#कोरोना टीकाकरण प्रक्रिया
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कोविद -19 टीकाकरण चरण 2: दिन 1 पर, सह-जीत पर 25 लाख रजिस्टर, 102-वर्ष-पुराना हो जाता है। जानिए क्या बनाता है यह फेज स्पेशल
कोविद -19 टीकाकरण चरण 2: दिन 1 पर, सह-जीत पर 25 लाख रजिस्टर, 102-वर्ष-पुराना हो जाता है। जानिए क्या बनाता है यह फेज स्पेशल
नयी दिल्ली, 1 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित शीर्ष नेताओं और मंत्रियों ने सोमवार को कोविद -19 शॉट प्राप्त किया, जिसमें कोविन पोर्टल पर टीकाकरण के लिए लाभार्थियों का पंजीकरण 25 लाख को छू गया, जिसमें से 24 लाख नागरिक हैं। शेष स्वास्थ्य देखभाल और सीमावर्ती कार्यकर्ता थे। मासूमियत के दूसरे चरण में, प्रधान मंत्री ने देश के इनोक्यूलेशन ड्राइव का नेतृत्व किया, जिसमें कवरेज का विस्तार 60 से ऊपर के…
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12 से 14 साल के इस बार के उदाहरण से मिलान किया जा सकता है, उदाहरण के लिए लाईलाइन और कैसे करें
12 से 14 साल के इस बार के उदाहरण से मिलान किया जा सकता है, उदाहरण के लिए लाईलाइन और कैसे करें
देश भर में वायरल होने के दौरान और बीच में भी. ‘चच्चे तो सुरक्षित जमानत’… कारा में स्वस्थ्य मंत्री मन सुखं मँडा ने अपील की है कि सभी आदर्श का वर्त्य सुरक्षित है। स्वास्थ्य की अपील स्वास्थ्य मंत्री ने अपने साथ कहा कि, से 12 से खुश है की 16 मार्च 13 और 13 से 14 आयु वर्ग के पौधे की शुरुआत हो रही है। है। साथ ही 60+ आयु के सभी लोग प्रिकॉशन डोज लोग हैं मेरे आयु वर्ग और 60+ आयु वर्ग के लोगों से उच्च आयु…
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#12 से 14 साल के बच्चे#12 से 14 साल के हिसाब से#COVID 19 टीकाकरण#COVID-19 भारत#किस प्रकार#केंद्री�� स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंंडा#कॉर्बेवैक्स#कोरोना पहचान#कोरोना वर्गीकरण#कोविड -19#टीका#टैगलाइन#बायोलॉजिकल-ई#मन का खेल#मेडिटेशन#वैक्सीन विवरण#स्थानांतरण प्रक्रिया#स्वास्थ्य
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मुख्यमंत्री निवास पर वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के जनप्रतिनिधि, पशुपालक, गौशाला संचालक, अधिकारी व आमजन से संवाद किया। इसमें लम्पी स्किन डिजीज से गौवंश को बचाने के लिए जिलों में जागरूकता अभियान, रोग की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों, पशुपालकों द्वारा पशुओं के उपचार में अपनाई जा रही पद्धति के बारे में चर्चा की गई। साथ ही, प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और प्रभावितों के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में 29 अगस्त से प्रदेश में आयोजित हो रहे राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेल की तैयारियों और सफल आयोजन को लेकर भी सुझावों का आ��ान-प्रदान हुआ। सभी से लम्पी डिजीज के नियंत्रण एवं रोकथाम व बाढ़ राहत कार्य में राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील है।
कोरोना काल में जिस मजबूती और संकल्प के साथ सभी ने बीमारी का मुकाबला किया उसी तरह लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए भी हम एकजुटता से कार्य कर रहे हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि इस संकट की घड़ी में सबको साथ लेकर चलें। गौवंश में फैली इस बीमारी से निपटने के लिए हमें सभी भेद-भाव व मतभेद से ऊपर उठकर काम करना होगा। राज्य सरकार, जनप्रतिनिधि, पशुपालक, गौशाला संचालक व जनसहभागिता से यह बीमारी अब घट रही है।
लम्पी स्किन रोगी मृत पशुओं का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से हो रहा है, जिससे संक्रमण पर ��ियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। सभी जिलों में कंट्रोल रूम भी स्थापि�� किए जा चुके हैं। साथ ही, रोग को लेकर आमजन में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए गांव-ढाणी तक जन-जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। गौशालाओं की साफ-सफाई, सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव, फोगिंग तथा जेसीबी की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई गई है।
लम्पी स्किन डिजीज को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है। दवाइयों की कोई कमी नहीं आने दी जा रही है, वैक्सीन का अभी परीक्षण जारी है तथा विकल्प के रूप में गोट पॉक्स वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला ने विश्वास दिलाया कि राज्य को पूरी मदद दी जाएगी। साथ ही, प्रदेश में नंदीशालाएं स्थापित करने के लिए पशुपालकों का सहयोग जरूरी है। गौवंश हमारा सम्मान है। सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है। गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि रोग के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी जिलों में लगातार मॉनिटरिंग जारी है। उन्होंने कहा कि गौवंश को बचाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 8 लाख गौवंश संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 7.40 लाख का उपचार हुआ है व लगभग 4.30 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। पश्चिमी राजस्थान में संक्रमण की दर तेजी से घट रही है।
गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि यह महामारी देश के 16 राज्यों में फैल गई है। राज्य सरकार भी इस बीमारी को लेकर काफी चिंतित है। आरसीडीएफ द्वारा अब तक 6 लाख गोट पॉक्स के टीके वितरित किए जा चुके हैं। दवाई एवं वैक्सीन की खरीद में मुख्यमंत्री की अपील पर कई भामाशाह व स्वयंसेवी संगठन आगे आए हैं।
वीसी द्वारा जुड़े नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाबचंद कटारिया व विधायक श्री सतीश पूनियां ने लम्पी बीमारी की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। वैक्सीनेशन व मृत पशुओं के डिस्पोजल संबंधी सुझाव देते हुए उन्होंने राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग का भी आश्वासन दिया।
पीसीसी अध्यक्ष श्री गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्री मेवाराम जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री व राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी जिलों में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पूरी सक्रियता के साथ संक्रमण पर नियंत्रण पाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान डेयरी फेडरेशन द्वारा 21 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने के निर्देश दि�� हैं। अर्जेन्ट टेम्परेरी बेसिस पर 200 पशु चिकित्सकों एवं 300 पशुधन सहायकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गिरदावरी व नुकसान का होगा आंकलन
प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और बाढ़ प्रभावितों के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ से प्रभावित 6 जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया है। क्षेत्र में जल निकासी और बेघर हुए लोगों के लिए अस्थाई आवास व्यवस्था, भोजन और अन्य सुविधाएं निरंतर मुहैया कराई जा रही है।
सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्तियों, फसल और पशुओं को हुए नुकसान का जल्द से जल्द आंकलन कर प्रभावितों को त्वरित सहायता पहुंचाने के भी निर्देश जिला कलक्टर को दिए गए। मुख्य सचिव को जिलों की सभी व्यवस्थाओं, राहत और बचाव कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग और बाढ़ से हुए
नुकसान का एक ज्ञापन तैयार कर केंद्र सरकार को भेजने के भी निर्देश दिए गए।
आपदा प्रबंधन मंत्री श्री गोविन्द राम मेघवाल ने कहा कि प्रदेशभर में औसत से लगभग 35 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है। राणा प्रताप सागर, माही डेम व बीसलपुर डेम लबालब हो गए हैं। कोटा, झालावाड़, बूंदी, करौली, धौलपुर व बारां में उत्पन्न बाढ़ की परिस्थितियों का सामना करने के लिए आपदा विभाग ने 22 करोड़ रूपए जारी किए। लगभग 43 हजार बाढ़ प्रभावित लोगों को 163 राहत शिविरों में भेजने के साथ ही लगभग 15 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया।
ग्रामीण खेलों से आपसी प्रेम, भाईचारा, एवं सद्भावना का बनेगा माहौल
सोमवार से राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर शुरू हो रहे राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों द्वारा प्रदेश में आपसी प्रेम, भाईचारा, सद्भावना व सहयोग का माहौल बनेगा। इन खेलों में 30 लाख से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे, जिसके लिए 2.25 लाख से अधिक टीमों को गठन किया गया है। सभी जिला प्रभारी मंत्रियों व जनप्रतिनिधियों को अपने-अपने जिलों के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा। खेल राज्य मंत्री श्री अशोक चांदना व राजस्थान क्रीड़ा परिषद की अध्यक्षा श्रीमती कृष्णा पूनियां ने ग्रामीण ओलंपिक खेलों की तैयारियों और सफल आयोजन को लेकर जानकारी दी।
वीसी में सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों ने अपने-अपने जिलों की स्थिति को समक्ष रखा। बैठक में प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव पंचायतीराज श्रीमती अपर्णा अरोरा, प्रमुख शासन सचिव कृषि श्री दिनेश कुमार, प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्रीमती श्रेया गुहा, स्वायत्त शासन विभाग के सचिव श्री जोगाराम, पंचायती राज के सचिव श्री नवीन जैन एवं पशुपालन विभाग के सचिव पीसी किशन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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बकरी बैंक योजना ग्रामीण महिलाओं के लिये वरदान
भारत देश में कृषि और पशुपालन एक दुसरे के पूरक रहे हैं. हमारे ज्यादातर किसान भाई-बहन खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं. ज्यादातर घरेलु या छोटे स्तर पर पशुपालन के कार्य को महिलाएं कुशलता के साथ संभाल रही हैं.
