#खुशियों का संगीत
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ईश्वर का निवास (ishvar ka nivas) : जीवन की दिशा
मात-पिता को कर किनारे, मैं खाक छानता रहा अब तक ऊँचे पर्वत और घने जंगल की, मुझे क्या मालूम था , ईश्वर का निवास (ishvar ka nivas)है, मेरे घर के अंदर भी, * * * * मैं खोजता रहा ईश्वर को, ऊँचे पर्वत और घने जंगल के अंदर, मुझे हर जगह मिले , खाली बातों के भंवडर , मैं चला था शांत करने अपने अंतर्मन को, मैं भी चाहता था जल्दी से जल्दी, मुझे ईश्वर के दर्शन हों, जो जीते थे देखकर मेरी सूरत, मेरे दिल में नहीं…
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Mohammed Rafi and Suraiya: Read 10 Unheard Stories
Introduction
10 Interesting Facts About Mohammed Rafi: ‘जिंदगी हम फकीरों से क्या ले गई, सर से चादर बदन से हवा ले गई’ यह शेर महान गायक मोहम्मद रफी पर बिल्कुल सटीक बैठता है. रफी साहब को जिन्होंने जाना, समझा और परखा तो मिजाज से फकीर ही पाया. ऐसा फकीर जिसने अपनी गायकी से करोड़ों दिलों में जगह बनाई. वक्त बदला, दौर बदला और अब तो सदी ही बदल गई, लेकिन मोहम्मद रफी के चाहने और सुनने वालों का कारवां घटने की बजाय बढ़ता रहा. रफी साहब ने हर मूड और मिजाज के गाने गाए और लोगों ने इन्हें खूब पसंद भी किया. अब 21वीं सदी में भी मोहम्मद रफी के लिए वही दीवानगी बरकरार है, जो पहले थी. मानसिक परेशानी में जो काम डॉक्टरों की दवाइयां नहीं कर पाती हैं वह उनके गीत कर जाते हैं. दर्�� के नगमे गाकर जहां मोहम्मद रफी ने लोगों को तसल्ली दी तो उनके गाए खुशियों क��� गीत लाखों अरमानों को एकसाथ जिंदा कर देते हैं. इस स्टोरी में हम बताएंगे महान गायक मोहम्मद रफी की जिंदगी और गायकी से जुड़े अनसुने किस्से.
Table Of Content
फकीर ने कर दी थी महान बनने की भविष्यवाणी
रफी का वह गीत जिसके बिना अधूरी है शादी
कभी नाई की दुकान में काटते थे बाल
एक गाने की वजह से बन गई बात
13 साल में दी पहली परफॉर्मेंस
श्याम सुंदर ने दिया पहला ब्रेक
सुरैया ने क्या दिया रफी को अपना कमरा
19 वर्ष में हो गई थी शादी
सुरैया ने क्या दिया रफी को अपना कमरा
रफी की कब्र से मिट्टी ले गए थे लोग
फकीर ने कर दी थी महान बनने की भविष्यवाणी
मोहम्मद रफी का जन्म 24 दिसंबर, 1924 को पंजाब के एक छोटे से गांव में हुआ. ग्रामीण जीवन को उन्होंने बखूबी जिया. गुल्ली डंडा से लेकर हर वह खेल जो गांव में खेले जाते हैं उनका आनंद मोहम्मद रफी ने भी लिया. बावजूद इसके बचपन से ही उनमें सादगी वाला मिजाज रहा. हां, संगीत के प्रति उनका लगाव था. बचपन में शादी-समारोह या अन्य आयोजन होते तो उनमें बजने वाला संगीत उन्हें खूब पसंद आता. शादी में जाने की हसरत पूरी नहीं होती तो वह दूर से ही समारोह में गाए गीतों को सुनते. गांव में एक फकीर अक्सर आया करता था. गांव की गलियों में गाना गाते हुए एक फकीर को देखकर मोहम्मद रफी ऐसे प्रभावित हुए कि रोजाना उसे सुनन�� का इंतजार करते थे.
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उस फकीर की नकल उतारते हुए बाल मोहम्मद रफी खुद भी रियाज किया करते थे. फकीर की बानगी और गीत मोहम्मद रफी को खूब पसंद आते. वह उस फकीर के पीछे-पीछे घूमा करते थे. फकीर भी कभी मुस्कुराकर तो कभी हालचाल पूछकर मोहम्मद रफी को घर लौटा दिया करता था. एक दिन मोहम्मद रफी उस फ़कीर के पीछे-पीछे चलने लगे तो उन्होंने गोद में उठा लिया. प्यार-दुलार करने के बाद फकीर ने बच्चे रफी से कहा- ‘जा बच्चा तू एक दिन बहुत बड़ा आदमी बनेगा. दुनिया तेरे नाम की दीवानी होगी’ यह बात सबके सामने फकीर ने कही. आस��ास के लोगों ने सुनी, लेकिन बचपन में मोहम्मद रफी को यह बात समझ नहीं आई, लेकिन फकीर की दुआ की चर्चा जरूर पूरे गांव में हुई. मोहम्मद रफी आगे चलकर स्वर सम्राट मोहम्मद रफी के नाम से पहचाने गए. कहते हैं कि मोहम्मद रफी साहब को एक फकीर की दुआ लगी थी और वह महान शख्सियत बन गए, जिन्हें जमाना सदियों तक भूला नहीं पाएगा.
रफी का वह गीत जिसके बिना अधूरी है शादी
कभी नाई की दुकान में काटते थे बाल
एक गाने की वजह से बन गई बात
नाई की दुकान में बाल काटने के दौरान मोहम्मद रफी अमृतसर स्टाइल में वारिस शाह का ‘हीर’ गुनगुना रहे थे. नन्हे रफी की आवाज में गाना सुनकर जीवनलाल बहुत प्रभावित हुए. रफी को जीवनलाल ने ऑडिशन के लिए बुलाया. ऑडिशन क्लीयर करने के बाद जीवनलाल ने ही उन्हें पंजाबी संगीत की ट्रेनिंग दी. उनकी उस्तादी में हुनरमंद रफी गायिकी में माहिर होते चले गए. इसके बाद बड़े भाई मोहम्मद हमीद ने संगीत के प्रति इनकी रुचि को देखा और रफी को उस्ताद अब्दुल वाहिद खान के पास संगीत शिक्षा लेने के लिए कहा.
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13 साल में दी पहली परफॉर्मेंस
श्याम सुंदर ने दिया पहला ब्रेक
19 वर्ष में हो गई थी शादी
सुरैया ने क्या दिया रफी को अपना कमरा
रफी की कब्र से मिट्टी ले गए थे लोग
Conclusion
मोहम्मद रफी ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में करीब तीन दशक से भी ज्यादा समय तक अपनी गायकी का जादू चलाया. हिंदी फिल्मों में उन्होंने सर्वाधिक गाने गए, वहीं उन्होंने हिंदी के अलावा पंजाबी, बंगाली, गुजराती और कई अन्य भाषाओं में 7400 से ज्यादा गाने गाए.
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बंधक मिया स्कीम खुशियों के साथ घर लौटी और पड़ोसियों ने उनकी रिहाई का मनाया जश्न
हमास की पूर्व बंधक 21 वर्षीय मिया स्कीम को मंगलवार शाम को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और जब वह मध्य इज़राइल के शोहम में अपने परिवार के घर लौटी तो पड़ोसियों की भीड़ ने उसका स्वागत किया। स्कीम को 7 अक्टूबर को सुपरनोवा संगीत समारोह से बंधक बना लिया गया था, जब हमास क�� नेतृत्व वाले हजारों आतंकवादियों ने दक्षिणी इज़राइल में हमला किया था, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे और लगभग 240 बंधकों को पकड़…
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नव वर्ष २०२२
२०२२ का इंतजार है, नई उम्मीदों का होने वाला आगाज है, साल बदलेगा, दिन बदलेगा, बदलेगा सबका जीवन, त्रासदी और बीमारी से छुटकारा होगा हरा भरा होगा दुनिया का उपवन, खुशियों के फूल खिलेंगे हर घर आंगन, जीवन मंगल उपवन बन जायेगा, दुनिया में संगीत गूंजेगा बनकर स्वर संगम ।।
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15 अगस्त राशिफल : जानिए कैसा बीतेगा आपका आज का दिन
चैतन्य भारत न्यूज आइए जानते हैं राशि के अनुसार कैसा बीतेगा आज आपका दिन। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); मेष- आज आपको नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। व्यापार में लाभ के अवसर सामने आएंगे। परिवार का सहयोग मिलेगा। दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी। वृष- आज कार्यक्षेत्र और व्यापार में सावधानी बरतें। नई योजनाओं पर कार्य आरंभ करना चाहते हैं तो किसी अनुभवी से सलाह-मशवरा अवश्य कर लें। मिथुन- आज आप आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। लेकिन स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। नौकरी में अफसरों से मतभेद हो सकते हैं। माता-पिता का आशीर्वाद लें। कर्क- आज आपका दिन खुशियों से भरा रहेगा। कार्यक्षेत्र और व्यापार में वातावरण आपके अनुकूल रहेगा। साथियों का सहयोग मिलेगा। अधिकारियों का सानिध्य प्राप्त होगा। सिंह- आज आपका दिन उतार चढ़ाव भरा रहेगा। मन में किसी बात को लेकर आशंका बनी रहेगी। जोखिमभरे मामलों में निर्णय फिलहाल टाल दें। कन्या- आज दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी। मानसिक तनाव और शारीरिक थकान आप पर हावी हो सकती है। वाहन और मशीनरी के प्रयोग में सावधानी बरतें। तुला- आज मन अशांत रहेगा। अपनी भावनाओं को वश में रखें। परिवार की समस्याएं परेशान कर सकती हैं। स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। वृश्चिक- आज स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। धार्मिक संगीत के प्रति रूझान बढ़ेगा। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा। यात्रा पर जाना पड़ सकता है। धनु- आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। आप ज्यादा समय परिवार वालों के साथ बिता सकते हैं। आपके लिए कोई फैसला करना थोड़ा कठिन हो सकता है। मकर- आज रचनात्मक कार्यों के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र और व्यापार में नए उत्साह से कार्य करेंगे। बनते हुए कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। कुंभ- आज आपका दिन खुशनुमा रहेगा। कार्यक्षेत्र और व्यापार मे��� वातावरण आपके अनुकूल रहेगा। साथियों का सहयोग मिलेगा। मीन- आज किसी खास काम में आपको फायदा होगा। भाई-बहन के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे। जीवनसाथी आपकी बातों से प्रभावित होगा। Read the full article
