#गंभीर पुरुष
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SA True Story | अनिद्रा की बहुत गंभीर बीमारी थी | Ramprakash Das, Karnal...
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आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज को सन् 1727 में 10 वर्ष की आयु में गांव छुड़ानी के नला नामक स्थान पर कबीर परमेश्वर जिंदा महात्मा के वेश में मिले। तत्वज्ञान से परिचित कराकर सतलोक दर्शन करवाकर साक्षी बनाया।
अजब नगर में ले गए, हमको सतगुरु आन।
झिलके बिम्ब अगाध गति, सूते चादर तान।।
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार।
सतगुरु पुरुष कबीर हैं कुल के ��िरजन हार।।
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पुरुषों में हर्निया: लक्षण, कारण, और कब हो सकता है यह घातक?
हर्निया पुरुषों (Hernia in Men) में पाई जाने वाली एक आम स्वास्थ्य समस्या है। यह तब होता है जब शरीर के किसी अंग या ऊतक की दीवार कमजोर हो जाती है, जिससे वह अपनी जगह से बाहर निकल आता है। हर्निया केवल असुविधाजनक ही नहीं होता, बल्कि अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह घातक भी साबित हो सकता है। आइए, इस ब्लॉग में विस्तार से समझते हैं कि पुरुषों में हर्निया के लक्षण (Hernia Symptoms in Men) क्या होते हैं, यह क्यों होता है और यह कब गंभीर स्थिति में जा सकता है।
हर्निया के लक्षण Signs and Symptoms of Hernia in Men
गुड़गांव के प्रमुख जनरल सर्जन के अनुसार, हर्निया के लक्षण हर व्यक्ति में थोड़े अलग हो सकते हैं। हालांकि, कुछ आम लक्षण जो अधिकतर लोगों में देखे जाते हैं, पुरुषों में हर्निया रोग (hernia disease in men) के लक्षण में शामिल हो सकते हैं:
सूजन या गांठ(Swelling or Lump): हर्निया के क्षेत्र में सूजन या एक गांठ का अनुभव हो सकता है, जो खड़े होने या खांसने पर अधिक दिखाई देती है। यह गांठ आमतौर पर पेट के नीचे या जांघ के ऊपर देखी जाती है।
दर्द और असुविधा(Pain and Discomfort): हर्निया होने पर उस स्थान पर दर्द या असुविधा महसूस हो सकती है। खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान यह दर्द बढ़ सकता है। हर्निया का दर्द बहुत तीव्र या हल्का भी हो सकता है, जो समय-समय पर बदलता रहता है।
जलन और खिंचाव का अनुभव(Burning and Stretching Experience): हर्निया वाले क्षेत्र में जलन या खिंचाव का अनुभव हो सकता है। यह लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ मिश्रित हो सकते है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें।
पेट दर्द (Stomach Pain): हर्निया के कारण पेट में दर्द भी हो सकता है, खासकर तब, जब हर्निया बड़ा हो जाता है या उसमें कुछ बदलाव होते हैं।
पाचन समस्याएँ(Digestive Problems): कुछ मामलों में हर्निया पाचन प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे कब्ज, गैस या अपच जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
मतली और उल्टी(Nausea and Vomiting): गंभीर हर्निया में मतली या उल्टी का अनुभव हो सकता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हर्निया बढ़कर अन्य अंगों को प्रभावित करता है।
थकान और कमजोरी(Fatigue and Weakness): हर्निया ��े संबंधित दर्द और असुविधा के कारण थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। यह समस्या खासकर तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति नियमित शारीरिक श्रम करता है।
पुरुषों में हर्निया के कारण Causes of Hernia in Men
पुरुषों में हर्निया (Hernia in Men) के कारण कई हो सकते हैं, और यह समस्या अक्सर शारीरिक गतिविधियों से संबंधित होती है। पुरुषों में हर्निया होने के सामान्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
शारीरिक श्रम(Physical Work): अधिकतर पुरुष भारी वस्तुएं उठाना और अन्य शारीरिक कार्य करते हैं, जिससे पेट की दीवार पर दबाव बढ़ता है और हर्निया का खतरा उत्पन्न होता है।
उम्र(Age): जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, शरीर की मांसपेशियों और ऊतकों की ताकत में कमी आ सकती है, जो हर्निया का कारण बन सकती है।
जन्मजात समस्याएँ(Congenital Problems): कुछ पुरुषों में जन्म से ही पेट की दीवार में कमजोरी होती है, जिससे उम्र के साथ हर्निया का खतरा बढ़ता है।
अत्यधिक वजन(Excessive Weight): मोटापा पेट की दीवार पर अधिक दबाव डालता है, जिससे हर्निया का खतरा बढ़ सकता है।
लगातार खांसी या बुखार(Persistent Cough or Fever): लंबे समय तक खांसी या बुखार के कारण पेट की मांसपेशियों पर तनाव बढ़ता है, जिससे हर्निया का खतरा होता है।
हर्निया कब हो सकता है घातक? When can Hernia Become Fatal?
हर्निया सामान्यतः घातक नहीं होता, लेकिन यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर समस्या बन सकत��� है। इन स्थितियों में हर्निया घातक हो सकता है:
इन्करसेरेटेड हर्निया(Incarcerated Hernia): यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हर्निया का अंग फंस जाता है और उसे वापस अपनी जगह पर नहीं लाया जा सकता। इसमें पेट में अत्यधिक दर्द और गांठ का बढ़ना शामिल होता है।
स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया(Strangulated Hernia): इस स्थिति में फंसे हुए अंग का रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे उस अंग के मरने का खतरा बढ़ता है। स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया घातक हो सकता है और इसके लिए तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होती है।
अचानक दर्द और असहनीय स्थिति(Sudden Pain and Unbearable Condition): यदि हर्निया में अचानक दर्द होता है और वह असहनीय हो जाता है, तो यह घातक हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
पाचन में रुकावट(Obstruction in Digestion): हर्निया से पाचन तंत्र में अवरोध उत्पन्न हो सकता है, जिससे मतली और उल्टी जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
हर्निया का इलाज Hernia Treatment
पुरुषों में हर्निया (Hernia in Men) का इलाज उसकी स्थिति और प्रकार पर निर्भर करता है। आमतौर पर, निम्नलिखित उपचार विकल्प होते हैं:
विश्राम और हल्की गतिविधियाँ(Relaxation and Light Activities): प्रारंभिक अवस्था में हर्निया के साथ अत्यधिक गतिविधियों से बचना और आराम करना महत्वपूर्ण होता है।
दर्द निवारक दवाएँ(Painkillers): हल्की हर्निया के दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई दर्द निवारक दवाएं कारगर हो सकती हैं।
सर्जरी(Surgery): गंभीर हर्निया के मामलों में सर्जरी आवश्यक हो सकती है। इसके लिए लैप्रोस्कोप���क सर्जरी या ओपन सर्जरी का विकल्प उपलब्ध होता है।
निष्कर्ष:
पुरुषों में हर्निया (Hernia in Men) एक आम स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। यदि आपको हर्निया के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो समय पर अपने नजदीकी सामान्य सर्जन (General Surgeon Near You) से परामर्श लें। समय पर उपचार करने से न केवल दर्द और असुविधा से छुटकारा पाया जा सकता है, बल्कि गंभीरता से बचा भी जा सकता है। इसलिए, अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें, नियमित जांच करवाएं और जरूरत पड़ने पर चिकित्सक की सलाह का पालन करें।
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Best Sexologist in Patna for SD Treatment due to Smoking | Dr. Sunil Dubey
अच्छे यौन स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान का त्याग करे: -
अगर आप धूम्रपान के आदी हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह आपके यौन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है...
