#स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (शिक्षा मंत्रालय)
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सभी स्तरों पर घट रही स्कूल छोड़ने की दर: सरकार
सभी स्तरों पर घट रही स्कूल छोड़ने की दर: सरकार
सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक सहित शिक्षा के सभी स्तरों पर देश में स्कूल छोड़ने की दर में लगातार कमी आ रही है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यह बात एक लिखित सवाल के जवाब में कही कि क्या COVID-19 के प्रकोप को देखते हुए स्कूल छोड़ने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। पढ़ना: दिल्ली सरकार, बर्लिंगटन अंग्रेजी भारत छात्रों के अंग्रेजी…
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#केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी#स्कूल छोड़ने की दर घट रही है#स्कूल छोड़ने वाला#स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (शिक्षा मंत्रालय)
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MoE releases report on Performance Grading Index for Districts for the year 2018-19 and 2019-20
MoE releases report on Performance Grading Index for Districts for the year 2018-19 and 2019-20
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSE और L), शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने 2018-19 और 2019-20 के लिए जिलों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI-D) जारी किया है। पीजीआई-डी व्यापक विश्लेषण के लिए एक इंडेक्स तैयार कर जिला स्तर पर स्कूली शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है। DoSE और L ने राज्यों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) तैयार किया और संदर्भ वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए रिपोर्ट…
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भारत में लगभग आधे छात्र पैदल स्कूल जाते हैं, केवल 9% स्कूल बस लेते हैं: NAS रिपोर्ट
भारत में लगभग आधे छात्र पैदल स्कूल जाते हैं, केवल 9% स्कूल बस लेते हैं: NAS रिपोर्ट
स्कूल जाने वाले ���गभग आधे बच्चे भारत पैदल ही अपने-अपने स्कूल जाते हैं। स्कूल विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) 2021 की रिपोर्ट से पता चलता है कि एक विशाल बहुमत – 48 प्रतिशत – छात्र पैदल स्कूल जाते हैं, इसके बाद 18 प्रतिशत छात्र साइकिल पर स्कूल जाते हैं। शिक्षा और साक्षरता, शिक्षा मंत्रालय। कक्षा 3, 5, 8 और 10 में बहुत सीमित संख्या में छात्र स्कूल द्वारा उपलब्ध कराए गए परिवहन…
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UPSC Jobs 2021: इन कर्मचारियों को मिलेगी DA, HRA के साथ 1.19 लाख रु सैलरी Divya Sandesh
#Divyasandesh
UPSC Jobs 2021: इन कर्मचारियों को मिलेगी DA, HRA के साथ 1.19 लाख रु सैलरी
7th Pay Commission, : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अलग-अलग विभागों में डिप्टी सेक्रेटरी, ग्रुप ए के पदों पर भर्ती निकाली है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। ऑनलाइन ��वेदन करने की अंतिम तिथि 03 मई 2021 तक है। इस पद पर नियुक्त होने वाले उम्मीदवारों को के तहत वेतन और भत्तों का लाभ मिलेगा।
आयोग द्वारा जारी विज्ञापन संख्या 52/2021 के माध्यम से कई विभागों में कुल 13 डिप्टी सेक्रेटरी की वैकेंसी निकाली है। योग्य उम्मीदवार आवेदन करने से पहले भर्ती की पूरी डिटेल जरूर पढ़ लें। यूपीएससी लेटरल डिप्टी सेक्रेटरी भर्ती 2021 की अधिसूना का लिंक नीचे दिया गया है।
इन विभागों में डिप्टी सेक्रेटरी की वैकेंसी यूपीएससी द्वारा उद्योग और आंतरिक व्यापार (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय), इंसोलवेंसी एंड बैंकरप्सी, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, पर्यावरण नीति, खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण क्षेत्र, शहरी जल प्रबंधन, खनन विधान विभाग नीति, सागरमाला एंड पीपीपी, बिजली वितरण, ग्रामीण आजीविका, सूचना प्रौद्योगिकी और लौह या इस्पात उद्योग शामिल हैं।
एजुकेशन एलिजिबिलिटी उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड / विश्वविद्यालय / संस्थान से एलएलबी, चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) / कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) / कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीएमए) / बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) / मास्टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए), मास्टर डिग्री या बीई / बीटेक या समकक्ष होना चाहिए। इसके अलावा, डिप्टी सेक्रेटरी जैसी पोस्ट पर काम करने का कम से कम 10 साल का अनुभव होना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए नोटिफिकेशन लिंक पर क्लिक करें।