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डर के आगे जीत है
डर के आगे जीत है
किस के दुखों को गाएं यहां पर , दुखों का नाम ही गीत है | डरने वालों डरो नहीं तुम , डर के आगे जीत है || दुखों में मस्ती पैदा कर दो, खुशियों की झोली तुम भर दो | यदि रोम रोम में बसा प्रेम हो, तो रोम रोम संगीत है | फूल है यदि तो कांटे होंगे, फिर कांटो से क्या डरना | जो कांटों से वाकिफ कर दे, वही तो सच्चा मीत है || गिर जाएं तो संभलना होगा, रोने से क्या हो सकता | रोते हुए पर हंसती है दुनियाँ, यही…
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राशिफल 5 फरवरी 2021: तुला राशि को वापस मिलेगा रूका हुआ पैसा
माघ कृष्ण पक्ष की उदया तिथि अष्टमी और दिन शुक्रवार है। अष्टमी तिथि सुबह 10 बजकर 8 मिनट तक ही रहेगी उसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। इसके अलावा शाम 7 बजकर 20 मिनट तक वृद्धि योग रहेगा। साथ ही शाम 6 बजकर 28 मिनट तक विशाखा नक्षत्र रहेगा। इसके साथ-साथ मुकदमा दायर करने या अपनी बात रखने के योग की यानि कि यायीजयद योग की सूर्योदय से सुबह 8 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा सर्वार्थसिद्धि योग यानि कि सारे काम बनाने वाले योग शाम 6 बजकर 28 मिनट से शनिवार सूर्योदय तक रहेगा।
मेष राशि
आज ऑफिस में एक्सट्रा वर्क करने से रूका हुआ काम जल्दी पूरा होगा| किसी तरह के विवादों में पड़ने से आपको बचना चाहिए। आप किसी तरह के विचारों में खोये रह सकते हैं, इससे कोई खास मौका आपके हाथ से निकल सकता है। किसी काम में परिवार वालों की राय आपके लिए बेहतर साबित होगी। आज जीवनसाथी के साथ मंदिर जाये। कारोबार में आपको फायदा होगा, लेकिन आपको अपने खर्चों पर कंट्रोल बनाकर रखना चाहिए।परिवारिक रिश्तें अच्छे होंगे।
वृष राशि
आज ऑफिस में आपके काम को लेकर बॉस आपकी तारीफ करेगा। काम-काजी महिलाओं के लिए आज का दिन राहतपूण रहनें वाला है| आपका आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। किसी दोस्त की पार्टी का इनविटेशन आयेगा| वहां आप काफी इंज्वाय करेंगे। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा। आपको एग्जाम से रिलेटेड कोई शुभ समाचार मिलेगा।
मिथुन राशि
आज आपका ध्यान धार्मिक कार्यों में लगा रहेगा। जिससे घर में खुशियों का माहौल बना रहेगा। आप बच्चों के साथ शॉपिंग करने जायेंगे, जहां आपको भारी डिस्काउंट मिलेगा। आप कोई नया काम करने की सोचेंगे, जिसमें आप सफल भी होंगे। ऑफिस के काम को पूरा करने में आप पूरी तरह से सक्षम होंगे।
कर्क राशि
आज सफलता आपके कदम चूमेगी। आपको किसी बड़ी कंपनी से डील करने का मौका मिलेगा| इस राशि के संगीत के क्षेत्र में रुझान वालों को किसी शो में गाने का ऑफर भी मिलेगा| घर पर अचानक कोई मेहमान आयेगा| आप कुछ खास रिश्तों को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे| अगर आप कला के क्षेत्र से जुड़े हैं, तो आपको तरक्की के कई नये रास्ते खुले नजर आएंगे | इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन शानदार है , आज आपको किसी समस्या को सुलझाने का तुरंत रास्ता मिलेगा|
सिंह राशि
आज आपकी नये कार्यों में रूचि बढ़ेगी, जिससे आपको कुछ नया सिखने को मिलेगा। आपका आर्थिक पक्ष पहले की अपेक्षा और भी अधिक मजबूत होगा। परिवार का माहौल खुशनुमा बना रहेगा। बच्चों के साथ किसी पार्क में घूमने जायेंगे। धन लाभ के बड़े अवसर आपको मिलेंगे। आपका कोई खास काम पूरा होगा। आप खुद को सेहतमंद महसूस करेंगे। आपके काम समय पर पूरे होंगे।
कन्या राशि
आज आपका कॉन्फिडेंस बढ़ा हुआ रहेगा। सीनियर्स आपके काम से खुश होंगे। आपका दिन परिवार वालों के साथ बीत सकता है। आप साथियों के साथ बाहर घूमने का प्लान बनेगा। गुस्से में किसी से बात करने से आपको बचना चाहिए। आपके व्यवहार से कुछ लोग प्रभावित भी हो सकते हैं। ऑफिस का माहौल ठीक-ठाक रहेगा। परिवार वालों के साथ किसी रेस्टोरेंट में डिनर करने जायेंगे|
तुला राशि
आज आपके रुके हुए काम पूरें होंगे| बिजनेस के सिलसिले में आपको विदेश यात्रा करनी पड़ेगी। आपकी यात्रा मंगलमय रहेगी। आपको संतान का सुख प्राप्त होगा। ऑफिस में आज आपको जिम्मेदारी वाला काम मिल सकता है, जिसे पूरा करने में आप सफल होंगे। रूका हुआ पैसा वापस मिलने की संभावना है। आप नये काम करने की सोचेंगे, जो आपको आगे धन लाभ के अवसर देंगे।
वृश्चिक राशि
आज कार्यक्षेत्र को बढ़ाने के लिये आपको कुछ नये अवसर मिलेंगे। उधार दिया हुआ पैसा अचानक ही वापस मिल जायेगा। किसी रिश्तेदार के अचानक घर पर आने से घर का माहौल खुशनुमा होगा। वेब डिजाइनर्स के लिये दिन काफी अच्छा है आप किसी नई साइट पर काम करेंगे। बिजनेस के क्षेत्र में बड़े-बड़े लोगों से मिलने में मदद मिलेगी, आपकी तरक्की सुनिश्चित है। कर्ज से मुक्ती मिलेगी।
धनु राशि
आज पारिवारिक खुशियों के लिये आपको ��पनी इच्छाओं का त्याग करना पड़ सकता है। आज आप अपने करियर को लेकर सोच-विचार में रहेंगे4| कोई नया काम करने से आपको बचना चाहिए। बिजनेस कार्य में किसी का सहयोग प्राप्त होगा| किसी पुरानी बात को लेकर आप थोड़े परेशान होंगे, लेकिन शाम तक सब ठीक हो जायेगा।
मकर राशि
आज पुराने लेन-देन को लेकर किसी से विवाद जैसी स्थिति बन सकती है। इस राशि के स्टूडेंट्स आज पढ़ाई-लिखाई में खूब मेहनत करेंगे, जिससे उनका भविष्य उज्जवल होगा। ऑफिस का माहौल थोड़ा अलग होगा ,जिससे आपको थोड़ी परेशानी महसूस हो सकती है। आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।
कुंभ राशि
आज व्यापार के मामलों में आपके मन में नए-नए विचार आयेंगें। किसी काम में मित्रों की सलाह फायदेमंद साबित होगी| परिवार में खुशहाली का वातावरण रहेगा। संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिलेगा। किसी समस्या का समाधान आपको मिलेगा| लेन-देन के मामले में पहले किसी बड़े की राय जरूर ले लें। जीवनसाथी की उपलब्धियों की सराहना करने से दाम्पत्य जीवन में मधुरता आयेगी।
मीन राशि
आज व्यापार में आपको अचानक धन लाभ का अवसर प्राप्त होगा। ऑफिस के कुछ सहकर्मी आपके काम में सहायता करेंगे, जिससे आपका काम जल्दी पूरा हो जायेगा। आज आपकी किसी ऐसे व्यक्ति से मुलाकात होगी, जो आगे आने वाले दिनों में आपकी मदद करेगा। आपके सोचे हुए काम आसानी से पूरे होंगे। बिजनेस में आप जो भी काम हाथ में लेंगे, उसमें आपको सफलता मिलेगी।
https://kisansatta.com/horoscope-5-february-2021-libra-will-get-back-the-stopped-money/ #Horoscope5February2021LibraWillGetBackTheStoppedMoney Horoscope 5 February 2021: Libra will get back the stopped money Culture, Religious #Culture, #Religious KISAN SATTA - सच का संकल्प
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सिनेमा में दिवाली
बहुत ही सुन्दर और सारगर्भित लेख वर्ड फॉर्मेट में लेख इस फोटो के नीचे
हिंदी सिनेमा में तीज-त्योहारों को रोचक, मर्मस्पर्शी और नाटकीय अंदाज में प्रस्तुत करने की सुदीर्घ परंपरा रही है। लेकिन रूपहले परदे पर जितनी तवज्जो होली, गणेश उत्सव, नवरात्रि और स्वतंत्रता दिवस जैसे पर्व-त्योहारों को मिलती रही है, दीपावली को उसकी चौथाई भी नहीं मिल पाई है। गीत मिले भी, तो अधिकांश दर्द-भरे, जिनमें या तो विगत दिवाली की खुशियों से मौजूदा गमगीन दिवाली की तुलना की गई है (जैसे ‘नज़राना’ फिल्म का राजेन्द्र कृष्ण का लिखा गीत ‘एक वो भी दिवाली थी, एक यह भी दिवाली है, उजड़ा हुआ गुलशन है, रोता हुआ माली है’) या दूसरों के घर की रोशनी को देख अपने घर का रोना रोया गया है (जैसे ‘किस्मत’ फिल्म का कवि प्रदीप का लिखा गीत ‘घर घर में दिवाली है मेरे घर में अंधेरा’)। कभी ‘रतन’ की नायिका ‘आई दिवाली, आई दिवाली, दीप संग नाचे पतंग, मैं किसके संग मनाऊँ दिवाली’ के माध्यम से अपनी विरह वेदना प्रस्तुत करती है, तो कभी ‘पैगाम’ में जॉनी वाकर ‘कैसे दिवाली मनाएं हम लाला, अपना तो बारह महीने दिवाला’ गाते हुए अपनी गरीबी पर मीठा तंज करते हैं। श्वेत श्याम फिल्मों के उस दौर में ‘दीप जलेंगे दीप दिवाली आई हो’ (फिल्म: ‘पैसा’) जैसे खुशियों व उमंगों का आह्वान करने वाले गीत कम ही मिलेंगे। कुछ गीतों में दिवाली शाब्दिक रूप से तो नहीं, लेकिन दृश्य रूप में जरूर उपस्थित हुई है, जैसे ‘कभी खुशी कभी ग़म’ (2001) का शीर्षक गीत और ‘मोहब्बतें’ (2000) के ‘पैरों में बंधन है पायल ने मचाया शोर’। दूसरी ओर ‘जुगनू’ (1973) के ‘छोटे छोटे नन्हे मुन्ने प्यारे प्यारे रे’ में बच्चों को उजियारा बताते हुए ‘दीप दिवाली के झूठे’ कहा गया है। दीपावली पर सबसे सकारात्मक गीत ‘शिर्डी के साईं बाबा’ (1977) फिल्म में था: ‘दीपावली मनाई सुहानी मेरे साईं के हाथों में जादू का पानी’। इसी प्रकार ‘सच्चाई’ (1969) में दीपावली शब्द का उपयोग किए बिना दीपावली के रंग-बिरंगे दृश्यों से परिपूर्ण अद्भुत गीत ‘सौ बरस की ज़िंदगी से अच्छे हैं, प्यार के दो चार दिन’ था। शम्मी कपूर और साधना की खूबसूरत जोड़ी का दिवाली की आतिशबाजियों का आनंद लेते हुए मैसूर के महल के सामने जगमग रोशनी का आनंद लेना दर्शकों को च��त्कृत कर देता है। दीपावली पर याद रखे जाने वाले इन मुट्ठी भर गीतों से इतर कोई अलौकिक श्रेणी का गीत है, तो वह है ‘हरियाली और रास्ता’ (1962) का यह गीत: लाखों तारे, आसमान में, एक मगर ढूंढे ना मिला देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला मुकेश और लता मंगेशकर भारतीय सिने-संगीत इतिहास के सबसे मार्मिक और संवेदनशील गायक-गायिका रहे हैं। इस गीत में वे नायक-नायिका की वेदना को अपने गले से साकार कर देते हैं: क़िस्मत का है, नाम मगर है, काम है ये दुनिया वालों का फूंक दिया है चमन हमारे ख्वाबों और खयालों का जी करता है खुद ही घोंट दे, अपने अरमानों का गला देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला अपनी कलम के माध्यम से जीवन दर्शन को चित्रित कर देने वाले शैलेंद्र यहाँ भी नायिका के पीड़ाजनक समय की तुलना सौ-सौ सदियों से करते हैं: सौ-सौ सदियों से लम्बी ये, गम की रात नहीं ढलती इस अंधियारे के आगे अब, ऐ दिल एक नहीं चलती हँसते ही लूट गयी चांदनी, और उठते ही चाँद ढला देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला फिल्म संगीत में हमेशा आह्लाद भरे गीतों की धुन मस्ती में और दुःखी गीतों की धुन रोकल-धोकल अंदाज में बनाने की परंपरा रही है। जैसे ‘घुँघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं’ (फिल्म: चोर मचाए शोर; संगीतकार: रवींद्र जैन), ‘मैं शायर बदनाम हो मैं चला’ (फिल्म: नमक हराम; संगीतकार: आर डी बर्मन) और ‘टूटे हुए ख्वाबों ने हमको ये सिखाया है’ (फिल्म: मधुमती; संगीतकार: सलिल चौधरी)। लेकिन शंकर-जयकिशन ऐसे संगीतकार रहे हैं, जो दुःखी और मनहूस गीतों की धुन भी इतनी तेज, आत्मीय और आह्लादकारी रचते थे कि गमगीन गीत सुनकर भी सूमड़ा नहीं हो पाता था। ‘हो आ, आ भी जा, रात ढलने लगी चाँद छुपने चला’ (तीसरी कसम) और ‘दिल अपना और प्रीत पराई’ (शीर्षक गीत) उसी श्रेणी के गीत हैं। आइए इस दीपावली पर चार मिनट का समय निकाल कर हम भी ‘लाखों तारे आसमान में’ सुनें और शब्दों की परवाह किए बिना महज धुन और प्रस्तुति से अपना मन-आंगन प्रसन्नचित्त कर लें। शशांक दुबे (भाई देवेन्द्र जोशी के कुशल संपादन में उज्जैन से प्रकाशित महत्वपूर्ण समाचार पत्र "साहित्य सांदीपनि" में प्रकाशित लेख की वर्ड प्रति)
लेखक
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ॐ नमः शिवाय
जीवन एक उत्सव है। इसे उत्सव की तरह मनाइए। यदि हम छोटी-छोटी खुशियों में खुशियां ढूंढे! तो जीवन को उत्सव के साथ जिया जा सकता है।
खुशियां बाजार में नहीं बिकती। वह हमारे अंदर ही मौजूद है। कभी प्रकृति के बीच अकेले बैठे। उन पत्तों की सरसराहट, उनका गोपनीय संगीत सुनें। जो बहुत ही मधुर है। उसको सुनकर अपनेपन का एहसास, जैसे किसी ने सुरों की तान छेड़ दी हो। उस बादल की तरफ प्यार से निहारो, लगता है वह भी हमें ही देख रहा है। और हंस रहा है। कि खड़े हो तुम, बरस मैं जाऊं, उसकी बूंदों की फुहार में जो आनंद है। उस आनंद को हमने जीना छोड़ दिया है।
कभी सुबह उठो। खिलती हुई सूरज की किरणों को देखो। उसका मनमोहक प्रकाश, आंखों में खुशी,जीवन में नई स्फूर्ति का एहसास कराती है। कभी निकल जाओ पहाड़ों पर । जहां प्रकृति अपनी विशालता का एहसास कराती है। कभी झरनों को जी भर देखो। कभी प्यार से उसको हाथ में लेकर चु्मो। जीवन उल्लास भरा लगने लगेगा ।तुम अकेले नहीं हो इस पृथ्वी पर । तुम्हारे साथ पूरी प्रकृति है । जो तुम्हें खुशियां देने के लिए बाहें फैलाए खड़ी है ।
कभी छोड़ो रोजमर्रा के चक्कर को। आनंद लो प्रकृति का और जी लो जी भर कर उसे । बड़ा मुश्किल यह जीवन है। जी लो हर पल को प्रकृति के बीच में। कभी ध्यान से देखो। किसी पत्ते को, किसी फूल को , नज़र परमात्मा आ जाएगा। कैसे-कैसे करिश्मे वह करता है । नज़र आ जाएगा। आंखें खिल उठेगी । नजर भर देख लोगे जो फूलों को।
बड़ी सस्ती खुशियां है। ना खुशियों को तोलो तुम पैसों से। ��ैसों से भौतिक सामान आता है जिसमें खुशियां मिलती है कम और गम ज्यादा है।
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भाई बहन पर शायरी - Bhai Behan Shayari Hindi
भाई बहन के प्यार की स्थिति में शायरी: हम आपके लिए भाई और बहन पर स्टेटस और शायरी का एक विशेष संग्रह लाए हैं, जिसे आप अपने भाई और बहन को उनके प्रति प्यार दिखाने के लिए भेज सकते हैं, भाई-बहन का रिश्ता अटूट होता है जो कभी खत्म नहीं होता है। एक रिश्ता है जो होता है, भाई बहन के प्यार की स्थिति में आपको भाई और बहन के लिए बहुत अच्छी स्थिति मिलेगी। भाई और बहन शायरी, अनमोल वचन, Brother Sister Quotes in Hindi. भाई और बहन का रिश्ता नटखट और चंचल होता है, इसलिए शब्दों को विकृत नहीं किया जा सकता है, लेकिन हमारे दिए गए भाई बहन की प्यारी लव स्टेटस शायरी की मदद से, आप शब्दों को आसानी से विकृत कर सकते हैं, भाई और बहन स्टेटस शायरी फेसबुक पर और शायरी पर व्हाट्सएप, आप उन्हें पोस्ट में टैग कर सकते हैं। दुनिया में भाई और बहन का रिश्ता सबसे खूबसूरत रिश्ता माना जयते है , तथा भाई और बहन के रिश्ते को अटूट मानते है जो बहुत मजबूत होता है. भाई और बहन एक सच्चे मित्र की तरह एक दूसरे का मार्गदर्शन करते ह, इसलिए आज के इस लेख में हम भाई बहन पर शायरी और अनमोल विचार तथा इस खूबसूरत रिश्ते को और मजबूती एक छोटी सी कोशिस कर रहें है।
भाई-बहनों पर अनमोल वचन, भाई बहन पर हिंदी में शायरी, Bhai Behan Shayari, Anmol Vachan, Bro and Sis Quotes in Hindi
भाई-बहन पर शायरी - Bhai Behan Shayari Status in Hindi Bhai Behan Shayari Status in Hindi जब मेरे पास मेरी फिकर करने वाले भाई है.. तो मैं दुनिया वालो से क्यू डरु घर में भाई चाहे जितने भी बड़े क्यों ना हों, हर घर में एक Hitler बहन तो ज़रूर होती है Bhai Behan Sad Shayari in Hindi या अल्लाह मेरी बहन का नसीब अच्छा करना.. और इससे दुनिया की सारी खुशिया अदा करना खुश नसीब है वो बहन जिसके सर पर भाई का हाथ होता है, चाहे कुछ भी हालात हो, ये रिश्ता हमेशा साथ होता है Bhai Behan Shayari Messages in Hindi भाइयो को तंग करने में जो मज़ा है.. वो किसी और को तंग करने में नहीं Happiness Is Having An Elder Sister, Who Cares For You Like A Mother भाई-बहनों पर शायरी तेरी मेरी बनती नहीं पर तेरे बिना। मेरी चलती भी नहीं… Love U..मोटी भाई और बहन के दरमियाँ अगर लडाई न हो तो.. ज़िन्दगी अधूरी सी लगती है भाई बहन पर अनमोल वचन जान कहने वाली कोई GF हो या न हो पर.. Oye Hero कहने वाली एक बहन ज़रूर होनी चाहिए भाई अपनी बहन को तंग भी सब से ज्यादा करते है, और अपनी बहनों से प्यार भी बहुत करते है बहन के लिए हिंदी में शायरी Oye सुन.. मेरे भाई के द��ल में मेरी जगह लेने की सोचना भी मत.. मेरे भाई सिर्फ मेरे हे किसी और के नहीं मैं कितना भी कुछ छुपा लूँ। दीदी पर तुझे पता ही चल जाता है। Brother and Sister Shayari in Hindi जब कुछ गलती हो जाती थी तो माँ–बाप से मुझे बचती थी। माना बहन तेरी–मेरी बनती नहीं पर तेरे बिना मेरी चलती भी नहीं। भाई बहन पर दिल छू जाने वाली शायरी मैं तुझे लड़ता भी हूँ और झगड़ता भी हूँ पर तेरी फ़िक्र भी बहुत करता हूँ बहन चाहे कितनी भी पतली क्यों ना हो पर भाई तो उसे मोटी ही बोलेगा। Brother Sister Quotes in Hindi मैं वो रावण बनने के लिए भी तैयार हूँ, जो अपनी बहन के लिए भगवान से भी लड़ने को तैयार हूँ। तू दोस्त यही जान है, मेरी तू बहन नहीं ज़िन्दगी है, मेरी। Bhai Behan Status Shayari Quotes ए खुदा, मेरी दुआओं में इतना रहे, मेरी बहन का दामन हमेशा खुशियों से भरा रहे। बहन से अच्छा दोस्त कोई नहीं होता और मेरी बहन से अच्छी कोई बहन नहीं हो सकती। Brother Sister Love Status In Hindi आज दिन बहुत खास है, बहन के लिए कुछ मेरे पास है, उसके सुकून के खातिर ओ बहना.. तेरे भाई हमेशा तेरे आस पास है भाई की नज़रो में अपनी बहन से खुबसूरत कोई लड़की नहीं होती Bhai Behan Funny Status in Hindi कोई Bf हो या न हो लेकिन.. #Oye_Moti_ कहने वाला भाई जरुर होना चाहिए फूलो का तारों का सबका कहना है.. एक हज़ार Kilo की मेरी बहना है !