अगर आप धूम्रपान के आदी या शौकीन हैं तो अपने यौन स्वास्थ्य को लेकर सावधान हो जाइए। आमतौर पर हर उम्र के लोग सड़क किनारे या निजी जगहों पर धूम्रपान करते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें से कुछ लोग धूम्रपान के आदी होते हैं, जबकि कुछ युवा इसका सेवन सिर्फ मनोरंजन या मौज-मस्ती के लिए करते हैं। भारत में करीब 28.5% लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें से 42% पुरुष और 14% महिलाएं किसी न किसी रूप में तंबाकू या धूम्रपान का सेवन करती हैं।
मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय भारत के ऐसे राज्य हैं जहां तंबाकू के सेवन की दर बहुत ज्यादा है, जहां पुरुष और महिलाएं दोनों ही इसका खुलेआम सेवन करते हैं। दरअसल, यह डेटा सिर्फ जानकारी के लिए है, यहां हम गुप्त व यौन समस्याओं के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जहां धूम्रपान पुरुष और महिला के यौन स्वास्थ्य में गड़बड़ी का एक बड़ा कारण है। विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो पटना में सबसे अच्छे क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट हैं, कहते हैं कि आमतौर पर पूरे भारत से गुप्त व यौन रोगी अपने इलाज के लिए उनसे सलाह लेते हैं और वे सभी का इलाज करते हैं। अपने चिकित्सा व उपचार में उन्होंने पाया कि धूम्रपान और शराब पीना जैसे जीवनशैली कारक बहुत सारे लोगो के गुप्त व यौन समस्याओं का एक प्रमुख कारण हैं।
धूम्रपान व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है:
धूम्रपान एक जोखिम कारक है जो पुरुष और महिला के यौन स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। आइए जानते हैं धूम्रपान के कारण यौन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में-
पुरुष-
धूम्रपान करने से पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का जोखिम 50-60% तक बढ़ सकता है।
धूम्रपान करने से पुरुषों में शीघ्रपतन (पीई) का जोखिम 20-30% तक बढ़ सकता है।
धूम्रपान करने से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर 10-20% तक कम हो सकता है।
धूम्रपान करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता 10-20% तक कम हो सकती है।
धूम्रपान करने से पुरुषों में यौन इच्छा 20-30% तक कम हो सकती है।
महिला-
धूम्रपान करने से महिलाओं में यौन इच्छा 20-30% तक कम हो सकती है।
धूम्रपान करने से महिलाओं में योनि के सूखेपन का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकती है।
धूम्रपान करने से महिलाओं में दर्दनाक संभोग का जोखिम 10-20% तक बढ़ सकती है।
धूम्रपान करने से महिलाओं में प्रजनन क्षमता 10-20% तक कम हो सकती है।
धूम्रपान करने से मासिक धर्म संबंधी अनियमितताओं का जोखिम बढ़ सकती है, महिलाओं में 10-20% तक की संभवना होती है।
धूम्रपान के तंत्र को समझना:
डॉ सुनील दुबे, बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर कहते हैं कि धूम्रपान के तंत्र और यह यौन स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, इसके बारे में सभी को पता होना चाहिए। यह एक जीवनशैली कारक का समूह है जो किसी व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य को पूरी तरह प्रभावित करता है। उनका कहना है कि अच्छी आदतें, स्वस्थ आहार और संतुलित दैनिक जीवन हमेशा स्वस्थ दिमाग और शरीर की ओर व्यक्ति को अग्रसर करता है, जहाँ व्यक्ति अपने यौन, वैवाहिक और पारिवारिक जीवन का आनंद लेता है। इसलिए, हमें स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को हमेशा के लिए त्याग करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते है। अत्यधिक धूम्रपान व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
संवहनी क्षति: जननांग क्षेत्र में रक्त प्रवाह में कमी का होना।
हार्मोन असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन के स्तर में गड़बड़ी या कमी होना।
तंत्रिका संबंधी क्षति: तंत्रिका कार्य में कमी और संवेदनशीलता में कमी होना।
सूजन: ऑक्सीडेटिव तनाव में वृद्धि, ऊतक क्षति का होना।
धूम्रपान छोड़ने के फायदे:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि धूम्रपान छोड़ने से यौन स्वास्थ्य के लिए कई लाभ होते हैं। सबसे पहले तो यह 2 से 4 सप्ताह में स्तंभन दोष में सुधार करता है, 2-6 महीनों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है, 6-12 महीनों में प्रजनन क्षमता, कामेच्छा और उत्तेजना को बढ़ाता है और यौन रोग और बांझपन के जोखिम के कारक को कम करता है।
https://dubeyclinic.com/
स्थायी गुप्त व यौन रोग समाधान के लिए दुबे क्लिनिक में अपॉइंटमेंट:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि भारत में करीबन 40% पुरुष धूम्रपान के कारण स्तंभन दोष का अनुभव करते हैं, जबकि 25% महिलाएं धूम्रपान के कारण कम कामेच्छा का अनुभव करती हैं। भारत में धूम्रपान बंद करने के कार्यक्रमों की सफलता दर 50-70% रही है। खैर, हमें हमेशा सभी लोगो को अच्छे कार्य को करने के लिए प्रेरित करना व अच्छी आदतों को अपनाने के लिए सलाह देना चाहिए।
यदि आप गुप्त व यौन रोगी (पुरुष या महिला) हैं और धूम्रपान के आदी हैं और अपने यौन जीवन में स्तंभन दोष, शीघ्रपतन, बांझपन, कम कामेच्छा या किसी भी यौन विकार जैसी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं; तो आपको दुबे क्लिनिक से अवश्य जुड़ना चाहिए। दुबे क्लिनिक पटना में स्थित एक प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है, जहाँ पूरे भारत से लोग अपने यौन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए इस क्लिनिक से ऑनलाइन और ऑफलाइन जुड़ते हैं। जरूरतमंद लोग हर दिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक फ़ोन पर अपॉइंटमेंट उपलब्ध हैं। बस इसे बुक करें और आयुर्वेद के तहत अपना संपूर्ण गुप्त व यौन उपचार पाएँ। दुबे क्लिनिक से अब तक 7.65 लाख से ज़्यादा गुप्त व यौन रोगी लाभान्वित हो चुके हैं।
और अधिक जानकारी के लिए: -
दुबे क्लिनिक
भारत का प्रमाणित आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350-92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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साउथ अफ्रीका में दो जगह हुई गोलीबारी, 15 महिलाओ��� के समेत 17 लोगों की मौत; संदिग्धों की तलाश जारी
South Africa mass shooting: दक्षिण अफ्रीका के एक ग्रामीण कस्बे में गोलीबारी की दो घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता ब्रिगेडियर एथलेंडा मैथे ने एक बयान में कहा कि संदिग्धों की तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि मृतकों में 15 महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। एक अन्य व्यक्ति अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती है। गोलीबारी की यह घटना शुक्रवार रात…
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Belly Fat: पेट में अतिरिक्त चर्बी जमा होने से हो सकती हैं ये 5 गंभीर बीमारियां
