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पीएम मोदी आज गुजरात में प्रमुख रेलवे परियोजनाओं, अन्य आकर्षणों का उद्घाटन करेंगे
पीएम मोदी आज गुजरात में प्रमुख रेलवे परियोजनाओं, अन्य आकर्षणों का उद्घाटन करेंगे
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (16 जुलाई) को गुजरात में विभिन्न प्रमुख रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसमें उनके गृहनगर वडनगर में एक नया रेलवे स्टेशन शामिल होगा, जहां वे बचपन में चाय बेचते थे। पर्यटन मंत्रालय ने म���जूदा स्टेशन भवन और उसके प्रवेश द्वार को हेरिटेज लुक देने के लिए 8.5 करोड़ रुपये खर्च किए। उद्घाटन में अहमदाबाद के साइंस सिटी और अन्य रेलवे स्टेशनों में तीन समाचार आकर्षण भी…
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भारत के पहले पुर्नोत्थान स्टेशन की तस्वीरें देखें
भारत के पहले पुर्नोत्थान स्टेशन की तस्वीरें देखें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जुलाई को स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। (फाइल) नई दिल्ली: लग्जरी होटल, थीम आधारित लाइटिंग और इंटरफेथ प्रार्थना हॉल जैसी सुविधाओं के साथ भारत का पहला पुनर्विकास स्टेशन 16 जुलाई को देश के लिए खुला रहेगा। पश्चिमी रेलवे के अनुसार, गुजरात के गांधीनगर राजधानी रेलवे स्टेशन में बेहतर सुविधाएं, सौंदर्य स्टेशन निर्माण और एक आधुनिक रूप होगा। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने…
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गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा स्टेशन जहां रेलवे ट्रैक पर बना 318 कमरे वाला 5 स्टार होटल
चैतन्य भारत न्यूज गांधीनगर. भारतीय रेलवे तेजी से अपने स्वरूप को बदल रहा है। अब भारतीय रेलवे ने नया कीर्तिमान हासिल करते हुए रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक के ऊपर अपना पहला फाइव स्टार होटल बना डाला है। दरअसल गुजरात के गांधीनगर कैपिटल स्टेशन को भारतीय रेलवे ने पूरी तरह से अपग्रेड कर दिया है, जिसे विश्व स्तरीय आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस किया गया है। बता दें यह भारत का पहला पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन है भारतीय रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पुनर्विकसित गांधीनगर रेलवे स्टेशन के ऊपर नवनिर्मित पांच सितारा होटल और कई अन्य बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वहीं पुनर्विकसित गांधीनगर राजधानी स्टेशन पर यात्रियों को एक बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए विशेष प्रकार की लाइट की व्यवस्था की गई है। The spectacular Gandhinagar Capital Railway Station! #NayeBharatKaNayaStation pic.twitter.com/lUGqAKPAzT — Darshana Jardosh (@DarshanaJardosh) July 14, 2021 गांधीनगर रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के साथ, देश में सम्पूर्ण स्टेशन परिदृश्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास शहर को बढ़ावा देने वाले घटकों के रूप में कार्य करेगा, निवेश चक्र का निर्माण करेगा, नौकरी के अवसरों का सृजन करेगा और मोटे तौर पर गुजरात राज्य की राजधानी, गांधीनगर की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा। यह एक अनूठी परियोजना है, जिसमें आईआरएसडीसी (भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम) के माध्यम से गुजरात सरकार और रेल मंत्रालय की साझेदारी में गरुड़ (गांधीनगर रेलवे और शहरी विकास निगम) नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी का गठन किया गया है। यात्रियों को मिलेंगी एयरपोर्ट जैसी सुविधा गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को फाइव स्टार होटल, थीम ��ेस्ड लाइटनिंग, सभी धर्मों के अनुयायियों के एक प्रेयर हॉल और साथ ही अलग से एक बेबी फीडिंग रूम भी मुहैया कराया जाएगा। रेलवे के अधिकारियों की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। इस स्टेशन पर एक एसी लाउंज है जहां पर 40 लोगों के बैठने की सुविधा है। इस स्टेशन की रूपरेखा साल 2016 में तैयार की गई थी। गांधीनगर रेलवे स्टेशन इंडियन रेलवे के उस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसमें स्टेशनों को पूरे हफ्ते वर्ल्ड क्लास ट्रांसपोर्ट और बिजनेस हब्स में बदला जाएगा। इन केंद्रों को ‘रेलोपोलिस’ के तौर पर जाना जाएगा। इन स्टेशनों पर ट्रांसपोर्ट के अलावा कई बिजनेस मौके भी लोगों को मिलेंगे ताकि बड़े निवेश को आकर्षित किया जा सके। 318 कमरे वाला है फाइव स्टार होटल भारतीय रेलवे ने गुजरात के गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन में रेलवे ट्रैक के ऊपर फाइव स्टार होटल बना कर सभी को चौंका दिया है। यह रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के वेस्टर्न रेलवे जोन के अंतर्गत आता है। भारतीय रेलवे की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि इस लग्जरी होटल में 318 कमरे होंगे और एक प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन की ओर से इसे ऑपरेट किया जाएगा। जानकारी के अनुसार यह होटल 7,400 वर्ग मीटर में फैला है और इसे 790 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। रेलवे के मुताबिक गांधीनगर कैपिटल स्टेशन पर बदलती थीम पर आधारित इस लाइटिंग के साथ बिल्डिंग का बाहरी रूप बड़ा ही खूबसूरत नजर आता है। रंग-बिरंगी रोशनी से सजे गांधीनगर कैपिटल स्टेशन का शानदार नजारा!!!