ग्रामीण इलाकों में लगभग हर छोटे और मध्यम किसानों के घर में बकरी पालन किया जाता है, क्योंकि इसमें खर्च कम और मुनाफा अधिक होता है. बकरी के लिये आहार की उपलब्धता भी आसान है, वहीं खर्च भी कम होता है. बकरी पालन के लिये किसी बड़ी तकनीक की भी जरूरत नहीं होती है. कोई भी किसान आसानी से बकरी पालन कर लाभ कमा सकता है. इसीको देखते हुए ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिय महाराष्ट्र सरकार की तरफ से बकरी पालन पर योजना चलाई जा रही है, जिसका नाम बकरी बैंक योजना है. इस योजना में महिलाओं को बकरी पालने के लिए कम मूल्य पर बकरी उपलब्ध करवाई जाएगी. यही नहीं सरकार के इस बकरी पालन ��ोजना में महिलाओं को बकरी पालन का उचित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
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बकरी बैंक योजना का उद्देश्य
बकरी बैंक योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है. इससे बकरी पालन के व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और इस व्यवसाय से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगी. अमूमन देखा जाता है कि ग्रामीण महिलाएं अपने घर आंगन में बकरी पालती हैं. लेकिन आबकारी खरीदने के लिये धनाभाव होता है, जिसके कारण चाह के भी वो बकरी नहीं पाल सकती हैं. इस योजना के तहत वैसी महिलाओं को बकरी उपलब्ध कराई जायेंगी, जिससे वो घर में रहते हुये बकरी पाल सकेंगी और इससे वे आर्थिक रूप से स्वावलंबी होंगी और उन्हें रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा. सबसे बड़ी बात यह है की बकरी के लिये महिलाओं को आसानी से चारा उपलब्ध हो जाता है और बीमा तथा टीकाकरण का खर्च भी सरकारी स्तर पर उठाया जायेगा.
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कैसे मिलेगा महिलाओं को बकरी बैंक योजना का
बकरी बैंक योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को किसी भी नजदीकी सरकारी बैंक में जाकर आवेदन करना होगा. बकरी बैंक योजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को 2 हजार रुपए में एक गर्भवती बकरी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए लाभार्थी महिलाओं को बैंक में 2 हजार रुपए और साथ ही जितने बकरी के बच्चें होंगे उसमें से एक बच्चा बैंक को देना होगा. इस प्रक्रिया के पूरा हो जाने के बाद बकरी महिलाओं के नाम कर दी जाएगी. बकरी बैंक योजना के तहत बकरी का बीमा और उनके लिए टीकाकरण का खर्च भी बैंक द्वारा वहां किया जायेगा.
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बकरी बैंक योजना में निशुल्क होगा पंजीकरण
सरकार के इस योजना का लाभ उठाने के लिये इच्छुक महिलाओं को इसके लिए 1200 रुपए का पंजीकरण शुल्क देना होगा. इसके बाद बकरी के लिये ऋण के नियमों के तहत महिलाओं को बकरी उपलब्ध कराई जायेगी.
