#कोरोनावायरस प्रश्न
Explore tagged Tumblr posts
lok-shakti · 3 years ago
Text
बूस्टर खुराक पर निर्णय लेंगे विशेषज्ञ: LS . में सरकार
बूस्टर खुराक पर निर्णय लेंगे विशेषज्ञ: LS . में सरकार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को संसद में कहा कि कई राज्यों द्वारा वयस्कों के लिए कोविड टीकों की बूस्टर खुराक और बच्चों के लिए टीकाकरण की मांग के साथ, सरकार इन दो प्रमुख मुद्दों पर अपने दो विशेषज्ञों की वैज्ञानिक सिफारिशों के आधार पर ही आगे बढ़ेगी। टीका प्रशासन पर समूह। ये निर्णय वित्तीय या राजनीतिक विचारों पर आधारित नहीं होंगे, मंडाविया ने देश में चिंता के नए कोविड संस्करण…
View On WordPress
0 notes
mrdevsu · 3 years ago
Text
स्कूल भेजते वक्त बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को पैरेंट्स इस तरह करें दूर
स्कूल भेजते वक्त बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को पैरेंट्स इस तरह करें दूर
लगातार जांच कर रहे हैं। अच्छी तरह से जांच करने की स्थिति में भी परीक्षा शुरू हो जाएगी। लेकिन, तीसरी लहर की आशंका ने पैरेंट्स को चिंता में डाल दिया है। ️ बच्चों️ बच्चों️️️🙏 बच्चों के लिए बच्चे खतरे में हैं। भले ही बच्चों को गंभीर रूप से कोविड -19 का खतरा नहीं है, लेकिन सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। मेरा बच्चा स्कूल में होने से आशंकित है, क्या?एक नया स्कूल…
View On WordPress
0 notes
spito · 2 years ago
Text
कोरोनावायरस से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
कोरोनावायरस से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
कोरोना वायरस (Coronavirus in Hindi) के कारण आज दुनिय���भर में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग इस खतरनाक बीमारी से पीड़ित हैं। दिसंबर 2019 में चीन के वूहान शहर से शुरू हुई यह खतरनाक बीमारी आज दुनियाभर के 203 देशों में फ़ैल चुकी है। भारत के COVID-19 के कुल मामले 6200 अंक का आकंड़ा पार कर चुके हैं, और 200 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। भारत सरकार कोरोनावायरस से लोगों को बचाने के लिए सभी भरसक…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
parichaytimes · 3 years ago
Text
कोरोनावायरस बूस्टर शॉट: बूस्टर खुराक कितने समय तक चलती है? आगे पढ़ें विशेषज्ञ क्या कहते हैं
कोरोनावायरस बूस्टर शॉट: बूस्टर खुराक कितने समय तक चलती है? आगे पढ़ें विशेषज्ञ क्या कहते हैं
यह समय का ज्वलंत प्रश्न है। विशेषज्ञों का कहना है कि बूस्टर खुराक का प्रभाव 10 सप्ताह के बाद कम हो जाता है लेकिन गंभीर बीमारियों से बचाव अधिक रहता है। “अपडेट किए गए जनसंख्या डेटा विश्लेषण में, टीकाकरण के 2 खुराक वाले प्राथमिक पाठ्यक्रम के साथ टीकाकरण के 20 सप्ताह बाद तक टीकाकरण के बाद से टीकाकरण की सुरक्षा काफी हद तक गायब हो गई है। बूस्टर खुराक के बाद, सुरक्षा शुरू में लगभग 65 से 70% तक बढ़ जाती…
View On WordPress
0 notes
lazypenguinearthquake · 3 years ago
Text
कोरोनावायरस: कब खत्म होगी COVID-19 की तीसरी लहर? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ - टाइम्स ऑफ इंडिया
कोरोनावायरस: कब खत्म होगी COVID-19 की तीसरी लहर? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ – टाइम्स ऑफ इंडिया
जैसा कि COVID-19 मामले खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं, एक सामान्य प्रश्न उठता है: क्या संक्रमण की आक्रामकता बढ़ रही है या यह अधिकतम तक बढ़ गया है और धीरे-धीरे कम हो रहा है? यदि नहीं, तो यह कब समाप्त होगा? हम कब उम्मीद कर सकते हैं कि यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगा? विशेषज्ञों का कहना है कि देश इस समय COVID-19 की तीसरी लहर की बेरहम चपेट में है और अगले महीने की शुरुआत से इसमें गिरावट शुरू हो जाएगी। IIT…