#NayeBharatKaNayaStation pic.twitter.com/cRxaDZb81u — Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 13, 2021 दो नई ट्रेनों की होगी शुरुआत दो नई ट्रेन 16 जुलाई 2021 से शुरू की जा रही हैं। पहली वाराणसी के लिए एक साप्ताहिक सुपरफास्ट और दूसरी वरेथा के लिए एक दैनिक मेमू ट्रेन सेवा की शुरुआत हो रही है। इस क्षेत्र के लिए रेल मंत्रालय के पास कई महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं, और चूंकि गांधीनगर क्षेत्र को स्टेशन के पुनर्विकास की इन पहलों के कारण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है, इसलिए अधिक ट्रेन सेवाएं शुरू की जा सकती हैं। जानकारी के अनुसार पीएम मोदी वर्चुअल इवेंट के दौरान गांधीनगर-वाराणसी साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन और गांधीनगर-वरेथा मेमू ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, गुजरात के सीएम विजय रूपानी समेत कई अधिकारी गांधीनगर में एक समारोह में मौजूद रहेंगे। निजी कंपनी इसका संचालन करेगी। इसके दोनों तरफ अंडरपास बनाए गए हैं। होटल तक पह���ंचने के लिए 1500 यात्रियों को स्टेशन पर हैंडल किया जा सकेगा। इसकी क्षमता 2200 तक बढ़ाई जा सकती है। परियोजना की परिकल्पना पर 2017 में काम शुरू हुआ था। रेलवे स्टेशन 100 फीसद दिव्यांगों के लिए अनुकूल होगा। रेलवे स्टेशन के दोनों ओर 105 मीटर की लोहे की मेहराब लगाई गई हैं, जिनमें कहीं पर जोड़ नहीं है। 1100 मीटर की खुली जगह व एक वातानुकूलित हाल उपलब्ध होगा। सामाजिक व पारिवारिक समारोह के लिए 93 करोड़ रुपये स्टेशन के नवनिर्माण पर खर्च किए गए हैं। स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म, दो एस्कैलेटर्स, तीन एलिवेटर व दो पदयात्री सबवे का निर्माण किया गया है। आठ आर्ट गैलरी हैं, जिनमें गुजरात के ऐतिहासिक स्थलों व लोककला का प्रदर्शन किया गया है। स्टेशन का उद्देश्य पोर्टलैंड पॉज़ोलाना सीमेंट, फ्लाई ऐश ईंटों आदि जैसी टिकाऊ सामग्रियों के उपयोग के माध्यम से प्राकृतिक निर्मित पर्यावरण का संरक्षण करना और ऊर्जा कुशल डिजाइनों, वर्षा जल संचयन और पानी के पुन:उपयोग के माध्यम से पानी, बिजली की आवश्यकताओं को कम करना है। इस कार्यक्रम के लिए न केवल रेलवे स्टेशनों अपितु बड़े पैमाने पर शहरों और देश के आत्मानिर्भर भारत की ओर बढ़ने के संकल्प और कायाकल्प में सहायता के लिए सार्वजनिक और निजी साझेदारी परियोजनाओं में निर्माणकर्ताओं, निर्माता, अनुबंधकर्ताओं, योजनाकारों, वास्तुकारों, डिजाइनरों, खुदरा विक्रेताओं, विज्ञापनदाताओं, और सबसे महत्वपूर्ण, निवेशकों/डेवलपर्स के समर्थन और सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है। Read the full article
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भारत साहसिक निर्णय ले रहा है और उन्हें तेजी के साथ लागू कर रहा है: पीएम मोदी.
भारत साहसिक निर्णय ले रहा है और उन्हें तेजी के साथ लागू कर रहा है: पीएम मोदी.नमस्ते, गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी, केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी अमित शाह जी, हरदीप सिंह पुरी जी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जी, गुजरात सरकार के मंत्रिगण, सांसद और विधायकगण, अहमदाबाद और सूरत के मेरे प्यारे भाइयो और बहनों। उत्तरायण की शुरूआत में आज अहमदाबाद और सूरत को बहुत ही अहम उपहार मिल रहा है। देश के दो बड़े व्यापारिक केन्द्रों अहमदाबाद और सूरत में मेट्रो इन शहरों में connectivity को और मजबूत करने का काम करेगी। कल ही केवड़िया के लिए नए रेलमार्ग और नई ट्रेनों की शुरूआत हुई है। अहमदाबाद से भी आधुनिक जन-शताब्दी एक्सप्रेस अब केवड़िया तक जाएगी। इस शुभारंभ के लिए मैं गुजरात के लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं। भाइयो और बहनों, आज 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के infrastructure का काम शुरू हो रहा है। 17 हजार करोड़ रुपये, ये दिखाता है कि कोरोना के इस काल में भी नए infrastructure के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं। बीते कुछ दिनों में ही देश भर में हजारों करोड़ रुपये के infrastructure project का या तो लोकर्पण किया गया है या फिर नए projects पर काम शुरू हुआ है। साथियों, अहमदाबाद और सूरत, दोनों गुजरात की और भारत की आत्मनिर्भरता को सशक्त करने वाले शहर हैं। मुझे याद है, जब अहमदाबाद में मेट्रो की शुरुआत हुई थी, तो वो कितना अद्भुत पल था। लोग छत पर खड़े थे। लोगों को चेहरों पर जो खुशी थी, वो शायद ही कोई भूल पाएगा। मैं ये भी देख रहा हूं कि अहमदाबाद के सपनों ने, यहाँ की पहचान ने कैसे खुद को मेट्रो से जोड़ लिया है। अब आज से अहमदाबाद मेट्रो के दूसरे चरण पर काम शुरु हो रहा है। अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में अब मोटेरा स्टेडियम से महात्मा मंदिर तक एक कॉरिडोर बनेगा और दूसरे कॉरिडोर से GNLU और Gift City आपस में जुड़ेंगे। इसका लाभ शहर के लाखों लोगों को होगा। साथियों, अहमदाबाद के बाद सूरत गुजरात का दूसरा बड़ा शहर है, जो मेट्रो जैसे आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ेगा। सूरत में मेट्रो नेटवर्क तो एक प्रकार से पूरे शहर के महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्रों को आपस में कनेक्ट करेगा। एक कॉरिडोर सरथना को ड्रीम सिटी से तो दूसरा कॉरिडोर भेसन को सरोली लाइन से जोड़ेगा। मेट्रो के इन प्रोजेक्ट्स की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये आने वाले वर्षों की जरूरतों का आकलन करते हुए भी बनाए जा रहे हैं। यानि जो आज इन्वेस्टमेंट हो रहा है, उससे हमारे शहरों को आने वाले कई सालों तक बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।