#कोविड के बाद के लक्षण
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LOCKDOWN: चीन में HMPV वायरस के कारण लगे लाशों के ढेर, जानें क्या भारत में फिर लगने वाला है लॉकडाउन
HMPV Virus In China: दुनिया भर में एक बीमारी की आहट से लोग काफी ज्यादा परेशान हैं. चीन में नए वायरस एचएमपीवी के प्रकोप ने चिंता काफी ज्यादा बढ़ा दी है. कोविड-19 के बाद यह एक महामारी जैसी स्थिति बनने का संकेत दे रहा है. सबसे पहले जानते हैं कि एचएमपीवी के लक्षण क्या हैं. खांसी नाक बहना, बुखार गले में खराश गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई या कुछ मामलों में यह ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया या अस्थमा…
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कोविड-19 संक्रमित
वाशिंगटन, 18 जुलाई 2024। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कोविड-19 संक्रमित हो गए हैं। हालांकि, उनके लक्षण हल्के बताए जा रहे हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने बताया कि लास वेगास में अपने पहले कार्यक्रम के बाद, राष्ट्रपति बाइडेन का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया। प्रेस सचिव ने कहा, राष्ट्रपति बाइडेन वैक्सिनेटेड हैं और उन्होंने बूस्टर खुराक भी ली है। उनमें हल्के लक्षण हैं। कोरोना संक्रमण के…
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आँखें, जो हमारे जीवन में दुनिया का हर एक रंग भरती है इस लिए उनकी देखभाल बेहद जरूरी है। आजकल हम देखते है की छोटी उम्र से ही बच्चों में आँखों की कमजोरी देखने मिलती है। उसकी सबसे बड़ी वजह है हमारा स्क्रीन टाइम का बढ़ना। आजकाल बच्चे और युवाओं में फोन का ज्यादा इस्तेमाल देखा जाता है और हाल ही में कोविड के बाद वर्क फ्रॉम होम के कारण लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल करने से आँखें कमजोर हो रही है। इसके अलावा जीवनशैली में परिवर्तन, हमारे खानें में पोषक तत्वों की कमी और आनुवांशिक कारणों से भी आँखें कमजोर हो जाती है। अब सवाल यह है की हम कैसे जान सकते है की हमारी आँखें कमजोर हो रही है और आँखों की रौशनी को तेज करने के उपाय क्या है ?
आँखों की रोशनी कम होने के लक्षण
आँखों में दर्द होना और पानी निकलना
दूर की चीज़े धुंधली दिखाई देना
पढ़ने में दिक्कत होना
कलर – कंट्रास्ट का अंतर समझ न आना
सिरदर्द होना
आँखें लाल होना
किसी भी चीज पर ध्यान केन्द्रित न कर पाना
ज्यादा रोशनी होने पर रंग बिरंगी रोशनी दिखाई देन
आँखों की रोशनी तेज करने के कुछ उपाय
अगर आप ऊपर के किसी लक्षणों का सामना कर रहे है तो यह बेहद जरूरी है की आप आपनी आँखों का ख़ास ख्याल रखें, नीचे लिखें हुए उपायों को अपनाएं और अपने डॉक्टर का संपर्क जरूर करें।
कम से कम दो बार आँखों को ठंडे पानी से धोएं
पढ़ते समय रोशनी का ध्यान अवश्य रखें क्योंकि कम रोशनी में पढ़ने से आँखें ख़राब होती है।
लंबे समय तक कंप्यूटर या फोन की स्क्रीन पर काम न करें। थोड़े थोड़े अंतराल पर आँखें बंध करके उसे आराम दें।
धूल, प्रदूषण, तेज धूप और सूरज की यूवी किरणों से आँखों को बेहद नुकसान होता है, इसलिए जब भी बाहर निकलें अच्छी गुणवत्ता वाले चश्मों का प्रयोग करें।
खाने में विटामिन ए, सी और ओमेगा – 3 फैटी एसिड समेत पोषण युक्त आहार खाईए।
इसके अलावा भी आर्युवेद में कुछ खास नुस़्खें है जिससे आप अपनी आँखों की रोशनी तेज कर सकते है ।
आँखों को तेज करने वाले आर्युवेदिक नुस्खे
आंवले का रस
सर्दियों में मिलने वाला आंवला हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। आंवले में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट पर्याप्त मात्रा में होता है। इसके प्रतिदिन सेवन करने से आँखें तेज होती है और रेटिना अच्छे से काम करती है । इसलिए आप को हर रोज़ सुबह आंवले का रस पीना चाहिए।
गाय का धी
अगर आपको लगता है कि आपकी आँखें कमजोर हो रही है और आप घरेलू नुस्खे अपनाने के बारे में सोच रहे हो तो गाय का घी अक्सीर इलाज है। गाय का घी विटामिन और मिनरल्स से भरपूर है। इसलिए हर रोज़ आपको अपनी आँखों पर घी से हल्की मालिश करनी चाहिए।