कई भारतीय पुरुष शारीरिक रूप से बिल्कुल भी सक्रिय नहीं हैं। जिसके कारण उन्हें मोटापे की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। घर-घर सेवाओं पर निर्भरता, कार्यालय में लंबे समय तक काम करना और फास्ट फूड ने पारंपरिक, स्वस्थ खान-पान की आदतों को पीछे छोड़ दिया है। इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है. फिर भी बहुत से लोग इसके गंभीर परिणामों से अनजान हैं, जो जीवन के लिए खतरा हो सकते हैं। मोटापा इतना व्यापक हो…
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पुरुषों के स्वास्थ्य समस्याओं का संपूर्ण समाधान
पुरुषों के स्वास्थ्य का महत्व
पुरुषों का स्वास्थ्य एक व्यापक विषय है जो शारीरिक, मानसिक, और यौन स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। पुरुषों के जीवन में स्वास्थ्य समस्याएँ आम हो सकती हैं, लेकिन इन्हें सही समय पर पहचानकर और उचित इलाज से निपटना आवश्यक है।
स्वस्थ शरीर और मन की आवश्यकता
स्वस्थ शरीर और मन, जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि दोनों का आपस में गहरा संबंध है।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच संबंध
मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याएँ शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं, जैसे उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियाँ, और सेक्स से जुड़ी समस्याएँ।
पुरुषों में आम स्वास्थ्य समस्याएँ
पुरुषों में कई स्वास्थ्य समस्याएँ देखी जाती हैं, जिनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, और मोटापा प्रमुख हैं।
हृदय रोग और उच्च रक्तचाप
हृदय रोग और उच्च रक्तचाप पुरुषों में एक आम समस्या बन चुकी है। यह समस्याएँ अक्सर अस्वस्थ जीवनशैली, उच्च वसा वाला आहार, और शारीरिक गतिविधियों की कमी से उत्पन्न होती हैं।
मधुमेह और इसके प्रभाव
मधुमेह भी एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है, जो न केवल शरीर में शर्करा के स्तर को प्रभावित करता है, बल्कि अन्य अंगों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
मोटापा और इसके कारण
मोटापा न केवल शरीर को भारी बनाता है, बल्कि यह हृदय, लीवर, और अन्य अंगों पर भी असर डालता है। इससे पुरुषों में यौन समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं।
सेक्स से जुड़ी समस्याएँ और समाधान
पुरुषों में सेक्स से जुड़ी समस्याएँ जैसे सेक्स कमजोरी, यौन इच्छाशक्ति में कमी, और इरेक्टाइल डिसफंक्शन आम होती हैं। ये समस्याएँ शारीरिक और मानसिक कारणों से उत्पन्न हो सकती हैं।
सेक्स कमजोरी के कारण और उपचार
सेक्स कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक थकान, मानसिक तनाव, और कुछ रोग शामिल हैं। इसका इलाज शारीरिक व्यायाम, आहार सुधार, और मानसिक संतुलन बनाए रखने से किया जा सकता है।
यौन इच्छाशक्ति में कमी
यौन इच्छाशक्ति में कमी अक्सर मानसिक तनाव और हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है। योग, ध्यान, और कुछ विशेष आहार इस समस्या में मददगार साबित हो सकते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज दवाओं, काउंसलिंग, और जीवनशैली में सुधार से किया जा सकता है।
आहार और जीवनशैली में परिवर्तन
आहार और जीवनशैली में सुधार, जैसे फल, सब्जियों, और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन और नियमित व्यायाम, इरेक्टाइल डिसफंक्शन को कम कर सकता है।
चिकित्सा और दवाइयाँ
चिकित्सकीय सहायता और दवाइयाँ, जैसे PDE5 inhibitors, भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज में प्रभावी हो सकते हैं।
स्वप्नदोष: कारण, प्रभाव और समाधान
स्वप्नदोष एक सामान्य समस्या है जो अक्सर किशोर और युवाओं में देखी जाती है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकती है।
स्वप्नदोष क्या है?
स्वप्नदोष, जिसे नाइटफॉल भी कहा जाता है, तब होता है जब पुरुष नींद में स्वप्न के दौरान वीर्यपात करते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन जब यह बार-बार हो, तो इसे समस्याग्रस्त माना जा सकता है।
स्वप्नदोष के मुख्य कारण
स्वप्नदोष के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अश्लील सामग्री देखना, अत्यधिक मानसिक उत्तेजना, या किसी चिंता या तनाव का होना।
स्वप्नदोष का प्रभाव
स्वप्नदोष का प्रभाव मानसिक और शारीरिक हो सकता है। अत्यधिक स्वप्नदोष से शारीरिक कमजोरी और मानसिक तनाव हो सकता है।
स्वप्नदोष से बचाव के उपाय
स्वप्नदोष से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली, योग और ध्यान, और उत्तेजक सामग्री से दूर रहना फायदेमंद हो सकता है।
गुप्तरोग: पुरुषों के लिए प्रमुख चिंताएँ
गुप्तरोग, पुरुषों के लिए गंभीर चिंताओं में से एक है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
गुप्तरोग की पहचान और लक्षण
गुप्तरोग, यौन संक्रमित बीमारियाँ होती हैं, जो आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंधों से फैलती हैं। इनके लक्षणों में जननांगों में जलन, घाव, और सूजन शामिल हो सकते हैं।
गुप्तरोग के प्रकार और उनके उपचार
गुप्तरोग कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे सिफलिस, गोनोरिया, और एचआईवी। प्रत्येक का उपचार अलग-अलग होता है, और इसके लिए चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक होता है।
चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता
गुप्तरोग के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। उचित समय पर इलाज न कराने से यह रोग बढ़ सकता है और गंभीर हो सकता है।
पुरुषों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के उपाय
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पुरुष अपने स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं।
नियमित व्यायाम का महत्व
नियमित व्यायाम न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। यह हृदय रोग और मोटापे जैसी समस्याओं से बचाव करता है।
संतुलित आहार और पोषण
संतुलित आहार जिसमें फल, सब्जियाँ, और प्रोटीन शामिल हों, शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है और विभिन्न बीमारियों से बचाता है।
तनाव प्रबंधन और योग
योग और ध्यान, मानसिक तनाव को कम करने और यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। यह मानसिक शांति और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष
पुरुषों के स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान एकीकृत दृष्टिकोण से संभव है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, और यौन स्वास्थ्य को समान महत्व दिया जाना चाहिए। उचित समय पर चिकित्सा
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ओपिनियन : ये चेतने का वक्त है! हेमा कमिटी रिपोर्ट क्यों भारतीय सिनेमा को बड़े खतरे से कर रही आगाह
