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गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा स्टेशन जहां रेलवे ट्रैक पर बना 318 कमरे वाला 5 स्टार होटल
चैतन्य भारत न्यूज गांधीनगर. भारतीय रेलवे तेजी से अपने स्वरूप को बदल रहा है। अब भारतीय रेलवे ने नया कीर्तिमान हासिल करते हुए रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक के ऊपर अपना पहला फाइव स्टार होटल बना डाला है। दरअसल गुजरात के गांधीनगर कैपिटल स्टेशन को भारतीय रेलवे ने पूरी तरह से अपग्रेड कर दिया है, जिसे विश्व स्तरीय आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस किया गया है। बता दें यह भारत का पहला पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन है भारतीय रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पुनर्विकसित गांधीनगर रेलवे स्टेशन के ऊपर नवनिर्मित पांच सितारा होटल और कई अन्य बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वहीं पुनर्विकसित गांधीनगर राजधानी स्टेशन पर यात्रियों को एक बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए विशेष प्रकार की लाइट की व्यवस्था की गई है। The spectacular Gandhinagar Capital Railway Station! #NayeBharatKaNayaStation pic.twitter.com/lUGqAKPAzT — Darshana Jardosh (@DarshanaJardosh) July 14, 2021 गांधीनगर रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के साथ, देश में सम्पूर्ण स्टेशन परिदृश्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास शहर को बढ़ावा देने वाले घटकों के रूप में कार्य करेगा, निवेश चक्र का निर्माण करेगा, नौकरी के अवसरों का सृजन करेगा और मोटे तौर पर गुजरात राज्य की राजधानी, गांधीनगर की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा। यह एक अनूठी परियोजना है, जिसमें आईआरएसडीसी (भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम) के माध्यम से गुजरात सरकार और रेल मंत्रालय की साझेदारी में गरुड़ (गांधीनगर रेलवे और शहरी विकास निगम) नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी का गठन किया गया है। यात्रियों को मिलेंगी एयरपोर्ट जैसी सुविधा गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को फाइव स्टार होटल, थीम बेस्ड लाइटनिंग, सभी धर्मों के अनुयायियों के एक प्रेयर हॉल और साथ ही अलग से एक बेबी फीडिंग रूम भी मुहैया कराया जाएगा। रेलवे के अधिकारियों की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। इस स्टेशन पर एक एसी लाउंज है जहां पर 40 लोगों के बैठने की सुविधा है। इस स्टेशन की रूपरेखा साल 2016 में तैयार की गई थी। गांधीनगर रेलवे स्टेशन इंडियन रेलवे के उस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसमें स्टेशनों को पूरे हफ्ते वर्ल्ड क्लास ट्रांसपोर्ट और बिजनेस हब्स में बदला जाएगा। इन केंद्रों को ‘रेलोपोलिस’ के तौर पर जाना जाएगा। इन स्टेशनों पर ट्रांसपोर्ट के अलावा कई बिजनेस मौके भी लोगों को मिलेंगे ताकि बड़े निवेश को आकर्षित किया जा सके। 318 कमरे वाला है फाइव स्टार होटल भारतीय रेलवे ने गुजरात के गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन में रेलवे ट्रैक के ऊपर फाइव स्टार होटल बना कर सभी को चौंका दिया है। यह रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के वेस्टर्न रेलवे जोन के अंतर्गत आता है। भारतीय रेलवे की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि इस लग्जरी होटल में 318 कमरे होंगे और एक प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन की ओर से इसे ऑपरेट किया जाएगा। जानकारी के अनुसार यह होटल 7,400 वर्ग मीटर में फैला है और इसे 790 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। रेलवे के मुताबिक गांधीनगर कैपिटल स्टेशन पर बदलती थीम पर आधारित इस लाइटिंग के साथ बिल्डिंग का बाहरी रूप बड़ा ही खूबसूरत नजर आता है। रंग-बिरंगी रोशनी से सजे गांधीनगर कैपिटल स्टेशन का शानदार नजारा!!!#NayeBharatKaNayaStation pic.twitter.com/cRxaDZb81u — Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 13, 2021 दो नई ट्रेनों की होगी शुरुआत दो नई ट्रेन 16 जुलाई 2021 से शुरू की जा रही हैं। पहली वाराणसी के लि�� एक साप्ताहिक सुपरफास्ट और दूसरी वरेथा के लिए एक दैनिक मेमू ट्रेन सेवा की शुरुआत हो रही है। इस क्षेत्र के लिए रेल मंत्रालय के पास कई महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं, और चूंकि गांधीनगर क्षेत्र को स्टेशन के पुनर्विकास की इन पहलों के कारण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है, इसलिए अधिक ट्रेन सेवाएं शुरू की जा सकती हैं। जानकारी के अनुसार पीएम मोदी वर्चुअल इवेंट के दौरान गांधीनगर-वाराणसी साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन और गांधीनगर-वरेथा मेमू ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, गुजरात के सीएम विजय रूपानी समेत कई अधिकारी गांधीनगर में एक समारोह में मौजूद रहेंगे। निजी कंपनी इसका संचालन करेगी। इसके दोनों तरफ अंडरपास बनाए गए हैं। होटल तक पहुंचने के लिए 1500 यात्रियों को स्टेशन पर हैंडल किया जा सकेगा। इसकी क्षमता 2200 तक बढ़ाई जा सकती है। परियोजना की परिकल्पना पर 2017 में काम शुरू हुआ था। रेलवे स्टेशन 100 फीसद दिव्यांगों के लिए अनुकूल होगा। रेलवे स्टेशन के दोनों ओर 105 मीटर की लोहे की मेहराब लगाई गई हैं, जिनमें कहीं पर जोड़ नहीं है। 