#केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
Explore tagged Tumblr posts
rightnewshindi · 3 days ago
Text
दिल्ली में लॉन्च हुआ एक महीने चलने वाला 'नई चेतना - पहल बदलाव की' अभियान, जानें क्या है उद्देश्य
Delhi News: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महिलाओं के खिलाफ़ एक महीने तक चलने वाले राष्ट्रीय अभियान नई चेतना – पहल बदलाव की के तीसरे एडिशन की शुरुआत की। इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से इस कैंपेन के साथ ही अब कोई बहाना नहीं का नारा दिया गया। इस मौके पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ साथ महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी मौजूद थे। वहीं इस दौरान नई…
0 notes
asr24news · 1 month ago
Text
विजया राहटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त
नई दिल्ली 19 अक्टूबर 2024। श्रीमती विजया राहटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने शनिवार 19 अक्टूबर को बताया कि वह आयोग की 9वीं अध्यक्ष होंगी। यह अधिसूचना शुक्रवार देर शाम जारी की गयी। इस नियुक्ति के साथ विजया राहटकर राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष पद संभालने वाली महाराष्ट्र की पहली महिला बन गई हैं। उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री का…
0 notes
iharidwartiwari · 2 years ago
Text
https://www.abplive.com/news/india/supreme-court-on-domestic-violence-order-union-to-hold-meeting-with-states-as-more-than-4-lakh-cases-pending-2343535
Supreme Court On Domestic Violence: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (24 फरवरी) को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक बुलाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पाया कि देश के 801 जिलों में 4.7 लाख घरेलू हिंसा के मामले लंबित हैं. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार डोमेस्टिक वायलेंस अधिनियम के सभी पहलुओं पर गहनता से विचार करे और घरेलू हिंसा के पीड़ितों को राहत और सुरक्षा प्रदान करे.
कोर्ट ने कहा कि संघ और राज्य सरकारों के सचिवों की बैठकों में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष का एक नामित व्यक्ति भी शामिल होगा. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी के माध्यम से केंद्र सरकार के सुझावों को स्वीकार करते हुए पीठ ने इन उच्च अधिकारियों की बैठक को तीन सप्ताह के अंदर बैठक करने का आदेश दिया है.
इन बातों पर रखा जाएगा फोकस
इस बैठक में चर्चा की जाएगी कि क्या घरेलू हिंसा के पीड़ितों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा अधिकारी और वन-स्टॉप सेंटर हो सकते हैं या नहीं. ऐश्वर्या भाटी ने सुझाव दिया कि राज्यों को प्रत्येक सुरक्षा अधिकारी को सौंपे गए मामलों की संख्या के आंकड़े सामने लाने चाहिए. हर जिले में पीओ की वर्तमान संख्या और क्या उनकी संख्या में बढ़ोतरी की जरूरत है और डोमेस्टिक वायलेंस अधिनियम, 2005 के तहत इंप्लीमेंटेशन पर राज्यों के उनके अनुभव के बारे में जानकारी एकत्र करना इस बैठक का हिस्सा होगा.
'मिशन शक्ति' पर रिपोर्ट पेश करने का आदेश
इसके साथ ही पीठ ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को एकीकृत महिला अधिकारिता कार्यक्रम 'मिशन शक्ति' पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि मंत्रालय प्रत्येक जिले में कितने 'वन-स्टॉप सेंटर' प्रस्तावित हैं, इस बारे में जानकारी दे और पता लगाए कि वर्तमान में कितने कार्यरत हैं. एक सामान्य पोर्टल और डैशबोर्�� को लेकर भी जानकारी मांगी गई है.