भिगोए हुए बादाम
रात भर पानी में भिगो कर रखे हुए बादाम स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभदायक है ही पर आँखों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस लिए अगर आप अपनी आँखों को स्वस्थ रखना चाहते है तो रात को भिगोए हुए बादाम को सुबह पीसकर पानी में मिलाकर पी जाएं। इस के साथ अगर आप किशमिश और अंजीर भी भीगोकर खाइए क्योंकि वह आंखो की रोशनी तेज करने वाले खाद्यपदार्थ माने जाते है।
इसके अलावा सौंफ और मिश्री हमारे शरीर के लिए बेहद ठंडी होती है इसलिए अगर आप बादाम के साथ सौंफ और मिश्री को मिलाकर उसका पाउडर बना लें और उसे हर रोज़ रात को गरम दूध में मिलाकर पीएंगे तो आँखों की रोशनी तेज करने में मदद मिलेगी।
सौंफ
सौंफ हमारे शरीर को ठंडक तो देती ही है, साथ ही उसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारी आँखों की रोशनी को बरकरार रखने में मदद करते है। इस लिए आप सौंफ का शरबत पी सकते है या फिर दूध में एक चम्मच सौंफ पाउडर मिलाकर पीने से आँखों को काफी फायदा होता है।
नियमित व्यायाम करें
जैसे विविध शारीरिक व्यायाम करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है वैसे ही आँखों के कुछ व्यायाम है जिससे करने से आँखें ज्यादा लचीली बनती है और उनमें रक्तप्रवाह बढ़ता है। जिसके कारण आपकी एकाग्रता भी बढ़ती है। इस लिए दिन में दो बार आँखों का व्यायाम करें। जिसमें अपनी आँखों को बंद करें फिर आँखों को क्लाकवाइज और एन्टीक्लोकवाइज धुमाएं। उसके बाद आँखों को थोड़ा आराम दें और फिर थोड़ी देर आँखें खोले और बंद करें क्योंकि इससे आपकी आँखों को आराम मिलेगा।
त्रिफला
आँखों की रोशनी बढ़ाने का आर्युवेद में एक सटीक इलाज है, “त्रिफला”। त्रिफला का नियमित सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही पर सबसे ज़्यादा वो हमारी आँखों के लिए फायदेमंद है। हर रोज़ सुबह दूध में त्रिफला मिलाकर पीने से हमारी आँखें स्वस्थ रहती है साथ ही आँखों की रोशनी और तेज होती है।
गुलाब जल
गुलाब जल हमारी आँखों को ठंडा रखता है और आँखों को स्वस्थ रखने का बेहद अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है। कोटन को गुलाब जल में भिगों कर आँख पर रखने से आँखों में ठंडक रहती है साथ ही अगर आप गुलाब जलनी कुछ बूंदे आँखों में डालते है तो आँखों का कचरा तो साफ हो जाता है साथ ही आँखों की रोशनी भी तेज होती है।
उपसंहार
निंबा नेचर क्योर विलेज, जहॉं आँखों की रोशनी तेज करने के लिए कई होलिस्टिक थेरेपीझ और नेचरोपेथी ट्रीटमेन्ट उपलब्ध हो। हमारें यहॉं कई अनुभवी एक्सपर्ट्स है जो आपको आँखों की रोशनी तेज करने के कई बेहतर उपाय बता सकते है। तो अगर आप आँखों के साथ अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते है तो आप निंबा नेचर क्योर विलेज में आएं। जहॉं प्रकृति की गोद में आपको मानसिक शांति मिलेगी और आपको कई शारीरिक तकलीफों से भी मुक्ति मिलेगी ।
Read More:- आँखों की रौशनी तेज करने के लिए आयुर्वेदिक तरीके अपनाए
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जीवन शैली को संतुलित कर हार्ट अटैक से बचें- डॉ.साकेत
न्यूजवेव @कोटा सर्दी के मौसम में तापमान में गिरावट के साथ ही युवा उम्र के लोगों में आकस्मिक हार्ट अटैक की घटनायें तेजी से बढ़ रही है। जिसमें युवा चिकित्सक एवं नियमित व्यायाम करने वालों की भी हार्ट अटैक से मौत हो जाने से नागरिकों में डर पैदा हो गया है। कोटा में 40 वर्षीय कोचिंग शिक्षक सौरभ सक्सेना की गुरूवार को बाइक पर भी अचानक अटैक आ जाने से मौत हो गई है। एसएमएस अस्पताल, जयपुर के 48 वर्षीय चिकित्सक डॉ.नितिन पांडे की हार्ट अटैक से मौत हो जाने से चिकित्सक वर्ग भी चिंतित है।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.