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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से नेपाल के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की
देहरादून   मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में नेपाल के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। उन्होंने भारत-नेपाल से जुड़े विभिन्न सम सामयिक विषयों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। प्रतिनिधिमण्डल में  पम्पा भूसाल,  रामेश्वर राय यादव, श्रीमती सत्या पहाड़ी,  सुरेश कुमार राय,  चक्रपाणि खनल ‘बलदेव’ शामिल थे। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत और नेपाल के लोगों में…
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nepal123 · 7 years
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एमालेः विदुरमा पण्डित र बेलकोटमा खनाल उम्मेदवार नुवाकोट, १७ वैशाख । नेकपा (एमाले) ले विदुर र बेलकोटगढी नगरपालिका प्रमुखमा दुई उम्मेदवार चयन गरेको छ । सो अवसरमा विदुरका प्रमुखमा सञ्जु पण्डित र बेलकोटगढीका प्रमुखमा राजेन्द्ररमण खनाललाई उम्मेदवार बनाउने निर्णय गरिएको एमालेले जनाएको छ । यस्तै बेलकोटगढी नगरपालिका उपप्रमुखमा रुपा सापकोटालाई उम्मेदवार बनाउने निर्णय पनि भएको बताइएको छ । The post एमालेः विदुरमा पण्डित र बेलकोटमा खनाल उम्मेदवार appeared first on Etajakhabar.
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khabaruttarakhandki · 4 years
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नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की आज होगी बैठक, प्रधानमंत्री ओली के भविष्य पर होगा निर्णय
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नेपाल के प्रधानमंत्री ओली के भविष्य पर आज होगा निर्णय (फाइल फोटो)
काठमांडू:
नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की अहम बैठक में शनिवार को प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के भविष्य पर निर्णय लिया जाएगा. पार्टी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. भारत विरोधी टिप्पणी करने को लेकर प्रधानमंत्री पद से ओली के इस्तीफे की बढ़ती मांग के मद्देनजर यह बैठक हो रही है. हिमालयन टाइम्स समाचार पत्र में यह खबर प्रकाशित हुई है कि ओली और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास में बैठक की. मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि तीन घंटे तक चली बैठक दोनों शीर्ष नेताओं के बीच विश्वास बहाल करने के लिये हुई. 
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ओली के साथ बैठक के बाद प्रचंड ने नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से भी मुलाकात की. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनपीसी) की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की बैठक बृहस्पतिवार को स्थगित कर दी गई क्योंकि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे पर कोई आम सहमति बना पाने में नाकाम रहा.  यह समिति पार्टी की सबसे प्रभावशाली इकाई है. एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि उनकी हालिया भारत विरोधी टिप्पणी ‘‘ना तो राजनीतिक रूप से सही है और ना कूटनीतिक रूप से उपयुक्त है. ”
प्रचंड ने कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी कि भारत उन्हें अपदस्थ करने की साजिश रच रहा है , ना तो राजनीतिक रूप से सही है और ना कूटनीतिक रूप से उपयुक्त है. ”प्रधानमंत्री ओली (68) ने रविवार को दावा किया था कि उन्हे पद से हटाने के लिये दूतावासों और होटलों में विभिन्न तरह की गतिविधियां चल रही हैं. उन्होंने कहा कि देश के मानचित्र को अद्यतन कर उसमें रणनीतिक रूप से तीन भारतीय क्षेत्रों –लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा–को शामिल किये जाने संबंधी उनकी सरकार के कदम के बाद के खेल में कुछ नेपाली नेता भी संलिप्त हैं. 
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को स्थायी समिति की बैठक दौरान प्रचंड द्वारा कही गई बात को उद्धृत करते हुए कहा कि दक्षिणी पड़ोसी (देश) और अपनी ही पार्टी के नेताओं पर प्रधानमंत्री ओली द्वारा आरोप लगाया जाना उचित नहीं है. प्रचंड ने पहले भी और बार-बार यह कहा है कि सरकार तथा पार्टी के बीच समन्वय का अभाव है. साथ ही, वह एनसीपी द्वारा ‘‘एक व्यक्ति एक पद” प्रणाली का पालन किये जाने पर जोर दे रहे हैं. एनसीपी के दोनों धड़ों–ओली के नेतृत्व वाले और प्रचंड के नेतृत्व वाले–के बीच मतभेद उस वक्त बढ़ गया जब प्रधानमंत्री ने बजट सत्र का सत्रावसान करने का बृहस्पतिवार को एकपक्षीय तरीके से फैसला किया. 
मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक, ओली ने संसद का सत्रावसान करने का फैसला किया है, ताकि वह पार्टी को विभाजित करने वाले एक विवादास्पद विधेयक को फिर से पेश कर सकें. सूत्रों ने बताया कि प्रचंड ने शनिवार को पार्टी की स्थायी समिति की बैठक बुलाई है, जिसमें प्रधानमंत्री के भविष्य पर निर्णय लिया जा सकता है. स्थायी समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि शनिवार को समिति की बैठक के दौरान दोनों पक्ष कोई ऐसा तंत्र बनाने पर काम करेंगे, जिसके तहत पार्टी और सरकार दोनों को कुछ नियम-कायदों का पालन करना होगा, ताकि मतभेद दूर हो सकें. 
उन्होंने यह विचार प्रकट किया कि प्रधानमंत्री ओली मनमाने तरीके से सरकार चला रहे हैं और वह पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड को अपना काम ��हीं करने दे रहे हैं. ओली और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड, दोनों ही सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष हैं.  एनसीपी की केंद्रीय समिति के सदस्य एवं विदेश मामलों के पार्टी के उप प्रमुख बिष्णु रिजाल ने कहा कि अब प्रधानमंत्री ओली के समक्ष यह विकल्प है कि वह एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का पालन करते हुए या तो पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ें या फिर प्रधानमंत्री पद का. 
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मतभेदों को खत्म करने के लिये दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाएगा ताकि शनिवार की बैठक के बाद संकट समाप्त हो जाए. ”मंगलवार को हुई स्थायी समिति की बैठक के दौरान प्रचंड और पूर्व प्रधानमंत्रियों माधव कुमार नेपाल तथा झालानाथ खनल ने विवादस्पद बयान देने को लेकर ओली से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा था. उन्होंने ओली से यह भी कहा था कि अपनी टिप्पणी को साबित करने के लिये वह साक्ष्य पेश करें.  पार्टी में ओली हाशिये पर चले गये हैं क्योंकि काफी संख्या में वरिष्ठ नेता प्रचंड के साथ हैं. ओली के पास स्थायी समिति में सिर्फ 15 सदस्यों का ही समर्थन है. 
इस बीच, राम कुमारी झाकरी और बिजय पौडेल सहित एनसीपी नेताओं का एक धड़ा शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय के सामने धरना पर बैठ गया. वे शीर्ष नेतृत्व पर इस बारे में दबाव बनाना चाहते हैं कि पार्टी की संभावित टूट को टाल कर इसे अक्षुण्ण रखा जाए. वहीं, माय रिपब्लिका न्यूजपोर्टल की खबर के मुताबिक एनसीपी में निकट भविष्य में टूट होती नजर नहीं आ रही है क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर दोनों प्रमुख धड़े आपसी मतभेदों को दूर करने के लिये बातचीत कर रहे हैं. खबर के मुताबिक दिन में आज एनसीपी के दूसरी श्रेणी के नेताओं ने ललितपुर में एक बैठक की. इसमें कई मंत्री शामिल हुए. 
VIDEO:नेपाल: विवादित नक्शे को मंजूरी
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gokul2181 · 4 years
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Nepal Latest News; Nepal Communist Party may split Prime Minister KP Sharma Oli to Cabinet | प्रधानमंत्री ओली ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से पूछा- साफ बताओ, किसकी तरफ हो, देश और पार्टी मुश्किल में है
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Nepal Latest News; Nepal Communist Party may split Prime Minister KP Sharma Oli to Cabinet | प्रधानमंत्री ओली ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से पूछा- साफ बताओ, किसकी तरफ हो, देश और पार्टी मुश्किल में है
प्रधानमंत्री ओली ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा
सोमवार को पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक होगी, इसमें ओली की किस्मत पर फैसला होगा
अनिल गिरी, काठमांडू से
Jul 05, 2020, 12:55 PM IST
