#कुख्यात
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todaypostlive · 1 year ago
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Palamu: कुख्यात आपराधिक सरगना अमन साहू एक बार फिर पलामू सेंट्रल जेल में किया गया शिफ्ट
Palamu:  कुख्यात आपराधिक गिरोह का सरगना अमन साहू को केन्द्रीय कारा मेदिनीनगर में शिफ्ट किया गया है। बुधवार की शाम उसे चाईबासा से यहां लाया गया। कारा अधीक्षक जितेन्द्र कुमार ने इसकी पुष्टि की है। अमन साहू को लाने से पहले उसे रखने के लिए विशेष निगरानी में एक प्रकोष्ठ (सेल) को रिक्त करा लिया गया था। यह सीसीटीवी कैमरे के दायरे में होगा। इसकी हरकत पर मानवीय एवं यांत्रिक नजर रखी जाएगी। 50 से अधिक…
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rebel-bulletin · 2 years ago
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कुख्यात बदमाश को तीन जिलों से किया गया तडीपार
गोंदिया : हत्या, हत्या का प्रयास, छेड़छाड़, बलात्कार, चोरी, अवैध शराब बिक्री करने वाले आरोपी को उपविभागीय अधिकारी पर्वणी पाटिल ने 19 मई को आदेश जारी कर तीन महीने के लिए गोंदिया, भंडारा एवं बालाघाट जिले से तडीपार कर दिया है. Notorious crook was trafficked from three districts रामनगर थाना अंतर्गत ग्राम कुड़वा के वार्ड क्रमांक-3 निवासी कुख्यात अपराधी संदेश मधुकर खोब्रागड़े के खिलाफ हत्या, हत्या के…
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rajkumaraggarwal-blog1 · 2 years ago
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हरियाणा पुलिस के निशाने पर रहे कुख्यात अपराधी
हरियाणा पुलिस के निशाने पर रहे कुख्यात अपराधी
प्रशांत कुमार अग्रवाल हरियाणा पुलिस के निशाने पर रहे कुख्यात अपराधी 334 मोस्ट वांटेड सहित 11000 से अधिक पीओ और बेल जंपर्स को किया गिरफ्तार-पुलिस महानिदेशक अटल हिन्द /मोहित कोछड़ चंडीगढ़ – हरियाणा पुलिस ने गत वर्ष कुख्यात अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 334 मोस्ट वांटेड व इनामी अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके अंजाम तक पहुंचाया। इसके अतिरिक्त, 11,463 उद्घोषित अपराधियों और बेल जंपर्स को भी काबू…
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nikhil27110 · 1 year ago
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Untold fact
नीली जीन्स- उत्तरी कोरिया (North Korea) अपनी तानाशाही सत्ता के लिए तो कुख्यात है. यहां कई ऐसे नियम हैं जो बेहद अजीबोगरीब हैं. ऐसा ही एक नियम, या यूं कहें कि एक प्रतिबंध चर्चा में रहता है. उत्तर कोरिया में नीली जीन्स (Blue Jeans ban North Korea) पहनने पर बैन लगा है. नीली जीन्स को अमेरिकी धनदौलत और कल्चर से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए इसपर ��्रतिबंध लगा है. कुत्तों के मालिक- इटली के रोम (Rome, Italy) में अगर आप कुत्तों का ध्यान नहीं रख सकते, तो आपको उनके मालिक बनने का हक नहीं है. खराब डॉग ओनर होने पर यहां प्रतिबंध लगा हुआ है. कुत्तों को रोज बाहर टहलाना, उनकी अच्छे से देखभाल करना यहां का कानून है. ऐसा ना करने पर लोगों के ऊपर 57 हजार रुपये तक का फाइन लगा दिया जाता है. (
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easyhindiblogs · 2 years ago
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Shaheed Diwas 2023: 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए
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Shaheed Diwas : 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश सरकार ने लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दी थी