View On WordPress
0 notes
insolubleworld · 3 years ago
Text
ओमाइक्रोन: कोविड-19: सार्स-सीओवी-2 संस्करण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ओमाइक्रोन | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
ओमाइक्रोन: कोविड-19: सार्स-सीओवी-2 संस्करण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ओमाइक्रोन | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: 24 नवंबर, 2021 को दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ता��ं द्वारा ओमाइक्रोन (बी.1.1.529) नामक एक नए संस्करण की सूचना दी गई, और दो दिन बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे ‘चिंता का एक रूप’ नामित किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी दी कि कर्नाटक में ओमाइक्रोन वैरिएंट के दो मामलों का पता चला है। कोरोनावायरस के नए संस्करण के मद्देनजर, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को SARS-CoV-2…
View On WordPress
0 notes
threequbes · 3 years ago
Text
Ask The Doctor: How Does Ayurveda Help In Post COVID Care of Patients ?
Ask The Doctor: How Does Ayurveda Help In Post COVID Care of Patients ?
कोरोनावायरस महामारी ने हमारे सामूहिक जीवन को तबाह करने के डेढ़ साल बाद, हमारा समाज भय और असुरक्षा से जूझ रहा है। नतीजतन, हमने देखा है कि गलत सूचना जंगल की आग की तरह फैलती है, और कई लोग वायरस से निपटने के विचित्र और गलत तरीकों का सहारा लेते हैं। इस कॉलम के साथ, जो हर रविवार को प्रकाशित होगा, हमारा लक्ष्य किसी भी स्वास्थ्य या वैक्सीन से संबंधित प्रश्न का समाधान करना है जो हमारे पाठकों के पास…
View On WordPress
0 notes
ajayrathore4 · 4 years ago
Text
महंगाई की मार से गर्दिश में भविष्य
Tumblr media
आपदाओं के दौर में जिस प्रकार नई-नई महामारिया उभर कर  सामने आ रही है उसी प्रकार महंगाई भी एक महामारी का ही रूप है, जोकि कोरोना से पहले भी व्याप्त थी और आज कोरोनावायरस के साथ कोरोना से ज्यादा गति से इंसानों को लीलने का काम कर रही है। कोई भी इंसान इस बीमारी से तनिक भी अछूता नहीं  रहा है एक बार  किसी  को कोरोना बक्श देगा परंतु महंगाई रूपी बीमारी उसको पल पल मरने के लिए विवश कर रही है। एक तरफ व्यक्ति की आय क्षीण होती जा रही है और दिन प्रतिदिन  दूसरी तरफ महंगाई अपने चरम पर पहुंच रही है पेट्रोल डीजल खाद्य पदार्थों आवागमन के साधन फल सब्जियां सभी इतनी महंगाई की दर से बिक रही है कि लोगों की सांस फूल रही है खरीदने में बस केवल सामान्य नागरिक उसका दर्शन करके हैं कृतज्ञता प्राप्त कर रहे हैं। एवं एक समय का भोजन नसीब करने में पल पल अपनी इच्छाओं को मारते हुए जद्दोजहद कर रहे हैं। और सरकारें दिन प्रतिदिन उन पर कर बढ़ाकर महंगाई रूपी वायरस को और भी व्यापक रूप देने में मस्त है। सिर्फ एक स्वार्थ के लिए स्वयं के एस और आराम की पूर्ति के लिए सरकारें लोगों पर महंगाई का बोझ डाल रही हैं आज ही सरकार ने एक नया फैसला किसानों के हितों में लिया सुबह 11:00 बजे देश के प्रधानमंत्री महोदय ने किसानों के लिए लॉलीपॉप रूपी 2000 रूपये की किस्त प्रत्येक किसान के बैंक के अकाउंट में जमा क��� और दूसरी तरफ राज्य सरकार ने खेती में प्रयोग होने वाले उर्वरक खाद पर सीधे-सीधे ₹700 की वृद्धि कर दी जो खाद पहले किसानों को 1200 रुपए पर बैग प्राप्त होता था अब वही उन्नीस सौ रुपए पर बैग प्राप्त होगा। इस विकास की यात्रा में