भाइयों और बहनों, पहले की सरकारों की जो अप्रोच थी, हमारी सरकार कैसे काम कर रही है, इसका बेहतरीन उदाहरण, क्या फर्क था ये भली भांति देश में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से पता चलता है। 2014 से पहले के 10-12 साल में सिर्फ सवा 2 सौ किलोमीटर मेट्रो लाइन ऑपरेशनल हुई थी। वहीं बीते 6 साल में साढ़े 4 सौ किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। इस समय देश के 27 शहरों में 1000 किलोमीटर से ज्यादा के नए मेट्रो नेटवर्क पर काम चल रहा है। साथियों, एक समय था जब हमारे देश में मेट्रो के निर्माण को लेकर कोई आधुनिक सोच नहीं थी। देश की कोई मेट्रो पॉलिसी भी नहीं थी। नतीजा ये हुआ कि अलग-अलग शहरों में अल��-अलग तरह की मेट्रो, अलग-अलग तकनीक और व्यवस्था वाली मेट्रो बनने लगी। दूसरी दिक्कत ये थी कि शहर के बाकी ट्रांसपोर्ट सिस्टम का मेट्रो के साथ कोई तालमेल ही नहीं था। आज हम शहरों के transportation को एक integrated system के तौर पर विकसित कर रहे हैं। यानी, बस, मेट्रो, रेल सब अपने अपने हिसाब से नहीं दौड़े, बल्कि एक सामूहिक व्यवस्था के तौर पर काम करें, एक-दूसरे के पूरक बनें। यहां अहमदाबाद मेट्रो में ही जो नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड, जब मैं वहां आया था, लॉन्च हुआ था, वो भविष्य में इस इंटीग्रेशन में और मदद करने जा रहा है। साथियों, हमारे शहरों की आज की क्या ज़रूरत है और आने वाले 10-20 सालों में क्या ज़रूरत होगी, इस विजन को लेकर हमने काम शुरु किया। अब जैसे सूरत और गांधीनगर को ही ले लीजिए। दो दशक पहले सूरत की चर्चा इसके विकास से भी ज्यादा प्लेग जैसी महामारी के लिए होती थी। लेकिन सूरतवासियों में सभी को गले लगाने का जो स्वाभाविक गुण है, उसने स्थितियों को बदलना शुरु कर दिया। हमने हर उद्यम को गले लगाने वाली Surat Spirit पर बल दिया। आज सूरत आबादी के लिहाज़ से एक तरफ देश का 8वां बड़ा शहर है, लेकिन दुनिया का चौथा सबसे तेज़ी से विकसित होता शहर भी है। दुनिया के हर 10 हीरों में से 9 सूरत में तराशे जाते हैं। आज देश में कुल Man made Fabric का 40 प्रतिशत और Man- made Fiber का करीब 30 प्रतिशत Production हमारे सूरत में होता है। आज सूरत देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर है। भाइयों और बहनों, ये सब कुछ एक बेहतर प्लानिंग और संपूर्णता की सोच के साथ संभव हो पाया है। पहले सूरत में करीब 20 प्रतिशत आबादी झुग्गियों में रहती थी, अब गरीबों को पक्के घर मिलने से ये घट करके 6 प्रतिशत रह गई है। शहर को भीड़भाड़ से ��ुक्त करने के लिए बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर अनेक दूसरे कदम उठाए। आज सूरत में 100 से ज्यादा पुल हैं, जिनमें से 80 से ज्यादा बीते 20 सालों में बनाए गए हैं और 8 पुलों का निर्माण जारी भी है। इसी तरह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स, इसकी कैपेसिटी बढ़ाई गई। आज सूरत में करीब एक दर्जन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स हैं। सीवेज ट्रीटमेंट से ही सूरत को आज करीब 100 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हो रही है। बीते सालों में सूरत में बेहतरीन आधुनिक अस्पतालों का निर्माण किया गया। इन सभी प्रयासों से सूरत में Ease of Living बेहतर हुई। आज हम देखते हैं कि सूरत एक भारत श्रेष्ठ भारत का कितना बेहतर उदाहरण है। यहां हमें पूर्वांचल, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, नॉर्थ ईस्ट, देश के कोने-कोने से अपना भाग्य चमकाने के लिए आए हुए लोग, हमारे उद्यमी लोग, शिष्ट और समर्पण के साथ लगे हुए लोग, एक प्रकार से जीता-जागता सपनों से भरा हुआ लघु भारत सूरत की धरती पर पनपा है। ये सभी साथी मिलकर सूरत के विकास को नई बुलंदी देने के लिए काम कर रहे हैं। साथियों, इसी तरह गांधीनगर, पहले की उसकी पहचान क्या होती थी। ये शहर सरकारी नौकरी करने वालों का, रिटायर्ड लोगों का एक प्रकार से ढीला-ढाला, सुस्त, ऐसा एक क्षेत्र बन गया था, उसको शहर ही नहीं कह सकते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में हमने गांधीनगर की इस छवि को तेजी से बदलते हुए देखा है। अब जहां कहीं भी जाएँगे, गांधीनगर में आपको युवा दिखेंगे, नौजवान दिखेंगे, सपनों का अम्बार दिखेगा। आज गांधीनगर की पहचान है- IIT गांधीनगर, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, National Forensic Science University, रक्षा शक्ति University, NIFT. आज गांधीनगर की पहचान है- Pandit Deendayal Petroleum University, Indian Institute of Teacher Education, Dhirubhai Ambani Institute of Information and Communication Technology, National Institute of Design (NID), बाईसेग। अनगिनत, अनगिनत मैं कह सकता हूं। इतने कम समय में भारत का भाग्य गढ़ने वाले लोगों का गढ़ना निर्माण कार्य गांधीनगर की धरती पर हो रहा है। इन संस्थानों से केवल शिक्षा के क्षेत्र में ही परिवर्तन नहीं आया बल्कि इन संस्थानों के साथ साथ कंपनियों के कैम्पस भी यहाँ आना शुरू हुए, गांधीनगर में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े। इसी तरह, गांधीनगर में महात्मा मंदिर, conference tourism को भी बढ़ा रहा है। अब professionals, diplomats, thinkers और leaders यहाँ आते हैं, कॉन्फ्रेंस