0 notes
dainiksamachar · 2 years ago
Text
20 साल की अविवाहित लड़की की एम्स में होगी डिलीवरी, SC का आदेश- बच्चे को गोद ले सकेंगे इच्छुक पैरंट्स
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने 20 साल की एक अविवाहित लड़की का एम्स में डिलीवरी कराने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि डिलीवरी के बाद बच्चे को उसे गोद लेने के इच्छुक पैरेंट्स को ��े दिया जाए। उक्त पैरेंट्स ने पहले से गोद लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रखा है। 29 सप्ताह के गर्भ को टर्मिनेट कराने के लिए एक 20 साल की अविवाहित महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आदेश अति विशेष परिस्थितियों में दिया जा रहा है क्योंकि लड़की अपनी प्रिगनेंसी के काफी बाद के स्टेज में आई थी ऐसे में अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने अपने शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश जारी किया। याचिकाकर्ता बच्चे की देखभाल करने की स्थिति में नहीं मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही थी। बेंच कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी और डॉ. अमित मिश्रा, जिन्होंने याचिकाकर्ता से बातचीत की, उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता डिलीवरी के बाद बच्चे को अपने पास नहीं रखना चाहती है। बेंच ने कहा कि इन परिस्थितियों में, गर्भावस्था के अंतिम चरण को ध्यान में रखते हुए यह मां और भ्रूण के सर्वोत्तम हित में माना गया है कि प्रसव के बाद बच्चे को गोद लेने के लिए दिया जा सकता है। गोद लेने का अनुरोध याचिकाकर्ता की तरफ से सुझाव दिया गया है क्योंकि वह बच्चे की देखभाल करने की स्थिति में नहीं है। याचिकाकर्ता की बहन से भी की बातचीतभाटी ने अदालत को बताया कि उसने याचिकाकर्ता की बहन से भी बातचीत की थी। इसका उद्देश्य यह पता लगाना था क्या वह बच्चे को गोद लेने के लिए तैयार होगी। हालांकि, बहन ने कई कारणों से ऐसा करने में असमर्थता जताई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और भाटी ने अदालत को इसकी जानकारी दी। उन्होंने अदालत को बताया कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत बाल दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) के साथ रजिस्टर्ड भावी माता-पिता की तरफ से डिलीवरी के बाद बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का प्रयास किया गया है।(एजेंसी इनपुट के साथ) http://dlvr.it/ShrbHR
0 notes
lok-shakti · 3 years ago
Text
केंद्रीय मंत्री और अब लेखक, स्मृति ईरानी आज ई-अड्डा में अतिथि हैं
केंद्रीय मंत्री और अब लेखक, स्मृति ईरानी आज ई-अड्डा में अतिथि हैं
बदलती भूमिकाएं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने चिह्नित की हैं। प्राइम टाइम टीवी सीरीज़ में मुख्य किरदार से लेकर लोकसभा उम्मीदवार तक, जिसने 2019 के चुनावों में अमेठी के गांधी परिवार के गढ़ को जीता था, कैबिनेट के एक सदस्य के रूप में, जहाँ उन्होंने हाल ही में, बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक का संचालन किया था। , 2021, जो महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल…
View On WordPress
0 notes
trendingwatch · 2 years ago
Text
सभी स्तरों पर घट रही स्कूल छोड़ने की दर: सरकार
सभी स्तरों पर घट रही स्कूल छोड़ने की दर: सरकार
सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक सहित शिक्षा के सभी स्तरों पर देश में स्कूल छोड़ने की दर में लगातार कमी आ रही है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यह बात एक लिखित सवाल के जवाब में कही कि क्या COVID-19 के प्रकोप को देखते हुए स्कूल छोड़ने वालों की संख्या में वृद्धि ��ुई है। पढ़ना: दिल्ली सरकार, बर्लिंगटन अंग्रेजी भारत छात्रों के अंग्रेजी…
View On WordPress
0 notes
telnews-in · 2 years ago
Text
India On Its Poor Hunger Index Rating
India On Its Poor Hunger Index Rating
भारत ने आरोप लगाया है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट सरकार के खाद्य सुरक्षा उपायों की अनदेखी करती है नई दिल्ली: भारत ने आज न���ीनतम ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) रिपोर्ट को “भूख का झूठा उपाय” करार दिया और दावा किया कि 2022 में 121 देशों में से 107 वें स्थान पर गिरने के बाद यह “गंभीर प्रणालीगत समस्याओं” से पीड़ित है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है:…
View On WordPress
0 notes
prabudhajanata · 2 years ago
Link
केंद्रीय मंत्री Smriti Irani ने रायपुर में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की उपलब्धियों की समीक्षा बैठक का किया उद्घाटन रायपुर। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मं...