साकेत गोयल ने बताया कि इन घटनाओं को कोविड या वैक्सीन से जोडना भ्रांति है। नागरिकों को अचानक हार्ट अटैक से बचाव के लिए अपनी जीवन शैली को संतुलित करना होगा। उन्होंने सलाह दी कि इसके लिये हम अपनी गलतियों में कुछ सुधार करें - उम्र के साथ व्यायाम में करें बदलाव - उम्र बढने के साथ स्पोर्ट्स की तीव्रता और निरंतरता में कुछ बदलाव जरूरी है। आप कितने भी फिट हों, शरीर के सब अंगों की जैविक उम्र होती है। क्षमता के विपरीत व्यायाम नहीं करें। कई लोग 50 की उम्र के बाद भी मैराथन रनर या स्पोर्ट्स की प्रतिस्पर्धा के लिए तत्पर हो जाते हैं। जबकि उनकी शारीरिक प्रणाली इसके अनुकूल नहीं होती है। लक्षणों की उपेक्षा नहीं करें - बैचेनी, दर्द या सास लेने में तकलीफ जैसे लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से मदद लें। साथियों के साथ खेल या व्यायाम जारी नहीं रखें। ये कुछ मिनट जीवन रक्षक हो सकते हैं। एक तिहाई लोगों में यह बीमारी मूक होती है और लक्षण उत्पन्न नहीं होते। अपने स्ट्रेस फैक्टर्स को अवश्य पहचान लें। अपना लेवल याद रखें - उम्र के अनुसार ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर आदि का लेवल हमें पता होनी चाहिए। कभी-कभी डॉक्टर भी लिपोप्रोटीन (ए) या होमोसिस्टीन जैसे नए जोखिम वाले कारकों के लिए जांच की उपेक्षा करते हैं। इनसे टीएमटी या कोरोनरी कैल्शियम स्कोरिंग की जा सकती है। फिटनेस के लिये संयम बरतें- स्पोर्ट्स से सेहत को फायदे मिलते है लेकिन कई लोग रनिंग या जिम को अनावश्यक पीड़ा बना लेते हैं। कुछ लोग स्पोर्ट्स या रनिंग जल्दी कर काम पर जाने की तैयारी में होते हैं। यह मानसिक बेचैनी घातक हो सकती है। नींद की कमी से न केवल फिटनेस बिगड़ती है अपितु शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स भी ज्यादा निकलते हैं। आहार में करें बदलाव - सुबह की सैर के बाद कचौरी व जलेबी के लिये भीड़ उमडती है। अपने भोजन में शुगर और वसा की मात्रा को संतुलित रखना होगा। 28-30 की उम्र के बाद वजन बड रहा है तो वह अनावश्यक विस्सरल वसा है, जो गंभीर बीमारी का कारण है। Read the full article
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दिल्ली-NCR में फिर बढ़ने लगा कोरोना, स्कूलों में फिर से ऑनलाइन क्लास लगेंगी? जानें क्या कह रहे एक्सपर्ट
नई दिल्ली : दिल्ली में कोरोना के मामलों फिर से बढ़ने लगे हैं। दूसरी तरफ स्कूलों में नए सेशन की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में पैरंट्स के मन में अपने बच्चों के लेकर फिर से डर पैदा होना शुरू हो गया है। वे बच्चों की पढ़ाई के साथ ही उनके हेल्थ को लेकर टेंशन में हैं। पैरंट्स सोच रहे हैं कि यदि कोरोना के मामले इसी तेजी से बढ़े तो क्या फिर से ऑनलाइन क्लासेज शुरू होंगी या स्कूलो में मास्क को फिर से अनिवार्य बनाया जाएगा। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में स्कूलों कुछ स्कूलों में नया सेशन शुरू हो गया है तो कुछ स्कूलों में तो नया सेशन शुरू होने वाला है। क्या कह रहे एक्सपर्ट स्कूलों के फिर से खुलने पर बच्चों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की चिंताओं के बीच हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार मौसम बदलने के कारण बच्चों में खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में सामान्य इलाज से वे जल्द ही ठीक हो जा रहे हैं। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि जो बच्चे कोविड के खिलाफ टीका लगवाने के योग्य हैं, उन्हें टीका अवश्य लगवाना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड उपयुक्त व्यवहार जिसमें मास्क लगाना, हाथ धोते रहना, सैनिटाइजर का यूज करना शामिल हैं, का पालन करना जरूरी है। सभी जरूरी सावंधानियां ब��त रहे माउंट आबू स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा का कहना है कि कोरोना या फ्लू से बचने के लिए जो भी मानक सावधानियां हैं उनका हम पूरा ध्यान रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में मेडिकल रूम है, जिसमें किसी भी परेशानी में बच्चे को तुरंत ट्रीटमेंट दिया ज��ता है। इसके अलावा डॉक्टर्स ऑन विजिट भी रहेंगे, जो समय-समय पर बच्चे की हेल्थ चेकअप करते रहेंगे। वहीं, एमआरजी स्कूल रोहिणी की प्रिंसिपल अंशु मित्तल का कहना है कि हम सभी