करते हैं। इससे शहर को एक नई पहचान भी मिली है औऱ एक नयी दिशा भी मिली है। आज गांधी नगर के शिक्षा संस्थानों, आधुनिक रेलवे स्टेशन, गिफ्ट सिटी, ऐसे प्रोजेक्ट्स, इंफ्रा के अनेक आधुनिक प्रोजेक्ट्स, इसने गांधीनगर को जीवंत कर दिया है, एक प्रकार से ��्वपनिल शहर बना दिया है। साथियों, गांधीनगर के साथ ही अहमदाबाद में ही ऐसी अनेकों परियोजनाएं हैं जो आज शहर की पहचान बन चुकी हैं। साबरमती रिवर फ्रंट हो, कांकरिया लेक-फ्रंट हो, वाटर एरोड्रम हो, बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम हो, मोटेरा में विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम हो, सरखेज का छह लेन - गांधीनगर हाईवे हो, अनेकानेक प्रोजेक्टस बीते वर्षों में बने हैं। एक प्रकार से अहमदाबाद की पौराणिकता को बनाए रखते हुए, शहर को आधुनिकता का आवरण पहनाया जा रहा है। अहमदाबाद को भारत का पहला "World Heritage City" घोषित किया गया है। अब अहमदाबाद के पास धोलेरा में नया एयरपोर्ट भी बनने वाला है। इस एयरपोर्ट को अहमदाबाद से कनेक्ट करने के लिए अहमदाबाद-धोलेरा मोनोरेल को भी हाल में स्वीकृति दी जा चुकी है। इसी तरह अहमदाबाद और सूरत को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन पर भी काम प्रगति पर है। साथियों, गुजरात के शहरों के साथ-साथ ग्रामीण विकास में भी बीते सालों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। विशेष रूप से गांवों में सड़क, बिजली, पानी की स्थिति में कैसे बीते 2 दशकों में सुधार आया है, वो गुजरात की विकास यात्रा का बहुत अहम अध्याय है। आज गुजरात के हर गांव में All Weather Road कनेक्टिविटी है, जनजातीय क्षेत्रों के गांवों में भी बेहतर सड़कें हैं। साथियों, हम में से अधिकांश ने वो दौर देखा है जब गुजरात के गांवों तक ट्रेन और टैंकरों से पानी पहुंचाना पड़ता था। आज गुजरात के हर गांव तक पानी पहुंच चुका है। इतना ही नहीं अब करीब 80 प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंच रहा है। जल जीवन मिशन के तहत राज्य में 10 लाख नए पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। बहुत जल्द गुजरात के हर घर तक नल से जल पहुंचने वाला है। साथियों, सिर्फ पीने का पानी ही नहीं, बल्कि सिंचाई के लिए भी आज गुजरात के उन क्षेत्रों तक पानी पहुंचा है, जहां कभी सिंचाई की सुविधा असंभव मानी जाती थी, सपने में भी कोई सोचता नहीं था। सरदार सरोवर डैम हो, सौउनी योजना हो, वॉटर ग्रिड्स का नेटवर्क हो, गुजरात के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को हरित करने के लिए बहुत व्यापक काम किया गया है। मां नर्मदा का पानी अब सैकड़ों किलोमीटर दूर कच्छ तक पहुंच रहा है। माइक्रो-इरिगेशन के मामले में भी गुजरात देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। भाइयों और बहनों, गुजरात में कभी बिजली की भी भारी समस्या रहती थी। गांवों में तो और संकट भीषण था। आज गुजरात में पर्याप्त बिजली भी है और सौर ऊर्जा के निर्माण में देश का अग्रणी राज्य भी है। कुछ दिन पहले ही कच्छ में दुनिया के सबसे बड़े renewable energy के प्लांट के लिए काम शुरू हुआ है। जिसमें Solar भी है, Wind भी है। आज किसानों तक सर्वोद्य योजना के तहत सिंचाई के लिए अलग से बिजली देने वाला गुजरात पहला राज्य बन रहा है। आरोग्य के ��्षेत्र में गुजरात ने गांव-गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर सशक्त किया है। बीते 6 सालों में देश में स्वास्थ सेवा से जुड़ी योजनाएं शुरू हुई हैं, उनका भी लाभ गुजरात को बहुत व्यापक रूप से मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात के 21 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है। सस्ती दवाइयां देने वाले सवा 5 सौ से ज्यादा जनऔषधि केंद्र आज गुजरात में कार्यरत हैं। इसमें से लगभग 100 करोड़ रुपए की बचत गुजरात के सामान्य परिवारों, खास करके मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग के परिवार, अगर उनके घर में बीमारी है तो स��र्फ इसके कारण सौ करोड़ रुपये जैसी रकम उनकी जेब में बची है। ग्रामीण गरीबों को सस्ते घर दिलवाने में भी गुजरात तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत गुजरात के गांवों में ढाई लाख से ज्यादा घर बनाए गए हैं। इसी तरह स्वच्छ भारत मिशन के तहत गुजरात के गांवों में 35 लाख से ज्यादा शौचालय का निर्माण हुआ है। गुजरात के गांवों के विकास के लिए कितनी तेजी से काम हो रहा है, इसका एक और उदाहरण है डिजिटल सेवा सेतु। इसके माध्यम से राशन कार्ड, जमीन से जुड़े कागज, पेंशन स्कीम, कई अन्य तरह के सर्टिफिकेट, ऐसी अनेक सेवाएं गांव के लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। ये सेतु पिछले साल अक्टूबर में ही लॉन्च किया गया था, यानी चार-पांच महीने पहले। और मुझे बताया गया है कि जल्दी ही ये डिजिटल सेतु 8 हजार गांवों तक पहुंचने वाला हैं। इसके माध्यम से 50 से अधिक सरकारी सेवाएं गांवों के लोगों तक सीधे पहुंचेगी। मैं इस कार्य के लिए गुजरात सरकार की पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई देता हूं। साथियों, आज भारत आत्मविश्वास के साथ फैसले ले रहा है, उन पर तेजी से अमल भी कर रहा है। आज भारत सिर्फ बड़ा ही नहीं कर रहा है, आज भारत बेहतर भी कर रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा भारत में है। आज दुनिया का सबसे बड़ा Affordable Housing Program भारत में चल रहा है। आज दुनिया का सबसे बड़ा Healthcare Assurance Program भी भारत में चल रहा है। 