हर साल 23 मार्च को भारत शहादत दिवस मनाया जाता है।  भारत के तीन वीर सपूतों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे । ये तीनों ही युवाओं के लिए आदर्श और प्रेरणा है।  भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु भारत की आजादी के लिए अपनी जान देने वाले क्रांतिकारि��ों में से एक थे। 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु नाम के तीन युवकों को ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी थी। वह 23 वर्ष के थे। इसलिए ,शहीदों को श्रद्धांजलि के रूप में, भारत सरकार ने 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में घोषित किया। लेकिन क्या आपको पता है कि इन तीनों शहीदों की मौत भी अंग्रेजी हुकूमत की एक साजिश थी? भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव सभी को 24 मार्च को फाँसी देनी तय  हुई थी, लेकिन अंग्रेजों ने एक दिन पहले 23 मार्च को भारत के तीनों वीर पुत्रो  को फांसी पर लटका दिया। आखिर इसकी वजह क्या थी? आखिर भगत सिंह और उनके साथियों ने ऐसा क्या अपराध किया था कि उन्हें फांसी की सजा दी गई। भगत सिंह की पुण्यतिथि पर जानिए उनके जीवन के बारे में कई दिलचस्प बातें।
देश की आजादी के लिए सेंट्रल असेंबली में बम फेंका गया।
8 अप्रैल, 1929 को दो क्रांतिकारियों, भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम फेंका और ‘साइमन गो बैक’ नारे में भी संदर्भित किया गया था। जहां कुख्यात आयोग के प्रमुख सर जॉन साइमन मौजूद थे। साइमन कमीशन को भारत  में व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा था। बम फेंकने के बाद दोनों ने भागने की कोशिश नहीं की और सभा में पर्चे फेंक कर आजादी के नारे लगाते रहे और अपनी गिरफ्तारी दी। जो पर्चे गिराए उनमें पहला शब्द “नोटिस” था। उसके बाद उनमें पहला वाक्य फ्रेंच शहीद अगस्त वैलां का था। लेकिन दोनों क्रांतिकारियों द्वारा दिया गया प्रमुख नारा ‘’इंकलाब जिंदाबाद’’ था । इस दौरान उन्हें करीब दो साल की सजा हुई।
करीब दो साल की मिली कैद
भगत सिंह करीब दो साल तक जेल में रहे। उन्होंने बहुत सारे क्रांतिकारी लेख लिखे, जिनमें से कुछ ब्रिटिश लोगों के बारे में थे, और अन्य पूंजीपतियों के बारे में थे। जिन्हें वह अपना और देश का दुश्मन मानते थे।  उन्होंने कहा कि श्रमिकों का शोषण करने वाला कोई भी व्यक्ति उनका दुश्मन है, चाहे वह व्यक्ति भारतीय ही क्यों न हो।
जेल में भी जारी रखा विरोध
भगत सिंह बहुत बुद्धिमान थे और कई भाषाएँ जानते थे। वह हिंदी, पंजाबी, उर्दू, बांग्ला और अंग्रेजी आती जानते थे । उन्होंने बटुकेश्वर दत्त से बंगाली भी सीखी थी। भगत सिंह अक्सर अपने लेखों में भारतीय समाज में लिपि, जाति और धर्म के कारण आई लोगों के बीच की दूरी के बारे में चिंता और दुख व्यक्त करते थे।
राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव की फांसी की तारीख तय की गई
दो साल तक कैद में रहने के बाद, राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च, 1931 को फाँसी दी जानी थी। हालाँकि, उनकी फाँसी की ख़बर से देश में बहुत हंगामा हुआ और ब्रिटिश सरकार प्रतिक्रिया से डर गई। वह तीनों सपूतों की फांसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। भारतीयों का आक्रोश और विरोध देख अंग्रेज सरकार डर गई थी।
डर गई अंग्रेज सरकार
ब्रिटिश सरकार को इस बात की चिंता थी कि भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु की फाँसी के दिन भारतीयों का गुस्सा उबलने की स्थिति में पहुँच जाएगा, और स्थिति और भी बदतर हो सकती है। इसलिए, उन्होंने उसकी फांसी की तारीख और समय को बदलने का फैसला किया।
तय समय से पहले दी भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को फांसी
ब्रिटिश सरकार ने जनता के विरोध को देखते हुए 24 मार्च जो फांसी का दिन था उसे 11  घंटे पहले 23 मार्च का दिन कर दिया। इसका पता भगत सिंह को नहीं था। 22 मार्च की रात सभी कैदी मैदान में बैठे थे। तभी वार्डन चरत सिंह आए और बंदियों को अपनी-अपनी कोठरियों में जाने को कहा।  कुछ ही समय बाद नाई बरकत की बात कैदियों के कानों में पड़ी  कि उस रात भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी जाने वाली है।