0 notes
hindinews-blog · 3 years ago
Text
लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल होगी, कैबिनेट ने दी मंजूरी
Tumblr media
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिलाओं की शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव पारित किया है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।
वर्तमान में, पुरुषों के लिए विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 वर्ष है। सूत्रों ने कहा कि यह प्रस्ताव जया जेटली की अध्यक्षता वाले नीति आयोग के टास्क फोर्स की सिफारिश पर आधारित था। स्वास्थ्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और कानून मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पिछले साल जून में गठित टास्क फोर्स के सदस्य थे।
टास्क फोर्स का गठन मातृत्व की उम्र, एमएमआर को कम करने की अनिवार्यता (मातृ मृत्यु दर), पोषण स्तर में सुधार और संबंधित मुद्दों से संबंधित मामलों की जांच के लिए किया गया था। हिंदी न्यूज़
केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकार महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र बढ़ाने के नए फैसले को लागू करने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम, विशेष विवाह अधिनियम और हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करेगी। 
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में प्रधानमंत्री ��रेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा था कि महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए उनकी सही उम्र में शादी होनी चाहिए।
सूत्रों ने कहा, "टास्क फोर्स ने यह भी सिफारिश की है कि यौन शिक्षा को औपचारिक रूप दिया जाए और स्कूली पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाए।" हिंदी समाचार
0 notes
tezlivenews · 3 years ago
Text
2021 ग्लोबल हंगर इंडेक्स में गिरी रैंकिंग, भारत ने मेथडोलॉजी को बताया अवैज्ञानिक
2021 ग्लोबल हंगर इंडेक्स में गिरी रैंकिंग, भारत ने मेथडोलॉजी को बताया अवैज्ञानिक
नई दिल्ली. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 में रैकिंग गिरने के बाद भारत सरकार ने इस इंडेक्स की मेथडोलॉजी पर सवाल खड़े किए हैं. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इस इंडेक्स को पब्लिश करने वाली एजेंसी ने सही तरीके से काम नहीं किया है. मंत्रालय ने कहा है-ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 में भारत की रैंक कम करना आश्चर्यजनक है. ऐसा FAO एस्टिमेट के आधार किया गया है. ये मेथडॉलॉजी अवैज्ञानिक…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
realtimesmedia · 3 years ago
Text
Mukhtar Abbas Naqvi: अल्पसंख्यक समुदायों में 'पोषण माह’ को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए मुंबई में कार्यक्रम
Mukhtar Abbas Naqvi: अल्पसंख्यक समुदायों में ‘पोषण माह’ को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए मुंबई में कार्यक्रम
न्यूज़ डेस्क| केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि ’’पोषण माह’’ के तहत छह सितम्बर को मुंबई के कई क्षेत्रों में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच ’’पोषण जागरूकता अभियान’’ कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने एक बयान में बताया कि ’’पोषण जागरूकता अभियान’’ कार्यक्रम, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्बारा मुंबई के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
ashokgehlotofficial · 3 years ago
Text
नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेशचंद्र, वरिष्ठ सलाहकार श्री योगेश सूरी तथा सलाहकार श्री राजनाथ राम के साथ बैठक में राज्य हित से जुड़े विभिन्न लंबित मुद्दों पर चर्चा की। इन विषयों पर पुरजोर पैर��ी करते हुए कहा कि कोविड महामारी के कारण राज्यों का अर्थतंत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राजस्व में बड़ी कमी के साथ-साथ जरूरतमंद वर्गों को अधिक सामाजिक सुरक्षा देने की आवश्यकता है। इन स्थितियों में केन्द्र सरकार के सहयोग के बिना किसी भी राज्य के लिए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना आसान नहीं है।
सहयोगी संघवाद की भावना को मजबूत करने की दिशा में राज्यों को उनके विकास के लिए केन्द्र से मिलने वाले आर्थिक एवं नीतिगत सहयोग को बढ़ाने का आग्रह किया है। विगत कुछ वर्षों में आर्थिक मंदी, कोरोना महामारी, प्राकृतिक आपदाओं सहित अन्य कारणों से देश के सभी राज्यों की राजकोषीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा का दायरा और अधिक बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसे में आर्थिक एवं सामाजिक विकास से जुड़ी गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए केन्द्र सरकार राज्यों को अधिक सहयोग प्रदान करे।