नई दिल्ली: जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल आ गया है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि फिल्म इंडस्ट्री में औरतों का शोषण और बदसलूकी आम बात है। रिपोर्ट में बताया गया है कि औरतों से काम के बदले शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा जाता है और मना करने पर उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है। हालांकि, ये समस्या सिर्फ मलयालम फिल्म इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है। हर फिल्म इंड्रस्ट्री में औरतों का शोषण होता है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री यानी मॉलीवुड के लिए साल 2024 कमाई के लिहाज से अब तक काफी शानदार रहा है। साल 2024 में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कमाई पूरी दुनियाभर में 1,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। 'मंजुम्मेल बॉयज', 'आवेशम' और 'प्रेमलु' जैसी फिल्मों की सफलता ने इंडस्ट्री को इस ऊंचाई तक पहुंचाया है। लेकिन जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट ने इस खुशी पर पानी फेर दिया है। रिपोर्ट में केरल फिल्म इंडस्ट्री के बड़े लोगों पर गलत कामों के आरोप लगाए गए हैं। इससे फिल्म इंडस्ट्री के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। काम के बदले महिला कलाकारों से सेक्स रिलेशन की मांग मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों के साथ हो रहे बेहद खराब बर्ताव की खबर सामने आई है। 498 सदस्यों वाली संस्था मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (AMMA) पर आरोप है कि वो महिला कलाकारों का शोषण करती है। काम के बदले महिला कलाकारों से यौन संबंध बनाने की मांग की जाती है। जो महिलाएं ऐसा करने से मना करती हैं उन्हें काम नहीं मिलता और बैन कर दिया जाता है। हैरानी की बात यह है कि AMMA में आधे से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं। लेकिन सत्ता पुरुषों के हाथों में ही है। इस विवा�� के बाद मलयालम अभिनेता मोहनलाल की अध्यक्षता वाली 17 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया है। पीड़ित महिलाओं ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी आपबीती सार्वजनिक की है। उनका कहना है कि डर की वजह से अब तक चुप थीं, लेकिन अब और नहीं। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक केरल में फिल्म उद्योग में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर एक रिपोर्ट 2019 में सरकार को सौंपी गई थी। साढ़े चार साल तक, कुछ नहीं हुआ। रिपोर्ट को दबा दिया गया। कोई कार्रवाई नहीं की गई। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद ही रिपोर्ट सार्वजनिक हुई। अचानक वही लोग जो महिला सहयोगियों के खिलाफ कई अपराधों में शामिल थे, 'नैतिक जिम्मेदारी' की बात कर रहे हैं। यह उन लोगों को बचाने का एक अंतिम प्रयास है, जिन्होंने अपने पद और दबाव का इस्तेमाल उन लोगों को नियंत्रित करने के लिए किया था जिनकी सुरक्षा करना उनका काम था। मॉलीवुड का माहौल खराब है, जहां महिलाएं सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताओं को लेकर पुरुष प्रधान लॉबी की ओर से उपहास का सामना कर रही हैं। '...जब महिलाओं का बायकॉट कर दिया गया' 2017 के एक बलात्कार के मामले में AMMA सदस्यों के सुस्त रवैये के बाद 'विमेन इन सिनेमा कलेक्टिव' अस्तित्व में आया। यह न्याय के लिए बना साहसी संघर्ष संगठन था, लेकिन वास्तव में इन्हीं महिलाओं को आगे भेदभाव का सामना करना पड़ा और सच्चाई उजागर करने पर उनका बायकॉट कर दिया गया। एक महिला कलाकार का अपहरण करने और कथित तौर पर बलात्कार करने से इन लोगों में एक मजबूत संदेश गया कि व्यवस्था से लड़ने से और ज्यादा निराशा और बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।हालांकि मॉलीवुड में कुछ लोगों के नाम सामने आने के बाद, बदलाव की उम्मीद जगी है। पर किस बात का बदलाव? और कब तक? अभी तो बस इतना हुआ है कि वहां के लोग शांत बैठे हैं और दोबारा से संगठित होने का इंतजार कर रहे हैं। हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने पूरे देश को हिला डाला मलयालम फिल्म जगत में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे पर हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने पूरे देश को हिला दिया है। रिपोर्ट में फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के शोषण और भेदभाव के गंभीर आरोपों की जांच की मांग की गई है। भारत में हमेशा से यह धारणा रही है कि मलयाली महिलाएं मजबूत और स्वतंत्र होती हैं। लेकिन हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने इस मिथक को तोड़ा है। रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ हो रहे बुरे सलूक का खुलासा किया गया है। इससे मलयालम सिनेमा की छवि को गहरा धक्का लगा है। बॉलीवुड कब तोड़ेगा अपना चुप्पी? यह समस्या केवल मलयालम सिनेमा तक ही सीमित नहीं है। बॉलीवुड समेत भारत के दूसरे फिल्म उद्योगों में भी महिलाओं का शोषण होता रहा है। Me Too आंदोलन के दौरान बॉलीवुड में इस मुद्दे पर थोड़ी चर्चा हुई थी, लेकिन वह जल्द ही ठंडी पड़ गई। अब समय आ गया है कि फिल्म जगत के लोग इस बारे में गंभीरता से सोचें। सरकार को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। रिपोर्ट में सभी मामलों की विस्तृत जांच… http://dlvr.it/TCfbz2
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आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर, दिनांक: 30.08.2024 रोजीचे दुपारी :01.00 वाजताचे मराठी बातमीपत्र
Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date: 31 August 2024
Time: 01.00 to 01.05 PM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक: ३१ ऑगस्ट २०२४ दुपारी १.०० वा.
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महिलांवरील अत्याचार आणि मुलांची सुरक्षा ही समाजासाठी गंभीर चिंतेची बाब असल्याचं पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी म्हटलं आहे. नवी दिल्लीतल्या भारत मंडपम् इथं आज जिल्हा न्यायपालिकेच्या दोन दिवसीय राष्ट्रीय परिषदेचं उद्घघाटन केल्यानंतर ते बोलत होते.
महिलांच्या सुरक्षेसाठी देशात अनेक कठोर कायदे करण्यात आले आहेत, मात्र ते अधिक सक्रिय करण्याची गरज त्यांनी व्यक्त केली. महिलांवरील अत्याचाराच्या प्रकरणांमध्ये जितक्या वेगानं निर्णय घेतले जातील, तितकी महिलांच्या सुरक्षेची अधिक खात्री होईल, असंही ते म्हणाले. यावेळी पंतप्रधानांनी सर्वोच्च न्यायालयाच्या स्थापनेला ७५ वर्षे पूर्ण झाल्यानिमित्त मुद्रांक आणि नाण्याचं अनावरण केलं.
सर्वोच्च न्यायालयाचे सरन्यायाधीश न्यायमूर्ती डी. वाय. चंद्रचूड यांनी आपल्या अभिभाषणात कायद्याच्या चौकटीचा आणि समाजाचा विचार भारतीय न्यायव्यवस्थेत केला गेला असल्याचं म्हटलं. या परिषदेत केंद्रीय कायदा आणि न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, ऍटर्नी जनरल आर. व्यंकटरमणी आदी उपस्थित होते.