लोगों का सुखचैन समाप्त कर दिया है और दूसरी तरफ ऊंची ऊंची तकनीकों के माध्यम से खेती के सपने दिखाकर महंगाई को इतनी ऊंचाई पर पहुंचा दिया है खेती करना तो अब स्वयं ही सपना बन गया है हमारा देश और प्रदेश कृषि प्रधान हुआ करता था लेकिन इस महंगाई की मार ले बैल गाड़ियां खत्म कर दी और  उनके स्थान पर ट्रैक्टर और कृषि यंत्र खिलौने हाथ में दे दिए जो अब भोजन के रूप में ₹100 लीटर का डीजल पीते हैं। अब वही ट्रैक्टर चलाने के लिए किसान को इतनी मेहनत करना पड़ेगी जितनी उसको हर बखर चलाने में नहीं करना पड़ती थी। यह कैसी हमारे देश और प्रदेश की विकास यात्रा है, जिसने किसान से लेकर आम जनता तक को महंगाई के यज्ञ में आहुति डाल रहे हैं। नेता मंत्री कभी लग्जरी गाड़ियों से नीचे नहीं उतरते उनके स्वयं के घर करोड़ों रुपए के बने हुए हैं लेकिन इन किसानों और आम आदमियों को आज भी वही दो वक्त की रोटी और एक जोड़ी कपड़े के लिए  जद्दोजहद करना पड रहा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने अपने उल्लू सीधा करने के लिए अपनी अपनी पॉलिसी का निर्माण अपने स्वार्थ के लिए करती जा रही हैं और आम जीवन गर्दिश में चला जा रहा है अब जरा सोचिए इस महंगाई में जब खाद्य तेल ₹170 प्रति किलो एवं डीजल पेट्रोल शतक लगा रहे हो, तब व्यक्ति को किसी स्थान पर जाने के लिए पदयात्रा करना पड़ेगी और बिना खाद्य तेल के भोजन करने की आदत डालना पड़ेगी यहां पर विपक्षी पार्टियां कुंभकरण की निंद्रा में आगोश रत हैं जिन्हें अब सत्तारूढ़ पार्टियों से प्रश्न करने में भी भय लगता है बात भी सही है हमने ही चुनाव किया था मंत्री विधायक और सांसदों का हम ने ही अपने बोट बेचकर उनको करोड़पति बनाने के लिए वोट दिए थे और अपनी सुऐक्षा से उनके पैरों की फुटबॉल बनने के लिए महंगाई रूपी हवा का कंप्लीट प्रेशर ले रखा था तो अब एक तरफ से केंद्र सरकार और दूसरी तरफ से राज्य सरकार बेचारी जनता और किसान अबकी बार दो वक्त की रोटी को है अपना विकास समझते हैं। कहने में आता है कि जनता को महंगाई से इतना त्रस्त कर दो कि वह केवल जीने को ही विकास समझें और यही विकास की परिभाषा आज की सरकारें निर्माण करनी है।
For more news login: https://indore-samachar.in/                                    https://indore-samachar.in/e-paper
0 notes
satyam-mathematics · 4 years ago
Text
1.जेईई मेन्स 2021 के लिए 6 रणनीतियाँ (6 Strategies for JEE Mains 2021),जेईई मेन्स 2021 के लिए 6 टिप्स और रणनीतियाँ (6 Tips and Strategies for JEE Mains 2021)-
Tumblr media
जेईई मेन्स 2021 के लिए 6 रणनीतियाँ (6 Strategies for JEE Mains 2021) बताई जा रही है जिनसे आप परीक्षा में होने वाली गलतियों से बच सकते हैं।जेईई-मेन परीक्षा की तैयारी के लिए सही रणनीति की आवश्यकता होती है। हालांकि हम जेईई-मेन की तैयारी करने के लिए इससे पूर्व कई आर्टिकल्स पोस्ट कर चुके हैं।इस आर्टिकल के साथ-साथ आपको उन आर्टिकल्स को भी पढ़ना चाहिए।
कई बार छात्र-छात्राएं ऐसी त्रुटियां कर देते हैं जिसके कारण उनका रिजल्ट प्रभावित होता है अथवा रिजल्ट अनुकूल नहीं आता है।इसलिए परीक्षा के दौरान की जाने वाली गलतियों से बचाव के कुछ तरीके बताए जा रहे हैं।इन गलतियों की तरफ अक्सर छात्र-छात्राओं का ध्यान नहीं जाता है इसलिए वे इनसे बचने से बेखबर रहते हैं।हालांकि कोरोनावायरस से फैली महामारी कोविड-19 के कारण जेईई-मेन अप्रैल 2021 की परीक्षा स्थगित हो चुकी है।
प्रश्न पत्र मिलते ही कई छात्र-छात्राएं उसे हल करना शुरू कर देते हैं।जबकि प्रश्न-पत्र को पहले ध्यान से पढ़ना चाहिए।इसके पश्चात उनमें जो सवाल आसान है उनके उत्तर लिखना प्रारंभ करना चाहिए।इससे दो फायदे होंगे।पहला फायदा तो यह है कि आपका समय काफी बच जाएगा। दूसरा लाभ यह है कि सब सवालों को हल करने से आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