जल जीवन मिशन में मिले 90 प्रतिशत केंद्रीय अंश
प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केन्द्र सरकार राज्य को जल जीवन मिशन में उत्तर-पूर्वी एवं पहाड़ी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तरह 50ः50 के स्थान पर 90ः10 के अनुपात में केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराए। वर्ष 2013 तक राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम के तहत मरुस्थलीय क्षेत्रांे के लिए 90ः10 के अनुपात से केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाती थी। बाद में इसे घटाकर 60ः40 एवं अब 50ः50 कर दिया गया है। कि राज्य में सतही स्रोत सीमित होने के साथ ही गांव-ढाणियां दूर-दूर बसी हुई हैं। इसके कारण पेयजल योजनाओं की लागत अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक आती है।
ईआरसीपी को मिले राष्ट्रीय दर्जा, लंबित रेल परियोजनाओं पर जल्द शुरू हो काम
राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र के 13 जिलों को सिंचाई एवं पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए। करीब 37,247 करोड़ रुपये की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर की वर्ष 2051 तक पेयजल आवश्यकताएं पूरी की जा सकेंगी और 2 लाख हैक्टेयर नए क्षेत्र को सिंचित किया जा सकेगा। डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा, अजमेर (नसीराबाद) से सवाई माधोपुर (चौथ का बरवाड़ा) वाया टोंक, धौलपुर सरमथुरा-आमान परिवर्तन एवं गंग��पुर सिटी तक रेल लाइन के विस्तारीकरण तथा गुलाबपुरा-भीलवाड़ा में मेमू कोच फैक्ट्री की स्थापना के कार्य को भी जल्द शुरू करवाया जाए।
राज्य की तर्ज पर केंद्र भी करे एमएसएमई नियमों में बदलाव
एमएसएमई एक्ट-2019 के अनुरूप प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों को केन्द्रीय अधिनियमों एवं नियमों के तहत निरीक्षण एवं स्वीकृति से मुक्त किए जाने की मांग रखी। इस एक्ट के तहत एमएसएमई उद्यमों को राज्य में 3 वर्ष तक स्वीकृति एवं निरीक्षण से छूट दी गई है और ऐसा अधिनियम लागू करने वाला राजस्थान देश में प्रथम राज्य है।
स्वदेश दर्शन योजना में राज्य के प्रस्तावों को मिले जल्द मंजूरी
राजस्थान की पर्यटन की दृष्टि से पूरी दुनिया में अलग पहचान है और यहां पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। ऐसे में स्वदेश दर्शन योजना अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रेषित विभिन्न पर्यटन अवसंरचना विकास प्रस्तावों एवं परियोजनाओं पर पुनर्विचार कर इनकी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जल्द जारी की जाए। इनमें ईको-एडवेंचर सर्किट, मेगा डेजर्ट सर्किट, वाईल्ड लाईफ टूरिस्ट सर्किट, आदिवासी पर्यटन सर्किट, डीग-कुम्हेर-भरतपुर सर्किट, शेखावाटी सर्किट सहित श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ फोर्ट को विकसित करना तथा आमेर को आइकोनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करने की परियोजनाएं शामिल हैं।
एनडीआरफ और एसडीआरफ के प्रावधानों में हो संशोधन
प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पीड़ित लोगों को सहायता उपलब्ध कराने की दृष्टि से राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता है। सूखे के दौरान छोड़े गये अनुत्पादक एवं अन्य पशुओं का रख-रखाव करने वाली गौशालाओं के सभी पशुओं के लिये राहत सहायता उपलब्ध करवाने, वास्तविक प्रभावित कृषकों की संख्या के आधार पर कृषि आदान अनुदान का परिकलन करने तथा कृषि आदान अनुदान की पात्रता की सीमा को 2 हैक्टेयर से बढ़ाकर 5 हैक्टेयर तक करने की मांग रखी। सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने के लिए गौशालाओं एवं नंदीशालाओं के लिए सहयोग का आग्रह किया।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाए केंद्र
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय पेंशन योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या एवं पेंशन राशि को बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि इन पेंशन योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या की सीमा के कारण पात्र सभी व्यक्तियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते शेष पात्र व्यक्तियों को राज्य पेंशन योजनाओं में लाभान्वित किया जा रहा है। ऐसे में केन्द्रीय पेंशन योजनाओं में पेंशनर्स की संख्या की सीमा को समाप्त किया जाए। साथ ही इन योजनाओं में मिलने वाली सहायता राशि को राज्यों द्वारा दी जाने वाली पेंशन राशि के समान किया जाए।
खा��्य सुरक्षा का लाभ बढ़ी ज��संख्या के आधार पर मिले