आयु सीमा आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों की आयु सीमा कम से कम 32 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष तक होनी चाहिए।
वेतन उप सचिव (Deputy Secretary) के पद के लिए चुने जाने वाले उम्मीदवारों को 7वें वेतन आयोग () पे मैट्रिक्स में न्यूनतम स्तर -12 पर भुगतान किया जाएगा, जो प्रति माह 1,19,000 रुपये होगा। इसके साथ, DA, TPT और HRA जैसे भत्तों का लाभ भी मिलेगा।
जानें आवेदन कैसे करें योग्य उम्मीदवार सभी मापदंड पढ़ने के बाद, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर डिप्टी सेक्रेटरी पद पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 03 मई 2021 है।
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आरटीई के लाभ को बढ़ाने पर अभी तक कोई फैसला नहीं, दिल्ली HC ने सरकार की खिंचाई की
��रटीई के लाभ को बढ़ाने पर अभी तक कोई फैसला नहीं, दिल्ली HC ने सरकार की खिंचाई की
DELHI उच्च न्यायालय ने बुधवार को वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए कक्षा VIII से परे RTE अधिनियम के तहत मुफ्त शिक्षा के विस्तार के बारे में कोई निर्णय नहीं लेने के लिए केंद्र की खिंचाई की। इसने एचआरडी मंत्रालय के तहत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव को एक अवमानना याचिका जारी की, जिसमें दिसंबर 2019 में अदालत द्वारा पारित एक फैसले के “जानबूझकर और जानबूझकर” अवज्ञा ���े लिए…
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युवाओं और बच्चों के लिए MyGov.in मंच पर क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन लखनऊ : भारत रत्न सरदार बल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस को राष्ट््रीय एकता दिवस के रूप में मनाये जाने के लिए कोविड-19 प्रोटोकाल के दृष्टिगत शिक्षा मंत्रालय स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग भारत सरकार द्वारा युवाओं और बच्चों के लिए डलळवअण्पद मंच पर आॅनलाईन क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है जिसकी थीम ज्ञान, परंपराए, व्यवहार और भारत की विरासत एव अवधि 26 अक्टूबर से 10 नवम्बर, 2020 तक निर्धारित की गई है
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*अनलॉक टू की गाइडलाइन का पूरी तरह हो पालन, स्कूल में नहीं बुलाए जाएंगे स्टाफ और शिक्षक, घर से ही चलाएं ऑनलाइन क्लासेस:- केंद्र सरकार* (कृन) मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की प्रमुख सचिव अनीता करवल ने तमाम प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि *'31 जुलाई 2020 तक सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य कोचिंग इंस्टिट्यूशन बंद रहेंगे, कोई भी स्कूल, कॉलेज, अन्य इंस्टिट्यूशन अगर ऑनलाइन क्लासेस शुरू करना चाहता है तो वह उसके लिए स्टाफ और टीचर आदि को स्कूल कॉलेज में नहीं बुलाएगा, बल्कि वे घर से ही कार्य (work from home) करेंगे...."* सभी प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर इस आर्डर का अक्षरस: अक्षर पालन कराने के लिए कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि अनलॉक टू के लिए 29 जून को जारी की गई गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कराया जाए। https://www.instagram.com/p/CCYXbzmlbXd/?igshid=15tyblh88nmbl
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एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय कालसी की उपाचार्य सुधा पैन्यूली राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित
एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय कालसी की उपाचार्य सुधा पैन्यूली राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित
शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग भारत सरकार द्वारा जनपद देहरादून के एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय जोगला, कालसी की उपाचार्य सुधा पैन्यूली को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है। शिक्षक दिवस 5 सितम्बर के शुभअवसर पर जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जिलाधिकारी शिविर कार्यालय में सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा सुधा पैन्यूली…
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टी। एन। के लिए सम्मान। शिक्षक - हिंदू
टी। एन। के लिए सम्मान। शिक्षक – हिंदू
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नवीन शिक्षण, प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग और छात्रों का समग्र विकास, तमिलनाडु के दो शिक्षकों के मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, जिन्हें स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2020 के लिए शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के लिए चुना गया है।