भाई बहन पर अनमोल वचन - Brother and Sister Quotes in Hindi
कितना भी लड़-झगड़ लो, पर भाई बहन हमेशा दूर होकर भी एक दुसरे की परवाह करते हैं। भाई बहन की शान होता हैं और बहन भाई की जान होती हैं। हम भाई और बहन हैं दिन का अंत भी इसे बदल नहीं सकता। भाई की नजरों में अपनी बहन से अच्छी कोई लड़की नहीं होती। मुँह पर कड़वा बोले, पर पीठ पीछे दुनिया के सामने बहन की तारीफ करें, वो भाई ही होता हैं। भाई और बहन के प्यार में बस इतना अंतर हैं, की रूला के जो मना ले वो भाई और रूला कर जो खुद रो पड़े वो बहन हैं। जैसे दोनों आँख एक साथ होते हैं वैसे भाई-बहन के रिश्ते भी खास होते हैं। भाई और बहन पृथ्वी का सबसे खूबसूरत और शुद्ध रिश्ता है। भाई से बेहतर कोई भी मित्र नहीं हो सकता। वो भाग्यशाली हैं जिनके पास एक बहन होती हैं। कितना भी लड़-झगड़ लो, पर भाई बहन हमेशा दूर होकर भी एक दुसरे की परवाह करते हैं। शक नहीं बल्कि फिक्र है। 😟😟 भाई को कभी गलत मत समझो। बहन की इल्तिजा माँ की मोहब्बत साथ चलती है वफ़ा-ए-दोस्ताँ बहर-ए-मशक़्कत साथ चलती है। भाई और बहन के प्यार में बस इतना अंतर हैं, की रूला के जो मना ले वो भाई और रूला कर जो खुद रो पड़े वो बहन हैं। घर में जब कोई साथ नहीं होता तो सिर्फ बहन ही हमारा हाथ पकड़ती है। बहन का प्यार वो खजाना है जो कभी खत्म नहीं होता। प्यार का दूसरा नाम ही बहन होता है। बहन वो दोस्त है, जो कभी देखा नहीं दे सकती। बहन हसी बाटती है और आंसू पोंछती है। भले ही बहन अपना घर छोड़ कर दूसरे घर चली जाए, लेकिन यह कभी हमारा दिल नहीं छोड़ती। दूसरे ��ी बहन के बारे में उतना ही बोलें जितना आप अपनी बहन के बारे में सुन सकते हैं। बहनें खुशनसीबी का प्रतीक है। बहनें जीवन बगिया कि सुंदर तितलियों कि तरह होती हैं। जब घर में कोई आपकी तरफ नहीं होता, तब बहन ही आपके साथ खड़ी होती है। बहनें हसीं बांटती हैं और आंसू पोंछती है। ईश्वर हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने माँ को बनाया, और माँ हर वक्त हमारे साथ नहीं हो सकती, इसलिए उन्होनें बहन को बनाया ! बहन के साथ बिताये बचपन के समान कुछ नहीं। अच्छे मित्र आयेंगे और चले जायेंगे, लेकिन एक बहन हमेशा मित्र के रूप में साथ देती है। जिन्दगी की मिठाइयों में बहने चॉकलेट की तरह है सबसे बेहतर। बहने जीवन बगिया की सुंदर तितलियों की तरह होती है। बहन हमारी पहली दोस्त होती है। बहन का प्यार एक सफ़ेद रोशनी है, जिसमे हमारे बचपन की किलकारियां एक संगीत बनकर गूंजती है। बहन से अच्छा दोस्त और कोई नहीं हो सकता, और मेरी बहना ! तुमसे अच्छी कोई और बहन हो ही नहीं सकती। भाई बहन उतनेही करीब होते हैं जितनी की हमरी आँखें। ये लम्हा कुछ खास है, बहन के हाथों में भाई का हाथ है, ओ बहना तेरे लिए मेरे पास कुछ खास हैं, तेरे सुकून की खातिर मेरी बहना, तेरा भाई हमेशा तेरे साथ है। जान कहने वाली कोई गर्लफ्रेंड हो या ना हो लेकिन ओय हीरों कहने वाली एक बहन जरुर होनी चाहिए। दूसरे की बहिन के बारे में उतना ही बोलो, जितना खुद की बहिन के बारे में सुन सको। बहन को वो भी पता होता जो हम उनसे share नहीं करते। छोटी बहन एक सबसे अच्छी दोस्त भी होती है, जिसके साथ आपने अपना बचपन बिताया होता है। बहन बचपन की यादों की साझेदार होती है। निष्कर्ष: Brother Sister Shayari जी हाँ दोस्तों, आपको आज की पोस्ट कैसी लगी, आज हमने आपको बताया भाई बहन पर अनमोल विचार और भाई बहन पर अनमोल वचन, भाई बहन पर शायरी बहुत आसान शब्दों में, हमने आज की पोस्ट में भी सीखा। आज मैंने इस पोस्ट में Bhai Behan Shayari, Quotes in Hindi सीखा। आपको इस पोस्ट की जानकारी अपने दोस्तों को भी देनी चाहिए। वे और सोशल मीडिया पर भी यह पोस्ट ज़रूर साझा करें। इसके अलावा, कई लोग इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं। यदि आप हमारी वेबसाइट के नवीनतम अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको हमारी Sahu4You वेबसाइट सब्सक्राइब करना होगा। नई तकनीक के बारे में जानकारी के लिए हमारे दोस्तों, फिर मिलेंगे ऐसे ही नई प्रौद्योगिकी की जानकारी के बारे में, हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद, और अलविदा दोस्तों आपका दिन शुभ हो। Read the full article
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चंद्रमा मद भरा क्यो झूमे बादर में,वो खुशी अब कहाँ मुझ विरहन के घर मे!!
by
Shyam Shankar Sharma
कुछ फिल्मे ऐसी होती है जो समस्त खूबियों से लबरेज होती है किंतु उनका नाम याद कदा ही सुनने में आता है,ऐसी ही एक बेहद खूबसूरत फिल्म थी पटरानी जिसका संगीत अत्यन्त प्रभावशाली संगीत महान शंकरजयकिशन ने निर्मित किया था।
1956 की फिल्म पटरानी के निर्माता थे शंकर भाई भट्ट और निर्देशक थे विजय भट्ट।वैजयन्तीमाला,प्रदीप कुमार,ओम प्रकाश,शशि कला, दुर्गा खोते,डेविड,जीवन आदि कलाकार इस फिल्म में थे।संगीत से सजाया था शंकर जयकिशन ने। इस फिल्म में एक खूबी यह थी की इसमे एक भी पुरुष गीत नहीं था,लता मंगेशकर,उषा मंगेशकर और मीना मंगेशकर और साथी इस फिल्म की गायिकाएँ थी।सभी 10 गीतों में मुख्य स्वर लतामंगेशकर का था।इस फिल्म में चार कोरस थे. 1,रंग रंगीली पगियाँ बांधे आये ऋतू राजा.....लतामंगेशकर व साथी
2,पावन गंगा सर पर सोहे.....लतामंगेशकर व साथी
3,राजा प्यारे मत करो प्यार का मोल.......लतामंगेशकर,उषामंगेशकरऔर साथी
4,अरे कोईजाओ ऱी पिया को बुलाओ री....लतामंगेशकर,उषामंगेशकर, मीना मंगेशकर ओर साथी
इस फिल्म में एक कोरस गीत और था...दुल्हन गोरी घूँघट में मुस्काये देखो जी कही उनसे भी शरमाये, यद्यपि यह गीत फिल्म में रखा गया था जिसे डिस्क पर रिलीज नहीं किया गया।यदि इस गीत को भी शुमार कर लिया जाय तो इस फिल्म में कुल 11 गाने थे। आज का गीत बेहद बेहद खूबसूरत है जिसे महान शैलेंद्र ने लिखा और लतामंगेशकर ने गाया था,यह गीत संगीत का अनुपम पुष्प है। " चन्द्रमा मद भरा क्यों झूमे है बादर में,वो ख़ुशी कहाँ मुझ विरहन के घर में,चंद्रमा " पटरानी फिल्म आज लगभग 62 वर्ष का समय गुजर जाने के बाद भी अगर आज भी याद की जाती है तो सिर्फ महान शंकर जयकिशन के मनमोहक संगीत के कारण,इसके गीत अत्यन्त लोकप्रिय और सफल रहे थे।यह खेद का विषय है कि कुछ शंकरजयकिशन प्रेमियों को छोड़कर अधिकांश शंकरजयकिशन को चाहने वाले इस फ़िल्म को प्रायः स्मरण में नही रखते! कभी तो आ सपनो में आके जाने वाले और अरे कोई आओ ऱी सपनो में बुलाओ ऱी...जैसे गीत क्या भुलाये जा सकते है?
इन गीतों को सुनने के बाद यह स्थापित हो जाता है कि तथाकथित संगीतकार अपनी कर्कश तबले की थाप और समय की मांग के नाम पर अपनी कमजोरी अथवा मुहँ छिपाते फिरते है,आज का असभ्य संगीत,गंदे गीत,बच्चो का जीवन बिगाड़ने वाले गीत,कान फाडू संगीत,अजीब सी भद्दी आवाजे सुनकर भगवान् नटराज भी शायद संगीत युग से पलायन कर गए है।नीरस स्टेज प्रोग्राम जो चमचमाती रौशनी और गायक गायिकाओं का फैशन स्वरुप मुख्य होता जा रहा है।स्टेज प्रोग्राम महान शंकर जयकिशन के इसलिए प्यारे लगते है क्योंकि उसमे संगीत की आत्मा का निवास होता है और इसी कारण शंकरजयकिशन के स्टेज प्रोग्राम अपना प्रभाव शाली प्रभाव शंकरजयकिशन के संगीत के कारण ही स्थापित कर पाते है।SJMF अहमदाबाद ने महान शंकरजयकिशन के 25 सफलतम कार्य��्रम आयोजित कर शंकरजयकिशन को वास्तविक श्रद्धांजलि दी है जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।में भी म्यूजिक नाईट में जाता था पर दम घोंटू संगीत व निम्नस्तरीय गीतों को सुनने में एक अजीब सी घुटन व एक बैचैनी सी महसूस करता था। उटपटांग गानो को सुनने को मन ही नहीं करता ..कोई बिंदिया चमकाता है या वादा तेरा वादा या देखते रहियो जैसे चालु गीत स्टेज पर गाये जाते थे तो विस्मय होता था कि क्या यह लोग हिंदी फिल्म संगीत के स्वर्णिम काल से परिचित नही है?किन्तु महान शंकरजयकिशन के गीत एक ठंडी बयार होते है।SJMF के लगातार 4 प्रोग्राम क्रमश 22,23,24 एवं 25 में जयपुर से अहमदाबाद इसी कारण अटेंड करने के लिए गया था कि शायद शंकरजयकिशन के गीतों की उच्चतम प्रस्तुति शायद मुझे देखने को मिल जाय ,सुनने को मिल जाय।में अत्यन्त भाग्यशाली रहा,यह सभी कार्यक्रम मील का पत्थर थे,शायद ही महान शंकरजयकिशन पर ऐसे सफल कार्यक्रम कही और आयोजित हुए हो!में इस भागीरथी प्रयास के लिए SJMF के संस्थापक Shree Snehal patel तथा Shree Chirag patel का अत्यंत आभारी हूँ तथा उन्हें बधाई देता हूँ।