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र लाभार्थियों की सीमा में बढ़ोतरी की मांग भी रखी। उन्होंने कहा कि राज्य में जनगणना 2011 के आधार पर शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 69 प्रतिशत की सीमा निर्धारित करते हुए कुल 4.46 करोड़ व्यक्तियों हेतु सीलिंग सीमा निर्धारित की गयी है। केन्द्र सरकार को सभी राज्यों हेतु 2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार सीलिंग सीमा को पुनर्निर्धारित करना चाहिए। यदि जनसंख्या वृद्धि के तार्किक आधार पर शीघ्र निर्णय लेने में कठिनाई है तो लाभार्थियों की चयन संख्या 4.46 करोड़ के स्थान पर इसे लाभार्थियों की वितरण सीमा 4.46 करोड़ निर्धारित किया जाना उचित होगा।
गोडावण संरक्षण मामले में केंद्र का मिले सहयोग
पश्चिमी राजस्थान में गोड़ावण संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर लगाई रोक के संदर्भ में केंद्र से आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि इस रोक के चलते राज्य के वर्ष 2025 तक के घोषित अक्षय ऊर्जा लक्ष्य 37.5 गीगावाट की प्राप्ति में बाधा आएगी। इससे वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट एवं वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट के राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति भी प्रभावित होगी।
तीन मेडिकल कॉलेज, ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क को स्वीकृति मिले
राज्य सरकार प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापना के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। केवल जालौर, प्रतापगढ़ एवं राजसमन्द जिले में में ही सरकारी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज नहीं है। इन जिलों की पिछड़ी स्थिति एवं यहां की जनजातीय बाहुल्य जनसंख्या को देखते हुए इन तीनों जिलों में भी नवीन मेडिकल कॉलेज प्रस्तावों को जल्द स्वीकृति दी जाए।
केन्द्र सरकार ने देश में तीन बल्क ड्रग पार्कों एवं चार मेडिकल डिवाइसेज पार्कों की स्थापना के लिए अधिसूचनाएं जारी की हैं। राज्य में इन पार्कों के विकास की विपुल संभावनाओं, भूमि की उपलब्धता एवं उद्यमियों द्वारा दिखायी गयी रुचि को देखते हुए कोटा में एक बल्क ड्रग पार्क तथा जोधपुर में एक मेडिकल डिवाइसेज पार्क के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की जाए।
पीसीपीआईआर के लिए जल्द जारी हो नोटिफिकेशन
राज्य सरकार बाड़मेर जिले में पेट्रोलियम, केमिकल्स एण्ड पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन की स्थापना कर रही है। जिसमें रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर आधारित विभिन्न औद्योगिक इकाइयों की स्थापना प्रस्तावित है। केन्द्र सरकार इसका नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करे। बजरी खनन के लिए प्रवर्तन एवं निगरानी गाइडलाइन-2020 की समीक्षा एवं संशोधन की भी मांग रखी। व्यापक जनहित, रोजगार सृजन एवं राजस्व अर्जन को ध्यान में रखते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय राजस्थान की स्थिति के संदर्भ में गाइडलाइन में संशोधन करे। उन्होंने राज्य के खनन से संबंधित लंबित मुद्दों के शीघ्र निस्तारण की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। केंद्र सरकार ��्रधान खनिजों की रॉयल्टी दरों का पुनः निर्धारण, एमएमडीआर अधिनियम, 1957 के तहत कॉपर, लेड, जिंक के लिए पीएल/एमएल क्षेत्र में वृद्धि, लाइम स्टोन खनन लीज का अप्रधान से प्रधान खनिज में परिवर्तन, पोटाश खनिज की रॉयल्टी दरों एवं विक्रय मूल्य का प्रकाशन तथा लौह अयस्क एवं लाइम स्टोन की खोज के लिए नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट से वित्त पोषण के मामलों में जल्द समुचित कार्यवाही करे।
ऋण सुविधा के लिए बैंकिंग संस्थाओं को दें दिशा-निर्देश
प्रधानमंत्री कुसुम योजना कम्पोनेंट-ए तथा इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के सुचारू संचालन के लिए केंद्र द्वारा बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया, जिससे इन योजनाओं के लाभार्थियों को समय पर ऋण सुविधा प्राप्त हो सके।
कोविड का किया बेहतरीन प्रबंधन
प्रदेश में कोविड की पहली एवं दूसरी लहर के प्रभावी प्रबंधन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य ने तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर प्रदेशभर में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया है। ऑक्सीजन एवं आईसीयू बैड की संख्या दोगुनी की जा रही है। एक हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तथा 40 हजार ऑक्सीजन कॅन्सन्ट्रेटर खरीदे गए हैं। हर जिले में ऑक्सीजन बैंक स्थापित किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में घर के नजदीक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए 332 कोविड कन्सल्टेशन केयर सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। मानव संसाधन के रूप में 7 हजा��� से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, एक हजार कोविड स्वास्थ्य सलाहकारों तथा स्वास्थ्य सहायकों के रूप में 25 हजार नर्साें और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाएं ली गई हैं।