1100 मीटर की खुली जगह व एक वातानुकूलित हाल उपलब्ध होगा। सामाजिक व पारिवारिक समारोह के लिए 93 करोड़ रुपये स्टेशन के नवनिर्माण पर खर्च किए गए हैं। स्टेशन पर तीन प्लेटफार्म, दो एस्कैलेटर्स, तीन एलिवेटर व दो पदयात्री सबवे का निर्माण किया गया है। आठ आर्ट गैलरी हैं, जिनमें गुजरात के ऐतिहासिक स्थलों व लोककला का प्रदर्शन किया गया है। स्टेशन का उद्देश्य पोर्टलैंड पॉज़ोलाना सीमेंट, फ्लाई ऐश ईंटों आदि जैसी टिकाऊ सामग्रियों के उपयोग के माध्यम से प्राकृतिक निर्मित पर्यावरण का संरक्षण करना और ऊर्जा कुशल डिजाइनों, वर्षा जल संचयन और पानी के पुन:उपयोग के माध्यम से पानी, बिजली की आवश्यकताओं को कम करना है। इस कार्यक्रम के लिए न केवल रेलवे स्टेशनों अपितु बड़े पैमाने पर शहरों और देश के आत्मानिर्भर भारत की ओर बढ़ने के संकल्प और कायाकल्प में सहायता के लिए सार्वजनिक और निजी साझे��ारी परियोजनाओं में निर्माणकर्ताओं, निर्माता, अनुबंधकर्ताओं, योजनाकारों, वास्तुकारों, डिजाइनरों, खुदरा विक्रेताओं, विज्ञापनदाताओं, और सबसे महत्वपूर्ण, निवेशकों/डेवलपर्स के समर्थन और सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है। Read the full article
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भारतीय रेलवे की योजना, आने वाले दिनों में क्यूआर कोड इनेबल्ड टिकट
कोरोना वायरस काल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए भारतीय रेलवे ने एक नए कदम की शुरुआत की है। दरअसल, रेलवे ने टिकट सिस्टम को पूरी तरह से कॉन्टैक्टलेस बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जिसके जरिए रेल यात्रा करते हुए लोग और रेलवे स्टाफ कम से कम लोगों के संपर्क में आएं। भारतीय रेलवे ने कॉन्टैक्टलेस टिकटिंग सर्विस के लिए एयरपोर्ट जैसी QR code टिकटिंग सिस्टम की शुरुआत की है, जिसके जरिए लोग टिकट स्कैन करके ट्रेन यात्रा कर सकेंगे। फिलहाल यह सुविधा को प्रयागराज जंक्शन में शुरू की गई है। सुविधा के बारे में बात करते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया कि लोग वर्तमान में 85 फीसदी ट्रेन टिकट ऑनलाइन माध्यम से बुक कर रहे हैं, लेकिन रेलवे काउंटरों से कागज का टिकट खरीदने वालों के लिए भी इस सुविधा को कॉन्टैक्टलेस बनाने के लिए क्यूआर कोड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कैसे काम करेगा यह कॉन्टैक्टलेस टिकट सिस्टम? ऑनलाइन माध्यम से टिकट खरीदने वाले यात्रियों को मोबाइल टिकट पर QR कोड प्राप्त होगा, वहीं रेलवे स्टेशन की खिड़की से टिकट खरीदने वाले यात्रियों को टिकट के साथ-साथ उनके मोबाइल नंबर पर एक मैसेज भेजा जाएगा। इस मैसेज में एक लिंक होगा, इस लिंक को ओपन करने के बाद उन्हें भी क्यूआर कोड नज़र आएगा। इसके बाद रेलवे स्टेशन या फिर ट्रेन में जो TTE (Travelling Ticket Examiner) होगा, वो हाथ में लिए इक्विप्मेंट से क्यूआर कोड स्कैन करके यात्री की जानकारी को कैप्चर करने में सक्षम होगा। इसके लिए वह अपने स्मार्टफोन में मौजूद क्यूआर ऐप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तो इस तरह टिकटिंग सिस्टम को पूरी तरह से कॉन्टैक्टलेस बनाया गया है। जैसे ही यात्री रेलवे स्टेशन पर पहुंचता है, वह स्टेशन पर Read the full article
#Coronavirus#Covid-19#eticket#indianrailways#irctc#आईआरसीटीसी#ई-टिकट#कॉन्टैक्टलेसटिकटिंग#कोरोनावायरस#कोविड-19#प्रयागराज#भारतीयरेलवे
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15 अक्तूबर से 30 नवंबर के बीच 200 विशेष ट्रेनें चलाने की तैयारी में सरकार #bignews #indianrailway #railway #train #चलाने #छठ #ट्रेनें #तैयारी #दिवाली #दुर्गापूजा #नवंबर #भारतीयरेलवे #विशेष #सरकार
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अक्षय की 'हाउसफुल 4' बनी 'प्रमोशन ऑन व्हील्स' के जरिए फिल्म प्रमोट करने वाली पहली फिल्म
अक्षय की ‘हाउसफुल 4’ बनी ‘प्रमोशन ऑन व्हील्स’ के जरिए फिल्म प्रमोट करने वाली पहली फिल्म
बॉलीवुड डेस्क. भारतीयरेलवे ने नवाचार करते हुए‘प्रमोशन ऑन व्हील्स’ सेवा शुरूकी है। जोकला, संस्कृति, खेल आदि के प्रचार करनेस्पेशलट्रेन चलाएगी। इसी के तहत साजिद नाडियादवाला की फिल्म ‘हाउसफुल 4’ पहली फिल्म बन गई है जिसकाे इस रेलवे की इस सेवा का लाभ मिला है। फिल्म की कास्ट ने 16 अक्टूबर कोमुंबई से सफर की शुरुआत की।