काश वो संगीत का स्वर्णिम युग लौट आये जब संगीतकार रचनात्मक मौलिक धुनों की स्पर्धा करते थे, एक दूसरे की इज्जत करते थे, आज तो टांग खिंचाई का काम करते है।इसीलये में लिखता आया हूँ कि 1971 मे हिंदी फिल्म संगीत की हत्या हो गयी और गुणी संगीतकारो को अलग थलग कर दिया गया वो तो शंकर जी ही एक मात्र योद्धा थे जिन्होंने अंतिम दम तक उत्तम संगीत के लिए अपना जीवन लगा दिया। उनहाने फिल्मी संगीत प्रदूषण को दूर करने के अथक परिश्रम किये,किन्तु अकेला महाराणा प्रताप मुगलों की विशाल सेना को कैसे परास्त करता! उस पर विडम्बना यह कि अपने ही मानसिंह बन गए थे। खैर में अब पुनः गीत पर वापसी करता हूँ। जब परिस्थतियां हमारे अनुकूल नहीं होती तो हमें कुछ भी अच्छा नहीं लगता एक बेबसी का आलम उतपन्न हो जाता है।परिन्दे समूह मे उड़ते है तो कितने प्रसन्न होते है?दो परिन्दे भी साथ साथ मस्ती से उड़ते है,किन्तु एकल पक्षी व्याकुलता में चिल्लाते हुए उड़ता है किंतु जो पिंजरे में कैद है उसका दर्द कोई भी नहीं जानता? उदास,नीरव जीवन?जीने की चाह ही मर जाती है,दो तीन फीट जितने स्थान में उसकी सीमा तय कर ��ी जाती है,अनंत आकाश की और ताकता पिंजरे का पंछी हर समय व्याकुल बना रहता है? व्यथा से भरी नारी चंद्रमा से कह रही है.... चन्द्रमा मद भरा क्यों झूमे है बादर में वो ख़ुशी अब कहाँ मुझ विरहन के घर मे.. एक पीड़ा नारी की शैलेन्द्र के शब्दों में अभिव्यक्त हो रही है। मद भरा चंद्रमा आकाश में झूम रहा है, पर उस नारी के लिये निरर्थक, जिसके घर में खुशियों का अकाल है.कोई रूठा जो है? जब से बलम रूठे है,उसके भाग ही रूठ गए,दिल को रोग लग गया है जब से रूठे बलम हमारे रूठे तबसे भाग हमारे मच गया रोग जिगर में चन्द्रमा...! जब सब कुछ सामान्य होता है तभी यह पर्वत,आसमान,पहाड़,नदियाँ,चन्द्रमा ,सितारे,सूरज,प्राकृतिक सौंदर्य सब अच्छे लगते है,परिवारों में भी यही होता है ढेरो खाद्य सामग्री डायनिंग टेबल पर सजी होती है पर यदि पारिवारिक विवाद हो,विषाद हो,नाराजगी हो,असफलता हो तो यह खाद्य सामग्री जहर समान लगती है किंतु यदि जीवन में सच्ची मस्ती हो तो पत्थरो पर बैठकर भी सुखी रोटी प्याज और लहसुन की चटनी के साथ भी जायकेदार और अच्छी लगती है जीवन और जिंदगी सुख का अहसास कराते है। लतामंगेशकर की बेहतरीन आवाज,शैलेन्द्र के अर्थ भरे पीड़ायुक्त शब्द और शंकर जयकिशन का कर्ण प्रिय संगीत इस गीत को चार चांद लगाते है, यह एक अत्यंत नायाब गीत है जिसको सुनने का एक अलग ही आनंद है।हमारा दुर्भाग्य रहा कि शंकरजयकिशन की कई रचनाओं को पर्दे पर साकार होने का अवसर ही नही मिला,जबकि यह अत्यंत कर्ण प्रिय रचनाएं थी,चंद्रमा मदभरा क्यो झूमे।बादर में..को फ़िल्म में निर्माता निर्देशक ने प्रस्तुत ही नही होने दिया जबकि यह गीत अत्यन्त प्रिय मेलोडी गीत था।इसी प्रकार शारदा का खूबसूरत गीत जो फ़िल्म गुमनाम का था----- आएगा कौन यहाँ किसको सदाये देता है दिल अपना है कौन यहाँ ...!! को भी फ़िल्म में स्थान नही मिला।ऐसी ही गलती फ़िल्म निर्माता,निर्देशक कनक मिश्रा भी करने जा रहे थे!जैसा की सूत्र बताते है कि वह फ़िल्म नैना से शारदा का गाया गीत "अलबेले सनम तू लाया है कहाँ"को फ़िल्म में रखने के पक्षधर नही थे किंतु शंकर जी के दृढ़ विश्वास के कारण इस गीत को फ़िल्म में रखना पड़ा जो कि फ़िल्म नैना का विशेष आकर्षण बना। शंकरजयकिशन का नाम करोड़ो भारतीय संगीत प्रेमियों के लिए अमृत का वह अगाध स्रोत है,जो क्षणभर में महिमामय कर्ण प्रिय संगीत रस से तन मन को आप्लावित कर देता है। पटरानी फ़िल्म की याद भी केवल शंकरजयकिशन के श्रवणीय मधुर संगीत के कारण आती है,जिसके सभी गीत अत्यन्त लोकप्रिय हुए और जि�� गीत " चंद्रमा मद भरा क्यो झूमे बादर में" को फ़िल्म में नही रखा गया था वही सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ ओर यज़ भी इस गीत की मांग रहती है। इस गीत को सुनने के बाद शंकरजयकिशन के बाद आये तथाकथित संगीतकारो की लुहारोवाली तबले की थाप तथा समय की मांग के नाम पर अपनी कमजोरी छिपाने की दुर्बलता का पता चल जाता है।इन्ही संगीतकारो के कारण हिंदी फिल्म संगीत का पतन हो गया।शंकरजयकिशन की शास्त्रीय रागों पर आधारितं धुनों में फ़िल्म पटरानी के "चंद्रमा मद भरा" गीत की धुन अत्यन्त सुंदर है।चातक को वर्षा के लिये,चकोर को चंद्रमा के लिए,सीपो को स्वाति बूंदों के लिए मौसम की राह देखनी पड़ती है किन्तु संगीत रसको को शंकरजयकिशन की धुनों रूपी सुधा के लिए कभी तरसना नही पडा, वह तो निरंतर संगीत की अमृत वर्षा करते रहे,तभी तो आज उनके करोड़ो प्रशंसक है जो सिर्फ शंकरजयकिशन के संगीत को ही पसंद करते है।फ़िल्म पटरानी का यह गीत कालजयी है,एक बार ध्यान से सुनिए आप निसंदेह मेरी बात का समर्थन करेंगे! Shyam Shanker Sharma Jaipur,Rajasthan
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23 जनवरी राशिफल : कर्क और कुंभ राशिवालों का आज भाग्य देगा साथ, जानिए अपनी किस्मत का हाल
चैतन्य भारत न्यूज आज पौष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि दशमी और दिन शनिवार है। आइए जानते हैं राशि के अनुसार कैसा बीतेगा आज आपका दिन। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); मेष- आज आपको नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। व्यापार में लाभ के अवसर सामने आएंगे। परिवार का सहयोग मिलेगा। दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी। वृष- आज कार्यक्षेत्र और व्यापार में सावधानी बरतें। नई योजनाओं पर कार्य आरंभ करना चाहते हैं तो किसी अनुभवी से सलाह-मशवरा अवश्य कर लें। मिथुन- आज आप आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। लेकिन स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। नौकरी में अफसरों से मतभेद हो सकते हैं। माता-पिता का आशीर्वाद लें। कर्क- आज आपका दिन खुशियों से भरा रहेगा। कार्यक्षेत्र और व्यापार में वातावरण आपके अनुकूल रहेगा। साथियों का सहयोग मिलेगा। अधिकारियों का सानिध्य प्राप्त होगा। सिंह- आज आपका दिन उतार चढ़ाव भरा रहेगा। मन में किसी बात को लेकर आशंका बनी रहेगी। जोखिमभरे मामलों में निर्णय फिलहाल टाल दें। कन्या- आज दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी। मानसिक तनाव और शारीरिक थकान आप पर हावी हो सकती है। वाहन और मशीनरी के प्रयोग में सावधानी बरतें। तुला- आज मन अशांत रहेगा। अपनी भावनाओं को वश में रखें। परिवार की समस्याएं परेशान कर सकती हैं। स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। वृश्चिक- आज स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। धार्मिक संगीत के प्रति रूझान बढ़ेगा। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा। यात्रा पर जाना पड़ सकता है। धनु- आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। आप ज्यादा समय परिवार वालों के साथ बिता सकते हैं। आपके लिए कोई फैसला करना थोड़ा कठिन हो सकता है। मकर- आज रचनात्मक कार्यों के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र और व्यापार में नए उत्साह से कार्य करेंगे। बनते हुए कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। कुंभ- आज आपका दिन खुशनुमा रहेगा। कार्यक्षेत्र और व्यापार में वातावरण आपके अनुकूल रहेगा। साथियों का सहयोग मिलेगा। मीन- आज किसी खास काम में आपको फायदा होगा। भाई-बहन के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे। जीवनसाथी आपकी बातों से प्रभावित होगा। Read the full article
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हैप्पी बर्थडे भाई, जन्मदिन मुबारक हो – Birthday Wishes for Brother in Hindi
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हैप्पी बर्थडे भाई, जन्मदिन मुबारक हो – Birthday Wishes for Brother in Hindi
हैप्पी बर्थडे भाई, जन्मदिन मुबारक हो – Birthday Wishes for Brother in Hindi Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 November 18, 2019
बड़े और छोटे भाई का रिश्ता बहुत प्यारा होता है। उनके बीच छोटी-छोटी लड़ाइयां होती रहती हैं, लेकिन यह बात दोनों बखूबी जानते हैं कि दोनों एक-दूसरे से कितना प्यार करते हैं। वैसे कभी-कभी ऐसा भी होता है कि दोनों एक दूसरे को अपना प्यार दिखा नहीं पाते। ऐसे में जन्मदिवस की बधाई के साथ आप अपना स्नेह व्यक्त कर सकते हैं, जिसमें स्टाइलक्रेज आपकी मदद करेगा। इस आर्टिकल के जरिए हम छोटे और बड़े भाई के लिए जन्मदिन के खास बधाई संदेश लेकर आए हैं, जो आपके प्यार को और मजबूत करेंगे।
आइए, भाई को जन्मदिन की मुबारकबाद देने का तरीका ��ानते हैं।
विषय सूची
बड़े भाई के लिए
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1. कहना तो बहुत कुछ चाहता था, पर कभी कह नहीं सका, साथ तेरे भाई हर पल रह न सका, कभी पढ़ाई के लिए था दूर जाना, तो कभी काम का था बहाना, पर आपसे झगड़े बिना, एक दिन रह न सका। जन्मदिन मुबारक हो बड़े भाई
2. भाई मेरा सहारा हो तुम, हर मंजिल का किनारा हो तुम, कोई सफर नहीं जिंदगी का जिसमें तुम न हो, जो भी हो भाई बस तुम ही हो। हैप्पी बर्थडे भाई
3. जब अकेला-सा हो जाता हूं, तब कोई मेरा साथ देता है, वैसे तो भाई है मेरा, पर खुद को मेरा दोस्त कहता है।
4. छोटे भाई होने का फर्ज हमने बखूबी निभाया, हैप्पी बर्थडे भाई स्टेटस डालकर अपना प्यार दिखाया, क्योंकि स्टेटस डालना भी तो आपने ही सिखाया। हैपी बर्थडे भाई।
5. किस्मत के भरोसे कभी रुकना नहीं सिखाया, किसी के आगे कभी झुकना नहीं सिखाया, ऐसा है मेरा बड़ा भाई, जिसका आज जन्मदिन है आया।
6. जन्मदिन का नया दिन नई सौगात लेकर आया है, खुशियों की बरात लेकर आया है, जहां कामयाबी दुल्हन की तरह आएगी , और मेरे भाई की माथे पर तिलक लगाएगी। जन्मदिन मुबारक हो बड़े भाई
7. हर सुबह और हर शाम, जुबान पर आता है एक नाम, भाई कोई और नहीं तुम ही हो मेरी शान मेरा अभिमान, जिसका करता हूं मैं तह-ए-दिल से सम्मान।