6 लाख गांवों को तेज़ इंटरनेट से जोड़ने का विराट काम भी भारत में ही हो रहा है। और परसो ही कोरोना संक्रमण के विरुद्ध दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी भारत में ही शुरू हुआ है। यहां गुजरात में ही बीते दिनों दो ऐसे काम पूरे हुए जिनका मैं विशेष तौर पर जिक्र करना चाहता हूं। ये उदाहरण हैं कि कैसे तेजी से पूरी होती परियोजनाएं, लोगों का जीवन बदल देती हैं। एक, घोघा और हजीरा के बीच रो-पैक्स सेवा और दूसरी- गिरनार रोप वे। साथियों, पिछले साल नवंबर में, यानी चार महीने पहले घोघा और हजीरा के बीच रो-पैक्स सेवा शुरु होने से, सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात, दोनों ही क्षेत्रों के लोगों का वर्षों का इंतजार समाप्त हुआ है, और वहां के लोगों को इसका बहुत लाभ हो रहा है। इस सेवा से घोघा और हजीरा के बीच सड़क की दूरी पौने चार सौ किलोमीटर की है, वो समंदर के रास्ते सिर्फ 90 किलोमीटर ही रह गई है। यानि जिस दूरी को तय करने में पहले 10 से 12 घंटे लग जाते थे, अब वो 4-5 घंटे में ही पूरी हो जा रही है। यानि इससे हजारों लोगों का समय बच रहा है, पेट्रोल-डीजल पर होने वाला खर्च बच रहा है, सड़क पर चलने वाली गाड़ियां कम होने से प्रदूषण कम करने में भी मदद मिली है। सिर्फ दो महीने में, मुझे जो बताया गया है सिर्फ दो महीने में 50 हजार से ज्यादा लोग इस नई सुविधा का लाभ ले चुके हैं। 14 हजार से ज्यादा गाड़ियां भी रो-पैक्स फेरी से ले जाई गईं हैं। सूरत के साथ, सौराष्ट्र की इस नई कनेक्टिविटी ने सौराष्ट्र के किसानों और पशुपालकों को फल, सब्जी और दूध, सूरत पहुंचाने का आसान मार्ग उपलब्ध कराया है। सड़क के रास्ते पहले फल, सब्जी और दूध जैसी चीजें खराब हो जाती थीं, पहुंचते-पहुंचते ही बर्बाद हो जाती थीं। अब समंदर के रास्ते पशुपालकों और किसानों के उत्पाद और तेजी से शहरों तक पहुंच रहे हैं। वहीं सूरत में व्यापार-कारोबार करने वाले साथियों और श्रमिक साथियों के लिए भी आना-जाना इस फेरी सेवा से बहुत आसान हो गया है। साथियों, इस फेरी सर्विस से कुछ सप्ताह पहले ही, पिछले साल अक्टूबर के महीने में गिरनार में रोप वे शुरू हुआ था, वो भी करीब चार-पांच महीने पहले। पहले गिरनार पर्वत पर दर्शन करने जाने के लिए पहले 9 हजार सीढियां चढ़कर जाने का ही विकल्प था। अब रोप वे ने श्रद्धालुओं को एक और सुविधा दी है। पहले मंदिर तक जाने में 5-6 घंटे लग जाते थे, अब लोग कुछ मिनट में ही वो दूरी तय कर लेते हैं। मुझे बताया गया है कि सिर्फ ढाई महीने में ही अब तक 2 लाख 13 हजार से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा चुके हैं। आप कल्पना कर सकते हैं- सिर्फ ढाई महीने में 2 लाख से ज्यादा लोग। आप समझ सकते हैं कि ये कितनी बड़ी सेवा का काम हुआ है। और मुझे विश्वास है खास करके जो बुजुर्ग माताएं-बहनें, परिवार के वरिष्ठ लोग ये जो यात्रा कर रहे हैं, मेरे जैसे अनेकों को उनके आशीर्वाद मिल रहे हैं, जो हमें और अधिक काम करने की ताकत देते हैं। भाइयों और बहनों, नए भारत का का लक्ष्य, लोगों की आवश्यकताओं को समझते हुए, आकांक्षाओं को समझते हुए तेज गति से काम करते हुए ही प्राप्त किया जा सकता है। इसी दिशा में एक और प्रयास है जिसकी लोगों में उतनी चर्चा नहीं होती, जितनी होनी चाहिए। ये प्रयास है- केंद्रीय स्तर पर ‘प्रगति’ नाम से बनाई गई व्यवस्था। मैं जब गुजरात में था तो स्वागत कार्यक्रम की बड़ी चर्चा हो रही थी। लेकिन देश के अंदर प्रगति कार्यक्रम जो मेरा चल रहा है, देश की अलग-अलग योजनाओ में, इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट में तेजी लाने में इस प्रगति प्लेटफार्म की बहुत बड़ी भूमिका है। यहां सरकार से जुड़े लोग जानते हैं कि प्रगति की बैठकों में, मैं स्वयं भी घंटों तक बैठ करके राज्यों के अधिकारियों से एक-एक प्रोजेक्ट की बारीकी से चर्चा करता हूं। उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रयास करता हूं। प्रगति की बैठकों में, मैं कोशिश करता हूं कि सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ सीधा स��वाद करके दशकों से अटके हुए प्रोजेक्ट्स का कोई हल निकल सके। बीते 5 साल में प्रगति की बैठकों में 13 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स की समीक्षा हो चुकी है। इन बैठकों में देश के लिए जरूरी, लेकिन बरसों से अधूरी अनेक परियोजनाओं को Review करने के बाद उनका उचित समाधान किया गया है। साथियों, सालों से अटकी और लटकी योजनाओं को गति मिलने से सूरत जैसे हमारे शहरों को गति मिलती है। हमारे उद्योगों को, और खासकर छोटे उद्योगों को, MSMEs को, एक आत्मविश्वास मिलता है कि वो दुनिया के बड़े बाज़ारों से competition कर रहे हैं, तो उनके पास बड़े देशों जैसा infrastructure भी है। आत्मनिर्भर भारत अभियान में इन छोटे उद्योगों के लिए और भी कई बड़े कदम उठाए गए हैं। छोटे उद्योगों को संकट से बाहर निकालने के लिए एक तरफ हज़ारों करोड़ रुपए के आसान ऋण की व्यवस्था की गई है। वहीं दूसरी तरफ MSMEs को ज्यादा अवसर देने के लिए महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। सबसे बड़ा फैसला सरकार ने MSMEs की परिभाषा को लेकर किया है, निवेश की सीमा को लेकर किया है। पहले MSMEs का विस्तार करने से उद्यमी इसलिए बचते थे क्योंकि उनको सरकार से मिलने वाले लाभ खोने का डर रहता था। अब सरकार ने ऐसे प्रतिबंधों को हटाकर इन इकाइयों के लिए नए रास्ते खोले हैं। इसके साथ ही नई परिभाषा में manufacturing और service enterprises के भेदभाव को भी खत्म किया गया