जानते हैं कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में हमें अतिरिक्त सावधानी रखने की जरूरत है। बच्चों के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। दिल्ली में 7 महीने बाद रेकॉर्ड केस दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 416 नए मामले सामने आए हैं। राजधानी में 7 महीने बाद कोरोना के रेकॉर्ड 400 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं। पिछले साल 31 अगस्त के बाद पहली बार बुधवार को 300 मामले दर्ज किए गए थे। पिछले 24 घंटे में 14.35 पर्सेंट संक्रमण दर से 416 नए मरीज की पुष्टि की गई। इस दौरान 144 मरीज रिकवर हुए तो एक मरीज की मौत की पुष्टि की गई है। हालांकि रिपोर्ट में पहली बार यह भी बताया गया है कि मरीज की मौत की प्राथमिक वजह कोरोना नहीं है। अब दिल्ली में कोविड के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1216 तक पहुंच गई है। http://dlvr.it/Sls955
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jharkhand influenza alert - झारखंड में इंफ्लूएंजा को लेकर भी अलर्ट, दो लोगों की हो चुकी है मौत, बाहर से आने वालों पर नजर
रांची : कोविड के बाद एक और फ्लू ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है. इस फ्लू का नाम एच3एन2 इंफ्लूएंजा है. इसे हॉन्ग कॉन्ग फ्लू भी कहा जाता है. त्यौहार के बाद लोग अपने अपने घर लौटने लगे हैं. झारखंड में भी लोगों का आना लगा हुआ है. इसलिए इस फ्लू के फैलने का खतरा भी बढ़ रहा हैं. लंबे समय तक खांसी, सांस फूलना औऱ थकान इसके लक्षण है. देश में दो लोगों की मौत की खबर भी हैं. एक व्यक्ति हरियाणा और दूसरा व्यक्ति…
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बरामद COVID-19 मरीज तंत्रिका क्षति से पीड़ित हो सकते हैं, अध्ययन से पता चलता है
बरामद COVID-19 मरीज तंत्रिका क्षति से पीड़ित हो सकते हैं, अध्ययन से पता चलता है
COVID-19 ने सभी की जिंदगी बदल कर रख दी है। महामारी ने हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित किया है (प्रतिनिधि छवि / शटरस्टॉक) बहुत से लोग जो COVID-19 से पीड़ित थे, उन्हें ठीक होने के बाद भी कई अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ा COVID-19 ने सभी की जिंदगी बदल कर रख दी है। महामारी ने हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई लोग जो COVID-19 से पीड़ित थे, उन्हें ठीक होने के…
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किन रोगियों को लंबे समय तक कोविड होने का खतरा अधिक होता है? वैज्ञानिकों ने पाया
किन रोगियों को लंबे समय तक कोविड होने का खतरा अधिक होता है? वैज्ञानिकों ने पाया
वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने की कोशिश की कि लंबे कोविड के विकास के लिए किन रोगियों को सबसे अधिक खतरा है, उन्होंने एक अध्ययन में आंशिक जवाब दिया। ब्लूमबर्ग | | Parmita Uniyal द्वारा पोस्ट किया गया वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि किन रोगियों को विकसित होने का सबसे अधिक खतरा है लंबा कोविड एक अध्ययन में आंशिक उत्तर दिए। वे लोग जिनके पास के टुकड़े घूम रहे हैं कोरोनावाइरसशोधकर्त��ओं ने…
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#कोविड -19#कोविड के बाद के लक्षण कौन विकसित कर सकता है#कोविड रोगी#पोस्ट कोविड . पर शोध#पोस्ट कोविड मरीज#पोस्ट कोविड लक्षण क्या हैं#लंबा कोविड
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Half of hospitalised coronavirus patients have persisting symptoms after a year: Study
Half of hospitalised coronavirus patients have persisting symptoms after a year: Study
अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि कुछ रोगियों के ठीक होने में एक वर्ष से अधिक समय लगेगा, और महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी की योजना बनाते समय इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। . Source link