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भारतीय रेलवे ने हासिल की एक और उपलब्धि, अब बिना डीजल-बिजली के दौड़ाई ट्रेन
चैतन्य भारत न्यूज कोरोना काल में भारतीय रेलवे कई नई उपलब्धियां अपने नाम कर रहा है। कुछ दिन पहले ही रेलवे ने 28 किमी लंबी मालगाड़ी चलाई थी। और अब ट्रेन के इंजन को दौड़ाने के क्षेत्र में रेलवे ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। अब भारतीय रेल ने बैटरी से चलने वाले इंजन को बनाया है और इसका सफल परीक्षण भी किया है। यानी कुछ ही दिनों में अब पटरियों पर बैटरी से चलने वाली ट्रेनें नजर आ सकती हैं। रेलवे के अनुसार, इस बैटरी वाले इंजन का निर्माण बिजली और डीजल की खपत को बचाने के लिए किया गया है। रेलवे ने बताया कि, पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' का निर्माण किया गया है, जिसका परीक्षण सफल रहा है। बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको, डीजल की बचत के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा। रेलवे के जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' का निर्माण किया गया, जिसका परीक्षण सफल रहा। बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ विदेशी मुद्रा की बचत, और पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा। pic.twitter.com/9uw3qF0WrW — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 7, 2020 रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी बैटरी वाले इंजन के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि, 'बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ विदेशी मुद्रा की बचत और पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा।' दुनिया में ऐसा करने वाला पहला देश रेलवे ने हाल ही में सोलर पावर की बिजली से ट्रेनों को दौड़ाने की बात कही है। इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली गई है। मध्य प्रदेश के बीना में रेलवे ने इसके लिए सोलर पावर प्लांट को तैयार किया है। इससे 1.7 मेगा वॉट की बिजली उत्पन्न होगी और सीधे ट्रेनों के ओवर हेड तक पहुंचेगी। रेलवे ने दावा किया है कि ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। ये भी पढ़े एनाकोंडा के बाद पटरी पर दौड़ा 2.8 किमी शेषनाग, रेलवे ने बनाया नया रिकॉर्ड मुंबई से गोरखपुर जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंच गई ओडिशा, फजीहत होने पर रेलवे ने दी सफाई रेलवे यात्रियों को बड़ी राहत, अब 6 माह तक रद्द करा सकेंगे ट्रेन का टिकट Read the full article
#firstbatteryenginetrain#indianrailway#piyushgoyal#railway#बिनाडीजलवालाइंजन#बैटरीवालाइंजन#भारतीयरेलवे#रेलमंत्रीपीयूषगोयल#रेलवे
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'एनाकोंडा' के बाद पटरी पर दौड़ा 2.8 किमी 'शेषनाग', रेलवे ने बनाया नया रिकॉर्ड
चैतन्य भारत न्यूज भारतीय रेलवे ने पहली बार एक मालगाड़ी चलाई है जो एनाकोंडा की तरह है। 2.8 किलोमीटर लंबी इस गाड़ी ने गुरुवार को इतिहास रच दिया। भारतीय रेल के इतिहास में यह अब तक की सबसे लंबी मालगाड़ी है जिसे 'शेषनाग' नाम दिया गया। 251 डब्बे लगाए गए शेषनाग में चार रैक के कुल 251 खाली डिब्बे और उन्हें खींचने के लिए चार इंजन लगाए गए। यह नागपुर से सिकंदराबाद के बीच चली। शेषनाग ने करीब 260 किलोमीटर की दूरी 6 घंटे में पूरी की। Indian Railways breaks another record. Operates 'SheshNaag', a 2.8 Km long train amalgamating 4 empty BOXN rakes, powered by 4 sets of electric locomotives 'SheshNaag' is the longest train ever to run on Indian Railways. pic.twitter.com/t3fKKVJSkJ — Ministry of Railways (@RailMinIndia) July 2, 2020 indian railway रेल मंत्री ने शेयर किया वीडियो रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके भारतीय रेल की कामयाबी को साझा किया है। उन्होंने लिखा, 'रेलवे द्वारा देश में रेकार्ड 2.8 किमी लंबी मालगाड़ी का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया। 4 ट्रेनों को जोड़कर शेषनाग नाम से मालगाड़ी चलाने का यह प्रयोग सफल रहा। इससे एक बार में अधिक सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है।' शेषनाग ने एनाकोंडा को पछाड़ा सबसे लंबी मालगाड़ी शेषनाग ने लंबाई के मामले में एनाकोंडा को पछाड़ दिया है। बता दें दो दिन पहले ही 30 जून को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने तीन मालगाड़ियों को जोड़कर पहली बार दो किलोमीटर लंबी मालगाड़ी चलाने का रिकॉर्ड बनाया था। इस ट्रेन को अनाकोंडा (Anaconda) नाम दिया गया था। एनाकोंडा तीन लोडेड मालगाड़ियों को जोड़कर बनाई गई थी। यह ट्रेन ओडिशा के लाजकुरा और राउरकेला के बीच चलाई गई थी। अनाकोंडा ट्रेन की खास बात ये थी कि इसके डब्बे माल से भरे हुए थे। इस ट्रेन का कुल वजन 15000 टन से ज्यादा था। Read the full article