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भाजपच्या आमदारांच्या शिष्टमंडळानं आज दिल्लीत राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांची भेट घेऊन दिल्लीतलं आदमी पक्षाच्या नेतृत्वातलं सरकार बरखास्त करण्याची मागणी केली आहे. दिल्ली विधानसभेचे विरोधी पक्षनेते बिजेन्द्र गुप्ता यांच्या अध्यक्षतेखालील या शिष्टमंडळानं या संदर्भातलं निवेदन राष्ट्रपती मुर्मू यांना दिलं. भाजपनं यावेळी दिल्लीचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यांच्या ‘आप’ सरकारच्या कार्यपद्धतीबद्दल चिंता व्यक्त केली तसंच या सरकारच्या कार्यपद्धतीमुळं आवश्यक सेवा तसंच दिल्लीच्या जनतेसाठीच्या कल्याणकारी कार्यक्रमांवर दुष्परिणाम होत असल्याचंही नमूद केलं. या प्रकरणी राष्ट्रपतींचा तात्काळ हस्तक्षेप अत्यंत महत्वपूर्ण असल्याचं भाजपनं म्हटलं आहे.
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जगभरातल्या सर्व डिजिटल व्यवहार करणाऱ्या ‘ॲप्स’ना भारताच्या ‘युपीआय ॲप’नं मागे टाकलं आहे. डिजिटल माध्यमातून गेल्या एप्रिल ते जुलै या तीन महिन्यांच्या कालावधीत व्यवहारांमध्ये ३७ टक्क्यांची वाढ नोंदवली गेली. यामाध्यमातून ८१ लाख कोटी रुपयांचे डिजिटल व्यवहार झाले आहेत. ‘ग्लोबल पेमेंट्स हब पे सिक्युअर’ या संस्थेच्या सर्वेक्षणानुसार, प्रत्येक सेकंदाला ३ हजार ७२९ हून अधिक डिजिटल व्यवहार ‘युपीआय’च्या माध्यमातून झाले आहेत.
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नाशिक - डहाणू नवीन ब्रॉडगेज रेल्वे लाईन प्रकल्पासाठी अंतिम स्थान सर्वेक्षणासाठी एकूण दोन कोटी ५० लाख रुपयांचा निधी खर्च करण्यास रेल्वे मंत्रालयानं मंजुरी दिली आहे. त्र्यंबकेश्वर आणि वाणगाव मार्गे नाशिक ते डहाणू हा १०० किलोमीटरचा रेल्वे मार्ग दोन प्रमुख शहरांना जोडेल.
१२ ज्योतिर्लिंगांपैकी एक असलेल्या त्र्यंबकेश्वर मंदिरात दर्शनासाठी आणि नाशिकमधील पंचवटी इथं दर्शनासाठी जाणाऱ्या लाखो भाविकांना रेल्वेसेवा उपलब्ध करून देत, पर्यटनाला चालना देण्यासाठी हा नवीन रेल्वे मार्ग महत्त्वाचा ठरणार आहे. यामुळं नाशिक आणि पालघर जिल्ह्यातली अनेक शहरं जोडली जातील तसंच या प्रदेशातल्या आर्थिक वाढ आणि विकासाला चालना मिळेल.
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छत्रपती संभाजीनगर शहरातल्या गुलमोहर कॉलनी परिसरातील राजीव गांधी स्टेडियम मधल्या बहु उद्देशीय क्रीडा संकुलाचं आज भूमीपूजन झालं. राज्याचे गृहनिर्माण आणि इतर मागास बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे, खासदार डॉक्टर भागवत कराड, महानगर पालिका आयुक्त तथा मुख्य प्रशासक जी. श्रीकांत यावेळी उपास्थित होते.
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मोसमी पावसाचा मुक्काम यंदा लांबण्याची शक्यता हवामान विभागानं व्यक्त केली आहे. मान्सूनचा मुक्काम वाढला तर रब्बी पिकांना त्याचा फायदा होणार असून, रब्बी लागवडीचं क��षेत्रही त्यामुळं वाढण्याची शक्यता आहे.
दरम्यान, येत्या चोवीस तासांत मराठवाड्यात काही ठिकाणी पाऊस पडण्याची शक्यता हवामान विभागानं व्यक्त केली आहे. तसंच जालना जिल्ह्यात येत्या तीन सप्टेंबरपर्यंत येलो अलर्ट जारी करण्यात आला आहे.
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रोहन बोपण्णा आणि मॅथ्यू एबडेन या जोडीनं अमेरिकन ओपन टेनिस स्पर्धेत पुरुष दुहेरीच्या उपउपांत्यपूर्व फेरीत प्रवेश केला आहे. आता उपांत्यपूर्व फेरीत या जोडीचा सामना अर्जेंटिनाच्या आंद्रेस मोल्टेनी आणि मॅक्सिमो गोन्झालेझ यांच्याशी होईल. मिश्र दुहेरीतही रोहन बोपण्णा आणि अल्डिला सुतजियादी यांनी डेमी श्युअर्स आणि स्पेनच्या टीम पुट्झ या डच जोडीचा पराभव करून उपउपांत्यपूर्व फेरी गाठली आहे.
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Premature Ejaculation Treatment in South Delhi
प्रीमच्योर इजैक्युलेशन (Premature Ejaculation)
प्रीमच्योर इजैक्युलेशन (Premature Ejaculation) एक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें पुरुष यौन संबंध के दौरान बहुत ही कम समय में वीर्यस्खलन हो जाता है, जिससे वे यौन संबंध के अधिक समय तक ठहर नहीं पाते। यह समस्या यौन संबंध में संतुष्टि की कमी का कारण बनती है और यह शारीरिक और मानसिक दोनों कारणों से हो सकती है।
यहां प्रीमच्योर इजैक्युलेशन के कारण, लक्षण, और बचाव के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा की गई है:
कारण:
1. मानसिक कारण: तनाव, चिंता, अत्यधिक अवसाद या दुखी महसूस करना, यौन असुरक्षितता, और संबंधित दिमागी दबाव पूर्वाग्रहित इजैकुलेशन के मुख्य कारण हो सकते हैं।
2. शारीरिक कारण: यौन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे कि नपुंसकता, शीघ्रपतन और यौन संबंधों को नियंत्रित करने में मदद करने वाले न्यूरोलॉजिकल अवरोध, और अधिकतम स्थिरता की कमी, भी पूर्वाग्रहित इजैकुलेशन के कारण हो सकती हैं।
बचाव:
योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम के अभ्यास से तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे पूर्वाग्रहित इजैकुलेशन की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
संतुलित आहार: स्वस्थ आहार लेना और हेल्दी जीवनशैली का पालन करना भी इस समस्या को कम करने में मददगार हो सकता है।
चिकित्सा सलाह: अगर समस्या गंभीर है, तो चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। चिकित्सक आपको सही उपचार और तकनीकों के बारे में बताएंगे।
यदि आप प्रीमच्योर इजैक्युलेशन जैसी समस्या का सामना कर रहे है या संकोच में है अभी संपर्क करे और दिल्ली का सर्वोत्तम प्रीमच्योर इजैक्युलेशन उपचार (Premature Ejaculation Treatment in Delhi) प्राप्त करे।
क्या प्रीमच्योर इजैक्युलेशन होता है ?