एस। धिलिप के लिए, गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, सत्यमंगलम, विल्लुपुरम जिले के एक अंग्रेजी शिक्षक, उनका शिक्षण करियर कक्षा शिक्षण…
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,: स्कूल कब से खुलें 15 जुलाई को होगा तय एचआरडी मंत्रालय और स्कूल एजुकेशन सचिवों की बैठक की 7 मुख्य बातें
Schools Colleges Reopening: स्कूल कब से खुलें 15 जुलाई को होगा तय, जानें एचआरडी मंत्रालय और स्कूल एजुकेशन सचिवों की बैठक की 7 मुख्य बातें नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Schools Colleges Reopening: स्कूल रिओपेनिंग 2020 के सम्बन्ध में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के विद्यालयी शिक्षा सचिव अनिता कारवाल, विभिन्न राज्यों के स्कूली शिक्षा सचिवों और केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय के आयुक्त की कल 8 जून को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में स्कूलों के खो���ने को लेकर 15 जुलाई 2020 को सीबीएसई की बची बोर्ड परीक्षाओं की समाप्ति के बाद ही फैसला किये जाने की बात की गयी। साथ ही, विभिन्न राज्यों द्वारा दो महीने तक स्कूलों के बंद रखने का सुझाव दिया है। ये हैं मीटिंग की मुख्य बातें:- 1-15 जुलाई को सीबीएसई की बची परीक्षाओं की समाप्ति के बाद ही स्कूलों के खोलने पर होगा फैसला 2-राज्यों द्वारा अभी दो महीने और स्कूलों को बंद रखने का दिया गया सुझाव 3-स्कूलों के साथ-साथ कोंचिग सेंटर्स भी अभी बंद रहेंगे 4-ऑनलाइन एजुकेशन से वंचितों के लिए स्कूलों को खोलने की बात की गयी 5-कक्षा 1 से 12 तक के लिए अलग-अलग चैनल खोलने का सुझाव 6-खुलने से पहले सोशल डिस्टैंसिंग और सेफ्टी की तैयारी स्कूल कर लें 7-सिलेबस कम नहीं किया जाएगा इससे पहले, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कल जानकारी दी थी कि मंत्रालय के विद्यालयी शिक्षा सचिव और विभिन्न राज्यों के स्कूली शिक्षा सचिवों के साथ वीडियो हो रही बैठक हो रही है। संसाधन विकास मंत्री द्वारा साझा की गयी है जानकारी के अनुसार, "मंत्रालय के विद्यालय शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव अनिता कारवाल और विभिन्न राज्यों के विदयालय शिक्षा सचिवों के साथ बैठक मेरे ही निर्देश पर हो रही है, जिसमें छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा, स्कूलों में सफाई के मुद्दों और ऑनलाइन / डिजिटल लर्निंग के मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।" Source : jagran Read the full article
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मानव संशाधन विकास मंत्रालय ने पेश किया 100 दिन का लेखा-जोखा, 16 नए केंद्रीय विद्यालय का उद्घाटन
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो गये हैं. दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपनी कई उपलब्धियों के बारे में एक बुकलेट जारी करते हुए 100 दिन का ब्यौरा दिया है। इसी साल मई में केंद्र की सत्ता में लगातार दूसरी बार चुने जाने के बाद केंद्र में मोदी सरकार को 100 दिन पूरे हो गये हैं। इन सौ दिनों में मोदी सरकार ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करने वाले फैसले लिए हैं. जिसमें तीन तलाक बिल, मोटर कानून को कड़ा करना, गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम मजबूत करना, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम (संशोधन) विधेयक शामिल हैं। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सरकार के सौ दिन पूरे होने पर एक बुकलेट जारी करते हुए इन दिनों की अपनी उपलब्धियों के बारे संक्षेप में बताया है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम (संशोधन) विधेयक: सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र में ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2019 को संसद से पारित किया. फलस्वरूप नव निर्मित आंध्र प्रदेश में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय और एक केन्द्रीय जनजाति विश्वविद्यालय की विधिवत शुरुआत की गयी। केन्द्रीय शैक्षिक संस्थान (अध्यापक कॉडर में आरक्षण) विधेयक: समाज के कमजोर वर्गों अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा आर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण से लिए सत्रहवीं लोकसभा के प्रथम सत्र में ही केन्द्रीय शैक्षिक संस्थान (अध्यापक कॉडर में आरक्षण) विधेयक, 2019 संसद से पारित किया। भारतीय उच्च शिक्षा आयो�� विधेयक: यूजीसी और इआईसीटीई को राज्यों के साथ परामर्श के बाद एकल नियामक के रूप में भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक को मंत्रिमंडल हेतु तैयार किया गया। देशभर में लगभग 30 लाख उम्मीदवारों का