बैंक नियमानुसार, 40 महीने के समय के अंदर योजना के तहत बकरी प्राप्त करने वाली महिलाओं को 4 बकरी के बच्चे बैंक को देने होंगे. इसके बाद ही बकरी पर महिला का पूर्ण अधिकार होगा. इसके ��ूर्व बकरी बैंक की ही मानी जाएगी.
source बकरी बैंक योजना ग्रामीण महिलाओं के लिये वरदान
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is covid vaccine necessary for everyone: क्या बिना मर्जी लगाया जा सकता है कोरोना का टीका? सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब,a person cannot be vaccinated without his consent
is covid vaccine necessary for everyone: क्या बिना मर्जी लगाया जा सकता है कोरोना का टीका? सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब,a person cannot be vaccinated without his consent
नई दिल्लीकेंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी कोविड-19 टीकाकरण दिशानिर्देशों में किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसका जबरन टीकाकरण कराने की बात नहीं की गई है। दिव्य��ंगजनों को टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाने से छूट देने के मामले पर केंद्र ने न्यायालय से कहा कि उसने ऐसी कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी नहीं की है, जो किसी मकसद के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ…
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छत्तीसगढ़ हवाई अड्डों पर आरटी पीसीआर अनिवार्य | सरकार ने संक्रमण की संख्या को कम करने के आदेश जारी किए हैं
छत्तीसगढ़ हवाई अड्डों पर आरटी पीसीआर अनिवार्य | सरकार ने संक्रमण की संख्या को कम करने के आदेश जारी किए हैं
रायपुरकुछ पल पहले लिंक की प्रतिलिपि करें छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीन प्राप्त करने वाले यात्रियों को अब एयरपोर्ट पर इस स्क्रीनिंग प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज मिल चुकी हैं, उन्हें छत्तीसगढ़ एयरपोर्ट पर कोरोना टेस्ट नहीं कराना होगा। राज्य सरकार ने कोरोना टेस्ट की शर्त खत्म कर दी है. जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके लिए 96 घंटे पहले कोरोना टेस्ट…
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पंचायत चुनाव में लोगों को कोरोना से बचाने की तैयारी, घर-घर जाकर टीका लगा रहे स्वास्थ्य कर्मी, ईंट-भट्ठे के मजदूरों को भी लगा टीका
पंचायत चुनाव में लोगों को कोरोना से बचाने की तैयारी, घर-घर जाकर टीका लगा रहे स्वास्थ्य कर्मी, ईंट-भट्ठे के मजदूरों को भी लगा टीका
Sheikhpura: एक तरफ जिले में शांतिपूर्ण मतदान की प्रक्रिया जारी है। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लोगों को कोरोना के संभावित खतरे से बचाने की कवायद भी जोर-शोर से जारी है। लगातार अभियान चलाकर टीकाकरण केंद्र पर लक्ष्य पूरा होने के बाद स्वास्थ्य कर्मी अब घर-घर जाकर लोगों को टीका लगा रहे हैं। चुन-चुन कर लोगों को टीके का पहला एवं दूसरा डोज लगाया जा रहा है। जिलाधिकारी इनायत खान के निर्देश पर…
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Cowin Website Application Registration Login for 18+नागरिक प्रक्रिया
Cowin Website Application Registration Login for 18+नागरिक प्रक्रिया
कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड: देश में बड़े पैमाने पर कोरोना टीकाकरण का आयोजन किया जा रहा है और हर दिन लाखों लोग टीकाकरण करवा रहे हैं। कई नागरिक अभी भी संघर्ष कर रहे हैं कि कैसे कोरोना वैक्सीन स्लॉट बुक करें और उमंग ऐप, डिजिलॉकर ऐप, आरोग्य सेतु ऐप जैसे स्रोतों से कोविड टीकाकरण प्रमाण पत्र कैसे डाउनलोड करें, और अपने आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, संदर्भ आईडी, लाभार्थी आईडी का भी उपयोग कर रहे हैं। और…
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मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी प्रभारी मंत्री व जिला कलक्टर्स के साथ लम्पी स्किन रोग की रोकथाम को लेकर समीक्षा बैठक ली।
लम्पी स्किन रोग की रोकथाम के लिए सभी जिला कलक्टर्स को बिना टेंडर दवाईयां खरीदने व युद्धस्तर पर इस महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबन्ध करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार पूरी गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ पशुओं में फैल रहे इस रोग पर नियंत्रण पाने के लिए कार्य कर रही है। कई जिलों में स्थिति सामान्य भी हो रही है। कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार का जो प्रभावी प्रबंधन रहा वैसा ही आज की परिस्थितियों में जनता, जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के समन्वय से संभव हो पाया है। सरकार दवाईयों, चिकित्सकों, एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए धन की कमी नहीं आने दे रही है। राज्य सरकार हर पशुपालक के साथ खड़ी है और सभी के सहयोग से इस संक्रमण से जल्द निजात पा सकेंगे।