8. जन्मदिन मुबारक हो भाई आज हम दूर हैं, पर मुझे याद आती है बचपन की हर वो लड़ाई, चाहे हो पापा की चप्पल की पिटाई या हो मां के हाथों की बनी मिठाई, एक बार फिर कहना चाहता हूं, जन्मदिन मुबारक हो मेरे बड़े भाई।
9. भाई मैं तो बस आपसे सीख रहा, जो अपने बताया वही लिख रहा, दुनिया में करोड़ों की भीड़ है, उनमें मेरा भाई अलग दिख रहा।
10. न कभी दोस्तों की कमी हुई, न कभी आंख नम हुई, साथ जो है मेरा भाई, इसलिए, जीवन में कभी मुश्किलें नहीं आई।
11. सामने एक-दूसरे की बुराई किए बिना रह नहीं पाते, भाई तुमसे अच्छा मेरा कोई साथी नहीं ये कह नहीं पाते, पर जब कोई हम में से एक की बुराई करें, तो सह नहीं पाते, यही रिश्ता है हमारे बीच, इसलिए हम एक दूसरे के बिना रह नहीं पाते। हैप्पी बर्थडे भाई
12. मेरा स्कूल का दिन यादगार न होता, अगर आप जो मेरे साथ न होते, दिन टूटने पर मैं अकेले रोता, अगर आप साथ न होते। जन्मदिन मुबारक हो भाई
13. आपके होंठों पर रहे मुस्कान, कदमों में रहे दुनिया जहान, हर पल खुदा से मेरा दिल यही कहे सारी उम्र भाई मेरा सलामत रहे। जन्मदिन मुबारक हो बड़े भाई
14. खुद को मेरा साया बताता है, मुसीबत में मेरे आगे आ जाता है, ऐसे ही कोई बड़ा भाई नहीं कहलाता है, अपनी जिम्मेदारियों को वो बखूबी निभाता है।
15. रंग बिखेर���े मेरे जिंदगी में मुझसे पहले कोई आया है, मैंने उसके लिए चॉकलेट का केक बनवाया है, जिस पर हैप्पी बर्थडे बड़े भाई लिखवाया है।
ऊपर बड़े भाई के लिए बर्थडे विशेस जाने, आगे अब छोटे भाई के लिए बर्थडे विशेस पढ़ें।
छोटे भाई के लिए जन्मदिन संदेश
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हमेशा आप छोटे भाई को अपने काम के लिए परेशान करते रहे होंगे, लेकिन उसके जन्मदिन को हमारे द्वारा लिखे संदेश के माध्यम से यादगार बनाएं।
1. हैप्पी बर्थडे भाई आज दिन तेरा आया, हर तरफ खुशियों का माहौल है छाया, मैंने जन्मदिन की मुबारकबाद देकर, फर्ज़ अपना निभाया।
2. थोड़ा कम अकल है, जिद्दी हर पल है, फिर भी काबिलियत नहीं तुझमे कम है, चाहे जैसी भी हो समस्या, उसे निपटने में तू सक्षम है। जन्मदिन मुबारक हो छोटे भाई
3. मां की आंखों का तारा है, सबका लाडला दुलारा है, मेरा काम करता सारा है, इसलिए, खुद को समझता बेचारा है।
4. हाथ पकड़ मैं चलना सिखाऊं, हर मुसीबत से लड़ना सिखाऊं, आज है मेरे छोटे भाई का जन्मदिन, हैप्पी बर्थडे भाई स्टेटस डालकर, अपना प्यार मैं सबको दिखाऊं।
5. चाहे कैसी भी हो हालत, कोई दे न मेरा साथ, पर एक है जो रहता है मेरे पास, इसलिए, मेरा छोटा भाई है मेरे लिए खास।
6. जिसे स्कूल छोड़ने जाता था, वो कॉलेज जाने लगा, मेरे काम में अब वो भी अपना हाथ बंटाने लगा। हैप्पी बर्थडे भाई
7. रास्ते से उठाया है कहकर जिसे चिढ़ाता हूं मैं, उसके भविष्य के लिए सपने सजाता हूं मैं।
8. जो मुझे न मिला वो सब तुझे दूं, भाई जान बस्ती है तुझमें बस यही तुझसे कहूं। जन्मदिन मुबारक हो छोटे भाई
9. मैं अकेला हो गया था और ढूंढ रहा था सहारा, फिर आया छोटा भाई मेरा प्यारा।
10. जो मुझे अपना हीरो मानता है, जो मेरी तरह बनना चाहता है, जो मुझे भाई कहता है, बस वही मेरे दिल में रहता है।
11. मेरी पुरानी चीजें इस्तेमाल करने वाला आज नए चीजे बनाने लगा जो मुझसे सीखता था आज लोगों को सिखाने लगा। हैप्पी बर्थडे भाई
12. लड़ना-झगड़ना भी जरूरी है, मिलना-बिछड़ना भी जरूरी है, पर हम तो एक ही घर में रहते हैं, हम में न कोई दूरी है।
13. कभी रूठना मनाना कभी प्यार न दिखाना यही करता आ रहा है छोटे भाई के साथ जमाना।
14. नकल वो हर चीज में मेरी करता है, छोटा है मुझसे तभी तो मुझसे डरता है। जन्मदिन मुबारक हो छोटे भाई
15. त्यौहार में साथ न हो तो मजा न आए, साथ हो तो लड़ाई हो जाए, तेरे बिना अकेला रहा न जाए। हैप्पी बर्थडे भाई
अपने भाई के लिए प्यार को न छुपाएं, उन पर हमारे बताए संदेश के जरिए प्यार जताएं। आप चुप रहेंगे, तो शायद वो भी न अपना प्यार कह पाए, क्योंकि रिश्तों में कितने भी उतार चढ़ाव क्यों न आएं, एक भाई ही है, जो आपका हर कदम पर साथ निभाता है। हर सुख-दुख में साथ देता है और मुसीबत में हरदम खड़ा रहता है। अगर आप अपने भाई को जन्मदिवस पर ��धाई संदेश भेजना चाहते हैं, तो हमारे दिए गए मैसेज को शेयर कर सकते हैं। मैसेज पढ़ने के बाद भाई का यादगार जवाब हमारे साथ नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में शेयर जरूर करें। साथ ही अपने भाई के साथ मनाए गए जन्मदिन के किस्से भी आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं।
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Bhupendra Verma
भूपेंद्र वर्मा ने सेंट थॉमस कॉलेज से बीजेएमसी और एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी से एमजेएमसी किया है। भूपेंद्र को लेखक के तौर पर फ्रीलांसिंग में काम करते 2 साल हो गए हैं। इनकी लिखी हुई कविताएं, गाने और रैप हर किसी को पसंद आते हैं। यह अपने लेखन और रैप करने के अनोखे स्टाइल की वजह से जाने जाते हैं। इन्होंने कुछ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्टोरी और डायलॉग्स भी लिखे हैं। इन्हें संगीत सुनना, फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/bhai-ke-liye-birthday-wishes-in-hindi/
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नववर्ष 2019 में आप सब पर माँ शेरावाली की कृपा बरसे यही हमारी हार्दिक शुभकामना है । प्रस्तुत भजन के माध्यम से आप सबकी भावना - प्रार्थना माँ अम्बे जगदम्बे तक पहुँच जाए यही EVERTOPP MUSIC COMPANY का अभिनव प्रयास है। हम आप सभी के जीवन में अच्छे गीत-संगीत के द्वारा खुशियों का हर रंग भरना चाहते हैं बस आप अपना प्यार, सहयोग और आशीर्वाद इसी प्रकार से बनाए रखें । Bell 🔔 को दबाकर Like 👍 Subscribe, Comments ✍ और Share अवश्य कर दीजिए। धन्यवाद । 🙏
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सनातन धर्म के बारे में जानकारी
'सनातन' का अर्थ है - शाश्वत या 'हमेशा बना रहने वाला', अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म जिसे हिन्दू धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहा जाता है, का 1,960,853,110 साल का इतिहास हैं।
वेदों के अनुसार 4 युग है जिसकी कुल आयु 4,320,000 वर्ष है. यह चार युग निम्न है
1. सत्य युग (17,28,000 वर्ष or 40% of 4,320,000)
2. त्रेता युग (12,96,000 वर्ष or 30% of 4,320,000)
3. द्वापर युग (864,000 वर्ष or 20% of 4,320,000)
4. कलि युग (432,000 वर्ष or 10% of 4,320,000)
हिंदू धर्म के पवित्र ग्रन्थों को दो भागों में बाँटा गया है- श्रुति और स्मृति। श्रुति के अन्तर्गत वेद : ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद ब्रह्म सूत्र व उपनिषद् आते हैं। श्रुति को छोड़कर अन्य सभी हिन्दू धर्मग्रन्थ स्मृति कहे जाते हैं, क्योंकि इनमें वो कहानियाँ हैं जिनको लोगों ने पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया और बाद में लिखा।
वेद क्या है ?
वेद प्राचीन भारत के पवितत्रतम साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं, जो ईश्वर की वाणी है। ये विश्व के उन प्राचीनतम धार्मिक ग्रंथों में हैं जिनके पवित्र मन्त्र आज भी बड़ी आस्था और श्रद्धा से पढ़े और सुने जाते हैं।
'वेद' शब्द संस्कृत भाषा के विद् शब्द से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान के ग्रंथ' है। इसी धातु से 'विदित' (जाना हुआ), 'विद्या' (ज्ञान), 'विद्वान' (ज्ञानी) जैसे शब्द आए हैं।
आज 'चतुर्वेद' के रूप में ज्ञात इन ग्रंथों का विवरण इस प्रकार है -
ऋग्वेद - सबसे प्राचीन वेद है. इसमें 10 मंडल हैं और 10552 मंत्र है । इसमें देवताओं के गुणों का वर्णन और प्रकाश के लिए मन्त्र हैं - सभी कविता-छन्द रूप में।
सामवेद - इसमें 1975 मंत्र और 40 अध्याय हैं। उपासना में गाने के लिये 1975 संगीतमय मंत्र।
यजुर्वेद - इसमें कार्य (क्रिया) व यज्ञ (समर्पण) की प्रक्रिया के लिये 3750 गद्यात्मक मन्त्र हैं। इसमें 1875 मंत्र हैं।
अथर्ववेद - इसमें गुण, धर्म, आरोग्य, एवं यज्ञ के लिये 7260 कवितामयी मन्त्र हैं। इसमें 5987 मंत्र और 20 कांड हैं।
· चारों ��ेदों में कुल मिलाकर 20389 मंत्र हैं।
· वेद के अंतर्गत चार विभाग हैं: 1) संहिता, 2) ब्राह्मण, 3) आरण्यक और 4) उपनिषद् |
· वेदों के मूल पाठ को संहिता कहते हैं। यह चारों वेदों के अलग-अलग पाठ हैं।
· मुख्य ब्राह्मण 4 हैं : ऐतरेय, तैत्तिरीय, शतपथ तथा गोपथ।
· वेदों की रचना ऋषियों ने की है। वे रहते थे वनों में, जंगलों में। वन को संस्कृत में कहते हैं 'अरण्य'। अरण्यों में बने हुए ग्रंथों का नाम पड़ गया 'आरण्यक'। मुख्य आरण्यक पाँच हैं : ऐतरेय, शांखायन, बृहदारण्यक, तैत्तिरीय और तवलकार।
· मुख्य स्मृतियाँ हैं - मनु स्मृति (मानव धर्मशास्त्र), याज्ञवल्क्य स्मृति, अत्रि स्मृति, विष्णु स्मृति, आपस्तम्ब स्मृति, पाराशर स्मृति, व्यास स्मृति और वशिष्ठ स्मृति।
ऋग्वेद के विषय में कुछ प्रमुख बातें निम्नलिखित है-
Ø ऋग्वेद में मृत्युनिवारक त्र्यम्बक-मंत्र या मृत्युंजय मन्त्र (7/59/12) वर्णित है.
Ø ऋग्वेद में विश्व-विख्यात गायत्री मन्त्र (ऋ0 3/62/10) भी में वर्णित है।.