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1 जून से रोजाना 200 नॉन एसी ट्रेनें चलाएगा रेलवे, जल्द शुरू होगी ऑनलाइन टिकट बुकिंग
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. मंगलवार रात केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यह घोषणा की है कि अगले महीने की शुरुआत से समय सारणी के हिसाब से रोजाना 200 गैर वातानुकूलित (Non air conditioned) ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाएगा। 1 जून से चलबे वाली द्वितीय श्रेणी की इन ट्रेनों के लिए बुकिंग ऑनलाइन होगी। सभी लोग इस सेवा का लाभ ले सकेंगे। श्रमिकों के लिये बड़ी राहत, आज के दिन लगभग 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल सकेंगी, और आगे चलकर ये संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ पायेगी। — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 19, 2020 भारतीय रेलवे जल्द ही इन ट्रेनों की सूची जारी करेगा और टिकट बुकिंग सुविधा शुरू करेगा। इसके अलावा रेलवे प्रवासी श्रमिकों के लिए भी रेलगाड़ी की सेवाओं को बढ़ाने जा रहा है। पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि, 'श्रमिकों के लिए बड़ी राहत, आज के दिन लगभग 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल सकेंगी और आगे चलकर ये संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ पाएगी। इसके अतिरिक्त भारतीय रेल 1 जून से टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन 200 नॉन एसी ट्रेन चलाएगा, जिसकी ऑनलाइन बुकिंग शीघ्र ही शुरू होगी।' इसके अतिरिक्त भारतीय रेल 1 जून से टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन 200 नॉन एसी ट्रेन चलायेगा जिसकी ऑनलाइन बुकिंग शीघ्र ही शुरु होगी। — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 19, 2020 साथ ही रेल मंत्री ने राज्यों से यह अनुरोध भी किया है कि श्रमिकों की सहायता करें और नजदीकी रेलवे स्टेशन में उन्हें पंजीकृत कराएं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि, 'राज्य सरकारों से यह आग्रह है कि श्रमिकों की सहायता करें और उन्हें नजदीकी मेनलाइन स्टेशन के पास रजिस्टर कर, लिस्ट रेलवे को दे, जिससे रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाये। श्रमिकों से आग्रह है कि वो अपने स्थान पर रहें, बहुत जल्द भारतीय रेल उन्हें गंतव्य तक पहुंचा देगा।' भारतीय रेल द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, रेलवे द्वारा निरंतर श्रमिक ट्रेनों का परिचालन जारी है। अब तक कुल 1600 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 21.5 लाख श्रमिकों को उनके स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है। श्रमिकों को बड़ी राहत देते हुए भारतीय रेल आज के दिन लगभग 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करने जा रहा है। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अलावा भी भारतीय रेल 1 जून से रोजाना 200 अतिरिक्त टाइम टेबल ट्रेनें चलाने जा रहा है जो कि नॉन एसी द्वितीय श्रेणी की ट्रेन होंगी। Read the full article
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कोरोनावायरस : 167 वर्षों में पहली बार रेलवे स्थापना दिवस पर थमे रहेंगे रेलगाड़ी के पहिए
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. 16 अप्रैल को भारतीय रेलवे का 167वां स्थापना दिवस है। साल 1853 में आज ही के दिन पहली बार हमारे देश में ट्रेन का संचालन हुआ था। इतने सालों में यह पहली बार है जब रेलवे स्थापना दिवस पर यात्री ट्रेनों के पहिये थमे रहेंगे। बता दें देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते 3 मई तक लॉकडाउन लागू है। ऐसे में यात्री रेल सेवा भी बंद है। भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि, रेलवे के इतिहास में यह पहली बार है जब इतने दिनों तक यात्री रेल सेवाएं बंद की गई है। विश्व युद्ध ,1947 के दौरान हुई रेल हड़ताल, राष्ट्रीय या प्राकृतिक आपदा के बीच भी कभी इतने दिनों तक यात्री रेल संचालन बाधित नहीं रहा है। मुंबई में भी कभी भारी बारिश में या आतंकी हमले और बम धमाके के बाद भी इतनों दिनों तक रेल सेवा नहीं रोकी गई। ऐसे में यह लॉकडाउन अभूतपूर्व है। रेलवे प्रवक्ता ने यह भी कहा कि, साल 1974 की रेल हड़ताल भी असाधारण थी और तब कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे थे और कर्मचारी संघ बातचीत कर रहे थे। लेकिन फिर भी अंतिम दिनों में आवश्यक सामग्री की ढुलाई के लिए ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया था। यह हड़ताल 8 से 27 मई तक चली थी। मुंबई में तैनात पश्चिमी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, 'मुझे याद है कि साल 2006 जुलाई में ट्रेनों में सिलसिलेवार धमाके हुए थे। इससे ट्रेनों को भी नुकसान हुआ था, लेकिन हम परिचालन रोकने को तैयार नहीं थे। घटना के चार घंटे के भीतर हमने ट्रेनों का परिचालन शुरू भी कर दिया था।' उन्होंने आगे कहा कि, कुछ सालों पहले भारी बारिश और बाढ़ की वजह से नालासोपारा इलाके में ट्रेनों का आवागमन रोकना पड़ा था, लेकिन दूसरे इलाकों में परिचालन जारी रहा था। ये भी पढ़े... भारतीय रेलवे का 167वां स्थापना दिवस आज, जानें रेलवे से जुड़ी 11 रोचक बातें भारत में बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे ब्रिज, एफिल टॉवर से भी होगा ऊंचा सावधान! अगर तोड़े रेलवे के नियम तो आपको उठा ले जाएंगे यमराज रेलवे ने लॉन्च किया कार्टून कैरेक्टर गप्पू भैया, यह लोगों को कराएगा हादसों से सचेत Read the full article
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भारतीय रेलवे का 167वां स्थापना दिवस आज, जानें रेलवे से जुड़ी 11 रोचक बातें
चैतन्य भारत न्यूज आज यानी 16 अप्रैल को भारतीय रेलवे का 167वां स्थापना दिवस है। 16 अप्रैल 1853 को पहली बार ��ारत में ट्रेन का संचालन किया गया था। भारतीय रेलवे स्थापना दिवस पर हम आपको भारतीय रेल से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं- जानिए रेलवे के बारे में महत्वपूर्ण बातें: भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण 1950 में हुआ। विश्व की पहली रेलगाड़ी 1825 ई. में लिवरपुल से मैनचेस्टर (इंग्लैंड) के बीच चली थी। भारतीय रेलवे बोर्ड की स्थापना 1905 में मार्च महीने में की गई थी। भारतीय रेल एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है। भारत में तीन प्रकार की रेल लाइनें हैं. ये लाइनें बड़ी लाइन, मीटर गेट और नैरो गेज हैं। भारत में रेलवे को 16 मंडलों में बांटा गया है। भारत में सर्वप्रथम रेलगाड़ी 1853 में मुंबई से थाणे के बीच चली थी। भारत में करीब 1.6 मिलियन कर्मचारी रेलवे के पास हैं। दुनिया में कर्मचारियों के संख्या के हिसाब से भारतीय रेलवे का स्थान 9वां है। 1986 में भारतीय रेल ने पहली कंप्यूटराइज्ड रिजर्वेशन की प्रक्रिया नई दिल्ली से शुरू की। Venkatanarasimharajuvaripeta नाम का यह रेलवे स्टेशन भारत का सबसे लंबे नाम वाला रेलवे स्टेशन है। भारत में कुल रेलवे स्टेशन की संख्या 7,500 के करीब है। एक अफवाह के कारण मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जुटी हजारों मजदूरों की भीड़, पुलिस ने किया लाठीचार्ज भारत में बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे ब्रिज, एफिल टॉवर से भी होगा ऊंचा सावधान! अगर तोड़े रेलवे के नियम तो आपको उठा ले जाएंगे यमराज रेलवे ने लॉन्च किया कार्टून कैरेक्टर गप्पू भैया, यह लोगों को कराएगा हादसों से सचेत Read the full article
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कोरोना लॉकडाउन : 15 अप्रैल से आप कर सकेंगे सफर, रेलवे-एयरलाइंस ने शुरू की टिकट बुकिंग!
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कोरोना वायरस का संक्रमण भारत में लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया है। अब भारतीय रेलवे और निजी एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रियों के लिए 14 अप्रैल के बाद टिकट बुक करना शुरू कर दिया है। दो दिन पहले तक यह अनुमान लगाया जा रहा था कि लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। लेकिन कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने यह साफ कह दिया था कि, 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि को बढ़ाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। इसके बाद ही रेलवे और निजी एयरलाइंस कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद के लिए टिकट बुकिंग शुरू की। वेस्टर्न रेलवे के पीआरओ प्रदीप शर्मा ने इस बारे में कहा कि, 'भारतीय रेलवे ने 14 अप्रैल के बाद की रेल यात्रा के लिए टिकट बुकिंग शुरू कर दी है। बता दें आईआरसीटीसी की एप और वेबसाइट पर 15 अप्रैल से यात्रा के लिए टिकट उपलब्ध हैं। फिलहाल स्टेशनों पर टिकट की बुकिंग नहीं होगी। साथ ही एयरलाइंस कंपनियां भी यात्रा के लिए 15 अप्रैल से बुकिंग शुरू कर देंगी। स्पाइसजेट, इंडि��ो और गो एयर जैसी निजी एयरलाइंस कंपनियां घरेलू यात्रा के लिए ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम को खोल रही हैं। हालांकि, एयरलाइंस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। Read the full article
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कोरोना लॉकडाउन : 15 अप्रैल से आप कर सकेंगे सफर, रेलवे-एयरलाइंस ने शुरू की टिकट बुकिंग!