केन्द्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा का 12वाँ देशव्यापी संस्करण 7 जुलाई, 2019 को घोषित किया गया और उसका परिणाम रिकॉर्ड समय में 30 जुलाई 2019 को घोषित किया गया. पात्र उम्मीदवारों के डिजीलॉकर पर दस्तावेज भेज गये. प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप योजना: अधिक संख्या में मेधावी छात्रों को अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप योजना का उदारीकरण किया जा रहा है। शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन और समावेश परियोजना, शिक्षा नीति के लिए कार्यान्वयन योजना को अंतिम रूप देना-भारती उच्च शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए परामर्श 80 विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन और समावेश परियोजना (EQUIP) तैयार की गयी। रिक्त पदों को भरने के लिए अभियान: एक लाख रिक्त शिक्षक पदों की पहचान की गयी हैछ (केन्द्रीय सरकार से 14000 और राज्य सरकार से लगभग 84000) इनमें से लगभग 14000 पद अधिसूचित हैं। अन्य रिक्तियों को सूचित करने के लिए राज्यों से संवाद जारी है। 100 दिन में 16 केन्द्रीय विद्यालयों का उद्घाटन हुआ, 4 विद्यालयों का शिलान्यास हुआ और 2 नये विद्यालयों के खोलने की घोषणा की गयी। यही नहीं सीबीएसई से संबद्ध विद्यालयों के मुख्य अध्यापकों और अध्यापकों के अनिवार्य प्रशिक्षण नीति के अनुसार पहले 100 दिनों के अंदर अब तक 819 प्रशिक्षण केन्द्रों में 41, 972 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया. 21 अगस्त 2019 को 42 लाख शिक्षकों, स्कूल प्रमुखों, संकाय सदस्यों और शैक्षिक अधिकारीयों के लिए एक राष्ट्रव्यापी एकीकृत अध्यापन प्रशिक्षण कार्यक्रम निष्ठा की शुरुआत की गयी. 100 दिन में प्राथमिक स्तर पर पूर्व व्यावसायिक पाठ्यक्रम-कटिंग एंड टेलरिंग, वर्मी कम्पोस्टिंग कार्यक्रम पूरे कर लिए गये हैं. प्रत्येक पाठ्यक्रम में सभी 10-12 अध्याय पूरे किये गये हैं। राज्यों और केंद्र से स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की समस्त जानकारियों को एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध करवाकर विभाग के कामकाज को उत्कृष्ट बनाने पर बल दिया गया है। सौ दिन के अंदर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे का व्यापाक रूप से प्रचारित की गयी और लगभग 2 लाख सुझाव प्राप्त हुए। तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा के सांसदों के साथ चर्चा हुई. अक्टूबर 2019 तक नीति को अंतिम रूप देने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। इस दौरान एक ऑनलाइन शिक्षक छात्र पंजीकरण प्रणाली को 26 जुलाई से ��ुरू किया गया है जिसमें आवेदकों को अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रमों के ऑनलाइन सत्यापन की सुविधा मिलेगी. इससे शिक्षकों के रूप में उ���को रोजगार के लिए आवेदन करने में मदद मिलेगी। यही नहीं 10 लाख शिक्षकों के वार्षिक प्रशिक्षण के लिए ARPIT ऑनलाइन पोर्टल लांच किया गया। स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम में भारत आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या दोगुनी हो गयी है। इस साल लगभग 3000 विदेशी छात्रों ने प्रवेश लिया है। बच्चों में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढावा देने के लिए प्राथमिक स्कूल से उच्च स्तर तक 18-20 जून को देश भर में योगा ओलंपियाड का आयोजन किया गया। पर्यावरण की रक्ष के लिए देशबर देशभर के स्कूलों और उच्च शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया गया। 20 जुलाई 2019 को प्रारंभ इस योजना में अभी तक 1 करोड़ से ज्यादा वृक्षों का रोपण किया गया है। समग्र विभाग जल सुरक्षा अभियान का उद्देश्य है कि प्रति विद्यार्थी प्रतिदिन 1 लीटर जल संरक्षित करे. इसे वर्ष में 365 लीटर तथा 10 वर्ष में 3650 लीटर जल का संरक्षण होगा. फलस्वरूप 10 करोड़ छात्र एक दिन में 10 करोड़, एक वर्ष में 3650 करोड़ तथा 10 वर्षों में 36500 करोड़ लीटर जल संरक्षित करेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि, ‘गुणवत्ता परक और मूल्यों पर आधारित शिक्षा से ही हम भारत को विश्व शक्ति के रूप में प्रक्षेपित कर सकते हैं। Read the full article
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Use of ICT in school education in India wins UNESCO’s recognition
Use of ICT in school education in India wins UNESCO’s recognition
स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय (एमओई) ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम ईविद्या नामक एक व्यापक पहल के तहत आईसीटी के उपयोग को मंजूरी दी। केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET), स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DOSEL), MoE, सरकार के तहत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की एक घटक इकाई यूनेस्को के राजा हमद बिन ईसा अल द्वारा सम्मानित किया गया। भारत। -शिक्षा…