नेपाल की सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) टूट की कगार पर है। उसके अध्यक्ष और प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। ओली ने शनिवार शाम हुई कैबिनेट की आपात बैठक में अपने मंत्रियों से कहा कि वे साफ बताएं कि किसकी तरफ हैं? किसका समर्थन करेंगे? या उनकी सरकार के खिलाफ हैं, क्योंकि पार्टी और देश मुश्किल में हैं। यह जानकारी बैठक में मौजूद एक मंत्री ने दी। बैठक में हुई औपचारिक बातचीत का ब्योरा जारी नहीं किया गया। 
ओली ने कहा कि पार्टी के कुछ नेता उन्हें हटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही ये लोग राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के खिलाफ महाभियोग चलाने की साजिश रच रहे हैं, क्योंकि उन्होंने मेरा समर्थन किया था। भंडारी और ओली के बीच बहुत अच्छे राजनीतिक संबंध हैं। ओली के समर्थन से, भंडारी 2015 के बाद से दो बार राष्ट्रपति बन चुकी हैं। 
ओली ने जल्द ही बड़ा फैसला करने के संकेत दिए ओली ने यह संकेत भी दिया कि वे जल्द ही कोई बड़ा फैसला कर रहे हैं और उनकी पार्टी टूट की कगार पर है। ओली पर प्रधानमंत्री पद और पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव है। उनके सामने इन दोनों पदों को बचाने की चुनौती है। 
प्रचंड का गुट इस्तीफे का दबाव बना रहा एनसीपी को टूट से बचाने के लिए तमाम कोशिशें हो रही हैं। इसके लिए कुछ मझोले नेता दोनों पक्षों को चेतावनी भी दे रहे हैं। अब आम सहमति बनाने के लिए पार्टी की बैठक सोमवार तक के लिए टाल दी गई है, लेकिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पुष्प कमल दहल प्रचंड की अगुआई वाला बागियों का गुट ओली पर इस्तीफे का दबाव बना रहा है। 
प्रचंड को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का समर्थन प्रचंड ओली को प्रधानमंत्री पद से हटाने और पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। दहल को माधव नेपाल और झालानाथ खनल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का समर्थन है। हालांकि, ओली इन खबरों को खारिज कर रहे हैं। ओली और प्रचंड की पिछली बैठक शुक्रवार को हुई थी। यह करीब तीन घंटे चली थी। इसमें प्रचंड ने ओली के इस्तीफे की मांग दोहराई। हालांकि, बाद में उन्होंने इस दावे को खारिज किया और कहा कि उनके बीच इस्तीफे से इतर कुछ अन्य मुद्दों पर बात हुई। 
नेपाल में जारी सियासी घमासान से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं…
1. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने कहा- भारत पर प्रधानमंत्री ओली के आरोप बेबुनियाद, उन्हें फौरन इस्तीफा देना चाहिए 2. इस्तीफे की मांग के बीच ओली थोड़ी देर में देश को संबोधित करेंगे, राष्ट्रपति से मुलाकात की; बजट सत्र भी स्थगित 3.  इमरान ने ओली से फोन पर बातचीत का वक्त मांगा, ओली ने भारत पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था
4. राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मिले प्रधानमंत्री ओली, इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग भी बुलाई गई
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news-trust-india · 5 years
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Weather Update: फि‍र बिगड़ेगा मौसम का मिजाज, 12 और 13 जनवरी को इन इलाकों में होगी बारिश
Weather Update: फि‍र बिगड़ेगा मौसम का मिजाज, 12 और 13 जनवरी को इन इलाकों में होगी बारिश
नई दिल्‍ली।Weather News Today Forecast उत्‍तर भारत के पहाड़ी इलाकों में 12 और 13 जनवरी को बारिश एकबार फ‍िर से दस्‍तक दे सकती है। मौसम विभाग (India Meteorological Department, IMD) के मुताबिक, पश्चिमी हिमालयी रीजन में 11 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जिससे जम्‍मू-कश्‍मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में 12 और 13 जनवरी को बारिश हो सकती है। हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी थमने के बाद भूस्‍खनल की…