23 मार्च 1931 को शाम 7.30 बजे फांसी दे दी जा��गी । कहते है कि जब भगत सिंह  से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वह लेनिन (Reminiscences of Leni) की जीवनी पढ़ रहे थे और उन्हें वह पूरी करने का समय दिया जाए। लेकिन जेल के अधिकारियों ने चलने को कहा तो उन्होंने किताब को हवा में उछाला और कहा – ’’ठीक है अब चलो।’’
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 7 बजकर 33 मिनट पर 23 मार्च 1931 को शाम में  लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई। शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव एक दूसरे से मिले और उन्होंने एक-दूसरे का हाथ थामे आजादी का गीत गाया।
”मेरा रँग दे बसन्ती चोला, मेरा रँग दे। मेरा रँग दे बसन्ती चोला। माय रँग इे बसन्ती चोला।।’’
साथ ही ’इंक़लाब ज़िन्दाबाद’ और ’हिंदुस्तान आजाद हो’ का नारा लगये ।
उनके नारे सुनते ही जेल के कैदी भी इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। कहा जाता है कि फांसी का फंदा पुराना था लेकिन जिसे फांसी दी गई वह काफी तंदुरुस्त था। मसीद जलाद को फाँसी के लिए लाहौर के पास शाहदरा से बुलाया गया था।  भगतसिंह बीच में खङे थे और अगल-बगल में राजगुरु और सुखदेव खङे थे। जब मसीद जल्लाद ने पूछा कि, ’सबसे पहले कौन जाएगा?’
तब सुखदेव ने सबसे पहले फांसी पर लटकाने की सहमति दी। मसीद जल्लाद ने सावधानी से एक-एक करके रस्सियों को खींचा और उनके पैरों के नीचे लगे तख्तों को पैर मारकर हटा दिया। लगभग 1 घंटे तक उनके शव तख्तों से लटकते रहे, उसके बाद उन्हें नीचे उतारा गया और लेफ्टिनेंट कर्नल जेजे नेल्सन और लेफ्टिनेंट एनएस सोढ़ी द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
तीन क्रांतिकारियों, भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का अंतिम संस्कार
ब्रिटिश सरकार की योजना थी इन सबका अंतिम दाह संस्कार जेल में करने की योजना बनाई थी। हालांकि, अधिकारियों को चिंता हुई कि अगर जेल से दाह संस्कार की प्रक्रिया से निकलने वाले धुएं को देखा तो जनता नाराज हो जाएगी। इसलिए, उन्होंने जेल की दीवार को तोड़ने और कैदियों के शवों को जेल के बाहर ट्रकों पर फेंकने का फैसला किया।
इससे पहले ब्रिटिश सरकार ने तय किया था कि भगत सिंह राजगुरु सुखदेव का अंतिम संस्कार रावी नदी के तट पर किया जाएगा, लेकिन उस समय रावी में पानी नहीं था। इसलिए उनके शव को फिरोजपुर के पास सतलुज नदी के किनारे लाया गया। उनके शवों को आग लगाई गई। इसके बारे में जब आस-पास के गाँव के लोगों को पता चल गया, तब ब्रिटिश सैनिक शवों को वहीं छोङकर भाग गये। कहा जाता है कि सारी रात गाँव के लोगों ने उन शवों के चारों ओर पहरा दिया था।
अगले दिन जब तीनों क्रांतिकारियों की मौत की खबर फैली तो उनके सम्मान में तीन मील लंबा जुलूस निकाला था। इसको लेक�� लोगों ने ब्रिटिश सरकार का विरोध किया ।
फांसी से पहले भगत सिंह ने अपने साथियों को एक पत्र लिखा था।
साथियों,
स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए। मैं इसे छिपाना नहीं चाहता, लेकिन एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ कि मैं कैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता।
मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है- इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं हर्गिज नहीं हो सकता। आज मेरी कमजोरियाँ जनता के सामने नहीं हैं। अगर मैं फाँसी से बच गया तो वे जाहिर हो जाएँगी और क्रांति का प्रतीक चिन्ह मद्धिम पड़ जाएगा या संभवतः मिट ही जाए।
लेकिन दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते मेरे फाँसी चढ़ने की सूरत में हिन्दुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगतसिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी।
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indlivebulletin · 1 hour ago