नीति आयोग ने राजस्थान की परफोरमेंस को सराहा
नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद्र ने ईज ऑफ डूईंग बिजनेस, निर्यात क्षेत्र, स्कूली शिक्षा, मनरेगा, कृषि एवं पशुपालन, स्वास्थ्य, रिन्यूएबल एनर्जी, महिला सशक्तीकरण, एमएसएमई सेक्टर आदि क्षेत्रों में राज्य की परफोरमेंस को सराहा। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना में प्रदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर काम हुआ है। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में हुए गुणात्मक सुधार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इतने बड़े राज्य में शिक्षा का बेहतर स्तर अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि प्रसंस्करण और उद्योग आधारित गतिविधियों को बढ़ाकर रोजगार के अधिक अवसर सृजित किए जा सकते हैं।
ऊर्जा मंत्री श्री बीडी कल्ला ने जल जीवन मिशन में केंद्रीय भागीदारी के अनुपात को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने, प्रदेश में सतही जल आधारित पेयजल योजनाओं को ��ढ़ाने के लिए अन्तर्राज्यीय जल समझौतों की प्रभावी क्रियान्विति के संबंध में राज्य का पक्ष रखा।
उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए 147 उपखण्डों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। परिवहन मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार गारंटी योजना पर विचार किया जाए। शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा ने नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बजट प्रावधान करने के साथ ही राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने की मांग रखी। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास परियोजनाओं के संबंध में सुझाव दिए।
मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि विगत ढाई वर्षों में राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, महिला एवं बाल विकास, खेल एवं युवा मामलात, ऊर्जा, पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार किए हैं। प्रदेशवासियों के साथ-साथ निवेशकों को भी इनका लाभ मिल रहा है।
आर्थिक सलाहकार श्री अरविंद मायाराम ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्य द्वारा पहले व्यय करने के बाद ही केंद्रीय अंश जारी करने की अनिवार्यता को हटाने, पेट्रोल एवं डीजल पर सेस कम करने एवं डिविजिबल पूल में से राज्यों को मिलने वाले हिस्से को बढ़ाने, राज्यों की वित्तीय स्थिति के आकलन के बाद ही उदय योजना के प्रस्तावित द्वितीय चरण को लागू करने के संबंध में सुझाव दिए।
सलाहकार श्री गोविंद शर्मा ने राजस्थान में पोटाश के दोहन की दिशा में सहयोग तथा प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा ने जीएसटी के क्षतिपूर्ति भुगतान को वर्ष 2027 तक बढ़ाने का आग्रह किया। शासन सचिव आयोजना श्री नवीन जैन ने केंद्र के स्तर पर राज्य के लंबित मुद्दों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में मंत्रिपरिषद के सदस्य एवं विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Tumblr media
0 notes
ideacitinews · 3 years ago
Text
जनता का सवाल : मोदी मंत्रिमंडल से क्यों हटाए गए रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और कई बड़े मंत्री।
Tumblr media
शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही देश के स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और सूचना एवं प्राद्योगिकी मंत्रियों ने इस्तीफ़े दे दिए. मोदी सरकार के कुल 12 मंत्रियों को पद से हटाया गया है. 'मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस' का नारा देने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार में 31 नए मंत्री शामिल किए गए हैं. राजनीतिक विश्लेषक इसके पीछे दो बड़े कारण मानते हैं- एक तो व्यावहारिक राजनीतिक मजबूरियाँ और दूसरा महामारी के बाद जनता को ज़मीनी काम दिखाने की ज़रूरत. मंत्रिमंडल विस्तार में बड़ी संख्या में मंत्रियों को शामिल करने के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह कहते हैं, "ये पॉलिटिकल प्रैगमेटिज्म यानी राजनीतिक व्यवहारिकता है. सरकार की राजनीतिक मजबूरियाँ भी होती हैं. ये बात सही है कि पहले प्रधानमंत्री ने कई मंत्रालयों को समेटा था, कई मंत्रालय को एक किया था, इस बार भी लगता है ऐसी कोशिश होगी कि एक तरह के मंत्रालय एक जगह रहें."