गौवंश हमारा सम्मान है, इसका संरक्षण और संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है। गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। 15 अगस्त को राज्य के सभी जिला प्रमुख, प्रधान, सरपंच, वार्डपंच, पशुपालक, पंचायती राज, नगर परिषद, नगर पालिका के सदस्य, गौशाला प्रबंधक व अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से अहम बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
संक्रमित पशुओं के उपचार में जुटे चिकित्सकों, वेटेनरी स्टाफ और विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की सजगता और सतर्कता से संक्रमण और मृत्यु दर में कमी आई है। जिस तरह कोरोना काल में विधायकों द्वारा अपने एमएलए फंड से सहायता राशि दी गई, उसी तरह अब भी जारी की गई है। राज्य सरकार की अपील पर बड़ी संख्या मे भामाशाह व स्वंयसेवी संगठन सहयोग के लिए आगे आए हैं। रोकथाम के लिए विधायक, महापौर, जिला प्रमुख, प्रधान, सरंपचों सहित सभी जनप्रतिनिधिगण अपने क्षेत्रों में दौरा कर पशुपालकों को जागरूक कर रहे हैं।
मुख्यतः प्रभावित जिले श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, नागौर, पाली, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर, सिरोही, जालौर व जोधपुर में संक्रमण व मृत्यु दर में कमी आई है। साथ ही, जयपुर, अजमेर, सीकर, झुंझुनू व उदयपुर में स्थिति पर निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। भैंसों में भी संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
मीटिंग में विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी एवं पीसीसी अध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा भी रहे। डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। रोग निवारक दवाईयों की उपलब्धता पंचायत समिति स्तर तक सुनि��्चित की जा रही है। पशुपालकों की मदद से संक्रमण ��हित पशुओं में टीकाकरण का कार्य भी जारी है।
वीसी के माध्यम से जुड़े कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि रोग की प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश की सभी गौशालाओं की साफ-सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है। चिकित्सकों और कर्मचारियों की लगातार मेहनत से सुधार आ रहा है और प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ा है। बीकानेर विश्वविद्यालय की टीमों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। रोग से बचाव में स्वयंसेवी संस्थाएं, भामाशाह और आमजन सहयोग कर रहे हैं। लोग पारंपरिक तरीके से भी उपचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय पशुपालन मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला से भी लगातार समन्वय बनाकर उन्हें स्थिति के बारे में अवगत कराया जा रहा है।
गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि उन्होंने सभी प्रभावित जिलों का दौरा कर जमीनी स्तर पर दवाइयों और संसाधनों की उपलब्धता का निरीक्षण किया है। सभी जिलों में पशुओं में रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने की दवाईयां उपलब्ध कराई जा ��ही है व प्राथमिकता से टीकाकरण करवाया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता में कमी आ रही है, जिसका जल्द निस्तारण किया जाएगा। कुछ क्षेत्रों में रोगी पशुओं के शव दफनाने पर ग्रामीण विरोध कर रहे हैं, ऐसे में शवों को सरकारी भूमि पर वैज्ञानिक तरीके से दफनाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
वीसी में शिक्षा मंत्री श्री बी.डी. कल्ला, वन मंत्री श्री हेमाराम चौधरी, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री शाले मोहम्मद, उद्योग मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत, पंचायतीराज मंत्री श्री रमेश मीणा, सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजन लाल जाटव, सहकारिता मंत्री श्री उदयलाल आंजना, सामाजिक अधिकारिता मंत्री श्री टीकाराम जूली, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविंद राम मेघवाल, कृषि विपणन मंत्री श्री मुरारीलाल मीणा, उप सचेतक विधानसभा श्री महेंद्र चौधरी एवं राजस्थान गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्री मेवाराम जैन ने श्री गहलोत के निर्देश पर अपने-अपने जिलों की स्थिति को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा व रोग की रोकथाम के लिए सुझाव दिए। वीसी के जरिए सभी जिला कलक्टर भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में पशुपालन विभाग के शासन सचिव श्री पी.सी. किशन ने प्रस्तुतीकरण के जरिए प्रदेश की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया।