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. कोरोना वायरस का संक्रमण भारत में लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया है। अब भारतीय रेलवे और निजी एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रियों के लिए 14 अप्रैल के बाद टिकट बुक करना शुरू कर दिया है। दो दिन पहले तक यह अनुमान लगाया जा रहा था कि लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। लेकिन कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने यह साफ कह दिया था कि, 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि को बढ़ाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। इसके बाद ही रेलवे और निजी एयरलाइंस कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद के लिए टिकट बुकिंग शुरू की। वेस्टर्न रेलवे के पीआरओ प्रदीप शर्मा ने इस बारे में कहा कि, 'भारतीय रेलवे ने 14 अप्रैल के बाद की रेल यात्रा के लिए टिकट बुकिंग शुरू कर दी है। बता दें आईआरसीटीसी की एप और वेबसाइट पर 15 अप्रैल से यात्रा के लिए टिकट उपलब्ध हैं। फिलहाल स्टेशनों पर टिकट की बुकिंग नहीं होगी। साथ ही एयरलाइंस कंपनियां भी यात्रा के लिए 15 अप्रैल से बुकिंग शुरू कर देंगी। स्पाइसजेट, इंडिगो और गो एयर जैसी निजी एयरलाइंस कंपनियां घरेलू यात्रा के लिए ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम को खोल रही हैं। हालांकि, एयरलाइंस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। Read the full article
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नए साल में रेलवे ने यात्रियों को दिया 'महंगाई का तोहफा', आज से किराए में हुई बढ़ोतरी
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. आज से नए साल की शुरुआत हो गई है। नए साल में कई क्षेत्रों में अहम बदलाव हुए हैं। भारतीय रेलवे ने नए साल में आम से लेकर खास यात्रियों को महंगाई का झटका दिया है। जानकारी के मुताबिक, रेलवे ने 4 पैसे प्रति किलोमीटर तक यात्री किराए में बढ़ोतरी की है। ऐसे में लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों पर यात्री किराए में बढ़ोतरी का बड़ा असर होगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेन के लिए 2 पैसे प्रति किलोमीटर और एसी ट्रेन के किराए में 4 पैसे प्रति किमी की बढ़ोतरी की है। हालांकि रेलवे ने उपनगरीय रेलवे में किसी तरह के किराए में बढ़ोतरी नहीं की है। यदि कोई यात्री 1000 किमी का सफर कर रहा है, तो साधारण श्रेणी में 10 रुपए, मेल/एक्सप्रेस की गैर वातानुकूलित श्रेणी में 20 रुपए और सभी ट्रेनों की वातानुकूलित श्रेणी में 40 रुपए अतिरिक्त किराया चुकाना होगा। जिन भी यात्रियों ने पहले से टिकट को बुक करा रखा है, उनसे सफर के दौरान बढ़ा हुआ किराया वसूला जाएगा। यह किराया टीटीई वसूलेंगे। Ministry of Railways revises the basic passenger fare as per revised passenger fare table published by Indian Railway Conference Association (IRCA), effective from January 1, 2020. pic.twitter.com/SFlDt0bIv1 — ANI (@ANI) December 31, 2019 बता दें रेलवे ने यह कदम संसदीय समितियों की सिफारिशों और परिचालन अनुपात पर बढ़ते दबाव के कारण उठाया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से भी इसके लिए हरी झंडी मिल गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, किराया बढ़ाए जाने के बाद रेलवे की आय में प्रति वर्ष चार हजार करोड़ रुपए से लेकर पांच हजार करोड़ रुपए तक का इजाफा होगा। इतना ही नहीं, इससे रेलवे का परिचालन अनुपात भी सुधरेगा। कितना है रेलवे का बढ़ा हुआ किराया? ऑर्डिनरी नॉन एसी का किराया सेकेंड क्लास ऑर्डिनरी - एक पैसे प्रति किलोमीटर स्लीपर क्लास ऑर्डिनरी - एक पैसे प्रति किलोमीटर फर्स्ट क्लास ऑर्डिनरी - एक पैसे प्रति किलोमीटर मेल/एक्सप्रेस नॉन एसी का किराया सेकेंड क्लास (मेल/एक्सप्रेस) - 2 पैसे प्रति किलोमीटर स्लीपर क्लास (मेल/एक्सप्रेस) - 2 पैसे प्रति किलोमीटर फर्स्ट क्लास (मेल/एक्सप्रेस) - 2 पैसे प्रति किलोमीटर एसी क्लास का किराया एसी चेयर कार- 4 पैसे प्रति किलोमीटर एसी 3-टियर/3E- 4 पैसे प्रति किलोमीटर एसी 2-टियर- 4 पैसे प्रति किलोमीटर एसी फर्स्ट क्लास/इकॉनोमी क्लास/EA- 4 पैसे प्रति किलोमीटर ये भी पढ़े... 1 जनवरी 2020 से हुए ये 8 बड़े बदलाव, आम आदमी की जेब और वित्तीय लेनदेन पर होगा असर 1 जनवरी से महंगी हो जाएंगी कार, नमकीन समेत ये जरुरी चीजें, पड़ेगा आपकी जेब पर असर! 1 जनवरी राशिफल : जा��िए नए साल के पहले दिन कितने बुलंद रहेंगे आपकी किस्मत के सितारें Read the full article
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रेलवे बोर्ड में हुआ बड़ा बदलाव, सेवाओं का होगा एकीकरण