हर्षवर्धन
Tumblr media
कोविड महामारी के दौरान भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय का नेतृत्व कर रहे हर्षवर्धन को इस्तीफ़ा देना पड़ा है. राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह कहते हैं, "ज़ाहिर है प्रधानमंत्री उनके काम से ख़ुश नहीं थे." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में सभी मंत्रालयों के कामकाज़ की समीक्षा की थी. वरिष्ठ पत्रकार अदिति फडनीस कहती हैं, "स्वास्थ्य मंत्रालय को पूरी तरह बदल दिया गया है. सरकार दिखाना चाहती है कि कोविड महामारी के दौरान ��ोगों को जो भी दिक़्क़तें आई हैं, या नुक़सान हुआ है, अब नहीं होने दिया जाएगा." स्वास्थ्य मंत्री को हटाने से सरकार पर ये सवाल भी उठेगा कि उसने महामारी के दौरान ठीक से प्रबंधन नहीं किया और लोगों की जान बचाने में नाकाम रही. विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी को विपक्ष की आलोचना की बहुत परवाह नहीं है. प्रदीप सिंह कहते हैं, "स्वास्थ्य मंत्री को हटाने का मतलब है कि सरकार ने विपक्ष को आलोचना करने का मौक़ा दे दिया है. उनको हटाते ही ये सवाल उठेगा कि सरकार कोरोना महामारी के प्रबंधन में विफल रही है. ये बात प्रधानमंत्री भी जानते हैं, लेकिन उनके काम करने का तरीक़ा यही है, वो विपक्ष की आलोचना की बहुत परवाह नहीं करते हैं." वहीं अदिति फडनीस कहती हैं, "कोविड प्रबंधन का एक दौर ये था कि लोगों से ताली-थाली बजाने के लिए कहा गया, फिर एक दौर वो आया कि मोदी जी टीवी चैनल पर आकर रोने लगे और अब एक दौर ये है जब ये संकेत दिया जा रहा है कि अब रोना-धोना बंद, अब काम करने का समय है."
रमेश पोखरियाल निशंक
Tumblr media
नए कैबिनेट विस्तार के दौरान शिक्षा मंत्री को भी पद से हटा दिया गया है. उत्तराखंड से आने वाले रमेश पोखरियाल निशंक केंद्रीय मंत्रिमंडल में पहाड़ का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. भारत की नई शिक्षा नीति उन्हीं के कार्यकाल में लागू की गई है. प्रदीप सिंह मानते हैं कि नई शिक्षा नीति लागू करने में निशंक की विफलता ही उन्हें हटाए जाने का कारण है.
रविशंकर प्रसाद
Tumblr media
ट्विटर से दो-दो हाथ कर रहे रविशंकर प्रसाद को भी त्यागपत्र देना पड़ा है. अदिति फडनीस मानती हैं कि रविशंकर प्रसाद को पद से हटाने की वजह ये विवाद भी हो सकता है. फडनीस कहती हैं, "रविशंकर प्रसाद के इस्तीफ़े को ट्विटर विवाद से जोड़कर भी देखा जा रहा है. रविशंकर प्रसाद ने जिस तरह से दुनिया की बड़ी तकनीक कंपनियों कौ चुनौती दी, उससे भारत एक अजीब स्थिति में फँस गया. जहाँ अमेरिका को भी कहना पड़ा कि भारत ग़लत कर रहा है. मुझे लगता है कि भारत का आशय किसी वैश्विक विवाद में फँसना नहीं था. इससे भी भारत को बहुत दिक़्क़त हुई है."
प्रकाश जावड़ेकर
Tumblr media
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके दो कारण समझ में आते हैं, एक तो पर्यावरण मंत्रालय में बहुत कुछ काम नहीं हुआ है और दूसरा प्रकाश जावड़ेकर का पार्टी के भीतर समर्थन भी कम हुआ है. अदिति कहती हैं, "पर्यावरण मंत्रालय की वेबसाइट देखेंगे तो लगेगा कि सरकार और पर्यवारण मंत्रालय ने 2020 के बाद से कोई भी नया इनिशिएटिव नहीं लिया है. ऐसा लगता है कि जैसे पर्यावरण मंत्रालय ने 2020 के बाद कोई काम नहीं किया है. जो भी काम नज़र आता है, वो 2019 तक का ही आता है." भारत के सामने इस समय कई पर्यावरण चुनौतियाँ हैं, दिसंबर में कैनबरा में कोप-26 की बैठक होनी हैं, उसमें पर्यावरण को लेकर कई बड़े निर्णय लिए जाने हैं. अदिति कहती हैं कि बावजूद इसके पर्यावरण मंत्रालय ने इस दिशा में कोई ख़ास काम नहीं किया है.