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yarokiyari · 7 years
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बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस में हाईकोर्ट से बरी डॉ. राजेश और नूपुर तलवार जेल से रिहा होकर अपने घर पहुंच चुके हैं. लेकिन एक सवाल बार-बार लोगों के जेहन में कौंध रहा है कि आखिर आरुषि और हेमराज का कत्ल किसने किया है. नेपाल के रहने वाले हेमराज का परिवार आज भी इंसाफ की राह देख रहा है. वह जानना चाह रहा है कि इस वारदात को किसने अंजाम दिया है. इस केस की जांच की शुरूआत में हेमराज को ही मुख्य संदिग्ध माना गया था. नेपाल के एक गांव में रहने वाले हेमराज बन्जादे के परिवार में एक बुढ़ी बीमार मां, विधवा पत्नी और 18 साल का बेटा है. एक बेटी की शादी हो चुकी है. यदि हेमराज आज जिंदा होता, तो वह अपने पोती को देख पाता. वह परिवार में इकलौता कमाने वाला था. तलवार दंपति के घर रहकर जो कुछ पाता उसी से पूरे परिवार का गुजारा होता था. अब उसके नहीं रहने के बाद बहुत मुश्किल से परिवार का जीवन यापन हो पा रहा है. मां की हालत तो बहुत ही खराब है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाल एकता समाज के सदस्य ठाकुर खनल ने बताया कि 16 मई, 2008 को आरुषि-हेमराज मर्डर केस की सूचना आने के बाद पूरे इलाके लोग स्तब्ध थे. परिवार का बुरा हाल था. गांव और आसपास के लोगों ने मिलकर एक लाख रुपये जमा किया और हेमराज के परिवार को दे दिया. लेकिन आज 9 साल बीत गए हैं. परिवार की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और न ही उन्हें न्याय मिला. राजकुमार और कृष्णा भी चर्चा में आए ठाकुर खनल ने कहा कि तलवार दंपति के इस केस से बरी हो जाने के बाद कुछ मीडिया हाउस नेपाल के ही रहने वाले राजकुमार और कृष्णा थापा को संदेह के घेरे में लेने की कोशिश कर रहे हैं. यदि वे दोनों दोषी होते तो जांच टीम उनके खिलाफ चार्जशीट जरूर फाइल करती. पॉलीग्राफी टेस्ट में भी उनके खिलाफ कुछ नहीं निकला है. ऐसे में मीडिया को राजकुमार और कृष्णा का नाम इस केस में नहीं घसीटना चाहिए. उन दोनों को सुकून से जीने देना चाहिए. हेमराज पर था आरुषि के कत्ल का शक बताते चलें कि इस वारदात में सबसे पहले आरुषि के शव को देखा गया था. इसके बाद लोगों को लगा था कि हेमराज ने आरुषि की हत्या की और फरार हो गया. लेकिन दो दिन बाद जब उसी घर की छत पर हेमराज का शव मिला, तो इस हत्याकांड का रहस्य गहराता चला गया. यूपी पुलिस की जांच टीम ने बाद में आरुषि के माता-पिता डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार को दोषी ठहराया. कुछ दिन बाद ��स केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. हाईकोर्ट ने सीबीआई थ्योरी को नकारा सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में बताया था कि तलवार दंपति ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है. सीबीआई की थ्योरी थी कि आरुषि और हेमराज शारीरिक संबंध बना रहे थे. उसी वक्त राजेश तलवार देख लिया और उसकी हत्या कर दी. सीबीआई की इस दलील को लोअर कोर्ट ने मान कर उम्रकैद की सजा दे दी. लेकिन हाईकोर्ट में सारा मामला उल्टा पड़ गया. कोर्ट का कहना था कि फोरेंसिक साइंस में व्यक्तिगत नतीजों की जगह नहीं होती है. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर का खुलासा पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. नरेश राज ने बताया कि उनके द्वारा दी गई रिपोर्ट एक सीबीआई अफसर की थ्योरी से प्रभावित थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में गवाही के दौरान उन्होंने बताया था कि सीबीआई अफसर की थ्योरी को अपने वैवाहिक अनुभव से जोड़ा और पाया कि हेमराज और आरुषि के बीच शारीरिक संबंध की प्रक्रिया हो रही थी. सीबीआई टीम के अफसर एजीएल कौल ने उनसे कहा था कि हेमराज और आरुषि शारीरिक संबंध बनाने जा रहे थे.