है। इससे सर्विस सेक्टर में भी नई संभावनाएं पैदा हुई हैं। वहीं सरकारी खरीद में भी भारत के MSMEs को ज्यादा से ज्यादा मौके मिले, इसका प्रबंध भी किया गया है। कोशिश ये है कि हमारे छोटे उद्योग खूब फलें-फूलें और उनमें काम करने वाले श्रमिक साथियों को बेहतर सुविधाएं, बेहतर जीवन मिले। साथियों, इन विराट प्रयासों के पीछे 21वीं सदी के युवा, भारत की युवा अनगिनत आकांक्षाएं हैं। वो आकांक्षाएं, जो बुनियादी सुविधा और सुरक्षा के अभाव में पूरी होनी कठिन हैं। मुझे विश्वास है कि उन कठिनाइयों को दूर करना है, सपनों को सामर्थ्य देना है और संकल्प को सिद्ध करके रहना है। मुझे विश्वास है कि अहमदाबाद और सूरत के ये मेट्रो प्रोजेक्ट इन शहरों के हर साथी की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करेंगे। इसी विश्वास के साथ गुजरात के सभी भाइयों-बहनों को, खास करके अहमदाबाद और सूरत के नागरिक भाइयों-बहनों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई है। बहुत-बहुत धन्यवाद !
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अंडरपास के पास बुलडोजर 400 से अधिक झोपड़ियों में बदल गया
अंडरपास के पास बुलडोजर 400 से अधिक झोपड़ियों में बदल गया
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गांधीनगर, ता। शुक्रवार, 9 अक्टूबर, 2020
राजधानी रेलवे स्टेशन के पीछे बी रोड को के रोड से जोड़ने वाली एक अंडरपास बनाने के लिए पिछले दो वर्षों से काम चल रहा है लेकिन के रोड के अंत में 3 अवैध झोपड़ियां थीं जो अंडरपास की ओर थीं जो यहां काम नहीं कर रही थीं। आदेशों का पालन करते हुए, गांधीनगर प्रशासन ने आज यहां 200 से अधिक कच्चे झोपड़ियों के दबाव पर बुलडोजर चला दिया है। दबाव को हटाने के लिए…
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2019 में रेलवे देगा 5 बड़े तोहफे, आपको मिलेगा फायदा
2019 में रेलवे देगा 5 बड़े तोहफे, आपको मिलेगा फायदा : नए साल की शुरुआत होने वाली है और इस साल भारतीय रेलवे के कई बड़े तोहफे आपका इंतजार कर रहे हैं. 2019 में सफर के दौरान ट्रेनों में आपको शॉपिंग की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही रेलगाड़ियों में रोबोट भी नजर आने वाले हैं. वहीं किन्नरों के लिए भी नई सुविधा की शुरुआत होने वाली है. आज हम आपको इस रिपोर्ट में ऐसे ही 5 सुविधाओं के बारे में बता रहे हैं. चलती ट्रेन में कर सकेंगे शॉपिंग नए साल में रेलवे की ओर से खास सुविधा दी जाएगी. दरअसल, अब ट्रेन में सफर के दौरान घर और रसोई के आइटम समेत अन्य जरूरी सामान खरीदा जा सकेगा. हालांकि पहले चरण में इस सुविधा की शुरुआत दो ट्रेनों में होगी और इसके बाद हर चरण में दो-दो ट्रेनों को जोड़ा जाएगा. रेलवे अधिकारी के मुताबिक इसके लिए एक निजी कंपनी को पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. इस फर्म की ट्रेन में घरेलू सामान के अलावा ब्यूटी प्रोडक्ट समेत अन्य आइटम्स बेचने की अनुमति होगी. हालांकि, ट्रेनों में कोई खाद्य सामग्री, सिगरेट, गुटखा या शराब बेचने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा इन आइटम्स को सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक ही बेचा जा सकेगा और वर्दी में दो कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी रहेगी. वहीं डेबिट और क्रेडिट कार्ड से सामान खरीदने की भी सुविधा दी जाएगी. कुंभ मेले के लिए 800 स्पेशल ट्रेनें 2019 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले के लिए रेलवे ने कई खास सुविधाएं देने की घोषणा की है. मेले को देखते हुए 800 स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी और इसमें मुफ्त वाई-फाई, बायो-टॉयलेट की सुविधा दी जाएगा. इसके अलावा यात्रियों को बायो-टॉयलेट की सुविधा नई है. वहीं यात्रियों को कुंभ से जुड़ी तस्वीरें रेलवे कोच में दिखाई जाएंगी. यही नहीं, रेलवे ने कुंभ की वजह से रेल कुंभ ऐप भी बनाई है. रेलगाड़ियों की मरम्मत के लिए रोबोट नए साल में आ���को ट्रेनों में रोबोट देखने को मिलेंगे. दरअसल, रेलवे के नागपुर डिविजन की मैकेनिकल ब्रांच में अंडरगियर सर्विलांस थ्रू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड ड्राइड यानी उस्ताद नाम का एक रोबोट डेवलप किया गया है. यह रोबोट ट्रेन के नीचे जाकर रेलगाड़ी के कल पुर्जे की फोटो खींचेगा और अगर कोई दिक्कत आई तो उसे नोटि�� में लाएगा. उस्ताद रोबोट में हाई डेफिनेशन कैमरे लगे हैं. साथ ही इन कैमरों की खासियत है कि 320 डिग्री के कोण पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने में सक्षम हैं. वर्तमान में शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनें जब अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंचती हैं तो वहां पर इन ट्रेनों की पूरी जांच की जाती है. इनके नीचे रेलवे कर्मचारी जा कर देखता है कि कहीं पर कोई दिक्कत तो नहीं है. फाइव स्टार होटल की तरह रेलवे स्टेशन इस साल देश का पहले फाइव स्टार रेलवे स्टेशन की शुरुआत होने की संभावना है.एयरपोर्ट की तर्ज पर यह रेलवे स्टेशन गुजरात की राजधानी गांधीनगर में बन रहा है. यह देश का पहला ऐसा स्टेशन होगा जहां फाइव स्टार होटल डेवलप किया जा रहा है. यह होटल 10 मंजिला होगा. होटल में 300 कमरे बनाए जा रहे हैं. नए साल में वाइब्रेंट गुजरात के दौरान इस होटल को शुरू किए जाने की उम्मीद है. रेलवे की नई सुविधा के अनुसार किन्नरों को सीनियर सिटीजन पुरुष-महिला की तरह ही अब रेल किराए में रियायत मिलेगी. इस संबंध में हाल ही में रेलवे ने सभी जोन को पत्र लिखा है. किन्नर को यह सुविधा नए साल यानी 1 जनवरी 2019 से मिलनी शुरू हो जाएगी. 2019 में रेलवे देगा 5 बड़े तोहफे, आपको मिलेगा फायदा स्त्रोत :- aajtak छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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मोदी, आबे ने बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी has been published on PRAGATI TIMES