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Covid-19: कोरोना में स्वाद और गंध आना क्यों खत्म हो जाती है? जानिए क्या इशारा करते हैं ये लक्षण
Covid-19: कोरोना में स्वाद और गंध आना क्यों खत्म हो जाती है? जानिए क्या इशारा करते हैं ये लक्षण
कोविड -19: कोरोना में स्वाद और गंध आना क्यों खत्म हो जाता है? जानिए क्या लक्षण हैं ये लक्षण। Source link
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#कैसे कोविड के बाद गंध की भावना हासिल करने के लिए#कैसे गंध की भावना हासिल करने के लिए#कैसे स्वाद पाने के लिए और कोविड के बाद वापस गंध#को -19#कोरोना के लक्षण#कोरोना के हल्के लक्षण#कोरोना में स्वाद और गंध जाना#कोरोना में स्वाद जाना#कोरोना वाइरस#कोरोना से बाद में स्वाद कब वापस आएगा#कोरोना स्म स्माल गो#कोरोना होने पर क्या करें#कोविड 19#कोविड के बाद स्वाद#जब आप कोविड के साथ स्वाद और गंध खो देते हैं#स्वाद और गंध उपचार का नुकसान#स्वाद और गंध के अचानक नुकसान कोविड नहीं#स्वाद और गंध के नुकसान का कारण क्या है#स्वाद और गंध कोविड की हानि#स्वास्थ्य
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बारिश के मौसम में सीजनल फ्लू, वायरल या खांसी-जुकाम से कैसे बचें
बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियों की सौगात लाता है. इस बदलते मौसम बुखार, खांसी, जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियां ज्यादा होती हैं. बारिश के मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. जिसकी वजह से शरीर किसी भी बीमारी के चपेट में जल्दी आ जाता है. इस मौसम में बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं. लेकिन थोड़ा एहतियात और डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल कर लें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.
भारत सरकार की ओर से आयुष मंत्रालय ने भी कुछ गाइडलान्स जारी की हैं जिनको अमल में लाने से आप साधारण फ्लू या सर्दी खांसी से बच सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि इस मौसम में ऐसी बीमारियां फैलती हैं, जिनके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं. इसलिए हमें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. आपको बुखार, खांसी, जुकाम या फ्लू न हो, इसके लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कुछ आसान घरेलू नुस्खे बताए हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को फ्लू और कॉमन कोल्ड से बचा सकते हैं. आइये आपको बताते हैं क्या हैं वो घरेलू नुस्खे.
क्या है सीजनल फ्लू और उसके लक्षण ?
सामान्य फ्लू और कोविड-19 के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बात का जिक्र किया है कि कोरोना वायरस के ज्यादातर मरीजों में बेहद सामान्य लक्षण नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि कई लोग नॉर्मल सीजनल फ्लू होने की वजह से भी काफी परेशान हो रहे हैं. अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है, लेकिन कोविड-19 के मरीजों की वजह से इन लोगों को सही ट्रीटमेंट नहीं मिल पा रहा. वैसे सामान्य फ्लू 5-6 दि�� में ठीक हो जाता है इसलिए बेहतर है कि आप घर पर ही अपना ट्रीटमेंट लें. यहां हम आपको सामान्य फ्लू के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं- बुखार आना पूरे शरीर में दर्द होना मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना बार-बार खांसी आना नाक बंद हो जाना नाक में चुभन या दर्द महसूस होना सिर में दर्द होना अगर ये लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो आपको सीजनल फ्लू भी हो सकता है बेहतर होगा 2-4 दिन इंतजार करें उसके बाद ही कोविड-19 का टेस्ट कराएं.
सीजनल फ्लू के लिए आयुष मंत्रालय के घरेलू नुस्खे
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने वायरल बुखार, फ्लू और वायरस से बचने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताए हैं. ये आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी है. इसके लिए आपको अपने खानपान में थोड़े बदलाव करना होगा.