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nepal123 · 7 years
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२०७४ लाई संविधान कार्यान्वयन वर्षका रुपमा लिनुपर्छ : खनाल २ बैशाख, काठमाडौं । नेकपा एमालेका वरिष्ठ नेता एवं पूर्वप्रधानमन्त्री झलनाथ खनालले २०७४ साललाई संविधान कार्यान्वयनको वर्षको रुपमा लिनुपर्ने बताएका छन् । अहिलेको संबिधानले सबै बर्ग, जातिका समुदायलाई हक
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nepal123 · 7 years
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‘म भन्दा खगेन्द्रजी हिट हुनु स्वभाविक नै हो’: दिपेन्द्र के खनाल चलचित्र ‘द यूगदेखि यूगसम्म’बाट नेपाली चलचित्रको निर्देशनमा हात हालेका निर्देशक दिपेन्द्र के खनाल फरक बिषयमा चलचित्र बनाउने निर्देशकको रुपमा चिनिन्छन् । ‘चपली हाइट, पशुपति प्रसाद’ जस्ता चलचित्र बनाएपछि उनको
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nepal123 · 8 years
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सरकारले स्थानीय तह निर्वाचन गराएरै छाड्छ : खनाल ८ चैत, म्याग्दी । प्रधानमन्त्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचण्ड’का राजनीतिक सल्लाहकार चक्रपाणि खनाल (बलदेव)ले सरकारले घोषणा गरेको स्थानीय तह निर्वाचन हुनेमा आशङ्का नगर्न आग्रह गरेका छन । नेकपा (माओवादी केन्द्र) निकट युवा सङ्गठन योङ्ग कम्युनिष्ट लिग (वाइसिएल) म्याग्दीको तेस्रो जिल्ला सम्मेलनको सोमबार बेनीमा उद्घाटन गर्दै उनले यस्तो बताएका छन । आगामी वैशाख ३१ गते सरकारले स्थानीय तह निर्वाचन गराएरै छाड्ने उद्घोष गर्दै उनले निर्वाचनपछि जनताको घरदैलोमा सरकारी सेवा सुविधा पुग्ने धारणा राखे । “सङ्घीयतामार्फत जिल्ला सदरमुकाममा केन्द्रित सेवा सुविधा अब गाउँपालिका र नगरपालिकामार्फत जनताको पहुँचमा पुग्दैछ, अब सेवा सुविधा मात्रै होइन आफ्नो गाउँठाउँको बजेट कसरी निर्माण गर्ने र विकास कसरी गर्ने भन्ने कुरा जनताकै हातमा हुन्छ”– उनले भने । उनले माओवादीको जनयुद्ध र जनआन्दोलनको जगबाट मुलुकमा सङ्घीयता, धर्मनिरपेक्षता र समानुपातिक समावेशीताजस्ता मुद्दा स्थापित भएको बताउँदै ती मुद्दालाई संस्थागत गर्न स्थानीय तहको चुनाव अपरिहार्य रहेकोमा जोड दिए । उनले मधेसमा देखिएको सम���्यालाई सरकारले राजनीतिक रुपमै हल गर्ने प्रयास गरेको बताउँदै चुनाव कसैले चाहेर नरोकिने बताए । उनले प्रधानमन्त्री दाहालले हिमाल, पहाड र तराईलाई जोड्ने गरी ठूलो परिवर्तनपछि प्राप्त उपलब्धिलाई संस्थागत गर्न लागिपरेको धारणा राखे । तत्कालीन माओवादी जनमुक्ति सेनाका डेपुटी कमाण्डरसमेत रहनुभएका खनालले जनताको अधिकार स्थापित गर्न माओवादीले जनयुद्ध गरेको स्मरण गर्दै नयाँ संविधानको कार्यान्वयन हुन सकेमा मात्रै माओवादी आन्दोलन र जनयुद्धको लक्ष्य पूरा हुने बताए । यसैबीच, नेकपा (माओवादी केन्द्र) निकट योङ्ग कम्युनिष्ट लिग (वाइसिएल)को सोमबार बेनीमा सम्पन्न तेस्रो जिल्ला अधिवेशनबाट भोजबहादुर थापा (कुमार)को अध्यक्षतामा नयाँ कमिटी निर्वाचित भएको छ । पैँतीस सदस्यीय कमिटीको उपाध्यक्षमा नगेन्द्र केसी, दोरण शेरचन, सविन रोका, खुम पुन र ईन्द्र थापा रहेका छन । सचिवमा सन्दिप खत्री, सहसचिवमा गीता पुन, कोषाध्यक्षमा बालकृष्ण पुर्जा, लेखा संयोजकमा यादव सुवेदी र अनुशासन संयोजकमा सुरवीर पुन रहेका छन । रासस The post सरकारले स्थानीय तह निर्वाचन गराएरै छाड्छ : खनाल appeared first on Nepali Headlines,Nepal News, Nepali News, News Nepal.