मोदी, आबे ने बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी
अहमदाबाद, (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने गुरुवार को 1.08 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली महत्वाकांक्षी अहमदाबाद-मुंबई उच्च गति रेल परियोजना की आधारशिला रखी।
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखने का समारोह साबरमती रेलवे स्टेशन के पास स्थित एथलेटिक स्टेडियम में आयोजित हुआ। मोदी और आबे ने बटन दबाकर भारत की क्रांतिकारी रेल परियोजना की शुरुआत की घोषणा की। जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी (जेआइसीए) और केंद्रीय रेल मंत्रालय ने 508 किलोमीटर लंबे गलियारे वाली इस परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। 750 लोगों की यात्री क्षमता वाली बुलेट ट्रेन से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय सात घंटे से कम होकर करीब तीन घंटे होने की उम्मीद है। इस परियोजना के 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद मोदी और आबे गुजरात की राजधानी गांधीनगर में 12वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह सम्मेलन मोदी और आबे के बीच चौथा वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा, जहां दोनों नेता दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी के ढांचे के तहत बहुमुखी सहयोग में प्रगति की समीक्षा करेंगे।
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जापान के पीएम १३-१४ सितम्बर के दौरान गुजरात की मुलाकात पर चीन के राष्ट्रपति की गुजरात- अहमदाबाद की मुलाकात के बाद अब आगामी १३ तारीख और १४ सितम्बर के दौरान जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो अबे अहमदाबाद-गुजरात की दो दिवसीय मुलाकात पर आ रहे है । वह वस्त्रापुर की फाईवस्टार होटल में ठहरेंगे, तब उनके साथ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे । दोनों देशों के प्रधानमंत्री शहर के साबरमती गांधी आश्रम की मुलाकात लेकर सर्वधर्म प्रार्थना में हिस्सा लेंगे । दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात को लेकर प्रशासन द्वारा अभी से ही तैयारियां शुरू की गई है । विशेष करके सुरक्षा के सभी पहलों को फुलप्रूफ करने का आयोजन हो रहा है ।जापान के प्रधानमंत्री विशेष करके बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट और साणंद में जापानीज इन्डस्ट्रीयल पार्क के उद्घाटन के लिए गुजरात -अहमदाबाद की दो दिन की मुलाकात पर आ रहे है । यह मुलाकात के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ यहां कई मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा । जापान के प्रधानमंत्री जापान से सीधा गुजरात आयेंगे और दो दिन की उनकी मुलाकात और कार्यक्रम के बाद वह यहां से सीधा जापान जाने के लिए रवाना होंगे । वह देश की राजधानी दिल्ली की मुलाकात लिए बिना ही वापस जाए ऐसी संभावना है । यदि ऐसा होगा तो पहलीबार कोई अन्य देश के प्रधानमंत्री देश की राजधानी दिल्ली की मुलाकात सिवाय वापस जायेंगे ।जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो अबे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी १३ सितम्बर को अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचेंगे । उसके बाद वह शाम को साबरमती गांधीआश्रम में सर्वधर्म प्रार्थना सभा में उपस्थित होंगे । इसके बाद जापान के प्रधानमंत्री वस्त्रापुर की वर्तमान होटल में ठहरेंगे । १४ तारीख को सुबह में जापान के प्रधानमंत्री साबरमती रेलवे स्टेशन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में एक लाख करोड़ के खर्च से तैयार हो रहा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के शिलान्यास का उद्घाटन करेंगे । इसके बाद दोनों प्रधानमंत्री गांधीनगर महात्मा मंदिर पहुंचेंगे ।
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मॉडर्न लुक, एयरपोर्ट जैसी सुविधा और फाइव स्टार होटल, देखिए गांधीनगर रेलवे स्टेशन की तस्वीरें Divya Sandesh
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मॉडर्न लुक, एयरपोर्ट जैसी सुविधा और फाइव स्टार होटल, देखिए गांधीनगर रेलवे स्टेशन की तस्वीरें
गुजरात की राजधानी में भारत का पहला पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन तैयार है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका वर्चुअली उद्घाटन करेंगे। गांधीनगर कैपिटल स्टेशन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। रेलवे स्टेशन में कई विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं, जिसमें रेलवे ट्रैक के ऊपर बना पहला 5 स्टार होटल शामिल है। गांधीनगर रेलवे एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 71.50 करोड़ रुपये की लागत से इसे पुनर्विकसित किया है। (सभी तस्वीरें: रेल मंत्रालय ट्विटर हैंडल से)पीएम मोदी शुक्रवार को भारत के पहले पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे। यह स्टेशन गुजरात के गांधीनगर में स्थित है और इसे गांधीनगर कैपिटल स्टेशन नाम दिया है। इसे पुनर्विकसित कर कई विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है, जिसमें रेलवे ट्रैक के ऊपर बना पहला 5 स्टार होटल शामिल है।