कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और उनके बेटे को लेकर ऐसी खबरें आईं कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इसमें भी राम मंदिर का ही मुद्दा अहम था। ऐसी चर्चा थी कि कमलनाथ सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रहे थे। उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कई ऐसे फैसले लिए जिसमें पता चला कि वो पार्टी से जुदा राह ले चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस को सूबे में विधानसभा चुनाव के दौरान करारी शिकस्त मिली। इसी के बाद कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। अब उनके पार्टी से दूरी की खबरें आ रही थीं। हालांकि, खुद कमलनाथ ने उनके बीजेपी में जाने की खबरों को खारिज किया। उन्होंने दो टूक कहा कि वो कहीं नहीं जा रहे हैं। उधर उनके बेटे नकुलनाथ ने भी कुछ ऐसा ही ऐलान किया। क्या राम को समझने में कांग्रेस ने भूल कर दी? फिलहाल कमलनाथ के स्टैंड क्लीयर करने से मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जोर का झटका तो नहीं लगा। हालांकि, पार्टी की स्थिति पर सवाल जरूर खड़े हो रहे। झारखंड में भी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जोरदार झटका लगा। चाईबासा सीट से पार्टी की सांसद गीता कोड़ा… http://dlvr.it/T3TVXW
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Gujarat Election 2022 Voting: गुजरात में पहले चरण के लिए 89 सीटों पर मतदान जारी
Gujarat Election 2022 Voting: गुजरात में पहले चरण के लिए 89 सीटों पर मतदान जारी
Gujarat Election 2022 Voting: गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान जारी है। राज्य की 89 विधानसभा सीटों पर गुरुवार सुबह 8 बजे वोटिंग शुरू हो गई थी। पहले घंटे में लगभग पांच फीसदी मतदान दर्ज किया जा चुका था, जबकि सुबह 11 बजे तक 18.95 फीसदी मतदान हुआ। कई पोलिंग बूथ पर सुबह से ही मतदाताओं की लाइन लगनी शुरू हो गई थी। अभी भी पोलिंग बूथ के बाहर लोग अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। गुजरात के…
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गुजरात: महिला कॉलेज के प्राधानाचार्य ने छात्राओं से भाजपा की ''पन्ना प्रमुख'' बनने को कहा
गुजरात: महिला कॉलेज के प्राधानाचार्य ने छात्राओं से भाजपा की ”पन्ना प्रमुख” बनने को कहा
गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक आने से पूर्व राजनीति विवाद शुरू हो गया है। भावनगर महिला कॉलेज के एक प्रधानाचार्य के आदेश जारी कर छात्राओं से बीजेपी का पन्ना प्रमुख बनने को कहा है जिसे लेकर विवाद खड़ा हो . Source link
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