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कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश सतत समन्वित, नियोजित प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर बने प्रभावी नियंत्रण के बीच जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। देश के अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश में स्थिति बहुत बेहतर है। आज प्रदेश के 33 जिलों में कोविड का एक भी एक्टिव केस नहीं है। विगत दिवस हुई कोविड टेस्टिंग में 66 ज़िलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं मिला। वर्तमान में 199 संक्रमितों का उपचार हो रहा है। डेंगू व अन्य वायरल बीमारियों के संबंध में जारी प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम को प्रभावी बनाया जाए। बुखार व संक्रमण के अन्य लक्षणों के संदिग्ध मरीजों की पहचान की जाए। बुखार/दस्त/डायरिया की दवाइयां वितरित की जाएं। विशेषज्ञ टीम के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उपचार की समस्त व्यवस्था की जाए। बेड, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है। फिरोजाबाद, आगरा, कानपुर, मथुरा आदि प्रभावित जनपदों की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक 07 करोड़ 42 लाख 65 हजार 99 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में हुई 02 लाख 26 हजार 111 सैम्पल टेस्टिंग में 11 नए मरीजों की पुष्टि हुई। मात्र 09 जनपदों में ही नए मरीज मिले। इसी अवधि में 24 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक 16 लाख 86 हजार 441 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। यह सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकती है। कोविड की अद्यतन स्थिति के अनुसार प्रदेश के 33 जनपदों (अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर, चंदौली, चित्रकूट, दे��रिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, कासगंज, कौशाम्बी, ललितपुर, महोबा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, शामली, सिद्धार्थ नगर और सोनभद्र) में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। औसतन हर दिन ढाई लाख से अधिक टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 से भी कम हो गया है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है। कोविड से बचाव के लिए प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। विगत दिवस 09 लाख 68 हजार से अधिक लोगों ने टीकाकवर प्राप्त किया। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप टीकाकरण के लिए अर्ह लोगों में #yogi https://www.instagram.com/p/CTmzb-wpjai/?utm_medium=tumblr
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कोविड-19: बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसलिए की हिमाचल प्रदेश की तारीफ
कोविड-19: बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसलिए की हिमाचल प्रदेश की तारीफ
नई दिल्ली. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में टीकाकरण प्रक्रिया की सफलता को लेकर प्रदेश की सरकार को बधाई दी है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां 18 वर्ष के अधिक उम्र वाले प्रत्येक नागरिक को कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है. इस उपलब्धि के लिए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश की जनता…
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी भारत में रहने वाले विदेशी नागरिकों को COVID वैक्सीन लेने के लिए अनुमति Divya Sandesh
#Divyasandesh
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी भारत में रहने वाले विदेशी नागरिकों को COVID वैक्सीन लेने के लिए अनुमति
नई दिल्ली। भारत में कोविड वैक्सीनेशन के 50 करोड़ के आंकड़े को पार को करने के बाद अब भारत सरकार विदेशी नागरिकों के लिए वैक्सीनेशन का द्वार खोल रही है। इससे भारत में रहने वाले विदेशी नागरिक भी कोरोना से सुरक्षित हो सकेंगे।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत भारत में रहने वाले सभी विदेशी नागरिकों को कोविड की वैक्सीन लेने के लिए CoWin पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अनुमति देने की घोषणा की गई है। भारत में रहने वाले विदेशी नागरिक CoWIN पर पंजीकरण के लिए अपने पासपोर्ट का उपयोग आईडी के रूप में कर सकते हैं।
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अपने पासपोर्ट नंबर के माध्यम से CoWIN पोर्टल पर खुद को पंजीकृत कराने के बाद विदेशी नागरिकों को आम भारतीय नागरिकों के भांति टीकाकरण के लिए एक स्लॉट प्रदान किया जाएगा। दिए गए स्लॉट के माध्यम से वे तय कोविड टीकाकरण सेंटर पर जाकर कोविड की वैक्सीन लगवा सकते हैं।