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नवोदय विध्यालय समिति, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार (स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग) ने कर्ई पदों के लिए एक नोटिफिकेशन जारी की है। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/2NOSXwd
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UPSC Jobs 2021: इन कर्मचारियों को मिलेगी DA, HRA के साथ 1.19 लाख रु सैलरी Divya Sandesh
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UPSC Jobs 2021: इन कर्मचारियों को मिलेगी DA, HRA के साथ 1.19 लाख रु सैलरी
7th Pay Commission, : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अलग-अलग विभागों में डिप्टी सेक्रेटरी, ग्रुप ए के पदों पर भर्ती निकाली है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 03 मई 2021 तक है। इस पद पर नियुक्त होने वाले उम्मीदवारों को के तहत वेतन और भत्तों का लाभ मिलेगा।
आयोग द्वारा जारी विज्ञापन संख्या 52/2021 के माध्यम से कई विभागों में कुल 13 डिप्टी सेक्रेटरी की वैकेंसी निकाली है। योग्य उम्मीदवार आवेदन करने से पहले भर्ती की पूरी डिटेल जरूर पढ़ लें। यूपीएससी लेटरल डिप्टी सेक्रेटरी भर्ती 2021 की अधिसूना का लिंक नीचे दिया गया है।
इन विभागों में डिप्टी सेक्रेटरी की वैकेंसी यूपीएससी द्वारा उद्योग और आंतरिक व्यापार (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय), इंसोलवेंसी एंड बैंकरप्सी, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, पर्यावरण नीति, खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण क्षेत्र, शहरी जल प्रबंधन, खनन विधान विभाग नीति, सागरमाला एंड पीपीपी, बिजली वितरण, ग्रामीण आजीविका, सूचना प्रौद्योगिकी और लौह या इस्पात उद्योग शामिल हैं।
एजुकेशन एलिजिबिलिटी उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड / विश्वविद्यालय / संस्थान से एलएलबी, चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) / कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) / कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीएमए) / बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) / मास्टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए), मास्टर डिग्री या बीई / बीटेक या समकक्ष होना चाहिए। इसके अलावा, डिप्टी सेक्रेटरी जैसी पोस्ट पर काम करने का कम से कम 10 साल का अनुभव होना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए नोटिफिकेशन लिंक पर क्लिक करें।
आयु सीमा आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों की आयु सीमा कम से कम 32 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष तक होनी चाहिए।
वेतन उप सचिव (Deputy Secretary) के पद के लिए चुने जाने वाले उम्मीदवारों को 7वें वेतन आयोग () पे मैट्रिक्स में न्यूनतम स्तर -12 पर भुगतान किया जाएगा, जो प्रति माह 1,19,000 रुपये होगा। इसके साथ, DA, TPT और HRA जैसे भत्तों का लाभ भी मिलेगा।
जानें आवेदन कैसे करें योग्य उम्मीदवार सभी मापदंड पढ़ने के बाद, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर डिप्टी सेक्रेटरी पद पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 03 मई 2021 है।
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TET से प्रभावित सभी शिक्षक एवं शिक्षा मित्र (Appearing TET Parmotion TET Non TET) कृपया ध्यान से पढ़ें और चिंतन करें !*
TET से प्रभावित सभी शिक्षक एवं शिक्षा मित्र (Appearing TET Parmotion TET Non TET) कृपया ध्यान से पढ़ें और चिंतन करें !*
68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई अनियमितता के सा...
68500 शिक्षक भर्ती में 2000 रूपये की रकम जमा करने ...
PRIMARY KA MASTER: बेसिक शिक्षा न्यूज़ में आज की मु...
68500 शिक्षक भर्ती: कटे उत्तर, फटी कापियों की दोबा...
शिक्षक भर्ती पर बोले डॉ प्रभात कुमार कहा- 68500 शि...
UPTET 2018: यूपी टीईटी 2018 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्...