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. मंगलवार को मोदी कैबिनेट ने रेलवे बोर्ड के फंक्शनल लेवल पर पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। बता दें रेलवे बोर्ड में अब तक चेयरमैन के अलावा 8 सदस्य होते थे, जो विभिन्न सर्विसेज से आते थे। लेकिन अब सभी का विलय करके इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (IRMS) बनाने की मंजूरी दी गई है। अब रेलवे बोर्ड में आठ की जगह सिर्फ चार सदस्य होंगे। चेयरमैन को चेयरमैन-सह-सीईओ के नाम से जाना जाएगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि, साल 1905 से भारतीय रेलवे में आठ अलग-अलग सेवाओं के जरिए काम होता आया है। लेकिन समय के साथ इससे विभागों के बीच वर्चस्व की लड़ाई और गुटबाजी कोे बढ़ावा मिलने से रेलवे की प्रगति बाधित होने लगी। इसलिए अब आठों विभागों का एक सेवा में ही विलय कर दिया गया है। इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (आइआरएमएस) के रूप में नई केंद्रीय सेवा शुरू करने का फैसला लिया गया है। Railway Minister Piyush Goyal on 'Existing 8 Group A services of Railways to be reorganised into a Central Service called IRMS': Now greater number of people will get promotion opportunities on basis of merit. 27 General Mangers are getting the highest grade of Secretary level. pic.twitter.com/Xrr2JKP63P — ANI (@ANI) December 24, 2019 जानकारी के मुताबिक, अब रेलवे का आकार भी छोटा किया जाएगा। अब इसमें चेयरमैन और सीईओ के अलावा चार कार्यकारी सदस्य इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑपरेशन्स एंड बिजनेस डेवलपमेंट, रोलिंग स्टॉक और फाइनेंस के अलावा कुछ स्वतंत्र और अनुभवी विशेषज्ञ सदस्य रहेंगे। इनके लिए उद्योग, वित्त, अर्थशास्त्र और प्रबंधन का 30 वर्ष का अनुभव जरूरी होगा। इंडियन रेलवे मेडिकल सर्विस (आइआरएमएस) को इंडियन रेलवे हेल्थ सर्विस (आइआरएचएस) के नाम से जाना जाएगा। चुस्त-दुरुस्त संगठन की आवश्यकता इन सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तेज गति और ��्यापक स्तर से युक्त एकीकृत एवं चुस्त-दुरुस्त संगठन की आवश्यकता है। ��ने वाली चुनौतियों से निपटने और अलग-अलग मौजूदा कठिनाइयों को दूर करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। दुनियाभर की रेल प्रणालियों, जिनका निगमीकरण हो चुका है, उनके विपरीत भारतीय रेलवे का प्रबंधन सीधे तौर पर सरकार द्वारा किया जाता है। अलग-अलग विभागों जैसे कि यातायात, सिविल, यांत्रिक, विद्युतीय, सिग्नलल एवं दूरसंचार, स्टोरर, कार्मिक, लेखा इत्याखदि में संगठित किया जाता है। ये भी पढ़े... नासिक रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए शुरू किया ऑक्सीजन पार्लर, लगाए गए 1500 पौधे चूहे मारने के लिए रेलवे ने रोजाना खर्च किए 14 हजार रुपए, अब तक मरे 5457 चूहे, खर्च हुए 1.52 करोड़ रेलवे में नौकरी की भरमार, 10वीं पास के लिए अब 1,216 पद खाली Read the full article
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महंगा होगा रेल सफर, किराया बढ़ाने की तैयारी, इसी सप्ताह हाे सकती है घाेषणा
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर थोड़े दिन में कोई न कोई ऐलान करता रहता है। इस हफ्ते रेलवे सभी श्रेणी का किराया बढ़ाने का ऐलान कर सकता है। दरअसल बीते कुछ वर्षों के दौरान रेलवे ने सीधे तौर पर यात्री किराए में किसी तरह की वृद्धि नहीं की है जिससे उसकी आर्थिक सेहत दुरुस्त रह सके। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); 10 से 20 प्रतिशत तक हाे सकती बढ़ाेतरी जानकारी के मुताबिक, रेलवे की किराए में वृद्धि वातानुकूलित श्रेणी (AC) से लेकर अनारक्षित एवं उपनगरीय मासिक-त्रैमासिक सीजन टिकटों के किरायों तक सभी श्रेणियों पर लागू होगी। यह बढ़ोतरी 5 पैसा पैसा प्रति किमी से लेकर 40 पैसा प्रति किमी तक के बीच रहने की संभावना है। यानी बढ़ाेतरी 10 से 20 प्रतिशत तक हाे सकती है। कभी भी हो सकती नए किराए दर की घोषणा रेलवे सूत्रों के मुताबिक, संसदीय समितियों की सिफारिशों एवं परिचालन अनुपात पर बढ़ते दबाव के चलते रेलवे को यह कदम उठाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे बोर्ड ने नई दरों का भी खाका तैयार कर लिया है। उसे इसके लिए प्र��ानमंत्री कार्यालय से हरी झंडी भी मिल गई है। हालांकि, रेलवे बोर्ड को झारखंड विधानसभा के चुनाव संपन्न होने तक रुकने को कहा गया था। सोमवार को मतगणना होने के बाद नए किराया दर की अब कभी भी घोषणा हो सकती है। क्याें बढ़ाना पड़ रहा किराया पिछले कुछ सालों से रेलवे ने सीधे तौर पर यात्री किराए में किसी तरह की वृद्धि नहीं की है। इस दौरान रिफंड नियमों में बदलाव, फ्लेक्सी फेयर और 5 से 12 वर्ष आयु के बच्चों की बर्थ देने के एवज में पूरा किराया लेने के उपाय कर कुछ भरपाई करने की कोशिश भी की गई, लेकिन यह रेलवे की आर्थिक स्थिति में पर्याप्त सुधार लाने में नाकाम रहा। ऐसे में अब रेलवे के पास अपने परिचालन अनुपात को संतुलित रखने के लिए किराया बढ़ाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। ये भी पढ़े... चूहे मारने के लिए रेलवे ने रोजाना खर्च किए 14 हजार रुपए, अब तक मरे 5457 चूहे, खर्च हुए 1.52 करोड़ रेलवे में नौकरी की भरमार, 10वीं पास के लिए अब 1,216 पद खाली रेलवे ने लॉन्च किया कार्टून कैरेक्टर गप्पू भैया, यह लोगों को कराएगा हादसों से सचेत Read the full article