प्रीमच्योर इजैक्युलेशन एक सामान्य सेक्स समस्या है जो कई पुरुषों को प्रभावित करती है, लेकिन यह एक संभव है कि इसे ठीक किया जा सकता है। इस समस्या का उपचार व्यक्ति के लक्ष्य, सेहत, और सामाजिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ कारण हैं जिनके कारण प्रीमच्योर इजैक्युलेशन हो सकता है और इसका उपचार संभव है:
शारीरिक कारण: शारीरिक कमजोरी या तंत्रिका समस्याएँ प्रीमच्योर इजैक्युलेशन के कारण हो सकती हैं। इसमें शीघ्रपतन के लिए चिकित्सा, योग और व्यायाम जैसे शारीरिक उपाय शामिल हो सकते हैं।
मानसिक कारण: मानसिक तनाव, चिंता, या अधिक सेक्सुअल उत्तेजना भी इस समस्या का कारण बन सकते हैं। इसक�� उपचार में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जा सकता है, जैसे कि मेडिटेशन या चिकित्सात्मक परामर्श।
दवाओं का उपयोग: कुछ दवाओं का उपयोग प्रीमच्योर इजैक्युलेशन के उपचार में किया जा सकता है, जैसे कि स्टैमिना बढ़ाने वाली दवाएं या ध्यान संबंधी दवाएं।
चिकित्सा सलाह: अगर प्रीमच्योर इजैक्युलेशन की समस्या गंभीर है और उपरोक्त उपाय काम नहीं कर रहे हैं, तो चिकित्सा सलाह लेना उपयुक्त हो सकता है।
पूर्वाग्रहित इजैकुलेशन की समस्या को ठीक से समझकर और उपचार के लिए चिकित्सक से सलाह लेकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। डॉ विनोद रैना, दिल्ली के उच्त्तम सेक्सोलॉजिस्ट (Best Sexologist in Delhi) के द्वारा यह उपचार प्रदान किया जाता है , उन्हें सेक्सुअल डिसफंक्शन उपचार में 24वर्षो से अधिक अनुभव है तथा ऐसे अनगिनत व्यक्तियों की समस्या को ठीक किया है।
डॉ. विनोद रैना, सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
पता: इ-34 एकता अपार्टमेंट साकेत, नई दिल्ली – 110017
फ़ोन नंबर: 9873322916, 9667987682
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bihar incident- पटना के पाल होटल में लगी आग, 6 की मौत, 20 पीएमसीएच में भर्ती
पटना: पटना जंक्शन से 50 मीटर दूर पाल होटल में गुरुवार सुबह अचानक आग लग गई. आग ने आसपास के 3 होटलों को भी अपनी चपेट में ले लिया. हादसे में 6 लोगों की मौत हुई है. इसमें 3 महिला और 3 पुरुष हैं. (नीचे भी पढ़े) सिटी एसपी सेंट्रल सत्यप्रकाश ने बताया कि घायलों में 2 की हालत गंभीर बनी हुई है. जबकि 20 लोगों का इलाज अभी पटना मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है,कोशिश की जा रही है. आग…
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पीसीओडी क्या होता है जानिये कारण, लक्षण, इलाज और प्रबंधन
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज या (PCOD) पीसीओडी क्या होता है, जैसा कि इसे भारत में कहा जाता है, एक जटिल स्थिति है जिसमें महिलाओं को प्रभावित करने वाले कई लक्षण शामिल होते हैं। जबकि पीसीओडी को सबसे आम हार्मोनल बीमारी के रूप में पहचाना जाता है, यह प्रजनन क्षमता, चयापचय स्वास्थ्य और यहां तक कि मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सहित महिलाओं के स्वास्थ्य के कई पहलुओं के लिए चुनौती पैदा कर सकता है। यह मार्गदर्शिका पीसीओडी को सरल बनाने, इसके निदान के लिए स्पष्टीकरण प्रदान करने और महिलाओं को उनके जीवन में इस स्थिति के प्रबंधन के बारे में शिक्षित करने के लिए तैयार की गई है। उन्नत उपचार विकल्पों और विशेषज्ञ देखभाल के लिए, नवी मुंबई में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Navi Mumbai) के रूप में प्रसिद्ध यशोदा आईवीएफ सेंटर पर जाने पर विचार करें।
पीसीओडी क्या होता है : मूल बातें समझिए
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, या पीसीओडी, एक हार्मोनल विकार है जो दो तीन प्रमुख विशेषताओं द्वारा चिह्नित है:
• अनियमित पीरियड्स (मासिक धर्म संबंधी विकार)
• पुरुष हार्मोन के उच्च स्तर के परिणामस्वरूप अत्यधिक बाल बढ़ना (अतिरोमण), मुँहासे, और पुरुष-पैटर्न गंजापन जैसे शारीरिक लक्षण हो सकते हैं
• पॉलीसिस्टिक अंडाशय - बढ़े हुए अंडाशय जिनमें बाहरी किनारे पर स्थित कई छोटे सिस्ट होते हैं
पीसीओडी के कारण वजन बढ़ना, मुंहासे और गर्भवती होने में कठिनाई सहित कई लक्षण हो सकते हैं। यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि पीसीओडी का कारण क्या है, लेकिन यह संभवतः आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों का एक संयोजन है।
पीसीओडी और इसके प्रभाव को समझिए
पीसीओडी एक डिम्बग्रंथि विकार है जो एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार महिला प्रजनन प्रणाली में हस्तक्षेप करता है जो उन्हें मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने में सहायता करता है। अंडाशय इन महिला-विशिष्ट हार्मोनों और कुछ पुरुष हार्मोनों का भी उत्पादन करते हैं, जिन्हें एण्ड्रोजन कहा जाता है।
जिन महिलाओं को पीसीओडी है, उनमें टेस्टोस्टेरोन सामा��्य से अधिक बढ़ जाता है। यह इस प्रतिकूल और अक्सर अस्थिर हार्मोनल संतुलन के कारण है कि मासिक धर्म चक्र में अधिक अनियमितताएं आम हैं, और इस प्रकार महिलाओं को गर्भवती होने में कठिनाई होती है। इसके अतिरिक्त, सबसे आम चिंता पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में उच्च-इंसुलिन प्रतिरोध है, जिसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति सामान्य रूप से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं और परिणामस्वरूप, रक्त शर्करा बढ़ जाती है। यह एण्ड्रोजन उत्पादन को ट्रिगर कर सकता है और परिणामस्वरूप, पीसीओडी के लक्षणों को फिर से मजबूत कर सकता है।
पीसीओडी के लक्षणों को पहचानिये
पीसीओडी के लक्षण और पीसीओडी क्या होता है ये हर महिला में काफी भिन्न हो सकते हैं। कुछ को हल्के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जबकि अन्य के जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
• अनियमित मासिक धर्म
• मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव
• लंबे समय तक मासिक धर्म चक्र 35 दिनों से अधिक, या एक वर्ष में आठ मासिक धर्म चक्र से कम
• पुरुष हार्मोन के ऊंचे स्तर के परिणामस्वरूप अत्यधिक बाल बढ़ना, मुँहासे और पुरुष-पैटर्न गंजापन जैसे शारीरिक लक्षण हो सकते हैं
• अल्ट्रासाउंड में पॉलीसिस्टिक अंडाशय का पता चला
• सिर पर बालों का पतला होना
• वजन बढ़ना या वजन कम करने में कठिनाई होना
• त्वचा का काला पड़ना, त्वचा संबंधी समस्याएं, जिनमें त्वचा टैग, और मुँहासे शामिल हैं
• •मनोदशा में बदलाव
पीसीओडी के कारण
वास्तविक में पीसीओडी क्या होता है या फीर उसका सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन कई कारक इसके विकास को प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