1- यह सत्य है कि आरटीई एक्ट 2009 की धारा--23 की उपधारा- 1 एवं स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के अधिसूचना संख्या सं0 का0आ0 750 (अ) दिनांक 31 मार्च 2010 तथा एनसीटीई एक्ट 1993 का संशोधित 2011 की धारा- 12A और धारा- 32 की उपधारा-- dd द्वारा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद को कक्षा- 0 1 से 08 तक के लिए नियुक्त होने वाले शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने का अधिकार प्रदान किया गया है किंतु एन सी टी ई एक्ट 1993 यथा संशोधित 2011 की धारा-- 2 परिभाषाएं की उपधारा- m में परिभाषित है कि-- *Teacher education qualification means a degree, diploma or certificate in teacher education awarded by a university or examining body in accordance with the provisions of this Act* अर्थात एनसीटीई एक्ट के अनुसार अध्यापक शैक्षिक योग्यता हेतु किसी विश्वविद्यालय या विधिक परीक्षा निकाय द्वारा टीचर एजूकेशन की प्रदत्त डिग्री डिप्लोमा या प्रमाण पत्र ही हैं । अद्यतन TET योग्यता को एनसीटीई एक्ट 1993 में टीचर्स एजुकेशन क्वालिफिकेशन की सूची में सम्मिलित नहीं किया गया है । एनसीटीई एक्ट की धारा 2 परिभाषाएं की उपधारा में परिभाषित है। *Teacher education means programs of education research or training of person for equipping them to teach at pre primary primary secondary and senior secondary stages in school and includes non formal education part time education adult education and correspondence education* 3- एनसीटीई एक्ट 1993 यथा संशोधित 2011 की धारा 32(1) में स्पष्ट है की राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एक्ट 1993 के प्रावधानों के विरुद्ध कोई रेगुलेशन नहीं बना सकती है जैसा की उद्धरत है-- *The council may be notification in the official gazette make regulations not in consistent with the provisions of this Act* अर्थात जब तक एन सी टी ई एक्ट 1993 में संशोधन करके उसकी धारा-- 2(m) डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट के साथ टीईटी नहीं जोड़ा जाएगा तब तक *एनसीटीई की अधिसूचना 23 अगस्त 2010 तथा गाइडलाइंस का पत्र No.- 76-4/2010/NCTE/Acad दिनांक 11 फरवरी 2011 गैरकानूनी है* क्योंकि एन सी टी ई एक्ट 1993 यथा संशोधित 2011 में tet को टीचर एजुकेशन नहीं माना गया है एनसीटीई एक्ट की धारा- 12 Function of the council की उप धारा-e में वर्णित है। *The council may lay down norm's for any specified category of courses or training in teacher education including the minimum eligibility criteria for admission there of and method of selection of candidates, duration of courses, course contents and mode of curriculum* अर्थात एनसीटीई को प्रशिक्षण कोर्स में प्रवेश लेने से पहले पात्रता परीक्षा करा लेना चाहिए।
5- संपूर्ण देश में पात्रता परीक्षा किसी प्रशिक्षण के पूर्व प्रवेश के लिए की जाती है जैसे NEET, GATE, IPS, CLAT, NDA आदि। अस्तु प्रशिक्षण के बाद पात्रता परीक्षा कराना संविधान की धारा-- 14 समानता का अधिकार का उल्लंघन है विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय या वैधानिक परीक्षा निकाय द्वारा प्रशिक्षण उपरांत प्रदत्त उपाधि डिप्लोमा या सर्टिफिकेट का तात्पर्य है कि व्यक्ति संबंधित क्षेत्र में दक्ष या पारंगत है इसके बाद TET लेकर किसी व्यक्ति को अपात्र घोषित करना कुलपति / परीक्षा प्राधिकारी का विशेषाधिकार हनन है क्योंकि UGC एक्ट 1956 की धारा-- 22 के अनुपालन में ही यूजीसी को उपाधि प्रदान करने का अधिकार है NCTE को कोई अधिकार नहीं है कि UGC एक्ट 1956 के प्राविधानों के अनुरूप प्रदत्त B.Ed उपाधि धारक को अपात्र घोषित कराने का कृत्य करें । 7-उत्तर प्रदेश में BTC डीएलएड के प्रशिक्षण की परीक्षाएं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश इलाहाबाद संपादित करा कर अंकपत्र व प्रमाण पत्र प्रदान करता है तथा NCTE की गाइड लाइन के अनुसरण में TET की परीक्षा भी वही प्राधिकारी कर आता है और अंक पत्र प्रदान करता है यदि किसी व्यक्ति को ऐसी स्थिति आती है कि वह बीटीसी प्रशिक्षण में सफल तथा टीईटी की परीक्षा में अपात्र घोषित होता है तो एनसीटीई संबंधित प्राधिकारी द्वारा जारी दोनों प्रमाण पत्रों में किसे सही माना जाए अर्थात एनसीटीई द्वारा जारी अधिसूचना गैरकानूनी है । 8-प्रशिक्षित/दक्ष व्यक्ति को अपात्र नहीं कहा जा सकता यह सार्वभौमिक सत्य है। एनसीटीई प्रशिक्षण के पूर्व पात्रता परीक्षा न लेकर आम जनता के साथ धोखा कर रही है यानी कि अपात्र व्यक्तियों को भी प्रशिक्षण दिलाने के नाम पर प्राइवेट प्रशिक्षण संस्थान (शिक्षा माफिया) लाखों रुपए शुल्क के रुप में वसूल कराने में मदद कर रही है। और नौजवानों की जिंदगी के बहुमूल्य 2 वर्ष व धन नाजायज रुप से खराब करा रही है ।