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nepal123 · 8 years
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एमालेको नेतृत्व अनिवार्य–नेता खनाल नवलपरासी, २९ फागुन । नेकपा (एमाले)का वरिष्ठ नेता तथा पूर्वप्रधानमन्त्री झलनाथ खनालले मुलुकमा सामाजिक रुपान्तरणका लागि अब एमालेको नेतृत्व अनिवार्य बनेको बताउनुभएको छ । एमालेको मेची–महाकाली जागरण अभियानअन्तर्गत आज नवलपरासीको भुमहीमा आयोजित सभालाई सम्बोधन गर्दै उहाँले राष्ट्रिय स्वाधीनता, स्वतन्त्रता र सार्वभौमसत्ता जोगाउन एमालेको नेतृत्व आवश्यक रहेको जिकिर गर्नुभयो । अभियानमार्फत स्वतन्त्रता, स्वाभिमान र राष्ट्रिय अखण्डताको पक्षमा सन्देश दिन खोजिएको उहाँको भनाइ थियो । नेपाली जनताको स्वाभिमानलाई शिखरमा पु¥याउन एमालेले अभियान ल्याएको बताउँदै नेता खनालले मधेसी मोर्चाले विभिन्न वाहनामा अभियानलाई निष्कृय पार्न खोजेपनि सफल भएको दाबी गर्नुभयो । सभामा एमाले नेता माधवकुमार नेपाल, वामदेव गौतम, ईश्वर पोखरेल, योगेश भट्टराई, विष्णु पौडेल, प्रदीप ज्ञवाली, घनश्याम भुसाललगायत केन्द्रीय नेताको उपस्थिति थियो ।
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nepal123 · 8 years
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तीन तहको निर्वाचन हुन नसके संविधानसभाबाट जारी भएको संविधान असफल :नेता खनाल विर्तामोड (झापा), २१ फागुन । नेकपा (एमाले)का वरिष्ठ नेता झलनाथ खनालले आगामी माघ ७ गतेभित्र तीन तहको निर्वाचन हुन नसके संविधानसभाबाट जारी भएको संविधान असफल हुने बता���नुभएको छ । सो पार्टीले आजबाट सुरु गरेको मेची महाकाली अभियानअन्तर्गत विर्तामोडमा आयोजित जनसभामा उहाँले भन्नुभयो — ‘परिवर्तनलाई संस्थागत गर्न संविधान कार्यान्वयन र समयमा निर्वाचन हुनु अनिवार्य छ ।’ नेता खनालले एमालेले सञ्चालन गरेको मेची महाकाली अभियानले संविधान कार्यान्वयन र निर्वाचन गराउनका लागि दबाब सृजना गर्ने बताउनुभयो । सो अवसरमा विभिन्न पार्टीबाट एमालेमा प्रवेश गरेका कार्यकर्तालाई पार्टीका अध्यक्ष केपी शर्मा ओली तथा नेताद्वय खनाल र माधवकुमार नेपालसहितले स्वागत तथा पुराना कम्युनिष्ट नेताहरुलाई सम्मानपनि गर्नुभयो ।
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नेपाल प्रहरीको प्रवक्तामा सर्वेन्द्र खनाल नियुक्त काठमाडौँ, ३ फागुन- नेपाल प्रहरीको प्रवक्तामा वरिष्ठ प्रहरी उपरीक्षक सर्वेन्द्र खनाल नियुक्त हुनुभएको प्रहरी प्रधान कार्यालयले जनाएको छ । यसअघि महानगरीय अपराध महाशाखा, काठमाडौँको प्रमुख रहनुभएका खनाल दुई हप्ताअघिमात्रै प्रहरी महानिरीक्षकको सचिवालयमा सरुवा हुनुभएको थियो । यसअघिका प्रवक्ता वरिष्ठ प्रहरी उपरीक्षक ठाकुर ज्ञवाली मध्यपश्चिम क्षेत्रीय प्रहरी कार्यालय, नेपालगन्जमा सरुवा भएपछि उहाँको ठाउँमा खनाल आउनुभएको हो ।