हल्दी वाला दूध पिएं
सबसे पहले आपको रोज हल्दी वाला दूध पीना है. हल्दी का दूध चूंकि गर्म होता है और हल्दी एंटीबायोटिक का काम करती है इसलिए इसे सर्दियों में ज्यादा पीया जाता है. लेकिन इन दिनों चारों तरफ फैली बीमारियों की वजह से आप रोजाना रात में सोने से पहले एक ग्लास हल्दी वाला दूध जरूर पिएं. इसे बनाना बहुत आसान है आप एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाएं और इसे पी लें. अगर आपको इसका स्वाद अच्छा नहीं लग रहा हो तो आप हल्दी डालकर दूध को एक बार उबाल लें. इससे हल्दी की महक खत्म हो जाएगी. इस दूध को पीने से आप सर्दी खांसी और वायरल से बचे रहेंगे.
च्वनप्राश जरूर खाएं
वैसे तो च्वनप्राश भी लोग सर्दियों के मौसम में ही खाते हैं लेकिन बदलते मौसम में आपको च्वनप्राश जरूर खाना चाहिए. आयुर्वेद में च्वनप्राश को एक औषधि माना जाता है जो आपको कई तरह के इनफेक्शन से बचाता है रोज रात को दूध से एक चम्मच च्वनप्राश खाने की कोशिश करें.
जुकाम- खासी के लिए भाप लें
अगर आपको जुकाम खांसी की समस्या हो गई है. तो आपके लिए भाप लेने से बेहतर कोई दूसरा घरेलू उपाय नहीं है. भाप लेने से बंद नाक खुलती है और सांस नली की सूजन भी कम होती है. आप चाहें तो नॉर्मल पानी की भाप लें या फिर पानी में कुछ बूंदें टी ट्री ऑयल, यूकेलिप्टस ऑयल, लेमनग्रास ऑयल, लौंग का तेल भी डाल सकते हैं.
भाप लेने से आपकी बंद नाक खुल जाएगी और सीने में जकड़न में भी आराम पड़ेगा. अगर आपको खांसी और गले में खराश या दर्द है तो आयुष मंत्रालय के अनुसार आपको दिन मे��� एक बार गर्म पानी में पुदीने की पत्तियां या फिर अजवाइन की पत्तियां डालकर भाप लेनी चाहिए. इसके अलावा लौंग का सेवन करें आप चाहें तो लौंग को पीसकर इसे शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार खा लें. इससे खांसी में काफी आराम मिलेगा. इसके अलावा खांसी जुकाम में तुलसी अदरक की चाय पीने से भी बहुत फायदा मिलता है. आप चाहें तो इस चाय में चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल भी कर सकते हैं
#gharelu nukshey#gharelu upay#gharelu upchar#jukam ke gharelu upay#sardi khansi ke gharelu upay#sardi khansi se bachne ke upay#seasonal flu#seasonal flu se bachne ke nuskhe#seasonal flu se bachne ke upay
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HMPV वायरस की वैक्सीन अभी तक नहीं हुई तैयार, जानें लक्षण और बचाव के तरीके
HMPV Symptoms and Precautions: कोरोना महामारी के बाद चीन में एक बार फिर खतरनाक वायरस ह्यूमन मेटापनेउमोवायरस (HMPV) का कहर देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर यह चर्चा हो रही है कि चीन एक और महामारी का सामना कर रहा है। कथित तौर पर कई पोस्ट में दिखाया गया है कि चीन के अ��्पताल मरीजों से भरे हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 5 साल पहले कोविड-19 महामारी जिसके चलते पूरी दुनिया में लॉकडाउन और लाखों…
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Mandeep Singh Image Source : GETTY IMAGES
नई दिल्ली| भारतीय हॉकी टीम के फारवर्ड मनदीप सिंह कोविड-19 के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं। वह इस घातक बीमारी से संक्रमित होने वाले छठे राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी हैं। भारतीय खेल प्राधिरकण (साइ) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
जालंधर के 25 साल के मनदीप में इस बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं और बेंगलुरू में पांच अन्य खिलाड़ियों के साथ डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। बेंगलुरू के साइ केंद्र में 20 अगस्त से राष्ट्रीय शिविर शुरू होना है।
साइ ने बयान में कहा, ‘‘भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य मनदीप सिंह का बेंगलुरू में साइ के नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस में राष्ट्रीय शिविर से पहले 20 अन्य खिलाड़ियों के साथ कोविड परीक्षण (आरटी पीसीआर) किया गया और यह पॉजिटिव आया है। लेकिन उसमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं।’’
भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह और चार अन्य खिलाड़ी एक महीने के ब्रेक के बाद साइ केंद्र लौटने पर पिछले हफ्ते कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे। डिफेंडर सुरेंदर कुमार, जसकरन सिंह, ड्रैगफ्लिकर वरूण कुमार और गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक अन्य चार खिलाड़ी हैं जो पॉजिटिव पाए गए हैं। साइ के डॉक्टरों के अनुसार सभी खिलाड़ियों में मामूली लक्षण दिखाई दे रहे हैं और वे ठीक हैं। इन्हें बेंगलुरू के नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस में रखा गया है।
इससे पहले खिलाड़ी कोरोना वायरस के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण केंद्र में दो महीने से अधिक समय तक फंसे रहे। ब्रेक से वापस लौटने पर खिलाड़ियों को केंद्र पर ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने से पहले अनिवार्य ��ृथकवास से गुजरना था। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 22 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जबकि 45 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
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खुशखबरी, कोरोना के इलाज के लिए पहली दवा Rs. 103 में भारत में उपलब्ध । 88 मरीजों को ठीक करने का है रिकॉर्ड ।
इस समय पूरे विश्व की एक ही सबसे बड़ी समस्या है, वह है चाईनीज वायरस या कोरोना वायरस । इससे निपटने के लिए दुनिया भर में लगातार युद्ध स्तर पर वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया जारी है । लेकिन जब तक वैक्सीन बाजार में आम जन समूह के लिए उपलब्ध नहीं हो जाती, तब तक इस बिमारी से ग्रसित लोगों की जान बचाने के लिए हमें दवाईयों की लगातार जरूरत पड़ेगी । ऐसे में काफी अच्छी खबर यह आई है कि भारतीय बाजार में इस बिमारी से लड़ने के लिए पहली आधाकारिक दवा उपलब्ध हो चुकी है । इसे ग्लेनमार्क फार्मा ने शनिवार 20, जून को लॉंच किया ।
इस दवा का नाम है फेवीपिरावीर (Favipiravir Fabiflu) फेवी फ्लू है । इसे ग्लेनमार्क फार्मा (Glenmark Pharmaceuticals) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) से इसे बनाने और बेचने की स्वीकृति ली थी । ग्लेनमार्क ने कहा है कि फेवी फ्लू नामक यह दवाई कोरोना या कोविड 19 के इलाज में खाने वाली पहली आधिकारिक दवा है । कंपनी के चेयरमैन ग्लेनसलदाहा के अनुसार यह दवा ऐसे समय में आई है, जब भारत में वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है । उन्होंने कहा कि इसकी कीमत 103 रुपये प्रति गोली है और पहले दिन 1800 MG की दवा का सेवन करना चाहिए । उसके बाद 14 दिन तक 800 MG दवा दिन में दो बार लेनी होगी । इसकी सबसे अच्छी खासियत यह है कि यह दवा शुगर और दिल की बिमारियों से ग्रसित मरीजों को भी दी जा सकती है । उन्होंने आगे कहा कि इससे 4 से 5 दिनों के भीतर ही कोरोना वायरस के मरीज़ों में सुधार दिखने लगेगा । यह दवाई अस्पतालों एवं केमिस्ट की दुकानों पर अगले हफ्ते से उपलब्ध होनी शुरू हो जाएगी । इसकी 34 गोलियों वाले एक पत्ते की कीमत होगी 3500 ��ुपये ।
वैसे इस दवाई को आधिकारिक स्वीकृति मिलना कोई हैरानी भर कदम नहीं है क्योंकि देशभर में जिन भी अस्पतालों पर कोरोना के मरीजों को ठीक करने के लिए दवाएं दी जा रही हैं, वहाँ फेवीपिरावीर टॉप पर रही है । रोजाना जिन 5 या 6 दवाईयों का नाम बाजार में आता है, उसमें फेवीपिरावीर का नाम हमेशा से रहा है । इस दवाई को सन् 2014 में सबसे पहले ऐवीगन नाम से जापान में बनाया गया था । इस दवा का जेनरिक नाम है ऐवीफवीर ।
किंतु फिलहाल यह दवा सभी रोगियों के लिए उपलब्ध नहीं है । जिन मरीजों को कोरोना के हल्के या कम लक्षण हैं, उन्हें तो इसके सेवन की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं । लेकिन गंभीर लक्षणों वाले मरीज, जिन्हें वेंटीलेटर की आवश्यकता पड़ सकती है, उन्हें इसके सेवन की सलाह बिलकुल नहीं है । भारत में किसी भी दवाई को अभी तक कोरोना के ईलाज के लिए आधिकारिक तौर पर स्वीकृत नहीं किया गया था, इसीलिए ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने इसे कम लक्षण वाले मरीजो को ही सही, किंतु कहीं तो कोई दवा उपचार में उपलब्ध हो, ऐसा सोचकर इसकी स्वीकृति प्रदान की है ।