गुजरात की राजधानी में भारत का पहला पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन तैयार है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका वर्चुअली उद्घाटन करेंगे। गांधीनगर कैपिटल स्टेशन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। रेलवे स्टेशन में कई विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं, जिसमें रेलवे ट्रैक के ऊपर बना पहला 5 स्टार होटल शामिल है। गांधीनगर रेलवे एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 71.50 करोड़ रुपये की लागत से इसे पुनर्विकसित किया है। (सभी तस्वीरें: रेल मंत्रालय ट्विटर हैंडल से)रेलवे ट्रैक पर 5 स्टार होटलप्रबंध निदेशक और भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम के सीईओ, एसके लोहिया ने बताया कि गुजरात की राजधानी, गांधीनगर में देश का पहला पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन है। पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन में विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं और इसके ऊपर, एक 5 स्टार होटल को लाइव रेलवे ट्रैक पर बनाया गया है। 71.50 करोड़ रुपये की लागत से रीवैंप हुआ स्टेशनयह देश में पहली बार है कि इस तरह का होटल लाइव रेलवे ट्रैक पर बनाया गया है। गुजरात सरकार और आईआरएसडीसीएल, पश्चिम रेलवे की संयुक्त उद्यम कंपनी गांधीनगर रेलवे ऐंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 71.50 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य किया है।LeD वॉल डिस्प्ले लाउंज, आर्ट गैलरी जैसी कई खासियतगांधीनगर रेलवे स्टेशन को आधुनिक एयरपोर्ट के जैसी विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है। लोहिया ने बताया, ‘��क इंटरफेथ प्रार्थना हॉल है, शायद किसी भी रेलवे स्टेशन में ऐसी पहली जगह है। इसके अलावा एलईडी वॉल डिस्प्ले लाउंज के साथ एक आर्ट गैलरी, एक बेबी फीडिंग रूम, एक सेंट्रलाइज्ड एसी वेटिंग हॉल, विशाल टिकट सुविधा के साथ डबल ऊंचाई प्रवेश लॉबी है। स्टेशन दिव्यांगों के लिए भी अनुकूल है।’वर्तमान में 3 प्लैटफॉर्म, दो और बढ़ेंगेइस स्टेशन की सबसे अनूठी विशेषता 105 मीटर स्पैन (कर्व्ड आर्क) और 90 मीटर क्षैतिज का कॉलम-मुक्त और किफायती स्पेस फ्रेम है, जो भारतीय रेलवे के किसी भी स्टेशन पर सबसे लंबा है। वर्तमान में यहां तीन प्लेटफॉर्म हैं और आगे दो बढ़ाए जाएंगे।मल्टीपरपज वेटिंग रूम में 40 लोगों के बैठने की जगहस्टेशन में एक सेंट्रलाइज्ड एसी मल्टीपरपज वेटिंग रूम है जिसमें 40 लोगों के बैठने की क्षमता है। लोहिया ने कहा, ‘इस जगह को प्रदर्शनियों, सामाजिक कार्यक्रमों जैसे कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किराए पर भी लिया जा सकता है, जब ट्रेन की आवाजाही नहीं होती है। इससे रेलवे को कुछ पैसा भी मिल सकता है।’ दो ट्रेनों हरी झंडी भी दिखाएंगे पीएम मोदीपीएम मोदी शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में कई रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करने के अलावा, स्टेशन से दो नई ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे। एक गांधीनगर राजधानी और वाराणसी के बीच, और एक मेमू ट्रेन। दो और रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदीरेलवे अधिकारियों ने बताया कि पुनर्विकसित गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन के अलावा, मोदी गेज कनवर्टेड कम विद्युतीकृत महेसाणा-वरेथा लाइन और नव विद्युतीकृत सुरेंद्रनगर-पिपावाव खंड का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा दो नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे।
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झुग्गी में रहने वाले लोगों ने खुद को दबाव से राहत देना शुरू किया, कलेक्टर ने समझाया गांधीनगर, ता। 23 सितंबर 2020, मंगलवार राजधानी रेलवे स्टेशन के पीछे गोकुलपुरा अंडरपास पर दबाव का मुद्दा शनिवार को एक बुलडोजर द्वारा अदालत में ले जाया गया जब कलेक्टर ने अवकाश लिया। कल, कलेक्टर ने यहां झुग्गीवासियों से बात की और उन्हें अपने प्रश्नों को हल करने का आश्वासन दिया। जिन परिवारों को आवास आवंटित किया गया है, उन्हें तुरंत आवास में रहने का आदेश दिया गया था।
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गांधीनगर, ता। 11 सितंबर, 2020, शुक्रवार
गांधीनगर शहर और जिले में, शुक्रवार को 8 घंटे के दौरान 6 सकारात्मक रोगियों को सरकारी पुस्तक में पंजीकृत किया गया है। राजधानी में 14 मामले हैं जबकि जिले में 51 मरीज, जिनमें आलमपुर के एक सैन्य स्टेशन के पांच और सकारात्मक कर्मी शामिल हैं, कोरोना से संक्रमित हुए हैं। गांधीनगर शहर और जिले में, 6 और रोगियों को आज कोरोना मुक्त घोषित किया गया है।
गांधीनग…
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गांधीनगर, ता। 11 सितंबर, 2020, शुक्रवार
गांधीनगर शहर और जिले में, शुक्रवार को 8 घंटे के दौरान 6 सकारात्मक रोगियों को सरकारी पुस्तक में पंजीकृत किया गया है। राजधानी में 14 मामले हैं जबकि जिले में 51 मरीज, जिनमें आलमपुर के एक सैन्य स्टेशन के पांच और सकारात्मक कर्मी शामिल हैं, कोरोना से संक्रमित हुए हैं। गांधीनगर शहर और जिले में, 6 और रोगियों को आज कोरोना मुक्त घोषित किया गया है।
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