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कम्युनिष्टले आदर्श, इमान्दार र नैतिकता भुल्दै गए – नेता खनाल काठमाडौँ, २९ माघ । पूर्वप्रधानमन्त्री एवम् नेकपा (एमाले)का वरिष्ठ नेता झलनाथ खनालले नेपाली कम्युनिष्टले आदर्श, इमान्दार र नैतिकताको राजनीति भुल्दै गएकामा चिन्ता व्यक्त गर्नुभएको छ । आज राजधानीमा सहिद नेत्रलाल ‘अभागी’ स्मृति प्रतिष्ठानले प्रकाशन गरेको ‘राप्ती प्रवाह’ श्रद्धाञ्जलि स्मृति अङ्कको विमोचन गर्दै नेता खनालले स्व नेत्रलालबाट अहिलेका कम्युनिष्टले धेरै कुरा सिक्नुपर्ने बताउनुभयो । उहाँले स्व नेत्रलाल राष्ट्र र राष्ट्रियता तथा नेपाली जनताका अधिकार प्राप्तिका लागि निरन्तर लडिरहने बहुआयामिक नेता हुनुहुन्थ्यो भन्नुभयो । विसं २००१ मा दाङमा जन्मनुभएका नेत्रलाल २०४१ जेठ ६ गते सहादत हुनुभएको थियो । दङ्गाली जनताबीच माडसावका नामले परिचित नेत्रलाल समाज सुधारक पनि हुनुहन्थ्यो । सहिद नेत्रलाल ‘अभागी’ स्मृति प्रतिष्ठानका अध्यक्ष प्रकाश ज्वालाको संयोजकत्वमा आयोजित उक्त विमोचन कार्यक्रममा नेकपा (माले)का नेता, सिपी मैनालीले नेत्रलाल नेपाली कम्युनिष्ट आन्दोलनका अगुवा प्रगतिवादी साहित्यकार र समाज सुधारक अभियन्ता हुनुहुन्थ्यो भन्नुभयो । कार्यक्रममा नेकपा माओवादी क्रान्तिकारीका नेता मोहन वैद्यले देशघाती र देशद��रोहीलाई थर्कमान गराउनसक्ने नेत्रलाल जस्तै नेताको अहिले अभाव भएको बताउनभयो । हाल दाङको देउखुरी चैलाहीमा सहिद नेत्रलाल स्मृति भवन निर्माण भइरहेको छ । सो भवन निर्माणका लागि सरकारले रु ५० लाख उपलब्ध गराएको थियो । विमोचित उक्त पुस्तकका सम्बन्धमा साहित्यकार अमर गिरीले टिप्पणी गर्नुभएको थियो भने कार्यक्रममा वेदराम भुसाल, प्रदीप नेपाल, नारायण शर्मा, रामचन्द्र भट्टराईले स्व नेत्रलालको व्यक्तित्व र प्रकाशित कृतित्वका सम्बन्धमा आ–आफ्नो मन्तव्य व्यक्त गर्नुभएको थियो ।
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nepal123 · 8 years
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संविधान संशोधनमार्फत नै चुनाव घोषणा गरौँ – प्रधानमन्त्रीका सल्लाहकार खनाल काठमाडौँ, २२ माघ । मुलुकमा संविधान सशोधन कि निर्वाचन भन्ने बहस अझै केही समय लम्बिनसक्ने स्पष्ट सङ्केत देखिएको छ । रिपोर्टर्स क्लबद्वारा आज यहाँ आयोजित साक्षात्कारमा सहभागी तीन दलका नेताले संविधान संशोधन र निर्वाचनका बारेमा गर्नुभएको बेग्लाबेग्लै तर्कले यो सङ्केत गरेको हो । प्रधानमन्त्रीका प्रमुख राजनीतिक सल्लाहकार चक्रपाणि खनालले मधेस मुद्दा जसरी जटिल भएर आएको छ, त्यो मुद्दालाई सम्बोधन नगरी निर्वाचन हुनसक्छ कि सक्दैन भन्ने पक्षलाई सबैले बुझ्न आवश्यक छ भन्नुभयो । उहाँले भन्नुभयो – “मधेसका मुद्दा सम्बोधन गरेर निर्वाचनमा जानुपर्छ । संविधान कार्यान्वयन गरेर राजनीतिक स्थायित्व दिनुपर्छ । संविधान सशोधन मार्फत नै चुनाव घोषणा गराँै भन्ने सरकारको धारणा हो ।” “दलीय सहमतिका आधारमा चुनाव घोषणा हुनुपर्दछ, त्यसमा मधेसलाई समावेश गर्ने गरी एमालेले सोचोस्, मधेसवादी दलले पनि परिणाम जस्तो आए पनि स्वीकार गर्छाै भन्ने प्रतिवद्धता दिलाउन आवश्यक छ” – सल्लाहकार खनालले भन्नुभयो । नेकपा (एमाले)का नेता रघुवीर महासेठले ९० प्रतिशत सभासद्को हस्ताक्षरमा जारी भएको संविधान कार्यान्वयन हुन दिन्नाँै भन्ने भनाइले देशको हित होला कि विदेशीको ? भनी प्रश्न गर्नुभयो । उहाँले भन्नुभयो – “तराई–मधेसका जनताले अहिले संविधान सशोधन र आन्दोलन होइन शान्ति, विकास र सम्मान खोजेका छन् । संविधान सशोधनबाट मधेस र मधेसी जनताले के पाउँछन्, मधेसका नाममा केही नेताले आफ्नो स्वार्थका लागि मात्रै बोलेका हुन् ।” संविधान सशोधन र निर्वाचनको नाममा सरकार आयु लम्याउने खेलमा रहेको नेता महासेठको आरोप थियो । तराई–मधेस सद्भावना पार्टी