• अतिरिक्त इंसुलिन: पीसीओडी से पीड़ित कई महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध होता है, विशेष रूप से वे जो अधिक वजन वाली या मोटापे से ग्रस्त हैं, अस्वास्थ्यकर आहार लेती हैं, पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करती हैं और मधुमेह का पारिवारिक इतिहास रखती हैं।
• निम्न-श्रेणी की सूजन: पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में भी अक्सर एक प्रकार की निम्न-श्रेणी की सूजन होती है जो पॉलीसिस्टिक अंडाशय को एण्ड्रोजन का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करती है।
• आनुवंशिकता: हालाँकि, अध्ययनों से पता चला है कि कुछ जीन पीसीओडी से जुड़े हो सकते हैं।
पीसीओडी का इलाज/निदान
पीसीओडी क्या होता है ये तो आपने समझ लिया हैं तो अब जानिए की पीसीओडी का निदान करना कुछ जटिल हो सकता है और इसमें अक्सर कई चरण शामिल होते हैं:
• रोगी के व्यक्तिगत लक्षणों को समझने के लिए चिकित्सा इतिहास का विश्लेषण।
• शारीरिक परीक्षण जिसमें शरीर पर अतिरिक्त बाल, रक्तचाप और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) जैसे संकेतों की जांच शामिल है।
• हार्मोन स्तर, ग्लूकोज, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की जांच के लिए रक्त परीक्षण।
• अंडाशय की स्थिति और आकार को देखने के लिए अल्ट्रासाउंड, यह देखने के लिए कि क्या वे बढ़े हुए हैं या ��नमें सिस्ट हैं।
पीसीओडी का निदान हल्के में नहीं लिया जाता है और इसमें अन्य संभावित बीमारियों का बहिष्कार शामिल होता है जो पीसीओडी के लक्षणों की नकल कर सकते हैं।
पीसीओडी के उपचार और प्रबंधन के दृष्टिकोण
हालाँकि पीसीओडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कई उपचार लक्षणों और जटिलताओं को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। किसी महिला की प्राथमिकताएं क्या हैं, इसके आधार पर उपचार के विकल्प अलग-अलग हो सकते हैं, चाहे वह गर्भवती हो रही हो या बालों के बढ़ने जैसे किसी विशिष्ट लक्षण का प्रबंधन कर रही हो।
· जीवन शैली में परिवर्तन: पीसीओडी के लक्षणों को सही सावधान आदतों के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। महत्वपूर्ण उपायों में नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और उचित वजन प्रबंधन शामिल है।
· पीसीओडी के लिए दवाएं: मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने, अत्यधिक बालों के विकास को कम करने और मुँहासे का इलाज करने के लिए विभिन्न दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। इनमें संयोजन जन्म नियंत्रण गोलियाँ, प्रोजेस्टिन थेरेपी, एंटी-एंड्रोजन दवाएं और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं।
· प्रजनन उपचार: यदि गर्भावस्था वांछित है, तो कुछ दवाएं ओव्यूलेशन को प्रेरित करने में मदद कर सकती हैं। अधिक जटिल मामलों में, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जैसी सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) की सिफारिश की जा सकती है।
पीसीओडी को प्रजनन क्षमता को मात देने वाली बीमारी के रूप में समझिए
पीसीओडी, महिला बांझपन के सबसे अधिक पहचाने जाने वाले कारणों में से एक है, जो महिलाओं की भलाई के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। इस हार्मोन असंतुलन के कारण अंडाशय पर छोटे फूलों की थैली का निर्माण होता है जो परिपक्व अंडे को बाहर निकलने से रोकता है। ऑलिगोमेनोरिया के साथ भी गर्भावस्था आगे बढ़ सकती है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो सकती है। Yashoda IVF में IVF (In vitro fertilization) उपचार एक विशेषता है जो महिलाओं को इस समस्या से निपटने में मदद करता है।
पीसीओडी में प्रजनन उपचार को समझना
पीसीओडी से पीड़ित महिलाएं जो गर्भधारण करना चाहती हैं, उनके लिए सबसे आम थेरेपी ओव्यूलेशन इंडक्शन है, जो एक प्रजनन उपचार है जिसमें अंडाशय को केवल एक अंडा देने के लिए उत्तेजित करने के लिए दवाओं का उपयोग शामिल है। पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को कभी-कभी अपने प्रजनन प्रयासों में सहायता के लिए अतिरिक्त प्रजनन उपचार की आवश्यकता होगी। इस प्रक्रिया में चिकित्सा सहायता के लिए Yashoda IVF Centre का आवश्यक सहयोग प्राप्त करें।
पीसीओडी में आहार एवं व्यायाम
पीसीओडी के संदर्भ में, दैनिक कसरत के साथ-साथ स्वस्थ आहार आदतों का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण पहलू है। ��ार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के मिश्रण के साथ संतुलित आहार के मामले में, इसका लक्ष्य रखें। भोजन पिरामिड में चीनी और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट की कमी इंसुलिन प्रतिरोध की प्रगति में सहायता कर सकती है।
वज़न प्रबंधन
स्वस्थ संतुलित वजन प्राप्त करके अपने पीसीओडी लक्षणों को नियंत्रित रखने में सक्षम होने से उनकी गंभीरता काफी कम हो जाएगी। यहां तक कि वजन में कुछ मामूली कमी के परिणामस्वरूप भी खुशहाल स्थिति आती है।
तनाव में कमी
आराम की तकनीकों और सही नींद के माध्यम से तनाव पर काम करने से लक्षणों को लाभदायक तरीके से राहत देने में मदद मिलती है।
मुख्य तथ्य और निष्कर्ष
पीसीओडी क्या होता है का मतलब जो की पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज है और यह व्यापक है। हालांकि, लक्षण इतने गंभीर और जटिल हो सकते हैं कि किसी महिला की सामान्य जीवनशैली जैसे स्वास्थ्य और खुशी को प्रभावित कर सकते हैं। महिला द्वारा शीघ्र निदान के माध्यम से पीसीओडी को दूर करना बधाई की बात है क्योंकि महिला को शरीर के संकेतों को पहचानना चाहिए और अगर उसे लगता है कि वह इस स्थिति से जूझ रही है तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यशोदा आईवीएफ सेंटर उन महिलाओं के सहारे है जो पीसीओडी की इस चुनौती से निपट रही हैं और स्वस्थ जीवन की दिशा में कदम बढ़ाना चाहती हैं।
पशु अध्ययनों से पता चला है कि कुछ पौधों में एंटीऑक्सीडेंट और सुरक्षात्मक गुण होते हैं जो गर्भधारण करने की इच्छुक महिलाओं ��ी मदद कर सकते हैं। हालांकि इस बात के प्रमाण अनिर्णायक हैं कि क्या इन खाद्य पदार्थों के सेवन से गर्भधारण में मदद मिलेगी, लेकिन इन्हें संतुलित आहार में शामिल करने से कोई नुकसान नहीं होता है। इन तरीकों से, ज्ञान और उचित नियंत्रण आपको पीसीओडी के साथ रहते हुए भी एक पूर्ण, पूर्ण जीवन जीने में सक्षम बनाएगा।
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बाल प्रत्यारोपण सर्जरी प्रक्रिया और सावधानियां
हर कोई आकर्षक रूप, फिट शरीर और घने बाल चाहता है। लेकिन, प्रदूषण और तनाव के कारण कई लोगों में बाल झड़ने की गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है। 60% से अधिक पुरुष और 10% महिलाएँ बाल झड़ने से पीड़ित हैं। गंजापन अधिकांश लोगों के लिए प्रमुख चिंता का विषय बन गया है और इस्का सबसे अच्छा उपचार है हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाना।
हेयर ट्रांसप्लांट क्या है?