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जबलपुर: कुख्यात बदमाशों ने घर में घुसकर की वृद्ध की हत्या, पत्नी पर भी किया जानलेवा हमला
जबलपुर के हनुमानताल थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े वृद्ध की हत्या का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पुरानी रंजिश के चलते क्षेत्र के कुख्यात बदमाशों ने वृद्ध के घर में घुसकर उसे पीटा और बाद में चाकू से गोदकर उसे मौत के घाट उतार दिया, वहीं वृद्ध को बचाने आई उसकी पत्नी पर भी बदमाशों ने चाकू से जानलेवा हमला किया.देखें वीडियो
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shivamsrv · 21 hours ago
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शव को अस्पताल के गेट पर रखा, मानपुर बीएमओ को हटाने की मांग
महिला की मौत के बाद परिजनो ने मचाया बवाल शव को अस्पताल के गेट पर रखा, मानपुर बीएमओ को हटाने की मांग बांधवभूमि न्यूज मध्यप्रदेश उमरिया अव्यवस्था और डाक्टरों की मनमानी के लिये कुख्यात सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर मे मंगलवार को एक महिला की मौत के बाद जम कर बवाल हुआ। बताया जाता है कि जनपद के कछौहां गांव की हेमा पति इंद्रपाल पटेल को बुखार के उपचार हेतु गत दिवस अस्पताल मे भर्ती कराया गया था। शाम…
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rightnewshindi · 5 days ago
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शाही महात्मा गिरोह के 16 नशा तस्कर गिरफ्तार, सभी रोहड़ू उपमंडल के है निवासी; जानें क्या बोले ���सपी शिमला
Shimla News: हिमाचल प्रदेश में, कुख्यात शाही महात्मा गिरोह से जुड़े मादक पदार्थों के 16 तस्करों को कई स्थानों से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में यशवंत सिंह, प्रदीप चौहान, ललित ठाकुर, अमन नेगी, बृज मोहन, रवेश, विजेंद्र रावत, प्रशांत राठौर, साहिल ठाकुर, हितेश ठाकुर, हर्ष धांता, सार्थक सूद, कुणाल शदरू, जतिन ठाकुर और श्रेयस मेहता…
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cgnews24 · 16 days ago
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बड़ी खबर : कुख्यात बदमाश ने पुलिस वालों पर तान दी पिस्टल, कई पुलिस वालों को आई चोटे, मर्डर का आरोपी गिरफ्तार छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधियों के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया है। बीते दिनों भिलाई में आदतन बदमाश की इनकाउंटर किए जाने के बाद रविवार की रात रायपुर पुलिस ने कुख्यात बदमाश को ��िरफ्तार किया। बदमाश ने पुलिस पर ही कट्टा तान दिया था। पुलिस ने बड़ी सावधानी से बहादुरी दिखाते हुए आरोपी को पकड़ा।
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nidarchhattisgarh · 18 days ago
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भिलाई पुलिस एनकाउंटर: कुख्यात बदमाश अमित जोश मुठभेड़ में मारा गया
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realtimesmedia · 19 days ago
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भिलाई में कुख्यात बदमाश अमित जोश का एनकाउंटर, युवकों पर फायरिंग के बाद से था फरार
भिलाई. भिलाई नगर थाना क्षेत्र के एक कुख्यात अपराधी, अमित जोश, का पुलिस द्वारा एनकाउंटर में खात्मा कर दिया गया। टाउनशिप के जयंती स्टेडियम के समीप पुलिस और अमित जोश के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें उसे गोली लगने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि अमित ने तीन महीने पहले टाउनशिप में दो युवकों पर गोलियां चलाई थीं, जिसके बाद से वह फरार चल रहा था। जयंती स्टेडियम के पास हुआ एनकाउंटर अमित जोश शुक्रवार की शाम को…
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todaypostlive · 2 years ago
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झारखंड एटीएस ने कुख्यात लवकुश शर्मा को बिहार से पकड़ा
झारखंड एटीएस ने कुख्यात लवकुश शर्मा को बिहार से पकड़ा