Read More-6 Strategies for JEE Main 2021
0 notes
mrdevsu · 4 years ago
Text
क्या जानवरों से भी फैल रहा है कोरोना वायरस? सरकार ने दी पूरी जानकारी
क्या जानवरों से भी फैल रहा है कोरोना वायरस? सरकार ने दी पूरी जानकारी
नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को कहा कि कोरोनावायरस जानवरों से नहीं, बल्कि इंसानों से इंसानों में फैलता है। इस महामारी से निपटने में जुटे देश के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि कम एहतियाती उपायों और पहली लहर के दौरान कम प्रतिरोधकता पैदा होने के मिले जुले कारणों से दूसरी लहर को हवा मिल रही है। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ” यह जानवरों से नहीं फैल रहा है। यह मनुष्य से मनुष्य…
View On WordPress
0 notes
everynewsnow · 4 years ago
Text
कोरोनावायरस वैक्सीन: क्या गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जा सकता है और अन्य पूछे जाने वाले प्रश्न पूछे जाते हैं
कोरोनावायरस वैक्सीन: क्या गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जा सकता है और अन्य पूछे जाने वाले प्रश्न पूछे जाते हैं
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं अब तक किसी भी COVID-19 वैक्सीन क्लिनिकल परीक्षण का हिस्सा नहीं रही हैं नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कार्यक्रम को वस्तुतः शुरू करने के साथ राष्ट्रव्यापी कोरोनोवायरस टीकाकरण अभियान कल से शुरू हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोवाक्सिन और कोविशिल्ड टीकों दोनों के लिए एक फैक्टशीट जारी की है और उन्हें निर्देश…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
highfiveyt · 4 years ago
Text
How to apply for Coronavirus Vaccine ? - महत्वपूर्ण कोरोनावायरस वैक्सीन प्रश्न और उत्तर
How to apply for Coronavirus Vaccine ? – महत्वपूर्ण कोरोनावायरस वैक्सीन प्रश्न और उत्तर
How to apply for Coronavirus Vaccine ? – भारत में कोरोनावायरस टीकाकरण प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें, कैसे आवेदन करें, कहां आवेदन करें, कितना समय लगेगा, क्या कोविद -19 वैक्सीन का भुगतान किया जाता है?, हर बात को हिंदी और अंग्रेजी में स्पष्ट रूप से समझाया गया है।
Tumblr media
How to apply for Coronavirus Vaccine
How to apply for Coronavirus Vaccine / कोरोनावायरस वैक्सीन के लिए आवेदन कैसे…
View On WordPress
0 notes
parichaytimes · 3 years ago
Text
कोरोनावायरस: कब खत्म होगी COVID-19 की तीसरी लहर? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ - टाइम्स ऑफ इंडिया
कोरोनावायरस: कब खत्म होगी COVID-19 की तीसरी लहर? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ – टाइम्स ऑफ इंडिया
जैसा कि COVID-19 मामले खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं, एक सामान्य प्रश्न उठता है: क्या संक्रमण की आक्रामकता बढ़ रही है या यह अधिकतम तक बढ़ गया है और धीरे-धीरे कम हो रहा है? यदि नहीं, तो यह कब समाप्त होगा? हम कब उम्मीद कर सकते हैं कि यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगा? विशेषज्ञों का कहना है कि देश इस समय COVID-19 की तीसरी लहर की बेरहम चपेट में है और अगले महीने की शुरुआत से इसमें गिरावट शुरू हो जाएगी। IIT…
View On WordPress
0 notes
parmatma-ke-pankh · 4 years ago
Text
Tumblr media
🕉️🕉️🕉️ॐ नमः शिवाय 🕉️🕉️🕉️
ध्यान करना क्यों जरूरी है ?