हेयर ट्रांसप्लांट आज की तारीख में सबसे अधिक किया जाने वाली कॉस्मेटिक सर्जिकल प्रक्रिया है। हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें शरीर के किसी भी हिस्से से बाल के रोम को हटाकर उन्हें बाल रहित हिस्से में लगाया जाता है। यह बालों के घनत्व को बहाल करने और प्रभावित क्षेत्र में बालों के विकास में सुधार करने के लिए किया जाता है।
बाल प्रत्यारोपण कौन करा सकता है?
हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया पुरानी या वंशानुगत गंजेपन से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है। वंशानुगत गंजापन परिवार में चलने वाले आनुवंशिक दोष के कारण होता है और आमतौर पर इसका इलाज संभव नहीं होता है। इस्की प्रक्रिया की सलाह उन लोगों को भी दी जाती है जिनके बाल किसी चोट, निशान या जलने के कारण झड़ जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए उन जगहों पर बाल वापस लाने के लिए हेयर ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है जहां बाल उगना बंद हो गए हों।
प्रक्रिया
सबसे पहले, सर्जन आपकी खोपड़ी को साफ करता है और आपके सिर के पिछले हिस्से को सुन्न करने के लिए दवा इंजेक्ट करता है।
आपका डॉक्टर बाल प्रत्यारोपण के लिए दो तरीकों में से एक का चयन करेगा:
● फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रिप सर्जरी (FUSS)
● कूपिक इकाई निष्कर्षण (FUE)
FUSS में सर्जन आपके सिर के पीछे से त्वचा की 6 से 10 इंच की पट्टी हटा देता है। वह इसे एक तरफ रख देता है और खोपड़ी को सिलकर बंद कर देता है। सबसे पहले, वह क्षेत्र जहां से बाल हटाए जाएंगे, आसपास के बालों से छिपा होता है। फिर, सर्जिकल टीम खोपड़ी की पट्टी को छोटे टुकड़ों में काटती है, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 500 से 2,000 छोटे बाल होते हैं, प्रत्येक में एक बाल या कुछ बाल होते हैं। आपको आपके बालों के प्रकार, गुणवत्ता, रंग और प्रत्यारोपण क्षेत्र के आकार जैसे करानो के आधार पर ग्राफ्ट प्राप्त होंगे।
यदि आप FUE प्रक्रिया करवा रहे हैं, तो सर्जन की टीम आपके सिर के पिछले हिस्से को शेव कर देगी। फिर, डॉक्टर वहां से बालों के रोमों को एक-एक करके हटा देंगे। उपचार के बाद, छोटे बिंदु बनेंगे, जो आपके मौजूदा बालों से ढक जाएंगे। इसके बाद, दोनों प्रक्रियाएं समान हैं। ग्राफ्ट तैयार करने के बाद, सर्जन उस क्षेत्र को साफ और सुन्न कर देता है जहां बाल रक्खे जाएंगे, एक स्केलपेल या सुई के साथ छेद या स्लिट बनाता है, और प्रत्येक ग्राफ्ट को छेद में नाजुक ढंग से रखता है।
प्रक्रिया की अवधि प्रत्यारोपण के आकार के आधार पर भिन्न होती है, आमतौर पर 4 से 8 घंटे तक चलती है। यदि आप और अधिक बाल झड़ने का अनुभव करते हैं या घने बाल चाहते हैं, तो आपको भविष्य में अतिरिक्त प्रक्रियाओं की आवश्यकता हो सकती है।
बाल प्रत्यारोपण लागत
हेयर ट्रांसप्लांट की लागत सिटिंग की संख्या और आपके द्वारा चुनी गई ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के आधार पर भिन्न होती है। यह चुने गए कमरे, आपकी वर्तमान स्थिति, आपके स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर डॉक्टर द्वारा अनुशंसित प्रक्रिया, बीमा कवरेज आदि जैसे कारणो पर भी निर्भर करता है। अधिक जानकारी के लिए केवा हेयर केयर पर आएं
Keva Hair Care
Address: No 424K 3rd Floor, Harmony Complex, Diwan Bahadur Rd, above ICICI Bank, above Pandiyan Medicals, R.S. Puram, Coimbatore, Tamil Nadu 641002 https://kevahaircare.com/
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क्या आपको हर थोड़ी -थोड़ी देर के बाद पेशाब आने का एहसास होता है ? क्या वास्तव में आप हर बार यूरिन करने जाते हैं ? दरअसल ये एक प्रॉब्लम है और इस समस्या का नाम है बार -बार पेशाब आना ऐसा होता है कि कुछ लोगों बार -बार यूरिन जाना पड़ता है। इस वजह किसी भी तरल पदार्थ को पीने से हिचकिचाते हैं। क्योंकि उनको लगता है अगर वो कुछ भी पिएंगे तो उन्हें फिर से बाथरूम जाना पड़ेगा। हालाँकि इस तरह से तरल पदार्थ पीने से बचना और बार -बार यूरिन के लिए ना जाना ये इसका कोई हल नहीं है। ज़्यादातर लोगों में ब्लैडर यूरिन को तब तक स्टोर करने में सक्षम होता है जब तक कि शौचालय जाना सुविधाजनक न हो। आमतौर पर दिन में चार से आठ बार पुरुष या स्त्री पेशाब करने के लिए जाते हैं। बार -बार यूरिन करने जाना कुछ गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। https://www.healthremediestips.co.in/2024/04/bar-bar-peshab-aana-aur-jalan-hone-ka-gharelu-upay.html
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शीघ्रपतन (shighrapatan) एक स्वाभाविक सेक्सुअल प्रोब्लम हो सकती है, जिसमें पुरुष या स्त्री यौन संबंध बनाने के दौरान बहुत जल्दी वीर्य निकल जाता है। इसे अन्य शरीरिक और मानसिक समस्याओं का परिणाम माना जा सकता है, और यह यौन संबंध में संतोषपूर्णता को प्रभावित कर सकता है। यदि आपको शीघ्रपतन की समस्या है, तो आप एक सुषैन के आयुर्वेदिक डॉक्टर्स से shighrapatan ka Illaj और सलाह ले सकते है, क्योंकि वह आपके मामूली या गंभीर शीघ्रपतन (shighrapatan ka illaj) के मुद्दे का सही इलाज सुझा सकते हैं।
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