रांची। झारखंड आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने रांची के कुख्यात अपराधी लव कुश शर्मा को बिहार से गिरफ्तार किया है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस की टीम ने बिहार के अरवल जिला से लवकुश शर्मा को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार करने के बाद एटीएस की टीम उसे रांची लेकर आ रही है। एक वरीय अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। उल्लेखनीय है कि शिबू सोरेन के आवास के सामने बीते 27 जनवरी को…
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abtnews24 · 24 days ago
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गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू मामला: जेल में 'स्टूडियो जैसी' सुविधा क्यों?,उच्च अधिकारियों की मिलीभगत, हाई कोर्ट की सख्त नार��जगी फिर से जांच के आदेश दिए हैं।
एक हालिया विवादास्पद मामला सामने आया है, जहां एक टीवी चैनल ने जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लिया। इसे लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस और राज्य सरकार पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे अपराध को बढ़ावा देने वाला बताया और इसकी नई जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट का सख्त रुख: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को स्टूडियो जैसी सुविधा क्यों दी…
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latestnewsandjokes · 1 month ago
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लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से धमकी के बाद बिहार सांसद पप्पू यादव ने की 'जेड' श्रेणी सुरक्षा की मांग | पटना समाचार
PATNA: बॉलीवुड एक्टर के बाद सलमान ख़ानपूर्णिया से सांसद बिहार, पप्पू याद�� एक प्राप्त किया जान से मारने की धमकी कथित तौर पर से लॉरेंस गिरोह. अज्ञात कॉल करने वाले ने दावा किया कि वह काम करता है लॉरेंस बिश्नोईएक कुख्यात गैंगस्टर वर्तमान में साबरमती जेल में बंद है।पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फोन करने वाले ने यादव को सलमान खान मामले से दूर रहने की चेतावनी दी और जान से मारने की धमकी दी. फोन करने वाले ने…
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sharpbharat · 1 month ago
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adityapur police action-पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ चलाया अभियान, सापड़ा में अवैध शराब भटि्ठयों को तोड़ा,छह ड्रम जावा महुआ किया नष्ट, शराब माफिया फरार
आदित्यपुर: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एसपी के निर्देश पर मादक पदार्थों के खिलाफ शुक्रवार को पुलिस ने कुख्यात शराब माफिया शिवा मंडल के सापड़ा स्थित ठिकाने पर दबिश दी. जहां पुलिस ने अवैध रूप से संचालित शराब की भट्ठियों को तोड़ते हुए छह ड्रम में रखे करीब 1400 लीटर महुआ जावा को नष्ट किया गया. वहीं शिवा मंडल और उसके गुर्गे भागने में सफल रहे. इस अभियान में पुअनि. रंजीत कुमार, एएसआई राहुल कुमार सिंह,…
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nationalistbharat · 1 month ago
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गोपालगंज: कुख्यात अपराधी विशाल सिंह को कोर्ट परिसर में मारी गई गोली, एक अन्य कैदी घायल
गोपालगंज:गोपालगंज में पेशी के लिए आए कुख्यात अपराधी विशाल सिंह को कोर्ट परिसर में अपराधियों ने गोली मार दी। इस गोलीबारी में एक अन्य कैदी भी घायल हो गया है। विशाल सिंह की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल कैदी की स्थिति अब खतरे से बाहर है।घटना के वक्त विशाल सिंह किसी मुकदमे की पेशी के लिए गोपालगंज कोर्ट में आया हुआ था। जैसे ही गोलीबारी की खबर फैली, कोर्ट…
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