Ø ॠग्वेद में कुल दस मण्डल हैं और उनमें 1028 सूक्त हैं और कुल 10,580 ऋचाएँ हैं। इन मण्डलों में कुछ मण्डल छोटे हैं और कुछ बड़े हैं।
Ø ॠग्वेद के कई सूक्तों में विभिन्न वैदिक देवताओं की स्तुति करने वाले मंत्र हैं। यद्यपि ॠग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति ��रने वाले स्तोत्रों की प्रधानता है।
Ø ऋग्वेद में 33 देवी-देवताओं का उल्लेख है। इस वेद में सूर्या, उषा तथा अदिति जैसी देवियों का वर्णन किया है। इसमें अग्नि को आशीर्षा, अपाद, घृतमुख, घृत पृष्ठ, घृत-लोम, अर्चिलोम तथा वभ्रलोम कहा गया है। इसमें इन्द्र को सर्वमान्य तथा सबसे अधिक शक्तिशाली देवता माना गया है। इन्द्र की स्तुति में ऋग्वेद में 250 ऋचाएँ हैं। ऋग्वेद के एक मण्डल में केवल एक ही देवता की स्तुति में श्लोक हैं, वह सोम देवता है।
Ø इस वेद में बहुदेववाद, एकेश्वरवाद, एकात्मवाद का उल्लेख है।
Ø ऋग्वेद के नासदीय सूक्त में निर्गुण ब्रह्म का वर्णन है।
Ø इस वेद में आर्यों के निवास स्थल के लिए सर्वत्र 'सप्त सिन्धवः' शब्द का प्रयोग हुआ है।
Ø इसमें कुछ अनार्यों जैसे - कीकातास, पिसाकास, सीमियां आदि के नामों का उल्लेख हुआ है। इसमें अनार्यों के लिए 'अव्रत' (व्रतों का पालन न करने वाला), 'मृद्धवाच' (अस्पष्ट वाणी बोलने वाला), 'अनास' (चपटी नाक वाले) कहा गया है।
Ø इस वेद लगभग 25 नदियों का उल्लेख किया गया है जिनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी सिन्धु का वर्णन अधिक है।सर्वाधिक पवित्र नदी सरस्वती को माना गया है तथा सरस्वती का उल्लेख भी कई बार हुआ है। इसमें गंगा का प्रयोग एक बार तथा यमुना का प्रयोग तीन बार हुआ है।
Ø ऋग्वेद में राजा का पद वंशानुगत होता था। ऋग्वेद में सूत, रथकार तथा कर्मार नामों का उल्लेख हुआ है, जो राज्याभिषेक के समय पर उपस्थित रहते थे। इन सभी की संख्या राजा को मिलाकर 12 थी।
Ø ऋग्वेद में 'वाय' शब्द का प्रयोग जुलाहा तथा 'ततर' शब्द का प्रयोग करघा के अर्थ में हुआ है।
Ø ऋग्वेद के 9वें मण्डल में सोम रस की प्रशंसा की गई है।
Ø "असतो मा सदगमय" वाक्य ऋग्वेद से लिया गया है। सूर्य (सवितृ को सम्बोधित "गायत्री मंत्र" ऋग्वेद में उल्लेखित है।
Ø इस वेद में गाय के लिए 'अहन्या' शब्द का प्रयोग किया गया है।
Ø ऋग्वेद में ऐसी कन्याओं के उदाहरण मिलते हैं जो दीर्घकाल तक या आजीवन अविवाहित रहती थीं। इन कन्याओं को 'अमाजू' कहा जाता था।
Ø इस वेद में हिरण्यपिण्ड का वर्णन किया गया है। इस वेद में 'तक्षन्' अथवा 'त्वष्ट्रा' का वर्णन किया गया है। आश्विन का वर्णन भी ऋग्वेद में कई बार हुआ है। आश्विन को नासत्य (अश्विनी कुमार) भी कहा गया है।
Ø इस वेद के 7वें मण्डल में सुदास तथा दस राजाओं के मध्य हुए युद्ध का वर्णन किया गया है, जो कि पुरुष्णी (रावी) नदी के तट पर लड़ा गया। इस युद्ध में सुदास की जीत हुई ।
Ø ऋग्वेद में 'जन' का उल्लेख 275 बार तथा 'विश' का 170 बार किया गया है। कई ग्रामों के समूह को 'विश' कहा गया है और अनेक विशों के समूह को 'जन'। एक बड़े प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में 'जनपद' का उल्लेख ऋग्वेद में केवल एक बार हुआ है। जनों के प्रधान को 'राजन्' या राजा कहा जाता था। आर्यों के पाँच कबीले होने के कारण उन्हें ऋग्वेद में 'पञ्चजन्य' कहा गया – ये थे- पुरु, यदु, अनु, तुर्वशु तथा द्रहयु।
Ø 'विदथ' सबसे प्राचीन संस्था थी। इसका ऋग्वेद में 122 बार उल्लेख आया है। 'समिति' का 9 बार तथा 'सभा' का 8 बार उल्लेख आया है।
Ø ऋग्वेद में कृषि का उल्लेख 24 बार हुआ है।
Ø ऋग्वेद में में कपड़े के लिए वस्त्र, वास तथा वसन शब्दों का उल्लेख किया गया है। इस वेद में 'भिषक्' को देवताओं का चिकित्सक कहा गया है।
Ø इस वेद में केवल हिमालय पर्वत तथा इसकी एक चोटी मुञ्जवन्त का उल्लेख हुआ है।
सामवेद के विषय में कुछ प्रमुख तथ्य निम्नलिखित है-
सामवेद से तात्पर्य है कि वह ग्रन्थ जिसके मन्त्र गाये जा सकते हैं और जो संगीतमय हों।
यज्ञ, अनुष्ठान और हवन के समय ये मन्त्र गाये जाते हैं। इसमें यज्ञानुष्ठान के उद्गातृवर्ग के उपयोगी मन्त्रों का संकलन है।
इसका नाम सामवेद इसलिये पड़ा है कि इसमें गायन-पद्धति के निश्चित मन्त्र ही हैं।
इसके अधिकांश मन्त्र ॠग्वेद में उपलब्ध होते हैं, कुछ मन्त्र स्वतन्त्र भी हैं। सामवेद में मूल रूप से 99 मन्त्र हैं और शेष ॠग्वेद से लिये गये हैं।
वेद के उद्गाता, गायन करने वाले जो कि सामग (साम गान करने वाले) कहलाते थे। उन्होंने वेदगान में केवल तीन स्वरों के प्रयोग का उल्लेख किया है जो उदात्त, अनुदात्त तथा स्वरित कहलाते हैं।
सामगान व्यावहारिक संगीत था। उसका विस्तृत विवरण उपलब्ध नहीं हैं।
वैदिक काल में बहुविध वाद्य यंत्रों का उल्लेख मिलता है जिनमें से
तंतु वाद्यों में कन्नड़ वीणा, कर्करी और वीणा,
घन वाद्य यंत्र के अंतर्गत दुंदुभि, आडंबर,
वनस्पति तथा सुषिर यंत्र के अंतर्गतः तुरभ, नादी तथा
बंकुरा आदि यंत्र विशेष उल्लेखनीय हैं।
अथर्ववेद के विषय में कुछ मुख्य तथ्य निम्नलिखित है-
अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस वेद की रचना सबसे बाद में हुई।
इसमें ॠग्वेद और सामवेद से भी मन्त्र लिये गये हैं।
जादू से सम्बन्धित मन्त्र-तन्त्र, राक्षस, पिशाच, आदि भयानक शक्तियाँ अथर्ववेद के महत्त्वपूर्ण विषय हैं।
इसमें भूत-प्रेत, जादू-टोने आदि के मन्त्र हैं।
ॠग्वेद के उच्च कोटि के देवताओं को इस वेद में गौण स्थान प्राप्त हुआ है।
धर्म के इतिहास की दृष्टि से ॠग्वेद और अथर्ववेद दोनों का बड़ा ही मूल्य है।
अथर्ववेद से स्पष्ट है कि कालान्तर में आर्यों में प्रकृति-पूजा की उपेक्षा हो गयी थी और प्रेत-आत्माओं व तन्त्र-मन्त्र में विश्वास किया जाने लगा था
'पुराण' का शाब्दिक अर्थ है, 'प्राचीन' या 'पुराना'। पुराणों की रचना मुख्यतः संस्कृत में हुई है. पुराण को दो भागों में बाँटा गया है।
महापुराण
अग्नि पुराण
ब्रह्म वैवर्त पुराण
लिंग पुराण
उपपुराण
बृहद्धर्म
नरसिंह
कूर्म पुराण
ब्रह्माण्ड पुराण
वामन पुराण
कपिल
मुद्गल
गरुड़ पुराण
भविष्य पुराण
वायु/शिव पुराण
कल्कि
विष्णुधर्मोत्तर
नारद पुराण
भागवत पुराण
वाराह पुराण
कालिका
शिवरहस्य
पद्म पुराण
मत्स्य पुराण
विष्णु पुराण
गणेश
साम्ब
ब्रह्म पुराण
मार्कण्डेय पुराण
स्क���्द पुराण
देवी-भागवत
सौर
Ø ब्रह्मपुराण में श्लोकों की संख्या 14000 और 246 अध्याय हैं।
Ø पद्मपुराण में श्लोकों की संख्या 55000 हैं।
Ø विष्णुपुराण में श्लोकों की संख्या 23000 हैं।
Ø शिवपुराण में श्लोकों की संख्या 24000 हैं।
Ø श्रीमद्भावतपुराण में श्लोकों की संख्या 18000 हैं।
Ø नारदपुराण में श्लोकों की संख्या 25000 हैं।
Ø मार्कण्डेयपुराण में श्लोकों की संख्या 9000 हैं।
Ø अग्निपुराण में श्लोकों की संख्या 15000 हैं।
Ø भविष्यपुराण में श्लोकों की संख्या 14500 हैं।
Ø ब्रह्मवैवर्तपुराण में श्लोकों की संख्या 18000 हैं।
Ø लिंगपुराण में श्लोकों की संख्या 11000 हैं।
Ø वाराहपुराण में श्लोकों की संख्या 24000 हैं।
Ø स्कन्धपुराण में श्लोकों की संख्या 51100 हैं।
Ø वामनपुराण में श्लोकों की संख्या 10000 हैं।
Ø कूर्मपुराण में श्लोकों की संख्या 17000 हैं।
Ø मत्सयपुराण में श्लोकों की संख्या 14000 हैं।
Ø गरुड़पुराण में श्लोकों की संख्या 19000 हैं।
Ø ब्रह्माण्डपुराण में श्लोकों की संख्या 12000 हैं।
उपनिषद् शब्द का साधारण अर्थ है - ‘समीप उपवेशन’ या 'समीप बैठना (ब्रह्म विद्या की प्राप्ति के लिए शिष्य का गुरु के पास बैठना)
108 उपनिषदों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जाता है-
(1) ऋग्वेदीय -- 10 उपनिषद्
(2) शुक्ल यजुर्वेदीय -- 19 उपनिषद्
(3) कृष्ण यजुर्वेदीय -- 32 उपनिषद्
(4) सामवेदीय -- 16 उपनिषद्
(5) अथर्ववेदीय -- 31 उपनिषद्
कुल उपनिषद् की संख्या १०८ है।
सनातन धर्म ( हिन्दू धर्म ) के सिद्धान्त के कुछ मुख्य बिन्दु:
1. ईश्वर एक नाम अनेक.
2. ब्रह्म या परम तत्त्व सर्वव्यापी है।
3. ईश्वर से डरें नहीं, प्रेम करें और प्रेरणा लें.
4. हिन्दुत्व का लक्ष्य स्वर्ग-नरक से ऊपर.
5. हिन्दुओं में कोई एक पैगम्बर नहीं है।
6. धर्म की रक्षा के लिए ईश्वर बार-बार पैदा होते हैं।
7. परोपकार पुण्य है, दूसरों को कष्ट देना पाप है।
8. जीवमात्र की सेवा ही परमात्मा की सेवा है।
9. स्त्री आदरणीय है।
10. सती का अर्थ पति के प्रति सत्यनिष्ठा है।
11. हिन्दुत्व का वास हिन्दू के मन, संस्कार और परम्पराओं में.
12. पर्यावरण की रक्षा को उच्च प्राथमिकता.
13. हिन्दू दृष्टि समतावादी एवं समन्वयवादी.
14. आत्मा अजर-अमर है।
15. सबसे बड़ा मंत्र गायत्री मंत्र.