हालांकि मरीजों को इसका सेवन अपनी मर्जी से नहीं करना है । इसे केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही लिया जा सकता है । डॉक्टर पहले मरीज की स्थिति जाँचेगा और वही तय करेगा कि मरीज को इसके सेवन की सलाह दी जा सकती है कि नहीं । इसके साथ ही इस दवा को देते समय डॉक्टर को भी मरीज की पहले सहमति लेनी होगी । वह यह स्पष्ट करेगा कि मरीज की इच्छा इस दवा को लेने में थी, और उसे इसे सेवन में कोई समस्या नहीं होगी ।
इस दवा का परीक्षण कई देशों में चल रहा है । इसका अबतक का सबसे बड़ा परीक्षण जापान में किया जा चुका है, जहाँ 2200 लोगों को इसका सेवन करने को दिया गया और 88% लोगों में चार दिनों के भीतर ही वायरस से मरीज ठीक होने शुरू हो चुके थे । यही इसकी स्वीकृति का सबसे बड़ा कारण रहा है। इसके अलावा रूस और चीन में भी इसके परीक्षणों के अच्छे नतीजे सामने आए हैं । इन सभी परीक्षणों में 20 से 90 साल तक की आयु वाले लोग शामिल थे ।
फेवीपिरावीर के 18 से अधिक परीक्षण भारत, अमरीका, कनाडा, इटली, चीन, फ्रांस, यूके अन्य कई देशों में चल रहे हैं । इससे पहले इटली, चीन व बांग्लादेश में इस दवा को आधिकारिक स्वीकृति मिल चुकी है और बांग्लादेश में यह बाजार में बेचने के लिए भी उपलब्ध करवाई जा चुकी है ।
हर दवा को मरीजों को देने से पहले 6 चरणों के परीक्षणों से इसे गुजरना होता है । फेवीपिरावीर अभी तीसरे चरण यानि क्लीनिकल डेवलपमेंट पर है, किंतु इस चरण के शुरूवाती नतीजे बहुत ही उत्साहवर्धक हैं, इसीलिए भारत में इसकी स्वीकृति मिल चुकी है । साथ ही ग्लेनमार्क को यह भी कहा गया है कि बाजार में उपलब्धता के बाद भी किन मरीजों को यह दी जा रही है और उनके नतीजे क्या हैं, इन बातों का पूरा विवरण रखा जाए व इसके जो बाकि चरण हैं, ��न्हें भी विधिपूर्वक पूरा किया जाए ।
इस दवा को बहुत ही सावधानी से उपयोग में लाना चाहिए क्योंकि इससे कुछ बिमारियां माँ से बच्चे तक जा सकती हैं, इसीलिए गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन की पाबंदी है । फिर भी यह दवा बहुत हद तक कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए बहुत ही कारगर साबित हो सकती है क्योंकि एक और दवाई जोकि आजकल काफी खबरों में हैं, रेमडेसिविर नामक दवाई को इंजेक्शन से दिया जाता है, जबकि फेवीपिरावीर खाने वाली दवाई है तो इसे घर ले जा कर आराम से अस्पताल के माहौल से दूर होकर लिया जा सकता है । साथ ही इसको भारत में ही बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और समय के साथ इसके सस्ते होने की काफी उम्मीदें हैं । इसके अलावा आने वाले दिनों में इसके परिणाम यदि अच्छे आते हैं तो इसे सस्ते दरों पर भारत से निर्यात भी किया जा सकता है ।
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Covid-19: एयर इंडिया के पांच पायलट कोरोना पॉजिटिव, कुछ दिन पहले ही चीन से लौटे थे
हाईलाइट
एयर इंडिया के पांच पायलटों का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव
इन पायलटों में कोविड-19 के कोई भी लक्षण नहीं थे
ये पायलट कार्गो विमान लेकर कुछ दिन पहले ही चीन के गुआंगझू गए थे
एयर इंडिया के पांच पायलटों का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है। इन पायलटों में कोविड-19 के कोई भी लक्षण नहीं थे। ये पायलट कार्गो विमान लेकर कुछ दिन पहले ही चीन के गुआंगझू गए थे। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सभी पायलटों को मेडिकल निगरानी में रखा गया है। बता दें कि एयर इंडिया लॉकडाउन के बाद से अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए कार्गो उड़ानों का संचालन कर रही है। मेडिकल सप्लाई लेने के लिए 18 अप्रैल को बोइंग 787 दिल्ली से गुआंगझू गया था।
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चीन ने शून्य-कोविड प्रतिबंधों में ढील दी: यहां जानिए क्या बदलेगा
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