ध्यान खुद को (स्वयं को )पहचानने का माध्यम है। हम खुद को पहचानने के लिए समय कहां निकाल पाते है। यदि थोड़ा समय स्वयं को पहच���नने के लिए निकालें, तो ज्ञात हो जाएगा। कि हम कौन है ? कहां से आए है ? और मृत्यु उपरांत जाना कहां है ? इस तथ्य को पहचानना ही ध्यान है।
ध्यान एक प्रक्रिया है। खुद को पहचाने और जानने का माध्यम। मगर हम जान कहां पाते है ? क्योंकि आज हमने ध्यान करना छोड़ दिया है। हम सिर्फ खुद में उलझे हुए है। खुद को समझाने का माध्यम है ध्यान ।
भगवान को मानने की बात आती है। तब आजकल के बच्चे अपने माता-पिता को ही भगवान मानते है। बहुत ही अच्छी बात है। दिल छू लेती है । हमारी बच्चों की ऐसी भावनाएं। भगवान भी बहुत खुश होता है। यही तो वह भी चाहता है। कि उसके बच्चे मां-बाप का आदर करें। सम्मान करें । प्रेम से रहें। यही तो (सृष्टिकर्ता ) विधाता चाहता है।
मगर क्या जो सम्मान हम अपने बच्चों से पाना चाहते है, आदर सम्मान चाहते है? क्या वह भावनाएं आदर सम्मान हम अपने माता-पिता को दे पाते है ? जिसकी हम रचना है। हम एक ही परम पिता की संतान है। एक ही बूंद की सारी रचना है। इसकी शुरुआत कहां से हुई ? हम नहीं जानते। क्योंकि हम मानते रहे जानना जरूरी ना समझा ? जब जानने की इच्छा जाग जाएगी । तब ध्यान में उतर पाएंगे।पूरे समर्पण के साथ ।
अब प्रश्न उठा कि क्यों जानना ? क्योंकि ?