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रेलवे ने लॉन्च किया कार्टून कैरेक्टर 'गप्पू भैया', यह लोगों को कराएगा हादसों से सचेत
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. भारतीय रेलवे ने अपने करोड़ों यात्रियों के लिए एक नई सर्विस शुरू की है। दरअसल रेलवे ने आम लोगाें को समझाने के लिए गप्पू भैया नाम से एक कार्टून कैरेक्टर लॉन्च किया है, जिसकी 9 अलग-अलग एनिमेशन फिल्म की सीरीज तैयार की गई है। फिल्म के जरिए विभिन्न जोखिमों से लोगों को सचेत किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, बुधवार (7 नवंबर) को रेलवे बोर्ड ने उत्तर सेंट्रल रेलवे (एनसीआर) द्वारा लाॅन्च गप्पू भैया की सीरीज को सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर दिखाने का फैसला किया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों की लापरवाही की वजह से कई हादसे होते हैं जिसके चलते रेलवे बोर्ड ने यह फैसला लिया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, 'स्क्रीन में साधारण फिल्म पर लोग भले ही ध्यान न दें, लेकिन कार्टून पर जरूर ध्यान देते हैं।' उन्होंने बताया कि, 'ये सभी एनिमेशन फिल्म 57 मिनट की है जो प्रमुख रेलवे स्टेशनों की स्क्रीन में और सोशल मीडिया में चलाने का फैसला किया गया है, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक मैसेज पहुंच सके।' Passenger Safety is prime concern of Indian Railways. For safety awareness among our esteemed customers North Central Railway presents - Gappu Bhaiya Bade Mahan Laparvahi Inki Pahchan https://t.co/1pnq5sMTG4 via @YouTube @RailMinIndia @GMNCR1 pic.twitter.com/Q5Y9FKmUSo — railway northcentral (@CPRONCR) November 4, 2019 सफर के दौरान ध्यान रखें ये बातें सफर के दौरान अनजान लोगों से खाने-पीने का सामान न लें। ट्रेन यात्रा के दौरान ज्वलनशील पदार्थ साथ लेकर चलने से हादसा हो सकता है। सेल्फी या फोटोग्राफी का जुनून जानलेवा भी हो सकता है। चलती ट्रेन से चढ़ने और उतरने की कोशिश न करें। स्टेशन या प्लेटफार्म पर किसी भी अनजान चीज को उठाने से बचें। पटरी पर घूमना और प्लेटफॉर्म क्रास करने का जोखिम न उठाएं। दरवाजे पर लटककर सफर न करें। बिना फाटक वाली क्रॉसिंग को किसी भी हाल में पार न करें। ये भी पढ़े... रेलवे ने जारी की देश के सबसे साफ स्टेशनों की लिस्ट, इस बार जयपुर ने मारी बाजी रेलवे मुफ्त में करेगा यात्रियों का मोबाइल रिचार्ज, बस पूरी करना होगी यह शर्त ट्रेन में सामान चोरी होने पर यात्री के नुकसान की भरपाई करेगा रेलवे! Read the full article
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भारतीय रेलवे ने कबाड़ बेचकर कमाए 35 हजार करोड़ रुपए, आरटीआई में हुआ खुलासा
चैतन्य भारत न्यूज भारतीय रेलवे ने कबाड़ बेचकर अपने ��जाने में एक बड़ी धनराशि जोड़ी है। कहा जा रहा है कि कमाई का ये आंकड़ा पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के वार्षिक बजट से भी अधिक है। रेलवे की तरफ से एक आरटीआई आवेदन के जवाब में जारी ब्यौरे के मुताबिक विभाग ने बीते 10 सालों में कबाड़ से 35,073 करोड़ रुपए की आमदनी की है। इसमें कोच, वैगन्स और पटरी के कबाड़ शामिल हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); आरटीआई के तहत रेलवे बोर्ड के ब्योरे में बताया गया है कि बीते 10 साल में सबसे ज्यादा स्क्रैप यानी कबाड़ 4,409 करोड़ रुपए का साल 2011-12 में बेचा गया, जबकि सबसे कम कबाड़ से आमदनी वर्ष 2016-17 में 2,718 करोड़ रुपए हुई। रेलवे बोर्ड के मुताबिक, बेचे गए कबाड़ में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रेल पटरियों की है। साल 2009-10 से 2013-14 के बीच 6,885 करोड़ रुपए के स्क्रैप बेचे गए, वहीं वर्ष 2015-16 से 2018-19 की अवधि के बीच 5,053 करोड़ रुपए के स्क्रैप बेचे गए। कुल मिलाकर 10 साल में रेल पटरियों का स्क्रैप बेचने से 11,938 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। भारतीय रेलवे के द्वारा उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2009-10 से 2013-14 के बीच 5 साल की तुलना में 2014-15 से 2018-19 के बीच रेल पटरी का कबाड़ कम निकला है। इससे ऐसा लगता है कि अंतिम 5 साल में रेल पटरियों में कम बदलाव हुआ है। अगर रेल पटरी बदलती तो उसी अनुपात में पुरानी पटरी का कबाड़ कम निकलता है। ये भी पढ़े... रेलवे मुफ्त में करेगा यात्रियों का मोबाइल रिचार्ज, बस पूरी करना होगी यह शर्त रेलवे ने जारी की देश के सबसे साफ स्टेशनों की लिस्ट, इस बार जयपुर ने मारी बाजी इन लोगों को रेलवे किराए में मिलती है 25 से 75 फीसदी तक की छूट, आप भी उठा सकते हैं फायदा Read the full article
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