यदि एन सी टी ई एक्ट 1993 की धारा 12e का पालन करते हुए प्रशिक्षण पूर्व पात्रता परीक्षा करा ले तो पात्र व्यक्ति ही प्रशिक्षित होंगे एनसीटीई की धारा 12m में वर्णित है कि *The council may take all necessary steps to prevent commercialization of teacher education* तो NCTE बताये कि जब उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में अध्यापक सरप्लस हैं और प्रशिक्षित टीईटी पास व्यक्ति नौजवान सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं तो वह निजी संस्थानों को रेवड़ियों की तरह मान्यता प्रदान करके वर्ष 2017 में 2 लाख से अधिक लोगों को डीएलएड का प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था कर ही क्यों रही है जिनके बारे में वह नहीं जानती कि वह ��ात्र हैं अथवा अपात्र कानून का पालन ना करके परिषद आम लोगों को शिक्षा माफियाओं का ग्रास बना रही है तथा एन सी टी ई एक्ट की धारा-- 12m का अनुपालन नहीं कर रही है जिससे देश और प्रदेश में भयावह स्थिति पैदा हो रही है। 11- *NCTE की गाइडलाइंस पत्रांक -76-4/ 2010/NCTE/Acad दिनांक 11 फरवरी 2011 के पैरा- 3 में टीईटी लागू करने के लिए जो औचित्य बताए गए हैं*(The rationale of including the TET)मे जिन तीन बिंदुओं को दर्शाया गया है वह हास्यापद हैं-- जब सारे देश के प्रशिक्षण संस्थानों के प्रवेश पाठ्यक्रम परीक्षाएं प्रवेशार्थियों की पात्रता की जांच की जिम्मेदारी आप की थी तो अपात्र लोग प्रशिक्षण पूरा कर सफल कैसे घोषित हुए आप अपनी अकर्मण्यता को छुपाना चाहते हैं और दोष प्रशिक्षित लोगों पर मढ़ना चाहते हैं, कृपया देखें एन सी टी ई एक्ट 1993 की धारा--12(g)( i)( b)( c) (e)( j)। 12- यदि एन सी टी ई एक्ट की धारा 12 की उप धारा --e में वर्णित कर्तव्य के अनुरूप प्रशिक्षण से पूर्व पात्रता परीक्षा लेकर पात्र व्यक्तियों को ही प्रवेश दिलाएं तथा पाठ्यक्रम की विषय वस्तु निर्धारित करते हुए उपधारा--g का अनुसरण करें *The council may lay down standars in respect of examination leading to teacher education qualification criteria for admission to such examination and schemes of courses or training)* तो तथाकथित टीईटी के सारे लक्ष्य की प्राप्ति स्वयं हो जाएगी और कानून की पालना भी सुनिश्चित होगी परीक्षा करा लेना चाहिए।13- BTC सर्टिफिकेट कोर्स है डी एल एड डिप्लोमा बी एल एड व B.Ed डिग्री है सभी का पाठ्यक्रम अलग-अलग है और सभी प्रकार के प्रशिक्षितों को जूनियर हाई स्कूल में पढ़ाने के लिए पात्रता परीक्षा एक तो भिन्न-भिन्न पाठ्यक्रम के लिए प्रशिक्षित लोगों के लिए एक परीक्षा लेने का औचित्य क्या है। 14- कक्षा 06 से 08 तक जूनियर हाई स्कूल में पढ़ाने हेतु TET जरूरी है किंतु हायर सेकेंडरी स्कूल के कक्षा 06 से 08 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों के लिए अधिसूचना 23 अगस्त 2010 कुछ नहीं कहती, क्योंकि वहां का शिक्षक कक्षा 06 से 10 तक पढ़ाने के लिए नियुक्त होता है जो कि B.Ed होता है उपरोक्त बिंदुओं 13 व 14 से स्पष्ट है कि TET के संबंध में अधिसूचना 23 अगस्त 2010 संविधान की धारा- 14 का सीधा उल्लंघन करती है। 15- टीईटी परीक्षा में अध्यापन कला(Teaching activity) के मापन की कोई व्यवस्था नहीं है जिसका शिक्षक के व्यक्तित्व में लगभग 60% का हिस्सा होता है अस्तु टीईटी शिक्षक के मूल्यांकन की परीक्षा है ही नहीं ।अपितु इसका पाठ्यक्रम प्रशिक्षण से पूर्व प्रवेशार्थियों की पात्रता मापने / निर्धारित करने का है । जैसा कि पूर्व में B.Ed, BTC, CT टीचर्स ट्रेनिंग में प्रवेश हेतु लिखित परीक्षा में होता था। 16- संपूर्ण देश में बीटेक,बीई ,एमटेक , उत्तीर्ण व्यक्ति इंजीनियर एमबीबीएस बीडीएस, एम सी एच, एम डी, एम एस, उत्तीर्ण व्यक्ति डॉक्टर LLB LLM उत्तीर्ण व्यक्ति अधिवक्ता कहलाते हैं। तो एनसीटीई के अनुसार बीट��सी डीएलएड B.Ed लोग क्या कहे जायेंगे ? महोदय शैक्षिक योग्यता प्रशिक्षण के दौरान ऐसे व्यक्तियों को छात्राध्यापक कहा जाता है तथा प्रशिक्षण पूर्ण कर डिग्री या डिप्लोमा /सर्टिफिकेट प्राप्त करने के पश्चात सभी प्रशिक्षित छात्रा अध्यापक के रूप में सुशोभित माने जाते हैं नौकरी मिलना या न मिलना अलग का विषय है । नियुक्ता को पूरा अधिकार है कि वह पात्र (डिग्री डिप्लोमा सर्टिफिकेट वाले )व्यक्तियों में प्रतिस्पर्धा हेतु प्रतियोगी परीक्षा करा ले । किन्तु कोई भी व्यक्ति /अधिकारी कानून में वर्णित योग्यताधारी व्यक्ति को अपात्र घोषित करने का अधिकार नहीं रखता है आप की अधिसूचना 23 अगस्त 2010 पात्रता और अर्हता/ योग्यता का घालमेल है एवं NCTE की छवि बनाने एवं पात्र योग्य व्यक्तियों की छवि को हनन करने वाला दस्तावेज है। पात्रता की परीक्षा दीक्षा देने से पूर्व आदिकाल से ही ली जाती रही है। पात्र व्यक्ति को ही प्रशिक्षण दिया जाता था, ताकि कलाओं का प्रयोग जन कल्याण के लिए होता रहे आचार्य द्रोण परशुराम आदि गुरुजनों के दृष्टांत हमारे इतिहास में मौजूद हैं कि वह पात्र व्यक्तियों को ही दीक्षा देते थे । अतः आपसे अनुरोध है कि भारतीय संसद द्वारा पारित कानून NCTE Act 1993 यथा संशोधित 2011 की धारा--12 उपधारा--(e)व (m) के अनुसरण एवं भारतीय पुरातन परंपराओं के अनुरूप बीटीसी B.Ed B.L.Ed.,CTआदि प्रशिक्षण कोर्स में प्रवेश लेने से पूर्व TET आयोजित करें तथा एन सी टी ई एक्ट 1993 की धारा--2 की