जब तुम आदर और सम्मान के भूखे हो । तो क्या जिस परम पिता ने हमें बनाया । उसे भूख ना होगी । कि उसके बच्चे उसका आदर सम्मान करें। उससे प्रेम करें । उसका ध्यान करें ।
मगर हम रिश्तो ��ें उलझे रहते है। इस संसार में, जहां हम एक किरदार निभाने आए हुए है। इस संसार में इतने डूब जाते है कि सत्य को ही भूल जाते है। जो परमपिता है। इस सृष्टि का श्रृजन करता है। ये सृष्टि ऐसे ही चलती रहेगी। लेकिन कभी तो अंत संभव है। क्योंकि जब आद होगा तो अंत भी।
जब हम उसको भूलने लगे। तब कोरोनावायरस का रूप धर विधाता आया। जो विधाता है। हम उसकी रचना है। उसकी स्वयं की रचना को तबाह करने में विधाता को भी बड़े कष्टों से गुजरना पड़ता है।
हमारी संतान जिसे हम जन्म देते है। जब वह अचानक क्षतिग्रस्त हो जाए। हम कितना तड़पते है। कितना रोते बिलखते है। तो क्या विधाता के लिए आसान होता होगा ।कि वह अपनी रचना को खत्म करें। वो भी बहुत रोता विलखता है। कि मेरे बच्चे कैसे हो गए है? जो मुझे भूल बैठे है।
मैं क्या करूं ? जब किसी का बेटा या बेटी अपने मां-बाप को अनाथालय छोड़ आती है या आता है। तब मां बाप पर जो गुजरती है । वही स्थिति हमारे परम पिता परमात्मा की आज हो गई है । इतनी बड़ी जनसंख्या और उसको याद करने वाले चंद लोग।
विधाता ने मौका दिया है कोरोना के माध्यम से, सुधर जाओ। मुझे न याद करके खुद को और मुझे तकलीफ में डाल रहे हो। मैं इंतजार में हूं। मेरा कालचक्र बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। सृष्टि के अंतिम छोर को मैं पकड़े खड़ा हूं। नहीं सुधरोगे। मैं छोर को छोड़ दूंगा। संभलो और ध्यान करो।
ना कलम मेरी है ना अल्फ़ाज़ मेरे है। जीऊ जब तक चले विधाता के लिए कलम मेरी, कलम भी उसकी, स्याही भी उसकी, जो दिखाई नहीं देता, पर फिर भी है सारा जहां उसका, मैं कुछ नहीं हूं ना तुम कुछ हो।
ॐ नमःशिवाय
परमात्मा के पंख
0 notes
getdreamjobonline · 4 years ago
Link
Tumblr media
BPSC Assistant Engineer Admit Cards Exam 2020: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने पिछले साल जारी की गई सहायक अभियंता प्रतियोगी परीक्षा के लिए परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी।
रा��्य सरकार के विभिन्न विभागों में उपलब्ध सिविल इंजीनियर की रिक्तियों के लिए परीक्षा 13 जुलाई और 14. जुलाई को, सामान्य हिंदी, सामान्य अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। 14 जुलाई को जनरल इंजीनियरिंग साइंस एंड सिविल इंजीनियरिंग (पेपर V और VI) के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी।
भवन निर्माण विभाग और लघु जल संसाधन विभाग में सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों के लिए परीक्षा 16 जुलाई और 17 जुलाई को आयोजित की जाएगी। फिर से, पहले दिन, आयोग सामान्य हिंदी, सामान्य अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान के लिए परीक्षा आयोजित करेगा। 17 जुलाई को, आयोग सामान्य इंजीनियरिंग विज्ञान के लिए परीक्षा आयोजित करेगा, जिसमें दूसरा खंड व्यक्तिपरक होगा, और अनुशासन विशिष्ट प्रश्नपत्रों के लिए होगा।
प्रश्नपत्र में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार से होंगे।
सिविल इंजीनियर परीक्षा (विभिन्न विभागों के लिए) का एडमिट कार्ड बीपीएससी की वेबसाइट पर 6 जुलाई से डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध होगा। सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड (भवन निर्माण विभाग और मामूली जल संसाधन विभाग के लिए) होगा। 8 जुलाई, 2020 से डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध रहें।
इससे पहले परीक्षाएं मार्च में निर्धारित की गई थीं, लेकिन कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/bpsc-assistant-engineer-admit-cards-exam-2020-6243179/
0 notes
threequbes · 3 years ago
Text
Ask The Doctor: Here's How COVID-19 Impacts Your Muscle Memory And Mass
Ask The Doctor: Here’s How COVID-19 Impacts Your Muscle Memory And Mass
कोरोनावायरस महामारी ने हमारे सामूहिक जीवन को तबाह करने के डेढ़ साल बाद, हमारा समाज भय और असुरक्षा से जूझ रहा है। नतीजतन, हमने देखा है कि गलत सूचना जंगल की आग की तरह फैलती है, और कई लोग वायरस से निपटने के लिए विचित्र और गलत तरीकों का सहारा लेते हैं। इस कॉलम के साथ, जो हर रविवार को प्रकाशित होगा, हमारा लक्ष्य किसी भी स्वास्थ्य या वैक्सीन से संबंधित प्रश्न का समाधान करना है जो हमारे पाठकों के पास…
View On WordPress
0 notes