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ज्ञात हो कि अभी हाल ही में भारत सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन के 50 करोड़ के आंकड़े को क्रॉस किया है। चूंकि देश में अभी तक 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीनेशन प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं किया गया है, और कोरोना के संक्रामकता को देखते हुए विदेशी नागरिकों को भी इस वैक्सीनेशन प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया है। इससे कोविड की एक और चेन को निरस्त करने में देश सफल होगा।
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69000 शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी पूरी हो जायेगी: नवनीत सहगल
69000 शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी पूरी हो जायेगी: नवनीत सहगल
लखनऊ: अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री के 3टी ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट अभियान के साथ-साथ आशिंक कोरोना कर्फ्यू तथा टीकाकरण के अभिनव प्रयोग से प्रदेश में कोरोना का संक्रमण नियंत्रण में सफलता मिली है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में हैं। आंशिक कोरोना कर्फ्यू के समय में औद्योगिक, आर्थिक गतिविधियां, चीने मिले और गेहूॅ खरीद निर्बाध रूप से चलते रहे। (more…)
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सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर दी चेतावनी, कहा- अगले 125 दिन बेहद अहम
चैतन्य भारत न्यूज कोरोना के कम होते केस के बीच लोगों की ओर से बढ़ती जा रही लापरवाही के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत अभी तक कोविड-19 के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी हासिल नहीं कर सका है जिससे वायरल संक्रमण के नए प्रकोप की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। साथ ही यह भी कहा कि महामारी को रोकने के लिए अगले 125 दिन बहुत महत्वपूर्ण होंगे। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि हमें अब संक्रमण को फैलने से रोकने की जरूरत है और यह कोविड-उपयुक्त व्यवहार को अपनाकर ही संभव है। उन्होंने कहा कि हम अभी तक कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी तक नहीं पहुंच सके हैं। हम इसे वायरल संक्रमण के नए प्रकोप के रूप में देख सकते हैं लेकिन हमें इसे अभी रोकने की जरूरत है। यह संभव है यदि हम सुरक्षित क्षेत्र में रहने के लिए कोरोना-उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के लिए अगले 125 दिन "बेहद महत्वपूर्ण" होंगे। तीसरी लहर को लेकर डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि अधिकांश क्षेत्रों में स्थिति बद से बदतर हो गई है। कुल मिलाकर दुनिया तीसरी लहर की तरफ बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ की तीसरी लहर पर चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है, यह एक लाल झंडा है। मास्क के इस्तमेाल में गिरावटः स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना के मामलों में गिरावट के बाद कई तरह के प्रतिबंधों में ढील दी गई है और आम जनजीवन को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अनलॉक के दौरान बड़ी संख्या में लोग कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हाल के दिनों में मास्क क�� इस्तेमाल में गिरावट आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि गतिविधियों को फिर से शुरू करने के बाद फेस मास्क के उपयोग में अनुमानित गिरावट आई है। हमें अपने जीवन में फेस मास्क के उपयोग को सामान्य प्रक्रिया के रूप में शामिल कर लेना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दूसरी लहर के दौर में देश में 4 लाख से अधिक के मामले आ रहे थे। लेकिन अब देश में एक्टिव केस लोड घटकर 4.3 लाख तक आ गया है। इस बीच देश में टीकाकरण का लक्ष्य 39 करोड़ डोज तक पहुंच गया है। लव अग्रवाल ने कहा कि एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। पड़ोसी मुल्कों में भी नए मामलों में तेजी देखी जा रही है। म्यांमार, इंडोनेशिया, मलेशिया और बांग्लादेश में मामले बढ़ रहे हैं। मलेशिया और बांग्लादेश में तीसरी लहर की चेतावनी दी गई है। और यह लहर दूसरी लहर की पीक से भी ज्यादा होगी। Read the full article
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जन समस्याओं का त्वरित समाधान, जिला प्रशासन की प्राथमिकता- कृतिका कुल्हारी
जन समस्याओं का त्वरित समाधान, जिला प्रशासन की प्राथमिकता- कृतिका कुल्हारी
सोलन, 29 जून, 2021 । सोलन जिला की उपायुक्त कृतिका कुल्हारी ने मीडिया से आग्रह किया है कि कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें ताकि सोलन जिला शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करे और जन-जन सुरक्षित रह कर विकास प्रक्रिया में अपना पूर्ण योगदान दे सके। कृतिका कुल्हारी आज यहां प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रही थी। कृतिका कुल्हारी ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण की दर एवं…
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