उपधारा--(एल)(एम) के अनुपालन में कक्षा --01 से 08 तक पढ़ाने हेतु शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता संबंधी अधिसूचना 23 अगस्त 2010 मे TET की योगिता को विलोपित करने की कृपा करें। क्योंकि संसद द्वारा पारित अधिनियम 1993 मे शिक्षक योगिता डिग्री डिप्लोमा या सर्टिफिकेट ही हैं जिनमें से ही शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारण करने की अधिसूचना आप जारी कर सकते हैं । चूंकि देश में समस्त प्रकार के टीचर्स एजुकेशन संस्थान आप ��ी देखरेख में संचालित होते हैं जिनकी मान्यता पाठ्यक्रमों की पाठ्य सामग्री/ विषय वस्तु आप द्वारा निर्धारित की जाती है इसलिए आपको यह अधिकार दिया गया है कि आप बताएं कि कक्षा-- 01 से 08 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए कौन-कौन से कोर्स को मान्यता दिया है उन्ही में से न्यूनतम योग्यता है डिग्री डिप्लोमा या सर्टिफिकेट को निर्धारित करें न कि नई योगिता का सृजन करें। टीचर्स एजुकेशन क्वालिफिकेशन निर्धारित करने का यह तात्पर्य नहीं है कि एक्ट में वर्णित डिग्री डिप्लोमा सर्टिफिकेट के अतिरिक्त कोई अन्य योग्यता शिक्षक भर्ती के लिए बना दी जाए ।कानून बनाने का कार्य /संशोधित करने का कार्य संसद का है ना कि एनसीटीई का ।।
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साक्षरता, संख्या ज्ञान के लिये राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और आंकिकी मिशन शुरू करेगी सरकार
(दीपक रंजन) नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) सरकार जल्द ही राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और आंकिकी मिशन शुरू करने जा रही है जिसके जरिये 3 से 11 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की साक्षरता और संख्या ज्ञान सुनिश्चित किया जायेगा । शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को समग्र शिक्षा अभियान के संशोधित रूप के साथ जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। ’’ उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा के इस अभियान के तहत बच्चों के लिए एक वर्ष के अंदर चरणबद्ध तरीके से बाल वाटिका और अध्यापक शिक्षा सामग्री (टीएलएम) शुरू करने के साथ राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता एवं आंकिकी मिशन स्थापित किया जायेगा । गौरतलब है कि केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले वर्ष शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की घोषणा की थी जिसमें बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर जोर दिया गया था । इसी के अनुरूप देश में ग्रेड 3 तक बच्चों में साक्षरता और संख्या ज्ञान सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और आंकिकी मिशन शुरू करने की बात कही गई है । मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके लिए शिक्षकों में क्षमता निर्माण, एक मजबूत पाठ्यक्रम ढांचा, ऑनलाइन और ऑफलाइन सीखने की सामग्री को आकर्षक बनाने, सीखने के परिणामों और उनके माप के सूचकांकों, मूल्यांकन तकनीकों तथा सीखने की प्रगति पर नज़र रखने जैसे कार्यों को एक व्यवस्थित रूप दिया जाएगा। विभाग का मानना है कि मिशन से 3 से 11 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग चार करोड़ बच्चे लाभान्वित होंगे। अधिकारियों ने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, समग्र शिक्षा अभियान, मध्याह्न भोजन योजना और पढ़ना-लिखना अभियान जैसी अपनी मौजूदा योजनाओं को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए सुझावों के साथ जोड़ रहा है। इसमें मध्याह्न भोजन योजना के अनुरूप स्कूलों में बच्चों को पोषक नाश्ता उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है । गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति में प्रस्ताव किया गया है कि मध्याह्न भोजन के दायरे का विस्तार कर उसमें नाश्ते का प्रावधान जोड़ा जाए। इसमें कहा गया है, ‘‘शोध बताते हैं कि सुबह के समय पोषक नाश्ता ज्ञान-संबंधी असामान्य मेहनत वाले विषयों की पढ़ाई में लाभकारी हो सकता है। इसलिए बच्चों को मध्याह्न भोजन के अतिरिक्त साधारण लेकिन स्फूर्तिदायक नाश्ता देकर सुबह के समय का लाभ उठाया जा सकता है।’’ अधिकारियों ने बताया कि समग्र शिक्षा के इस अभियान के तहत बच्चों के लिए एक वर्ष के अंदर चरणबद्ध तरीके से शिक्षकों के क्षमता विकास के लिए 50 घंटे का अनिवार्य प्रशिक्षण, एक दिन बिना बस्ते के स्कूल आने की छूट, स्कूलों में नहीं पढ़ने वाले बच्चों के लिए मदद, विशेष मदद की जरुरतों वाली बालिकाओं के लिए अलग से वजीफे की व्यवस्था, प्रखंड स्तर पर विशेष जरूरतों वाले बच्चों और उनके लिए बनाए गए केन्द्रों की पहचान की व्यवस्था करने पर जोर दिया जायेगा ।
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