नेपालका अध्यक्ष महेन्द्र रायले मधेसी मोर्चाले देशको एउटा ठूलो हिस्साको प्रतिनिधित्व गर्दैआएकाले त्यसले उठाएका मुद्दालाई पन्छाएर निर्वाचन मात्र गर्नुपर्छ भन्ने भनाइले संविधान कार्यान्वयन गर्न निकै कठिनाइ हुने धारणा व्यक्त गर्नुभयो । उहाँले भन्नुभयो – “संविधान सशोधन हुन सकेन भने मुलुकमा अनिष्ट हुन्छ । सङ्घीयताका बारेमा जनतालाई भ्रम फैलाउने काम भएको छ । यसले मुलुकको हित हुदैन । सरकारको पनि संविधान सशोधनको प्रक्रियालाई अघि बढाउने सन्दर्भमा आवश्यक व्यवहार देखाउन सकेको छैन ।” राष्ट्रिय प्रजातन्त्र पार्टीका नेता राजाराम श्रेष्ठले अहिलेको आवश्यकता र प्राथमिकता भनेको संविधान संशोधन भन्दा निर्वाचन नै हो भन्नुभयो । “संविधान सशोधनको प्रस्तावले झन् द्वन्द्व बढाएको छ, त्यो प्रस्तावलाई पनि मधेसवादीले स्वीकारेका छैनन, प्रस्तावबारे हामीसँग परामर्श, सहमति र स्वीकृति लिइएको छैन,” उहाँले भन्नुभयो – सत्तारुढ घटकभित्रै सहमति नभएको प्रस्तावले कसरी राष्ट्रिय सहमति निर्माण गर्ला ?
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nepal123 · 8 years
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अभिनेता सरोज खनाल लामो समयपछि फेरि रंगमञ्चमा फर्किए माघ १६ गते– अन्तत: अभिनेता सरोज खनाल लामो समयपछि रंगमञ्चमा फर्किएका छन् । यसै सातादेखि काठमाडौंमा मञ्चन हुन थालेको नाटक ‘१२ दुर्वासा’ अभिनेता खनाल एउटा महत्वपूर्ण भूमिकामा प्रस्तुत भएका छन् । ‘लामो समयपछि रंगमञ्चमा आएकाले उत्साहित छु, अभिनेता खनाल भन्छन्— ‘नाटकमा मैले एक बाबुको दृष्टिकोणमार्फत नेपाली समाजको चित्रण गर्ने प्रयास गरेको छु ।’ खनालका अनुसार उक्त नाटकमा राजनीतिक दलहरूद्वारा सिर्जित अन्योलग्रस्त परिस्थितिको समाधान बहसमार्फत गरौं भन्ने जिकिर गरिएको छ । ‘बहसबिना कुनै कुराको निकास पाइँदैन’, खनालले नाटकको मूल मर्म स्पष्ट परेका छन् । अनामनगरस्थित मन्डला थिएटरमा मञ्चन भैरहेको उक्त नाटकको निर्देशन राजन खतिवडाले गरेका हुन् भने अमेरिकी लेखक रेनाल्ड रोजको ‘टुवेल एंग्री म्यान’ शीर्षकको नाटकलाई सुरेश सापकोटाले समसामयिक नेपाली समाजसँग तुलना गर्दै नेपालीमा अनुवाद गरेका हुन् । यो नाटक फागुन १ सम्म मञ्चन हुनेछ । शुक्रबार साप्ताहिकबाट ।
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nepal123 · 8 years
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सलमान खानले चर्चित रियालिटी शो बिग बोस छाड्नसक्ने, त्यसपछि को आउला नयाँ होस्ट ? पुस २६ गते- बलिउड अभिनेता सलमान खानले रियालिटी सो बिग बोस छाड्न सक्ने अनुमान गरिएको छ । भारतीय मिडियामा विभिन्न स्रोतको हवाला दिँदै सलमानले आफ्नो छवि बिग्रिएला भनेर यो निर्णय लिन सक्ने अनुमान गरिएको हो । एबिपी न्युजको समाचारलाई मान्ने हो भने सलमानले यो वर्ष पनि बिग बोस आफ्नो मननजिक भएकाले गरेकाले हुन् । तर, यही सिजनबाट उनलाई आफ्नो छविमा नकारात्मक असर परेको महसुस भएको एबिपीले दाबी गरेको छ । सलमानले एक्लै बिग बोस होस्ट गर्न थालेको यो लगातार चौथो सिजन हो । बिग बोसका पाँच सिजन त उनले अर्का अभिनेता सञ्जय दत्तसँग मिलेर होस्ट गरेका थिए । त्यसो त यसअघिको नवौँ सिजनपछि पनि सलमानले बिग बोस छाड्ने अनुमान गरिएको थियो । नयाँ पत्रिकाबाट ।
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