संतोष गंगवार
Tumblr media
कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की खुली आलोचना करने वाले संतोष गंगवार को भी पद से हटा दिया गया है. भारत में जब कोरोना की पहली लहर आई थी, तो बड़ी तादाद में प्रवासियों ने बेहद मुश्किल हालात में शहरों से गाँवों की तरफ पलायन किया था. प्रवासी संकट की वजह से केंद्र सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था और वैश्विक स्तर पर भारत की ब्रैंड इमेज को भी धक्का लगा था. अदिति फडनीस कहती हैं, "संतोष गंगवार को हटाने के पीछे सबसे बड़ी वजह ये मानी जा रही है कि वो प्रवासी संकट से सही से नहीं निबटे. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को आपस में बात करके एक नीति बनानी थी और इसमें श्रम मंत्री की बहुत बड़ी भूमिका नहीं थी. लेकिन फिर भी उन्हें पद से हटा दिया गया है."
इस्तीफा देने वाले अन्य मंत्री
इन मंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल से आने वाले बाबुल सुप्रियो को भी मंत्री पद से हटा दिया गया है. माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में पार्टी के ख़राब प्रदर्शन की वजह से उन्हें हटाया गया है. प्रदीप सिंह कहते हैं, "बाबुल सुप्रियो को पश्चिम बंगाल के नतीजों की क़ीमत चुकानी पड़ी है. साथ ही वो एक स्टार की तरह व्यवहार करते थे, मंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती है." इनके अलावा थावरचंद गहलोत (सामाजिक न्याय मंत्री), देबोश्री चौधरी (महिला बाल विकास मंत्री), सदानंद गौड़ा (उर्वरक और रसायन मंत्री) संजय धोत्रे (शिक्षा राज्य मंत्री), प्रताप सारंगी और रतन लाल कटारिया को भी पद से हटा दिया गया है. इतनी बड़ी ताताद में मंत्रियों को हटाने की एक वजह तो ये है कि सरकार में नए मंत्रियों के लिए जगह बनानी है. वहीं प्रदीप सिंह कहते हैं, "सरकार का सिद्धांत स्पष्ट है कि आप परफ़ॉर्म करिए या पेरिश हो जाइए, यानी या तो काम कीजिए या घर जाइए." Read the full article
0 notes
lok-shakti · 3 years ago
Text
'प्रत्यावर्तन समयरेखा बहुत लंबी': दिल्ली बाल अधिकार निकाय ने एंटी-ट्रैफिकिंग बिल पर टिप्पणियों को सूचीबद्ध किया
‘प्रत्यावर्तन समयरेखा बहुत लंबी’: दिल्ली बाल अधिकार निकाय ने एंटी-ट्रैफिकिंग बिल पर टिप्पणियों को सूचीबद्ध किया
व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक के केंद्र सरकार के मसौदे पर अपनी टिप्पणी प्रस्तुत करते हुए, दिल्ली बाल अधिकार आयोग ने आरोपी पर सबूत के बोझ और मसौदा विधेयक में प्रत्यावर्तन ��ी समय अवधि पर सवाल उठाया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 30 जून को अपने मसौदा विधेयक पर टिप्पणियां आमंत्रित की थीं। निकाय ने देखा कि विधेयक में प्रस्तावित है कि पीड़ितों के पुनर्वास के लिए…
View On WordPress
0 notes
24gnewshindi · 4 years ago
Text
"कोविड पीड़ितों के बच्चों की देखभाल करें": राज्यों को केंद्र
“कोविड पीड़ितों के बच्चों की देखभाल करें”: राज्यों को केंद्र
दिल्ली ने ऐसे बच्चों को 25 साल की उम्र तक 2500 रुपये देने का फैसला किया है। नई दिल्ली: केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि 577 बच्चों ने अपने माता-पिता को विनाशकारी दूसरी COVID-19 लहर में खो दिया है, जो पिछले कुछ महीनों में देश में आई है। ये नाबालिग अब अपने तत्काल परिवार के साथ रह रहे हैं, उन्होंने कहा, विभिन्न राज्य सरकारों से उनकी देखभाल करने के लिए कहा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय यह…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
viralnewsofindia · 4 years ago
Text
किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 में संशोधन को मंजूरी
किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 में संशोधन को मंजूरी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बच्चों के हितों को सुनिश्चित करने व बाल संरक्षण व्यवस्था को मजबूत बनाने के उपायों को सुनिश्चित करने के लिये महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के किशोर न्याय (देखभाल और बाल संरक्षण) विधेयक 2015 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। Continue reading
Tumblr media
View On WordPress
0 notes