16. हिन्दुओं के पर्व और त्योहार खुशियों से जुड़े हैं।
17. हिन्दुत्व का लक्ष्य पुरुषार्थ है और मध्य मार्ग को सर्वोत्तम माना गया है।
18. हिन्दुत्व एकत्व का दर्शन है।
सनातन धर्म ( हिन्दू धर्म ) के पांच प्रमुख देवता
· सूर्य - स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा व सफलता।
· विष्णु - शांति व वैभव।
· शिव - ज्ञान व विद्या।
· शक्ति - शक्ति व सुरक्षा।
· गणेश - बुद्धि व विवेक
देवताओं के गुरु बृहस्पति माने गए हैं।
दानवों के गुरु शुक्राचार्य माने जाते हैं।
वर्ण व्यवस्था - चार प्रमुख वर्ण थे - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
संस्कृत भाषा के बारे में कुछ रोचक तथ्य
संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक धार्मिक भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। इसे कम्प्यूटर और कृत्रिम बुद्धि के लिये सबसे उपयुक्त भाषा माना जाता है। शोध से ऐसा पाया गया है कि संस्कृत पढ़ने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। संस्कृत विश्व की सर्वाधिक 'पूर्ण' (perfect) एवं तर्कसम्मत भाषा है। संस्कृत कई भारतीय भाषाओं की जननी है। हिन्दू, बौद्ध, जैन आदि धर्मों के प्राचीन धार्मिक ग्रन्थ संस्कृत में हैं। हिन्दुओं, बौद्धों और जैनों के नाम भी संस्कृत पर आधारित होते हैं। हिन्दुओं के सभी पूजा-पाठ और धार्मिक संस्कार की भाषा संस्कृत ही है।
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मध्यप्रदेश में हैं मांडू के महल, जिन्हें ऐतिहासिक प्रेम कहानियों के लिए आज भी रखा जाता है याद
भगवान राम की चर्तुभूज प्रतिमा भी मांडू में विराजित है जो दुर्लभ और महत्वपूर्ण मानी जाती है।
मध्यप्रदेश में ऐसी कई जगहें हैं, जो किसी रहस्य से कम नहीं है. देखा जाए, तो इन जगहों को देखने के लिए वो पर्यटक सबसे ज्यादा आते हैं। ऐसी ही एक जगह है मांडू नगरी। सिटी ऑफ जॉय के नाम से मशहूर 12 दरवाजों से महलों तक हरियाली से पटा बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्रेम का साक्षी अभेद्य गढ़ों का नगर, अकल्पनीय रानी रूपमती और बाजबहादुर के अमर प्रेम की साक्षी मांडू नगरी मध्यप्रदेश के धार जिले में है।
��्रेम कहानियां जो आज भी गूंजती है
विंध्याचल पर्वत श्रृंखला में बसे मांडू को पहले शादियाबाद के नाम से भी जाना जाता था, जिसका अर्थ है खुशियों का नगर अंग्रेज तो इसे अब भी सिटी ऑफ जाय के नाम से ही पुकारते हैं। मांडू में वास्तुकला की ऐसी बेजोड़ रचनाएं बिखरी पड़ी हैं, जो देश-दुनिया के लिए धरोहर हैं। इमारतें तब के शासकों की कलात्मक सोच, समृद्ध विरासत और शानो-शौकत का आईना है। मांडू को ऐसा अभेद्य गढ़ भी माना गया जिसे शत्रु कभी नहीं भेद सके। राजपूत परमार शासक भी बाहरी आक्त्रमण से रक्षा के लिए मांडू को सुरक्षित किला मानते रहे। पहाड़ों के बीच हरियाली से आच्छादित मांडू में पर्यटकों की आवाजाही यूं तो पूरे वर्ष बनी रहती है, लेकिन बारिश के मौसम में पर्यटकों की भीड़ यहां बढ़ जाती है। बारिश में पानी भरे बादल ऊंचे महलों पर मौजूद पर्यटकों को भिगो कर निकल जाते हैं। यह अनुभव अविस्मरणीय होता है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से यहां सड़क के रास्ते पहुंचा जा सकता है।
घूमना न भूलें यहां के पर्यटन स्थल
मुंबई-दिल्ली ट्रेक पर स्थित रतलाम रेलवे जंक्शन से भी यहां पहुंचने का सीधा रास्ता है। घुमावदार रास्तों से प्रवेश घुमावदार पहाड़ी रास्तों से मांडू में प्रवेश करते ही विशाल दरवाजे स्वागत करते है। पांच किमी. के दायरे में लगभग 12 प्रवेश द्वार निर्मित हैं। इनमें सुल्तान या दिल्ली दरवाजा प्रमुख माना जाता है। इसे मांडू का प्रवेश द्वार भी कहते हैं। इसका निर्माण 1405 से 1407 के मध्य में हुआ था। इसके बाद आलमगीर दरवाजा, भंगी दरवाजा, गाड़ी दरवाजा, तारापुर दरवाजा दरवाजे आते हैं। काले पत्थरों से निर्मित इन दरवाजों के बीच से गुजरते हुए पर्यटक मांडू नगरी में प्रवेश करते हैं। इसके साथ हरियाली की चादर से ढंकी सुरम्य वादियों के बीच इतिहास की गवाह इमारतें एक के बाद एक सामने आती चली जाती हैं। दर्शनीय स्थल मांडू में कई दर्शनीय स्थल हैं, लेकिन हर पर्यटक रानी रूपमती के महल जरूर जाता है। इसी महल के पास बाज बहादुर महल भी बना हुआ है। इसके अलावा, हिंडोला महल, जहाज महल, जामा मस्जिद, अशरफी महल आदि स्थान प्रमुख हैं। मांडू का जैन तीर्थ भी ऐतिहासिक है। भगवान सुपार्श्वनाथ की पद्मासन मुद्रा में विराजित श्र्वेत वर्णी सुंदर प्राचीन प्रतिमा है। बताया जाता है कि 14वीं शताब्दी में यह प्रतिमा की स्थापित की गई थी। मांडू में कई अन्य पुराने ऐतिहासिक महत्व के जैन मंदिर भी है, जिसके कारण यह जैन धर्मावलंबियों के लिए एक तीर्थ स्थान है। रानी रूपमती का महल रानी रूपमती के महल मांडू की प्रमुख इमारतों में शामिल है। यहां आने वाले पर्यटक इस खूबसूरत इमारत को देखे बिना नहीं लौटता। कहा जाता है कि 365 मीटर ऊंची खड़ी चट्टान पर स्थित इस महल का निर्माण बाजबहादुर ने रानी रूपमती के लिए इसलिए करवाया था, ताकि वे सुबह उठने के बाद नर्मदा के दर्शन कर सकें। रूपमती प्रतिदिन नर्मदा के दर्शन के बाद ही अन्ना-जल ग्रहण करती थीं। बादलों या कोहरे की वजह से कभी नर्मदा के दर्शन नहीं की स्थिति से निपटने के लिए रूपमती महल में ही रेवा कुंड का निर्माण भी किया गया था, जिसमें नर्मदा का जल रहता था।
यह भी कहा जाता है कि सैनिकों के लिए मांडू की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए इस महल का उपयोग किया जाता था। संगीत के भी दोनों बेहद शौकीन थे, इसलिए मांडू की फिजाओं में शाम और सुबह संगीत लहरियां तैरती रहती थीं। बाज बहादुर का महल रूपमती महल के पास ही बाज बहादुर महल है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था। इस महल में विशाल आंगन और हॉल बने हुए हैं। यहां से मांडू का मनोरम नजारा देखा जा सकता है। महल की खासियत यह है कि यहां के कुछ हाल इस तरह से बनाए गए हैं कि यदि सामान्य व्यक्ति भी गीत गुनगुनाता है तो दूसरे हाल में वह कर्ण प्रिय होकर गीत सुनाई देते हैं। जामा मस्जिद और अशरफी महल जामा मस्जिद भी मांडू दर्शनीय स्थानों में शामिल है। इस विशाल मस्जिद का निर्माण होशंगशाह के शासनकाल में किया गया था। जामा मस्जिद की गिनती मांडू की महत्वपूर्ण धरोहरों के रूप में की जाती है। जानकार कहते हैं कि जामा मस्जिद विदेशी मस्जिदों की नकल है। मस्जिद के सामने एक और प्राचीन इमारत अशरफी महल है। अशरफी का आशय वैसे सोने की मुद्रा से होता है, इस महल का निर्माण होशंगशाह खिलजी के उत्तराधिकारी मोहम्मद खिलजी ने मदरसे के लिए किया था। ये दोनों स्थान मांडू के ह्दय स्थल पर स्थित हैं। इनके सामने अब बस स्टैंड संचालित हो रहा है।
पानी में तैरता जहाज महल
जहाज महल जहाज की आकृति में कपूर तालाब और मुंज तालाब के बीच बनी खूबसूरत इमारत है। इसका निर्माण 15 वीं शताब्दी में हुआ था। 100 मीटर से ज्यादा लंबाई वाली इस इमारत को दूर से देखने पर ऐसा आभास होता है मानों तालाब के बीच में कोई विशाल जहाज लंगर डाले खड़ा है। संभवत: इसीलिए इसे जहाज महल नाम मिला। माना जाता है कि जहाज महल में पानी के मह��्व को भी तरजीह दी गई है। यहां ऐसी कई जल संरचनाओं के अवशेष आज भी मौजूद हैं, जो मांडू को दुनियाभर में अलग पहचान दिलाते हैं। होशंगशाह का मकबरा होशंगशाह का मकबरा भी इतिहास की धरोहरों में से एक है। यहां होशंगशाह की कब्र है, इसे भारत में मार्बल से निर्मित पहली कब्र माना जाता है। मकबरा अफगानी शिल्पकला का बेजोड़ नमूना है। इसका गुंबज, बरामदे तथा मार्बल की जाली आदि की खूबसूरती को चार चांद लगाती हैं। इसे देख लगता है मानो ताज महल की प्रतिकृति बनाने की कोशिश की गई हो। होंशगशाह का मकबरा मुगल शासकों की विशेष इमारतों में शामिल है। हिंडोला महल हिंडोला महल भी मांडू के खूबसूरत महलों में से एक है। हिंडोला का अर्थ होता झूला। इस महल की दीवारें कुछ झुकी होने से यह महल हवा में झूलता हिंडोला नजर आता है। हिंडोला महल का निर्माण ग्यासुद्दीन खिलजी ने 15 ईस्वी में सभा भवन के रूप में किया था। इसके सुंदर कॉलम इसे और भी खूबसूरती प्रदान करते हैं। इस महल के परिसर में प्राचीन चंपा बावड़ी है। इसका कलात्मक निर्माण देखते ही बनता है। इसमें नीचे उतरने के लिए व्यवस्थित रास्ता भी बना है। वैसे, अब नीचे जाने की इजाजत किसी को नहीं है। नीलकंठेश्र्वर महादेव और महल नीलकंठेश्र्वर महादेव मंदिर सुरम्य स्थान पर बना है। क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को अपनी ओर बरबस खींच लेता है। शिवजी के मंदिर में पहुंचने के लिए कई सीढ़ी उतरकर पहुंचा जा सकता है। मंदिर के सौंदर्य को शब्दों में बयां नहीं किया सकता। ऊपर वृक्षों से घिरे तालाब से जल की एक धारा नीचे मंदिर में शिवजी का अभिषेक करती रहती है।
मंदिर और महलों का संगम
भगवान राम की चर्तुभूज प्रतिमा भी मांडू में विराजित है जो दुर्लभ और महत्वपूर्ण मानी जाती है। मंदिर के समीप निर्मित इस महल का निर्माण शाह बदगा खान ने अकबर की हिंदू पत्नी के लिए करवाया था। इसकी दीवारों पर अकबर कालीन कला के नमूने देखे जा सकते हैं। डायनासोर पार्क कुछ साल पहले मांडू में डायनासोर पार्क भी बनाया ��या है। इसे देखना भी अनूठा अनुभव है। यहां करोड़ों वर्ष पुराने डायनासोर के जीवाश्म देखे जा सकते हैं और उनका इतिहास समझने का अवसर मिलता है। साथ ही नर्मदा पट्टी के समृद्ध इतिहास को जाना जा सकता है। अन्य दर्शनीय स्थल हाथी महल, दरिया खान की मजार, दाई का महल, दाई की छोटी बहन का महल, मलिक मघत की मस्जिद और जाली महल भी मांडू की दर्शनीय इमारते हैं। ईको प्वाइंट भी पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है। लोहानी गुफाएं और उनके सामने स्थित सनसेट प्वाइंट भी पर्यटकों को खींचता है।
कैसे पहुंचें
धार से मांडू दूरी - लगभग 35 किमी रतलाम से मांडू की दूरी-लगभग 95 किमी इंदौर हवाई अड्डे से दूरी 90 किमी नजदीकी रेलवे स्टेशन - इंदौर और रतलाम प्रेमविजय पाटिल
By Pratima Jaiswal
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